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Incest तू लौट के आजा मेरे लाल

monsterking

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Fantastic and fabulous up
( chapter 9 )

अभय दिशा के कमरे के दरवाजे पे खरा होकर दिशा को आवाज देता है

अभय - भाभी दरवाजा खोलिये मुझे आपसे कुछ बात करनी है

दिशा बिस्तर पे लेती हुई थी अभय की आवाज सुन दिशा सर पे घुघट दाल दरवाजा खोल अभय को देखते हुवे

दिशा - अरे देवर आइये ना अंदर आराम से बैठ कर बाते करते है
अभय दिशा को देख - मेने आप को परेसान तो नही किया ना भाभी
दिशा - कैसी बाते करते है देवर जी दुबारा ऐसा मत बोलियेगा आइये अंदर

( नोट गरीबी के कारन घर मे सभी नीचे ही सोते है सिर्फ एक खाट है जो आगन मे रेहता है किसी के बैठने के लिये )

दिशा बिस्तर पे जाके बैठ जाती है अभय भी दिशा के पास बैठ जाता ही

अभय दिशा को देखता है तो घुघट की वजह से दिशा का चेहरा दिख नही रहा था

अभय दिशा से - भाभी पेहले आप मेरी तरफ होके बैठिये फिर बाते करेगे

दिशा अभय को देख हस्ते हुवे - ठीक है जैसा आप कहे

दिशा अभय की तरफ घूम कर बैठ जाती है अभय भी दिशा की तरफ घूम बैठ जाता है अब दोनों आमने सामने थे चेहरा भी आमने सामने था दोनों एक दूसरे को देख रहे थे

दिशा अभय को देख मुस्कुराते हुवे - अब ठीक है देवर जी
अभय - जी भाभी अब ठीक है
दिशा - तो बताइये किया बात करनी थी मुझसे
अभय - आपसे मुझे एक सिकायत है भाभी
दिशा अभय की बात सुन हैरान परेसान होते हुवे
दिशा - देवर जी मुझसे कोई गलती हुई है किया
अभय - नही आपने कोई गलती नही की बस मुझे आपसे एक विनती करनी है
दिशा अभय को कंफ्यूज नजर से देख - वो किया है देवर जी
अभय दिशा को देख - भाभी आप बहोत अच्छी है खूबसूरत है उसी के साथ बहोत संस्कारी भी हमारे इस जनरेशन ने लरकिया बॉडी दिखाती फिरती है बाहर छोटे कमरे पेहन कर लेकिन आप घर मे रेह कर भी हमेसा घुघट दाल कर रेहती है ( अभय भोला सा चेहरा बना के बच्चो की तरह ) लेकिन मुझे आप का खूबसूरत चाँद सा चेहरा देखने को नही मिलता

अभय की बात सुन दिशा पूरी तरफ से हैरान हो जाती है उसी के साथ अभय के बात सुन भोला चेहरा देख दिशा को हसी आ जाती है दिशा मुह पे हाथ रख अभय को हसने लगती है

अभय दिशा को देख मुह बनाते हुवे - आप हस कियु रही है मेने तो अपनी दिल कि बात कही है
दिशा अपने आप को सांत करते हुवे अभय को देख
दिशा - अच्छा ये शिकायत थी आप को मुझसे
अभय - मुह फुलाते हुवे हा
दिशा को फिर हसी आ जाती है अभय का फुला चेहरा देख
दिशा हस्ते हुवे - अच्छा तो मे समझ ये बताइये मेरे प्यारे देवर जी मुझसे किया चाहते है

अभय दिशा की आखो मे देख - मे चाहता हुई आप घुघट मे रहे नही मेरे सामने आप घुघट मे नही रहेगी कियुंकी मुझे आपका चाँद सा चेहरा देखने के लिये नही मिलता

अभय की मसुमियत् भोलि बाते भोलि सूरत देख दिशा को अभय पे प्यार आने लगता है दिशा अभय को देख

दिशा - मेरे अक्लोटे प्यारे देवर जी पेहली बार मुझसे कुछ मांगा है तो मे कैसे मना कर सकती हु ठीक है आपके सामने मे बिना घुघट के रहूगी
दिशा ये केह अपना घुघट हटा देती है और अभय के सामने दिशा कि खूबसूरत चाँद सा चेहरा आ जाता है अभय फिर दिशा कि खूबसूरत चेहरे मे खो जाता है दिशा अभय को ऐसे अपने को देखता देख शर्मा जाती है
दिशा - काहा खो गये देवर जी
अभय होस मे आते हुवे हरबारा के दिशा को देख
अभय - किया बोलू भाभी आप है हि इतनी खूबसूरत कि मे देख खो जाता हु
दिशा सर्म से नजरे नीचे कर - आप भी ना देवर जी
अभय अपना हाथ आगे बढ़ा के दिशा के चेहरे को उपर करते हुवे दिशा के चेहरे के पास अपना चेहरा ले जाके दिशा की आखो मे देख

अभय - मे किस्मत वाला हु आप जैसी भाभी पाके
दिशा अभय के गाल को सेहलाते हुवे - मे भी आप जैसे देवर को पाके बहोत खुश हु

अभय फिर दिशा को छोर पीछे बैठ जाता है दिशा का दिल अभय के पास आने से रुक सा गया था

अभय दिशा को देख - भाभी आप अपनी आखे बंद कीजिये
दिशा हैरानी से - कियु देवर जी
अभय भोला चेहरा बना के - प्लेस भाभी
दिशा अभय के भोले चेहरे को देख हस्ते हुवे - आप के इस भोले चेहरे मे किया कोई भी बच नही सकता है

दिशा आखे बंद करते हुवे - लो कर ली आखे बंद

अभय दिशा के पास जाके लॉकेट निकाल दिशा के गले मे पेहना देता है दिशा को एहसास हो जाता है अभय ने उसके गले मे कुछ तो पेहनाया है


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अभय - अब आखे खोल कर देखिये भाभी
दिशा अपनी आखे खोल गले मे देखती है तो एक खूबसूरत लॉकेट दिखाई देता है दिशा लॉकेट को पकर अभय की तरफ देखती है

अभय दिशा के दोनों हाथ पकर के दिशा को देख

अभय - आपके देवर की तरफ से मूहदेखाई गिफ्ट है मुझे पता है भाई के जाने के बाद आपके जिंदगी से रंग भी गायेब हो गये है लेकिन मे चाहता हुई की मेरी प्यारी भाभी अपनी लाइफ मे थोरे रंग भरे दुनिया किया कहेगी सोचेगी मुझे परवाह नही लेकिन भाभी आप नोर्मल सज़ धज कर रहे क्या आप अपने देवर के लिये इतना करेगी

अभय की बाते सुन दिशा अपना मुह बंद कर रोने लगती है अभय ये देख दिशा को गले से लगा देता है दिशा अभय के गले लग रोने लगती है अभय दिशा के सर को सेहलाने लगता है


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दिशा रोते हुवे - एक बीवी अपने पति के लिये सजती सवरति है आपके भाई के जाते ही मेरे जिंदगी से रंग चला गया लेकिन आप ने कहा है तो मे जरूर अपनी जिंदगी मे थोरा रंग लाऊँगी

अभय दिशा के आसु साफ करते हुवे - थैंक्स भाभी आप बहोत अच्छी है

दिशा अभय को प्यार से देख - आप भी बहोत अच्छे है देवर जी
अभय - मुस्कुराते हुवे तो ये बताइये मेरा गिफ्ट कैसा लगा
दिशा लॉकेट को हाथो मे लेके देखते हुवे - बहोत हि खूबसूरत और मेरे देवर जि जैसा प्यारा है

अभय अपना गाल आगे करते - हुवे मेरा गिफ्ट
दिशा अभय को ऐसा करता देख सर्म से लाल हो जाती है


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दिशा सर्माते हुवे अभय के गालो पे अपने गुलाबी नरम होठो से किस कर सर्म से नजरे नीचे कर लेती है

अभय हस्ते हुवे - बहोत मिठा लगा आपका किस
दिशा सर्म से अभय से अभय के सीने पे प्यार से मारते हुवे - आप भी ना देवर जी

अभय खरा होते हुवे दिशा को देख - भाभी आप ऐसे ही हस्ते रहिये मुझे अच्छा लगेगा अब मे जाता हु

दिशा - ठीक है देवर जी

अभय फिर कमरे से निकल अदिति के कमरे कि तरफ जाता है

वही दिशा बिस्तर पे लेट अभय का दिया लॉकेट को देखे जा रही थी


अभय अदिति की कमरे के पास आके दरवाजे पे खरा होकर

गुरिया तुम सो गई किया अदिति बिस्तर पे लेती हुई थी लेकिन गई हुई थी अभय की आवाज सुन अदिति जल्दी से दरवाजा खोलती है और बिना देरी किये अभय को देख भईया करते हुवे कूद परती है

अभय जल्दी से अदिति के बाहर बरे निकले हुवे गांड के नीचे से दोनों हाथो से अदिति को पकर उपर उठा लेता है अब अदिति अभय की बाहो मे थी अदिति अभय को देख - भाई मुझे लगा आप अपनी गुरिया को गुड नाईट बोलने नही आओगे


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अभय प्यार से अदिति को देख मेरी एक हि तो प्यारी गुरिया है तो भला मे कैसे अपनी गुरिया को गुड नाईट बोलने नही आता

अभय अदिति को नीचे उतार दोनों अंदर जाते है अभय बिस्तर पे लेत जाता है तो अदिति अभय के उपर आके अभय के सीने पे सर रख लेत जाती है अभय भी प्यार से अदिति को बाहो मे भर सर को सेहलाने लगता है


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अदिति - भाई इस पल के लिये 4 साल से बहोत तरपि हु मुझे आप बहोत याद आते थे और वो पल भी जब मे आपके सीने पे सर रख सोती थी और आप प्यार से मुझे बाहो मे लेके मेरा सर सेहलाते थे लेकिन आज वो पल वापस आ गया कियुंकी मेरा भाई मेरे पास है


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अभय अदिति के गालो पे किस करते हुवे अदिति को देख
अभय - गुरिया मेने भी हर एक पल जो मेने तुम्हारे साथ बिताये थे मुझे बहोत याद आती थी मा भाई सब की पर भाई से मिल नही पाया उपर वाले ने मुझे उनसे मिलने नही दिया ( अभय इमोसनल हो जाता है)

अदिति मुझे भी बरे भाई की बहोत याद आती है

अभय बात को बदलते हुवे माहौल को हल्का करने के लिये

अभय - वैसे गुरिया कल हम शोपिंग पे चलेंगे तुम्हे जो चाहिये ले लेना कियुंकी मे नही चाहता मेरी गुरिया पुराने कपड़े मे रहे

शॉपिंग की बात सुन अदिति जोर से खुशी से चिलाते हुवे - सच्ची भाई हम शोपिंग करने जायेंगे पेहली बार मे शोपिंग पे जाउंगी बहोत मजा आयेगा

अदिति की चिल्लाने की आवाज आसा दिशा के कान मे जाती है

दिशा मन मे - दोनों भाई भी ना लेकिन मे बहोत खुश हु देवर जी के आने से और ननद जी को खुश देख नही तो बेचारी छुप छुप कर बहोत रोती थी

आसा मन मे - फिर सुरु हो गई दोनों की मस्तिया ( आसा अपना हाथ जोर आखे बंद कर उपर वाले से दुवा करते हुवे ) मेने ये पल दोनों भाई बेहन की मस्तिया बहोत मिस की है अपने दोनों बच्चो को फिर से साथ मे खुश देख मे बहोत खुश हु उपर वाले हमपे कृपा बनाये रखना बस कमी खल रही है मेरे बरे लाल की काश वो भी जिंदा होता


वही अभय अदिति को देख - अरे इतना मत चिला मा गुस्सा करेगी
अदिति मुह बनाते हुवे - मे तो करुगी कियुंकी मे बहोत खुश जो हु
अभय हस्ते हुवे - तुम बरी हो गई लेकिन अभी भी बच्ची ही हो
अदिति अभय को देख - भाई मे आपके लिये बच्ची हि बन कर रेहना चाहती हु
अभय अदिति को देख प्यार से - तुम मेरे लिये मेरी प्यारी नटखट गुरिया ही रहोगी वैसे इन चार सालों मे बहोत खूबसूरत हो गई है मेरी गुरिया

अपने भाई की बात सुन अदिति को सर्म आने लगती है अदिति सर्माते हुवे अभय को देख - आपको ऐसा लगता है भाई


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अभय अदिति को देख मुस्कुराते हुवे - बिल्कुल मेरी गुरिया तो चाँद की तरह खूबसूरत हो गई है


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अदिति सर्म से अपने दोनों हाथो से अपना चेहरा छुपाते हुवे भाई आप भी ना मुझे सर्म आ रही है

अभय हस्ते हुवे - अच्छा अब मेरी गुरिया को सर्म भी आने लगी है
अदिति अभय को प्यार से देख - आई लोव यू भाई आप मेरी जान है
अभय - आई लोव यू 2 गुरिया तुम भी मेरी जान हो


अभय अदिति को देख मुस्कुराते हुवे - चलो अब तुम सो जाओ मा मेरा इंतज़ार कर रही होगी

अभय बिस्तर से उठ जाता है

अदिति अभय को देख भोला चेहरा बना के - भाई मेरा गुड नाईट किस कोन देगा आप भूल तो नही गये

अभय अदिति के गाल पे अपना होठ सता के हटाते हुवे
अभय - मे कैसे भूल सकता हु गुड नाईट मेरी प्यारी गुरिया
अदिति अभय को देख - गुड नाईट भाई

अभय फिर अपनी मा के के पास जाने लगता है

अदिति अपना तकिया बाहो मे लेके - कल भाई के साथ शोपिंग पे पेहली बार जाउंगी मजा आयेगा अब तो रहा नही जाता


अभय अपनी मा के कमरे मे जाता है तो देखता है आसा पेट के बल बिस्तर पे लेती हुई है कसम से सीन बहोत कामुक् था आसा के बरे बाहर निकले गांड पाहार् की तरह खरे है गांड के उभार साफ नजर आ रहे थे उसी के साथ आसा के दूध जैसी बरे मोटे जांघे भी दिख रहे थे


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आसा लेती हुई थी लेकिन अभय के अंदर आने का एहसास आसा को हो जाता है तो आसा पलट कर अभय को मुस्कुराते हुवे देख
आसा - मेरा लाल आ गया भाभी अपनी गुरिया से मिल के


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आसा के पलटने से नाइटी और उपर हो जाती है और आसा मे मोटे दूध जैसे जांघे और दिखने लगते है आसा कयामत दिख रही थी
लेकिन अभय ने कई बार आसा को इस रूप के हालत मे देखा था अभय के किडनैप होने से पेहले अभय कभी कभी आसा के साथ सो जाता था बोले तो हस्ते मे 2 या 3 बार तो जरूर मा के साथ सोता था इस लिये अभय के लिये सब नॉर्मल था अभय के अंदर मा को लेकर कोई गन्दी फीलिंग नही आती

अभय आसा को देख मुस्कुराते हुवे - हा मा आ गया
आसा - अपनी बाहे फैलाते हुवे - आजा मेरे लाल 4 साल से मेरी बाहे तेरे लिये तरस रही थी

अभय आसा के पास जाके लेत जाता है आसा अभय को बाहो मे घर लेती है अभय को 4 साल बाद अपनी मा के बाहो मे आकर बहोत हि सुकून मिलता है आसा अभय के सर कोई प्यार से सेहलाते हुवे

आसा - 4 साल से तुझे बाहो मे भरने के लिये तरसी हु मेरे लाल रात को जब सोती थी तो कभी कभी ऐसा लगता था तुम मेरे बाहो मे सोये हुवे हो लेकिन जब आखे खोल देखती थी तुम नही होते थे तो ( आसा की आखो से आसु निकल आते है)

अभय आसा के आसु साफ करते हुवे - मा मेरा भी सेम हाल था मे भी आपकी बाहो मे आपके साथ सोने के लिये बहोत तरसा हु लेकिन अब आपके बाहो मे सुकून मिल रहा है मुझे

आसा अभय को देख - मुझे भी मेरे लाल
अभय आसा को देख प्यार से - मा एक किस्सी दो ना होंठो पे

( नोट अभय के किडनैप होने से पेहले आसा अभय को प्यार से होंठो पे किस करते आई है इस लिये अभय ने आसा को किस देने को कहा)

आसा अभय को देख हस्ते हुवे - अब तु बच्चा नही रहा बरा हो गया है अब होंठो पे किस्सी नही मिलेगी

अभय अपनी मा की बात सुन मुह फुला के दूसरी तरफ करवट बदल लेटते हुवे - मे बरा हो गया हु तो मा अब मुझे किस्सी नही देगी अब मा मुझे पेहले जैसा प्यार नही करती है

अभय का नाटक देख आसा जोर जोर से हसने लगती है

आसा हस्ते हुवे - मेरे लाल अपना ये नाटक बंद कर

आसा अभय को पकर अपनी तरफ कर अभय के आखो मे देख प्यार से अभय के होंठो पे अपने रसीले होंठो को सता के हटा लेती है


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आसा - अब खुश कितना नाटक करता है किस्सी के लिये मेरा लाल
अभय आसा के सीने मे समाते हुवे - आपकी किस्सी को भी बहोत मिस करता था मा

आसा अभय के गाल पे प्यार से हाथ फेरते हुवे - मे भी मिस करती थी लेकिन अब तु आ गया दिल को सुकून मिल गया मेरे लाल

दोनों मा बेटे बाते करने के बाद एक दुसरे की बाहो मे समा के सो जाते है


( सुबह हो जाती है )

ये सुबह 4 साल के दर्द भरी सुबह नही बल्कि सभी के लिये 4 साल बाद खुसियो वाली सुकून वाली सुबह थी

अभय के जाने के बाद फिर विनय के जाने के बाद आसा अदिति दिशा कोई चैन से सो नही पाया था लेकिन आज की रात सभी सुकून से सो पाये थे

दिशा सबसे पेहले उठती है और अपने काम पे लग जाती है

आसा की भी नींद खुलती है आसा जब अपनी आखे खोलती है तो उसके आखो के सामने अभय का प्यारा चेहरा था जिसे देख आसा के चेहरे पे इस्माइल आ जाती है आसा अभय के होंठो पे किस करने के बाद उठ कर अपने काम मे लग जाती है

अभय सोता रेहता है अदिति भी सोई हुई थी

आसा नहाने के बाद रेडी होने के बाद रेडी होने के बाद अभय के पास जाके अभय के कानों मे अपनी मीठी आवाज में - उठ जा मेरे लाल

अभय अपनी मा की मीठी आवाज सुन आखे खोल देखता है तो अभय को अपनी मा का प्यारा खूबसूरत चेहरा दिखाई देता है

अभय अपनी मा को देख जल्दी से गले लगा के रोते हुवे - मा ये सपना तो नही है ना आप ही है ना

आसा अभय बाहो मे लेके प्यार से - नही बेटा मे ही हु तुम्हारी मा ये सपना नही है

( अभय 4 साल इसी पल के लिये बहोत तरसा था आसा ही सुबह रोज अभय को प्यार से उठाती थी तभी अभय उठता था अभय को ये सपना लग रहा था)

अभय अपनी मा को देख - मुझे लगा सपना है
आसा अपने बेटे के दर्द को अच्छे से समझ सकती थी कियुंकी उसे भी आसा सब उठी तो सपना लग रहा था

आसा अभय के चेहरे को पकर अभय के आसु साफ करते हुवे - मेरे लाल ये सपना नही सच है

अभय चारो तरफ देख हा


आसा - जा अब रेडी हो जा
अभय - ठीक है मा

अभय कमरे से बाहर निकल आता है

आसा अभय को जाते देख मन मे - मेरे लाल तुम्हारे दर्द को मे समझ सकती हु हमारा भी वही हाल था

अभय सीधा अदिति के कमरे मे जाता है दरवाजा खुला था अभय अंदर जाता है तो देखता है अदिति नाईट गाउन पेहले आराम से सो रही थी अदिति के गाउन भी उपर उठे हुवे था


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अदिति के खूबसूरत दूध जैसे जांघे साफ दिख रही थी अदिति कमाल की कयामत लग रही था हो भी कियु ना हो आसा ने जो निकाला है खूबसूरती बॉडी सब कुछ आसा से ही तो अदिति को मिला है

अभय अदिति के खूबसूरत चेहरे को देखते हुवे मन मे - मेरी गुरिया कितने आराम से सो रही है कितनी खूबसूरत लग रही है सोते हुवे
अभय जाके अदिति के पास बैठ गालो पे किस करते हुवे


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अभय - उठ जा मेरी प्यारी गुरिया सुबह हो गई है
अपने भाई की आवाज सुन अदिति मुस्कुराते हुवे आखे खोल अभय को देखती है

अभय मुस्कुराते हुवे - जान बुझ कर सोने का नाटक कर रही थी
अदिति अभय को देख - भाई आपको पता है ना आप हि मुझे रोज सुबह जगाते थे तभी मे उठती थी जैसे मा आपको जगाती है तब आप उठते है

( हा आसा के जगाने पे हि अभय उठता था और अभय के जागने पे अदिति यही होता आ रहा था जब तक अभय का किडनैप नही हुवा लेकिन अभय के आने के बाद ये सिलसिला फिर सुरु हो चुका हो )

अभय - हस्ते हुवे चल उठ जा मुझे भी रेडी होने जाना है

अदिति उठ कर अभय के गालो पे किस करते हुवे - उठ गई मे

दोनों बाहर आते है अदिति अपने काम पे लग जाती है अभय दिशा के कमरे के दरवाजे पे जाके खरा होते हुवे

अभय - भाभी किया कर रही है आप
अंदर से दिशा - देवर जी रेडी हो रही हु
अभय हस्ते हुवे - मे आ जाऊ आपको रेडी करवा दूगा


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दिशा जो रेडी हो रही थी अभय की बात सुन सर्म से लाल हो जाती है
दिशा - देवर जी सुबह सुबह मस्ती हा अंदर आये तो बहोत मार पड़ेगी आप को
अभय हस्ते हुवे - ना बाबा ना मुझे मार रही खानी मे जा रहा हुई आप रेडी हो जाइये ( अभय निकल परता है

दिशा रेडी होते हुवे हस्ते हुवे - देवर जी भी बरे नटखट है

अभय खेतो से होते हुवे 10 मिनट की दुरी पे एक छोटा सा नदी था वही जाके हल्का होता है फिर घर की तरफ निकल परता है

अभय चलते हुवे मन मे - गाव की सबसे परी प्रोबलम बाथरूम का है मर्द तो खुले मे कर लेते है लेकिन लेडिस् को अंधेरा होने से पेहले उठना परता है मुझे जल्दी ही कोई अच्छी जगह वहा सांती हो एक बंगलो को देखना होगा पैसे हो तो गरीबी मे कियु किये और हा पवन अंकल के हिस्से के पैसे भी तो उसने परिवार के पास देने जाना है लेकिन (अभय रुक जाता है )मे कैसे उनको ये बताऊगा पवन जी नही रही अभय फिर चलना सुरु करता है लेकिन मुझे ये करना ही होगा


अभय घर आ जाता है दिशा खाना बनाने मे लगी हुई थी अदिति कमरे मे रेडी हो रही थी आसा अपने कमरे मे थी

अभय दिशा को देख हस्ते हुवे - मेने कहा था रेडी होने मे मदद करता हु लेकिन आप तो मारने की धमकी दे दी

दिशा अभय की बात सुन अभय की तरफ देख अपना बेलन दिखाते हुवे

दिशा - लगता है मेरे देवर जी को आज सुबह सुबह मार खानी है
अभय जल्दी से अपने कमरे मे भागते हुवे - ना बाबा मे जाता हु

दिशा अभय को भागता देख हसने लगती हैं

अदिति भी रेडी होकर बाहर आती है और दिशा को देख

अदिति - भाभी भाई ने सही तो कहा था भाई थोरा मदद कर देते तो किया हो जाता ( अदिति ने अभय दिशा की बात सुन ली थी )

दिशा अदिति की बात सुन मुह पे हाथ रखते हुवे हाय

दिशा अदिति के पास जाके अदिति के कान पकरते हुवे

दिशा - अच्छा ननद जी मुझे केह रही है खुद अंदर रेडी हो रही थी तो कियु ना बुला लिया अपने प्यारे भाई को देवर जी मदद कर देते

अदिति आह करते हुवे - मे अकेले ही तैयार हो सकती हु अब मेरा कान छोरिये दर्द हो रहा है

दिशा - वाह आप अकेले तैयार हो सकती है मे नही बहोत तेज है आप

दिशा अदिति के कान छोर देती है अदिति अपना कान मलते हुवे हाय मेरी प्यारी कान

तभी अभय टवेल लेके बाथरूम मे नहाने चला जाता है कुछ देर बाद नहा के बाहर आता है तो दिशा अदिति की नजर अभय पे जाती है
लेकिन जब दोनों अपनी नजर नीचे कर देखते है तो देखते ही रेह जाते है अभय का 6 पैक बॉडी दोनों के सामने था


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दिशा अभय के 6 पैक बॉडी को देख मन मे - बाप रे देवर जी ने मिया बॉडी बनाई है मस्त
वही अदिति तो भागते हुवे अभय के पास जाके अभय की बॉडी को टच करते हुवे
अदिति - भाई किया गज़ब बॉडी बनाई है आपने आप तो कमाल लग रहे है
अभय - हस्ते हुवे वो तो है
अभय मन मे - सालों मे जबरदस्ती ट्रेनिंग करवाई थी लेकिन किसी पता था सब ट्रेनिंग मेरे काम आयेगी मुझे ही फायेदा मिलेगा

अभय अदिति से - ठीक है गुरिया मे रेडी होके आता हु
अदिति - ठीक है भाई

अभय कमरे मे रेडी होने लगता है अभय रेडी हो चुका था तभी कमरे मे आसा आती है

अभय पीछे मुर देखता है तो देखता ही रेह जाता है आसा लाल सारी मे कहर धा रही थी होंठो पे लाल लिबिस्टिक ब्लाउस मे कैद सो अनमोल गोरे गोरे चुचे आधा साफ दिख रहे थे आसा की कमर हाय गेहरि धोरी नही दिख नही थी लेकिन आसा की कमर साफ जितनी दिख रही थी उतना की काफी था


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आसा कयामत लग रही अभय अपनी मा को इस रूप मे देख पेहली बार अभय का दिल धक कर रुक जाता है अभय सब भूल आसा को ही देखे जा रहा था आसा आज अपने उपर ध्यान दिया था आज आसा सजी सवरि थी आसा ये नोटिस कर लेती है अपने बेटे को अपने आप को ऐसे देखता देख आसा को सर्म आने लगती है

आसा अभय को देख - बेटा कहा खो गया
अभय होस मे आते हुवे - कही नही मा

अभय चलते हुवे आसा के पास जाके आसा को देख
अभय - मा उमर के साथ लोग बूढ़े होते जाते है खूबसूरती घटती चली जाती है लेकिन आप तो बढ़ती उमर के साथ और जवान खूबसूरत होती जा रही है

अपने बेटे के मुह से ऐसी तारीफ सुन आसा सर्म से लाल हो जाती है
आसा अभय को देख शर्मा के - सच मे खूबसूरत लग रही हु
अभय - आप की कसम मा आप बहोत ही खूबसूरत और h ( अभय मन मे मे ये किया बोलने जा रहा था मा है वो मेरी )

आसा अभय को बीच मे रुकता देख - आगे किया बेटा
अभय बात को बदलते हुवे
अभय - और आप बहोत जवान लग रही है
आसा - हस्ते हुवे तुम भी ना बेटा
अभय अपनी मा के हाथ पकर - मे अपनी खूबसूरत मा के साथ डांस करना चाहता हु करेगी आप मेरे साथ डांस

आसा पूरी तरह हैरान परेसान होते हुवे
आसा - बेटा ये तु किया बोल रहा है मुझे डांस करना नही आता
अभय - हस्ते हुवे मुझे कोन सा आता है बस फिल्मो मे देखा था वैसे ही करेगे ठीक है

आसा सर्म से लाल होते हुवे - ठीक है मे अपने लाल के साथ डांस करुगी
अभय - ठीक है मा मे जैसा कहुंगा जैसा करना ठीक है
आसा शर्मा के - ठीक है बेटा
अभय अपनी मा के उंगली मे अपनी उंगली मिला के हाथ का पकर आसा को देख
अभय - मा जैसा मे करुगा वैसा ही करना
आसा शर्मा के ठीक है
अभय अपना पैर दाय बाय करते हुवे हिलने लगता है आसा अभय जैसा कर रहा था वैसे ही देख करने लगती है दोनों एक दूसरे के हाथो को अपने एक दूसरे से सत् डांस करने लगते है


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अभय आसा को देख - मा आप तो बहोत अच्छा कर रही है एक बार मे ही देख कर
आसा अभय को सर्म से लाल हुवे - लेकिन बेटा मुझे बहोत सर्म आ रही है
अभय - किया आपको अच्छा नही लग रहा
आसा जल्दी से - नही मेरे लाल मुझे सर्म आ रही है लेकिन उसी के साथ मुझे अपने बेटे के साथ डांस करने मे मजा भी आ रहा है ये पेहली बार है लेकिन ये एहसास ये पल बहोत प्यारा है जिसे मे भुलुगी नही कभी
अभय आसा को देख - मे भी नही भुलुगा कभी कियुंकी मेने पेहला डांस अपनी खूबसूरत मा के साथ जो किया है
आसा सर्म से नजरे किये हुवे - तुम भी ना मेरे लाल
आसा मन मे -मेरा पेहला डांस इस उमर मे बेटे के साथ सच कहु तो बहोत खुश हु अपने बेटे के साथ डांस कर के दिल को सुकून मिल रहा है और खुशी भी

2 मिनट बाद अभय रुक जाता है और अपने मा के हाथो पे किस करते हुवे

अभय - सुक्रिया मेरी खूबसूरत मा मेरे साथ डांस करने के लिये
आसा को अपने बेटे पे बहोत प्यार आता है आस अभय को बाहो मे लेके - मुझे भी बहोत मजा आया मेरे लाल तुम्हारा थैंक्स ये पल खुशी देने के लिये

तभी दोनों को तेज तालियां बजाने की आवाजे सुनाई देती है दोनों हैरानी से चौक कर दरवाजे की तरह देखते है तो अदिति दिशा टुकुर टुकुर देख तालियां बजा रहे थे आसा तो दोनों को देख सर्म से लाल अभय के सीने पे अपना चेहरा छुपा लेती है

असल मे अदिति कमरे मे आ रही थी अंदर अभय आसा को डांस करता देख हैरान और चौक भी गई थी फिर अफीति दिशा को भी बताती है तो दिशा भी आके देखने लगती है

अदिति अंदर आते हुवे - सच कहु तो भाई मा आप दोनों डांस करते हुवे कमाल के लग रहे थे और डांस भी कितना अच्छा कर रहे थे

आसा अदिति की बात सुन अदिति को देखने लगती है

दिशा - मा देवर जी सासु मा ननद जि सही कह रही है आप दोनों मस्त डांस कर रहे थे और साथ मे अच्छे भी दिख रहे थे

दोनों की बात सुन आसा को बहोत सर्म भी आ रही थी उसी के साथ अच्छा भी लग रहा था आसा अभय से दूर होकर जाते हुवे

आसा - मे जा रही हु तुम सब बाते करो ( आसा चली जाती है)

अदिति अभय के पास आके भोला सा मुह बना के प्यार से

अदिति - भाई मुझे भी आपके साथ डांस करना है

अभय अदिति को बाहो मे लेके - बाद मे करेगे गुरिया पक्का ( अभय दिशा को देख ) भाभी के साथ भी डांस करुगा

दिशा अभय को देख जिब दिखाते हुवे - देवर जी सपने मे करना डांस मेरे साथ मे तो चली ( दिशा जिब दिखा के चली जाती है)

अभय सभी की सुबह बहोत अच्छा बना दिया था मस्ती मजाक प्यार से और सभी खुश भी थे और अभय यही चाहता भी था


( सुबह 10 बजे )

खाना खाने के बाद आगन मे सभी बैठे हुवे बाते कर रहे थे तभी बाहर से किसी की आवाज आती है ( कोई घर पे है)

आवाज सुन आसा अभय अदिति बाहर आके देखते है तो आसा अदिति हैरान और उसी के साथ घबरा भी जाते है बाहर एक हवलदार खरा था हवलदार कुछ केहता उससे पेहले अभय हवालदार को देख

अभय - मैडम ने बुलाया है ना आप चलिये मे आता हु
हवलदार हैरानी से अभय को देख मन मे - इसे कैसे पता चला मैडम ने बुलावा भेजा है

हवलदार अभय को एक नजर देखता है फिर - ठीक है जल्दी आ जाना ये केह चला जाता है

अभय अपनी मा बेहन को लेके अंदर जाता है अंदर जाते ही आसा अभय के हाथ पकर अभय को देख डरते हुवे

आसा - बेटा ये पुलिस कियु आई थी यहा और तुम्हे कियु बुला रहे है
अदिति - मुझे भी बहोत डर लग रहा है भाई
दिशा आते हुवे - कोन था बाहर ननद जी
अदिति दिशा को देख - भाभी पुलिस आई थी

अदिति की बात सुन दिशा भी घबराते हुवे - पुलिस लेकिन पुलिस यहा कियु आई थी

आसा - मेरे लाल को बुलाने
दिशा - हैरानी से लेकिन कियु

अभय सभी को सांत कराते हुवे - आप लोग बेवजह पुलिस को देख डर जाते है मुझे पता था मैडम मुझे बुलाया जरूर भेजेगी

आसा - लेकिन कियु बेटा
अभय सभी को देख - अरे जायदा कुछ नही बस पूछ ताछ करेगी मे कहा था किसने मुझे किडनैप किया कैसे मे भाग कर आया बाकी सब आप लोग बेकार मे ही डर रहे है मे गया और आया

आसा - अच्छा तो ये बात है तो ठीक है
अभय आसा को देख - हा मा बस यही है जाते जल्दी आ जाउंगा

अभय कमरे मे जाके बैग से dp devil का फाइल निकाल सत् के अंदर दाल बाहर आता है और सभी को देख

अभय - ठीक है आप सभी टेंसन मत लो मे जल्दी ही आ जाउंगा

आसा अदिति दिशा सर हिला के - ठीक है

अभय फिर बाहर आके बाइक पे बैठ पुलिस इस्टेशन निकल परता है


( पुलिस इस्टेशन )

अंदर अपने ऑफिस मे नितिका बैठी फाइल देखने मे लगी हुई थी तभी ऑफिस के दरवाजे पे हवालदार आते हुवे

हवालदार - मे अंदर आ सकता हु मैडम

नितिका बिना देखे फाइल को पढ़ते हुवे - आ जाओ
हवालदार - अंदर आके नितिका को देख आपने जो कहा मेने उस लरके को केह दिया है आपने बुलाया है वो जल्दी ही आ जायेगा

नितका अपनी नजर उपर कर हवालदार को देख - अच्छा काम किया अब तुम जा सकते हो

हवालदार - वो मैडम उस लरके को पेहले से ही पता था आप उसे बुलायेगी

नितिका हैरानी से हवालदार को देखती है और फिर - ठीक है समझ गई

हवालदार फिर बाहर आ जाता है

नितका फाइल नीचे रख अपने हाथो को जोर - तो उसे पता था कही जिसने मुझे फोन कर बताया dp devil के बारे मे ये वही तो नही है दूसरा ये नॉर्मल है किसी को भी पता होगा ऐसे हालत मे पुलिस बुलावा भेजती है लेकिन मुझे ये जानना है आखिर कोन है जिसने dp devil को मारा और उसके सम्राजय को तबाह किया मेरे सारे सवाल का जवाब ( नितिका अभय की फोटो देख) ये लरका ही दे सकता है


( आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏🙏
Update 👌 👌
( Chapter 10 )

पुलिस स्टेशन

अभय पुलिस स्टेशन आके अंदर जाता है एक हवालदार जाके नितिका को

हवालदार - मैडम वो लरका आ गया है
नितिका - ठीक है अंदर भेजो
हवालदार जाके अभय को देख - तुम अंदर जा सकते हो
अभय बिना देरी किये अंदर चला जाता है अंदर अभय नितिका को चेयर पे बैठे देखता जो बहोत ही खूबसूरत लग रही थी

नितिका अपनी नजर अभय की तरफ कर अभय को देख बैठने के लिये केहती है अभय एक नजर नितिका को देख फिर बैठ जाता है

नितिका - तुम ही हो ना अभय जिसका किडनैप 4 साल पेहले हुवा था

अभय - आपने सही कहा मे ही हु अभय
नितिका अभय को देख - तो तुम्हे पता होगा मेने तुम्हे कियु बुलाया है
अभय - जी मुझे पता है
नितिका अभय को गौर से देखती है फिर
नितिका - तो किया तुम मुझे पता सकते हो तुम्हे किडनैप कैसे गया और 4 साल कैद मे रेहने के बाद तुम dp devil के कैद से भाग कर कैसे आये मे जानने के लिये बेचैन हु उस समय तुम 15 साल के एक बचे थे तो वही dp devil एक शैतान जिसने कई बच्चो को किडनैप कर गलत काम करवाता था मे वहा dp devil के ठिकाने पे गई थी इतनी टाइट सिक्रोटि के होते हुवे कैसे तुम भागने मे कामयाब हुवे और तो और तुम ही पेहले हो जो dp devil के कैद से भागने की सोची हिम्मत दिखाई और तुम कामयाब भी हो गये कैसे हाव

अभय अपने दोनो हाथो की उंगली को आपस मे जोर नितिका को देखता है नितिका अभय को देखती है जवाब के उमीद मे अभय एक गेहरि सास छोरता

अभय - अपनो का प्यार
नितिका कंफ्यूज नजरो से अभय को देख
नितिका - मतलब मे समझी नही
अभय नितिका की आखो मे देख - मेरी मा बेहन भाई इनके प्यार ने हि मुझे हिम्मत दी जब मुझे किडनैप कर वहा ले जाया गया तो एक 1 महीने तक रोता रहा डर कर रेहता था लेकिन फिर अचनाक् मुझमे हिम्मत आ गई मे उस कैद मे रेह कर जीना नही चाहता था मेने फैसला कर लिया मुझे अपनो के पास जाना अपनी मा भाई बेहन के पास जाना है बस मेने उस दिन से रोना डरना बंद कर प्लान बनाया और मोक्का मिलते ही भाग आया

नितिका पूरी तरह से हैरान ही अभय की बात सुन और ये सोच की एक 15 साल के बच्चे ने उस समय इतनी हिम्मत दिखाई

नितिका - तुम्हे डर नही लगा तुम पकरे जाते तो मारे जाते
अभय नितिका को देख मुस्कुराते हुवे - डर नही लगा कियुंकी मेने फैसला कर लिया था या तो भाग कर अपनी मा बेहन भाई के पास अपने घर जाउंगा या भागते हुवे मारा जाउंगा लेकिन मुझे कैद मे कातिल बन नही जीना था

नितिका और हैरान हो जाती है अभय की बात सुन

नितिका अभय को गौर से देखते हुवे मन मे - मानना परेगा मौत से सब को डर लगता है लेकिन ये लरका उस समय सिर्फ 15 साल का था लेकिन फिर भी मौत से डरा नही इसे अपनो के पास जाना था पता नही उसके और उसके मा बेहन भाई के बीच कितना प्यार होगा की इसके अंदर इतनी हिम्मत आई और मौत से भी नही डरा केहने को मे पुलिस इंस्पेक्टर हु लेकिन मुझे भी मौत से डर लगता है


नितिका सोच से बाहर आते हुवे अभय को देख

नितिका - लेकिन तुमने ये सब कैसे किया मेरा मतलब है
अभय बीच मे ही - आपके केहने का मतलब मे कैसे भाग कर आया जबकि dp devil के कैद से भागना नामुमकिन था

नितिका - करेक्ट

अभय पवन अंकल के बारे मे बताता है कैसे उसने पवन अंकल से मदद मांगी फिर उसे जेहर का तोर मिला और कैसे भागते वक़्त खुद dp devil को लेके मरे

अभय - पवन अंकल नही होते तो सच ये है हम कभी उस कैद से निकल ही नही पाते उन्होंने खुद अपनी जान देदी ताकि dp devil हमारे पीछे ना आये पवन अंकल ही थे जिन्होंने मुझे आपके बारे मे बताया उसकी वजह से ही आज dp devil मारा गया मे या जीतने लोग उस कैद मे थे वहा से निकल अपने घर अपने लोगो के पास लौट पाये

नितका और भी हैरान हो जाती है अभय की बात सुन कर

नितिका - अब मे सब समझ पा रही हु वैसे किया तुमने ही मुझे फोन कर बताया था dp devil के ठिकाने के बारे मे

अभय नितका को देख - हा मे ही था

अभय dp devil के फाइल निकाल नितिका को देते हुवे

अभय - पवन अंकल dp devil को लेकर मरे उन्होंने जो बम लगाये थे सिर्फ dp devil के ऑफिस मे ताकि बाकी लोगो कि जान ना जाये और ऐसा हुवा भी लेकिन dp devil के कई साथी वहा से भाग गये होगे लेकिन इस फाइल मे dp devil के कराइम् के साथ उनके साथी के पूरी लिस्ट है इसके जरिये बाकी dp devil के के साथी को आसानी से पकर पायेंगे

नितिका अभय से फाइल लेकर खोल कर देखती है तो पूरी तरह से हैरान परेसान हो जाती नितका फाइल नीचे रख अभय को देख

नितका - तुम्हारी सारी कहानी सुनने के बाद मे यही कहूगी पवन जी ने जो किया उनको सलाम लेकिन सबसे बरा हाथ तुम्हारा ही है अगर तुम हिम्मत नही दिखाते वहा से भागने कि तो सायद जो हुवा वो होता ही नही dp devil जिंदा होगा और तुम सब अभी भी उस कैद मे होते मे सरकार से

अभय बीच मे रोकते हुवे - नही उसकी जरूरत नही है मे बस चाहता हु पवन अंकल के बारे मे पूरी दुनिया जाने और हर वो मा बाप बेहन भाई को पता चले जब उनके अपने dp devil के कैद मे थे लेकिन आज वो उनके साथ है तो सिर्फ पवन अंकल कि कुर्बानी की वजह से भले ही मेने हिम्मत दिखाई लेकिन लेकिन सच ये है पवन अंकल के बिना हम अपने घर अपने लोगो के पास नही होते

नितका गौर से अभय की बात सुन देख रही थी
नितिका मन मे - किया लरका है इतना इमानदार दयावान हिम्मत वाला हैंडसम बॉडी ( अरे ये मे किया बोल सोच रही हु) चाहता तो सब केरिडेट खुद रख सकता था लेकिन उसने सब केरिडेट पवन को दे दिया

अभय - मैडम बस आप इतना कर देना अब मे चलता हु
अभय उठ कर जाने लगता है
नितका सोच से बाहर आके अभय को रोकते हुवे
नितका अभय को देख - सुनो अगर मुझे और कुछ पूछना हो तो

अभय - मुस्कुराते हुवे मे आ जाउंगा

अभय फिर बाहर निकल आता है और बाइक पे बैठे घर की तरफ निकल परता है

नितिका अभय के जाने के बाद मन मे - मुझे किया केहना है बोलना है पेहले ही ससमझ जाता है कमाल है बरा इंट्रेस्टिंग लरका है


अभय बाइक से घर की तरफ आ रहा था तभी अभय की नजर आगे ठोरी दूर जाती है तो देखता है कुछ 5 लरके एक लरकी को रोक कर छेर रहे था

असल मे अभय जहा था वहा दोनों तरफ खेत थे लोग भी बहोत कम थे जो अपने खेतो मे काम करने मे लगे हुवे थे लरके भी ऐसे जगह का फायेदा उठा रहे थे ताकि बीच मे कोई ना आये

अभय ये देख गुस्से मे आ जाता है अभय सीधा लरकी के पास ही बाइक रोक नीचे उतर लरको को देखता है

लरकी अभय को देख उसके सास मे सास आती है लरकी जल्दी से अभय के पीछे जाके चुप जाती है

अभय लरकी को देख - तुम बताओ यहा किया चल रहा है
लरकी अभय के पीछे से ही अभय को देख - भईया ये सब मुझे अकेले देख मुझे छेर रहे थे

अभय लरको को गुस्से से देख - कियु बे कमीनो लरकी को अकेले देख छेरते हो

लरका 1 बॉस अभय को देख - अबे साले

अभय तक तक उस लरके के पेट मे जोर से घुसा दे मारता है लरका नीचे गिर दर्द से चिलाने लगता है बाकी लरके अभय के एक्शन देख डर कर भाग जाते है

अभय नीचे बैठ लरके के बाल पकर आखो मे देख - दुबारा अगर मेने तुम्हे किसी लरकी को छेरते देखा तो मे अगली बार तेरी टांग ही तोर दूंगा

लरका दर्द मे पेट पकर रोते हुवे अभय को देख - मा कसम भाई आज के बाद मे कभी भी ऐसा नही करुगा

अभय - यही तेरे लिये अच्छा होगा चल निकल यहा हो

लरका पेट पकर जल्दी से उठ भाग जाता है

अभय फिर खरा होके लरकी के पास जाता है और लरकी को देखता है लरकी बहोत खूबसूरत थी मस्ती बॉडी थी बड़े चुचे बाहर निकले गांड पतली कमर बोले तो उपर नीचे आगे पीछे सब परफेक्ट


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लरकी अभय को देखते हुवे - थैंक्स भईया आप नही होते तो पता नही वो लरके किया करते मेरे साथ
अभय लरकी को देख - उसकी कोई जरूरत नही है उसके बदले ( अभय अपना गाल आगे कर) मुझे गाल पे किस दे सकती हो

( नोट अभय की ये बरी आदत है अभय को थैंक्स सुनना पसंद नही है लरका हुवा तो रोक देता है लरकी औरत हुई तो भाई को गालो पे किस ही चाहिये होता है )


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अभय की बात सुन पेहले लरकी हैरान होती है फिर शर्मा के अभय को देखती है फिर धीरे से गुलाबी होठों से अभय के गाल पे किस कर सर्म से नजरे नीचे कर लेती है लरकी का ये पेहली बार था कि उसने किसी लरके के गालो पे किस किया था

अभय लरकी को देख - तुम्हे बुरा तो नही लगा गाल पे किस मांगी तो वो क्या है ना मेरी सबसे बुरी आदत है मे अपने आप को रोक नही पता

अभय मन मे -कही ऐसा हो यही आदत किसी दिन मुझे मार खिलवा कर मारेगी

लरकी नजरे नीचेकर सर्म से - नही भईया मुझे बुरा नही लगा
अभय लरकी को देख - अच्छा ये बताओ तुम्हारा नाम किया है और तुम यहा किया कर रही थी

लरकी अभय को को देख - मेरा नाम मधु है भईया और मे यहा खेतो से आ रही थी मा खेतो मे गई है ना इस लिये

अभय - अच्छा ये बात है तुम इसी गाव की रहने वाली हो
मधु - जी भईया ( मधु आगे उंगली से इसारा कर ) आप वो बरगद का पेर देख रहे है वही मेरा घर है

अभय आगे देखता है तो थोरि दूर पे बरगद का पेर था

अभय - अच्छा समझ गया चलो तुम्हे घर छोर देता हु
अभय बाइक पे बैठ बाइक चालू करता है और मधु को देख

अभय - देख किया रही हो बैठ जाओ
मधु - जी जी भईया

मधु बाइक पे दोनों पैर एक तरफ कर बैठ जाती है अभय आईने से मधु को देखता है तो अभय को मधु के चेहरे पे डर दिखाई दे रहा था

अभय मुस्कुराते हुवे - मे तुम्हे गुरिया कहुंगा तो चलेगा ना
अभय की बात सुन मधु को ऐसा फिल होता है की अभय उसका अपना भाई है जो प्यार से उसे गुरिया बुला रहा है मधु को अभय के मुह से गुरिया सुन अच्छा फिल होता है

मधु थोरा इमोसनाल होके - जी भाई आप मुझे गुरिया केह सकते हो मुझे खुशी होगी

अभय मधु के इमोसनाल चेहरे को देख कुछ समझ नही पाता

अभय - ठीक है गुरिया तो तुम एक काम करो दोनों तरफ पैर कर बैठ जाओ और मुझे कस कर पकर देना ठीक है

मधु - जी भाई समझ गई
मधु फिर दोनों तरफ पैर कर बैठ जाती है और अभय को दोनों हाथो से कस कर कर पकर पुरा अभय से चिपक जाती है ठोरी भी जगह नही थी बीच मे


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मधु को बहोत सर्म आ रही थी मधु को पता था उसके बरे चुचे अभय से चिपके है और अभय को साफ फिल हो रहा होगा उसी के साथ मधु का ये पेहला एहसास था किसी लरके मे अपनी बॉडी को टच कराने का किसी लरके के से पुरा बॉडी चिपका कर बाइक पे बैठने का इस लिये मधु को बहोत सर्म आ रही थी

वही अभय अपना उसके दिमाग में कोई गंदी फीलिंग आ ही नही रही थी अभय को मधु के शरीर की गर्मी चुचे सब फिल हो रहे थे उसके बाद भी

अभय आईने मे मधु को देख - अब तू तुम्हे डर नही लग रहा है ना
मधु हैरानी से - आप को कैसे पता चला मुझे डर लग रहा था बाइक पे बैठने से

अभय - हस्ते हुवे तुम्हारे डरे चेहरे को देख कर
मधु शर्मा के - वो भाई किया है ना आज से पेहले मे बाइक पे नही बैठी हु इसी लिये डर लग रहा था लेकिन अब आप कोई कस के पकर बैठी हु तो अब डर नही लग रहा

अभय हस्ते हुवे - मुझे लगा ही था तो अब चले
मधु -जी भाई चलिये


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अभय बाइक लेकर निकल परता है बाइक तेजी से आगे बढ़ रही थी मधु अभय से चिपकी हुई थी मधु को मजा आ रहा था अच्छा फिल भी हो रहा था बाइक पे बैठ कर


अभय फिर मधु के घर पहुँच जाता है मधु बाइक से नीचे उतर अभय के सामने खरा होके अभय को देख

मधु - भाई अंदर आइये ना पानी पीके जाना आप
अभय - नही गुरिया अगली बार
मधु - उदास होते हुवे किया आप को इस गरीब के घर आने मे

असल मे मधु के घर की हालत बहोत खराब थी अभय यानी मधु की लाइफ बुरी चल रही थी और अभय तो मधु के कपड़े देख ही समझ गया था फटे पुराने कपड़े

अभय बाइक से उतर मधु को गले लगा के - पागल ऐसा नही है गरीब होना कोई पाप नही है अच्छा चलो मे चलता हुई

मधु खुश हो जाती है और अभय का हाथ पकर अंदर ले जाती है और अभय अंदर जाके एक खाट पे बैठ जाता है


मधु अभय के लिये पानी लाती है अभय पानी पिता है मधु अभय के पास बैठ जाती है अभय मधु को देख

अभय - ये बताओ घर मे कोन कोन है
मधु अभय को देख दुखी आवाज मे - मा पापा और मे
अभय समझ जाता है मधु कियु इमोसनाल हो गई थी

अभय खरा होते हुवे - ठीक है गुरिया मे जाता हु
मधु खरा होते हुवे - इतनी जल्दी जा रहे है भाई
अभय मधु को गले लगा के - तूने मुझे भाई कहा हो तू आज से मे तेरा भाई तु मेरी गुरिया लेकिन मुझे जाना होगा घर पे मेरा सब इंतज़ार कर रहे होगे लेकिन मेरा वादा हो हर रोज मे तुमसे मिलने आते रहुंगा

अभय की बात सुन मधु खुशी के मारे रोने लगती हो और अभय को कस पे पकर रोते हुवे

मधु - आप सच केह रहे हो आप मुझसे मजाक तो नही कर रहे
अभय मधु के चेहरे को पकर - सच्ची कसम से अब रोना बंद करो
मधु अपने आसु साफ कर - ठीक हो अब मे नही रोऊगी कियुंकी मुझे मेरा भाई मिल गया है
अभय मुस्कुराते हुवे - अब मे जाऊ
मधु रुकिये ( मधु अभय की गाल पे किस कर) अब जाइये
अभय मुस्कुराते हुवे - किसी मीठी थी
मधु - शर्मा के आप भी ना भाई

अभय फिर बाहर आके बाइक पे बैठ जाता है मधु भी वही खरी थी अभय मधु को देख - ठीक है गुरिया मे जा रहा हु अपना ख्याल रखना
मधु - जी भाई आप भी

अभय बाइक लेकर निकल परता है अपने घर

मधु अभय को जाते देख - किसने सोचा था आज मुझे मेरा भाई मिल जायेगा कई बार लरके मुझे छेरने कि कोसिस करते थे मे कैसे भी भाग जाती थी तब मे हमेसा यही सोचती थी काश मेरा भी बरा भाई होता तो मुझे उन कमीने लरको से सभी से मुझे बचाता लेकिन आज वो सब सच होता गया ( मधु की आखो मे खुशी के आसु थे)


अभय अपने घर आता हो और जब अंदर जाता है तो आसा कमरे से बाहर आते हुवे अभय को देख

आसा - केह कर गया था ठोरी देर मे आ जाउंगा और अब आ रहा है

अभय आसा के पास जाके बाहों मे लेके - मेरी प्यारी खूबसूरत मा आप कियु नाराज होती है कभी कभी देरी हो जाती है
आसा अभय को देख मुह फुला के - बस बहाना मारता रेहता है
अभय आस के गाल के किस करते हुवे - मान भी जाओ मेरी प्यारी मा
अदिति कमरे से बाहर आते हुवे - मान जाइये मा भाई इतने प्यार से जो केह रहे है देर जो जाती है कभी कभी

आसा अदिति को देख - आ गई भाई को लाडली अपने भाई कि साइड लेने
अदिति अभय के पास आके अभय कि बाहों का पकर आसा को देख

अदिति - हा हु मे अपने भाई कि लाडली और मे भाई का हमेसा साथ दुगी
आसा - वोतो मुझे पेहले से ही पता है भाई कि लाडली ( आसा अभय को देख) अब मुझे कबतक बाहो मे पकर कर रखेगा


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अभय आसा को प्यार से देख - मेरा बस चले मे आपको जिंदगी भर बाहों मे पकर रखू

आसा हस्ते हुवे - बरा आया छोर मुझे कई काम करने बाकी है
अभय आसा को छोरते हुवे - ठीक है अभी छोर रहा हुई बाद मे फिर पकर लुगा

आसा के गालो पे किस कर हस्ते हुवे - पकर लेना रोका किसने है

आसा फिर अपने काम पर लग जाती है अभय आदिरी को देख

अभय - मेरी गुरिया किया कर रही थी
अदिति अभय को देख - अभी तो कुछ नही ना आगे कुछ दिन कुछ करने वाली हु कियुंकी मुझे सिर्फ आपके साथ रेहना है बाते करना है घूमना है

अभय अदिति को बाहों मे कस - अच्छा ऐसा हो किया
अदिति अभय के गालो पे किस करते हुवे - हा भाई ऐसा ही है

अभय हस्ते हुवे - ठीक है फिर मुझे भी अपनी गुरिया के साथ वक़्त बिताना है बाते करनी है मस्ती करनी हो हम करेगे भी ठीक है

अदिति खुश होते हुवे - ये हुई ना बात भाई

अभय - ठीक है गुरिया मे भाभी से बात कर के आता हु
अदिति - ठीक है भाई

अभय फिर दिशा के कमरे मे आता है दिशा बिस्तर पे लेती हुई थी

अभय अंदर आते हुवे - मेरी खूबसूरत भाभी किया कर रही है

अभय की आवाज सुन दिशा अभय की तरफ देख

दिशा - अरे देवर जी आइये बैठिये था

दिशा भी उठ कर बैठ जाती है अभय दिशा के पास जाते बैठ जाता है

अभय दिशा को देख - अब टिक है मुझे आप का खूबसूरत चेहरा देखने को मिल रहा है

दिशा अभय को देख हस्ते हुवे - मेरे प्यारे देवर जि ने कहा था तो मे कैसे उनकी बात ना मानती

अभय - थैंक्स भाभी मेरी बात रखने के लिये
दिशा - ऐसा मत बोलिये

अभय - वैसे मे ये केहने आया था हम शोपिंग पे चलेंगे साम को ठीक है

दिशा हैरानी से अभय को देख - अच्छा लेकिन मुझे नही जाना आप सासु मा ननद जी चले जाना मुझे कुछ नही चाहिये

अभय हैरान होते हुवे - आप को चलना ही होगा नही तो मे आप से बात नही करुगा

अभय की बात सुन दिशा इमोसनल होते हुवे

दिशा - आप मुझसे बात नही करेगे
अभय इमोसनल होते हुवे - आप आप मेरी बात नही मानेगी
दिशा - अच्छा बाबा चलुंगी लेकिन मे लुंगी किया सब तो है
अभय दिशा को देख हस्ते हुवे - अच्छे नये कपड़े लेगे और आप अंदर के कपड़े भी मैच मैच भी ले लेना

दिशा अभय की बात समझ नही पाती लेकिन जब समझ मे आता है दिशा अभय को देख बेशर्म लेकिन तब तक अभय जल्दी से भाग जाता है

दिशा अभय को जाते देख - कहा भाग रहे ही देवर आइये ना मे कुछ नही कहूगी
अभय बाहर से - ना ना ना मुझे पता है आप मेरी धुलाई कर देगी

दिशा मुह पे हाथ रख सर्म से लाल होते हुवे - देवर जि नटखट मजाकिया है मुझे पता था लेकिन कितने बेसर्म है देवर जी आज पता चला गंदे देवर

( साम 3 बजे )

अभय ने सभी को केह दिया था शोपिंग पे जायेंगे तो सभी रेडी हो चुके थे और आगन मे आ जाते है

आसा अभय के पास जाके - बेटा उसकी किया जरूरत है हमारे पास कपड़े तो है ही ना

अभय - मा सब पुराने हो गये हो मेरे पास पैसे है तो मे भला आप सब को पुराने फटे कपड़े कैसे पहनने दे सकता हु

अदिति अभय के बाहों को पकर - भाई ने कहा है तो चलना ही है
दिशा - हस्ते हुवे हा हा भाई की लाडली
अदिति दिशा को जिब दिखा के - हा हु तो
दिशा हस्ते हुवे - बच्ची ही है अभी आप

अभय सब देख ठीक है चलते है बिना देरी किये

अभय बाइक नही लेता कियुंकी चार लोग जा नही सकते थे अभय सभी मैन रोड पे आके रिस्का पकर पास के मॉल मे आ जाते है सभी मॉल के बाहर खरे थे

अदिति मॉल को देख - आज पेहली बार इतने बरे मॉल मे जो भी शोपिंग करने जा रहे है मे तो बहोत खुश हु आज तो सब कुछ खरीद लुगी जो मुझे चाहिये

दिशा मॉल को देख - मेरा भी पेहली बार है ननद जी लेकिन मॉल देख लगता है अंदर कपड़े बहोत मेहगे होगे
आसा अभय को देख - बेटा हम हमेसा जहा लेते है वही कपड़े ले लेगे ना किया जरूरत है इतने बरे मेहगे मॉल मे जाने की
दिशा अभय को देख - देवर मम्मी जि सही कह रही है


सभी की बात सुन अभय मन मे - मेरे पास इतने पैसे है कि ये मॉल किया इससे बरी मॉल मे आप को ले जाऊ लेकिन फिल्हाल मुझे बहोत काम करने हो उसके बाद बरा घर गारी सब लूंगा

अभय सभी को देख - आप लोग कुछ जायदा ही सोच रहे ही चलिये अंदर जो लेना है खुल कर लेना पैसों की चिंता मत करना आप

अभय सभी को मॉल के अंदर लेके आता है अंदर मे मॉल बहोत ही बरा और खूबसूरत दिख रहा था अदिति आसा दिशा अभय भी सब पेहली बार मॉल मे आये थे इस लिये सब बहोत हैरान होते है


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अभय मॉल को देख मन मे - हम जैसे गाव के गरीब कई ऐसी जगह को बाहर से देख सकते है अंदर जाना और कुछ खरीदना दूर की बात है हमारी जिंदगी तो पूरा गाव मे ही गुजर जाती है लेकिन अब ऐसा नही होगा

अभय सब को देख चलिये चलते है सभी अभय के पीछे जाने लगते है


असल मे आसा अदिति दिशा थोरे नर्वस थे पेहली बार हो आये थे इतने बरे मॉल मे

अभय सभी को लेडीज सेक्सन मे लेके जाता है अंदर मे सब कुछ था
अंदर जाते ही एक सेल्स गिर्ल सभी के पास आके खरा हो जाती है

सर्ल्स गिर्ल आसा दिशा अदिति को देख - मैडम आप को किया चाहिये यहा सब कुछ मिलेगा हम आपकी पूरी मदद करेगे

अभय आगे आके दिशा मा के लिये खुद अच्छी सारी पसंद करता है और अदिति तो खुद लगी परी थी

अभय आसा के कान मे - मा लाल ब्लू कलर की नाइटी मे आप अच्छी लगेगी

आसा अभय को देखती है चेहरा सर्म से लाल हुवे परा था

आसा अभय को धीरे से - मेरे लाल ने कहा है तो जरूरु लुगी
अभय - थैंक्स मा

अभय दिशा के पास जाके अपने गांड से दिशा के गांड पे मारते हुवे

अभय - कियु भाभी ले लिया अंदर आ मैचिंग मैचिंग
दिशा सर्म से लाल अपने गांड से अभय के गांड पे मारते हुवे

दिशा - आपको उससे किया मे लू या ना आप को देखने मिलने वाला तो है नही

अभय दिशा के कान मे धीरे से - किया पता कभी देखने के लिये मिल जाये

दिशा हैरान सर्म से लाल अभय के कान पकर - आप बहोत नोटि होते जा रहे है

अभय - आह भाभी दर्द हो रहा है
दिशा अभय का कान छोरते हुवे - जाइये अपनी गुरिया को मैचिंग मैचिंग खरीद वाइये

अभय हस्ते हुवे - जा रहा हु लेकिन मैचिंग

तभी दिशा गुस्से से अभय को मारने दोरति है तो अभय भाग कर अदिति के पास आ जाता है

अदिति अभय को देख - भाई मुझे मदद करिये ना
अभय - ठीक है करता हु

सब का कपड़े मेकप् सब हो चुका था बाकी बचे थे अंदर पेहने वाले कपड़े तो अभय सभी को केह कर बाहर आ जाता है और इधर उधर घूमन लगता है


दिया अदिति बिकनी सेक्सन मे जाते है तो सामने कई ब्रा पैंटी नये नये डिजाइन मे दिखाई देते है दोनो देखने लगते है तभी दिशा एक ब्रा को हाथो मे उठा के अदिति की तरफ देखते हुवे


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दिशा - ननद जी ये ब्रा ले लीजिये सूट करेगी अच्छा डिजाइन भी है देखने मे खूबसूरत भी आपके दोनो अनमोल बरे बरे चुचियों को भी आराम से अपने अंदर ले लेगी

अदिति सर्म से लाल दिशा को देख - छि बेसर्म भाभी मेरे बरे बरे है लेकिन आपके भी तो है आप ही ले लीजिये

दोनो ननद भाभी मस्ती मजाक कर ब्रा ले लेते है फिर जाते है पैंटी सेक्सन मे जहा कई कलर और नये डिजाइन की पैंटी थी दोनो अच्छे से पैंटी को देखते है कोन अच्छा है कुछ देर देखने की बाद दिशा


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दिशा हस्ते हुवे - ननद जी कितने नये डिजाइन के पैंटी है मेने तो आज तक नही देखी एक काम कीजिये ले लीजिये जिस डिजाइन कलर का ब्रा लिया उसी डिजाइन कलर का पैंटी ले लीजिये मैचिंग मैचिंग का जायेगा फिर देवर जी को देखा दीजियेगा पेहेन कर उन्होंने बहोत शोक है मैचिंग मैचिंग देखने का

दिशा ये केह जोर जोर से हसने लगती है अदिति तो हैरान सर्म से लाल होते हुवे अपनी भाभी को देखने लगती है

अदिति दिशा के पास जाके हस्ते हुवे - मुझे लगता है आपको ही मैचिंग मैचिंग ले लेना चाहिये भाई देखेंगे तो उनको मजा आ जायेगा

दिशा सर्म से लाल होते हुवे - मुझे नही लेना
अदिति हस्ते हुवे - अरे ले लीजिये ना

दोनो मस्ती मानक करते हुवे पैंटी भी ले लेते है बाकी मेकप् सब जो लेना था

आसा भी नाइटी पसंद करती है अभय के पसंद के कलर का

आसा मन मे शर्मा के - मेरा बेटा भी ना लेकिन ये कलर की नाइटी मुझपे अच्छी लगेगी

सब खरीदारी हो गई थी सिर्फ गेहने छोर कर कियुंकी दिलीप अभी नही चाहता था सभी हाई फाई रहे इसी लिये अभय छोटे मॉल मे लेकिन यहा था यहा कपड़े कम मेहगे थे हा ये सच है इस मॉल मे भी अभय के पास पैसा नही होता तो आ नही पाता लेकिन अब चीजे अगल थी अभय अभी सब को सिर्फ कुछ कपड़े दिलाता है बाकी अभय बरा घर लेने के बाद ही सब कुछ करने वाला था


आसा अदिति दिशा के पास अभय आते हुवे - किया आप लोगो ने जो लेना था ले लिया
आसा - हा बेटा जो लेना था हम ने ले लिया
अभय - ठीक है मे पैसा पे कर के आता हु

अभय फिर जाके जो बिल बना था पे कर के आता है

अभय फिर सभी को लेकर मोबाइल सेक्सन मे जाता है मोबाइल लेने

आसा - बेटा हम यहा कियु आये है तुम्हे मोबाइल लेना है किया

अभय तीनों को देख - घर मे किसी के पास एक मोबाइल भी नही है तो इस किये यहा आये है आप सब के पास मोबाइल रहेगा तो मे कही गया भी होऊगा तो बाते कर पायेंगे

आसा ये सुन कर ही खुश हो जाती है कियुंकी अब अभय कही गया होगा तो फोन कर बाते कर पायेगी

अदिति अभय के बाहों को पकर - भाई मुझे भी फोन चाहिये मस्ती वाला
अभय अदिति के सर पे हाथ फेरते हुवे- ये मस्त वाला फोन कैसा होता है चलो दिखाओ

अभय अंदर जाता है और अदिति दिशा मा उसी के साथ एक फोन एक्स्ट्रा लेता है और बिल पे कर देता है

सब कुछ हो गया था सभी बाहर आते है रिस्का पकरने सभी बाहर रुके हुवे थे

दिशा - देवर जी आज आपने बहोत खर्चा कर दिया किया जरूरत थी
अभय दिशा को देख - मेरी प्यारी भाभी ये तो कुछ भी नही था और वैसे भी मे आप लोगो के लिये कुछ नही करुगा तो कोन करेगा
आसा के गाल सेहला कर प्यार से देख - मेरा बच्चा कितना जिमेदार हो गया है आई लोव यू मेरे लाल

अभय आसा को देख - आई लोव यू मेरी प्यारी मा
अदिति बीच मे - आई लोव यू भाई
अभय अदिति को देख हस्ते हुवे - आई लोव यु 2 मेरी प्यारी गुरिया

अभय दिशा को देख हस्ते हुवे - भाभी आप की बारी

दिशा घुघट् मे थी लेकिन अभय की बात सुन सर्म से लाल होते हुवे
दिशा - आई लोव यू देवर जी
अभय हस्ते हुवे - आई लोव यू 2 भाभी

वही आसा अदिति जोर जोर से हसने लगते है तो दिशा और शर्मा जाती है

रिक्सा आने की बाद सभी 5 बजे घर आते है सभी समान रख आगन् मे बैठ बाते करने लगते है तभी अंदर चार लोग आते है आसा अभय सभी पीछे देखते है तो अभय अपना सर पकर के

अभय मन मे - आ गया कमीना फिर दिमाग खाने

हा ये विजय था अपनी मा मिनिता अपनी बेहन बुवा के साथ अभय के घर पधार चुका था

विजय अभय को देखते ही खुशी से पागल होते हुवे - बॉस

विजय को अभय को बॉस केहता सुन देख सभी हैरानी से अभय को देखने लगते है

अभय अपना सर पिटते हुवे मन मे - साला कुता कमीना अब मे सब को कैसे सम्झाऊगा


आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏
Fantastic fabulous 👌 👏 👍 😍 💖
 

sunoanuj

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chapter 11


विजय अपनी मा बेहन बुआ के साथ अभय के घर आते ही बॉस केह कर अभय को बुलाता है तो सभी की नजर अभय पे ठीक जाती है

चलिये जानते है विजय कब आया और किया हुवा था

विजय अपनी बुआ के साथ अभय जब मा भाभी बेहन के साथ शोपिंग करने गया उसी के बाद विजय आया अभय का घर रोड के साइड पेहले ही आ रहा था तो विजय अभय के घर गया लेकिन ताला लगा हुवा था तो विजय बुआ के साथ अपने घर चला गया


विजय अपने घर के बाहर अपनी बुआ के पीछे डर से कापते हुवा खरा था


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विजय की बुआ का नाम है ( काजल सिन्हा उमर 40 साल) बहोत ही खूबसूरत चंचल सभाव की है बॉडी 40 की उमर मे भी पूरी फिट है एक शब्द मे कहा जाये तो उमर से नीचे तक आग है आग

विजय डरते हुवे बुआ के पीछे से ही - बुआ मुझे बहोत डर लग रहा है अंदर जाने मे कही मा मेरी गुस्से मे चटनी ना बाना दे

काजल विजय को देख हस्ते हुवे - अरे लाला इतना बरा हो गया और अभी भी डरता है तू मर्द है मर्द को डरना नही चाहिये

अपनी बुआ की बात सुन विजय अपनी बुआ को देख अजीब चेहरा बना के
विजय - अच्छा किया बात बोली है आप ने लेकिन आप खुद फूफा जी को दबा के रखती है उसका किया बेचारे फूफा उनकी तो आपके सामने चलती भी नही और आप मुझे ज्ञान दे रही है वाह बुआ वाह

विजय की बात सुन काजल दूसरी तरफ देख खास्टे हुवे - अरे वो तो हमारे बीच प्यार है मे उन्हें थोरि ना दमा के रखती हु वो खुद ही मेरे सामने कुछ नही बोलते है

विजय अजीब चेहरा बना के मन मे - हा हा हा जैसे की मेने देखा हि नही और मुझे पता ही नही घर की लेडी बॉस है

काजल - अच्छा ये छोर मे हु ना तुझे कुछ नही होने दुगी चल अंदर चल

विजय काजल के पीछे से निकल कर घर को देखते हुवे इमोसनल हो जाता है

विजय - 4 साल बाद मे अपने प्यारे घर को देख रहा हु 4 साल बाद मे अपनी मा बेहन सब से मिलने वाला हु इस चार साल मे उनको देखने के लिये बहोत तरपा हु अगर अभय भाई नही होते तो आज मे यहा नही होता ( विजय के आखो मे खुशी के आसु निकल परते है)

काजल ये देख विजय के आखु साफ करते हुवे - लाला जाके मिल अपनी मा बेहन पापा सब से वो सभी भी 4 साल तेरे बिना बहोत तरपे होगे

विजय जी बुआ विजय अंदर जाता है तो सबसे पेहले विजय पे नजर कोमल की परती है कोमल विजय की बेहन बहोत ही खूबसूरत उपर नीचे आगे पीछे सब कुछ टॉप नोच है लरके को पागल करने के लिये


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कोमल विजय को देखती ही ( छोटे) केहते हुवे रोते हुवे जाके विजय को बाहों मे भर लेती है विजय भी अपनी बरी बेहन के बाहों मे समा जाता है


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कोमल रोते हुवे - छोटे तु आ गया तुझे पता भी है तेरे जाने के बाद हम कैसे जी रहे थे दिन रात हर पल तेरी ही याद आती थी हमे

विजय रोते हुवे - दीदी मेरा भी वही हाल था मे भी आप सभी को बहोत याद करता था

कोमल विजय का चेहरा पकर प्यार से विजय को देख

कोमल - 4 साल मे कितना बदल गया है मेरा भाई अब तु आ गया है ना तो सब गम दुख दूर हो गया
विजय हस्ते हुवे - आप भी दीदी बहोत खूबसूरत हो गई है
कोमल - अच्छा ऐसा किया

आवाज सुन मिनीता भागते हुवे कमरे से बाहर आखे देखती है तो मिनीता को विजय अपना लाल दिखाई देता है विजय की नजर भी अपनी मा पे जाती है दोनो एक दूसरे को देख आसु बहाने लगते है

विजय मिनीता को देख - मा
मिनिका ये सुनते ही तेजी से आके विजय को गले लगा के फुट फुट कर रोने लगती है विजय भी अपनी मा के बाहों मे समाये रोने लगता है


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काजल कोमल इस सीन को देख उनके आखो से खुशी के आसु छलक परते है

मिनीता विजय को बाहों मे लिये - मेरा लाल मेरा बेटा तु आ गया तेरे बिना ये 4 साल मुझे नर्क की सजा से कम नही लग रही थी मुझे तो लगा था की अब मे तुझे खो चुकी हु अब तुझे कभी देख नही पाउंगी

विजय अपनी मा के चेहरे को पकर आसु साफ करते हुवे

विजय - मा रोना बंद करो जितना रोना था आप पेहले ही रो चुकी हो
काजल आगे आते हुवे - विजय सही केह रहा है भाभी रोना बंद कीजिये ये पल तो खुसियो का है

मिनीता आसु साफ करते हुवे - सही कहा तुम ने ये पल तो खुशी का है ( तभी मिनीता विजय के कान करते हुवे) लेकिन मेरे लाल मे ये नही भूलि की तुम अपनी मा के पास पेहले नही आये बल्कि अपनी बुआ के पास चले गये

विजय दर्द मे अपनी बुआ की तरफ देख - बुआ बच्चा लो मुझे
काजल मिनीता के पास जाके - भाभी छोर दीजिये लाला को दर्द हो रहा है
मिनीता काजल को देख - आ गई लाला की प्यारी अपने लाला को बचाने

मिनीता कान छोरते हुवे - चल माफ किया


इसके बाद सभी बहोत सारी बाते करते है विजय भी बहोत कुछ बताता है अपनी मा बेहन को उसके बाद साम को विजय अपनी मा बुआ बेहन के साथ अभय के घर आ जाता है अभय से मिलने

तो यही हुवा था

विजय मिनीता कोमल काजल को देख अभय जाके मिनीता काजल के पैर छुके आशीर्वाद देता है

काजल अभय को देख प्यार से अभय के गाल को सेहलाते हुवे

काजल - अभय बेटा विजय ने मुझे बताया की कैसे तुम ने उसकी सभी की जान बचाई आज मेरा लाला मेरी भाभी का लाल एक बेहन का प्यारा भाई तेरी वजह से हमारे पास लौट आया है थैंक्स बेटा

अभय अपना गाल आगे करते हुवे - मुझे थैंक्स सुनना पसंद नही उसके बदले गालो पे किस दे सकती है बुआ

काजल हरानी से अभय को देखती है तो वही मिनीता हस्ते हुवे काजल को देख

मिनीता - ननद जी अभय ऐसा ही है मिनीता ( आसा को देख) ये सब दीदी ने ही आदत लगवाई है अभय को थैंक्स से जायदा किस चाहिये होता है गालो पे

मिनीता की बात सुन काजल हस्ते हुवे अभय को देख - तुम तो बड़े चालाक हो अभय बेटा कोई ना तुम ने हमारे जिगर के तुकरे को हमे लौटाया है तो एक किस ऐसे ही मागते तो दे देती

काजल फिर अभय के गालो मे अपने प्यारे रसीले गुलाबी होठो से किस करते हुवे - ये लॉ बेटा तेरा इनाम


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अभय काजल को देख हस्ते हुवे - इनाम बहोत मिठा था
काजल हस्ते हुवे अभय के गाल पे प्यार से मारते हुवे - बदमास

कोमल फिर आगे आके अभय के पास जाके अभय के हाथ पकर लेती है और अभय को देखती है अभय कोमल को देखता है

कोमल - अभय तुमने हमारे लिये जो किया है वो हम जिदगी भर नही भुलेगे मेरा भाई घर का एक लौटा मर्द है हमारा सहारा भी उसके बिना तो हमारी जिंदगी बेवजह की हो जाती लेकिन तुम ने विजय को हमारे पास आके हमे जो खुसिया दी है उसका कर्ज हम सात जन्म तक नही उतार पायेंगे

आसा दिशा अदिति बाकी सभी सांत होके सब देख सुन रहे थे

अभय कोमल को देख - हो गया तुम्हारा बोलना जैसा भाई वैसी बेहन तुम दोनो बहोत बोलती हो वहा कैद मे ( विजय को देख) ये कमीना बोल बोल कर मेरा कान दर्द करा देता था और यहा तुम वही कर रही हो

अभय की बात सुन बाकी सब जोर जोर से हसने लगते है

कोमल हस्ते हुवे - ये तो सच कहा हम दोनो भाई बहोत बोलते रेहते है ( कोमल फिर सिर्यस् होके अभय को देख) तुमने बात को घुमा दिया पर हम ये नही भुलेगे

अभय गाल आके कर - किस देना है तो दो नही तो जाके चुप चाप बैठ जाओ
कोमल हस्ते हुवे - तुम भी ना अभय

कोमल फिर अभय को अपने रसीले होठो से गाल पे किस कर देती है


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अभय कोमल को देख - तुमहरा किस जयादा मिठा नही था
कोमल अभय को एक और गाल पे किस करते हुवे हस के - अब मिठा हो गया होगा
अभय हस्ते हुवे - हा अब मिठा हो गया है

तभी विजय आसा पे पास जाके पैर पे गिर कर आसा के पैर पकर लेता है आसा हैरानी से विजय को देखने लगती है बाकी सब भी विजय को देखने लगते है

विजय आसा के पैर पकरे आसा का देख - ऑन्टी आज मे अपने लोगो के पास अपनी मा बेहन सभी के पास लौट कर आ पाया तो सिर्फ अभय भाई की वजह से और अभय भाई को जन्म देनी वाली मा आप है आप ने एक मर्द को जन्म दिया है उस समय हम बच्चे थे मे रोता रेहता था डर के मारे लेकिन अभय भाई ही वहा एक ऐसे बंद थे जो सुरु से रोये लेकिन जल्दी ही उन्होंने जो हिम्मत दिखाई और उन्होंने वहा 4 सालों मे जो किया उनके अलावा कोई सपने मे भी नही कर सकता अभय भाई के वजह से ही मे या बाकी जितने बच्चे थे सब अपने घर अपनो के पास जा पाये लेकिन आप ने अभय भाई को जन्म नही दिया होता तो चीज़े अलग होती

दिशा अदिति मिनीता काजल कोमल सब देख सुन रहे थे और उन्होंने भी विजय की कही गई बात पे अग्री करते है

विजय की बात सुन आसा को अपने आप पे गर्व होता है की उसने अभय जैसे बेटे जो जन्म दिया और इस बात पर भी की अभय उसका लाल उसका बेटा है
आसा विजय को उठाते हुवे - मुझे खुशी है की तुम भी अपने मा सभी के पास लौट आये मेने दिखा था कैसी तेरी मा पागलो की तरह चिलाते हुवे तुझे ढूंढ रही थी मेरा भी वही हाल था तो मे समझ सकती हु

विजय दिशा के पास जाके दिशा पे पैर छुटे हुवे - भाभी देवर को आशीर्वाद दीजिये

दिशा घुघट् मे थी और अभय दिशा अकेले होते है तो ही दिशा अभय के सामने घुघट् हटाती है

दिशा -खुश रहिये देवर जी
विजय दिशा को देख - भाभी चेहरा भी देखा दीजिये एक बार
कोमल विजय को देख + अच्छा चेहरा देखना है भाभी का तो गिफ्ट लाया है
विजय कोमल को देख अपना सर खुजाते हुवे - दीदी मे तो नही लाया कोई गिफ्ट
आसा - अरे कोई बात नही वैसे भी मेरी बहु को कोई गिफ्ट नही चाहिये होता है तुम सब देख लो

मिनीता काजल कोमल इन सभी ने भी दिशा को नही देखा था कियुंकी अब जाके दोनो परिवार के बीच एक रिस्ता बना था

दिशा घुघट् हटा देती है सभी दिशा को देख लेते है फिर दिशा घुघट् से अपना चेहरा धक लेती है

विजय अदिति के आप जाके - आप अभय भाई की गुरिया है ना
अदिति विजय को देख - सही कहा
विजय - अभय भाई आप को बहोत याद करते थे वहा
विजय की बात सुन अदिति अभय को प्यार से देखती है

अभय विजय को देख - ओये कमीने यहा इमोसनल सीन मत बना नही तो याद है ना कैसे तेरी बजाता था

विजय अभय की बात सुन डर से काप् जाता है

विजय अभय को देख - जी भाई समझ गया
विजय मन मे - आपसे बच कर रहने मे ही भलाई है

विजय अदिति को देख - वैसे हमारी उमर सेम है अब कुछ महीने आगे पीछे होगे लेकिन आप अभय भाई की गुरिया है तो मे आप को दीदी ही कहुंगा

अदिति विजय को देख - मे भी आप को भाई ही कहुंगी

फिर आसा मिनीता काजल तीनों एक तरफ बाते करने लगते है और दूसरी तरफ दिशा अदिति कोमल अभय विजय बाहर आके बाते करने लगते है

अभय विजय बाहर रोड पे सरक पे चलते हुवे बाते करने लगते है

अभय विजय को देख - विजय तुम अभी अभी आये तो मे भी तो हम अभी कही जा नही सकते ना हमे कोई जाने देगा

विजय - भाई आपने बिल्कुल सही कहा
अभय - हा इस लिये अभी हम कही जा नही सकते हमे कुछ महीने अपने परिवार के साथ हि रेहना होगा फिर आगे जो करना है करेगे समझ गये

विजय- जी भाई समझ गया अच्छे से
अभय - लेकिन फिल्हाल एक काम है जो तुझे करना है
विजय अभय को देख - हुक्म कीजिये भाई बस आप
अभय रुक जाता है और विजय को देखते हुवे - कोई ऐसा बंदे को ढूंढो जो किसी पे नजर रख सके बिना किसी को पता लगे

विजय हैरानी से अभय को देख - भाई आपको किस पे नजर रखवानी है और कियु अगर ये बहोत जरूरी मिसन है तो मे खुद करुगा

अभय विजय के कंधे पे हाथ रख विजय को देख - जरूरत नही है वैसे भी ऑन्टी को पता चला की मेने तुझे कोई काम करने के लिये कहा है और मेरी वजह से तुम उनके साथ वक़्त बिता नही पा रहे हो तो ऑन्टी मेरे पीछे डंडे लेकर पर जायेगी तुम बस कोई ढूंढो

विजय - समझ गया भाई लेकिन नजर किस पे रखनी है
अभय विजय को देख - टीनू अमन आरोही पे ( अभय तीनों के बारे मे सब बता देता है)
विजय - अच्छा तो ये बात है जैसा आप ने कहा जितना मे समझा हु टीनू तो 100 है कुछ ना कुछ करेगा लेकिन अमर आरोही कियु

अभय विजय को देख - 4 साल dp devil के कैद मे रेह कर किया किया मेने तुम्हे किया सिखाया है सब भूल गये

विजय - याद है भाई अच्छे से याद है कितने अच्छे इंसान कियु ना हो लेकिन कोई कभी भी बदल सकता कोई अच्छा कभी भी बुरा बन सकता है हर एक चेहरे के पीछे दूसरा चेहरा भी होता है तो हमे हर वक़्त हर किसी से सावधान रेहना चाहिये

अभय विजय के टकले पे मारते हुवे - वाह याद है सब मुझे लगा इस बेकार दिमाग मे सिर्फ भूसा भरा है

विजय अपने सर को सेहलाते हुवे - पेहले था लेकिन आपने निकाल कर फेक दिया अब मेरा दिमाग काम करता है

अभय हस्ते हुवे - चलो ठीक हैं तो समझ गये ना
विजय - जी भाई हो जायेगा

साम हो जाती है

बाते करने के बाद विजय मिनीता काजल कोमल सभी को बाय बोल चले जाते है

आसा अभय के पास आके गालो पे किस करते हुवे अभय के गाल को सेहलाते हुवे - मेरे लाल मुझे तुम पे गर्व है
अदिति अभय के पास आते हुवे - मुझे भी भाई आप पे गर्व है
दिशा अभय को देख - मुझे भी देवर जी आप पे गर्व है

अभय सभी को देख - मेने जो किया आप सब के प्यार की वजह से ही कर पाया दूसरी कई और लोग है जिन्होंने मेरा साथ साथ दिया मेने सब अकेले नही किया
आसा - जो भी हो तुम हमे तुम पर गर्व है


साम हो चुकी थी दिशा खाना बनाने के लग जाती है और अभय आसा अदिति बाते करने मे दिशा भी खाना बनाते हुवे बाते कर रही थी


( मधु के घर )

मधु के बारे मे जान लेते है - मधु - उमर 18 - साल - अदिति से कुछ महीने छोटी है

मधु की मा - सिला - उमर 38 साल - एक ही बेटी है मधु फिर कोई बच्चा नही हुवा सिला को एक बेटे की कमी तो मधु को भाई की कमी हमेशा से खलती रही है सिला बहोत खूबसूरत है अच्छे साफ दिल की भी और हर तरफ से कयामत भी


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मधु के पिता - जोगिनाथ - उमर 40 - बंदा भी अच्छे दिल का है मधु सिला का बहोत ख्याल रखता है खेती मजदूरी कर के कर चलाता है

मधु भी आगन मे खाना बना रही थी और सिला पास ही खटिये पे बैठी हुई थी

मधु रोटी बनाते हुवे अपनी मा को देख खुश होते हुवे
मधु - मा आज मुझे मेरा भाई मिल गया
सिला जो आराम से बैठी हुई थी मधु की बात सुन हैरानी से मधु को देखते हुवे फिर जोर जोर से हस के
सिला - तुमने किया कहा तुम्हे तुम्हारा भाई मिल गया और मुझे पता भी नही चला मेने कब तेरे भाई को जन्म दे दिया हा

मधु सिला की बात सुन मुह बनाते हुवे सिला को देख
मधु - वेरी फनी आप भी ना मा
सिला हस्ते हुवे - अच्छा बाबा बता तुझे तेरा भाई कहा कैसे मिल गया
मधु सिला को देख सब सुरु से बता जो हुवा बता देती है
सिला सब सुनने के बाद हैरान होके मधु को देख
सिला- किया तुम्हे लरके छेर रहे थे कोन कमीना था वो
मधु हस्ते हुवे - आप चिंता मत कीजिये भाई ने उनकी ऐसी बैंड बजाई है की वो लोग फिर कभी जिंदगी मे किसी लरकी को नही छेरेगे

सिला एक गेहरि सास छोरते हुवे - अच्छा हुवा उस समय अभय बेटा आके तुझे बचा लिया नही तो पता नही वो कमीने कुत्ते किया करते

मधु खुश होते हुवे - अभय भाई ने मुझे गुरिया कहा उन्होंने कहा आज से मे उनकी गुरिया हु

अपनी बेटी को इतना खुश होता देख सिला भी बहोत खुश थी

सिला हस्ते हुवे - ये तो अच्छी बात है तेरा भाई फिर आये तो उसे जरूर केहना मा से भी मिल ले एक बार

सिला की बात सुन खुश होते हुवे - जी मा जरूर कहुंगी

(रात 10 बजे )

खाना पीना करने के बाद सभी कुछ देर बाते कर रहे थे

आसा खरी होते हुवे - तुम सब बाते करो मे जा रही हु सोने
आसा फिर अपने कमरे मे चली जाती है
दिशा भी जाते हुवे - मे भी जा रही हु

आँगन मे अब अदिति अभय ही थे

अदिति अभय को देख- भाई आज आप मेरे साथ सोयेंगे याद है ना
अभय हस्ते हुवे - याद है बाबा तुम चलो मे आता हु

अदिति अपने कमरे मे जाते हुवे खुश होकर - ठीक है भाई जल्दी आना

अदिति के जाने के बाद अभय दिशा के कमरे के दरवाजे पे खरा होके
अभय - भाभी मे अंदर आ सकता हु

अंदर से दिशा - आपको पूछने की जरूरत कब से पर गई आ जाइये
अभय अंदर जाता है तो दिशा बिस्तर पे बैठी हुई ही आगे की तरफ चेहरा कर के सारी नीचे गिरे हुवे थे पतली कमर हाय कयामत लग रही थी दिशा की बॉडी की बनावट साफ दिख रही थी


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अभय अंदर आते हुवे दिशा को देख हस्ते हुवे
अभय - बोल कर आना पड़ेगा नही तो किया पता आप मैचिंग मैचिंग पेहन रही हो मे उसी वक़्त आ जाऊ तो

दिशा अभय के पास जाके अभय के कान पकर
दिशा - आप ना देवर जी कुछ जायदा ही नोटि हो रहे हो
अभय दर्द मे - भाभी छोर दो मेरे कान दर्द हो रहा है
दिशा अभय के कान छोर देती है
दिशा - बैठि कर बाते करते हैं देवर जी
दिशा अभय बैठ जाते है

अभय दिशा को देख हस्ते हुवे - भाभी आपने मैचिंग लिया है की नही
दिशा अपना सर पकर अभय को देख
दिशा - देवर जी आप भी ना मैचिंग मे देखना है तो जब आपकी सादी होगी तो अपनी बीवी को देखियेगा
अभय हस्ते हुवे - जो मजा भाभी से मिलता है वो मजा बीवी मे नही मिलता
अभय की बात सुन दिशा हैरान से मुह पे हाथ रख अभय को देखते हुवे
दिशा - हाय देवर जी आप तो मेरे पीछे ही पर गये है लेकिन ( दिशा जिब दिखा के) आप को कुछ नही मिलेगा मेरे प्यारे देवर जी

अभय हस्ते हुवे - कोसिस करता रहुंगा किया बता मिल जाय नही मिला तो मेरी किस्मत
दिशा हस्ते हुवे - अच्छा है कोसिस करते रहिये

तभी अभय दिशा के हाथ पकर् खरा करते हुवे

अभय - भाभी चलो डांस करते है
अभय की बात सुन दिशा शर्मा के
दिशा - लेकिन देवर जी मुझे डांस करना नही आता ना बाबा ना मुझसे नही होगा
अभय दिशा के सामने हाथ जोर प्यारा भोला चेहरा बना के - प्लेस
फिर किया अभय के भोले चेहरे को देख दिशा पिघल जाती है
दिशा - अच्छा बाबा कोसिस करुगी
अभय खुश होते हुवे - ये हुई ना बात

अभय फिर मोबाइल निकाल कर एक भोजपुरी पवन सिंह का लगा देता है जिसे सुन दिशा हैरान के साथ मुस्कुराने भी लगती है


गाना सुरु हो चुका था दिशा सर्माये खरी थी अभय अपना डांस करना सुरु करता है गाने के बोल के साथ ताल से ताल मिला के


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भौजी हमसे बोले बतियावे के परी दिल देवरो संग तोहरा लगावे के परी दिल देवरो संग तोहरा लगावे के परी

दिशा बहोत शर्मा रही थी सब देख रही थी अभय मस्त होके अपना कमर पकर डांस किये जा रहा था


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दिशा भी सर्माते हुवे हिम्मत कर अभय के साथ कमर से कमर मिला के हिला के थुमका लगा के डांस करने लगती है गाना खतम होने के बाद दिशा सर्म से लाल होकर अभय को रोक देती है

दिशा बिस्तर पे जाके लेत कर चेहरा चुका के शर्म से लाल हुई परी थी लेकिन दिशा उसी के साथ बहोत जायदा खुश भी थी

अभय दिशा के पास जाके बैठते हुवे
अभय - किया हुवा भाभी मजा नही आया
दिशा अभय को देख शर्मा के - बहोत मजा आया देवर जी बस ये सब डांस किया नही था ना तो सर्म आ रही थी
अभय हस्ते हुवे - मुझे कोन सा डांस आता है वीडियो मे देखा था वैसा ही डांस कर डाला
दिशा अभय को देख मुस्कुराते हुवे - मानना पड़ेगा आपने डांस करने के लिये गाना अच्छा चुना था मुझे पसंद आया
अभय हस्ते हुवे - तो देवर से दिल लगाने के बारे मे किया ख्याल है

अभय की बात सुन दिशा अपने तुदि पे उंगली रख सोचते हुवे

दिशा - सोचना पड़ेगा इस के बारे मे
अभय भोला चेहरा बना के - किया मे इतना बुरा हु जो आपको सोचना पर रहा है
दिशा हस्ते हुवे - ना जी ना मेरे देवर जी तो बहोत प्यारे है

अभय आगे बढ़ दिशा के गाल पे किस करते हुवे

अभय - आप भी बहोत प्यारी है भाभी गुड नाइट

अभय ये केह कमरे से बाहर निकल आता है लेकिन दिशा अपने गाल मे हाथ रहे शर्मा के बिस्तर पे लेती अभय के बारे मे सोच कर

दिशा - देवर जी के आते ही इस घर मे खुसिया आ गई और देवर जी सब को हसाते रेहते है उनका मस्ती मजाक करना मुझे बहोत अच्छा लगता है ( दिशा विनय को याद कर) आप की बहोत याद आती है


अभय फिर अपनी मा के कमरे के दरवाजे पे खरा होके
अभय - मा मे अंदर आ सकता हु
आसा - अरे मेरे लाल पूछाने की किया जरूरत है जब मन करे आ जाना

अभय अंदर जाता है और सामने देखता है तो देखते ही रेह जाता है
आसा बिस्तर पे लाल नाइटी पेहने अभय को प्यार से देख रही थी
अभय अपनी मा को लाल नाइटी मे देख कर मुस्कुराने लगता है


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आसा लाल नये नाइटी मे कयामत लग रही थी आसा के बरे उजले चुचे थोरा बाहर झाकते हुवे दिखाई दे रहे थे आसा को ऐसे देख सायद कोई मर्द अपने आप को रोक पाता लेकिन अभय के दिल मे अपनी मा के लिये कोई गलत फीलिंग नही थी ना आई थी आगे का पता नही

सुरु से आसा अभय का जो रिस्ता रहा है सब से अलग रहा है मस्ती मजाक ये सब के बिना तो दोनो मा बेटे रेह नही सकते है और नाइटी मे आसा सुरु से ही अभय के सामने आती रही है बस आज आसा पेहले से बहोत अलग लग रही थी

आसा बिस्तर से खरी होकर अभय के पास आखे खरी हो जाती है
आसा अभय को देख थोरा शर्मा के
आसा - बेटा तूने कहा था मुझपे लाल नाइटी बहोत अच्छी लगेगी तो मेने पेहन ली अब बता कैसी लग रही हु


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अभय आसा को देख मुस्कुराते हुवे - मा आप तो है हि खूबसूरत लेकिन इस नाइटी मे आप बहोत ही खूबसूरत h ( अभय फिर रुक जाता है
आसा अभय को देख - तु बार बार खूबसूरत के बाद h पे कियु रुक जाता है आज तुझे बोलना ही पड़ेगा
अभय आसा को देख मुस्कुराते हुवे - आप बहोत खूबसूरत के साथ बहोत हॉट लग रही है कसम से

आसा अभय को देख कंफ्यूज से - ये हॉट किया होता है

अभय जोर जोर से हसने लगता है
आसा -अब तुम हस कियु रहे हो

अभय आसा को बाहों मे भर के - मा आप इस उमर मे भी फिट और बहोत खूबसूरत दिखती है उपर से नीचे तक उसी हो हॉट केहते है


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आसा सर्म से लाल होते हुवे - तु ना मेरे लाल बहोत बिगरता जा रहा है कोई मा को ऐसे शब्द बोलता है किया
अभय - माफ कर देना मा आगे से ध्यान रखुंगा
आसा अभय के गाल पे हाथ फेरते हुवे - मेरा लाल मेरी तारीफ करेगा तो चलेगा तुझे बुरा मानने की कोई जरूरत नही मुझे अच्छा लगता है जब मेरा तुम मेरी तारीफ करते हो तो

अभय आसा के चेहरे को पकर आखो मे देख

अभय - मा आप के होठो पे ये लाल लिपिस्टिक बहोत अच्छी लग रही है


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आसा अभय को देख हस्ते हुवे - सीधे सीधे केह ना तुम्हे किस्सी चाहिये मा हु तेरी मुझे सब पता होगा है मेरे लाल को किया चाहिये सुरु से हि तुझे किस देती आई हु अब बरा हो गया है फिर भी किस्सी की आदत नही छोरी तुम ने

अभय आसा को देख भोला चेहरा बना के - मुझे आपकी किस्सी बिना रेह नही पाता आप मुझे किस्सी करते हो तो मेरे दिल को सुकून मिलता है लेकिन आज केहती हो तो मे ये
आसा बीच मे ही अभय को रोकते हुवे
आसा - मेरे लाल मुझे भी तुझे किस्सी देके मेरे दिल को सुकून मिलता है समझ गया


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आसा ये केहते हुवे अभय के चेहरे को पकर अपनी गुलाबी होठ को अभय पे होठ से सता के किस कर देती है

आसा अभय को देख - मेरा लाल मेरे लिये सब कुछ है
अभय आसा को बाहों मे लेके - और मेरे लिये आप सब

अभय थोरि देर अपनी मा से बाते करने के बाद
अभय - ठीक है मा मे जाता हु गुरिया इंतज़ार कर रही होगी
आसा हस्ते हुवे - ठीक है जा नही तो बहोत नाराज हो जायेगी देरी हुई तो
अभय हस्ते हुवे - सही कहा मा आप ने ( अभय आसा के गाल पे किस कर) गुड नाइट मेरी खूबसूरत हॉट मा
आसा हस्ते हुवे - गुड नाइट मेरा बच्चा

अभय फिर कमरे से बाहर निकल अदिति के कमरे मे जाने लगता है

आसा बिस्तर पे लेत अपने मन मे - मेरा लाल के आने से घर मे फिर खुसिया आ गई लेकिन मेरा विनय लाल बेटा होता तो ( आसा इमोसनल हो जाती है) लेकिन मेरा लाल आते ही सब को हसा ले रखता है ताकि हम सब भूल कर आगे बढे अपनी लाइफ खुशी से जिये रहे

आसा ये सोचते हुवे आखे बंद कर देती है

अभय सीधा अदिति के कमरे मे आता है तो देखता है अदिति नाइट गाउन मे बिस्तर पे बैठी हुई अभय का ही इंतज़ार कर रही थी


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अदिति नये नाइट गाउन मे बहोत ही हॉट कयामत लग रही होती है अभय को आते देख अदिति खुश हो जाती है

अदिति जल्दी से खरी होके अभय के गले लग जाती है अभय भी अदिति को अपने बाहों मे भर लेता है


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अभय - मेने अपनी गुरिया को जायदा इंतज़ार तो नही करवाया
अदिति - नही और मेरा भाई अपनी गुरिया को जयादा इंतज़ार करवा नही सकता मुझे मालूम है
अभय मुस्कुराते हुवे - सही कहा अगर मे कही फसा नही रहा तो कही पर भी रहुंगा मेरी गुरिया के एक बार बुलाने से मे तेरे सामने आ जायुगा
अदिति अभय को देख - मुझे पता है आप मुझे बहोत प्यार करते है
अभय - हा बहोत जायदा प्यार करता हु मे अपनी गुरिया से

अदिति अभय को देख - भाई चलो डांस करते है याद है ना आपने कहा था आप मेरे साथ भी डांस करोगे

अभय हस्ते हुवे- ठीक है बाबा चलो करते है
अभय की बात सुन अदिति बहोत खुश हो जाती है

अभय अदिति के एक हाथ की उंगली मे अपनी उंगली फसा के अदिति का एक हाथ पकर लेता है और अपना दूसरा हाथ अदिति के कमर को पकर लेता है अदिति भी अपने एक हाथ से अभय को पकर लेती है ( अभय चलो डांस करते है)


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अभय खुद गाना गाने लगता है डांस करते हुवे अदिति को देख
जीने की तमना हो तुम मेरी जरूरत हो मेरे ख्याल से तुम बहोत खूबसूरत हो, मेरे ख्याल से तुम बहोत खूबसूरत हो


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अभय आना आते हुवे डांस कर रहा था अदिति भी लेकिन अदिति अभय को देख थोरा शर्मा भी रही थी लेकिन अंदर ही बहोत बहोत खुश भी थी 2 मिनट बाद डांस खतम होता है


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अभय अदिति दोनो बिस्तर पे लेत जाते है अदिति अभय के सीने पे अपना सर रख लेत जाती है
अभय अदिति के सर को सेहलाते हुवे - गुरिया डांस कर के मजा आया
अदिति अभय को देख - भाई आपके साथ डांस कर इतना मजा आया बता नही सकती
अभय मुस्कुराते हुवे - मेरी गुरिया खुश है तो मे खुश हु
अदिति प्यार से अभय को देख - भाई मेरा दिल फिर करेगा डांस करने को तो आप करोगे ना
अभय अदिति को प्यार से देख - जरूर करुगा


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अदिति खुश होते हुवे अभय के माथे पे किस करते हुवे
अदिति - आप मेरे दुनिया से सब से बेस्ट भाई है आई लोव यू


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अभय अदिति के माथे पे किस करते हुवे - मेरी गुरिया भी सब से बेस्ट है पूरी दुनिया मे और खूबसूरत भी
बाते करते हुवे दोनो अदिति अभय के ऊपर ही सो जाती है अभय भी अदिति को बाहों मे लेके सो जाता है


( सुबह हो जाती है )


सुबह होने के बाद दिशा आसा उठ जाते है लेकिन अभय अदिति आराम से सोने मे लगे हुवे थे

आसा हल्का होने के बाद नहाती है कपड़े पेहन कर रेडी होती है फिर जाती है अदिति के कमरे मे अभय को जगाने आसा जब अंदर जाती है तो देखती है अदिति अभय दोनो एक दूसरे के बाहों मे समाये सो रहे होते है आसा दोनो को देख ऐसे सोता एक मुस्कुरा देती है


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आसा अभय अदिति को देख मन मे - इतने बरे हो गये है लेकिन दोनो एक दूसरे से दूर रेहना नही चाहते है देखो कैसे एक दूसरे को बाहों मे पकरे सो रहे है उपर वाला मेरे दोनो बच्चो पे कृपा बनाये रहे


आसा अभय के पास जाके अभय के कान मे धीरे से उठ जा मेरे लाल
आसा की मोठी प्यारी आवाज सुन अभय अपनी आखे खोल आसा को देखते हुवे - मेरी प्यारी खूबसूरत हॉट मा गुड मोर्निंग


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आसा अभय के होठो पे किस करते हुवे प्यार से अभय को देख
आसा- गुड मोर्निंग मेरे हैंडसम मेरे प्यारे दुलारे लाल चलो उठ जाओ और ( आसा अदिति को देख ) अपनी गुरिया को भी जगा दो

आसा फिर अपने काम करने लग जाती है अभय भी अदिति को देख प्यार से मन मे - कितनी खूबसूरत प्यार लग रही है सोते हुवे


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अभय अदिति के माथे पे किस करते हुवे - मेरी प्यारी गुरिया उठ जा सुबह हो चुकी है


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अभय की आवाज सुन अदिति अपनी आखे खोल अभय को देख
अदिति अभय के गाल पे किस करते हुवे - गुड मोर्निंग मेरे भाई

अभय दोनो भाई कमरे से बाहर आते है तो अदिति चुला जला रही थी खाना बनाने के लिये दिशा की नजर अभय अदिति पे जाती है

दिशा अभय अदिति को देख मुस्कुराते हुवे - देखो तो भाई की लाडली और मा का लाडला दोनो आखिर कर उठ ही गये

अदिति दिशा को देख मुस्कुराते हुवे - अरे देखो तो भाई के प्यारी भाभी जी तो हम सब से पेहले उठ गई है
दिशा अदिति को देख हस्ते हुवे - ननद रानी घर की बहू हु मेरी कुछ जिमेदारी है तो उसे निभाना ही पड़ेगा


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अभय दिशा के पास जाके दिशा के गाल पे किस करते हुवे
अभय - गुड मोर्निंग मेरी प्यारी भाभी
दिशा अभय के गाल पे किस करते हुवे - गुड मोर्निंग मेरे प्यारे देवर जी


सब को गुड मोर्निंग बोलने के बाद अभय हल्का होकर आता है और अपने घर वाली सरक पे दोर् लगाना सुरु कर देता है अभय दोर् लगाते हुवे विजय के घर की तरफ ही निकल परता है 5 मिनट मे अभय विजय के घर पहुँच जाता है अभय अंदर आँगन मे जाता है तो कोमल खाना बनाने की तैयारी कर रही थी

अभय कोमल को देख - किया बनाने वाली हो कोमल आज
अभय की आवाज सुन हैरानी से कोमल पीछे मूर कर देखती है तो अभय को देख मुस्कुरा देती है
कोमल - तुम किया खाओगे बोलो वही बना दुगी
अभय हस्ते हुवे - जो तुम अपने हाथो से बना के खिला दो
कोमल हस्ते हुवे - अच्छा तो ठीक है जरूर खिलाऊँगी अपने हाथो का बना खाना

तभी कमरे से मिनीता बाहर आती है अभय की नजर मिनीता पे जाती है मिनीता नहाने के बाद रेडी होकर निकली थी सारी मे एकदम कयामत मत लग रही थी


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बरे चुचे जो ब्लाउस मे कैद थे उसके उभार साफ दिखाई दे रहे थे और भरा हुवा बदन कमर और गेहरि ढोरी हाय किया सीन था लेकिन किस्मत से सामने अभय था जिसके दिमाग मे गंदे विचार आते ही नही पता नही अब तक आयेगे और आयेगे तब किया होगा


मिनीता की नजर अभय पे जाती है तो अभय को देख खुश होते हुवे
मिनीता अभय के पास आके - अरे अभय बेटा किया बात है सुबह सुबह मेरे घर तुम्हे देख बहोत खुशी हुई ऐसे ही रोज आते रेहना

अभय मिनीता देख मुस्कुराते हुवे - जरूर आते रहुंगा इसमें मेरा ही फायेदा है
मिनीता कंफ्यूज होके अभय को देख - तुम्हारा कैसा फायदा
अभय हस्ते हुवे - यही की आप का खूबसूरत प्यारा चेहरा रोज देखने के लिये मिलेगा दूसरी आप की किस्सी भी मिलेगी मीठी मीठी

अभय की बात सुन मिनीता जोर जोर से हसने लगती है

मिनीता हस्ते हुवे - अच्छा तो ये बात है अब समझी लेकिन किया तुम्हे मे सच मे खूबसूरत दिखती हु
अभय मिनीता को देख - अरे ये भी केहने की बात है हा आप बहोत खूबसूरत है

मिनीता अब थोरा शर्मा जाती है और अपनी तारीफ सुन अच्छा भी लगता है


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मिनीता अभय के गाल पे किस करते हुवे - ये लो मेरी तरफ से मीठी किस्सी रोज आओगे तो रोज मिलेगी

अभय - जरूर ऑन्टी अब तो हमारा एक रिस्ता बन चुका है तो आता रहुंगा विजय तो मेरा छोटा भाई है

मिनीता अभय को गले लगाके इमोसनल होते हुवे
मिनीता - और तूने अपने बरे भाई होने का फर्ज़ अच्छे से निभाया है थैंक्स बेटा

अभय - अरे थैंक्स मत बोलिये आप को पता है ना
मिनीता अभय से अलग होके हस्ते हुवे - पता है बाबा अच्छे से पता है
अभय मुस्कुराते हुवे - विजय कहा है दिख नही रहा
मिनीता हस्ते हुवे - बुवा के साथ आराम से सोया हुवा है
अभय मुस्कुराते हुवे - लगता है बुआ दोनो मे बहोत प्यार है
मिनीता - बहोत प्यार है विजय बुआ को मा मानता है
अभय - समझ गया
कोमल अभय को देख - ओये अभय के बच्चे मेरी मा खूबसूरत लगी तो किया मे खूबसूरत नही हु हा बोल

अभय कोमल को देख मुस्कुराते हुवे - जब मा इतनी खूबसूरत है तो बेटी तो खूबसूरत होगी ही

अभय की बात सुन मिनीता के गालो पे फिर से सर्म की लाली आ जाती है

अभय कोमल मिनीता से - ठीक है मे जाता हु नहाना भी है

मिनीता कोमल - ठीक है आते रेहना
अभय - हा आते रहुंगा

अभय फिर अपने घर दोरते हुवे पहुँच जाता है और नहाने चला जाता है नहाने के बाद रेडी होकर आँगन मे आके बैठ जाता है और अदिति दिशा से बाते करने लगता है

( सुबह 10 बजे )

खाना खाने के बाद अभय एक बरा बैग लेता है जिसमे अभय ने अपनी दूसरी गुरिया यानी मधु के लिये कपड़े लिये थे अब जाने वाला था देने के लिये

अदिति अभय को देख - भाई मधु से हमे भी मिलवाना
अभय अदिति को देख - ठीक है गुरिया उसे लेकर आऊगा तब मिल लेना
अभय ने अपनी मा दिशा अदिति को सब बता दिया था मधु के बारे मे


अभय सभी को बोल निकल परता है बाइक से मधु के घर अभय मधु के घर आके बाइक रोक अंदर जाता आगन मे जाता है तो सामने का सीन देख अभय की आखे बरी हो जाती है दिल की धारकंन तेज हो जाती है अभय के अंदर एक तूफान उठ जाता है अभय के अंदर एक अजब लेहर दोरने लगती है अभय आज कुछ ऐसा देख रहा था जो उसने पेहले कभी नही देखा था

सामने मधु कपड़े बदल रही थी लेकिन पूरी नंगी थी ये और बरे टाइट खरे चुचे पतली कमर और चुत पे छोटे छोटे बाल मधु का हर अंग बॉडी की बनावट कयामत थी सिन भी बहोत कमाल का था अभय आखे फ़ारे मधु के नंगे बदन को देखे जा रहा था


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ये अभय के लिये पेहली बार था जो अभय किसी को नँगा देख रहा था अभय के मन मे कभी गंदे विचार नही आये किसी को देख लेकिन सामने का सीन अलग था जो किसी के होस उदा दे अभय के भी होस उर गये थे अभय का 10 इंच लम्बा मोटा लंड आज पेहली बार किसी को देख अपने फुल ओकात मे आ चुका था आज पेहली बार अभय को एहसास हुवा वो एक जवान लरका है उसके सरीर को भी कुछ चाहिये अभय के अंदर हलचल हो रही थी जो अभय को बचैन् किये जा रही थी

तभी मधु की नजर अभय पे जाती है तो मधु चिलाते हुवे सर्म से लाल होते हुवे अभय को देख - भईया
फिर किया मधु भागते हुवे कमरे मे चली जाती है

मधु के चिलाने से अभय होस मे आता है

आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏🙏
Fantastic update superb bhai
 

ajay bhai

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chapter 30

सुबह आसा अभय को उठाती है पप्पी किसी होती है

अभय आसा को देख - रोज की तरह खूबसूरत प्यारी हॉट लग रही हो डार्लिंग मा

आसा मुस्कुराते हुवे - मेरा लाला मेरी तारीफ करे इसी लिये तो मे सजदी हु


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अभय आसा को बाहों मे कस आसा को प्यार से देख धीरे से - और मे ही हमेसा देखुंग कियुंकी आप मेरी है
आसा अभय के आखो मे देख प्यार से धीरे से - हा मेरी लाला की हु

अभय मुस्कुराते हुवे - आई लोव मा
आसा - आई लोव यू तु मेरे लाल

अभय फिर अदिति के कमरे मे आता है अदिति को उठाता है अदिति अंगराई लेके उठ अभय को प्यार से देख - गुड मोर्निंग भाई

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अभय अदिति के होठो पे किस करते हुवे -गुड मोर्निंग गुरिया
अदिति मुस्कुराते हुवे - अब तो मेरा रोज गुड मोर्निंग अच्छा होगा
अभय मुस्कुराते हुवे - वो कैसे पहले नही होता था क्या
अदिति मुस्कुराते हुवे - होता था लेकिन अब भाई कि किस्सी जो मिलती है होठो पे
अभय मुस्कुराते हुवे - शैतान चल

अभय फिर हल्का होके जोगिंग करते हुवे मिनिता के घर आता है अंदर जाते ही कोमल को देख - गुड मोनिंग बंदरिया

कोमल अभय को देख - आ गया बंदर देख बंदरिया केहना बंद कर मुझे कही मेरा सतक गया तो तेरे लिये अच्छा नही होगा

अभय कोमल के पास आके नीचे झुक गाल पे किस करते हुवे - गुस्से मे तुम और खूबसूरत लगती है

कोमल सर्म से लाल हो जाती है कोमल को अभय की तारीफ बहोत अच्छी लगती है

तभी अभय की नजर दरवाजे पे खरी मिनिता पे जाती है मिनिता सेक्सी अंदाज़ मे खरी लाल लिबिस्टिक लगाये नसीली अदा के साथ अभय को देख इसारे से बुलाती है

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अभय मिनिता को उपर से नीचे देखता है और अभय की नजर मिनिता के कमर गहरी ढोरी पे ठीक जाती है जिसे देख अभय के अंदर तूफान उठ जाता है मिनिता की ये अदा किसी को ख्याल कर दे

अभय मुस्कुराते हुवे मिनिता की तरफ जाने लगता है मिनिता कमरे मे आके बिस्तर पे बैठ जाती है अभय मिनिता के पास आता है और बिना देरी किये मिनिता को पकर बिस्तर पे लेता के मिनिता के ऊपर आ जाता है और मिनिता की आखो मे देखने लगता है

अभय - आपकी अदा और आपकी कयामत बॉडी कमर गहरी ढोरी देख मुझे कुछ होने लगता है ऐसे सब मत दिखाया कीजिये नही तो कुछ कर दुगा और आपको लेने के देने पर जायेंगे

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मिनिता अभय की आखो मे देख सर्म से - अच्छा जी क्या कर लोगे
अभय - करने को बहोत कुछ कर सकता हु लेकिन कर नही सकता कियुंकी लाइसेंस मेरे पास नही है
मिनिता सर्म से - अच्छा जी और जो गीली किस्सी करता है उसका लाइसेंस है तेरे पास

अभय मुस्कुराते हुवे - आपने दी है तो हा है आगे का लाइसेंस अगर आप दे दे तो आगे भी बहोत कुछ हो सकता है

मिनिता सर्म से अभय की आखो मे देख - एक गारी का लाइसेंस सिर्फ एक इंसान को मिल सकता है
अभय मिनिता के कान मे धीरे से -लेकिन उस गारी को दूसरा चला सकता है बिना लाइनेंस के
मिनिता तेज सासे लेके - लेकिन उसमे खतरा बहोत है पकरे गये तो
अभय धीरे से - हा ये बात तो है लेकिन मजा भी तो आता है

मिनिता हस्ते हुवे - बहोत हो गई बात चलो मेरे उपर से उठो
अभय - मेरी किस्सी
मिनिता अभय को देख सर्म से अपना जिब बाहर निकाल देती है अभय ये देख जोस मे आ जाता है और मिनिता के जिब मुह मे लेके चूसने लगता है मिनिता भी अभय को बाहों मे पकर लेती है

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दोनो पागलो की तरह एक दूसरे का जिब होठ मुह मे लेके पीने लगते है 2 मिनट तक चलाता है फिर दोनो के होठ अलग होके है

मिनिता सर्म से नजरे नीचे किये हुई थी

अभय मिनिता के गर्दन पे किस करने लगता है मिनिता एकदम से सिसक् परती है अभय मिनिता के गर्दन पे किस करते हुवे गालो पे करता रहता है

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मिनिता मचल उठती हो ये एहसास अपने गर्दन पे होठो का गिला मिनिता को तरपा रहा था मिनिता के अंदर हलचल पैदा कर रहा था तभी मिनिता तेज सासे लेते हुवे बिस्तर पे उठ जाती है अभय को हटा के

अभय - माफ करना ऑन्टी वो मे
मिनिता सारी बाल सही करते हुवे - कोई बात नही चलो बाहर चलते है

दोनो बाहर आते है अभय थोरि बाते करता है फिर घर आके नहा कर रेडी होता है फिर खाना खाता है

सुबह के 10 बजे

आसा - ठीक से जाना समझ गया बाइक तेज मत चलाना
अभय आसा के होठो पे किस करते हुवे - समझ गया मा
अदिति - भाई फिर अब कल ही आओगे ना
अभय अदिति को बाहों मे लेके आखो मे देख - गुरिया हा सुबह आ जाउंगा
अदिति अभय के होठो पे किस करते हुवे - अब ठीक है
अभय आसा मुस्कुरा देते है

अभय - ठीक है मा गुरिया चलता हु

अभय फिर बैग लेके बाइक पे बैठ निकल परता है अभय दिशा के पास आता है यानी दिशा के घर से थोरि दूर दिशा को बुलाता है


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दिशा आती है अभय दिशा को बाहों मे भर किस करना सुरु कर देता है दिशा हैरान लेकिन फिर अभय का साथ देती है किस करने के बाद

दिशा सर्म से - आते ही सुरु अगर खुली जगह ना होती तो आप पता नही और क्या करते

अभय दिशा के गांड को दबाते हुवे - सही कहा लेकिन अभी भी मे बहोत कुछ कर सकता हु

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दिशा सिसकते हुवे - आह इतने जोर से कियु दबा रहे है दर्द हो रहा है
अभय गांड दबाते हुवे - बहोत बरे मुलायम गर्म है मजा आ रहा है
दिशा - सर्म कीजिये कोई देख लेगा
अभय - कोई नही देखेगा

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दिशा गुस्से से अभय को देख - क्या कहा
अभय डरते हुवे - कुछ नही

पूजा अभय के पास आते हुवे - सादी तक रुका भी नही जाता आपको
अभय पूजा को देख मुस्कुराते हुवे - आपको और कोई काम नही है बिया बीवी के बीच टांग अराने के अलावा

पूजा अभय को देख मुस्कुराते हुवे - सही कहा कोई काम नही है
दिशा तो अपनी हसी रोके जा रही थी सब देख
अभय पूजा को एकदम से कस के बाहों मे भर लेता है पूजा डरते हुवे - नही जीजा जी नही दीदी बचाओ मुझे

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अभय अब सजा मिलेगी -अभय तेज तेज चाता पूजा के बरे गोल मटोल गांड मे मारने लगता है पूजा दर्द से रोने वाली आवाज मे मर गई दीदी बचाओ जीजा से मा जोर से लगी - चार चाता जोर से मारने के बाद अभय छोर देता है

पूजा अपनी गांड सेहलाते हुवे आखो मे आसु लेके अभय को देख रोने वाली आवाज मे - आप बहोत गंदे है जीजा मे आपसे बात नही करुगी ( पूजा दिशा को देख) दीदी आप ने भी मुझे नही बचाया आपसे भी बात नही करुगी

पूजा रूठ कर चली जाती है

दिशा अभय को देख - रुला दिया ना बेचारी को
अभय दिशा को देख मुस्कुराते हुवे - तुम चिंता मत करो जब मे आऊगा तो साली जी को मना लुगा
दिशा मुस्कुराते हुवे - तब ठीक है

अभय दिशा के माथे पे किस करते हुवे - अब मुझे जाना चाहिये
दिशा - जी

अभय बाइक पे बैठ निकल परता है दिशा अभय को जाते देख मन मे - मेरी किस्मत उपर वाले की दुवा ही है की आप मुझे पति के रूप मे मिले

दिशा फिर घर चली आती है


अभय तेज बाइक चलाते हुवे काजल से बाते करते हुवे घर पहुँच जाता है अभय बाइक चला के नीचे उतर दरवाजे की तरफ देखता है तो काजल दिखाई देती है आते हुवे काजल सारी मे आज कुछ ज्यादा ही खूबसूरत लग रही थी अभय काजल को देखता ही रहता है

काजल अभय के पास आते मुस्कुराते हुवे - क्या देख रहा है
अभय काजल को देख - आपकी खूबसूरती को
काजल शर्मा के - चल अंदर
अभय - हा

अभय अंदर जाता है तो ममता दिखाई देती है अभय जाके कैसी है भाभी

ममता अभय को देख मुस्कुराते हुवे - अच्छी हु तो आ गये बुवा को लेने
अभय मुस्कुराते हुवे - बुआ ने कहा तो आना ही पता मेरी भतीजी कैसी है

ममता - बहोत अच्छी है
काजल - बेटा फरेस् होजा फिर खाना खाने के बाद बाते करेगे
अभय - जी बुआ

अभय फरेस् होता है खाना खाता है और ममता के साथ बैठ बाते करने लगता है

अभय - भाभी आप इतनी खूबसूरत है भइया तो खूब प्यार देते होगे
ममता सर्म से - आप भी ना देवर जी
अभय हस्ते हुवे - थोरा प्यार अपने देवर को भी देना चाहिये
ममता अभय को देख मुस्कुराते हुवे - अच्छा जी
अभय मुस्कुराते हुवे - हा जी
ममता हस्ते हुवे - नही मिलेगा आपके भाई का है सब
अभय ममता से सत् के - एक किस भी नही
ममता अभय को देख सर्म से - बस एक किस
अभय खुश होते हुवे - लेकिन गीली वाली
ममता हस्ते हुवे - ठीक है

अभय ममता के चेहरे को पकर आखो मे देख - आप बहोत खूबसूरत है भाभी
अभय फिर अपना होठ ममता की तरफ ने जाने लगता है ममता का दिन तेज धक धक करना सुरु कर देता है सासे तेज हो जाती है

अभय ममता के होठ मे मे लेके चूसने लगता है ममता को एकदम से करेंट लगता है एक अलग एहसास फिल होगा है ममता मुह खोल देती है अभय ममता के जिब मुह मे लेके चूसने लगता है ममता भी अभय के जिब लेके चूसने लगती है

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ममता मन मे - उफ ये अलग एहसास कैसा देवर जी तो मेरे जिब को चूस कर पिये जा रहे है लेकिन मुझे भी मजा आ रहा है एक अगल मजा ( अभय सब से अगल स्वाद है भाभी के होठ के रस का एहसास भी अगल है जो भी है बहोत अच्छा लग रहा है 2 मिनट बाद

ममता सर्म से पानी पानी हो चुकी थी

अभय ममता को देख - थैंक्स भाई बहोत मिठा रस है आपका
ममता और शर्मा जाती है - कोई बात नही देवर जी
अभय - अच्छा भाभी मे बुआ से बात कर लेता हु
ममता सर्म से - जी

अभय फिर कमरे से बाहर आ जाता है ममता अपने होठ को छूटे हुवे मन मे - पता नहीं कियु देवर जी को मना नही कर पाई

नोट - ममता को भी पता है अभय को सब किस देते है और अभय को किस बहोत पसंद है लेकिन गीली किस्सी का किसी को नही पता

अभय कमरे मे जाता है तो काजल लेती हुई थी अभय को देख मुस्कुराते हुवे -कर की बात भाभी से
अभय मुस्कुराते हुवे - हा किसी भी मिली
काजल - तेरा अलग ही चलता है

अभय काजल के ऊपर लेत जाता है पूरी तरीके से अभय साफ काजल की चुत की गर्मी अपने सीने मे दबे काजल के बरे टाइट चूचे फिल कर लेता है अभय काजल के चेहरे के पास अपना चेहरा कर

अभय - बुआ 10 दिन बहोत मुश्किल से इंतज़ार किया है अब मुझे मत तरसाईये
काजल अभय की आखो मे देख - ठीक है कर ले

काजल बिस्तर पकर रेडी हो जाती है पेहला गीली किस्सी के लिये काजल के अंदर एक तूफान मच जाता है सासे तेज लेते हुवे अभय को देख अपने गुलाबी होठ खोल देती है

अभय अपना होठ काजल के होठ से सता लेता है और मुह मे लेके चूसना सुरु करता है काजल को गिला गिला मेहसूस होता है जिसे फिल कर काजल के शरीर के करेंट दोर जाता है अभय फिर काजल के जिब को मुह मे लेके चूसने लगता है काजल अभय के नीचे लेती अभय को बाहों मे कस के कपड़े हुवे थे

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काजल का मुह भी चलने लगता है काजल भी अभय के होठ जिब का रस चूस एक घुट जैसे ही पीती है काजल एक अलग दुनिया मे चली जाती है फिर तो काजल रुकती नही पुरे जोर से अभय के जिब चूस लार घट घट पीने लग जाती है

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काजल किसी के जिब चूस पीने मे इतना मजा आता है आज पता चला दिल कर रहा है पीती रहु रुकु ना उफ ये कैसा एहसास मजा मिल रहा है मुझे - अभय काजल की चुत पे अपने लंड से दबाओ डालता है तो काजल की टांगे थोरि खुल जाती है अपने आप

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अभय अपना लंड काजल की चुत पे धीरे धीरे उपर नीचे घिस रहा था साथ मे काज के होठो का रस भी पी रहा था - अभय मन मे बुआ की चुत की गर्मी बहोत है उफ उपर से बुवा के रस के स्वाद का कोई जवाब नही ( दोनो बुआ भतीजे बजे से 2 मिनट तक एक दूसरे का रस पीने के बाद होठ अलग करते है

काजल सर्म से आखे बंद किये तेज तेज सासे लेते हुवे किस का मजा जो मिला उसे फिल करने लगती है

अभय काजल को देखता है फिर धीरे से कान मे - कैसा लगा
काजल तेज सासे लेके सर्म से - अलग बहोत मिठा
अभय - मुझे भी आपके होठो का रस सब से अच्छा मिठा लगा
काजल सर्म से - सच
अभय काजल के गर्दन के किस करते हुवे - सच
काजल सिसकते हुवे - आह

अभय काजल के ऊपर से उठ जाता है काजल अपनी आखे खोल उठ कर बैठ जाती है लेकिन अभय से नजरे मिलाने मे बहोत सर्म आ रही थी


साम 3 बजे

काजल अभय खेत घूमने आते है बाते करते हुवे खेत मे घूम नजरे का मजा ले रहे थे अभय काजल का हाथ पकर चल रहा था काजल भी

अभय चारों तरफ देखता है कोई नही था पास मे तो अभय काजल को पीछे से पकर बहोत मे गर्दन पे किस करने लगता है काजल सिसकते हुवे - आह अभय बेटा मत कर कोई देख लेगा


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अभय काजल के गर्दन गाल पे किस करते हुवे अपना लंड पीछे से काजल के बरे गांड मे दबाते हुवे - कोई नही है बुआ उफ

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अभय फिर काजल को खेत मे लेता है काजल के ऊपर आके गर्दन पे किस करने लगता है काजल - उफ आह अभय बेटा रुक जा मत कर

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अभय नही रुकता काजल के गर्दन पे किस करते हुवे काजल के चूचे के दरार के बीच किस करते हुवे काजल के पेट मे किस करता है तो काजल अपनी कमर उठा के सिसकते हुवे - आह उफ रुक जा बेटा


अभय रोक जाता है और मन मे - ये मे क्या कर रहा था
काजल जल्दी से उठ सारी सीने पे डाल सही कर अभय को देखती है और बिना बोले घर जाने लगती है अभय भी पीछे पीछे चलते हुवे मन मे - बस यही मेरी बुरी आदत है कब क्या कर बैठता हु मुझे बाद मे एहसास होगा बुआ गुस्सा है अब क्या करू


रात 10 बजे

खाना खाने सब बैठे हुवे थे अभय फूफा भाई से बात करता है बात ये होती है काजल सुबह अभय के साथ जायेगी बाकी सब सादी के 2 दिन पहले आयेगें बाते करते करते खाना हो जाता है फिर कुछ देर बाते कर सब अपने कमरे मे चले जाते है

अभय अपने कमरे मे आके नाइट सूट पेहन लेत जाता है

अभय मन मे - बुआ नाराज हो गई कियु किया मेने

काजल पीछे बिस्तर पे लेती हुई थी 10 मिनट बाद काजल अभय को फोन कर पीछे बुलाती है अभय पीछे काजल बुआ के पास आके लेत जाता है

अभय काजल को देख - आप गुस्सा है ना खेत मे जो क्या
काजल अभय की तरफ देख - हा कोई देख लेता तो
अभय मन मे - अच्छा इस लिये गुस्सा है मुझे लगा

अभय काजल के ऊपर आके आखो मे देख - कोई नही था इसी लिये तो क्या
काजल अभय को देख सर्म से - हु

अभय - किस्सी करू गीली वाली
काजल अपना होठ खोल देती है अभय समझ जाता है

अभय फिर काजल को किस करना सुरु करना फिर उसी के साथ काजल की चुत पे लंड घिसने लगता है अभय सॉक हो जाता है कियुंकी काजल ने नाइटी पहनी थी अंदर कुछ नही पेहना था इस लिये अभय को काजल की पूरी चुत की फाके गर्मी साफ फिल हो रही थी

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अभय किस करते हुवे धीरे धीरे लंड काजल की चुत मे दबाने लगता है काजल अपनी टांगे पूरी खुल फैला देती है अब तो अभय हैरान के साथ अच्छे से काजल की चुत फिल कर पा रहा था किस करने के बाद

अभय काजल को देख - थैंक्स मेरी सेक्सी बुआ
काजल सर्म से - कोई बात नही

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अभय काजल के ऊपर लेत जाता है और अपना सर काजल के चूचे पे रख देता है और काजल की बॉडी चुत चूचे की गर्मी का मजा लेने लगता है

काजल अभय को बाहों मे पकर - एक बात पूछूँ
अभय - हा पूछीये ना
काजल - जब तु कैद से आया लेकिन कुछ दिन मे ही तेरे दिशा के बीच सब कैसे हुवा
. काजल की बात सुन अभय काजल को देखते हुवे - जानता है
काजल सर्म से - हा
अभय अपना दबाओ काजल की चुत पे फिर डालते हुवे - जब मे भाभी को लेकर गया उसी साम भाभी को कमरे मे कपड़े बदलते नँगा देख लिया

काजल हैरान सर्म से - क्या
अभय - हा पहली बार था तो सब हो गया
काजल सर्म से मन मे- मेने पूछा ही कियु
अभय काजल के कान मे धीरे से - बहोत मजा आया था
काजल तेज सासे लेते हुवे सर्म से -ऐसी बाते मत कर मारुगी
अभय मुस्कुराते हुवे धीरे से - बुआ एक बात कहु
काजल - हा
अभय कान मे - बुआ बाइक पे जब आप सत् कर बैठी थी तो मुझे आपका वो फिल हो रहा था तो मजा बहोत आया था
काजल हैरान सर्म से लाल सासे तेज - क्या फिल हो रहा था
अभय धीरे से - आपके बरे मुलायम गोल मटोल दूध
काजल सॉक अभय से थोरा गुस्से मे - ये ज्यादा नही हो गया उतर मेरे उपर से जल्दी

अभय समझ जाता है उससे जायदा ही आगे की बात केह दी अभय डर जाता है और काजल के ऊपर से साइड मे लेत जाता है

2 मिनट तक दोनो आसंमान को देखते रहते है

अभय दुखी आवाज मे - बुआ माफ कर दो वो मुझे जो अच्छा लगा फिल क्या बोल दिया सायद मुझे नही केहना चाहिये था

काजल अभय को एक नजर देखती है फिर आसमान को देखते हुवे - कोई बात नही

अभय खरा होते हुवे - ठीक है बुआ मे कमरे मे जाके सो जाता हु
काजल हैरान उठ कर बैठ अभय को देख - कियु जा रहा है मेरे साथ नही सोयेगा फोन पे तो बोलता था बुआ आयुगा तो बाहों मे लेके रात भर सोयुगा
अभय काजल को देखता है फिर बिस्तर पे लेत जाता काजल भी लेत जाती है और अभय की तरफ पलट जाती है अभय भी काजल की तरफ लेत काजल को देखने लगता है

काजल - दूर कियु है पास आ ना नाराज है क्या
अभय काजल के एकदम पास आके सत् जाता है
काजल अभय को देखती है अभय काजल को
अभय काजल की आखो मे देख - माफ करना हुआ आगे से ध्यान रखुंगा

काजल - एक बात बता इसी लिये तूने मुझे सूट सलवार पहने के लिये बोला था

अभय काजल से पूरा साथ बाहों मे लेके - हा बोला भी तो था साफ

काजल अभय को देखती है फिर पिट के बल लेत - आजा
इतना सुनते ही अभय तेजी से काजल के ऊपर आके काजल को प्यार से देखने लगता है

काजल मुस्कुराते हुवे - वाह कहते ही तेजी से उपर आ गया
अभय मुस्कुराते हुवे - कियुंकी आपके मुलायम गर्म बदन पे लेत मजा आता है
काजल सर्म से लाल - अच्छा लेकिन ये बता गोल मटोल क्या है
अभय धीरे से - गुस्सा करोगी आप
काजल - नही करुगी
अभय काजल की आखो मे देख - आपके बरे गोल मटोल चूचे
काजल सर्म से अभय को देख - तुझे कैसे पता गोल मटोल है
अभय धीरे से काजल की चुत पे दबाव बनाते हुवे - फिल क्या था जब आप पीछे बाइक पे सत् कर बैठी थी बहोत मुलायम बरे गोल मटोल टाइट लगे मुझे तो बहोत मजा आया

काजल की सासे तेज होने लगती है सर्म से पानी पानी हो जाती है

अभय धीरे से - काश मुझे देखने का मोक्का मिलता तो मेरी किस्मत ही खुल जाती

काजल अभय को देख - क्या खा तूने
अभय डर के मन मे - लग गये फिर उसी दिन की तरह मुह से निकल गया
अभय काजल को देख डरते हुवे - बुआ वो मे
काजल गुस्से से अभय को देख - सच बोल क्या कहा तूने
अभय काजल को देख नजरे नीचे कर सर्म से - काश एक बार देख पाता माफ करना बुआ जो सजा देगी है दे देदो

अभय काजल के ऊपर से उठने लगता है लेकिन काजल अभय को बाहों मे कस पकर लेती है अभय काजल को देखता है

काजल - कियु उठ रहा है मेरे उपर ही रेह मुझे अच्छा लग रहा है
अभय डरते हुवे - जी
काजल धीरे से - ठीक है दिखाउगी लेकिन वादा कर किसीको नहीं बतायेगा
अभय एकदम से हैरान खुश होके काजल को देख - सच्ची
काजल सर्म से - हा
अभय काजल के होठो पे किस करते हुवे - मेरी प्यारी बुआ
काजल सर्म से - हा अब प्यार कितना बिगर गया है तू
अभय काजल की आखो मे देख प्यार से - बुआ रहा नही जा रहा
काजल से लाल अभय को देखती है फिर नाइटी नीचे कर अपने दोनो चूचे बाहर निकाल अभय के सामने कर सर्म से आखे बंद कर लेती है

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अभय आखे फार काजल के बरे गोल मटोल टाइट चूचे को देखता ही रेह जाता है काजल के चूचे सच मे बहोत बरे गोल मटोल टाइट खरे थे उपर काले खरे निपल और भी बवाल लग रहे थे ( अभय मन मे - उफ आज मे पहली बार अपनी मा की उमर की औरत के चूचे देख रहा हु
काजल सर्म से कापते हुवे - बेटा हो गया तो अंदर कर लू

अभय चूचे को लार चुवाते देखते हुवे - बुआ कसम से आपके चूचे बहोत खूबसूरत टाइट है इस उमर मे भी ( काजल अभय को देखती है और सर्म से - सच केह रहा है मेरे चूचे तुझे बहोत अच्छे खूबसूरत लगे
अभय काजल को देख - सच बुआ बहोत अच्छे खूबसूरत है आपके चूचे किया मे दबा सकता हु प्लेस
काजल सर्म से अभय को देखती है फिर - ठीक है थोरि देर
अभय खुश होते हुवे - जी

अभय फिर कापते हाथो से दोनो चूचे पकर जोर से दबाने लगता है काजल को एकदम से दर्द के साथ पुरे सरीर काप् जाती है काजल सिसकिया लेते हुवे बिस्तर को जोर से पकर - उफ बेटा धीरे दर्द हो रहा है आह :

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अभय चूचे दबाते हुवे - बुआ आपके चूचे बहोत मुलायम और बरे है हाथ मे भी पूरा नही आ रहा पर दबाने मे बहोत मजा आ रहा है उफ अभय फिल करता है काजल के चूचे पुरे करक् हो गये है काजल को अजीब एहसास होता है कुछ अंदर मे हलचल तो काजल जल्दी से दोनो चूचे अंदर कर लेती है

काजल नजरे नीचे कर अभय को देख सर्म से - बेटा अब उपर से नीचे सो जा तू बहोत भारी है
अभय साइड मे लेत जाता है काजल बिस्तर से उठ सीधा पिसाब करने जाती है वही अभय अपने हाथ को देख मन मे - उफ कितने बरे टाइट है बुआ के चूचे अभी भी फिल हो रहा है जैसे मे उसके चूचे अभी भी पकरा हु और दबा रहा हु मुलायम सोफ्ट उफ दिल कर रहा था दबाते रहु

काजल थोरि देर बात आती है बिस्तर पे लेत जाती है अभय काजल को बाहों मे भर - सुक्रिया बुआ आप बहोत अच्छी है आई लोव यू
काजल भी अभय को बाहों मे भर - कोई बात नही लेकिन किसी को
अभय मुस्कुराते हुआ - नही बताऊगा
काजल सर्म से - वो कैसा लगा तुझे
अभय मुस्कुराते हुवे - बहोत मजा आया आपके चूचे तो मस्त है
काजल सर्म से - अच्छा अब सोते है
अभय - जी

दोनो एक दूसरे को बाहों मे भर सो जाते है


आरोही बंगलो

कमरे मे अमर अपनी छोटी बेहन आरोही के मजे लेने मे लगा हुआ था

आरोही टांगे फैलाये हुवे थी और अमर चुत मजे से चाट रहा था आरोही सिसकिया लेते हुवे बिस्तर को पकरे - भाई उफ आह बहोत अच्छा फिल हो रहा है ऐसे ही चूस कर रस पी जाओ अपनी छोटी बेहन की चुत का रस आह भाई बहोत मजा आ रहा है उफ

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अमर अपनी बेहन की चुत को मुह मे लेके जिब से चाट कर पीते हुवे मन मे - उफ यार कितना अच्छा स्वाद है मेरी भी बेहन की चुत के रस का उफ मेरी किस्मत आह छोटी बेहन की गर्म चुत का रस ( आरोही कापते हुवे - भाई आने वाला है मेरा ( अमर तेज चुत चाटने चूसने लगता है आरोही बिस्तर जोर से पकर आह उफ्फ मा कापते हुवे गांड उठा के झरते हुवे निकल गया आह
अमर रस पीते हुवे - उफ मेरी छोटी बेहन ने गर्म रस निकाल दिया


अमर फिर आरोही की चुत पे लंड घिसते हुवे आरोही को देख - बेहना डाल दु अंदर
आरोही सिसकिया लेते हुवे नशे वाली आखो से - जल्दी डाल दो भाई

अमर जोर का धक्का मार पूरा लंड आरोही की चुत मे घुसा लेता है आरोही दर्द मे बिस्तर पकर रोते हुवे - बहोत दर्द हुआ भाई प्लेस धीरे डाला कीजिये आह मा मर गई
अमर तेज धक्का मारते हुवे - उफ बेहना तेरी गर्म चुत मे मेरा लंड जाता है तो तो मे कही खो जाता हु उफ ये मजा बेहन कि चुत मारने का

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आरोही बिस्तर पे लेती आखो मे आसु लिये आह उफ्फ भाई धीरे करो भाई दर्द हो रहा है आह मत करो ना तेज धीरे अंदर डालो ना ( अमर धक्का मारते हुवे छोटी तेज मारुंगा तो मजा आयेगा और तेरी चुत से पानी जल्दी निकलने :12 मिनट बाद आरोही फिर बिस्तर जोर से पकर भाई फिर निकलने वाला है माइ रे आ गया निकल गया आरोही गांड उठा के कापते हुवे झर जाती है आरोही उफ निकल गया पानी भाई अपने अपनी छोटी बेहन की चुत से पानी निकाल दिया अभय भी एक जोर का धक्का मार झर जाता है आरोही दर्द मे रो परती है

अमर फिर आरोही को बाहों मे लेके - मजा आया
आरोही आसु साफ करते हुवे मुस्कुरा के - बहोत मजा आया भाई

आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏🙏
 

Skb21

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chapter 30

सुबह आसा अभय को उठाती है पप्पी किसी होती है

अभय आसा को देख - रोज की तरह खूबसूरत प्यारी हॉट लग रही हो डार्लिंग मा

आसा मुस्कुराते हुवे - मेरा लाला मेरी तारीफ करे इसी लिये तो मे सजदी हु


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अभय आसा को बाहों मे कस आसा को प्यार से देख धीरे से - और मे ही हमेसा देखुंग कियुंकी आप मेरी है
आसा अभय के आखो मे देख प्यार से धीरे से - हा मेरी लाला की हु

अभय मुस्कुराते हुवे - आई लोव मा
आसा - आई लोव यू तु मेरे लाल

अभय फिर अदिति के कमरे मे आता है अदिति को उठाता है अदिति अंगराई लेके उठ अभय को प्यार से देख - गुड मोर्निंग भाई

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अभय अदिति के होठो पे किस करते हुवे -गुड मोर्निंग गुरिया
अदिति मुस्कुराते हुवे - अब तो मेरा रोज गुड मोर्निंग अच्छा होगा
अभय मुस्कुराते हुवे - वो कैसे पहले नही होता था क्या
अदिति मुस्कुराते हुवे - होता था लेकिन अब भाई कि किस्सी जो मिलती है होठो पे
अभय मुस्कुराते हुवे - शैतान चल

अभय फिर हल्का होके जोगिंग करते हुवे मिनिता के घर आता है अंदर जाते ही कोमल को देख - गुड मोनिंग बंदरिया

कोमल अभय को देख - आ गया बंदर देख बंदरिया केहना बंद कर मुझे कही मेरा सतक गया तो तेरे लिये अच्छा नही होगा

अभय कोमल के पास आके नीचे झुक गाल पे किस करते हुवे - गुस्से मे तुम और खूबसूरत लगती है

कोमल सर्म से लाल हो जाती है कोमल को अभय की तारीफ बहोत अच्छी लगती है

तभी अभय की नजर दरवाजे पे खरी मिनिता पे जाती है मिनिता सेक्सी अंदाज़ मे खरी लाल लिबिस्टिक लगाये नसीली अदा के साथ अभय को देख इसारे से बुलाती है

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अभय मिनिता को उपर से नीचे देखता है और अभय की नजर मिनिता के कमर गहरी ढोरी पे ठीक जाती है जिसे देख अभय के अंदर तूफान उठ जाता है मिनिता की ये अदा किसी को ख्याल कर दे

अभय मुस्कुराते हुवे मिनिता की तरफ जाने लगता है मिनिता कमरे मे आके बिस्तर पे बैठ जाती है अभय मिनिता के पास आता है और बिना देरी किये मिनिता को पकर बिस्तर पे लेता के मिनिता के ऊपर आ जाता है और मिनिता की आखो मे देखने लगता है

अभय - आपकी अदा और आपकी कयामत बॉडी कमर गहरी ढोरी देख मुझे कुछ होने लगता है ऐसे सब मत दिखाया कीजिये नही तो कुछ कर दुगा और आपको लेने के देने पर जायेंगे

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मिनिता अभय की आखो मे देख सर्म से - अच्छा जी क्या कर लोगे
अभय - करने को बहोत कुछ कर सकता हु लेकिन कर नही सकता कियुंकी लाइसेंस मेरे पास नही है
मिनिता सर्म से - अच्छा जी और जो गीली किस्सी करता है उसका लाइसेंस है तेरे पास

अभय मुस्कुराते हुवे - आपने दी है तो हा है आगे का लाइसेंस अगर आप दे दे तो आगे भी बहोत कुछ हो सकता है

मिनिता सर्म से अभय की आखो मे देख - एक गारी का लाइसेंस सिर्फ एक इंसान को मिल सकता है
अभय मिनिता के कान मे धीरे से -लेकिन उस गारी को दूसरा चला सकता है बिना लाइनेंस के
मिनिता तेज सासे लेके - लेकिन उसमे खतरा बहोत है पकरे गये तो
अभय धीरे से - हा ये बात तो है लेकिन मजा भी तो आता है

मिनिता हस्ते हुवे - बहोत हो गई बात चलो मेरे उपर से उठो
अभय - मेरी किस्सी
मिनिता अभय को देख सर्म से अपना जिब बाहर निकाल देती है अभय ये देख जोस मे आ जाता है और मिनिता के जिब मुह मे लेके चूसने लगता है मिनिता भी अभय को बाहों मे पकर लेती है

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दोनो पागलो की तरह एक दूसरे का जिब होठ मुह मे लेके पीने लगते है 2 मिनट तक चलाता है फिर दोनो के होठ अलग होके है

मिनिता सर्म से नजरे नीचे किये हुई थी

अभय मिनिता के गर्दन पे किस करने लगता है मिनिता एकदम से सिसक् परती है अभय मिनिता के गर्दन पे किस करते हुवे गालो पे करता रहता है

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मिनिता मचल उठती हो ये एहसास अपने गर्दन पे होठो का गिला मिनिता को तरपा रहा था मिनिता के अंदर हलचल पैदा कर रहा था तभी मिनिता तेज सासे लेते हुवे बिस्तर पे उठ जाती है अभय को हटा के

अभय - माफ करना ऑन्टी वो मे
मिनिता सारी बाल सही करते हुवे - कोई बात नही चलो बाहर चलते है

दोनो बाहर आते है अभय थोरि बाते करता है फिर घर आके नहा कर रेडी होता है फिर खाना खाता है

सुबह के 10 बजे

आसा - ठीक से जाना समझ गया बाइक तेज मत चलाना
अभय आसा के होठो पे किस करते हुवे - समझ गया मा
अदिति - भाई फिर अब कल ही आओगे ना
अभय अदिति को बाहों मे लेके आखो मे देख - गुरिया हा सुबह आ जाउंगा
अदिति अभय के होठो पे किस करते हुवे - अब ठीक है
अभय आसा मुस्कुरा देते है

अभय - ठीक है मा गुरिया चलता हु

अभय फिर बैग लेके बाइक पे बैठ निकल परता है अभय दिशा के पास आता है यानी दिशा के घर से थोरि दूर दिशा को बुलाता है


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how to type fractions on keyboard
दिशा आती है अभय दिशा को बाहों मे भर किस करना सुरु कर देता है दिशा हैरान लेकिन फिर अभय का साथ देती है किस करने के बाद

दिशा सर्म से - आते ही सुरु अगर खुली जगह ना होती तो आप पता नही और क्या करते

अभय दिशा के गांड को दबाते हुवे - सही कहा लेकिन अभी भी मे बहोत कुछ कर सकता हु

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दिशा सिसकते हुवे - आह इतने जोर से कियु दबा रहे है दर्द हो रहा है
अभय गांड दबाते हुवे - बहोत बरे मुलायम गर्म है मजा आ रहा है
दिशा - सर्म कीजिये कोई देख लेगा
अभय - कोई नही देखेगा

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बस अभय का गुस्सा हाई इसकी मा का

दिशा गुस्से से अभय को देख - क्या कहा
अभय डरते हुवे - कुछ नही

पूजा अभय के पास आते हुवे - सादी तक रुका भी नही जाता आपको
अभय पूजा को देख मुस्कुराते हुवे - आपको और कोई काम नही है बिया बीवी के बीच टांग अराने के अलावा

पूजा अभय को देख मुस्कुराते हुवे - सही कहा कोई काम नही है
दिशा तो अपनी हसी रोके जा रही थी सब देख
अभय पूजा को एकदम से कस के बाहों मे भर लेता है पूजा डरते हुवे - नही जीजा जी नही दीदी बचाओ मुझे

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अभय अब सजा मिलेगी -अभय तेज तेज चाता पूजा के बरे गोल मटोल गांड मे मारने लगता है पूजा दर्द से रोने वाली आवाज मे मर गई दीदी बचाओ जीजा से मा जोर से लगी - चार चाता जोर से मारने के बाद अभय छोर देता है

पूजा अपनी गांड सेहलाते हुवे आखो मे आसु लेके अभय को देख रोने वाली आवाज मे - आप बहोत गंदे है जीजा मे आपसे बात नही करुगी ( पूजा दिशा को देख) दीदी आप ने भी मुझे नही बचाया आपसे भी बात नही करुगी

पूजा रूठ कर चली जाती है

दिशा अभय को देख - रुला दिया ना बेचारी को
अभय दिशा को देख मुस्कुराते हुवे - तुम चिंता मत करो जब मे आऊगा तो साली जी को मना लुगा
दिशा मुस्कुराते हुवे - तब ठीक है

अभय दिशा के माथे पे किस करते हुवे - अब मुझे जाना चाहिये
दिशा - जी

अभय बाइक पे बैठ निकल परता है दिशा अभय को जाते देख मन मे - मेरी किस्मत उपर वाले की दुवा ही है की आप मुझे पति के रूप मे मिले

दिशा फिर घर चली आती है


अभय तेज बाइक चलाते हुवे काजल से बाते करते हुवे घर पहुँच जाता है अभय बाइक चला के नीचे उतर दरवाजे की तरफ देखता है तो काजल दिखाई देती है आते हुवे काजल सारी मे आज कुछ ज्यादा ही खूबसूरत लग रही थी अभय काजल को देखता ही रहता है

काजल अभय के पास आते मुस्कुराते हुवे - क्या देख रहा है
अभय काजल को देख - आपकी खूबसूरती को
काजल शर्मा के - चल अंदर
अभय - हा

अभय अंदर जाता है तो ममता दिखाई देती है अभय जाके कैसी है भाभी

ममता अभय को देख मुस्कुराते हुवे - अच्छी हु तो आ गये बुवा को लेने
अभय मुस्कुराते हुवे - बुआ ने कहा तो आना ही पता मेरी भतीजी कैसी है

ममता - बहोत अच्छी है
काजल - बेटा फरेस् होजा फिर खाना खाने के बाद बाते करेगे
अभय - जी बुआ

अभय फरेस् होता है खाना खाता है और ममता के साथ बैठ बाते करने लगता है

अभय - भाभी आप इतनी खूबसूरत है भइया तो खूब प्यार देते होगे
ममता सर्म से - आप भी ना देवर जी
अभय हस्ते हुवे - थोरा प्यार अपने देवर को भी देना चाहिये
ममता अभय को देख मुस्कुराते हुवे - अच्छा जी
अभय मुस्कुराते हुवे - हा जी
ममता हस्ते हुवे - नही मिलेगा आपके भाई का है सब
अभय ममता से सत् के - एक किस भी नही
ममता अभय को देख सर्म से - बस एक किस
अभय खुश होते हुवे - लेकिन गीली वाली
ममता हस्ते हुवे - ठीक है

अभय ममता के चेहरे को पकर आखो मे देख - आप बहोत खूबसूरत है भाभी
अभय फिर अपना होठ ममता की तरफ ने जाने लगता है ममता का दिन तेज धक धक करना सुरु कर देता है सासे तेज हो जाती है

अभय ममता के होठ मे मे लेके चूसने लगता है ममता को एकदम से करेंट लगता है एक अलग एहसास फिल होगा है ममता मुह खोल देती है अभय ममता के जिब मुह मे लेके चूसने लगता है ममता भी अभय के जिब लेके चूसने लगती है

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ममता मन मे - उफ ये अलग एहसास कैसा देवर जी तो मेरे जिब को चूस कर पिये जा रहे है लेकिन मुझे भी मजा आ रहा है एक अगल मजा ( अभय सब से अगल स्वाद है भाभी के होठ के रस का एहसास भी अगल है जो भी है बहोत अच्छा लग रहा है 2 मिनट बाद

ममता सर्म से पानी पानी हो चुकी थी

अभय ममता को देख - थैंक्स भाई बहोत मिठा रस है आपका
ममता और शर्मा जाती है - कोई बात नही देवर जी
अभय - अच्छा भाभी मे बुआ से बात कर लेता हु
ममता सर्म से - जी

अभय फिर कमरे से बाहर आ जाता है ममता अपने होठ को छूटे हुवे मन मे - पता नहीं कियु देवर जी को मना नही कर पाई

नोट - ममता को भी पता है अभय को सब किस देते है और अभय को किस बहोत पसंद है लेकिन गीली किस्सी का किसी को नही पता

अभय कमरे मे जाता है तो काजल लेती हुई थी अभय को देख मुस्कुराते हुवे -कर की बात भाभी से
अभय मुस्कुराते हुवे - हा किसी भी मिली
काजल - तेरा अलग ही चलता है

अभय काजल के ऊपर लेत जाता है पूरी तरीके से अभय साफ काजल की चुत की गर्मी अपने सीने मे दबे काजल के बरे टाइट चूचे फिल कर लेता है अभय काजल के चेहरे के पास अपना चेहरा कर

अभय - बुआ 10 दिन बहोत मुश्किल से इंतज़ार किया है अब मुझे मत तरसाईये
काजल अभय की आखो मे देख - ठीक है कर ले

काजल बिस्तर पकर रेडी हो जाती है पेहला गीली किस्सी के लिये काजल के अंदर एक तूफान मच जाता है सासे तेज लेते हुवे अभय को देख अपने गुलाबी होठ खोल देती है

अभय अपना होठ काजल के होठ से सता लेता है और मुह मे लेके चूसना सुरु करता है काजल को गिला गिला मेहसूस होता है जिसे फिल कर काजल के शरीर के करेंट दोर जाता है अभय फिर काजल के जिब को मुह मे लेके चूसने लगता है काजल अभय के नीचे लेती अभय को बाहों मे कस के कपड़े हुवे थे

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काजल का मुह भी चलने लगता है काजल भी अभय के होठ जिब का रस चूस एक घुट जैसे ही पीती है काजल एक अलग दुनिया मे चली जाती है फिर तो काजल रुकती नही पुरे जोर से अभय के जिब चूस लार घट घट पीने लग जाती है

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काजल किसी के जिब चूस पीने मे इतना मजा आता है आज पता चला दिल कर रहा है पीती रहु रुकु ना उफ ये कैसा एहसास मजा मिल रहा है मुझे - अभय काजल की चुत पे अपने लंड से दबाओ डालता है तो काजल की टांगे थोरि खुल जाती है अपने आप

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अभय अपना लंड काजल की चुत पे धीरे धीरे उपर नीचे घिस रहा था साथ मे काज के होठो का रस भी पी रहा था - अभय मन मे बुआ की चुत की गर्मी बहोत है उफ उपर से बुवा के रस के स्वाद का कोई जवाब नही ( दोनो बुआ भतीजे बजे से 2 मिनट तक एक दूसरे का रस पीने के बाद होठ अलग करते है

काजल सर्म से आखे बंद किये तेज तेज सासे लेते हुवे किस का मजा जो मिला उसे फिल करने लगती है

अभय काजल को देखता है फिर धीरे से कान मे - कैसा लगा
काजल तेज सासे लेके सर्म से - अलग बहोत मिठा
अभय - मुझे भी आपके होठो का रस सब से अच्छा मिठा लगा
काजल सर्म से - सच
अभय काजल के गर्दन के किस करते हुवे - सच
काजल सिसकते हुवे - आह

अभय काजल के ऊपर से उठ जाता है काजल अपनी आखे खोल उठ कर बैठ जाती है लेकिन अभय से नजरे मिलाने मे बहोत सर्म आ रही थी


साम 3 बजे

काजल अभय खेत घूमने आते है बाते करते हुवे खेत मे घूम नजरे का मजा ले रहे थे अभय काजल का हाथ पकर चल रहा था काजल भी

अभय चारों तरफ देखता है कोई नही था पास मे तो अभय काजल को पीछे से पकर बहोत मे गर्दन पे किस करने लगता है काजल सिसकते हुवे - आह अभय बेटा मत कर कोई देख लेगा


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अभय काजल के गर्दन गाल पे किस करते हुवे अपना लंड पीछे से काजल के बरे गांड मे दबाते हुवे - कोई नही है बुआ उफ

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अभय फिर काजल को खेत मे लेता है काजल के ऊपर आके गर्दन पे किस करने लगता है काजल - उफ आह अभय बेटा रुक जा मत कर

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अभय नही रुकता काजल के गर्दन पे किस करते हुवे काजल के चूचे के दरार के बीच किस करते हुवे काजल के पेट मे किस करता है तो काजल अपनी कमर उठा के सिसकते हुवे - आह उफ रुक जा बेटा


अभय रोक जाता है और मन मे - ये मे क्या कर रहा था
काजल जल्दी से उठ सारी सीने पे डाल सही कर अभय को देखती है और बिना बोले घर जाने लगती है अभय भी पीछे पीछे चलते हुवे मन मे - बस यही मेरी बुरी आदत है कब क्या कर बैठता हु मुझे बाद मे एहसास होगा बुआ गुस्सा है अब क्या करू


रात 10 बजे

खाना खाने सब बैठे हुवे थे अभय फूफा भाई से बात करता है बात ये होती है काजल सुबह अभय के साथ जायेगी बाकी सब सादी के 2 दिन पहले आयेगें बाते करते करते खाना हो जाता है फिर कुछ देर बाते कर सब अपने कमरे मे चले जाते है

अभय अपने कमरे मे आके नाइट सूट पेहन लेत जाता है

अभय मन मे - बुआ नाराज हो गई कियु किया मेने

काजल पीछे बिस्तर पे लेती हुई थी 10 मिनट बाद काजल अभय को फोन कर पीछे बुलाती है अभय पीछे काजल बुआ के पास आके लेत जाता है

अभय काजल को देख - आप गुस्सा है ना खेत मे जो क्या
काजल अभय की तरफ देख - हा कोई देख लेता तो
अभय मन मे - अच्छा इस लिये गुस्सा है मुझे लगा

अभय काजल के ऊपर आके आखो मे देख - कोई नही था इसी लिये तो क्या
काजल अभय को देख सर्म से - हु

अभय - किस्सी करू गीली वाली
काजल अपना होठ खोल देती है अभय समझ जाता है

अभय फिर काजल को किस करना सुरु करना फिर उसी के साथ काजल की चुत पे लंड घिसने लगता है अभय सॉक हो जाता है कियुंकी काजल ने नाइटी पहनी थी अंदर कुछ नही पेहना था इस लिये अभय को काजल की पूरी चुत की फाके गर्मी साफ फिल हो रही थी

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अभय किस करते हुवे धीरे धीरे लंड काजल की चुत मे दबाने लगता है काजल अपनी टांगे पूरी खुल फैला देती है अब तो अभय हैरान के साथ अच्छे से काजल की चुत फिल कर पा रहा था किस करने के बाद

अभय काजल को देख - थैंक्स मेरी सेक्सी बुआ
काजल सर्म से - कोई बात नही

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अभय काजल के ऊपर लेत जाता है और अपना सर काजल के चूचे पे रख देता है और काजल की बॉडी चुत चूचे की गर्मी का मजा लेने लगता है

काजल अभय को बाहों मे पकर - एक बात पूछूँ
अभय - हा पूछीये ना
काजल - जब तु कैद से आया लेकिन कुछ दिन मे ही तेरे दिशा के बीच सब कैसे हुवा
. काजल की बात सुन अभय काजल को देखते हुवे - जानता है
काजल सर्म से - हा
अभय अपना दबाओ काजल की चुत पे फिर डालते हुवे - जब मे भाभी को लेकर गया उसी साम भाभी को कमरे मे कपड़े बदलते नँगा देख लिया

काजल हैरान सर्म से - क्या
अभय - हा पहली बार था तो सब हो गया
काजल सर्म से मन मे- मेने पूछा ही कियु
अभय काजल के कान मे धीरे से - बहोत मजा आया था
काजल तेज सासे लेते हुवे सर्म से -ऐसी बाते मत कर मारुगी
अभय मुस्कुराते हुवे धीरे से - बुआ एक बात कहु
काजल - हा
अभय कान मे - बुआ बाइक पे जब आप सत् कर बैठी थी तो मुझे आपका वो फिल हो रहा था तो मजा बहोत आया था
काजल हैरान सर्म से लाल सासे तेज - क्या फिल हो रहा था
अभय धीरे से - आपके बरे मुलायम गोल मटोल दूध
काजल सॉक अभय से थोरा गुस्से मे - ये ज्यादा नही हो गया उतर मेरे उपर से जल्दी

अभय समझ जाता है उससे जायदा ही आगे की बात केह दी अभय डर जाता है और काजल के ऊपर से साइड मे लेत जाता है

2 मिनट तक दोनो आसंमान को देखते रहते है

अभय दुखी आवाज मे - बुआ माफ कर दो वो मुझे जो अच्छा लगा फिल क्या बोल दिया सायद मुझे नही केहना चाहिये था

काजल अभय को एक नजर देखती है फिर आसमान को देखते हुवे - कोई बात नही

अभय खरा होते हुवे - ठीक है बुआ मे कमरे मे जाके सो जाता हु
काजल हैरान उठ कर बैठ अभय को देख - कियु जा रहा है मेरे साथ नही सोयेगा फोन पे तो बोलता था बुआ आयुगा तो बाहों मे लेके रात भर सोयुगा
अभय काजल को देखता है फिर बिस्तर पे लेत जाता काजल भी लेत जाती है और अभय की तरफ पलट जाती है अभय भी काजल की तरफ लेत काजल को देखने लगता है

काजल - दूर कियु है पास आ ना नाराज है क्या
अभय काजल के एकदम पास आके सत् जाता है
काजल अभय को देखती है अभय काजल को
अभय काजल की आखो मे देख - माफ करना हुआ आगे से ध्यान रखुंगा

काजल - एक बात बता इसी लिये तूने मुझे सूट सलवार पहने के लिये बोला था

अभय काजल से पूरा साथ बाहों मे लेके - हा बोला भी तो था साफ

काजल अभय को देखती है फिर पिट के बल लेत - आजा
इतना सुनते ही अभय तेजी से काजल के ऊपर आके काजल को प्यार से देखने लगता है

काजल मुस्कुराते हुवे - वाह कहते ही तेजी से उपर आ गया
अभय मुस्कुराते हुवे - कियुंकी आपके मुलायम गर्म बदन पे लेत मजा आता है
काजल सर्म से लाल - अच्छा लेकिन ये बता गोल मटोल क्या है
अभय धीरे से - गुस्सा करोगी आप
काजल - नही करुगी
अभय काजल की आखो मे देख - आपके बरे गोल मटोल चूचे
काजल सर्म से अभय को देख - तुझे कैसे पता गोल मटोल है
अभय धीरे से काजल की चुत पे दबाव बनाते हुवे - फिल क्या था जब आप पीछे बाइक पे सत् कर बैठी थी बहोत मुलायम बरे गोल मटोल टाइट लगे मुझे तो बहोत मजा आया

काजल की सासे तेज होने लगती है सर्म से पानी पानी हो जाती है

अभय धीरे से - काश मुझे देखने का मोक्का मिलता तो मेरी किस्मत ही खुल जाती

काजल अभय को देख - क्या खा तूने
अभय डर के मन मे - लग गये फिर उसी दिन की तरह मुह से निकल गया
अभय काजल को देख डरते हुवे - बुआ वो मे
काजल गुस्से से अभय को देख - सच बोल क्या कहा तूने
अभय काजल को देख नजरे नीचे कर सर्म से - काश एक बार देख पाता माफ करना बुआ जो सजा देगी है दे देदो

अभय काजल के ऊपर से उठने लगता है लेकिन काजल अभय को बाहों मे कस पकर लेती है अभय काजल को देखता है

काजल - कियु उठ रहा है मेरे उपर ही रेह मुझे अच्छा लग रहा है
अभय डरते हुवे - जी
काजल धीरे से - ठीक है दिखाउगी लेकिन वादा कर किसीको नहीं बतायेगा
अभय एकदम से हैरान खुश होके काजल को देख - सच्ची
काजल सर्म से - हा
अभय काजल के होठो पे किस करते हुवे - मेरी प्यारी बुआ
काजल सर्म से - हा अब प्यार कितना बिगर गया है तू
अभय काजल की आखो मे देख प्यार से - बुआ रहा नही जा रहा
काजल से लाल अभय को देखती है फिर नाइटी नीचे कर अपने दोनो चूचे बाहर निकाल अभय के सामने कर सर्म से आखे बंद कर लेती है

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अभय आखे फार काजल के बरे गोल मटोल टाइट चूचे को देखता ही रेह जाता है काजल के चूचे सच मे बहोत बरे गोल मटोल टाइट खरे थे उपर काले खरे निपल और भी बवाल लग रहे थे ( अभय मन मे - उफ आज मे पहली बार अपनी मा की उमर की औरत के चूचे देख रहा हु
काजल सर्म से कापते हुवे - बेटा हो गया तो अंदर कर लू

अभय चूचे को लार चुवाते देखते हुवे - बुआ कसम से आपके चूचे बहोत खूबसूरत टाइट है इस उमर मे भी ( काजल अभय को देखती है और सर्म से - सच केह रहा है मेरे चूचे तुझे बहोत अच्छे खूबसूरत लगे
अभय काजल को देख - सच बुआ बहोत अच्छे खूबसूरत है आपके चूचे किया मे दबा सकता हु प्लेस
काजल सर्म से अभय को देखती है फिर - ठीक है थोरि देर
अभय खुश होते हुवे - जी

अभय फिर कापते हाथो से दोनो चूचे पकर जोर से दबाने लगता है काजल को एकदम से दर्द के साथ पुरे सरीर काप् जाती है काजल सिसकिया लेते हुवे बिस्तर को जोर से पकर - उफ बेटा धीरे दर्द हो रहा है आह :

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अभय चूचे दबाते हुवे - बुआ आपके चूचे बहोत मुलायम और बरे है हाथ मे भी पूरा नही आ रहा पर दबाने मे बहोत मजा आ रहा है उफ अभय फिल करता है काजल के चूचे पुरे करक् हो गये है काजल को अजीब एहसास होता है कुछ अंदर मे हलचल तो काजल जल्दी से दोनो चूचे अंदर कर लेती है

काजल नजरे नीचे कर अभय को देख सर्म से - बेटा अब उपर से नीचे सो जा तू बहोत भारी है
अभय साइड मे लेत जाता है काजल बिस्तर से उठ सीधा पिसाब करने जाती है वही अभय अपने हाथ को देख मन मे - उफ कितने बरे टाइट है बुआ के चूचे अभी भी फिल हो रहा है जैसे मे उसके चूचे अभी भी पकरा हु और दबा रहा हु मुलायम सोफ्ट उफ दिल कर रहा था दबाते रहु

काजल थोरि देर बात आती है बिस्तर पे लेत जाती है अभय काजल को बाहों मे भर - सुक्रिया बुआ आप बहोत अच्छी है आई लोव यू
काजल भी अभय को बाहों मे भर - कोई बात नही लेकिन किसी को
अभय मुस्कुराते हुआ - नही बताऊगा
काजल सर्म से - वो कैसा लगा तुझे
अभय मुस्कुराते हुवे - बहोत मजा आया आपके चूचे तो मस्त है
काजल सर्म से - अच्छा अब सोते है
अभय - जी

दोनो एक दूसरे को बाहों मे भर सो जाते है


आरोही बंगलो

कमरे मे अमर अपनी छोटी बेहन आरोही के मजे लेने मे लगा हुआ था

आरोही टांगे फैलाये हुवे थी और अमर चुत मजे से चाट रहा था आरोही सिसकिया लेते हुवे बिस्तर को पकरे - भाई उफ आह बहोत अच्छा फिल हो रहा है ऐसे ही चूस कर रस पी जाओ अपनी छोटी बेहन की चुत का रस आह भाई बहोत मजा आ रहा है उफ

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अमर अपनी बेहन की चुत को मुह मे लेके जिब से चाट कर पीते हुवे मन मे - उफ यार कितना अच्छा स्वाद है मेरी भी बेहन की चुत के रस का उफ मेरी किस्मत आह छोटी बेहन की गर्म चुत का रस ( आरोही कापते हुवे - भाई आने वाला है मेरा ( अमर तेज चुत चाटने चूसने लगता है आरोही बिस्तर जोर से पकर आह उफ्फ मा कापते हुवे गांड उठा के झरते हुवे निकल गया आह
अमर रस पीते हुवे - उफ मेरी छोटी बेहन ने गर्म रस निकाल दिया


अमर फिर आरोही की चुत पे लंड घिसते हुवे आरोही को देख - बेहना डाल दु अंदर
आरोही सिसकिया लेते हुवे नशे वाली आखो से - जल्दी डाल दो भाई

अमर जोर का धक्का मार पूरा लंड आरोही की चुत मे घुसा लेता है आरोही दर्द मे बिस्तर पकर रोते हुवे - बहोत दर्द हुआ भाई प्लेस धीरे डाला कीजिये आह मा मर गई
अमर तेज धक्का मारते हुवे - उफ बेहना तेरी गर्म चुत मे मेरा लंड जाता है तो तो मे कही खो जाता हु उफ ये मजा बेहन कि चुत मारने का

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आरोही बिस्तर पे लेती आखो मे आसु लिये आह उफ्फ भाई धीरे करो भाई दर्द हो रहा है आह मत करो ना तेज धीरे अंदर डालो ना ( अमर धक्का मारते हुवे छोटी तेज मारुंगा तो मजा आयेगा और तेरी चुत से पानी जल्दी निकलने :12 मिनट बाद आरोही फिर बिस्तर जोर से पकर भाई फिर निकलने वाला है माइ रे आ गया निकल गया आरोही गांड उठा के कापते हुवे झर जाती है आरोही उफ निकल गया पानी भाई अपने अपनी छोटी बेहन की चुत से पानी निकाल दिया अभय भी एक जोर का धक्का मार झर जाता है आरोही दर्द मे रो परती है

अमर फिर आरोही को बाहों मे लेके - मजा आया
आरोही आसु साफ करते हुवे मुस्कुरा के - बहोत मजा आया भाई

आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏🙏
Super hot majedar update waiting for next
 

monsterking

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Bahut
chapter 12


जीत जीतू अपने अपने घर अपने परिवार के साथ मस्त समय बिताने मे लगे हुवे थे और जीत जीतू के बीच फोन पे बात भी होती रहती थी जैसे कभी बाते करने मे लगे हुवे है

जीत - यार जीतू बॉस से बाते करने का दिल कर रहा है लेकिन बॉस ने साफ मना कर दिया है की उन्हें कोई परेसान ना करे

जीतू - अबे पागल बॉस ने किया कहा है सुना नही था किया आगे बॉस का कितना बरा प्लान है और वैसे भी हम 4 साल कैद मे रहे है तो बॉस चाहते है पेहले अब अच्छे से अपने परिवार के साथ वक़्त बिताये और बॉस भी अपने परिवार के साथ वक़्त बिताना चाहते है तुम्हे तो पता है ना आगे हमे बहोत काम करना है

जीत - हा पता है और इस प्लान के बारे मे बॉस ने dp devil के कैद से भागने से पेहले ही बता दिया था और बॉस ने तभी आगे किया करना है सोच लिया सच मे उनके दिमाग का कोई जवाब नही

जीतू - अबे गढ़े तभी तो वो हमारे बॉस है उनके सामने तो dp devil के कैद मे रहे सभी कापते थे उसका जलवा ही अलग है वैसे बॉस ने हमे तैयार रेहने के लिये कहा है जल्दी ही हमे काम पे लगना होगा

जीत - यार मे तो कब से रेडी हु मुझसे रहा ही नही जा रहा मे तो बॉस के साथ काम करने के लिये बेकरार हु जल्द ही पूरी दुनिया के सामने एक पावर फुल मसीहा आने वाला है

जीतू - सही कहा कभी सोचा नही था इस पावर पैसे का हम इस तरह से इस्तमाल करने वाले है मेने सोच रहा था साला 4 साल गार फार ट्रेनिंग करने के बाद कैद से भागने के बाद उस ताकत का इस्तमाल कहा करुगा लेकिन बॉस ने तो उसकी समस्या भी दूर कर दी

जीत - सही कहा अब बस उस समय का इंतज़ार है
जीतू - यार उपर से मा बेहन सब बॉस से मिलने के लिये बेकरार है मुझे बार बार केहते रेहते है मुझे उस लरके से मिलना है उसने मेरे बेटे को बचाया है
जीत - यार यहा भी वही हाल है जब से मेने मा सभी को बताया है सब रोज केहते है अपने दोस्त को बुलाओ मिल कर सुक्रिया केहना है

जीतू - सही कहा लेकिन मुझे लगता है कुछ दिन तक तो ना हम बॉस से बात कर पायेंगे ना वो खुद आने वाले है बस इंतज़ार हि करना पड़ेगा

दोनो के बीच ऐसे ही बाते होती रेहती है


( अभय के घर )


दिशा अदिति आगन मे खाट पे बैठे बाते कर रहे होते है

दिशा अदिति को देख हस्ते हुवे - ननद जी देवर जी ने तो अपने लिये एक और गुरिया ढूढ़ ली अब तो आपको उतना प्यार नही मिलेगा जितना पेहले मिलता था

दिशा की बात सुन अदिति दिशा को देख मुस्कुराते हुवे

अदिति - भाभी मेरे भाई के लिये मे आप मा या कोई और कियु ना हो अगर भाई किसी से रिस्ता बनाते है तो उसके हमारे बीच बेडभाव नही करते भाई सब को एक तरह ही देखते है प्यार भी करते है मुझे यकीन है जितना प्यार भाई मुझे करते है उतना हि प्यार मधु से भी करेगे लेकिन ये जान मुझे जलन या गुस्सा नही बलकी अपने भाई पे और प्यार आता है और मेरे दिल मे भाई के लिये इज़त और बढ़ गई है मेरा भाई मेरी जान है और मे भी उनकी जान हु ( अदिति दिशा को देख मुस्कुरा देती है )


दिशा भी अदिति को देख मुस्कुराते हुवे - जैसा मुझे देवर जी के गुरिया से उमीद थी मुझे पता था आपके जवाब किया होगे कियुंकी मेने देखा आपने खुद मधु के लिये कपड़े खरीदे है अपने पसंद से

अदिति दिशा को देख मुस्कुराते हुवे - खरीदना तो परेगा ही ना मधु मेरी छोटी बेहन जो बन गई है और मे उसकी बरी बेहन

दिशा मुस्कुराते हुवे - हा समझ गई छोटी बेहन पाके बहोत खुश होगी आप फीलिंग मस्त आ रही होगी ना बरी बेहन होने का

अदिति मुस्कुराते हुवे - ये भी पूछने की बात है

तभी आसा आते हुवे - किया बात हो रही है भाभी ननद मे

दिशा आसा को देख - देवर जी के दूसरे गुरिया के बारे मे बात हो रही हो मम्मी जी

आसा खाट के एक साइड बैठते हुवे - अच्छा मधु कि बात कर रही हो
अदिति आसा को देख - हा मा मधु कि हि बात हो रही है वो बस मुझसे कुछ महीने छोटी है लेकिन छोटी तो छोटी होती है ना मे उससे बरी हुई ना मा

दिशा अदिति की बात सुन हसने लगती है तो वही आसा मुस्कुरा देती है

आसा अदिति के गाल पे हाथ फेरते हुवे - बेटा अभय के लिये तुम सब से खास हो और रहोगी चाहे कोई कियु ना आ जाये रही मधु कि बात ( आसा मुस्कुराते हुवे) हा तुम उसकी बरी बेहन हो

अपनी मा की बात सुन आसा खुश होते हुवे - आप ने सही कहा मा

दिशा आसा को देख - मम्मी जी सोच रही हु साम को देवर जी के साथ जाके मा से मिल आउ

आसा दिशा को देख - अरे ये तो अच्छी बात है वैसे भी अभय ने उनके लिये खरीदारी की है कपड़े सब जाके देना भी तो है ठीक है साम को अभय को लेकर चली जाना

दिशा खुश होते हुवे - जी मम्मी जी

अदिति - मुझे भी जाना है
आसा अदिति को देख - नही तुम नही जाओगी बहु अभय जायेंगे कई बार जाके तो आई हो

अदिति - ठीक है आप केहते हो तू मान जाती हु आपको अकेला छोर कर जा भी तो नही सकती

आसा अदिति के गाल पे किस करते हुवे - मेरा प्यारा बच्चा
अदिति आसा को देख - बस भी कीजिये जब आप खुश होती है तभी आप मुझ प्यार से चुम्मी देती है लेकिन भाई को तो बिन मांगे किस्सी देती रेहती है

आसा हस्ते हुवे - कियुंकी मेरे लाल को किस्सी के बिना रहा नही जाता है अगर किस्सी नही मिली तो बेचैन हो जाता है

अदिति हस्ते हुवे - हा पता है आदत भी तो आप ने हि लगाई है

आसा दिशा दोनो जोर जोर से हसने लगते है दोनो को हस्ता देख अदिति भी हसने लगती है

( विजय के घर )

विजय काजल दोनो बैठ कमरे मे बैठ खाना खा रहे थे मिनीता कोमल दोनो वही बैठे हुवे थे

मिनीता विजय काजल को देख - अभय बेटा सुबह सुबह जोगिंग करते हुवे आया था लेकिन तुम दोनो दो आराम से सोने मे लगे हुवे थे

मा की बात सुनते ही विजय हैरानी से - किया अभय भाई यहा आये थे कियु किया कोई काम था किया उन्होंने आप को कुछ कहा

मिनीता विजय को देख - सांत होजा अभय बेटा बस हम सब से मिलने के लिये आया था

मा की बात सुन विजय सांत होते हुवे मन मे - अच्छा मुझे लगा किसी काम मिसन के सिलसिले मे बात करने आये ते जल्दी ही सभी को एक जगह बुलाया जायेगा कियुंकी बॉस बहोत बरा करने वाले है

काजल मिनीता को देख हस्ते हुवे - अभय के बारे मे तुमने मुझे जितना बताया है जरूर अभय किस लेकर ही गया होगा

कोमल - हस्ते हुवे ये भी केहने की बात है लेकर ही गया है और किस के लिये रोज सुबह आते रहेगा

मिनीता - हस्ते हुवे सही कहा किस लेकिन गया है
काजल हस्ते हुवे - अभय का अपना ही एक आदत है हर लरके कि कोई अगल आदते देखी है लेकिन अभय कि किस्सी लेने वाली आदत देखी

मिनीता हस्ते हुवे सही कहा - ( मिनीता अपने आगे की झुल्फे अपने कान के पीछे करते हुवे ) अभय बेटे ने मेरी तारीफ भी कि उसने कहा मे बहोत खूबसूरत दिखती हु

कोमल विजय अजीब नजरो से अपनी मा को देखते है

काजल मिनीता को देख मुह टेरा करते हुवे - भाभी आप खूबसूरत है लेकिन मुझसे नही समझ गई आप

मिनीता काजल को देख - ननद जी लगता है आप दिन मे सपना देखने लगी है मे खूबसूरत हु अभय बेटे ने मुझसे कहा भी है

काजल - तो किया हो गया अभय बेटा मेरी भी तारीफ करेगा देखना कहेगा बुआ आप ऑन्टी से बहोत खूबसूरत है

मिनीता - सपना देखना अच्छी बात है देखते रहिये
काजल - देख लेना आप खुद

कोमल अपनी मा बुवा को देख मन मे - देखो तो इस उमर मे उनको जवानी खूबसूरती की परी है

विजय अपनी मा बुआ को देख हस्ते हुवे मन मे - बॉस मे देखना चाहुंगा मा बुआ के सामने आप किसको जायदा खूबसूरत केहते है


( मधु के घर )


मधु सर्म से लाल पानी पानी होते हुवे कमरे मे तेजी से भाग जाती है और पूरी नंगी आईने के सामने खरी होते हुवे खुद को देख मन मे


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मधु - ये किया हो गया भाई ने मुझे पुरा नँगा देख लिया ऐसा लग रहा है मे सर्म से मर ना जाऊ मे अब कैसे भाई के सामने जाउंगी कैसे उनको फेस कर पाउंगी है उपर वाले ये किया हो गया गारी की आवाज तो सुनी थी मेने लेकिन मुझे लगा कोई और होगा अब किया करू लेकिन जाना तो परेगा ही

मधु सर्म से लाल होते हुई परी थी मधु तैयार होते हुवे मन मे यही सोचे जा रही थी कैसे वो अभय के सामने जायेगी

वही अभय होस मे आ चुका था लेकिन उसका लंड फुल ओकात मे था अभय अपने लंड को देख ये किया हो रहा है पेहली बार किसी को नँगा देखा है तब से मेरा लंड इतना टाइट हो गया है जैसे लंड कि नशे फट जायेगी मेरे अंदर अजीब सी चाहता फीलिंग निकल कर आ रही है जो मुझे बहोत बेचैन कर रही है किया करू ये मेरे साथ पेहली बार हो रहा है

अभय ने 15 से 19 का वक़्त समय कैद मे बिताया और ये वो वक़्त समय होता है जब लरके स्कूल मे दोस्तो के साथ लरकी को लेकर बाते करते है सेक्स को लेकर बाते करते है लरकी को देख कर मजे लेते है लरकी पे कमेंट करते है हा ये अलग बात है अभय बाकी बिग्रैल लौंडिया बाज लरका नही बनता लेकिन सेक्स की चाहत सेक्स को लेकर सोच ज्ञान तो जरूर मिलती जो कि अभय को कैद मे रहने से नही मिला लेकिन आज अभय के को एहसास हुवा वो अब एक जवान मर्द है

अभय ने 4 साल ट्रेनिंग की थी तो अभय हर तरफ से पुरा फिट था अभय खुद मे मन को सांत करता है तो अभय का लंड बैठ जाता है लेकिन जो सीन अभय ने देखा था और अभय के अंदर से मधु को देख जो फीलिंग निकली थी उसे अभय दबा नही पाया ना अभय वो सीन दिमाग से निकाल पा रहा था


मधु रेडी हो चुकी की लेकिन अभय के पास जाने की हिम्मत जुटा नही पा रही थी कई बार कोसिस करने के बाद आखिर कार हिम्मत कर के मधु कमरे से निकल अभय के सामने आके खरी हो जाती है

मधु को बहोत सर्म आ रही थी नजरे नीचे किये हुवे अपने नाखून को खुरेडे जा रही थी मधु ने सूट सलवार पेहना था मधु मे जो सूट सलवार पेहना था वही बस एक उसके पास अच्छे कपड़े थे मधु एक नजर अभय को देख सर्म से फिर नजरे नीचे कर लेती है मधु सूट सलवार मे बहोत ही प्यारी खूबसूरत लग रही थी


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अभय मधु को देखता है तो फिर देखता ही रेह जाता है अभय के ना चाहते हुवे भी मधु को देख अभय के दिमाग मे मधु का नँगा बदन सामने का जाता है अभय जल्दी से दिमाग को झटक मधु को गोर से देखता है तो समझ जाता है मधु बहोत शर्मा रही है

अभय मोहोल को बदलने की सोचता है

अभय मधु को देख मुस्कुराते के - गुरिया देखो तेरा भाई तेरे लिये किया लेके आया है

अभय की बात सुन मधु भी सब भूल कर अभय को देख खुशी से अभय के पास जाके

मधु खुश होते हुवे - भाई किया लाये हो मेरे लिये बताइये ना जल्दी
अभय मधु के सर को सेहलाते हुवे - सांत हो जाओ गुरिया कोई तेरे समान लेकर भाग नही जायेगा

अभय बैग को आगे करते हुवे - खुद देख लो
मधु जल्दी से बैग लेके उसे नीचे रख खोलने लगती हो मधु बहोत खुश थी आज उसके लिये कोई कुछ लाया था वो भी उसका भाई अभय भी मधु को खुश देख अभय भी बहोत खुश होता है


मधु बैग खोल कर अंदर हाथ दाल कर जब कुछ निकलती है तो उसे देख मधु का मुह बन जाता है

मधु मुह फुलाते हुवे अभय को देख - भाई ये किया है क्या मे ये सारी पेहनुगी
अभय हस्ते हुवे - अरे गुरिया ये सारी ऑन्टी के लिये है अंदर एक और होली उसके नीचे सब तेरे लिये ही है देखो तो

अभय की बात सुन मधु फिर खुश हो जाती है और अंदर हाथ दाल एक एक कर सब कपड़े निकाल कर देखती तो मधु खुशी से पागल होने लगती है

मधु के लिये सूट सलवार जीन्स लेगिंस नाइट सूट लहगा चोली बोले तो सब था 2 दो पीस और एक बरा मेकप् का बॉक्स उसी के साथ नाक कान मे के भी थे

मधु जल्दी से और अंदर किया है देखती है तो सर्म से लाल हो जाती है अंदर ब्रा पैंटी थी तो मधु उसे अंदर ही रेहने देती है अभय भी मधु को देख समझ जाता है

अभय मधु को देख - गुरिया ये सब मेरी गुरिया यानी तेरी बरी बेहन भाभी ने मिल कर तुम्हारे लिये पसंद कर लिया है और ये लो तेरा अपना फोन

मधु नया फोन देख कर और खुश हो जाती है और जल्दी से अभय के हाथ से फोन लेकर देखने लगती है
मधु को चलाते हुवे - भाई आपको पता नही है जब मे अपने कई लरकियो को फोन चलाते देखती थी तो मेरा भी मन करता था फोन चलने का लेकिन आज मुझे नया फोन मिल हि गया जो मेरे प्यारे भाई ने दिया है

मधु जल्दी से जाके अभय के गले लग जाती है मधु के आखो मे खुशी के आसु थे अभय भी मधु को बाहों मे भर लेता है


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मधु इमोसनल होते हुवे - भाई कल ही हम मिले आपने मुझे बेहन माना आज आप मेरे लिये इतना सब कर रहे है यकीन नही हो रहा मुझे आप जैसा भाई मिला आपक सुक्रिया भाई

अभय मधु को देख मधु के आसु साफ करते हुवे - तु मेरी गुरिया है तो मे अपनी गुरिया के लिये सब करुगा जो मे कर सकता हु और हा भाई को सुक्रिया नही केहते

मधु अभय के बाहों मे समाये - समझ गई भाई आगे से नही कहुंगी

अभय मधु को अलग कर मधु को देख - गुरिया इसमें मेरा अदिति भाभी मा का नंबर सेब कर दिया है अब तुम जब चाहो मुझसे बात कर सकती हो और कभी भी कोई मुसीबत मे हो या कुछ चाहिये हो बे झिझक मुझे फोन करना

मधु का दिल खुशी से नाचने का कर रहा था


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मधु अभय के गालो पे किस करते हुवे - मे कियु कोई झिझक करुगी अपने भाई से कुछ मांगने मे मे तो दिल खोलकर जो चाहिये मांगूगी

अभय हस्ते हुवे - ये हुई ना बात हा एक और बात जल्दी हु तुम्हे अदिति को मे इस्कुटि खरीद दुगा साथ मे स्कूल जाना और तेरा जब दिल करे अपने भाई के घर आ जाना ठीक है

इतना सब कुछ एक बार पाके अपने भाई से प्यार पाके मधु के आखो मे फिर आसु आ जाते है मधु फिर जाके अभय के बाहों मे समा जाती है अभय भी प्यार से मधु का सर सेहलानें लगता है कुछ देर बाद अभय मधु से

अभय - गुरिया चलो मे तुझे घुमा कर लाता हु
मधु अब अपने आप को रोक नही पाती और खुशी से नाचने हुवे ये भाई मुझे घुमाने ले जायेंगे

अभय हस्ते हुवे - बस करो और जाके समान रख जल्दी आओ

मधु - अभी आई

मधु सब समान रख आ जाती है फिर अभय बाइक चालू करता है मधु दोनो तरफ पैर रख अभय से चिपक कर बैठ जाती है अभय को मधु के बरे गोल मुलायम चुचे अपने पीछे मेहसूस होता है


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मधु के चुचे फिल कर अभय के अंदर फिर हलचल मच जाती है पेहले भी कल मधु के चुचे फिल किये थे लेकिन मधु को नँगा देखने के बाद ये फीलिंग अलग थी कल से अभय दिमाग को झटक देता है

अभय - गुरिया चले
मधु तो अभय को पकरे खुशी से फुले नही समा रही थी बेचारी गरीबी मे मा बाप के साथ रहती आई है बाहर जाने का घूमने का मोक्का भी नही मिलता था ना कोई भाई था उसके साथ हस्ती मस्ती करती बाहर घूमने जाती लेकिन अब ऐसा नही था

मधु खुशी से - जि भाई चलिये

अभय ये सुनते ही बाइक तेजी से भगा देता है मधु अभय को पकरे नजारे का का अपने भाई के साथ घूमने का मजा लेने लगती है

अभय के मिलने के बाद मधु जितनी खुश है पेहले कभी नही हुई आज मधु खिलखिला कर हस रही थी खुल कर जी रही थी


अभय मधु को बाजार ले जाता है कुछ खिलता पिलाता है भूमाता है फिर 40 मिनट बाद अभय मधु के घर की गरफ निकल परता है

रास्ते मे एक पेर था पास पास कोई नही था अभय पेर के नीचे बाइक रोक देता है मधु भी बाइक से नीचे उतर जाती है

मधु अभय को देख - भाई आपने बाइक कियु रोकी यहा पे
अभय मधु को देख - अपनी आखे बंद करो

अभय के केहते ही बिना कुछ सोचे बिना देरी किये मधु अपनी आखे बंद कर देती है जिसे देख अभय भी हैरान हो जाता है लेकिन फिर मुस्कुरा देता है

अभय बाजार मे मधु को बाइक के पास खरा कर जल्दी से जाके मधु के लिये एक लॉकेट ले लिया था वही निकाल कर मधु के गले में पेहना देता है


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अभय - अब आखे खोल सकती हो
मधु आखे खोल गले के लॉकेट को देख फिर इमोसनल हो जाती है
अभय - कैसा लगा गुरिया भाई का गिफ्ट
मधु तेजी से जाके अभय के गले लग रोते हुवे - भाई इतना प्यार मत दो जिसे मे सेह ना पाउ अब तो डर लगने लगा है कही एक दिन आप मुझे छोर दोगे तो मे कैसे जीयुगी

अभय मधु के आखो से आसु साफ कर मधु को देख - पागल मे जब तक जिंदा रहुंगा तुझे छोर कर कही नही जाउंगा तेरी कसम

मधु अभय को देख सिसकते हुवे - सच्ची
अभय मुस्कुराते हुवे - सच्ची अब ये बताओ मेरा गिफ्ट कैसा लगा
मधु लॉकेट को देख - जैसा मेरा भाई प्यारा है उसका गिफ्ट भी मुझे बहोत प्यारा लगा

अभय मुस्कुरा देता है

अभय मधु को देख - गुरिया ये बताओ मेने तुम्हे आख बंद करने को कहा तुमने बिना सोचे समझे आखे बंद कर ली किया तुम मुझपे इतना भरोसा करती हो जबकि हम कल ही मिले है
अभय की बात सुन मधु अभय को देख
मधु - हा करती हु कियुंकी आपकी आखो मे साफ दिखता है आप कितने अच्छे है दूसरा मेरा दिल आपके पास रेह कर अच्छा फिल करता है उसे खुशी मिलती हैं मेरा दिल मुझसे कहा आप बुरे नही है

अभय मधु की बात सुन मुस्कुरा देता है

अभय नजरे नीचे कर - लेकिन आज जो हुवा उसके लिये मुझे माफ कर देना मुझे पता नही था तुम

मधु अभय के पास जाके अभय के चेहरे को उपर करते हुवे

मधु - भाई उसमे आप की कोई गलती नही थी आप माफी मत मांगिये
अभय मधु को बाहों मे लेके - थैंक्स गुरिया
मधु - बेहन को थैंक्स नही केहते
अभय हस्ते हुवे - समझ गया

अभय मधु को छोर मधु को देख हस्ते हुवे - लेकिन अगली बार ध्यान देना ऐसा ना हो फिर मे अचनाक् आ जाऊ

तभी मधु अभय के मुह बंद कर शर्मा के - भाई आगे कुछ मत बोलना

फिर मधु अभय के मुह से हाथ हटा देती है

अभय हस्ते हुवे - ठीक है नही बोलुगा चलो घर चलते है


अभय सीधा घर आता है मधु अभय अंदर जाते है तो सिला आ चुकी थी सिला की नजर अभय मधु पे जाती है

सिला अभय को देख फिर मधु को देख मुस्कुराते हुवे

सिला - अच्छा तो ये हैंडसम है तेरा भाई जिसके बारे इतना गुन गान कर रही थी

अभय सिला के पास जाके पैर हुवे हुवे - हा मे ही हु गुरिया का भाई
सिला अभय को आशीर्वाद लेते हुवे हस के - अच्छा तो प्यार से गुरिया बोलते हो मधु को

मधु सिला के गले लग के अभय को देख - भाई कि गुरिया हु तो गुरिया हि कहेगे ना
सिला मधु को प्यार करते हुवे हस के - समझ गई बाबा ये बताओ कहा से आ रहे हो

मधु सिला को देख खुश होते हुवे - मा भाई मुझे बाजार घुमाने ले गये थे मुझे खूब खिलाया और ( लॉकेट को देखाते हुवे) भाई ने मुझे ये लॉकेट गिफ्ट भी दिया है

सिला - अरे वाह बहोत सुंदर है तुम्हारे भाई का गिफ्ट ( सिला अभय को देख) कभी मुझे भी भुमाने के चलो बेटा
अभय मुस्कुराते हुवे - जरूर लेके जाउंगा ये भी केहने की बात है

मधु जल्दी से अंदर जाके बैग लेकर आती है और सिला को सारी दिखाते हुवे - मा ये भाई ले सारी आप के लिये ली है - मधु अपने सारे कपड़े सब दिखाते हुवे) और ये सब मेरा है भाई ने मुझे दी है

सिला हैरान होकर अभय को देख - बेटा इसकी किया जरूर थी देख कर मेहगा लग रहा है बेकार मे खर्चा कियु किया

अभय सिला के गले लग कर - गुरिया मेरी बेहन है और आप भी मेरी मा जैसी हुई उसका मतलब आप सब मेरे अपने है तो मेरा ये फर्ज़ है

सिला अभय के गाल पे किस करते हुवे इमोसनल होके

सिला - सुक्रिया बेटा जब से तुम मधु से मिले तो मधु को मेने बहोत खुश देखा है जितना पेहले नही देखा ( सिला मधु को देख) देखो कितनी खुश है

अभय - कियु नही रहेगी मे खुश रखुंगा अपनी गुरिया को
मधु अभय के गले लग के - मेरा प्यारा भाई

सिला अभय मधु को देख मन मे - जब मधु ने बताया मुझे मेरा भाई मिल गया है तो मे हैरान थी टेंसन मे भी थी कोन है कैसा लरका होगा कही मेरी बेटी का फायेदा तो नही उठा रहा लेकिन उसकी आखो मे देख इसको सामने से देख साफ फिल हो रहा है मुझे ये लरका जिसे भी प्यार करेगा दिल खोल कर करेगा और कोई अगर इसके अपनो को चोट पहुचाने की कोसिस की तो उपर वाला बचाये उसे

अभय मधु को छोर - अच्छा गुरिया मुझे अब जाना होगा घर पे मेरा सब इंतज़ार कर रहे होगे

सिला - अरे बेटा थोरा रुक जाते तो
अभय - नही ऑन्टी मुझे साम को भाभी को लेकर उनके मायके भी जाना है कल मे आऊगा तो देर तक रुकुगा
सिला - अच्छा ये बात है तो ठीक है कल रुकना पड़ेगा
अभय मुस्कुराते हुवे - ठीक है

अभय बाहर आके बाइक पे बैठ जाता है मधु भी खरी थी सामने

मधु अभय को देख - भाई अच्छे से जाना
अभय मुस्कुराते हुवे - ठीक है कल फिर बिना बोले अंदर आ जाउंगा
मधु सर्म से लाल होते हुवे अभय के सीने पे प्यार से मारते हुवे
मधु - आप बहोत बुरे है आप जान भुज कर मुझे परेसान कर रहे है
अभय मधु के माथे पे प्यार से किस करते हुवे मधु को देख
अभय - आई लोव यू गुरिया


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मधु अभय के गाल पे किस करते हुवे - आई लोव यू भाई
अभय - ठीक है जाता हु

अभय भी अपने घर निकल परता है
मधु अभय को जाते देख - भाई पता नही कब तक मुझे कितना ताना मरेगे ( मधु अपना चेहरा छुपा के शर्म से लाल होते हुवे) सुबह जो हुवा नही होना था

मधु फिर अंदर चली जाती है

अभय घर आ जाता है 12 बज गये थे दर जाते ही अदिति अभय के ऊपर खुद परती है अभय अदिति को पकर् लेता है


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अभय अदिति को देख हस्ते हुवे - ऐसे अचानक मेरे उपर आके कुद जाती हो किसी दिन तुझे नही पकर पाया तो हड्डी टूट जायेगी तेरी गुरिया
अदिति अभय को देख - ऐसा कभी नही होगा
अभय -हस्ते हुवे- कियु नही होगा
अदिति अभय के गाल पे किस करते हुवे - कियुंकी मुझे आप पर खुद से जायदा भरोसा है की जब तक मेरा भाई मेरे साथ है कभी मुझे चोट पहुचा नही सकता ना आप मुझे चोट लगने देगे

आसा कमरे से बाहर आते हुवे अदिति को देख
आसा -ये बात तो तूने सही कही लेकिन बंदर कि तरह कियु लटकी है मेरे लाल के ऊपर नीचे उतर जा
अदिति आसा को देख - आप का लाल है तो मेरे प्यार भाई है मे नही उतरुगी
आसा सर पकर - तुम बच्ची के बच्ची रहोगी तुम्हारी हरकते भी बच्चे की तरह है

अभय अदिति को नीचे उतार आसा को बाहों मे भर आसा को देख


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अभय -मेरी प्यार मा गुरिया को कुछ मत कहो वो तो मेरी जान है
आसा अभय को देख - जानती हु इसी किये तेरे सर पे चडी रेहती है
अभय हस्ते हुवे - आप भी मेरी जान है मा
आसा अभय को गाल पे किस करते हुवे - मेरा बच्चा तु भी मेरी जान है

आसा -अब छोर जाके भाभी को देख समान पैक करने मे मदद कर जाके
अभय आसा को छोर - ठीक है मा जाता हु


अभय फिर दिशा के कमरे मे जाता है दिशा सामान रख रही थी बैग में

अभय अंदर आते हुवे दिशा को देख - सारा समान रख लिया या बाकी है

दिशा अभय को देख - अरे देवर जी बस हो गया समझो बैठिये ना
अभय बिस्तर पे बैठ जाता है दिशा थोरे देर बाद फिरी हो जाती है और अभय के पास बैठ जाती है

अभय दिशा को देख हस्ते हुवे - मुझसे रहा नही जा रहा आपकी बेहन से मिलने के लिये
अभय की बात सुन दिशा हैरान होते हुवे अभय को घूर के देखते हुवे
दिशा - मेरी बेहन मे नजर दाली तो ( दिशा अभय के लंड की तरफ देख कर) आपकी पप्पू काट दुगी समझ गये मेरे प्यारे देवर जी

दिशा की बात सुन अभय जल्दी से अपने हाथ से अपने लंड के ऊपर रखते हुवे दिशा को देख डर के
अभय - ना ना मे आप ने केह दिया आपकी बेहन से दूर रहुंगा मुझे अपना पप्पू नही कटवाना है

अभय की बात सुन दिशा पेट पकर जोर जोर से हसने लगती है
दिशा हस्ते हुवे अभय को देख - अपना चेहरा तो देखिये कितना डरे हुवे है आप सही भी है पप्पू बिना आप किया करेगे

अभय दिशा को देख मुह बना के - उरा लीजिये मेरा मजाक जितना उराना है

दिशा अभय के गाल पे प्यार से किस करते हुवे - अरे अरे देवर जी नाराज मत होइये मे तो मजाक कर रही थी
अभय मुस्कुराते हुवे - मुझे भी पता है आप मजाक कर रही थी


बाते करते हुवे साम 3 बज जाते है


अभय दिशा रेडी थे जाने के लिये अभय बाइक पे बैठ जाता है दिशा पीछे एक तरफ दोनो पैर कर बैठ जाती है सारी जो पेहन रखी थी

आसा अदिति दोनो खरे थे अभय बाइक चालू करता है और मा अदिति को देख

अभय - ठीक है मा गुरिया जा रहा हु सुबह भाभी को लेकर आ जाउंगा
आसा - ठीक है बेटा अच्छे से भाभी को लेके जाना
अभय - आप चिंता मत करो मा
अदिति - आज आपने बिना रेहना पड़ेगा
अभय हस्ते हुवे - अरे गुरिया कल आ जाउंगा
दिशा आसा अदिति को देख - मम्मी जी ननद जी चलती हु कल सुबह आ जाउंगी

आसा अदिति - ठीक है

अभय फिर निकल परता है दिशा अभय के कमर को एक हाथ से पकर कर बैठी हुई थी अभय बाइक चलाते हुवे जा रहा था


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अभय - मेरी किस्मत ही खराब है
दिशा हस्ते हुवे - कियु किया हुवा
अभय - मेने सोचा था आप सूट सलवार पेहनेगी बाइक पे दोनो तरफ पैर कर के मुझे पकर मुझसे चिपक कर बैठेगी तो थोरा फिल कर मजा ले पाता लेकिन कुछ नही हुवा

दिशा अभय की बात समझ नही पति फिल चिपक लेकिन दिशा जब अपने दिमाग पे जोर डालती है तो हैरान और सर्म से लाल जो जाती है

दिशा अभय के पीठ पे मारते हुवे - गंदे देवर जी आप ये सोच रहे थे
अभय हस्ते हुवे - हा लेकिन ऐसा हुवा नही
दिशा सर्म से लाल - आप ना देवर जी बरे वो होते जा रहे है
अभय हस्ते हुवे - वो किया
दिशा - कुछ नही

ऐसे ही मस्ती मानक करते हुवे 20 मिनट के बाद अभय दिशा अपने मंजिल पे पहुच जाते है अभय घर के बाहर बाइक रोक देता है दिशा नीचे उतर जाती है अभय भी

बाइक की आवाज सुन पूजा बाहर देखने आती है तो पूजा की नजर अपनी बेहन पे जाती है तो दिशा को देख बहोत खुश हो जाती लेकिन पूजा की नजर जब अभय पे जाती है तो पूजा अभय को देखते ही रेह जाती है

दिशा अपनी छोटी बेहन को ऐसे अभय को देखता देख मुस्कुराते हुवे मन मे - मेने भी देवर जी को पेहली बार देखा था तो देखते रेह गई थी


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अभय पूजा को देखते हुवे मन मे - अच्छा तो यही है भाभी की छोटी बेहन पूजा मानना पड़ेगा बहोत खूबसूरत है भाभी की तरह

दिशा पूजा के पास जाके - ओये होस मे आजा
दिशा की बात सुन पूजा हरबराते हुवे दिशा को देख - जी दीदी
दिशा अभय को देख - ये है मेरे प्यारे देवर जी
अभय पूजा के पास जाके पूजा को देख - अच्छा तो ये है आपकी बेहन पूजा मुझे लगा था खूबसूरत होगी लेकिन ये तो बंदरिया की तरह दिख रही है

अभय की बात सुन दिशा हैरान होते हुवे अपना सर पकर लेती है
दिशा मन मे - देवर जी आपने ये किया बोल दिया आप तो गये

वही होता है अभय पूजा को देख काप् जाता है कियुंकी पूजा फुल गुस्से मे लाल पीली होते हुवे अभय को देख रही थी

पूजा अचानक अभय की तरह तेजी से दोरते हुवे - किया कहा बंदरिया आप मे आप की जान ले लूगि

अभय की फट जाती है अभय जल्दी से दिशा के पीछे छुप जाता है

पूजा गुस्से से दिशा को देख - दीदी आप साइड हो जाइये आज तो ये गये मुझे मुझे इतनी खूबसूरत लरकी को बंदरिया बोला

अभय दिशा के पीछे छुपे हुवे काप् रहा था

अभय पूजा के गुस्से को देख मन मे - भाभी ने सही कहा था साली साहेबा गुस्से वाली है मुझे ही चुल् मची थी उंगली करने की अब मे तो गया ये तो बहोत गुस्से मे है

दिशा पूजा को देख- सांत हो जा छोटी अरे उन्होंने मजाक मे कहा है
पूजा - नही छोरुगी

पूजा अभय को मारने दोरते है अभय चिलाते हुवे दिशा के गोल गोल दोरते हुवे - बचा लो भाभी नही तो ये मार डालेगी मुझे

पूजा अभय दिशा के गोल गोल भागते रेहते है दिशा ये सब देख अपना सर पकर देती है
दिशा जोर से चिलाते हुवे - रुक जाओ

दिशा की जोरदार आवाज सुन दोनो सांत पर जाते है
दिशा अभय पूजा को देख - फिर दोनो लरे तो मे खुद दोनो की धुलाई कर दुगी चलो अंदर

दिशा सभी अंदर जाने लगते है लेकिन पूजा गुस्से से अभय को देख इशारे से - मौका मिलते ही आप के दोनो अंडे फोर दुगी

अभय अपने अंडे पे हाथ रखते हुवे मन मे - बाप रे दोनो बेहने कम नही है एक मेरे पप्पू काटने की धमकी दी तो दूसरे ने मेरे अंडे फोरने की बच कर रेहना पड़ेगा अभय बेटा नही तो किसी काम का नही बचेगा

अंदर जाने के बाद तारा कमरे से बाहर आती है तो दिशा अभय को देख खुश हो जाती है अभय जाके तारा के पैर छूता है

तारा अभय के गाल को सेहलाते हुवे प्यार से - सुकर है अपर वाले का आप लौट कर आ गये नही तो घर मे खुसिया सायद कभी नही आती अगर आती भी तो आप के लिये वो खुसिया खुसिया नही रेहती

अभय तारा को देख - मुझे तो आना ही था बस ये सब आप लोगो की दुवा प्यार का नतीजा है आज मे यहा हु
तारा मुस्कुराते हुवे - चलिये अंदर बैठिये ना

फिर अभय अंदर कमरे मे जाता है बाते होती है बहोत सारी बाते करने के बाद एक कमरे मे दिशा पूजा अभय बैठे हुवे थे दिशा पूजा को नये कपड़े मेकप् का समान बाकी चीजो के साथ लास्ट मे एक मोबाइल निकाल कर देते हुवे

दिशा - देवर जी हमे बरे से शोपिंग मॉल मे लेके गये थे हमने ढेर सारी शॉपिंग थी तुम्हारे लिये भी ये सब मोबाइल देवर जी ने ही लेकर दिया है

पूजा पेहले तो जल्दी से सारे समान मोबाइल अपनी तरफ कर लेती है असल मे पूजा अंदर से बहोत खुश थी नये कपड़े मोबाइल सब पाके लेकिन अभय के सामने दिखती नही है

पूजा अभय को देख नॉर्मल - आप का सुक्रिया
अभय दिशा को देख मन मे - बंदरिया थोरा मुस्कुराते हुवे केहती तो किया बिगर जाता
दिशा दोनो को देख मन मे - ये दोनो फिर आखो ही आखो से लाराइ करने लगे

पूजा सब समान लेके - मे जा रही हु आप दोनो बाते करो

पूजा अपने कमरे मे आके दरवाजा बंद कर नये कपड़े मोबाइल सब देख खुशी से नाचते हुवे - वाह आज दिन बन गया मुझे तो लगा था जीजा जी कमीने है जब उन्होंने मुझे बंदरिया कहा लेकिन अब अच्छे लगने लगे है हाय मेरे नये कपड़े

वही अभय दिशा बाते कर रहे थे

अभय दिशा को देख - भाभी आपकी बेहन ना बहोत खतरनाक है
दिशा हस्ते हुवे - अब समझ आया मेने तो पेहले ही बताया था

( रात 10 बजे


खाना खाने के बाद के दोरान अभय दिशा के पापा से भी बात करता है अभय अपनी बनाई कहानी सुना देता है जिसे सुन तारा पूजा हैरान हो जाते है

एक कमरे मे दिशा पूजा अभय फिर बैठ बाते करते है

अभय पूजा से - साली जी ये बताइये किया आप अभी भी मुझसे गुस्सा है किया

पूजा मुह फुलाते हुवे - हा बहोत गुस्सा हु आप ने मुझे बंदरिया कहा
अभय अपने कान पकर - माफ कर दो आप मेरी प्यार भाभी इतनी खूबसूरत है तो उनकी बेहन भी खूबसूरत होगी ही सच मे आप बहोत खूबसूरत है

पूजा अभय को देख - ठीक है माफ किया इतना केह रहे है तो
दिशा हस्ते हुवे मन मे पूजा को देख - पागल है ये लरकी

पूजा - ठीक है मे चली सोने आप दोनो बाते करो
पूजा सोने चली जाती है अब दिशा अभय बचे थे

अभय बिस्तर पे लेत - चलो मुसीबत तली
दिशा भी अभय के पास लेटते हुवे - सही कहा नही तो आप की खैर नही थी

अभय दिशा की तरफ पलट के दिशा को देखने लगता है दिशा अभय की तरफ पलट कर अभय को देखती है
अभय दिशा को देख - भाभी सच मे आप बहोत खूबसूरत है किया मे आपको एक बार बाहों मे ले सकता हु
दिशा अभय को देख - ठीक है देवर जी

अभय दिशा के तरफ जाके दिशा को बाहों मे भर लेता है दोनो के अंदर एक हलचल होने लगती है दोनो एक दूसरे की आखो मे देखने लगते है

अभय दिशा को देख - भाभी किया मे आप को होठो पे किस कर सकता हु
दिशा अभय को देखते हुवे - ठीक है कर लीजिये
अभय - लेकिन आप भी मेरा साथ देगी तो
दिशा- अभय को देख दुगी साथ

अभय दिशा के नजदीक जाता है दोनो की सासे तेज चलने लगती दोनो के अंदर एक सोया हुवा तूफान जाग जाता है जो बाहर आने के लिये जोर दे रहा था दोनो एक दूसरे को देख है फिर दोनो मे होठ आपस मे मिल जाते है अभय दिशा दोनो एक दूसरे के जिब को मुह मे लेके वाइल्ड ककिस करना सुरु कर देते है


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दोनो एक दूसरे के होठो को जिब को मुह मे लेके चुसे जा रहे थे अभय दिशा को और कस के अपने से सता लेता है अभय का पेहली बार था जब वो किसी को इस तरह किस कर रहा था दोनो सब भूल कर किस मे डूबे हुवे थे एक दूसरे का रस पीने मे लगे हुवे थे 2 मिनट बाद


दिशा आखे बंद किये सर्म से पानी पानी हुवे जोर जोर से सासे लिये जा रही थी जिसकी वजह से दिशा के बरे चुचे उपर नीचे हिल रहे थे

अभय दिशा को देखते हुवे - भाभी
अभय की बात सुन दिशा आखे खोल अभय को देखती है
अभय - भाभी वो
दिशा अभय की आखो मे देख समझ जाती है अभय किया चाहता है
दिशा अपनी आखे बंद कर के - देवर जी आप जो चाहते है कर सकते है
अभय दिशा की बात सुन जल्दी से दिशा के ऊपर आके दिशा के चेहरे गाल पे किस करने लगता है दिशा जोर से बिस्तर को पकर लेती है


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दिशा बिस्तर पे लेती आह भरने सिसकिया लेने लगती है और अभय दिशा के गाल चेहरे पे ककिस किये जा रहा था


दिशा जिसकी सादी हुई लेकिन जल्दी बिधवा हो गई उसके बाद अपने सरीर के सुख को दबा के जीने लगी थी

अभय जो 4 साल कैद मे रहा ना उसे लरकी के टॉपिक मे बात करने का ना सेक्स के टॉपिक मे बात करने का मोक्का मिला ना वो जान पाया वो अब जवान हो चुका है लेकिन आज एक लरकी को नँगा देखने के बाद अभय को एहसास हुवा वो जवान लरका है

दोनो जवान थे एक को सरीर के सुख को दबाना परा दूसरे को आज पता चला उसे किया चाहिये दोनो के अंदर छुपा तूफान जाग गया था दोनो ऐसे मोमेंट मे मे थे जहा दोनो का रुकना नामुमकिन था


आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏🙏🙏
Bahut hi mast update maza agaya
 
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