Excellentchapter 24
सुबह 9 बज चुके थे लेकिन अभय सोया हुआ था काजल अभय के कमरे मे आके देखती है अभय को सोता देख फिर चली जाती है
फोन की रिंग बजती है तो अभय जी नींद खुलती है अभय उठ कर बैठते हुवे नंबर देखता है और फोन उठा कर
अभय - गुड मोर्निंग प्यारी मा
आसा - लाला अभी सो कर उठा है किया
अभय - हा मा रात को देर तक बाते कर सोया इस लिये
आसा - अच्छा ये बात है
अभय - मा किस्सी
आसा मुस्कुराते हुवे - उम्मा पहोच गई किस्सी मेरी तेरे पास
अभय हस्ते हुवे - हा बहोत मोठा किस्सी था
आसा हस्ते हुवे - शैतान
अभय - अच्छा मा बाद मे बात करते है
आसा - हा ठीक है बाय
फोन कट
अभय बाहर आता है तो तो देखता है ममता अपनी बेटी को दूध पिला रही है ममता अपनी सारी से अपनी बेटी चुचे को धक रखा था
ममता की नजर अभय पे जाती - अरे देवर जी उठ गये क्या आप हमेसा इतनी लेत उठते है
अभय ममता के पास जाके चेहरे मे इस्माइल् लाते हुवे - अरे नही भाभी मे रोज सुबह उठ जाता हु लेकिन क्या है ना रात को सब से बात करते हुवे देर से सोया इस लिये
ममता अभय को देख मुस्कुराते हुवे - गर्लफ्रेंड तो जरूर होगी आप इतने हैंडसम जो है मुझे लगता है रात को गर्लफ्रेंड से ही देर तक बाते की होगी इस लिये लेत उठे
अभय हस्ते हुवे - अरे नही भाभी मेरी कोई गर्लफ्रेंड नही है वैसे भी मेरी सादी फिक्स हो गई है ऐसे मे बाहर चक्कर चलाता हु तो मेरी बीवी को बता चला तो वो मुझे डोरा डोरा कर मरेगी
अभय की बात सुन ममता जोर जोर से हस्ते हुवे - हा ये बात आपने सही कही है
अभय हस्ते हुवे - इसी लिये मुझे मार नहीं खानी अच्छा भाभी मे आता हु
ममता - जी
काजल कमरे के दरवाजे पे खरी अभय ममता जो बाते करते देख सुन रही थी लेकिन काजल आगे नही आती अभय से बात करने
अभय काजल के साथ घूमने गया था तो अभय को पता था कहा जाना है हल्का होने अभय थोरि दूर एक पोखर था वही जाके हल्का होता है और वापस घर जाने लगता है लेकिन रात की घटना काजल की कही बात अभय की याद आ रही थी
अभय घर आके नहा कर रेडी होता है खाना रेडी था अभय बैठ खाना खा रहा था ममता अभय के पास ही बैठी हुई थी अभय खाना खाते हुवे ममता को देख
अभय - भाभी मेरी प्यारी भतीजी का नाम क्या रखा है आपने
अभय की बात सुन ममता अपनी बेटी को प्यार से देखते हुवे - आपकी प्यारी भतीजी का नाम - पूनम है
अभय - बहोत प्यारा नाम है पूनम
ममता - हु
खाना पीना होने के बाद अभय कमरे मे आके अपना बैग लेके बाहर आता है आगन मे ममता काजल खरे थे अभय एक नज़र भी काजल को नही देखता लेकिन काजल देख रही थी
ममता अभय को देख - देवर जी आप जा रहे है इतनी जल्दी क्या है साम को चले जाइये गा
अभय मुस्कुराते हुवे - अरे नही भाभी मुझे जाना होगा रुक नही सकता
ममता काजल को देख - मम्मी जी आप कुछ बोलिये ना
काजल अभय को देखती है अभय नजरे दूसरी तरफ किये था
काजल - बहु अभय बेटे को और भी जगह जाने है इस लिये जाने दो
अभय जल्दी से काजल ममता के पैर चुके - बाय बुआ भाभी
अभय फिर बाहर आके बाइक पे बैठ घर को देख एक गहरी सास लेते हुवे - चलो चलते है
अभय फिर बाइक चालू कर निकल परता अभय जब जा रहा था तो काजल देख रही थी अभय जब काजल की नज़र से दूर चला जाता है तब काजल अंदर चली जाती है
अंदर काजल जब जाती है तो ममता - मम्मी जी देवर जी कितने अच्छे थे ना कितनी अच्छी बाते मस्ती मजाक करने वाले लगे मुझे
काजल ममता को देख - हा सही कहा
( जीतू जीतू फोन पे )
जीत - बॉस आ रहे है
जीतू - मे तो बॉस से मिलने के लिये बेकरार हु
जीत - मे भी मेरे घर वाले भी
जीतू - सेम भाई और बॉस कि सादी मे नाचने के लिये भी
जीत - हा यार बात तो तूने सही कही
जीतू - यार क्या कभी हम बॉस को फिर वही shadow वाले रूप मे देख पायेंगे
जीत - कमीने तुमने किया बोल दिया
जीतू - अबे गढ़े किसी को पता नही चलेगा बता है ना हम कैसे बाते करते है
जीत - कमीने मे उसकी बात नही कर रहा मे बॉस के shadow वाले रूप की बात कर रहा हु जब बॉस shadow बनते है तो सिर्फ खून कि होली खेली जाती है बॉस shadow के रूप मे तभी आते है जब बॉस किसी को मारने का सोच लेते है
जीतू - हा जानता हु लेकिन बॉस को shadow रूप मे फिर से देखने के लिये मेरा दिल मचल रहा है
जीत - सच कहु तो मेरा भी
जीतू - अच्छा सुन खाने बॉस आने वाले है तो पार्टी का इंतज़ाम करना होगा
जीत - जानता हु चिंता मत कर हो जायेगा
जीतू - चल ठीक है बॉस जल्दी ही आने वाले होगे रेडी रेहना
जीत - ठीक है
फोन कट
( उदय बंगलो )
सुहाना जिस बंगलो मे रेह रही है वो टीनू का था जो अब सुहाना का हो गया है अब सुहाना अपनी मा पापा भाई के साथ रेह रही है
वही उदय का भी अपना एक बंगला है यहा उदय मौज करता है आज उदय जगमोहन को लेके आया था दोनो बैठे बाते कर रहे थे
जगमोहन - दमाद जी ये बंगला भी बहोत बरा खूबसूरत है
उदय - ससुर जी आपको पसंद आया तो आप रख लीजिये
जगमोहन हैरानी से - अरे नही नही आपने हमे पेहले ही बहोत कुछ दे दिया है
उदय - ससुर जी अब हम एक परिवार है आपका मेरा कुछ नही
उदय फिर रेड वाइन निकाल जगमोहन को देता है - लीजिये
जगमोहन वाइन लेते हुवे - बहोत मेहगी लग रही है
उदय - आपकी बात सही है लेकिन आप इसके बारे मे कियु सोच रहे है अब तो रोज पीने मिलेगी
जगमोहन उदय को देख - हा आपकी वजह से अब हम एक अच्छी लाइफ जी पायेंगे
उदय ग्लास आगे करते हुवे - तो इसी बात पे हो जाये
जगमोहन उदय मुस्कुराते हुवे दोनो अपना ग्लास तकराते है फिर वाइन गटक जाते है
उदय एक बंदे को इसारा करता है बंदा समझ जाता है और ठोरी देर बाद बंदा एक खूबसूरत जवान लरकी को लेकर आता है
जगमोहन लरकी को देख - दमाद जी ये लरकी कोन है
उसय मुस्कुराते हुवे - ससुर जी ये आपको मजे के लिये है सिल पैक
जगमोहन थोरे नशे मे जरूर था लेकिन पुरे होस मे था
जगमोहन गुस्से से उदय को देख - दमाद जी ये क्या घटिया हरकत है मुझे लगा नही था आप इतने गिरे इंसान होगे और आपको लगता है मे इतना गिरा हुवा हु जो अपनी बीवी को धोका देकर एक अपनी बेटी के उमर की लरकी के साथ छी आपने ये सोच भी कैसे लिया
उदय सांत रेहता है और लरकी को देख इसारा करता है लरकी इशारा समझ अपने एक एक कपड़े निकाल पुरा नँगा होके खरी हो जाती है
जगमोहन जैसे ही लरकी को पुरा नँगा देखता है जगमोहन का मन फिसलने लगता है
जगमोहन आखे फ़ारे अपनी बेटी के उमर की लरकी के पुरे नंगे अंग को देखे जा रहा था लरकी सच मे खूबसूरत के साथ उसकी बॉडी भी कमाल की थी जगमोहन लरकी के बरे चुचे चूत को देखता रेहता है जगमोहन का लंड अब खरा हो जाता है
उदय जगमोहन को ऐसे आखे फ़ारे लरकी को देख समझ जाता है उसके ससुर का मन ढोल गया है
उसय कमरे से जाते हुवे - ससुर जी अब आप अमीर है और टॉप बिजनसमैंन के दमाद भी तो लाइफ अच्छे से मजे से जीने कि आदत दाल लीजिये मे बाहर हु मजे लीजिये
उदय दरवाजा बंद कर बाहर हॉल मे आके मुस्कुराते हुवे बैठ वाइन पीते हुवे - मे कमीना तो आपको भी कमीना बनना होगा ससुर जी तभी तो जोरि हमारी जमेगी
उदय एक घुट पीने के बाद सुफे पे टेक लगाते हुवे - दुनिया मे पता नही कितने लोग अपने आप को अच्छा इमानदार मानते है या अपने आप को समझते है लेकिन जब फायदा कही से मिलता है तो तुरंत गिरगिट की तरह बदल जाते है बस एक मोक्का मिलते ही अपनी इमानदारी खुदारि ईमान मान मर्यादा लार्ज सर्म सब छोर देते है हम इंसान ऐसे हि होते है
कमरे मे जगमोहन लरकी को ही देखे जा रहा था लरकी जगमोहन के पास आके जगमोहन के हाथ पकर अपने चुचे पे रख देती है जगमोहन लरकी के चुचे को नजदिक से देख पागल हो जाता है जगमोहन लरकी के चुचे को कापते हाथो दबाने लगता है लरकी आह उह्ह् करती है लरकी की आह उह्ह् वाली आवाज सुन जगमोहन पुरे जोस से भर जाता है
और जोर जोर से लरकी के चुचे दबाने लगता है लरकी आह उह्ह् करती रहती है जगमोहन मन मे - आह मेरी बेटी की उमर की है लेकिन आह क्या कयामत है उसके चुचे दबाने मे मजा आ रहा है आह
लरकी फिर धीरे से लीचे बैठ जगमोहन का लंड बाहर निकाल जगमोहन को प्यार से देखती है और जगमोहन का लंड हाथ से पकर जिब से चाटती है फिर मुह मे लेके मजे से चूसने लगती है
जगमोहन का पेहली बार था जब कोई उसके लंड को मुह मे लेके चूस रहा था जगमोहन को ये नया एहसास पागल और नई मजे कि दुनिया पे ले जा रहा था जगमोहन लरकी के बाल का पकर आखे बंद किये मजे से - आह करती रहो मजा आ रहा है आह क्या आज तो मजा आ गया लंड चुसा भी जाता है आज पता चला आह उफ्फ 1 मिनट बाद
जगमोहन रुक जाओ
लरकी रुक जाती है औद् जगमोहन को देखती है फिर बिस्तर पे जाके टांगे फैला के लेत जाती है और उदय को देखने लगती है
उदय लरकी को ऐसा करता देख सामने का सीन देख जगमोहन के लंड से पानी टपक परता है जगमोहन अपना लंड पकर लरकी के पास जाके लरकी के ऊपर लेत जाता है
उदय लरकी के चूत पे लंड रख लरकी को देखता है लरकी बस मुस्कुराते हुवे जगमोहन को देखते हुवे - दाल दीजिये
लरकी के केहते ही जगमोहन एक जोर का धक्का मारता है जगमोहन का 7 इंच का लंड लरकी के सील को तोरते हुवे पुरा अंदर घुस जाता है लरकी दर्द मे जोर से चिल्लाते हुवे रोने लगती है आखो से आसु निकल आते है लरकी अपने पैर दर्द से मारने लगती है
जगमोहन को फिल होता है टाइट गर्म चूत जिसके अंदर उसका लंड है जगमोहन बिना रुके धक्का मारना सुरु कर देता है लरकी बिस्तर पकरे रोये जा रही थी लेकिन जगमोहन को रुक नही नही थी 3 मिनट बाद
जगमोहन कपड़े पेहन बाहर निकल आता है लरकी आखो मे आसु लिये बरी मुश्किल से उठती है और अपने कपड़े पेहन रेडी हो जाती है उदय का एक बंदा आता है और लरकी को लेके चला जाता है
( अभय ) दोपहर 12 बजे
अभय एक रोड साइड होटल मे आके बैठ नास्ता करने मे लगा हुआ था साथ मे दिशा से बाते भी कर रहा था
दिशा - कितने गंदे है आप खुद बैठ कर समोसे मिठाई खाके मजे ले रहे है और मुझे पता रहे है
अभय हस्ते हुवे - अरे बाबा तो साली जी से मगा के खा लो ना
दिशा मुह फुलाते हुवे - अब तो खाना ही परेगा आपके मुह मे पानी जो ला दिया है
अभय धीरे से मुस्कुराते हुवे - नीचे से तो पानी नही निकल आया ना
दिशा सर्म से लाल - छी छी गंदे फिर सुरु हो गये बिना गंदी बाते किये आपको रहा नही जाता
अभय हस्ते हुवे - ये बताओ मेरी प्यारी साली साहिबा क्या कर रही है
दिशा - क्या करेगी फोन मे गेम सीरियल देखती रहती है
अभय - अच्छा सुनो वापस आते वक़्त मिलने आयुगा तब थोरा मजे लेकर ही घर जाउंगा
दिशा शर्मा के - आप भी ना
अभय - अच्छा सुनो मे रखता हु
दिशा - जी ठीक है
फोन कट
अभय नास्ता कर बाइक लेके फिर निकल परता है 1.30 मिनट बाद अभय आखिर कार जीतू के पास पहोच ही जाता है अभय जीतू के गाव के छोटे चोक मे था और जीतू अभय को लेने आया था
जीतू अभय को देख बहोत खुश हो जाता है अभय बाइक से नीचे उतर जाता है जीतू अभय दोनो गले मिलते है
अभय जीतू को देख - कैसा है
जीतू खुश होते हुवे - बॉस आपकी कृपा से सब अच्छा है
अभय - जीत कहा है
जीतू - बॉस वो घर पे है
अभय - ठीक है चलो चलते है
जीतू - जी बॉस
जीतू अपने बाइक पे बैठ आगे जाने लगता है अभय जीतू के पीछे 2 मिनट मे ही अभय जीतू के घर के बाहर था
जीतू का घर भी घास फुस का था लेकिन ठोरी दूर जीतू का नया घर बन रहा था यानी काम चालू हो चुका था
जीतू - बॉस नया घर बनवा रहा हु
अभय देखते हुवे - बहोत खूब मेरी किस्मत अच्छी थी गाव मे ही बंगलो मिल गया
जीतू - चलिये बॉस अंदर
अभय - चलो
जीतू - उमर 19 साल -
मा -कमला - उमर 40 साल
पिता - जोगी - उमर 41 sal
बेहन - रूबी - उमर 18 साल
अभय जब अंदर जाता है तो कमला रूबी अभय को देख बहोत खुश हो जाते है हो भी कियु ना अभय की वजह से आज जीतू उनके पास है कमला अभय के गले लगते लग रोते हुवे
कमला - बेटा तु आ गया आज तेरी वजह से मेरा बेटा हमारे पास है हम सब तेरे कर्ज दार रहेगे बेटा सुक्रिया तूने एक मा को बेटा एक बेहन को भाई एक पिता को बेटा खोने से बचा लिया
अभय कमला के पीट सेहलाते हुवे - ऑन्टी रोना बंद कीजिये अकेले मेने कुछ नही क्या जीतू जीत सब ने मेरा साथ दिया
कमला अभय से अलग होते हुवे अभय को देख - जो भी हो सच ये है तुम ही हो जिसकी वजह से कई बच्चे आज अपने परिवार के साथ है
रूबी अभय के गले गलते हुवे रोते हुवे - आपका सुक्रिया भइया मेरे भाई को बचाने के लिये
अभय रूबी के सर पे प्यार से हाथ फेरते हुवे - रोना बंद करो रोते हुवे तुम अच्छी नही लगती हो
रूबी अभय से अलग होके आसु साफ करते हुवे - सच मे क्या
अभय हस्ते हुवे - हा
जीतू भी सब सीन देख बहोत खुश इमोसनल भी हो गया था
जीत का घर जीतू के घर से 1 घंटे के दूरी पे था और दोनो का घर अभय के घर से 3 घंटे की दूरी पे था
अभय सभी के साथ बैठ कर बहोत सारी बाते करने लगता है
कमला - बेटा वैसे तो जीत जीतू ने मुझे सब पता दिया है वहा किया कैसे हुआ किसने सोचा था कोई कमीना बच्चो को इस तरह से किडनैप करता होगा
अभय - ऑन्टी इस दुनिया हर बुरे काम होते है कुछ ऐसे भी इंसान होते है जो अपनी लालच और अपनी खोवाइस पुरी करने के किये कुछ भी कर जाते है
कमला - हा बेटा तूने सही कहा जब जीतू गायब हुआ बहोत ढूढने के बाद नही मिला तो क्या बताऊ ( केहते हुवे कमला रो देती है)
जीतू - मा रोना बंद करो अब तो मे हु ना आपके पास
कमला आसु साफ करते हुवे - हा लेकिन वो मनहुस पल याद आते ही रोना आ जाता है
अभय - ऑन्टी जिंदगी ऐसी ही होती है कब क्या हो जाये कहा नही जा सकता सब भूल जाइये
ठोरी देर अभय कमला रूबी से बाते कर जीतू के साथ बाहर आता है
जीतू - बॉस ये कमीना जीत आया नही जबकि उसको पता था आप आ चुके है
अभय - अरे आ जायेगा
तभी जीत बाइक लेके आ जाता है
जीतू - कमीने अब आ रहा है
जीत जल्दी से बाइक लगा के अभय को गले मिलते हुवे - बॉस माफ करना थोरा लेट हो गया
जीत अभय को देख - बॉस मेरी आखे तरस गई थी आपको देखने के लिये
अभय जीत के सर पे मारते हुवे - मे कोई लरकी हु जिसे देखने के लिये तेरी आखे तरस रही थी
जीत अपना सर सेहलाते हुवे - नही बॉस आपके सामने लरकिया भी कुछ नही है
जीतू - बस कर चल बॉस को गाव घुमा देते है
जीत - हा कियु नही
फिर अभय जीत जीतू गाव घूमते हुवे बहोत सारी बाते करते है आगे क्या कैसे करना है उसको लेकर भी बाते होती है
साम 7 बजे
आँगन मे रूबी खाना बना रही होती है और अभय कमला जोगी जीतू बैठे बाते करने लगते है जीत नही था अभय ने जाने के लिये केह दिया था कियुंकी अभय सुबह जीत के घर जाने ही वाला था
जोगी - बेटा अभय तुमहारा हम बहोत बेसबरी से इंतज़ार कर रहे थे आज आये भी तो अपनी सादी के कार्ड लेके बहोत अच्छे
अभय मुस्कुराते हुवे - क्या करू अंकल मा पीछे पर गई सादी के लिये
कमला हस्ते हुवे जीतू को देख - मे भी जीतू के पीछे परने वाली हु इसकी भी सादी जल्दी ही करानी होगी ताकि मे हमे प्यारा पोता पोती दे दे जल्दी से
जीतू थोरा शर्मा के - मा आप भी ना
कमला हस्ते हुवे - मे मजाक नही कर रही एक बार घर बन जाये फिर देखना कैसे तेरी सादी करवाती हु
अभय मुस्कुराते हुवे - जरूर करवाना ऑन्टी मे भी आपके साथ हु
रूबी हस्ते हुवे - मे भी आपके साथ हु मुझे भी भाभी चाहिये जल्दी से
जीतू - तुम सब क्या बाते लेके बैठ गये
जोगी - वो बाते हो रही है सही है समझा और अभय बेटा तुमने हमपे एहसास किया है कभी नही भुलेगे हमारा एक हि बेटा घर का चिराग था लेकिन तुम से उस चिराग को बुझने से बचा लिया सुर्किया बेटा
कमला - हा आपने सही कहा नही तो हमारा क्या होता
अभय - बस भी करिये अब जीतू है यहा
ऐसे ही बाते सभी के बीच होती रहती है फिर खाना रेडी होता है सब मिल कर खाना खाते है फिर ठोरी बाते होती उसके बाद सब अपने कमरे मे चले जाते है
अभय कमरे मे
अभय अपनी मा अदिति से बाते करने के बाद दिशा पूजा सासु से बात करने मे लगा हुआ था
अभय - साली जी अपने जीजा पे भी थोरा ध्यान दिया कीजिये
पूजा मुस्कुराते हुवे - मे भला आपके उपर कियु ध्यान दु
अभय मुस्कुराते हुवे - सासु मा सुन रही है आपकी छोटकी किया केह रही है
तारा हस्ते हुवे - हा सुन रही हु दमाद जी
अभय - मेने सोचा था अपनी प्यारी साली जी को जब हम शोपिंग करने जायेंगे तो सोने का कुछ दिला
इतने मे पूजा जल्दी से प्यार से - जीजा जी दुगी ना आप पे ध्यान आप तो मेरे प्यारे दुलारे एक लोटे जा जीजा जी है
दिशा अपनी मा को देखती है तारा दिशा को और जोर जोर से हसने लगती है
दिशा पूजा को देख - छोटकी तुझसे तेज गिरगिट भी रंग नही बदलता होगा
पूजा हस्ते हुवे - जब मुझे जीजा जी प्यार से कुछ देगे तो साली का फर्ज़ है इज़त से लेले मे वही कर रही हु
तारा पूजा के गाल पे मारते हुवे - बेसर्म
अभय हस्ते हुवे - मेरी साली साहिबा मोक्के का फायदा अच्छे से उठाना जानती है
पूजा - एकदम सही कहा जीजा जी
अभय पूजा तारा से बात करने के बाद दिशा फोन लेके कमरे मे आके बात करने लगती है
अभय - मेरी जान रात को नींद नही आती तुम्हारे बारे मे सोच कर
दिशा बिस्तर पे लेती शर्मा के - अच्छा वो भला कैसे
अभय - तुम्हारी मुनिया को मेरा मुना बहोत याद करता है इस किये
दिशा की सासे तेज हो जाती है छाती उपर हो जाती है दिशा शर्मा के - ऐसी बाते करेगे तो मुझे भी नींद नही आयेगी
अभय - याद रखना सुहागरात की दिन पुरा कोटा फुल करुगा
दिशा मचल उठती है सासे तेज और तेज हो जाती है दिशा तकिये को बाहों मे कस के पकर नासिलि आवाज मे - कर लीजियेगा मेरे पति देव मे आपकी ही तो हु
अभय मुस्कुराते हुवे - मुझे किस्सी लेनी है
दिशा - ले लीजिये
अभय मुस्कुराते हुवे - तुम्हारी मुनिया पे
दिशा सर्म से लाल - आप कैसी बातें कर रहे है
अभय - फोन को मुनिया के पास रखो ना मे किस करने वाला हु
दिशा सर्म से लाल अभय की बात कैसे ताल सकती है दिशा धीरे से - ठीक है करती हु
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दिशा टांगे फैला के चूत के पास फोन करते हुवे सर्म से - हा कर लीजिये किस्सी
अभय मुस्कुराते हुवे - उम्मा उम्मा
दिशा को ऐसा फिल होता है जैसे सच मे अभय उसकी चूत को चूम रहा है ये सोच दिशा की सिसकिया निकल जाती है
दिशा फोन हटाते हुवे सर्म से - आप अब खुश कुछ ना कुछ गंदा आपके दिमाग मे चलते रेहता है
अभय - आई लोव यू मेरी जान
दिशा मुस्कुराते हुवे - आई लोव यू तु मेरे राजा
अभय - अब सो जाओ गुड नाइट
दिशा - गुड नाइट
फोन कट
दिशा अपनी टांगे फैला चूत को छुटे हुवे मन मे शर्म से - गीली हो गई
जीतू के घर - सुबह 10 बजे
अभय खाना पीना खाके रेडी था जीत भी आ गया था अभय को लेने अभय फिर जीत के साथ पहोच जाता है जीत के घर
जीत - 19 साल
मा - जोती - उमर 41 साल
पिता - चमन - उमर 42 साल
बेहन - गुलाबी - उमर 20 साल
जीत - बॉस चलिये सब आपका बेसबरी से इंतज़ार कर रहे है
अभय जीत को देख - सबके सामने बॉस मत केह देना
जीत - जानता हु बॉस आप चिंता मत कीजिये
अभय जीत के साथ अंदर जाता है सभी अभय का ही इंतज़ार कर रहे थे सही अभय को देख बहोत खुश हो जाते है फिर वही अभय को सब इमोसनल होके सुर्किया करते है अभय सब को सांत करवाता है फिर आराम से बैठ बाते करने लगता है
जोती - बेटा तो तुम सादी कर रहे हो ये हुई ना बात आते ही सादी और मेरा एक है ( जोती जीत को देख) जल्दी ही उसके लिये लरकी देख लुगी
अभय हस्ते हुवे - हा कराओ कराओ जरूर ऑन्टी छोरना मत
चमन - बेटा आज हम खुश है मेरा घर का चिराग हमारे साथ है ये एहसान हम चुका नही पायेंगे
अभय - बस अंकल मेरे वही क्या जो मुझे करना चाहिये
गुलाबी - तुम नही जानते अभय जीत के जाने के बाद हम एक एक दिन कैसे जी रहे थे ( गुलाबी वो पल याद कर इमोसनल हो जाती है
अभय - दीदी मे समझ सकता हु फिल कर सकता हु मेरी मा बेहन सब मेरे बिना कैसे एक एक दिन गुजारे होगे हमे भी कैद मे रेह सभी की बहोत याद आती थी
जीत - मा पापा दीदी अभय वहा रोज सब को याद करता था लेकिन एक दिन सब बदल गया उसी के बाद मे जीत बाकी बच्चे अपने घर है
जोती - समझ सकती हु कितना प्यार होगा सब के बीच
अभय गुलाबी को देख - वैसे दीदी कितना इंतज़ार करना होगा मुझे अपने भतीजे भतीजी को देखने के लिये
गुलाबी शर्मा के - 4 महीने
अभय - अच्छा कोई ना इंतज़ार कर लुगा
जोती हस्ते हुवे - करना ही पड़ेगा
साम - 5 बजे
एक बार मे अभय जीत जीतू बैठे चिकन दारू का मजा ले रहे थे हा अभय जीत जीतू विजय सब दारू पीते है dp devil के कैद मे सब को दारू पिलाया जाता था
अभय एक घुट पीते हुवे - याद रखना घर वालो को पता चला तो तो तुम दोनो की टांगे तोर दूंगा
जीत जीतू डरते हुवे - नही बॉस ऐसा नही होगा
अभय - हा जायदा मत पीना नही तो घर मे सब को पता चल जायेगा
जीत जीतू - जी बॉस
बस किया बाते करते हुवे मस्ती मजाक करते हुवे पीते है फिर घर आ जाते है
अगली सुबह 10 बजे
अभय रेडी था अपने घर जाने के लिये एक रात काजल के यहा एक रात जीतू के यहा एक रात जीत के यहा रुक चुका था अब सादी की तैयारी करनी बाकी थी
अभय बाहर बाइक पे बैठा था जीत जोती गुलाबी सभी खरे थे
अभय सभी को देख - ऑन्टी तीन दिन पेहले ही आप सभी को आ जाना है याद रखियेगा कोई एक भी नही झुटना चाहिये सब को आना है
जोती हस्ते हुवे - समझ गई बाबा हम सब तीन दिन पेहले आ जायेंगे
अभय मुस्कुराते हुवे - ये हुई ना बात अच्छा अब मे चलता हु
जोती - अच्छे से जाना बेटा
अभय - जी ऑन्टी ( अभय जीत को देख) टिक है जीत मे चलता हु
जीत - ठीक है अभय अच्छे से जाना
अभय सब को बाय बोल जीतू के घर आता है और फिर सभी से मिलता है बाय बोल सीधा घर की तरफ निकल परता है
अभय - चलो जीत जीतू काजल बुआ सभी से मिल कार्ड दे दिया अब सादी की तैयारी करनी बाकी है बहोत काम बाकी है यार अभय के निकले 1 घंटे हो गये थे
अभय तेजी से बाइक लेकर रास्ते से होते हुवे जा रहा था 20 मिनट के बाद फिर खेतो वाले रास्ते से होकर जा रहा था आगे 10 मिनट बाद मैन रोड आने वाला था अभय को घर पहुँचने मे 2 घंटे और लगने वाले थे
अभय नॉर्मल स्पीड से बाइक लिये जा ही रहा था की अभय की नज़र दूर सामने परती है अभय देखता है एक वैन उसके आगे है उस वैन के आगे दो लरकी बाते करते हुवे रोड साइड से जा रहे है तभी जो वैन थी लरकी के पास रुक जाती है ये देख अभय की दिल की धरकन तेज हो जाती है अभय का दिमाग तेजी से कई बाते सोचने लगता है वैसा होता भी है
वैन से दो बंदे निकल कर दोनो लरकी के मुह बंद कर वैन के अंदर ले जाते है फिर वैन तेजी से भागने लगती है
अभय सब देख अभय का दिमाग घूम जाता है अभय बिना देरी किये तेजी से वैन का पीछा करने लगता है
अभय मन मे - दिन दहारे किडनैप लरकियो का रीजन तो बहोत है लरकियो के किडनैप करने के देखते है
अभय वैन के पीछे थोरा दूरी बनाये पीछा करता रेहता है 10 मिनट बाद मैन रोड आ जाता है कई गारिया छोटी से बरी तेजी से डोर रही थी लेकिन अभय की नजर सिर्फ उस वैन पे थी
वैन मे 3 लरकिया और थी यानी पुरे पाच लरकिया थी लेकिन सभी बेहोस थे 40 मिनट तक अभय वैन का पीछा करता रेहता है आखिर कार वैन फिर मैन रोड छोर कर एक पतली कच्ची रास्ते को लेकर जाने लगती है जो सीधा जंगल की तरफ जाता था
अभय पूरी सावधानी से पीछा कर रहा था ताकि वैन वालो कि नजर मे ना आये अभय एक असेसन था तो अभय को चोरी छुपे कैसे किसी का पीछा करना है मारना है अच्छे से पता था 1 घंटे अंदर जाने के बाद वैन एक बहोत पुरानी बंद परी कंपनी थी वही वैन रुक जाती है
अभय बाइक जंगल मे एक जगह लगा के झारियो मे छुप कर देखने लगता है अंदर से 6 लोग और आते है और वैन से लरकियो को उठा के अंदर लेके जाने लगते है
अभय सब देखते हुवे मन मे - ये कोई छोटा मोटा मामला नही यहा लरकियो के सप्लाये किया जा रहा है अभय अपने बैग को खोलता है और अंदर देख मन मे - लगता है मुझे आज फिर शैडो बनना परेगा आह यार मेने सोचा था घर आने के बाद कोई खून खराबा नही लेकिन ये साले सब माफी के लायक नही है
अभय रेडी होमर एक असेसन के रूप मे आ जाता है अभय का चेहरा धक्का हुआ था आगे पीछे हथियार थे अभय के दोनो हाथो मे भी (shadow assassin) अभय किसने सोचा था आज मुझे इस रूप मे आना परेगा तो चलो खूनी खेल सुरु करते है
आज के लिये इतना ही![]()
Nice updatechapter 25
दिशा के घर - एक कमरे मे
पूजा - दीदी आप तो अब जीजा जी के साथ नये बरे घर मे रहेगी लेकिन मे इस घास फुस के घर मे रहूगी ये गलत है
दिशा पूजा को देख हस्ते हुवे - जहा मेरे पति रहेगे मुझे रखेगे वही मे रहूगी तुझे भी बरे घर मे रेहना है तो मे उनको बोल तेरी सादी अमीर घर मे करवा दुगी
पूजा खुश होते हुवे - चलेगा दीदी ये भी चलेगा लेकिन लरका अमीर के साथ दिल का अच्छा भी होना चाहिये
दिशा पूजा को देख - छोटी आज की दुनिया के अच्छे लरके मिलना बहोत मुश्किल है
पूजा मुस्कुराते हुवे - आप को तो मिले ना जीजा जी
दिशा थोरा शर्मा के - वो अच्छे नही लाखों मे एक है
पूजा मजे लेते हुवे - हाय दीदी लाखों मे एक हा
दिशा शर्मा के - बस कर
अभय के पास चलते है
अभय पूरी तरह से रेडी था कंपनी बहोत पुरानी थी कई दीवारे टूट चुकी की कई अच्छी हालत मे थी अभय तेजी से अपनी जगह से गायब होके टूटी दीवार और छत से होते हुवे एक उची जगह पे खरा हो कर अंदर कितने लोग है क्या हो रहा है सब देखने लगता है
कुछ 10 लोग बाहर थे आपस मे बाते कर रहे थे कुछ लोग अंदर थे लेकिन अंदर कितने लोग है और कितनी लरकिया अंदर मे है अभय को पता नही चल रहा था लेकिन अभय ने 16 लोगो को नोटिस कर लिया था
अभय मन मे - 16 लोग मेरी नजरो के सामने है लेकिन अंदर जायदा भी हो सकते है लेकिन मुझे क्या खुद पता चल जायेगा ठोरी देर मे
अभय उपर से जंप मार सीधा नीचे नीचे आ जाता है सामने एक बंदा खरा था अभय उस बंदे को देखता है बंदा अभय को लेकिन अभय बिना देरी किये तेजी से जाके उस बंदे का गला काट अलग कर देता है
बाकी लोग तो पास मे थे उनकी नजर अभय पे पर जाती है सभी अभय पे गन चाकू हथियार से हमला बोल देते है लेकिन अभय अपने आप को बचाते हुवे अपनीknife से सभी के लगे या पेट को चीरते हुवे आगे बढ़ता रेहता है
3 मिनट मे अभय 16 लोगो को मार डालता है अभय पीछे देखता है सभी 16 लोगो की लास खून से लतपट् परी थी
अभय टाइम बर्दाद ना करते हुवे आगे नजर डालता है और धीरे से अंदर की तरफ जाने चलता है दरवाजे के अंदर जाने के बाद चारों तरफ अभय को टूटी फूटी गिरी दीवार कई मशीने जन्ग खाई दिखाई देती है अभय धीरे धीरे कदम बढ़ते हुवे आगे चारों तरफ देखते हुवे जाने लगता है तभी अभय को किसी के पैरो की आवाज सुनाई देती है अभय जल्दी से एक मशीन के पीछे छिप जाता है
दो बंदे बाते करते हुवे आ रहे थे
बंदा 1 - यार इस बार 30 लरकिया है वो भी सब खूबसूरत जवानी से भरी रसिलि सब को देख मेरा दिल करता है साली सब को नँगा कर पेल दु
बंदा 2 - अबे साले बॉस मजे करने के लिये देते तो है बाकी सभी लरकिया हमारे मजे के लिये नही है समझ गया
बंदा - साले मुझे सब पता है
दोनो बाते करते हुवे अभय के पास से आगे गुजर कर निकल जाते है अभय दोनो को देख अपनी दोनो हाथो पेknife को कस पे पकर
तेजी से अभय दोनो के पीछे आके दोनो के गले पे knifeरख देता है दोनो समझ जाते उनके साथ क्या हुआ है तक तक अभय एक बार मे ही दोनो का गला रेत देता है
दोनो को मारने के बाद अभय आगे की तरफ जाने लगता है
अभय चारों तरफ देखते हुवे मन मे - अंदर कोई आयेगा तो कोई देख कर केह नही सकता यहा कोई रेहता होगा खैर दोनो से इतना तो पता चल गया 30 लरकिया है लेकिन लेकिन कमीने कितने है पता नही
10 मिनट चलने के बाद अभय एक जगह पे रुक कर अच्छे से चारों तरफ नजर डालता है तभी अभय की नज़र एक जगह टिक जाती है एक दीवार बाहर की तरफ थोरा निकला था
अभय उस दीवार के पास जाके दीवार को धक्का देता है तो दरवाजा खुलते ही एक अंडरग्राउंड रास्ता अभय के सामने आ जाता है
अभय अंदर जाते हुवे मन मे - जितने कराइम करने वाले कमीने लोग होते है ऐसे ही जगह पे अपना गलत धंधा करते है अभय अंदर चलता रेहता है 22 mina तक फिर अभय को सामने खुली जगह दिखाई देती है
अभय धीरे से आगे बढ़ कर देखता है बीच मे टेबल पे कुछ दवा सुई ड्रग्स और कुर्सी पे दो लोग बैठे थे बाकी 10 लोग खरे थे हाथो पे गन थे
कुर्सी पे दोनो बैठे लोग आपस मे बाते कर रहे थे अभय आगे देखता है तो अभय को एक बरा डब्बा दिखाई देता है अभय सभी को एक नज़र देखता सभी का ध्यान अभय की तरफ नही था इसी का मोक्का देख अभय तेजी से डब्बे पे पीछे छुप जाता है अब अभय को दोनो की बात सुनाई देने लगती है
बंदा 1 - देखो और लरकिया हमे चाहिये जो भी करक् 30 से काम नही चलेगा
बंदा 2 - देखो समझने की कोसिस करो अभी हालत ठीक नही है वो कमीनी इंस्पेक्टर हर तरफ अपनी टांग अराती रहती है सब हमारे पीछे परे है फिर भी मेने तुम्हारे लिये रिस्क लेने 30 लरकियो का इंतज़ाम किया है हालत को समझो जब मामला ठंडा हो जायेगा तब तुम्हे जितना चाहिये मिल जायेगा
बंदा 1 - ठीक है जबकि तुम मेरे अच्छे साथी हो तो मे तुम्हारी हालात को समझ मान जाता हु ( बंदा पैसे से भरा बेग आगे करते हुवे) ये रहा तुम्हारा इनाम
बंदा 2 - खुश होते हुवे - तुम्हारे साथ काम करके मजा आता है पता है कियु कियुंकी तुम पैसे हाथो हाथ देते हो
बंदा 1- हा ठीक है लेकिन ये बताओ लरकिया कब तक मेरे ठिकाने पे पहुचा दोगे
बंदा 2 - देखो 5 दिन लगेगे तुम्हे पता है ना बहोत चेकिंग चल रहा है
बंदा 1- अरे तो लोगो को पैसे खिलाओ
बंदा=2 - हर पुलिस वाले बिकाऊ नही होते अभी हर कोई मेरे पीछे हो इस लिये परोबलम् हो रही है और हमे दूसरे रास्ते से काम करना परता है
बंदा 1 -ठीक है 5 दिन
बंदा - हा पक्का
अभय सभी की बात सुन मन मे - ना जाने कितने लरकियो को इन कमीनो ने नर्क वाली जिंदगी दी होगी कई लरकियो को इन कमीनो ने दरिंदो को बेचा होगा और आगे कहा कहा ना सोचा जा रहा है मुझसे
अभय गुस्से से लाल सभी को देख टोटल 12 लोग है गन सिर्फ 6 के पास है तो पेहले इन्हें ही खतम करना होगा अभय पॉकेट से सुरीकेन् निकालता है और अपने हाथो मे कस के पकर लेता है
अभय अपनी नज़र गन वाले बंदे मे लगाता है और तेजी से तीन सुरीकेन् जाके गन वाले बंदे के सर मे जाके लगता है तीनो डराम से नीचे गिरते है बाकी सभी एकदम से हैरान हो जाते है किसी को समझ नही आ रहा था अचानक क्या हुआ
लेकिन अभय इसी का मोक्का उठा के तीन सुरीकेन् से गन वाले बंदे तीनो बंदे को खतम कर डालता है अब जाने बाकी बचे 6 लोगो को समझ मे आता है किसी से हमला कर दिया है
अभय फिर सभी के सामने आके खरा हो जाता है अभय को देख सभी बहोत हैरान होते है
बंदा 1 हैरान होते हुवे अभय को देख - एक असेसन यहा कैसे
बंदा 2 - गुस्से से अभय को देख - तुम कमीने हो कोन यहा आये कैसे
अभय - अबे कमीनो मुझे घर भी जाना है यहा मे तुम्हे अपने बारे मे बताने नही आया बल्कि तुम सब को उपर भेजने आया हु
बंदा 1 धीरे से अपनी गन निकालने लगता है अभय बंदे को गन निकालता देख लेता है बंदा जल्दी से अभय पे गोली चला देता है लेकिन अभय जल्दी से साइड होके तेजी से पॉकेट से तीनknife निकाल पीछे खरे बंदे को दे मारता है knife तीनो बंदे के सीने मे लगे थे बंदे दर्द से आह करते नीचे गिर जाते है
बंदा 2 डर जाता है और जल्दी से अपना गन निकालने लगता है तब तक अभय सभी के पास पहुँच चुका था अभय एक एक कट बंदा 1 बंदा 2 के सीने से लगाते हुवे आगे एक बंदे के गले को काट देता है
अब दो मैन बॉस बचे थे लेकिन सीने पे कट लगने कि वजह से दर्द मे चिलाते हुवे घुटने पे बैठ जाते है अभय दोनो के पास आके खरा हो जाता है और दोनो को देखने लगता है
अभय -देखो मेरे पास टाइम नही है और ना मे तुम लोगो कि चपर् वाली बाते सुनना चाहता हु तो सीधे बताओ और कितने लोग तुम्हारे साथ सामिल है और तुम लोगो के कितने लरकियो को अब तक किडनैप कर सप्लाये किया है
बंदा 1 अभय को देख मुस्कुराते हुवे - बहोत लेकिन इससे जायदा तुम कुछ नही जान पाओगे
बंदा 2 मुस्कुराते हुवे - कियुंकी हम तुम्हे कुछ नही बतायेगे
अभय दोनो को देखते हुवे - जैसे तुम्हारी मर्ज़ी
अभय दोनो का गला काट देता है
अभय फिर अपने जितने हथियार थे उसे वापस निकाल अपने पास रखते हुवे - चलो इन सब का काम खतम हुआ
अभय फिर सामने एक दरवाजे के अंदर जाता हो जहा 30 लरकिया थी सभी अभय को देख डर के कापने लगते है अभय सभी को एक नज़र देखते हुवे
अभय मन मे - सब लरकिया xx से 20 की उमर तक की है ( अभय गुस्से से मुठी कस) अगर मेरी नज़र वेन पे नही जाती तो आज इन सब लरकियो का बहोत बुरा हाल किया जाता
अभय सभी को देख प्यार से - देखो तुम सब डरो मत मे तुम लोगो को बचाने आया हु
लरकी 1 डरते हुवे - आप सच केह रहे है
अभय - बिल्कुल कसम से चलो तुम सब मेरे पीछे आओ
सभी लरकिया अभय के असिसन वाला रूप देख डर रहे थे
अभय समझ जाता है - देखो मेरे उपर मत जाओ मे कोई बुरा आदमी नही हु चलो जल्दी यहा से
सभी लरकिया एक दूसरे को देखती हो फिर सभी खरी होके अभय के पीछे जाने लगती है रास्ते मे खून से सनी लास देख लरकिया बहोत डर जाती है और कापने लगती ठोरी देर बाद अभय सब को लेके बाहर आ जाता है
अभय सभी को देख - तुम सब चिंता मत करो मे तुम सब को अपने घर पहुँचवा दुगा
अभय की बात सुन एक खूबसूरत सी लरकी अभय के पास आके - लेकिन सर मेरा तो कोई घर नही है मे तो अनाथ आसर्म मे रहती हु
बाकी 21 लरकिया और आके अभय से यही कहती है
अभय ये जान सुन अभय का दिमाग थनक जाता है
अभय मन मे - अनाथ आसर्म कुछ तो गर्बर् है
अभय 22 जो अनाथ है उसे देख - किया तुम सब मेरे साथ चलोगी मे रहने खाने पीने और काम सब दूंगा बोलो क्या कहती हो
22 लरकिया एक दूसरे को देखती है फिर अभय को
लरकी 1 - चलेंगे लेकिन हमे वो वाला काम तो
अभय बीच मे रोकते हुवे - अरे मुझे इन लोगो के जैसा समझा है किया
22 लरकिया तो हम तैयार है आपके साथ चलने के लिये
अभय - ठीक है फिर
अभय फिर सभी को देख - मेरी तुम सब से विनती है कोई पूछे तुम से तो इतना ही केहना कुछ मास्क वाले लोग थे बस इतना ही बताना
सभी लरकी अभय को देख हा मे गर्दन हिला देते है
अभय फिर बैग से दूसरा फोन निकाल किसी को फोन करता है
एक बंदा बैठा हुवा था फोन की रिंग सुन फोन को हाथ मे लेके नंबर नाम देखता है तो वैसे ही जल्दी से एक इसारा अपने लोगो को करता है आस पास जितने लोग थे एकदम संत हो जाते है
बंदा - जी बॉस बोलिये
अभय - मेरा लुकेसन् ट्रैक करो और देखो मेरे सबसे नजदिक हमारा कोई बंदा है क्या
बंदा - जी बॉस बस एक मिनट ( बंदा कंपियूटर पे कुछ करता है फिर) है तो बॉस लेकिन आप उसे मिलना नही चाहोगे
अभय - कियु भला कोन है वो
बंदा डरते हुवे - मारिया
Name Maria - 19 Year - Russia की रहने वाली है
लेकिन बेचारी की किस्मत खराब थी dp devilके बंदे उठा लिये अभय की मुलाकात कैद मे ही ट्रेनिंग के दोरान हुई धीरे धीरे मारिया अभय की मुलाकात फिर कुछ बाते हुई लेकिन एक वार के दोरान अभय ने मारिया की जान बचाई उसके बाद मारिया अभय की दीवानी हो गई फिर उसके बाद से ही मारिया अभय को देखते ही अभय से जोक की तरह चिपकते रहती है और इसी लिये अभय मारिया से दूर ही रेहना पसंद करता है
बंदे की बात सुन अभय अपना सर पकर - किया और कोई नही है
बंदा - सॉर्री बॉस बाकी लोग बहोत दूर है
अभय गहरी सास लेते हुवे - ठीक है उसे कहो एक बरा वैन लेके आये मेरे पास
बंदा - समझ गया बॉस
अभय - कितना टाइम लगेगा
बंदा - 20 मिनट
अभय - ठीक है
फोन कट
बंदा मारिया को फोन लगाते हुवे - मारिया के तो आज दिन बनने वाले है
मारिया एक कमरे मे आराम से लेती मन मे - मेरे बाबू आपने सही नही किया मुझे लेके नही गये और मुझे कुत्तो को संभालने के लिये दे दिया आई मिस यू यार
तभी मारिया का फोन बजता है मारिया आके फोन उठा के
मारिया - ओये कमीने फोन कियु किया
बंदा - मैडम सांत बॉस ने आपको बुलाया है
मारिया - बंदे की बात सुनते ही क्या सच मे कहा है मेरा बाबू जल्दी बताओ मुझे कहा जाना है
बंदा- मैडम ध्यान से सुनिये मेने आपको बॉस का लुकेसन भेज दिया है पास मे ही है लेकिन बॉस के पास आपको एक बरी वैन लेके जाना है
मारिया - बरी वैन कियु
बंदा - मुझे नही पता बस आप जल्दी जाये
मारिया - ठीक है ठीक है चल रख
फोन कट
मारिया खुशी से नाचते हुवे आईने के सामने खरी होके खुद को देखती है फिर असेसन वाले रूप मे रेडी होके- बॉस ने बुलाया है तो जरूर कुछ हुआ होगा तो मुझे भी पूरी तैयारी मे जाना होगा मारिया आईने मे देख किया कमी है मुझमे जो मेरा बाबू मुझसे से दूर भागता है
इतनी खूबसूरत गोरी हु पतली कमर गुलाबी होठ चुचे थोरे छोटे है लेकिन बाबू बरा कर देगा अरे पुरा inxxx russian का दीवाना है और मेरा एक बाबू है जो मुझे देखता तक नही अरे भूल गई जाना है
मारिया वैन का इंतज़ाम करती है और अभय कि तरफ निकल परती है
वही अभय एक जगह पे बैठा मन मे - मे अभी इस मामले से दूर रेहना चाहता हु मुझे लगता है ये मामला इंस्पेक्टर नीतिका देख लेगी
30 मिनट बाद मारिया वैन लेके अभय के पास आती है मारिया वैन से उतर अभय की पास जाके अभय को देखती है तो पूरी हैरान हो जाती है और जल्दी से घुटने पे बैठ सर नीचे कर बॉस देरी के लिये माफी
अभय खरा होके मारिया को देख मन मे - देखो तो कितना इज़त दे रही है लेकिन थोरि देर बाद मे अपना असली चिपकु वाली हरकत मे आ जायेगी
अभय - ठीक है ये खरी हो जाओ
इतना सुनते ही मारिया सीधा जाके अभय पे खुद परती है और अभय से चिपक कर - मेरा बाबू आपको बहोत मिस किया
सभी लरकिया हैरान आखे फ़ारे अभय आरोही को को देखने लगते है
अभय मारिया के सर पे जोर से मारते हुवे - मेरे पास टाइम नही है घर भी जाना है तो प्लेस काम पे ध्यान दो
मारिया सर सेहलाते हुवे - मारने की क्या जरूरत थी प्यार से भी बोल सकते थे
अभय अजीब चेहरा बना के - कभी प्यार से कहा सुनती भी हो क्या
मारिया भी मस्ती छोर तेजी से अंदर जाके सब देख कर वापस आके अभय को देख - कैद से बाहर आने के बाद पेहली बार आपको फिर देखा है सब का गला काटते हुवे
अभय - बाते बंद करो ( अभय 22 लरकियो को दिखाते हुवे) इन सब को अपने ठिकाने पे लेके जाओ इनका ख्याल रखना और मुझे मोक्का मिलेगा तो मे देखने आयुगा
मारिया लरकियो को देख - समझ गई लेकिन बाकियो का क्या
अभय बाकी लरकियो को देख - इन सब को एक है वो ही सभी को अपने घर पहुँचा देगी अब तुम जाओ लेके जल्दी से
मारिया - जल्दी करो वैन मे बैठ जाओ हमे जाना है
मारिया की बात सुन 22 लरकिया वैन मे बैठ जाती है
मारिया अभय के पास आके अभय के होठो पे किस कर - जल्दी आना बाबू इंतज़ार करुगी
मारिया फिर 22 लरकियो को लेके चली जाती है
अभय मन मे - इसको तो अपने परिवार क्या सब से दूर रखना परेगा नही तो दिशा को पता चला तो मेरी खैर नही है
अभय बाकी लरकियो को देखता है सभी अभय को अजीब नज़र से देख रहे थे
अभय - अब ये सब मुझे ऐसे कियु देख रहे है
अभय दूसरे फोन से नीतिका को मेसेज भेज देता है
अभय - अब मेरा काम खतम बाकी मैडम खुद देख लेगी
अभय सभी लरकियो को देख - देखो माफ करना मुझे जाना होगा लेकिन चिंता मत करो पुलिस जल्दी आके तुम सब को लेके अपने घर छोर देगी तब तक यही इंतज़ार करो
लरकी - क्या लेकिन इसी बीच फिर कोई आ गया तो
अभय - कोई नही आयेगा और मे यहा रुक नही सकता समझो
लरकी - ठीक है सर हम इंतज़ार कर लेगे
सभी लरकिया अभय के पास आके - आपका सुक्रिया सर हमे बचाने के लिये
अभय - कोई बात नही ये मेरा फर्ज़ था
अभय बिना देरी किये तेजी से बाइक लेके वहा से घर की तरफ निकल अभय ने कपड़े चेंज कर लिये थे
नितका को मेसेज मिलते ही पूरी फोर्स लेकर निकल परती है
नीतिका सबसे आगे वाली गारी मे बैठी हुई मन मे -कुछ सालों मे कई लरकियो के किडनैप का मामला मेरे पास आते रहा है कुछ पकरे गये लेकिन बरी मछली हमेसा बच निकलती है लेकिन आखिर मुझे मेसेज किसने किया
तभी अभय बाइक से जा रहा था आगे देखता है 3 पुलिस की गरियो गारी अभय की बाइक आमने सामने आते है तो अभय एक नजर नीतिका को देख आगे निकल जाता है नीतिका को एहसास होता है जैसे कोई उसे देख रहा था नीतिका खरीकी से पीछे देखती है लेकिन अभय बहोत आगे निकल चुका था
अभय बाइक से जाते हुवे मन मे - चलो नीतिका मैडम अपना सब देख लेगी लेकिन यार मे लेत हो गया 10 बजे निकला था 3 बज रहे है
अभय तेजी से सीधा अपने ससुराल दिशा से मिलने आता है लेकिन घर से ठोरी दूर जहा जायदा लोग नही थे वही बाइक रोक दिशा को फोन कर बुलाता है दिशा भी चोरी छुपे अभय के पास पहुँच जाती है
अभय दिशा को बाहों मे कस के पकरे हुवे दिशा को देख - मेरी जान अब सुकून मिला मुझे
दिशा भी अभय की बाहों मे समा के - मुझे भी
अभय दिशा के चेहरे को पकर किस करना सुरु कर देता है दिशा भी अभय का पूरा साथ देती है
दोनो एक दूसरे को पकरे एक दूसरे के होठ जिब को मुह मे लेके चुसे जा रहे थे 2 मिनट तक इनका किस चलता है
दिशा शर्मा के नजरे नीचे कर लेती है
अभय मुस्कुराते हुवे दिशा को बाहों मे लेके - बस कुछ दिन और
दिशा शर्मा के - हा कुछ दिन और
तभी एक आवाज - मुझे पता था दीदी आप जीजा से मिलने आई है
आवाज सुन दोनो जल्दी से अलग होके सामने देखते है
पूजा मुस्कुराते हुवे दिशा अभय के पास आके - मेने सब देख किया अब मे मा सब को बटाउगी आप दोनो मिल कर क्या कर रहे थे
दिशा हैरान शर्मा के - छोटी तुम बहोत बिगर गई हो
अभय पूजा को देख - आ गई टांग अराने इतना अच्छा समय बर्बाद कर दिया आपने साली जी
पूजा मुस्कुराते हुवे - अच्छा मे तो आउंगी आपके बीच
अभय पूजा के पास जाके पूजा के गांड पे जोर से एक चाटा दे मारता है पूजा दर्द से उछल कर चिल्ला उठती है और अपने गांड को सेहलाते हुवे अभय को देख - बेसर्म जीजा ( दिशा को देख) देख दीदी आपके पति ने मुझे कहा मारा है
दिशा हस्ते हुवे - पता है लेकिन तेरे साथ ये होना ही था आये थे मेरे साथ मिल कर बात करने लेकिन तुम बीच मे आ गई
अभय मुस्कुराते हुवे पूजा को देख - साली जी अगली बार एक नही 4 परेगी आपके बम पे
पूजा अभय को देख - जीजा देख लुगी आपको हु
अभय दिशा को देख - जान अब मे चलता हु घर मे मेरा सब इंतज़ार कर रहे होगे
दिशा - जी ठीक है
अभय फिर निकल जाता है
दिशा पूजा को देख मुस्कुराते हुवे - जोर की लगी
पूजा अभी भी अपनी गाड़ को सहला रही थी पूजा दिशा को देख रोने सी आवाज मे - हु बहोत जोर से मारा जीजा ने
दिशा पूजा को गले लगा के - कोई ना चल घर चलते है
नीतिका वहा पहुँच गई थी अंदर का नजारा देख नीतिका भी काप् गई थी नीतिका एम्बुलेंस को बुला कर लास को ले जाने के लिये कहती है उसके बाद लरकियो के पास आके खरी होकर सब को देखने के बाद
मिनिता - अंदर सभी को किसने मारा कोन था वो जिसने तुम लोगो को बचाया
मिनिता की बात सुन सभी लरकिया एक दूसरे को देखने लगती है तभी एक लरकी आगे आके - मैडम कुछ 6 लोग थे सभी ने मास्क पेहना हुआ था तो हम उनका चेहरा नही देख पाये उन्होंने सब को मार हमे बाहर लाके बोले पुलिस आयेगी और तुम सब को लेके जायेगी फिर वो सब चले गये
मिनिता लरकी की बात सुन मन मे - 6 लोगो ने इतने सारे लोगो को इतनी बुरी तरीके से मार दिया लेकिन कैसे कोन थे वो 6 लोग उन्हें कैसे पता चला यहा लरकियो का सप्लाये किया जा रहा है दूसरी सभी को गन से नही चाकू हथियार से मारा गया है अजीब है अब तो लास का पोस्टमडम् के बाद ही पता चलेगा किस हथियार चाकू का इस्त्माल किया गया था
मिनिता - ये बताओ वो 6 लोग कैसे कपड़े पहने हुवे थे
लरकी - मैडम जीन्स सर्ट
नीतिका ठोरी देर सोचने के बाद - ठीक है चलो मे तुम सब को घर छोर देती हु
वही अभय सिला के घर पहोच जाता है शाम 4 बज गये थे
अंदर जाते हु मधु अभय को देख खुश होते हुवे आके अभय के गले लग जाती है अभय मधु को बाहों मे लेके - कैसी है मेरी गुरिया
मधु - भाई तीन दिन मेने आपको बहोत मिस किया ये तीन दिन मेरे लिये महीनों के समान लग रहे थे आपके बाहों मे आने के लिये तीन दिन बहोत तरसी हु
अभय मधु के सर पे हाथ फेरते हुवे - मे भी अपनी गुरिया के बाहों मे लेने के लिये तरस रहा था
अभय मधु के चेहरे को पकर मधु को देख - और मेरी गुरिया के खूबसूरत चेहरे को देखने के लिये भी
मधु सर्म से नजरे नीचे किये - सच्ची
अभय मधु के कान मे धीरे से - सच्ची वैसे देखना तो
तभी मधु अभय को रोकते हुवे अभय को देख - गंदे भाई आज आपको परेसान नही करने दुगी
अभय मुस्कुराते हुवे - अच्छा
तभी सिला सब्ज़ी लेकर अंदर आती है अभय को देख सिला बहोत खुश हो जाती है और जल्दी से अभय के पास आके
सिला - आ गया मेरे बच्चे
अभय सिला के गले लग हट के - हा मेरी प्यारी मा आ गया
सिला अभय के चेहरे को पकर गाल पे किस करते हुवे - मेरा बच्चा बहोत मिस किया तुझे
अभय मुस्कुराते हुवे - मेने भी
अभय ठोरी देर बात कर घर की तरफ निकल परता है
वही सिला आँगन मे बैठी मन मे - अजीब है अभय बेटा जब भी आता है तो मुझे कस के बाहों मे पकर के बाते करता था जल्दी छोरता नही था और होठो पे किस भी मांगता था लेकिन अभी अभय बेटे ने मुझे गले लगा के जल्दी से हट गया और जाते वक़्त किस भी नही मांगा बस गाल पे किस कर चला गया मुझे कुछ गर्बर् लग रही है
अभय घर आता है गारी की आवाज सुन आसा अदिति बाहर आते है अभय अंदर जाता है तो अदिति अभय के ऊपर भइया कहते कुद जाती हैं
अभय अदिति को पकर प्यार से अदिति को देखते हुवे - मेरी प्यारी गुरिया को अच्छे से देखने दो तीन दिन बहोत लम्बा लगा मुझे
अदिति अभय को प्यार से देखते हुवे - मुझे भी बात तो रोज करती थी लेकिन आपके बाहों मे गोद मे आपको पास से देखने के लिये बेचैन रहती थी
अभय अदिति के गालो पे किस करते हुवे - मेरी प्यारी गुरिया
अदिति अभय से चिपके - मेरा प्यारा भाई
आसा बेचारी खरी सब देख रही थी अभय अदिति तो आसा को भूल ही गये वैसे आसा पास है ही नही
आसा - मे भी लाला यहा गुरिया के मिलते ही मुझे भूल गया
अदिति आसा को देख मुस्कुराते हुवे - कियुंकी भाई मुझसे जायदा प्यार करते है
अभय अदिति को नीचे उतार आसा के गले लग - मेरी प्यारी मा को मे कैसे भूल सकता हु आपको भी बहोत याद किया
आसा अभय को बाहों मे कस - मेने भी मेरे लाला तेरे बिना एक दिन रहा नही जाता है
आसा अभय के चेहरे को पकर अभय के होठो पे किस करते हुवे - मेरे हैंडसम लाला
अदिति- अब बस भी करिये मा
आसा अदिति को देख - जलन हो रही है तू जो इतनी देर चिपकी रही उसका क्या मे चिपकी तो रुकने के लिये बोल रही हे
अदिति अभय को अपनी तरफ खीचते हुवे - कियुंकी भाई मेरे है
आसा मुस्कुराते हुवे - मेरा बेटा है लाला है
अभय अदिति आसा दोनो को बाहों मे लेके - आप दोनो मेरे लिये सब कुछ है मा गुरिया
रात 8 बजे
मिनिता कोमल आते है विजय आके मिल गया था अभय से इस लिये नही आया था सभी आँगन मे बैठ बाते कर रहे थे
मिनिता अभय को देख - बुआ के घर मजा आया
मिनिता की बात सुन काजल के साथ रात वाली हुई घटना याद आ जाती है लेकिन अभय किसी को जाहिर नही होने देता
अभय मुस्कुराते हुवे - बहोत मजा आया बुआ ने मेरा बहोत ख्याल रखा भाभी भइया फूफा सब बहोत अच्छे है बुआ ने मुझे खेतो मे भी भुमाया
काजल मजे लेते हुवे - खेतो मे भी केहता होगा बुआ किस्सी दो ना
काजल की बात सुन मिनिता हसने लगती है वही आसा अदिति मुस्कुरा देते है
अभय मुस्कुराते हुवे - जानती हो मेरी आदत को मे ऐसा ही हु
मिनिता - और दोस्तो के यहा गया तो सब कैसा रहा यकीन है घर वाले तुझे बहोत मानने लगे होगे
अभय - हा जैसे आप मानती है जब मुझे बहोत प्यार दिये सब से मिला बाते की फिर एक दिन रुका सब के यहा फिर कार्ड देखे चला आया
आसा - मानेंगे ही लाला मे भी उनके जगह होती तो वही करती
मिनिता - भाभी आपने सही कहा
30 मिनट तक सभी बाते करते है और मिनिता कोमल बाय बोल घर जाने लगते है कोमल अपनी मा को सोचता देख - किया सोच रही है मा
मिनिता - अभय बेटे के बारे मे आज उसने
कोमल - आज उसने आपको बाहों मे नही पकरा आज उसने जायदा मस्ती मजाक नही की आते वक़्त किस नही मांगा उसने मेरे साथ भी जयादा मस्ती मजाक नही की हा अजीब लगा
मिनिता - इस कुछ दिनों मे अभय बेटे को अच्छे से जान गई हु अभय बेटा मस्ती मजाक बाहों मे लेना किस मागना नही भूलता आज ठोरी मस्ती जरूर की लेकिन
कोमल - मा मुझे लगता है आज अभय थका आया होगा बेचरा देखना कल सुबह आते ही आपको कस के बाहों मे लेके कहेगा मेरी खूबसूरत ऑन्टी किस्सी दो
मिनिता कोमल को मारते हुवे - बेसर्म बहोत मार खायेगी
कोमल हस्ते हुवे - सही तो कहा मेने
मिनिता - हा सायद यही बात है देखते है कल क्या करता है
इधर अभय आसा अदिति खाना खाना खाके कमरे मे आ जाते है
अभय आसा के ऊपर लेत सीने पे सर रख - कितना मिस किया इस मुलायम बिस्तर को
आसा अभय को बाहों मे लिये - शैतान मे तेरी बिस्तर हु
अभय आसा को देख - हा बहोत गर्म मुलायम बिस्तर है आप मजा आता है सुकून मिलता है आपके उपर लेत कर
आसा शर्म से - तू भी ना लाला
अभय आसा के होठो पे किस कर खरे होते हुवे - ठीक है मा सो जाइये गुड नाइट
आसा - ठीक है लाला गुड नाइट
अभय जाने लगता है आसा अभय को देख मन मे - मेरा लाला कितना अच्छा है मेने मना क्या तो गीली किस्सी नही मांगी लेकिन आज जायदा मस्ती नही की मुझे सेक्सी होत क्या क्या केहता था बाते करता था लेकिन आज
अभय अदिति के पास आके अदिति के बाहों मे लेके -बाते करने लगता है अदिति भी अभय के बाहों मे समा के बाते करती है फिर अभय गुड नाइट बोल अपने कमरे मे आके दिशा से बाते करने लगता है
( आरोही के बंगलो )
उदय ने टिनु को नया बंगला दे दिया था और उदय अपने बंगलो मे था यानी लेकिन उदय टिनु आते रहते है
एक कमरे मे अमर आरोही बैठे दोनो बाते कर रहे थे
आरोही - ये बताईये क्या आपने अदिति के साथ कुछ नही क्या एक बार भी नही
अमर आरोही को देख - तुम जानती हो अदिति कैसी लरकी है लेकिन एक दिन मोमेंट बन गया था लेकिन थोरा आगे जाते हि अदिति चली गई
आरोही हैरानी से - क्या कब मुझे अच्छे सी बताईये क्या कैसे हुआ कितना मजे लिये
अमर - बताऊंगा लेकिन आज मुझे अपनी छोटी बेहन कि चुत चाहिये
आरोही मुस्कुराते हुवे - ठीक है आज मे आपकी
अमर खुश होते हुवे - ये बताओ जैसे हम लरके सुसु करने जाते है तो हम कभी कभी अपने दोस्त का लंड देख लेते हो तो किया तूने कभी अदिति की चुत देखी है
आरोही मुस्कुराते हुवे - हा देखी भी है और मसला भी है
अमर हैरान होते हुवे - क्या मुझे बताओ ना प्लेस कब कैसे हुआ था
आरोही - ठीक है पहले आप बताईये अदिति के साथ कितना आगे गये किया हुआ था फिर मे बटाउगी
अमर - ठीक है तो सुनो
आज के लिये इतना हि![]()
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सुबह आसा अभय को उठाती है पप्पी किसी होती है
अभय आसा को देख - रोज की तरह खूबसूरत प्यारी हॉट लग रही हो डार्लिंग मा
आसा मुस्कुराते हुवे - मेरा लाला मेरी तारीफ करे इसी लिये तो मे सजदी हु
अभय आसा को बाहों मे कस आसा को प्यार से देख धीरे से - और मे ही हमेसा देखुंग कियुंकी आप मेरी है
आसा अभय के आखो मे देख प्यार से धीरे से - हा मेरी लाला की हु
अभय मुस्कुराते हुवे - आई लोव मा
आसा - आई लोव यू तु मेरे लाल
अभय फिर अदिति के कमरे मे आता है अदिति को उठाता है अदिति अंगराई लेके उठ अभय को प्यार से देख - गुड मोर्निंग भाई
अभय अदिति के होठो पे किस करते हुवे -गुड मोर्निंग गुरिया
अदिति मुस्कुराते हुवे - अब तो मेरा रोज गुड मोर्निंग अच्छा होगा
अभय मुस्कुराते हुवे - वो कैसे पहले नही होता था क्या
अदिति मुस्कुराते हुवे - होता था लेकिन अब भाई कि किस्सी जो मिलती है होठो पे
अभय मुस्कुराते हुवे - शैतान चल
अभय फिर हल्का होके जोगिंग करते हुवे मिनिता के घर आता है अंदर जाते ही कोमल को देख - गुड मोनिंग बंदरिया
कोमल अभय को देख - आ गया बंदर देख बंदरिया केहना बंद कर मुझे कही मेरा सतक गया तो तेरे लिये अच्छा नही होगा
अभय कोमल के पास आके नीचे झुक गाल पे किस करते हुवे - गुस्से मे तुम और खूबसूरत लगती है
कोमल सर्म से लाल हो जाती है कोमल को अभय की तारीफ बहोत अच्छी लगती है
तभी अभय की नजर दरवाजे पे खरी मिनिता पे जाती है मिनिता सेक्सी अंदाज़ मे खरी लाल लिबिस्टिक लगाये नसीली अदा के साथ अभय को देख इसारे से बुलाती है
अभय मिनिता को उपर से नीचे देखता है और अभय की नजर मिनिता के कमर गहरी ढोरी पे ठीक जाती है जिसे देख अभय के अंदर तूफान उठ जाता है मिनिता की ये अदा किसी को ख्याल कर दे
अभय मुस्कुराते हुवे मिनिता की तरफ जाने लगता है मिनिता कमरे मे आके बिस्तर पे बैठ जाती है अभय मिनिता के पास आता है और बिना देरी किये मिनिता को पकर बिस्तर पे लेता के मिनिता के ऊपर आ जाता है और मिनिता की आखो मे देखने लगता है
अभय - आपकी अदा और आपकी कयामत बॉडी कमर गहरी ढोरी देख मुझे कुछ होने लगता है ऐसे सब मत दिखाया कीजिये नही तो कुछ कर दुगा और आपको लेने के देने पर जायेंगे
मिनिता अभय की आखो मे देख सर्म से - अच्छा जी क्या कर लोगे
अभय - करने को बहोत कुछ कर सकता हु लेकिन कर नही सकता कियुंकी लाइसेंस मेरे पास नही है
मिनिता सर्म से - अच्छा जी और जो गीली किस्सी करता है उसका लाइसेंस है तेरे पास
अभय मुस्कुराते हुवे - आपने दी है तो हा है आगे का लाइसेंस अगर आप दे दे तो आगे भी बहोत कुछ हो सकता है
मिनिता सर्म से अभय की आखो मे देख - एक गारी का लाइसेंस सिर्फ एक इंसान को मिल सकता है
अभय मिनिता के कान मे धीरे से -लेकिन उस गारी को दूसरा चला सकता है बिना लाइनेंस के
मिनिता तेज सासे लेके - लेकिन उसमे खतरा बहोत है पकरे गये तो
अभय धीरे से - हा ये बात तो है लेकिन मजा भी तो आता है
मिनिता हस्ते हुवे - बहोत हो गई बात चलो मेरे उपर से उठो
अभय - मेरी किस्सी
मिनिता अभय को देख सर्म से अपना जिब बाहर निकाल देती है अभय ये देख जोस मे आ जाता है और मिनिता के जिब मुह मे लेके चूसने लगता है मिनिता भी अभय को बाहों मे पकर लेती है
दोनो पागलो की तरह एक दूसरे का जिब होठ मुह मे लेके पीने लगते है 2 मिनट तक चलाता है फिर दोनो के होठ अलग होके है
मिनिता सर्म से नजरे नीचे किये हुई थी
अभय मिनिता के गर्दन पे किस करने लगता है मिनिता एकदम से सिसक् परती है अभय मिनिता के गर्दन पे किस करते हुवे गालो पे करता रहता है
मिनिता मचल उठती हो ये एहसास अपने गर्दन पे होठो का गिला मिनिता को तरपा रहा था मिनिता के अंदर हलचल पैदा कर रहा था तभी मिनिता तेज सासे लेते हुवे बिस्तर पे उठ जाती है अभय को हटा के
अभय - माफ करना ऑन्टी वो मे
मिनिता सारी बाल सही करते हुवे - कोई बात नही चलो बाहर चलते है
दोनो बाहर आते है अभय थोरि बाते करता है फिर घर आके नहा कर रेडी होता है फिर खाना खाता है
सुबह के 10 बजे
आसा - ठीक से जाना समझ गया बाइक तेज मत चलाना
अभय आसा के होठो पे किस करते हुवे - समझ गया मा
अदिति - भाई फिर अब कल ही आओगे ना
अभय अदिति को बाहों मे लेके आखो मे देख - गुरिया हा सुबह आ जाउंगा
अदिति अभय के होठो पे किस करते हुवे - अब ठीक है
अभय आसा मुस्कुरा देते है
अभय - ठीक है मा गुरिया चलता हु
अभय फिर बैग लेके बाइक पे बैठ निकल परता है अभय दिशा के पास आता है यानी दिशा के घर से थोरि दूर दिशा को बुलाता है
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दिशा आती है अभय दिशा को बाहों मे भर किस करना सुरु कर देता है दिशा हैरान लेकिन फिर अभय का साथ देती है किस करने के बाद
दिशा सर्म से - आते ही सुरु अगर खुली जगह ना होती तो आप पता नही और क्या करते
अभय दिशा के गांड को दबाते हुवे - सही कहा लेकिन अभी भी मे बहोत कुछ कर सकता हु
दिशा सिसकते हुवे - आह इतने जोर से कियु दबा रहे है दर्द हो रहा है
अभय गांड दबाते हुवे - बहोत बरे मुलायम गर्म है मजा आ रहा है
दिशा - सर्म कीजिये कोई देख लेगा
अभय - कोई नही देखेगा
तबी ठरकी जीजा कैसे है आप
बस अभय का गुस्सा हाई इसकी मा का
दिशा गुस्से से अभय को देख - क्या कहा
अभय डरते हुवे - कुछ नही
पूजा अभय के पास आते हुवे - सादी तक रुका भी नही जाता आपको
अभय पूजा को देख मुस्कुराते हुवे - आपको और कोई काम नही है बिया बीवी के बीच टांग अराने के अलावा
पूजा अभय को देख मुस्कुराते हुवे - सही कहा कोई काम नही है
दिशा तो अपनी हसी रोके जा रही थी सब देख
अभय पूजा को एकदम से कस के बाहों मे भर लेता है पूजा डरते हुवे - नही जीजा जी नही दीदी बचाओ मुझे
अभय अब सजा मिलेगी -अभय तेज तेज चाता पूजा के बरे गोल मटोल गांड मे मारने लगता है पूजा दर्द से रोने वाली आवाज मे मर गई दीदी बचाओ जीजा से मा जोर से लगी - चार चाता जोर से मारने के बाद अभय छोर देता है
पूजा अपनी गांड सेहलाते हुवे आखो मे आसु लेके अभय को देख रोने वाली आवाज मे - आप बहोत गंदे है जीजा मे आपसे बात नही करुगी ( पूजा दिशा को देख) दीदी आप ने भी मुझे नही बचाया आपसे भी बात नही करुगी
पूजा रूठ कर चली जाती है
दिशा अभय को देख - रुला दिया ना बेचारी को
अभय दिशा को देख मुस्कुराते हुवे - तुम चिंता मत करो जब मे आऊगा तो साली जी को मना लुगा
दिशा मुस्कुराते हुवे - तब ठीक है
अभय दिशा के माथे पे किस करते हुवे - अब मुझे जाना चाहिये
दिशा - जी
अभय बाइक पे बैठ निकल परता है दिशा अभय को जाते देख मन मे - मेरी किस्मत उपर वाले की दुवा ही है की आप मुझे पति के रूप मे मिले
दिशा फिर घर चली आती है
अभय तेज बाइक चलाते हुवे काजल से बाते करते हुवे घर पहुँच जाता है अभय बाइक चला के नीचे उतर दरवाजे की तरफ देखता है तो काजल दिखाई देती है आते हुवे काजल सारी मे आज कुछ ज्यादा ही खूबसूरत लग रही थी अभय काजल को देखता ही रहता है
काजल अभय के पास आते मुस्कुराते हुवे - क्या देख रहा है
अभय काजल को देख - आपकी खूबसूरती को
काजल शर्मा के - चल अंदर
अभय - हा
अभय अंदर जाता है तो ममता दिखाई देती है अभय जाके कैसी है भाभी
ममता अभय को देख मुस्कुराते हुवे - अच्छी हु तो आ गये बुवा को लेने
अभय मुस्कुराते हुवे - बुआ ने कहा तो आना ही पता मेरी भतीजी कैसी है
ममता - बहोत अच्छी है
काजल - बेटा फरेस् होजा फिर खाना खाने के बाद बाते करेगे
अभय - जी बुआ
अभय फरेस् होता है खाना खाता है और ममता के साथ बैठ बाते करने लगता है
अभय - भाभी आप इतनी खूबसूरत है भइया तो खूब प्यार देते होगे
ममता सर्म से - आप भी ना देवर जी
अभय हस्ते हुवे - थोरा प्यार अपने देवर को भी देना चाहिये
ममता अभय को देख मुस्कुराते हुवे - अच्छा जी
अभय मुस्कुराते हुवे - हा जी
ममता हस्ते हुवे - नही मिलेगा आपके भाई का है सब
अभय ममता से सत् के - एक किस भी नही
ममता अभय को देख सर्म से - बस एक किस
अभय खुश होते हुवे - लेकिन गीली वाली
ममता हस्ते हुवे - ठीक है
अभय ममता के चेहरे को पकर आखो मे देख - आप बहोत खूबसूरत है भाभी
अभय फिर अपना होठ ममता की तरफ ने जाने लगता है ममता का दिन तेज धक धक करना सुरु कर देता है सासे तेज हो जाती है
अभय ममता के होठ मे मे लेके चूसने लगता है ममता को एकदम से करेंट लगता है एक अलग एहसास फिल होगा है ममता मुह खोल देती है अभय ममता के जिब मुह मे लेके चूसने लगता है ममता भी अभय के जिब लेके चूसने लगती है
ममता मन मे - उफ ये अलग एहसास कैसा देवर जी तो मेरे जिब को चूस कर पिये जा रहे है लेकिन मुझे भी मजा आ रहा है एक अगल मजा ( अभय सब से अगल स्वाद है भाभी के होठ के रस का एहसास भी अगल है जो भी है बहोत अच्छा लग रहा है 2 मिनट बाद
ममता सर्म से पानी पानी हो चुकी थी
अभय ममता को देख - थैंक्स भाई बहोत मिठा रस है आपका
ममता और शर्मा जाती है - कोई बात नही देवर जी
अभय - अच्छा भाभी मे बुआ से बात कर लेता हु
ममता सर्म से - जी
अभय फिर कमरे से बाहर आ जाता है ममता अपने होठ को छूटे हुवे मन मे - पता नहीं कियु देवर जी को मना नही कर पाई
नोट - ममता को भी पता है अभय को सब किस देते है और अभय को किस बहोत पसंद है लेकिन गीली किस्सी का किसी को नही पता
अभय कमरे मे जाता है तो काजल लेती हुई थी अभय को देख मुस्कुराते हुवे -कर की बात भाभी से
अभय मुस्कुराते हुवे - हा किसी भी मिली
काजल - तेरा अलग ही चलता है
अभय काजल के ऊपर लेत जाता है पूरी तरीके से अभय साफ काजल की चुत की गर्मी अपने सीने मे दबे काजल के बरे टाइट चूचे फिल कर लेता है अभय काजल के चेहरे के पास अपना चेहरा कर
अभय - बुआ 10 दिन बहोत मुश्किल से इंतज़ार किया है अब मुझे मत तरसाईये
काजल अभय की आखो मे देख - ठीक है कर ले
काजल बिस्तर पकर रेडी हो जाती है पेहला गीली किस्सी के लिये काजल के अंदर एक तूफान मच जाता है सासे तेज लेते हुवे अभय को देख अपने गुलाबी होठ खोल देती है
अभय अपना होठ काजल के होठ से सता लेता है और मुह मे लेके चूसना सुरु करता है काजल को गिला गिला मेहसूस होता है जिसे फिल कर काजल के शरीर के करेंट दोर जाता है अभय फिर काजल के जिब को मुह मे लेके चूसने लगता है काजल अभय के नीचे लेती अभय को बाहों मे कस के कपड़े हुवे थे
काजल का मुह भी चलने लगता है काजल भी अभय के होठ जिब का रस चूस एक घुट जैसे ही पीती है काजल एक अलग दुनिया मे चली जाती है फिर तो काजल रुकती नही पुरे जोर से अभय के जिब चूस लार घट घट पीने लग जाती है
काजल किसी के जिब चूस पीने मे इतना मजा आता है आज पता चला दिल कर रहा है पीती रहु रुकु ना उफ ये कैसा एहसास मजा मिल रहा है मुझे - अभय काजल की चुत पे अपने लंड से दबाओ डालता है तो काजल की टांगे थोरि खुल जाती है अपने आप
अभय अपना लंड काजल की चुत पे धीरे धीरे उपर नीचे घिस रहा था साथ मे काज के होठो का रस भी पी रहा था - अभय मन मे बुआ की चुत की गर्मी बहोत है उफ उपर से बुवा के रस के स्वाद का कोई जवाब नही ( दोनो बुआ भतीजे बजे से 2 मिनट तक एक दूसरे का रस पीने के बाद होठ अलग करते है
काजल सर्म से आखे बंद किये तेज तेज सासे लेते हुवे किस का मजा जो मिला उसे फिल करने लगती है
अभय काजल को देखता है फिर धीरे से कान मे - कैसा लगा
काजल तेज सासे लेके सर्म से - अलग बहोत मिठा
अभय - मुझे भी आपके होठो का रस सब से अच्छा मिठा लगा
काजल सर्म से - सच
अभय काजल के गर्दन के किस करते हुवे - सच
काजल सिसकते हुवे - आह
अभय काजल के ऊपर से उठ जाता है काजल अपनी आखे खोल उठ कर बैठ जाती है लेकिन अभय से नजरे मिलाने मे बहोत सर्म आ रही थी
साम 3 बजे
काजल अभय खेत घूमने आते है बाते करते हुवे खेत मे घूम नजरे का मजा ले रहे थे अभय काजल का हाथ पकर चल रहा था काजल भी
अभय चारों तरफ देखता है कोई नही था पास मे तो अभय काजल को पीछे से पकर बहोत मे गर्दन पे किस करने लगता है काजल सिसकते हुवे - आह अभय बेटा मत कर कोई देख लेगा
अभय काजल के गर्दन गाल पे किस करते हुवे अपना लंड पीछे से काजल के बरे गांड मे दबाते हुवे - कोई नही है बुआ उफ
अभय फिर काजल को खेत मे लेता है काजल के ऊपर आके गर्दन पे किस करने लगता है काजल - उफ आह अभय बेटा रुक जा मत कर
अभय नही रुकता काजल के गर्दन पे किस करते हुवे काजल के चूचे के दरार के बीच किस करते हुवे काजल के पेट मे किस करता है तो काजल अपनी कमर उठा के सिसकते हुवे - आह उफ रुक जा बेटा
अभय रोक जाता है और मन मे - ये मे क्या कर रहा था
काजल जल्दी से उठ सारी सीने पे डाल सही कर अभय को देखती है और बिना बोले घर जाने लगती है अभय भी पीछे पीछे चलते हुवे मन मे - बस यही मेरी बुरी आदत है कब क्या कर बैठता हु मुझे बाद मे एहसास होगा बुआ गुस्सा है अब क्या करू
रात 10 बजे
खाना खाने सब बैठे हुवे थे अभय फूफा भाई से बात करता है बात ये होती है काजल सुबह अभय के साथ जायेगी बाकी सब सादी के 2 दिन पहले आयेगें बाते करते करते खाना हो जाता है फिर कुछ देर बाते कर सब अपने कमरे मे चले जाते है
अभय अपने कमरे मे आके नाइट सूट पेहन लेत जाता है
अभय मन मे - बुआ नाराज हो गई कियु किया मेने
काजल पीछे बिस्तर पे लेती हुई थी 10 मिनट बाद काजल अभय को फोन कर पीछे बुलाती है अभय पीछे काजल बुआ के पास आके लेत जाता है
अभय काजल को देख - आप गुस्सा है ना खेत मे जो क्या
काजल अभय की तरफ देख - हा कोई देख लेता तो
अभय मन मे - अच्छा इस लिये गुस्सा है मुझे लगा
अभय काजल के ऊपर आके आखो मे देख - कोई नही था इसी लिये तो क्या
काजल अभय को देख सर्म से - हु
अभय - किस्सी करू गीली वाली
काजल अपना होठ खोल देती है अभय समझ जाता है
अभय फिर काजल को किस करना सुरु करना फिर उसी के साथ काजल की चुत पे लंड घिसने लगता है अभय सॉक हो जाता है कियुंकी काजल ने नाइटी पहनी थी अंदर कुछ नही पेहना था इस लिये अभय को काजल की पूरी चुत की फाके गर्मी साफ फिल हो रही थी
अभय किस करते हुवे धीरे धीरे लंड काजल की चुत मे दबाने लगता है काजल अपनी टांगे पूरी खुल फैला देती है अब तो अभय हैरान के साथ अच्छे से काजल की चुत फिल कर पा रहा था किस करने के बाद
अभय काजल को देख - थैंक्स मेरी सेक्सी बुआ
काजल सर्म से - कोई बात नही
अभय काजल के ऊपर लेत जाता है और अपना सर काजल के चूचे पे रख देता है और काजल की बॉडी चुत चूचे की गर्मी का मजा लेने लगता है
काजल अभय को बाहों मे पकर - एक बात पूछूँ
अभय - हा पूछीये ना
काजल - जब तु कैद से आया लेकिन कुछ दिन मे ही तेरे दिशा के बीच सब कैसे हुवा
. काजल की बात सुन अभय काजल को देखते हुवे - जानता है
काजल सर्म से - हा
अभय अपना दबाओ काजल की चुत पे फिर डालते हुवे - जब मे भाभी को लेकर गया उसी साम भाभी को कमरे मे कपड़े बदलते नँगा देख लिया
काजल हैरान सर्म से - क्या
अभय - हा पहली बार था तो सब हो गया
काजल सर्म से मन मे- मेने पूछा ही कियु
अभय काजल के कान मे धीरे से - बहोत मजा आया था
काजल तेज सासे लेते हुवे सर्म से -ऐसी बाते मत कर मारुगी
अभय मुस्कुराते हुवे धीरे से - बुआ एक बात कहु
काजल - हा
अभय कान मे - बुआ बाइक पे जब आप सत् कर बैठी थी तो मुझे आपका वो फिल हो रहा था तो मजा बहोत आया था
काजल हैरान सर्म से लाल सासे तेज - क्या फिल हो रहा था
अभय धीरे से - आपके बरे मुलायम गोल मटोल दूध
काजल सॉक अभय से थोरा गुस्से मे - ये ज्यादा नही हो गया उतर मेरे उपर से जल्दी
अभय समझ जाता है उससे जायदा ही आगे की बात केह दी अभय डर जाता है और काजल के ऊपर से साइड मे लेत जाता है
2 मिनट तक दोनो आसंमान को देखते रहते है
अभय दुखी आवाज मे - बुआ माफ कर दो वो मुझे जो अच्छा लगा फिल क्या बोल दिया सायद मुझे नही केहना चाहिये था
काजल अभय को एक नजर देखती है फिर आसमान को देखते हुवे - कोई बात नही
अभय खरा होते हुवे - ठीक है बुआ मे कमरे मे जाके सो जाता हु
काजल हैरान उठ कर बैठ अभय को देख - कियु जा रहा है मेरे साथ नही सोयेगा फोन पे तो बोलता था बुआ आयुगा तो बाहों मे लेके रात भर सोयुगा
अभय काजल को देखता है फिर बिस्तर पे लेत जाता काजल भी लेत जाती है और अभय की तरफ पलट जाती है अभय भी काजल की तरफ लेत काजल को देखने लगता है
काजल - दूर कियु है पास आ ना नाराज है क्या
अभय काजल के एकदम पास आके सत् जाता है
काजल अभय को देखती है अभय काजल को
अभय काजल की आखो मे देख - माफ करना हुआ आगे से ध्यान रखुंगा
काजल - एक बात बता इसी लिये तूने मुझे सूट सलवार पहने के लिये बोला था
अभय काजल से पूरा साथ बाहों मे लेके - हा बोला भी तो था साफ
काजल अभय को देखती है फिर पिट के बल लेत - आजा
इतना सुनते ही अभय तेजी से काजल के ऊपर आके काजल को प्यार से देखने लगता है
काजल मुस्कुराते हुवे - वाह कहते ही तेजी से उपर आ गया
अभय मुस्कुराते हुवे - कियुंकी आपके मुलायम गर्म बदन पे लेत मजा आता है
काजल सर्म से लाल - अच्छा लेकिन ये बता गोल मटोल क्या है
अभय धीरे से - गुस्सा करोगी आप
काजल - नही करुगी
अभय काजल की आखो मे देख - आपके बरे गोल मटोल चूचे
काजल सर्म से अभय को देख - तुझे कैसे पता गोल मटोल है
अभय धीरे से काजल की चुत पे दबाव बनाते हुवे - फिल क्या था जब आप पीछे बाइक पे सत् कर बैठी थी बहोत मुलायम बरे गोल मटोल टाइट लगे मुझे तो बहोत मजा आया
काजल की सासे तेज होने लगती है सर्म से पानी पानी हो जाती है
अभय धीरे से - काश मुझे देखने का मोक्का मिलता तो मेरी किस्मत ही खुल जाती
काजल अभय को देख - क्या खा तूने
अभय डर के मन मे - लग गये फिर उसी दिन की तरह मुह से निकल गया
अभय काजल को देख डरते हुवे - बुआ वो मे
काजल गुस्से से अभय को देख - सच बोल क्या कहा तूने
अभय काजल को देख नजरे नीचे कर सर्म से - काश एक बार देख पाता माफ करना बुआ जो सजा देगी है दे देदो
अभय काजल के ऊपर से उठने लगता है लेकिन काजल अभय को बाहों मे कस पकर लेती है अभय काजल को देखता है
काजल - कियु उठ रहा है मेरे उपर ही रेह मुझे अच्छा लग रहा है
अभय डरते हुवे - जी
काजल धीरे से - ठीक है दिखाउगी लेकिन वादा कर किसीको नहीं बतायेगा
अभय एकदम से हैरान खुश होके काजल को देख - सच्ची
काजल सर्म से - हा
अभय काजल के होठो पे किस करते हुवे - मेरी प्यारी बुआ
काजल सर्म से - हा अब प्यार कितना बिगर गया है तू
अभय काजल की आखो मे देख प्यार से - बुआ रहा नही जा रहा
काजल से लाल अभय को देखती है फिर नाइटी नीचे कर अपने दोनो चूचे बाहर निकाल अभय के सामने कर सर्म से आखे बंद कर लेती है
अभय आखे फार काजल के बरे गोल मटोल टाइट चूचे को देखता ही रेह जाता है काजल के चूचे सच मे बहोत बरे गोल मटोल टाइट खरे थे उपर काले खरे निपल और भी बवाल लग रहे थे ( अभय मन मे - उफ आज मे पहली बार अपनी मा की उमर की औरत के चूचे देख रहा हु
काजल सर्म से कापते हुवे - बेटा हो गया तो अंदर कर लू
अभय चूचे को लार चुवाते देखते हुवे - बुआ कसम से आपके चूचे बहोत खूबसूरत टाइट है इस उमर मे भी ( काजल अभय को देखती है और सर्म से - सच केह रहा है मेरे चूचे तुझे बहोत अच्छे खूबसूरत लगे
अभय काजल को देख - सच बुआ बहोत अच्छे खूबसूरत है आपके चूचे किया मे दबा सकता हु प्लेस
काजल सर्म से अभय को देखती है फिर - ठीक है थोरि देर
अभय खुश होते हुवे - जी
अभय फिर कापते हाथो से दोनो चूचे पकर जोर से दबाने लगता है काजल को एकदम से दर्द के साथ पुरे सरीर काप् जाती है काजल सिसकिया लेते हुवे बिस्तर को जोर से पकर - उफ बेटा धीरे दर्द हो रहा है आह :
अभय चूचे दबाते हुवे - बुआ आपके चूचे बहोत मुलायम और बरे है हाथ मे भी पूरा नही आ रहा पर दबाने मे बहोत मजा आ रहा है उफ अभय फिल करता है काजल के चूचे पुरे करक् हो गये है काजल को अजीब एहसास होता है कुछ अंदर मे हलचल तो काजल जल्दी से दोनो चूचे अंदर कर लेती है
काजल नजरे नीचे कर अभय को देख सर्म से - बेटा अब उपर से नीचे सो जा तू बहोत भारी है
अभय साइड मे लेत जाता है काजल बिस्तर से उठ सीधा पिसाब करने जाती है वही अभय अपने हाथ को देख मन मे - उफ कितने बरे टाइट है बुआ के चूचे अभी भी फिल हो रहा है जैसे मे उसके चूचे अभी भी पकरा हु और दबा रहा हु मुलायम सोफ्ट उफ दिल कर रहा था दबाते रहु
काजल थोरि देर बात आती है बिस्तर पे लेत जाती है अभय काजल को बाहों मे भर - सुक्रिया बुआ आप बहोत अच्छी है आई लोव यू
काजल भी अभय को बाहों मे भर - कोई बात नही लेकिन किसी को
अभय मुस्कुराते हुआ - नही बताऊगा
काजल सर्म से - वो कैसा लगा तुझे
अभय मुस्कुराते हुवे - बहोत मजा आया आपके चूचे तो मस्त है
काजल सर्म से - अच्छा अब सोते है
अभय - जी
दोनो एक दूसरे को बाहों मे भर सो जाते है
आरोही बंगलो
कमरे मे अमर अपनी छोटी बेहन आरोही के मजे लेने मे लगा हुआ था
आरोही टांगे फैलाये हुवे थी और अमर चुत मजे से चाट रहा था आरोही सिसकिया लेते हुवे बिस्तर को पकरे - भाई उफ आह बहोत अच्छा फिल हो रहा है ऐसे ही चूस कर रस पी जाओ अपनी छोटी बेहन की चुत का रस आह भाई बहोत मजा आ रहा है उफ
अमर अपनी बेहन की चुत को मुह मे लेके जिब से चाट कर पीते हुवे मन मे - उफ यार कितना अच्छा स्वाद है मेरी भी बेहन की चुत के रस का उफ मेरी किस्मत आह छोटी बेहन की गर्म चुत का रस ( आरोही कापते हुवे - भाई आने वाला है मेरा ( अमर तेज चुत चाटने चूसने लगता है आरोही बिस्तर जोर से पकर आह उफ्फ मा कापते हुवे गांड उठा के झरते हुवे निकल गया आह
अमर रस पीते हुवे - उफ मेरी छोटी बेहन ने गर्म रस निकाल दिया
अमर फिर आरोही की चुत पे लंड घिसते हुवे आरोही को देख - बेहना डाल दु अंदर
आरोही सिसकिया लेते हुवे नशे वाली आखो से - जल्दी डाल दो भाई
अमर जोर का धक्का मार पूरा लंड आरोही की चुत मे घुसा लेता है आरोही दर्द मे बिस्तर पकर रोते हुवे - बहोत दर्द हुआ भाई प्लेस धीरे डाला कीजिये आह मा मर गई
अमर तेज धक्का मारते हुवे - उफ बेहना तेरी गर्म चुत मे मेरा लंड जाता है तो तो मे कही खो जाता हु उफ ये मजा बेहन कि चुत मारने का
आरोही बिस्तर पे लेती आखो मे आसु लिये आह उफ्फ भाई धीरे करो भाई दर्द हो रहा है आह मत करो ना तेज धीरे अंदर डालो ना ( अमर धक्का मारते हुवे छोटी तेज मारुंगा तो मजा आयेगा और तेरी चुत से पानी जल्दी निकलने :12 मिनट बाद आरोही फिर बिस्तर जोर से पकर भाई फिर निकलने वाला है माइ रे आ गया निकल गया आरोही गांड उठा के कापते हुवे झर जाती है आरोही उफ निकल गया पानी भाई अपने अपनी छोटी बेहन की चुत से पानी निकाल दिया अभय भी एक जोर का धक्का मार झर जाता है आरोही दर्द मे रो परती है
अमर फिर आरोही को बाहों मे लेके - मजा आया
आरोही आसु साफ करते हुवे मुस्कुरा के - बहोत मजा आया भाई
आज के लिये इतना ही![]()
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जीत जीतू फोन पे बाते कर रहे होते है..
जीतू - यार आज बॉस के शादी फिक्स हो रही है मेरा दिल बहोत कर रहा था जाने का लेकिन बॉस ने रोक दिया
जीत - दिल तो मेरा भी कर रहा था जाने का ले लेकिन बॉस चाहते हो हम अपने लोगो के साथ वक़्त बिताये
जीत - बॉस बहोत अच्छे है सब के बारे मे सोचते है
जीतू -तुमने सही कहा मे तो जब सोचता हु बॉस नही आये होते तो हमारा क्या होता
जीत - मे भी सोचता हु लेकिन 4 साल जो हमने जुगारे साथ मे वो पल खतरनाक के साथ बहोत अच्छे पल भी थे जो मुझे bah याद आते है
जीतू - मे तो याद भी नही करना चाहता जहा हम रहे वो किया लेकिन बॉस के साथ बिताये पल याद आ जाते है
जीत - हा सही कहा खैर मे बहोत खुश हु भले ही हम बॉस की शादी तय नही देख पाये लेकिन बॉस ने कहा है शादी के कार्ड लेकर खुद हमारे घर आयेगे उस दिन का मुझे बेसबरी से इंतज़ार रहेगा
जीतू - सही कहा वैसे भी हमारे घर वाले उन से मिलना चाहते है muj तो कई बार केहते रेहते है कब आयेगा अभय
जीत - सेब भाई वही मेरे घर वाले भी बोलते रेहते है
जीतू - वैसे बॉस ने जो कहा वो सब काम चल रहा है ना
जीत - बॉस ने जो कहा वो मे कर रहा हु लेकिन तेरा क्या
जीतू - मेरा भी चल रहा है मुझे लगता है बॉस जल्दी हि फॉर्म मे आयेगे
जीत मुस्कुराते हुवे - सही कहा
जीत जीतू दोनो बाते करते रहेगे हम चलते है अभय के पास
आँगन मे सभी बैठे बाते करते हुवे पंडित जी का इंतज़ार कर रहे थे
तभी पंडित जी आ जाते है पंडित जी घर के अंदर कदम रखते है तो उन्होंने बहोत बुरी फिलिग आती है
पंडित जी मन मे - इस घर मे बुरी साया है
पंडित जी का नाम है रामा - उमर 35 साल बहोत हि ज्ञानी है
सभी की नजर पंडित जी पे जाती है तो सभी एकदम सांत हो जाते है
पंडित जी सभी को देख मुस्कुराते हुवे - किया बात है लगता है सभी मेरा ही इंतज़ार कर रहे थे
काजल - पंडित जि ये भी पूछने कि बात है
पंडित जी के लिये बैठते का इंतजाम कर दिया गया था पंडित जी जाके पल्थी मार बैठ जाते है बाकी सभी पंडित के आगे चारो तरफ घेर बैठ जाते है
पंडित जी एक नजर सभी को देखते है फिर अपने थैले से कुंडली मिलान निकाल लेते है
पंडित जी - ठीक है लरका लरकी आके मेरे पास बैठ जाये
पंडित जी की बात सुन अभय दिशा आके पंडित जी के सामने बैठे जाते है पंडित जी एक नजर अभय दिशा को देखते है
पंडित जी - ठीक है लरका लरकी के जन्म समय कब किस महीने साल मे हुवा बताये
सिला अभय के जन्म जिस दिन समय महीने साल मे हुवा बता देती है
तारा भी दिशा के जन्म दिन समय महीने साल बता देती है
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पंडित जी दोनो की बात सुनते है फिर जन्म कुंडली मिलान करने लगते है सभी की नजर पंडित जि पे टिकी हुई थी
अभय दिशा भी एक दूसरे को देख है और फिर पंडित जि को देखते है
आसा मन मे - उपर वाले मेरे बेटे बहु की जारी बना देना प्लेस ताकि दोनो पूरी जिंदगी एक साथ हसी खुशी बिताये
तारा मन मे - एक लास्ट हॉप दामाद जी हि है मे बस अपनी बेटी का घर बस्ता देखना चाहती हु उसे फिर से सुहागन देखना चाहती हु उपर वाले प्लेस सब अच्छे से हो जाये
10 मिनट तक पंडित जी अच्छे से दोनो की कुंडली मिलान करते है फिर दिशा को देख - बेटी अपना हाथ आगे करो
दिशा अपना हाथ आगे करती है पंडित जी दिशा के हाथ पकर दिशा के हाथो की लकीर देखते है फिर आखे बंद कर देते है 2 मिनट बाद पंडित जी दिशा के हाथ छोर देते है
पंडित अभय को देख - बेटा तुम अपना हाथ आगे करो
अभय अपना हाथ आगे करता है पंडित जि अभय के हाथो कि लकीर देख आखे बंद कर लेते है 4 मिनट बाद पंडित जी अभय का हाथ छोर देते है और एक गहरी सास लेते है
पंडित जी अभय दिशा को देख मन मे - बहोत कम ऐसा होता है की किसी की कुंडली इतनी आसानी अच्छे से मैच कर जाये ये केहना गलत नही होगा ये दोनो एक दूसरे के लिये हि बने है
पंडित जी दिशा को देख मन मे - उसके अंदर कोई बुराई ना किसी के लिये जलन गुस्सा भरा है यानी दिल कि बहोत साफ है
पंडित जी अभय को देख - इस लरके के अंदर सिर्फ अपने लोगो के लिये प्यार ही प्यार भरा है दिल का साफ मिलन सार मस्ती से जीने वाला लेकिन गलती से भी इस लरके के अपनो को कोई चोट पहुचाने कि कोसिस करेगा तो उसका हाल क्या होगा मुझे भी नही पता मुझे लगता है ये लरका उनका क्या हाल करेगा उसे खुद नही पता होगा
आसा पंडित जी को सोचो मे गुम देख - पंडित जी किया हुआ कुछ गर्बर् है क्या
पंडित जी होस मे आते हुवे आसा सभी को देख मुस्कुराते हुवे - नही कोई गर्बर नही बल्कि मे हैरान हु लरका लरकी के 36 के 36 गुण मिल रहे हो सच कहु तो दोनो एक दूसरे की लिये ही बने है
पंडित जी कि बात सुन सही को राहत मिलती है और बहोत खुश भी हो जाते है
पंडित जी आसा तारा को देख - तो बताइये शादी कब का फिक्स करू
तारा आसा को देख - बताइये ना
आसा मुस्कुराते हुवे अभय दिशा को देख - पंडित जी जो पेहला शुभ मुहूरत है वही दिन फिक्स कर दीजिये
पंडित जी - जैसा आप कहे
अभय दिशा के कान मे धीरे से - लगता है मेरी भाभी मेरी रानी जल्दी से बनने वाली है
दिशा अभय कि बात सुन शर्म से लाल हो जाती है
पंडित जी थोरि देर बाद सभी को देख - हा तो पेहला शुभ मुहूरत आज से 26 वे दिन का है बोलिये क्या केहते है
आसा मुस्कुराते हुवे - पंडित जि फिस्क कर दीजिये
पंडित जी मुस्कुराते हुवे - ठीक है आज से 26 दिन लरका लरकी कि शादी फिक्स होती है
पंडित जी कि बात सुन सभी खुशी से तालियां बजाने लगते है
पंडित जी आसा को देख - लेकिन एक जरूरी बात कहनी है
आसा हैरानी से - वो क्या है पंडित जी
पंडित जी - मे जब इस घर मे आया तो मुझे बुरी साया फिल हुवा यानी ये घर रेहने लायक नही है अगर आप इस घर मे रहती है तो कोई ना कोई घटना होती रहेगी
पंडित जी कि बात सुन सभी बहोत हैरान हो जाते है खास कर आसा
पंडित जी - मुझे लगता है इस घर मे पेहले हि कई घटना हो चुकी है
आसा को सुरु सी लेकर सब घटना याद आने लगता अपनी बेहन से लराइ रिस्ता टूट गया,पति छोर चला गया,देवर इज़त लूटने की कोसिस, अभय का किडनैप, विनय के साप् काटने से मौत, कुछ ना कुछ होता आया है सुरु से इस घर मे
आसा घबराते हुवे - पंडित जि आपका केहना बिल्कुल सही है लेकिन अब हम किया करे
पंडित जी - दो रास्ते है पेहला आपका बेटा नई लाइफ सुरु करने वाला है तो आप नये घर में करिये दूसरा मे इस घर को सुध कर दुगा बस कुछ दिन का समय लगेगा
आसा कुछ बोलने वाली होती है तभी अभय - पंडित जी सच ये है मेने पेहले से नये घर मे जाने का सोच रखा था बस समय का इंतज़ार कर राहा लेकिन जब आपने ये केह दिया हो तो हम नये घर में ही सिफ्ट हो जायेंगे
आसा अभय को देख - लेकिन बेटा
अभय बीच मे आसा को रोक - मे सब देख लुगा
अभय मन मे - मेने घर ले लिया है और वहा काम चालू है सभी आने वाले खतरों से लरने के लिये शादी तक सब काम पुरा हो जायेगा
पंडित जी - ये तो और अच्छी बात है
अभय दिशा की शादी फिक्स हो चुकी थी आज से 26 दिन
आसा तारा को देख मुस्कुराते हुवे दोनो गले मिलते है बाकी सभी दिशा अभय को बधाई देते है
अभय विजय पेहले नास्ता कराते है पंडित जी को फिर पैसे दे दिये जाते है उसके बाद बाकी सभी को नास्ता कराया जाता है
एक कमरे मे दिशा अदिति पूजा कोमल मधु के बीच बाते चल रही होती है
अदिति कोमल को देख - भइया भाभी का तो शादी तय हो गया आप कब कर रही है
कोमल अदिति को देख - एक बात बताओ तुम दोनो भाई मेरी शादी के पीछे कियु परे हो ये बताओ पेहले
दिशा हैरान से कोमल को देख - तुमहारे केहने का किया मतलब है कोमल
कोमल दिशा को देख मुस्कुराते हुवे - आया था आज सुबह आपका होने वाला पति और मेरी मा बुआ से मेरी शादी के बारे मे बात कर के गया है
मधु - लेकिन भाई के नजर मे कोई होगा आपके लायक तभी तो भाई ने बात सुरु की होगी
कोमल - हा तुमने सही कहा अभय का दोस्त है शादी मे आयेगा
अदिति मुस्कुराते हुवे - अब तो खुद मिल कर देख लेना वैसे मुझे यकीन है भाई मे आपके लिये कोई लरका चुना है तो अच्छा हि होगा
दिशा - मुझे लगता है जीत या जीतू ही होगे
पूजा - लेकिन दीदी आपको कैसे पता
दिशा मुस्कुराते हुवे - अरे पागल उन्होंने बताया था ना जब कैद मे थे तो उसके साथ जीत जीतू भी थे और उन्होंने मुझे दोनो के बारे मे बताया भी था
मधु - याद आया हा उन्होंने कहा था इसका मतलब दोनो में से एक ( कोमल को देख मुस्कुराते हुवे) दीदी का सइया बनेगा
कोमल मधु के कान पकर - अच्छा तो एक एक मेरा सइया बनेगा तो दूसरे को तुम बना लेना
मधु दर्द मे - दीदी छोरो दर्द हो रहा है
कोमल मधु का कान छोर देती है
मधु कान सेहलाते हुवे - मे तो अभी बच्ची हु आप लोग ही बना लेना सइया 1
मधु कि बात सुन सभी मधु के बरे बरे चुचे को देखने लगते है घूर घूर के मधु को जब एहसास होता है तो शर्म से चिल्लाते हुवे - छी आप सब कहा देख रही है
मधु की बात सुन सभी हसने लगते है
एक कमरे मे आसा काजल मिनिता तारा सिला बैठे थे
आसा तारा से - बात ये है शादी मन्दिर मे नही होगी बलकी मेरा लाल बारात लेकर जायेगा बहु को लाने लाला चाहता है घूम घाम से शादी करना
आसा की बात सुन तारा बहोत हैरान और घबरा भी जाती है
तारा घबराते हुवे - मे भी चाहती हु मेरी बेटी की शादी धूम धाम से करना लेकिन आप जानती है ना
आसा तारा को देख - मुझे पता है आप उसकी चिंता मत कीजिये मेरा लाला सब देख लेगा बस आप अपनी मा का फर्ज़ निभाइये
तारा - लेकिन मुझे अच्छा नही लग रहा दामाद जी सब सर्च उठा रहे है
सिला - मेरा बेटा जिसको अपना मान लेता है उसे दिल मे बसा कर रखता है और आप तो उसकी सासु मा है
मिनिता हस्ते हुवे - अरे हॉट सासु मा कहो
मिनिता कि बात सुन सिला शर्मा के - शर्म कीजिये कुछ भी बोलती है
काजल हस्ते हुवे - भाभी ने गलत नही कहा अभय तो हमे भी हॉट बोलता है कियु भाभी
मिनिता मुस्कुराते हुवे - सही कहा
सिला - तो किया गलत कहा तुम सब हॉट और क्या बोलते है हा सेक्सी हो तो कहेगा हि
सिला की बात सुन सब शर्मा जाते है और जोर जोर से हसने लगते है
आसा तारा से - अच्छा तो सब समझ गई है दिन भी तय हो गया है तो अब आपको दिशा को लेकर जाना होगा
तारा - जी समझ गई
30 मिनट बाते करने के बाद : मिनिता काजल विजय कोमल भोला अपने घर चले जाते है
दिशा अपने कमरे मे समान पैक करने मे लग जाती है तभी अभय कमरे मे आता है और दिशा को पीछे से कमर मे हाथ दा पकर अपने से सता लेता है दिशा घबरा जाती है अचानक अभय के पकरने से लेकिन फिर अभय को देख सांत हो जाती है
दिशा शर्मा के आपने तो मुझे डरा ही दिया था ( अभय - वो छोरो आपके बिना मे अब कैसे इतने दिन रहुंगा मेने तो सोचा था दुबारा आपकी ( तभी दिशा बीच मे - छी गंदे वैसे ही 26 दिन कोई जायदा नही है
अभय दिशा के गर्दन मे किस करते हुवे - लेकिन मेरे लिये बहोत जायदा है
दिशा अभय के किस करने से सिसकिया लेते हुवे - ऐसा कियु
अभय - कियुंकी मेरा पेहली बार था दुबारा के लिये अब मुझे इंतज़ार करना परेगा
अभय दिशा को अपनी तरफ घुमा के दिशा के कमर को कस के पकर अपने से पूरा सता के दिशा के आखो मे देख - आपको देखता हु तो रुकना मुश्किल हो जाता है मेरा
दिशा शर्म से नजरे नीचे कर - बस शादी तक इंतज़ार कीजिये फिर
अभय दिशा के होठो के पास अपने होठ ले जाते हुवे - फिर किया
दिशा की सासे तेज होने लगती है दिशा - फिर आपको अपने आप का रोकने की जरूरत नही परेगी
अभय दिशा की आखो मे देख - शादी के बाद मे अपने आप का रोकुगा भी नही ( ये केहते हुवे अभय दिशा को किस करने लगता है
दिशा भी अभय को पकर किस करने लगती है
दोनो एक दूसरे से चिपके एक दूसरे को बाहों में पकर एक दूसरे के जीब को मुह मे लेने चूस कर रस पीने लगते है 2 मिनट बाद दिशा सर्म से अभय को धक्का देखे कमरे से बाहर निकालते हुवे - अब जाइये
अभय को बाहर निकालने के बाद दिशा दरवाजा बंद कर लेती है और जोर जोर से सासे लेते हुवे शर्म से लाल - मेरे लिये भी ये 26 दिन बहोत बरा होने वाला है मेरे पति देव
अभय हैरान बाहर करे दरवाजे कि तरफ देख - अरे यार धक्के मार कर निकाल दिया ऐसा कोन करता है
( साम 4 बजे )
तारा पूजा दिशा जाने के लिये तैयार थे
तारा आसा को देख - तो अब हम चलते है
आसा तारा को गले लगाते हुवे - हम एक फैमली है और रहेगे ये मत भूलियेगा हम सब आपके साथ है आप चिंता मत करना आप अकेली नही है
तारा इमोसनल होते हुवे - मुझे पता है और ना मे भुलुगी
दोनो अलग होते है
आसा दिशा के पास जाके दिशा के गाल सेहलाते हुवे - मेरी बहु कुछ दिनों के लिये आपकी है लेकिन फिर मेरी हो जायेगी
तारा मुस्कुराते हुवे - जी बिल्कुल
दिशा आसा को गले लगाते हुवे - मम्मी जी मेरे ना रहने मे अपना ख्याल रखियेगा
दिशा अगल होके अदिति को देख - ननद रानी जब तक मे वापस आपकी भाभी बन कर नही आती आप को हि घर का काम करना है मम्मी जी को आराम करने देना
अदिति दिशा को गले लगते हुवे - आप चिंता मत कीजिये आपने जैसा कहा वैसा हि मे करुगी
अदिति फिर पूजा के गले लगते हुवे - मेरी भाभी का ख्याल रखना नही तो बहोत मारुगी तुझे
पूजा हस्ते हुवे - तुम भी मेरे जीजा जी का ख्याल रखना
अदिति हस्ते हुवे - वो खुद सब का ख्याल रखते है
दिशा मधु से - ननद रानी भाई का ख्याल रखना अच्छे से
मधु दिशा को देख मुस्कुराते हुवे - जरूर रखुंगी जब आप आ जायेगी तो आप खुद रख लेना
दिशा मुस्कुराते हुवे - अच्छा जी
मधु हस्ते हुवे - हा जी
दिशा मधु गले मिलते है
सिला दिशा के पास जाके दिशा को देख - सच मे मेरी बहू बहोत हि खूबसूरत है
दिशा सर्माते हुवे - मम्मी जी आप भी अपना ख्याल रखियेगा
सिला मुस्कुराते हुवे - मेरा ख्याल रखने के लिये मेरा बेटा है तुम अपना ख्याल रखना
दिशा -जी
बाते हो जाती है अभय सभी बाहर आते है पूजा तारा पीछे बैठ जाते है और आगे दिशा अभय कार चालू करता है
आसा अदिति सिला मधु दिशा पूजा तारा सब एक दूसरे को देखते है और बाय बोल अभय कार लेकर निकल परता है 15 मिनट बाद अभय अपने ससुराल पहुँच जाता है
सारा समान अभय अंदर रख देता है दिशा का फिर सभी बाहर आ जाते है
तारा अभय के पास जाके अभय को देख इमोसनल होते हुवे
तारा - दामाद जी आपका सुक्रिया कैसे करू सब के लिये मेरी बेटी को अपनाने के लिये
अभय - सासु मा हम सब एक परिवार है और दिशा जैसी बीवी पाके मे बहोत खुश हु आप सब अपना ख्याल रखना और हा शादी की सब तैयारी मे देख लूंगा बाकी फोन पर बाते होती रहेगी
पूजा - जीजा जी ने केह दिया हमे अब कोई चिंता नही है
अभय पूजा को देख मुस्कुराते हुवे - हा जरूर
तारा पूजा को देख - चलो पूजा बेटी अंदर कुछ काम करने है
पूजा अभय दिशा को देख मुस्कुराते हुवे - समझ गई मा चलो
तारा पूजा अंदर चले जाते है तो दिशा नजरे नीचे किये खरी रहती है
अभय गारी से सता हुवा खरा था
अभय दिशा को देख - मेरी रानी अब आ भी जाओ बाहों मे
दिशा अभय की बात सुन जाके समाते हुवे अभय के बाहों मे समा जाती है और अभय को कस के पकर लेती है
अभय दिशा को बाहों मे लिये - मेरी रानी फोन मे बाते करते रहेगे और मे छुपके छुपके मिलने आता रहुंगा ठीक है ना
दिशा शर्मा के धीरे से - ठीक है जी लेकिन
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अभय दिशा के चेहरे को पकर आखो मे देखता है दिशा अभय को देखती है फिर दोनो किस करते है
दिशा शर्मा के - अब जाइये
अभय - आई लोव यू मेरी रानी
दिशा अभय को देख - आई लोव यू मेरे राजा
अभय फिर गारी मे बैठ निकल परता है घर वही दिशा अभय को जाते हुवे देखने लगती है वही पूजा दरवाजे पे खरी दिशा को देख हस्ते हुवे - दीदी चले गये हो जीजा जी अंदर आ जाइये
पूजा कि आवाज बात सुन हैरानी से दिशा पीछे मूर पूजा को देख - किया तुम सब देख रही थी
पूजा मुस्कुराते हुवे - हा
दिशा गुस्से से - रुक अभी बताती हु बेशर्म ( दिशा केहते हुवे पूजा को पकरने भागती है पूजा डर के घर में चली जाती है
( अभय के घर )
कमरे मे अब सिर्फ सिला आसा हि थे
सिला आसा को देख - दीदी मे आपसे अभय के बारे मे कुछ पूछना चाहती हु
आसा सिला को देख - पूछो ना
सिला - दीदी आज मे रेडी हो रही थी तब अभय बेटा अंदर आ गया मेरी ढोरी
सिला बीच मे रोकते हुवे मुस्कुराते हुवे - आगे मे बताता हु फिर लाला तुम्हारी ढोरी को घूर कर देखने लगा होगा
सिला हैरानी से - हा ऐसा हि हुवा था
आसा - ठीक है बताती हु असल मे विनय अदिति से अभय बहोत मस्ती करने वाला बच्चा सुरु से रहा है जब मे सोई रहती थी तब कभी कभी मेरी सारी नीचे गिर जाती थी तो लाला आके मेरी ढोरी पे किस करता था चाटता था और पर पर की आवाजे मुह से निकालता था मुझे बहोत गुदगुदी होती थी लेकिन लाला को मजा आता था लाला की दूसरी आदत है मुझे खुद उसे जगाने जाना परता है तभी वो उठता है तीसरी उसे किस्सी भी चाहिये होता है ये सब लाला छोटा था तब से अब तक चलता आ रहा है
सिला हैरानी से - अच्छा ये बात है तभी अभय बेटा इतना मस्ती करता है मुझे हॉट भी बोलता है
आसा मुस्कुराते हुवे - हा लाला जिसे अपना मान लेता है दिल से उसे ही ऐसा बोलता है
सिला - दीदी मे देख सकती हु आप का अभय बेटा का रिस्ता इतना कियु प्यारा है सच मे अभय बेटा आपका लाला है
आसा मुस्कुराते हुवे - हा लेकिन अब तेरा भी बेटा है उसने तुझे भी तो मा माना है
सिला - हा और अभय बेटे को पाके बहोत खुश हु
अभय भी घर आ जाता है
अब बारी थी सिला जोगिनाथ के जाने की सभी आँगन मे खरे थे
जोगिनाथ आसा को देख - भाभी तो अब हमे जाना चाहिये
आसा - जी लेकिन शादी कुछ दिन पेहले ही सब को फिर आ जाना है
जोगिनाथ - ये भी केहने की बात है जरूर आऊगा अभय बेटे कि जो शादी है
आसा मधु से - गुरिया अपना ख्याल रखना वैसे तेरा भाई तो रोज मिलने जाता रहेगा
मधु - जी बरी मा भाई तो आते रहेगे नही आयेगे तो मे खुद आ जाउंगी
मधु कि बात सुन सब हसने लगते है
अदिति - आ जाना बना किसने किया है
बाते होती है और अभय सिला मधु जोगिनाथ को घर आ जाता है ठोरी देर रुकता है बाते करता है और घर आ जाता है
( रात 9 बजे )
खाना पीना होने के बाद अभय अपनी मा के कमरे मे जाता है दिशा सारी पेहले बिस्तर पे लेती हुई थी
अभय दिशा को देख - मा मुझे लगा आप बुल्लू नाइटी मे होगी
आसा हस्ते हुवे - कियु तुम्हे मुझे बुल्लू नाइटी मे देखना है
अभय आसा के पास बिस्तर पे लेट आसा को कस के बाहों मे भर आसा के आखो मे देख - मा मुझे तो आपको जीन्स लेहगा लेगिंस सूट सलवार सब मे देखना है
आसा हैरान से अभय को देख - किया लाला मे इस उमर मे ये सब पेहनुगी
अभय आसा को देख - मेने कहा था ना आप अभी बहोत जवान और खूबसूरत हॉट है आप जो पेहनोगी आपके उपर अच्छा हि लगेगा
आसा शर्म से लाल हो जाती है
दोनो मा बेटा एक दूसरे से पूरा चिपके हुवे एक दूसरे के आखो मे देख बाते कर रहे थे अभय को अपनी मा के करक टाइट बरे चुचे निपल अपने सीने मे दबे साफ मेहसूस हो रहे थे और अपनी मा के शरीर की गर्मी भी लेकिन अभय गलत नजर से मा को नही देख रहा था ना
आसा अभय को देख - लेकिन बेटा बाहर वाले देखेंगे तो किया चोगेगे
अभय मुस्कुराते हुवे - आपको सिर्फ मुझे पेहन कर दिखाना है बाहर नही जाना है बाहर आप सारी पेहन कर हि जाना मे नही चाहता कोई मेरी मा को देखे जीन्स सब मे
आसा हस्ते हुवे - अच्छा ये बात है तुम तो मुझे मॉडल बनाना चाहते हो
अभय हस्ते हुवे - मा मॉडल को सभी देखते है लेकिन आप को मे ही सिर्फ देखुंगा मेरी हॉट मा
आसा मुस्कुराते हुवे - ठीक है बाबा लाला की इक्छा मे जरूर पूरी करुगी
अभय - मेरी प्यारी बेस्ट मा है
आसा हस्ते हुवे - मस्का मत मार
अभय- मा नाइटी पेहनो ना देखता है मुझे वैसे मुझे पता है आप बहोत सेक्सी लगेगी नाइटी मे
आसा शर्मा के - मुझे पता था लाला तु इसी लिये रेड बुल्लु नाइटी लेने के लिये कहा था ना ताकि तुम मुझे रेड बुल्लू नाइटी मे देख सको
अभय मुस्कुराते हुवे - हा आगे तो और रंग बिरंगे नाइटी लाउगा आपके लिये
आसा शर्मा के अभय को मारते हुवे - शैतान कही का
आसा - चल ठीक है मे नाइटी पेहन लेती हु
अभय आसा को छोर देता है और खरा होते हुवे - ठीक है आप चेंज कर दीजिये मे बाहर खरा रेहता हु
आसा - कोई जरूरत नही है यही खरा रेह
अभय मुस्कुराते हुवे - समझ गया सेक्सी मा
अभय आगे थोरा जाके एक जगह आखे बंद कर खरा हो जाता है अभय की नजर आगे थी आखे भी बंद थी
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आसा अभय को देख मुस्कुराते हुवे अपनी सारी निकालने लगती है और थोरि देर मे पूरी नंगी हो जाती आसा फिर बुल्लू नाइटी निकाल पेहन लेती है अंदर कोई बिकनी चड्डी नही पेहनी थी आसा मे रात को आसा ऐसे ही सोती है लेकिन दिन मे चड्डी बिकनी सब पहनती है
अभय सब बहोत छोटा था किसी चीज की समझ नही थी तब आसा अभय के सामने ही नंगी होकर कपड़े बदल लेती थी लेकिन जब अभय समझदार हुवा चीजे समझने लगा तक भी आसा अभय को बाहर जाने के लिये नही केहती थी बल्कि आगे जाके खरा होकर आखे बंद करने के लिये केहती थी वही आज आसा ने किया इसी लिये अभय हैरान नही हुवा और सीधा जाके आखे बंदकर खरा हो गया
आसा नाइटी पेहन चुकी थी
आसा अभय को देख मुस्कुराते हुवे - लाला अबदे देख सकता है
आसा के केहने पे अभय पीछे मूर आखे खोल आसा को देखता है
आसा बुल्लू नाइटी मे बहोत ही हॉट सेक्सी लग रही थी आसा शर्मा भी रही थी
अभय आसा के पास जाके उपर से नीचे तक अच्छे से देखता है फिर आसा की आखो मे देख - जैसा मेने कहा था आप बहोत हॉट सेक्सी लग रही है इस बुल्लू नाइटी मे
आसा शर्मा के - सच केह रहा है लाला
अभय आसा के कमर मे दोनो हाथ डाल जोर से पकर अपने सीने से सता लेता है जिसके वजह से आसा के मुह से आह निकल जाती है
अभय आसा के आखो मे देख - किया हुआ मा
आसा शर्मा के - कुछ नही
अभय आसा के लाल रसीले होठो को देख - मुझे किस्सी चाहिये
आसा अभय की आखो मे देख - पूछता कियु है जब दिल करे कर लेना
अभय मुस्कुराते हुवे अपना होठ अपनी मा के होठो के नजदिक ले जाने लगता है आसा अभय को देख शर्मा रही होती है फिर अभय अपना होठ अपनी मा के होठ से सता के हटा लेता है
अभय आसा को देखता है आसा अभय को
अभय आसा को देख - गुड नाइट सेक्सी मा
आसा अभय को देख मुस्कुराते हुवे - गुड नाइट लाला
2 मिनट बाद
आसा अभय को देख प्यार से - छोरेगा मुझे या ऐसे ही पकरे रहेगा
अभय मुस्कुराते हुवे - आपको बाहों मे लेके मुझे सुकून मिलता है
अभय आसा को छोर - लेकर छोरना परेगा
आसा -अगर मेरा लाला चाहता है तो पकर ले फिर मुझे अपने बाहों मे
अभय आसा के गाल पे किस करते हुवे - आप मेरी मा है जब दिल करेगा बाहों मे भर लुगा
आसा मुस्कुराते हुवे - हा ये भी है
अभय - ठीक है मा सो जाइये गुड नाइट
आसा मुस्कुराते हुवे - गुड नाइट लाला
अभय बाहर आ जाता है और आसा बिस्तर पे लेत जाती है और मुस्कुराते हुवे मन मे - मेरे लाला का डिमांड बढ़ते जा रहा है इस उमर मे भी मुझे जीन्स सब पहनाने मे लगा हुवा है
अदिति कमरा
अभय अंदर जाता है अदिति नाइट गाउन मे बिस्तर पे लेती आखे बंद किये सो रही थी अदिति बहोत सेक्सी लग रही थी सोते हुवे
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अभय अदिति को सोता देख मुस्कुराते हुवे - लगता है आज गुरिया जल्दी सो गई है मुझे जाना चाहिये
अभय जाने लगता है तभी अदिति जल्दी से उठ कर अभय के पीछे से पकर लेती है अभय भी मुस्कुराते हुवे अदिति को अपनी तरफ घुमा बाहों मे भर लेता है
अदिति अभय के बाहों मे समाये - आपको पता था ना मे सोने का नाटक कर रही हु
अभय मुस्कुराते हुवे - हा पता
अभय अदिति को गोद मे उठा कर अदिति के आखो मे देख - मेरी प्यारी खूबसूरत गुरिया
अदिति अभय के आखो मे देख - मेरा हैंडसम भाई
अभय अदिति को बिस्तर पे लेता देता है और खुद लेत जाता है अदिति अभय के सीने पे सर रख लेती है
अदिति - भाई पंडित जी ने कहा है इस घर मे बुरी साया है और आपके कहा हम नये घर मे जायेंगे
अभय अदिति को बाहों मे लेते हुवे - हा गुरिया मेने घर खरीद रखा है बस कुछ दिनों बाद हम नये घर मे रेहने चलेंगे
अदिति बहोत खुश होते हुवे अभय को देख - अच्छी लेकिन आपने कैसा घर लिया है मुझे भी बताइये ना भाई
अभय मुस्कुराते हुवे - ना हम जब जायेंगे तब खुद देख लेना
अदिति - तो आप नही बतायेगे ठीक है इंतज़ार कर लुगी
अभय मुस्कुराते हुवे - करना ही परेगा लेकिन तुम्हे घर बहोत पसंद आयेगा पक्का
अदिति मुह फुलाते हुवे -बता तो रहे नही और घर पसंद आयेगा केह रहे है
अभय हस्ते हुवे अदिति के गाल पे किस करते हुवे - सच्ची केह रहा हु
अभय मन मे - मेने तुमहरा कमरा मा अपना अच्छे से सजाने मे लगा हु जब तुम अपना कमरा देखोगी तो खुशी से नाच उठोगी
अभय - अच्छा गुरिया तुम सो जाओ मे जाता हु
अदिति अभय को देख - ठीक है भाई गुड नाइट
अभय खरा होकर अदिति को देख - गुड नाइट गुरिया
अभय कमरे से निकल अपने कमरे मे आ जाता है वही अदिति बिस्तर पे लेती मन मे - आपके बाहों मे जल्दी नींद आ जाती है लेकिन आपके बाहों बिना जल्दी नींद नही आती लेकिन मुझे भी समझना होगा
अदिति मुस्कुराते हुवे - पक्का भाभी से बात करेगे अकेले मे लेकिन मे आरोही से बात कर लेती हु
अदिति आरोही को फोन लगा देती है आरोही बिस्तर पे लेती हुई थी अदिति का फोन देख उठा के
आरोही - याद आ गई अपने दोस्त की मुझे लगा भूल जाओगी फिर
अदिति - अरे नही यार ये बताओ क्या हो रहा है
आरोही - खाना खाने के बाद अभी पढाई कर सोने जा रही थी
अदिति - अच्छा सुन मेरे भाई की शादी तय हो गई है इस 29 तारीख को कार्ड तो मे खुद दुगी लेकिन मेने सोचा पता दु
आरोही - ये तो अच्छी बात है दिशा भाभी से तय हुई है ना
अदिति - तुम्हे बता तो है
आरोही - तुम ने हि तो बताया था अच्छा अदिति सच बता मेरे भाई से शादी करेगे या नही
अदिति - अरे यार बताया तो था फिर पीछे पर गई मेने कहा ना मे तुम्हारे भाई से प्यार नही करती अब चीजे बदल गई है
आरोही - सीधा बोल नही करनी है
अदिति - हा नही करनी मुझे गलत मत समझना
आरोही - कोई बात नही अच्छा मे रखती हु
अदिति - ठीक है
फोन कट
आरोही मन मे - तूने अच्छा नही क्या अदिति भाई आ गया तो क्या हुवा लेकिन इसकी किमत तुझे चुकानी परेगी
आरोही किसी को फोन करती है
आरोही - मे रेडी हु आपने जैसा कहा लेकिन मेरी एक सर्ट है
अंजान - हा बोलो
आरोही - अदिति के साथ पेहले मेरा भाई जी भर के मजे करेगा
अंजान - मंजूर है
आरोही - और एक बात आपने जितना वादा किया है याद रखना और हा उस कमीनी के भाई की शादी तय हो गई है
अंजान - कब है शादी
आरोही - इस 29 को
अंजान जोर जोर से हस्ते हुवे - तब तो मुझे उसकी शादी मे फटाका फोरना ही परेगा अभय यही नाम है ना उसका
आरोही - जी
अंजान हस्ते हुवे - उसकी जिंदगी मे जो भी प्यारा है उसे एक एक कर उससे छीन लुगा और सुरुवात उसकी शादी के दिन से करुगा
आरोही - आप किया करते है मुझे उससे कोई मतलब नही है अब वो मेरी दोस्त नही रही बस मुझे अब अमीरी की लाइफ जीनी है
अंजान - जरूर मेरी बात मानते जाओ बस लेकिन एक बात अभी उससे बात करती रेहना समझ गई
आरोही - मुस्कुराते हुवे समझ गई
अंजान - ठीक है रात को रेडी रेहना
आरोही - धीरे से ठीक है
फोन कट
अदिति कमरा
अदिति मन मे - प्यार होता तो करती उस समय मा भाभी तेरे केहने पे मेने तेरे भाई को सुना ना की प्यार की वजह से
अभय कमरा
आज अभय के आने के बाद पेहले बार अभय अकेले अपने कमरे मे बिस्तर पे लेता था
अभय - मा गुरिया के साथ मस्त नींद आती है लेकिन खैर मेरी रानी से बात कर लेता हु
अभय दिशा को फोन लगा देता है दिशा बिस्तर पे लेती फोन देखते हुवे - अब याद आई उनको मेरी
दिशा - मुझे लगा भूल गये मुझे
अभय - मेरी रानी ऐसा कियु बोल रही हो
दिशा - कियु ना बोलू कितने बज रहे है आपको पता भी है
अभय टाइम देख कर - हा 11 बज रहे है
दिशा गुस्से से - तो इतनी देरी कियु हुई
अभय - मेरी रानी गुस्सा कियु कर रही हो तुम्हे पता तो है मे मा गुरिया से बात करके ही सोने जाता हु तो समय लग जाता है
दिशा - ठीक ठीक है
अभय - मेरी रानी तुम चली गई रात को करने वाले थे लेकिन मा आ गई अब मे अकेले तरप् रहा हु
दिशा शर्मा के - छि गंदे इंतज़ार भी नही होता आपको
अभय - मेरी हालत तुम नही समझोगी मेरी रानी
दिशा शर्मा के मन मे - अच्छे से समझ रही हु सच ये है आपके साथ सब करने के बाद मुझे भी आपका वो छी छी
अभय - कुछ बोलो भी
दिशा - हा तो कुछ दिन की ही तो बात है
अभय - तुम ना जाने दो मुझे उसकी फोटो भेजो हिला कर सो जाउंगा
दिशा हैरानी से सर्म से लाल थोरा जोर से - गंदे गंदे गंदे सोचना भी मत
अभय उदास होते हुवे - लेकिन कियु
दिशा शर्मा के - बाबा आप जो केह रहे है मुझे अपने पति को भेजने मे कोई परोबलम नही है लेकिन मे नही चाहती आप वो करे कमजोर हो जायेंगे
अभय - हद हो गई ठीक है मत भेजो सेह लुगा रेह लुगा रोक लुगा
दिशा अपना सर पकर - प्लेस नाराज मत होइये आप चाहते है तो भेज देती हु लेकिन आप वो मत करना
अभय मजे लेते हुवे - पताओ कियु ना करू
दिशा सर्म से लाल होते हुवे - पेहला वो करने से कमजोरी होती हो दूसरा मे नही चाहती आप वो ऐसे
दिशा सर्म से मन मे - हाय ये किया बोल रही हुई कैसे बोलू मे इनको
अभय मुस्कुराते हुवे - जैसा तुम कहो मुझे मेरी रानी की बात माननी तो परेगी गी
दिशा ये सुन हैरानी से - आप मान गये
अभय हस्ते हुवे - तुम मेरी बीवी हो तो कैसे मे तुम्हारी बात ना मानु
अभय की बात सुन दिशा को बहोत अच्छा लगता है खुश हो जाती है
दिशा शर्मा के धीरे से - किया आपको फोटो भेज दु
अभय मुस्कुराते हुवे - नही मेरी रानी हा ये सच हो दिल बहोत कर रहा हो लेकिन मे ऐसे हि हिला कर नही गिराना चाहता गिराउंगा तो तुम्हारे अंदर
दिशा सर्म से पानी पानी होते हुवे - आप बहोत गंदे है कितना गंदा बाते कर रहे है छी बेसर्म
दोनो के बीच 20 मिनट बाते होती है उसके बाद सो जाते है
( रात 12 बजे )
एक गारी आरोही के घर के सामने रोकती है आरोही आती है और अंदर गारी मे बैठ जाती है
( सुबह के 4 बजे )
वही गारी आरोही को छोरने आती है आरोही गारी सी उतर जाती है गारी तेजी से चली जाती है आरोही लंगराते हुवे टांगे फैला के घर के अंदर जाने लगती है चेहरे पे दर्द साफ दिख रहा था आरोही धीरे से अपने कमरे मे जाके दरवाजा बंद कर बिस्तर पे टांगे फैला के आखे बंद कर अदिति के घर से जाने के बाद तभी तक जो हुवा सोचने लगती है
आरोही दर्द भरी चेहरे के साथ अपनी मुठी कस मन मे - आरोही अगर तुम मेरे भाई के साथ शादी करने के लिये तैयार हो जाती तो सायद मे ऐसा नही करती (आरोही सैतानी चेहरा बनाते हुवे ) जब मेने अपना रास्ता चुन उसके उपर चल चुकी हु तो अपना सपना भी पुरा करुगी और तेरी नींद चैन छीन लुगी
आज के लिये इतना ही![]()
Fabulous updatechapter 20
सुबह शोभा उठ कर नहा पर रेडी होती है पेहले हमेसा की तरह उसके बाद अभय के कमरे मे जाती है अभय आराम से सो रहा होता है अपने बेटे को आराम से सोता देख आसा मुस्कुराते हुवे अभय के पास जाके झुक कर अभय के कान मे मीठी आवाज मे
आसा - मेरे लाला उठ सुबह हो गई है
अभय आखे खोल मा को देखता है और मुस्कुराते हुवे आसा को पकर बिस्तर पे खीच लेता कर आसा अभय के ऊपर आउच करते हुवे गिरती है अभय अपनी मा को नीचे कर आसा के ऊपर आ जाता है और प्यार से आसा को देखने लगता है आसा अभय को प्यार से देखती है
अभय आसा की आखो मे देख - मेरी सेक्सी मा अब आप अपने लाला के चंगुल मे फस गई है अब किया करेगी आप
आसा अभय को देख मुस्कुराते हुवे - मे किया करुगी मे तो खुद अपने लाला के चंगुल मे फसना अच्छा लगता है
अभय मुस्कुराते हुवे - आपके लाला को आपके प्यार रसीले होठो पे कीस्सी करना है
आसा मुस्कुराते हुवे - मेरे लाला को किस्सी चाहिये मेरे रसीले होठो पे
अभय प्यारा चेहरा बना के - हा चाहिये
आसा हस्ते हुवे - लाला कितनी बार कहा है जब तुम्हारा दिल करे किस कर लेना मे अपने लाना को मना थोरी करुगी
अभय आसा के कान मे धीरे से - मुझे पता है सेक्सी मा लेकिन जब आप खुद केहती है कर ले तब मुझे अच्छा लगता है
आसा सर्म से लाल होते हुवे - कर ले लाला
अभय मुस्कुराते हुवे अपनी मा के रसीले होठो को देखता है
आसा शर्मा के - किया देख रहा है
अभय आसा की आखो मे देख मुस्कुराते हुवे - आपके लाल होठ बहोत प्यारे खूबसूरत है
आसा सर्माते हुवे - लाला तु तारीफ करता है मुझे अच्छा लगता है
अभय आसा की आखो मे देख - आप हो ही हॉट खूबसूरत तरफ तो करनी परेगी ना
आसा - अच्छा बाबा जल्दी किस कर तेरी गुरिया को जगाने जाना है
अभय मुस्कुराते हुवे अपने होठ आसा के होठो के पास ले जाता है दोनो की सासे एक दूसरे से टकरा रही थी और एक दूसरे की आखो मे देखते है
आसा अपना होठ थोरा खोल देती है अभय आसा के होठ को थोरा मुह मे लेके चूस कर छोर देता है फिर अपनी मा को देख
अभय - मेरी गुड मोर्निंग आपके के किस की वजह से बहोत गुड हो जाती है
आसा अभय की आखो मे प्यार से देख -मेरी भी लाला
अभय आसा के ऊपर से हट जाता है आसा खरी होकर बाल सारी सही कर अभय को देख - या गुरिया को जगा दे
अभय जाते हुवे - जी मा
अभय अदिति के कमरे मे आता है अदिति नाइट गाउन मे सोई हुई बहोत सेक्सी लग रही थी हमेसा की तरह
अभय अदिति के पास जाके अदिति के गालो पे किस करते हुवे
अभय - मेरी प्यारी गुरिया उठ जा सुबह हो गई है
अपने भाई की आवाज सुन अदिति आखे खोल अभय को देख
अदिति मुस्कुराते हुवे - मेरा हैंडसम प्यारा भाई गुड मोर्निंग
अभय मुस्कुराते हुवे - गुड मोर्निंग मेरी गुरिया
अभय अदिति बाहर आते है अभय फिर हल्का होने जाता है फिर अपना जोगिंग् करने मे लग जाता है 20 मिनट जोगिंग् करने के बाद अभय विजय के घर जाता है
कोमल रोज की तरह खाना बनाने मे लगी हुई होती है अभय अंदर आके कोमल को देख मुस्कुराते हुवे - गुड मोर्निंग बंदरिया
कोमल हैरान अभय को देख गुस्से से - गुड मोर्निंग बंदर कही का
अभय मुस्कुराते हुवे - मे बंदर तु बंदरिया
अभय कि बात सुन कोमल सर्म से गुस्से से अभय को मारने दोरते हुवे - आज मे तुझे समझ सिखा कर रहुगी
अभय डरते हुवे भागता है अभय को काजल कमरे से आती देखती है अभय जल्दी से काजल के पीछे जाके छुप जाता है
काजल हैरान होते हुवे - अरे तुम दोनो फिर सुरु हो गये
कोमल काजल से - बुआ इस अभय के बच्चे ने मुझे बंदरिया कहा
अभय काजल को पीछे से कमर मे हाथ दाल पकर काजल से पुरा सत् कर कोमल को देख - तूने भी तो मुझे बंदर कहा
कोमल अभय को गुस्से से देख - तुम बंदर बुआ के पीछे कियु छुप रहा है बाहर आ हिम्मत है तो
काजल कोमल से - बस हो गया जाके खाना पे ध्यान दो
कोमल काजल से - आप हमेसा इस अभय के बच्चे कि साइड लेती है
अभय कोमल को चीढाते हुवे - कियुंकी मे बुआ का लाडला हु
काजल हस्ते हुवे - हा सही कहा
कोमल मुह फुलाते हुवे - देख लुंगी बाद मे
कोमल खाना बनाने मे लग जाती है
अभय काजल के आगे आके काजल के कमर को कस के पकर अपने से सता लेता है काजल की आह निकल जाती है काजल का हर अंग अभय से सता था अभय काजल के शरीर की गर्मी चुचे चूत की गर्मी सब फिल कर पा रहा था लेकिन अभय काजल को लेकर कोई गंदा विचार अपने दिमाग मे आने नही देता
अभय काजल को देख - मेरी हॉट हुवा फूफा पे तरस खाओ आप यहा है वहाँ फूफा जी को रात मे नींद नही आ रही होगी
अभय कि बात सुन काजल सर्म से लाल अभय के कान पकर - तुझे बरी फिकर है अपने फूफा की हा
अभय दर्द मे- आह बुआ दर्द हो रहा है
काजल अभय का कान छोर देती है अभय काजल को छोर अलग हो जाता है
काजल अभय को देख - बेटा तुमने कहा तो बता तु जल्दी ही तुम्हारी शादी होने वाली है लेकिन फिर भी अभी 25 दिन बच्चे है तो मे सोच रही हु जाके तुम्हारी शादी से पेहले आ जाऊ
अभय काजल को देख - अपने बात तो सही कही है आपके आये कुछ दिन हो गये है और रुकेगी लम्बा हो जायेगा
काजल - सही कहा मेरा घर अब वहा है मेरे बच्चे पति उनसे जायदा दूर नही रेह सकती
अभय - तो चले जाइये ना
काजल अभय को देख मुस्कुराते हुवे - ठीक है तू मुझे छोरने चलेगा
अभय हैरानी से - किया मे
काजल - कियु अपनी बुवा को छोरने नही चलेगा
अभय कुछ सोचते हुवे - ठीक है लेकिन 3 दिन बाद चलेंगे
काजल अभय को देख - तीन दिन बाद कियु
अभय काजल को देख - बुआ शादी का कार्ड भी तो देना है सोच रहा हु जब आपके साथ चल हि रहा हु तो कार्ड देते आऊगा खुद फूफा को
काजल बहोत खुश हो जाती है और अभय के गाल पे किस करते हुवे - ये हुई ना बात
तभी मिनिता बाहर कई गई थी अंदर आते हुवे काजल अभय को देख - किया बात हो रही है बुआ भतीजे मे
काजल मिनिता को देख मुस्कुराते हुवे सब बता देती है
मिनिता अभय के पास आके - ये तो अच्छी बात है
अभय मुस्कुराते हुवे मिनिता को भी पकर कस के अपने सीने से सता लेता है मिनिता आह करते हुवे पुरा अभय से चिपक जाती है
अभय मिनिता की आखो मे देख - मेरी हॉट ऑन्टी कहा गई थी
मिनिता भी अभय को बाहों मे पकर अभय को मुस्कुराते हुवे देख कर - मे अपने बॉयफ्रेंड से मिलने गई थी
अभय रोने का नाटक करते हुवे - क्या मुझमे किया कमी थी जो आप मुझे छोर किसी और के साथ
अभय मिनिता को छोर रोने का नाटक करते हुवे जाते हुवे - दिल टूट गया मेरा तो मे जा रहा हु
कोमल काजल दोनो के डारामे देख पेट पकर जोर जोर से हसे जा रहे थे
मिनिता जल्दी से जाके अभय को पकर रोकते हुवे हस के - बस भी कर तुझे पता है मे मजाक कर रही थी
अभय मिनिता को देख मुस्कुराते हुवे - हा पता था
मिनिता अभय के गाल पे किस करते हुवे - नॉटकी बाज
अभय कोमल को देख - ओये तुझे केहना परेगा क्या
कोमल अभय को देख मुह फुलाते हुवे अभय के पास आके गाल पे किस करते हुवे - सर्म कर बच्चो वैसे सब से किस मागता है
अभय मुस्कुराते हुवे - तु नही समझेगी ( अभय सभी को देख) ठीक है ऑन्टी बुआ बंदरिया मे जाता हु
अभय तेजी से भाग जाता है
कोमल मिनिता काजल को देख गुस्से से - सुना ना आप दोनो ने अभय का बच्चा मुझे क्या केह कर गया है
मिनिता काजल एक दूसरे को देखते है फिर कोमल का देख मुस्कुराते हुवे - नही हमने तो नही सुना
कोमल ये सुनते ही गुस्से से चली जाती है
अभय घर आता है अदिति खाना बना रही थी अभय अदिति को देख - मेरी प्यारी गुरिया को खाना बनाना पर रहा है
अदिति अभय की तरफ भोला चेहरा बनाते हुवे - हा ना लेकिन मेरे भाई के लिये बनाने मे मुझे दिकत नही खुशी हो रही है
आसा कमरे से आते हुवे - हा हा पैदा मेने किया लेकिन भाई के गुनगान गाती रेहती है
अदिति मुस्कुराते हुवे - मा जैसे आप भाई का भाई आपका गुन गान गाते रेहते है वैसे ही मे भाई का भाई मेरे गुन गान गाते रेहते है
आसा खाट पे बैठते हुवे - हा हा समझ गई
अभय मुस्कुराते हुवे नहाने चला जाता है खाना बनने के बाद अभय सभी खाना खाते है अभय अदिति मा से शादी से लेकर कुछ बातें करता है
सुबह 10 बजे
अभय बाइक लेके शादी की कार्ड छपवाने निकल परता है अभय बाइक से गाना गुनगुनाते हुवे जा रहा था तभी अभय की नजर इंस्पेक्टर नितिका पे जाती है जो रोड साइड खरी थी
अभय नितिका को देख बाइक सीधा नितिका के सामने रोक देता है
नितिका अचानक सामने अभय को देख हैरान हो जाती है
अभय नितिका को देख - मैडम आप रिक्सा का इंतज़ार कर रही है किया
नितिका अभय को देख - हा सही कहा आज मेरी इस्कुटि ने धोका दे दिया
अभय - अच्छा ये बात है चलिये मे आप को छोर देता हु
नितका अभय को देखती है फिर पीछे जाके दोनो तरफ पैर कर बैठ जाती है अभय बाइक दोरा देता है
नितिका - वैसे तुम जा कहा रहे हो
अभय - अरे हा अच्छा हुआ आप ने मुझे याद दिला दिया मेरी शादी फिस्क हो गई है तो कार्ड छपवाने जा रहा हुई
नितिका हैरान होते हुवे - अच्छा ये बात है अब है शादी तुम्हारी
अभय - इसी 29 को
नितिका - और हैरान होते हुवे अच्छा लेकिन शादी की कार्ड अब छपवाने जा रहे हो
अभय - मुझे पता है आप क्या केहना चाहती है लेकिन मेरे जायदा रिस्तेदार नही है और मुझे कुछ ही कार्ड छपवाने है थोरा जयादा पैसा दे दूँगा काम हो जायेगा
नितिका मुस्कुराते हुवे - बहोत तेज हो
अभय मुस्कुराते हुवे - आज की दुनिया ऐसे हि चल रही है
तभी अभय की नजर आगे रोड साइड जाते हुवे किसी बंदे पे परती है जिसे देख अभय को वो बंदा जाना पहचाना लगता हैं अभय फिर सामने देखता है तो ब्रेकर था अभय जल्दी से बाइक को धिरा करता है लेकिन फिर भी बाइक उछल परती है
तभी अभय को अपने पीछे पिट पे दो बरे बरे गोल मुलायम चुचे अपने पीठ पे डबता मेहसूस होता है अचानक ब्रेक मारने से नितिका सीधा अभय से जा तकराती है और नितिका के बरे चुचे अभय के पीठ से पुरा चिपक कर डब जाते है और अभय साफ फिल कर पा रहा था
लेकिन उसी के साथ अभय की फट के चार हो जाती है अभय को पसीने आने लगते है सरीर कापने लगता है लेकिन अभय खुद को काबू करता है
नितिका अभय से हट कर सही से बैठ जाती है पुलिस इस्टेशन आ जाता है नितिका बाइक से उतर जाने लगती है बिना कुछ कहे तो अभय के सास मे सास आती है अभय गहरी सास लेके बच गया
तभी नितिका अभय के बिल्कुल सामने आके अभय की आखो मे देख - मजा तो बहोत आया होगा है ना
अभय की फट जाती है पसीने आने लगते है
अभय कापते हुवे नितिका को देख - मैडम आप किया केह रही है
नितका मुस्कुराते हुवे - तुम ने जान बुझ कर किया ना
अभय कापते हुवे नितिका को देख - मैडम मे किसी लरकी के साथ ऐसा करनी की हिम्मत ना करू और आप तो पुलिस इंस्पेक्टर हो वो भी
नितिका अभय की आखो मे देख - वो भी किया
अभय डरते हुवे -आप से तो सारे मुजरिम डरते है आप तो आज की रियल एक्शन वाली हिरोइन है जिसे सब जानते है
नितका अभय की बात सुन हैरान होती है फिर अभय को देख मुस्कुराते हुवे - अच्छा ऐसा किया ( नितिका जाते हुवे मुस्कुरा के) ठीक है जा सकते हो
नितिका फिर पीछे देखती है तो अभय फुर हो चुका था ये देख नितिका कि हसी छुट जाती है
अभय बाइक से जाते हुवे - बच गया दुनिया मे सब से पंगा लो लेकिन इस लेडी डॉन से बिल्कुल नही
अभय कार्ड वाले के पास आके कुछ कार्ड जैसा अभय को चाहिये था वार्ड पे किसका किसका नाम होगा डिजाइन सब बता देता है अभय डबल पैसे भी दे देता है तो कार्ड वाला भी मान जाता है
अभय फिर घर की तरफ जाने लगता है और दिशा से बाते भी करने लगता है अभय कान मे बुलुटूथ लगाये हुवे था
दिशा - अच्छा तो आप कार्ड छपवाने आये थे
अभय - हा मेरी रानी
दिशा - अच्छा ये बताइये खाना खा लिया
अभय - खा कर ही घर से निकला हु तुम बताओ
दिशा- हमने भी खा लिया है
अभय - अच्छा है
अभय बातें करते हुवे घर आ जाता है
( आरोही के घर )
आरोही बिस्तर पे लेती हुई थी और छत को एक तक देखते हुवे अदिति से मिलने के बाद जो हुवा उसे याद कर सोचने लगती है
हा तो आरोही जब कल अदिति से मिल कर जा रही थी तब आरोही अदिति से गुस्सा थी
आरोही साइकल एक जगह रोक कर टीनू को फोन करती है टीनू फोन उठाता है
आरोही - तुम कहा हो
टीनू - कहा रहुंगा अपने बंगले मे हु
आरोही - ठीक है मे आ रही हु वहा
टीनू - आ जाओ फिर
फोन कट
आरोही साइकल से 15 मिनट मे टीनू के बंगलो पे पहुँच जाती है आरोही अंदर होल मे जाती है तो सामने किसी को देख हैरान हो जाती है सामने वाला बंदा आरोही को देख
अंजान - तुम आरोही हो ना आओ बेटा मे टीनू का पापा हु
टीनू के पापा नाम - उदय - उमर 46 साल - टॉप 10 अमीरों मे से एक उदय आज जिस पुजिसन् पे है सब काले गंदे गैर काम कर के पहुचा है लेकिन लोगो के सामने एक अच्छा गरीबो कि मदद करने वाला अमीर जादा बन के बैठा है
आरोही थोरा घबरा रही थी
आरोही उदय को देख - अंकल मे टीनू से मिलने आई थी
उदय - बेटा पेहले आके बैठो फिर बात करते है
आरोही उदय से ठोरी दूर बैठ जाती है
उदय आरोही को देख - बेटा टीनू को उसके दोस्त का फोन आया था सायद कुछ हुवा है इस लिये चला गया जल्दी हि आ जायेगा
आरोही नजरे नीचे किये - अच्छा तो मुझे जाना चाहिये मे बाद मे आके मिल लुगी
आरोही खरी होने वाली हि होती है की
उदय - रुक जाओ
आरोही रुक कर उदय को देख - जी अंकल
उदय आरोही को देख - तुम टीनू के बीच जो चल रहा है तुम दोनो जो करने की कोसिस कर रहे हो या कहे करने वाले हो मुझे सब पता है
उदय की बात सुन आरोही हैरान और बहोत डर भी जाती है
आरोही उदय को देख कापते हुवे - अंकल आपको कैसे पता चला
उदय चारों तरफ देख - इस बंगलो के हर एक कोने मे केमरा माइक लगा है
आरोही को बहोत बरा झटका लगता है आरोही कापते हुवे मन मे -यानी उस दिन टीनू मेरे बीच जो हुवा अंकल ने सब देख लिया और मेरा टीनू का वीडियो इनके पास है
उदय आरोही को देख - सांत हो जाओ बेटा और मेरी तरफ देखो
आरोही सांत होके उदय को देखती है
उदय - बेटा तुम जो चाहती हो कोई गलत नही हो बता है मे भी छोटा था तो अमीर बनना चाहता था अमीरों वाली लाइफ जीना चाहता था और देखो आज जी रहा हुई दूसरी मे खुद उस कमीने अभय उसकी बेहन सब का खात्मा करने का प्लान बना चुका हु अमीर होने का एक. ये भी फायेदा है आपके पास पावर पैसा सब होता है आप कुछ भी कर सकते है
आरोही हैरान होती हो उदय कि बात सुन
उदय - बेटा बताओ तुम अमीर बनना चाहती हो किया तुम्हे भी पावर चाहिये
आरोही - हा चाहती अंकल लेकिन कैसे
उदय - मे दूँगा तुम्हे पैसा पावर तुम्हारे भाई को एक अच्छी नोकरी घर बंगला गारी तुम्हे भी मिलेगा और अदिति भी तुम्हे दुगा तुम उसके साथ जो चाहो कर सकती हो सोचो बेटा तुम्हारे पास पैसा होगा तुम दुनिया में जहा चाहे घूम सकती हो जा सकती हो जो चाहे कर सकती हो तुमहारे अमीर अमीर लरकिया दोस्त बनेगी फिर अपने भाई की शादी अमीर लरकी से करना और अदिति का उसकी ओकात दिखा देना
उदय की बातो में आरोही फस जाती है आरोही को सिर्फ पैसा और अदिति से बदला दिखाई देने लगता है
आरोही उदय को देख - लेकिन आप मुझे सब फिरी मे तो नही देगे
उदय अब मुस्कुराता है उदय आरोही को देख - देखो बेटा तुम्हारी बात सही है देखो मुझे यहा तक पहुँचने मे मेरी आधी उमर गुजर गई लेकिन मे तुम्हे कुछ हि महीने मे इतना अमीर बना हि दूंगा कि तुम आराम की लाइफ जी सकती हो
आरोही उदय को देख - समझ गई लेकिन उसके बदले आप मुझे चाहते है सही कहा ना
उदय मुस्कुराते हुवे - बेटा तुम बहोत समझदार हो तुम बहोत आगे जाओगी ये मत सोचना सिर्फ तुम्हे पाने के लिये मे तुम्हारे उपर इतना पैसा खर्च करुगा मे कुछ पैसे मे मॉडल को अपने बेडरूम मे ला सकता हु मे ये इस लिये कर रहा हु कियुंकी तुम मेरे बेटे की दोस्त हो
आरोही खरी जोकर जाते हुवे - ठीक है मे आपको सोच कर पता दूंगी
उदय - जैसा तुम चाहो
आरोही फिर चली जाती है आरोही के जाते हि कमरे से टीनू बाहर आते हुवे - कियु पापा कैसी लगी आरोही
उदय टीनू को देख मुस्कुराते हुवे - मस्त सील पैक माल है
रात का समय
आरोही जब अदिति से बात कर रही थी और अदिति ने साफ आरोही को केह दिया था वो अमर से शादी नही करेगी अदिति भी परेसान हो चुकी थी बार बार अदिति के पूछने से
अदिति के मना करने के बाद आरोही के दिल मे थोरि बहोत दोस्ती बच्ची थी वो भी खतम हो जाती है और अब आरोही के दिल मे अदिति अभय के लिये नफरत गुस्सा और बदला लेने कि चाहत आ जाती है
उसी के बाद अदिति उदय को फोन कर हा कर देती है
रात 12 बजे
सब के सो जाने के बाद अदिति चुपके से घर के बाहर आती है बाहर एक कार रुकी हुई थी अदिति उस कार मे जाके बैठ जाती है और कार सीधा बंगलो के बाहर रुकता है आरोही अंदर जाती है हॉल मे
हॉल मे उदय आरोही का इंतज़ार कर रहा था उदय कि नजर आरोही पे जाती है तो उदय खुश हो जाता है
उदय बरे प्यार से आरोही को देख - बेटा आओ बैठो
आरोही उदय के पास जाके बैठ जाती है
उदय आरोही को देख - बेटा अब हम एक है तुम अब किसी चीज कि चिंता मत करो कोई भी तुम्हारे मा पापा भाई तुम्हे टच नही कर पायेगा और रही अदिति अभय की बात तो हम दोनो खुद दोनो से बदला लेगे उसके बाद तुम अपने परिवार के साथ मस्त लंदन पैरेस् जहा जाना चाहो जाके मस्त घूमना मजे करना अभी तुम जवान हो अपनी लाइफ खुल कर जीना
उदय की हर बात आरोही को अच्छी लग रही थी वही उदय आरोही के सबसे कमजोर नस को पकरा हुवा था उदय को भी बता था आरोही अमीर बनना चाहती थी इस लिये उदय आरोही को पूरी तरह से अपने बोतल मे उतारने के लिये ये बात कही थी उदय चाहता था आरोही बिना जिझक के बिना कोई सवाल के उसकी हर एक बात माने इसी लिये उदय इतने प्यार से ये बात कही और आरोही फस भी जाती है
आरोही मन मे - यही मेरे पास मोक्का है ये मोक्का गया तो मे जिंदगी भर गरीब ही रहुगी भले ही उसके लिये मुझे अपना जिस्म देना कियु ना परे और मुझे अदिति अभय से बदला भी लेना उसी के साथ अंकल का पुरा सपोर्ट रहेगा मेरे साथ
आरोही उदय को देख - आपके जो कहा सच हो ना कही आप बाद मे
उदय - बेटा अपना अकाउंट दो मुझे
आरोही टीनू के केहने मे पे अकाउंट खुलवा लिया था आरोही अपना अकाउंट उदय को देती है
उदय आरोही का अकाउंट लेके एक मेसेज करता है थोरि देर बात ही आरोही के मोबाइल मे एक मेसेज आता है आरोही उस मेसेज को देखती है तो उसकी आखे फैल जाती है आरोही को यकीन नही हो रहा था उदय ने आरोही के अकाउंट मे 1 करोड़ डलवा दिया था
आरोही एक गरीब घास घुस के घर मे रेहने वाली लरकी जिसे हर सॉक मार कर जीना परता था लेकिन आज 1 करोड़ अपने अकाउंट मे देख उसकी आखे चकम् उठती है
उदय मन मे - साली तेरे जैसे कई लरकी को मे ऐसे हि फसा कर उसके साथ मजे करता हु ये 1 करोड़ मेरे लिये समुंदर से एक बूंद पानी निकालने के बराबर है
उदय - अब बिस्वास हुवा बेटा
आरोही होस मे आते हुवे उदय को देख - जी अंकल
उदय अपना हाथ आगे बढ़ाते हुवे - तो मिलाओ हाथ आज से तुम मेरी हो और मे तुम्हारा हर तरह से खयाल और साथ दूँगा
आरोही उदय से हाथ मिलाते हुवे - आज से आरोही आप की हुई आप जो कहेगे करुगी बिना कोई सवाल जवाब के
उदय मुस्कुराते हुवे - ये हुई ना बात
उदय मन मे - फस गई साली
उदय आरोही को देख - तो चले कमरे मे
आरोही जो अब पुरा बदल चुकी थी अब आरोही पहले वाली आरोही नही रही थी
आरोही मुस्कुराते हुवे - जी चलिये
दोनो कमरे मे आते है उदय आरोही को पकर बिस्तर पे लेत जाता हो उदय आरोही के उपर था आरोही उदय को देख रही थी
उदय - बेटा अब तुम मेरी बीवी हो बोलो
आरोही मुस्कुराते हुवे - हा मे आपकी बीवी हु
उदय मुस्कुराते हुवे - तो तुम्हारी परोबलम मेरी परोबलम है इस लिये हमे तुमहारे पापा भाई मा को हमारे साथ मीलाना होगा तभी तुम खुल कर जैसे उड़ा पाओगी लाइफ के मजे ले पाउंगी
आरोही हैरान और खुश होते हुवे - में यही सोच रही थी और मेरी परोबलम मा पापा भाई ही है अगर वो सब भी हमारे साथ मिल जाये तो मेरी परोबलम हि खतम हो जायेगी
उदय मुस्कुराते हुवे - देखा मान गई ना मुझे
आरोही - हा लेकिन पापा मा भाई को बनायेगे कैसे
उदय - तुम मेरी हो तो कहा ना तुम सब मुझपे छोर दो
आरोही मुस्कुराते हुवे - छोर दिया
उदय मुस्कुराते हुवे - अब रहा नही जाता चलो सुरु करते है
आरोही मुस्कुराते हुवे सारे कपड़े निकाल पूरी नंगी हो जाती है उदय बरे गौर से आरोही के नंगे हर अंग को देखने लगता है आरोही सच मे बहोत खूबसूरत थी और उसकी बॉडी भी आरोही के बरे चुचे कमर चिकनी साफ फूली उभरी हुई चूत मोटे जांघे बरे गांड
आरोही उदय को देख - कैसा लगा अंकल
उदय होस मे आते हुवे आरोही को देख - बेटा मेरे पास शब्द नही हो तुम सच मे कमाल की हो
उदय भी जल्दी से सारे कपड़े निकाल पुरा नँगा हो जाता है आरोही की नजर उदय के 6 इंच लंड पे जाती है तो
उदय बिस्तर पे आके आरोही के चुचे को पकर दबाने लगता है चूसने लगता है आरोही बिस्तर पकर आह सिसकिया लेना सुरु कर देती है
उदय - बेटा तुम्हारे चुचे बहोत बरे टाइट मुलायम हैं दबाने मे मजा आ रहा है ( आरोही - सिसकिया लेते हुवे - आह अंकल धीरे दर्द हो रहा है
उदय - बेटा दर्द मे मजा हो आह किया चुचे है तेरे
उदय फिर आरोही की टांगे फैला के चूत को चाटने चूसने लगता है आरोही जोर से बिस्तर पकरे सिसकिया लेते हुवे मछली कि तरह उछलने लगती है आरोही का ये पहली बार था और आरोही को मजा भी आ रहा था आरोबि उदय के सर पकर अपनी चूत पे दबाते हुवे - अंकल और चुसो मेरी चूत को बहोत मजा आ रहा है आह मुझे पता नही था चूत चुस्वाने मे इतना मजा आता है अंकल चुस्ते रहिये आह
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उदय आरोही की चूत मे जिब दाल चाटते मुह मे लेके चुस्ते हुवे - मेरी बेटी आह मजा तो मुझे भी आ रहा है तेरी कुवारी चूत को चाट कर
2 मिनट बाद आरोही का शरीर अकरने लगता है सरीर कापने लगता हो आरोही उदय के सर अपनी चूत मे जोर से दबाते हुवे (अंकल और तेज करिये मेरा निकलने वाला है 1 मिनट बाद आरोही बिस्तर को जोर से पकरे कापते हुवे आह मा अंकल निकल गया आरोही झर जाती है
उदय सारा पानी पी जाता है उदय खिलाडी था रोज नई लरकी का मजे लेता था
आरोही जोर जोर से सासे लिये जा रही थी आरोही के चूत से पानी बिस्तर पे गिर रहा था
उदय आरोही को देख - मजा आया मेरी बेटी को
आरोही उदय को देख मुस्कुराते हुवे - बहोत
उदय बिस्तर पे लेत बेटा अब मेरा लंड मुह मे लेके चुसो आरोही बिना देरी किये उदय के लंड को मुह मे लेके मजे से चूसने लगती है उदय आह बेटी बहोत अच्छा कर रही हो ऐसे हि पुरा अंदर लेकर चूसती रहो आह बहोत मजा आ रहा है बेटी आह करती रहो
आरोही लंड चूसते हुवे मन मे - मेरा पहली बार है वो भी एक पापा के उपर के अंकल के साथ लेकिन फिर भी मुझे मजा आ रहा है बहोत मजा लंड का स्वाद अजीब है लेकिन पीने से रोक नही पा रही हु 2 मिनट बाद
उदय आरोही को बिस्तर पे लेता देता है और उदय आरोही को देख
उदय - रेडी हो बेटा
आरोही - जी
उदय आरोही के चूत मे अपना लंड घिसने लगता है आरोही मचल् उठती हो बिस्तर पकर सिसकिया लेने लगती है थोरि देर बाद आरोही सिसकिया लेते हुवे उदय को देख - अंकल दाल दीजिये प्लेस
आरोही की बात सुन उदय मुस्कुराते हुवे - यही तो मे सुनना चाहता था उदय अब सीधा जोर का एक धक्का मार देता है लंड आरोही कि सील तोरते हुवे पुरा लंड आरोही कि चूत मे घुसा देता है
आरोही दर्द से चिल्ला परती है आखो से आसु निकल आते है चूत से खुन निकल बिस्तर पे गिरने लगता है आरोही उदय को देख दर्द मे - अंकल बहोत दर्द हो रहा है ( उदय - बस बेटा हो गया सेह लो
उदय मन मे - बहोत गर्म चूत है इसकी जैसे कई दिन से लंड के लिये ही तरप रहो हो
उदय अब धक्का मारने लगता है उदय का लंड अब आरोही कि चूत को फैलाते हुवे अंदर बाहर होने लगता है आरोही बिस्तर पे परी आह उहह मा करते हुवे उदय का लंड अपनी चूत मे आते जाते फिल कर मजा लेने लगती है
उदय धक्का मारते हुवे - बेटा मजा आ रहा है ना बोलो
आरोही सिसकिया लेते हुवे उदय को देख - अंकल बहोत मजा आ रहा है करते रहिये डालते रहिये मेरी चूत मे अपना लंड आह बहोत अच्छा फिल हो रहा है आह मा
उदय बेटा घोरी बन जाओ आरोही जल्दी से घोरी बन जाती है उदय एक बार मे ही जोर का धक्का मार पुरा लंड आरोही की चूत मे घुसा देता है आरोही दर्द मे चिल्ला रो परती है उदय धक्के मारने लगता है
आरोही आखो मे आसु लिये - आह मा अंकल बहोत दर्द हो रहा हो थोरा धीरे धक्का मारिये
उदय धक्के मारते हुवे - बेटा सेह लो कुछ नही होगा
उदय जोर जोर से धक्का मारते रेहता है आरोही आह मा मर गई बहोत दर्द हो रहा है आह उहह घिरे आह नही आह करती रहती है
उदय फिर आरोही को बिस्तर पे लेता के एक बार मे हि लंड घुसा देता है आरोही आह मा दर्द हो रहा है अंकल अंदर लग रहा है आह मा मेरी चूत आह घिरे आह उदय तो धक्के मारते रेहता है दर्द मे आरोही को भी बहोत मजा आ रहा था
उदय जोर जोर से तेज धक्के मारते हुवे - बेटी तेरी चूत बहोत गर्म है मजा आ रहा है तेरी चूत मारने में
आरोही - आह अंकल मुझे भी आपसे चुदवा कर मजा आ रहा है
आरोही -अंकल मेरा आने वाला है और तेज करिये ना
उदय जोर जोर से धक्का मारते हुवे - बेटी मेरा भी आने वाला है
आरोही आह मा करती हो उदय आह बेटी करती है दोनो फिर झर जाते है
उदय बिस्तर पे लेत जोर जोर से सासे लेने लगता है आरोही भी 20 मिनट चुदाई चली थी बिस्तर आरोही के खुन पानी से गिला परा था
2 मिनट बाद उदय आरोही को बाहों मे लेके - बेटा एक बार से मेरा दिल नही भरेगा
आरोही उदय को देख मुस्कुराते हुवे - मे आपकी मेरी चूत आपकी जितना डालना है दाल दीजिये
उदय मुस्कुराते हुवे - अभी चार्ज होने मे समय लगेगा तब तक हम. प्लान बना लेते है आगे किया करना है
आरोही भी सीरियस होके - जी सही कहा
फिर दोनो मे बाते होने लगती है प्लान बनने लगते है 1 घंटे बाद
आरोही मुस्कुराते हुवे उदय को देख - मान गई मे आपको अब समझ मे आया आप यहा इस पोनिजन मे कैसे आये
उदय मुस्कुराते हुवे - चिंता मत करो धीरे धीरे मेरे बारे मे सब जान जाओगी
आरोही मुस्कुराते हुवे अपनी टांगे फैलाते हुवे - बाते बहोत हो गई अब मेरी चूत आपका लंड मांग रही है दाल दीजिये मेरी चूत मे लंड
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उदय आरोही के चूत को देखते हुवे - जरूर दालुगा बेटी तुम्हारी चूत है भी फूली गर्म मेरा लंड अंदर जाता है तो मजा आ जाता है
आरोही उदय को देख - तो दाल दीजिये ना अब रहा नही जा रहा
उसय आरोही के चूत मे लंड रख जोर का धक्का मारता है आरोही आखो मे आसु लिये - आह मा मर गई लेकिन मजा भी बहोत आ रहा है आह आपका लंड मेरी चूत मे मेहसूस कर सुकून मिल गया
उदय तेज तेज धक्का मारते हुवे आरोही को किस करने लगता है फिर आरोही को देख - सच केह रहा हु बेटी इतना मजा तो मुझे किसी के साथ नही आया
आरोही सिसकिया लेते हुवे - आह अंकल अब ये मजा मे आपको रोज दुगी कियुंकी मुझे भी अब ये मजा रोज चाहिये
उदय धक्के मारते हुवे - जरूर दूँगा बेटी
12 से सुबह के चार बजे तक बाते के साथ उदय 3 बार आरोही की चुदाई करता है
आरोही कमरे पेहन कर रेडी हो जाती है और उदय को किस करते हुवे - अंकल अब मे चलती हु बहोत मजा आया मुझे कल फिर मिलुगी
उदय - ठीक है बेटा जाओ
उदय बाहर आता है आरोही गारी मे बैठ उदय को मुस्कुरा के देखती है उदय भी मुस्कुरा देता है फिर गारी निकल परती है
उदय मन मे - एक बात तो है आरोही के साथ मुझे बहोत मजा आया एक अगल सुकून मिला जैसा मुझे किसी और के साथ नही मिला कियुंकी बाकी मेरे पैसे के लिये आते है मजे देके चले जाते है और मुझे भी यही चाहिये था आरोही भी मेरे पास पैसे के लिये आई मुझे सब दिया लेकिन उसने मुझे दिल से सब दिया मुझे अपना माना और ये मेने उसकी बातो आखो मे देख समझ गया वैसे मे बुरा गंदा इंसान हु लेकिन अब आरोही मेरी है मे उसे सब दूँगा और आरोही को एक बीवी की तरह रखूँगा
उदय ये सोच अंदर चला जाता है
वही गारी आरोही के घर के सामने आके रुकती है ड्राइवर आरोही को देख - वैसे अभी सुबह नही हुई है लेकिन पेहले से ही गुड मोर्निंग मैडम
ड्राइवर की बात सुन आरोही मुस्कुराते हुवे गारी से बाहर निकल ड्राइवर को देख - गुड मोर्निंग
गारी फिर चली जाती है आरोही आसमान को देख - मैडम सुनने में अच्छा लगा
आरोही लंगराते हुवे अपने कमरे मे आके बिस्तर पे टांगे फैला के लेत जाती है और आरोही छत को देखने हुवे मन मे - अदिति अभय जल्दी ही असली खेल सुरु होगा बस मुझे सही समय का इंतज़ार है
तो यही हुवा था अदिति से मिल कर आरोही जब गई थी रात से लेकर अब तक की कहानी
आज के लिये इतना ही![]()
Fabulous updatechapter 21
आरोही के घर - दोपहर 12 बजे
कमरे मे आरोही बैठी हुई थी आरोही के सामने उसका भाई अमर भी बैठा हुवा था आरोही थोरि अंदर से डरी हुई थी अमर आरोही को हि देख रहा था आरोही नजरे नीचे किये हुवे थी
अमर आरोही को देख - मेरी बेहन मेने तुझे टीनू के साथ गारी मे जाते हुवे उसी दिन देख लिया था उसके बाद मेने तुमपे नजर रखी तो तुम फिर टीनू से मिली उसके बंगलो पे भी गई चल क्या रहा है
आरोही को बहोत बरा झटका लगता है आरोही को उमीद नही थी उसके भाई को सब पता चल गया होगा आरोही अब डर से कापने लगती है
अमर आरोही के सर पे हाथ फेरते हुवे प्यार से - तुम मेरी प्यारी छोटी बेहन हो मे वादा करता हु तुमपे गुस्सा नही करुगा बस मुझे सब सच सच बताना परेगा हर एक बात
आरोही डरते हुवे अपने भाई को देख - क्या आप सच केह रहे है आप मुझपे गुस्सा नही करेगे ना
अमर आरोही के चेहरे को पकर आखो मे देख - तुम मेरी एक ही प्यार छोटी बेहन हो और मे तुमसे बहोत प्यार करता हु अब बताओ
आरोही अभी भी बहोत डर रही थी कियुंकी आरोही को अच्छे से पता था उसने जो किया या जिस रास्ते पे वो चल रही है उसे जान उसका भाई गुस्सा जरूर करेगा लेकिन आरोही अमर से बहोत प्यार करती है और अमर की वजह से हि आरोही अदिति से गुस्सा थी कियुंकी आरोही अमर का दुखी नही देख सकती थी
आरोही अपनी मुठी कस हिम्मत कर सुरु से लेकर सब एक एक सच टीनू से मिलना टीनू के साथ जो किया उदय के साथ रात मे जो किया सब सच बता देती है एक भी बात नही छुपाती
सारी सचाई बताने के बाद आरोही नजरे नीचे किये डर से कापते हुवे रोने लगती है
अमर अभी भी अपने आप को सांत रखता है
अमर आरोही को देख - और तुमने ये सब कियु क्या
आरोही रोते हुवे - मुझे अमीर वाली लाइफ जीनी थी लेकिन एक बरी वजह है अदिति
अमर सांत आवाज मे - अदिति कियु
आरोही - कियुंकी उसने आपसे शादी करने से मना कर दिया अगर अदिति आप से शादी कर लेती तो सायद मे ये सब नही करती
अमर - और इस लिये तुम टीनू उसके पापा उदय के साथ मिल गई ताकि बदले के साथ तुम अमीर भी बन सको
आरोही रोते हुवे - हा भइया मुझे माफ कर देना लेकिन मुझे कोई पचतावा नही है ये सब करने का कियुंकी मे आपको दुखी नही देख सकती
अमर - मेरी गोद मे आके बैठो
आरोही अमर की गोद मे आके बैठ जाती है अमर आरोही को बाहों मे भर के - तो तुम मुझसे इतना प्यार करती हो
आरोही रोते हुवे - हा बहोत प्यार करती हु
अमर आरोही के आसुु साफ करते हुवे - पेहले रोना बंद करो मे तुम्हारे साथ भी छोटी बेहना
आरोही हैरान होते हुवे अमर को देख - क्या मेने जो किया उसके लिये आप मुझसे गुस्सा नही है
अमर आरोही को देख - नही मेने कहा ना तुम जो करोगी मे उसमे तुम्हारा पुरा साथ दुगा कियुंकी मुझे अपनी बेहना की खुशी चाहिये तुम अमीर बनना चाहती हो बनो बदला लेना चाहती हो लो मे भी साथ हु
आरोही अमर को देख हैरानी से - मुझे लगा आप गुस्सा करेगे
अमर मुस्कुराते हुवे - बेहना अगर मुझे तुझे रोकना होता तो पेहले दिन ही रोक देता दूसरी अदिति से मे प्यार करता था लेकिन उसने मेरे प्यार को मेरी फीलिंग को नही समझा तो उसे उसकी कीमत तो चुकानी हि परेगी
आरोही बहोत हैरान थी आरोही को यकीन नही हो रहा था उसके भाई के दिल मे भी अदिति से बदला लेने की चाह है
अमर - और वो कमीना अदिति का भाई साला कुता अगर वो नही आता तो अदिति मेरी हो जाता लेकिन पता नही कैसे हरामखोर किड्नैपर् के बच कर भाग आया तो उसकाे मरना होगा फिर अदिति मेरी हो जायेगी ( अमर आरोही को देख) और तुम मेरा साथ दोगी बोलो दोगी ना मेरा साथ
आरोही बहोत खुश हो जाती है और अमर को देख - हा
अमर आरोही को देख मुस्कुराते हुवे - ये बताओ उदय अंकल को मे क्या बोलू अंकल या जीजा
आरोही अपने भाई की बात सुन बहोत शर्मा जाती है
आरोही - आप जो बोलो लेकिन भाई मा पापा का क्या
अमर मुस्कुराते हुवे - उन्हें भी मना लेगे
अमर आरोही को पकर बिस्तर पे लेता कर आरोही के ऊपर आके आरोही की आखो मे देखने लगता है आरोही पूरी हैरान हो जाती है
आरोही डरते हुवे - भाई आप ये किया कर रहे है
अमर आरोही को देख - मुझे तुम चाहिये मेरी बेहना
आरोही कापते हुवे - भाई मे आपकी बेहन हु
अमर - जानता हु लेकिन तुम नही चाहती तुम मुझे प्यार नही करती तो बोल तो मेने सोचा हम दोनो मिल कर अमीर बनेंगे और बदला लेगे अपनी लाइफ साथ मे जियेंगे मजे से लेकिन तुम नही चाहती तो कोई बात नही
अमर उठ कर जाने लगता है आरोही अमर को जाते देख एक मुस्कुराते हुवे - मेरे भाई रूठ कर मत जाओ
अमर आरोही की बात सुन मुस्कुराते हुवे आरोही के पास आके बैठ जाता है
अमर आरोही को देख मुस्कुराते हुवे - चलो भी छोटी बेहना अब बता भी तो तुम अमीर भी मेरे लिये बनना चाहती हो और तुम्हे मेरे बारे मे सब पता है
आरोही अमर को देख मुस्कुराते हुवे - हा मुझे पता है आप माहा कमीना है अदिति को लेकर आपके दिल मे प्यार नही दो चीजे थी अदिति आपसे शादी कर लेती है तो ठीक है अच्छा है लेकिन पेहला था अदिति के साथ मजे करना शादी करे या ना करे चलेगा
अदिति को आप भी पाना चाहते थे टीनू भी जब आप का पता चला टीनू अदिति के पीछे परा है और जब टीनू को पता चला आप अदिति के पीछे है तो आप दोनो एक जगह मिले आप दोनो मे बाते हुई
टीनू - देखो अमर मुझे अदिति चाहिये रास्ते से हट जाओ और अदिति से दूर रहो
अमर हस्ते हुवे - टीनू अदिति मुझे भी चाहिये सच कहु तो अदिति को पाना मेरे लिये भी बहोत मुश्किल है लेकिन तेरी बात करू तो तेरे लिये नामुमकिन है कियुंकी अदिति जानती है तुम कैसे लरके हो
टीनू - अबे साले म जैसा भी हु तुझे क्या मे अपना देख लूंगा अब तु बीच मे से हट जा नही तो कसम से तेरी जान ले लूंगा
अमर टीनू को देख मुस्कुराते हुवे - मे अदिति से शादी करना चाहता हु लेकिन उसके लिये मेरे दिल मे प्यार नही है पेहले तो मे उसके मजे लूंगा फिर शादी कर रोज मजे लूंगा और बाहर कोई मिली उसके साथ भी लरकी अच्छी है एक ना एक दिन मुझे शादी करनी है तो इस लिये अदिति खूबसूरत अच्छी दिल कि है इस लिये उसे चुना
टीनू झटका खाते हुवे - साले तु तो मेरे जैसा माहा कमीना निकला रे
अमर टीनू को देख मुस्कुराते हुवे - जब तुम्हे पता चल गया है तो कियु ना हम हाथ मिला ले तुम अगर मेरा साथ दोगे तो में अदिति का जरूर अपने नीचे लेके आऊगा
टीनू अमर कि बात सुन जोर जोर से हस्ते हुवे - साला पेहली बार किसी ने मुझे इतना बरा झटका दिया है मे तो कमीना हु छुपाता नही लेकिन साला तु अपने भोले चेहरे के पीछे अपना कमीना पन छुपा कर रखता है सही है
अमर - कमीने हसना बंद कर बोल साथ देगा
टीनू अमर से हाथ मिलाते हुवे - दूँगा लेकिन अदिति का सील मे तोरुगा
अमर टीनू को देख मुस्कुराते हुवे - चलेगा लेकिन उसकी कीमत तुझे चुकानी होगी
टीनू मुस्कुराते हुवे - बहोत पैसा है मेरे पास
अमर मुस्कुराते हुवे - तब तो ये डील हुई
टीनू बियर निकाल अमर को देते हुवे - तो बता क्या प्लान हो अदिति को कैसे नीचे लायेगा
अमर बियर पीते हुवे - अदिति को नीचे लाना बहोत बहोत मुश्किल होगा लेकिन नामुमकिन नही है
टीनू बियर पीट हुवे - हा ये मुझे भी पता है अदिति दूसरे लरकी की तरह नही है
अमर - ये भी है लेकिन सब से बरी परोबलम है उसके दोनो भाई
टीनू हैरानी से अमर को देख - दोनो भाई केहना क्या चाहता है
अमर - अदिति अपने दोनो भाई के खोने के बाद हमेसा गम मे ही डूबी रहती है और अपना ध्यान किसी चीज मे किया अपने उपर भी दे नही पाती ये बरी परोबलम है लेकिन मेरे पास प्लान है मुझे पता है कैसे अदिति को अपने प्यार मे गिराना है
टीनू - अबे साले अब प्लान भी बता दे
अमर मुस्कुराते हुवे - उसके लिये तुम्हे विलन मुझे हीरो बनना परेगा वैसे हम दोनो तो विलन है ही
टीनू गुस्से से - फिर पहेली पूरी बात बता
अमर - गुस्सा मत कर बताता हु अदिति को प्यार मे गिराने के लिये मुझे उसकी नजर मे हीरो बनाना परेगा करना ये है तुम अदिति को बहोत परेसान करो मे उसी समय मे आके उसे बचाऊगा और कुछ दिन ऐसे ही चलेगा तुम हमेसा अदिति को परेसान करना में आके उसे बचाऊँगा फिर एक दिन तुम गुस्से से अदिति के साथ जबरदस्ती करने की कोसिस करना फिर मे आऊगा अदिति को बचाने लेकिन इस बार तुम गुस्से से मुझे बहोत मारना लेकिन याद रहे साला मेरी हड्डी मत तोर देना फिर देखना अदिति मेरे प्यार मे गिर जायेगी फिल्मी है लेकिन अदिति जैसी लरकी पे पूरी काम करेगी
टीनू अमर को देख - साला तु तो मुझसे भी माहा कमीना निकला दन जैसा तूने बोला मे करेगा लेकिन ये बता मान लिया अदिति तुझसे पट गई लेकिन मे उसकी सील कैसे तोरुगा
अमर टीनू को देख - अदिति एक सर्मिलि लरकी है मुझे यकीन है पेहली बार हमारे बीच चुदाई होगी तो वो उजाले मे नही अंधेरे मे करने के लिये बोलेगी फिर आगे समझ जा
टीनू अपना सर पकर - मान गया साले तुझे आज से मेरा पक्का दोस्त
आरोही मुस्कुराते हुवे - टीनू आपने जैसा प्लान किया था उस दिन वो काम भी कर गया था अदिति आपके लिये आसु बहा रही थी लेकिन आपकी टीनू कि बुरी किस्मत उसी वक़्त अदिति का भाई आ गया और उसके टीनू कि बजा दी और अदिति को ले गया फिर अदिति सब खतम
अमर गुस्से से - हा उस दिन कमीना नही आता तो हमारा प्लान उसी दिन काम कर जाता और अदिति मेरे प्यार मे गिर जाती ( अमर आरोही को देख ) तुझे कैसे पता इतना सब
आरोही मुस्कुराते हुवे - मे कोई बेवकूफ नही हुई आपकी हरकत मेरी नजर मे रहती थी कई बार मेने टीनू से आपको मिलते बात करते सुना था तभी से मे भी अदिति को फोर्स करने लगी लेकिन जब आपका प्लान फेल हो गया तो
अमर मुस्कुराते हुवे - तो तुमने टीनू के साथ मिलकर प्लान बनाया फिर जब अदिति से मिल कर टीनू से मिलने बंगलो मे गई तो टीनू कि जगह उदय अंकल मिले फिर तुन्हे पता चला उदय अंकल तुन्हे चाहते है और तुम्हे ये एक अच्छा मोक्का दिखा मेरा सपना पुरा करने का फिर तुमने टीनू को छोर उदय अंकल को फसा लिया
आरोही हस्ते हुवे - टीनू का कुछ नही है ना टीनू के पास उतनी पावर जब बरी मछली फस रही थी तो मे भला कैसे उसे जाने देती
अमर आरोही के सर पे हाथ फेरते हुवे - मुझे आज पता चला मेरी छोटी बेहना मुझसे इतना प्यार करती है की मेरे लिये इतना सब कर गई लोव यू बेहना लेकिन अब से मे भी तेरे साथ हु
आरोही अमर के गले लग - जब आप मेरे साथ है तो अब मुझे कोई डर नही है
अमर आरोही को बिस्तर पे लेता के आरोही के ऊपर आके अपना लंड आरोही के कपड़े के ऊपर से ही चूत पे घिसने लगता है आरोही कि सिसकिया निकल जाती है
अमर आरोही को खा जाने वाली नजर से देख - किया तुम्हे पता है अदिति
तभी आरोही अमर को मा का बुलावा सुनाई देता है अमर आरोही के चुचे दबाते हुवे - मेरी छोटी बेहना बाद मे तुम्हारी गर्मी निकालूँगा चलो मा बुला रही है
आरोही अमर को देख मुस्कुराते हुवे - अच्छा देखती हु आप अपनी छोटी बेहन की चूत की गर्मी निकाल पाते है या नही
दोनो एक दूसरे को देख मुस्कुराते हुवे कमरे से बाहर आ जाते है
अभय के घर दोपहर 1 बजे
अभय अपनी मा के ऊपर लेता हुआ था अभय का सर आसा के बरे मुलायब चुचे पे रख आराम से आखे बंद किये लेता हुवा था आसा अभय को बाहों मे लिये अपने बेटे के नीचे लेती हुई थी दोनो मे बाते चल रही थी
अभय - मा शादी की कार्ड कल ही मिल जायेगी लेकिन 3 दिन काजल बुआ ने कहा है मे उनको घर छोर आउ दूसरी मेरे कुछ साथी है उनको भी कार्ड देने मुझे उनके घर जाना होगा तो में सोच रहा था काजल बुआ के वहा से ही अपने दोस्त के घर जाके सब से मिल कर कार्ड डेकर आउ
आसा अभय को देख - इसका मतलब है तुम कुछ दिन घर नही आ पाओगे
अभय - हा आपने सही कहा कियुंकी शादी की डेट नजदीक है और बहोत से काम बाकी है जैसे कपड़े गेहने शादी का जोरा बारातियों के लिये गारी खाना डीजे सासु मा के यहा भी सब मुझे ही देखना होगा बहोत काम है इसी लिये पेहले जाके ये सब निपटा लेता हु
आसा अभय के बाल सेहलाते हुवे - हा बात तो लाला तुमने सही कही ठीक है तुम जा सकते हो
अभय आसा को देख - अच्छा बरा जल्दी मान गई सेक्सी मा मुझे लगा आप कहेगी मत जा
आसा मुस्कुराते हुवे - केहना चाहती थी लेकिन मुझे पता है कुछ कामो के लिये तुम्हे बाहर जाना हि होगा
अभय मुस्कुराते हुवे - सही कहा वैसे मेरा दिल भी आप सब से दूर जाने का नही करता लेकिन काम तो करना परेगा
आसा मुस्कुराते हुवे - वो तो ठीक है लेकिन मे तुम्हारी कोई गद्दा नही हु जो मेरे उपर आराम से आके लेत जाता है
अभय आसा कि आखो मे देख - सेक्सी मा गद्दे से जायदा मजा तो मुझे आपके उपर सोने मे आता है मुलायम गर्म गर्म
आसा शर्मा के - लाला तु भी ना कुछ भी बोलता है अब तो शादी हो रही है अपनी बीवी को गद्दा बनाना और सोना
अभय मुस्कुराते हुवे आसा के कान मे धीरे से - आप कि जगह कोई नही ले सकता आपकी बात अगल है जितना मजा आपके साथ आता है उतना मुझे किसी और के साथ नही आयेगा
आसा के का चेहरा सर्म से लाल होने लगता है अभय की बात सुन
अभय आसा की आखो मे देखता है आसा अभय की आखो मे अभय फिर आसा के लाल होठो को देखने लगता है आसा अभय के नजरो का पीछा कर समझ जाती है और अपने होठो को थोरा खोल देती है
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अभय मुस्कुराते हुवे अपना होठ आसा के होठ से सता कर आसा के होठ को थोरा मुह मे लेके चूस कर हट जाता है और आसा को देख मुस्कुराते हुवे - आपको कैसे पता चला मुझे किस्सी चाहिये
आसा मुस्कुराते हुवे - कियुंकी मे तेरी मा हु लाला
तभी अदिति भाई भाई हुवे अंदर आती है और अभय को अपनी मा के ऊपर प्यार से सोते देखती है
अदिति मुह फुलाते हुवे - मा ये गलत है आप भाई को हमेसा अपने पास चिपका कर रखती है मुझे भी भाई का प्यार चाहिये
अभय आसा को देखता है आसा अभय को देखती है फिर दोनो मुस्कुरा देते है अभय अपनी मा के ऊपर से नीचे साइड पे लेत जाता है और अदिति को देखते हुवे
अभय - आजा मेरी प्यारी गुरिया
अदिति भी बिना देरी किये अभय के ऊपर लेत अपना सर अभय के सीने पे रख देती है अभय भी अदिति का बाहों मे भर लेता है
अदिति मुस्कुराते हुवे - अब सुकून मिला मुझे
आसा अभय अदिति की तरफ लेत कर दोनो को देखने लगती है
आसा अदिति को देख मुस्कुराते हुवे - अच्छा लेकिन जब तेरी शादी होगी तब किया हा तब भाई के बिना कैसे रहेगी
आसा की बात सुन अभय अदिति की आखो मे देखता है अदिति अभय की आखो मे फिर अभय अदिति आसा को देख
अभय - जब की तब सोचेंगे कियु गुरिया
अदिति आसा का देख मुस्कुराते हुवे - हा फिल्हाल तो मे अपने भाई के साथ हि रहूगी
आसा सर पकर - तुम दोनो का जो मन करे करो
अभय आसा को देख - मा मेरे पास आओ ना
आसा मुस्कुराते हुवे अभय से पूरा सत् जाती है और अभय की सीने पे सर रख लेत जाती है तीनो एक दूसरे को मुस्कुराते हुवे देखते है फिर आखे बंद कर लेते है
साम 3 बजे
आसा अभय अदिति एक नींद लेने के बाद सभी उठ चुके थे अभय फ्रेस् होने के बाद अपने बाइक पे बैठ दिशा से बाते करते हुवे मधु के घर जाने लगता है
अभय - मेरी जान किया कर रही हो
दिशा - क्या करुगी घर के बाहर आपसे बात कर रही हु
अभय - मेरी रानी कुछ सोचो ना मेरे बारे मे रहा नही जा रहा
दिशा सर्म से लाल होते हुवे - मे किया करू
अभय - मिलने का प्लान करते है ना
दिशा हैरानी से - क्या लेकिन कैसे कहा
अभय मुस्कुराते हुवे - बोलो तो रात को घर आ जाऊ
दिशा गुस्से से - कोई जरूरत नही है पता है ना उस रात हमने वो सब क्या तो घर मे मा गुरिया को भी पता चल गया था
अभय - ये तो तुम्हारी गलती थी ना जरूरी था आह उह्ह्ह् मा जोर जोर से करना
अभय कि बात सुन दिशा सर्म से पानी पानी हो जाती है
दिशा - अच्छा सब मेरा हि दोस् है आपका इतना बरा मोटा है और उपर से तेज तेज धक्के मार रहे थे तो मे किया करती
अभय हस्ते हुवे - शादी हो जाने दो फिर रोज तेज तेज धक्का रोज मारुंगा
दिशा सर्म से - छि गंदे हर वक़्त आपके दिमाग मे वही सब चलता है
अभय - किया करू खूबसूरत हॉट बीवी जो मिली है
दिशा शर्मा के- आप भी ना
अभय - अच्छा सुनो 3 दिन मे काजल बुआ को छोर अपने दोस्त के यहा जाने वाला हु कार्ड देने मिल भी लूंगा सब से
दिशा - ये तो अच्छी बात है
अभय - हा उसके बाद सारी तैयारी करने के बाद शोपिंग पे सब चलेंगे
दिशा - अच्छा ठीक है समझ गई लेकिन ज्यादा खर्चा मत कीजियेगा
अभय - मेरी जान तुम उसकी चिंता मत करो अच्छा मधु का घर आ गया है एक किस्सी देदो ना
दिशा शर्मा के - उम्मा
अभय - आई लोव यू मेरी रानी
दिशा - आई लोव यू
फोन कट
दिशा मुस्कुराते हुवे पीछे मूर घर मे जाने को होती है तो देखती है पूजा फिर घूर के देख रही थी
दिशा पूजा को देख गुस्से से - रुक आज तुझे मे सबक सिखा कर रहूगी बिग्रैल लरकी हमारी बाते सुनने मे सर्म नही आती है
दिशा पूजा कि तरफ भागती है पूजा दिशा का गुस्से से आता देख
पूजा भागते हुवे अंदर जाते हुवे - क्या करू दीदी आप और जीजा जि कि रोमांटिक बाते सुनने मे मजा आता है
मधु के घर
अभय बाइक साइड पे लगा के अंदर जाता है अभय मधु के कमरे मे जाता है तो मधु बिस्तर पे लेत मोबाइल मे गेम खेलने मे लगी हुई थी
अभय मधु को देख -तो खेल खेला जा रहा है हा
अभय कि आवाज सुन मधु जल्दी से फोन रख अभय को देख बहोत खुश हो जाती है मधु भाई केहते हुवे जाके अभय के गले लग जाती है
अभय मधु को बाहों मे लिये - मेरी गुरिया
तभी कमरे मे सिला आते हुवे अभय मधु को देख मुस्कुराते हुवे - आ गया बेटा
अभय सिला को देखता है और सिला के पास जाके सिला को बाहों मे लेके सिला को देख मुस्कुराते हुवे - हा मेरी हॉट छोटी मा
सिला अभय के गाल को सेहलाते हुवे - शैतान
सिला मधु अभय तीनो बिस्तर पे बैठ जाते है
अभय - छोटी मा मे 3 दिन काजल बुआ को छोराने जाने वाला हु और वही से दोस्त के घर भी जाउंगा तो मे 3 दिन तक घर नही रहुंगा
मधु हैरानी से - क्या लेकिन फिर मे आपको तीन दिन तक नही देख पाउंगी ( मधु उदास हो जाती है)
सिला मधु को देख - बेटा मर्द को बहोत काम होते है तो उन्हें जाना परता है अभय बेटा के सर पे सब कि जिमेदारी दारी है
अभय मधु के चेहरे को पकर आखो मे देख - मे वादा करता हु जब मे आऊगा तो हम दोनो घूमने चलेंगे
घूमने वाली बात सुन मधु खुश होते हुवे - पक्का ना
अभय हस्ते हुवे -पक्का
सिला मुस्कुराते हुवे - तुम्हे तो बस भूमने का मोक्का चाहिये
मधु मुस्कुराते हुवे - भाई के साथ घूमने का मुक्का कोन छोर सकता है मेरी प्यारी मा
सिला हस्ते हुवे - लगी रे बाबा मुझे क्या चलो तुम दोनो बाते करो मे गाय को चारा देने चली
अभय - जी मा
सिला चली जाती है अभय मधु को पकर बिस्तर पे लेता कर मधु के ऊपर आ जाता है मधु अभय को देखने लगती है
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अभय - गुरिया अब तेरी शादी के बारे मे भी मुझे सोचना होगा
मधु हैरान होते हुवे - क्या मुझे अभी शादी नही करनी पेहले अदिति दीदी की होगी फिर सोचुगी
अभय मुस्कुराते हुवे -अच्छा चलो ठीक है यही सही वैसे मेरा वजन जयादा तो नही लग रहा
मधु शर्मा के - नही
अभय मुस्कुराते हुवे मधु के गाल पे किस करते हुवे उठ कर बैठ जाता है
अभय मधु को देख - अच्छा गुरिया मे अब चलता हु
मधु - इतनी जल्दी
अभय मुस्कुराते हुवे - गुरिया अभी शादी तक मुझे बहोत काम करने है कई लोगो से मिलना है
मधु - समझ गई भाई ठीक है
अभय मुस्कुराते हुवे - अच्छी गुरिया
अभय आँगन मे जाता है सिला को देख अभय सिला को बाहों मे लेते हुवे - छोटी मा अब मे जा रहा हु
सिला मुस्कुराते हुवे - अच्छा तो जा ना
अभय मुस्कुराते हुवे - किस्सी बगैर कैसे जाऊ
सिला मुस्कुराते हुवे -अच्छा ये बात है
सिला अभय के होठो पे किस करते हुवे - अब खुश
अभय मुस्कुराते हुवे सिला के कान मे धीरे से - अभी चलेगा लेकिन बाद मे मुझे आपकी ढोरी चातुंगा
सिला शर्मा के - ठीक है चात लेना मेरे लाल
अभय सिला को छोर - ठीक है छोटी मा मे जाता हु
अभय बाइक पे आके बैठ निकल परता
उदय के बंगला
एक कमरे मे आरोही टांगे फैलाये लेती हुई थी उदय आरोही के उपर पुरा लेता हुवा अपना लंड आरोही की चूत मे डाले जोर जोर से धक्का मारे जा रहा था आरोही उदय को बाहों मे पकरी आह मा बहोत दर्द हो रहा है आप जोर से धक्का मार रहे है धीरे करिये
उदय धक्का मारते हुवे - मेरी जान दर्द मे हि मजा है और तेरी चूत की गर्मी तेज धक्के से हि जायेगी ( आरोही दर्द मे - आह आपका केहना भी सही है दर्द मे मजा तो बहोत आ रहा है
उदय - मेरी जान कुछ भी कहो तुम और तुमारी चूत बहोत कमाल कि है ( उदय लंड पीछे लेके जोर से धक्का मार देता है आरोही दर्द से ) मर गई मा बहोत दर्द हुवा मुझे ( आरोही के आखो मे आसु आ जाते है ) आह और तेज मेरा पानी निकलने वाला है आरोही बिस्तर पकर कापते हुवे आह मा निकल गया उदय आह मेरा भी भी
उदय आरोही को अपने बाहों मे लेके - मेरी जान सोचा नही था इस उमर मे मुझे तुम से प्यार हो जायेगा मुझे खुद यकीन नही हो रहा जबकि मेने कई लरकी औरतो की चुदाई कि है लेकिन अब मुझे बाकी कि जिंदगी तुम्हारे साथ जीनी है
आरोही उदय को देख - यकीन तो मुझे भी नही हो रहा मुझे आपसे प्यार हो गया अब तो मुझे भी आपके साथ जीना है लेकिन चैन से तब जीयुगी जब अभय अदिति उसके चाहने वालो का खतम कर दुगी
उदय - ये हुई ना मुझे लगा तुम मार काट नही करोगी
आरोही उदय को देख मुस्कुराते हुवे - जब मेरी जान किसी को मारने मे जरा नही सोचता तो मे कियु सोची मुझे भी आप के लेवल पर होना परेगा ना
उदय खुश होते हुवे - ये बात तुमने मेरा दिल खुश कर दिया अब बनी हमारी जोरि विलन वाली
आरोही - अच्छा सुनिये भाई भी अब हमारे साथ है और भाई ने आपको जीजा मान लिया है
उदय खुश होते हुवे आरोह को देख - सच
आरोही मुस्कुराते हुवे - ना
उदय - ये हुई ना बात लेकिन तुम्हारे पापा मा का किया
आरोही - समझिये आज रात उन्हें भी मना लुगी
उसय - नही माने तो मुझे केहना
आरोही उदय को गुस्से से देख - आपके सास ससुर है समझ गये अपना कमीना पन हमारे दुश्मन को दिखाना समझ गये आप
उदय डरते हुवे - समझ गया बाबा
आरोही मुस्कुराते हुवे - आप चिंता मत कीजिये मान जायेंगे दोनो
उदय मुस्कुराते हुवे - फिर तो ससुराल जाके तुम्हारी चूत मारुंगा लेकिन हा जल्दी मा पापा को मना लो और इस बंगलो मे आके रहो सेफ रहेगा समझ गई
आरोही - जैसा आप कहे लेकिन अदिति अभय का क्या सोचा
उदय - ठीक है सुनो टीम रेडी है हम जब चाहे अपना काम कर सकते है
आरोही - ना ना ना अपना काम अभय के शादी के दिन ही होगा अभय की वजह से ही सब हुवा है तो अभय जब बारात लेकर अपनी दुल्हन लेने जायेगा उसके बाद हम अभय के मा बेहन बाकी जो उनके अपने है सब को उठा लेगे ( आरोही जोर जोर से हस्ते हुवे ) बेचरा जब सुबह दुल्हन लेके आयेगा तो उसे घर मे कोई नही मिलेगा ( आरोही उदय को देख) लेकिन सब को हम रखेगे कहा
उदय मुस्कुराते हुवे - मेरी जान मेरे कई ऐसे गुप्त ठिकाने है जहा कोई पहुँच नही सकता ना किसी को पता है
आरोही उदय को किस करते हुवे - मेरा बाबू तब को परोबलम् खतम
उदय मुस्कुराते हुवे - अभय जायेगा दुल्हन लेने उसके पीछे घर पे जो होगे लरकी औरते ही होगे तो कई चूत मिलेगी
आरोही - मे नही चाहती आपका लंड मेरे अलावा किसी और की चूत मे जाये लेकिन उस कमीने के अपने जो है उसकी चूत मे अपना लंड डालने से नही रोकूगी
उदय आरोही को देख - जैसा तुम कहो मेरी जान
आरोही मुस्कुराते हुवे - मुझे फिर आपका लंड मेरी चूत मे चाहिये
उदय - तो सुरु हो जाओ
आरोही उदय के लंड पे बैठ कूदने लगती है मजे से लंड लेके आह उह्ह्ह् मा मजा आ रहा है आह
रात - 8 बजे - अभय के घर
आँगन मे चटाइ बिछी हुई थी आसा बैठी हुई थी और अभय आसा की गोद मे सर रख लेता हुवा था मा बेटे मे बाते चल रही थी
वही अदिति कान मे बुलुटूथ लगाये खाना बनाते हुवे मधु से बात करने मे लगी हुई थी मधु भी सेम खाना बनाते बात कर रही थी
तभी काजल मिनिता अंदर आते है मिनिता आसा अभय को देख
मिनिता मुस्कुराते हुवे - मा बेटे मे क्या बाते चल चली है
काजल मुस्कुराते हुवे - हमे भी बताओ भाई
आसा अभय सामने देखते है
आसा मिनिता काजल को देख मुस्कुराते हुवे - आओ आओ तुम दोनो का ही इंतज़ार था बैठो
मिनिता काजल दोनो बैठ जाते है
काजल अभय को देख - बता क्या बात चल रही थी
अभय मुस्कुराते हुवे - क्या बात होगी बुआ शादी की तैयारी को लेकर बाते चल रही थी
मिनिता - हा सही भी है सारी जिमेदारी तूने जो ली है
काजल - ये बता 3 दिन चल रहा है ना मुझे घर छोरने
अभय मुस्कुराते हुवे काजल को देख - चलुंगा लेकिन 10 किस्सी होठो मे लूंगा
काजल हैरानी से - ओये बुआ से रिस्वत मांग रहा है
आसा हस्ते हुवे - लाला को मोक्का मिलता है तो छोरता
मिनिता हस्ते हुवे - दीदी ये आपकी देन है इसी लिये किस के पीछे परा रेहता है
आसा मुस्कुराते हुवे - मेने अपने लाला को बहोत प्यार से पाला है मेरी
काजल - हा और वो प्यार आपके दोनो के बीच दिखता भी है भाभी
अभय काजल को देख - तो बताइये मंजूर है या नही
काजल सोचते हुवे - बहोत जायदा है कम करो
अभय हस्ते हुवे - यहा भी मोल भाव लगाना सुरु कर दिया लेकिन एक भी कम नही होगा
मिनिता हस्ते हुवे - ननद रानी पता है ना किस के पीछे कितना पागल रेहता है कम नही करेगा मान जाइये
काजल मुह फुलाते हुवे - ठीक है
अभय मुस्कुराते हुवे - तो दन हुवा डील
काजल अदिति को देख - किया बना रही हो अदिति
अदिति पीछे देख - बुआ रोती बना रही हु उसके बाद चना की सब्ज़ी बनाऊगी
मिनिता - बहोत खूब लगी रहो
काजल अभय को देख - चल रहा है तो एक दिन मेरे घर रेहना परेगा समझ गये
आसा हस्ते हुवे -लाला को पेहले से पता था आप उसको रोकेगी इसके लिये पेहले ही लाला ने मुझे बता दिया था
काजल मुस्कुराते हुवे - क्या बात है मान गई
मिनिता - ये बताओ घर का क्या यही से बारात लेकर जाओगे
अभय - मेने घर ले लिया है यहा से 20 मिनट की दूरी पे है घर मे समान सजावट का काम बाकी कुछ बदलाव करवाये है उसका काम चल रहा है जल्दी ही काम पुरा हो जायेगा लेकिन मे चाहता हु उस नये घर मे सीधा कदम मेरी बीवी का परे ना की इस घर मे बाकी गाव वालो को भोज खिलाना बारात जाना ये सब है तो इसी लिये सब कुछ इसी घर से होगा लेकिन दिशा घर की बहु सीधा नये घर मे जायेंगे मेने मा को बता दिया है बारात के सुबह होते हि सब नये घर चले जाये गारी आयेगी सब को लेने
मिनिता - वाह सब सोच कर रखा है मान गई
काजल - मे भी लेकिन मुह दिखाई गाव की लरकी बहु औरते कैसे करेगी
अभय - अरे बुआ जिनको आना होगा आके वहा देख लेगे वैसे भी सब ने देखा तो है ही
काजल - ये भी सही है
और 30 मिनट बाते होती है फिर मिनिता काजल चले
खाना रेडी था आसा अदिति अभय बैठ कर खाते है और अपने कमरे मे चले जाते है
अभय अपनी मा के कमरे मे जाता है और आसा फिर आसा के ऊपर लेत जाता है
आसा हस्ते हुवे - फिर आके लेत गये
अभय मुस्कुराते हुवे - आप मेरे उपर आ जाओ फिर
आसा मुस्कुराते हुवे - मेरा वजन संभाल पाओगे
अभय आसा कि आखो मे देख - आपके लाला मे इतना दम है की आपको अच्छे से संभाल लेगा
आसा मुस्कुराते हुवे - तो ठीक है संभाल लो
अभय लीचे लेत जाता है आसा अभय के ऊपर लेत जाती है आसा का पुरा सरीर अभय के शरीर से पुरा चिपक गया था आसा के चुचे हर अंग अभय अपने शरीर पे फिल कर पा रहा था और अपनी मा के शरीर कि गर्मी भी
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आसा अभय को देख - मान गई संभाल लिया तूने
अभय आसा को देख - आपका बेटा हु मेरे सरीर मे आपका खून डोर रहा है तो मे कमजोर कैसे हो सकता हु
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अभय इमोसनल होते हुवे के होठो पे किस करते हुवे -मेरा लाला
अभय अपनी मा के कमर पकर कस लेता है आसा आह करती है दोनो के जिस्म पुरा सटे हुवे थे बीच मे हवा जाने की भी जगह नही थी
लेकिन दोनो मा बेटे मे प्यार था सिर्फ प्यार अभय कुछ देर बाते करने की बाद
अभय - गुड नाइट सेक्सी मा
आसा - गुड नाइट मेरे हैंडसम लाला
अभय फिर अदिति के पास आता है अभय अदिति से भी थोरा बात कर अदिति के गाल पे किस करते हुवे - गुड नाइट मेरी गुरिया
अदिति - गुड नाइट प्यारे भाई
अभय फिर अपने कमरे मे आके बिस्तर पे लेत दिशा से बाते करने लगता है
आज के लिये इतना ही![]()
Fabulous updatechapter 22
2 दूसरे दिन शाम 3 बजे आरोही के घर
एक कमरे मे आरोही अमर भारती जगमोहन बैठे थे आरोही के अपने पापा मा को बता दिया था की वो उदय से शादी करेगी लेकिन जब भारती जगमोहन को पता चला आरोही जिससे शादी करना चाहती है वो उसके उमर से भी बरा है तो भारती जगमोहन को दोनो को बहोत बरा झटका लगता है कमरे मे माहौल बहोत गर्म था
भारती गुस्से से आरोही को देख - तुम पागल हो गई हो किया अरे तुम किसी अपने उमर के लरके से प्यार कर रही होती तो हम खुशी से शादी करवा देते लेकिन तुम्हे अपने पापा की उमर से भी बरे से कैसे प्यार हो सकता है कभी नही हम तुम्हारी शादी उससे नही होने देगे
जगमोहन - आरोही बेटा मुझे तो लगा तुम समझदार हो लेकिन तुम ऐसा कुछ करोगी मेने सोचा नही था तुमने आज हमे बहोत निरास किया
आरोही बस चुप चाप अपने मा पापा की बाते सुन देख रही थी
अमर - आप दोनो गलत है आरोही समझदार है और मेरी बेहना ने जो किया सोच समझ कर किया है
जगमोहन - तुम केहना किया चाहते हो इसमें कोन सी समझदारी वाली बात है
भारती गुस्से से अमर को देख - चुप कियो हो बोलो
अमर - एक बात बताओ पापा आपने मा के साथ कब घूमने गये थे जहा तक मुझे पता है कभी कभी ही मा का ले लेकर थोरा बहोत घूम कर आ जाते थे नही तो अब तक आप सिर्फ सुबह से साम तक काम मे लगे रहते है और मा घर के काम मे क्या यही जिंदगी जीनी है आपको किया आपका दिल नही करता मा आप दोनो कही अच्छी जगह घूमने जाये मजे करे एक लाइफ है बाकी लाइफ अच्छे से जिये
अमर की बात सुन भारती जगमोहन एक दूसरे को देखते है फिर अमर को देख - तुम केहना किया चाहते हो
अमर मा पापा को देख - आपको पता है आरोही जिससे शादी करने वाली है वो कोन है
भारती - कोन है वो
अमर - दुनिया का टॉप अमीर मे से एक है
अमर की बात सुन भारती जगमोहन पूरी तरह से सॉक हो जाते है और एक दूसरे को हैरानी से देखते है और आरोही को देखते है
भारती अमर को देख - अगर ऐसा है तो इतने अमीर आदमी भला आरोही से कियु शादी करना चाहता है
अमर मुस्कुराते हुवे - प्यार मा प्यार दूसरी आरोही खूबसूरत जो है
जगमोहन गहरी सास लेके - मान लिया अमीर है लेकिन वो उसने आधी जिंदगी जी ली है उसका किया
आरोही अब जाके बोलती है
आरोही दोनो को देख - मा पापा आधी जिंदगी ही भले कियु ना वो मेरे साथ रहे लेकिन उनके जाने के बाद उनके पोर्पति से आधा हिस्सा मेरे नाम होगा समझ रहे है कितना पैसा होगा हम आराम से अपनी लाइफ जी सकते है पापा मा आप दोनो जहा चाहे घूमने जा सकते है जो चाहिये ले सकते है मे चाहती हु आप दोनो बाकी लाइफ साथ मे मस्त तरीके से जिये दूसरी आपको पता है ना गरीबी कितनी बुरी चीज होती है किया आप चाहते है हम भी वैसी लाइफ जिये
भारती जगमोहन एक दूसरे को देखते है और आरोही को देख
जगमोहन गहरी सास लेके - मे नही चाहता तुम दोनो मेरी तरफ लाइफ जियो ये सच है मे भी तुम्हारी मा को जो चाहिये दिलाना चाहता था उसके साथ घूमने जाना चाहता था तुम्हारी मा के साथ अच्छे पल गुजारना चाहता था हॉटल डिनर करना चाहता था लेकिन मे ये कर नही सका ठीक है हमे मजूर है
भारती जगमोहन को देख - लेकिन
जगमोहन - देखो इनका केहना सही है गरीबी बहोत दुख देती है क्या तुम चाहती हो हमारे बच्चे भी गरीबी मे जिये
भारती गहरी सास लेके - ठीक है मे भी रेडी हु
आरोही अमर एक दूसरे को देख मुस्कुरा देते है
रात 9 बजे
अभय अपनी मा के साथ कमरे मे था अपनी मा के ऊपर लेता हुवा
अभय - मा कल मे जाने वाला हु काजल बुआ को उनके घर छोरने
आसा अभय को बाहों मे लिये - हा पता है लेकिन मुझे रोज फोन करते रेहना
अभय मुस्कुराते हुवे - मे कैसे आप को भूल सकता हु
आसा - अपनी सास छोटी मा को बता दिया हो ना तुम जाने वाले हो
अभय - हा बता दिया है वापस आते ही हम शोपिंग मे जायेंगे बहोत सारी खरीदारी करनी है
आसा मुस्कुराते हुवे - वाह बीवी को लाने के लिये इतना ताक झाम
अभय मुस्कुराते हुवे आसा को देख - इस घर की बहु आने वाली है तो इतना करना बनता है ना सेक्सी मा
आसा मुस्कुराते हुवे - अच्छा ये बात है
अभय मुस्कुराते हुवे आसा की आखो मे देख - मा तीन दिनों के लिये जा रहा हु तो मुझे आज गीली वाली किस्सी चाहिये
अभय की बात सुन आसा बहोत हैरान होती है और अभय को देख
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आसा - बेटा गीली वाली किस्सी मा बेटे के बीच नही हो सकती
अभय दुखी होते हुवे - माफ करना मा मुझे पता नही था मेरी मा को बुरा तो नही लगा ना
आसा अभय को देख - नही मेरे लाला लेकिन तु नाराज तो नही है मुझसे
अभय आसा की आखो मे देख - आपसे नाराज कभी नही हो सकता आपने मुझे जितना प्यार दिया है सायद ही कोई मा अपने बेटे को देती होगी अभी मे आपके उपर लेता हु आपको बाहों मे पकर लेता हुई किस करता हु आप मेरे सामने कपड़े भी बदल लेती है जब एक बच्चा समझदार हो जाता है तो मा अपने बेटे को अपने से दूर कर देती है लेकिन आपने मुझे नही किया बच्चे से लेकर आज तक आपने मुझे अपने सोने से बाहों मे समा कर रखा आपने मुझे इतना प्यार दिया तो मे कियु आपके नाराज हु बल्कि मे उपर वाले का सुक्रिया करता हु आपने मुझे जन्म दिया आपकी जैसी मा मुझे मिली
अभय की बात सुन आसा खुशी के साथ बहोत इमोसनल भी हो जाती है और अभय के गाल को प्यार से सेहलानें लगती है
अभय ने जो बात आसा से कही पुरे दिल इमोसन के साथ कही थी और अभय की हर बात सच थी आसा अभय के बीच जितनी नजदीकियां थी सायद किसी मा बेटे के बीच होगी
आसा अभय को देख मन मे - मेरा लाल कल तीन दोनो के लिये जाने वाला है सायद इसी लिये गीली किस्सी मांग बैठा और मे लाला को मना भी नही कर सकती एक किस्सी की ही तो बात है
आसा अभय को देख मुस्कुराते हुवे - गीली वाली किस्सी मे अपने लाला को करने दुगी लेकिन लाला ये पेहली और आखरी होगी
अभय आसा के बाल कान के पीछे कर आसा को देख प्यार से - मा आप नही चाहती तो मुझे नही चाहिये गीली किस्सी वैसे भी आपसे जितना प्यार मिलता है वो मेरे लिये बहोत है
आसा अभय को देख - लाला पेहली बार तूने मुझसे कुछ मांगा है तो मे नही दुगी तो मुझे भी अच्छा नही लगेगा मे पुरे दिल से गीली किस्सी अपने लाला को देना चाहती हु
अभय आसा की आखो मे देख - आप सच केह रही है
आसा मुस्कुराते हुवे - हा लेकिन मुझे गीली वाली किस्सी करना तो आता ही नही
अभय हस्ते हुवे - ठीक मे आपके होठ जिब को मुह मे लेके चुसुगा जैसे ही आप करना
अभय की बात सुन आसा के अंदर हलचल मच जाती है दिल तेज धक धक करने लगता है सासे तेज चलने लगती है
आसा सर्म से लाल चेहरा लिये- ठीक है लाला मे करुगी
अभय आसा के गुलाबी होठो को देखने लगता है आसा के होठ बहोत प्यारे थे ऐसा लग रहा था होठो से रस नीचे टपक रहा हो
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आसा भी अभय को देखे जा रही थी और तेज तेज सासे लिये जा रही थी ये एहसास जो होने वाला है ये सोच आसा को अजीब एहसास हो रहा था अभय अपना होठ आसा के तरफ ले जाने लगता है आसा ये देख अपना होठ खोल आखे बंद कर लेती है
अभय अपनी मा की होठो को मुह मे लेके चूसने लगता है फिर अपनी मा के जिब को अपने मुह मे लेके चूसने लगता है अभय मन मे - कसम से मे किया चूस रहा हु मा के लार मुझे सहद नही अमृत लग रहे है ये एहसास मुझे जो हो रहा है जो मे फिल कर रहा हु मे मरते दम तक नही भूलने वाला ना मा मेरे बीच पेहला वाइल्ड किस को ना इस पल इस प्यार खूबसूरत मोमेंट को
अभय अपनी मा के जिब से लार चूस चूस कर पिये जा रहा था अभय को जितना मजा आ रहा था सायद अभय को किसी के साथ फिर कभी ना आये और आयेगा भी कैसे मा को जो किस कर रहा था
आसा नीचे अपने बेटे के परी अभय हो बाहों मे लिये हुवे थी लेकिन अभय को इस तरह अपने जिब को चुस्ता और लार को पिता देख आसा के शरीर के रोये खरे हो जाते है आसा का ये पेहला वाइल्ड किस था आसा को मजा आ रहा था ये फीलिंग पेहला वाइफ किस
आसा अपने आप को रोक नही पाती और आसा भी अभय के जिब को मुह मे लेके चूसने और अपने बेटे का लार गट गट पीने लगती है
आसा मन मे - मुझे इतना मजा कियु आ रहा है मुझे अपने बेटे का लार पीने से बहोत मजा आ रहा है क्या वाइल्ड किस इसे हि कहते है मे अपने आपको रोक नही पा रही मुझे और अपने बेटे का लार चूस कर पीना है
मा बेटे सब भूल कर एक दूसरे के जिब को होठो को मुह मे लेके पिये जा रहे थे बिना रुके कोई पीछे हटने का नाम नही ले रहा था 3 मिनट तक दोनो अच्छे से एक दूसरे का रस पीते है फिर सासे फूलने लगती है तो दोनो किस करना बंद कर अपना होठ अलग कर देते है
दोनो मा बेटे जब अलग होते है तो दोनो के होठो से लार निकल एक लाइन बन जाती है दोनो के होठ लार से पुरे गिले सने हुवे थे आसा आज सर्म से पानी पानी हो चुकी थी
आसा सर्म से आखे बंद किये तेज तेज सासे लिये जा रही थी आसा का ये पेहला वाइल्ड किस था वो भी अपने बेटे के साथ ये पेहला अनुभव पेहला किस सायद आसा भी कभी भूल नही पायेगी ना अभय
अभय आसा के चेहरे को पकर आसा की आखो मे देखने लगता है आसा लाल चेहरा लिये अभय को देखने लगती है तभी अभय के आखो से आसु निकल आते है और मा केहते हुवे आसा के गले लग जाता है
अभय -मा आपने मेरे एक कहने पे मुझे किस्सी दी ना भी देती तो भी चलता लेकिन आपने दिया मे इस किस्सी को मरते दम तक नही भुलुगा आपका दिल से सुक्रिया मुझे ये पल खुशी जीने देने के लिये आपकी जगह कोई नही ले सकता आप मेरी जान है मा
आसा अभय के सर सेहलाते हुवे - पागल ये एक किस ही हो है मेरे लाला मे भी इस किस्सी को नही भुलुगी मुझे भी नया पेहला अनुभव मिला वो भी मेरे लाला के साथ मे खुश हु
अभय आसा को देख - सच ना
आसा अभय के आसु साफ कर मुस्कुराते हुवे - हा
अभय - आई लोव यू मा
आसा - आई लोव यू तु मेरे लाल
अभय अपनी के साथ एक प्यारा हसीन पल मोमेंट अब तक का गुजार अदिति के पास जाके गुड नाइट बोल अपने रूम मे आके दिशा से बाते करने लगता है
आसा बिस्तर पे लेती आखे बंद कर मुस्कुराते हुवे - मेरे लाला तु भी मेरी जान है रे
सुबह
आसा अभय को जगाने जाती है और अभय अदिति को फिर हल्का होके सीधा विजय के घर आ जाता है
विजय अभय को देख - भाई आज बुआ को लेकर जा रहे है ना
अभय - हा रे इसी लिये तो आया हु कहने पेहले ही टाइम पे रेडी रहे नही तो औरतो को टाइम पे कहो रेडी होने के लिये तो 2 घंटे लगायेगी
तभी विजय अभय के पूछे काजल को गुस्से मे देख डर जाता है और अभय को देख मन मे - बॉस आपको ये नही केहना था
अभय विजय को डरा देख - अरे तुम कियु डरे हुवे हो
विजय डरते हुवे - भाई पीछे देखो
अभय पीछे मुरते हुवे - किया है पीछे जिसे देख तु भी डर गया
लेकिन अभय जब पीछे काजल को गुस्से मे देखता है तो अभय कि भी फट जाती है
काजल अभय के कान पकर - अच्छा तो औरतो कि बुराई हो रही थी हमे तैयार होने मे समय बहोत लगता है
अभय दर्द मे - बुआ मेने गलत तो नही कहा अब छोरो मेरे कान दर्द कर रहे है
काजल कान छोरते हुवे - तुम क्या जानो औरतों को इतना टाइम कियु लगता है तुम मर्द 10 मिनट मे नहा के 5 मिनट मे रेडी हो जाते हो तो तुम्हे लगता है हमे भी उतना ही टाइम लगेगा
अभय डरते हुवे - समझ गया बुआ अब गुस्सा थूक दो ( अभय पीछे देख) कियु विजय मेरे भाई ( लेकिन क्या विजय तो पेहले ही फुर हो चुका था अभय मन मे) साला मुझे फसा कर चला गया
काजल - हा बोलो क्या बोलना है
अभय काजल को बाहों मे लेके मुस्कुराते हुवे - ये बोलना था आप रेडी रहो हम खाना खाने के बाद निकलेगे लेकिन हा आप सारी नही सूट लेगिंस पेहेनना
काजल मुस्कुराते हुवे - लेकिन भला मे कियु तेरे कहने पे सूट लेगिंस पेहनु
अभय काजल की आखो मे देख धीरे से - हम बाइक पे जायेंगे आप मेरे पीछे दोनो तरफ पैर कर के बैठेगी मुझसे चिपक कर मेरे कमर को पकरे तो मुझे भी गर्लफरेंड वाली फीलिंग मिल जायेगी
अभय की बात सुन आसा पाने मुह पे हाथ रख अभय को हैरानी से देख फिर अभय को गाल पे मारते हुवे - शैतान तो इस लिये चाहता है मे सूट लेगिंस पेहनु लेकिन नही पेहनुगी
तभी मिनिता आते हुवे - क्या बात हो रही है
अभय काजल को छोर मिनिता को देख मुस्कुराते हुवे - अब ये कहने आया था बुआ को खाने के बाद चलेंगे
मिनिता - अच्छा ये बात है सही है
अभय कोमल को देख - ओये बंदरिया मेरी शादी के बाद तेरी ही शादी होगी समझ गई
कोमल अभय को गुस्से से देख - बंदर तुझे कियु परी है मेरी शादी कि
अभय - 19 की हो गई है विजय भी तो है कियु ऑन्टी
मिनिता मुस्कुराते हुवे - बिल्कुल सही कहा बेटा पेहले कोमल कि शादी के बाद विजय की शादी करा दुगी
अभय मिनिता काजल दोनो के गालो पे किस कर - ठीक है बुआ मे खाना खाके रेडी होके आता हु आप भी रेडी रेहना
अभय फिर घर आके नहाने मे लग जाता है नहाने के बाद रेडी होता है अपना समान पैक करने लगता है तो अदिति कमरे मे आती है और बिस्तर पे बैठते हुवे
अदिति - भाई तीन दिन आपके देखे बिना कैसे रहूगी
अभय समान पैक करने के बाद अदिति को पकर बिस्तर पे लेता कर अदिति के ऊपर आके अदिति की आखो मे देख - अरे गुरिया फोन है ना वीडियो कॉल कर लेना और तीन दिन की तो बात है
अदिति अभय को बाहों पे पकर - लेकिन भाई आपके सामने देखा रेहना और दूर देखना अलग है लेकिन मे समझ सकती हुई
अदिति अदिति के गाल पे किस कर - मेरी प्यारी गुरिया
अभय फिर आसा अदिति के साथ बैठे खाना खाता है और सीधा मधु के घर आ जाता है
मधु घर मे अकेले थी सिला खेत मे गई थी अभय मधु के कमरे मे जाता है तो अभय देखता है मधु रेडी होके बाल खरी थी
अभय मधु को देख मुस्कुराते हुवे - अरे रेडी हो गई थोरा पेहले आना चाहिये था
अभय की आवाज सुन मधु पीछे अभय को देखती है फिर अभय बात समझ शर्म से लाल अभय के पास आके भाई - आप बहोत गंदे है
अभय मधु को बाहों मे लेके - कियु ये गंदा भाई तुझे पसंद नही है क्या
मधु अभय को प्यार से देख - बहोत पसंद है और मे बहोत प्यार करती हु
अभय मधु के गाल पे किस करते हुवे - मा कहा है
मधु - मा खेतो मे गई है
अभय - चलो फिर मा से मिल लेता हु
मधु - जी भाई
अभय मधु के साथ बाइक से खेतो के पास आता है और बाइक साइड लगा के थोरा चल कर दोनो सिला के पास पहुँच जाते है
सिला अभय मधु को देख मुस्कुराते हुवे - आ गये तुम दोनो
अभय सिला को देख - छोटी मा मे जाने वाला था तो सोचा अपनी सेक्सी मा मिल कर उनका खूबसूरत चेहरा देखे बिना कैसे जा सकता हु
सिला शर्मा के - तुम भी ना बेटा
अभय सिला को बाहों मे लेके - मा मे जा रहा हु तीन दिन बाद आऊगा आप अपना ध्यान रखना
सिला मुस्कुराते हुवे - रखुंगी बाबा तुम भी अपना ध्यान रखता
अभय सिला को देख - होठो पे किस्सी दो
सिला हस्ते हुवे अभय के होठ पे होठ सता कर किस करते हुवे - अब खुश
अभय मुस्कुराते हुवे - हा ( अभय मधु सिला को देख) ठीक है मा गुरिया मे जाता हु
सिला गुरिया - ठीक है
अभय बाय बोल घर आ जाता है आसा कमरे मे थी अभय आसा को बाहों मे लेके - मा अब मे चलता हु
आसा अभय को किस कर - ठीक है लाल लेकिन रास्ते मे अच्छे से जाना बाइक तेज मत चलाना समझ गया
अभय मुस्कुराते हुवे - जी मा समझ गया
अभय अदिति मा को बाय बोल अपना बैग लेके सीधा विजय के घर आ जाता है अभय अंदर आँगन मे जाता है तो मिनिता कोमल विजय के साथ जब अभय की नजर काजल पर जाती है तो अभय हैरान हो जाता है
कियुंकी काजल काजल ने सूट लेगिंस पेहनी थी और सच मे काजल सूट लेगिंस मे बवाल लग रही थी बरे चुचे मोटी जांघे साफ कपड़े के ऊपर से दबे सिखाई दे रही थी काजल अभय को देख थोरा शर्मा के देखती है अभय होस मे आते हुवे सभी को देख
अभय - तो अब हमे चलना चाहिये
काजल - ठीक है
अभय सभी बाहर आते है अभय काजल का बैग और अपना बैग आगे रख देता है
काजल मिनिता को देख - भाभी जीतने दिन यहा रही सच कह तो बहोत मजा आया ( काजल अभय को देख ) खास कर अभय बेटे की वजह से लेकिन फिर मुझे आना ही है अभय बेटे के शादी मे
मिनिता - आपने सही कहा ननद जी अभय बेटे ने हमे बहोत हसाया लेकिन फिर आप आयेगी तो फिर खूब मस्ती करेगे
काजल मुस्कुराते हुवे - जरूर करेगे भाभी
काजल विजय कोमल को देख - बेटा तुम दोनो अपना ख्याल रखना
विजय - बुआ चिंता मत कीजिये आप अच्छे से जाइये
कोमल - हा और जल्दी आना भी तो है आपको फिर
काजल - आना को पड़ेगा अभय बेटे के एक रिस्ता जो बन गया है अच्छा अब जाना चाहिये
मिनिता अभय को देख - बेटा अच्छे से जाना लेके अपनी बुआ को
अभय मुस्कुराते हुवे - जी ऑन्टी
अभय बाइक पे बैठ बाइक चालू कर देता है और काजल बैठ जाती है सब एक दूसरे से बाय बोल अभय निकल परता है काजल के घर
मिनिता -दोनो चले गये अब उतना मजा नही आयेगा उनके बिना
काजल मुस्कुराते हुवे -हा हा कियुंकी वो बंदर आके आपकी रारीफ और किसी जो मागता था
मिनिता मुस्कुराते हुवे - चलो अंदर
अभय बाइक लिये काजल को लेके जा रहा था कमाल कि बात ये थी रास्ता एक घण्टे का था
अभय बाइक चलाते हुवे जा रहा था अभय कि नजर सामने रास्ते पे थी
अभय - बुआ मुझे लगा नही था आप मेरे कहने पे सूट लेगिंस पेहन लोगी
काजल मुस्कुराते हुवे - ज्यादा मत सोच मेरे पास अच्छी सारी नही थी इस लिये पेहन ली
अभय - अच्छा फिर भी क्या फायदा आप तो मुझसे हट कर बैठी है
असल मे काजल अभय से हट कर अभय के दोनो कंधे को पकर बैठी थी
अभय की बात सुन काजल थोरा शर्मा के आगे घिसक् कर अभय से पुरा सत् जाती है और अपना पुरा सरीर अभय से चिपका देती है जैसे ही काजल का पुरा सरीर अभय से चिपकता है अभय को पेहले काजल के बरे मुलायम चुचे अपने पिट पे महसूस होते है फिर काजल के शरीर की गर्मी
अभय काजल के बरे चुके सरीर की गर्मी फिल अभय के अंदर कुछ होने लगता है वही काजल सर्म से लाल अपने दोनो हाथो से अभय के कमर को पकर लेती है काजल पूरी तरह से अभय से चिपकी थी बीच से हवा भी नही जा सकता था
अभय मुस्कुराते हुवे - थैंक्स बुआ आप बहोत अच्छी है
काजल शर्मा के रेह जाती है
अभय फिर काजल से गाव कैसा है ये सब पूछने लगता है तो काजल भी सब बताने लगती है दोनो के बीच बाते होते हुवे चले जा रहे थे
काजल अभय को छोर चलते है आरोही के और
आरोही अमर कमरे मे थे और दोनो बिस्तर पे लेते हुवे थे
अमर - मा पापा भी मान गये अब रास्ता साफ है तेरा
आरोही मुस्कुराते हुवे - हा भाई आपका सुक्रिया मेरा साथ देने के लिये
अमर आरोही के ऊपर आके आरोही को देख मुझे अपनी छोटी बेहन की चूत चाहिये
आरोही सर्माते हुवे - अच्छा लेकिन क्या आप मेरी चूत की गर्मी निकाल पायेंगे
अमर जोस मे आते हुवे - ये तो जब तुम्हारी चूत मारुंगा तो तुम्हे पता चल ही जायेगा लेकिन छोटी ये बता जीजा का लंड पेहली बार लिया तो दर्द हुवा होगा कितना मजा आया बता ना
आरोही - बाद मे बटाउगी दूसरी आपको चूत नही मिलेगी
अमर हैरानी से - किया लेकिन कियु
आरोही - मे ये नही केह रही नही दुगी लेकिन फिल्हाल नही दे सकती कियुंकी उनको पता चला तो आपका खेल खतम
अमर डर के - ठीक है छोटी तेरी बात समझ गया मे थोरा इंतज़ार कर लूंगा
आरोही मुस्कुराते हुवे - भाई चिंता मत करो सही समय का इंतज़ार करो फिर मे आपकी ही हु
अमर आरोही को किस करना सुरु कर देता है आरोही भी पुरे जोस मे अपने भाई को किस करने लगती है दोनो भाई बेहन एक दूसरे का रस चूस कर पीते है
अमर आज पता चला बेहन को किस करने मे कितना मजा आता है
आरोही मुस्कुराते हुवे - असली मजा तो बाद मे दुगी आप को
इसके बाद आरोही सीधा उदय के बंगलो मे आती तो उदय काम से बाहर था लेकिन टीनू बंगलो मे था
टीनू आरोही को देखता है तो हैरान हो जाता है आरोही अब पेहले वाली गरीब आरोही नही थी अब आरोही अमीर लुक मे थी जैसे अमीर घर की लरकिया कपड़े पेहन रहती है
doodle rock rescue
जींस टिसर्ट मे आरोही बहोत सेक्सी लग रही थी आरोही का करेक्टर उसकी चाल संस्कार बोले का तरीका सब आरोही ने बदल लिया था अब जो आरोही थी वो पेहले की आरोही से उलट थी
टीनू आरोही को देख मुस्कुराते हुवे - किया बात है नई मा आप तो बहोत सेक्सी लग रही है
आरोही टीनू के पास बैठ कर टीनू को देख मुस्कुराते हुवे - अच्छा तुमने मुझे मा भी मान लिया
टीनू मुस्कुराते हुवे - पापा ने आपको बीवी मान लिया तो मुझे भी मानना पड़ेगा लेकिन
आरोही- बोलो
टीनू - मुझे आपकी चुदाई करनी है बस एक बार प्लेस
आरोही हैरान नही होती कियुंकी पेहली वाली आरोही होती तो बहोत हैरान हो जाती
आरोही टीनू को देख - नही टीनू ऐसा नही करुगी मे तुम्हारी पापा की हु
टीनू आरोही को देख- देखो आरोही तुम्हे मा मानने मे कोई परोबलम् नही है मुझे लेकिन तुम मेरे साथ ऐसा करोगी सोच लो मे तुम्हारा पुरा काम बिगार् सकता हु समझ नही
आरोही कपड़े निकालते हुवे - तुमसे मे डरती नही हु कियुंकी मेरे पीछे तुम्हारा बाप मेरा पति है लेकिन मे तुमसे से रिस्ता भी खराब नही करना चाहती ये पेहली लास्ट होगा
टीनू गहरी सास लेते हुवे - ठीक है मे भी तुमसे रिस्ता खराब नही करना चाहता
आरोही पूरी नंगी होते टांगे फैला के टीनू को देख - सीधा मेरी चुदाई करो समझ गये
टीनू अच्छे से आरोही के चुचे चूत नंगे बॉडी को उपर से नीचे तक देखता और कपड़े निकालते हुवे मन मे - कुछ भी कहो साली है कमाल ही ( टीनू नँगा होके आरोही के चूत पे पास आप जाता है
टीनू आरोही की चूत पे लंड रख जोर का धक्का मार एक बार मे हि घुसा देता है आरोही दर्द मे आह मर गई टीनू बिना रुके जोर जोर सी धक्का मारता रेहता है आरोही दर्द मे आखो मे - आह टीनू धीरे कर दर्द हो रहा है आह मा जोर से धक्का मत मार
टीनू जोर जोर से धक्का मारते हुवे आरोही को देख - आह आरोही तेरी चूत तो बहोत टाइट गर्म है मजा आ रहा है तेरी चूत मारने म आह
आरोही - आह मजा आ रहा है तुझे मुझे दर्द मे मजा आ रहा है
टीनू अपना लंड निकाल जोर से धक्का मार घुसा देता है आरोही दर्द मे आह मा मर गई
अब मजा आया 8 मिनट बाद टीनू मेरा निकलने वाला है
आरोही जल्दी से पीछे हट के टीनू का लंड पकर हिला के पानी निकाल देती है
आरोही कपड़े पहनते हुवे - इस घर मे केमरा लगा है तुम्हारे पापा ने कहा था मे तुझे एक बार मजा दे दु तो मेने दे दिया कियुंकी मुझे पता था तुम मेरे साथ करने की कोसिस जरूर करोगे ये बात मेने तुम्हारे पापा को बताया था तो उन्होंने कहा एक बार दे दु
आरोही टीनू के नजदिक आके टीनू के आखो मे देख - तेरे पापा यानी मेरे पति जो कहेगे मे करुगी लेकिन इसके बाद अगर
टीनू हाथ जोरते हुवे - समझ गया आगे मत बोल
आरोही मुस्कुराते हुवे - अच्छा है वैसे मजा आया मुझे अब जा यहा से मुझे सोने दे और हा इस बंगलो मे बाथरूम कमरे से केमरा निकाल ले कियुंकी आज से मेरी मा पापा भाई सब यही रहेगे
टीनू जाते हुवे - हा हा जा रहा हु कर दूंगा तेरा काम साला आज मेरे कमरे से मुझे जाना पर रहा है
आरोही मुस्कुराते हुवे मन मे - कियुंकी अब ये बंगला मेरा है मेरे होने वाले बेटे
अभय काजल के पास चलते है अब
अभय काजल दोनो आधे रास्ते पे पहुँच चुके थे रोड के दोनो तरफ खेत ही खेत है जैसे गाव का रोड होता है
काजल को अब सुसु जोर से लग आती है तो काजल परेसान होते हुवे मन मे - धत तेरी की जोर से अभी ही लगना था अभी तो रोक भी नही सकती कियुंकी अभी आधे रास्ते पे हि पहुचे है
काजल शर्मा के - सुनो बेटा साइड मे गारी रोको ना
अभय - कियु बुआ
काजल शर्मा के - समझ ना पागल
अभय सोचता फिर समझ मे आता है और बाइक को साइड मे रोक देता है काजल उतर कर सामने मक्के के खेत को देखती है फिर उस तरफ जाने लगती है
अभय काजल को जाते देखता है फिर अपनी दिशा से बाते करने लगता है
अभय - मेरी जान क्या कर रही हो
दिशा - आपको याद कर रही थी
अभय मुस्कुराते हुवे - अच्छा ये तो ठीक है मेरे उसको भी याद कर लिया करना नही तो वो बुरा मान जायेगा
दिशा सर्म से लाल होते हुवे - हर वक़्त सिर्फ गंदी बाते करते रहते है
अभय मुस्कुराते हुवे - क्या करू बाते कर हि दिल बेहला रहा हु
दिशा - अच्छा ये बताइये आप कहा है अभी
अभय - काजल बुआ को छोरने आया हु आधे रास्ते मे है अभी
दिशा - अच्छा
अभय - ठीक है जान घर पहुँच फोन करता हु
दिशा - ठीक है आई लोव यू
अभय - आई लोव यु तु
फोन कट
वही काजल मक्के के खेत के पीछे जाके बैठ जाती है जोर से लगी हुई थी तो तेजी से धार मारती है और सुई की आवाज निकलने लगती है
काजल पिसाब करते हुवे - हद है अभय बेटा क्या सोच रहा होगा मेरे बारे मे घर अब किया ही कर सकते है जो होना था हो गया
काजल पिसाब कर अभय के पास आ जाती है लेकिन सर्म से नजरे नीचे किये हुई थी अभय समझ जाता है इस लिये कुछ नही बोलता है
तभी कुछ 5 लफंगे थोरि दूर रोड के साइड पेर के नीचे बैठे थे लेकिन उन सब की नजर अभय काजल पे सुरु से थी सभी ने काजल का खेत मे जाते हुवे भी देखा था
अभय यहा था वहा कोई घर नही था चारों तरफ खेत है रास्ता भी गाव का था तो गारी भी कम आ जा रही थी और ये पाचो लफंगे यहा रोज आके लरकी को छेरते हुवे आ रहे थे जगह भी ऐसी थी कोई होता नही था इसी लिये 5 चो बिना डरे अपना लफंगे वाला काम करते रहते थे
5 लरके काजल के पास आके काजल को देख - अरे ऑन्टी आप अकेले खेत मे गई थी ( अभय को देख) इस लरके को ले जाती है या हम सभी को
लरका 2 काजल को देख - मानना पड़ेगा क्या बॉडी है आप कि सब ऊपर से दिख रहा है
लरका 3 - ऑन्टी चलो ना खेत मे हम पाचो खूब मजे देगे आप को
काजल गुस्से से लाल थी लेकिन डरी हुई भी थी वही अभय की नशे फुल चुकी थी आखे गुस्से से लाल हो चुकी थी
दूसरा लरका कुछ बोलता उससे पेहले अभय एक लरके का हाथ पकर जोर से मोर लेता है लरका जोर से दर्द से चिल्ला उठता है बाकी लरके हैरानी से अभय को देखते है अभय ने जिस लरके को पकरा था उसके सीने पे जोर से लात मारता है लरका सीधा जाके खेत मे गिरता है
बचे 4 सभी अभय की ताकत देख हैरान थे लेकिन अभय से डर भागे नही एक लरका अभय को गाली देते हुवे साले तूने मेरे दोस्त को मारा
बाकी तीन भागते हुवे पेर के पास के खेत से डंडे लेकर आते है जो इन लोगो ने ही छुपा कर रखा था अब चारों के पास डंडे थे और अभय को गुस्से से देख रहे थे
काजल डरते हुवे - बेटा
अभय काजल को पकर पीछे कर आगे चला जाता है
लरका 1 अभय को देख - साले तेरे जैसे कई को हमने अच्छे से धुलाई की है आज तेरी सब हड्डिया तोर दूंगा
अभय अपनी आखे बंद कर पेहले का वो सीन जब अभय कैद मे था वो सीन जिसे अभय अभी याद नही करना चाहता था वो सीन जिसके बारे मे अभय ने सब को बात करने से बना कर दिया था वो सीन जिसे याद कर विजय जीत जीतू के भी रूह काप् जाती है वो सीन उसके बाद अभय से सब कापने लगे थे और अभय सब का बॉस बन गया उस सीन को याद कर चारों को देख मन मे -कईयो का सर डर से अलग किया है मेने मे खुद भी नही जानता
और तुम 4 मामूली चूजे मेरे सामने आके अकर दिखा रहे हो सुकर बनाओ मे बेगुनाह को नही मारता जान से नही तो मुझे तुम सब का सर धर से अलग करने मे एक मिनट भी नही लगता फिर भी आज तुम सब का पाला मुझसे परा है आज के बाद तुम दोनो मुझे याद रखोगे और फिर गलती से भी किसी को छेरने की भूल नही करोगे मेरी बुआ को गंदे शब्द बोलने वाले को माफ कैसे कर सकता हु
आज के लिये इतना ही![]()