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Incest तू लौट के आजा मेरे लाल

sunoanuj

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chapter 31

सुबह होते ही काजल की नींद खुलती है काजल अपने आप को अभय के बाहों मे पूरी चिपके हुवे पाती है काजल देखती है उसका एक पैर अभय के ऊपर है सिन कुछ ऐसा था काजल के चूचे पूरा बदन यहा तक की काजल की चुत भी आयन के लंड से चिपकी हुई थी सुबह लरको का लंड खरा रेहता है लेकिन यहा तो दो रीजन थे पहला काजल की चुत की गर्मी अभय के लंड को मिल रही थी दूसरा तो नॉर्मल सुबह खरा रेहता ही है लेकिन इस बार काजल को अभय का लंड फिल होता है अपनी चुत मे तो काजल के रोम रोम काप् जाते है और सर्म से पानी पानी हो जाती है

बात ये थी अभय बेचारा तो सोया था लेकिन लिये अपने लंड पे उसका कंट्रोल रही था नही तो आयन ऐसा होने नही देता खैर काजल को रात कांड भी याद आता है तो सासे तेज हो जाती है

काजल अभय को देख मन मे - रात जो हुआ पता नही कैसे सब हुआ दूसरी अभय बेटा के बाहों मे सोने से मुझे अच्छी नींद और सुकून मिला मुझे समझ नही आ रहा सब क्या है

काजल अपने आप को अभय के बाहों से आजाद होके खरी होती है फिर अपने सुबह के काम पे लग जाती है

सुबह के 9 बज गये थे लेकिन अभय मजे से सोने मे लगा था काजल रेडी होने के बाद अभय को जगाने आती है

काजल अभय के सर को सेहलाते हुवे - अभय बेटा उठ जा सुबह के 9 बज गये है कब तक सोयेगा

काजल की मिठी आवाज अभय के कान मे जाती है तो अभय अपनी आखे खोलता है और सामने देखता है काजल को जिसे देख फिर अभय के अंदर कुछ होने लगता है

काजल पीली सारी पीली ब्लाउस के कयामत लग रही थी लेकिन अभय की नजर को अपनी बुआ के ब्लाउस मे कसे बरे चूचे और दो चूचे के बीच दरार मे ठीकी हुई थी ( अभय मन मे उफ बुआ एक दिन मेरी जान लेके रहेगी

काजल अभय की नजर को देख समझ जाती है अभय क्या देखने मे खोया है तो काजल सर्म से लाल हो जाती है

अभय बिस्तर से खरा होके काजल के पास जाता है और बाहों मे भर किस करना सुरु कर देता है काजल हैरान हुई अचानक से अभय को किस करता देख लेकिन काजल कुछ ना कहती है ना रोकती

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काजल खुद अभय का साथ देती है दोनो बुआ भतीजे सुबह सुबह का नास्ता होठो की रस मलाई से करना सुरु कर देते है 2 मिनट तक दोनो कोई कसर नही छोरते और जी भर के एक दूसरे का रस पीते है

अभय फिर किस तोर जल्दी से काजल के सीने से सारी हटा के काजल को बिस्तर पे बैठा के कमर पकर् काजल के गर्दन पे किस करना सुरु कर देता है काजल के मुह से सिसकिया निकलने लगती है अभय काजल के मुलायम कमर को पकरे किस कर रहा था वही काजल के बरे चूचे ब्लाउस मे कैद बाहर झाक रहे थे काजल के कमर चूचे हाय देखने मे क्या लग रहा थे

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काजल कापते होठो से अभय बेटा मत कर अभी रेडी होके आई हु दूसरा कोई आ जायेगा उफ प्लेस रोक जा ना ( अभय गर्दन पे किस करते हुवे - बुआ बस एक मिनट प्यार करने दीजिये ( काजल बरी मुश्किल से अपने आप को काबू किये हुवे रहती है

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अभय काजल को बिस्तर पे लेता कर बरे दोनो चूचे ब्लाउस के ऊपर से ही दबाने लगता है और अपना मुह चूचे पे लगा देता है ये हमला काजल सेह नही पाती पूरा सरीर काप् जाता है और तेज सिसकिया तेज सासे लेने लगती है काजल अभय को दूर करते हुवे कापति आवाज मे बस बहोत हो गया

काजल अभय को दूर कर जल्दी से सारी सही बाल सही कर अभय को देख जाके नहा के तैयार हो जा

अभय अब होस मे आता है और सर्म से नजरे नीचे कर - जी बुआ

अभय चला जाता है और काजल बिस्तर पे बैठ तेज सासे लेते हुवे मन मे - ये लरका बहोत बिगर गया है कही भी कभी भी सुरु हो जाता है

अभय खेत से आके नहा के रेडी होता है ममता खाना निकाल अभय को देती है अभय बैठ खाना खाने लगता है ममता बैठी अपनी बेटी को लिये हुवे थी

ममता - तो अभी निकले गे या साम को
अभय ममता को देख - भाभी अभी ही निकलना होगा आपको पता ही ना अब कुछ दिन ही बचे है बहोत तैयार करनी बाकी है

ममता - हा बात तो सही कही आपने
अभय - वो तो है लेकिन आपको भाई फूफा सब को सादी से 2 दिन पहले आ जाना है जैसे भी हो
ममता मुस्कुराते हुवे - हा बाबा आ जाउंगी भला देवर जी की सादी मे कैसे मिस कर सकती हु

अभय मुस्कुराते हुवे - ये हुई ना बात
अभय का खाना पीना हो जाता है

अभय ममता के पास आके सत् के बैठ - भाभी फिर एक गीली किस्सी मिलेगी क्या
ममता अभय को देख सर्म से - देवर जी आपका हक नही है फिर भी एक बार आपको मेने दी लेकिन बार बार गलत है

तभी काजल अंदर आते हुवे - अभय बेटा खाना खा लिया तूने
अभय खरा होते हुवे - जी बुआ अब हमे निकलना चाहिये
काजल - हा मे भी रेडी हु ( काजल ममता को देख) बहु मे जा रही हु अपना बच्चे घर और सब का ख्याल रखना

ममता - जी मम्मी जी आप चिंता मत कीजिये
काजल -ठीक है चले बेटा
अभय ममता को देखता है फफिर- जी बुआ

अभय बैग लेके बाइक के आगे अच्छे से रख देता है फिर बाइक निकाल बैठ चालू करता है काजल भी बैठ जाती है ममता पास ही खरी थी
काजल ममता को देख - अच्छा बहु हम जाते है साम को फोन करुगी
ममता अभय को देखती है जो कान पकर इसारे से माफी मांग रहा था
ममाता - जी मम्मी जी आप आराम से जाये
काजल - ठीक है फिर चलो बेटा
अभय ममता को देख - भाभी अपना ख्याल रखना
ममता मुस्कुराते हुवे - आप अपना भी ख्याल रखना और फोन करते रहिये गा
अभय मुस्कुराते हुवे - जी जरूर


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फिर अभय निकल परता है काजल पीछे एक तरफ पैर किये एक हाथ अभय के कंधे रखी बैठी थी काजल को अजीब खुशी एहसास फिल हो रहा था बाइक पे अभय के साथ जाने मे बैठने मे और सफर का मजा लेने मे

5 मिनट हो जाते है घर से निकले लेकिन अभय एक शब्द भी नही बोलता काजल अभय को बात ना करता देख समझते देर नही लगती अभय कियु बात नही कर रहा और कियु रूठा हुआ है

काजल अपनी बरी गांड को खिसका कर अभय से टच कर सत् जाती है अभय का लंड एक झकता मारता है कियुंकी औरत के गांड जान्धे बाकी सरीर से बहोत गर्म रहते है हमेसा और अभय को काजल के सरीर की गर्मी तो फिल हो ही रही थी लेकिन गांड की गर्मी बहोत जायदा फिल हो रही थी

काजल मुस्कुराते हुवे - मेरा भतीजा कियु रूठा हुआ इस लिये तो नही कियुंकी मेने सारी पहनी है सूट नही पहना

अभय रूठे आवाज मे - आपको जब पता था फिर फिर भी

काजल - माफ कर से ना बात ये है बेटे मे जायदा तर सारी पहनती हु आते समय तेरे कहने पे सूट पहना था जाते सुबह सारी पहनी थी फिर अगर सूट पेहन लेती तो बहु को अजीब लगता इस लिये समझ ना

अभय - अच्छा ठीक है लेकिन सफर का मजा खराब हो गया मेरा
काजल मुस्कुराते हुवे - उसके लिये माफी

काजल को पता नही क्या सूझता है थोरा घूम अपने चूचे आयन के पीछे कस के दबा देती है अभय बेचरा एकदम से हैरान हो जाता है लेकिन फिर मुस्कुराते हुवे चूचे को फिल कर मजे लेता है

काजल फिर सीधा होके बैठ जाती है और सर्म से लाल हुवे थी

अभय मुस्कुराते हुवे - बुआ आप बहोत अच्छी है और आपके बरे मुलायम चूचे भी

काजल अभय के पीट पर मारते हुवे शर्मा के - कितना गंदा बोलता है
अभय हस्ते हुवे - सच ही तो कहा वैसे बुआ सच मे आपके चूचे बहोत बरे बोल टाइट है मे हैरान हु इस उमर मे भी आप फिट है

काजल और सर्म से पानी पानी हो जाती है

काजल सर्म से - बस कर अजीब लग रहा है


अभय के घर

मिनीता आसा कमरे मे बाते कर रहे थे

मिनीता - दीदी मुझे लगता है अभय ननद जी घर से निकल गये होगे
आसा - हा रे निकल गये है लाला ने फोन कर बताया था
मिनीता हस्ते हुवे - ऐसा ना हो आपका लाला ननद जी को किस करता हुआ लेत आये
आसा हस्ते हुवे - ये तो वो दोनो ही जाने लेकिन जहा तक मुझे पता है लाला किस बिना रहा तो नही होगा
मिनीता हस्ते हुवे - दीदी ये भी कोई कहने की बात है अभय बेटा बिना किस के रहे हो नही सकता
आसा मुस्कुराते हुवे - हा वैसे भी ननद जी बहोत अच्छी है अभय को प्यार भी बहोत करती है
मिनीता - आपने बात तो सही कही लेकिन हम भी अभय बेटे से बहोत प्यार करते है
आसा मुस्कुराते हुवे - हा जानती हु किस्मत वाला है मेरा लाला जिसे तुम लोगो का प्यार मिलता है
मिनीता - ऐसी बात नही है दीदी वो है की कितना अच्छा कोई भी उससे घुल मिल जाता है
आसा - हा ये तो है


अदिति अंदर आते हुवे - मा भाई को फोन करू निकले की नही
मिनीता अदिति को देख मुस्कुराते हुवे - कियु एक दिन भी भाई के बिना नही रहा जाता क्या

अदिति आसा के पास बैठ मुस्कुराते हुवे - एक दिन बहोत है एक पल भी भाई को देखे बगैर रेह नही पाती लेकिन क्या करू हमेसा मेरे नजरो के सामने रेह तो नही सकते ना

मिनीता मुस्कुराते हुवे - अच्छा ऐसी बात है लेकिन जब तेरी सादी होगी फिर मा भाई भाभी को छोर कर जाउंगी तो कैसे रहोगी

मिनीता कि बात अदिति के दिल मे हचल मिठा दर्द पैदा कर देती है लेकिन अदिति इस फीलिंग दर्द को समझ नही पाती

अदिति मिनीता को देख मुस्कुराते हुवे - मे सादी नही करुगी अगर मा भाई ने फोर्स किया तो घर जमाई लेके आउंगी

अदिति मन मे - घण्टा भाई को छोर जाउंगी ही नही सादी बिना भी जिंदगी जी जा सकती है

मिनीता हस्ते हुवे - हा ये हो सकता है घर जमाई ला सकती हो लेकिन सादी करनी ही परेगी कियु दीदी

आसा अदिति को देख - मेरी बच्ची जो चाहेगी वही होगा मे अपनी लाडली को किसी चीज के लिये दबाव नही डाल सकती

अदिति आसा के गले लगते हुवे - मेरी प्यारी अच्छी मा
मिनीता सब देख - दीदी मे समझ रही हु आपके सब के बीच कियु इतना गहरा प्यार है आपने सब को प्यार से पाला है और किसी चीज के लिये फोर्स कभी नही क्या ना कोई बातो पे किसी को डाटा है

आसा मुस्कुराते हुवे - हा सही कहा बच्चे मेरी जान है मे कैसे अपने बचें पे गुस्सा कर सकती हु मारना तो दूर की बात है

मिनीता - मेरे भी दो बच्चे है लेकिन सब अपने मे लगे रहते है लेकिन आपका लाडला है जो आपसे चिपका रहता है

आसा मुस्कुरा देती है


दिशा के घर - एक कमरे मे

पूजा गुस्से से - दीदी इस बार जब भी जीजा जी आयेगे देखना अपना बदला लेके रहूगी मेरे बम का दम निकाल दिया मार के ऐसा कोई करता है क्या

दिशा जोर जोर से हस्ते हुवे - मेरी छोटी बेहना मुझे लगता है तुम जान बुझ कर उनसे लरने जाती हो जब भी मुझसे मिलने आते है तुम टपक परती हो तो गुस्सा आ जाता है

पूजा मुह बनाते हुवे - मे कियु लरने जाऊ भला पता नही ठरकी जीजा से आपको इतना प्यार कियु है

दिशा पूजा को देख - सच पता तुझे जीजा अच्छे लगते है या बुरे
पूजा दिशा को देख - बहोत बुरे ठरकी लगते नही है दीदी
दिशा - अच्छा अगर ऐसा है तो तुम कहोगी तो मे इस सादी को तोर देती हु

पूजा हैरान दिशा को देख - अरे दीदी सादी तोरने की क्या जरूरत है ठरकी है लेकिन थोरा अच्छे भी है

दिशा पूजा को देख मन मे - पागल दिखाती है जैसे उनको पसंद नही करती लेकिन अंदर मे बहोत पसंद करती है

नोट - पसंद प्यार वाला नही एक अच्छे इंसान वाला पसंद


मधु सिला - खेत मे

सिला घास काट रही थी मधु बैठी हुई थी

सिला मधु को देख मुस्कुराते हुवे - आज भाई नही आने वाला था इस लिये मेरे साथ आ गई है ना

मधु मुस्कुराते हुवे - आपने सही कहा बुआ को लेके आ रहे है तो 11 या 12 बज ही जायेंगे ऐसे मे साम को ही मिलने आयेगे

सिला मुस्कुराते हुवे - हा तेरा केहना सही है
मधु मुस्कुराते हुवे - भाई आयेगे तो कहूगी भूमाने लेके जाये
सिला हस्ते हुवे - अच्छा जी घूमने जाना है
मधु - हा जाउंगी वैसे भी भाई ने वादा क्या है
सिला - ओ ऐसा क्या ये तो अच्छी बात है
मधु सिला को देख - उन्होंने तो कहा था एक किसी दिन आपको भी अकेले घुमाने लेके जायेंगे
सिला सर्म से - अच्छा मा हु तो लेके जायेगा ही ना
मधु मुस्कुराते हुवे - हा भाई के हॉट मा है आप
सिला हैरान मधु को देख सर्म से - बहोत मारुगी शैतान
मधु जोर जोर से हसने लगती है



रोड से ठोरी दूर ही मधु अपनी मा के साथ खेत मे थी रोड साइड एक पेर के नीचे 2 लरके खरे मधु को देख रहे है

लरका 2 - भाई यार कब तक ऐसे ही देखते रहोगे
लरका 1 - मोक्के का इंतज़ार कर रहा हु मुझे पता नही था यहा आने के बाद मुझे करक माल दिख जायेंगी
लरका 2 - कियु आपके गाव मे कोई मधु जैसी माल नही है क्या
लरका 1 - नही है रे कल ही मेने इसे साम को घर के बाहर देखा था कसम से साली को देखती ही मेरा लंड फन फन करने लगा अभी जवान हुई है लेकिन साली कि बॉडी हाय बरे चूचे सूट के अंदर दबे थे लेकिन चूचे का उभार साफ बता रहा था कितना टाइट बरे चूचे है मधु के और कमर गांड जब चल रही थी तो हाय दाय बाय हिल रहे थे

लरका 2 - लेकिन आप आगे करने क्या वाले है
लरका 1 - पहले प्यार मे गीराऊगा नही मानी तो खेत मे ही रेप कर दुगा

लरका 2 समझ गया लेकिन उसके घर कोई एक लरका आता जाता है

लरका हैरान गुस्से से - कोन है वो सा....

आगे कुछ केहता पेर से कोई नीचे आके सीधा एक लात लरका 1 को मारता है लरका वन धराम से नीचे गिरता है और दर्द मे चीख मारता है

लरका 1 हैरान सामने देखता लरका 2 भी दर्द मे पीछे मूर देखता है सामने कोई था जिसका चेहरा मास्क से ढका हुआ था कपड़े मास्क सब काले थे हाथ मे एक कंजर लेकिन गोर से देखने मे पता चलता h ही वो एक लरकी है दोनो लरके लरकी को इस तरह काले कपड़े मे हाथ मे खंजर देख डर से कापते हुवे - तुम कोन हो कियु मुझे मारा

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dark poems about depression
लरकी खंजर लिये दोनो लरके को गुस्से मे देख - जिस लरकी के बारे मे तुम लोग गंदे बाते कर रहे थे वो मेरी मैडम है और जिस लरके को तुम गाली लेने वाले थे वो मेरे बॉस है कमीने

लरकी तेजी से जाके दोनो मे एक एक पंच पेट मे जोर से मारती है दोनो लरके पेट पकरे दर्द मे घुटने मे आ जाते है और दर्द से चीलाने लगते है लरकी दोनो के पास बैठ - सांत नही तो गला काट दुगी
दोनो लरके डर से चुप हो जाते है लेकिन सरीर थर थर काप् रहा था


लरकी आगे पीछे देखती है कोई आ तो नही रहा जब कोई दिखाई नही देता तक लरकी दोनो को देख मुस्कुराते हुवे एक लरके के मुह बंद कर उंगली को मरोरने लगती है लरके को जान निकलने वाली दर्द होता है लेकिन आवाज दब कर रेह जाती है लरका छतपटाने लगता है पैर जोर जोर से मारने लगता है लेकिन लरकी के पकर से छुट नही पाता बस दर्द मे तरपता रोता रेह जाता है

लरकी दूसरे लरके को मुस्कुराते हुवे देख - भागने की गलती मत करना नही तो मारे जाओगे

लरका 2 की हालत देख लरका 1 डर से कापते हुवे पैंट मे मूत देता है

लरकी लरका 2 को देख - छी कितनी गंद फैला दी तुम से

लरकी लरके 1 की उंगली तोरती नही बस दर्द देती हो बेहइंतिहा दर्द और लरका 2 कापते हुवे देखता रेह जाता है 5 मिनट बाद

लरकी लरका 2 के उंगली को छोर - मुह से हाथ हटा रही हु याद रखना चु की आवाज भी निकली जान से मार दुगी

लरकी लरके के मुह छोर देती है लरका दर्द मे उंगली को पकरे आसु बहाये जा रहा था

लरकी दोनो को देख - याद रहे आज दर्द दिया है लेकिन अगली बार मेरे मैडम के पास पास दिखे जान से मार दुगी दूसरा किसी को बताना भी मत अब भागो यहा से

लरकी के कहती ही दोनो लरके तेजी भाग निकलते है डरे इतने थे कि पीछे देखते भी नही

लरकी दोनो लरके को भागते देखती है फिर मधु को देख मुस्कुराते हुवे एक चलाग् मार पेर के ऊपर एक जगह छुप के बैठ मधु पे नजर रखने लगती है


अभय काजल

काजल आगे देखती है वही जगह जिस दिन आते वक़्त काजल को कुछ लरके गंदे कोमेंट कर रहे थे और अभय ने पीटा था

काजल - बेटा आगे उस पेर के पास बाइक रोक दो
अभय हस्ते हुवे - कियु फिर खेत मे जाना है किया
काजल सर्म से अभय को मारते हुवे - कितना बिगर गया है

अभय मुस्कुराते हुवे पेर के छाव मे बाइक रोक देता है काजल बाइक से उतर पेर के नीचे बैठ जाती है

पेर के चारों तरफ दीवार बना के मिट्टी डाल पलस्तर किया गया था तो उचाई जन्धो तक थी काजल साइड मे पैर नीचे कर बैठी हुई थी

अभय बाइक लगा के काजल के पास बैठ - क्या बात है खेत मे नही जाना
काजल अभय को शर्मा के - बहोत मारुगी मे बस थोरा इस खोले गजह का मजा लेना चाहती हु

अभय काजल को देखता है फिर - मुझे पता है आपकी लाइफ सुरु से बच्चो के पालने बरा करने सादी करने से लेकर अब तक आप सिर्फ घर मे ही रही घर है बाहर घूमने का मोक्का नही मिला होगा

काजल अभय को देख मुस्कुराते हुवे - सही कहा इसी लिये तेरे साथ इस सफर मे मुझे बहोत अच्छा और मजा आता है जैसे मे आजाद हु दिल मेरा भी करता था कई घूमने जाऊ अच्छी जगह पे घुमू मजे करू खूबसूरत जगह का आंनद लू लेकिन अब उमर गई मेरी

काजल दुखी हो जाती है

अभय काजल को दुखी देख अच्छा नही लगता है

अभय को देख - बुआ आप मेरी गोदी मे आके बैठ जाइये
काजल सर्म से आगे पीछे देख - कोई देख लेगा
अभय - बुआ इस रास्ते से बहोत कम लोग आते जाते है अगर कोई आया तो उठ जाना

काजल सर्म से खरी होके अभय के तरफ अपनी बरी फैली गांड कर अभय के गोद मे बैठ जाती है काजल के बैठते ही अभय को अपने लंड जन्धो पे काजल की चुत गांड जन्धो की तेज गर्मी फिल होती है तो अभय का लंड कई बार झटका मारता है

अभय काजल को बाहों मे कस - बुआ मेरी मा का भी यही है रही बात उमर जाने की तो किसने कहा अभी भी आज बहोत जवान थे कसम से मे सिर्फ रुका हु सादी तक उसके बाद मे पहले हि प्लान किया है मा दिशा सब के साथ 1 महीने के लिये हरे भरे पहार् बहती नदिया हरे भरे बरे जंगल कहा सिर्फ सांति सुकून होगा वहा कैम्प करने जाउंगा ताकि सब नेचर का खूबसूरत वादियों का सुकून सांति का मजा ले सके दूसरी आप भी मेरी मा के बाद बेस्ट प्यार देने वाली दूसरी है तो मे वादा करता हु आपको भी हर खूबसूरत अच्छी जगह घुमाउग

अभय की बात सुन काजल इमोसनल होके अभय की तरफ देख - सच केह रहा है

अभय काजल के गाल सेहलाते हुवे - आपकी कसम बुआ आपने मुझे वो सब करने दिया जो कोई करने नही देता और मुझे भी आपके साथ बात करना मस्ती करना प्यार करना बहोत अच्छा लगता है

काजल खुश भी होती है और बहोत शर्मा भी जाती है

अभय धीरे से काजल के चूचे पे हाथ रख दबाने लगता है काजल एकदम से सिसक् परती है मचल उठती है अभय पुरे चूचे को पकर नही पा रहा था जितना पकर पा रहा था दबाने लगता है काजल कापते हुवे सिसकिया लेते हुवे - बेटा मत कर ना कोई देख लेगा मान जा

अभय काजल के कान मे - घर जाने के बाद मुझे आपके चूचे मुह मे लेके पीना है पिलाऊँगी ना बुआ
काजल हैरान होती है लेकिन फिर भी मना नही कर पाती काजल के गांड अपने अपने आगे पीछे होने लगते है यानी की काजल कि बॉडी खुद चलने लगती है काजल गांड आगे पीछे कर अभय के लंड पे अपनी चुत रगरने लगती है

अभय - बोलिये मा बुआ
काजल मदहोसि मे सिसकिया लेते हुवे - ठीक है बेटा अब छोर दे मेरे चूचे को
अभय धीरे से - एक सवाल जब मे आपके चूचे को दबाता हु तो ये टाइट कियु हो जाते है
काजल पूरी मदहोसि मे गुम - आह बेटा मुझे नही पता अब जाने छोर से
अभय -ठीक है छोर दुगा लेकिन अभी मुझे आपके चूचे देखने है
काजल सिसकिया लेते - रात को देखा तो था
अभय काजल के चूचे दबाते हुवे - रात को अच्छे से नही दिखा अंधेरा था
काजल अपनी गांड उठाते हुवे मदहोसि मे - ठीक है दिखा दुगी अब छोर दे दर्द हो रहा है

अभय काजल के चूचे छोर देता है काजल कापते पैरों के साथ खरी होती है और अभय की तरफ देख शर्मा के नजरे नीचे कर ब्लाउस से दोनो चूचे बाहर निकाल देती है

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अभय काजल के पास आके गोर से काजल के चूचे को देखते हुवे मन मे उफ कितने बरे है मुह मे लेके चूस कर पीने मे मजा आयेगा आह सोच कर ही कुछ हो रहा है मुझे ( अभय काजल के निपल को पकर दबा देता है काजल तेज सिसकिया लेती है फिर जल्दी से चूचे अंदर कर सर्म से लाल नजरे नीचे किये ( मे खेत से आती हु) haste हुवे मे चलु क्या

काजल से - कोई जरूरत नही है बेशर्म कही का

काजल तेजी से खेत मे पीछे जाके चारों तरफ देखती है फिर सारी उठा के टांगे फैला बैठ तेज धार मारती है सुई की आवाज तेज से गुजने लगती है पिसाब करने के बाद काजल अभय के पास आती है

काजल शर्मा भी बहोत रही थी अभय काजल के कमर पकर सीने से सता के काजल के चेहरे को प्यार से पकर आखो मे देख - आपका ये खूबसूरत चेहरा आपका ये सर्माना आपकी ये अदा कसम से बुआ मेरे दिल की धरकन तेज कर देती है

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काजल अभय को देख शर्मा के - बेटा तेरी ऐसी बाते सुन मुझे अजीब का फिल होता मेरी धरकन भी तेज हो जाती है तेरी मस्तिया बाते हरकते तेरे साथ वक़्त बिताना मुझे भी बहोत अच्छा लगता है दोनो एक दूसरे को प्यार से देखते है

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फिर दोनो के होठ आपस मे मिल जाते है दोनो एक दूसरे को बाहों मे पकरे जोरों सोरों से एक दूसरे का रस पीना सुरु कर देते है दो मिनट बाद दोनो के होठ अलग होते है

काजल अभय को देख सर्म से - बेटा अब चलना चाहिये
अभय मुस्कुराते हुवे - ये बताइये रस पीने मे कितना मजा आता है
काजल अभय के कान मे धीरे से - इतना की दिल करता है पीती रहु

अभय मुस्कुरा देता है अभय फिर बाइक चालू करता है काजल बैठ जाती है अभय को पकर अभय फिर घर की तरफ निकल परता है

10 बजे निकले थे 12 बजे घर पहुँचते है

अभय काजल घर के अंदर जाते है अदिति आसा अभय काजल को देख बहोत खुश होते है

आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏🙏

बहुत ही गरमा गरम अपडेट है !
 

ajay bhai

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chapter 36

टीनू बंगलो

आरोही अपनी दोस्त जिसका नाम रिया होता है उसके पास आके - रिया तुमने बात करनी है अकेले मे

रिया आरोही की उमर की ही थी गरीब घर से थी दोनों अच्छे दोस्त थे

रिया आरोही को देख - हा ठीक है चलो
आरोही रिया को एक कमरे मे लेके आती है दोनों बिस्तर पे बैठ जाते है

रिया आरोही को देखते हुवे - हा तो आरोही क्या बात करनी है
आरोही रिया को देख - रिया तुम नही चाहती ऐसी लाइफ जीना जैसी मे जी रही हु

रिया आरोही को देखती है फिर घर की दीवार देखते हुवे - आरोही मे नही हर कोई अमीर वाली लाइफ जीना चाहेगा लेकिन चाहने से सब मिल नही जाता

आरोही रिया को देखते हुवे - तुम सही तो लेकिन कभी कभी मिल भी जाता है
रिया आरोही को देख - तुम्हारे कहने का क्या मतलब है

आरोही - मुझे पता है तुम्हारे घर की हालत खराब है
रिया आरोही को अजीब नजरो से देख - तो क्या
आरोही - मे सीधे साफ बोलती हु..............

रिया आरोही को गुस्से से - तू चाहती है मे अपना जिस्म बेच पैसे कमाऊ आरोही तु कितनी गिरी हुई लरकी है ये पैसा अमीरों वाला लाइफ तुझे ही मुबारख मे जा रही हु तेरी जैसी दोस्त ना होना ही अच्छा है

रिया गुस्से से बंगलो से निकल जाते हुवे मन मे - छि सोचा नही था आरोही इतनी गिर जायेगी अब समझ मे आ रहा है सब

आरोही टीनू अमर के पास आके बैठ जाती है आरोहो बहोत गुस्से मे थी

टीनू हस्ते हुवे - क्या हुआ इतना गुस्से मे कियु है और वो रिया भी गुस्से से गई है यहा से
आरोही गुस्से से लाल - उस कमीनी ने मुझे गिरी हुई लरकी कहा कसम खा के केह रही हु उसका गुमान तोर दुगी मेने सोचा आराम से मान जायेगी लेकिन साली बहोत संस्कारी अच्छी लरकी निकली

अमर आरोही को देख - छोटी वो तुम्हारी दोस्त है तो क्या तुम्हे नही पता था वो कैसी लरकी है

आरोही अमर को देख - पता था भाई बहोत अच्छी लरकी है लरको के चक्कर मे नही परती लेकिन मुझे लगा पैसों के आगे

अमर आरोही को समझाते हुवे - छोटी पैसा सब को बदल देता है लेकिन हर किसी को नही पैसे से हम सब हासिल नही कर सकते

आरोही अमर को देख पागलो की तरह हस्ते हुवे - हा हा हा अच्छा ऐसा है तो ताकत से हासिल तो क्या जा सकता है उस कमीने को सजा तो मिल कर रहेगी उसकी इज़त जिसकी वजह से उसने मुझे गिरी हुई कहा लुटवा दुगी रण्डी बना दुगी उसे

टीनू आरोही को देख मन मे - मे कमीना लेकिन आरोही तो अलग लेवल की पागल लरकी निकली अच्छा है

टीनू आरोही को देख मुस्कुराते हुवे - बाकी सब भी चले गये अब हमारा क्या कियु ना तुम मजे देदो

अमर टीनू को देख गुस्से से - ओये मेरे सामने मेरी बेहन से ऐसी बात कर रहा है

अमर खरा होके अपना पैंट नीचे कर देता है

अमर मुस्कुराते हुवे टीनू को देख - सही कहा अब तो मेरी छोटी बेहन ही हमे फुल मजे देगी

आरोही दोनों को देख मुस्कुराते हुवे - ठीक है मे रेडी हु मेरी चुत भी

आरोही की बात सुन अमर टीनू मुस्कुराते हुवे एक दूसरे को देखते है फिर पुरा नँगा हो जाते है

आरोही दोनों के खरे टाइट लंड देख मुस्कुराते हुवे अमर टीनू के पास आते नीचे घुटनों पे बैठ दोनों लंड देख - हु मजा आयेगा

अमर - छोटी अच्छे से चुसना
टीनू - मेरा भी

आरोही दोनों को देख मुस्कुराते हुवे - चिंता मत करो मजे से चूस कर तुम दोनों के लंड का एक साथ स्वाद लुगी

अमर टीनू एक दूसरे के समाने खरे थे आरोही बीच मे बैठी हुई थी

आरोही टीनू के लंड को पकर हिलाने लगती है तो वही अपने भाई के लंड को मुह मे लेके मजे से चूसने लगती है अमर टीनू आह करते है
दोनों आरोही को देख और जोस मे आ रहे थे ( टीनू अमर को देख - यार तेरी भी बेहन बरे मजे से तेरा लंड चूस कर रस पी रही है) ( अमर उफ मेरी छोटी है ही कमाल की आह छोटी और मुह मे अंदर लेके चूस

अमर टीनू मजे से आह उफ किये जा रहे थे आरोही अपने भाई का लंड 2 मिनट चूसने के बाद टीनू के लंड को मुह मे लेके चूसने लगती है
टीनू आरोही को अपना लंड चुस्ता देख - उफ आरोही यार तुम सच मे कमाल को उफ किया लंड चुसती तो आह मजा आ रहा है 5 मिनट बाद

आरोही का मुह लार से सना हुआ था आरोही के होठों से लार टपक रहे थे आरोही अपनी जिब होठों पे फेरा के सब चट कर जाती है

आरोही अमर टीनू को देख मुस्कुराते हुवे - तो लंड का स्वाद एक बार मे लेके मजा आया

अमर आरोही को देख मुस्कुराते हुवे - हमे भी अपनी चूस के रस का मजा तो छोटी बेहन
टीनू - हा हमे भी तेरी चुत के रस को पीना है मजे से

आरोही खरे होके दोनों को देख - उफ जरूर पिलाऊँगी

आरोही एक एक कर सारे कपड़े निकाल पूरी नंगी होके दोनों के सामने खरी हो जाती है अमर टीनू तो बस आखे फ़ारे देखते रखते है आरोही दोनों को देख मन मे - साली कमीनी अदिति तुझसे कब मे नही मेरे पीछे भी कई दीवाने है इंतज़ार कर मेरा उसके बाद रोना है तुझे

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अमर अपनी छोटी बेहन को नँगा खरा देख चुत चुचे पे नजर डालते हुवे - छोटी बेहना जब भी तुझे ऐसे नंगे देखता हु तो लगता है पहली बार देख रहा हु तुझसे तेरी नंगी बॉडी से मेरी नजर ही नही हटती है
टीनू आरोही को उपर से नीचे तक देखते हुवे - सही कहा अमर तेरी बेहन भी किसी से कम नही देख उसकी चुचे कमर और सबसे बरा खजाना उसकी फूली टाइट रसिलि चुत उफ रुका नही जा रहा

आरोही दोनों को देखती है उसके बाद कमरे की तरफ नंगी गांड कमर हिलाते हुवे जाने लगती है पीछे से अमर टीनू भी आरोही के पीछे जाने लगते है

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अमर टीनू की नजर तो आरोही के हिलते गांड पे ही थी आरोही जान बुझ कर अपनी कमर गांड मटका कर चल रही थी ताकि दोनों को अपने हुसन से पागल कर सके

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आरोही कमरे मे आके बिस्तर पे लेत मुस्कुराते हुवे अमर टीनू को देखते हुवे - आजाओ अब रुकने की जरूरत नही है आज अच्छे से मजे दुगी और लुंगी भी

अमर टीनू दोनों एक दूसरे को देखते है फिर तेजी से आरोही के पास बिस्तर पे चले जाते है

अमर अपनी बहन के चुत पे मुह मार देता है टीनू आरोही के एक बार मे दो हमले से आरोही आह करते हुवे सिसकिया लेने लगती है टीनू मजे से आरोही के चुचे मुह मे लेके पीने लगता है अमर चुत को मुह मे लेके मजे से चूसने जिब से चाटने लगता है एक साथ चुचे चुत पे गर्म जिब का हमला आरोही को पागल कर रहा था आरोही का ये पहली बार था दो लोगो के साथ ये एहसास आरोही को और जोस दिला रहा था

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आरोही बिस्तर पे मचल रही थी तेज सासे सिसकिया ले रही थी और अपने चुचे चुत मे टीनू अमर के जिब को चलते गिल कर पागल हुवे जा रही थी ( आरोही आह मा धीरे टीनू तेरे दात लग रहे है आह भाई अच्छे से अपनी बेहन के चुत के अंदर जिब डाल कर रस चूस बहोत है अंदर आह मा भाई आने वाला है तेरे लिये गर्म रस आह भाई भाई आरोही कापते हुवे कमर गांड उठा के झर जाती है अमर सब रस पी जाता है

आरोही पसीने से भीगी हाफ़ते हुवे अमर टीनू को देख - उफ तुम दोनों ने मेरी इतने मे हालत खराब कर दी

अमर टीनू आरोही को देख मुस्कुराते हुवे - अभी तो मैन खेल बाकी है
आरोही दोनों को देख मुस्कुराते हुवे - पता है

अमर आरोही को देख - छोटी अब कैसे करेगे क्या तुम दोनों छेद मे लोगी हम दोनों का एक साथ

आरोही हैरानी से - बिल्कुल नही गांड मे नही पहले उनका हक है एक एक कर के आओ जब पति जी मेरी गांड मार लेगे फिर एक साथ लुगी दोनों लंड

अमर - अच्छा ठीक है ( अमर टीनू को देख) तुम जाओ पहले
टीनू अमर को देख मुस्कुराते हुवे - समझ गया

आरोही अपनी टांगे फैला देती है टीनू आरोही के टाँगों के बीच आके बैठ जाता है आरोही टीनू को देख रही थी अमर खरा टीनू आरोही को

टीनू अपना लंड पकर आरोही के चुत मे घुसाने लगता है आरोही के चेहरे पे दर्द आने लगता है टीनू अपना लंड पुरा आरोही कि चुत मे घुसा देता है आरोही दर्द मे - उई मा मर गई करते बिस्तर जोस से पकर लेती है

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अमर सब देख रहा था अपनी छोटी बेहन को चुदते हुवे दर्द मे ये सीन देख अमर को एक अलग मजा आने लगता है अमर का लंड फुल टाइट नशे फटने लगती है आरोही दर्द मे अमर को देख मुस्कुरा देती है अमर अपना लंड पकर धीरे धीरे हिलाने हुवे अपनी बेहन कि चुदाई देखने लगता है

आरोही बिस्तर पे लेती अपनी दोनों टांगे पूरी फैलाये हुवे थी बीच मे टीनू आरोही के कमर को दोनों हाथो से कमर तेज तेज धक्का मारने लगता है टीनू का लंड तेजी सी आरोही के चुत के अंदर बाहर हो रहा था आरोही को दर्द होने लगता है आरोही टीनू को देख - आह मा टीनू बहोत दर्द हो रहा है यार धीरे कर ना ( लेकिन टीनू आरोही को देख मुस्कुराते हुवे - तेरी चुत बहोत गर्म है मेरी जान धीरे करू ये ले ( टीनू अपना लंड पीछे कर एक जोर का धक्का मारता आरोही को बहोत दर्द होता है आरोही दर्द मे रोते हुवे टीनू का देख मर गई कहा था धीरे करने को मा आह उफ बहोत दर्द हो रहा है

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आरोही अपने भाई को देखती है जो लंड हिलाये आरोही को देख रहा था आरोबि आखो मे आसु लिये आह भाई अपनी छोटी बेहन को चुदते देख कैसा फिल मजा आ रहा है आह भाई दर्द हो रहा है ( अमर आरोही के पास आके - छोटी दर्द मे मजा है सेह ले ( आरोही आखो मे आसु लिये - भाई आपने सही कहा आह मर गई रे ( आरोही टीनू को देखती है टीनू जोर जोर से धक्के मारने लगता है ( आरोही रोते हुवे बस कर टीनू तेज मत कर मर गई ( टीनू आरोही को देख हाफ़ते हुवे मेरा पानी निकलने वाला है करते हुवे एक तेज धक्का मार देता है आरोही दर्द से चिल्ला परती है


टीनू बिस्तर पे लेत तेज तेज सासे लेने लगता है आरोही आखो मे आसु लिये अपने भाई को देख - भाई अब आपकी बारी

आरोही पास से एक चादर सी चुत को अच्छे से साफ करने के बाद अमर को देख मुस्कुराते हुवे - आ जाइये भाई आपकी छोटी बेहन रेडी है चुदने को भाई का लंड लेके को

अमर तो पहले से ही सब देख पुरे जोस मे था अमर जल्दी से अपनी बेहन के ऊपर आके आरोही को देखते हुवे अपना लंड चुत पे रख धीरे धीरे अंदर घुसाने लगता है आरोही दर्द से आह भाई आराम से

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अमर आरोही को देख अंदर अंदर चुत मे घुसाते हुवे - बेहना उफ आज मे नही रोक पाऊगा थोरा भी ( अमर जोर का धक्का मार बाकी लंड भी पुरा अंदर अपनी छोटी बेहन की चुत मे घुसा देता है आरोही दर्द मे तरप् के रोते हुवे अमर का देख - भाई बहोत दर्द हुआ आह मा

अमर आरोही के दोनों मोटे जांघों को पकर पुरा फैलाये तेज तेज धक्का मारना सुरु करता है अमर आज टीनू बेहन कि चुदाई देख बहोत जोस मे था अमर के तेज धक्के से आरोही की पूरे बॉडी हिल रहे थे साथ मे आरोही के बरे चुचे भी हिल रहे

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अपने भाई के तेज धक्के और सत् सत् अपनी चुत मे भाई का लंड अंदर बाहर जाता मेहसूस कर आरोही को मजे से साथ दर्द भी बहोत हो रहा था ( आरोही अमर को देख रोते हुवे भाई बहोत दर्द दे रहे हो अपनी छोटी बेहन को लेकिन मे सेह लुगी आह भाई चोदिये अपनी छोटी बेहन को जैसे चोदना है ( आरोही बिस्तर कस के पकरे आखो मे आसु किये आह उफ करते रहती है

टीनू दोनों भाई बेहन की चुदाई देख टीनू का भी जोस चढ़ जाता है टीनू आरोही के मुह के पास आके आरोही के मुह मे लंड घुसा देता है आरोही आरोही भी दर्द मजे ने टीनू के लंड चूसने लगती साथ मे अपने भाई के लंड लिये जा रही थी टीनू भाई बहन कि चुदाई देख जोस से भरा जा रहा था अमर अपनी बहन को मजे से चुदते टीनू का लंड चूसते देख और जोस से भर जाता है

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अमर और तेज तेज धक्का मारने लगता है आरोही को और तेज दर्द होने लगता हो आरोही आखो मे आसु लिये टीनू का लंड चूस कर पीती रहती है भाई का लंड लेती रहती हो दर्द सेहती रहती है

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अमर झरने वाला था तो जल्दी से अपनी छोटी बेहन के ऊपर आके और तेज तेज धक्के मारने लगता है आरोही टीनू का लंड मुह से निकाल आरोही दर्द मे रोते हुवे - भाई भाई बहोत दर्द होता रहा है भाई प्लेस प्लेस धीरे करो मर गई मा रुक जा भाई प्लेस टीनू रोक ना भाई को मर जाउंगी आरोही रोती रहती है दर्द मे चिल्लाती रहती है

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अमर धक्का मारते हुवे उफ बेहन आज नही आह उफ मेरा निकलने वाला है अमर एक तेज धक्का मारता है आरोही दर्द मे जोर से चिल्लाती है रोने लगती है अमर बहोत सारा पानी अपनी छोटी बेहन के चूत मे छोर देता है अमर अपना लंड जब बाहर निकालता है तो आरोही के चुत से अमर का ढेर सारा माल बाहर निकलने लगता है

अमर हाफ़ते हुवे बिस्तर पे गिर जाता है आरोही आखो मे आसु लिये पसीने से भीगी बिस्तर पे टांगे फैलाये लेती रहती है आरोही कि भी हालत खराब थी तेज सासे लिये जा रही थी टीनू सब देख उसे अलग कि मजा मिल रहा था और टीनू का जोस फिर हाई हो गया एक भाई को अपनी बेहन की चुत मे माल छोरते हुवे टीनू का लंड फिर खरा हो गया

टीनू आरोही के के पास आके टांगे फैला के आरोही के ऊपर आ जाता है आरोही टीनू को ऐसा करता देख डरते हुवे कापते हुवे - टीनू मत कर मेरी हालत खराब है नही ले पाउंगी लेकिन टीनू एक बार मे ही पुरा लंड आरोही कि चुत मे घुसा देता है आरोही दर्द से चिल्ला परती है

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टीनू आरोही को देख तेज तेज धक्का मारते हुवे - आरोही तुम भाई बहन कि चुदाई देख रोक नही पाया माफ करना आज तो अच्छे से तेरी चुदाई करुगा ( आरोही टीनू को देख रोते हुवे हट जा टीनू बहोत जलन दर्द हो रहा है प्लेस मान जा आह मा आज मर गई ( आरोही अमर को देख आखो मे आसु लिये - भाई प्लेस टीनू को रोक ना
अमर आरोही को देख - बेहना सेह ले मजा मे भी फिर करुगा
आरोही डर से रोते हुवे - मेरी ही गलती है मर गई मा मेरी चुत

1 घंटे तक अमर टीनू आरोही कि चुदाई करते रहते है यहा गलती आरोही कि थी भाई बहन की चुदाई देख टीनू जोस मे आ जाता था अपनी बहन टीनू कि चुदाई देख अमर आज टीनू अमर को अलग ही मजा आया आरोही की चुदाई कर की लेकिन आरोही कि हालत खराब कर दी दोनों ने

आरोही कापते पैरों के साथ खरी होके कपड़े धीरे धीरे पेहन अमर टीनू को रोते हुवे - कमीने कुत्ते जान निकाल दी मेरी

अमर टीनू आरोही को देख मुस्कुराते हुवे - अब तो रोज हम तेरी साथ मे लेगे

( रात 9 बजे अभय के घर )

आँगन के बीच चटाई बीछि हुई थी आसा मिनिता काजल अभय बैठे हुवे थे कमरे मे अदिति कोमल बाते कर रहे थे

मिनिता आस को देख - दीदी शोपिंग मे बहोत मजा आया ना
आसा मुस्कुराते हुवे - हा बहोत मजा आया
काजल - मे तो पहली बार मॉल मे गई थी
आसा मिनिता - हम भी

अभय तीनों को देख मुह बना के - शादी की शोपिंग करनी थी इस लिये नही तो मे कभी भी फिर लडिस के साथ शोपिंग पे ना जाऊ कितना वक़्त लगाती है तैयार होने मे 1 घंटे खरीदारी मे भी भी हद है

आसा मिनिता काजल अभय को घूर के देखते है अभय डर से पसीने से - मे तो बस मजाक कर रहा था

मिनिता अभय को देख अजीब नजरो से - दीदी केह तो रहा है लेकिन शादी के बाद खुद बीवी को लेके जायेगा

काजल भी घूर के अभय को देख - भाभी आपने बिल्कुल सही कहा
आसा अभय को देख - जायेगा है खुद नही जायेगा फिर भी जाना परेगा लाला बीवी के कई नखरे उसकी हर जरूरत मर्द को ही पूरी करनी परती है

मिनिता हस्ते हुवे - दीदी शादी के बाद खुद समझ जायेगा
काजल - हा अभी तो सिंगल है बीवी आयेगी तब देखते है

अभय सभी को देख खरा होते हुवे - ऐसा है तो देखते है मे चला आप तीन खूबसूरत परी बाते करिये

अभय कमरे मे आके बिस्तर पे लेत दिशा से बाते करने लगता है

मिनिता आसा को देख मुस्कुराते हुवे - आपका लाला क्या कह कर गया सुना ना
काजल हस्ते हुवे - खूबसूरत परी
आसा मुस्कुराते हुवे - लाला न सही तो कहा है

( अदिति के कमरे मे )

अदिति कोमल बिस्तर पे लेते छत को देखते हुवे बाते कर रहे थे

कोमल - अदिति बाल साफ किये नीचे के
अदिति सर्म से लाल होते हुवे - दीदी आप फिर सुरु हो गई
कोमल अदिति को देख - यार अदिति कितना शर्माती है पता भी दे
अदिति सर्म से - हा सुबह नहाते वक़्त कर किया था
कोमल नोर्मलि - अच्छा अभी खुजली हो रही है क्या
अदिति सर्म से - नही

अदिति मन मे - अरे यार खुजली हो रही है लेकिन आपके सामने खुजा भी नही सकती

कोमल गौर से अदिति के चेहरे को देखने लगती है अदिति छत को ही देख रही थी कोमल अदिति के चेहरे को देख फिर नीचे देखती है अदिति अपनी पैर एक दूसरे के ऊपर किये अपनी जांघें सताये हुई थी

कोमल मुस्कुराते हुवे - खुजली हो रही है खुजा ले मे तुझे बहोत सर्म आ रही है तो मे दूसरी तरफ चेहरा कर लेती हु

कोमल दूसरी तरफ चेहरा कर लेत जाती है
कोमल मन मे - अदिति जैसी खूबसूरत कायम बॉडी वाली लरकी आज तक नही देती और सर्मिलि भी दिल की अच्छी साफ भी जब ऑन्टी इतनी खूबसूरत है तो बेटी होगी ही

अदिति कोमल को दूसरी तरफ चेहरा किये देखती है तो जल्दी से अपनी टांगे फैला के जल्दी से उंगली से अपनी गर्म फूली नरम चुत को सेहलाती है तब जाके अदिति को आराम मिलता है

अदिति सर्म से - हो गया
कोमल अदिति की तरफ लेत अदिति को देख - पागल इतना भी मत सरमाया कर
अदिति सर्म से कुछ नही बोल पाती कोमल भी जानती थी अदिति बहोत सर्मिलि है ऐसी बाते करने मे तो दूसरे टॉपिक पे बाते करने लगती है

( अभय कमरे मे )

अभय हस्ते हुवे - कोन कोन कलर की चड्डी बिकनी ली है
दिशा सर्म से - खुद देख लेना
अभय जोस मे - अभी आ जाऊ क्या
दिशा हैरानी से जल्दी से - पागल है क्या मेरे कहने का मलतब आपकी बीवी बन आपके घर आउंगी तब
अभय हस्ते हुवे - अच्छा जब तुम आओगी तो कोन बेवकूफ चड्डी बिकनी देखेगा मे तो सीधा

दिशा सर्म से - बस बस समझ गई आप किया कहने वाले है
अभय हस्ते हुवे - यार कहने भी नही दिया छोरो साली जी सासु मा किया कर रही है
दिशा - मा सो रही होगी पूजा मोबाइल मे लगी होगी

10 मिनट अभय दिशा से बात करता है फिर फोन रख देता है

तभी काजल की बहु ममता का फोन आता है अभय नंबर देख मुस्कुराते हुवे फोन उठा के - हा भाभी बोलिये
ममता - देवर जी क्या हो रहा है
अभय - मे तो कमरे मे दिशा से बात कर रहा था और मा ऑन्टी आपकी सासु मा सब आँगन मे बात कर रहे है

ममता - अच्छा वैसे क्या बाते हो रही थी
अभय हस्ते हुवे - जो एक पति पत्नी के बीच होता है
ममता - अच्छा जी बाते तो कई तरह की की जाती है
अभय मुस्कुराते हुवे - प्यार वाली बाते
ममता सर्म से - अच्छा समझ गई लगे रहिये
अभय हस्ते हुवे - हा लगा तो रहुंगा आप बटाइये क्या कर रही है भाई कहा है

ममता - वो सो रहे है मे पीछे हु वो पास आये किस न लिये मेने मना किया कही आप मुझसे नाराज तो इसी लिये फोन क्या

अभय सांत रहता है फिर - भाभी मे कोई खुदगर्ज़ नही हु आपने मुझे एक गीली किस दी जो कोई भी भाभी हो अपने पति के अलावा किसी को नही देगी लेकिन आपके दिया उसके बाद भी मे कैसे नाराज हो सकता हु मे तो आपका दिल से आभार मानता हु और अपने आप को किस्मत वाला भी जो मुझे आपकी गीली किस मिली

अभय की बात ममता को बहोत अच्छी लगती है खुश भी हो जाती है ये जान अभय नाराज नही है

ममता - जान कर खुशी हुई आप नाराज नही है
अभय हस्ते हुवे - हा लेकिन आपके होठो के रस का स्वाद मे कभी भूल नही पऊगा
ममता सर्म से लाल होते हुवे - आप भी ना देवर जी
अभय - भाभी क्या सच मे मुझे फिर कभी आपके होठो का रस पीने के लिये नही मिलेगा
ममता सांत हो जाती है
अभय - माफ करना भाभी आप नाराज मत हो मुह से निकल गया आपके होठो का रस बहोत अच्छा लगा इस लिये

ममता धीरे से - आपको अच्छा लगा मेरे होठो का रस
अभय - कसम से भाभी बहोत मजा आया
ममता सर्म से - ठीक है फिर आयेगें तो पिलाऊँगी
अभय खुश होते हुवे - थैंक्स भाभी आप बहोत अच्छी है
ममता सर्म से - अच्छा मे रखती हु

फोन कट

तभी मिनिता कमरे मे आके अभय को देख - क्या कर रहे हो अकेले मे
अभय मिनिता को देख मुस्कुराते हुवे - आपका इंतज़ार

अभय उठ कर मिनिता के पास जाके बाहों मे कस आखो मे देख - आपको बाहों मे लेते ही मुझे पता नही कियु बहोत अच्छा फिल होता है

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मिनिता अभय को देख सर्म से - मुझे भी लेकिन बेटा ननद जी भी है तो समझ रहे हो ना ( अभय समझ गया ऑन्टी

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दोनों बिना देरी किये एक दूसरे को किस करना सुरु कर देते है मिनिता मजे से अभय के जिब को मुह मे लेके चूस कर रस पिये जा रही थी अभय भी 2 मिनट बाद

अभय मिनिता को देख - अब आप पुरे अच्छे से ककिस करना सिख गई है
मिनिता सर्म से अभय को देख - तुम्हारी वजह से है अब जाना होगा ननद जी नही होती तो थोरि देर और रुकती

अभय भी मामले को समझ - ठीक है लेकिन मॉल मे जो कहा क्या मुझे मोक्का नही मिलेगा

मिनिता अभय को देखते हुवे - फिर कभी बात करेगे

मिनिता फिर कमरे से बाहर आ जाती है अभय भी बिस्तर पे लेत जाता है

काजल मिनिता को देख - चलो घर चलते है
मिनिता - ठीक है

मिनिता काजल आसा को देख - ठीक दीदी भाभी हम जाते है
आसा - ठीक है

काजल मिनिता बाहर आते है तभी काजल मिनिता को देख - अरे मे अभय से मिल के नही आई क्या तुम
मिनिता ठीक है जाइये

काजल फिर अभय के कमरे मे आती है अभय काजल को देख बैठ - बुआ आप आइये ना

काजल अभय के पास बैठ अभय को देख - तुम मुझसे नाराज तो नही हो ना
अभय काजल को देख - मे भला कियु नाराज होऊगा
काजल - साम जो हुआ
अभय काजल की आखो मे देख - कभी कभी हम जो चाहते है हमे नही मिलता
काजल - अगर तुम चाहते हो तो एक बार तुम जो चाहो मेरे साथ कर सकते हो
अभय काजल की बात सुन पूरी तरह से सॉक हैरान काजल को देखता रहता है 1 मिनट बाद अभय होस मे आता है

अभय काजल को देख मुस्कुराते हुवे - मुझे आपका जिस्म नही चाहिये नही तो मेरे पास कई मोक्के थे उस वक़्त आप भी मुझे अपने आप को रोक नही सकती थी आपकी बाते सुन मुझे दुख हुआ की आप मुझे एक हवसी समझ रही है

अभय के आखो से आसु टपक परते है काजल अभय को देखती रहती है फिर काजल अभय के चेहरे को उपर कर आसु साफ कर अभय को देख - जितना प्यार तेरे दिल मे मेरे लिये है उतना प्यार मेरे दिल मे तेरे लिये भी है

अभय हैरान काजल को देखता है

काजल अभय की आखो मे देख - हा बेटा मे भी तुमसे बहोत प्यार करती हु साम को जब तुमने परपोस् क्या तो मे बहोत खुश हुई थी लेकिन पति बच्चे को सोच तुझे हा नही कर सकी लेकिन उसी के बाद से कुछ घंटे मे ही मेरा दिल अंदर से बहोत रोता रहा मुझे तुम्हारे साथ बाते करना मस्ती करना वक़्त बिताता बहोत अच्छा लगता है खुशी मिलती है बेटा मुझे अच्छे से पता है तुम बहोत अच्छे लरके हो इसी लिये तो मे तुम्हे अपने करीब आने दिया या मे भी तुम्हारे करीब आई अभी जो मेने कहा बस इस लिये कहा कियुंकी मे देखना चाहती थी किया तुम इस मोक्के का फायदा उठाते हो या नही लेकिन तुम्हारे जवाब सुन मुझे तुमसे और भी प्यार हो गया है

काजल अभय के होठो पे किस कर खरी होके अभय को देख - बाहर भाभी मेरा इंतज़ार कर रही है जाना होगा लेकिन आज अभी से तुम मेरे बॉयफ्रेंड मे तेरी गिर्लफ्रेंड

अभय हैरान लेकिन बहोत खुश भी होता है अभय जल्दी से काजल को बाहों मे लेके - आपके आज बहोत दर्द दिया मुझे पता भी है आपकी ना सुन मुझे कितना दर्द हुआ दिल मे
काजल अभय को देख प्यार से - मुझे भी ना केह बहोत दर्द हुआ लेकिन ( काजल सर्म से) तुम जो सजा दोगे मंजूर है

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अभय काजल के कान मे धीरे से - अगर ऐसा है मुझे आपको अच्छे से प्यार करना है तैयार रखना कल हम चलेंगे एक जगह जहा आपको खूब प्यार करुगा वो वाला प्यार डालुगा आपके टांगों के बीच मे जो छेद है उसमे अपना साप
अभय की बात सुन काजल की सासे उपर नीचे होने लगती है काजल सर्म से लाल अभय को देख - अब तो मे तेरी गिर्लफ्रेंड हु जो चाहे कर लेना

ये केह काजल जल्दी से भाग कर बाहर आ जाती है अभय मुस्कुराते देखता रह जाता है काजल बाहर अपने सीने पी हाथ रख सर्म से अपने सास पे काबू कर मिनिता के पास आती है फिर दोनों घर जाने लगते है
तभी मिनिता काजल को देख - अरे कोमल को हम भूल ही गये
काजल अपना सर पकर- सही कहा भाभी आपने

मिनिता - मे बुला के लाती हु

मिनिता कोमल को बुलाने अंदर जाती है लेकिन काजल के कानों मे अभय की बाते भुज रही थी पहली बार काजल से किसी ने ऐसी गंदी बाते कही थी काजल भाभी दो वजह से पहला सर्म दूसरा अभय कि बाते सुन काजल की चुत से पानी निकल आया था

काजल आस पास देखती है फिर सारी के ऊपर से ही चुत साफ करते हुवे मन मे सर्म से - उफ कमीनी तु बस बातो से ही पानी बहाने लगी

तभी मिनिता कोमल भी आ जाते है फिर तीनों घर जाने लगते है

काजल के जाने के बाद अभय अपनी मा के पास आता है आसा बिस्तर पे लेती अभय को देख मुस्कुराते हुवे - आजा मेरे लाल

अभय मुस्कुराते हुवे आसा के ऊपर आके लेत अपनी मा की आखो मे देख - उफ हम सुकून मिला नरम गर्म बिस्तर पे लेत कर
आसा हस्ते हुवे - पागल के ऊपर लेता है मेरे सरीर को बिस्तर बना दिया
अभय हस्ते हुवे - हा कियुंकी आपका बदन बहोत मुलायम है गर्म है और आपके सरीर की खुशबु भी
आसा सर्म से न लाल हो जाती है

अभय आसा की आखो मे देख - मा आज कोई सेक्सी वाला पोस् मार नही दिखाओगी
आसा अभय की आखो मे देख सर्म से - अपनी बीवी को बोलना आई गी तब
अभय अपनी मा के कान मे धीरे से - मा आपकी बात ही अलग है आपका भरा बदन बॉडी की बनावट दूसरी आप मेरी मा है तो आपकी वजह कोई नही ले सकता
आसा खुश शर्मा भी जाती है

आसा अभय को देख सर्म से - ठीक है तुम ही बताओ कोन से पोस् मारू
अभय मोबाइल से एक मॉडल का फोटो दिखाते हुवे - ये वाला मे आपकी ऐसे पोस् मे देखना चाहता हु

काजल जब फोटो देखती है तो सर्म से पानी पानी होते हुवे अभय को देख - छि मा को ऐसे पोस् मे देखेगा
अभय आसा को देख - आप मेरी मा आप मेरी है की नही
आसा अभय को सर्म से - हु ठीक है अपने लाला के लिये तो अब मे एक मॉडल बन ही गई हु

आसा खरी होती है और अभय को देख - बेटा फोटो मे मॉडल लाल सारी ब्लाउस मे है तो मुझे भी वैसे ही सारी ब्लाउस पेहन लेने दे फिर पोस् मारके दिखाउगी

अभय - मा कोई बात नही इसी सारी मे कर सकती है
आसा - नही ना अच्छा नही लगेगा तुझे
अभय अपनी मा को बाहों मे लेके धीरे से - मेरे लिये इतना सब आई लोव यू सेक्सी हार्लिंग मा
आसा सर्म से - आई लोव यू तु लाला

अभय फिर आगे मूर खरा हो जाता है आसा लाल सारी ब्लाउस पेहन रेडी होके सर्म से - ठीक है लाला मे रेडी हु

अभय भी आसा को देख अपने आप को तैयार कर - ठीक है मा

आसा हिम्मत झूठा के शर्म से अभय ने जैसा फोटो मे दिखाया था आसा वैसे ही पोस् मारती है जिसे देख अभय की सासे दिल सब कुछ पल के लिये रुक जाता है यहा तक अभय का लंड पहली बार टाइट होके कई झटका मारता है

आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏🙏
 

sunoanuj

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chapter 32

अभय काजल घर आते है आसा अदिति अभय को देख खुश होके गले लगा लेते है पर काजल खरी सब देखते हुवे

काजल हस्ते हुवे - भाभी आपका लाला एक दिन के लिये ही गया था लेकिन आप मिल ऐसे रही है जैसे एक साल बाद आया हो

आसा काजल को देख मुस्कुराते हुवे - एक दिन एक पल लाला को देखे बिना रहना मुश्किल है
अदिति - हा मा ने कही कहा

काजल सभी को देख मुस्कुराते हुवे - हर बार आप लोगो के बीच प्यार देखती हु तो हैरान हो जाती हु

आसा काजल को देख - अरे करी कियु है चलिये बैठ कर बाते करते है
काजल मुस्कुराते हुवे - नही भाभी पहले सभी से जाके मिल लेती हु साम को आउंगी तो देर तक बाते करेगे

आसा मुस्कुराते हुवे - चलो ये भी अच्छा है

काजल अभय को देख - बेटा चल ना मेरे साथ थोरि देर मे आ जाना
अदिति काजल को देख हस्ते हुवे - बुआ भाई आपको लेने गये लेकर आये फिर यहा से घर भी छोरने जाये
काजल अदिति को देख - हा तो क्या बुआ भी इतना तो करना परेगा
आसा हस्ते हुवे - ठीक है भाई अभय बेटा जाओ बुआ के साथ

अभय मुस्कुराते हुवे - जी मा

काजल अभय घर से बहार निकल मिनिता के घर की तरफ चल देते है अभय काजल के एक उंगली पकर चलने लगता है काजल हैरान अभय को अपनी उंगली पकर चलता देख मुस्कुरा देती है

अभय काजल को देख मुस्कुराते हुवे - बुआ आते टाइम बहोत मजा आया
काजल सब सीन याद कर सर्म से लाल होके - बेशर्म

अभय काजल मिनिता के घर आते है मिनिता काजल को देख बहोत खुश होती है दोनो गले मिलने लगते है लेकिन अभय मिनिता को देख आख मारता है तो मिनिता हैरान सर्म से लाल हो जाती है

मिनिता काजल को देखते हुवे - ननद जी गई और आ भी गई लगता है अब अपने घर दिल नही लग रहा
काजल हस्ते हुवे - भाभी ऐसा नही है हा ये सच है यहा ज्यादा मजा आता है उसके अलावा ( अभय को देख) भतीजे की शादी मे सुरु से अच्छे से देखना चाहती हु
मिनिता अभय को देख मुस्कुराते हुवे - हा ये भी सही है

अभय मिनिता को देख - विजय बंदरिया दिख नही रहे कहा है दोनो

मिनिता मुस्कुराते हुवे - कोमल दोस्त के यहा गई है विजय पता नही कहा गया है
अभय - अच्छा

काजल - मे थोरा फ्रेस् होके आती हु

काजल चली जाती है काजल के जाते ही मिनिता अभय को देखती है अभय मिनिता के पास जाके बाहों मे भर आखो मे अभय के दोनो हाथ मिनिता के पीछे गांड से थोरा उपर था दोनो की बॉडी एक दूसरे से चिपकी हुई थी अभय मिनिता के कमर कस्ता है
अभय जब ऐसा करता है तो मिनिता के चुत अभय के लंड से पूरा चिपक जाती है और अभय मिनिता की फूली गर्म चुत के गर्मी का एहसास फिल करने लगता है

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कमाल की बात ये थी मिनिता भी खुद अपनी पूरी बॉडी अभय के बॉडी से चिपका देती है बीच मे हवा भी पास नही कर सकती थी दोनो एक दूसरे के बॉडी को गर्मी को अच्छे से फिल कर पा रहे थे मिनिता के चूचे अभय के सीने से पूरे चिपक फैल गये थे दोनो की आखे एक दूसरे को देखने मे लगी थी मिनिता सोच रही थी एक दिन अभय नही था तो वो बेचैन हो गई थी लेकिन अब उसकी बाहों मे आके उसे बहोत अच्छा सुकून मिल रहा उसके साथ ये क्या हो रहा है कियु
अभय मिनिता के आखो मे देख आपको बहोत मिस किया
मिनिता सर्म से अभय को प्यार से देख - मेने भी
अभय मिनिता के कान मे - बुआ जल्दी आ जायेगी चलिये ना अपना कोटा फुल कर लेते है
अभय की बात मिनिता के शरीर मे सिहरन पैदा कर देती है मिनिता सर्म कापते होठो से - हा हा ठीक है

हा सुनते ही अभय के एक साइड आके अपना एक हाथ मिनिता के कमर से सेहलाते गांड से होते हुवे गांड के थोरा नीचे रुक जाता है दूसरा हाथ मिनिता के पीट पे रख एकदम से मिनिता को गोद मे उठा लेता है मिनिता हैरान सर्म से पानी पानी हो जाती है अपने आप को इस तरह अभय के गोद मे उठाये जाने और अभय के गोद मे मिनिता को जो फिल एक अलग एहसास को मिनिता समझने मे लगी थी

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मिनिता अभय की गोद मे थी और मिनिता की बरी फैली गांड झूल रही थी सीन बहोत रोमांटिक के साथ बहोत कामुक् भी था दोनो की आखे मिलती है लेकिन दोनो आखो हि आखो मे एक दूसरे को समझने जानने की कोसिस कर रहे थे की वो क्या कर रहे है किस तरफ जा रहे है लेकिन उसी के साथ दोनो इस पल का मजा भी ले रहे थे मिनिता एक हाथ अभय के गर्दन मे डाले अभय को देखने मे खोई थी अभय भी दोनो एक दूसरे को ऐसे देख रहे थे जैसे एक साल बाद दोनो मिले हो

अभय मिनिता को गोदी मे उठाये कमरे मे लेके आता है और आराम से मिनिता को नीचे उतार फिर से बाहों मे कस लेता है मिनिता भी खुद अभय के चिपक जाती है फिर दोनो एक दूसरे को बिना कुछ बोले देखने मे लग जाते है

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दोनो की आखे एक दूसरे से जैसे बाते कर केह रही हो अब आगे किया फिर क्या था दोनो की आखे एक दूसरे को बताती है आगे किस करना है तो दोनो के होठ एक दूसरे के करीब जाने लगते है और मिलते ही

दोनो एक दूसरे पे टूट परते है एक दूसरे के होठो का रस चूस चूस कर पीने लगते है मिनिता मन मे रस पीते हुवे -एक दिन अभय बेटा नही था मेने अभय बेटा के होठो का रस नही पिया लेकिन आज पी रही हु तो मुझे और भी मिठा स्वाद लग रहा है मेरे दिल को सुकून मिल रहा है जैसे मेरा दिल इसी के लिये बेचैन था उसे यही चाहिये था

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अभय मिनिता के गांड के थोरा उपर एक हाथ दबाता है ताकि मिनिता की चुत अच्छे से उसके लंड से चिपक जाये अभय हैरान तक होता है जब मिनिता खुद अपनी कमर गांड आगे कर अपनी चुत अभय के लंड से चिपका देती है ये तो अच्छा था अभय अपने लंड को काबू मे रखा था नही तो मिनिता अपने के तगरे मोटे लंड फिल डर से भाग जाती 3 मिनट तक किस करने के बाद दोनो अपने गिले लार से सने होठ अलग कर एक दूसरे की आखो मे देखते है

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मिनिता जायदा देर अभय की आखो मे दे देख नही पाती और सर्म से नजरे फेर दूसरी तरफ देखने लगती है अभय मिनिता को देख मुस्कुराते हुवे धीरे से कान मे - अब मुझे सुकून मिला ऑन्टी
मिनिता कापते हुवे सर्म से - वो मुझे भी


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तभी कल चलने की आवाज सुनाई देती है तो दोनो समझ जाते है काजल आ गई है तो मिनिता जल्दी से सारी बाल सही करती है और आईने के पास जाके जो लीबिस्टिक अभय चूस कर खा गया था फिर से लगा लेती है फिर दोनो आराम से बैठ बाते करने लगते है जैसे कुछ दोनो मे क्या ही नही

काजल अंदर आते हुवे दोनो को देख - अच्छा यहा हो
काजल फिर अभय के पास बैठ जाती है फिर तीनों के बीच बाते सुरु होने लगती है

मिनिता काजल को देख हस्ते हुवे - ननद रानी अभय बेटा आपको ले गया ले आया ये मत केहना फिर आप जायेगा तो अभय बेटे के साथ ही जायेगी या नंदोई जी सब के साथ जायेगी

मिनिता की बात सुन काजल अपनी नजरे नीचे कर अभय को देखती है अभय काजल के गोद मे लेता था अभय भी काजल की आखो मे देखता है

काजल मिनिता को देख मुस्कुराते हुवे - जाहिर है अभय बेटा हि मुझे छोरने जायेगा ( काजल अभय को देख)कियु अभय बेटा सही कहा ना
अभय काजल को देख मुस्कुराते हुवे - बिल्कुल बुआ

मिनिता हस्ते हुवे - ननद रानी अभय बेटा शादी के बाद तुरंत बाहर कैसे निकल सकता है
काजल मुस्कुराते हुवे - हा पता है लेकिन मे कुछ दिन और रुकूगी फिर जाउंगी

मिनिता हैरान काजल को देख - लगता है नंदोई जी को अब अकेले सोने की आदत डालनी परेगी

काजल सर्म से - भाभी आप भी ना
मिनिता अभय को देख - तो कर शोपिंग करने जाना है खरीदारी शादी की बाकी है ना
अभय मिनिता को देख - हा लेकिन कल जायेंगे सब खरीदारी कर के आयेगें
काजल - बहोत अच्छा रहेगा अब से कुछ दिन ही बचे है

20 मिनट बाते करने के बाद अभय दोनो को देख - अब मे जाता हु
काजल मिनिता - ठीक है बेटा

अभय घर के लिये निकल परता है काजल मिनिता कुछ देर बाते कर अपने कमरे मे लेत आराम करने लगते है

मिनिता अभी जो हुआ एक एक पल मोमेंट को याद कर सर्म से लाल हुवे जा रही थी और उसी के साथ ये समझने कि कोसस कर रही थी अभय के साथ उसकी बाहों मे उसकी हरकत प्यार से उसे इतना सुकून मजा कियु आता है कियु

काजल भी सेब वही सोच बिस्तर पे सर्म से लाल हुवे परी थी


अभय घर आता है और सीधे मा के कमरे मे जाता है तो अभय देखता है आसा अलमारी खोले खरे कुछ कर रही थी लेकिन आसा बैक साइड से कयामत लग रही थी आसा के दूध जैसे पीठ कमर बरे गांड जो बाहर निकले हुवे थे ये सीन किसी के लंड को झटके मारने मे मजबूर कर देगा लेकिन ये सीन देखने वाला अभय था

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अभय अपनी मा को उपर से नीचे तक अच्छे से देखता ही फिर धीरे धीरे जाके आसा के पास आ जाता है आसा को एहसास हो जाता है अभय उसके पीछे है तो आसा मुस्कुराती है और अंजान बनने का नाटक करती है

अभय आसा से पूरा चुपक् जाता है पीछे से आसा सिहर उठती है लेकिन फिर भी सांत रहती है अभय पूरा चिपका था और आसा के बरे बाहर निकले गांड अभय को अच्छे से फिल हो रहा था उसकी मा की गांड कितनी बरी फैली गर्म है लेकिन अभय गंदा नही सोच पाता

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अभय अपना एक हाथ आगे ले जाने कमर पे रख सेहलाते हुवे गहरी ढोरी की तरफ ले जाने लगता है अपने बेटे के ऐसी हरकत अपने कमर पे हाथ चलता फिल कर आसा की मुठी कस जाती है उसी के साथ आसा के मुह से एक कामुक् सिसकिया फुट परती है आह उफ़ आसा की सासे तेज हो जाती है रोये खरे

तभी आसा पीछे मूर अभय को देख मुस्कुराते हुवे - मेरा प्यारा लाला
अभय अपनी मा की कीचनी कमर को एक हाथ से पकर बाहों मे लेके आखो मे देख - मेरी प्यारी डार्लिंग मा आपको कब कैसे पता चला मे आया हु

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आसा अभय की आखो मे प्यार से देख - लाला तु मेरा बेटा है 9 महीने पेट मे रखने के बाद जब तुम इस दुनिया मे तब से मेने तुझे सीने से लगाये आज तक रखा है इस लिये मेरे रोम रोम हर अंग मेरे दिल को जब तुम मेरे करीब होते हो तो पता चल जाता है तुम मेरे पास हो

अभय अपनी मा के होठो के पास अपना होठ लाते हुवे - आपके रोम रोम हर अंग को कैसे पता चल जाता है जब मे आपके पास होता हु तो
दोनो मा बेटे के चेहरे होठ करीब थे दोनो की गर्म सासे एक दूसरे से टकरा रही थी आसा अभय दोनो एक दूसरे से आखे मिलाते है

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आसा तेज बेचैन सासे लेते हुवे थोरि कापति आवाज मे - कियुंकी तेरी हरकत जो तु मेरे साथ हर वक़्त करता है इस लिये मेरे रोम रोम हर अंग दिल तेरी हरकत से अच्छे से वाक़िफ़ है इस लिये पता चल जाता है ( अभय आसा की आखो मे देख - अच्छा ये बात है) फिर दोनो एक दूसरे की आखो मे देखते रहते है

आसा अभय मा बेटे के दोनो दिल क्या चाहते है एक दूसरे से अच्छे से जानते थे तो दोनो के होठ एक दूसरे के करीब आके मिल बाते हो

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दोनो एक दूसरे के होठ मुह मे लेके एक छोटा किस करते है अभय तो गीली किस्सी करना चाहता था लेकिन अपनी मा के बातो का मान रखते हुवे पीछे हट जाता है

अब जाके आसा अभय होस मे आते है

अभय मुस्कुराते हुवे आसा को देख - मा मुझे आपकी एक सेक्सी पोस मे देखना है जैसे मॉडल करते है

आसा हैरान सर्म से अभय को देख - लाला ये क्या है मुझसे नही होगा मुझे तो पता भी नही कैसा सेक्सी पोस् होता है या करते है

अभय आसा के थोरा पास आके मुस्कुराते हुवे - मा आप जो एक बार देख लेती है अच्छे से सिख कर लेती है तो कोई परेसानी वाली बात हि नही है

आसा सर्म से अभय को देख - लाला क्या बोल रहा है समझ नही आया

अभय अपना फोन निकाल एक फोटो अपनी मा को दिखाते हुवे - देखिये ऐसे ही पोस मारना है
आसा फोटो देख सर्म से - अच्छा कोसिस करती हु
अभय खुश होके - मुझे पता है मेरी मा कर लेगी

आसा सर्म से मुस्कुराते हुवे एक जगह खरा होके एक गहरी सासे लेके अपनी आप को रेडी करने के बाद अपनी आखे बंद कर एक पोस मारती है खतरनाक वाला आसा के हाथ गले सीने के बीच चूचे से सटे हुवे थे आसा के चेहरे का इपमरेसंन भी बहोत कामुक् था लेकिन उससे ज्यादा कामुक् तो आसा ने अपने बरे गांड जिस पीछे किये और सीना आगे किये जिस तरह खरी थी वो कयामत से कयामत तक था
खूबसूरत चेहरा गुलाबी होठ बालों मे गजरा कमर बढे गांड इस उमर मे भी आसा की बॉडी पुरे सेप् फिट थी

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आसा को ऐसे देख किसी का पानी निकल जाये लंड खरा हो जाये लेकिन अभय के साथ कुछ और होता है अभय का दिल कुछ पल के लिये धरकना बंद कर देता है फिर तेज धक धक करना सुरु करता है अभय कापते हुवे फोन मे उस फोटो को देखता है फिर आसा को देख मन मे - मा ने तो इस मॉडल की वाट लगा ली मा तो इस मॉडल से कई सेक्सी अंदाज पोस मे खरी है अभय जल्दी से एक फोटो ले लेता है

आसा - बेटा हो गया अब मे थक गई हु
अभय - हा मा हो गया

आसा फिर तेज सासे लेते हुवे - उफ़ चलो तेरा हुआ तो सही
अभय आसा के पास जाके जो फोटो लिया था आसा को दिखाता है जिसे देख आसा खुद हैरान सॉक हो जाती है आसा सर्म से पानी पानी होते हुवे मन मे - क्या ये मे हु यकीन नही होता मेने ऐसे पोस दिये मुझे बहोत सर्म आ रही है अब खुद देख कर

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अभय - मा आप सच मे बहोत सेक्सी है उसी के साथ आप बहोत टैलेंटेड भी है ( आसा अभय को देख सर्म से - बेटा ये फोटो किसी को मत देखना प्लेस ( अभय- मा ये फोटो तो मेने आपको दिखाने के लिये लिया था मुझे इसकी क्या जरूरत जब मे खुद सामने से आपको जब चाहे देख सकता हु ( आसा सर्म से पानी पानी हो जाती है फिर से

तभी अदिति अंदर आते हुवे - आप दोनो क्या कर रहे है
आसा अभय अदिति की तरफ देखते है

अभय मुस्कुराते हुवे अदिति को देख - गुरिया कुछ नही बाते कर रहे थे
अदिति अभय के पास आके मुह फुला के - मे कमरे मे आपका इंतज़ार कर रही थी लेकिन आप तो यहा बिजी है

आसा मुस्कुराते हुवे - अले अले तेरी गुरिया फिर से नाराज हो गई
अभय मुस्कुराते हुवे - तो मे किस लिये हु

अभय अदिति के पास जाके कमर से पकर एक हाथ से अदिति के चेहरे को पकर प्यार से अदिति को देख - मेरी गुरिया बहोत नाराज है

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अदिति नाराज भरी आवाज मे - हा आपकी गुरिया बहोत नाराज है आपसे ( अभय मुस्कुराते हुवे - ऐसा क्या

अभय ये कहते अदिति को बिस्तर पे गिरा के अदिति को गुडगुडी करने लगता है अदिति जोर जोर से हस्ते हुवे - नही नही भाई ऐसा मत करो मा बचाओ मुझे बहोत ( आसा तो बस मुस्कुराते देखती रहती है

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अभय हस्ते हुवे - बोलो कोन नाराज है मुझसे ( अदिति बेचारी हस्ते हुवे - मे नही हु नाराज भाई छोर दो मुझे मेरी सास फुल रही है ( अदिति कि बात सुन अभय रुक जाता है

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अदिति तेज तेज सासे लेते हुवे अभय को देख - भाई आप बहोत बुरे है ( अदिति फिर अभय के ऊपर आके अभय के होठ पे किस करते हुवे - लेकिन आप मेरे सब कुछ भी है

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अभय अदिति को सीने से लगा के - तू भी गुरिया और मा बाकी सब भी ( आसा भी अभय के पास बिस्तर पे लेत जाती है

आसा अदिति को देख - अब नाराजगी चली गई
अदिति आसा को देख मुस्कुराते हुवे - हा मा चली गई
आसा मुस्कुराते हुवे - सब तेरा नाटक है और कुछ नही

10 मिनट बाते करते हुवे सब सो जाते है 3 बजे सब उठते है अभय फ्रेस् होके मधु के घर निकल परता है

अभय बाइक लगा के अंदर मधु के कमरे मे जाता है मधु रेडी थी कियुंकी अभय मधु को घुमाने ले जाने वाला था

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मधु अभय को देखती है वो प्यार से अदा से मधु जीन्स टिसर्ट मे बहोत ही सेक्सी लग रही थी जीन्स मधु के पैरो से चिपका था तीसर्ट मधु के चूचे से पूरा चिपके हुवे थे अभय मधु को देख उसके पास जाता है

अभय मधु के पास जाके कमर मे हाथ डाल बाहों मे लेके आखो मे देख - वाह गुरिया जीन्स टिसर्ट में तुम बहोत हॉट लग रही हो
मधु सर्म से अभय को देख - सच मे हॉट लग रही हु
अभय मधु के कान मे धीरे से - हा लेकिन उस दिन जिस हालत मे जो मेने देखा उसके सामने सब फेल है

अभय की बात मधु के शरीर मे सिहरन पैदाकर देती है मधु सर्म से पानी पानी होते हुवे कापते होठो से - भाई

तभी सिला आते हुवे - आ गया बेटा

अभय सिला को देखता है जो रोज की तरह कमाल लग रही थी अभय सिला के पास जाके बाहों मे लेके सिला को देख मुस्कुराते हुवे - हा मा आ गया गुरिया को घुमाने लेके जा रहा हु
सिला अभय के होठो पे किस करते हुवे - वादा क्या है निभाना परेगा
अभय मुस्कुराते हुवे - आपने बात तो सही कही

सिला - ठीक है अच्छे से जाना
अभय सिला के कान मे धीरे से - एक दिन हम दोनो ही चलेंगे फिर खूब घूमेगे मस्ती करेगे
सिला तेज सासे लेके धीरे से - मेरा बेटा लेके जायेगा तो जरूर जाउंगी

अभय सिला को छोर - ठीक है मा हम जाते है

अभय मधु बाहर आते है मधु तो खुशी से नाच रही थी अभय बाइक पी बैठ जाता है मधु भी पीछे दोनो तरफ पैर कर बैठ अभय को पकर लेती है अभय बाइक लेके निकल परता है

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मधु के चेहरे पे जो खुशी थी भाई के साथ घूमने जाने कि उसे कोई बया नही कर सकता था मधु हर पल का मजा लेने मे लगी हुई थी मधु पूरी तरह से अभय से चिपक बैठी हुई थी


25 मिनट का रास्ता तय कर अभय मधु को एक खूबसूरत समुंदर के किनारे लेके आता है और एक जगह बाइक रोक देता है मधु बाइक से उतर समुंदर के खूबसूरत नजारे को देखने लगती है साम के वक़्त समुंदर और भी खूबसूरत देखने मे लग रहा था

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अभय मधु के पीछे सत् के कमर को पकर खरा हो जाता है - कैसा लगा रहा है गुरिया ( मधु खूबसूरत समुंदर के नजारे को देखते हुवे - भाई बहोत खूबसूरत नजारा है दिल को सुकून मिल गया आप मे पहली बार ऐसी खूबसूरत जगह देख रही हु आपकी वजह से मे आज बहोत खुश भी

अभय अदिति फिर एक जगह नीचे बैठ बाते करने लगते है
मधु - भाई दिल कर रहा है यहा से जाऊ ही ना और आपके साथ इस खूबसूरत नजारे को देखती रही ( अभय मुस्कुराते हुवे - जाना तो पड़ेगा लेकिन जब टाइम मिलेगा हम आते रहेगे ( मधु खुश होते हुवे - क्या सच मे ( अभय मुस्कुराते हुवे - हा

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मधु - भाई दीदी को पता है उन्हें पता चलेगा आप मुझे लेके यहा आये और दीदी को नही लाये तो नाराज हो जाइयेगी ( अभय मुस्कुराते हुवे - पता है उसे ( मधु हैरान होके - क्या लेकिन फिर आपको आने दिया
अभय मुस्कुराते हुवे - उसने भी मुझसे वादा लिया है तब आने दिया
मधु मुस्कुराते हुवे - अच्छा ये बात है

अभय मधु के आखो मे देख - गुरिया क्या अपने भाई को गीली किस्सी नही दोगी
अभय की बात सुन मधु तेज सासे लेते हुवे अभय को देख - मे अपने प्यारे भाई को बना कैसे कर सकती हु जब मेरे भाई ने पहली बार मुझसे कुछ मंगा है

अभय मधु की आखो मे देखता है मधु अभय के फिर दोनो के होठ करीब जाने लगते फिर मिल जाते है

अभय बरे प्यार से मधु के होठ जिब मुह मे लेके चूसने लगता है वही मधु गिला गर्म अपने जिब को मजे से अभय को चुस्ता फिल कर मधु के पूरे सरीर मे करेंट डोर जाता है मधु का शरीर एक झटका मारता है पहले असली किस का स्वाद मजा फीलिंग मधु को मिल रहा था लेकिन ये किस उससे भी कही जयादा अलग फीलिंग मधु को दे रहा था जब मधु ये सोच रही थी की उसका भाई उसकी जिब को होठ को मजे से चूस रहा है ( मधु मन मे - ये एहसास ये फीलिंग जो मुझे मिल रही है मे मरते दम नही भुलुगी

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मधु भी अभय को कस के पकर किस करना सुरु कर देती है दोनो एक दूसरे के कभी होठ कभी जिब लेके चूस चूस कर मजे से गट गट रस पिये जा रहे थे ( अभय रस मधु के होठो का रस पीटे हुवे मन मे - ये फीलिंग एहसास सब से अलग मुझे फिल हो रहा है मधु के होठ जिब का गर्म लार मेरे गले के नीचे जाते ही मुझे बहोत मजा आ रहा है दिल कर रहा है चुस्ता रहु 2 मिनट बाद दोनो अलग होते है

मधु सर्म से नजरे नीचे किये तेज सासे लिये जा रही थी अभय बस मधु को देखे जा रहा था थोरि देर बाद

अभय - गुरिया चलो तोरी मस्ती करते है घूमते है

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अभय फिर मधु के हाथ पकर नाचते हुवे बीच के किनारे चलते हुवे खुद मजे करते है

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अभय कभी मधु को गोदी मे उठा के घुमाने लगता है ऐसे ही दोनो भाई बेहन मौज मस्ती करते हुवे मजे करते है फिर अभय मधु को लेके घर की तरफ जाने लगता है साम 5 बजने वाले थे


उदय बंगलो

आज फिर आरोही का बाप जगमोहन एक कुवारी लरकी के सिल तोर चुदाई करने मे लगा हुआ था लरकी आखो मे आसु लिये अपना पैर इधर उधर मारते हुवे दर्द मे - प्लेस अंकल प्लेस बहोत दर्द हो रहा है मा कसम अंकल सेह नही पाउंगी प्लेस धीरे कीजिये नही तो मे मर जाउंगी दया कीजिये अंकल प्लेस दया करो धीरे करो

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लरकी पेट के बल लेती हुई थी जगमोहन उसके उपर था और अपना लंड लरकी की चुत मे धना धन पेले जा रहा था लरकी की दर्द भरी गुहार सुन जगमोहन को दया नही बल्की और जोस दिला रही थी जगमोहन - बेटी तेरी कुवारी टाइट गर्म चुत के सील तोर तेरी चुदाई करने मे बहोत मजा आ रहा है मे रुक नही सकता आह आह आह ( लरकी रोते हुवे - अंकल प्लेस अंदर जलन हो रही है दर्द भी बहोत हो रहा है प्लेस आप धीरे करो ना ताकि दर्द कम होगा प्लेस ( जगमोहन हस्ते हुवे एक जोर का धक्का मारता है लरकी जोर से चिल्लाते हुवे - मा मर गई मे जगमोहन पानी चुत मे छोर देता है


कमरे के दरवाजे पे खरे उदय सब देख नीचे जाते मुस्कुराते हुवे - ये हुई ना बात अब हमारी जोरि 100 पे 100 मैच कर गई

लरकी बिस्तर पे नंगी रोये जा रही थी बिस्तर पे खून और लरकी कि चुत से जगमोहन का पानी निकल बिस्तर पे गिर रहा था

जगमोहन लरकी के पास पैसों का एक गद्दी फेक - बहोत मजा आया बेटा तेरी सिल तोर चुदाई करने मे ये पैसे रख लो बहोत है तेरे लिये लिये

जगमोहन फिर नीचे आके उदय के पास बैठ जाता है उदय ने पैक बना कर रहा था

उदय जगमोहन को देख - तो आज कितना मजा आया
जगमोहन मुस्कुराते हुवे - पूरी जवान थी मजा आ गया
उदय एक ग्लास आगे करते हुवे - आप खुश मे खुश
जगमोहन ग्लास उठा के दोनो चेस् करते हुवे पीने लगते है

उदय सराब का घुट पीते हुवे मन मे - अब वो वक़्त है जो मुझे चाहिये मांगने का

उदय ग्लास लीचे रख जगमोहन को देख - ससुर जी किया मे आपसे दोस्त की तरह बात कर सकता हु

जगमोहन चखना खाते हुवे - हा हा कियु नही दामाद जि हम ससुर दामाद है हि लेकिन दोस्त भी है

उदय मुस्कुराते हुवे - हा वो तो हम हैं मे ये केह रहा था आप सुबह से साम यहा कुवारी लरकी औरतो का मजा लेते है साम को घर जाते है तो सासु मा को प्यार करते है या नही

जगमोहन से ये सवाल उदय पहले पूछता तो मामला बहोत बिगर जाता लेकिन उदय एक चालाक लोमड़ी था पहले उदय जगमोहन को मजे करवाये अपने जैसा शैतान बनाया जब उसे लगा अब सही मोक्का है पासा फेकने का तो उदय मे फेक दिया

जगमोहन उदय को देख हस्ते हुवे - दामाद जी आपकी सासु मा बहोत अच्छी लेकिन गर्म औरत है पर कुछ सालों से हमारे बीच सब बहोत कम होता है

उदय - क्या सासु मा का दिल नही करता
जगमोहन - बहोत करता है पर उमर देख मेने कम कर दी
उदय मुस्कुराते हुवे - तो सासु मा का दिल करता है वैसे कैसा है उसका खजाना यानी चुत

उदय की बात सुनते ही जगमोहन का नसा उतर जाता है और पूरे गुस्से से पागल खरा होके उदय को चिलाते हुवे - दामाद जी आ...

इसके आगे जगमोहन कुछ देख उसकी आवाज नही निकलती

असल मे उदय ने आरोही की नंगी फोटो जगमोहन के सामने कर दी थी जगमोहन अपनी बेटी की नंगी फोटो देख सॉक हैरान हो जाता लेकिन फिर जगमोहन गौर से अपनी बेटी के नंगे बॉडी को उपर से नीचे तक देखता है फिर दो जगह जगमोहन की नजर अपनी बेटी के बरे चूचे और मोटी जांघे के बीच टाइट चुत पे जिसे देख जगमोहन का लंड तीन बार झटका मारता है उदय जगमोहन को देख मन मे मुस्कुराते हुवे - चिरिया ने दाना चुग लिया है

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जगमोहन अपनी बेरी आरोही के नंगे बदन को देखते हुवे - दामाद जी ये सब दिखाने का मतलब क्या है ( उदय मुस्कुराते हुवे - ससुर जी जरा सोचिये आपने सासु जी के टाँगे फैला के चुत मे लंड दाल पानी गिराया उस पानी से आपकी बेटी आरोही पैदा हुई देखिये आज कितनी खूबसूरत जवान है देखिये उसे नंगे बदन को सोचिये ससुर जी किया होगा जब आपकी बेटी ऐसे ही नंगे आपके सामने लेते आपसे कहेगी पापा डाल दीजिये अपनी बेटी के चुत मे लंड

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उदय दूसरी आरोही के नंगी फोटो दिखाते हुवे - फिर आप अपनी बेटी के चुत पे अपना लंड थूक लगा के जब एक जोर का धक्का मारेगे तो आपकी बेटी दर्द मे कहेगी पापा दर्द हो रहा है फिर आप अपनी बेटी के चुत की गर्मी और अपने लंड को कसा मेहसूस कर तेज धक्का मारने लगेगे आपकी बेटी दर्द मे रोते हुवे कहती रहेगी पापा बहोत दर्द हो रहा हो धीरे कीजिये लेकिन आप धक्का मारते रहेगे एंड मे आप अपनी बेटी के चुत से अपनी निकाल देगे फिर एक जोर का धक्का मार अपनी बेटी की चुत मे अपना पानी भी छोर देगे

बस इतना काफी था जगमोहन का लंड आज फटने के कगार पे आ गया था उदय ये देख मुस्कुराने लगता है

जगमोहन बैठते हुवे उदय को देख - दामाद जी आप चाहते क्या है
उदय मुस्कुराते हुवे - सासु जी यानी आपकी बीवी कि चुत उसके बदले मे आपकी आपकी बेटी की चुत दिलवाउंगा


सिला के घर

अभय मधु को लेकर घर आता है अंदर जाके सिला से मिलता है

सिला मुस्कुराते हुवे - घूम आये
मधु खुश होके सिला से - मा आज बहोत मजा आया भाई मुझे समुंदर के किराने ले गये आपको पता है बहोत खूबसूरत नजारा था बहोत सांति थी दिल तो आने का कर ही नही रहा था
सिला हस्ते हुवे - वाह क्या बात है लगता है आज बहोत मजे किये
मधु खुश होते हुवे - ये भी कहने की बात है भाई जहा लेके जायेंगे मजा तो आयेगा ही
सिला मुस्कुराते हुवे - ये बात तो है

अभय - मा गुरिया अब मुझे जाना होगा देर हो रही है
सिला - ठीक है बेटा किसी दिन इस मा के घर भी रुक जाना

अभय मधु सिला दोनो को बाहों मे लेके -मा guriya मेने आपको अपना दिल से माना है आज नही लेकिन फिर कभी जरूर रुकुगा
सिला मुस्कुराते हुवे - ठीक है मेरा बच्चा


अभय फिर बाइक पे बैठ मधु को देख मुस्कुराते हुवे - गुरिया तेरे होठो का रस बहोत मिठा था फिर पिलाओगी ना
मधु सर्म से लाल होते हुवे - जरूर भाई
अभय - ठीक है गुरिया कल शोपिंग पे जाना है मे लेने आऊगा
मधु खुश होते हुवे - जी भाई


अभय फिर घर आ जाता है रात 9 बजे मिनिता काजल कोमल विजय फिर अभय के घर डेरा जमा लेते है

आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏🙏
बहुत ही जबरदस्त अपडेट है
 
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chapter 36

टीनू बंगलो

आरोही अपनी दोस्त जिसका नाम रिया होता है उसके पास आके - रिया तुमने बात करनी है अकेले मे

रिया आरोही की उमर की ही थी गरीब घर से थी दोनों अच्छे दोस्त थे

रिया आरोही को देख - हा ठीक है चलो
आरोही रिया को एक कमरे मे लेके आती है दोनों बिस्तर पे बैठ जाते है

रिया आरोही को देखते हुवे - हा तो आरोही क्या बात करनी है
आरोही रिया को देख - रिया तुम नही चाहती ऐसी लाइफ जीना जैसी मे जी रही हु

रिया आरोही को देखती है फिर घर की दीवार देखते हुवे - आरोही मे नही हर कोई अमीर वाली लाइफ जीना चाहेगा लेकिन चाहने से सब मिल नही जाता

आरोही रिया को देखते हुवे - तुम सही तो लेकिन कभी कभी मिल भी जाता है
रिया आरोही को देख - तुम्हारे कहने का क्या मतलब है

आरोही - मुझे पता है तुम्हारे घर की हालत खराब है
रिया आरोही को अजीब नजरो से देख - तो क्या
आरोही - मे सीधे साफ बोलती हु..............

रिया आरोही को गुस्से से - तू चाहती है मे अपना जिस्म बेच पैसे कमाऊ आरोही तु कितनी गिरी हुई लरकी है ये पैसा अमीरों वाला लाइफ तुझे ही मुबारख मे जा रही हु तेरी जैसी दोस्त ना होना ही अच्छा है

रिया गुस्से से बंगलो से निकल जाते हुवे मन मे - छि सोचा नही था आरोही इतनी गिर जायेगी अब समझ मे आ रहा है सब

आरोही टीनू अमर के पास आके बैठ जाती है आरोहो बहोत गुस्से मे थी

टीनू हस्ते हुवे - क्या हुआ इतना गुस्से मे कियु है और वो रिया भी गुस्से से गई है यहा से
आरोही गुस्से से लाल - उस कमीनी ने मुझे गिरी हुई लरकी कहा कसम खा के केह रही हु उसका गुमान तोर दुगी मेने सोचा आराम से मान जायेगी लेकिन साली बहोत संस्कारी अच्छी लरकी निकली

अमर आरोही को देख - छोटी वो तुम्हारी दोस्त है तो क्या तुम्हे नही पता था वो कैसी लरकी है

आरोही अमर को देख - पता था भाई बहोत अच्छी लरकी है लरको के चक्कर मे नही परती लेकिन मुझे लगा पैसों के आगे

अमर आरोही को समझाते हुवे - छोटी पैसा सब को बदल देता है लेकिन हर किसी को नही पैसे से हम सब हासिल नही कर सकते

आरोही अमर को देख पागलो की तरह हस्ते हुवे - हा हा हा अच्छा ऐसा है तो ताकत से हासिल तो क्या जा सकता है उस कमीने को सजा तो मिल कर रहेगी उसकी इज़त जिसकी वजह से उसने मुझे गिरी हुई कहा लुटवा दुगी रण्डी बना दुगी उसे

टीनू आरोही को देख मन मे - मे कमीना लेकिन आरोही तो अलग लेवल की पागल लरकी निकली अच्छा है

टीनू आरोही को देख मुस्कुराते हुवे - बाकी सब भी चले गये अब हमारा क्या कियु ना तुम मजे देदो

अमर टीनू को देख गुस्से से - ओये मेरे सामने मेरी बेहन से ऐसी बात कर रहा है

अमर खरा होके अपना पैंट नीचे कर देता है

अमर मुस्कुराते हुवे टीनू को देख - सही कहा अब तो मेरी छोटी बेहन ही हमे फुल मजे देगी

आरोही दोनों को देख मुस्कुराते हुवे - ठीक है मे रेडी हु मेरी चुत भी

आरोही की बात सुन अमर टीनू मुस्कुराते हुवे एक दूसरे को देखते है फिर पुरा नँगा हो जाते है

आरोही दोनों के खरे टाइट लंड देख मुस्कुराते हुवे अमर टीनू के पास आते नीचे घुटनों पे बैठ दोनों लंड देख - हु मजा आयेगा

अमर - छोटी अच्छे से चुसना
टीनू - मेरा भी

आरोही दोनों को देख मुस्कुराते हुवे - चिंता मत करो मजे से चूस कर तुम दोनों के लंड का एक साथ स्वाद लुगी

अमर टीनू एक दूसरे के समाने खरे थे आरोही बीच मे बैठी हुई थी

आरोही टीनू के लंड को पकर हिलाने लगती है तो वही अपने भाई के लंड को मुह मे लेके मजे से चूसने लगती है अमर टीनू आह करते है
दोनों आरोही को देख और जोस मे आ रहे थे ( टीनू अमर को देख - यार तेरी भी बेहन बरे मजे से तेरा लंड चूस कर रस पी रही है) ( अमर उफ मेरी छोटी है ही कमाल की आह छोटी और मुह मे अंदर लेके चूस

अमर टीनू मजे से आह उफ किये जा रहे थे आरोही अपने भाई का लंड 2 मिनट चूसने के बाद टीनू के लंड को मुह मे लेके चूसने लगती है
टीनू आरोही को अपना लंड चुस्ता देख - उफ आरोही यार तुम सच मे कमाल को उफ किया लंड चुसती तो आह मजा आ रहा है 5 मिनट बाद

आरोही का मुह लार से सना हुआ था आरोही के होठों से लार टपक रहे थे आरोही अपनी जिब होठों पे फेरा के सब चट कर जाती है

आरोही अमर टीनू को देख मुस्कुराते हुवे - तो लंड का स्वाद एक बार मे लेके मजा आया

अमर आरोही को देख मुस्कुराते हुवे - हमे भी अपनी चूस के रस का मजा तो छोटी बेहन
टीनू - हा हमे भी तेरी चुत के रस को पीना है मजे से

आरोही खरे होके दोनों को देख - उफ जरूर पिलाऊँगी

आरोही एक एक कर सारे कपड़े निकाल पूरी नंगी होके दोनों के सामने खरी हो जाती है अमर टीनू तो बस आखे फ़ारे देखते रखते है आरोही दोनों को देख मन मे - साली कमीनी अदिति तुझसे कब मे नही मेरे पीछे भी कई दीवाने है इंतज़ार कर मेरा उसके बाद रोना है तुझे

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अमर अपनी छोटी बेहन को नँगा खरा देख चुत चुचे पे नजर डालते हुवे - छोटी बेहना जब भी तुझे ऐसे नंगे देखता हु तो लगता है पहली बार देख रहा हु तुझसे तेरी नंगी बॉडी से मेरी नजर ही नही हटती है
टीनू आरोही को उपर से नीचे तक देखते हुवे - सही कहा अमर तेरी बेहन भी किसी से कम नही देख उसकी चुचे कमर और सबसे बरा खजाना उसकी फूली टाइट रसिलि चुत उफ रुका नही जा रहा

आरोही दोनों को देखती है उसके बाद कमरे की तरफ नंगी गांड कमर हिलाते हुवे जाने लगती है पीछे से अमर टीनू भी आरोही के पीछे जाने लगते है

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अमर टीनू की नजर तो आरोही के हिलते गांड पे ही थी आरोही जान बुझ कर अपनी कमर गांड मटका कर चल रही थी ताकि दोनों को अपने हुसन से पागल कर सके

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आरोही कमरे मे आके बिस्तर पे लेत मुस्कुराते हुवे अमर टीनू को देखते हुवे - आजाओ अब रुकने की जरूरत नही है आज अच्छे से मजे दुगी और लुंगी भी

अमर टीनू दोनों एक दूसरे को देखते है फिर तेजी से आरोही के पास बिस्तर पे चले जाते है

अमर अपनी बहन के चुत पे मुह मार देता है टीनू आरोही के एक बार मे दो हमले से आरोही आह करते हुवे सिसकिया लेने लगती है टीनू मजे से आरोही के चुचे मुह मे लेके पीने लगता है अमर चुत को मुह मे लेके मजे से चूसने जिब से चाटने लगता है एक साथ चुचे चुत पे गर्म जिब का हमला आरोही को पागल कर रहा था आरोही का ये पहली बार था दो लोगो के साथ ये एहसास आरोही को और जोस दिला रहा था

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आरोही बिस्तर पे मचल रही थी तेज सासे सिसकिया ले रही थी और अपने चुचे चुत मे टीनू अमर के जिब को चलते गिल कर पागल हुवे जा रही थी ( आरोही आह मा धीरे टीनू तेरे दात लग रहे है आह भाई अच्छे से अपनी बेहन के चुत के अंदर जिब डाल कर रस चूस बहोत है अंदर आह मा भाई आने वाला है तेरे लिये गर्म रस आह भाई भाई आरोही कापते हुवे कमर गांड उठा के झर जाती है अमर सब रस पी जाता है

आरोही पसीने से भीगी हाफ़ते हुवे अमर टीनू को देख - उफ तुम दोनों ने मेरी इतने मे हालत खराब कर दी

अमर टीनू आरोही को देख मुस्कुराते हुवे - अभी तो मैन खेल बाकी है
आरोही दोनों को देख मुस्कुराते हुवे - पता है

अमर आरोही को देख - छोटी अब कैसे करेगे क्या तुम दोनों छेद मे लोगी हम दोनों का एक साथ

आरोही हैरानी से - बिल्कुल नही गांड मे नही पहले उनका हक है एक एक कर के आओ जब पति जी मेरी गांड मार लेगे फिर एक साथ लुगी दोनों लंड

अमर - अच्छा ठीक है ( अमर टीनू को देख) तुम जाओ पहले
टीनू अमर को देख मुस्कुराते हुवे - समझ गया

आरोही अपनी टांगे फैला देती है टीनू आरोही के टाँगों के बीच आके बैठ जाता है आरोही टीनू को देख रही थी अमर खरा टीनू आरोही को

टीनू अपना लंड पकर आरोही के चुत मे घुसाने लगता है आरोही के चेहरे पे दर्द आने लगता है टीनू अपना लंड पुरा आरोही कि चुत मे घुसा देता है आरोही दर्द मे - उई मा मर गई करते बिस्तर जोस से पकर लेती है

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अमर सब देख रहा था अपनी छोटी बेहन को चुदते हुवे दर्द मे ये सीन देख अमर को एक अलग मजा आने लगता है अमर का लंड फुल टाइट नशे फटने लगती है आरोही दर्द मे अमर को देख मुस्कुरा देती है अमर अपना लंड पकर धीरे धीरे हिलाने हुवे अपनी बेहन कि चुदाई देखने लगता है

आरोही बिस्तर पे लेती अपनी दोनों टांगे पूरी फैलाये हुवे थी बीच मे टीनू आरोही के कमर को दोनों हाथो से कमर तेज तेज धक्का मारने लगता है टीनू का लंड तेजी सी आरोही के चुत के अंदर बाहर हो रहा था आरोही को दर्द होने लगता है आरोही टीनू को देख - आह मा टीनू बहोत दर्द हो रहा है यार धीरे कर ना ( लेकिन टीनू आरोही को देख मुस्कुराते हुवे - तेरी चुत बहोत गर्म है मेरी जान धीरे करू ये ले ( टीनू अपना लंड पीछे कर एक जोर का धक्का मारता आरोही को बहोत दर्द होता है आरोही दर्द मे रोते हुवे टीनू का देख मर गई कहा था धीरे करने को मा आह उफ बहोत दर्द हो रहा है

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आरोही अपने भाई को देखती है जो लंड हिलाये आरोही को देख रहा था आरोबि आखो मे आसु लिये आह भाई अपनी छोटी बेहन को चुदते देख कैसा फिल मजा आ रहा है आह भाई दर्द हो रहा है ( अमर आरोही के पास आके - छोटी दर्द मे मजा है सेह ले ( आरोही आखो मे आसु लिये - भाई आपने सही कहा आह मर गई रे ( आरोही टीनू को देखती है टीनू जोर जोर से धक्के मारने लगता है ( आरोही रोते हुवे बस कर टीनू तेज मत कर मर गई ( टीनू आरोही को देख हाफ़ते हुवे मेरा पानी निकलने वाला है करते हुवे एक तेज धक्का मार देता है आरोही दर्द से चिल्ला परती है


टीनू बिस्तर पे लेत तेज तेज सासे लेने लगता है आरोही आखो मे आसु लिये अपने भाई को देख - भाई अब आपकी बारी

आरोही पास से एक चादर सी चुत को अच्छे से साफ करने के बाद अमर को देख मुस्कुराते हुवे - आ जाइये भाई आपकी छोटी बेहन रेडी है चुदने को भाई का लंड लेके को

अमर तो पहले से ही सब देख पुरे जोस मे था अमर जल्दी से अपनी बेहन के ऊपर आके आरोही को देखते हुवे अपना लंड चुत पे रख धीरे धीरे अंदर घुसाने लगता है आरोही दर्द से आह भाई आराम से

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अमर आरोही को देख अंदर अंदर चुत मे घुसाते हुवे - बेहना उफ आज मे नही रोक पाऊगा थोरा भी ( अमर जोर का धक्का मार बाकी लंड भी पुरा अंदर अपनी छोटी बेहन की चुत मे घुसा देता है आरोही दर्द मे तरप् के रोते हुवे अमर का देख - भाई बहोत दर्द हुआ आह मा

अमर आरोही के दोनों मोटे जांघों को पकर पुरा फैलाये तेज तेज धक्का मारना सुरु करता है अमर आज टीनू बेहन कि चुदाई देख बहोत जोस मे था अमर के तेज धक्के से आरोही की पूरे बॉडी हिल रहे थे साथ मे आरोही के बरे चुचे भी हिल रहे

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अपने भाई के तेज धक्के और सत् सत् अपनी चुत मे भाई का लंड अंदर बाहर जाता मेहसूस कर आरोही को मजे से साथ दर्द भी बहोत हो रहा था ( आरोही अमर को देख रोते हुवे भाई बहोत दर्द दे रहे हो अपनी छोटी बेहन को लेकिन मे सेह लुगी आह भाई चोदिये अपनी छोटी बेहन को जैसे चोदना है ( आरोही बिस्तर कस के पकरे आखो मे आसु किये आह उफ करते रहती है

टीनू दोनों भाई बेहन की चुदाई देख टीनू का भी जोस चढ़ जाता है टीनू आरोही के मुह के पास आके आरोही के मुह मे लंड घुसा देता है आरोही आरोही भी दर्द मजे ने टीनू के लंड चूसने लगती साथ मे अपने भाई के लंड लिये जा रही थी टीनू भाई बहन कि चुदाई देख जोस से भरा जा रहा था अमर अपनी बहन को मजे से चुदते टीनू का लंड चूसते देख और जोस से भर जाता है

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अमर और तेज तेज धक्का मारने लगता है आरोही को और तेज दर्द होने लगता हो आरोही आखो मे आसु लिये टीनू का लंड चूस कर पीती रहती है भाई का लंड लेती रहती हो दर्द सेहती रहती है

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अमर झरने वाला था तो जल्दी से अपनी छोटी बेहन के ऊपर आके और तेज तेज धक्के मारने लगता है आरोही टीनू का लंड मुह से निकाल आरोही दर्द मे रोते हुवे - भाई भाई बहोत दर्द होता रहा है भाई प्लेस प्लेस धीरे करो मर गई मा रुक जा भाई प्लेस टीनू रोक ना भाई को मर जाउंगी आरोही रोती रहती है दर्द मे चिल्लाती रहती है

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अमर धक्का मारते हुवे उफ बेहन आज नही आह उफ मेरा निकलने वाला है अमर एक तेज धक्का मारता है आरोही दर्द मे जोर से चिल्लाती है रोने लगती है अमर बहोत सारा पानी अपनी छोटी बेहन के चूत मे छोर देता है अमर अपना लंड जब बाहर निकालता है तो आरोही के चुत से अमर का ढेर सारा माल बाहर निकलने लगता है

अमर हाफ़ते हुवे बिस्तर पे गिर जाता है आरोही आखो मे आसु लिये पसीने से भीगी बिस्तर पे टांगे फैलाये लेती रहती है आरोही कि भी हालत खराब थी तेज सासे लिये जा रही थी टीनू सब देख उसे अलग कि मजा मिल रहा था और टीनू का जोस फिर हाई हो गया एक भाई को अपनी बेहन की चुत मे माल छोरते हुवे टीनू का लंड फिर खरा हो गया

टीनू आरोही के के पास आके टांगे फैला के आरोही के ऊपर आ जाता है आरोही टीनू को ऐसा करता देख डरते हुवे कापते हुवे - टीनू मत कर मेरी हालत खराब है नही ले पाउंगी लेकिन टीनू एक बार मे ही पुरा लंड आरोही कि चुत मे घुसा देता है आरोही दर्द से चिल्ला परती है

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टीनू आरोही को देख तेज तेज धक्का मारते हुवे - आरोही तुम भाई बहन कि चुदाई देख रोक नही पाया माफ करना आज तो अच्छे से तेरी चुदाई करुगा ( आरोही टीनू को देख रोते हुवे हट जा टीनू बहोत जलन दर्द हो रहा है प्लेस मान जा आह मा आज मर गई ( आरोही अमर को देख आखो मे आसु लिये - भाई प्लेस टीनू को रोक ना
अमर आरोही को देख - बेहना सेह ले मजा मे भी फिर करुगा
आरोही डर से रोते हुवे - मेरी ही गलती है मर गई मा मेरी चुत

1 घंटे तक अमर टीनू आरोही कि चुदाई करते रहते है यहा गलती आरोही कि थी भाई बहन की चुदाई देख टीनू जोस मे आ जाता था अपनी बहन टीनू कि चुदाई देख अमर आज टीनू अमर को अलग ही मजा आया आरोही की चुदाई कर की लेकिन आरोही कि हालत खराब कर दी दोनों ने

आरोही कापते पैरों के साथ खरी होके कपड़े धीरे धीरे पेहन अमर टीनू को रोते हुवे - कमीने कुत्ते जान निकाल दी मेरी

अमर टीनू आरोही को देख मुस्कुराते हुवे - अब तो रोज हम तेरी साथ मे लेगे

( रात 9 बजे अभय के घर )

आँगन के बीच चटाई बीछि हुई थी आसा मिनिता काजल अभय बैठे हुवे थे कमरे मे अदिति कोमल बाते कर रहे थे

मिनिता आस को देख - दीदी शोपिंग मे बहोत मजा आया ना
आसा मुस्कुराते हुवे - हा बहोत मजा आया
काजल - मे तो पहली बार मॉल मे गई थी
आसा मिनिता - हम भी

अभय तीनों को देख मुह बना के - शादी की शोपिंग करनी थी इस लिये नही तो मे कभी भी फिर लडिस के साथ शोपिंग पे ना जाऊ कितना वक़्त लगाती है तैयार होने मे 1 घंटे खरीदारी मे भी भी हद है

आसा मिनिता काजल अभय को घूर के देखते है अभय डर से पसीने से - मे तो बस मजाक कर रहा था

मिनिता अभय को देख अजीब नजरो से - दीदी केह तो रहा है लेकिन शादी के बाद खुद बीवी को लेके जायेगा

काजल भी घूर के अभय को देख - भाभी आपने बिल्कुल सही कहा
आसा अभय को देख - जायेगा है खुद नही जायेगा फिर भी जाना परेगा लाला बीवी के कई नखरे उसकी हर जरूरत मर्द को ही पूरी करनी परती है

मिनिता हस्ते हुवे - दीदी शादी के बाद खुद समझ जायेगा
काजल - हा अभी तो सिंगल है बीवी आयेगी तब देखते है

अभय सभी को देख खरा होते हुवे - ऐसा है तो देखते है मे चला आप तीन खूबसूरत परी बाते करिये

अभय कमरे मे आके बिस्तर पे लेत दिशा से बाते करने लगता है

मिनिता आसा को देख मुस्कुराते हुवे - आपका लाला क्या कह कर गया सुना ना
काजल हस्ते हुवे - खूबसूरत परी
आसा मुस्कुराते हुवे - लाला न सही तो कहा है

( अदिति के कमरे मे )

अदिति कोमल बिस्तर पे लेते छत को देखते हुवे बाते कर रहे थे

कोमल - अदिति बाल साफ किये नीचे के
अदिति सर्म से लाल होते हुवे - दीदी आप फिर सुरु हो गई
कोमल अदिति को देख - यार अदिति कितना शर्माती है पता भी दे
अदिति सर्म से - हा सुबह नहाते वक़्त कर किया था
कोमल नोर्मलि - अच्छा अभी खुजली हो रही है क्या
अदिति सर्म से - नही

अदिति मन मे - अरे यार खुजली हो रही है लेकिन आपके सामने खुजा भी नही सकती

कोमल गौर से अदिति के चेहरे को देखने लगती है अदिति छत को ही देख रही थी कोमल अदिति के चेहरे को देख फिर नीचे देखती है अदिति अपनी पैर एक दूसरे के ऊपर किये अपनी जांघें सताये हुई थी

कोमल मुस्कुराते हुवे - खुजली हो रही है खुजा ले मे तुझे बहोत सर्म आ रही है तो मे दूसरी तरफ चेहरा कर लेती हु

कोमल दूसरी तरफ चेहरा कर लेत जाती है
कोमल मन मे - अदिति जैसी खूबसूरत कायम बॉडी वाली लरकी आज तक नही देती और सर्मिलि भी दिल की अच्छी साफ भी जब ऑन्टी इतनी खूबसूरत है तो बेटी होगी ही

अदिति कोमल को दूसरी तरफ चेहरा किये देखती है तो जल्दी से अपनी टांगे फैला के जल्दी से उंगली से अपनी गर्म फूली नरम चुत को सेहलाती है तब जाके अदिति को आराम मिलता है

अदिति सर्म से - हो गया
कोमल अदिति की तरफ लेत अदिति को देख - पागल इतना भी मत सरमाया कर
अदिति सर्म से कुछ नही बोल पाती कोमल भी जानती थी अदिति बहोत सर्मिलि है ऐसी बाते करने मे तो दूसरे टॉपिक पे बाते करने लगती है

( अभय कमरे मे )

अभय हस्ते हुवे - कोन कोन कलर की चड्डी बिकनी ली है
दिशा सर्म से - खुद देख लेना
अभय जोस मे - अभी आ जाऊ क्या
दिशा हैरानी से जल्दी से - पागल है क्या मेरे कहने का मलतब आपकी बीवी बन आपके घर आउंगी तब
अभय हस्ते हुवे - अच्छा जब तुम आओगी तो कोन बेवकूफ चड्डी बिकनी देखेगा मे तो सीधा

दिशा सर्म से - बस बस समझ गई आप किया कहने वाले है
अभय हस्ते हुवे - यार कहने भी नही दिया छोरो साली जी सासु मा किया कर रही है
दिशा - मा सो रही होगी पूजा मोबाइल मे लगी होगी

10 मिनट अभय दिशा से बात करता है फिर फोन रख देता है

तभी काजल की बहु ममता का फोन आता है अभय नंबर देख मुस्कुराते हुवे फोन उठा के - हा भाभी बोलिये
ममता - देवर जी क्या हो रहा है
अभय - मे तो कमरे मे दिशा से बात कर रहा था और मा ऑन्टी आपकी सासु मा सब आँगन मे बात कर रहे है

ममता - अच्छा वैसे क्या बाते हो रही थी
अभय हस्ते हुवे - जो एक पति पत्नी के बीच होता है
ममता - अच्छा जी बाते तो कई तरह की की जाती है
अभय मुस्कुराते हुवे - प्यार वाली बाते
ममता सर्म से - अच्छा समझ गई लगे रहिये
अभय हस्ते हुवे - हा लगा तो रहुंगा आप बटाइये क्या कर रही है भाई कहा है

ममता - वो सो रहे है मे पीछे हु वो पास आये किस न लिये मेने मना किया कही आप मुझसे नाराज तो इसी लिये फोन क्या

अभय सांत रहता है फिर - भाभी मे कोई खुदगर्ज़ नही हु आपने मुझे एक गीली किस दी जो कोई भी भाभी हो अपने पति के अलावा किसी को नही देगी लेकिन आपके दिया उसके बाद भी मे कैसे नाराज हो सकता हु मे तो आपका दिल से आभार मानता हु और अपने आप को किस्मत वाला भी जो मुझे आपकी गीली किस मिली

अभय की बात ममता को बहोत अच्छी लगती है खुश भी हो जाती है ये जान अभय नाराज नही है

ममता - जान कर खुशी हुई आप नाराज नही है
अभय हस्ते हुवे - हा लेकिन आपके होठो के रस का स्वाद मे कभी भूल नही पऊगा
ममता सर्म से लाल होते हुवे - आप भी ना देवर जी
अभय - भाभी क्या सच मे मुझे फिर कभी आपके होठो का रस पीने के लिये नही मिलेगा
ममता सांत हो जाती है
अभय - माफ करना भाभी आप नाराज मत हो मुह से निकल गया आपके होठो का रस बहोत अच्छा लगा इस लिये

ममता धीरे से - आपको अच्छा लगा मेरे होठो का रस
अभय - कसम से भाभी बहोत मजा आया
ममता सर्म से - ठीक है फिर आयेगें तो पिलाऊँगी
अभय खुश होते हुवे - थैंक्स भाभी आप बहोत अच्छी है
ममता सर्म से - अच्छा मे रखती हु

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तभी मिनिता कमरे मे आके अभय को देख - क्या कर रहे हो अकेले मे
अभय मिनिता को देख मुस्कुराते हुवे - आपका इंतज़ार

अभय उठ कर मिनिता के पास जाके बाहों मे कस आखो मे देख - आपको बाहों मे लेते ही मुझे पता नही कियु बहोत अच्छा फिल होता है

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मिनिता अभय को देख सर्म से - मुझे भी लेकिन बेटा ननद जी भी है तो समझ रहे हो ना ( अभय समझ गया ऑन्टी

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दोनों बिना देरी किये एक दूसरे को किस करना सुरु कर देते है मिनिता मजे से अभय के जिब को मुह मे लेके चूस कर रस पिये जा रही थी अभय भी 2 मिनट बाद

अभय मिनिता को देख - अब आप पुरे अच्छे से ककिस करना सिख गई है
मिनिता सर्म से अभय को देख - तुम्हारी वजह से है अब जाना होगा ननद जी नही होती तो थोरि देर और रुकती

अभय भी मामले को समझ - ठीक है लेकिन मॉल मे जो कहा क्या मुझे मोक्का नही मिलेगा

मिनिता अभय को देखते हुवे - फिर कभी बात करेगे

मिनिता फिर कमरे से बाहर आ जाती है अभय भी बिस्तर पे लेत जाता है

काजल मिनिता को देख - चलो घर चलते है
मिनिता - ठीक है

मिनिता काजल आसा को देख - ठीक दीदी भाभी हम जाते है
आसा - ठीक है

काजल मिनिता बाहर आते है तभी काजल मिनिता को देख - अरे मे अभय से मिल के नही आई क्या तुम
मिनिता ठीक है जाइये

काजल फिर अभय के कमरे मे आती है अभय काजल को देख बैठ - बुआ आप आइये ना

काजल अभय के पास बैठ अभय को देख - तुम मुझसे नाराज तो नही हो ना
अभय काजल को देख - मे भला कियु नाराज होऊगा
काजल - साम जो हुआ
अभय काजल की आखो मे देख - कभी कभी हम जो चाहते है हमे नही मिलता
काजल - अगर तुम चाहते हो तो एक बार तुम जो चाहो मेरे साथ कर सकते हो
अभय काजल की बात सुन पूरी तरह से सॉक हैरान काजल को देखता रहता है 1 मिनट बाद अभय होस मे आता है

अभय काजल को देख मुस्कुराते हुवे - मुझे आपका जिस्म नही चाहिये नही तो मेरे पास कई मोक्के थे उस वक़्त आप भी मुझे अपने आप को रोक नही सकती थी आपकी बाते सुन मुझे दुख हुआ की आप मुझे एक हवसी समझ रही है

अभय के आखो से आसु टपक परते है काजल अभय को देखती रहती है फिर काजल अभय के चेहरे को उपर कर आसु साफ कर अभय को देख - जितना प्यार तेरे दिल मे मेरे लिये है उतना प्यार मेरे दिल मे तेरे लिये भी है

अभय हैरान काजल को देखता है

काजल अभय की आखो मे देख - हा बेटा मे भी तुमसे बहोत प्यार करती हु साम को जब तुमने परपोस् क्या तो मे बहोत खुश हुई थी लेकिन पति बच्चे को सोच तुझे हा नही कर सकी लेकिन उसी के बाद से कुछ घंटे मे ही मेरा दिल अंदर से बहोत रोता रहा मुझे तुम्हारे साथ बाते करना मस्ती करना वक़्त बिताता बहोत अच्छा लगता है खुशी मिलती है बेटा मुझे अच्छे से पता है तुम बहोत अच्छे लरके हो इसी लिये तो मे तुम्हे अपने करीब आने दिया या मे भी तुम्हारे करीब आई अभी जो मेने कहा बस इस लिये कहा कियुंकी मे देखना चाहती थी किया तुम इस मोक्के का फायदा उठाते हो या नही लेकिन तुम्हारे जवाब सुन मुझे तुमसे और भी प्यार हो गया है

काजल अभय के होठो पे किस कर खरी होके अभय को देख - बाहर भाभी मेरा इंतज़ार कर रही है जाना होगा लेकिन आज अभी से तुम मेरे बॉयफ्रेंड मे तेरी गिर्लफ्रेंड

अभय हैरान लेकिन बहोत खुश भी होता है अभय जल्दी से काजल को बाहों मे लेके - आपके आज बहोत दर्द दिया मुझे पता भी है आपकी ना सुन मुझे कितना दर्द हुआ दिल मे
काजल अभय को देख प्यार से - मुझे भी ना केह बहोत दर्द हुआ लेकिन ( काजल सर्म से) तुम जो सजा दोगे मंजूर है

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अभय काजल के कान मे धीरे से - अगर ऐसा है मुझे आपको अच्छे से प्यार करना है तैयार रखना कल हम चलेंगे एक जगह जहा आपको खूब प्यार करुगा वो वाला प्यार डालुगा आपके टांगों के बीच मे जो छेद है उसमे अपना साप
अभय की बात सुन काजल की सासे उपर नीचे होने लगती है काजल सर्म से लाल अभय को देख - अब तो मे तेरी गिर्लफ्रेंड हु जो चाहे कर लेना

ये केह काजल जल्दी से भाग कर बाहर आ जाती है अभय मुस्कुराते देखता रह जाता है काजल बाहर अपने सीने पी हाथ रख सर्म से अपने सास पे काबू कर मिनिता के पास आती है फिर दोनों घर जाने लगते है
तभी मिनिता काजल को देख - अरे कोमल को हम भूल ही गये
काजल अपना सर पकर- सही कहा भाभी आपने

मिनिता - मे बुला के लाती हु

मिनिता कोमल को बुलाने अंदर जाती है लेकिन काजल के कानों मे अभय की बाते भुज रही थी पहली बार काजल से किसी ने ऐसी गंदी बाते कही थी काजल भाभी दो वजह से पहला सर्म दूसरा अभय कि बाते सुन काजल की चुत से पानी निकल आया था

काजल आस पास देखती है फिर सारी के ऊपर से ही चुत साफ करते हुवे मन मे सर्म से - उफ कमीनी तु बस बातो से ही पानी बहाने लगी

तभी मिनिता कोमल भी आ जाते है फिर तीनों घर जाने लगते है

काजल के जाने के बाद अभय अपनी मा के पास आता है आसा बिस्तर पे लेती अभय को देख मुस्कुराते हुवे - आजा मेरे लाल

अभय मुस्कुराते हुवे आसा के ऊपर आके लेत अपनी मा की आखो मे देख - उफ हम सुकून मिला नरम गर्म बिस्तर पे लेत कर
आसा हस्ते हुवे - पागल के ऊपर लेता है मेरे सरीर को बिस्तर बना दिया
अभय हस्ते हुवे - हा कियुंकी आपका बदन बहोत मुलायम है गर्म है और आपके सरीर की खुशबु भी
आसा सर्म से न लाल हो जाती है

अभय आसा की आखो मे देख - मा आज कोई सेक्सी वाला पोस् मार नही दिखाओगी
आसा अभय की आखो मे देख सर्म से - अपनी बीवी को बोलना आई गी तब
अभय अपनी मा के कान मे धीरे से - मा आपकी बात ही अलग है आपका भरा बदन बॉडी की बनावट दूसरी आप मेरी मा है तो आपकी वजह कोई नही ले सकता
आसा खुश शर्मा भी जाती है

आसा अभय को देख सर्म से - ठीक है तुम ही बताओ कोन से पोस् मारू
अभय मोबाइल से एक मॉडल का फोटो दिखाते हुवे - ये वाला मे आपकी ऐसे पोस् मे देखना चाहता हु

काजल जब फोटो देखती है तो सर्म से पानी पानी होते हुवे अभय को देख - छि मा को ऐसे पोस् मे देखेगा
अभय आसा को देख - आप मेरी मा आप मेरी है की नही
आसा अभय को सर्म से - हु ठीक है अपने लाला के लिये तो अब मे एक मॉडल बन ही गई हु

आसा खरी होती है और अभय को देख - बेटा फोटो मे मॉडल लाल सारी ब्लाउस मे है तो मुझे भी वैसे ही सारी ब्लाउस पेहन लेने दे फिर पोस् मारके दिखाउगी

अभय - मा कोई बात नही इसी सारी मे कर सकती है
आसा - नही ना अच्छा नही लगेगा तुझे
अभय अपनी मा को बाहों मे लेके धीरे से - मेरे लिये इतना सब आई लोव यू सेक्सी हार्लिंग मा
आसा सर्म से - आई लोव यू तु लाला

अभय फिर आगे मूर खरा हो जाता है आसा लाल सारी ब्लाउस पेहन रेडी होके सर्म से - ठीक है लाला मे रेडी हु

अभय भी आसा को देख अपने आप को तैयार कर - ठीक है मा

आसा हिम्मत झूठा के शर्म से अभय ने जैसा फोटो मे दिखाया था आसा वैसे ही पोस् मारती है जिसे देख अभय की सासे दिल सब कुछ पल के लिये रुक जाता है यहा तक अभय का लंड पहली बार टाइट होके कई झटका मारता है

आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏🙏
ek dum mast
 

krish1152

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nice update
 

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chapter 36

टीनू बंगलो

आरोही अपनी दोस्त जिसका नाम रिया होता है उसके पास आके - रिया तुमने बात करनी है अकेले मे

रिया आरोही की उमर की ही थी गरीब घर से थी दोनों अच्छे दोस्त थे

रिया आरोही को देख - हा ठीक है चलो
आरोही रिया को एक कमरे मे लेके आती है दोनों बिस्तर पे बैठ जाते है

रिया आरोही को देखते हुवे - हा तो आरोही क्या बात करनी है
आरोही रिया को देख - रिया तुम नही चाहती ऐसी लाइफ जीना जैसी मे जी रही हु

रिया आरोही को देखती है फिर घर की दीवार देखते हुवे - आरोही मे नही हर कोई अमीर वाली लाइफ जीना चाहेगा लेकिन चाहने से सब मिल नही जाता

आरोही रिया को देखते हुवे - तुम सही तो लेकिन कभी कभी मिल भी जाता है
रिया आरोही को देख - तुम्हारे कहने का क्या मतलब है

आरोही - मुझे पता है तुम्हारे घर की हालत खराब है
रिया आरोही को अजीब नजरो से देख - तो क्या
आरोही - मे सीधे साफ बोलती हु..............

रिया आरोही को गुस्से से - तू चाहती है मे अपना जिस्म बेच पैसे कमाऊ आरोही तु कितनी गिरी हुई लरकी है ये पैसा अमीरों वाला लाइफ तुझे ही मुबारख मे जा रही हु तेरी जैसी दोस्त ना होना ही अच्छा है

रिया गुस्से से बंगलो से निकल जाते हुवे मन मे - छि सोचा नही था आरोही इतनी गिर जायेगी अब समझ मे आ रहा है सब

आरोही टीनू अमर के पास आके बैठ जाती है आरोहो बहोत गुस्से मे थी

टीनू हस्ते हुवे - क्या हुआ इतना गुस्से मे कियु है और वो रिया भी गुस्से से गई है यहा से
आरोही गुस्से से लाल - उस कमीनी ने मुझे गिरी हुई लरकी कहा कसम खा के केह रही हु उसका गुमान तोर दुगी मेने सोचा आराम से मान जायेगी लेकिन साली बहोत संस्कारी अच्छी लरकी निकली

अमर आरोही को देख - छोटी वो तुम्हारी दोस्त है तो क्या तुम्हे नही पता था वो कैसी लरकी है

आरोही अमर को देख - पता था भाई बहोत अच्छी लरकी है लरको के चक्कर मे नही परती लेकिन मुझे लगा पैसों के आगे

अमर आरोही को समझाते हुवे - छोटी पैसा सब को बदल देता है लेकिन हर किसी को नही पैसे से हम सब हासिल नही कर सकते

आरोही अमर को देख पागलो की तरह हस्ते हुवे - हा हा हा अच्छा ऐसा है तो ताकत से हासिल तो क्या जा सकता है उस कमीने को सजा तो मिल कर रहेगी उसकी इज़त जिसकी वजह से उसने मुझे गिरी हुई कहा लुटवा दुगी रण्डी बना दुगी उसे

टीनू आरोही को देख मन मे - मे कमीना लेकिन आरोही तो अलग लेवल की पागल लरकी निकली अच्छा है

टीनू आरोही को देख मुस्कुराते हुवे - बाकी सब भी चले गये अब हमारा क्या कियु ना तुम मजे देदो

अमर टीनू को देख गुस्से से - ओये मेरे सामने मेरी बेहन से ऐसी बात कर रहा है

अमर खरा होके अपना पैंट नीचे कर देता है

अमर मुस्कुराते हुवे टीनू को देख - सही कहा अब तो मेरी छोटी बेहन ही हमे फुल मजे देगी

आरोही दोनों को देख मुस्कुराते हुवे - ठीक है मे रेडी हु मेरी चुत भी

आरोही की बात सुन अमर टीनू मुस्कुराते हुवे एक दूसरे को देखते है फिर पुरा नँगा हो जाते है

आरोही दोनों के खरे टाइट लंड देख मुस्कुराते हुवे अमर टीनू के पास आते नीचे घुटनों पे बैठ दोनों लंड देख - हु मजा आयेगा

अमर - छोटी अच्छे से चुसना
टीनू - मेरा भी

आरोही दोनों को देख मुस्कुराते हुवे - चिंता मत करो मजे से चूस कर तुम दोनों के लंड का एक साथ स्वाद लुगी

अमर टीनू एक दूसरे के समाने खरे थे आरोही बीच मे बैठी हुई थी

आरोही टीनू के लंड को पकर हिलाने लगती है तो वही अपने भाई के लंड को मुह मे लेके मजे से चूसने लगती है अमर टीनू आह करते है
दोनों आरोही को देख और जोस मे आ रहे थे ( टीनू अमर को देख - यार तेरी भी बेहन बरे मजे से तेरा लंड चूस कर रस पी रही है) ( अमर उफ मेरी छोटी है ही कमाल की आह छोटी और मुह मे अंदर लेके चूस

अमर टीनू मजे से आह उफ किये जा रहे थे आरोही अपने भाई का लंड 2 मिनट चूसने के बाद टीनू के लंड को मुह मे लेके चूसने लगती है
टीनू आरोही को अपना लंड चुस्ता देख - उफ आरोही यार तुम सच मे कमाल को उफ किया लंड चुसती तो आह मजा आ रहा है 5 मिनट बाद

आरोही का मुह लार से सना हुआ था आरोही के होठों से लार टपक रहे थे आरोही अपनी जिब होठों पे फेरा के सब चट कर जाती है

आरोही अमर टीनू को देख मुस्कुराते हुवे - तो लंड का स्वाद एक बार मे लेके मजा आया

अमर आरोही को देख मुस्कुराते हुवे - हमे भी अपनी चूस के रस का मजा तो छोटी बेहन
टीनू - हा हमे भी तेरी चुत के रस को पीना है मजे से

आरोही खरे होके दोनों को देख - उफ जरूर पिलाऊँगी

आरोही एक एक कर सारे कपड़े निकाल पूरी नंगी होके दोनों के सामने खरी हो जाती है अमर टीनू तो बस आखे फ़ारे देखते रखते है आरोही दोनों को देख मन मे - साली कमीनी अदिति तुझसे कब मे नही मेरे पीछे भी कई दीवाने है इंतज़ार कर मेरा उसके बाद रोना है तुझे

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अमर अपनी छोटी बेहन को नँगा खरा देख चुत चुचे पे नजर डालते हुवे - छोटी बेहना जब भी तुझे ऐसे नंगे देखता हु तो लगता है पहली बार देख रहा हु तुझसे तेरी नंगी बॉडी से मेरी नजर ही नही हटती है
टीनू आरोही को उपर से नीचे तक देखते हुवे - सही कहा अमर तेरी बेहन भी किसी से कम नही देख उसकी चुचे कमर और सबसे बरा खजाना उसकी फूली टाइट रसिलि चुत उफ रुका नही जा रहा

आरोही दोनों को देखती है उसके बाद कमरे की तरफ नंगी गांड कमर हिलाते हुवे जाने लगती है पीछे से अमर टीनू भी आरोही के पीछे जाने लगते है

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अमर टीनू की नजर तो आरोही के हिलते गांड पे ही थी आरोही जान बुझ कर अपनी कमर गांड मटका कर चल रही थी ताकि दोनों को अपने हुसन से पागल कर सके

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आरोही कमरे मे आके बिस्तर पे लेत मुस्कुराते हुवे अमर टीनू को देखते हुवे - आजाओ अब रुकने की जरूरत नही है आज अच्छे से मजे दुगी और लुंगी भी

अमर टीनू दोनों एक दूसरे को देखते है फिर तेजी से आरोही के पास बिस्तर पे चले जाते है

अमर अपनी बहन के चुत पे मुह मार देता है टीनू आरोही के एक बार मे दो हमले से आरोही आह करते हुवे सिसकिया लेने लगती है टीनू मजे से आरोही के चुचे मुह मे लेके पीने लगता है अमर चुत को मुह मे लेके मजे से चूसने जिब से चाटने लगता है एक साथ चुचे चुत पे गर्म जिब का हमला आरोही को पागल कर रहा था आरोही का ये पहली बार था दो लोगो के साथ ये एहसास आरोही को और जोस दिला रहा था

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आरोही बिस्तर पे मचल रही थी तेज सासे सिसकिया ले रही थी और अपने चुचे चुत मे टीनू अमर के जिब को चलते गिल कर पागल हुवे जा रही थी ( आरोही आह मा धीरे टीनू तेरे दात लग रहे है आह भाई अच्छे से अपनी बेहन के चुत के अंदर जिब डाल कर रस चूस बहोत है अंदर आह मा भाई आने वाला है तेरे लिये गर्म रस आह भाई भाई आरोही कापते हुवे कमर गांड उठा के झर जाती है अमर सब रस पी जाता है

आरोही पसीने से भीगी हाफ़ते हुवे अमर टीनू को देख - उफ तुम दोनों ने मेरी इतने मे हालत खराब कर दी

अमर टीनू आरोही को देख मुस्कुराते हुवे - अभी तो मैन खेल बाकी है
आरोही दोनों को देख मुस्कुराते हुवे - पता है

अमर आरोही को देख - छोटी अब कैसे करेगे क्या तुम दोनों छेद मे लोगी हम दोनों का एक साथ

आरोही हैरानी से - बिल्कुल नही गांड मे नही पहले उनका हक है एक एक कर के आओ जब पति जी मेरी गांड मार लेगे फिर एक साथ लुगी दोनों लंड

अमर - अच्छा ठीक है ( अमर टीनू को देख) तुम जाओ पहले
टीनू अमर को देख मुस्कुराते हुवे - समझ गया

आरोही अपनी टांगे फैला देती है टीनू आरोही के टाँगों के बीच आके बैठ जाता है आरोही टीनू को देख रही थी अमर खरा टीनू आरोही को

टीनू अपना लंड पकर आरोही के चुत मे घुसाने लगता है आरोही के चेहरे पे दर्द आने लगता है टीनू अपना लंड पुरा आरोही कि चुत मे घुसा देता है आरोही दर्द मे - उई मा मर गई करते बिस्तर जोस से पकर लेती है

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अमर सब देख रहा था अपनी छोटी बेहन को चुदते हुवे दर्द मे ये सीन देख अमर को एक अलग मजा आने लगता है अमर का लंड फुल टाइट नशे फटने लगती है आरोही दर्द मे अमर को देख मुस्कुरा देती है अमर अपना लंड पकर धीरे धीरे हिलाने हुवे अपनी बेहन कि चुदाई देखने लगता है

आरोही बिस्तर पे लेती अपनी दोनों टांगे पूरी फैलाये हुवे थी बीच मे टीनू आरोही के कमर को दोनों हाथो से कमर तेज तेज धक्का मारने लगता है टीनू का लंड तेजी सी आरोही के चुत के अंदर बाहर हो रहा था आरोही को दर्द होने लगता है आरोही टीनू को देख - आह मा टीनू बहोत दर्द हो रहा है यार धीरे कर ना ( लेकिन टीनू आरोही को देख मुस्कुराते हुवे - तेरी चुत बहोत गर्म है मेरी जान धीरे करू ये ले ( टीनू अपना लंड पीछे कर एक जोर का धक्का मारता आरोही को बहोत दर्द होता है आरोही दर्द मे रोते हुवे टीनू का देख मर गई कहा था धीरे करने को मा आह उफ बहोत दर्द हो रहा है

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आरोही अपने भाई को देखती है जो लंड हिलाये आरोही को देख रहा था आरोबि आखो मे आसु लिये आह भाई अपनी छोटी बेहन को चुदते देख कैसा फिल मजा आ रहा है आह भाई दर्द हो रहा है ( अमर आरोही के पास आके - छोटी दर्द मे मजा है सेह ले ( आरोही आखो मे आसु लिये - भाई आपने सही कहा आह मर गई रे ( आरोही टीनू को देखती है टीनू जोर जोर से धक्के मारने लगता है ( आरोही रोते हुवे बस कर टीनू तेज मत कर मर गई ( टीनू आरोही को देख हाफ़ते हुवे मेरा पानी निकलने वाला है करते हुवे एक तेज धक्का मार देता है आरोही दर्द से चिल्ला परती है


टीनू बिस्तर पे लेत तेज तेज सासे लेने लगता है आरोही आखो मे आसु लिये अपने भाई को देख - भाई अब आपकी बारी

आरोही पास से एक चादर सी चुत को अच्छे से साफ करने के बाद अमर को देख मुस्कुराते हुवे - आ जाइये भाई आपकी छोटी बेहन रेडी है चुदने को भाई का लंड लेके को

अमर तो पहले से ही सब देख पुरे जोस मे था अमर जल्दी से अपनी बेहन के ऊपर आके आरोही को देखते हुवे अपना लंड चुत पे रख धीरे धीरे अंदर घुसाने लगता है आरोही दर्द से आह भाई आराम से

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अमर आरोही को देख अंदर अंदर चुत मे घुसाते हुवे - बेहना उफ आज मे नही रोक पाऊगा थोरा भी ( अमर जोर का धक्का मार बाकी लंड भी पुरा अंदर अपनी छोटी बेहन की चुत मे घुसा देता है आरोही दर्द मे तरप् के रोते हुवे अमर का देख - भाई बहोत दर्द हुआ आह मा

अमर आरोही के दोनों मोटे जांघों को पकर पुरा फैलाये तेज तेज धक्का मारना सुरु करता है अमर आज टीनू बेहन कि चुदाई देख बहोत जोस मे था अमर के तेज धक्के से आरोही की पूरे बॉडी हिल रहे थे साथ मे आरोही के बरे चुचे भी हिल रहे

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अपने भाई के तेज धक्के और सत् सत् अपनी चुत मे भाई का लंड अंदर बाहर जाता मेहसूस कर आरोही को मजे से साथ दर्द भी बहोत हो रहा था ( आरोही अमर को देख रोते हुवे भाई बहोत दर्द दे रहे हो अपनी छोटी बेहन को लेकिन मे सेह लुगी आह भाई चोदिये अपनी छोटी बेहन को जैसे चोदना है ( आरोही बिस्तर कस के पकरे आखो मे आसु किये आह उफ करते रहती है

टीनू दोनों भाई बेहन की चुदाई देख टीनू का भी जोस चढ़ जाता है टीनू आरोही के मुह के पास आके आरोही के मुह मे लंड घुसा देता है आरोही आरोही भी दर्द मजे ने टीनू के लंड चूसने लगती साथ मे अपने भाई के लंड लिये जा रही थी टीनू भाई बहन कि चुदाई देख जोस से भरा जा रहा था अमर अपनी बहन को मजे से चुदते टीनू का लंड चूसते देख और जोस से भर जाता है

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अमर और तेज तेज धक्का मारने लगता है आरोही को और तेज दर्द होने लगता हो आरोही आखो मे आसु लिये टीनू का लंड चूस कर पीती रहती है भाई का लंड लेती रहती हो दर्द सेहती रहती है

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अमर झरने वाला था तो जल्दी से अपनी छोटी बेहन के ऊपर आके और तेज तेज धक्के मारने लगता है आरोही टीनू का लंड मुह से निकाल आरोही दर्द मे रोते हुवे - भाई भाई बहोत दर्द होता रहा है भाई प्लेस प्लेस धीरे करो मर गई मा रुक जा भाई प्लेस टीनू रोक ना भाई को मर जाउंगी आरोही रोती रहती है दर्द मे चिल्लाती रहती है

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अमर धक्का मारते हुवे उफ बेहन आज नही आह उफ मेरा निकलने वाला है अमर एक तेज धक्का मारता है आरोही दर्द मे जोर से चिल्लाती है रोने लगती है अमर बहोत सारा पानी अपनी छोटी बेहन के चूत मे छोर देता है अमर अपना लंड जब बाहर निकालता है तो आरोही के चुत से अमर का ढेर सारा माल बाहर निकलने लगता है

अमर हाफ़ते हुवे बिस्तर पे गिर जाता है आरोही आखो मे आसु लिये पसीने से भीगी बिस्तर पे टांगे फैलाये लेती रहती है आरोही कि भी हालत खराब थी तेज सासे लिये जा रही थी टीनू सब देख उसे अलग कि मजा मिल रहा था और टीनू का जोस फिर हाई हो गया एक भाई को अपनी बेहन की चुत मे माल छोरते हुवे टीनू का लंड फिर खरा हो गया

टीनू आरोही के के पास आके टांगे फैला के आरोही के ऊपर आ जाता है आरोही टीनू को ऐसा करता देख डरते हुवे कापते हुवे - टीनू मत कर मेरी हालत खराब है नही ले पाउंगी लेकिन टीनू एक बार मे ही पुरा लंड आरोही कि चुत मे घुसा देता है आरोही दर्द से चिल्ला परती है

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टीनू आरोही को देख तेज तेज धक्का मारते हुवे - आरोही तुम भाई बहन कि चुदाई देख रोक नही पाया माफ करना आज तो अच्छे से तेरी चुदाई करुगा ( आरोही टीनू को देख रोते हुवे हट जा टीनू बहोत जलन दर्द हो रहा है प्लेस मान जा आह मा आज मर गई ( आरोही अमर को देख आखो मे आसु लिये - भाई प्लेस टीनू को रोक ना
अमर आरोही को देख - बेहना सेह ले मजा मे भी फिर करुगा
आरोही डर से रोते हुवे - मेरी ही गलती है मर गई मा मेरी चुत

1 घंटे तक अमर टीनू आरोही कि चुदाई करते रहते है यहा गलती आरोही कि थी भाई बहन की चुदाई देख टीनू जोस मे आ जाता था अपनी बहन टीनू कि चुदाई देख अमर आज टीनू अमर को अलग ही मजा आया आरोही की चुदाई कर की लेकिन आरोही कि हालत खराब कर दी दोनों ने

आरोही कापते पैरों के साथ खरी होके कपड़े धीरे धीरे पेहन अमर टीनू को रोते हुवे - कमीने कुत्ते जान निकाल दी मेरी

अमर टीनू आरोही को देख मुस्कुराते हुवे - अब तो रोज हम तेरी साथ मे लेगे

( रात 9 बजे अभय के घर )

आँगन के बीच चटाई बीछि हुई थी आसा मिनिता काजल अभय बैठे हुवे थे कमरे मे अदिति कोमल बाते कर रहे थे

मिनिता आस को देख - दीदी शोपिंग मे बहोत मजा आया ना
आसा मुस्कुराते हुवे - हा बहोत मजा आया
काजल - मे तो पहली बार मॉल मे गई थी
आसा मिनिता - हम भी

अभय तीनों को देख मुह बना के - शादी की शोपिंग करनी थी इस लिये नही तो मे कभी भी फिर लडिस के साथ शोपिंग पे ना जाऊ कितना वक़्त लगाती है तैयार होने मे 1 घंटे खरीदारी मे भी भी हद है

आसा मिनिता काजल अभय को घूर के देखते है अभय डर से पसीने से - मे तो बस मजाक कर रहा था

मिनिता अभय को देख अजीब नजरो से - दीदी केह तो रहा है लेकिन शादी के बाद खुद बीवी को लेके जायेगा

काजल भी घूर के अभय को देख - भाभी आपने बिल्कुल सही कहा
आसा अभय को देख - जायेगा है खुद नही जायेगा फिर भी जाना परेगा लाला बीवी के कई नखरे उसकी हर जरूरत मर्द को ही पूरी करनी परती है

मिनिता हस्ते हुवे - दीदी शादी के बाद खुद समझ जायेगा
काजल - हा अभी तो सिंगल है बीवी आयेगी तब देखते है

अभय सभी को देख खरा होते हुवे - ऐसा है तो देखते है मे चला आप तीन खूबसूरत परी बाते करिये

अभय कमरे मे आके बिस्तर पे लेत दिशा से बाते करने लगता है

मिनिता आसा को देख मुस्कुराते हुवे - आपका लाला क्या कह कर गया सुना ना
काजल हस्ते हुवे - खूबसूरत परी
आसा मुस्कुराते हुवे - लाला न सही तो कहा है

( अदिति के कमरे मे )

अदिति कोमल बिस्तर पे लेते छत को देखते हुवे बाते कर रहे थे

कोमल - अदिति बाल साफ किये नीचे के
अदिति सर्म से लाल होते हुवे - दीदी आप फिर सुरु हो गई
कोमल अदिति को देख - यार अदिति कितना शर्माती है पता भी दे
अदिति सर्म से - हा सुबह नहाते वक़्त कर किया था
कोमल नोर्मलि - अच्छा अभी खुजली हो रही है क्या
अदिति सर्म से - नही

अदिति मन मे - अरे यार खुजली हो रही है लेकिन आपके सामने खुजा भी नही सकती

कोमल गौर से अदिति के चेहरे को देखने लगती है अदिति छत को ही देख रही थी कोमल अदिति के चेहरे को देख फिर नीचे देखती है अदिति अपनी पैर एक दूसरे के ऊपर किये अपनी जांघें सताये हुई थी

कोमल मुस्कुराते हुवे - खुजली हो रही है खुजा ले मे तुझे बहोत सर्म आ रही है तो मे दूसरी तरफ चेहरा कर लेती हु

कोमल दूसरी तरफ चेहरा कर लेत जाती है
कोमल मन मे - अदिति जैसी खूबसूरत कायम बॉडी वाली लरकी आज तक नही देती और सर्मिलि भी दिल की अच्छी साफ भी जब ऑन्टी इतनी खूबसूरत है तो बेटी होगी ही

अदिति कोमल को दूसरी तरफ चेहरा किये देखती है तो जल्दी से अपनी टांगे फैला के जल्दी से उंगली से अपनी गर्म फूली नरम चुत को सेहलाती है तब जाके अदिति को आराम मिलता है

अदिति सर्म से - हो गया
कोमल अदिति की तरफ लेत अदिति को देख - पागल इतना भी मत सरमाया कर
अदिति सर्म से कुछ नही बोल पाती कोमल भी जानती थी अदिति बहोत सर्मिलि है ऐसी बाते करने मे तो दूसरे टॉपिक पे बाते करने लगती है

( अभय कमरे मे )

अभय हस्ते हुवे - कोन कोन कलर की चड्डी बिकनी ली है
दिशा सर्म से - खुद देख लेना
अभय जोस मे - अभी आ जाऊ क्या
दिशा हैरानी से जल्दी से - पागल है क्या मेरे कहने का मलतब आपकी बीवी बन आपके घर आउंगी तब
अभय हस्ते हुवे - अच्छा जब तुम आओगी तो कोन बेवकूफ चड्डी बिकनी देखेगा मे तो सीधा

दिशा सर्म से - बस बस समझ गई आप किया कहने वाले है
अभय हस्ते हुवे - यार कहने भी नही दिया छोरो साली जी सासु मा किया कर रही है
दिशा - मा सो रही होगी पूजा मोबाइल मे लगी होगी

10 मिनट अभय दिशा से बात करता है फिर फोन रख देता है

तभी काजल की बहु ममता का फोन आता है अभय नंबर देख मुस्कुराते हुवे फोन उठा के - हा भाभी बोलिये
ममता - देवर जी क्या हो रहा है
अभय - मे तो कमरे मे दिशा से बात कर रहा था और मा ऑन्टी आपकी सासु मा सब आँगन मे बात कर रहे है

ममता - अच्छा वैसे क्या बाते हो रही थी
अभय हस्ते हुवे - जो एक पति पत्नी के बीच होता है
ममता - अच्छा जी बाते तो कई तरह की की जाती है
अभय मुस्कुराते हुवे - प्यार वाली बाते
ममता सर्म से - अच्छा समझ गई लगे रहिये
अभय हस्ते हुवे - हा लगा तो रहुंगा आप बटाइये क्या कर रही है भाई कहा है

ममता - वो सो रहे है मे पीछे हु वो पास आये किस न लिये मेने मना किया कही आप मुझसे नाराज तो इसी लिये फोन क्या

अभय सांत रहता है फिर - भाभी मे कोई खुदगर्ज़ नही हु आपने मुझे एक गीली किस दी जो कोई भी भाभी हो अपने पति के अलावा किसी को नही देगी लेकिन आपके दिया उसके बाद भी मे कैसे नाराज हो सकता हु मे तो आपका दिल से आभार मानता हु और अपने आप को किस्मत वाला भी जो मुझे आपकी गीली किस मिली

अभय की बात ममता को बहोत अच्छी लगती है खुश भी हो जाती है ये जान अभय नाराज नही है

ममता - जान कर खुशी हुई आप नाराज नही है
अभय हस्ते हुवे - हा लेकिन आपके होठो के रस का स्वाद मे कभी भूल नही पऊगा
ममता सर्म से लाल होते हुवे - आप भी ना देवर जी
अभय - भाभी क्या सच मे मुझे फिर कभी आपके होठो का रस पीने के लिये नही मिलेगा
ममता सांत हो जाती है
अभय - माफ करना भाभी आप नाराज मत हो मुह से निकल गया आपके होठो का रस बहोत अच्छा लगा इस लिये

ममता धीरे से - आपको अच्छा लगा मेरे होठो का रस
अभय - कसम से भाभी बहोत मजा आया
ममता सर्म से - ठीक है फिर आयेगें तो पिलाऊँगी
अभय खुश होते हुवे - थैंक्स भाभी आप बहोत अच्छी है
ममता सर्म से - अच्छा मे रखती हु

फोन कट

तभी मिनिता कमरे मे आके अभय को देख - क्या कर रहे हो अकेले मे
अभय मिनिता को देख मुस्कुराते हुवे - आपका इंतज़ार

अभय उठ कर मिनिता के पास जाके बाहों मे कस आखो मे देख - आपको बाहों मे लेते ही मुझे पता नही कियु बहोत अच्छा फिल होता है

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मिनिता अभय को देख सर्म से - मुझे भी लेकिन बेटा ननद जी भी है तो समझ रहे हो ना ( अभय समझ गया ऑन्टी

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दोनों बिना देरी किये एक दूसरे को किस करना सुरु कर देते है मिनिता मजे से अभय के जिब को मुह मे लेके चूस कर रस पिये जा रही थी अभय भी 2 मिनट बाद

अभय मिनिता को देख - अब आप पुरे अच्छे से ककिस करना सिख गई है
मिनिता सर्म से अभय को देख - तुम्हारी वजह से है अब जाना होगा ननद जी नही होती तो थोरि देर और रुकती

अभय भी मामले को समझ - ठीक है लेकिन मॉल मे जो कहा क्या मुझे मोक्का नही मिलेगा

मिनिता अभय को देखते हुवे - फिर कभी बात करेगे

मिनिता फिर कमरे से बाहर आ जाती है अभय भी बिस्तर पे लेत जाता है

काजल मिनिता को देख - चलो घर चलते है
मिनिता - ठीक है

मिनिता काजल आसा को देख - ठीक दीदी भाभी हम जाते है
आसा - ठीक है

काजल मिनिता बाहर आते है तभी काजल मिनिता को देख - अरे मे अभय से मिल के नही आई क्या तुम
मिनिता ठीक है जाइये

काजल फिर अभय के कमरे मे आती है अभय काजल को देख बैठ - बुआ आप आइये ना

काजल अभय के पास बैठ अभय को देख - तुम मुझसे नाराज तो नही हो ना
अभय काजल को देख - मे भला कियु नाराज होऊगा
काजल - साम जो हुआ
अभय काजल की आखो मे देख - कभी कभी हम जो चाहते है हमे नही मिलता
काजल - अगर तुम चाहते हो तो एक बार तुम जो चाहो मेरे साथ कर सकते हो
अभय काजल की बात सुन पूरी तरह से सॉक हैरान काजल को देखता रहता है 1 मिनट बाद अभय होस मे आता है

अभय काजल को देख मुस्कुराते हुवे - मुझे आपका जिस्म नही चाहिये नही तो मेरे पास कई मोक्के थे उस वक़्त आप भी मुझे अपने आप को रोक नही सकती थी आपकी बाते सुन मुझे दुख हुआ की आप मुझे एक हवसी समझ रही है

अभय के आखो से आसु टपक परते है काजल अभय को देखती रहती है फिर काजल अभय के चेहरे को उपर कर आसु साफ कर अभय को देख - जितना प्यार तेरे दिल मे मेरे लिये है उतना प्यार मेरे दिल मे तेरे लिये भी है

अभय हैरान काजल को देखता है

काजल अभय की आखो मे देख - हा बेटा मे भी तुमसे बहोत प्यार करती हु साम को जब तुमने परपोस् क्या तो मे बहोत खुश हुई थी लेकिन पति बच्चे को सोच तुझे हा नही कर सकी लेकिन उसी के बाद से कुछ घंटे मे ही मेरा दिल अंदर से बहोत रोता रहा मुझे तुम्हारे साथ बाते करना मस्ती करना वक़्त बिताता बहोत अच्छा लगता है खुशी मिलती है बेटा मुझे अच्छे से पता है तुम बहोत अच्छे लरके हो इसी लिये तो मे तुम्हे अपने करीब आने दिया या मे भी तुम्हारे करीब आई अभी जो मेने कहा बस इस लिये कहा कियुंकी मे देखना चाहती थी किया तुम इस मोक्के का फायदा उठाते हो या नही लेकिन तुम्हारे जवाब सुन मुझे तुमसे और भी प्यार हो गया है

काजल अभय के होठो पे किस कर खरी होके अभय को देख - बाहर भाभी मेरा इंतज़ार कर रही है जाना होगा लेकिन आज अभी से तुम मेरे बॉयफ्रेंड मे तेरी गिर्लफ्रेंड

अभय हैरान लेकिन बहोत खुश भी होता है अभय जल्दी से काजल को बाहों मे लेके - आपके आज बहोत दर्द दिया मुझे पता भी है आपकी ना सुन मुझे कितना दर्द हुआ दिल मे
काजल अभय को देख प्यार से - मुझे भी ना केह बहोत दर्द हुआ लेकिन ( काजल सर्म से) तुम जो सजा दोगे मंजूर है

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अभय काजल के कान मे धीरे से - अगर ऐसा है मुझे आपको अच्छे से प्यार करना है तैयार रखना कल हम चलेंगे एक जगह जहा आपको खूब प्यार करुगा वो वाला प्यार डालुगा आपके टांगों के बीच मे जो छेद है उसमे अपना साप
अभय की बात सुन काजल की सासे उपर नीचे होने लगती है काजल सर्म से लाल अभय को देख - अब तो मे तेरी गिर्लफ्रेंड हु जो चाहे कर लेना

ये केह काजल जल्दी से भाग कर बाहर आ जाती है अभय मुस्कुराते देखता रह जाता है काजल बाहर अपने सीने पी हाथ रख सर्म से अपने सास पे काबू कर मिनिता के पास आती है फिर दोनों घर जाने लगते है
तभी मिनिता काजल को देख - अरे कोमल को हम भूल ही गये
काजल अपना सर पकर- सही कहा भाभी आपने

मिनिता - मे बुला के लाती हु

मिनिता कोमल को बुलाने अंदर जाती है लेकिन काजल के कानों मे अभय की बाते भुज रही थी पहली बार काजल से किसी ने ऐसी गंदी बाते कही थी काजल भाभी दो वजह से पहला सर्म दूसरा अभय कि बाते सुन काजल की चुत से पानी निकल आया था

काजल आस पास देखती है फिर सारी के ऊपर से ही चुत साफ करते हुवे मन मे सर्म से - उफ कमीनी तु बस बातो से ही पानी बहाने लगी

तभी मिनिता कोमल भी आ जाते है फिर तीनों घर जाने लगते है

काजल के जाने के बाद अभय अपनी मा के पास आता है आसा बिस्तर पे लेती अभय को देख मुस्कुराते हुवे - आजा मेरे लाल

अभय मुस्कुराते हुवे आसा के ऊपर आके लेत अपनी मा की आखो मे देख - उफ हम सुकून मिला नरम गर्म बिस्तर पे लेत कर
आसा हस्ते हुवे - पागल के ऊपर लेता है मेरे सरीर को बिस्तर बना दिया
अभय हस्ते हुवे - हा कियुंकी आपका बदन बहोत मुलायम है गर्म है और आपके सरीर की खुशबु भी
आसा सर्म से न लाल हो जाती है

अभय आसा की आखो मे देख - मा आज कोई सेक्सी वाला पोस् मार नही दिखाओगी
आसा अभय की आखो मे देख सर्म से - अपनी बीवी को बोलना आई गी तब
अभय अपनी मा के कान मे धीरे से - मा आपकी बात ही अलग है आपका भरा बदन बॉडी की बनावट दूसरी आप मेरी मा है तो आपकी वजह कोई नही ले सकता
आसा खुश शर्मा भी जाती है

आसा अभय को देख सर्म से - ठीक है तुम ही बताओ कोन से पोस् मारू
अभय मोबाइल से एक मॉडल का फोटो दिखाते हुवे - ये वाला मे आपकी ऐसे पोस् मे देखना चाहता हु

काजल जब फोटो देखती है तो सर्म से पानी पानी होते हुवे अभय को देख - छि मा को ऐसे पोस् मे देखेगा
अभय आसा को देख - आप मेरी मा आप मेरी है की नही
आसा अभय को सर्म से - हु ठीक है अपने लाला के लिये तो अब मे एक मॉडल बन ही गई हु

आसा खरी होती है और अभय को देख - बेटा फोटो मे मॉडल लाल सारी ब्लाउस मे है तो मुझे भी वैसे ही सारी ब्लाउस पेहन लेने दे फिर पोस् मारके दिखाउगी

अभय - मा कोई बात नही इसी सारी मे कर सकती है
आसा - नही ना अच्छा नही लगेगा तुझे
अभय अपनी मा को बाहों मे लेके धीरे से - मेरे लिये इतना सब आई लोव यू सेक्सी हार्लिंग मा
आसा सर्म से - आई लोव यू तु लाला

अभय फिर आगे मूर खरा हो जाता है आसा लाल सारी ब्लाउस पेहन रेडी होके सर्म से - ठीक है लाला मे रेडी हु

अभय भी आसा को देख अपने आप को तैयार कर - ठीक है मा

आसा हिम्मत झूठा के शर्म से अभय ने जैसा फोटो मे दिखाया था आसा वैसे ही पोस् मारती है जिसे देख अभय की सासे दिल सब कुछ पल के लिये रुक जाता है यहा तक अभय का लंड पहली बार टाइट होके कई झटका मारता है

आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏🙏
Nice update
 
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