monsterking
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Fantastic and fabulous up


Update( chapter 9 )
अभय दिशा के कमरे के दरवाजे पे खरा होकर दिशा को आवाज देता है
अभय - भाभी दरवाजा खोलिये मुझे आपसे कुछ बात करनी है
दिशा बिस्तर पे लेती हुई थी अभय की आवाज सुन दिशा सर पे घुघट दाल दरवाजा खोल अभय को देखते हुवे
दिशा - अरे देवर आइये ना अंदर आराम से बैठ कर बाते करते है
अभय दिशा को देख - मेने आप को परेसान तो नही किया ना भाभी
दिशा - कैसी बाते करते है देवर जी दुबारा ऐसा मत बोलियेगा आइये अंदर
( नोट गरीबी के कारन घर मे सभी नीचे ही सोते है सिर्फ एक खाट है जो आगन मे रेहता है किसी के बैठने के लिये )
दिशा बिस्तर पे जाके बैठ जाती है अभय भी दिशा के पास बैठ जाता ही
अभय दिशा को देखता है तो घुघट की वजह से दिशा का चेहरा दिख नही रहा था
अभय दिशा से - भाभी पेहले आप मेरी तरफ होके बैठिये फिर बाते करेगे
दिशा अभय को देख हस्ते हुवे - ठीक है जैसा आप कहे
दिशा अभय की तरफ घूम कर बैठ जाती है अभय भी दिशा की तरफ घूम बैठ जाता है अब दोनों आमने सामने थे चेहरा भी आमने सामने था दोनों एक दूसरे को देख रहे थे
दिशा अभय को देख मुस्कुराते हुवे - अब ठीक है देवर जी
अभय - जी भाभी अब ठीक है
दिशा - तो बताइये किया बात करनी थी मुझसे
अभय - आपसे मुझे एक सिकायत है भाभी
दिशा अभय की बात सुन हैरान परेसान होते हुवे
दिशा - देवर जी मुझसे कोई गलती हुई है किया
अभय - नही आपने कोई गलती नही की बस मुझे आपसे एक विनती करनी है
दिशा अभय को कंफ्यूज नजर से देख - वो किया है देवर जी
अभय दिशा को देख - भाभी आप बहोत अच्छी है खूबसूरत है उसी के साथ बहोत संस्कारी भी हमारे इस जनरेशन ने लरकिया बॉडी दिखाती फिरती है बाहर छोटे कमरे पेहन कर लेकिन आप घर मे रेह कर भी हमेसा घुघट दाल कर रेहती है ( अभय भोला सा चेहरा बना के बच्चो की तरह ) लेकिन मुझे आप का खूबसूरत चाँद सा चेहरा देखने को नही मिलता
अभय की बात सुन दिशा पूरी तरफ से हैरान हो जाती है उसी के साथ अभय के बात सुन भोला चेहरा देख दिशा को हसी आ जाती है दिशा मुह पे हाथ रख अभय को हसने लगती है
अभय दिशा को देख मुह बनाते हुवे - आप हस कियु रही है मेने तो अपनी दिल कि बात कही है
दिशा अपने आप को सांत करते हुवे अभय को देख
दिशा - अच्छा ये शिकायत थी आप को मुझसे
अभय - मुह फुलाते हुवे हा
दिशा को फिर हसी आ जाती है अभय का फुला चेहरा देख
दिशा हस्ते हुवे - अच्छा तो मे समझ ये बताइये मेरे प्यारे देवर जी मुझसे किया चाहते है
अभय दिशा की आखो मे देख - मे चाहता हुई आप घुघट मे रहे नही मेरे सामने आप घुघट मे नही रहेगी कियुंकी मुझे आपका चाँद सा चेहरा देखने के लिये नही मिलता
अभय की मसुमियत् भोलि बाते भोलि सूरत देख दिशा को अभय पे प्यार आने लगता है दिशा अभय को देख
दिशा - मेरे अक्लोटे प्यारे देवर जी पेहली बार मुझसे कुछ मांगा है तो मे कैसे मना कर सकती हु ठीक है आपके सामने मे बिना घुघट के रहूगी
दिशा ये केह अपना घुघट हटा देती है और अभय के सामने दिशा कि खूबसूरत चाँद सा चेहरा आ जाता है अभय फिर दिशा कि खूबसूरत चेहरे मे खो जाता है दिशा अभय को ऐसे अपने को देखता देख शर्मा जाती है
दिशा - काहा खो गये देवर जी
अभय होस मे आते हुवे हरबारा के दिशा को देख
अभय - किया बोलू भाभी आप है हि इतनी खूबसूरत कि मे देख खो जाता हु
दिशा सर्म से नजरे नीचे कर - आप भी ना देवर जी
अभय अपना हाथ आगे बढ़ा के दिशा के चेहरे को उपर करते हुवे दिशा के चेहरे के पास अपना चेहरा ले जाके दिशा की आखो मे देख
अभय - मे किस्मत वाला हु आप जैसी भाभी पाके
दिशा अभय के गाल को सेहलाते हुवे - मे भी आप जैसे देवर को पाके बहोत खुश हु
अभय फिर दिशा को छोर पीछे बैठ जाता है दिशा का दिल अभय के पास आने से रुक सा गया था
अभय दिशा को देख - भाभी आप अपनी आखे बंद कीजिये
दिशा हैरानी से - कियु देवर जी
अभय भोला चेहरा बना के - प्लेस भाभी
दिशा अभय के भोले चेहरे को देख हस्ते हुवे - आप के इस भोले चेहरे मे किया कोई भी बच नही सकता है
दिशा आखे बंद करते हुवे - लो कर ली आखे बंद
अभय दिशा के पास जाके लॉकेट निकाल दिशा के गले मे पेहना देता है दिशा को एहसास हो जाता है अभय ने उसके गले मे कुछ तो पेहनाया है
अभय - अब आखे खोल कर देखिये भाभी
दिशा अपनी आखे खोल गले मे देखती है तो एक खूबसूरत लॉकेट दिखाई देता है दिशा लॉकेट को पकर अभय की तरफ देखती है
अभय दिशा के दोनों हाथ पकर के दिशा को देख
अभय - आपके देवर की तरफ से मूहदेखाई गिफ्ट है मुझे पता है भाई के जाने के बाद आपके जिंदगी से रंग भी गायेब हो गये है लेकिन मे चाहता हुई की मेरी प्यारी भाभी अपनी लाइफ मे थोरे रंग भरे दुनिया किया कहेगी सोचेगी मुझे परवाह नही लेकिन भाभी आप नोर्मल सज़ धज कर रहे क्या आप अपने देवर के लिये इतना करेगी
अभय की बाते सुन दिशा अपना मुह बंद कर रोने लगती है अभय ये देख दिशा को गले से लगा देता है दिशा अभय के गले लग रोने लगती है अभय दिशा के सर को सेहलाने लगता है
दिशा रोते हुवे - एक बीवी अपने पति के लिये सजती सवरति है आपके भाई के जाते ही मेरे जिंदगी से रंग चला गया लेकिन आप ने कहा है तो मे जरूर अपनी जिंदगी मे थोरा रंग लाऊँगी
अभय दिशा के आसु साफ करते हुवे - थैंक्स भाभी आप बहोत अच्छी है
दिशा अभय को प्यार से देख - आप भी बहोत अच्छे है देवर जी
अभय - मुस्कुराते हुवे तो ये बताइये मेरा गिफ्ट कैसा लगा
दिशा लॉकेट को हाथो मे लेके देखते हुवे - बहोत हि खूबसूरत और मेरे देवर जि जैसा प्यारा है
अभय अपना गाल आगे करते - हुवे मेरा गिफ्ट
दिशा अभय को ऐसा करता देख सर्म से लाल हो जाती है
दिशा सर्माते हुवे अभय के गालो पे अपने गुलाबी नरम होठो से किस कर सर्म से नजरे नीचे कर लेती है
अभय हस्ते हुवे - बहोत मिठा लगा आपका किस
दिशा सर्म से अभय से अभय के सीने पे प्यार से मारते हुवे - आप भी ना देवर जी
अभय खरा होते हुवे दिशा को देख - भाभी आप ऐसे ही हस्ते रहिये मुझे अच्छा लगेगा अब मे जाता हु
दिशा - ठीक है देवर जी
अभय फिर कमरे से निकल अदिति के कमरे कि तरफ जाता है
वही दिशा बिस्तर पे लेट अभय का दिया लॉकेट को देखे जा रही थी
अभय अदिति की कमरे के पास आके दरवाजे पे खरा होकर
गुरिया तुम सो गई किया अदिति बिस्तर पे लेती हुई थी लेकिन गई हुई थी अभय की आवाज सुन अदिति जल्दी से दरवाजा खोलती है और बिना देरी किये अभय को देख भईया करते हुवे कूद परती है
अभय जल्दी से अदिति के बाहर बरे निकले हुवे गांड के नीचे से दोनों हाथो से अदिति को पकर उपर उठा लेता है अब अदिति अभय की बाहो मे थी अदिति अभय को देख - भाई मुझे लगा आप अपनी गुरिया को गुड नाईट बोलने नही आओगे
अभय प्यार से अदिति को देख मेरी एक हि तो प्यारी गुरिया है तो भला मे कैसे अपनी गुरिया को गुड नाईट बोलने नही आता
अभय अदिति को नीचे उतार दोनों अंदर जाते है अभय बिस्तर पे लेत जाता है तो अदिति अभय के उपर आके अभय के सीने पे सर रख लेत जाती है अभय भी प्यार से अदिति को बाहो मे भर सर को सेहलाने लगता है
अदिति - भाई इस पल के लिये 4 साल से बहोत तरपि हु मुझे आप बहोत याद आते थे और वो पल भी जब मे आपके सीने पे सर रख सोती थी और आप प्यार से मुझे बाहो मे लेके मेरा सर सेहलाते थे लेकिन आज वो पल वापस आ गया कियुंकी मेरा भाई मेरे पास है
अभय अदिति के गालो पे किस करते हुवे अदिति को देख
अभय - गुरिया मेने भी हर एक पल जो मेने तुम्हारे साथ बिताये थे मुझे बहोत याद आती थी मा भाई सब की पर भाई से मिल नही पाया उपर वाले ने मुझे उनसे मिलने नही दिया ( अभय इमोसनल हो जाता है)
अदिति मुझे भी बरे भाई की बहोत याद आती है
अभय बात को बदलते हुवे माहौल को हल्का करने के लिये
अभय - वैसे गुरिया कल हम शोपिंग पे चलेंगे तुम्हे जो चाहिये ले लेना कियुंकी मे नही चाहता मेरी गुरिया पुराने कपड़े मे रहे
शॉपिंग की बात सुन अदिति जोर से खुशी से चिलाते हुवे - सच्ची भाई हम शोपिंग करने जायेंगे पेहली बार मे शोपिंग पे जाउंगी बहोत मजा आयेगा
अदिति की चिल्लाने की आवाज आसा दिशा के कान मे जाती है
दिशा मन मे - दोनों भाई भी ना लेकिन मे बहोत खुश हु देवर जी के आने से और ननद जी को खुश देख नही तो बेचारी छुप छुप कर बहोत रोती थी
आसा मन मे - फिर सुरु हो गई दोनों की मस्तिया ( आसा अपना हाथ जोर आखे बंद कर उपर वाले से दुवा करते हुवे ) मेने ये पल दोनों भाई बेहन की मस्तिया बहोत मिस की है अपने दोनों बच्चो को फिर से साथ मे खुश देख मे बहोत खुश हु उपर वाले हमपे कृपा बनाये रखना बस कमी खल रही है मेरे बरे लाल की काश वो भी जिंदा होता
वही अभय अदिति को देख - अरे इतना मत चिला मा गुस्सा करेगी
अदिति मुह बनाते हुवे - मे तो करुगी कियुंकी मे बहोत खुश जो हु
अभय हस्ते हुवे - तुम बरी हो गई लेकिन अभी भी बच्ची ही हो
अदिति अभय को देख - भाई मे आपके लिये बच्ची हि बन कर रेहना चाहती हु
अभय अदिति को देख प्यार से - तुम मेरे लिये मेरी प्यारी नटखट गुरिया ही रहोगी वैसे इन चार सालों मे बहोत खूबसूरत हो गई है मेरी गुरिया
अपने भाई की बात सुन अदिति को सर्म आने लगती है अदिति सर्माते हुवे अभय को देख - आपको ऐसा लगता है भाई
अभय अदिति को देख मुस्कुराते हुवे - बिल्कुल मेरी गुरिया तो चाँद की तरह खूबसूरत हो गई है
अदिति सर्म से अपने दोनों हाथो से अपना चेहरा छुपाते हुवे भाई आप भी ना मुझे सर्म आ रही है
अभय हस्ते हुवे - अच्छा अब मेरी गुरिया को सर्म भी आने लगी है
अदिति अभय को प्यार से देख - आई लोव यू भाई आप मेरी जान है
अभय - आई लोव यू 2 गुरिया तुम भी मेरी जान हो
अभय अदिति को देख मुस्कुराते हुवे - चलो अब तुम सो जाओ मा मेरा इंतज़ार कर रही होगी
अभय बिस्तर से उठ जाता है
अदिति अभय को देख भोला चेहरा बना के - भाई मेरा गुड नाईट किस कोन देगा आप भूल तो नही गये
अभय अदिति के गाल पे अपना होठ सता के हटाते हुवे
अभय - मे कैसे भूल सकता हु गुड नाईट मेरी प्यारी गुरिया
अदिति अभय को देख - गुड नाईट भाई
अभय फिर अपनी मा के के पास जाने लगता है
अदिति अपना तकिया बाहो मे लेके - कल भाई के साथ शोपिंग पे पेहली बार जाउंगी मजा आयेगा अब तो रहा नही जाता
अभय अपनी मा के कमरे मे जाता है तो देखता है आसा पेट के बल बिस्तर पे लेती हुई है कसम से सीन बहोत कामुक् था आसा के बरे बाहर निकले गांड पाहार् की तरह खरे है गांड के उभार साफ नजर आ रहे थे उसी के साथ आसा के दूध जैसी बरे मोटे जांघे भी दिख रहे थे
आसा लेती हुई थी लेकिन अभय के अंदर आने का एहसास आसा को हो जाता है तो आसा पलट कर अभय को मुस्कुराते हुवे देख
आसा - मेरा लाल आ गया भाभी अपनी गुरिया से मिल के
आसा के पलटने से नाइटी और उपर हो जाती है और आसा मे मोटे दूध जैसे जांघे और दिखने लगते है आसा कयामत दिख रही थी
लेकिन अभय ने कई बार आसा को इस रूप के हालत मे देखा था अभय के किडनैप होने से पेहले अभय कभी कभी आसा के साथ सो जाता था बोले तो हस्ते मे 2 या 3 बार तो जरूर मा के साथ सोता था इस लिये अभय के लिये सब नॉर्मल था अभय के अंदर मा को लेकर कोई गन्दी फीलिंग नही आती
अभय आसा को देख मुस्कुराते हुवे - हा मा आ गया
आसा - अपनी बाहे फैलाते हुवे - आजा मेरे लाल 4 साल से मेरी बाहे तेरे लिये तरस रही थी
अभय आसा के पास जाके लेत जाता है आसा अभय को बाहो मे घर लेती है अभय को 4 साल बाद अपनी मा के बाहो मे आकर बहोत हि सुकून मिलता है आसा अभय के सर कोई प्यार से सेहलाते हुवे
आसा - 4 साल से तुझे बाहो मे भरने के लिये तरसी हु मेरे लाल रात को जब सोती थी तो कभी कभी ऐसा लगता था तुम मेरे बाहो मे सोये हुवे हो लेकिन जब आखे खोल देखती थी तुम नही होते थे तो ( आसा की आखो से आसु निकल आते है)
अभय आसा के आसु साफ करते हुवे - मा मेरा भी सेम हाल था मे भी आपकी बाहो मे आपके साथ सोने के लिये बहोत तरसा हु लेकिन अब आपके बाहो मे सुकून मिल रहा है मुझे
आसा अभय को देख - मुझे भी मेरे लाल
अभय आसा को देख प्यार से - मा एक किस्सी दो ना होंठो पे
( नोट अभय के किडनैप होने से पेहले आसा अभय को प्यार से होंठो पे किस करते आई है इस लिये अभय ने आसा को किस देने को कहा)
आसा अभय को देख हस्ते हुवे - अब तु बच्चा नही रहा बरा हो गया है अब होंठो पे किस्सी नही मिलेगी
अभय अपनी मा की बात सुन मुह फुला के दूसरी तरफ करवट बदल लेटते हुवे - मे बरा हो गया हु तो मा अब मुझे किस्सी नही देगी अब मा मुझे पेहले जैसा प्यार नही करती है
अभय का नाटक देख आसा जोर जोर से हसने लगती है
आसा हस्ते हुवे - मेरे लाल अपना ये नाटक बंद कर
आसा अभय को पकर अपनी तरफ कर अभय के आखो मे देख प्यार से अभय के होंठो पे अपने रसीले होंठो को सता के हटा लेती है
आसा - अब खुश कितना नाटक करता है किस्सी के लिये मेरा लाल
अभय आसा के सीने मे समाते हुवे - आपकी किस्सी को भी बहोत मिस करता था मा
आसा अभय के गाल पे प्यार से हाथ फेरते हुवे - मे भी मिस करती थी लेकिन अब तु आ गया दिल को सुकून मिल गया मेरे लाल
दोनों मा बेटे बाते करने के बाद एक दुसरे की बाहो मे समा के सो जाते है
( सुबह हो जाती है )
ये सुबह 4 साल के दर्द भरी सुबह नही बल्कि सभी के लिये 4 साल बाद खुसियो वाली सुकून वाली सुबह थी
अभय के जाने के बाद फिर विनय के जाने के बाद आसा अदिति दिशा कोई चैन से सो नही पाया था लेकिन आज की रात सभी सुकून से सो पाये थे
दिशा सबसे पेहले उठती है और अपने काम पे लग जाती है
आसा की भी नींद खुलती है आसा जब अपनी आखे खोलती है तो उसके आखो के सामने अभय का प्यारा चेहरा था जिसे देख आसा के चेहरे पे इस्माइल आ जाती है आसा अभय के होंठो पे किस करने के बाद उठ कर अपने काम मे लग जाती है
अभय सोता रेहता है अदिति भी सोई हुई थी
आसा नहाने के बाद रेडी होने के बाद रेडी होने के बाद अभय के पास जाके अभय के कानों मे अपनी मीठी आवाज में - उठ जा मेरे लाल
अभय अपनी मा की मीठी आवाज सुन आखे खोल देखता है तो अभय को अपनी मा का प्यारा खूबसूरत चेहरा दिखाई देता है
अभय अपनी मा को देख जल्दी से गले लगा के रोते हुवे - मा ये सपना तो नही है ना आप ही है ना
आसा अभय बाहो मे लेके प्यार से - नही बेटा मे ही हु तुम्हारी मा ये सपना नही है
( अभय 4 साल इसी पल के लिये बहोत तरसा था आसा ही सुबह रोज अभय को प्यार से उठाती थी तभी अभय उठता था अभय को ये सपना लग रहा था)
अभय अपनी मा को देख - मुझे लगा सपना है
आसा अपने बेटे के दर्द को अच्छे से समझ सकती थी कियुंकी उसे भी आसा सब उठी तो सपना लग रहा था
आसा अभय के चेहरे को पकर अभय के आसु साफ करते हुवे - मेरे लाल ये सपना नही सच है
अभय चारो तरफ देख हा
आसा - जा अब रेडी हो जा
अभय - ठीक है मा
अभय कमरे से बाहर निकल आता है
आसा अभय को जाते देख मन मे - मेरे लाल तुम्हारे दर्द को मे समझ सकती हु हमारा भी वही हाल था
अभय सीधा अदिति के कमरे मे जाता है दरवाजा खुला था अभय अंदर जाता है तो देखता है अदिति नाईट गाउन पेहले आराम से सो रही थी अदिति के गाउन भी उपर उठे हुवे था
अदिति के खूबसूरत दूध जैसे जांघे साफ दिख रही थी अदिति कमाल की कयामत लग रही था हो भी कियु ना हो आसा ने जो निकाला है खूबसूरती बॉडी सब कुछ आसा से ही तो अदिति को मिला है
अभय अदिति के खूबसूरत चेहरे को देखते हुवे मन मे - मेरी गुरिया कितने आराम से सो रही है कितनी खूबसूरत लग रही है सोते हुवे
अभय जाके अदिति के पास बैठ गालो पे किस करते हुवे
अभय - उठ जा मेरी प्यारी गुरिया सुबह हो गई है
अपने भाई की आवाज सुन अदिति मुस्कुराते हुवे आखे खोल अभय को देखती है
अभय मुस्कुराते हुवे - जान बुझ कर सोने का नाटक कर रही थी
अदिति अभय को देख - भाई आपको पता है ना आप हि मुझे रोज सुबह जगाते थे तभी मे उठती थी जैसे मा आपको जगाती है तब आप उठते है
( हा आसा के जगाने पे हि अभय उठता था और अभय के जागने पे अदिति यही होता आ रहा था जब तक अभय का किडनैप नही हुवा लेकिन अभय के आने के बाद ये सिलसिला फिर सुरु हो चुका हो )
अभय - हस्ते हुवे चल उठ जा मुझे भी रेडी होने जाना है
अदिति उठ कर अभय के गालो पे किस करते हुवे - उठ गई मे
दोनों बाहर आते है अदिति अपने काम पे लग जाती है अभय दिशा के कमरे के दरवाजे पे जाके खरा होते हुवे
अभय - भाभी किया कर रही है आप
अंदर से दिशा - देवर जी रेडी हो रही हु
अभय हस्ते हुवे - मे आ जाऊ आपको रेडी करवा दूगा
दिशा जो रेडी हो रही थी अभय की बात सुन सर्म से लाल हो जाती है
दिशा - देवर जी सुबह सुबह मस्ती हा अंदर आये तो बहोत मार पड़ेगी आप को
अभय हस्ते हुवे - ना बाबा ना मुझे मार रही खानी मे जा रहा हुई आप रेडी हो जाइये ( अभय निकल परता है
दिशा रेडी होते हुवे हस्ते हुवे - देवर जी भी बरे नटखट है
अभय खेतो से होते हुवे 10 मिनट की दुरी पे एक छोटा सा नदी था वही जाके हल्का होता है फिर घर की तरफ निकल परता है
अभय चलते हुवे मन मे - गाव की सबसे परी प्रोबलम बाथरूम का है मर्द तो खुले मे कर लेते है लेकिन लेडिस् को अंधेरा होने से पेहले उठना परता है मुझे जल्दी ही कोई अच्छी जगह वहा सांती हो एक बंगलो को देखना होगा पैसे हो तो गरीबी मे कियु किये और हा पवन अंकल के हिस्से के पैसे भी तो उसने परिवार के पास देने जाना है लेकिन (अभय रुक जाता है )मे कैसे उनको ये बताऊगा पवन जी नही रही अभय फिर चलना सुरु करता है लेकिन मुझे ये करना ही होगा
अभय घर आ जाता है दिशा खाना बनाने मे लगी हुई थी अदिति कमरे मे रेडी हो रही थी आसा अपने कमरे मे थी
अभय दिशा को देख हस्ते हुवे - मेने कहा था रेडी होने मे मदद करता हु लेकिन आप तो मारने की धमकी दे दी
दिशा अभय की बात सुन अभय की तरफ देख अपना बेलन दिखाते हुवे
दिशा - लगता है मेरे देवर जी को आज सुबह सुबह मार खानी है
अभय जल्दी से अपने कमरे मे भागते हुवे - ना बाबा मे जाता हु
दिशा अभय को भागता देख हसने लगती हैं
अदिति भी रेडी होकर बाहर आती है और दिशा को देख
अदिति - भाभी भाई ने सही तो कहा था भाई थोरा मदद कर देते तो किया हो जाता ( अदिति ने अभय दिशा की बात सुन ली थी )
दिशा अदिति की बात सुन मुह पे हाथ रखते हुवे हाय
दिशा अदिति के पास जाके अदिति के कान पकरते हुवे
दिशा - अच्छा ननद जी मुझे केह रही है खुद अंदर रेडी हो रही थी तो कियु ना बुला लिया अपने प्यारे भाई को देवर जी मदद कर देते
अदिति आह करते हुवे - मे अकेले ही तैयार हो सकती हु अब मेरा कान छोरिये दर्द हो रहा है
दिशा - वाह आप अकेले तैयार हो सकती है मे नही बहोत तेज है आप
दिशा अदिति के कान छोर देती है अदिति अपना कान मलते हुवे हाय मेरी प्यारी कान
तभी अभय टवेल लेके बाथरूम मे नहाने चला जाता है कुछ देर बाद नहा के बाहर आता है तो दिशा अदिति की नजर अभय पे जाती है
लेकिन जब दोनों अपनी नजर नीचे कर देखते है तो देखते ही रेह जाते है अभय का 6 पैक बॉडी दोनों के सामने था
दिशा अभय के 6 पैक बॉडी को देख मन मे - बाप रे देवर जी ने मिया बॉडी बनाई है मस्त
वही अदिति तो भागते हुवे अभय के पास जाके अभय की बॉडी को टच करते हुवे
अदिति - भाई किया गज़ब बॉडी बनाई है आपने आप तो कमाल लग रहे है
अभय - हस्ते हुवे वो तो है
अभय मन मे - सालों मे जबरदस्ती ट्रेनिंग करवाई थी लेकिन किसी पता था सब ट्रेनिंग मेरे काम आयेगी मुझे ही फायेदा मिलेगा
अभय अदिति से - ठीक है गुरिया मे रेडी होके आता हु
अदिति - ठीक है भाई
अभय कमरे मे रेडी होने लगता है अभय रेडी हो चुका था तभी कमरे मे आसा आती है
अभय पीछे मुर देखता है तो देखता ही रेह जाता है आसा लाल सारी मे कहर धा रही थी होंठो पे लाल लिबिस्टिक ब्लाउस मे कैद सो अनमोल गोरे गोरे चुचे आधा साफ दिख रहे थे आसा की कमर हाय गेहरि धोरी नही दिख नही थी लेकिन आसा की कमर साफ जितनी दिख रही थी उतना की काफी था
आसा कयामत लग रही अभय अपनी मा को इस रूप मे देख पेहली बार अभय का दिल धक कर रुक जाता है अभय सब भूल आसा को ही देखे जा रहा था आसा आज अपने उपर ध्यान दिया था आज आसा सजी सवरि थी आसा ये नोटिस कर लेती है अपने बेटे को अपने आप को ऐसे देखता देख आसा को सर्म आने लगती है
आसा अभय को देख - बेटा कहा खो गया
अभय होस मे आते हुवे - कही नही मा
अभय चलते हुवे आसा के पास जाके आसा को देख
अभय - मा उमर के साथ लोग बूढ़े होते जाते है खूबसूरती घटती चली जाती है लेकिन आप तो बढ़ती उमर के साथ और जवान खूबसूरत होती जा रही है
अपने बेटे के मुह से ऐसी तारीफ सुन आसा सर्म से लाल हो जाती है
आसा अभय को देख शर्मा के - सच मे खूबसूरत लग रही हु
अभय - आप की कसम मा आप बहोत ही खूबसूरत और h ( अभय मन मे मे ये किया बोलने जा रहा था मा है वो मेरी )
आसा अभय को बीच मे रुकता देख - आगे किया बेटा
अभय बात को बदलते हुवे
अभय - और आप बहोत जवान लग रही है
आसा - हस्ते हुवे तुम भी ना बेटा
अभय अपनी मा के हाथ पकर - मे अपनी खूबसूरत मा के साथ डांस करना चाहता हु करेगी आप मेरे साथ डांस
आसा पूरी तरह हैरान परेसान होते हुवे
आसा - बेटा ये तु किया बोल रहा है मुझे डांस करना नही आता
अभय - हस्ते हुवे मुझे कोन सा आता है बस फिल्मो मे देखा था वैसे ही करेगे ठीक है
आसा सर्म से लाल होते हुवे - ठीक है मे अपने लाल के साथ डांस करुगी
अभय - ठीक है मा मे जैसा कहुंगा जैसा करना ठीक है
आसा शर्मा के - ठीक है बेटा
अभय अपनी मा के उंगली मे अपनी उंगली मिला के हाथ का पकर आसा को देख
अभय - मा जैसा मे करुगा वैसा ही करना
आसा शर्मा के ठीक है
अभय अपना पैर दाय बाय करते हुवे हिलने लगता है आसा अभय जैसा कर रहा था वैसे ही देख करने लगती है दोनों एक दूसरे के हाथो को अपने एक दूसरे से सत् डांस करने लगते है
अभय आसा को देख - मा आप तो बहोत अच्छा कर रही है एक बार मे ही देख कर
आसा अभय को सर्म से लाल हुवे - लेकिन बेटा मुझे बहोत सर्म आ रही है
अभय - किया आपको अच्छा नही लग रहा
आसा जल्दी से - नही मेरे लाल मुझे सर्म आ रही है लेकिन उसी के साथ मुझे अपने बेटे के साथ डांस करने मे मजा भी आ रहा है ये पेहली बार है लेकिन ये एहसास ये पल बहोत प्यारा है जिसे मे भुलुगी नही कभी
अभय आसा को देख - मे भी नही भुलुगा कभी कियुंकी मेने पेहला डांस अपनी खूबसूरत मा के साथ जो किया है
आसा सर्म से नजरे किये हुवे - तुम भी ना मेरे लाल
आसा मन मे -मेरा पेहला डांस इस उमर मे बेटे के साथ सच कहु तो बहोत खुश हु अपने बेटे के साथ डांस कर के दिल को सुकून मिल रहा है और खुशी भी
2 मिनट बाद अभय रुक जाता है और अपने मा के हाथो पे किस करते हुवे
अभय - सुक्रिया मेरी खूबसूरत मा मेरे साथ डांस करने के लिये
आसा को अपने बेटे पे बहोत प्यार आता है आस अभय को बाहो मे लेके - मुझे भी बहोत मजा आया मेरे लाल तुम्हारा थैंक्स ये पल खुशी देने के लिये
तभी दोनों को तेज तालियां बजाने की आवाजे सुनाई देती है दोनों हैरानी से चौक कर दरवाजे की तरह देखते है तो अदिति दिशा टुकुर टुकुर देख तालियां बजा रहे थे आसा तो दोनों को देख सर्म से लाल अभय के सीने पे अपना चेहरा छुपा लेती है
असल मे अदिति कमरे मे आ रही थी अंदर अभय आसा को डांस करता देख हैरान और चौक भी गई थी फिर अफीति दिशा को भी बताती है तो दिशा भी आके देखने लगती है
अदिति अंदर आते हुवे - सच कहु तो भाई मा आप दोनों डांस करते हुवे कमाल के लग रहे थे और डांस भी कितना अच्छा कर रहे थे
आसा अदिति की बात सुन अदिति को देखने लगती है
दिशा - मा देवर जी सासु मा ननद जि सही कह रही है आप दोनों मस्त डांस कर रहे थे और साथ मे अच्छे भी दिख रहे थे
दोनों की बात सुन आसा को बहोत सर्म भी आ रही थी उसी के साथ अच्छा भी लग रहा था आसा अभय से दूर होकर जाते हुवे
आसा - मे जा रही हु तुम सब बाते करो ( आसा चली जाती है)
अदिति अभय के पास आके भोला सा मुह बना के प्यार से
अदिति - भाई मुझे भी आपके साथ डांस करना है
अभय अदिति को बाहो मे लेके - बाद मे करेगे गुरिया पक्का ( अभय दिशा को देख ) भाभी के साथ भी डांस करुगा
दिशा अभय को देख जिब दिखाते हुवे - देवर जी सपने मे करना डांस मेरे साथ मे तो चली ( दिशा जिब दिखा के चली जाती है)
अभय सभी की सुबह बहोत अच्छा बना दिया था मस्ती मजाक प्यार से और सभी खुश भी थे और अभय यही चाहता भी था
( सुबह 10 बजे )
खाना खाने के बाद आगन मे सभी बैठे हुवे बाते कर रहे थे तभी बाहर से किसी की आवाज आती है ( कोई घर पे है)
आवाज सुन आसा अभय अदिति बाहर आके देखते है तो आसा अदिति हैरान और उसी के साथ घबरा भी जाते है बाहर एक हवलदार खरा था हवलदार कुछ केहता उससे पेहले अभय हवालदार को देख
अभय - मैडम ने बुलाया है ना आप चलिये मे आता हु
हवलदार हैरानी से अभय को देख मन मे - इसे कैसे पता चला मैडम ने बुलावा भेजा है
हवलदार अभय को एक नजर देखता है फिर - ठीक है जल्दी आ जाना ये केह चला जाता है
अभय अपनी मा बेहन को लेके अंदर जाता है अंदर जाते ही आसा अभय के हाथ पकर अभय को देख डरते हुवे
आसा - बेटा ये पुलिस कियु आई थी यहा और तुम्हे कियु बुला रहे है
अदिति - मुझे भी बहोत डर लग रहा है भाई
दिशा आते हुवे - कोन था बाहर ननद जी
अदिति दिशा को देख - भाभी पुलिस आई थी
अदिति की बात सुन दिशा भी घबराते हुवे - पुलिस लेकिन पुलिस यहा कियु आई थी
आसा - मेरे लाल को बुलाने
दिशा - हैरानी से लेकिन कियु
अभय सभी को सांत कराते हुवे - आप लोग बेवजह पुलिस को देख डर जाते है मुझे पता था मैडम मुझे बुलाया जरूर भेजेगी
आसा - लेकिन कियु बेटा
अभय सभी को देख - अरे जायदा कुछ नही बस पूछ ताछ करेगी मे कहा था किसने मुझे किडनैप किया कैसे मे भाग कर आया बाकी सब आप लोग बेकार मे ही डर रहे है मे गया और आया
आसा - अच्छा तो ये बात है तो ठीक है
अभय आसा को देख - हा मा बस यही है जाते जल्दी आ जाउंगा
अभय कमरे मे जाके बैग से dp devil का फाइल निकाल सत् के अंदर दाल बाहर आता है और सभी को देख
अभय - ठीक है आप सभी टेंसन मत लो मे जल्दी ही आ जाउंगा
आसा अदिति दिशा सर हिला के - ठीक है
अभय फिर बाहर आके बाइक पे बैठ पुलिस इस्टेशन निकल परता है
( पुलिस इस्टेशन )
अंदर अपने ऑफिस मे नितिका बैठी फाइल देखने मे लगी हुई थी तभी ऑफिस के दरवाजे पे हवालदार आते हुवे
हवालदार - मे अंदर आ सकता हु मैडम
नितिका बिना देखे फाइल को पढ़ते हुवे - आ जाओ
हवालदार - अंदर आके नितिका को देख आपने जो कहा मेने उस लरके को केह दिया है आपने बुलाया है वो जल्दी ही आ जायेगा
नितका अपनी नजर उपर कर हवालदार को देख - अच्छा काम किया अब तुम जा सकते हो
हवालदार - वो मैडम उस लरके को पेहले से ही पता था आप उसे बुलायेगी
नितिका हैरानी से हवालदार को देखती है और फिर - ठीक है समझ गई
हवालदार फिर बाहर आ जाता है
नितका फाइल नीचे रख अपने हाथो को जोर - तो उसे पता था कही जिसने मुझे फोन कर बताया dp devil के बारे मे ये वही तो नही है दूसरा ये नॉर्मल है किसी को भी पता होगा ऐसे हालत मे पुलिस बुलावा भेजती है लेकिन मुझे ये जानना है आखिर कोन है जिसने dp devil को मारा और उसके सम्राजय को तबाह किया मेरे सारे सवाल का जवाब ( नितिका अभय की फोटो देख) ये लरका ही दे सकता है
( आज के लिये इतना ही![]()


Fantastic fabulous( Chapter 10 )
पुलिस स्टेशन
अभय पुलिस स्टेशन आके अंदर जाता है एक हवालदार जाके नितिका को
हवालदार - मैडम वो लरका आ गया है
नितिका - ठीक है अंदर भेजो
हवालदार जाके अभय को देख - तुम अंदर जा सकते हो
अभय बिना देरी किये अंदर चला जाता है अंदर अभय नितिका को चेयर पे बैठे देखता जो बहोत ही खूबसूरत लग रही थी
नितिका अपनी नजर अभय की तरफ कर अभय को देख बैठने के लिये केहती है अभय एक नजर नितिका को देख फिर बैठ जाता है
नितिका - तुम ही हो ना अभय जिसका किडनैप 4 साल पेहले हुवा था
अभय - आपने सही कहा मे ही हु अभय
नितिका अभय को देख - तो तुम्हे पता होगा मेने तुम्हे कियु बुलाया है
अभय - जी मुझे पता है
नितिका अभय को गौर से देखती है फिर
नितिका - तो किया तुम मुझे पता सकते हो तुम्हे किडनैप कैसे गया और 4 साल कैद मे रेहने के बाद तुम dp devil के कैद से भाग कर कैसे आये मे जानने के लिये बेचैन हु उस समय तुम 15 साल के एक बचे थे तो वही dp devil एक शैतान जिसने कई बच्चो को किडनैप कर गलत काम करवाता था मे वहा dp devil के ठिकाने पे गई थी इतनी टाइट सिक्रोटि के होते हुवे कैसे तुम भागने मे कामयाब हुवे और तो और तुम ही पेहले हो जो dp devil के कैद से भागने की सोची हिम्मत दिखाई और तुम कामयाब भी हो गये कैसे हाव
अभय अपने दोनो हाथो की उंगली को आपस मे जोर नितिका को देखता है नितिका अभय को देखती है जवाब के उमीद मे अभय एक गेहरि सास छोरता
अभय - अपनो का प्यार
नितिका कंफ्यूज नजरो से अभय को देख
नितिका - मतलब मे समझी नही
अभय नितिका की आखो मे देख - मेरी मा बेहन भाई इनके प्यार ने हि मुझे हिम्मत दी जब मुझे किडनैप कर वहा ले जाया गया तो एक 1 महीने तक रोता रहा डर कर रेहता था लेकिन फिर अचनाक् मुझमे हिम्मत आ गई मे उस कैद मे रेह कर जीना नही चाहता था मेने फैसला कर लिया मुझे अपनो के पास जाना अपनी मा भाई बेहन के पास जाना है बस मेने उस दिन से रोना डरना बंद कर प्लान बनाया और मोक्का मिलते ही भाग आया
नितिका पूरी तरह से हैरान ही अभय की बात सुन और ये सोच की एक 15 साल के बच्चे ने उस समय इतनी हिम्मत दिखाई
नितिका - तुम्हे डर नही लगा तुम पकरे जाते तो मारे जाते
अभय नितिका को देख मुस्कुराते हुवे - डर नही लगा कियुंकी मेने फैसला कर लिया था या तो भाग कर अपनी मा बेहन भाई के पास अपने घर जाउंगा या भागते हुवे मारा जाउंगा लेकिन मुझे कैद मे कातिल बन नही जीना था
नितिका और हैरान हो जाती है अभय की बात सुन
नितिका अभय को गौर से देखते हुवे मन मे - मानना परेगा मौत से सब को डर लगता है लेकिन ये लरका उस समय सिर्फ 15 साल का था लेकिन फिर भी मौत से डरा नही इसे अपनो के पास जाना था पता नही उसके और उसके मा बेहन भाई के बीच कितना प्यार होगा की इसके अंदर इतनी हिम्मत आई और मौत से भी नही डरा केहने को मे पुलिस इंस्पेक्टर हु लेकिन मुझे भी मौत से डर लगता है
नितिका सोच से बाहर आते हुवे अभय को देख
नितिका - लेकिन तुमने ये सब कैसे किया मेरा मतलब है
अभय बीच मे ही - आपके केहने का मतलब मे कैसे भाग कर आया जबकि dp devil के कैद से भागना नामुमकिन था
नितिका - करेक्ट
अभय पवन अंकल के बारे मे बताता है कैसे उसने पवन अंकल से मदद मांगी फिर उसे जेहर का तोर मिला और कैसे भागते वक़्त खुद dp devil को लेके मरे
अभय - पवन अंकल नही होते तो सच ये है हम कभी उस कैद से निकल ही नही पाते उन्होंने खुद अपनी जान देदी ताकि dp devil हमारे पीछे ना आये पवन अंकल ही थे जिन्होंने मुझे आपके बारे मे बताया उसकी वजह से ही आज dp devil मारा गया मे या जीतने लोग उस कैद मे थे वहा से निकल अपने घर अपने लोगो के पास लौट पाये
नितका और भी हैरान हो जाती है अभय की बात सुन कर
नितिका - अब मे सब समझ पा रही हु वैसे किया तुमने ही मुझे फोन कर बताया था dp devil के ठिकाने के बारे मे
अभय नितका को देख - हा मे ही था
अभय dp devil के फाइल निकाल नितिका को देते हुवे
अभय - पवन अंकल dp devil को लेकर मरे उन्होंने जो बम लगाये थे सिर्फ dp devil के ऑफिस मे ताकि बाकी लोगो कि जान ना जाये और ऐसा हुवा भी लेकिन dp devil के कई साथी वहा से भाग गये होगे लेकिन इस फाइल मे dp devil के कराइम् के साथ उनके साथी के पूरी लिस्ट है इसके जरिये बाकी dp devil के के साथी को आसानी से पकर पायेंगे
नितिका अभय से फाइल लेकर खोल कर देखती है तो पूरी तरह से हैरान परेसान हो जाती नितका फाइल नीचे रख अभय को देख
नितका - तुम्हारी सारी कहानी सुनने के बाद मे यही कहूगी पवन जी ने जो किया उनको सलाम लेकिन सबसे बरा हाथ तुम्हारा ही है अगर तुम हिम्मत नही दिखाते वहा से भागने कि तो सायद जो हुवा वो होता ही नही dp devil जिंदा होगा और तुम सब अभी भी उस कैद मे होते मे सरकार से
अभय बीच मे रोकते हुवे - नही उसकी जरूरत नही है मे बस चाहता हु पवन अंकल के बारे मे पूरी दुनिया जाने और हर वो मा बाप बेहन भाई को पता चले जब उनके अपने dp devil के कैद मे थे लेकिन आज वो उनके साथ है तो सिर्फ पवन अंकल कि कुर्बानी की वजह से भले ही मेने हिम्मत दिखाई लेकिन लेकिन सच ये है पवन अंकल के बिना हम अपने घर अपने लोगो के पास नही होते
नितका गौर से अभय की बात सुन देख रही थी
नितिका मन मे - किया लरका है इतना इमानदार दयावान हिम्मत वाला हैंडसम बॉडी ( अरे ये मे किया बोल सोच रही हु) चाहता तो सब केरिडेट खुद रख सकता था लेकिन उसने सब केरिडेट पवन को दे दिया
अभय - मैडम बस आप इतना कर देना अब मे चलता हु
अभय उठ कर जाने लगता है
नितका सोच से बाहर आके अभय को रोकते हुवे
नितका अभय को देख - सुनो अगर मुझे और कुछ पूछना हो तो
अभय - मुस्कुराते हुवे मे आ जाउंगा
अभय फिर बाहर निकल आता है और बाइक पे बैठे घर की तरफ निकल परता है
नितिका अभय के जाने के बाद मन मे - मुझे किया केहना है बोलना है पेहले ही ससमझ जाता है कमाल है बरा इंट्रेस्टिंग लरका है
अभय बाइक से घर की तरफ आ रहा था तभी अभय की नजर आगे ठोरी दूर जाती है तो देखता है कुछ 5 लरके एक लरकी को रोक कर छेर रहे था
असल मे अभय जहा था वहा दोनों तरफ खेत थे लोग भी बहोत कम थे जो अपने खेतो मे काम करने मे लगे हुवे थे लरके भी ऐसे जगह का फायेदा उठा रहे थे ताकि बीच मे कोई ना आये
अभय ये देख गुस्से मे आ जाता है अभय सीधा लरकी के पास ही बाइक रोक नीचे उतर लरको को देखता है
लरकी अभय को देख उसके सास मे सास आती है लरकी जल्दी से अभय के पीछे जाके चुप जाती है
अभय लरकी को देख - तुम बताओ यहा किया चल रहा है
लरकी अभय के पीछे से ही अभय को देख - भईया ये सब मुझे अकेले देख मुझे छेर रहे थे
अभय लरको को गुस्से से देख - कियु बे कमीनो लरकी को अकेले देख छेरते हो
लरका 1 बॉस अभय को देख - अबे साले
अभय तक तक उस लरके के पेट मे जोर से घुसा दे मारता है लरका नीचे गिर दर्द से चिलाने लगता है बाकी लरके अभय के एक्शन देख डर कर भाग जाते है
अभय नीचे बैठ लरके के बाल पकर आखो मे देख - दुबारा अगर मेने तुम्हे किसी लरकी को छेरते देखा तो मे अगली बार तेरी टांग ही तोर दूंगा
लरका दर्द मे पेट पकर रोते हुवे अभय को देख - मा कसम भाई आज के बाद मे कभी भी ऐसा नही करुगा
अभय - यही तेरे लिये अच्छा होगा चल निकल यहा हो
लरका पेट पकर जल्दी से उठ भाग जाता है
अभय फिर खरा होके लरकी के पास जाता है और लरकी को देखता है लरकी बहोत खूबसूरत थी मस्ती बॉडी थी बड़े चुचे बाहर निकले गांड पतली कमर बोले तो उपर नीचे आगे पीछे सब परफेक्ट
लरकी अभय को देखते हुवे - थैंक्स भईया आप नही होते तो पता नही वो लरके किया करते मेरे साथ
अभय लरकी को देख - उसकी कोई जरूरत नही है उसके बदले ( अभय अपना गाल आगे कर) मुझे गाल पे किस दे सकती हो
( नोट अभय की ये बरी आदत है अभय को थैंक्स सुनना पसंद नही है लरका हुवा तो रोक देता है लरकी औरत हुई तो भाई को गालो पे किस ही चाहिये होता है )
अभय की बात सुन पेहले लरकी हैरान होती है फिर शर्मा के अभय को देखती है फिर धीरे से गुलाबी होठों से अभय के गाल पे किस कर सर्म से नजरे नीचे कर लेती है लरकी का ये पेहली बार था कि उसने किसी लरके के गालो पे किस किया था
अभय लरकी को देख - तुम्हे बुरा तो नही लगा गाल पे किस मांगी तो वो क्या है ना मेरी सबसे बुरी आदत है मे अपने आप को रोक नही पता
अभय मन मे -कही ऐसा हो यही आदत किसी दिन मुझे मार खिलवा कर मारेगी
लरकी नजरे नीचेकर सर्म से - नही भईया मुझे बुरा नही लगा
अभय लरकी को देख - अच्छा ये बताओ तुम्हारा नाम किया है और तुम यहा किया कर रही थी
लरकी अभय को को देख - मेरा नाम मधु है भईया और मे यहा खेतो से आ रही थी मा खेतो मे गई है ना इस लिये
अभय - अच्छा ये बात है तुम इसी गाव की रहने वाली हो
मधु - जी भईया ( मधु आगे उंगली से इसारा कर ) आप वो बरगद का पेर देख रहे है वही मेरा घर है
अभय आगे देखता है तो थोरि दूर पे बरगद का पेर था
अभय - अच्छा समझ गया चलो तुम्हे घर छोर देता हु
अभय बाइक पे बैठ बाइक चालू करता है और मधु को देख
अभय - देख किया रही हो बैठ जाओ
मधु - जी जी भईया
मधु बाइक पे दोनों पैर एक तरफ कर बैठ जाती है अभय आईने से मधु को देखता है तो अभय को मधु के चेहरे पे डर दिखाई दे रहा था
अभय मुस्कुराते हुवे - मे तुम्हे गुरिया कहुंगा तो चलेगा ना
अभय की बात सुन मधु को ऐसा फिल होता है की अभय उसका अपना भाई है जो प्यार से उसे गुरिया बुला रहा है मधु को अभय के मुह से गुरिया सुन अच्छा फिल होता है
मधु थोरा इमोसनाल होके - जी भाई आप मुझे गुरिया केह सकते हो मुझे खुशी होगी
अभय मधु के इमोसनाल चेहरे को देख कुछ समझ नही पाता
अभय - ठीक है गुरिया तो तुम एक काम करो दोनों तरफ पैर कर बैठ जाओ और मुझे कस कर पकर देना ठीक है
मधु - जी भाई समझ गई
मधु फिर दोनों तरफ पैर कर बैठ जाती है और अभय को दोनों हाथो से कस कर कर पकर पुरा अभय से चिपक जाती है ठोरी भी जगह नही थी बीच मे
मधु को बहोत सर्म आ रही थी मधु को पता था उसके बरे चुचे अभय से चिपके है और अभय को साफ फिल हो रहा होगा उसी के साथ मधु का ये पेहला एहसास था किसी लरके मे अपनी बॉडी को टच कराने का किसी लरके के से पुरा बॉडी चिपका कर बाइक पे बैठने का इस लिये मधु को बहोत सर्म आ रही थी
वही अभय अपना उसके दिमाग में कोई गंदी फीलिंग आ ही नही रही थी अभय को मधु के शरीर की गर्मी चुचे सब फिल हो रहे थे उसके बाद भी
अभय आईने मे मधु को देख - अब तू तुम्हे डर नही लग रहा है ना
मधु हैरानी से - आप को कैसे पता चला मुझे डर लग रहा था बाइक पे बैठने से
अभय - हस्ते हुवे तुम्हारे डरे चेहरे को देख कर
मधु शर्मा के - वो भाई किया है ना आज से पेहले मे बाइक पे नही बैठी हु इसी लिये डर लग रहा था लेकिन अब आप कोई कस के पकर बैठी हु तो अब डर नही लग रहा
अभय हस्ते हुवे - मुझे लगा ही था तो अब चले
मधु -जी भाई चलिये
अभय बाइक लेकर निकल परता है बाइक तेजी से आगे बढ़ रही थी मधु अभय से चिपकी हुई थी मधु को मजा आ रहा था अच्छा फिल भी हो रहा था बाइक पे बैठ कर
अभय फिर मधु के घर पहुँच जाता है मधु बाइक से नीचे उतर अभय के सामने खरा होके अभय को देख
मधु - भाई अंदर आइये ना पानी पीके जाना आप
अभय - नही गुरिया अगली बार
मधु - उदास होते हुवे किया आप को इस गरीब के घर आने मे
असल मे मधु के घर की हालत बहोत खराब थी अभय यानी मधु की लाइफ बुरी चल रही थी और अभय तो मधु के कपड़े देख ही समझ गया था फटे पुराने कपड़े
अभय बाइक से उतर मधु को गले लगा के - पागल ऐसा नही है गरीब होना कोई पाप नही है अच्छा चलो मे चलता हुई
मधु खुश हो जाती है और अभय का हाथ पकर अंदर ले जाती है और अभय अंदर जाके एक खाट पे बैठ जाता है
मधु अभय के लिये पानी लाती है अभय पानी पिता है मधु अभय के पास बैठ जाती है अभय मधु को देख
अभय - ये बताओ घर मे कोन कोन है
मधु अभय को देख दुखी आवाज मे - मा पापा और मे
अभय समझ जाता है मधु कियु इमोसनाल हो गई थी
अभय खरा होते हुवे - ठीक है गुरिया मे जाता हु
मधु खरा होते हुवे - इतनी जल्दी जा रहे है भाई
अभय मधु को गले लगा के - तूने मुझे भाई कहा हो तू आज से मे तेरा भाई तु मेरी गुरिया लेकिन मुझे जाना होगा घर पे मेरा सब इंतज़ार कर रहे होगे लेकिन मेरा वादा हो हर रोज मे तुमसे मिलने आते रहुंगा
अभय की बात सुन मधु खुशी के मारे रोने लगती हो और अभय को कस पे पकर रोते हुवे
मधु - आप सच केह रहे हो आप मुझसे मजाक तो नही कर रहे
अभय मधु के चेहरे को पकर - सच्ची कसम से अब रोना बंद करो
मधु अपने आसु साफ कर - ठीक हो अब मे नही रोऊगी कियुंकी मुझे मेरा भाई मिल गया है
अभय मुस्कुराते हुवे - अब मे जाऊ
मधु रुकिये ( मधु अभय की गाल पे किस कर) अब जाइये
अभय मुस्कुराते हुवे - किसी मीठी थी
मधु - शर्मा के आप भी ना भाई
अभय फिर बाहर आके बाइक पे बैठ जाता है मधु भी वही खरी थी अभय मधु को देख - ठीक है गुरिया मे जा रहा हु अपना ख्याल रखना
मधु - जी भाई आप भी
अभय बाइक लेकर निकल परता है अपने घर
मधु अभय को जाते देख - किसने सोचा था आज मुझे मेरा भाई मिल जायेगा कई बार लरके मुझे छेरने कि कोसिस करते थे मे कैसे भी भाग जाती थी तब मे हमेसा यही सोचती थी काश मेरा भी बरा भाई होता तो मुझे उन कमीने लरको से सभी से मुझे बचाता लेकिन आज वो सब सच होता गया ( मधु की आखो मे खुशी के आसु थे)
अभय अपने घर आता हो और जब अंदर जाता है तो आसा कमरे से बाहर आते हुवे अभय को देख
आसा - केह कर गया था ठोरी देर मे आ जाउंगा और अब आ रहा है
अभय आसा के पास जाके बाहों मे लेके - मेरी प्यारी खूबसूरत मा आप कियु नाराज होती है कभी कभी देरी हो जाती है
आसा अभय को देख मुह फुला के - बस बहाना मारता रेहता है
अभय आस के गाल के किस करते हुवे - मान भी जाओ मेरी प्यारी मा
अदिति कमरे से बाहर आते हुवे - मान जाइये मा भाई इतने प्यार से जो केह रहे है देर जो जाती है कभी कभी
आसा अदिति को देख - आ गई भाई को लाडली अपने भाई कि साइड लेने
अदिति अभय के पास आके अभय कि बाहों का पकर आसा को देख
अदिति - हा हु मे अपने भाई कि लाडली और मे भाई का हमेसा साथ दुगी
आसा - वोतो मुझे पेहले से ही पता है भाई कि लाडली ( आसा अभय को देख) अब मुझे कबतक बाहो मे पकर कर रखेगा
अभय आसा को प्यार से देख - मेरा बस चले मे आपको जिंदगी भर बाहों मे पकर रखू
आसा हस्ते हुवे - बरा आया छोर मुझे कई काम करने बाकी है
अभय आसा को छोरते हुवे - ठीक है अभी छोर रहा हुई बाद मे फिर पकर लुगा
आसा के गालो पे किस कर हस्ते हुवे - पकर लेना रोका किसने है
आसा फिर अपने काम पर लग जाती है अभय आदिरी को देख
अभय - मेरी गुरिया किया कर रही थी
अदिति अभय को देख - अभी तो कुछ नही ना आगे कुछ दिन कुछ करने वाली हु कियुंकी मुझे सिर्फ आपके साथ रेहना है बाते करना है घूमना है
अभय अदिति को बाहों मे कस - अच्छा ऐसा हो किया
अदिति अभय के गालो पे किस करते हुवे - हा भाई ऐसा ही है
अभय हस्ते हुवे - ठीक है फिर मुझे भी अपनी गुरिया के साथ वक़्त बिताना है बाते करनी है मस्ती करनी हो हम करेगे भी ठीक है
अदिति खुश होते हुवे - ये हुई ना बात भाई
अभय - ठीक है गुरिया मे भाभी से बात कर के आता हु
अदिति - ठीक है भाई
अभय फिर दिशा के कमरे मे आता है दिशा बिस्तर पे लेती हुई थी
अभय अंदर आते हुवे - मेरी खूबसूरत भाभी किया कर रही है
अभय की आवाज सुन दिशा अभय की तरफ देख
दिशा - अरे देवर जी आइये बैठिये था
दिशा भी उठ कर बैठ जाती है अभय दिशा के पास जाते बैठ जाता है
अभय दिशा को देख - अब टिक है मुझे आप का खूबसूरत चेहरा देखने को मिल रहा है
दिशा अभय को देख हस्ते हुवे - मेरे प्यारे देवर जि ने कहा था तो मे कैसे उनकी बात ना मानती
अभय - थैंक्स भाभी मेरी बात रखने के लिये
दिशा - ऐसा मत बोलिये
अभय - वैसे मे ये केहने आया था हम शोपिंग पे चलेंगे साम को ठीक है
दिशा हैरानी से अभय को देख - अच्छा लेकिन मुझे नही जाना आप सासु मा ननद जी चले जाना मुझे कुछ नही चाहिये
अभय हैरान होते हुवे - आप को चलना ही होगा नही तो मे आप से बात नही करुगा
अभय की बात सुन दिशा इमोसनल होते हुवे
दिशा - आप मुझसे बात नही करेगे
अभय इमोसनल होते हुवे - आप आप मेरी बात नही मानेगी
दिशा - अच्छा बाबा चलुंगी लेकिन मे लुंगी किया सब तो है
अभय दिशा को देख हस्ते हुवे - अच्छे नये कपड़े लेगे और आप अंदर के कपड़े भी मैच मैच भी ले लेना
दिशा अभय की बात समझ नही पाती लेकिन जब समझ मे आता है दिशा अभय को देख बेशर्म लेकिन तब तक अभय जल्दी से भाग जाता है
दिशा अभय को जाते देख - कहा भाग रहे ही देवर आइये ना मे कुछ नही कहूगी
अभय बाहर से - ना ना ना मुझे पता है आप मेरी धुलाई कर देगी
दिशा मुह पे हाथ रख सर्म से लाल होते हुवे - देवर जि नटखट मजाकिया है मुझे पता था लेकिन कितने बेसर्म है देवर जी आज पता चला गंदे देवर
( साम 3 बजे )
अभय ने सभी को केह दिया था शोपिंग पे जायेंगे तो सभी रेडी हो चुके थे और आगन मे आ जाते है
आसा अभय के पास जाके - बेटा उसकी किया जरूरत है हमारे पास कपड़े तो है ही ना
अभय - मा सब पुराने हो गये हो मेरे पास पैसे है तो मे भला आप सब को पुराने फटे कपड़े कैसे पहनने दे सकता हु
अदिति अभय के बाहों को पकर - भाई ने कहा है तो चलना ही है
दिशा - हस्ते हुवे हा हा भाई की लाडली
अदिति दिशा को जिब दिखा के - हा हु तो
दिशा हस्ते हुवे - बच्ची ही है अभी आप
अभय सब देख ठीक है चलते है बिना देरी किये
अभय बाइक नही लेता कियुंकी चार लोग जा नही सकते थे अभय सभी मैन रोड पे आके रिस्का पकर पास के मॉल मे आ जाते है सभी मॉल के बाहर खरे थे
अदिति मॉल को देख - आज पेहली बार इतने बरे मॉल मे जो भी शोपिंग करने जा रहे है मे तो बहोत खुश हु आज तो सब कुछ खरीद लुगी जो मुझे चाहिये
दिशा मॉल को देख - मेरा भी पेहली बार है ननद जी लेकिन मॉल देख लगता है अंदर कपड़े बहोत मेहगे होगे
आसा अभय को देख - बेटा हम हमेसा जहा लेते है वही कपड़े ले लेगे ना किया जरूरत है इतने बरे मेहगे मॉल मे जाने की
दिशा अभय को देख - देवर मम्मी जि सही कह रही है
सभी की बात सुन अभय मन मे - मेरे पास इतने पैसे है कि ये मॉल किया इससे बरी मॉल मे आप को ले जाऊ लेकिन फिल्हाल मुझे बहोत काम करने हो उसके बाद बरा घर गारी सब लूंगा
अभय सभी को देख - आप लोग कुछ जायदा ही सोच रहे ही चलिये अंदर जो लेना है खुल कर लेना पैसों की चिंता मत करना आप
अभय सभी को मॉल के अंदर लेके आता है अंदर मे मॉल बहोत ही बरा और खूबसूरत दिख रहा था अदिति आसा दिशा अभय भी सब पेहली बार मॉल मे आये थे इस लिये सब बहोत हैरान होते है
अभय मॉल को देख मन मे - हम जैसे गाव के गरीब कई ऐसी जगह को बाहर से देख सकते है अंदर जाना और कुछ खरीदना दूर की बात है हमारी जिंदगी तो पूरा गाव मे ही गुजर जाती है लेकिन अब ऐसा नही होगा
अभय सब को देख चलिये चलते है सभी अभय के पीछे जाने लगते है
असल मे आसा अदिति दिशा थोरे नर्वस थे पेहली बार हो आये थे इतने बरे मॉल मे
अभय सभी को लेडीज सेक्सन मे लेके जाता है अंदर मे सब कुछ था
अंदर जाते ही एक सेल्स गिर्ल सभी के पास आके खरा हो जाती है
सर्ल्स गिर्ल आसा दिशा अदिति को देख - मैडम आप को किया चाहिये यहा सब कुछ मिलेगा हम आपकी पूरी मदद करेगे
अभय आगे आके दिशा मा के लिये खुद अच्छी सारी पसंद करता है और अदिति तो खुद लगी परी थी
अभय आसा के कान मे - मा लाल ब्लू कलर की नाइटी मे आप अच्छी लगेगी
आसा अभय को देखती है चेहरा सर्म से लाल हुवे परा था
आसा अभय को धीरे से - मेरे लाल ने कहा है तो जरूरु लुगी
अभय - थैंक्स मा
अभय दिशा के पास जाके अपने गांड से दिशा के गांड पे मारते हुवे
अभय - कियु भाभी ले लिया अंदर आ मैचिंग मैचिंग
दिशा सर्म से लाल अपने गांड से अभय के गांड पे मारते हुवे
दिशा - आपको उससे किया मे लू या ना आप को देखने मिलने वाला तो है नही
अभय दिशा के कान मे धीरे से - किया पता कभी देखने के लिये मिल जाये
दिशा हैरान सर्म से लाल अभय के कान पकर - आप बहोत नोटि होते जा रहे है
अभय - आह भाभी दर्द हो रहा है
दिशा अभय का कान छोरते हुवे - जाइये अपनी गुरिया को मैचिंग मैचिंग खरीद वाइये
अभय हस्ते हुवे - जा रहा हु लेकिन मैचिंग
तभी दिशा गुस्से से अभय को मारने दोरति है तो अभय भाग कर अदिति के पास आ जाता है
अदिति अभय को देख - भाई मुझे मदद करिये ना
अभय - ठीक है करता हु
सब का कपड़े मेकप् सब हो चुका था बाकी बचे थे अंदर पेहने वाले कपड़े तो अभय सभी को केह कर बाहर आ जाता है और इधर उधर घूमन लगता है
दिया अदिति बिकनी सेक्सन मे जाते है तो सामने कई ब्रा पैंटी नये नये डिजाइन मे दिखाई देते है दोनो देखने लगते है तभी दिशा एक ब्रा को हाथो मे उठा के अदिति की तरफ देखते हुवे
दिशा - ननद जी ये ब्रा ले लीजिये सूट करेगी अच्छा डिजाइन भी है देखने मे खूबसूरत भी आपके दोनो अनमोल बरे बरे चुचियों को भी आराम से अपने अंदर ले लेगी
अदिति सर्म से लाल दिशा को देख - छि बेसर्म भाभी मेरे बरे बरे है लेकिन आपके भी तो है आप ही ले लीजिये
दोनो ननद भाभी मस्ती मजाक कर ब्रा ले लेते है फिर जाते है पैंटी सेक्सन मे जहा कई कलर और नये डिजाइन की पैंटी थी दोनो अच्छे से पैंटी को देखते है कोन अच्छा है कुछ देर देखने की बाद दिशा
दिशा हस्ते हुवे - ननद जी कितने नये डिजाइन के पैंटी है मेने तो आज तक नही देखी एक काम कीजिये ले लीजिये जिस डिजाइन कलर का ब्रा लिया उसी डिजाइन कलर का पैंटी ले लीजिये मैचिंग मैचिंग का जायेगा फिर देवर जी को देखा दीजियेगा पेहेन कर उन्होंने बहोत शोक है मैचिंग मैचिंग देखने का
दिशा ये केह जोर जोर से हसने लगती है अदिति तो हैरान सर्म से लाल होते हुवे अपनी भाभी को देखने लगती है
अदिति दिशा के पास जाके हस्ते हुवे - मुझे लगता है आपको ही मैचिंग मैचिंग ले लेना चाहिये भाई देखेंगे तो उनको मजा आ जायेगा
दिशा सर्म से लाल होते हुवे - मुझे नही लेना
अदिति हस्ते हुवे - अरे ले लीजिये ना
दोनो मस्ती मानक करते हुवे पैंटी भी ले लेते है बाकी मेकप् सब जो लेना था
आसा भी नाइटी पसंद करती है अभय के पसंद के कलर का
आसा मन मे शर्मा के - मेरा बेटा भी ना लेकिन ये कलर की नाइटी मुझपे अच्छी लगेगी
सब खरीदारी हो गई थी सिर्फ गेहने छोर कर कियुंकी दिलीप अभी नही चाहता था सभी हाई फाई रहे इसी लिये अभय छोटे मॉल मे लेकिन यहा था यहा कपड़े कम मेहगे थे हा ये सच है इस मॉल मे भी अभय के पास पैसा नही होता तो आ नही पाता लेकिन अब चीजे अगल थी अभय अभी सब को सिर्फ कुछ कपड़े दिलाता है बाकी अभय बरा घर लेने के बाद ही सब कुछ करने वाला था
आसा अदिति दिशा के पास अभय आते हुवे - किया आप लोगो ने जो लेना था ले लिया
आसा - हा बेटा जो लेना था हम ने ले लिया
अभय - ठीक है मे पैसा पे कर के आता हु
अभय फिर जाके जो बिल बना था पे कर के आता है
अभय फिर सभी को लेकर मोबाइल सेक्सन मे जाता है मोबाइल लेने
आसा - बेटा हम यहा कियु आये है तुम्हे मोबाइल लेना है किया
अभय तीनों को देख - घर मे किसी के पास एक मोबाइल भी नही है तो इस किये यहा आये है आप सब के पास मोबाइल रहेगा तो मे कही गया भी होऊगा तो बाते कर पायेंगे
आसा ये सुन कर ही खुश हो जाती है कियुंकी अब अभय कही गया होगा तो फोन कर बाते कर पायेगी
अदिति अभय के बाहों को पकर - भाई मुझे भी फोन चाहिये मस्ती वाला
अभय अदिति के सर पे हाथ फेरते हुवे- ये मस्त वाला फोन कैसा होता है चलो दिखाओ
अभय अंदर जाता है और अदिति दिशा मा उसी के साथ एक फोन एक्स्ट्रा लेता है और बिल पे कर देता है
सब कुछ हो गया था सभी बाहर आते है रिस्का पकरने सभी बाहर रुके हुवे थे
दिशा - देवर जी आज आपने बहोत खर्चा कर दिया किया जरूरत थी
अभय दिशा को देख - मेरी प्यारी भाभी ये तो कुछ भी नही था और वैसे भी मे आप लोगो के लिये कुछ नही करुगा तो कोन करेगा
आसा के गाल सेहला कर प्यार से देख - मेरा बच्चा कितना जिमेदार हो गया है आई लोव यू मेरे लाल
अभय आसा को देख - आई लोव यू मेरी प्यारी मा
अदिति बीच मे - आई लोव यू भाई
अभय अदिति को देख हस्ते हुवे - आई लोव यु 2 मेरी प्यारी गुरिया
अभय दिशा को देख हस्ते हुवे - भाभी आप की बारी
दिशा घुघट् मे थी लेकिन अभय की बात सुन सर्म से लाल होते हुवे
दिशा - आई लोव यू देवर जी
अभय हस्ते हुवे - आई लोव यू 2 भाभी
वही आसा अदिति जोर जोर से हसने लगते है तो दिशा और शर्मा जाती है
रिक्सा आने की बाद सभी 5 बजे घर आते है सभी समान रख आगन् मे बैठ बाते करने लगते है तभी अंदर चार लोग आते है आसा अभय सभी पीछे देखते है तो अभय अपना सर पकर के
अभय मन मे - आ गया कमीना फिर दिमाग खाने
हा ये विजय था अपनी मा मिनिता अपनी बेहन बुवा के साथ अभय के घर पधार चुका था
विजय अभय को देखते ही खुशी से पागल होते हुवे - बॉस
विजय को अभय को बॉस केहता सुन देख सभी हैरानी से अभय को देखने लगते है
अभय अपना सर पिटते हुवे मन मे - साला कुता कमीना अब मे सब को कैसे सम्झाऊगा
आज के लिये इतना ही![]()




