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Incest तू लौट के आजा मेरे लाल

Game888

Hum hai rahi pyar ke
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chapter 27

अभय अपने कमरे मे लेता दिशा से बात कर काजल को फोन लगा देता है

अभय - हैलो बुवा मे अभय
काजल हैरान होती है और खुश भी - बेटा अभय
अभय - जी बुवा मे उस दिन जो हुआ उसके लिये माफी चाहता हु
काजल कमरे से निकल घर के पीछे जाके एक जगह खरी होके - नही बेटा तुम माफी कियु मांग रहे हो गलती मेरी थी मुझे तुम्हे प्यार से मना करना चाहिये था लेकिन मे तुम पे गुस्सा हो गई
अभय - नही बुवा गलती मेरी थी
काजल - नही मेरी थी तेरे जाने के बाद मुझे अपने किये पे बहोत पचतावा हुवा मुझे तेरे साथ बिताये हर पल बहोत याद आ रहे थे मेने कई बार हिम्मत की तुम्हे फोन कर माफी मांग लू लेकिन कर नही पाई लेकिन तुम ने हि फोन का दिया मुझे माफ कर दे बेटा
अभय - ठीक ना गलती आप की ना मेरी हम उस बात को भूल जाते है
काजल - थैंक्स बेटा तुम बहोत अच्छे हो
अभय - आप भी बहोत अच्छी है बुवा आपको पता है उस रात मेने आपसे गीली किस्सी कियु मांगी
काजल थोरा शर्मा के - कियु
अभय - जिस दिन मे आपको छोरने जाने वाला था उसी रात मे मा से गीली किस्सी मांगा मेने कहा मा मे तीन दिन के लिये जा रहा हु मुझे गीली किस्सी दो
काजल हैरान - क्या फिर भाभी के दिया गीली किस्सी
अभय मुस्कुराते हुवे - हा
काजल सॉक होते हुवे - भाभी ने कुछ नही कहा
अभय - आपको पता है ना मा मुझसे कितना प्यार करती है मा ने कहा मा बेटे के बीच गीली किस्सी नही करते पति पत्नी या दो प्यार करने वाले के बीच होती है
काजल हैरानी से - फिर क्या हुवा
अभय - फिर मा ने कहा मेरे लाला ने पहली बार किस्सी मांगी है तो मना नही करुगी लेकिन एक बार उसके बाद नही मिलेगी उसके बाद मा मे मुझे गीली किस्सी की
काजल हैरान से- अच्छा
अभय - हा और उस रात मेने आपके रसीले गुलाबी होठ को देखा तो मेरे मुह से अपने आप निकल गया था

काजल सब जान सर्म से लाल होते हुवे - अच्छा ये बात थी अब समझ मे आया एक बात बता
अभय - पूछीये ना
काजल थोरा शर्मा के - क्या मेरे होठ सच मे भाभी की तरह लगे
अभय - हा बुवा आपके होठ भी मा की तरह बहोत रसीले गुलाबी है इसी लिये तो आपके होठ देख मुह से निकल गया था
काजल शर्मा के - सच केह रहा है क्या मेरे होठ तुम्हे इतने अच्छे लगे
अभय - आपकी कसम बुवा बहोत आप बहोत हॉट है और आपके होठ भी
काजल सर्म से अपने अंगूठे को अपने दूसरे अंगूठे के रगरते हुवे - अच्छा समझ गई
अभय - बुवा आप गुस्सा तो नही है ना उस रात आपने मुझे रुला दिया था पहली बार किसी ने मुझे दाता ( dp devil के कैद छोर के)
काजल दुखी होके - माफ कर दे बेटा अब कभी तुम्हे नही दातुगी अच्छा सुन सादी के 10 दिन पहले मुझे लेने आ जाना

अभय मुस्कुराते हुवे - आपको छोरने मे ही गया लेने भी मे हि आउ
काजल प्यार भरी आवाज मे - क्या अपनी बुवा को लेने नही आयेगा
अभय मुस्कुराते हुवे - आ जाउंगा लेकिन मुझे क्या मिलेगा
काजल हस्ते हुवे - बुवा से रिश्वत मागता है
अभय हस्ते हुवे - हुवा आज के समय मे रिश्वत बिना कोई काम नही करता
काजल हस्ते हुवे - ठीक है गीली किस्सी दूंगी
अभय - सोच दीजिये पुरा रस पी जाउंगा फिर मत केहना


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अभय की बात सुन काजल सर्म से लाल हो जाती है सासे तेज चलने लगती है काजल नाइटी पहने थी अंदर कुछ नही था बरे टाइट चूचे के निपल तेज सासे लेने की वजह से उपर नीचे हो रहे थे

अभय - कुछ बोलिये हा या ना
काजल अपने आप को संभालते हुवे शर्मा के - सोच लिया
अभय - तब तो बरी प्रॉब्लम हो गई
काजल हैरानी से - कैसी प्रॉब्लम
अभय हस्ते हुवे - ये 10 दिन मेरे मुश्किल से गुजरेगे
अभय की बात सुन काजल फिर सर्म से लाल हो जाती है
काजल शर्मा के - तुम भी ना शैतान
अभय - अच्छा बुवा फूफा जी सो गये है क्या
काजल - हा सो रहे है
अभय - तो आप कमरे मे है या बाहर
काजल - घर के पीछे खरी बात कर रही हु मे नही चाहती उनका नींद खराब हो
अभय - अच्छा कास मे अभी वहा होता तो
काजल तेज सासे लेते हुवे - तो क्या
अभय - वही पकर आपके होठो का रस पिता
अभय की बात ने काजल के अंदर अजीब हलचल पैदा कर देती है काजल को अभय से बात कर बहोत अच्छा फिल हो रहा था पहली बार कोई था जो काजल से इस तरफ बात कर रहा था या काजल किसी से इस तरह बात कर रही थी इस उमर मे काजल के लिये ये सब बाते मस्ती सब अगल नया मजा दे रहा था

काजल सर्म से - शैतान बुवा के साथ ऐसा करेगा
अभय मुस्कुराते हुवे - आप ने ही तो कहा बना करेगी तो नही करुगा
काजल शर्मा के - मेने बना तो नही क्या अच्छा सुन रात हा गई है सो जाते है
अभय - हा अपने बात तो सही कही गुड नाइट हॉट बुवा
काजल हस्ते हुवे - गुड नाइट बेटा

फोन कट

काजल कमरे मे आके बिस्तर पे लेत अभय के साथ जो बाते हुई उसे याद कर मुस्कुराते हुवे आखे बंद कर लेती है

वही अभय भी खुश था ये जान की उसकी बुवा गुस्सा नही है


सुबह के समय

आसा नहाने के बाद ब्लाउस पेटीकोट मे कमरे मे आती है


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आसा - नीचे बहोत बाल हो गये थे आज साफ कर लिया अब जाके अच्छा फिल हो रहा है मुझे


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आसा अपने पेटीकोट उठा के चुत को देखते हुवे - हा देखने मे भी अच्छा लग रहा है ( तभी आसा अपने पति की याद कर दुखी हो जाती है) आसा के चुत अब पूरी तरफ से चिकनी साफ हो गई थी और इस उमर मे भी आसा की चुत टाइट थी आसा की चुत के उभार बाहर निकल आये थे फाके मोती साफ दिख रही थी और देखने मे बहोत खूबसूरत लग रही थी

आसा फिर रेडी होने मुस्कुराते हुवे अभय के कमरे मे आके अभय को जगाती है अभय आसा को बिस्तर पे खिच आसा के ऊपर आके आसा के होठो पे किस करते हुवे - गुड मोर्निंग हॉट मा


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आसा अपने बाहों मे अभय को पकर अभय कि आखो मे प्यार से देख मुस्कुराते हुवे - गुड मोर्निंग मेरे लाला
अभय आसा को देख - रोज की तरह आज भी आप बहोत खूबसूरत लग रही है मेरी सेक्सी डार्लिंग
आसा सर्म से लाल अभय के गाल पे प्यार से मारते हुवे - अपनी मा को डार्लिंग केहता है
अभय आसा को देख प्यार से - आज से मे आपको प्यार से डार्लिंग हि करुगा बोलिये इज़ाज़त है मुझे
आसा अभय की आखो मे देखते हुवे - इज़ाज़त है
अभय - आई लोव यू डार्लिंग मा
आसा हस्ते हुवे - आई लोव यु तु डार्लिंग बेटा चल अब उठ बहोत काम करने है

अभय उठ जाता है और आसा सारी बाल सही कर दोनो बाहर आते है अभय अदिति के कमरे मे जाके अदिति को देखता है जो आराम से सो रही थी

अभय अदिति के गाल पे किस करते हुवे - गुड मोर्निंग गुरिया उठा जा


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अदिति अंगराई लेते हुवे उठ कर खरी होती है और अभय को प्यार से देखती है फिर अभय के गाल पे किस करते हुवे - गुड मोर्निंग भाई

अभय मुस्कुराते हुवे - चल उठ गई तो मे जाता हु

अभय फिर हल्का होने के बाद 20 मिनट जोगिंग करता है उसके बाद सीधा विजय के घर पहुँच जाता है आगन मे कोमल खाना बना रही थी अभय कोमल को देख - गुड मोर्निंग बंदरिया

कोमल हैरान अभय को देखती फिर मुस्कुराते हुवे - गुड मोर्निंग बंदर
अभय मुस्कुराते हुवे - ऑन्टी कहा है
कोमल मुस्कुराते हुवे - कमरे मे है
अभय कमरे मे जाने लगता है कोमल अभय का जाते देख मन मे - अब पहले जैसा हा गया है बंदर

अभय कमरे मे जाता है तो देखता है मिनिता बिस्तर पे परे कपड़े को फोल्ड कर रख रही थी अभय धीरे से मिनिता के पीछे आके अपने दोनो हाथ से मिनिता के कमर पकर जोर से कस के पकर लेता है

मिनिता डर जाती है उसी के साथ मिनिता के मुह से आह निकल जाती है अभय मुस्कुराते हुवे - गुड मोर्निंग हॉट ऑन्टी
अभय की बात सुन मिनिता मुस्कुराते हुवे- तो तुम हो शैतान
अभय मुस्कुराते हुवे -हा और कोन हो सकता है


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अभय पीछे से मिनिता के कमर पकर अपने से सताया हुवा था मिनिता के बाहर निकले बरे गांड और गर्मी अभय अपने लंड पे साफ फिल कर पा रहा था और मिनिता अभय के बाहों मे थी

अभय मिनिता को अपनी तरफ घुमा के मिनिता कि आखो मे देख - सच मे आप बहोत खूबसूरत है रोज देखता हु फिर भी दिल नही भरता


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मिनिता सर्म से लाल नजरे नीचे किये - तुम भी ना अभय बेटा
अभय - सच केहता हु ऑन्टी आप बहोत हॉट है
मिनिता सर्म से पानी पानी हो जाती है


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अभय मिनिता के होठो को देखने लगता है मिनिता सर्माये अभय को देखे जा रही थी अभय अपना होठ मिनिता के होठ के पास ले जाने लगता है मिनिता ये देख तेज सासे लेने लगती है सर्म से लाल हो जाती है

तभी काजल के साथ हुई घटना याद आते ही अभय पीछे हट जाता है ये देख मिनिता हैरान रेह जाती है और मिनिता को समझते देर नही लगती अभय कियु पीछे हट गया

अभय मुस्कुराते हुवे - विजय कहा गया है
मिनिता अभय को देख - सो रहा है अभी तक उसका रोज का है
अभय हस्ते हुवे - मेरी सादी तक छोर देता हु उसके बाद रोज अपने साथ जोगिग मे लेके जाउंगा
मिनिता मुस्कुराते हुवे - हा जरूर लेके जाना
अभय - अच्छा ऑन्टी मे चलता हु
मिनिता अभय के हाथ पकर् अभय को देख शर्मा के - गीली किस्सी करना है तो कर ले
अभय हैरान मिनिता को बाहों मे लेके - सच्ची
मिनिता शर्म से - हा
मिनिता की मंजूरी मिलते ही अभय अपना होठ मिनिता के पास ले जाने लगता है मिनिता अपनी मुठी कस लेती है सासे तेज दिल की धरकन् तेज चलने लगती है अंदर हलचल होने के साथ मिनिता को अजीब एहसास फीलिंग आने लगती है


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मिनिता अभय तेज सासे लेते हुवे अभय की आखो मे देखती है अभय मिनिता की आखो मे दोनो के होठ बिल्कुल पास थे सासे एक दूसरे से टकरा रही थी मिनिता अपना होठ खोल देती है अभय टूट परता है


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अभय मिनिता के चेहरे को पकर किस करने लगता है मिनिता भी साथ देती अभय मिनिता के होठ जिब को मुह मे लेने चूस कर पीने लगता है लेकिन जब मिनिता अभय के जिब को चूस कर पीती है तो मिनिता के रोम रोम खरे हो जाते है मिनिता का ये पेहला फ्रेंच किस उसका एहसास अंदर हो रही हलचल किस का लार पीने का स्वाद मिनिता को एक अलग दुनिया मे ले जाता है


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मिनिता भी खुद को रोक नही पाती और पुरे जोस से दोनो एक दूसरे के होठ फिर जिब लेके चूसने पीने मे लग जाते है सब भूल के
अभय मिनिता के जिब चूस लार पीते हुवे मन मे - उफ ऑन्टी के होठ लार का रस के स्वाद के किया कहने बहोत मिठा है


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मिनिता अभय के जिब चूस लार पीते हुवे मन मे - ये एहसास कैसा है मुझे इतना मजा कभी नही आया क्या इस तरह किस करने से जिब चूस कर लार पीने मे इतना मजा आता है आज पता चला ये किस इसका एहसास मजा सुकून सायद मे भूल ना पाउ


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2 मिनट तक दोनो सब भूल कर जी भर के एक दूसरे का होठ जिब चूस कर लार पीते है अब सासे फूलने लगती है तो दोनो अलग होते है लेकिन होठो के होठ मुह से लार निकल एक लकीर बन जाती है

मिनिता सर्म से नजरे नीचे किये जोर जोर से सासे लिये जा रही थी वही अभय मिनिता के बरे चूचे सास लेने की वजह से उपर नीचे होते देख रहा था

अभय सब भूल मिनिता को देख - ऑन्टी आपका सुक्रिया मुझे बहोत मजा आया सच कहु आपके होठो का रस बहोत मिठा था
मिनिता सर्म से लाल - मुझे भी अच्छा लगा लेकिन बेटा किसी को केहना मत
अभय - जैसा आप कहे अच्छा मे चलता हु वैसे भी आज का दिन मेरे लिये बहोत अच्छा दिन रहा

अभय फिर कमरे से बाहर आके कोमल को देख - जा रहा हु बंदरिया खाना अच्छे से बनाना

कोमल खरी होके - रुक
अभय रुक जाता है कोमल अभय के गाल पे किस कर - अब जा
अभय मुस्कुराते हुवे - कभी होठो पे भी दे दिया कर ताकि मेरा भला हो
कोमल अभय के गांड पे लात मारते हुवे - जाके अपनी बीवी का ले कमीना बंदर होठो पे किस चाहिये
गांड पे लात परने से अभय गिरते गिरते अपने आप को बचा के खरा होके कोमल को देख - जा रहा हु भला कर देती तो क्या होता

कोमल गुस्से से अभय की तरफ डोरते हुवे - रुक भला करती हु तेरा
अभय तेजी से बाहर भागते हुवे हस्ते हुवे - रहने दे मत कर भला

अभय भाग जाता है कोमल मुस्कुराते हुवे फिर काम पे लग जाती है वही कमरे मे मिनिता बिस्तर पे लेती हुई किस के बारे मे सोच अपने होठो को छुटे हुवे मन शर्मा के - इस तरह किस करते है अजीब एहसास था पर मजा बहोत आया खास कर लार पीने मे छी मे क्या सोच रही हु


अभय घर आ जाता है

नहाने के बाद रेडी होके खाना खाता है फिर अदिति के कमरे मे जाता है अदिति बिस्तर पे लेती हुई थी अदिति अभय को देख - भाई

अभय अदिति को देख मुस्कुराते हुवे - आजा डांस करते है

अभय कि बात सुन अदिति बहोत खुश हो जाती है और बिस्तर से उठ अभय के पास आके खुश होते हुवे - चलिये सुरु करे

अभय मुस्कुराते हुवे अदिति के कमर को पकर अपनी तरफ खिच अपने से सता के अदिति के उंगली मे उंगली डाल हाथ पकर लेता है अदिति भी अभय के कंधे पे अपना हाथ रख देती है अभय अदिति को देख मुस्कुराते हुवे - सुरु करते है


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दोनो भाई बहन अपने पैर आगे पीछे करते हुवे डांस करने लगते है अभय अदिति प्यार से एक दूसरे के आखो मे देखे जा रहे थे ( अभय - मेरी गुरिया चाँद की तरह खूबसूरत है तुम्हारा खूबसूरत मुस्कुराता चेहरा देखता हु तो मेरा दिल खुश हो जाता है तेरा भाई तेरे इस मुस्कुराहत को जाने नही देगा बस मे चाहता हु मेरी गुरिया हमेसा खुश रहे और तेरे लिये मे कुछ भी कर जाउंगा

अदिति इमोसनल होते हुवे अभय को देख - मुझे पता है मेरा भाई मेरे कुछ भी कर सकता है dp devil के कैद से आप हमारे लिये भाग के आ गये ( अदिति अभय के सीने पे सर रख ) मुझे बस आपके बाहों मे आपके मे रेहना है आपके साथ रेहना है आपके प्यार बिना अब जिया नही जायेगा


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अभय अदिति के चेहरे को पकर आखो मे देख प्यार से - मे हु ना हमेसा तेरे आगे रहुंगा तु चिंता कियु करती है तू भी मेरी जान है ( अदिति अभय की आखो मे देख) आई लोव यू भाई ( अभय आई लोव यू तु गुरिया ( आसा दरवाजे पे सब देख सुन रही थी आसा आखो से आसु साफ करती है फिर मुस्कुराते हुवे चली जाती है


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अदिति अभय से अलग होके एकदम से घूम जाती और नीचे गिरने वाली होती है लेकिन अभय जल्दी से अदिति को बाहों पे पकर लेता है अभय अदिति को देख - गिर जाती तो ( अदिति मुस्कुराते हुवे - मुझे यकीन था आप मुझे गिरने नही देते


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अभय अदिति को खरा कर माथे पे किस करते हुवे - सही कहा तेरा भाई जबतक है तुझे कुछ नही होने देगा
अदिति अभय के गाल पे प्यार से किस करते हुवे - हा मुझे पता है भाई

अभय - अब खुश हो ना
अदिति - बहुत खुश
अभय - अच्छा अब मुझे थोरा काम है मुझे जाना होगा
अदिति - ठीक है भाई

अभय कमरे से बाहर निकल आता है अदिति बिस्तर पे लेत जाती है अदिति बहोत खुश थी अपने भाई के साथ डांस कर के
अदिति मन मे - मेरा भाई सबसे बेस्ट है आई लोव यू भाई

अभय आसा के कमरे मे आता है आसा बैठी हुई थी

आसा अभय को देख - हो गया डांस करना
अभय आसा को देख मुस्कुराते हुवे - तो आप देख रही थी
आसा मुस्कुराते हुवे - हा देख लिया मा के साथ डांस नही करेगा
अभय मुस्कुराते हुवे - रात को अभी मा मे कुछ काम से जा रहा हु
आसा मुस्कुराते हुवे - ठीक है जा

अभय फिर बाइक निकाल तेजी से 20 मिनट बाद एक गेट के पास पहुँचता है गेट अपने काम खुल जाता है अभय फिर बाइक लेके अंदर जाता है 2 मिनट बाद फिर एक गेट आता है इस बार एक गार्ड खोलता है जल्दी से अभय फिर सीधा एक बंगलो पे पहुँचता है


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अभय का नया दो मंजिला घर अभय घर को अच्छे से देखते हुवे अंदर जाता है हर एक कमरे को अच्छे से चेक करता है अभय जैसा कमरा सब के लिये चाहता था वैसा सजा हुआ था बाथरूम किचन सब चेक कर बाहर आता है

अभय का घर चारो तरफ से दीवार से घिरा हुआ है के बगल दीवार के उस पास के जमीन भी अभय ने ले लिया था उस जमीन पे कुछ लीची आम और आमरुद् फुल के पेर अलग अलग लगे हुवे थे आगे कुछ जगह खाली थी तो अभय वहा सविंगपुल बनवा रहा था जो कुछ दिन मे रेडी हो जायेगा बाकी बगीचे मे बैठने के लिये भी

अभय के पास एक बंदा आके - बॉस आप आ गये नीचे सब आपका इंतज़ार कर रहे है

अभय - ठीक है चलो

बंदा आगे आगे अभय पीछे पीछे दोनो बगीचे के आगे कोने साइड आ जाते है उसके बाद बंदा पेर पे एक जगह उंगली दबाता है तभी जमीन के नीचे से एक रास्ता खुल जाता है

अभय बंदा अंदर जाते है अंदर बहोत जयादा जगह थी अभी अंदर मे कुछ 15 लोग थे सभी अभय को देखते थी अभय के सामने झुक कर - आपका सवागत है बॉस

अभय चारो तरफ देखते हुवे - ठीक है बहोत अच्छा काम चल रहा है जैसा मे चाहता था

अभय एक बंदे को देख - सब काम जल्दी पुरा करो ताकि बाकी लोग यहा आ सके फिर अपना काम सुरु करेगे तुम सब बहोत अच्छा कर रहे हो गुड

सभी बंदे - थैंक्स बॉस

अभय जाते हुवे - याद रहे मेरे जमीन पे मेरे इज़ाज़त के बिना कोई पैर रख ना पाये अच्छे है छोर दो गलत इरादे से आते है पता करो उस हिसाब से सजा दो

अभय फिर ऊपर आके बाइक पे बैठ मधु के घर की तरफ निकल परता है

( उदय बंगलो )

कमरे मे आरोही टांगे फैलाई लेती हुई थी उदय तेज तेज धक्का मारते हुवे अपना लंड आरोही की टाइट चुत के अंदर बाहर करते जा रहा था आरोही दर्द मे आखो मे आसु लिये - हा उफ मा मर गई बाहर तेज धक्का मार रहे h दर्द हो रहा है उफ धीरे करिये ना प्लेस


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उदय आरोही के चूचे दबाते हुवे तेज धक्का मारते हुवे - बेटी तेज चुदाई मे ही असली मजा है देखो कैसे तेरी चुत पानी बता रही है कमरे मे फट फच् आवाज के साथ ( आरोही आह मा मेरा आने वाला है उफ आ गया अंकल( उदय और तेज धक्का मारता है आरोही दर्द मे बिस्तर पकर कापते हुवे - हा आ गया अब निकलने वाला है मा मर गई करते हुवे आरोही उदय झर जाते है

आरोही हाफते हुवे - उफ दर्द मे मजा दिला देते है
उदय आरोही को देख - तेरी चुत बहोत टाइट गर्म है बेटी किया करू
आरोही मुस्कुराते हुवे - बीवी हु आपकी
उदय मुस्कुराते हुवे - हा लेकिन बेटी केहता हु तो एहसास होता है मे एक जवान कुवारी लरकी की चुत मार रहा हु तो मजा दुगना हो जाता है
आरोही मुस्कुराते हुवे - मेरा भी यही है आपको अंकल केहती हु तो मेरी चुत और पानी बहाने लगती है

आरोही बिस्तर से उतर कपड़े पेहन रेडी होके - बहोत देर हो गई जाना होगा सादी जल्दी करिये ताकि मे आपके साथ हमेसा रहु

उदय मुस्कुराते हुवे - बस कुछ दिन का इंतज़ार कर लो

आरोही जाते हुवे मुस्कुरा के - ठीक है बाय

आरोही जाते हुवे - मेरी चुत पानी पानी कर देते है मजा बहोत मजा आता है उफ

आरोही के जाने के बाद उदय आरोही के पिता जगमोहन को फोन करते हुवे - ससुर जी साम को आ जाइये बताइये कुवारी चाहिये या
जगमोहन - दामाद जी इस बार एक बच्चो की मा जिसके चूचे से दूध आता हो अगर मिल जाती तो मजा आ जाता
उदय मुस्कुराते हुवे - जरूर मिलेगी ससुर जी आपका दामाद है ना साम को आ जाइये

जगमोहन - ठीक है फिर

फोन कट

उदय मुस्कुराते हुवे - मुझे लगा ससुर जी को बदलने मे समय लगेगा लेकिन ससुर जी तो मुझसे भी तेज निकले दूध वाली चुत चाहिये हा हा हा 4 चुत मे ही असली रंग मे आ गये

उदय एक बंदे को फोन कर - हा जवान नही दूध वाली समझ गये
बंदा - जी सर हो जायेगा

मधु के घर


अभय मधु के घर पहुँच अंदर जाता है आगन मे मधु कमरे रस्सी पे डाल रही होती है अभय मधु को देख - क्या बात है मेरी गुरिया कपड़े धो रही है

अभय की आवाज सुनते ही मधु खुश हो जाती है और अभय को देख मुस्कुराते हुवे - करना परेगा ना भाई घर का काम

अभय मुस्कुराते हुवे - हा करना तो परेगा

मधु जल्दी से सारे कमरे डाल हाथ साफ कर अभय के पास आती है अभय मधु के कमर पकर अपने से सता लेता है मधु अभय से चिपक जाती है


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अभय मधु की आखो मे देख - मुझे लगा आज फिर वो सीन देखने के लिये मिलेगा लेकिन फिर देर हो गई
मधु अभय को देख शर्मा के - गंदा भाई

अभय मधु को गोदी मे उठा लेता है मधु हैरान सर्म से अभय को देखने लगती है अभय मुस्कुराते हुवे मधु को कमरे मे ले जाता है और बिस्तर पे लेता के मधु के ऊपर आके मधु को देखने लगता है मधु सर्म से अभय को देखने लगती है

अभय मधु को देख - बताओ गुरिया तुम्हे कैसा लरका पसंद है मे तेरी सादी जैसे लरके से ही करवाउंगा
मधु अभय को देख शर्मा - भाई अभी अदिति दीदी की सादी होगी फिर बटाउगी

अभय मधु के ऊपर से नीचे मधु के साइड लेत जाता है मधु अभय के ऊपर आके लेत जाती है अभय मधु को पकर - चलो अच्छा है

तभी सिला खेत से आ जाती है अभय मधु बाहर आते है सिला अभय को देख - क्या बात है भाई बेहन पहले से ही लगे हुवे है

अभय सिला को बाहों मे लेके - अब आपसे लग जाउंगा उसमे क्या है सिला हस्ते हुवे - ये बता तैयारी कैसी चल रही है
अभय - अभी समय है लेकिन बाकी तैयारी चल रही है
सिला- इंतज़ार नही होता मुझे तो तुझे दुल्हे के रूप मे देखना है
मधु मुस्कुराते हुवे - मुझे भी मा भईया की सादी मे खूब मजा आने वाला है
सिला हस्ते हुवे - हा वो तो है
अभय सिला के गाल पे किस करते हुवे - हा जल्दी ही आप देखोगी मुझे दुल्हे पे रूप मे

अभय फिर 20 मिनट तक बाते करता है और फिर अपने घर की तरफ जाने लगता है तभी अभय को कुछ याद आता है और अभय मुस्कुराते हुवे बाजार जाता है ज्वेलरी स्टोर मे जाके अभय सबसे अच्छा दिखने वाला चोवाइस करने लगता है

अभय मन मे - ये मा मे अच्छा लगेगा जचेगा भी मे सोच कर ही केह सकता हु मा कैसी लगेगी बाकियो के लिये मे शोपिंग करने जायेंगे तब लूंगा

अभय पैसा पे कर बाइक पे बैठ घर आ जाता है

दोपहर 1 बज रहे थे अभय अदिति मा से बात करते हुवे सब सो जाते है साम तीन बजे अभय बाकी कुछ काम करने के लिये कुछ लोगो से मिलने जाता है इसी मे आते वक़्त साम हो जाती है

आँगन मे अदिति खाना बनाने मे लग जाती है आसा अभय खटिये पे बैठ थे बाते भी चल रही है

आसा - बेटा गारी खाना पंडाल बाजा के लिये सब को पहले से केह दिया है ना

अभय - हा मा मेने केह दिया है आप चिंता मत करो
आसा - अच्छा है सादी की खरीदारी भी करनी है
अभय - चिंता मत कीजिये मेने सोच लिया है सब साथ मे जाके खरीदारी कर देगे
आसा - हा मे कोई कमी नही चाहती मेरे बच्चे की सादी धूम धाम से देखना चाहती हु
अभय आसा को गले लगा के - जरूर मा आप जैसा कहेगी वैसा होगा
अदिति रोने सी आवाज मे अभय आसा को देख - भाभी होती तो मे भी आपके गोद मे बैठी बाते कर रही होती लेकिन देखो खाना बना रही हु

आसा अभय अदिति की बात पे हसने लगते है

रात 8 बजे

मिनिता रोज की तरह आती है कोमल विजय भी साथ मे थे

अभय मिनिता को देख मुस्कुरा देता है मिनिता थोरि शर्मा जाती है

आसा मुस्कुराते हुवे - आओ आओ बैठो

चटाई बिछाई जाती है सब नीचे बैठ जाते है

कोमल मधु बाते करने लगते है
अभय विजय अपने मे
सिला मिनिता अपने मे

मिनिता - दीदी जल्दी ही बेटे को दुल्हे के रूप मे देखेंगे
आसा मुस्कुराते हुवे - हा इंतज़ार नही होता
मिनिता हस्ते हुवे - इंतज़ार तो अभय बेटा को करना मुश्किल हो रहा होगा
आसा मिनिता की बात समझ मिनिता को गाल पे मारते हुवे - बेशर्म

अभय - तो क्या चल रहा है
विजय - भाई आपके घर से 10 मिनट की दूरी पे घर मिल गया है तो मेने ले लिया

अभय - बहोत अच्छा किया कब जाने का ईरादा है नये घर मे
विजय - भाई जब आप नये घर मे सिफ्ट हो जाओगे उसके बाद
अभय - अच्छा है
विजय - भाई अपने उस जगह को देख आये
अभय - हा आज गया था
विजय - कैसा लगा आपको काम
अभय- बहोत अच्छा है

कोमल - तो भाभी ना होने पे खाना बनाना पर रहा है
अदिति मुस्कुराते हुवे - हा लेकिन मे खुश भी हु अपने हाथो का बना खाना भाई को खिलाने मे खुशी होती है
कोमल मुस्कुराते हुवे - तु पूरी भाई की दीवानी है
अदिति - ये भी कहने की बात है

बाते करते करते 9. बज जाते है खाना खाने का वक़्त

मिनिता कोमल विजय जाने के लिये रेडी थे

मिनिता - अच्छा दीदी हम चलते है
आसा - हा ठीक है
मिनिता अभय को देखती है अभय मिनिता को फिर जाने लगते है
कोमल अभय को देख - जा रही हु बंदर
अभय मुस्कुराते हुवे - जा ना बंदरिया

आसा हस्ते हुवे - कोमल बेटी को बंदरिया बुलाता है
अभय हस्ते हुवे - वो भी तो मुझे बंदर बुलाती है

अदिति फिर खाना निकालती है आसा अभय अदिति खाना खाते है फिर कमरे मे आ जाते है


अभय कमरे मे आके कपड़े बदल कर मा के लिये जो लाया था लेके आसा के कमरे की तरफ जाने लगता है


आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏🙏🙏
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ajay bhai

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chapter 31

सुबह होते ही काजल की नींद खुलती है काजल अपने आप को अभय के बाहों मे पूरी चिपके हुवे पाती है काजल देखती है उसका एक पैर अभय के ऊपर है सिन कुछ ऐसा था काजल के चूचे पूरा बदन यहा तक की काजल की चुत भी आयन के लंड से चिपकी हुई थी सुबह लरको का लंड खरा रेहता है लेकिन यहा तो दो रीजन थे पहला काजल की चुत की गर्मी अभय के लंड को मिल रही थी दूसरा तो नॉर्मल सुबह खरा रेहता ही है लेकिन इस बार काजल को अभय का लंड फिल होता है अपनी चुत मे तो काजल के रोम रोम काप् जाते है और सर्म से पानी पानी हो जाती है

बात ये थी अभय बेचारा तो सोया था लेकिन लिये अपने लंड पे उसका कंट्रोल रही था नही तो आयन ऐसा होने नही देता खैर काजल को रात कांड भी याद आता है तो सासे तेज हो जाती है

काजल अभय को देख मन मे - रात जो हुआ पता नही कैसे सब हुआ दूसरी अभय बेटा के बाहों मे सोने से मुझे अच्छी नींद और सुकून मिला मुझे समझ नही आ रहा सब क्या है

काजल अपने आप को अभय के बाहों से आजाद होके खरी होती है फिर अपने सुबह के काम पे लग जाती है

सुबह के 9 बज गये थे लेकिन अभय मजे से सोने मे लगा था काजल रेडी होने के बाद अभय को जगाने आती है

काजल अभय के सर को सेहलाते हुवे - अभय बेटा उठ जा सुबह के 9 बज गये है कब तक सोयेगा

काजल की मिठी आवाज अभय के कान मे जाती है तो अभय अपनी आखे खोलता है और सामने देखता है काजल को जिसे देख फिर अभय के अंदर कुछ होने लगता है

काजल पीली सारी पीली ब्लाउस के कयामत लग रही थी लेकिन अभय की नजर को अपनी बुआ के ब्लाउस मे कसे बरे चूचे और दो चूचे के बीच दरार मे ठीकी हुई थी ( अभय मन मे उफ बुआ एक दिन मेरी जान लेके रहेगी

काजल अभय की नजर को देख समझ जाती है अभय क्या देखने मे खोया है तो काजल सर्म से लाल हो जाती है

अभय बिस्तर से खरा होके काजल के पास जाता है और बाहों मे भर किस करना सुरु कर देता है काजल हैरान हुई अचानक से अभय को किस करता देख लेकिन काजल कुछ ना कहती है ना रोकती

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काजल खुद अभय का साथ देती है दोनो बुआ भतीजे सुबह सुबह का नास्ता होठो की रस मलाई से करना सुरु कर देते है 2 मिनट तक दोनो कोई कसर नही छोरते और जी भर के एक दूसरे का रस पीते है

अभय फिर किस तोर जल्दी से काजल के सीने से सारी हटा के काजल को बिस्तर पे बैठा के कमर पकर् काजल के गर्दन पे किस करना सुरु कर देता है काजल के मुह से सिसकिया निकलने लगती है अभय काजल के मुलायम कमर को पकरे किस कर रहा था वही काजल के बरे चूचे ब्लाउस मे कैद बाहर झाक रहे थे काजल के कमर चूचे हाय देखने मे क्या लग रहा थे

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phantasmagoria poem
काजल कापते होठो से अभय बेटा मत कर अभी रेडी होके आई हु दूसरा कोई आ जायेगा उफ प्लेस रोक जा ना ( अभय गर्दन पे किस करते हुवे - बुआ बस एक मिनट प्यार करने दीजिये ( काजल बरी मुश्किल से अपने आप को काबू किये हुवे रहती है

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अभय काजल को बिस्तर पे लेता कर बरे दोनो चूचे ब्लाउस के ऊपर से ही दबाने लगता है और अपना मुह चूचे पे लगा देता है ये हमला काजल सेह नही पाती पूरा सरीर काप् जाता है और तेज सिसकिया तेज सासे लेने लगती है काजल अभय को दूर करते हुवे कापति आवाज मे बस बहोत हो गया

काजल अभय को दूर कर जल्दी से सारी सही बाल सही कर अभय को देख जाके नहा के तैयार हो जा

अभय अब होस मे आता है और सर्म से नजरे नीचे कर - जी बुआ

अभय चला जाता है और काजल बिस्तर पे बैठ तेज सासे लेते हुवे मन मे - ये लरका बहोत बिगर गया है कही भी कभी भी सुरु हो जाता है

अभय खेत से आके नहा के रेडी होता है ममता खाना निकाल अभय को देती है अभय बैठ खाना खाने लगता है ममता बैठी अपनी बेटी को लिये हुवे थी

ममता - तो अभी निकले गे या साम को
अभय ममता को देख - भाभी अभी ही निकलना होगा आपको पता ही ना अब कुछ दिन ही बचे है बहोत तैयार करनी बाकी है

ममता - हा बात तो सही कही आपने
अभय - वो तो है लेकिन आपको भाई फूफा सब को सादी से 2 दिन पहले आ जाना है जैसे भी हो
ममता मुस्कुराते हुवे - हा बाबा आ जाउंगी भला देवर जी की सादी मे कैसे मिस कर सकती हु

अभय मुस्कुराते हुवे - ये हुई ना बात
अभय का खाना पीना हो जाता है

अभय ममता के पास आके सत् के बैठ - भाभी फिर एक गीली किस्सी मिलेगी क्या
ममता अभय को देख सर्म से - देवर जी आपका हक नही है फिर भी एक बार आपको मेने दी लेकिन बार बार गलत है

तभी काजल अंदर आते हुवे - अभय बेटा खाना खा लिया तूने
अभय खरा होते हुवे - जी बुआ अब हमे निकलना चाहिये
काजल - हा मे भी रेडी हु ( काजल ममता को देख) बहु मे जा रही हु अपना बच्चे घर और सब का ख्याल रखना

ममता - जी मम्मी जी आप चिंता मत कीजिये
काजल -ठीक है चले बेटा
अभय ममता को देखता है फफिर- जी बुआ

अभय बैग लेके बाइक के आगे अच्छे से रख देता है फिर बाइक निकाल बैठ चालू करता है काजल भी बैठ जाती है ममता पास ही खरी थी
काजल ममता को देख - अच्छा बहु हम जाते है साम को फोन करुगी
ममता अभय को देखती है जो कान पकर इसारे से माफी मांग रहा था
ममाता - जी मम्मी जी आप आराम से जाये
काजल - ठीक है फिर चलो बेटा
अभय ममता को देख - भाभी अपना ख्याल रखना
ममता मुस्कुराते हुवे - आप अपना भी ख्याल रखना और फोन करते रहिये गा
अभय मुस्कुराते हुवे - जी जरूर


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फिर अभय निकल परता है काजल पीछे एक तरफ पैर किये एक हाथ अभय के कंधे रखी बैठी थी काजल को अजीब खुशी एहसास फिल हो रहा था बाइक पे अभय के साथ जाने मे बैठने मे और सफर का मजा लेने मे

5 मिनट हो जाते है घर से निकले लेकिन अभय एक शब्द भी नही बोलता काजल अभय को बात ना करता देख समझते देर नही लगती अभय कियु बात नही कर रहा और कियु रूठा हुआ है

काजल अपनी बरी गांड को खिसका कर अभय से टच कर सत् जाती है अभय का लंड एक झकता मारता है कियुंकी औरत के गांड जान्धे बाकी सरीर से बहोत गर्म रहते है हमेसा और अभय को काजल के सरीर की गर्मी तो फिल हो ही रही थी लेकिन गांड की गर्मी बहोत जायदा फिल हो रही थी

काजल मुस्कुराते हुवे - मेरा भतीजा कियु रूठा हुआ इस लिये तो नही कियुंकी मेने सारी पहनी है सूट नही पहना

अभय रूठे आवाज मे - आपको जब पता था फिर फिर भी

काजल - माफ कर से ना बात ये है बेटे मे जायदा तर सारी पहनती हु आते समय तेरे कहने पे सूट पहना था जाते सुबह सारी पहनी थी फिर अगर सूट पेहन लेती तो बहु को अजीब लगता इस लिये समझ ना

अभय - अच्छा ठीक है लेकिन सफर का मजा खराब हो गया मेरा
काजल मुस्कुराते हुवे - उसके लिये माफी

काजल को पता नही क्या सूझता है थोरा घूम अपने चूचे आयन के पीछे कस के दबा देती है अभय बेचरा एकदम से हैरान हो जाता है लेकिन फिर मुस्कुराते हुवे चूचे को फिल कर मजे लेता है

काजल फिर सीधा होके बैठ जाती है और सर्म से लाल हुवे थी

अभय मुस्कुराते हुवे - बुआ आप बहोत अच्छी है और आपके बरे मुलायम चूचे भी

काजल अभय के पीट पर मारते हुवे शर्मा के - कितना गंदा बोलता है
अभय हस्ते हुवे - सच ही तो कहा वैसे बुआ सच मे आपके चूचे बहोत बरे बोल टाइट है मे हैरान हु इस उमर मे भी आप फिट है

काजल और सर्म से पानी पानी हो जाती है

काजल सर्म से - बस कर अजीब लग रहा है


अभय के घर

मिनीता आसा कमरे मे बाते कर रहे थे

मिनीता - दीदी मुझे लगता है अभय ननद जी घर से निकल गये होगे
आसा - हा रे निकल गये है लाला ने फोन कर बताया था
मिनीता हस्ते हुवे - ऐसा ना हो आपका लाला ननद जी को किस करता हुआ लेत आये
आसा हस्ते हुवे - ये तो वो दोनो ही जाने लेकिन जहा तक मुझे पता है लाला किस बिना रहा तो नही होगा
मिनीता हस्ते हुवे - दीदी ये भी कोई कहने की बात है अभय बेटा बिना किस के रहे हो नही सकता
आसा मुस्कुराते हुवे - हा वैसे भी ननद जी बहोत अच्छी है अभय को प्यार भी बहोत करती है
मिनीता - आपने बात तो सही कही लेकिन हम भी अभय बेटे से बहोत प्यार करते है
आसा मुस्कुराते हुवे - हा जानती हु किस्मत वाला है मेरा लाला जिसे तुम लोगो का प्यार मिलता है
मिनीता - ऐसी बात नही है दीदी वो है की कितना अच्छा कोई भी उससे घुल मिल जाता है
आसा - हा ये तो है


अदिति अंदर आते हुवे - मा भाई को फोन करू निकले की नही
मिनीता अदिति को देख मुस्कुराते हुवे - कियु एक दिन भी भाई के बिना नही रहा जाता क्या

अदिति आसा के पास बैठ मुस्कुराते हुवे - एक दिन बहोत है एक पल भी भाई को देखे बगैर रेह नही पाती लेकिन क्या करू हमेसा मेरे नजरो के सामने रेह तो नही सकते ना

मिनीता मुस्कुराते हुवे - अच्छा ऐसी बात है लेकिन जब तेरी सादी होगी फिर मा भाई भाभी को छोर कर जाउंगी तो कैसे रहोगी

मिनीता कि बात अदिति के दिल मे हचल मिठा दर्द पैदा कर देती है लेकिन अदिति इस फीलिंग दर्द को समझ नही पाती

अदिति मिनीता को देख मुस्कुराते हुवे - मे सादी नही करुगी अगर मा भाई ने फोर्स किया तो घर जमाई लेके आउंगी

अदिति मन मे - घण्टा भाई को छोर जाउंगी ही नही सादी बिना भी जिंदगी जी जा सकती है

मिनीता हस्ते हुवे - हा ये हो सकता है घर जमाई ला सकती हो लेकिन सादी करनी ही परेगी कियु दीदी

आसा अदिति को देख - मेरी बच्ची जो चाहेगी वही होगा मे अपनी लाडली को किसी चीज के लिये दबाव नही डाल सकती

अदिति आसा के गले लगते हुवे - मेरी प्यारी अच्छी मा
मिनीता सब देख - दीदी मे समझ रही हु आपके सब के बीच कियु इतना गहरा प्यार है आपने सब को प्यार से पाला है और किसी चीज के लिये फोर्स कभी नही क्या ना कोई बातो पे किसी को डाटा है

आसा मुस्कुराते हुवे - हा सही कहा बच्चे मेरी जान है मे कैसे अपने बचें पे गुस्सा कर सकती हु मारना तो दूर की बात है

मिनीता - मेरे भी दो बच्चे है लेकिन सब अपने मे लगे रहते है लेकिन आपका लाडला है जो आपसे चिपका रहता है

आसा मुस्कुरा देती है


दिशा के घर - एक कमरे मे

पूजा गुस्से से - दीदी इस बार जब भी जीजा जी आयेगे देखना अपना बदला लेके रहूगी मेरे बम का दम निकाल दिया मार के ऐसा कोई करता है क्या

दिशा जोर जोर से हस्ते हुवे - मेरी छोटी बेहना मुझे लगता है तुम जान बुझ कर उनसे लरने जाती हो जब भी मुझसे मिलने आते है तुम टपक परती हो तो गुस्सा आ जाता है

पूजा मुह बनाते हुवे - मे कियु लरने जाऊ भला पता नही ठरकी जीजा से आपको इतना प्यार कियु है

दिशा पूजा को देख - सच पता तुझे जीजा अच्छे लगते है या बुरे
पूजा दिशा को देख - बहोत बुरे ठरकी लगते नही है दीदी
दिशा - अच्छा अगर ऐसा है तो तुम कहोगी तो मे इस सादी को तोर देती हु

पूजा हैरान दिशा को देख - अरे दीदी सादी तोरने की क्या जरूरत है ठरकी है लेकिन थोरा अच्छे भी है

दिशा पूजा को देख मन मे - पागल दिखाती है जैसे उनको पसंद नही करती लेकिन अंदर मे बहोत पसंद करती है

नोट - पसंद प्यार वाला नही एक अच्छे इंसान वाला पसंद


मधु सिला - खेत मे

सिला घास काट रही थी मधु बैठी हुई थी

सिला मधु को देख मुस्कुराते हुवे - आज भाई नही आने वाला था इस लिये मेरे साथ आ गई है ना

मधु मुस्कुराते हुवे - आपने सही कहा बुआ को लेके आ रहे है तो 11 या 12 बज ही जायेंगे ऐसे मे साम को ही मिलने आयेगे

सिला मुस्कुराते हुवे - हा तेरा केहना सही है
मधु मुस्कुराते हुवे - भाई आयेगे तो कहूगी भूमाने लेके जाये
सिला हस्ते हुवे - अच्छा जी घूमने जाना है
मधु - हा जाउंगी वैसे भी भाई ने वादा क्या है
सिला - ओ ऐसा क्या ये तो अच्छी बात है
मधु सिला को देख - उन्होंने तो कहा था एक किसी दिन आपको भी अकेले घुमाने लेके जायेंगे
सिला सर्म से - अच्छा मा हु तो लेके जायेगा ही ना
मधु मुस्कुराते हुवे - हा भाई के हॉट मा है आप
सिला हैरान मधु को देख सर्म से - बहोत मारुगी शैतान
मधु जोर जोर से हसने लगती है



रोड से ठोरी दूर ही मधु अपनी मा के साथ खेत मे थी रोड साइड एक पेर के नीचे 2 लरके खरे मधु को देख रहे है

लरका 2 - भाई यार कब तक ऐसे ही देखते रहोगे
लरका 1 - मोक्के का इंतज़ार कर रहा हु मुझे पता नही था यहा आने के बाद मुझे करक माल दिख जायेंगी
लरका 2 - कियु आपके गाव मे कोई मधु जैसी माल नही है क्या
लरका 1 - नही है रे कल ही मेने इसे साम को घर के बाहर देखा था कसम से साली को देखती ही मेरा लंड फन फन करने लगा अभी जवान हुई है लेकिन साली कि बॉडी हाय बरे चूचे सूट के अंदर दबे थे लेकिन चूचे का उभार साफ बता रहा था कितना टाइट बरे चूचे है मधु के और कमर गांड जब चल रही थी तो हाय दाय बाय हिल रहे थे

लरका 2 - लेकिन आप आगे करने क्या वाले है
लरका 1 - पहले प्यार मे गीराऊगा नही मानी तो खेत मे ही रेप कर दुगा

लरका 2 समझ गया लेकिन उसके घर कोई एक लरका आता जाता है

लरका हैरान गुस्से से - कोन है वो सा....

आगे कुछ केहता पेर से कोई नीचे आके सीधा एक लात लरका 1 को मारता है लरका वन धराम से नीचे गिरता है और दर्द मे चीख मारता है

लरका 1 हैरान सामने देखता लरका 2 भी दर्द मे पीछे मूर देखता है सामने कोई था जिसका चेहरा मास्क से ढका हुआ था कपड़े मास्क सब काले थे हाथ मे एक कंजर लेकिन गोर से देखने मे पता चलता h ही वो एक लरकी है दोनो लरके लरकी को इस तरह काले कपड़े मे हाथ मे खंजर देख डर से कापते हुवे - तुम कोन हो कियु मुझे मारा

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dark poems about depression
लरकी खंजर लिये दोनो लरके को गुस्से मे देख - जिस लरकी के बारे मे तुम लोग गंदे बाते कर रहे थे वो मेरी मैडम है और जिस लरके को तुम गाली लेने वाले थे वो मेरे बॉस है कमीने

लरकी तेजी से जाके दोनो मे एक एक पंच पेट मे जोर से मारती है दोनो लरके पेट पकरे दर्द मे घुटने मे आ जाते है और दर्द से चीलाने लगते है लरकी दोनो के पास बैठ - सांत नही तो गला काट दुगी
दोनो लरके डर से चुप हो जाते है लेकिन सरीर थर थर काप् रहा था


लरकी आगे पीछे देखती है कोई आ तो नही रहा जब कोई दिखाई नही देता तक लरकी दोनो को देख मुस्कुराते हुवे एक लरके के मुह बंद कर उंगली को मरोरने लगती है लरके को जान निकलने वाली दर्द होता है लेकिन आवाज दब कर रेह जाती है लरका छतपटाने लगता है पैर जोर जोर से मारने लगता है लेकिन लरकी के पकर से छुट नही पाता बस दर्द मे तरपता रोता रेह जाता है

लरकी दूसरे लरके को मुस्कुराते हुवे देख - भागने की गलती मत करना नही तो मारे जाओगे

लरका 2 की हालत देख लरका 1 डर से कापते हुवे पैंट मे मूत देता है

लरकी लरका 2 को देख - छी कितनी गंद फैला दी तुम से

लरकी लरके 1 की उंगली तोरती नही बस दर्द देती हो बेहइंतिहा दर्द और लरका 2 कापते हुवे देखता रेह जाता है 5 मिनट बाद

लरकी लरका 2 के उंगली को छोर - मुह से हाथ हटा रही हु याद रखना चु की आवाज भी निकली जान से मार दुगी

लरकी लरके के मुह छोर देती है लरका दर्द मे उंगली को पकरे आसु बहाये जा रहा था

लरकी दोनो को देख - याद रहे आज दर्द दिया है लेकिन अगली बार मेरे मैडम के पास पास दिखे जान से मार दुगी दूसरा किसी को बताना भी मत अब भागो यहा से

लरकी के कहती ही दोनो लरके तेजी भाग निकलते है डरे इतने थे कि पीछे देखते भी नही

लरकी दोनो लरके को भागते देखती है फिर मधु को देख मुस्कुराते हुवे एक चलाग् मार पेर के ऊपर एक जगह छुप के बैठ मधु पे नजर रखने लगती है


अभय काजल

काजल आगे देखती है वही जगह जिस दिन आते वक़्त काजल को कुछ लरके गंदे कोमेंट कर रहे थे और अभय ने पीटा था

काजल - बेटा आगे उस पेर के पास बाइक रोक दो
अभय हस्ते हुवे - कियु फिर खेत मे जाना है किया
काजल सर्म से अभय को मारते हुवे - कितना बिगर गया है

अभय मुस्कुराते हुवे पेर के छाव मे बाइक रोक देता है काजल बाइक से उतर पेर के नीचे बैठ जाती है

पेर के चारों तरफ दीवार बना के मिट्टी डाल पलस्तर किया गया था तो उचाई जन्धो तक थी काजल साइड मे पैर नीचे कर बैठी हुई थी

अभय बाइक लगा के काजल के पास बैठ - क्या बात है खेत मे नही जाना
काजल अभय को शर्मा के - बहोत मारुगी मे बस थोरा इस खोले गजह का मजा लेना चाहती हु

अभय काजल को देखता है फिर - मुझे पता है आपकी लाइफ सुरु से बच्चो के पालने बरा करने सादी करने से लेकर अब तक आप सिर्फ घर मे ही रही घर है बाहर घूमने का मोक्का नही मिला होगा

काजल अभय को देख मुस्कुराते हुवे - सही कहा इसी लिये तेरे साथ इस सफर मे मुझे बहोत अच्छा और मजा आता है जैसे मे आजाद हु दिल मेरा भी करता था कई घूमने जाऊ अच्छी जगह पे घुमू मजे करू खूबसूरत जगह का आंनद लू लेकिन अब उमर गई मेरी

काजल दुखी हो जाती है

अभय काजल को दुखी देख अच्छा नही लगता है

अभय को देख - बुआ आप मेरी गोदी मे आके बैठ जाइये
काजल सर्म से आगे पीछे देख - कोई देख लेगा
अभय - बुआ इस रास्ते से बहोत कम लोग आते जाते है अगर कोई आया तो उठ जाना

काजल सर्म से खरी होके अभय के तरफ अपनी बरी फैली गांड कर अभय के गोद मे बैठ जाती है काजल के बैठते ही अभय को अपने लंड जन्धो पे काजल की चुत गांड जन्धो की तेज गर्मी फिल होती है तो अभय का लंड कई बार झटका मारता है

अभय काजल को बाहों मे कस - बुआ मेरी मा का भी यही है रही बात उमर जाने की तो किसने कहा अभी भी आज बहोत जवान थे कसम से मे सिर्फ रुका हु सादी तक उसके बाद मे पहले हि प्लान किया है मा दिशा सब के साथ 1 महीने के लिये हरे भरे पहार् बहती नदिया हरे भरे बरे जंगल कहा सिर्फ सांति सुकून होगा वहा कैम्प करने जाउंगा ताकि सब नेचर का खूबसूरत वादियों का सुकून सांति का मजा ले सके दूसरी आप भी मेरी मा के बाद बेस्ट प्यार देने वाली दूसरी है तो मे वादा करता हु आपको भी हर खूबसूरत अच्छी जगह घुमाउग

अभय की बात सुन काजल इमोसनल होके अभय की तरफ देख - सच केह रहा है

अभय काजल के गाल सेहलाते हुवे - आपकी कसम बुआ आपने मुझे वो सब करने दिया जो कोई करने नही देता और मुझे भी आपके साथ बात करना मस्ती करना प्यार करना बहोत अच्छा लगता है

काजल खुश भी होती है और बहोत शर्मा भी जाती है

अभय धीरे से काजल के चूचे पे हाथ रख दबाने लगता है काजल एकदम से सिसक् परती है मचल उठती है अभय पुरे चूचे को पकर नही पा रहा था जितना पकर पा रहा था दबाने लगता है काजल कापते हुवे सिसकिया लेते हुवे - बेटा मत कर ना कोई देख लेगा मान जा

अभय काजल के कान मे - घर जाने के बाद मुझे आपके चूचे मुह मे लेके पीना है पिलाऊँगी ना बुआ
काजल हैरान होती है लेकिन फिर भी मना नही कर पाती काजल के गांड अपने अपने आगे पीछे होने लगते है यानी की काजल कि बॉडी खुद चलने लगती है काजल गांड आगे पीछे कर अभय के लंड पे अपनी चुत रगरने लगती है

अभय - बोलिये मा बुआ
काजल मदहोसि मे सिसकिया लेते हुवे - ठीक है बेटा अब छोर दे मेरे चूचे को
अभय धीरे से - एक सवाल जब मे आपके चूचे को दबाता हु तो ये टाइट कियु हो जाते है
काजल पूरी मदहोसि मे गुम - आह बेटा मुझे नही पता अब जाने छोर से
अभय -ठीक है छोर दुगा लेकिन अभी मुझे आपके चूचे देखने है
काजल सिसकिया लेते - रात को देखा तो था
अभय काजल के चूचे दबाते हुवे - रात को अच्छे से नही दिखा अंधेरा था
काजल अपनी गांड उठाते हुवे मदहोसि मे - ठीक है दिखा दुगी अब छोर दे दर्द हो रहा है

अभय काजल के चूचे छोर देता है काजल कापते पैरों के साथ खरी होती है और अभय की तरफ देख शर्मा के नजरे नीचे कर ब्लाउस से दोनो चूचे बाहर निकाल देती है

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अभय काजल के पास आके गोर से काजल के चूचे को देखते हुवे मन मे उफ कितने बरे है मुह मे लेके चूस कर पीने मे मजा आयेगा आह सोच कर ही कुछ हो रहा है मुझे ( अभय काजल के निपल को पकर दबा देता है काजल तेज सिसकिया लेती है फिर जल्दी से चूचे अंदर कर सर्म से लाल नजरे नीचे किये ( मे खेत से आती हु) haste हुवे मे चलु क्या

काजल से - कोई जरूरत नही है बेशर्म कही का

काजल तेजी से खेत मे पीछे जाके चारों तरफ देखती है फिर सारी उठा के टांगे फैला बैठ तेज धार मारती है सुई की आवाज तेज से गुजने लगती है पिसाब करने के बाद काजल अभय के पास आती है

काजल शर्मा भी बहोत रही थी अभय काजल के कमर पकर सीने से सता के काजल के चेहरे को प्यार से पकर आखो मे देख - आपका ये खूबसूरत चेहरा आपका ये सर्माना आपकी ये अदा कसम से बुआ मेरे दिल की धरकन तेज कर देती है

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काजल अभय को देख शर्मा के - बेटा तेरी ऐसी बाते सुन मुझे अजीब का फिल होता मेरी धरकन भी तेज हो जाती है तेरी मस्तिया बाते हरकते तेरे साथ वक़्त बिताना मुझे भी बहोत अच्छा लगता है दोनो एक दूसरे को प्यार से देखते है

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फिर दोनो के होठ आपस मे मिल जाते है दोनो एक दूसरे को बाहों मे पकरे जोरों सोरों से एक दूसरे का रस पीना सुरु कर देते है दो मिनट बाद दोनो के होठ अलग होते है

काजल अभय को देख सर्म से - बेटा अब चलना चाहिये
अभय मुस्कुराते हुवे - ये बताइये रस पीने मे कितना मजा आता है
काजल अभय के कान मे धीरे से - इतना की दिल करता है पीती रहु

अभय मुस्कुरा देता है अभय फिर बाइक चालू करता है काजल बैठ जाती है अभय को पकर अभय फिर घर की तरफ निकल परता है

10 बजे निकले थे 12 बजे घर पहुँचते है

अभय काजल घर के अंदर जाते है अदिति आसा अभय काजल को देख बहोत खुश होते है

आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏🙏
 

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chapter 31

सुबह होते ही काजल की नींद खुलती है काजल अपने आप को अभय के बाहों मे पूरी चिपके हुवे पाती है काजल देखती है उसका एक पैर अभय के ऊपर है सिन कुछ ऐसा था काजल के चूचे पूरा बदन यहा तक की काजल की चुत भी आयन के लंड से चिपकी हुई थी सुबह लरको का लंड खरा रेहता है लेकिन यहा तो दो रीजन थे पहला काजल की चुत की गर्मी अभय के लंड को मिल रही थी दूसरा तो नॉर्मल सुबह खरा रेहता ही है लेकिन इस बार काजल को अभय का लंड फिल होता है अपनी चुत मे तो काजल के रोम रोम काप् जाते है और सर्म से पानी पानी हो जाती है

बात ये थी अभय बेचारा तो सोया था लेकिन लिये अपने लंड पे उसका कंट्रोल रही था नही तो आयन ऐसा होने नही देता खैर काजल को रात कांड भी याद आता है तो सासे तेज हो जाती है

काजल अभय को देख मन मे - रात जो हुआ पता नही कैसे सब हुआ दूसरी अभय बेटा के बाहों मे सोने से मुझे अच्छी नींद और सुकून मिला मुझे समझ नही आ रहा सब क्या है

काजल अपने आप को अभय के बाहों से आजाद होके खरी होती है फिर अपने सुबह के काम पे लग जाती है

सुबह के 9 बज गये थे लेकिन अभय मजे से सोने मे लगा था काजल रेडी होने के बाद अभय को जगाने आती है

काजल अभय के सर को सेहलाते हुवे - अभय बेटा उठ जा सुबह के 9 बज गये है कब तक सोयेगा

काजल की मिठी आवाज अभय के कान मे जाती है तो अभय अपनी आखे खोलता है और सामने देखता है काजल को जिसे देख फिर अभय के अंदर कुछ होने लगता है

काजल पीली सारी पीली ब्लाउस के कयामत लग रही थी लेकिन अभय की नजर को अपनी बुआ के ब्लाउस मे कसे बरे चूचे और दो चूचे के बीच दरार मे ठीकी हुई थी ( अभय मन मे उफ बुआ एक दिन मेरी जान लेके रहेगी

काजल अभय की नजर को देख समझ जाती है अभय क्या देखने मे खोया है तो काजल सर्म से लाल हो जाती है

अभय बिस्तर से खरा होके काजल के पास जाता है और बाहों मे भर किस करना सुरु कर देता है काजल हैरान हुई अचानक से अभय को किस करता देख लेकिन काजल कुछ ना कहती है ना रोकती

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plymouth church whittier
काजल खुद अभय का साथ देती है दोनो बुआ भतीजे सुबह सुबह का नास्ता होठो की रस मलाई से करना सुरु कर देते है 2 मिनट तक दोनो कोई कसर नही छोरते और जी भर के एक दूसरे का रस पीते है

अभय फिर किस तोर जल्दी से काजल के सीने से सारी हटा के काजल को बिस्तर पे बैठा के कमर पकर् काजल के गर्दन पे किस करना सुरु कर देता है काजल के मुह से सिसकिया निकलने लगती है अभय काजल के मुलायम कमर को पकरे किस कर रहा था वही काजल के बरे चूचे ब्लाउस मे कैद बाहर झाक रहे थे काजल के कमर चूचे हाय देखने मे क्या लग रहा थे

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phantasmagoria poem
काजल कापते होठो से अभय बेटा मत कर अभी रेडी होके आई हु दूसरा कोई आ जायेगा उफ प्लेस रोक जा ना ( अभय गर्दन पे किस करते हुवे - बुआ बस एक मिनट प्यार करने दीजिये ( काजल बरी मुश्किल से अपने आप को काबू किये हुवे रहती है

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अभय काजल को बिस्तर पे लेता कर बरे दोनो चूचे ब्लाउस के ऊपर से ही दबाने लगता है और अपना मुह चूचे पे लगा देता है ये हमला काजल सेह नही पाती पूरा सरीर काप् जाता है और तेज सिसकिया तेज सासे लेने लगती है काजल अभय को दूर करते हुवे कापति आवाज मे बस बहोत हो गया

काजल अभय को दूर कर जल्दी से सारी सही बाल सही कर अभय को देख जाके नहा के तैयार हो जा

अभय अब होस मे आता है और सर्म से नजरे नीचे कर - जी बुआ

अभय चला जाता है और काजल बिस्तर पे बैठ तेज सासे लेते हुवे मन मे - ये लरका बहोत बिगर गया है कही भी कभी भी सुरु हो जाता है

अभय खेत से आके नहा के रेडी होता है ममता खाना निकाल अभय को देती है अभय बैठ खाना खाने लगता है ममता बैठी अपनी बेटी को लिये हुवे थी

ममता - तो अभी निकले गे या साम को
अभय ममता को देख - भाभी अभी ही निकलना होगा आपको पता ही ना अब कुछ दिन ही बचे है बहोत तैयार करनी बाकी है

ममता - हा बात तो सही कही आपने
अभय - वो तो है लेकिन आपको भाई फूफा सब को सादी से 2 दिन पहले आ जाना है जैसे भी हो
ममता मुस्कुराते हुवे - हा बाबा आ जाउंगी भला देवर जी की सादी मे कैसे मिस कर सकती हु

अभय मुस्कुराते हुवे - ये हुई ना बात
अभय का खाना पीना हो जाता है

अभय ममता के पास आके सत् के बैठ - भाभी फिर एक गीली किस्सी मिलेगी क्या
ममता अभय को देख सर्म से - देवर जी आपका हक नही है फिर भी एक बार आपको मेने दी लेकिन बार बार गलत है

तभी काजल अंदर आते हुवे - अभय बेटा खाना खा लिया तूने
अभय खरा होते हुवे - जी बुआ अब हमे निकलना चाहिये
काजल - हा मे भी रेडी हु ( काजल ममता को देख) बहु मे जा रही हु अपना बच्चे घर और सब का ख्याल रखना

ममता - जी मम्मी जी आप चिंता मत कीजिये
काजल -ठीक है चले बेटा
अभय ममता को देखता है फफिर- जी बुआ

अभय बैग लेके बाइक के आगे अच्छे से रख देता है फिर बाइक निकाल बैठ चालू करता है काजल भी बैठ जाती है ममता पास ही खरी थी
काजल ममता को देख - अच्छा बहु हम जाते है साम को फोन करुगी
ममता अभय को देखती है जो कान पकर इसारे से माफी मांग रहा था
ममाता - जी मम्मी जी आप आराम से जाये
काजल - ठीक है फिर चलो बेटा
अभय ममता को देख - भाभी अपना ख्याल रखना
ममता मुस्कुराते हुवे - आप अपना भी ख्याल रखना और फोन करते रहिये गा
अभय मुस्कुराते हुवे - जी जरूर


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फिर अभय निकल परता है काजल पीछे एक तरफ पैर किये एक हाथ अभय के कंधे रखी बैठी थी काजल को अजीब खुशी एहसास फिल हो रहा था बाइक पे अभय के साथ जाने मे बैठने मे और सफर का मजा लेने मे

5 मिनट हो जाते है घर से निकले लेकिन अभय एक शब्द भी नही बोलता काजल अभय को बात ना करता देख समझते देर नही लगती अभय कियु बात नही कर रहा और कियु रूठा हुआ है

काजल अपनी बरी गांड को खिसका कर अभय से टच कर सत् जाती है अभय का लंड एक झकता मारता है कियुंकी औरत के गांड जान्धे बाकी सरीर से बहोत गर्म रहते है हमेसा और अभय को काजल के सरीर की गर्मी तो फिल हो ही रही थी लेकिन गांड की गर्मी बहोत जायदा फिल हो रही थी

काजल मुस्कुराते हुवे - मेरा भतीजा कियु रूठा हुआ इस लिये तो नही कियुंकी मेने सारी पहनी है सूट नही पहना

अभय रूठे आवाज मे - आपको जब पता था फिर फिर भी

काजल - माफ कर से ना बात ये है बेटे मे जायदा तर सारी पहनती हु आते समय तेरे कहने पे सूट पहना था जाते सुबह सारी पहनी थी फिर अगर सूट पेहन लेती तो बहु को अजीब लगता इस लिये समझ ना

अभय - अच्छा ठीक है लेकिन सफर का मजा खराब हो गया मेरा
काजल मुस्कुराते हुवे - उसके लिये माफी

काजल को पता नही क्या सूझता है थोरा घूम अपने चूचे आयन के पीछे कस के दबा देती है अभय बेचरा एकदम से हैरान हो जाता है लेकिन फिर मुस्कुराते हुवे चूचे को फिल कर मजे लेता है

काजल फिर सीधा होके बैठ जाती है और सर्म से लाल हुवे थी

अभय मुस्कुराते हुवे - बुआ आप बहोत अच्छी है और आपके बरे मुलायम चूचे भी

काजल अभय के पीट पर मारते हुवे शर्मा के - कितना गंदा बोलता है
अभय हस्ते हुवे - सच ही तो कहा वैसे बुआ सच मे आपके चूचे बहोत बरे बोल टाइट है मे हैरान हु इस उमर मे भी आप फिट है

काजल और सर्म से पानी पानी हो जाती है

काजल सर्म से - बस कर अजीब लग रहा है


अभय के घर

मिनीता आसा कमरे मे बाते कर रहे थे

मिनीता - दीदी मुझे लगता है अभय ननद जी घर से निकल गये होगे
आसा - हा रे निकल गये है लाला ने फोन कर बताया था
मिनीता हस्ते हुवे - ऐसा ना हो आपका लाला ननद जी को किस करता हुआ लेत आये
आसा हस्ते हुवे - ये तो वो दोनो ही जाने लेकिन जहा तक मुझे पता है लाला किस बिना रहा तो नही होगा
मिनीता हस्ते हुवे - दीदी ये भी कोई कहने की बात है अभय बेटा बिना किस के रहे हो नही सकता
आसा मुस्कुराते हुवे - हा वैसे भी ननद जी बहोत अच्छी है अभय को प्यार भी बहोत करती है
मिनीता - आपने बात तो सही कही लेकिन हम भी अभय बेटे से बहोत प्यार करते है
आसा मुस्कुराते हुवे - हा जानती हु किस्मत वाला है मेरा लाला जिसे तुम लोगो का प्यार मिलता है
मिनीता - ऐसी बात नही है दीदी वो है की कितना अच्छा कोई भी उससे घुल मिल जाता है
आसा - हा ये तो है


अदिति अंदर आते हुवे - मा भाई को फोन करू निकले की नही
मिनीता अदिति को देख मुस्कुराते हुवे - कियु एक दिन भी भाई के बिना नही रहा जाता क्या

अदिति आसा के पास बैठ मुस्कुराते हुवे - एक दिन बहोत है एक पल भी भाई को देखे बगैर रेह नही पाती लेकिन क्या करू हमेसा मेरे नजरो के सामने रेह तो नही सकते ना

मिनीता मुस्कुराते हुवे - अच्छा ऐसी बात है लेकिन जब तेरी सादी होगी फिर मा भाई भाभी को छोर कर जाउंगी तो कैसे रहोगी

मिनीता कि बात अदिति के दिल मे हचल मिठा दर्द पैदा कर देती है लेकिन अदिति इस फीलिंग दर्द को समझ नही पाती

अदिति मिनीता को देख मुस्कुराते हुवे - मे सादी नही करुगी अगर मा भाई ने फोर्स किया तो घर जमाई लेके आउंगी

अदिति मन मे - घण्टा भाई को छोर जाउंगी ही नही सादी बिना भी जिंदगी जी जा सकती है

मिनीता हस्ते हुवे - हा ये हो सकता है घर जमाई ला सकती हो लेकिन सादी करनी ही परेगी कियु दीदी

आसा अदिति को देख - मेरी बच्ची जो चाहेगी वही होगा मे अपनी लाडली को किसी चीज के लिये दबाव नही डाल सकती

अदिति आसा के गले लगते हुवे - मेरी प्यारी अच्छी मा
मिनीता सब देख - दीदी मे समझ रही हु आपके सब के बीच कियु इतना गहरा प्यार है आपने सब को प्यार से पाला है और किसी चीज के लिये फोर्स कभी नही क्या ना कोई बातो पे किसी को डाटा है

आसा मुस्कुराते हुवे - हा सही कहा बच्चे मेरी जान है मे कैसे अपने बचें पे गुस्सा कर सकती हु मारना तो दूर की बात है

मिनीता - मेरे भी दो बच्चे है लेकिन सब अपने मे लगे रहते है लेकिन आपका लाडला है जो आपसे चिपका रहता है

आसा मुस्कुरा देती है


दिशा के घर - एक कमरे मे

पूजा गुस्से से - दीदी इस बार जब भी जीजा जी आयेगे देखना अपना बदला लेके रहूगी मेरे बम का दम निकाल दिया मार के ऐसा कोई करता है क्या

दिशा जोर जोर से हस्ते हुवे - मेरी छोटी बेहना मुझे लगता है तुम जान बुझ कर उनसे लरने जाती हो जब भी मुझसे मिलने आते है तुम टपक परती हो तो गुस्सा आ जाता है

पूजा मुह बनाते हुवे - मे कियु लरने जाऊ भला पता नही ठरकी जीजा से आपको इतना प्यार कियु है

दिशा पूजा को देख - सच पता तुझे जीजा अच्छे लगते है या बुरे
पूजा दिशा को देख - बहोत बुरे ठरकी लगते नही है दीदी
दिशा - अच्छा अगर ऐसा है तो तुम कहोगी तो मे इस सादी को तोर देती हु

पूजा हैरान दिशा को देख - अरे दीदी सादी तोरने की क्या जरूरत है ठरकी है लेकिन थोरा अच्छे भी है

दिशा पूजा को देख मन मे - पागल दिखाती है जैसे उनको पसंद नही करती लेकिन अंदर मे बहोत पसंद करती है

नोट - पसंद प्यार वाला नही एक अच्छे इंसान वाला पसंद


मधु सिला - खेत मे

सिला घास काट रही थी मधु बैठी हुई थी

सिला मधु को देख मुस्कुराते हुवे - आज भाई नही आने वाला था इस लिये मेरे साथ आ गई है ना

मधु मुस्कुराते हुवे - आपने सही कहा बुआ को लेके आ रहे है तो 11 या 12 बज ही जायेंगे ऐसे मे साम को ही मिलने आयेगे

सिला मुस्कुराते हुवे - हा तेरा केहना सही है
मधु मुस्कुराते हुवे - भाई आयेगे तो कहूगी भूमाने लेके जाये
सिला हस्ते हुवे - अच्छा जी घूमने जाना है
मधु - हा जाउंगी वैसे भी भाई ने वादा क्या है
सिला - ओ ऐसा क्या ये तो अच्छी बात है
मधु सिला को देख - उन्होंने तो कहा था एक किसी दिन आपको भी अकेले घुमाने लेके जायेंगे
सिला सर्म से - अच्छा मा हु तो लेके जायेगा ही ना
मधु मुस्कुराते हुवे - हा भाई के हॉट मा है आप
सिला हैरान मधु को देख सर्म से - बहोत मारुगी शैतान
मधु जोर जोर से हसने लगती है



रोड से ठोरी दूर ही मधु अपनी मा के साथ खेत मे थी रोड साइड एक पेर के नीचे 2 लरके खरे मधु को देख रहे है

लरका 2 - भाई यार कब तक ऐसे ही देखते रहोगे
लरका 1 - मोक्के का इंतज़ार कर रहा हु मुझे पता नही था यहा आने के बाद मुझे करक माल दिख जायेंगी
लरका 2 - कियु आपके गाव मे कोई मधु जैसी माल नही है क्या
लरका 1 - नही है रे कल ही मेने इसे साम को घर के बाहर देखा था कसम से साली को देखती ही मेरा लंड फन फन करने लगा अभी जवान हुई है लेकिन साली कि बॉडी हाय बरे चूचे सूट के अंदर दबे थे लेकिन चूचे का उभार साफ बता रहा था कितना टाइट बरे चूचे है मधु के और कमर गांड जब चल रही थी तो हाय दाय बाय हिल रहे थे

लरका 2 - लेकिन आप आगे करने क्या वाले है
लरका 1 - पहले प्यार मे गीराऊगा नही मानी तो खेत मे ही रेप कर दुगा

लरका 2 समझ गया लेकिन उसके घर कोई एक लरका आता जाता है

लरका हैरान गुस्से से - कोन है वो सा....

आगे कुछ केहता पेर से कोई नीचे आके सीधा एक लात लरका 1 को मारता है लरका वन धराम से नीचे गिरता है और दर्द मे चीख मारता है

लरका 1 हैरान सामने देखता लरका 2 भी दर्द मे पीछे मूर देखता है सामने कोई था जिसका चेहरा मास्क से ढका हुआ था कपड़े मास्क सब काले थे हाथ मे एक कंजर लेकिन गोर से देखने मे पता चलता h ही वो एक लरकी है दोनो लरके लरकी को इस तरह काले कपड़े मे हाथ मे खंजर देख डर से कापते हुवे - तुम कोन हो कियु मुझे मारा

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dark poems about depression
लरकी खंजर लिये दोनो लरके को गुस्से मे देख - जिस लरकी के बारे मे तुम लोग गंदे बाते कर रहे थे वो मेरी मैडम है और जिस लरके को तुम गाली लेने वाले थे वो मेरे बॉस है कमीने

लरकी तेजी से जाके दोनो मे एक एक पंच पेट मे जोर से मारती है दोनो लरके पेट पकरे दर्द मे घुटने मे आ जाते है और दर्द से चीलाने लगते है लरकी दोनो के पास बैठ - सांत नही तो गला काट दुगी
दोनो लरके डर से चुप हो जाते है लेकिन सरीर थर थर काप् रहा था


लरकी आगे पीछे देखती है कोई आ तो नही रहा जब कोई दिखाई नही देता तक लरकी दोनो को देख मुस्कुराते हुवे एक लरके के मुह बंद कर उंगली को मरोरने लगती है लरके को जान निकलने वाली दर्द होता है लेकिन आवाज दब कर रेह जाती है लरका छतपटाने लगता है पैर जोर जोर से मारने लगता है लेकिन लरकी के पकर से छुट नही पाता बस दर्द मे तरपता रोता रेह जाता है

लरकी दूसरे लरके को मुस्कुराते हुवे देख - भागने की गलती मत करना नही तो मारे जाओगे

लरका 2 की हालत देख लरका 1 डर से कापते हुवे पैंट मे मूत देता है

लरकी लरका 2 को देख - छी कितनी गंद फैला दी तुम से

लरकी लरके 1 की उंगली तोरती नही बस दर्द देती हो बेहइंतिहा दर्द और लरका 2 कापते हुवे देखता रेह जाता है 5 मिनट बाद

लरकी लरका 2 के उंगली को छोर - मुह से हाथ हटा रही हु याद रखना चु की आवाज भी निकली जान से मार दुगी

लरकी लरके के मुह छोर देती है लरका दर्द मे उंगली को पकरे आसु बहाये जा रहा था

लरकी दोनो को देख - याद रहे आज दर्द दिया है लेकिन अगली बार मेरे मैडम के पास पास दिखे जान से मार दुगी दूसरा किसी को बताना भी मत अब भागो यहा से

लरकी के कहती ही दोनो लरके तेजी भाग निकलते है डरे इतने थे कि पीछे देखते भी नही

लरकी दोनो लरके को भागते देखती है फिर मधु को देख मुस्कुराते हुवे एक चलाग् मार पेर के ऊपर एक जगह छुप के बैठ मधु पे नजर रखने लगती है


अभय काजल

काजल आगे देखती है वही जगह जिस दिन आते वक़्त काजल को कुछ लरके गंदे कोमेंट कर रहे थे और अभय ने पीटा था

काजल - बेटा आगे उस पेर के पास बाइक रोक दो
अभय हस्ते हुवे - कियु फिर खेत मे जाना है किया
काजल सर्म से अभय को मारते हुवे - कितना बिगर गया है

अभय मुस्कुराते हुवे पेर के छाव मे बाइक रोक देता है काजल बाइक से उतर पेर के नीचे बैठ जाती है

पेर के चारों तरफ दीवार बना के मिट्टी डाल पलस्तर किया गया था तो उचाई जन्धो तक थी काजल साइड मे पैर नीचे कर बैठी हुई थी

अभय बाइक लगा के काजल के पास बैठ - क्या बात है खेत मे नही जाना
काजल अभय को शर्मा के - बहोत मारुगी मे बस थोरा इस खोले गजह का मजा लेना चाहती हु

अभय काजल को देखता है फिर - मुझे पता है आपकी लाइफ सुरु से बच्चो के पालने बरा करने सादी करने से लेकर अब तक आप सिर्फ घर मे ही रही घर है बाहर घूमने का मोक्का नही मिला होगा

काजल अभय को देख मुस्कुराते हुवे - सही कहा इसी लिये तेरे साथ इस सफर मे मुझे बहोत अच्छा और मजा आता है जैसे मे आजाद हु दिल मेरा भी करता था कई घूमने जाऊ अच्छी जगह पे घुमू मजे करू खूबसूरत जगह का आंनद लू लेकिन अब उमर गई मेरी

काजल दुखी हो जाती है

अभय काजल को दुखी देख अच्छा नही लगता है

अभय को देख - बुआ आप मेरी गोदी मे आके बैठ जाइये
काजल सर्म से आगे पीछे देख - कोई देख लेगा
अभय - बुआ इस रास्ते से बहोत कम लोग आते जाते है अगर कोई आया तो उठ जाना

काजल सर्म से खरी होके अभय के तरफ अपनी बरी फैली गांड कर अभय के गोद मे बैठ जाती है काजल के बैठते ही अभय को अपने लंड जन्धो पे काजल की चुत गांड जन्धो की तेज गर्मी फिल होती है तो अभय का लंड कई बार झटका मारता है

अभय काजल को बाहों मे कस - बुआ मेरी मा का भी यही है रही बात उमर जाने की तो किसने कहा अभी भी आज बहोत जवान थे कसम से मे सिर्फ रुका हु सादी तक उसके बाद मे पहले हि प्लान किया है मा दिशा सब के साथ 1 महीने के लिये हरे भरे पहार् बहती नदिया हरे भरे बरे जंगल कहा सिर्फ सांति सुकून होगा वहा कैम्प करने जाउंगा ताकि सब नेचर का खूबसूरत वादियों का सुकून सांति का मजा ले सके दूसरी आप भी मेरी मा के बाद बेस्ट प्यार देने वाली दूसरी है तो मे वादा करता हु आपको भी हर खूबसूरत अच्छी जगह घुमाउग

अभय की बात सुन काजल इमोसनल होके अभय की तरफ देख - सच केह रहा है

अभय काजल के गाल सेहलाते हुवे - आपकी कसम बुआ आपने मुझे वो सब करने दिया जो कोई करने नही देता और मुझे भी आपके साथ बात करना मस्ती करना प्यार करना बहोत अच्छा लगता है

काजल खुश भी होती है और बहोत शर्मा भी जाती है

अभय धीरे से काजल के चूचे पे हाथ रख दबाने लगता है काजल एकदम से सिसक् परती है मचल उठती है अभय पुरे चूचे को पकर नही पा रहा था जितना पकर पा रहा था दबाने लगता है काजल कापते हुवे सिसकिया लेते हुवे - बेटा मत कर ना कोई देख लेगा मान जा

अभय काजल के कान मे - घर जाने के बाद मुझे आपके चूचे मुह मे लेके पीना है पिलाऊँगी ना बुआ
काजल हैरान होती है लेकिन फिर भी मना नही कर पाती काजल के गांड अपने अपने आगे पीछे होने लगते है यानी की काजल कि बॉडी खुद चलने लगती है काजल गांड आगे पीछे कर अभय के लंड पे अपनी चुत रगरने लगती है

अभय - बोलिये मा बुआ
काजल मदहोसि मे सिसकिया लेते हुवे - ठीक है बेटा अब छोर दे मेरे चूचे को
अभय धीरे से - एक सवाल जब मे आपके चूचे को दबाता हु तो ये टाइट कियु हो जाते है
काजल पूरी मदहोसि मे गुम - आह बेटा मुझे नही पता अब जाने छोर से
अभय -ठीक है छोर दुगा लेकिन अभी मुझे आपके चूचे देखने है
काजल सिसकिया लेते - रात को देखा तो था
अभय काजल के चूचे दबाते हुवे - रात को अच्छे से नही दिखा अंधेरा था
काजल अपनी गांड उठाते हुवे मदहोसि मे - ठीक है दिखा दुगी अब छोर दे दर्द हो रहा है

अभय काजल के चूचे छोर देता है काजल कापते पैरों के साथ खरी होती है और अभय की तरफ देख शर्मा के नजरे नीचे कर ब्लाउस से दोनो चूचे बाहर निकाल देती है

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अभय काजल के पास आके गोर से काजल के चूचे को देखते हुवे मन मे उफ कितने बरे है मुह मे लेके चूस कर पीने मे मजा आयेगा आह सोच कर ही कुछ हो रहा है मुझे ( अभय काजल के निपल को पकर दबा देता है काजल तेज सिसकिया लेती है फिर जल्दी से चूचे अंदर कर सर्म से लाल नजरे नीचे किये ( मे खेत से आती हु) haste हुवे मे चलु क्या

काजल से - कोई जरूरत नही है बेशर्म कही का

काजल तेजी से खेत मे पीछे जाके चारों तरफ देखती है फिर सारी उठा के टांगे फैला बैठ तेज धार मारती है सुई की आवाज तेज से गुजने लगती है पिसाब करने के बाद काजल अभय के पास आती है

काजल शर्मा भी बहोत रही थी अभय काजल के कमर पकर सीने से सता के काजल के चेहरे को प्यार से पकर आखो मे देख - आपका ये खूबसूरत चेहरा आपका ये सर्माना आपकी ये अदा कसम से बुआ मेरे दिल की धरकन तेज कर देती है

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काजल अभय को देख शर्मा के - बेटा तेरी ऐसी बाते सुन मुझे अजीब का फिल होता मेरी धरकन भी तेज हो जाती है तेरी मस्तिया बाते हरकते तेरे साथ वक़्त बिताना मुझे भी बहोत अच्छा लगता है दोनो एक दूसरे को प्यार से देखते है

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फिर दोनो के होठ आपस मे मिल जाते है दोनो एक दूसरे को बाहों मे पकरे जोरों सोरों से एक दूसरे का रस पीना सुरु कर देते है दो मिनट बाद दोनो के होठ अलग होते है

काजल अभय को देख सर्म से - बेटा अब चलना चाहिये
अभय मुस्कुराते हुवे - ये बताइये रस पीने मे कितना मजा आता है
काजल अभय के कान मे धीरे से - इतना की दिल करता है पीती रहु

अभय मुस्कुरा देता है अभय फिर बाइक चालू करता है काजल बैठ जाती है अभय को पकर अभय फिर घर की तरफ निकल परता है

10 बजे निकले थे 12 बजे घर पहुँचते है

अभय काजल घर के अंदर जाते है अदिति आसा अभय काजल को देख बहोत खुश होते है

आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏🙏
Shaandaar update
 

Game888

Hum hai rahi pyar ke
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chapter 28

अभय अपनी मा के कमरे मे आता आसा बिस्तर पे इस तरह से लेती दरवाजे की तरफ ही देख रही थी और अभय के आने का इंतज़ार कर रही थी आसा जिस तरफ लेती थी आसा के चिकने कमर पेट गहरी ढोरी साफ साफ दिखाई दे रही थी आसा अभय को देख मुस्कुरा देती है


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अभय आसा को देखता है फिर अपनी मा के कमर चिकने पेट ढोरी को देखने लगता है ( आसा मुस्कुराते हुवे अभय को देख - क्या देख रहा है लाला : अभय आसा को देख मुस्कुराते हुवे - देखने वाली चीज देख रहा हु ( आसा सर्म से लाल हो जाती है

अभय अपनी मा के पास जाके आसा के हाथ पकर खरा करता है आसा अभय को देखती रहती है अभय आसा के पास आके आसा की

आखो मे देख - मा अपनी सारी नीचे गिरा दो
आसा हैरान शर्मा के अभय को देख - लेकिन कियु लाला
अभय आसा को देख - अपने लाला पे बिस्वास नही है
आसा बिना देरी किये सीने से सारी शर्मा के नीचे गिरा देती है आसा को बहोत सर्म आ रही थी साथ मे समझ नही पा रही थी अभय ने ऐसा करने के लिये कियु कहा लेकिन आसा को अपने बेटे पे बिस्वास था

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अभय अपनी मा के ब्लाउस मे कसे दो उजले बरे चूचे कमर पेट गहरी ढोरी को देखते हुवे - मा आपकी कमर चिकने पेट गहरी ढोरी देख मेरा दिल थम जा जाता है ( आसा अभय की बात सुन बहोत शर्मा जाती है

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अभय आसा के पास नीचे बैठ जाता है और अपनी मा के पीछे गांड के थोरा उपर दोनो हाथो को ले जाके पकर आसा के पेट ढोरी पे किस करने लगता है आसा अभय के बाल सेहलाते हुवे जोर से - सिसक परती है उफ बेटा ठोरी देर बाद

अभय खरा होता है और अपनी मा को देखता है आसा सर्म से लाल अभय को देखती है

अभय आसा को देख - मा अपनी आखे बंद करो ना
आसा अभय की आखो मे कुछ सकेन्द् देखती है फिर आखे बंद कर लेती है अभय फिर अपने पॉकेट से जो गिफ्ट लाया था उसे निकाल आसा के कमर मे पेहनाने लगता है आसा आखे बंद किये हुवे थी लेकिन आसा फिल कर पा रही थी उसका बेटा उसे कमर मे कुछ पेहना रहा था काम हो जाने के बाद


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अभय थोरा पीछे होके आसा के कमर मे अभय ने कमरबंद पेहनाया था अभय मन मे - उफ मा के ऊपर ये कमरबंद कितना मस्त लग रहा है मेरी मा सच मे बहोत सेक्सी हॉट है

आसा - बेटा क्या मे अब अपनी आखे खोलू
अभय - जी मा
आसा अपनी आखे खोल अपने कमर को देखती है तो आसा को बहोत ही खूबसूरत कमरबंद अपने कमर मे दिखाई देता है जो आके के चिकने पर्फेट कमर पे जच रहा था आसा कयामत लग रही थी

अभय- कैसा लगा मा मेरा गिफ्ट आपको
आसा अभी भी कमरबंद को देखे जा रही थी असल मे आसा को बहोत अच्छा लगा था अभय का गिफ्ट साथ मे आसा बहोत खुश थी की उसका बेटा उसके लिये इतना खूबसूरत गिफ्ट लाया उसका ख्याल रखता है

आसा अभय को प्यार से देखती है फिर पास जाके अभय के गले लग थोरा इमोसानल होते हुवे - बहोत प्यारा लगा मुझे मेरे लाला का दिया गया गिफ्ट मेरा बच्चा कितना ख्याल रखता है मेरा

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अभय आखा के आखो मे देख मुस्कुराते हुवे - मा मेने को सब अपने लिये क्या इस रूप मे मैं ही देखुंगा ना तो आपकी कमर ढोरी कमरबंद तो फायदा मेरा हुआ ना
आसा बहोत शर्मा जाती है और अभय को देख - हा मेरे लाल तुझे ही दिखाउगी

अभय आसा के कमर पकर अपने से सता के आसा के आखो मे देख -मा चलो डांस करते है
आसा अभय की आखो मे देख थोरा शर्मा के - जरूर करुगी बताओ कैसे करना है
अभय आसा को एक भोजपुरी वीडियो दिखाते हुवे - ऐसे
आसा वीडियो देख सर्म से लाल - ठीक है करुगी

अभय खुश होकर - थैंक्स मा

अभय भोजपुरी सोंग लगा देता है गाना बजते ही आसा वैसे ही सारी नीचे गिराये कमर हिला के डांस करने लगती है और आसा के कमर मे कमरबंद आसा के कमर पे चार चाँद लगा रहा था

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अभय अपनी मा को इतनी सेक्सी हॉट तरीके से डांस करता देख पागल होने लगता अभय का दिल धक करने लगता है आसा सच मे बहोत अजब डांस के साथ कयामत आग लग रही

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अभय अब आगे जाता है और आसा के कमर पकर किस करता है आसा सिसक् परती है अभय अपना हाथ आसा के पेट से लेते हुवे आसा के बरे चूचे के बीच दरार से उपर आता है और आसा को पकर किस पे किस करने लगता है आसा की मस्ती से सिसकिया निकल जाती है

अभय फिर आसा के सारी सीने पे रख आसा को बिस्तर पे लेता आसा के ऊपर आ जाता और आसा की आखो मे देखने लगता है आसा बहोत शर्मा रही थी अपने बेटे के साथ डांस करने के बाद

अभय आसा को देख प्यार से - मा आप बहोत हॉट सेक्सी है लेकिन कमरबंद के साथ आप बहोत कयामत लग रही थी
आसा सर्म से लाल होते हुवे - सच केह रहा है
अभय - मे कभी झूठ कैसे बोल सकता हु अपनी मा से
आसा - थैंक्स लाला तेरी वजह से मेरा हर दिन खास गुजरता है खास कर अभी का समय जब तुम आते हो गुड नाइट बोलने आते हो
अभय आसा के कान मे धीरे से - मेरा भी मुझे आपके उपर लेत आपके सरीर की गर्मी फिल कर बहोत अच्छा लगता है
आसा सर्म से पानी पानी हो जाती है

अभय आसा के होठो पे किस करते हुवे - गुड नाइट सेक्सी डार्लिंग मा
आसा अभय के होठो पे किस कर - गुड नाइट मेरे लाला

अभय फिर कमरे से निकल जाता है आसा आज बहोत खुश थी आसा खरी होके सारी निकाल नंगी होके अपने कमर पे कमरबंद देख मुस्कुराते हुवे - कितना अच्छा लग रहा है

आसा फिर नाइटी पेहन मुस्कुराते हुवे बिस्तर पे लेत आखे बंद कर सो जाती है

अभय अदिति के कमरे मे जाता है अदिति अभय का इंतज़ार कर रही थी अभय अदिति को बाहों मे लेके - मेरी प्यारी गुरिया
अदिति अभय को देख - मेरा प्यार हैंडसम भाई
अभय मुस्कुराते हुवे - तु भी तो बहोत खूबसूरत है
अदिति शर्मा के - झूठ बोल रहे है
अभय अदिति के चेहरे को पकर आखो मे देख - सच केहता हु हमेसा तुम बहोत खूबसूरत और

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अदिति शर्मा के - और भाई क्या
अभय अदिति के कान मे धीरे से - बहोत शैतान भी हो
अदिति अभय को सीने पे मारते हुवे मुह बना के - भाई आप कितने बुरे है जाओ मे आपसे बात नही करती

अदिति मुह फुला के दूसरी तरफ मुह कर बैठ जाती है
अभय मुस्कुराते हुवे अदिति को पीछे से बहोत मे लेके - मे तो मजाक कर रहा था तुम बहोत खूबसूरत हो मॉडल की तरह
अदिति अभय की बात सुन मुस्कुरा देती है

अभय अदिति को अपनी तरफ घुमा के गाल पे किस कर - अब सो जाओ मेरी गुरिया गुड नाइट
अदिति अभय के गाल मे किस करते हुवे - गुड नाइट भाई

अदिति बिस्तर पे लेत सोने लगती है अभय अदिति को देखता है फिर मुस्कुराते हुवे अपने कमरे मे आके बिस्तर पे लेत फोन दिशा को लगा देता है

दिशा - हो गई मम्मी जी ननद जी से बात बोल आये गुड नाइट
अभय मुस्कुराते हुवे - हा मेरी रानी बोल आया
दिशा बिस्तर पे करवट बदल - अच्छा बाकी सब कैसा चल रहा है
अभय - अच्छा चल रहा है बस दिन ना रात तेरे बिना जल्दी नही गुजरता है मेरी जान
दिशा शर्मा के - मेरा भी यही हाल है पति जी मुझे तो आपके बाहों मे सोना है पूरी जिंदगी
अभय मजे लेके - सिर्फ सोने आओगी तो मे भला तुम्हे कियु लाऊ
दिशा बात को समझ - कितने गंदे है आप फिर सुरु हो गये
अभय हस्ते हुवे - मेने सही तो कहा
दिशा शर्मा के - हा बाबा वो सब भी होगा अब खुश यही सुनना था ना
अभय मुस्कुराते हुवे - हा लेकिन खुल कर बोलो मजा नही आया
दिशा - छी गंदे मे नही बोलुगी
अभय - तो मे रूठ जाउंगा
दिशा शर्म से - चुदाई अब खुश
अभय हस्ते हुवे - हा अब सही है

20 मिनट दोनो मे बाते होती रहती है फिर फोन कट

अभय फोन रख बिस्तर पे लेत छत को देखते हुवे अपने आने वाले लाइफ के बारे मे सोचने लगता है

तभी अभय का फोन बजता है

अभय फोन लेते हुवे - अब किसका फोन आया है
अभय नंबर देखता है तो मुस्कुरा देता है

अभय - हा बुवा बोलिये
काजल - सो गया क्या
अभय - नही आपको याद कर रहा था देखिये आपका फोन आ गया
काजल हस्ते हुवे - मुझे कियु याद कर रहा था हा
अभय - बस दिल ने कहा याद कर लू वैसे सब सो गये क्या
काजल - हा सब सो गये है
अभय - तो आप कमरे मे है
काजल - नही रे पीछे खटिये पे लेती हु
अभय - अच्छा फूफा देखेंगे तो बोलेंगे मेरी बीवी किसने बात कर रही है
काजल हस्ते हुवे - शैतान उनको पता है
अभय - अच्छा ये बात है
काजल - ये बता सब कैसे है
अभय - सब अच्छे है
काजल - वहा जीतने दिन रही तेरे साथ बहोत मजा आया
अभय मुस्कुराते हुवे - मुझे भी बुवा आपको बाहों मे लेके किस करने मे बहोत मजा आता था
काजल सर्म से लाल - तु भी ना
अभय - काश मे वहा होता अभी तो
काजल तेज सासे लेके - तो
अभय - तो आपके उपर आके आपके होठो का रस पिता और आपके साथ पूरी रात सोता बाहों मे लेके

काजल की सासे और तेज हो जाती है चूचे उपर नीचे होने लगते है काजल अपने पैर पे पैर चढ़ा के तेज सासो के साथ - अच्छा जी
अभय - बिल्कुल बहोत मजा आता है ना
काजल शर्मा के - मुझे किया पता
अभय - जब मोक्का मिलेगा तो देख लीजियेगा
काजल -शैतान
अभय - बुवा एक किस्सी दो ना
काजल शर्मा के- फोन पे कैसे किस्सी दुगि
अभय - उम्मा ऐसे
काजल सर्म से हस्ते हुवे - उम्मा ऐसे
अभय हस्ते हुवे - हा ऐसे ही
काजल - तु ना बहोत बिगर गया है
अभय मुस्कुराते हुवे - आपकी जैसी हॉट बुवा मिलेगी तो बिगर जाउंगा ही
काजल बहोत शर्मा जाती है
काजल - अच्छा ये बात है
अभय - अच्छा बुवा रात 12 बज गये सो जाइये नही तो फूफा जी को अकेले नींद नही आयेगी
काजल सर्म से - बहोत मार खायेगा
अभय हस्ते हुवे - गुड नाइट हॉट बुवा
काजल हस्ते हुवे - गुड नाइट बेटा

फोन कट

काजल कमरे मे जाते हुवे मुस्कुराते हुवे - शैतान

अभय भी फोन रख सो जाता है

सुबह हो जाती है आसा अभय को अभय अदिति को जगाने के बाद अभय हल्का होके जोगिग करने के बाद विजय के घर आ जाता है

अभय अंदर जाता है तो देखता है कोमल चावल पानी से धो रही थी अभय मुस्कुराते हुवे - देखो तो आज कल बंदरिया भी चावल धोने लगे है

काजल पीछे मुर अभय को देख देख गुस्से से - देख बंदर बहोत मारुगी तुझे
अभय मुस्कुराते हुवे - अच्छा मुझसे जीत नही पायेगी तो मारेगी कैसे
कोमल चावल रख गुस्से से अभय के पास आके एक मुक्का अपने के पेट मे मारती है लेकिन अभय रोक लेता है और कोमल को बाहों मे कस के पकर लेता है

कोमल खुद को अभय के बाहों मे पाके बहोत शर्मा जाती है

कोमल अभय को देख - छोर मुझे नही तो अच्छा नही होगा

अभय कोमल के चेहरे को पकर प्यार से देख - रोज तुझे देखता हु लेकिन आज इतने पास से तुझे देख रहा हु तो तुम सच मे बहोत खूबसूरत हो

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अभय की बात सुन कोमल शर्मा के - क्या बात हो आज बरी तारीफ कर रहा है कोई किस नही मिलेगी
अभय कोमल को छोरते हुवे - मेने तो सच कहा
कोमल सर्म से जाके खाना बनाने लगती है

तभी विजय उबासी लेते हुवे आता है और अभय को देख - भाई
अभय विजय को देख - खूब नींद ले रहा है
विजय डरते हुवे - नही भाई वो तो
मिनिता आते हुवे - नही तो क्या हा देख अभय बेटा सुबह रोज उठ जोगिग करते हुवे आता है और तु सोता रेहता है

विजय मासूम चेहरा बना के - भाई के अंदर बहोत ताकत है मेरे अंदर नही है
मिनिता - कितना नाटक करता है
विजय खेत की तरफ जाते हुवे - मे जा रहा हु आप बाते करो

विजय चला जाता है

अभय मिनिता को देखता है मिनिता अभय को

अभय मिनिता को बाहों मे लेके - गुड मोर्निंग ऑन्टी
मिनिता अभय को देख - गुड मोर्निंग बेटा
अभय मिनिता के कान मे धीरे से - गीली किस्सी मिलेगी
मिनिता बहोत शर्मा जाती है और धीरे से - ना एक बार के लिये था
अभय - अच्छा चलेगा
मिनिता कमरे मे जाने लगती है गांड हिलाते हुवे और दरवाजे पे जाने के बाद अभय को देख आने का इसारा करती है अभय ये देख बहोत खुश हो जाता है और जल्दी से कमरे मे जाता है



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अभय अंदर जाता है मिनिता सर्म से नजरे नीचे किये खरी थी अभय मिनिता के पास जाके खरा हो जाता है और मिनिता के कमर पकर पुरा चिपका देता है मिनिता उफ करती है दोनो एक दूसरे से चिपके हुवे थे अभय मिनिता के होठो को देखता है

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अभय फिर मिनिता के चेहरे को पकर किस करना सुरु कर देता है अभय जोरों सोरों से मिनिता के होठो जिब को मुह मे लेके चूसने लगता है मिनिता भी अभय को बाहों मे पकर अभय के होठो जिब चूसने लगती है दोनो एक दूसरे का लार 3 मिनट तक पीते है फिर अलग होते है

अभय अभी भी मिनिता को बाहों मे पकरे था मिनिता के चूचे चुत कि गर्मी फिल कर रहा था मिनिता सर्म से लाल हुवे खरी अभय को देखती है

अभय मिनिता के कान मे धीरे से - मेरी हॉट ऑन्टी क्या रोज गीली किस्सी मिलेगी मुझे क्या है ना मुझे आपके होठ जिब चूस कर पीने मे बहोत अच्छा मिठा लगता है बोलिये ना

अभय की बाते मिनिता की सासे तेज कर देती है मिनिता सर्म से लाल हुवे धीरे से - सोचुगी
अभय मुस्कुराते हुवे - आज का किस्सी कैसा लगा आपको
मिनिता सर्म से - अच्छा लगा
अभय - मिठा
मिनिता - हा
अभय - थैंक्स आप बहोत अच्छी है

अभय फिर मिनिता को छोर बाहर आ जाता है मिनिता बिस्तर पे बैठ सर्म से जोर जोर से सासे लेने लगती है

अभय जाते हुवे - जा रहा हु बंदरिया
कोमल गुस्से से - जा ना तो रोका किसने है बंदर

अभय मुस्कुराते हुवे घर आ जाता है


आरोही के घर

टीनू आरोही कमरे मे बैठे बाते कर रहे होते है


टीनू - पापा ने क्या कहा सादी कब कर रही हो
आरोही मुस्कुराते हुवे - बहोत जल्द
टीनू - और अभय अदिति का क्या सोचा है
आरोही गुस्से वाले फेस के साथ- सब रेडी है कैसे क्या करना है प्लान हो चुका है
टीनू - अभय बारात लेके जायेगा घर मे सब लेडिस ही होगी उसके रिश्ते डार भी कई लोग होगे उसका क्या करुगी

आरोही टीनू को देख मुस्कुराते हुवे - म कई लोग होगे कोन कोन होगे कितने होगे वो भी पता है मुझे
टीनू मुस्कुराते हुवे - अच्छा ये बात है कही सब को उठाने का प्लान तो नही कर रही ना
आरोही शैतानी हसी हस्ते हुवे - हा सही कहा अदिति के चुत के साथ कई चुत मिलेगी सब को कैद मे रखेगें फिर रोज भाई तुम और वे मजे करना कैसे क्या करना है प्लान रेडी है बस इंतज़ार है उस दिन का

टीनू आरोही को पकर बिस्तर पे लेता के आरोही के ऊपर आखे - अभी मुझे तेरी चुत चाहिये आरोही
आरोही हैरान टीनू को देख - ये तुम क्या कर रहे हो हटो मेरे उपर से
टीनू आरोही के चूचे और एक हाथ पीछे ले जाके चुत दबाने लगता है आरोही सिसकिया लेते हुवे - टीनू मत कर प्लेस

टीनू नही रुकता और जोर जोर से चूचे चुत को 2 मिनट तक मसलते रेहता है आरोही गर्म हो जाती है टीनू मोक्का देख आरोही के के नीचे के पैंट निकाल नँगा कर देता है और खुद नीचे से नँगा हो जाता है

आरोही टीनू को देख - मत कर

टीनू मुस्कुराते हुवे - प्लेस टांगे फैलाओ ना
आरोही टीनू को देख टांगे फैला देती है
टीनू अपना लंड आरोही के चुत मे घिसने लगता है आरोही बिस्तर पे सिसकिया लेने लगती है

टीनू एक जोर का धक्का मार पुरा लंड आरोही की चुत मे घुसा देता हो आरोही दर्द मे आसु लिये - मर गई धीरे घुसाना था ना
टीनू तेज धक्का मारते हुवे - मेरी जान मेरी मजा तेज धक्का मारने से आता है

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आरोही दर्द मे उफ हा धीरे टीनू आह दर्द हो रहा है टीनू अपना लंड आरोही की चुत मे पेले जा रहा था आरोही आसु लिये हर धक्के और लंड अपनी चुत मे आते जाते दर्द मे मजे ले रही थी 9 मिनट बाद आरोही उफ टीनू मेरा आने वाला है टीनू ठीक है टीनू तेज धक्का मारता है आरोही कापते हुवे मा निकल गया

टीनू आरोही की चुत मार पैंट पेहन लेता है आरोही खरी होके कपड़े पेहन कर टीनू को देख - मार ली ना मेरी चुत
टीनू आरोही के चूचे दबा के - मजा तूने भी तो लिया नही तो तेरी चुत पानी नही छोरति

आरोही - हा आया मजा अब जा यहा से
टीनू जाते हुवे - ठीक है बाय

आरोही अपनी चुत सेहलाते हुवे - मुझे अब लंड लेने की आदत पर गई है चुत मे खुजली होती रहती है


अभय मधु के घर आ गया था और सिला मधु से बैठ बाते करने लगता है 20 मिनट बाते कर घर आ जाता है


रात 10 बजे

मिनिता काजल आते है आगन मे बैठ सभी बाते करने लगते है

कोमल अभय को देख - ओये बंदर सादी के भोज मे किया खिलायेगा
अभय कोमल को देख - बंदरिया चिंता मत कर गाव वालो अच्छे से खिलाया जायेगा
कोमल - हा हा अपनी सादी मे इतना करेगा ही
अभय - चिंता मत कर तेरी सादी मे भी गाव वालो को अच्छा भोज खिलाया जायेगा
कोमल -तु हमेसा मेरे पीछे कियु परा रेहता है सादी के लिये
अभय मुस्कुराते हुवे - अब नही तो बुढी होने के बाद सादी करेगी
कोमल गुस्से से - तुझे तो मे

मिनिता आसा अदिति दोनो की बहस लराइ देख मजे ले रहे थे और दोनो को देख हसने लगते है

मिनिता हस्ते हुवे - सही तो कहा अभय बेटे ने
कोमल मुह फुला के - आप सब उसी के साइड है मुझे पता है
आसा हस्ते हुवे - वो तो हम है ही

फिर सभी बाते करने लगते है अभय कमरे मे आ जाता है कियुंकी लेडिस बाते करने मे लग गई थी

30 मिनट बाद

मिनिता अभय के कमरे मे आती है अभय मिनिता को देख बहोत खुश हो जाता है अभय मिनिता के पास जाके मिनिता को बाहों मे कस लेता है मिनिता उफ करती है

अभय मिनिता को देख - थैंक्स ऑन्टी आने के लिये

असल मे अभय कमरे मे जाते वक़्त मिनिता को इसारे से कमरे मे आने के लिये कहा था अभय को लगा नही था मिनिता आयेगी लेकिन आ गई

मिनिता अभय को देख सर्म से - बेटा कोई देख लेगा तो
अभय मिनिता को देख - तो क्या मे तो रोज आपको बाहों मे लेता हु
मिनिता शर्मा के - लेकिन मुझे अजीब लगेगा
अभय - तो किया मे आपको किस करू गीली वाली

मिनिता सर्म से अपना होठ खोल देती है अभय समझ कर किस करना सुरु कर देता है दोनो एक दूसरे को पकरे जिब होठ चूस कर मजे से पीने लग जाते है ( अभय -ऑन्टी को बाहों मे लेके होठो के रस पीने मे मुझे बहोत मजा आने लगा है उफ ऑन्टी का लार बहोत मिठा है

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मिनिता अभय के जिब चूस लार पीते हुवे मन मे - मुझे अब अभय बेटे के जिब चूस लार पीने मे मजा आने लगा है मे अपने आप को रोक नही पाती लेकिन किस ही तो है मजा भी बहोत आता है उफ 2 मिनट बाद

अभय मिनिता को देख अपना जिब होठ मे फेरते हुवे - बहोत मिठा है रोज की तरह मजा आ गया ऑन्टी आपके मीठे लार चूस कर पीने मे

मिनिता सर्म से लाल - मुझे भी अब जाना होगा बेटा
अभय मिनिता को छोर - ठीक है चलिये

अभय मिनिता बाहर आते है फिर मिनिता कोमल घर चले जाते है

अभय अपनी मा के साथ कमरे मे आ जाता है

आसा अभय को देख - बेटा आगे मुह कर के खरा हो जा
अभय आगे मुह कर खरा हो जाता है

आसा सारी निकाल नाइटी पेहन कर बिस्तर पे बैठ - ठीक है आजा
अभय आसा के पास जाके आसा को पकर बिस्तर पे लेता है आसा के ऊपर लेत जाता है आसा भी प्यार से अभय के बाल सेहलानें लगती है

अभय - डार्लिंग मा
आसा - हा मेरे लाल
अभय - बुवा ने फिर मुझे कहा मे लेने आउ
आसा - वो शैतान कब कहा आने के लिये
अभय - सादी के 10 दिन पहले कहा लेने आने के लिये
आसा - तब ठीक है जाके ले आना उसके बाद बहोत काम करने है सादी की सब खरीदारी करनी है
अभय - हा इस लिये मेने सोचा है बुवा को लेने साम को जाउंगा फिर सुबह बुवा को लेके आ जाउंगा उसी साम हम सब खरीदारी करने चलेंगे
आसा - हा ये अच्छा रहेगा
अभय आसा को देख - कल डांस करने मे मजा आया
आसा थोरा शर्मा के - हा बहोत आया
अभय - आपको पता है मे ना आपको साथ एक बार बारिस मे नहाना डांस करना चाहता हु लेकिन बारिस ही नही हो रही
आसा सर्म से हस्ते हुवे - अच्छा बदमास यही सब चलता हो तेरे दिमाग मे 1
अभय आसा के होठो मे किस करते हुवे - मे हो आपके साथ हमेसा डांस करना चाहता हु मेरी हॉट मा बोलिये बारिस मे डांस करेगी ना
आसा अभय को देख शर्मा के - जरूर करेगी
अभय - अब तो मुझे बारिस का इंतज़ार रहेगा अच्छा मा गुड नाइट
आसा - गुड नाइट बेटा

अभय कमरे से निकल आता है आसा मन मे शर्मा के - बारिस मे डांस लाला भी ना क्या किया सोचता रेहता है

अभय अदिति के कमरे मे अदिति को बाहों मे लेके - तुझे किया चाहिये मतलब सादी मे किया पेहनोगी
अदिति अभय से चिपक अभय को देख मुस्कुराते हुवे - उसी दिन देख लेना मे नही बताने वाली
अभय मुस्कुराते हुवे - अच्छा ये बात है मधु भी मिली होगी
अदिति मुस्कुराते हुवे - मधु कोमल पूजा तीनो
अभय - अच्छा तो तुम लोगो मे अपना ग्रोप् बना लिया है
अदिति हस्ते हुवे - आपने सही कहा भाई
अभय - चलो ये भी अच्छा ही है
अभय अदिति के गाल पे किस करते हुवे - गुड नाइट गुरिया
अदिति अभय के गाल पे किस कर - गुड नाइट भाई

अभय अपने कमरे मे आ जाता है अदिति कोमल से बाते करने लगती है

अभय दिशा को फोन करता है

पूजा - हैलो ठरकी जीजा जी
अभय - ओये ठरकी किसे बोला याद है ना उस दिन का चाटा या भूल गई
अभय की बात सुन पूजा के गांड फिर दर्द करने लगते है
पूजा - याद है और उसका बदला लेके रहूगी
अभय हस्ते हुवे - बरी आई बदला लेने वाली
पूजा गुस्से से - देख लेना आप
दिशा पास मे ही बैठी थी

दिशा - इसी लिये फोन लिया था ना दे
पूजा दिशा को फोन देते हुवे - हा लीजिये मुझे भी ठरकी जीजा से बात करने का कोई सॉक नही है ( पूजा फिर चली जाती है

अभय - तुम्हारी बेहन बहोत गुस्से वाली है लेकिन प्यारी भी
दिशा - अच्छा जी मेरी बेहन से दूर रहियेगा समझ गये
अभय मुस्कुराते हुवे -समझ गया वैसे भी मेरी बीवी किसी से कम है क्या
दिशा सर्म से - वो तो है
अभय - किया किस्मत है एक बार डाला अब इतना इंतज़ार करना पर रहा है
दिशा अभय की बात समझते हुवे सर्म से लाल - गंदे पति फिर सुरु हो गये छी छोटकी सही केहती है आप ठरकी के साथ बहोत बेसर्म है
अभय - लो भाई तुम भी सुरु अरे मे अपनी बीवी से हि तो केह रहा हु ना
दिशा - हा लेकिन आपकी हर बाते गंदी ही होती है
अभय हस्ते हुवे - अच्छा जैसे तुम्हे सुनने मे मजा नही आता
दिशा कुछ नही केहती
अभय हस्ते हुवे - बोलो चुप कियु हो
दिशा सर्म से - बस भी करिये बहोत सर्म आ रही है

10 मिनट ऐसे ही बाते करते है फिर फोन कट

तभी काजल का फोन आ जाता है अभय मुस्कुराते हुवे

अभय - हॉट बुवा बोलिये
काजल - किसने बाते करने मे लगे हुवे थे होने वाली बीवी से
अभय हस्ते हुवे - तो किससे बात करुगा बुवा
काजल - मुझे लगा कोई और भी होगी
अभय - है ना
काजल हैरान सॉक से - क्या कोन है वो
अभय हस्ते हुवे - आप है ना बुवा डार्लिंग
काजल हैरान झूठा गुस्से मे - क्या शैतान बहोत मार खायेगा
अभय हस्ते हुवे - प्यार मिलेगा तो मार भी खा लुगा
काजल - बहोत शैतान होते जा रहा है
अभय - हा वो तो है कहा है घर के पीछे
काजल - हा सही कहा
अभय - मे आउ प्यार करेगे
काजल सर्म से - मुझे नही करना दिशा बहु है तो
अभय - आपकी बात अलग है बुवा डार्लिंग
काजल - मे कब तेरी डार्लिंग हो गई
अभय - आज अभी से
काजल - अच्छा जी मेरे पूछे
अभय - तो अब पूछ लेता हु बनेगी मेरी डार्लिंग
काजल सर्म से - डार्लिंग केहता है चलेगा लेकिन सब के सामने नही अजीब लगेगा सब को
अभय मुस्कुराते हुवे - जैसा आप कहे अकेले लेती है मे भी होता वहा तो दोनो साथ मे सोते
काजल हस्ते हुवे - जब आयेगा तो सो लेना उसमे क्या है
अभय - सच लेकिन फूफा कहेगे पीछे बुवा भतीजा कियु सो रहे है तो
काजल हस्ते हुवे - पागल कुछ नही कहेगे वैसे भी गाय ने बच्चा दिया है तो देखने के लिये मे तेरे फूफा भाई सोते है एक एक रात कर के

अभय - अच्छा ये बात है ठीक है फिर आऊगा तो आपसे चिपक कर सोउंगा
काजल हस्ते हुवे - अच्छा बाबा सो लेना
अभय प्यार से - बुवा किस्सी
काजल - उम्मा
अभय - बहोत मिठा है गीली वाली मिलेगी तो और मजा आयेगा
काजल हस्ते हुवे - तु तो गीली किस्सी के पीछे पर गया है
अभय - परुगा ही इतनी हॉट बुवा की किस्सी कोन छोरेगा
काजल सर्म से - बदमास
अभय - गुड नाइट बुवा डार्लिंग
काजल - गुड नाइट बेटा

फोन कट

काजल लेते हुवे मन मे - कितना शैतान हो गया है बाते भी ऐसी करता है क्या बोलू मे

काजल फिर कमरे मे आ जाती है

( 8 दिन बाद )

चलो जान लेते है इस 8 दिन मे क्या किया हुआ है

आरोही रण्डी बन चुकी थी भाई उदय से रोज चुदवाती है टीनू ने इस 8 दिन मे आरोही को 2 बार और चोदा

उदय आरोही के पिता जगमोहन को पूरी तरह से अपने जैसा गिरा कमीना बना दिया उदय जगमोहन को रोज नया माल चुदाई करने को देता है दोनो मजे करते रहते है

अभय रोज की तरह रात को मा से प्यारी बाते करता रेहता है इस 8 दिन मे अभय ने अपनी मा के साथ दो बार और डांस किया यानी रोज रात को अभय जैसा करता है या होता आ रहा है मा से बात करना गुड नाइट बोलना फिर अदिति को गुड नाइट बोलना

अभय जब सोने जाता है तो रोज की तरह दिशा कभी कभी सासु मा पूजा से भी बात करता लेता था उसके बाद काजल से फिर सुबह मिनिता के पास जाना किस करना फिर टाइम निकाल मधु सिला से मिलने जाना

यानी अभय को रोज का जो था वैसा ही चलता रहा

लेकिन अभय मिनिता काजल के बीच थोरा सब आगे बढ़ गये थे जिसका अन्दाज़ा ना अभय मिनिता काजल को था

कितना आगे आपको पता चल जायेगा


9 दिन सुबह हो चुकी थी

यानी कल अभय काजल को लेने जाने वाला था

और आज से अभय के सादी के 11 दिन बचे थे



आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏🙏
Superb updates
 
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