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Incest तू लौट के आजा मेरे लाल

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Hum hai rahi pyar ke
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chapter 30

सुबह आसा अभय को उठाती है पप्पी किसी होती है

अभय आसा को देख - रोज की तरह खूबसूरत प्यारी हॉट लग रही हो डार्लिंग मा

आसा मुस्कुराते हुवे - मेरा लाला मेरी तारीफ करे इसी लिये तो मे सजदी हु


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अभय आसा को बाहों मे कस आसा को प्यार से देख धीरे से - और मे ही हमेसा देखुंग कियुंकी आप मेरी है
आसा अभय के आखो मे देख प्यार से धीरे से - हा मेरी लाला की हु

अभय मुस्कुराते हुवे - आई लोव मा
आसा - आई लोव यू तु मेरे लाल

अभय फिर अदिति के कमरे मे आता है अदिति को उठाता है अदिति अंगराई लेके उठ अभय को प्यार से देख - गुड मोर्निंग भाई

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अभय अदिति के होठो पे किस करते हुवे -गुड मोर्निंग गुरिया
अदिति मुस्कुराते हुवे - अब तो मेरा रोज गुड मोर्निंग अच्छा होगा
अभय मुस्कुराते हुवे - वो कैसे पहले नही होता था क्या
अदिति मुस्कुराते हुवे - होता था लेकिन अब भाई कि किस्सी जो मिलती है होठो पे
अभय मुस्कुराते हुवे - शैतान चल

अभय फिर हल्का होके जोगिंग करते हुवे मिनिता के घर आता है अंदर जाते ही कोमल को देख - गुड मोनिंग बंदरिया

कोमल अभय को देख - आ गया बंदर देख बंदरिया केहना बंद कर मुझे कही मेरा सतक गया तो तेरे लिये अच्छा नही होगा

अभय कोमल के पास आके नीचे झुक गाल पे किस करते हुवे - गुस्से मे तुम और खूबसूरत लगती है

कोमल सर्म से लाल हो जाती है कोमल को अभय की तारीफ बहोत अच्छी लगती है

तभी अभय की नजर दरवाजे पे खरी मिनिता पे जाती है मिनिता सेक्सी अंदाज़ मे खरी लाल लिबिस्टिक लगाये नसीली अदा के साथ अभय को देख इसारे से बुलाती है

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अभय मिनिता को उपर से नीचे देखता है और अभय की नजर मिनिता के कमर गहरी ढोरी पे ठीक जाती है जिसे देख अभय के अंदर तूफान उठ जाता है मिनिता की ये अदा किसी को ख्याल कर दे

अभय मुस्कुराते हुवे मिनिता की तरफ जाने लगता है मिनिता कमरे मे आके बिस्तर पे बैठ जाती है अभय मिनिता के पास आता है और बिना देरी किये मिनिता को पकर बिस्तर पे लेता के मिनिता के ऊपर आ जाता है और मिनिता की आखो मे देखने लगता है

अभय - आपकी अदा और आपकी कयामत बॉडी कमर गहरी ढोरी देख मुझे कुछ होने लगता है ऐसे सब मत दिखाया कीजिये नही तो कुछ कर दुगा और आपको लेने के देने पर जायेंगे

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मिनिता अभय की आखो मे देख सर्म से - अच्छा जी क्या कर लोगे
अभय - करने को बहोत कुछ कर सकता हु लेकिन कर नही सकता कियुंकी लाइसेंस मेरे पास नही है
मिनिता सर्म से - अच्छा जी और जो गीली किस्सी करता है उसका लाइसेंस है तेरे पास

अभय मुस्कुराते हुवे - आपने दी है तो हा है आगे का लाइसेंस अगर आप दे दे तो आगे भी बहोत कुछ हो सकता है

मिनिता सर्म से अभय की आखो मे देख - एक गारी का लाइसेंस सिर्फ एक इंसान को मिल सकता है
अभय मिनिता के कान मे धीरे से -लेकिन उस गारी को दूसरा चला सकता है बिना लाइनेंस के
मिनिता तेज सासे लेके - लेकिन उसमे खतरा बहोत है पकरे गये तो
अभय धीरे से - हा ये बात तो है लेकिन मजा भी तो आता है

मिनिता हस्ते हुवे - बहोत हो गई बात चलो मेरे उपर से उठो
अभय - मेरी किस्सी
मिनिता अभय को देख सर्म से अपना जिब बाहर निकाल देती है अभय ये देख जोस मे आ जाता है और मिनिता के जिब मुह मे लेके चूसने लगता है मिनिता भी अभय को बाहों मे पकर लेती है

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दोनो पागलो की तरह एक दूसरे का जिब होठ मुह मे लेके पीने लगते है 2 मिनट तक चलाता है फिर दोनो के होठ अलग होके है

मिनिता सर्म से नजरे नीचे किये हुई थी

अभय मिनिता के गर्दन पे किस करने लगता है मिनिता एकदम से सिसक् परती है अभय मिनिता के गर्दन पे किस करते हुवे गालो पे करता रहता है

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मिनिता मचल उठती हो ये एहसास अपने गर्दन पे होठो का गिला मिनिता को तरपा रहा था मिनिता के अंदर हलचल पैदा कर रहा था तभी मिनिता तेज सासे लेते हुवे बिस्तर पे उठ जाती है अभय को हटा के

अभय - माफ करना ऑन्टी वो मे
मिनिता सारी बाल सही करते हुवे - कोई बात नही चलो बाहर चलते है

दोनो बाहर आते है अभय थोरि बाते करता है फिर घर आके नहा कर रेडी होता है फिर खाना खाता है

सुबह के 10 बजे

आसा - ठीक से जाना समझ गया बाइक तेज मत चलाना
अभय आसा के होठो पे किस करते हुवे - समझ गया मा
अदिति - भाई फिर अब कल ही आओगे ना
अभय अदिति को बाहों मे लेके आखो मे देख - गुरिया हा सुबह आ जाउंगा
अदिति अभय के होठो पे किस करते हुवे - अब ठीक है
अभय आसा मुस्कुरा देते है

अभय - ठीक है मा गुरिया चलता हु

अभय फिर बैग लेके बाइक पे बैठ निकल परता है अभय दिशा के पास आता है यानी दिशा के घर से थोरि दूर दिशा को बुलाता है


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दिशा आती है अभय दिशा को बाहों मे भर किस करना सुरु कर देता है दिशा हैरान लेकिन फिर अभय का साथ देती है किस करने के बाद

दिशा सर्म से - आते ही सुरु अगर खुली जगह ना होती तो आप पता नही और क्या करते

अभय दिशा के गांड को दबाते हुवे - सही कहा लेकिन अभी भी मे बहोत कुछ कर सकता हु

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दिशा सिसकते हुवे - आह इतने जोर से कियु दबा रहे है दर्द हो रहा है
अभय गांड दबाते हुवे - बहोत बरे मुलायम गर्म है मजा आ रहा है
दिशा - सर्म कीजिये कोई देख लेगा
अभय - कोई नही देखेगा

तबी ठरकी जीजा कैसे है आप

बस अभय का गुस्सा हाई इसकी मा का

दिशा गुस्से से अभय को देख - क्या कहा
अभय डरते हुवे - कुछ नही

पूजा अभय के पास आते हुवे - सादी तक रुका भी नही जाता आपको
अभय पूजा को देख मुस्कुराते हुवे - आपको और कोई काम नही है बिया बीवी के बीच टांग अराने के अलावा

पूजा अभय को देख मुस्कुराते हुवे - सही कहा कोई काम नही है
दिशा तो अपनी हसी रोके जा रही थी सब देख
अभय पूजा को एकदम से कस के बाहों मे भर लेता है पूजा डरते हुवे - नही जीजा जी नही दीदी बचाओ मुझे

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अभय अब सजा मिलेगी -अभय तेज तेज चाता पूजा के बरे गोल मटोल गांड मे मारने लगता है पूजा दर्द से रोने वाली आवाज मे मर गई दीदी बचाओ जीजा से मा जोर से लगी - चार चाता जोर से मारने के बाद अभय छोर देता है

पूजा अपनी गांड सेहलाते हुवे आखो मे आसु लेके अभय को देख रोने वाली आवाज मे - आप बहोत गंदे है जीजा मे आपसे बात नही करुगी ( पूजा दिशा को देख) दीदी आप ने भी मुझे नही बचाया आपसे भी बात नही करुगी

पूजा रूठ कर चली जाती है

दिशा अभय को देख - रुला दिया ना बेचारी को
अभय दिशा को देख मुस्कुराते हुवे - तुम चिंता मत करो जब मे आऊगा तो साली जी को मना लुगा
दिशा मुस्कुराते हुवे - तब ठीक है

अभय दिशा के माथे पे किस करते हुवे - अब मुझे जाना चाहिये
दिशा - जी

अभय बाइक पे बैठ निकल परता है दिशा अभय को जाते देख मन मे - मेरी किस्मत उपर वाले की दुवा ही है की आप मुझे पति के रूप मे मिले

दिशा फिर घर चली आती है


अभय तेज बाइक चलाते हुवे काजल से बाते करते हुवे घर पहुँच जाता है अभय बाइक चला के नीचे उतर दरवाजे की तरफ देखता है तो काजल दिखाई देती है आते हुवे काजल सारी मे आज कुछ ज्यादा ही खूबसूरत लग रही थी अभय काजल को देखता ही रहता है

काजल अभय के पास आते मुस्कुराते हुवे - क्या देख रहा है
अभय काजल को देख - आपकी खूबसूरती को
काजल शर्मा के - चल अंदर
अभय - हा

अभय अंदर जाता है तो ममता दिखाई देती है अभय जाके कैसी है भाभी

ममता अभय को देख मुस्कुराते हुवे - अच्छी हु तो आ गये बुवा को लेने
अभय मुस्कुराते हुवे - बुआ ने कहा तो आना ही पता मेरी भतीजी कैसी है

ममता - बहोत अच्छी है
काजल - बेटा फरेस् होजा फिर खाना खाने के बाद बाते करेगे
अभय - जी बुआ

अभय फरेस् होता है खाना खाता है और ममता के साथ बैठ बाते करने लगता है

अभय - भाभी आप इतनी खूबसूरत है भइया तो खूब प्यार देते होगे
ममता सर्म से - आप भी ना देवर जी
अभय हस्ते हुवे - थोरा प्यार अपने देवर को भी देना चाहिये
ममता अभय को देख मुस्कुराते हुवे - अच्छा जी
अभय मुस्कुराते हुवे - हा जी
ममता हस्ते हुवे - नही मिलेगा आपके भाई का है सब
अभय ममता से सत् के - एक किस भी नही
ममता अभय को देख सर्म से - बस एक किस
अभय खुश होते हुवे - लेकिन गीली वाली
ममता हस्ते हुवे - ठीक है

अभय ममता के चेहरे को पकर आखो मे देख - आप बहोत खूबसूरत है भाभी
अभय फिर अपना होठ ममता की तरफ ने जाने लगता है ममता का दिन तेज धक धक करना सुरु कर देता है सासे तेज हो जाती है

अभय ममता के होठ मे मे लेके चूसने लगता है ममता को एकदम से करेंट लगता है एक अलग एहसास फिल होगा है ममता मुह खोल देती है अभय ममता के जिब मुह मे लेके चूसने लगता है ममता भी अभय के जिब लेके चूसने लगती है

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ममता मन मे - उफ ये अलग एहसास कैसा देवर जी तो मेरे जिब को चूस कर पिये जा रहे है लेकिन मुझे भी मजा आ रहा है एक अगल मजा ( अभय सब से अगल स्वाद है भाभी के होठ के रस का एहसास भी अगल है जो भी है बहोत अच्छा लग रहा है 2 मिनट बाद

ममता सर्म से पानी पानी हो चुकी थी

अभय ममता को देख - थैंक्स भाई बहोत मिठा रस है आपका
ममता और शर्मा जाती है - कोई बात नही देवर जी
अभय - अच्छा भाभी मे बुआ से बात कर लेता हु
ममता सर्म से - जी

अभय फिर कमरे से बाहर आ जाता है ममता अपने होठ को छूटे हुवे मन मे - पता नहीं कियु देवर जी को मना नही कर पाई

नोट - ममता को भी पता है अभय को सब किस देते है और अभय को किस बहोत पसंद है लेकिन गीली किस्सी का किसी को नही पता

अभय कमरे मे जाता है तो काजल लेती हुई थी अभय को देख मुस्कुराते हुवे -कर की बात भाभी से
अभय मुस्कुराते हुवे - हा किसी भी मिली
काजल - तेरा अलग ही चलता है

अभय काजल के ऊपर लेत जाता है पूरी तरीके से अभय साफ काजल की चुत की गर्मी अपने सीने मे दबे काजल के बरे टाइट चूचे फिल कर लेता है अभय काजल के चेहरे के पास अपना चेहरा कर

अभय - बुआ 10 दिन बहोत मुश्किल से इंतज़ार किया है अब मुझे मत तरसाईये
काजल अभय की आखो मे देख - ठीक है कर ले

काजल बिस्तर पकर रेडी हो जाती है पेहला गीली किस्सी के लिये काजल के अंदर एक तूफान मच जाता है सासे तेज लेते हुवे अभय को देख अपने गुलाबी होठ खोल देती है

अभय अपना होठ काजल के होठ से सता लेता है और मुह मे लेके चूसना सुरु करता है काजल को गिला गिला मेहसूस होता है जिसे फिल कर काजल के शरीर के करेंट दोर जाता है अभय फिर काजल के जिब को मुह मे लेके चूसने लगता है काजल अभय के नीचे लेती अभय को बाहों मे कस के कपड़े हुवे थे

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काजल का मुह भी चलने लगता है काजल भी अभय के होठ जिब का रस चूस एक घुट जैसे ही पीती है काजल एक अलग दुनिया मे चली जाती है फिर तो काजल रुकती नही पुरे जोर से अभय के जिब चूस लार घट घट पीने लग जाती है

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काजल किसी के जिब चूस पीने मे इतना मजा आता है आज पता चला दिल कर रहा है पीती रहु रुकु ना उफ ये कैसा एहसास मजा मिल रहा है मुझे - अभय काजल की चुत पे अपने लंड से दबाओ डालता है तो काजल की टांगे थोरि खुल जाती है अपने आप

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अभय अपना लंड काजल की चुत पे धीरे धीरे उपर नीचे घिस रहा था साथ मे काज के होठो का रस भी पी रहा था - अभय मन मे बुआ की चुत की गर्मी बहोत है उफ उपर से बुवा के रस के स्वाद का कोई जवाब नही ( दोनो बुआ भतीजे बजे से 2 मिनट तक एक दूसरे का रस पीने के बाद होठ अलग करते है

काजल सर्म से आखे बंद किये तेज तेज सासे लेते हुवे किस का मजा जो मिला उसे फिल करने लगती है

अभय काजल को देखता है फिर धीरे से कान मे - कैसा लगा
काजल तेज सासे लेके सर्म से - अलग बहोत मिठा
अभय - मुझे भी आपके होठो का रस सब से अच्छा मिठा लगा
काजल सर्म से - सच
अभय काजल के गर्दन के किस करते हुवे - सच
काजल सिसकते हुवे - आह

अभय काजल के ऊपर से उठ जाता है काजल अपनी आखे खोल उठ कर बैठ जाती है लेकिन अभय से नजरे मिलाने मे बहोत सर्म आ रही थी


साम 3 बजे

काजल अभय खेत घूमने आते है बाते करते हुवे खेत मे घूम नजरे का मजा ले रहे थे अभय काजल का हाथ पकर चल रहा था काजल भी

अभय चारों तरफ देखता है कोई नही था पास मे तो अभय काजल को पीछे से पकर बहोत मे गर्दन पे किस करने लगता है काजल सिसकते हुवे - आह अभय बेटा मत कर कोई देख लेगा


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अभय काजल के गर्दन गाल पे किस करते हुवे अपना लंड पीछे से काजल के बरे गांड मे दबाते हुवे - कोई नही है बुआ उफ

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अभय फिर काजल को खेत मे लेता है काजल के ऊपर आके गर्दन पे किस करने लगता है काजल - उफ आह अभय बेटा रुक जा मत कर

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अभय नही रुकता काजल के गर्दन पे किस करते हुवे काजल के चूचे के दरार के बीच किस करते हुवे काजल के पेट मे किस करता है तो काजल अपनी कमर उठा के सिसकते हुवे - आह उफ रुक जा बेटा


अभय रोक जाता है और मन मे - ये मे क्या कर रहा था
काजल जल्दी से उठ सारी सीने पे डाल सही कर अभय को देखती है और बिना बोले घर जाने लगती है अभय भी पीछे पीछे चलते हुवे मन मे - बस यही मेरी बुरी आदत है कब क्या कर बैठता हु मुझे बाद मे एहसास होगा बुआ गुस्सा है अब क्या करू


रात 10 बजे

खाना खाने सब बैठे हुवे थे अभय फूफा भाई से बात करता है बात ये होती है काजल सुबह अभय के साथ जायेगी बाकी सब सादी के 2 दिन पहले आयेगें बाते करते करते खाना हो जाता है फिर कुछ देर बाते कर सब अपने कमरे मे चले जाते है

अभय अपने कमरे मे आके नाइट सूट पेहन लेत जाता है

अभय मन मे - बुआ नाराज हो गई कियु किया मेने

काजल पीछे बिस्तर पे लेती हुई थी 10 मिनट बाद काजल अभय को फोन कर पीछे बुलाती है अभय पीछे काजल बुआ के पास आके लेत जाता है

अभय काजल को देख - आप गुस्सा है ना खेत मे जो क्या
काजल अभय की तरफ देख - हा कोई देख लेता तो
अभय मन मे - अच्छा इस लिये गुस्सा है मुझे लगा

अभय काजल के ऊपर आके आखो मे देख - कोई नही था इसी लिये तो क्या
काजल अभय को देख सर्म से - हु

अभय - किस्सी करू गीली वाली
काजल अपना होठ खोल देती है अभय समझ जाता है

अभय फिर काजल को किस करना सुरु करना फिर उसी के साथ काजल की चुत पे लंड घिसने लगता है अभय सॉक हो जाता है कियुंकी काजल ने नाइटी पहनी थी अंदर कुछ नही पेहना था इस लिये अभय को काजल की पूरी चुत की फाके गर्मी साफ फिल हो रही थी

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अभय किस करते हुवे धीरे धीरे लंड काजल की चुत मे दबाने लगता है काजल अपनी टांगे पूरी खुल फैला देती है अब तो अभय हैरान के साथ अच्छे से काजल की चुत फिल कर पा रहा था किस करने के बाद

अभय काजल को देख - थैंक्स मेरी सेक्सी बुआ
काजल सर्म से - कोई बात नही

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अभय काजल के ऊपर लेत जाता है और अपना सर काजल के चूचे पे रख देता है और काजल की बॉडी चुत चूचे की गर्मी का मजा लेने लगता है

काजल अभय को बाहों मे पकर - एक बात पूछूँ
अभय - हा पूछीये ना
काजल - जब तु कैद से आया लेकिन कुछ दिन मे ही तेरे दिशा के बीच सब कैसे हुवा
. काजल की बात सुन अभय काजल को देखते हुवे - जानता है
काजल सर्म से - हा
अभय अपना दबाओ काजल की चुत पे फिर डालते हुवे - जब मे भाभी को लेकर गया उसी साम भाभी को कमरे मे कपड़े बदलते नँगा देख लिया

काजल हैरान सर्म से - क्या
अभय - हा पहली बार था तो सब हो गया
काजल सर्म से मन मे- मेने पूछा ही कियु
अभय काजल के कान मे धीरे से - बहोत मजा आया था
काजल तेज सासे लेते हुवे सर्म से -ऐसी बाते मत कर मारुगी
अभय मुस्कुराते हुवे धीरे से - बुआ एक बात कहु
काजल - हा
अभय कान मे - बुआ बाइक पे जब आप सत् कर बैठी थी तो मुझे आपका वो फिल हो रहा था तो मजा बहोत आया था
काजल हैरान सर्म से लाल सासे तेज - क्या फिल हो रहा था
अभय धीरे से - आपके बरे मुलायम गोल मटोल दूध
काजल सॉक अभय से थोरा गुस्से मे - ये ज्यादा नही हो गया उतर मेरे उपर से जल्दी

अभय समझ जाता है उससे जायदा ही आगे की बात केह दी अभय डर जाता है और काजल के ऊपर से साइड मे लेत जाता है

2 मिनट तक दोनो आसंमान को देखते रहते है

अभय दुखी आवाज मे - बुआ माफ कर दो वो मुझे जो अच्छा लगा फिल क्या बोल दिया सायद मुझे नही केहना चाहिये था

काजल अभय को एक नजर देखती है फिर आसमान को देखते हुवे - कोई बात नही

अभय खरा होते हुवे - ठीक है बुआ मे कमरे मे जाके सो जाता हु
काजल हैरान उठ कर बैठ अभय को देख - कियु जा रहा है मेरे साथ नही सोयेगा फोन पे तो बोलता था बुआ आयुगा तो बाहों मे लेके रात भर सोयुगा
अभय काजल को देखता है फिर बिस्तर पे लेत जाता काजल भी लेत जाती है और अभय की तरफ पलट जाती है अभय भी काजल की तरफ लेत काजल को देखने लगता है

काजल - दूर कियु है पास आ ना नाराज है क्या
अभय काजल के एकदम पास आके सत् जाता है
काजल अभय को देखती है अभय काजल को
अभय काजल की आखो मे देख - माफ करना हुआ आगे से ध्यान रखुंगा

काजल - एक बात बता इसी लिये तूने मुझे सूट सलवार पहने के लिये बोला था

अभय काजल से पूरा साथ बाहों मे लेके - हा बोला भी तो था साफ

काजल अभय को देखती है फिर पिट के बल लेत - आजा
इतना सुनते ही अभय तेजी से काजल के ऊपर आके काजल को प्यार से देखने लगता है

काजल मुस्कुराते हुवे - वाह कहते ही तेजी से उपर आ गया
अभय मुस्कुराते हुवे - कियुंकी आपके मुलायम गर्म बदन पे लेत मजा आता है
काजल सर्म से लाल - अच्छा लेकिन ये बता गोल मटोल क्या है
अभय धीरे से - गुस्सा करोगी आप
काजल - नही करुगी
अभय काजल की आखो मे देख - आपके बरे गोल मटोल चूचे
काजल सर्म से अभय को देख - तुझे कैसे पता गोल मटोल है
अभय धीरे से काजल की चुत पे दबाव बनाते हुवे - फिल क्या था जब आप पीछे बाइक पे सत् कर बैठी थी बहोत मुलायम बरे गोल मटोल टाइट लगे मुझे तो बहोत मजा आया

काजल की सासे तेज होने लगती है सर्म से पानी पानी हो जाती है

अभय धीरे से - काश मुझे देखने का मोक्का मिलता तो मेरी किस्मत ही खुल जाती

काजल अभय को देख - क्या खा तूने
अभय डर के मन मे - लग गये फिर उसी दिन की तरह मुह से निकल गया
अभय काजल को देख डरते हुवे - बुआ वो मे
काजल गुस्से से अभय को देख - सच बोल क्या कहा तूने
अभय काजल को देख नजरे नीचे कर सर्म से - काश एक बार देख पाता माफ करना बुआ जो सजा देगी है दे देदो

अभय काजल के ऊपर से उठने लगता है लेकिन काजल अभय को बाहों मे कस पकर लेती है अभय काजल को देखता है

काजल - कियु उठ रहा है मेरे उपर ही रेह मुझे अच्छा लग रहा है
अभय डरते हुवे - जी
काजल धीरे से - ठीक है दिखाउगी लेकिन वादा कर किसीको नहीं बतायेगा
अभय एकदम से हैरान खुश होके काजल को देख - सच्ची
काजल सर्म से - हा
अभय काजल के होठो पे किस करते हुवे - मेरी प्यारी बुआ
काजल सर्म से - हा अब प्यार कितना बिगर गया है तू
अभय काजल की आखो मे देख प्यार से - बुआ रहा नही जा रहा
काजल से लाल अभय को देखती है फिर नाइटी नीचे कर अपने दोनो चूचे बाहर निकाल अभय के सामने कर सर्म से आखे बंद कर लेती है

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अभय आखे फार काजल के बरे गोल मटोल टाइट चूचे को देखता ही रेह जाता है काजल के चूचे सच मे बहोत बरे गोल मटोल टाइट खरे थे उपर काले खरे निपल और भी बवाल लग रहे थे ( अभय मन मे - उफ आज मे पहली बार अपनी मा की उमर की औरत के चूचे देख रहा हु
काजल सर्म से कापते हुवे - बेटा हो गया तो अंदर कर लू

अभय चूचे को लार चुवाते देखते हुवे - बुआ कसम से आपके चूचे बहोत खूबसूरत टाइट है इस उमर मे भी ( काजल अभय को देखती है और सर्म से - सच केह रहा है मेरे चूचे तुझे बहोत अच्छे खूबसूरत लगे
अभय काजल को देख - सच बुआ बहोत अच्छे खूबसूरत है आपके चूचे किया मे दबा सकता हु प्लेस
काजल सर्म से अभय को देखती है फिर - ठीक है थोरि देर
अभय खुश होते हुवे - जी

अभय फिर कापते हाथो से दोनो चूचे पकर जोर से दबाने लगता है काजल को एकदम से दर्द के साथ पुरे सरीर काप् जाती है काजल सिसकिया लेते हुवे बिस्तर को जोर से पकर - उफ बेटा धीरे दर्द हो रहा है आह :

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अभय चूचे दबाते हुवे - बुआ आपके चूचे बहोत मुलायम और बरे है हाथ मे भी पूरा नही आ रहा पर दबाने मे बहोत मजा आ रहा है उफ अभय फिल करता है काजल के चूचे पुरे करक् हो गये है काजल को अजीब एहसास होता है कुछ अंदर मे हलचल तो काजल जल्दी से दोनो चूचे अंदर कर लेती है

काजल नजरे नीचे कर अभय को देख सर्म से - बेटा अब उपर से नीचे सो जा तू बहोत भारी है
अभय साइड मे लेत जाता है काजल बिस्तर से उठ सीधा पिसाब करने जाती है वही अभय अपने हाथ को देख मन मे - उफ कितने बरे टाइट है बुआ के चूचे अभी भी फिल हो रहा है जैसे मे उसके चूचे अभी भी पकरा हु और दबा रहा हु मुलायम सोफ्ट उफ दिल कर रहा था दबाते रहु

काजल थोरि देर बात आती है बिस्तर पे लेत जाती है अभय काजल को बाहों मे भर - सुक्रिया बुआ आप बहोत अच्छी है आई लोव यू
काजल भी अभय को बाहों मे भर - कोई बात नही लेकिन किसी को
अभय मुस्कुराते हुआ - नही बताऊगा
काजल सर्म से - वो कैसा लगा तुझे
अभय मुस्कुराते हुवे - बहोत मजा आया आपके चूचे तो मस्त है
काजल सर्म से - अच्छा अब सोते है
अभय - जी

दोनो एक दूसरे को बाहों मे भर सो जाते है


आरोही बंगलो

कमरे मे अमर अपनी छोटी बेहन आरोही के मजे लेने मे लगा हुआ था

आरोही टांगे फैलाये हुवे थी और अमर चुत मजे से चाट रहा था आरोही सिसकिया लेते हुवे बिस्तर को पकरे - भाई उफ आह बहोत अच्छा फिल हो रहा है ऐसे ही चूस कर रस पी जाओ अपनी छोटी बेहन की चुत का रस आह भाई बहोत मजा आ रहा है उफ

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अमर अपनी बेहन की चुत को मुह मे लेके जिब से चाट कर पीते हुवे मन मे - उफ यार कितना अच्छा स्वाद है मेरी भी बेहन की चुत के रस का उफ मेरी किस्मत आह छोटी बेहन की गर्म चुत का रस ( आरोही कापते हुवे - भाई आने वाला है मेरा ( अमर तेज चुत चाटने चूसने लगता है आरोही बिस्तर जोर से पकर आह उफ्फ मा कापते हुवे गांड उठा के झरते हुवे निकल गया आह
अमर रस पीते हुवे - उफ मेरी छोटी बेहन ने गर्म रस निकाल दिया


अमर फिर आरोही की चुत पे लंड घिसते हुवे आरोही को देख - बेहना डाल दु अंदर
आरोही सिसकिया लेते हुवे नशे वाली आखो से - जल्दी डाल दो भाई

अमर जोर का धक्का मार पूरा लंड आरोही की चुत मे घुसा लेता है आरोही दर्द मे बिस्तर पकर रोते हुवे - बहोत दर्द हुआ भाई प्लेस धीरे डाला कीजिये आह मा मर गई
अमर तेज धक्का मारते हुवे - उफ बेहना तेरी गर्म चुत मे मेरा लंड जाता है तो तो मे कही खो जाता हु उफ ये मजा बेहन कि चुत मारने का

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आरोही बिस्तर पे लेती आखो मे आसु लिये आह उफ्फ भाई धीरे करो भाई दर्द हो रहा है आह मत करो ना तेज धीरे अंदर डालो ना ( अमर धक्का मारते हुवे छोटी तेज मारुंगा तो मजा आयेगा और तेरी चुत से पानी जल्दी निकलने :12 मिनट बाद आरोही फिर बिस्तर जोर से पकर भाई फिर निकलने वाला है माइ रे आ गया निकल गया आरोही गांड उठा के कापते हुवे झर जाती है आरोही उफ निकल गया पानी भाई अपने अपनी छोटी बेहन की चुत से पानी निकाल दिया अभय भी एक जोर का धक्का मार झर जाता है आरोही दर्द मे रो परती है

अमर फिर आरोही को बाहों मे लेके - मजा आया
आरोही आसु साफ करते हुवे मुस्कुरा के - बहोत मजा आया भाई

आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏🙏
Nice update
 

Dhansu2

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chapter 31

सुबह होते ही काजल की नींद खुलती है काजल अपने आप को अभय के बाहों मे पूरी चिपके हुवे पाती है काजल देखती है उसका एक पैर अभय के ऊपर है सिन कुछ ऐसा था काजल के चूचे पूरा बदन यहा तक की काजल की चुत भी आयन के लंड से चिपकी हुई थी सुबह लरको का लंड खरा रेहता है लेकिन यहा तो दो रीजन थे पहला काजल की चुत की गर्मी अभय के लंड को मिल रही थी दूसरा तो नॉर्मल सुबह खरा रेहता ही है लेकिन इस बार काजल को अभय का लंड फिल होता है अपनी चुत मे तो काजल के रोम रोम काप् जाते है और सर्म से पानी पानी हो जाती है

बात ये थी अभय बेचारा तो सोया था लेकिन लिये अपने लंड पे उसका कंट्रोल रही था नही तो आयन ऐसा होने नही देता खैर काजल को रात कांड भी याद आता है तो सासे तेज हो जाती है

काजल अभय को देख मन मे - रात जो हुआ पता नही कैसे सब हुआ दूसरी अभय बेटा के बाहों मे सोने से मुझे अच्छी नींद और सुकून मिला मुझे समझ नही आ रहा सब क्या है

काजल अपने आप को अभय के बाहों से आजाद होके खरी होती है फिर अपने सुबह के काम पे लग जाती है

सुबह के 9 बज गये थे लेकिन अभय मजे से सोने मे लगा था काजल रेडी होने के बाद अभय को जगाने आती है

काजल अभय के सर को सेहलाते हुवे - अभय बेटा उठ जा सुबह के 9 बज गये है कब तक सोयेगा

काजल की मिठी आवाज अभय के कान मे जाती है तो अभय अपनी आखे खोलता है और सामने देखता है काजल को जिसे देख फिर अभय के अंदर कुछ होने लगता है

काजल पीली सारी पीली ब्लाउस के कयामत लग रही थी लेकिन अभय की नजर को अपनी बुआ के ब्लाउस मे कसे बरे चूचे और दो चूचे के बीच दरार मे ठीकी हुई थी ( अभय मन मे उफ बुआ एक दिन मेरी जान लेके रहेगी

काजल अभय की नजर को देख समझ जाती है अभय क्या देखने मे खोया है तो काजल सर्म से लाल हो जाती है

अभय बिस्तर से खरा होके काजल के पास जाता है और बाहों मे भर किस करना सुरु कर देता है काजल हैरान हुई अचानक से अभय को किस करता देख लेकिन काजल कुछ ना कहती है ना रोकती

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काजल खुद अभय का साथ देती है दोनो बुआ भतीजे सुबह सुबह का नास्ता होठो की रस मलाई से करना सुरु कर देते है 2 मिनट तक दोनो कोई कसर नही छोरते और जी भर के एक दूसरे का रस पीते है

अभय फिर किस तोर जल्दी से काजल के सीने से सारी हटा के काजल को बिस्तर पे बैठा के कमर पकर् काजल के गर्दन पे किस करना सुरु कर देता है काजल के मुह से सिसकिया निकलने लगती है अभय काजल के मुलायम कमर को पकरे किस कर रहा था वही काजल के बरे चूचे ब्लाउस मे कैद बाहर झाक रहे थे काजल के कमर चूचे हाय देखने मे क्या लग रहा थे

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काजल कापते होठो से अभय बेटा मत कर अभी रेडी होके आई हु दूसरा कोई आ जायेगा उफ प्लेस रोक जा ना ( अभय गर्दन पे किस करते हुवे - बुआ बस एक मिनट प्यार करने दीजिये ( काजल बरी मुश्किल से अपने आप को काबू किये हुवे रहती है

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अभय काजल को बिस्तर पे लेता कर बरे दोनो चूचे ब्लाउस के ऊपर से ही दबाने लगता है और अपना मुह चूचे पे लगा देता है ये हमला काजल सेह नही पाती पूरा सरीर काप् जाता है और तेज सिसकिया तेज सासे लेने लगती है काजल अभय को दूर करते हुवे कापति आवाज मे बस बहोत हो गया

काजल अभय को दूर कर जल्दी से सारी सही बाल सही कर अभय को देख जाके नहा के तैयार हो जा

अभय अब होस मे आता है और सर्म से नजरे नीचे कर - जी बुआ

अभय चला जाता है और काजल बिस्तर पे बैठ तेज सासे लेते हुवे मन मे - ये लरका बहोत बिगर गया है कही भी कभी भी सुरु हो जाता है

अभय खेत से आके नहा के रेडी होता है ममता खाना निकाल अभय को देती है अभय बैठ खाना खाने लगता है ममता बैठी अपनी बेटी को लिये हुवे थी

ममता - तो अभी निकले गे या साम को
अभय ममता को देख - भाभी अभी ही निकलना होगा आपको पता ही ना अब कुछ दिन ही बचे है बहोत तैयार करनी बाकी है

ममता - हा बात तो सही कही आपने
अभय - वो तो है लेकिन आपको भाई फूफा सब को सादी से 2 दिन पहले आ जाना है जैसे भी हो
ममता मुस्कुराते हुवे - हा बाबा आ जाउंगी भला देवर जी की सादी मे कैसे मिस कर सकती हु

अभय मुस्कुराते हुवे - ये हुई ना बात
अभय का खाना पीना हो जाता है

अभय ममता के पास आके सत् के बैठ - भाभी फिर एक गीली किस्सी मिलेगी क्या
ममता अभय को देख सर्म से - देवर जी आपका हक नही है फिर भी एक बार आपको मेने दी लेकिन बार बार गलत है

तभी काजल अंदर आते हुवे - अभय बेटा खाना खा लिया तूने
अभय खरा होते हुवे - जी बुआ अब हमे निकलना चाहिये
काजल - हा मे भी रेडी हु ( काजल ममता को देख) बहु मे जा रही हु अपना बच्चे घर और सब का ख्याल रखना

ममता - जी मम्मी जी आप चिंता मत कीजिये
काजल -ठीक है चले बेटा
अभय ममता को देखता है फफिर- जी बुआ

अभय बैग लेके बाइक के आगे अच्छे से रख देता है फिर बाइक निकाल बैठ चालू करता है काजल भी बैठ जाती है ममता पास ही खरी थी
काजल ममता को देख - अच्छा बहु हम जाते है साम को फोन करुगी
ममता अभय को देखती है जो कान पकर इसारे से माफी मांग रहा था
ममाता - जी मम्मी जी आप आराम से जाये
काजल - ठीक है फिर चलो बेटा
अभय ममता को देख - भाभी अपना ख्याल रखना
ममता मुस्कुराते हुवे - आप अपना भी ख्याल रखना और फोन करते रहिये गा
अभय मुस्कुराते हुवे - जी जरूर


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फिर अभय निकल परता है काजल पीछे एक तरफ पैर किये एक हाथ अभय के कंधे रखी बैठी थी काजल को अजीब खुशी एहसास फिल हो रहा था बाइक पे अभय के साथ जाने मे बैठने मे और सफर का मजा लेने मे

5 मिनट हो जाते है घर से निकले लेकिन अभय एक शब्द भी नही बोलता काजल अभय को बात ना करता देख समझते देर नही लगती अभय कियु बात नही कर रहा और कियु रूठा हुआ है

काजल अपनी बरी गांड को खिसका कर अभय से टच कर सत् जाती है अभय का लंड एक झकता मारता है कियुंकी औरत के गांड जान्धे बाकी सरीर से बहोत गर्म रहते है हमेसा और अभय को काजल के सरीर की गर्मी तो फिल हो ही रही थी लेकिन गांड की गर्मी बहोत जायदा फिल हो रही थी

काजल मुस्कुराते हुवे - मेरा भतीजा कियु रूठा हुआ इस लिये तो नही कियुंकी मेने सारी पहनी है सूट नही पहना

अभय रूठे आवाज मे - आपको जब पता था फिर फिर भी

काजल - माफ कर से ना बात ये है बेटे मे जायदा तर सारी पहनती हु आते समय तेरे कहने पे सूट पहना था जाते सुबह सारी पहनी थी फिर अगर सूट पेहन लेती तो बहु को अजीब लगता इस लिये समझ ना

अभय - अच्छा ठीक है लेकिन सफर का मजा खराब हो गया मेरा
काजल मुस्कुराते हुवे - उसके लिये माफी

काजल को पता नही क्या सूझता है थोरा घूम अपने चूचे आयन के पीछे कस के दबा देती है अभय बेचरा एकदम से हैरान हो जाता है लेकिन फिर मुस्कुराते हुवे चूचे को फिल कर मजे लेता है

काजल फिर सीधा होके बैठ जाती है और सर्म से लाल हुवे थी

अभय मुस्कुराते हुवे - बुआ आप बहोत अच्छी है और आपके बरे मुलायम चूचे भी

काजल अभय के पीट पर मारते हुवे शर्मा के - कितना गंदा बोलता है
अभय हस्ते हुवे - सच ही तो कहा वैसे बुआ सच मे आपके चूचे बहोत बरे बोल टाइट है मे हैरान हु इस उमर मे भी आप फिट है

काजल और सर्म से पानी पानी हो जाती है

काजल सर्म से - बस कर अजीब लग रहा है


अभय के घर

मिनीता आसा कमरे मे बाते कर रहे थे

मिनीता - दीदी मुझे लगता है अभय ननद जी घर से निकल गये होगे
आसा - हा रे निकल गये है लाला ने फोन कर बताया था
मिनीता हस्ते हुवे - ऐसा ना हो आपका लाला ननद जी को किस करता हुआ लेत आये
आसा हस्ते हुवे - ये तो वो दोनो ही जाने लेकिन जहा तक मुझे पता है लाला किस बिना रहा तो नही होगा
मिनीता हस्ते हुवे - दीदी ये भी कोई कहने की बात है अभय बेटा बिना किस के रहे हो नही सकता
आसा मुस्कुराते हुवे - हा वैसे भी ननद जी बहोत अच्छी है अभय को प्यार भी बहोत करती है
मिनीता - आपने बात तो सही कही लेकिन हम भी अभय बेटे से बहोत प्यार करते है
आसा मुस्कुराते हुवे - हा जानती हु किस्मत वाला है मेरा लाला जिसे तुम लोगो का प्यार मिलता है
मिनीता - ऐसी बात नही है दीदी वो है की कितना अच्छा कोई भी उससे घुल मिल जाता है
आसा - हा ये तो है


अदिति अंदर आते हुवे - मा भाई को फोन करू निकले की नही
मिनीता अदिति को देख मुस्कुराते हुवे - कियु एक दिन भी भाई के बिना नही रहा जाता क्या

अदिति आसा के पास बैठ मुस्कुराते हुवे - एक दिन बहोत है एक पल भी भाई को देखे बगैर रेह नही पाती लेकिन क्या करू हमेसा मेरे नजरो के सामने रेह तो नही सकते ना

मिनीता मुस्कुराते हुवे - अच्छा ऐसी बात है लेकिन जब तेरी सादी होगी फिर मा भाई भाभी को छोर कर जाउंगी तो कैसे रहोगी

मिनीता कि बात अदिति के दिल मे हचल मिठा दर्द पैदा कर देती है लेकिन अदिति इस फीलिंग दर्द को समझ नही पाती

अदिति मिनीता को देख मुस्कुराते हुवे - मे सादी नही करुगी अगर मा भाई ने फोर्स किया तो घर जमाई लेके आउंगी

अदिति मन मे - घण्टा भाई को छोर जाउंगी ही नही सादी बिना भी जिंदगी जी जा सकती है

मिनीता हस्ते हुवे - हा ये हो सकता है घर जमाई ला सकती हो लेकिन सादी करनी ही परेगी कियु दीदी

आसा अदिति को देख - मेरी बच्ची जो चाहेगी वही होगा मे अपनी लाडली को किसी चीज के लिये दबाव नही डाल सकती

अदिति आसा के गले लगते हुवे - मेरी प्यारी अच्छी मा
मिनीता सब देख - दीदी मे समझ रही हु आपके सब के बीच कियु इतना गहरा प्यार है आपने सब को प्यार से पाला है और किसी चीज के लिये फोर्स कभी नही क्या ना कोई बातो पे किसी को डाटा है

आसा मुस्कुराते हुवे - हा सही कहा बच्चे मेरी जान है मे कैसे अपने बचें पे गुस्सा कर सकती हु मारना तो दूर की बात है

मिनीता - मेरे भी दो बच्चे है लेकिन सब अपने मे लगे रहते है लेकिन आपका लाडला है जो आपसे चिपका रहता है

आसा मुस्कुरा देती है


दिशा के घर - एक कमरे मे

पूजा गुस्से से - दीदी इस बार जब भी जीजा जी आयेगे देखना अपना बदला लेके रहूगी मेरे बम का दम निकाल दिया मार के ऐसा कोई करता है क्या

दिशा जोर जोर से हस्ते हुवे - मेरी छोटी बेहना मुझे लगता है तुम जान बुझ कर उनसे लरने जाती हो जब भी मुझसे मिलने आते है तुम टपक परती हो तो गुस्सा आ जाता है

पूजा मुह बनाते हुवे - मे कियु लरने जाऊ भला पता नही ठरकी जीजा से आपको इतना प्यार कियु है

दिशा पूजा को देख - सच पता तुझे जीजा अच्छे लगते है या बुरे
पूजा दिशा को देख - बहोत बुरे ठरकी लगते नही है दीदी
दिशा - अच्छा अगर ऐसा है तो तुम कहोगी तो मे इस सादी को तोर देती हु

पूजा हैरान दिशा को देख - अरे दीदी सादी तोरने की क्या जरूरत है ठरकी है लेकिन थोरा अच्छे भी है

दिशा पूजा को देख मन मे - पागल दिखाती है जैसे उनको पसंद नही करती लेकिन अंदर मे बहोत पसंद करती है

नोट - पसंद प्यार वाला नही एक अच्छे इंसान वाला पसंद


मधु सिला - खेत मे

सिला घास काट रही थी मधु बैठी हुई थी

सिला मधु को देख मुस्कुराते हुवे - आज भाई नही आने वाला था इस लिये मेरे साथ आ गई है ना

मधु मुस्कुराते हुवे - आपने सही कहा बुआ को लेके आ रहे है तो 11 या 12 बज ही जायेंगे ऐसे मे साम को ही मिलने आयेगे

सिला मुस्कुराते हुवे - हा तेरा केहना सही है
मधु मुस्कुराते हुवे - भाई आयेगे तो कहूगी भूमाने लेके जाये
सिला हस्ते हुवे - अच्छा जी घूमने जाना है
मधु - हा जाउंगी वैसे भी भाई ने वादा क्या है
सिला - ओ ऐसा क्या ये तो अच्छी बात है
मधु सिला को देख - उन्होंने तो कहा था एक किसी दिन आपको भी अकेले घुमाने लेके जायेंगे
सिला सर्म से - अच्छा मा हु तो लेके जायेगा ही ना
मधु मुस्कुराते हुवे - हा भाई के हॉट मा है आप
सिला हैरान मधु को देख सर्म से - बहोत मारुगी शैतान
मधु जोर जोर से हसने लगती है



रोड से ठोरी दूर ही मधु अपनी मा के साथ खेत मे थी रोड साइड एक पेर के नीचे 2 लरके खरे मधु को देख रहे है

लरका 2 - भाई यार कब तक ऐसे ही देखते रहोगे
लरका 1 - मोक्के का इंतज़ार कर रहा हु मुझे पता नही था यहा आने के बाद मुझे करक माल दिख जायेंगी
लरका 2 - कियु आपके गाव मे कोई मधु जैसी माल नही है क्या
लरका 1 - नही है रे कल ही मेने इसे साम को घर के बाहर देखा था कसम से साली को देखती ही मेरा लंड फन फन करने लगा अभी जवान हुई है लेकिन साली कि बॉडी हाय बरे चूचे सूट के अंदर दबे थे लेकिन चूचे का उभार साफ बता रहा था कितना टाइट बरे चूचे है मधु के और कमर गांड जब चल रही थी तो हाय दाय बाय हिल रहे थे

लरका 2 - लेकिन आप आगे करने क्या वाले है
लरका 1 - पहले प्यार मे गीराऊगा नही मानी तो खेत मे ही रेप कर दुगा

लरका 2 समझ गया लेकिन उसके घर कोई एक लरका आता जाता है

लरका हैरान गुस्से से - कोन है वो सा....

आगे कुछ केहता पेर से कोई नीचे आके सीधा एक लात लरका 1 को मारता है लरका वन धराम से नीचे गिरता है और दर्द मे चीख मारता है

लरका 1 हैरान सामने देखता लरका 2 भी दर्द मे पीछे मूर देखता है सामने कोई था जिसका चेहरा मास्क से ढका हुआ था कपड़े मास्क सब काले थे हाथ मे एक कंजर लेकिन गोर से देखने मे पता चलता h ही वो एक लरकी है दोनो लरके लरकी को इस तरह काले कपड़े मे हाथ मे खंजर देख डर से कापते हुवे - तुम कोन हो कियु मुझे मारा

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dark poems about depression
लरकी खंजर लिये दोनो लरके को गुस्से मे देख - जिस लरकी के बारे मे तुम लोग गंदे बाते कर रहे थे वो मेरी मैडम है और जिस लरके को तुम गाली लेने वाले थे वो मेरे बॉस है कमीने

लरकी तेजी से जाके दोनो मे एक एक पंच पेट मे जोर से मारती है दोनो लरके पेट पकरे दर्द मे घुटने मे आ जाते है और दर्द से चीलाने लगते है लरकी दोनो के पास बैठ - सांत नही तो गला काट दुगी
दोनो लरके डर से चुप हो जाते है लेकिन सरीर थर थर काप् रहा था


लरकी आगे पीछे देखती है कोई आ तो नही रहा जब कोई दिखाई नही देता तक लरकी दोनो को देख मुस्कुराते हुवे एक लरके के मुह बंद कर उंगली को मरोरने लगती है लरके को जान निकलने वाली दर्द होता है लेकिन आवाज दब कर रेह जाती है लरका छतपटाने लगता है पैर जोर जोर से मारने लगता है लेकिन लरकी के पकर से छुट नही पाता बस दर्द मे तरपता रोता रेह जाता है

लरकी दूसरे लरके को मुस्कुराते हुवे देख - भागने की गलती मत करना नही तो मारे जाओगे

लरका 2 की हालत देख लरका 1 डर से कापते हुवे पैंट मे मूत देता है

लरकी लरका 2 को देख - छी कितनी गंद फैला दी तुम से

लरकी लरके 1 की उंगली तोरती नही बस दर्द देती हो बेहइंतिहा दर्द और लरका 2 कापते हुवे देखता रेह जाता है 5 मिनट बाद

लरकी लरका 2 के उंगली को छोर - मुह से हाथ हटा रही हु याद रखना चु की आवाज भी निकली जान से मार दुगी

लरकी लरके के मुह छोर देती है लरका दर्द मे उंगली को पकरे आसु बहाये जा रहा था

लरकी दोनो को देख - याद रहे आज दर्द दिया है लेकिन अगली बार मेरे मैडम के पास पास दिखे जान से मार दुगी दूसरा किसी को बताना भी मत अब भागो यहा से

लरकी के कहती ही दोनो लरके तेजी भाग निकलते है डरे इतने थे कि पीछे देखते भी नही

लरकी दोनो लरके को भागते देखती है फिर मधु को देख मुस्कुराते हुवे एक चलाग् मार पेर के ऊपर एक जगह छुप के बैठ मधु पे नजर रखने लगती है


अभय काजल

काजल आगे देखती है वही जगह जिस दिन आते वक़्त काजल को कुछ लरके गंदे कोमेंट कर रहे थे और अभय ने पीटा था

काजल - बेटा आगे उस पेर के पास बाइक रोक दो
अभय हस्ते हुवे - कियु फिर खेत मे जाना है किया
काजल सर्म से अभय को मारते हुवे - कितना बिगर गया है

अभय मुस्कुराते हुवे पेर के छाव मे बाइक रोक देता है काजल बाइक से उतर पेर के नीचे बैठ जाती है

पेर के चारों तरफ दीवार बना के मिट्टी डाल पलस्तर किया गया था तो उचाई जन्धो तक थी काजल साइड मे पैर नीचे कर बैठी हुई थी

अभय बाइक लगा के काजल के पास बैठ - क्या बात है खेत मे नही जाना
काजल अभय को शर्मा के - बहोत मारुगी मे बस थोरा इस खोले गजह का मजा लेना चाहती हु

अभय काजल को देखता है फिर - मुझे पता है आपकी लाइफ सुरु से बच्चो के पालने बरा करने सादी करने से लेकर अब तक आप सिर्फ घर मे ही रही घर है बाहर घूमने का मोक्का नही मिला होगा

काजल अभय को देख मुस्कुराते हुवे - सही कहा इसी लिये तेरे साथ इस सफर मे मुझे बहोत अच्छा और मजा आता है जैसे मे आजाद हु दिल मेरा भी करता था कई घूमने जाऊ अच्छी जगह पे घुमू मजे करू खूबसूरत जगह का आंनद लू लेकिन अब उमर गई मेरी

काजल दुखी हो जाती है

अभय काजल को दुखी देख अच्छा नही लगता है

अभय को देख - बुआ आप मेरी गोदी मे आके बैठ जाइये
काजल सर्म से आगे पीछे देख - कोई देख लेगा
अभय - बुआ इस रास्ते से बहोत कम लोग आते जाते है अगर कोई आया तो उठ जाना

काजल सर्म से खरी होके अभय के तरफ अपनी बरी फैली गांड कर अभय के गोद मे बैठ जाती है काजल के बैठते ही अभय को अपने लंड जन्धो पे काजल की चुत गांड जन्धो की तेज गर्मी फिल होती है तो अभय का लंड कई बार झटका मारता है

अभय काजल को बाहों मे कस - बुआ मेरी मा का भी यही है रही बात उमर जाने की तो किसने कहा अभी भी आज बहोत जवान थे कसम से मे सिर्फ रुका हु सादी तक उसके बाद मे पहले हि प्लान किया है मा दिशा सब के साथ 1 महीने के लिये हरे भरे पहार् बहती नदिया हरे भरे बरे जंगल कहा सिर्फ सांति सुकून होगा वहा कैम्प करने जाउंगा ताकि सब नेचर का खूबसूरत वादियों का सुकून सांति का मजा ले सके दूसरी आप भी मेरी मा के बाद बेस्ट प्यार देने वाली दूसरी है तो मे वादा करता हु आपको भी हर खूबसूरत अच्छी जगह घुमाउग

अभय की बात सुन काजल इमोसनल होके अभय की तरफ देख - सच केह रहा है

अभय काजल के गाल सेहलाते हुवे - आपकी कसम बुआ आपने मुझे वो सब करने दिया जो कोई करने नही देता और मुझे भी आपके साथ बात करना मस्ती करना प्यार करना बहोत अच्छा लगता है

काजल खुश भी होती है और बहोत शर्मा भी जाती है

अभय धीरे से काजल के चूचे पे हाथ रख दबाने लगता है काजल एकदम से सिसक् परती है मचल उठती है अभय पुरे चूचे को पकर नही पा रहा था जितना पकर पा रहा था दबाने लगता है काजल कापते हुवे सिसकिया लेते हुवे - बेटा मत कर ना कोई देख लेगा मान जा

अभय काजल के कान मे - घर जाने के बाद मुझे आपके चूचे मुह मे लेके पीना है पिलाऊँगी ना बुआ
काजल हैरान होती है लेकिन फिर भी मना नही कर पाती काजल के गांड अपने अपने आगे पीछे होने लगते है यानी की काजल कि बॉडी खुद चलने लगती है काजल गांड आगे पीछे कर अभय के लंड पे अपनी चुत रगरने लगती है

अभय - बोलिये मा बुआ
काजल मदहोसि मे सिसकिया लेते हुवे - ठीक है बेटा अब छोर दे मेरे चूचे को
अभय धीरे से - एक सवाल जब मे आपके चूचे को दबाता हु तो ये टाइट कियु हो जाते है
काजल पूरी मदहोसि मे गुम - आह बेटा मुझे नही पता अब जाने छोर से
अभय -ठीक है छोर दुगा लेकिन अभी मुझे आपके चूचे देखने है
काजल सिसकिया लेते - रात को देखा तो था
अभय काजल के चूचे दबाते हुवे - रात को अच्छे से नही दिखा अंधेरा था
काजल अपनी गांड उठाते हुवे मदहोसि मे - ठीक है दिखा दुगी अब छोर दे दर्द हो रहा है

अभय काजल के चूचे छोर देता है काजल कापते पैरों के साथ खरी होती है और अभय की तरफ देख शर्मा के नजरे नीचे कर ब्लाउस से दोनो चूचे बाहर निकाल देती है

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अभय काजल के पास आके गोर से काजल के चूचे को देखते हुवे मन मे उफ कितने बरे है मुह मे लेके चूस कर पीने मे मजा आयेगा आह सोच कर ही कुछ हो रहा है मुझे ( अभय काजल के निपल को पकर दबा देता है काजल तेज सिसकिया लेती है फिर जल्दी से चूचे अंदर कर सर्म से लाल नजरे नीचे किये ( मे खेत से आती हु) haste हुवे मे चलु क्या

काजल से - कोई जरूरत नही है बेशर्म कही का

काजल तेजी से खेत मे पीछे जाके चारों तरफ देखती है फिर सारी उठा के टांगे फैला बैठ तेज धार मारती है सुई की आवाज तेज से गुजने लगती है पिसाब करने के बाद काजल अभय के पास आती है

काजल शर्मा भी बहोत रही थी अभय काजल के कमर पकर सीने से सता के काजल के चेहरे को प्यार से पकर आखो मे देख - आपका ये खूबसूरत चेहरा आपका ये सर्माना आपकी ये अदा कसम से बुआ मेरे दिल की धरकन तेज कर देती है

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काजल अभय को देख शर्मा के - बेटा तेरी ऐसी बाते सुन मुझे अजीब का फिल होता मेरी धरकन भी तेज हो जाती है तेरी मस्तिया बाते हरकते तेरे साथ वक़्त बिताना मुझे भी बहोत अच्छा लगता है दोनो एक दूसरे को प्यार से देखते है

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फिर दोनो के होठ आपस मे मिल जाते है दोनो एक दूसरे को बाहों मे पकरे जोरों सोरों से एक दूसरे का रस पीना सुरु कर देते है दो मिनट बाद दोनो के होठ अलग होते है

काजल अभय को देख सर्म से - बेटा अब चलना चाहिये
अभय मुस्कुराते हुवे - ये बताइये रस पीने मे कितना मजा आता है
काजल अभय के कान मे धीरे से - इतना की दिल करता है पीती रहु

अभय मुस्कुरा देता है अभय फिर बाइक चालू करता है काजल बैठ जाती है अभय को पकर अभय फिर घर की तरफ निकल परता है

10 बजे निकले थे 12 बजे घर पहुँचते है

अभय काजल घर के अंदर जाते है अदिति आसा अभय काजल को देख बहोत खुश होते है

आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏🙏
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krish1152

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