chapter 30
सुबह आसा अभय को उठाती है पप्पी किसी होती है
अभय आसा को देख - रोज की तरह खूबसूरत प्यारी हॉट लग रही हो डार्लिंग मा
आसा मुस्कुराते हुवे - मेरा लाला मेरी तारीफ करे इसी लिये तो मे सजदी हु

अभय आसा को बाहों मे कस आसा को प्यार से देख धीरे से - और मे ही हमेसा देखुंग कियुंकी आप मेरी है
आसा अभय के आखो मे देख प्यार से धीरे से - हा मेरी लाला की हु
अभय मुस्कुराते हुवे - आई लोव मा
आसा - आई लोव यू तु मेरे लाल
अभय फिर अदिति के कमरे मे आता है अदिति को उठाता है अदिति अंगराई लेके उठ अभय को प्यार से देख - गुड मोर्निंग भाई

अभय अदिति के होठो पे किस करते हुवे -गुड मोर्निंग गुरिया
अदिति मुस्कुराते हुवे - अब तो मेरा रोज गुड मोर्निंग अच्छा होगा
अभय मुस्कुराते हुवे - वो कैसे पहले नही होता था क्या
अदिति मुस्कुराते हुवे - होता था लेकिन अब भाई कि किस्सी जो मिलती है होठो पे
अभय मुस्कुराते हुवे - शैतान चल
अभय फिर हल्का होके जोगिंग करते हुवे मिनिता के घर आता है अंदर जाते ही कोमल को देख - गुड मोनिंग बंदरिया
कोमल अभय को देख - आ गया बंदर देख बंदरिया केहना बंद कर मुझे कही मेरा सतक गया तो तेरे लिये अच्छा नही होगा
अभय कोमल के पास आके नीचे झुक गाल पे किस करते हुवे - गुस्से मे तुम और खूबसूरत लगती है
कोमल सर्म से लाल हो जाती है कोमल को अभय की तारीफ बहोत अच्छी लगती है
तभी अभय की नजर दरवाजे पे खरी मिनिता पे जाती है मिनिता सेक्सी अंदाज़ मे खरी लाल लिबिस्टिक लगाये नसीली अदा के साथ अभय को देख इसारे से बुलाती है

अभय मिनिता को उपर से नीचे देखता है और अभय की नजर मिनिता के कमर गहरी ढोरी पे ठीक जाती है जिसे देख अभय के अंदर तूफान उठ जाता है मिनिता की ये अदा किसी को ख्याल कर दे
अभय मुस्कुराते हुवे मिनिता की तरफ जाने लगता है मिनिता कमरे मे आके बिस्तर पे बैठ जाती है अभय मिनिता के पास आता है और बिना देरी किये मिनिता को पकर बिस्तर पे लेता के मिनिता के ऊपर आ जाता है और मिनिता की आखो मे देखने लगता है
अभय - आपकी अदा और आपकी कयामत बॉडी कमर गहरी ढोरी देख मुझे कुछ होने लगता है ऐसे सब मत दिखाया कीजिये नही तो कुछ कर दुगा और आपको लेने के देने पर जायेंगे

मिनिता अभय की आखो मे देख सर्म से - अच्छा जी क्या कर लोगे
अभय - करने को बहोत कुछ कर सकता हु लेकिन कर नही सकता कियुंकी लाइसेंस मेरे पास नही है
मिनिता सर्म से - अच्छा जी और जो गीली किस्सी करता है उसका लाइसेंस है तेरे पास
अभय मुस्कुराते हुवे - आपने दी है तो हा है आगे का लाइसेंस अगर आप दे दे तो आगे भी बहोत कुछ हो सकता है
मिनिता सर्म से अभय की आखो मे देख - एक गारी का लाइसेंस सिर्फ एक इंसान को मिल सकता है
अभय मिनिता के कान मे धीरे से -लेकिन उस गारी को दूसरा चला सकता है बिना लाइनेंस के
मिनिता तेज सासे लेके - लेकिन उसमे खतरा बहोत है पकरे गये तो
अभय धीरे से - हा ये बात तो है लेकिन मजा भी तो आता है
मिनिता हस्ते हुवे - बहोत हो गई बात चलो मेरे उपर से उठो
अभय - मेरी किस्सी
मिनिता अभय को देख सर्म से अपना जिब बाहर निकाल देती है अभय ये देख जोस मे आ जाता है और मिनिता के जिब मुह मे लेके चूसने लगता है मिनिता भी अभय को बाहों मे पकर लेती है

दोनो पागलो की तरह एक दूसरे का जिब होठ मुह मे लेके पीने लगते है 2 मिनट तक चलाता है फिर दोनो के होठ अलग होके है
मिनिता सर्म से नजरे नीचे किये हुई थी
अभय मिनिता के गर्दन पे किस करने लगता है मिनिता एकदम से सिसक् परती है अभय मिनिता के गर्दन पे किस करते हुवे गालो पे करता रहता है

मिनिता मचल उठती हो ये एहसास अपने गर्दन पे होठो का गिला मिनिता को तरपा रहा था मिनिता के अंदर हलचल पैदा कर रहा था तभी मिनिता तेज सासे लेते हुवे बिस्तर पे उठ जाती है अभय को हटा के
अभय - माफ करना ऑन्टी वो मे
मिनिता सारी बाल सही करते हुवे - कोई बात नही चलो बाहर चलते है
दोनो बाहर आते है अभय थोरि बाते करता है फिर घर आके नहा कर रेडी होता है फिर खाना खाता है
सुबह के 10 बजे
आसा - ठीक से जाना समझ गया बाइक तेज मत चलाना
अभय आसा के होठो पे किस करते हुवे - समझ गया मा
अदिति - भाई फिर अब कल ही आओगे ना
अभय अदिति को बाहों मे लेके आखो मे देख - गुरिया हा सुबह आ जाउंगा
अदिति अभय के होठो पे किस करते हुवे - अब ठीक है
अभय आसा मुस्कुरा देते है
अभय - ठीक है मा गुरिया चलता हु
अभय फिर बैग लेके बाइक पे बैठ निकल परता है अभय दिशा के पास आता है यानी दिशा के घर से थोरि दूर दिशा को बुलाता है
how to type fractions on keyboard
दिशा आती है अभय दिशा को बाहों मे भर किस करना सुरु कर देता है दिशा हैरान लेकिन फिर अभय का साथ देती है किस करने के बाद
दिशा सर्म से - आते ही सुरु अगर खुली जगह ना होती तो आप पता नही और क्या करते
अभय दिशा के गांड को दबाते हुवे - सही कहा लेकिन अभी भी मे बहोत कुछ कर सकता हु

दिशा सिसकते हुवे - आह इतने जोर से कियु दबा रहे है दर्द हो रहा है
अभय गांड दबाते हुवे - बहोत बरे मुलायम गर्म है मजा आ रहा है
दिशा - सर्म कीजिये कोई देख लेगा
अभय - कोई नही देखेगा
तबी ठरकी जीजा कैसे है आप
बस अभय का गुस्सा हाई इसकी मा का
दिशा गुस्से से अभय को देख - क्या कहा
अभय डरते हुवे - कुछ नही
पूजा अभय के पास आते हुवे - सादी तक रुका भी नही जाता आपको
अभय पूजा को देख मुस्कुराते हुवे - आपको और कोई काम नही है बिया बीवी के बीच टांग अराने के अलावा
पूजा अभय को देख मुस्कुराते हुवे - सही कहा कोई काम नही है
दिशा तो अपनी हसी रोके जा रही थी सब देख
अभय पूजा को एकदम से कस के बाहों मे भर लेता है पूजा डरते हुवे - नही जीजा जी नही दीदी बचाओ मुझे

अभय अब सजा मिलेगी -अभय तेज तेज चाता पूजा के बरे गोल मटोल गांड मे मारने लगता है पूजा दर्द से रोने वाली आवाज मे मर गई दीदी बचाओ जीजा से मा जोर से लगी - चार चाता जोर से मारने के बाद अभय छोर देता है
पूजा अपनी गांड सेहलाते हुवे आखो मे आसु लेके अभय को देख रोने वाली आवाज मे - आप बहोत गंदे है जीजा मे आपसे बात नही करुगी ( पूजा दिशा को देख) दीदी आप ने भी मुझे नही बचाया आपसे भी बात नही करुगी
पूजा रूठ कर चली जाती है
दिशा अभय को देख - रुला दिया ना बेचारी को
अभय दिशा को देख मुस्कुराते हुवे - तुम चिंता मत करो जब मे आऊगा तो साली जी को मना लुगा
दिशा मुस्कुराते हुवे - तब ठीक है
अभय दिशा के माथे पे किस करते हुवे - अब मुझे जाना चाहिये
दिशा - जी
अभय बाइक पे बैठ निकल परता है दिशा अभय को जाते देख मन मे - मेरी किस्मत उपर वाले की दुवा ही है की आप मुझे पति के रूप मे मिले
दिशा फिर घर चली आती है
अभय तेज बाइक चलाते हुवे काजल से बाते करते हुवे घर पहुँच जाता है अभय बाइक चला के नीचे उतर दरवाजे की तरफ देखता है तो काजल दिखाई देती है आते हुवे काजल सारी मे आज कुछ ज्यादा ही खूबसूरत लग रही थी अभय काजल को देखता ही रहता है
काजल अभय के पास आते मुस्कुराते हुवे - क्या देख रहा है
अभय काजल को देख - आपकी खूबसूरती को
काजल शर्मा के - चल अंदर
अभय - हा
अभय अंदर जाता है तो ममता दिखाई देती है अभय जाके कैसी है भाभी
ममता अभय को देख मुस्कुराते हुवे - अच्छी हु तो आ गये बुवा को लेने
अभय मुस्कुराते हुवे - बुआ ने कहा तो आना ही पता मेरी भतीजी कैसी है
ममता - बहोत अच्छी है
काजल - बेटा फरेस् होजा फिर खाना खाने के बाद बाते करेगे
अभय - जी बुआ
अभय फरेस् होता है खाना खाता है और ममता के साथ बैठ बाते करने लगता है
अभय - भाभी आप इतनी खूबसूरत है भइया तो खूब प्यार देते होगे
ममता सर्म से - आप भी ना देवर जी
अभय हस्ते हुवे - थोरा प्यार अपने देवर को भी देना चाहिये
ममता अभय को देख मुस्कुराते हुवे - अच्छा जी
अभय मुस्कुराते हुवे - हा जी
ममता हस्ते हुवे - नही मिलेगा आपके भाई का है सब
अभय ममता से सत् के - एक किस भी नही
ममता अभय को देख सर्म से - बस एक किस
अभय खुश होते हुवे - लेकिन गीली वाली
ममता हस्ते हुवे - ठीक है
अभय ममता के चेहरे को पकर आखो मे देख - आप बहोत खूबसूरत है भाभी
अभय फिर अपना होठ ममता की तरफ ने जाने लगता है ममता का दिन तेज धक धक करना सुरु कर देता है सासे तेज हो जाती है
अभय ममता के होठ मे मे लेके चूसने लगता है ममता को एकदम से करेंट लगता है एक अलग एहसास फिल होगा है ममता मुह खोल देती है अभय ममता के जिब मुह मे लेके चूसने लगता है ममता भी अभय के जिब लेके चूसने लगती है

ममता मन मे - उफ ये अलग एहसास कैसा देवर जी तो मेरे जिब को चूस कर पिये जा रहे है लेकिन मुझे भी मजा आ रहा है एक अगल मजा ( अभय सब से अगल स्वाद है भाभी के होठ के रस का एहसास भी अगल है जो भी है बहोत अच्छा लग रहा है 2 मिनट बाद
ममता सर्म से पानी पानी हो चुकी थी
अभय ममता को देख - थैंक्स भाई बहोत मिठा रस है आपका
ममता और शर्मा जाती है - कोई बात नही देवर जी
अभय - अच्छा भाभी मे बुआ से बात कर लेता हु
ममता सर्म से - जी
अभय फिर कमरे से बाहर आ जाता है ममता अपने होठ को छूटे हुवे मन मे - पता नहीं कियु देवर जी को मना नही कर पाई
नोट - ममता को भी पता है अभय को सब किस देते है और अभय को किस बहोत पसंद है लेकिन गीली किस्सी का किसी को नही पता
अभय कमरे मे जाता है तो काजल लेती हुई थी अभय को देख मुस्कुराते हुवे -कर की बात भाभी से
अभय मुस्कुराते हुवे - हा किसी भी मिली
काजल - तेरा अलग ही चलता है
अभय काजल के ऊपर लेत जाता है पूरी तरीके से अभय साफ काजल की चुत की गर्मी अपने सीने मे दबे काजल के बरे टाइट चूचे फिल कर लेता है अभय काजल के चेहरे के पास अपना चेहरा कर
अभय - बुआ 10 दिन बहोत मुश्किल से इंतज़ार किया है अब मुझे मत तरसाईये
काजल अभय की आखो मे देख - ठीक है कर ले
काजल बिस्तर पकर रेडी हो जाती है पेहला गीली किस्सी के लिये काजल के अंदर एक तूफान मच जाता है सासे तेज लेते हुवे अभय को देख अपने गुलाबी होठ खोल देती है
अभय अपना होठ काजल के होठ से सता लेता है और मुह मे लेके चूसना सुरु करता है काजल को गिला गिला मेहसूस होता है जिसे फिल कर काजल के शरीर के करेंट दोर जाता है अभय फिर काजल के जिब को मुह मे लेके चूसने लगता है काजल अभय के नीचे लेती अभय को बाहों मे कस के कपड़े हुवे थे

काजल का मुह भी चलने लगता है काजल भी अभय के होठ जिब का रस चूस एक घुट जैसे ही पीती है काजल एक अलग दुनिया मे चली जाती है फिर तो काजल रुकती नही पुरे जोर से अभय के जिब चूस लार घट घट पीने लग जाती है

काजल किसी के जिब चूस पीने मे इतना मजा आता है आज पता चला दिल कर रहा है पीती रहु रुकु ना उफ ये कैसा एहसास मजा मिल रहा है मुझे - अभय काजल की चुत पे अपने लंड से दबाओ डालता है तो काजल की टांगे थोरि खुल जाती है अपने आप

अभय अपना लंड काजल की चुत पे धीरे धीरे उपर नीचे घिस रहा था साथ मे काज के होठो का रस भी पी रहा था - अभय मन मे बुआ की चुत की गर्मी बहोत है उफ उपर से बुवा के रस के स्वाद का कोई जवाब नही ( दोनो बुआ भतीजे बजे से 2 मिनट तक एक दूसरे का रस पीने के बाद होठ अलग करते है
काजल सर्म से आखे बंद किये तेज तेज सासे लेते हुवे किस का मजा जो मिला उसे फिल करने लगती है
अभय काजल को देखता है फिर धीरे से कान मे - कैसा लगा
काजल तेज सासे लेके सर्म से - अलग बहोत मिठा
अभय - मुझे भी आपके होठो का रस सब से अच्छा मिठा लगा
काजल सर्म से - सच
अभय काजल के गर्दन के किस करते हुवे - सच
काजल सिसकते हुवे - आह
अभय काजल के ऊपर से उठ जाता है काजल अपनी आखे खोल उठ कर बैठ जाती है लेकिन अभय से नजरे मिलाने मे बहोत सर्म आ रही थी
साम 3 बजे
काजल अभय खेत घूमने आते है बाते करते हुवे खेत मे घूम नजरे का मजा ले रहे थे अभय काजल का हाथ पकर चल रहा था काजल भी
अभय चारों तरफ देखता है कोई नही था पास मे तो अभय काजल को पीछे से पकर बहोत मे गर्दन पे किस करने लगता है काजल सिसकते हुवे - आह अभय बेटा मत कर कोई देख लेगा

अभय काजल के गर्दन गाल पे किस करते हुवे अपना लंड पीछे से काजल के बरे गांड मे दबाते हुवे - कोई नही है बुआ उफ

अभय फिर काजल को खेत मे लेता है काजल के ऊपर आके गर्दन पे किस करने लगता है काजल - उफ आह अभय बेटा रुक जा मत कर

अभय नही रुकता काजल के गर्दन पे किस करते हुवे काजल के चूचे के दरार के बीच किस करते हुवे काजल के पेट मे किस करता है तो काजल अपनी कमर उठा के सिसकते हुवे - आह उफ रुक जा बेटा
अभय रोक जाता है और मन मे - ये मे क्या कर रहा था
काजल जल्दी से उठ सारी सीने पे डाल सही कर अभय को देखती है और बिना बोले घर जाने लगती है अभय भी पीछे पीछे चलते हुवे मन मे - बस यही मेरी बुरी आदत है कब क्या कर बैठता हु मुझे बाद मे एहसास होगा बुआ गुस्सा है अब क्या करू
रात 10 बजे
खाना खाने सब बैठे हुवे थे अभय फूफा भाई से बात करता है बात ये होती है काजल सुबह अभय के साथ जायेगी बाकी सब सादी के 2 दिन पहले आयेगें बाते करते करते खाना हो जाता है फिर कुछ देर बाते कर सब अपने कमरे मे चले जाते है
अभय अपने कमरे मे आके नाइट सूट पेहन लेत जाता है
अभय मन मे - बुआ नाराज हो गई कियु किया मेने
काजल पीछे बिस्तर पे लेती हुई थी 10 मिनट बाद काजल अभय को फोन कर पीछे बुलाती है अभय पीछे काजल बुआ के पास आके लेत जाता है
अभय काजल को देख - आप गुस्सा है ना खेत मे जो क्या
काजल अभय की तरफ देख - हा कोई देख लेता तो
अभय मन मे - अच्छा इस लिये गुस्सा है मुझे लगा
अभय काजल के ऊपर आके आखो मे देख - कोई नही था इसी लिये तो क्या
काजल अभय को देख सर्म से - हु
अभय - किस्सी करू गीली वाली
काजल अपना होठ खोल देती है अभय समझ जाता है
अभय फिर काजल को किस करना सुरु करना फिर उसी के साथ काजल की चुत पे लंड घिसने लगता है अभय सॉक हो जाता है कियुंकी काजल ने नाइटी पहनी थी अंदर कुछ नही पेहना था इस लिये अभय को काजल की पूरी चुत की फाके गर्मी साफ फिल हो रही थी

अभय किस करते हुवे धीरे धीरे लंड काजल की चुत मे दबाने लगता है काजल अपनी टांगे पूरी खुल फैला देती है अब तो अभय हैरान के साथ अच्छे से काजल की चुत फिल कर पा रहा था किस करने के बाद
अभय काजल को देख - थैंक्स मेरी सेक्सी बुआ
काजल सर्म से - कोई बात नही

अभय काजल के ऊपर लेत जाता है और अपना सर काजल के चूचे पे रख देता है और काजल की बॉडी चुत चूचे की गर्मी का मजा लेने लगता है
काजल अभय को बाहों मे पकर - एक बात पूछूँ
अभय - हा पूछीये ना
काजल - जब तु कैद से आया लेकिन कुछ दिन मे ही तेरे दिशा के बीच सब कैसे हुवा
. काजल की बात सुन अभय काजल को देखते हुवे - जानता है
काजल सर्म से - हा
अभय अपना दबाओ काजल की चुत पे फिर डालते हुवे - जब मे भाभी को लेकर गया उसी साम भाभी को कमरे मे कपड़े बदलते नँगा देख लिया
काजल हैरान सर्म से - क्या
अभय - हा पहली बार था तो सब हो गया
काजल सर्म से मन मे- मेने पूछा ही कियु
अभय काजल के कान मे धीरे से - बहोत मजा आया था
काजल तेज सासे लेते हुवे सर्म से -ऐसी बाते मत कर मारुगी
अभय मुस्कुराते हुवे धीरे से - बुआ एक बात कहु
काजल - हा
अभय कान मे - बुआ बाइक पे जब आप सत् कर बैठी थी तो मुझे आपका वो फिल हो रहा था तो मजा बहोत आया था
काजल हैरान सर्म से लाल सासे तेज - क्या फिल हो रहा था
अभय धीरे से - आपके बरे मुलायम गोल मटोल दूध
काजल सॉक अभय से थोरा गुस्से मे - ये ज्यादा नही हो गया उतर मेरे उपर से जल्दी
अभय समझ जाता है उससे जायदा ही आगे की बात केह दी अभय डर जाता है और काजल के ऊपर से साइड मे लेत जाता है
2 मिनट तक दोनो आसंमान को देखते रहते है
अभय दुखी आवाज मे - बुआ माफ कर दो वो मुझे जो अच्छा लगा फिल क्या बोल दिया सायद मुझे नही केहना चाहिये था
काजल अभय को एक नजर देखती है फिर आसमान को देखते हुवे - कोई बात नही
अभय खरा होते हुवे - ठीक है बुआ मे कमरे मे जाके सो जाता हु
काजल हैरान उठ कर बैठ अभय को देख - कियु जा रहा है मेरे साथ नही सोयेगा फोन पे तो बोलता था बुआ आयुगा तो बाहों मे लेके रात भर सोयुगा
अभय काजल को देखता है फिर बिस्तर पे लेत जाता काजल भी लेत जाती है और अभय की तरफ पलट जाती है अभय भी काजल की तरफ लेत काजल को देखने लगता है
काजल - दूर कियु है पास आ ना नाराज है क्या
अभय काजल के एकदम पास आके सत् जाता है
काजल अभय को देखती है अभय काजल को
अभय काजल की आखो मे देख - माफ करना हुआ आगे से ध्यान रखुंगा
काजल - एक बात बता इसी लिये तूने मुझे सूट सलवार पहने के लिये बोला था
अभय काजल से पूरा साथ बाहों मे लेके - हा बोला भी तो था साफ
काजल अभय को देखती है फिर पिट के बल लेत - आजा
इतना सुनते ही अभय तेजी से काजल के ऊपर आके काजल को प्यार से देखने लगता है
काजल मुस्कुराते हुवे - वाह कहते ही तेजी से उपर आ गया
अभय मुस्कुराते हुवे - कियुंकी आपके मुलायम गर्म बदन पे लेत मजा आता है
काजल सर्म से लाल - अच्छा लेकिन ये बता गोल मटोल क्या है
अभय धीरे से - गुस्सा करोगी आप
काजल - नही करुगी
अभय काजल की आखो मे देख - आपके बरे गोल मटोल चूचे
काजल सर्म से अभय को देख - तुझे कैसे पता गोल मटोल है
अभय धीरे से काजल की चुत पे दबाव बनाते हुवे - फिल क्या था जब आप पीछे बाइक पे सत् कर बैठी थी बहोत मुलायम बरे गोल मटोल टाइट लगे मुझे तो बहोत मजा आया
काजल की सासे तेज होने लगती है सर्म से पानी पानी हो जाती है
अभय धीरे से - काश मुझे देखने का मोक्का मिलता तो मेरी किस्मत ही खुल जाती
काजल अभय को देख - क्या खा तूने
अभय डर के मन मे - लग गये फिर उसी दिन की तरह मुह से निकल गया
अभय काजल को देख डरते हुवे - बुआ वो मे
काजल गुस्से से अभय को देख - सच बोल क्या कहा तूने
अभय काजल को देख नजरे नीचे कर सर्म से - काश एक बार देख पाता माफ करना बुआ जो सजा देगी है दे देदो
अभय काजल के ऊपर से उठने लगता है लेकिन काजल अभय को बाहों मे कस पकर लेती है अभय काजल को देखता है
काजल - कियु उठ रहा है मेरे उपर ही रेह मुझे अच्छा लग रहा है
अभय डरते हुवे - जी
काजल धीरे से - ठीक है दिखाउगी लेकिन वादा कर किसीको नहीं बतायेगा
अभय एकदम से हैरान खुश होके काजल को देख - सच्ची
काजल सर्म से - हा
अभय काजल के होठो पे किस करते हुवे - मेरी प्यारी बुआ
काजल सर्म से - हा अब प्यार कितना बिगर गया है तू
अभय काजल की आखो मे देख प्यार से - बुआ रहा नही जा रहा
काजल से लाल अभय को देखती है फिर नाइटी नीचे कर अपने दोनो चूचे बाहर निकाल अभय के सामने कर सर्म से आखे बंद कर लेती है

अभय आखे फार काजल के बरे गोल मटोल टाइट चूचे को देखता ही रेह जाता है काजल के चूचे सच मे बहोत बरे गोल मटोल टाइट खरे थे उपर काले खरे निपल और भी बवाल लग रहे थे ( अभय मन मे - उफ आज मे पहली बार अपनी मा की उमर की औरत के चूचे देख रहा हु
काजल सर्म से कापते हुवे - बेटा हो गया तो अंदर कर लू
अभय चूचे को लार चुवाते देखते हुवे - बुआ कसम से आपके चूचे बहोत खूबसूरत टाइट है इस उमर मे भी ( काजल अभय को देखती है और सर्म से - सच केह रहा है मेरे चूचे तुझे बहोत अच्छे खूबसूरत लगे
अभय काजल को देख - सच बुआ बहोत अच्छे खूबसूरत है आपके चूचे किया मे दबा सकता हु प्लेस
काजल सर्म से अभय को देखती है फिर - ठीक है थोरि देर
अभय खुश होते हुवे - जी
अभय फिर कापते हाथो से दोनो चूचे पकर जोर से दबाने लगता है काजल को एकदम से दर्द के साथ पुरे सरीर काप् जाती है काजल सिसकिया लेते हुवे बिस्तर को जोर से पकर - उफ बेटा धीरे दर्द हो रहा है आह :

अभय चूचे दबाते हुवे - बुआ आपके चूचे बहोत मुलायम और बरे है हाथ मे भी पूरा नही आ रहा पर दबाने मे बहोत मजा आ रहा है उफ अभय फिल करता है काजल के चूचे पुरे करक् हो गये है काजल को अजीब एहसास होता है कुछ अंदर मे हलचल तो काजल जल्दी से दोनो चूचे अंदर कर लेती है
काजल नजरे नीचे कर अभय को देख सर्म से - बेटा अब उपर से नीचे सो जा तू बहोत भारी है
अभय साइड मे लेत जाता है काजल बिस्तर से उठ सीधा पिसाब करने जाती है वही अभय अपने हाथ को देख मन मे - उफ कितने बरे टाइट है बुआ के चूचे अभी भी फिल हो रहा है जैसे मे उसके चूचे अभी भी पकरा हु और दबा रहा हु मुलायम सोफ्ट उफ दिल कर रहा था दबाते रहु
काजल थोरि देर बात आती है बिस्तर पे लेत जाती है अभय काजल को बाहों मे भर - सुक्रिया बुआ आप बहोत अच्छी है आई लोव यू
काजल भी अभय को बाहों मे भर - कोई बात नही लेकिन किसी को
अभय मुस्कुराते हुआ - नही बताऊगा
काजल सर्म से - वो कैसा लगा तुझे
अभय मुस्कुराते हुवे - बहोत मजा आया आपके चूचे तो मस्त है
काजल सर्म से - अच्छा अब सोते है
अभय - जी
दोनो एक दूसरे को बाहों मे भर सो जाते है
आरोही बंगलो
कमरे मे अमर अपनी छोटी बेहन आरोही के मजे लेने मे लगा हुआ था
आरोही टांगे फैलाये हुवे थी और अमर चुत मजे से चाट रहा था आरोही सिसकिया लेते हुवे बिस्तर को पकरे - भाई उफ आह बहोत अच्छा फिल हो रहा है ऐसे ही चूस कर रस पी जाओ अपनी छोटी बेहन की चुत का रस आह भाई बहोत मजा आ रहा है उफ

अमर अपनी बेहन की चुत को मुह मे लेके जिब से चाट कर पीते हुवे मन मे - उफ यार कितना अच्छा स्वाद है मेरी भी बेहन की चुत के रस का उफ मेरी किस्मत आह छोटी बेहन की गर्म चुत का रस ( आरोही कापते हुवे - भाई आने वाला है मेरा ( अमर तेज चुत चाटने चूसने लगता है आरोही बिस्तर जोर से पकर आह उफ्फ मा कापते हुवे गांड उठा के झरते हुवे निकल गया आह
अमर रस पीते हुवे - उफ मेरी छोटी बेहन ने गर्म रस निकाल दिया
अमर फिर आरोही की चुत पे लंड घिसते हुवे आरोही को देख - बेहना डाल दु अंदर
आरोही सिसकिया लेते हुवे नशे वाली आखो से - जल्दी डाल दो भाई
अमर जोर का धक्का मार पूरा लंड आरोही की चुत मे घुसा लेता है आरोही दर्द मे बिस्तर पकर रोते हुवे - बहोत दर्द हुआ भाई प्लेस धीरे डाला कीजिये आह मा मर गई
अमर तेज धक्का मारते हुवे - उफ बेहना तेरी गर्म चुत मे मेरा लंड जाता है तो तो मे कही खो जाता हु उफ ये मजा बेहन कि चुत मारने का

आरोही बिस्तर पे लेती आखो मे आसु लिये आह उफ्फ भाई धीरे करो भाई दर्द हो रहा है आह मत करो ना तेज धीरे अंदर डालो ना ( अमर धक्का मारते हुवे छोटी तेज मारुंगा तो मजा आयेगा और तेरी चुत से पानी जल्दी निकलने :12 मिनट बाद आरोही फिर बिस्तर जोर से पकर भाई फिर निकलने वाला है माइ रे आ गया निकल गया आरोही गांड उठा के कापते हुवे झर जाती है आरोही उफ निकल गया पानी भाई अपने अपनी छोटी बेहन की चुत से पानी निकाल दिया अभय भी एक जोर का धक्का मार झर जाता है आरोही दर्द मे रो परती है
अमर फिर आरोही को बाहों मे लेके - मजा आया
आरोही आसु साफ करते हुवे मुस्कुरा के - बहोत मजा आया भाई
आज के लिये इतना ही


