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Incest तू लौट के आजा मेरे लाल

mailmanoj

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chapter 36

टीनू बंगलो

आरोही अपनी दोस्त जिसका नाम रिया होता है उसके पास आके - रिया तुमने बात करनी है अकेले मे

रिया आरोही की उमर की ही थी गरीब घर से थी दोनों अच्छे दोस्त थे

रिया आरोही को देख - हा ठीक है चलो
आरोही रिया को एक कमरे मे लेके आती है दोनों बिस्तर पे बैठ जाते है

रिया आरोही को देखते हुवे - हा तो आरोही क्या बात करनी है
आरोही रिया को देख - रिया तुम नही चाहती ऐसी लाइफ जीना जैसी मे जी रही हु

रिया आरोही को देखती है फिर घर की दीवार देखते हुवे - आरोही मे नही हर कोई अमीर वाली लाइफ जीना चाहेगा लेकिन चाहने से सब मिल नही जाता

आरोही रिया को देखते हुवे - तुम सही तो लेकिन कभी कभी मिल भी जाता है
रिया आरोही को देख - तुम्हारे कहने का क्या मतलब है

आरोही - मुझे पता है तुम्हारे घर की हालत खराब है
रिया आरोही को अजीब नजरो से देख - तो क्या
आरोही - मे सीधे साफ बोलती हु..............

रिया आरोही को गुस्से से - तू चाहती है मे अपना जिस्म बेच पैसे कमाऊ आरोही तु कितनी गिरी हुई लरकी है ये पैसा अमीरों वाला लाइफ तुझे ही मुबारख मे जा रही हु तेरी जैसी दोस्त ना होना ही अच्छा है

रिया गुस्से से बंगलो से निकल जाते हुवे मन मे - छि सोचा नही था आरोही इतनी गिर जायेगी अब समझ मे आ रहा है सब

आरोही टीनू अमर के पास आके बैठ जाती है आरोहो बहोत गुस्से मे थी

टीनू हस्ते हुवे - क्या हुआ इतना गुस्से मे कियु है और वो रिया भी गुस्से से गई है यहा से
आरोही गुस्से से लाल - उस कमीनी ने मुझे गिरी हुई लरकी कहा कसम खा के केह रही हु उसका गुमान तोर दुगी मेने सोचा आराम से मान जायेगी लेकिन साली बहोत संस्कारी अच्छी लरकी निकली

अमर आरोही को देख - छोटी वो तुम्हारी दोस्त है तो क्या तुम्हे नही पता था वो कैसी लरकी है

आरोही अमर को देख - पता था भाई बहोत अच्छी लरकी है लरको के चक्कर मे नही परती लेकिन मुझे लगा पैसों के आगे

अमर आरोही को समझाते हुवे - छोटी पैसा सब को बदल देता है लेकिन हर किसी को नही पैसे से हम सब हासिल नही कर सकते

आरोही अमर को देख पागलो की तरह हस्ते हुवे - हा हा हा अच्छा ऐसा है तो ताकत से हासिल तो क्या जा सकता है उस कमीने को सजा तो मिल कर रहेगी उसकी इज़त जिसकी वजह से उसने मुझे गिरी हुई कहा लुटवा दुगी रण्डी बना दुगी उसे

टीनू आरोही को देख मन मे - मे कमीना लेकिन आरोही तो अलग लेवल की पागल लरकी निकली अच्छा है

टीनू आरोही को देख मुस्कुराते हुवे - बाकी सब भी चले गये अब हमारा क्या कियु ना तुम मजे देदो

अमर टीनू को देख गुस्से से - ओये मेरे सामने मेरी बेहन से ऐसी बात कर रहा है

अमर खरा होके अपना पैंट नीचे कर देता है

अमर मुस्कुराते हुवे टीनू को देख - सही कहा अब तो मेरी छोटी बेहन ही हमे फुल मजे देगी

आरोही दोनों को देख मुस्कुराते हुवे - ठीक है मे रेडी हु मेरी चुत भी

आरोही की बात सुन अमर टीनू मुस्कुराते हुवे एक दूसरे को देखते है फिर पुरा नँगा हो जाते है

आरोही दोनों के खरे टाइट लंड देख मुस्कुराते हुवे अमर टीनू के पास आते नीचे घुटनों पे बैठ दोनों लंड देख - हु मजा आयेगा

अमर - छोटी अच्छे से चुसना
टीनू - मेरा भी

आरोही दोनों को देख मुस्कुराते हुवे - चिंता मत करो मजे से चूस कर तुम दोनों के लंड का एक साथ स्वाद लुगी

अमर टीनू एक दूसरे के समाने खरे थे आरोही बीच मे बैठी हुई थी

आरोही टीनू के लंड को पकर हिलाने लगती है तो वही अपने भाई के लंड को मुह मे लेके मजे से चूसने लगती है अमर टीनू आह करते है
दोनों आरोही को देख और जोस मे आ रहे थे ( टीनू अमर को देख - यार तेरी भी बेहन बरे मजे से तेरा लंड चूस कर रस पी रही है) ( अमर उफ मेरी छोटी है ही कमाल की आह छोटी और मुह मे अंदर लेके चूस

अमर टीनू मजे से आह उफ किये जा रहे थे आरोही अपने भाई का लंड 2 मिनट चूसने के बाद टीनू के लंड को मुह मे लेके चूसने लगती है
टीनू आरोही को अपना लंड चुस्ता देख - उफ आरोही यार तुम सच मे कमाल को उफ किया लंड चुसती तो आह मजा आ रहा है 5 मिनट बाद

आरोही का मुह लार से सना हुआ था आरोही के होठों से लार टपक रहे थे आरोही अपनी जिब होठों पे फेरा के सब चट कर जाती है

आरोही अमर टीनू को देख मुस्कुराते हुवे - तो लंड का स्वाद एक बार मे लेके मजा आया

अमर आरोही को देख मुस्कुराते हुवे - हमे भी अपनी चूस के रस का मजा तो छोटी बेहन
टीनू - हा हमे भी तेरी चुत के रस को पीना है मजे से

आरोही खरे होके दोनों को देख - उफ जरूर पिलाऊँगी

आरोही एक एक कर सारे कपड़े निकाल पूरी नंगी होके दोनों के सामने खरी हो जाती है अमर टीनू तो बस आखे फ़ारे देखते रखते है आरोही दोनों को देख मन मे - साली कमीनी अदिति तुझसे कब मे नही मेरे पीछे भी कई दीवाने है इंतज़ार कर मेरा उसके बाद रोना है तुझे

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अमर अपनी छोटी बेहन को नँगा खरा देख चुत चुचे पे नजर डालते हुवे - छोटी बेहना जब भी तुझे ऐसे नंगे देखता हु तो लगता है पहली बार देख रहा हु तुझसे तेरी नंगी बॉडी से मेरी नजर ही नही हटती है
टीनू आरोही को उपर से नीचे तक देखते हुवे - सही कहा अमर तेरी बेहन भी किसी से कम नही देख उसकी चुचे कमर और सबसे बरा खजाना उसकी फूली टाइट रसिलि चुत उफ रुका नही जा रहा

आरोही दोनों को देखती है उसके बाद कमरे की तरफ नंगी गांड कमर हिलाते हुवे जाने लगती है पीछे से अमर टीनू भी आरोही के पीछे जाने लगते है

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अमर टीनू की नजर तो आरोही के हिलते गांड पे ही थी आरोही जान बुझ कर अपनी कमर गांड मटका कर चल रही थी ताकि दोनों को अपने हुसन से पागल कर सके

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आरोही कमरे मे आके बिस्तर पे लेत मुस्कुराते हुवे अमर टीनू को देखते हुवे - आजाओ अब रुकने की जरूरत नही है आज अच्छे से मजे दुगी और लुंगी भी

अमर टीनू दोनों एक दूसरे को देखते है फिर तेजी से आरोही के पास बिस्तर पे चले जाते है

अमर अपनी बहन के चुत पे मुह मार देता है टीनू आरोही के एक बार मे दो हमले से आरोही आह करते हुवे सिसकिया लेने लगती है टीनू मजे से आरोही के चुचे मुह मे लेके पीने लगता है अमर चुत को मुह मे लेके मजे से चूसने जिब से चाटने लगता है एक साथ चुचे चुत पे गर्म जिब का हमला आरोही को पागल कर रहा था आरोही का ये पहली बार था दो लोगो के साथ ये एहसास आरोही को और जोस दिला रहा था

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आरोही बिस्तर पे मचल रही थी तेज सासे सिसकिया ले रही थी और अपने चुचे चुत मे टीनू अमर के जिब को चलते गिल कर पागल हुवे जा रही थी ( आरोही आह मा धीरे टीनू तेरे दात लग रहे है आह भाई अच्छे से अपनी बेहन के चुत के अंदर जिब डाल कर रस चूस बहोत है अंदर आह मा भाई आने वाला है तेरे लिये गर्म रस आह भाई भाई आरोही कापते हुवे कमर गांड उठा के झर जाती है अमर सब रस पी जाता है

आरोही पसीने से भीगी हाफ़ते हुवे अमर टीनू को देख - उफ तुम दोनों ने मेरी इतने मे हालत खराब कर दी

अमर टीनू आरोही को देख मुस्कुराते हुवे - अभी तो मैन खेल बाकी है
आरोही दोनों को देख मुस्कुराते हुवे - पता है

अमर आरोही को देख - छोटी अब कैसे करेगे क्या तुम दोनों छेद मे लोगी हम दोनों का एक साथ

आरोही हैरानी से - बिल्कुल नही गांड मे नही पहले उनका हक है एक एक कर के आओ जब पति जी मेरी गांड मार लेगे फिर एक साथ लुगी दोनों लंड

अमर - अच्छा ठीक है ( अमर टीनू को देख) तुम जाओ पहले
टीनू अमर को देख मुस्कुराते हुवे - समझ गया

आरोही अपनी टांगे फैला देती है टीनू आरोही के टाँगों के बीच आके बैठ जाता है आरोही टीनू को देख रही थी अमर खरा टीनू आरोही को

टीनू अपना लंड पकर आरोही के चुत मे घुसाने लगता है आरोही के चेहरे पे दर्द आने लगता है टीनू अपना लंड पुरा आरोही कि चुत मे घुसा देता है आरोही दर्द मे - उई मा मर गई करते बिस्तर जोस से पकर लेती है

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अमर सब देख रहा था अपनी छोटी बेहन को चुदते हुवे दर्द मे ये सीन देख अमर को एक अलग मजा आने लगता है अमर का लंड फुल टाइट नशे फटने लगती है आरोही दर्द मे अमर को देख मुस्कुरा देती है अमर अपना लंड पकर धीरे धीरे हिलाने हुवे अपनी बेहन कि चुदाई देखने लगता है

आरोही बिस्तर पे लेती अपनी दोनों टांगे पूरी फैलाये हुवे थी बीच मे टीनू आरोही के कमर को दोनों हाथो से कमर तेज तेज धक्का मारने लगता है टीनू का लंड तेजी सी आरोही के चुत के अंदर बाहर हो रहा था आरोही को दर्द होने लगता है आरोही टीनू को देख - आह मा टीनू बहोत दर्द हो रहा है यार धीरे कर ना ( लेकिन टीनू आरोही को देख मुस्कुराते हुवे - तेरी चुत बहोत गर्म है मेरी जान धीरे करू ये ले ( टीनू अपना लंड पीछे कर एक जोर का धक्का मारता आरोही को बहोत दर्द होता है आरोही दर्द मे रोते हुवे टीनू का देख मर गई कहा था धीरे करने को मा आह उफ बहोत दर्द हो रहा है

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आरोही अपने भाई को देखती है जो लंड हिलाये आरोही को देख रहा था आरोबि आखो मे आसु लिये आह भाई अपनी छोटी बेहन को चुदते देख कैसा फिल मजा आ रहा है आह भाई दर्द हो रहा है ( अमर आरोही के पास आके - छोटी दर्द मे मजा है सेह ले ( आरोही आखो मे आसु लिये - भाई आपने सही कहा आह मर गई रे ( आरोही टीनू को देखती है टीनू जोर जोर से धक्के मारने लगता है ( आरोही रोते हुवे बस कर टीनू तेज मत कर मर गई ( टीनू आरोही को देख हाफ़ते हुवे मेरा पानी निकलने वाला है करते हुवे एक तेज धक्का मार देता है आरोही दर्द से चिल्ला परती है


टीनू बिस्तर पे लेत तेज तेज सासे लेने लगता है आरोही आखो मे आसु लिये अपने भाई को देख - भाई अब आपकी बारी

आरोही पास से एक चादर सी चुत को अच्छे से साफ करने के बाद अमर को देख मुस्कुराते हुवे - आ जाइये भाई आपकी छोटी बेहन रेडी है चुदने को भाई का लंड लेके को

अमर तो पहले से ही सब देख पुरे जोस मे था अमर जल्दी से अपनी बेहन के ऊपर आके आरोही को देखते हुवे अपना लंड चुत पे रख धीरे धीरे अंदर घुसाने लगता है आरोही दर्द से आह भाई आराम से

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अमर आरोही को देख अंदर अंदर चुत मे घुसाते हुवे - बेहना उफ आज मे नही रोक पाऊगा थोरा भी ( अमर जोर का धक्का मार बाकी लंड भी पुरा अंदर अपनी छोटी बेहन की चुत मे घुसा देता है आरोही दर्द मे तरप् के रोते हुवे अमर का देख - भाई बहोत दर्द हुआ आह मा

अमर आरोही के दोनों मोटे जांघों को पकर पुरा फैलाये तेज तेज धक्का मारना सुरु करता है अमर आज टीनू बेहन कि चुदाई देख बहोत जोस मे था अमर के तेज धक्के से आरोही की पूरे बॉडी हिल रहे थे साथ मे आरोही के बरे चुचे भी हिल रहे

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अपने भाई के तेज धक्के और सत् सत् अपनी चुत मे भाई का लंड अंदर बाहर जाता मेहसूस कर आरोही को मजे से साथ दर्द भी बहोत हो रहा था ( आरोही अमर को देख रोते हुवे भाई बहोत दर्द दे रहे हो अपनी छोटी बेहन को लेकिन मे सेह लुगी आह भाई चोदिये अपनी छोटी बेहन को जैसे चोदना है ( आरोही बिस्तर कस के पकरे आखो मे आसु किये आह उफ करते रहती है

टीनू दोनों भाई बेहन की चुदाई देख टीनू का भी जोस चढ़ जाता है टीनू आरोही के मुह के पास आके आरोही के मुह मे लंड घुसा देता है आरोही आरोही भी दर्द मजे ने टीनू के लंड चूसने लगती साथ मे अपने भाई के लंड लिये जा रही थी टीनू भाई बहन कि चुदाई देख जोस से भरा जा रहा था अमर अपनी बहन को मजे से चुदते टीनू का लंड चूसते देख और जोस से भर जाता है

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अमर और तेज तेज धक्का मारने लगता है आरोही को और तेज दर्द होने लगता हो आरोही आखो मे आसु लिये टीनू का लंड चूस कर पीती रहती है भाई का लंड लेती रहती हो दर्द सेहती रहती है

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अमर झरने वाला था तो जल्दी से अपनी छोटी बेहन के ऊपर आके और तेज तेज धक्के मारने लगता है आरोही टीनू का लंड मुह से निकाल आरोही दर्द मे रोते हुवे - भाई भाई बहोत दर्द होता रहा है भाई प्लेस प्लेस धीरे करो मर गई मा रुक जा भाई प्लेस टीनू रोक ना भाई को मर जाउंगी आरोही रोती रहती है दर्द मे चिल्लाती रहती है

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अमर धक्का मारते हुवे उफ बेहन आज नही आह उफ मेरा निकलने वाला है अमर एक तेज धक्का मारता है आरोही दर्द मे जोर से चिल्लाती है रोने लगती है अमर बहोत सारा पानी अपनी छोटी बेहन के चूत मे छोर देता है अमर अपना लंड जब बाहर निकालता है तो आरोही के चुत से अमर का ढेर सारा माल बाहर निकलने लगता है

अमर हाफ़ते हुवे बिस्तर पे गिर जाता है आरोही आखो मे आसु लिये पसीने से भीगी बिस्तर पे टांगे फैलाये लेती रहती है आरोही कि भी हालत खराब थी तेज सासे लिये जा रही थी टीनू सब देख उसे अलग कि मजा मिल रहा था और टीनू का जोस फिर हाई हो गया एक भाई को अपनी बेहन की चुत मे माल छोरते हुवे टीनू का लंड फिर खरा हो गया

टीनू आरोही के के पास आके टांगे फैला के आरोही के ऊपर आ जाता है आरोही टीनू को ऐसा करता देख डरते हुवे कापते हुवे - टीनू मत कर मेरी हालत खराब है नही ले पाउंगी लेकिन टीनू एक बार मे ही पुरा लंड आरोही कि चुत मे घुसा देता है आरोही दर्द से चिल्ला परती है

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टीनू आरोही को देख तेज तेज धक्का मारते हुवे - आरोही तुम भाई बहन कि चुदाई देख रोक नही पाया माफ करना आज तो अच्छे से तेरी चुदाई करुगा ( आरोही टीनू को देख रोते हुवे हट जा टीनू बहोत जलन दर्द हो रहा है प्लेस मान जा आह मा आज मर गई ( आरोही अमर को देख आखो मे आसु लिये - भाई प्लेस टीनू को रोक ना
अमर आरोही को देख - बेहना सेह ले मजा मे भी फिर करुगा
आरोही डर से रोते हुवे - मेरी ही गलती है मर गई मा मेरी चुत

1 घंटे तक अमर टीनू आरोही कि चुदाई करते रहते है यहा गलती आरोही कि थी भाई बहन की चुदाई देख टीनू जोस मे आ जाता था अपनी बहन टीनू कि चुदाई देख अमर आज टीनू अमर को अलग ही मजा आया आरोही की चुदाई कर की लेकिन आरोही कि हालत खराब कर दी दोनों ने

आरोही कापते पैरों के साथ खरी होके कपड़े धीरे धीरे पेहन अमर टीनू को रोते हुवे - कमीने कुत्ते जान निकाल दी मेरी

अमर टीनू आरोही को देख मुस्कुराते हुवे - अब तो रोज हम तेरी साथ मे लेगे

( रात 9 बजे अभय के घर )

आँगन के बीच चटाई बीछि हुई थी आसा मिनिता काजल अभय बैठे हुवे थे कमरे मे अदिति कोमल बाते कर रहे थे

मिनिता आस को देख - दीदी शोपिंग मे बहोत मजा आया ना
आसा मुस्कुराते हुवे - हा बहोत मजा आया
काजल - मे तो पहली बार मॉल मे गई थी
आसा मिनिता - हम भी

अभय तीनों को देख मुह बना के - शादी की शोपिंग करनी थी इस लिये नही तो मे कभी भी फिर लडिस के साथ शोपिंग पे ना जाऊ कितना वक़्त लगाती है तैयार होने मे 1 घंटे खरीदारी मे भी भी हद है

आसा मिनिता काजल अभय को घूर के देखते है अभय डर से पसीने से - मे तो बस मजाक कर रहा था

मिनिता अभय को देख अजीब नजरो से - दीदी केह तो रहा है लेकिन शादी के बाद खुद बीवी को लेके जायेगा

काजल भी घूर के अभय को देख - भाभी आपने बिल्कुल सही कहा
आसा अभय को देख - जायेगा है खुद नही जायेगा फिर भी जाना परेगा लाला बीवी के कई नखरे उसकी हर जरूरत मर्द को ही पूरी करनी परती है

मिनिता हस्ते हुवे - दीदी शादी के बाद खुद समझ जायेगा
काजल - हा अभी तो सिंगल है बीवी आयेगी तब देखते है

अभय सभी को देख खरा होते हुवे - ऐसा है तो देखते है मे चला आप तीन खूबसूरत परी बाते करिये

अभय कमरे मे आके बिस्तर पे लेत दिशा से बाते करने लगता है

मिनिता आसा को देख मुस्कुराते हुवे - आपका लाला क्या कह कर गया सुना ना
काजल हस्ते हुवे - खूबसूरत परी
आसा मुस्कुराते हुवे - लाला न सही तो कहा है

( अदिति के कमरे मे )

अदिति कोमल बिस्तर पे लेते छत को देखते हुवे बाते कर रहे थे

कोमल - अदिति बाल साफ किये नीचे के
अदिति सर्म से लाल होते हुवे - दीदी आप फिर सुरु हो गई
कोमल अदिति को देख - यार अदिति कितना शर्माती है पता भी दे
अदिति सर्म से - हा सुबह नहाते वक़्त कर किया था
कोमल नोर्मलि - अच्छा अभी खुजली हो रही है क्या
अदिति सर्म से - नही

अदिति मन मे - अरे यार खुजली हो रही है लेकिन आपके सामने खुजा भी नही सकती

कोमल गौर से अदिति के चेहरे को देखने लगती है अदिति छत को ही देख रही थी कोमल अदिति के चेहरे को देख फिर नीचे देखती है अदिति अपनी पैर एक दूसरे के ऊपर किये अपनी जांघें सताये हुई थी

कोमल मुस्कुराते हुवे - खुजली हो रही है खुजा ले मे तुझे बहोत सर्म आ रही है तो मे दूसरी तरफ चेहरा कर लेती हु

कोमल दूसरी तरफ चेहरा कर लेत जाती है
कोमल मन मे - अदिति जैसी खूबसूरत कायम बॉडी वाली लरकी आज तक नही देती और सर्मिलि भी दिल की अच्छी साफ भी जब ऑन्टी इतनी खूबसूरत है तो बेटी होगी ही

अदिति कोमल को दूसरी तरफ चेहरा किये देखती है तो जल्दी से अपनी टांगे फैला के जल्दी से उंगली से अपनी गर्म फूली नरम चुत को सेहलाती है तब जाके अदिति को आराम मिलता है

अदिति सर्म से - हो गया
कोमल अदिति की तरफ लेत अदिति को देख - पागल इतना भी मत सरमाया कर
अदिति सर्म से कुछ नही बोल पाती कोमल भी जानती थी अदिति बहोत सर्मिलि है ऐसी बाते करने मे तो दूसरे टॉपिक पे बाते करने लगती है

( अभय कमरे मे )

अभय हस्ते हुवे - कोन कोन कलर की चड्डी बिकनी ली है
दिशा सर्म से - खुद देख लेना
अभय जोस मे - अभी आ जाऊ क्या
दिशा हैरानी से जल्दी से - पागल है क्या मेरे कहने का मलतब आपकी बीवी बन आपके घर आउंगी तब
अभय हस्ते हुवे - अच्छा जब तुम आओगी तो कोन बेवकूफ चड्डी बिकनी देखेगा मे तो सीधा

दिशा सर्म से - बस बस समझ गई आप किया कहने वाले है
अभय हस्ते हुवे - यार कहने भी नही दिया छोरो साली जी सासु मा किया कर रही है
दिशा - मा सो रही होगी पूजा मोबाइल मे लगी होगी

10 मिनट अभय दिशा से बात करता है फिर फोन रख देता है

तभी काजल की बहु ममता का फोन आता है अभय नंबर देख मुस्कुराते हुवे फोन उठा के - हा भाभी बोलिये
ममता - देवर जी क्या हो रहा है
अभय - मे तो कमरे मे दिशा से बात कर रहा था और मा ऑन्टी आपकी सासु मा सब आँगन मे बात कर रहे है

ममता - अच्छा वैसे क्या बाते हो रही थी
अभय हस्ते हुवे - जो एक पति पत्नी के बीच होता है
ममता - अच्छा जी बाते तो कई तरह की की जाती है
अभय मुस्कुराते हुवे - प्यार वाली बाते
ममता सर्म से - अच्छा समझ गई लगे रहिये
अभय हस्ते हुवे - हा लगा तो रहुंगा आप बटाइये क्या कर रही है भाई कहा है

ममता - वो सो रहे है मे पीछे हु वो पास आये किस न लिये मेने मना किया कही आप मुझसे नाराज तो इसी लिये फोन क्या

अभय सांत रहता है फिर - भाभी मे कोई खुदगर्ज़ नही हु आपने मुझे एक गीली किस दी जो कोई भी भाभी हो अपने पति के अलावा किसी को नही देगी लेकिन आपके दिया उसके बाद भी मे कैसे नाराज हो सकता हु मे तो आपका दिल से आभार मानता हु और अपने आप को किस्मत वाला भी जो मुझे आपकी गीली किस मिली

अभय की बात ममता को बहोत अच्छी लगती है खुश भी हो जाती है ये जान अभय नाराज नही है

ममता - जान कर खुशी हुई आप नाराज नही है
अभय हस्ते हुवे - हा लेकिन आपके होठो के रस का स्वाद मे कभी भूल नही पऊगा
ममता सर्म से लाल होते हुवे - आप भी ना देवर जी
अभय - भाभी क्या सच मे मुझे फिर कभी आपके होठो का रस पीने के लिये नही मिलेगा
ममता सांत हो जाती है
अभय - माफ करना भाभी आप नाराज मत हो मुह से निकल गया आपके होठो का रस बहोत अच्छा लगा इस लिये

ममता धीरे से - आपको अच्छा लगा मेरे होठो का रस
अभय - कसम से भाभी बहोत मजा आया
ममता सर्म से - ठीक है फिर आयेगें तो पिलाऊँगी
अभय खुश होते हुवे - थैंक्स भाभी आप बहोत अच्छी है
ममता सर्म से - अच्छा मे रखती हु

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तभी मिनिता कमरे मे आके अभय को देख - क्या कर रहे हो अकेले मे
अभय मिनिता को देख मुस्कुराते हुवे - आपका इंतज़ार

अभय उठ कर मिनिता के पास जाके बाहों मे कस आखो मे देख - आपको बाहों मे लेते ही मुझे पता नही कियु बहोत अच्छा फिल होता है

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मिनिता अभय को देख सर्म से - मुझे भी लेकिन बेटा ननद जी भी है तो समझ रहे हो ना ( अभय समझ गया ऑन्टी

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दोनों बिना देरी किये एक दूसरे को किस करना सुरु कर देते है मिनिता मजे से अभय के जिब को मुह मे लेके चूस कर रस पिये जा रही थी अभय भी 2 मिनट बाद

अभय मिनिता को देख - अब आप पुरे अच्छे से ककिस करना सिख गई है
मिनिता सर्म से अभय को देख - तुम्हारी वजह से है अब जाना होगा ननद जी नही होती तो थोरि देर और रुकती

अभय भी मामले को समझ - ठीक है लेकिन मॉल मे जो कहा क्या मुझे मोक्का नही मिलेगा

मिनिता अभय को देखते हुवे - फिर कभी बात करेगे

मिनिता फिर कमरे से बाहर आ जाती है अभय भी बिस्तर पे लेत जाता है

काजल मिनिता को देख - चलो घर चलते है
मिनिता - ठीक है

मिनिता काजल आसा को देख - ठीक दीदी भाभी हम जाते है
आसा - ठीक है

काजल मिनिता बाहर आते है तभी काजल मिनिता को देख - अरे मे अभय से मिल के नही आई क्या तुम
मिनिता ठीक है जाइये

काजल फिर अभय के कमरे मे आती है अभय काजल को देख बैठ - बुआ आप आइये ना

काजल अभय के पास बैठ अभय को देख - तुम मुझसे नाराज तो नही हो ना
अभय काजल को देख - मे भला कियु नाराज होऊगा
काजल - साम जो हुआ
अभय काजल की आखो मे देख - कभी कभी हम जो चाहते है हमे नही मिलता
काजल - अगर तुम चाहते हो तो एक बार तुम जो चाहो मेरे साथ कर सकते हो
अभय काजल की बात सुन पूरी तरह से सॉक हैरान काजल को देखता रहता है 1 मिनट बाद अभय होस मे आता है

अभय काजल को देख मुस्कुराते हुवे - मुझे आपका जिस्म नही चाहिये नही तो मेरे पास कई मोक्के थे उस वक़्त आप भी मुझे अपने आप को रोक नही सकती थी आपकी बाते सुन मुझे दुख हुआ की आप मुझे एक हवसी समझ रही है

अभय के आखो से आसु टपक परते है काजल अभय को देखती रहती है फिर काजल अभय के चेहरे को उपर कर आसु साफ कर अभय को देख - जितना प्यार तेरे दिल मे मेरे लिये है उतना प्यार मेरे दिल मे तेरे लिये भी है

अभय हैरान काजल को देखता है

काजल अभय की आखो मे देख - हा बेटा मे भी तुमसे बहोत प्यार करती हु साम को जब तुमने परपोस् क्या तो मे बहोत खुश हुई थी लेकिन पति बच्चे को सोच तुझे हा नही कर सकी लेकिन उसी के बाद से कुछ घंटे मे ही मेरा दिल अंदर से बहोत रोता रहा मुझे तुम्हारे साथ बाते करना मस्ती करना वक़्त बिताता बहोत अच्छा लगता है खुशी मिलती है बेटा मुझे अच्छे से पता है तुम बहोत अच्छे लरके हो इसी लिये तो मे तुम्हे अपने करीब आने दिया या मे भी तुम्हारे करीब आई अभी जो मेने कहा बस इस लिये कहा कियुंकी मे देखना चाहती थी किया तुम इस मोक्के का फायदा उठाते हो या नही लेकिन तुम्हारे जवाब सुन मुझे तुमसे और भी प्यार हो गया है

काजल अभय के होठो पे किस कर खरी होके अभय को देख - बाहर भाभी मेरा इंतज़ार कर रही है जाना होगा लेकिन आज अभी से तुम मेरे बॉयफ्रेंड मे तेरी गिर्लफ्रेंड

अभय हैरान लेकिन बहोत खुश भी होता है अभय जल्दी से काजल को बाहों मे लेके - आपके आज बहोत दर्द दिया मुझे पता भी है आपकी ना सुन मुझे कितना दर्द हुआ दिल मे
काजल अभय को देख प्यार से - मुझे भी ना केह बहोत दर्द हुआ लेकिन ( काजल सर्म से) तुम जो सजा दोगे मंजूर है

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अभय काजल के कान मे धीरे से - अगर ऐसा है मुझे आपको अच्छे से प्यार करना है तैयार रखना कल हम चलेंगे एक जगह जहा आपको खूब प्यार करुगा वो वाला प्यार डालुगा आपके टांगों के बीच मे जो छेद है उसमे अपना साप
अभय की बात सुन काजल की सासे उपर नीचे होने लगती है काजल सर्म से लाल अभय को देख - अब तो मे तेरी गिर्लफ्रेंड हु जो चाहे कर लेना

ये केह काजल जल्दी से भाग कर बाहर आ जाती है अभय मुस्कुराते देखता रह जाता है काजल बाहर अपने सीने पी हाथ रख सर्म से अपने सास पे काबू कर मिनिता के पास आती है फिर दोनों घर जाने लगते है
तभी मिनिता काजल को देख - अरे कोमल को हम भूल ही गये
काजल अपना सर पकर- सही कहा भाभी आपने

मिनिता - मे बुला के लाती हु

मिनिता कोमल को बुलाने अंदर जाती है लेकिन काजल के कानों मे अभय की बाते भुज रही थी पहली बार काजल से किसी ने ऐसी गंदी बाते कही थी काजल भाभी दो वजह से पहला सर्म दूसरा अभय कि बाते सुन काजल की चुत से पानी निकल आया था

काजल आस पास देखती है फिर सारी के ऊपर से ही चुत साफ करते हुवे मन मे सर्म से - उफ कमीनी तु बस बातो से ही पानी बहाने लगी

तभी मिनिता कोमल भी आ जाते है फिर तीनों घर जाने लगते है

काजल के जाने के बाद अभय अपनी मा के पास आता है आसा बिस्तर पे लेती अभय को देख मुस्कुराते हुवे - आजा मेरे लाल

अभय मुस्कुराते हुवे आसा के ऊपर आके लेत अपनी मा की आखो मे देख - उफ हम सुकून मिला नरम गर्म बिस्तर पे लेत कर
आसा हस्ते हुवे - पागल के ऊपर लेता है मेरे सरीर को बिस्तर बना दिया
अभय हस्ते हुवे - हा कियुंकी आपका बदन बहोत मुलायम है गर्म है और आपके सरीर की खुशबु भी
आसा सर्म से न लाल हो जाती है

अभय आसा की आखो मे देख - मा आज कोई सेक्सी वाला पोस् मार नही दिखाओगी
आसा अभय की आखो मे देख सर्म से - अपनी बीवी को बोलना आई गी तब
अभय अपनी मा के कान मे धीरे से - मा आपकी बात ही अलग है आपका भरा बदन बॉडी की बनावट दूसरी आप मेरी मा है तो आपकी वजह कोई नही ले सकता
आसा खुश शर्मा भी जाती है

आसा अभय को देख सर्म से - ठीक है तुम ही बताओ कोन से पोस् मारू
अभय मोबाइल से एक मॉडल का फोटो दिखाते हुवे - ये वाला मे आपकी ऐसे पोस् मे देखना चाहता हु

काजल जब फोटो देखती है तो सर्म से पानी पानी होते हुवे अभय को देख - छि मा को ऐसे पोस् मे देखेगा
अभय आसा को देख - आप मेरी मा आप मेरी है की नही
आसा अभय को सर्म से - हु ठीक है अपने लाला के लिये तो अब मे एक मॉडल बन ही गई हु

आसा खरी होती है और अभय को देख - बेटा फोटो मे मॉडल लाल सारी ब्लाउस मे है तो मुझे भी वैसे ही सारी ब्लाउस पेहन लेने दे फिर पोस् मारके दिखाउगी

अभय - मा कोई बात नही इसी सारी मे कर सकती है
आसा - नही ना अच्छा नही लगेगा तुझे
अभय अपनी मा को बाहों मे लेके धीरे से - मेरे लिये इतना सब आई लोव यू सेक्सी हार्लिंग मा
आसा सर्म से - आई लोव यू तु लाला

अभय फिर आगे मूर खरा हो जाता है आसा लाल सारी ब्लाउस पेहन रेडी होके सर्म से - ठीक है लाला मे रेडी हु

अभय भी आसा को देख अपने आप को तैयार कर - ठीक है मा

आसा हिम्मत झूठा के शर्म से अभय ने जैसा फोटो मे दिखाया था आसा वैसे ही पोस् मारती है जिसे देख अभय की सासे दिल सब कुछ पल के लिये रुक जाता है यहा तक अभय का लंड पहली बार टाइट होके कई झटका मारता है

आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏🙏
Fabulous job great update 👌
 

Naik

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chapter 34

इंसान को सबसे अच्छी दिन तब आती है जब भर पेट खाना और उसे जो चाहिये मिल जाये साथ मे नरम गर्म बिस्तर तब जो सुकून भरी नींद आती है उसके क्या ही कहने

काजल जिसकी लाइफ मे सेक्स 2 साल से बंद था उसके पहले 3 साल मे कभी कभी ही सेक्स होता था सीधे कहे तो काजल को 5 साल से सरीर का सुख नही मिला

काजल एक समझदार अच्छी औरत थी उसे पता था एक वक़्त पे मर्द का सेक्स से रूचि कम हो जाती है या एक ना एक दिन सेक्स बंद हो जायेगा इस लिये जब ऐसा हुआ काजल भी अपना ध्यान दूसरे कामो मे लगा दिया काजल अपने पति से नाराज नही थी उसे पता था उसके पति ने बहोत प्यार दिया है बस एक ना एक दिन ये बंद होना था

काजल ने ये भी नही सोचा था उसकी लाइफ मे अभय नाम का लरका आयेगा जिसके साथ खुब मस्ती मजाक करेगी अभय ही बाते हरकत काजल को अभय के करीब लेती चली गई जिसका अंदाज़ा काजल को नही हुआ लेकिन आज काजल को एहसास हुआ वो बहोत आगे चली गई है

अपना अभय ताकतवर चालाक अच्छे साफ दिल का है लेकिन प्यार के मामले मे बहोत बेवकूफ भाई को कांड करने के बाद एहसास होगा अरे ये तो कांड हो गया जैसे आज पता चला लेकिन अब दोनो कितना आगे जायेंगे देखते है

5 साल की गर्मी अभय ने चुदाई किये बिना ही काजल की निकाल दी थी तो काजल के लाइफ मे जो कमी थी उसके सरीर को जो चाहिये था मिल गया था ऊपर से अभय का शरीर नरम गर्म काजल को एक अच्छा सुकून भरा नींद मे ले गया

( सुबह )

औरते भले की रात को देर से सोये लेकिन सुबह अपने टाइम पे उठ ही जाती है काजल की नींद खुलती है नजर अभय पे जाती है जाहिर है रात का सिन याद आने मे काजल सर्म से पानी पानी हो जाती है

काजल अपने आप को देखती एक बीवी जैसे एक पति से चिपक कर सोती है वैसे ही काजल अभय के ऊपर एक टांगे रख चिपक कर सोई थी अपने आप को इस हालत मे देख काजल और सर्म से लाल हो जाती है

काजल अभय के चेहरे को प्यार से देखते हुवे मन मे - रात जो हुआ गलत हुआ लेकिन मे इस बात को नकार नही सकती मुझे जो सुकून मिला रात जो सुकून की नींद सोई अभी मे जितना अच्छा फिल कर पा रही हु सब तुम्हारे उस हरकत की वजह से है

काजल अभय के होठो पे होठ रख किस करते हुवे - आगे क्या होगा पता नही लेकिन तुम्हारे साथ मुझे अच्छा लगता है मेरा फिल आत्मा खुश रहता है सुकून मिलता है मेरे अभय बेटे

काजल फिर बिस्तर से उठ कमरे से बाहर आती है आसा भी कमरे से बाहर आती है काजल को देख मुस्कुराते हुवे - उठ गई रात को अच्छी नींद आई
काजल सर्म को छुपाते हुवे आसा को देख - हा अच्छी नींद आई
आसा मुस्कुराते हुवे - खेत की तरफ चले
काजल - जी

आसा काजल हल्का होने खेत की तरफ बाते करने हुवे जाने लगते है

आसा - ननद जी आपको यहा बहोत मजा आने लगा है लेकिन एक दिन फिर आपको जाना परेगा तब किया
आसा की बात सुन काजल का दिल उदास हो जाता है
काजल - भाभी आपकी बात भी सही है लेकिन क्या ही किया जा सकता है
आसा पीछे काजल को देख मुस्कुराते हुवे - आप चिंता कियु करती है अभय बेटा जिसे अपना मान लेता है उसे अकेला नही छोरता जब भी टाइम मिलेगा अभय बेटा आपसे मिलने जाता रहेगा आपको भी जब टाइम मिले आती रहना अब तो हम एक ही है

काजल का दिन फिर खुश हो जाता है
काजल - जी भाभी आपके बिल्कुल सही कहा

दोनो अपने जगह आ गये थे आसा एक जगह जाके सारी उठा के बैठ जाती है काजल भी थोरि दूर जाके सारी उठा के बैठ जाती है लेकिन काजल को पानी चुत मे उसका पानी सुखा मेहसूस होता है
असल मे काजल मे बहोत पानी निकाला था जो काजल के पूरे चुत जांघे पे फैल चिपक कर सुख गया था

काजल हाथ लगा के चुत और चुत के आस पास छुटे हुवे सर्म से - उफ़ मुझे रात को पानी से धो लेना चाहियें था अब अच्छे से नहा के साफ करना होगा
काजल को फिर याद आता है उसने कैसे कमर गांड उठा उठा के झटके मार मार बहोत पानी निकाला तो और सर्म से लाल होते हुवे - उफ़ अभय बेटा क्या सोचा होगा मुझे देख सोच बहोत सर्म आ रही है

आसा काजल हल्का होके घर आते है काजल नहाने जाती है और अच्छे से अपनी चुत जांघों को अच्छे से साफ करती है

आसा काजल रेडी हो जाते है

आसा फिर अभय को जागने जाती है अभय उठ आसा को बाहों मे लेके किस करते हुवे - गुड मोर्निंग डार्लिंग मा

आसा भी अभय को प्यार से किस करते हुवे - गुड मोर्निंग मेरे लाल
आसा अभय फिर बाहर आते है

अभय की नजर काजल पे जाती है जो आगन मे खटिये मे बैठी थी काजल की भी नजर अभय पे जाती है तो सर्म से लाल हो जाती है

अभय काजल के पास जाके होठों पे किस करते हुवे - गुड मोर्निंग बुआ
काजल भी सर्म छुपा के अभय को किस करते हुवे - गुड मोनिँग बेटा

अभय जायदा बात नही करता ना कुछ करता है कियुंकी आसा पास ही थी अभय अदिति को जगाने जाता है अभय अंदर कमरे मे जाता है
तो अंदर का सीन कुछ ऐसा था अदिति के बरे गांड कपड़े से चिपके अभय की तरफ ही थे आसा के तरह ही अदिति के बरे चूचे गांड थे


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लोग कहते है शादी के बाद लरकियो की बॉडी मे बदलाव आते है लरकिया बॉडी खिल जाती है अभी से अदिति बहोत हॉट है शादी के बाद जो बदलाव आयेगे तब अदिति अपनी मा की तरफ कयामत बन जायेगी

अभय तो मा अदिति को ऐसे हालत मे देखता आ रहा है तो अभय के लिये नॉर्मल आ अभय अदिति के पास जाके - उठ का मेरी परी सुबह हो गई है

अपने भाई की आवाज सुन अदिति आखे मलते हुवे अभय को देख मुस्कुराते हुवे - मेरे प्यारे भइया ने आज मुझे परी कहा क्या मे सच मे आपको परी जैसी लगती हु

अभय आके झुक अदिति के होठों पे करते हुवे - बिल्कुल मेरी गुरिया परी है मेरे लिये बहोत खूबसूरत परी
अदिति खुशी से खरी होके अभय को गले लगा के -भइया
अभय - अच्छा चलो बाहर चलते है

अभय अदिति बाहर आते है

काजल अदिति अभय को देखती है फिर आसा को देख मुस्कुराते हुवे - भाभी क्या ये रोज होता है आप अभय को जगाती है अभय अदिति को
आसा मुस्कुराते हुवे - हा
काजल मुस्कुराते हुवे - अच्छा लेकिन अभय के शादी के बाद क्या
आसा मुस्कुराते हुवे - वक़्त के साथ चलना परता कुछ चीजे बदल जाती है लेकिन जरूरी प्यार है जो हमारे बीच है और रहेगा

काजल मुस्कुराते हुवे - हा आपका कहना सही है

अदिति काजल के पास आके - गुड मोर्निंग बुआ
काजल अदिति को देख - गुड मोर्निंग अदिति बेटा

अभय तो निकल परा था अभय हल्का होके जोगिग कर मिनिता के घर आ जाता है

अंदर अंदर जाके रोज की तरह - गुड मोर्निंग बंदरिया
कोमल गुस्से से अभय को देख - कमीने सुधर जा

मिनिता कमरे से आते हुवे अभय को देख मुस्कुराते हुवे - इतनी खूबसूरत बेटी है मेरी बंदरिया मत केह

अभय मुस्कुराते हुवे - मा खूबसूरत है तो बेटी होगी ही वैसे मेने कहा था बंदरिया के जगह डार्लिंग बोलुगा तो चलेगा ना लेकिन गुस्सा हो गई मुझपे

कोमल गुस्से - मा देखा कमीना क्या केह रहा है बरा आया डार्लिंग बोलने वाला
मिनिता हस्ते हुवे - अरे अभय बेटा तो बस तेरी टांगे खिचता रहता है

मिनिग अभय को देखती है अभय मिनिता को

कोमल - हा लेकिन बंदरिया ना बोले बस
अभय मुस्कुराते हुवे - अच्छा बाबा नही बोलुगा खुश
कोमल - हा कल पता चलेगा

मिनिता - अच्छा चल बाते करते है कमरे मे
अभय मुस्कुराते हुवे - हा चलिये

दोनो अंदर जाते ही अभय मिनिता को बाहों मे भर लेता है मिनिता सर्म से लाल अभय को देखती है अभय मिनिता के कमर को सहलाने लगता है मिनिता सिसकिया लेने लगती है ( अभय - ऑन्टी अंकल की किस्मत से जलन होती है मुझे

मिनिता अभय को सर्म से देख - ऐसा कियु
अभय मिनिता की आखो मे देख - कियुंकी आपकी उन्हें मिली खूबसूरत हॉट
मिनिता सर्म से - अच्छा मुझमे ऐसा क्या है


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अभय मिनिता के गर्दन को चूमते हुवे - आपकी खूबसूरती आपकी बॉडी इस उमर मे आपका सब कुछ फिट है अपने गर्दन पे अभय के गर्म गिला जिब फिरते मेहसूस कर मिनिता के पूरे सरीर मे झुर् झुरि उठ जाती है मिनिता के मुह से आह उफ़ सिसकिया फुट परती है

मिनिता कापते होठो से - और क्या मुझमे अच्छा लगता है तुम्हें
अभय मिनिता के पीछे आके अपना लंड मिनिता के गांड पे सता के चिपक कर मिनिता के गले को चूमते हुवे कान मे धीरे से - आपके बरे बरे है सब जिसे देख मेरा मन बिगर जाता है


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मिनिता तेज सासे सिसकिया लेते हुवे मदहोसि मे - उफ़ क्या बरे बरे है मेरे आह मे समझी नही , अभय मिनिता के गांड की गर्मी और अपना लंड दबाते हुवे - आज नही बाकी फिर कभी
मिनिता सिसकिया लेते हुवे सर्म से - अच्छा आज कियु नही
अभय -धीरे धीरे मजा आता है
मिनिता सिसकिया लेते हुवे - उफ़ ऐसा क्या


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अभय मिनिता की सारी सीने से नीचे गिरा के मिनिता के मुलायम भरे कमर पेट को दोनो हाथो से मसलते गले को चूमते रहता है मिनिता कसमसाते हुवे तेज सासे सिसकिया लेती हुई मचलती रहती है मिनिता - उफ़ बेटा धीरे मसल आह दर्द हो रहा है उफ़ ये कैसी कसक है

अभय आगे आके मिनिता की आखो मे देखता है मिनिता नासिलि आखो से अभय को सर्म से देखते हुवे अपना जिब बाहर निकाल देती है अभय मुह मे लेके चूसने लगता है मिनिता भी अभय को कस के सीने से सता के किस करने लगती है दोनो एक दूसरे को बाहों मे लिये एक दूसरे का रस पीने लगते है


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मिनिता मन मे - मे कियु अभय बेटे के आने का इंतज़ार करती हु रोज मे कियु अभय बेटा जब आता है तो उसे देख सर्म और खुश दोनो हो जाती हु कियु मुझे अभय बेटे के साथ इस सब मे इतना मजा आता है क्या हम सही कर रहे है

मिनिता अपने एक उलझन मे परी थी मिनिता समझ नही पा रही थी क्या जो अभय उसके बीच हो रहा है वो सही है या गलत क्या उसे सब बंद कर देना चाहिये या नही

2 मिनट बाद दोनो के होठ लार से गीले अलग होते है मिनिता बहोत शर्मा रही थी मिनिता जल्दी सी सारी सही कर अपने सीने पे डाल बाल सारी फिर अच्छे से सही कर नजरे नीचे किये - चले बाहर
अभय - जी
अभय मिनिता को देख मन मे - क्या ऑन्टी के साथ भी काजल बुआ वाला सीन ना हो जाये नही नही मे क्या सोच रहा हु ऑन्टी के साथ वो सब नही हो सकता

अभय मिनिता बाहर आते है अभय मिनिता को देख - ऑन्टी 12 बजे शोपिंग पे जाना है तो आप सब पहले रेडी रहना

मिनिता मुस्कुराते हुवे - ठीक है बेटा
अभय कोमल को देख - कम्मो रेडी रहना
अभय फिर तेजी से भाग निकलता है

कोमल अभय को जाते हैरान देखती रेह जाती है मिनिता कोमल को देख हसने लगती है

कोमल मिनिता को देख - मा आपको बरा हसी आ रही है
मिनिता अपनी हसी रोकते हुवे - कम्मो अच्छा नाम है
कोमल मुह बना के - आपको तो बस उसके साइड मे हा करना है बस
कोमल मन मे मुस्कुराते हुवे - कम्मो इतना बुरा भी नही है


अभय घर आता है नहाता है रेडी होता है फिर खाना खाने बैठ जाता है

अभय आसा को देख - मा आज 12 बजे शोपिंग मे जाना है जो खरीदारी करनी है आज कर लेगे
आसा - हा बेटा सही है अब शादी के कुछ दिन ही बचे है
अदिति खुश होते हुवे - वाओ अब मजा आयेगा
काजल मुस्कुराते हुवे - हा मजा तो बहोत आयेगा
अभय - ठीक है फिर मे बाकी सब को रेडी रहने को बोल दुगा

खाना पीना होने के बाद अभय दिशा सिला सब को रेडी रहने को बोल देता है

काजल आसा से - भाभी मे जा रही हु सब के साथ आ जाउंगी
आसा - ठीक है
काजल अभय को एक नजर देख - मिनिता के घर निकल परती है

आसा अभय अदिति एक कमरे मे बैठ क्या क्या लेना है उसकी लिस्ट बनाने लगते है


( दोपहर 12 बजे )

आसा अदिति अभय रेडी थे तभी बाहर से गारी के होरान् की आवाज सुनाई देती है

अभय - लगता है सब आ गये है मा गुरिया चलो

अभय बाहर आता है तो देखता है विजय गारी लेके आया था आगे कोमल पीछे मिनिता काजल बैठे हुवे थे

मिनिता आसा को देख - दीदी हमारे साथ चलिये ना
काजल - हा भाभी आइये बहोत जगह है
आसा मिनिता काजल को देख - अच्छा बाबा आती हु ( आसा अभय को देख) बेटा तुम अदिति बाकी बस को अपनी गारी मे बैठा लेना
अभय - ठीक है मा

आसा विजय की गारी मे मिनिता काजल के साथ बैठ जाती है

विजय - भाई पहले कहा
अभय - सिला मा के पास फिर तेरी भाभी के पास ( अभय कोमल को देख मुस्कुराते हुवे ) कम्मो

अदिति विजय आसा हैरानी से - क्या
कोमल अपना सर पकर अभय को गुस्से से देख - कमीने तेरी तो
मिनिता - अभय ने नया नाम दिया है कम्मो
आसा हस्ते हुवे - अच्छा तो है
अदिति मुस्कुराते हुवे कोमल को देख - कम्मो
कोमल - अदिति तुम भी

अभय - अच्छा अब चलते है
अभय अपनी गारी मे बैठ जाता है अदिति भी आगे अपने भाई के साथ बैठ जाती है अभय गारी चालू कर सिला के घर निकल परता है पीछे विजय था

अभय सिला के घर पहुँच जाता है मधु सिला बाहर आते है

मधु अभय को देख - भाई मुझे आगे बैठना है
अभय - लेकिन गुरिया आगे अदिति बैठी है
मधु उदास हो जाती है
अदिति मधु को देख - बच्चो की तरह मुह मत लटका आजा मेरी गोद मे बैठ जा वैसे भी आगे भाभी बेठेगी
मधु खुश होके - थैंक्स दीदी

आसा सिला से - आजा यहा हमारे साथ
सिला आसा सब को देख - ठीक है दीदी
सिला फिर आसा मिनिता काजल के साथ बैठ जाती है मधु आगे अदिति की गोद मे

अभय मुस्कुराते हुवे - चलो फिर चलते है

अभय फिर दिशा के घर पहुँच जाता है तीनो बाहर ही खरे थे इस बार सब गारी से नीचे उतर आते है

अभय सभी को देख दिशा का दिल बहोत खुश हो जाता है

अभय तारा के पास जाके - कैसी हो मेरी हॉट सासु मा
तारा सर्म से अभय को देख - एकदम मस्त
पूजा मुह बना के - देखो तो सब के सामने अपनी सासु का हॉट केह रहे है ठरकी जीजा
पूजा की बातो से सब हस देते है

अभय पूजा को देख - आप भी तो लालची है साली जी
पूजा - हा तो इसमें बुरा क्या है

अदिति दिशा को गले लगा के - कैसी है भाभी
दिशा अदिति के गाल सेहलाते हुवे प्यार से - मे ठीक हु आप कैसी है
अदिति - एकदम मस्त
मधु आगे जाके दिशा के गले मिल - भाभी मे भी हु
दिशा मुस्कुराते हुवे - हा बाबा आपको मे मे कैसे भूल सकती हु
कोमल दिशा को देख - अपने पति को समझा देना मुझे बार बार बंदर केहता है
दिशा कोमल को देख हस्ते हुवे -देखो बाबा तुम ही जानो मे तो उसको रोकने से रही
विजय - कैसी है भाभी
दिशा विजय को देख - अच्छी हु देवर जी आप कैसे है
विजय - भाई के दुवा से सब अच्छा है
आसा तारा के पास जाके गले लग - कैसी है आप
तारा - बहोत अच्छी हु आप सब को देख और भी अच्छा लग रहा है
मिनिता - आप चिंता कियु करती है हम मिलते रहेगे
काजल - बिल्कुल हम एक परिवार जो है

तारा अकेली पूजा दिशा को पाली थी आज सब को देख इमोसनल हो जाती है

तारा - किस्मत वाली है मेरी बेटी जो आपके कैसे सास बुआ परिवार मिले है
अभय तारा को देख - अरे बस भी कीजिये आज आपकी बेटी को लेके नही जा रहा जब बारात लेके आऊगा आपकी बेटी को लेके जाउंगा उस दिन जितना रोना है रो लेना आप

दिशा तो शर्मा जाती है
बाकी सभी को अभय की बातो से हसी आ जाती है


अभय - अच्छा देर हो रही है शोपिंग करते हुवे बाकी बाते करते रहना
आसा - हा सही कहा लाला ने

दिशा अभय के साथ आगे वाली सीट पे पीछे अदिति मधु पूजा तारा बैठ जाते है

विजय की गारी मे आगे कोमल पीछे आसा मिनिता काजल सिला बैठ जाते है

अभय विजय सब को लेके सीधा एक बरे मॉल मे लेके आता है सभी मॉल को देखते है फिर अंदर जाते है

( उदय बंगलो )

उदय बेसबरी से जगमोहन का इंतज़ार कर रहा था तभी जगमोहन भी आ जाता है जिसे देख उदय बहोत खुश हो जाता है जगमोहन उदय के सामने सोफे पे बैठ जाता है


उदय पैक बनाते हुवे आज आपके लिये बहोत मस्त माल लाया हु
जगमोहन उदय को देख - अच्छा कैसी है कुवारी या
उदय मुस्कुराते हुवे - आप खुद देख दीजिये

उदय एक बंदे को इशारा करता है बन्दा जाके किसी शादी सुधा औरत को लेके आता है

उदय - चलो अपना समान दिखाओ मेरे ससुर जी को

औरत जगमोहन को देखती है फिर कपड़े निकाल अपनी बरी गांड चुत झुक कर जगमोहन को दिखाने लगती है
उदय औरत से - हाथ से फैला के गांड चुत के छेद अच्छे से दिखाओ


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उदय की बात सुन औरत अपने हाथ पीछे गांड पे रख अपनी गांड फैला देती है जगमोहन के सामने औरत के दोनो छेद आ जाते है जगमोहन औरत की बरी गांड चुत गांड की छेद देख पागल होने लगता है

उदय अपने बंदे से - कमरे मे ले जाओ
बंदा औरत को कमरे मे ले जाता है

उदय जगमोहन को देख - कैसा लगा ससुर जी
जगमोहन एक पैक मारते हुवे उदय को देख - मस्त माल है
उदय मुस्कुराते हुवे - खास आपके पसंद का लाता हु वैसे क्या मेने जो कहा था करने के लिये आप

जगमोहन उदय को देखते हुवे - हा लेकिन क्या आरोही
जगमोहन - मेरे उपर छोर दीजिये मेने जो कहा वो लाये है तो दिखा भी दीजिये
जगमोहन अपना मोबाइल निकाल - सामने से हिम्मत नही हुई फोटो लेने की जब सो रही थी तो मेने ले लिया
उदय मुस्कुराते हुवे - कोई बात नही दीखाइये तो सही

जगमोहन अपने मोबाइल से एक फोटो निकाल उदय को दे देता है उदय मोबाइल हाथ मे लेके जब फोटो देखता है तो उदय का लंड फुल टाइट होके झटके मारने लगता है

आरोही की मा रात को टांगे फैला के सो रही थी चुत साफ दिखाई दे रहे थे मोटी उजले जांघे फूली गर्म चुत के दोनो फाके गांड की छेद भी दिखाई दे रही थी पूरा सरीर गोरा था बस चुत के पास थोरे काले थे छोटी काले बाल चुत को और खूबसूरत बना रहे थे सीन बहोत कयामत वाला था उदय ने कहा था फोटो लाने के लिये और जगमोहन लेके आया था


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उदय फोटो को देखते हुवे गोर से मन मे - उफ़ जैसा सोचा था पूरी भरी गदराइ हुई माल है मोती जांघे उठा के पकर के उफ़ चुत मे डाल चुदाई करने मे बहोत मजा आने वाला है चुत भी बहोत फूली रस से भरी हुई है चूसने मे भी बहोत मजा आयेगा जब पहली बार आरोही की मा को देखा था तभी मेने थान लिया था चुत मार के रहुंगा

उदय होस मे आके जगमोहन को देख - ससुर जी क्या आप इस फोटो को मेरे फोन मे भेज देगे

जगमोहन उदय को देख - ठीक है दमाद जी लेकिन वो आरोही
उदय मुस्कुराते हुवे - समझ गया आप सासु मा की फोटो भेजो मे आरोही की

जगमोहन अपनी बीवी की फोटो भेज देता है उदय आरोही की जगमोहन अपनी बेटी की नंगी फोटो देख जोस मे आके कमरे कि तरफ जाने लगता है उदय जगमोहन को देख मुस्कुरा देता है

थोरि देर बाद कमरे से रोने चिल्लाने की आवाजे आने लगती है उदय आवाजे सुन - लगता है ससुर जी फैंटेसी वाला सेक्स कर रहे है अच्छा है जल्दी रियल मे करेगे

अंदर जगमोहन औरत को बिस्तर पे नीचे झुकाये और गांड उठाये घोरी बनाये उपर खरे लंड चुत मे डाल तेज तेज धक्का मार रहा था औरत दर्द मे - मर गई बहोत दर्द हो रहा है प्लेस धीरे करिये औरत दर्द मे रोये जा रही थी लेकिन बेचारी कर भी क्या सकती थी रोने चुदने दर्द सहने के अलावा


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जगमोहन तो आखे बंद किये अपनी बेटी आरोही को सोच चुदाई करने मे लगा हुआ था जगमोहन मन मे उफ़ आह मेरी बेटी कितनी गर्म चुत है तेरी आह मेरा लंड खुशी से मजे से नाच रहा है अंदर तो आग लगी हुई है तेरे पापा है ना सब गर्मी निकाल देगे चिंता मत कर बेटी आह

वही उदय फिर आरोही की मा की फोटो देख अपना लंड बाहर निकाल हिलाने लगता

उदय उफ़ सासु जी मजा आयेगा जब आपकी टांगे उठा के घोरी बना की आपकी चुदाई करुगा आह क्या चुत है आपकी उफ़

( टीनू बंगलो )

अमर आरोही टीनू सभी मजे से पाटी करने मे लगे हुवे थे कुछ लरकिया कुछ लरके भी आये हुवे थे

टीनू अमर को एक लरकी की तरफ इसारा करते हुवे - क्या बोलता है कैसी है तेरी बेहन की दोस्त है
अमर उस लरकी को गोर से उपर से नीचे देखता है लरकी ने जीन्स पहनी हुई थी बरे गांड अमर की तरफ ही था जो जीन्स ने अंदर टाइट जकरे हुवे थे

अमर मन मे - मेरी छोटी बेहना के आगे मुझे कोई पसंद नही आ सकता

अमर - अच्छी है क्या देगी
टीनू अमर को देख मुस्कुराते हुवे - केह नही सकता कोसिस कर के देख क्या पता देने के लिये रेडी हो जाये

आरोही आते हुवे अमर टीनू को देख - क्या बाते हो रही है
टीनू मुस्कुराते हुवे - आ गई ( टीनू उस लरकी को दिखाते हुवे) वो लरकी तेरे भाई को चाहिये
आरोही अमर को देखती है
अमर - अरे नही उसने कहा मेने तो बस ऐसे ही बोल दिया
आरोही मुस्कुराते हुवे - अगर मेरे भाई को वो लरकी चाहिये तो मे जरूर उस लरकी को आपके बिस्तर पे ला दूगी
टीनू मुस्कुराते हुवे - ये हुई ना बात अमर तु किस्मत वाला है आरोही जैसी बेहन तुझे मिली
अमर आरोही को देख मुस्कुराते हुवे - हा ये तो है
आरोही टीनू अमर को देख - ठीक है मे जाके बात करती हु

आरोही उस लरकी के पास जाने लगती है

आरोही के जो दोस्त आये थे जिसमे लरकिया थी कुछ 6 लरकिया सब गरीब है जाहिर है आरोही खुद गरीब थी तो दोस्त भी गरीब ही बनेंगे

( मॉल मे )

मॉल मे अभय सभी सारी वाले सेक्सन मे जाते है आज बहोत सारी खरीदारी करनी थी वक़्त भी बहोत लगने वाला था

आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏🙏🙏
Bahot bahia shaandaar update
 

Naik

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chapter 35

अभय की टोली सारी सेक्सन् मे आ गई थी सबसे पहले आसा बाकी लेडिस् दिशा के लिये दुल्हन का जोरा देखना सुरु कर देते है

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कई सारी खूबसूरत खूबसूरत दुल्हन के जोरे थे सभी एक दूसरे से कहने लगते है ये अच्छा है वो अच्छा है ये ले लो दिशा पे अच्छी लगेगी
लेकिन फिर सभी दिशा से पूछने के लिये दिशा को देखते है तो दिशा अभय को ही प्यार से देखी जा रही थी

मिनिता मुस्कुराते हुवे आसा से - दीदी कोई फायदा नही बहु तो अपने पति के पसंद से ही लेगी बेकार मे हम लर रहे है

आसा सभी दिशा को मुस्कुराते हुवे देखने लगते है तो दिशा शर्मा जाती है
आसा मुस्कुराते हुवे - बात तो तुमने सही कही है ( आसा अभय को देख) खरा क्या है जाके अपनी बीवी के लिये पसंद कर

अभय मुस्कुराते हुवे दिशा के पास खरा होके एक दुल्हन का जोरा दिशा को दिखाते हुवे - हु इस मे तुम बहोत खूबसूरत लगोगि
दिशा सर्म से - जी
काजल हस्ते हुवे - वाह देखो तो कितना प्यार है दोनो मे
सिला मुस्कुराते हुवे - बेस्ट जोरि है मेरे बेटे बहु की
तारा अभय दिशा के प्यार देख बहोत खुश थी
अदिति अभय दिशा को देख - और नही तो क्या मेरे भाई जैसा पति भाभी को मिल नही सकता लेकिन भाभी जैसी बीवी भी भाई को नही मिल सकती है
मधु - दीदी आपने सही खा भाई भाभी जी जोरि मस्त है
कोमल मुह बना के - हु एक बंदर एक बंदरिया
अभय कोमल को देख - मेरी बीवी को बंदरिया कहा मार खानी है
कोमल अभय को देख - अच्छा तु जो मुझे बंदरिया केहता है उसका क्या बीवी को कहा बुरा लगा
अभय - तुम
मिनिता बीच मे अभय कोमल को देख - हद है यहा भी सुरु हो गये तुम दोनो घर मे लरना

अभय कोमल सांत हो जाते है

सुमन - हा तो दुल्हन का जोरा तो ले लिया अब लाला के लिये शेरवानी लेनी है

फिर सभी तोली जेन्स सेक्सन मे जाते है यहा कई डिजाइन की सेहवानी दिखाई जाती है सभी फिर ये अच्छा लगेगा ये लेलो करने लगते है

मिनिता - रुक जाओ हम यहा इतनी मेहनत कर रहे है ऐसा ना हो फिर दोनो अपने पसंद से ले

आसा मुस्कुराते हुवे - बात तो सही है ( आसा दिशा को देख) बहु लाला ने तेरे लिये दुल्हन का जोरा पसंद क्या है क्या तुम लाला के लिये शेरवानी पसंद नही करोगी

दिशा सभी को देख नजरे नीचे किये - एक बीवी अपने पति के लिये सब करती है एक पति अपनी बीवी को कोई चीज अपनी पसंद से लाके देता है तो बीवी को खुशी मिलती है वे मेरे लिये दुल्हन का जोरा पसंद किये मुझे खुशी हुई लेकिन यहा ये हक मेरा नही है ( दिशा नजरे उपर कर आसा को देख) मम्मी जी ये हक आपका है एक मा का है कि वे अपने लाल को किस दुल्हे के रूप मे देखना चाहती है तो मे भला कैसे एक मा का हक छीन लू

दिशा की बाते सभी के दिल को छु जाती है

अभय दिशा को देख प्यार से मन मे - किस्मत वाला हुई जो मुझे इतनी अच्छी साफ दिल की प्यार करने वाली बीवी मिली

आसा आगे जाके दिशा को गले लगा के - बहु तुम बहोत अच्छी हो मेने तो तुम्हे बेटी माना है ( आसा तारा को देख) आपकी बेटी करोड़ मे एक है हर सास जैसी बहु चाहेगी लेकिन किस्मत वाले को ही दिशा जैसी बहु मिलती है

तारा दिशा के सर पे प्यार से हाथ फेरते हुवे इमोसनल होके - हा बहोत अच्छी बच्ची है मेरी लेकिन आप दमाद जी बाकी सब भी उतने ही अच्छे है बता नही सकती मे कितनी खुश हु आप जैसे परिवार मिलना भी एक लरकी के लिये किस्मत वाली बात होती है

काजल - बात तो सही है लेकिन क्या आगे बढे हम
आसा - हा सही कहा ( आसा सिला को देख) बताओ कोन सा ले तुम भी उसकी मा ही हो

आसा की बात सुन सिला भी इमोसनल हो जाती है

सिला - एक शेरवानी दिखाते हुवे ये कैसा रहेगा हमारा लाला इसमें हीरो लगेगा
आसा - हा ठीक है ये ले लेते है
काजल - हा बहोत अच्छा है इसमें अभय बेटा बहोत हैंडसम लगेगा
मिनिता दिशा को छेरते हुवे - बताओ बहु लगेगा ना हंड्सम्
दिशा सर्म से - वे तो पहले से ही बहोत हैंडसम है वे कुछ भी पहन ले बहोत हंड्सम् लगेगे

अदिति दिशा को देख - क्या बात बोली है भाभी आपने
काजल - वाह बात तो सही है ( काजल अभय को देखती है) अभय आखे बार देता है काजल शर्म से लाल हो जाती है

आसा सभी को देख - चलो ये भी हो गया अब दुल्हन के लिये मंगलसूत्र लेने चलते है

अभय की टोली फिर ज्वैलरी सेक्सन् मे आते है

आसा अभय को देख - बेटा खुद पसंद करो अपनी बीवी के लिये

अभय - जी मा

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अभय दिशा के पास खरा हो जाता है कई खूबसूरत खूबसूरत डिजाइन के मंगलसूत्र अभय के सामने थे अभय सभी को अच्छे से देखता है फिर एक मगलसूत्र उठाते हुवे - ये दिशा पे बहोत खूबसूरत लगेगी

आसा देखते हुवे अभय को मुस्कुरा के - वाह बेटा पसंद तो बहोत की है
मिनिता हस्ते हुवे - करेगा ही अपनी बीवी के लिये आगे भी पूरी लाइफ करते रहना ही है अब

अभय दिशा के कान मे - मे तो पूरे दिल से करता रहुगा
दिशा सर्म से लाल हो जाती है

मंगलसूत्र के बाद और भी गेहने जैसे नाक कान गले पैर के सब गेहने भी लिये जाते है

फिर अभय की टोली मेकप् के सेक्सन मे आती है जहा दिशा के लिये सारे मेकप् का समान लिया जाता है

उसके बाद रोज पहनने के लिये कई सारे कपड़े जो अभय ही पसंद करता है फिर सेंडल बैग बाकी सभी एक एक सामान दुल्हन के लिये खरीदा जाता है

दिशा अभय यानी दुल्हा दुल्हन की पूरी खरीदारी हो गई थी अब सब अपने लिये शोपिंग करने वाले थे

अभय सभी को देख - कियु ना हम जाके कुछ खा ले फिर बाकी शोपिंग करेगे

अदिति खुश होते हुवे - हा भाई मुझे बहोत भूख लगी है
मधु - मुझे भी भाई चलिये ना कुछ अच्छा खाते है
आसा मुस्कुराते हुवे - ठीक है चलो कुछ खा लेते है फिर शोपिंग करेगे

तय होने के बाद अभय सभी को रिस्तूरेंट मे लेके आता है एक बरी टेबल जगह सभी कुर्सी मे बैठ जाते है

अभय - बोलो क्या मंगाया जाये
अदिति - भइया मुझे पिज़्ज़ा आइस्कृम चाहिये
मधु - भाई मुझे भी
पूजा - मुझे भी पिज़्ज़ा आइस्कृम चाहिये

अभय बाकी सब को देख - आप लोग क्या लेगे
आसा - क्या खाये पिज़्ज़ा ही मांगा ले
अभय - ठीक है फिर

सभी का ओडर दे दिया जाता है सभी खाते हुवे बाते भी करने लगते है

अभय के बगल मे आसा फिर अदिति मधु थे

मिनिता आसा को देख - दीदी हमारी इतनी उमर हो गई बच्चे बरे हो गये आज हम पहली बार इतने बरे मॉल मे शोपिंग करने आये है और डिनर भी कर रहे है

काजल मिनिता को देख - भाभी आपकी बात सही है अब तक की लाइफ घर मे बच्चो खेत घर को संभालते ही गुजर गया आज जब इतनी बरी मॉल मे शोपिंग खाने बैठी हु आप सब के साथ बता नही सकती कितना अच्छा फिल हो रहा है

सिला - ननद जी आज के जेनरेशन अपनी बीवी को बाहर लेके घुमाने होटल मे डिनर कराने लेके जाते है हमारे समय मे घर से बाहर कई साल कदम रखना भी बना था

तारा - हा सही कहा आपने पर क्या करे वक्त के साथ बदलना परता है

सुमन सभी को देख - हा सही कहा आप सब ने अब तो हमने अपनी आधी लाइफ जी ली है अब बच्चो की बारी है

अभय विजय को देखता है जो भाई खाने मे डूबा हुआ था कई चीजे मजा के थुसे जा रहा था अभय मन मे - ये पेटु है रहेगा

कोमल विजय को देख - आराम से खा खाना भाग नही जायेगा
विजय - जानता हु दीदी लेकिन क्या करू बहोत स्वादिस् है

खाना होने के बाद थोरि देर आराम करने के बाद सभी अपनी अपनी शोपिंग के लिये रेडी हो जाते है

आसा चाहती थी अभय उसकी मदद करे सेम अदिति बाकी सब भी चाहते थे तो सब अभय के पीछे पर गये

अभय गहरी सास लेते हुवे - लगता है मुझे सास लेने का टाइम भी नही मिलेगा

अभय फिर लग जाता है अभय पहले अपनी मा फिर अदिति मधु सिला तारा मिनिता कोमल सब की मदद करता है कपड़े तो अभय ने खरीदवा दिये अब सभी लेडिस् को बिकनी चड्डी बाकी सब लेने थे तो सब खुद ही लेने लगते है

अब जाके अभय को सांस लेने का मोक्का मिलता है दिशा अभय के पास आती है अभय मुस्कुराते हुवे दिशा को बहोत मे लेके - मेरी जान
दिशा सर्म से अभय को देख - हम मॉल मे है कोई देख लेगा
अभय मुस्कुराते हुवे - जानता हु बस एक किस्सी चाहिये
दिशा सर्माते हुवे अभय के होठो पे किस करते हुवे - अब खुश
अभय दिशा के गांड दबाते हुवे - खुश तो तब होऊगा जब जब तुम्हें अपने घर लेके आऊगा

दिशा सर्म से दर्द मे आह छोरिये दर्द हो रहा है आह कोई देख लेगा
अभय दिशा के गांड छोरते हुवे - तुम्हारी गांड बहोत बरी मुलायम गर्म है दबाने मे मजा आ रहा था
दिशा सर्म से लाल होते हुवे नजरे नीचे कर - आप बहोत गंदे है
अभय मुस्कुराते हुवे - अच्छा जी

तभी किसी के आने की आवाजे सुनाई देती हो दोनो जल्दी से अलग हो जाते है

तभी पूजा दोनो के पास आके अभय दिशा को देख - अच्छा आप दोनो अकेले मे क्या कर रहे थे

अभय पूजा को देख - आ गई आपकी है कमी थी टांग अराउ
पूजा अभय को देख गुस्से से - ठरकी जीजा आपको बाद मे देख लुगी
अभय मजे लेते हुवे - बाद मे किया देखेगी
पूजा दिशा को देख - दीदी देखा सुना ना क्या डबल मीनिंग बाते कर रहे है
दिशा पूजा को देख हस्ते हुवे - अरे साली जीजा मे मस्ती मजाक चलता ही है

पूजा मुह बना के - हा लेकिन इनकी बात अलग ही थरकी चलिये यहा से

दिशा अभय को देख - जी मे जाती हु
अभय - ठीक है
पूजा दिशा को लेके चली जाती है

अभय गुस्से मे - ये साली जी को अच्छे से सबक सीखना होगा तभी हमारे बीच टांग अराना बंद करेगी जब देखो तक बीच मे टपक परती है

अदिति बाकी सब से दूर खरा आस पास घूम कर सब देखने लगता अदिति अभय के पास आती है

अभय अदिति को देख - गुरिया सब ली लिया या बाकी है
अदिति - भाई सब ले किया लेकिन बाकी सब का नही हुआ है
अभय - मुझे पता था इसी लिये 12 बजे निकलने का फैसला लिया था
अदिति हस्ते हुवे - भाई लेडिस् को वक़्त लगता ही है
अभय - हा जानता हु बहोत वक़्त लगता है

तभी कोमल अदिति को आवाज देती है
अदिति अभय को देख - भाई जाना परेगा
अभय - ठीक है

अभय विजय को ढुंढता है भाई विजय तो मस्त लरकिया तारने मे लगा हुआ था अभय पीछे आके - अच्छा लरकिया तारी जा रही है

अभय की आवाज सुन विजय कि फट जाती है विजय पीछे अभय को देख डरते हुवे - बॉस म तो बस
अभय - आदत छोर दे हो सके तो कोई लरकी पसंद कर ले मे शादी करा दुगा
विजय हस्ते हुवे - लरकी भी मिलनी चाहिये ना बॉस
अभय - मिल जायेगी चिंता मत कर

अभय - अच्छा मे घूम कर आता हु सब के साथ रहना
विजय - जी बॉस

अभय मॉल मे हर एक जगह घूमने लगता है घूमते घूमते अभय कपड़े बिकनी चड्डी वाले सेक्सन मे फिर आता है अभय बिकनी चड्डी नाइटी देख खोया हुआ चलते जा रहा था तभी अभय किसी से टकरा जाता है अभय जल्दी से होस मे आता है और सामने जो सीन देखता है अभय सोक हो जाता है सामने वाला इंसान अभय को देख सर्म से लाल हो जाती है

असल मे अभय जिससे तकराया वो कोई और नही इंस्पेक्टर निमिता थी और निमिता सर्म से लाल इस लिये हुई कियुंकी उसके हाथो मे बिकनी थी

मिनिग सर्म से चिल्लाते हुवे अभय को - तुम यहा कैसे
अभय तो हैरान निमिता हाथो मे बिकनी लिये हुवे थी उसे देखते हुवे अभय के मुह से निकल जाता है - वाओ नई डिजाइन की हो है लगता है देखने मे बहोत ही खूबसूरत है कप बरा है यानी

इससे आगे अभय कुछ बोल पाता निमिता गुस्से से अभय को देख - क्या कहा तुमने

अभय निमिता की गुस्से वाली आवाज सुन होस मे आता है फिर सामने निमिता को गुस्से मे देखता है तब अभय को एहसास होता है फिर उसकी लग गई अभय डर के तेजी से भागते हुवे - कुछ नही में जा रहा हु ( अभय तेजी से भाग जाता है

मिनिता अभय को जाते देख गुस्से से - बेशर्म कमीना

अभय भागते हुवे एक जगह मे रुक तेज सास लेते हुवे - उफ़ बच गया नही तो आज मेरी वाट लग जाती

तभी मिनिता अभय को देख लेती है मिनिता अभय के पास आके - तुम यहा क्या कर रहे हो
अभय मिनिता को देख मुस्कुराते हुवे - आपका इंतज़ार
मिनिता सर्म से अभय को देख - कियु
अभय मिनिता के और पास जाके - ताकि आपको प्यार कर सकु आपके होठो का रस पी सकु
मिनिता सर्म से तेज सास लेते हुवे - यहा नही हर तरफ लोग है
अभय मिनिता के कान मे - समझ गया लेकिन घर मे आपके हर अंग को अच्छे से मजे से चुसुगा चलेगा
अभय की बात सुन मिनिता के शरीर मे सिहरन डोर जाती है मिनिता सर्म से लाल तेज सासे लेते हुवे धीरे से - नही ये गलत है

मिनिता फिर चली जाती है अभय हैरान होता है फिर अभय को एहसास होता है वो बिग्रता जा रहा है

अभय सभी के पास आता है अभय आसा से - मा हो गया या और कुछ लेना है

आसा अभय को देख - बस हो ही गया
अदिति मधु अभय के हाथ पकर - भाई हमारा तो हो गया
अभय दोनो को देख मुस्कुराते हुवे - वाह 3 घंटे लगाये है तुम दोनो ने और केह तो ऐसे रही हो कुछ मिनट मे शोपिंग कर ली हो
मधु मुह बना के - लरको से जायदा टाइम लगता है हम लरकियों को कियुंकी हम बहोत सारी खरीदारी करते है वो भी अच्छे से देख के
अदिति हस्ते हुवे - सही कहा छोटकी तूने
अभय - हा इसी लिये तो इतना समय लगता है

काजल अभय के पास आके - क्या हो रहा है
अभय काजल को देख हस्ते हुवे - इंतज़ार ताकि आप सब का शोपिंग पुरा हो ताकि हम घर जा सके
काजल हस्ते हुवे - बस हो है गया है

आखिर कार सब की शोपिंग पूरी होती है फिर सारा समान गारी मे डाला जाता है फिर सभी घर के लिये निकल परते है

अभय पहले दिशा पूजा तारा को घर छोरता जो समान थे उसके देख दिया जाता है
फिर अभय मधु सिला को घर छोरता है उसके बाद अभय अपने घर आता है सभी अपने अपने घर पे आ गये

12 बजे गये साम 5 बजे आये

अभय कमरे मे जाता है तो आसा थकी बिस्तर पे लेती आराम कर रही थी

आसा दूसरी तरफ चेहरा किये करवट लिये लेती हुई थी आसा कि बुलु सारी बुलु ब्लाउस मैच मैच मे आसा के पीछे से बहोत कमाल लग रही थी

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लेकिन जिस तरह आसा लेती हुई थी पैर मोरे आसा की फैली हुई गांड की उभार सारी के ऊपर से ही साफ देखे जा सकते है कोई भी ये सीन देख अंदाज़ा लगा लेगा आसा की गांड कितनी बरी गोल मटोल है सीन बहोत बवाल वाला था


अभय आसा के पास आता है आसा जगी हुई थी सोने का वक़्त भी नही था आसा बस आराम कर रही थी अभय के आने का एहसास आसा को हो चुका था आसा पलट कर अभय को मुस्कुराते हुवे देख - आजा मे लाल

अभय भी मुस्कुराते हुवे - आसा के पास लेत आसा को बाहों मे लेते हुवे आसा को देख - मा आज आप थक गई ना
आसा मुस्कुराते हुवे - हा लेकिन आज मजा भी आया कियुंकी आज मेने अपने लाल की शादी की खरीदारी जो की है
अभय मुस्कुराते हुवे - अच्छा लेकिन कुछ छुटा तो नही
आसा मुस्कुराते हुवे - नही रे मेने सब ले लिया याद कर
अभय मुस्कुराते हुवे - हा मेरी मा कैसे कोई कमी रहने देगी
आसा - बिल्कुल मेरे लाल की शादी जो है
अभय आसा के कान मे धीरे से - आप जिस तरह लेती थी पीछे से आप बहोत कमाल की लग रही थी बुलु सारी ब्लाउस मे तो पूरी सेक्सी लग रही थी
आसा अभय की आखो मे देख सर्म से मुस्कुराते हुवे एक कमाल के पॉजिसन मे अदा से - अच्छा पीछे से अच्छी लगी आगे से सेक्स नही लगती सेक्सी
सामने का सीन अपनी मा को इस तरह अदा से कामुक् पोस् मे देख अभय कि भी पल के लिये सासे थम जाती है आसा के सीने से सारी नीचे गिरा हुआ था दूध जैसे कमर गहरी ढोरी अभय के सामने था

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ऐसा नही था अभय ने अपनी मा की कमर ढोरी सीने से पलु हटा सब देखा था और अभय ने तो कमर को चूमा चूसा पकरा भी था लेकिन आज बात पोज की अदा की है जिस तरह आसा अभी एक अदा कामुक् पोस् मे थी यही अभय के दिल की धरकन तेज कर रहा था

आसा अभय को देखती है लेकिन अभय तो मुह खोले आखे फ़ारे अपनी मा को ही देख रहा था अपने बेटे को ऐसे खुद को देखता देख आसा सर्म से लाल हो जाती है लेकिन उसी के साथ आसा बहोत खुश भी होती है ये जान की उसका बेटा उसे किस तरह देख रहा है

आसा सर्म से अभय को देख - लाला कुछ बोलेगा या देखता ही रहेगा
अपनी मा की बात सुन अभय होस मे आके अपनी मा को देखता है फिर अभय आसा को बिस्तर पे लेता के आसा के ऊपर आ जाता है

अभय आसा की आखो मे देख - हा आपने ये कैसे क्या सच बताना मेने आपकी ढोरी कमर सीने पे सारी बिना कई बार देखा है लेकिन आज आपने जो पोज जिस अदा और का..(अभय रुकता है फिर आगे ) अंदाज़ मे थी पहले नही पोस् मारा आप सच मे बहोत सेक्सी लग रही थी कसम से

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आसा अभय की आखो मे देख सर्म से धीरे से - अच्छा तुझे पसंद आया मेरा अंदाज़ पोस्
अभय धीरे से - बहोत बहोत जायदा मा बता नही सकता मेरा दिल सासे थम सा गया था आप देख कर अब बता भी दीजिये
आसा सर्म से धीरे से - वो मेने मोबाइल मे मॉडल को देख किया था

अभय आसा के आखो मे देखते हुवे - आपने मेरे लिये क्या ना ताकि मे देख सकु
आसा सर्म से नजरे दूसरी तरफ कर धीरे से - हा
अभय बहोत खुश होता है अभय आसा के कान मे धीरे से - बहोत सेक्सी हॉट लग रही थी आप मा आगे से भी ऐसे ही देखने के लिये मिलेगा
आसा सर्म से धीरे से - सोचुगी
अभय नाराज होते हुवे - ठीक है
आसा अभय को नाराज देख अभय के गाल सेहलाते हुवे सर्म से- नाराज मत हो ठीक है
अभय बहोत खुश होता है और आसा के होठो पे किस करते हुवे - मा आप बहोत अच्छी है
आसा हस्ते हुवे - अच्छा जी
अभय खरा होके जाते हुवे - हा मे ऑन्टी के घर होके आता हु
आसा मुस्कुराते हुवे - ठीक है बेटा

अभय के जाने के बाद आसा सर्म से मन मे - मेने मोबाइल मे मॉडल को देखा तो पता नही कियु मेने बेटे के सामने वैसे पोस् मारी लेकिन लाला को पसंद आया तो मुझे बहोत खुशी मिली उफ़ लाला कि बाते हरकते

अभय बाइक लेके मिनिता के घर आता है

अभय अंदर जाता है तो मिनिता काजल कोमल बैठे हुवे बाते कर रहे थे

मिनिता अभय को देख - बेटा आओ तेरी ही बाते कर रहे थे
काजल मुस्कुराते हुवे - हा कियुंकी अभय बेटा दुल्हा जो बनने वाला है

अभय सभी को देख- बाते तो आराम से करेगे रात को लेकिन अभी मे काजल बुआ को लेने आया हु

अभय की बात सुन सब हैरान हो जाते है

काजल मन मे - अभय बेटा मुझे कियु लेने आया है
मिनिता अभय को देख - कियु कहा लेके जाने का इरादा है
अभय मुस्कुराते हुवे - सीक्रेट है नही बता सकता
कोमल - कियु नही बता सकता
अभय कोमल को देख - आज नही फिर कभी बता दुगा
कोमल - हा हा लेजा अपनी बुआ को
अभय काजल को देख - चले बुआ
काजल - ठीक है
मिनिता हस्ते हुवे - कही मेरी ननद को लेके मत भाग जाना
अभय मुस्कुराते हुवे - नही भागूगा
अभय बाइक पे बैठ जाता है काजल भी बैठ जाती है अभय फिर निकल परता है

काजल - अभय बेटा साम ढल चुकी है मुझे कहा लेके जा रहे हो
अभय - आपको मुझपे भरोसा है ना
काजल - भरोसा नही होता तो मे आती क्या
अभय - तो फिर इंतज़ार कीजिये पता चल जायेगा

अभय काजल को भी समुद्र किनारे लेके आता है अभय ने काजल का हाथ थामे हुआ था काजल ने भी दोनो समुद्र की तरफ देखते है काजल हैरान कंफ्यूज थी अभय उसे यहा कियु लाया है लेकिन सांत खूबसूरत लहरों के टकराने की आवाज काजल को सुकून पहुॅचा रही थी

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अभय काजल का हाथ पकर किनारे समुंदर को देखते हुवे - बुआ कैसा लगा नजारा
काजल समुद्र को देखते हुवे -सच मे बहोत खूबसूरत है बेटा मेने आज पहली बार समुद्र को इतने पास से देख रही हु और इस समय ढलते सूरज की लालिमा समुद्र को बहोत खूबसूरत बना रही है


अभय फिर काजल को प्यार से देखता है और अपने एक घुटने पे आके काजल का एक हाथ पकर काजल को प्यार से देखता है काजल अभय को ये सब करता देख सॉक हो जाती है

अभय काजल को देख - बुआ मे जो कहने वाला हु वो आपकी नजर मे गलत होगा फिर भी मे कहुंगा आप का जो फैसला होगा मुझे सविकार् होगा

अभय काजल को थोरि देर देखता फिर

अभय - बुआ आप मेरी जिंदगी मे आई आपके साथ मस्ती मजाक वक़्त गुजरते हुवे मुझे पता भी नही चला मे कब आपसे प्यार कर बैठा रात जो हुआ आपको रोते देखा तो मेरा दिल दर्द करने लगा उसके बाद मेरे दिल मे जो आपके लिये फीलिंग थी समझ मे आई

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बुआ मुझे पता है आपकी नजरो मे ये गलत है आप शादी सुधा है मुझे पता है आप मुझे ना कहेगी फिर भी बुआ मे अपने दिल की बात कहे बगैर नही रह सकता ( अभय काजल की आखो मे देख) मुझे बस आपका प्यार चाहिये क्या आप मेरी गिर्लफ्रेंड बनेगी

अभय काजल को देख काजल के कुछ कहने का इंतज़ार करने लगता है काजल तो शोक अभी भी अभय को देखती रहती है 2 मिनट बाद काजल अपने होस मे आके अभय को देख

काजल - बेटा तु सब जानता है फिर भी हा तुम सही हो मे अपने पति को धोका नही दे सकती मे कैसे सब के पीट पीछे तुम्हारे साथ गिर्लफ्रेंड बन रेह सकती हु रात जो हुआ उसमे मेरी भी गलती थी उसे भूल जाओ और तेरे दिमाग मे जो है उसे भी बेटा मेरी बात का बुरा मत मानना तुम भी जानते हो अच्छे से कोई बीवी अपने पति बच्चे सब को धोका देगी फिर आगे सब को जब पता चलेगा तो सब बर्बाद हो जायेगा बेटा मे अपने पति बच्चो से बहोत प्यार करती हु मे कैसे फिर सबसे सामने अपना मुह लेके जाउंगी माफ करना बेटा चलो घर चलते है कभी कभी इंसान गलती करने के बाद उसे एहसास होता है उनसे गलती हुई है हमारे बीच जो भी हुआ मुझे उसका पचतावा नही है लेकिन अब सब भूल जाओ मुझे एहसास हो चुका है

अभय काजल की बाते सुन मुस्कुराते हुवे - हा आपकी हर एक बात सही है बुआ मे मानता भी हु मेरी मा अगर ऐसा करती मुझे पता चलता तो मुझे भी बहोत बुरा लगता तो मे समझ सकता हु मुझे बस आपको अपने दिल की बात बतानी थी ताकि आगे कभी मुझे ये सोच पचतावा ना हो की अगर मेने दिल की बात कही होती तो क्या रिजल्ट आता लेकिन अब मालूम है

अभय दिल का बहोत साफ अच्छा लरका था इस लिये काजल की बातो से अच्छे से सेहमत था और अभय के लिये आगे कहने लायक कुछ नही था अभय कोई मतलबी इंसान नही था तो अभय ने काजल के कहे गये बातो का मान रखा लेकिन दिल मे दर्द था उसे दबा दिया

अभय खरा होके काजल को देख - बुआ प्लेस मुझे गलत मत समझना
काजल अभय को देख - नही सम्झुगी

अभय बाइक पे आके बैठ जाता है काजल भी बैठ जाती है अभय बाइक लेकर निकल परता है अभय के आखो से आसु निकल परते है बाइक तेज थी तो हवा के साथ आसु भी गायब हो जाते है अभय एक हाथ से आसु साफ करता है काजल अंजान जो हुआ उसी के सोच मे गुम थी

अभय मिनिता के घर आता है और काजल नीचे उतर अभय को देखती है अभय सीने मे दर्द छुपाये अपने नॉर्मल अंदाज़ मे मुस्कुराते हुवे - हॉट बुआ मे चलता हु रात को सब आइये गा बाते करेगे

काजल हैरान थी उसे लगा था अभय नाराज मायूस होगा लेकिन अभय नॉर्मल था बस ये काजल को लगता था लेकिन अभय अपना दर्द वाला चेहरा दिखाना नही चाहता था वजह अभय नही चाहता था काजल उसपे दया तरस खाये ना अभय काजल को दया तरस दिखा के हासिल करना पाना चाहता था अगर ऐसा करना होता तो अभय बीच पे ही काजल के पैर पे गिर रोते गिरगिराते काजल को मनाने की कोसिस करता

काजल अभय को देख - ठीक है बेटा आया तो है ही
अभय मुस्कुराते हुवे - जी चलता हु

अभय बाइक लेके घर जाने लगता है काजल अभय को जाते देखती रहती है

आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏🙏
Bahot khoob behtareen shaandar update
Bua ne tow dil tod dia Abhay ka lekin unki bhi majboori h kia kar sakte h
Bahar haal dekte h aage kia hota h
 

Shivraj Singh

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Bhai story me female bahut hai. Par ek sex ke ilawa aur koi sex hai hi nahi. Yaar hero ke sath minita kajal mamata Jeet aur Jeetu ki maa behene hai. Shila aur madhu komal asha Namitha aur humari sabse pyari aditi hai. Par aditi se oral ho aur har kunwari se par sex shadi ke bad hi ho. Tab Tak chudi chudayi hai hi. Pavitra puja aur Payal bhi to hai.
 

Naik

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chapter 36

टीनू बंगलो

आरोही अपनी दोस्त जिसका नाम रिया होता है उसके पास आके - रिया तुमने बात करनी है अकेले मे

रिया आरोही की उमर की ही थी गरीब घर से थी दोनों अच्छे दोस्त थे

रिया आरोही को देख - हा ठीक है चलो
आरोही रिया को एक कमरे मे लेके आती है दोनों बिस्तर पे बैठ जाते है

रिया आरोही को देखते हुवे - हा तो आरोही क्या बात करनी है
आरोही रिया को देख - रिया तुम नही चाहती ऐसी लाइफ जीना जैसी मे जी रही हु

रिया आरोही को देखती है फिर घर की दीवार देखते हुवे - आरोही मे नही हर कोई अमीर वाली लाइफ जीना चाहेगा लेकिन चाहने से सब मिल नही जाता

आरोही रिया को देखते हुवे - तुम सही तो लेकिन कभी कभी मिल भी जाता है
रिया आरोही को देख - तुम्हारे कहने का क्या मतलब है

आरोही - मुझे पता है तुम्हारे घर की हालत खराब है
रिया आरोही को अजीब नजरो से देख - तो क्या
आरोही - मे सीधे साफ बोलती हु..............

रिया आरोही को गुस्से से - तू चाहती है मे अपना जिस्म बेच पैसे कमाऊ आरोही तु कितनी गिरी हुई लरकी है ये पैसा अमीरों वाला लाइफ तुझे ही मुबारख मे जा रही हु तेरी जैसी दोस्त ना होना ही अच्छा है

रिया गुस्से से बंगलो से निकल जाते हुवे मन मे - छि सोचा नही था आरोही इतनी गिर जायेगी अब समझ मे आ रहा है सब

आरोही टीनू अमर के पास आके बैठ जाती है आरोहो बहोत गुस्से मे थी

टीनू हस्ते हुवे - क्या हुआ इतना गुस्से मे कियु है और वो रिया भी गुस्से से गई है यहा से
आरोही गुस्से से लाल - उस कमीनी ने मुझे गिरी हुई लरकी कहा कसम खा के केह रही हु उसका गुमान तोर दुगी मेने सोचा आराम से मान जायेगी लेकिन साली बहोत संस्कारी अच्छी लरकी निकली

अमर आरोही को देख - छोटी वो तुम्हारी दोस्त है तो क्या तुम्हे नही पता था वो कैसी लरकी है

आरोही अमर को देख - पता था भाई बहोत अच्छी लरकी है लरको के चक्कर मे नही परती लेकिन मुझे लगा पैसों के आगे

अमर आरोही को समझाते हुवे - छोटी पैसा सब को बदल देता है लेकिन हर किसी को नही पैसे से हम सब हासिल नही कर सकते

आरोही अमर को देख पागलो की तरह हस्ते हुवे - हा हा हा अच्छा ऐसा है तो ताकत से हासिल तो क्या जा सकता है उस कमीने को सजा तो मिल कर रहेगी उसकी इज़त जिसकी वजह से उसने मुझे गिरी हुई कहा लुटवा दुगी रण्डी बना दुगी उसे

टीनू आरोही को देख मन मे - मे कमीना लेकिन आरोही तो अलग लेवल की पागल लरकी निकली अच्छा है

टीनू आरोही को देख मुस्कुराते हुवे - बाकी सब भी चले गये अब हमारा क्या कियु ना तुम मजे देदो

अमर टीनू को देख गुस्से से - ओये मेरे सामने मेरी बेहन से ऐसी बात कर रहा है

अमर खरा होके अपना पैंट नीचे कर देता है

अमर मुस्कुराते हुवे टीनू को देख - सही कहा अब तो मेरी छोटी बेहन ही हमे फुल मजे देगी

आरोही दोनों को देख मुस्कुराते हुवे - ठीक है मे रेडी हु मेरी चुत भी

आरोही की बात सुन अमर टीनू मुस्कुराते हुवे एक दूसरे को देखते है फिर पुरा नँगा हो जाते है

आरोही दोनों के खरे टाइट लंड देख मुस्कुराते हुवे अमर टीनू के पास आते नीचे घुटनों पे बैठ दोनों लंड देख - हु मजा आयेगा

अमर - छोटी अच्छे से चुसना
टीनू - मेरा भी

आरोही दोनों को देख मुस्कुराते हुवे - चिंता मत करो मजे से चूस कर तुम दोनों के लंड का एक साथ स्वाद लुगी

अमर टीनू एक दूसरे के समाने खरे थे आरोही बीच मे बैठी हुई थी

आरोही टीनू के लंड को पकर हिलाने लगती है तो वही अपने भाई के लंड को मुह मे लेके मजे से चूसने लगती है अमर टीनू आह करते है
दोनों आरोही को देख और जोस मे आ रहे थे ( टीनू अमर को देख - यार तेरी भी बेहन बरे मजे से तेरा लंड चूस कर रस पी रही है) ( अमर उफ मेरी छोटी है ही कमाल की आह छोटी और मुह मे अंदर लेके चूस

अमर टीनू मजे से आह उफ किये जा रहे थे आरोही अपने भाई का लंड 2 मिनट चूसने के बाद टीनू के लंड को मुह मे लेके चूसने लगती है
टीनू आरोही को अपना लंड चुस्ता देख - उफ आरोही यार तुम सच मे कमाल को उफ किया लंड चुसती तो आह मजा आ रहा है 5 मिनट बाद

आरोही का मुह लार से सना हुआ था आरोही के होठों से लार टपक रहे थे आरोही अपनी जिब होठों पे फेरा के सब चट कर जाती है

आरोही अमर टीनू को देख मुस्कुराते हुवे - तो लंड का स्वाद एक बार मे लेके मजा आया

अमर आरोही को देख मुस्कुराते हुवे - हमे भी अपनी चूस के रस का मजा तो छोटी बेहन
टीनू - हा हमे भी तेरी चुत के रस को पीना है मजे से

आरोही खरे होके दोनों को देख - उफ जरूर पिलाऊँगी

आरोही एक एक कर सारे कपड़े निकाल पूरी नंगी होके दोनों के सामने खरी हो जाती है अमर टीनू तो बस आखे फ़ारे देखते रखते है आरोही दोनों को देख मन मे - साली कमीनी अदिति तुझसे कब मे नही मेरे पीछे भी कई दीवाने है इंतज़ार कर मेरा उसके बाद रोना है तुझे

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अमर अपनी छोटी बेहन को नँगा खरा देख चुत चुचे पे नजर डालते हुवे - छोटी बेहना जब भी तुझे ऐसे नंगे देखता हु तो लगता है पहली बार देख रहा हु तुझसे तेरी नंगी बॉडी से मेरी नजर ही नही हटती है
टीनू आरोही को उपर से नीचे तक देखते हुवे - सही कहा अमर तेरी बेहन भी किसी से कम नही देख उसकी चुचे कमर और सबसे बरा खजाना उसकी फूली टाइट रसिलि चुत उफ रुका नही जा रहा

आरोही दोनों को देखती है उसके बाद कमरे की तरफ नंगी गांड कमर हिलाते हुवे जाने लगती है पीछे से अमर टीनू भी आरोही के पीछे जाने लगते है

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अमर टीनू की नजर तो आरोही के हिलते गांड पे ही थी आरोही जान बुझ कर अपनी कमर गांड मटका कर चल रही थी ताकि दोनों को अपने हुसन से पागल कर सके

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आरोही कमरे मे आके बिस्तर पे लेत मुस्कुराते हुवे अमर टीनू को देखते हुवे - आजाओ अब रुकने की जरूरत नही है आज अच्छे से मजे दुगी और लुंगी भी

अमर टीनू दोनों एक दूसरे को देखते है फिर तेजी से आरोही के पास बिस्तर पे चले जाते है

अमर अपनी बहन के चुत पे मुह मार देता है टीनू आरोही के एक बार मे दो हमले से आरोही आह करते हुवे सिसकिया लेने लगती है टीनू मजे से आरोही के चुचे मुह मे लेके पीने लगता है अमर चुत को मुह मे लेके मजे से चूसने जिब से चाटने लगता है एक साथ चुचे चुत पे गर्म जिब का हमला आरोही को पागल कर रहा था आरोही का ये पहली बार था दो लोगो के साथ ये एहसास आरोही को और जोस दिला रहा था

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आरोही बिस्तर पे मचल रही थी तेज सासे सिसकिया ले रही थी और अपने चुचे चुत मे टीनू अमर के जिब को चलते गिल कर पागल हुवे जा रही थी ( आरोही आह मा धीरे टीनू तेरे दात लग रहे है आह भाई अच्छे से अपनी बेहन के चुत के अंदर जिब डाल कर रस चूस बहोत है अंदर आह मा भाई आने वाला है तेरे लिये गर्म रस आह भाई भाई आरोही कापते हुवे कमर गांड उठा के झर जाती है अमर सब रस पी जाता है

आरोही पसीने से भीगी हाफ़ते हुवे अमर टीनू को देख - उफ तुम दोनों ने मेरी इतने मे हालत खराब कर दी

अमर टीनू आरोही को देख मुस्कुराते हुवे - अभी तो मैन खेल बाकी है
आरोही दोनों को देख मुस्कुराते हुवे - पता है

अमर आरोही को देख - छोटी अब कैसे करेगे क्या तुम दोनों छेद मे लोगी हम दोनों का एक साथ

आरोही हैरानी से - बिल्कुल नही गांड मे नही पहले उनका हक है एक एक कर के आओ जब पति जी मेरी गांड मार लेगे फिर एक साथ लुगी दोनों लंड

अमर - अच्छा ठीक है ( अमर टीनू को देख) तुम जाओ पहले
टीनू अमर को देख मुस्कुराते हुवे - समझ गया

आरोही अपनी टांगे फैला देती है टीनू आरोही के टाँगों के बीच आके बैठ जाता है आरोही टीनू को देख रही थी अमर खरा टीनू आरोही को

टीनू अपना लंड पकर आरोही के चुत मे घुसाने लगता है आरोही के चेहरे पे दर्द आने लगता है टीनू अपना लंड पुरा आरोही कि चुत मे घुसा देता है आरोही दर्द मे - उई मा मर गई करते बिस्तर जोस से पकर लेती है

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अमर सब देख रहा था अपनी छोटी बेहन को चुदते हुवे दर्द मे ये सीन देख अमर को एक अलग मजा आने लगता है अमर का लंड फुल टाइट नशे फटने लगती है आरोही दर्द मे अमर को देख मुस्कुरा देती है अमर अपना लंड पकर धीरे धीरे हिलाने हुवे अपनी बेहन कि चुदाई देखने लगता है

आरोही बिस्तर पे लेती अपनी दोनों टांगे पूरी फैलाये हुवे थी बीच मे टीनू आरोही के कमर को दोनों हाथो से कमर तेज तेज धक्का मारने लगता है टीनू का लंड तेजी सी आरोही के चुत के अंदर बाहर हो रहा था आरोही को दर्द होने लगता है आरोही टीनू को देख - आह मा टीनू बहोत दर्द हो रहा है यार धीरे कर ना ( लेकिन टीनू आरोही को देख मुस्कुराते हुवे - तेरी चुत बहोत गर्म है मेरी जान धीरे करू ये ले ( टीनू अपना लंड पीछे कर एक जोर का धक्का मारता आरोही को बहोत दर्द होता है आरोही दर्द मे रोते हुवे टीनू का देख मर गई कहा था धीरे करने को मा आह उफ बहोत दर्द हो रहा है

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आरोही अपने भाई को देखती है जो लंड हिलाये आरोही को देख रहा था आरोबि आखो मे आसु लिये आह भाई अपनी छोटी बेहन को चुदते देख कैसा फिल मजा आ रहा है आह भाई दर्द हो रहा है ( अमर आरोही के पास आके - छोटी दर्द मे मजा है सेह ले ( आरोही आखो मे आसु लिये - भाई आपने सही कहा आह मर गई रे ( आरोही टीनू को देखती है टीनू जोर जोर से धक्के मारने लगता है ( आरोही रोते हुवे बस कर टीनू तेज मत कर मर गई ( टीनू आरोही को देख हाफ़ते हुवे मेरा पानी निकलने वाला है करते हुवे एक तेज धक्का मार देता है आरोही दर्द से चिल्ला परती है


टीनू बिस्तर पे लेत तेज तेज सासे लेने लगता है आरोही आखो मे आसु लिये अपने भाई को देख - भाई अब आपकी बारी

आरोही पास से एक चादर सी चुत को अच्छे से साफ करने के बाद अमर को देख मुस्कुराते हुवे - आ जाइये भाई आपकी छोटी बेहन रेडी है चुदने को भाई का लंड लेके को

अमर तो पहले से ही सब देख पुरे जोस मे था अमर जल्दी से अपनी बेहन के ऊपर आके आरोही को देखते हुवे अपना लंड चुत पे रख धीरे धीरे अंदर घुसाने लगता है आरोही दर्द से आह भाई आराम से

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अमर आरोही को देख अंदर अंदर चुत मे घुसाते हुवे - बेहना उफ आज मे नही रोक पाऊगा थोरा भी ( अमर जोर का धक्का मार बाकी लंड भी पुरा अंदर अपनी छोटी बेहन की चुत मे घुसा देता है आरोही दर्द मे तरप् के रोते हुवे अमर का देख - भाई बहोत दर्द हुआ आह मा

अमर आरोही के दोनों मोटे जांघों को पकर पुरा फैलाये तेज तेज धक्का मारना सुरु करता है अमर आज टीनू बेहन कि चुदाई देख बहोत जोस मे था अमर के तेज धक्के से आरोही की पूरे बॉडी हिल रहे थे साथ मे आरोही के बरे चुचे भी हिल रहे

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अपने भाई के तेज धक्के और सत् सत् अपनी चुत मे भाई का लंड अंदर बाहर जाता मेहसूस कर आरोही को मजे से साथ दर्द भी बहोत हो रहा था ( आरोही अमर को देख रोते हुवे भाई बहोत दर्द दे रहे हो अपनी छोटी बेहन को लेकिन मे सेह लुगी आह भाई चोदिये अपनी छोटी बेहन को जैसे चोदना है ( आरोही बिस्तर कस के पकरे आखो मे आसु किये आह उफ करते रहती है

टीनू दोनों भाई बेहन की चुदाई देख टीनू का भी जोस चढ़ जाता है टीनू आरोही के मुह के पास आके आरोही के मुह मे लंड घुसा देता है आरोही आरोही भी दर्द मजे ने टीनू के लंड चूसने लगती साथ मे अपने भाई के लंड लिये जा रही थी टीनू भाई बहन कि चुदाई देख जोस से भरा जा रहा था अमर अपनी बहन को मजे से चुदते टीनू का लंड चूसते देख और जोस से भर जाता है

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अमर और तेज तेज धक्का मारने लगता है आरोही को और तेज दर्द होने लगता हो आरोही आखो मे आसु लिये टीनू का लंड चूस कर पीती रहती है भाई का लंड लेती रहती हो दर्द सेहती रहती है

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अमर झरने वाला था तो जल्दी से अपनी छोटी बेहन के ऊपर आके और तेज तेज धक्के मारने लगता है आरोही टीनू का लंड मुह से निकाल आरोही दर्द मे रोते हुवे - भाई भाई बहोत दर्द होता रहा है भाई प्लेस प्लेस धीरे करो मर गई मा रुक जा भाई प्लेस टीनू रोक ना भाई को मर जाउंगी आरोही रोती रहती है दर्द मे चिल्लाती रहती है

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अमर धक्का मारते हुवे उफ बेहन आज नही आह उफ मेरा निकलने वाला है अमर एक तेज धक्का मारता है आरोही दर्द मे जोर से चिल्लाती है रोने लगती है अमर बहोत सारा पानी अपनी छोटी बेहन के चूत मे छोर देता है अमर अपना लंड जब बाहर निकालता है तो आरोही के चुत से अमर का ढेर सारा माल बाहर निकलने लगता है

अमर हाफ़ते हुवे बिस्तर पे गिर जाता है आरोही आखो मे आसु लिये पसीने से भीगी बिस्तर पे टांगे फैलाये लेती रहती है आरोही कि भी हालत खराब थी तेज सासे लिये जा रही थी टीनू सब देख उसे अलग कि मजा मिल रहा था और टीनू का जोस फिर हाई हो गया एक भाई को अपनी बेहन की चुत मे माल छोरते हुवे टीनू का लंड फिर खरा हो गया

टीनू आरोही के के पास आके टांगे फैला के आरोही के ऊपर आ जाता है आरोही टीनू को ऐसा करता देख डरते हुवे कापते हुवे - टीनू मत कर मेरी हालत खराब है नही ले पाउंगी लेकिन टीनू एक बार मे ही पुरा लंड आरोही कि चुत मे घुसा देता है आरोही दर्द से चिल्ला परती है

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टीनू आरोही को देख तेज तेज धक्का मारते हुवे - आरोही तुम भाई बहन कि चुदाई देख रोक नही पाया माफ करना आज तो अच्छे से तेरी चुदाई करुगा ( आरोही टीनू को देख रोते हुवे हट जा टीनू बहोत जलन दर्द हो रहा है प्लेस मान जा आह मा आज मर गई ( आरोही अमर को देख आखो मे आसु लिये - भाई प्लेस टीनू को रोक ना
अमर आरोही को देख - बेहना सेह ले मजा मे भी फिर करुगा
आरोही डर से रोते हुवे - मेरी ही गलती है मर गई मा मेरी चुत

1 घंटे तक अमर टीनू आरोही कि चुदाई करते रहते है यहा गलती आरोही कि थी भाई बहन की चुदाई देख टीनू जोस मे आ जाता था अपनी बहन टीनू कि चुदाई देख अमर आज टीनू अमर को अलग ही मजा आया आरोही की चुदाई कर की लेकिन आरोही कि हालत खराब कर दी दोनों ने

आरोही कापते पैरों के साथ खरी होके कपड़े धीरे धीरे पेहन अमर टीनू को रोते हुवे - कमीने कुत्ते जान निकाल दी मेरी

अमर टीनू आरोही को देख मुस्कुराते हुवे - अब तो रोज हम तेरी साथ मे लेगे

( रात 9 बजे अभय के घर )

आँगन के बीच चटाई बीछि हुई थी आसा मिनिता काजल अभय बैठे हुवे थे कमरे मे अदिति कोमल बाते कर रहे थे

मिनिता आस को देख - दीदी शोपिंग मे बहोत मजा आया ना
आसा मुस्कुराते हुवे - हा बहोत मजा आया
काजल - मे तो पहली बार मॉल मे गई थी
आसा मिनिता - हम भी

अभय तीनों को देख मुह बना के - शादी की शोपिंग करनी थी इस लिये नही तो मे कभी भी फिर लडिस के साथ शोपिंग पे ना जाऊ कितना वक़्त लगाती है तैयार होने मे 1 घंटे खरीदारी मे भी भी हद है

आसा मिनिता काजल अभय को घूर के देखते है अभय डर से पसीने से - मे तो बस मजाक कर रहा था

मिनिता अभय को देख अजीब नजरो से - दीदी केह तो रहा है लेकिन शादी के बाद खुद बीवी को लेके जायेगा

काजल भी घूर के अभय को देख - भाभी आपने बिल्कुल सही कहा
आसा अभय को देख - जायेगा है खुद नही जायेगा फिर भी जाना परेगा लाला बीवी के कई नखरे उसकी हर जरूरत मर्द को ही पूरी करनी परती है

मिनिता हस्ते हुवे - दीदी शादी के बाद खुद समझ जायेगा
काजल - हा अभी तो सिंगल है बीवी आयेगी तब देखते है

अभय सभी को देख खरा होते हुवे - ऐसा है तो देखते है मे चला आप तीन खूबसूरत परी बाते करिये

अभय कमरे मे आके बिस्तर पे लेत दिशा से बाते करने लगता है

मिनिता आसा को देख मुस्कुराते हुवे - आपका लाला क्या कह कर गया सुना ना
काजल हस्ते हुवे - खूबसूरत परी
आसा मुस्कुराते हुवे - लाला न सही तो कहा है

( अदिति के कमरे मे )

अदिति कोमल बिस्तर पे लेते छत को देखते हुवे बाते कर रहे थे

कोमल - अदिति बाल साफ किये नीचे के
अदिति सर्म से लाल होते हुवे - दीदी आप फिर सुरु हो गई
कोमल अदिति को देख - यार अदिति कितना शर्माती है पता भी दे
अदिति सर्म से - हा सुबह नहाते वक़्त कर किया था
कोमल नोर्मलि - अच्छा अभी खुजली हो रही है क्या
अदिति सर्म से - नही

अदिति मन मे - अरे यार खुजली हो रही है लेकिन आपके सामने खुजा भी नही सकती

कोमल गौर से अदिति के चेहरे को देखने लगती है अदिति छत को ही देख रही थी कोमल अदिति के चेहरे को देख फिर नीचे देखती है अदिति अपनी पैर एक दूसरे के ऊपर किये अपनी जांघें सताये हुई थी

कोमल मुस्कुराते हुवे - खुजली हो रही है खुजा ले मे तुझे बहोत सर्म आ रही है तो मे दूसरी तरफ चेहरा कर लेती हु

कोमल दूसरी तरफ चेहरा कर लेत जाती है
कोमल मन मे - अदिति जैसी खूबसूरत कायम बॉडी वाली लरकी आज तक नही देती और सर्मिलि भी दिल की अच्छी साफ भी जब ऑन्टी इतनी खूबसूरत है तो बेटी होगी ही

अदिति कोमल को दूसरी तरफ चेहरा किये देखती है तो जल्दी से अपनी टांगे फैला के जल्दी से उंगली से अपनी गर्म फूली नरम चुत को सेहलाती है तब जाके अदिति को आराम मिलता है

अदिति सर्म से - हो गया
कोमल अदिति की तरफ लेत अदिति को देख - पागल इतना भी मत सरमाया कर
अदिति सर्म से कुछ नही बोल पाती कोमल भी जानती थी अदिति बहोत सर्मिलि है ऐसी बाते करने मे तो दूसरे टॉपिक पे बाते करने लगती है

( अभय कमरे मे )

अभय हस्ते हुवे - कोन कोन कलर की चड्डी बिकनी ली है
दिशा सर्म से - खुद देख लेना
अभय जोस मे - अभी आ जाऊ क्या
दिशा हैरानी से जल्दी से - पागल है क्या मेरे कहने का मलतब आपकी बीवी बन आपके घर आउंगी तब
अभय हस्ते हुवे - अच्छा जब तुम आओगी तो कोन बेवकूफ चड्डी बिकनी देखेगा मे तो सीधा

दिशा सर्म से - बस बस समझ गई आप किया कहने वाले है
अभय हस्ते हुवे - यार कहने भी नही दिया छोरो साली जी सासु मा किया कर रही है
दिशा - मा सो रही होगी पूजा मोबाइल मे लगी होगी

10 मिनट अभय दिशा से बात करता है फिर फोन रख देता है

तभी काजल की बहु ममता का फोन आता है अभय नंबर देख मुस्कुराते हुवे फोन उठा के - हा भाभी बोलिये
ममता - देवर जी क्या हो रहा है
अभय - मे तो कमरे मे दिशा से बात कर रहा था और मा ऑन्टी आपकी सासु मा सब आँगन मे बात कर रहे है

ममता - अच्छा वैसे क्या बाते हो रही थी
अभय हस्ते हुवे - जो एक पति पत्नी के बीच होता है
ममता - अच्छा जी बाते तो कई तरह की की जाती है
अभय मुस्कुराते हुवे - प्यार वाली बाते
ममता सर्म से - अच्छा समझ गई लगे रहिये
अभय हस्ते हुवे - हा लगा तो रहुंगा आप बटाइये क्या कर रही है भाई कहा है

ममता - वो सो रहे है मे पीछे हु वो पास आये किस न लिये मेने मना किया कही आप मुझसे नाराज तो इसी लिये फोन क्या

अभय सांत रहता है फिर - भाभी मे कोई खुदगर्ज़ नही हु आपने मुझे एक गीली किस दी जो कोई भी भाभी हो अपने पति के अलावा किसी को नही देगी लेकिन आपके दिया उसके बाद भी मे कैसे नाराज हो सकता हु मे तो आपका दिल से आभार मानता हु और अपने आप को किस्मत वाला भी जो मुझे आपकी गीली किस मिली

अभय की बात ममता को बहोत अच्छी लगती है खुश भी हो जाती है ये जान अभय नाराज नही है

ममता - जान कर खुशी हुई आप नाराज नही है
अभय हस्ते हुवे - हा लेकिन आपके होठो के रस का स्वाद मे कभी भूल नही पऊगा
ममता सर्म से लाल होते हुवे - आप भी ना देवर जी
अभय - भाभी क्या सच मे मुझे फिर कभी आपके होठो का रस पीने के लिये नही मिलेगा
ममता सांत हो जाती है
अभय - माफ करना भाभी आप नाराज मत हो मुह से निकल गया आपके होठो का रस बहोत अच्छा लगा इस लिये

ममता धीरे से - आपको अच्छा लगा मेरे होठो का रस
अभय - कसम से भाभी बहोत मजा आया
ममता सर्म से - ठीक है फिर आयेगें तो पिलाऊँगी
अभय खुश होते हुवे - थैंक्स भाभी आप बहोत अच्छी है
ममता सर्म से - अच्छा मे रखती हु

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तभी मिनिता कमरे मे आके अभय को देख - क्या कर रहे हो अकेले मे
अभय मिनिता को देख मुस्कुराते हुवे - आपका इंतज़ार

अभय उठ कर मिनिता के पास जाके बाहों मे कस आखो मे देख - आपको बाहों मे लेते ही मुझे पता नही कियु बहोत अच्छा फिल होता है

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मिनिता अभय को देख सर्म से - मुझे भी लेकिन बेटा ननद जी भी है तो समझ रहे हो ना ( अभय समझ गया ऑन्टी

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दोनों बिना देरी किये एक दूसरे को किस करना सुरु कर देते है मिनिता मजे से अभय के जिब को मुह मे लेके चूस कर रस पिये जा रही थी अभय भी 2 मिनट बाद

अभय मिनिता को देख - अब आप पुरे अच्छे से ककिस करना सिख गई है
मिनिता सर्म से अभय को देख - तुम्हारी वजह से है अब जाना होगा ननद जी नही होती तो थोरि देर और रुकती

अभय भी मामले को समझ - ठीक है लेकिन मॉल मे जो कहा क्या मुझे मोक्का नही मिलेगा

मिनिता अभय को देखते हुवे - फिर कभी बात करेगे

मिनिता फिर कमरे से बाहर आ जाती है अभय भी बिस्तर पे लेत जाता है

काजल मिनिता को देख - चलो घर चलते है
मिनिता - ठीक है

मिनिता काजल आसा को देख - ठीक दीदी भाभी हम जाते है
आसा - ठीक है

काजल मिनिता बाहर आते है तभी काजल मिनिता को देख - अरे मे अभय से मिल के नही आई क्या तुम
मिनिता ठीक है जाइये

काजल फिर अभय के कमरे मे आती है अभय काजल को देख बैठ - बुआ आप आइये ना

काजल अभय के पास बैठ अभय को देख - तुम मुझसे नाराज तो नही हो ना
अभय काजल को देख - मे भला कियु नाराज होऊगा
काजल - साम जो हुआ
अभय काजल की आखो मे देख - कभी कभी हम जो चाहते है हमे नही मिलता
काजल - अगर तुम चाहते हो तो एक बार तुम जो चाहो मेरे साथ कर सकते हो
अभय काजल की बात सुन पूरी तरह से सॉक हैरान काजल को देखता रहता है 1 मिनट बाद अभय होस मे आता है

अभय काजल को देख मुस्कुराते हुवे - मुझे आपका जिस्म नही चाहिये नही तो मेरे पास कई मोक्के थे उस वक़्त आप भी मुझे अपने आप को रोक नही सकती थी आपकी बाते सुन मुझे दुख हुआ की आप मुझे एक हवसी समझ रही है

अभय के आखो से आसु टपक परते है काजल अभय को देखती रहती है फिर काजल अभय के चेहरे को उपर कर आसु साफ कर अभय को देख - जितना प्यार तेरे दिल मे मेरे लिये है उतना प्यार मेरे दिल मे तेरे लिये भी है

अभय हैरान काजल को देखता है

काजल अभय की आखो मे देख - हा बेटा मे भी तुमसे बहोत प्यार करती हु साम को जब तुमने परपोस् क्या तो मे बहोत खुश हुई थी लेकिन पति बच्चे को सोच तुझे हा नही कर सकी लेकिन उसी के बाद से कुछ घंटे मे ही मेरा दिल अंदर से बहोत रोता रहा मुझे तुम्हारे साथ बाते करना मस्ती करना वक़्त बिताता बहोत अच्छा लगता है खुशी मिलती है बेटा मुझे अच्छे से पता है तुम बहोत अच्छे लरके हो इसी लिये तो मे तुम्हे अपने करीब आने दिया या मे भी तुम्हारे करीब आई अभी जो मेने कहा बस इस लिये कहा कियुंकी मे देखना चाहती थी किया तुम इस मोक्के का फायदा उठाते हो या नही लेकिन तुम्हारे जवाब सुन मुझे तुमसे और भी प्यार हो गया है

काजल अभय के होठो पे किस कर खरी होके अभय को देख - बाहर भाभी मेरा इंतज़ार कर रही है जाना होगा लेकिन आज अभी से तुम मेरे बॉयफ्रेंड मे तेरी गिर्लफ्रेंड

अभय हैरान लेकिन बहोत खुश भी होता है अभय जल्दी से काजल को बाहों मे लेके - आपके आज बहोत दर्द दिया मुझे पता भी है आपकी ना सुन मुझे कितना दर्द हुआ दिल मे
काजल अभय को देख प्यार से - मुझे भी ना केह बहोत दर्द हुआ लेकिन ( काजल सर्म से) तुम जो सजा दोगे मंजूर है

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अभय काजल के कान मे धीरे से - अगर ऐसा है मुझे आपको अच्छे से प्यार करना है तैयार रखना कल हम चलेंगे एक जगह जहा आपको खूब प्यार करुगा वो वाला प्यार डालुगा आपके टांगों के बीच मे जो छेद है उसमे अपना साप
अभय की बात सुन काजल की सासे उपर नीचे होने लगती है काजल सर्म से लाल अभय को देख - अब तो मे तेरी गिर्लफ्रेंड हु जो चाहे कर लेना

ये केह काजल जल्दी से भाग कर बाहर आ जाती है अभय मुस्कुराते देखता रह जाता है काजल बाहर अपने सीने पी हाथ रख सर्म से अपने सास पे काबू कर मिनिता के पास आती है फिर दोनों घर जाने लगते है
तभी मिनिता काजल को देख - अरे कोमल को हम भूल ही गये
काजल अपना सर पकर- सही कहा भाभी आपने

मिनिता - मे बुला के लाती हु

मिनिता कोमल को बुलाने अंदर जाती है लेकिन काजल के कानों मे अभय की बाते भुज रही थी पहली बार काजल से किसी ने ऐसी गंदी बाते कही थी काजल भाभी दो वजह से पहला सर्म दूसरा अभय कि बाते सुन काजल की चुत से पानी निकल आया था

काजल आस पास देखती है फिर सारी के ऊपर से ही चुत साफ करते हुवे मन मे सर्म से - उफ कमीनी तु बस बातो से ही पानी बहाने लगी

तभी मिनिता कोमल भी आ जाते है फिर तीनों घर जाने लगते है

काजल के जाने के बाद अभय अपनी मा के पास आता है आसा बिस्तर पे लेती अभय को देख मुस्कुराते हुवे - आजा मेरे लाल

अभय मुस्कुराते हुवे आसा के ऊपर आके लेत अपनी मा की आखो मे देख - उफ हम सुकून मिला नरम गर्म बिस्तर पे लेत कर
आसा हस्ते हुवे - पागल के ऊपर लेता है मेरे सरीर को बिस्तर बना दिया
अभय हस्ते हुवे - हा कियुंकी आपका बदन बहोत मुलायम है गर्म है और आपके सरीर की खुशबु भी
आसा सर्म से न लाल हो जाती है

अभय आसा की आखो मे देख - मा आज कोई सेक्सी वाला पोस् मार नही दिखाओगी
आसा अभय की आखो मे देख सर्म से - अपनी बीवी को बोलना आई गी तब
अभय अपनी मा के कान मे धीरे से - मा आपकी बात ही अलग है आपका भरा बदन बॉडी की बनावट दूसरी आप मेरी मा है तो आपकी वजह कोई नही ले सकता
आसा खुश शर्मा भी जाती है

आसा अभय को देख सर्म से - ठीक है तुम ही बताओ कोन से पोस् मारू
अभय मोबाइल से एक मॉडल का फोटो दिखाते हुवे - ये वाला मे आपकी ऐसे पोस् मे देखना चाहता हु

काजल जब फोटो देखती है तो सर्म से पानी पानी होते हुवे अभय को देख - छि मा को ऐसे पोस् मे देखेगा
अभय आसा को देख - आप मेरी मा आप मेरी है की नही
आसा अभय को सर्म से - हु ठीक है अपने लाला के लिये तो अब मे एक मॉडल बन ही गई हु

आसा खरी होती है और अभय को देख - बेटा फोटो मे मॉडल लाल सारी ब्लाउस मे है तो मुझे भी वैसे ही सारी ब्लाउस पेहन लेने दे फिर पोस् मारके दिखाउगी

अभय - मा कोई बात नही इसी सारी मे कर सकती है
आसा - नही ना अच्छा नही लगेगा तुझे
अभय अपनी मा को बाहों मे लेके धीरे से - मेरे लिये इतना सब आई लोव यू सेक्सी हार्लिंग मा
आसा सर्म से - आई लोव यू तु लाला

अभय फिर आगे मूर खरा हो जाता है आसा लाल सारी ब्लाउस पेहन रेडी होके सर्म से - ठीक है लाला मे रेडी हु

अभय भी आसा को देख अपने आप को तैयार कर - ठीक है मा

आसा हिम्मत झूठा के शर्म से अभय ने जैसा फोटो मे दिखाया था आसा वैसे ही पोस् मारती है जिसे देख अभय की सासे दिल सब कुछ पल के लिये रुक जाता है यहा तक अभय का लंड पहली बार टाइट होके कई झटका मारता है

आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏🙏
Bahot bahia shaandar update
Bua tow maan gayi ban gayi girlfriend
Dekhte h ab Abhay kaha laker jaata h
Maza maarne
 
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Game888

Hum hai rahi pyar ke
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chapter 36

टीनू बंगलो

आरोही अपनी दोस्त जिसका नाम रिया होता है उसके पास आके - रिया तुमने बात करनी है अकेले मे

रिया आरोही की उमर की ही थी गरीब घर से थी दोनों अच्छे दोस्त थे

रिया आरोही को देख - हा ठीक है चलो
आरोही रिया को एक कमरे मे लेके आती है दोनों बिस्तर पे बैठ जाते है

रिया आरोही को देखते हुवे - हा तो आरोही क्या बात करनी है
आरोही रिया को देख - रिया तुम नही चाहती ऐसी लाइफ जीना जैसी मे जी रही हु

रिया आरोही को देखती है फिर घर की दीवार देखते हुवे - आरोही मे नही हर कोई अमीर वाली लाइफ जीना चाहेगा लेकिन चाहने से सब मिल नही जाता

आरोही रिया को देखते हुवे - तुम सही तो लेकिन कभी कभी मिल भी जाता है
रिया आरोही को देख - तुम्हारे कहने का क्या मतलब है

आरोही - मुझे पता है तुम्हारे घर की हालत खराब है
रिया आरोही को अजीब नजरो से देख - तो क्या
आरोही - मे सीधे साफ बोलती हु..............

रिया आरोही को गुस्से से - तू चाहती है मे अपना जिस्म बेच पैसे कमाऊ आरोही तु कितनी गिरी हुई लरकी है ये पैसा अमीरों वाला लाइफ तुझे ही मुबारख मे जा रही हु तेरी जैसी दोस्त ना होना ही अच्छा है

रिया गुस्से से बंगलो से निकल जाते हुवे मन मे - छि सोचा नही था आरोही इतनी गिर जायेगी अब समझ मे आ रहा है सब

आरोही टीनू अमर के पास आके बैठ जाती है आरोहो बहोत गुस्से मे थी

टीनू हस्ते हुवे - क्या हुआ इतना गुस्से मे कियु है और वो रिया भी गुस्से से गई है यहा से
आरोही गुस्से से लाल - उस कमीनी ने मुझे गिरी हुई लरकी कहा कसम खा के केह रही हु उसका गुमान तोर दुगी मेने सोचा आराम से मान जायेगी लेकिन साली बहोत संस्कारी अच्छी लरकी निकली

अमर आरोही को देख - छोटी वो तुम्हारी दोस्त है तो क्या तुम्हे नही पता था वो कैसी लरकी है

आरोही अमर को देख - पता था भाई बहोत अच्छी लरकी है लरको के चक्कर मे नही परती लेकिन मुझे लगा पैसों के आगे

अमर आरोही को समझाते हुवे - छोटी पैसा सब को बदल देता है लेकिन हर किसी को नही पैसे से हम सब हासिल नही कर सकते

आरोही अमर को देख पागलो की तरह हस्ते हुवे - हा हा हा अच्छा ऐसा है तो ताकत से हासिल तो क्या जा सकता है उस कमीने को सजा तो मिल कर रहेगी उसकी इज़त जिसकी वजह से उसने मुझे गिरी हुई कहा लुटवा दुगी रण्डी बना दुगी उसे

टीनू आरोही को देख मन मे - मे कमीना लेकिन आरोही तो अलग लेवल की पागल लरकी निकली अच्छा है

टीनू आरोही को देख मुस्कुराते हुवे - बाकी सब भी चले गये अब हमारा क्या कियु ना तुम मजे देदो

अमर टीनू को देख गुस्से से - ओये मेरे सामने मेरी बेहन से ऐसी बात कर रहा है

अमर खरा होके अपना पैंट नीचे कर देता है

अमर मुस्कुराते हुवे टीनू को देख - सही कहा अब तो मेरी छोटी बेहन ही हमे फुल मजे देगी

आरोही दोनों को देख मुस्कुराते हुवे - ठीक है मे रेडी हु मेरी चुत भी

आरोही की बात सुन अमर टीनू मुस्कुराते हुवे एक दूसरे को देखते है फिर पुरा नँगा हो जाते है

आरोही दोनों के खरे टाइट लंड देख मुस्कुराते हुवे अमर टीनू के पास आते नीचे घुटनों पे बैठ दोनों लंड देख - हु मजा आयेगा

अमर - छोटी अच्छे से चुसना
टीनू - मेरा भी

आरोही दोनों को देख मुस्कुराते हुवे - चिंता मत करो मजे से चूस कर तुम दोनों के लंड का एक साथ स्वाद लुगी

अमर टीनू एक दूसरे के समाने खरे थे आरोही बीच मे बैठी हुई थी

आरोही टीनू के लंड को पकर हिलाने लगती है तो वही अपने भाई के लंड को मुह मे लेके मजे से चूसने लगती है अमर टीनू आह करते है
दोनों आरोही को देख और जोस मे आ रहे थे ( टीनू अमर को देख - यार तेरी भी बेहन बरे मजे से तेरा लंड चूस कर रस पी रही है) ( अमर उफ मेरी छोटी है ही कमाल की आह छोटी और मुह मे अंदर लेके चूस

अमर टीनू मजे से आह उफ किये जा रहे थे आरोही अपने भाई का लंड 2 मिनट चूसने के बाद टीनू के लंड को मुह मे लेके चूसने लगती है
टीनू आरोही को अपना लंड चुस्ता देख - उफ आरोही यार तुम सच मे कमाल को उफ किया लंड चुसती तो आह मजा आ रहा है 5 मिनट बाद

आरोही का मुह लार से सना हुआ था आरोही के होठों से लार टपक रहे थे आरोही अपनी जिब होठों पे फेरा के सब चट कर जाती है

आरोही अमर टीनू को देख मुस्कुराते हुवे - तो लंड का स्वाद एक बार मे लेके मजा आया

अमर आरोही को देख मुस्कुराते हुवे - हमे भी अपनी चूस के रस का मजा तो छोटी बेहन
टीनू - हा हमे भी तेरी चुत के रस को पीना है मजे से

आरोही खरे होके दोनों को देख - उफ जरूर पिलाऊँगी

आरोही एक एक कर सारे कपड़े निकाल पूरी नंगी होके दोनों के सामने खरी हो जाती है अमर टीनू तो बस आखे फ़ारे देखते रखते है आरोही दोनों को देख मन मे - साली कमीनी अदिति तुझसे कब मे नही मेरे पीछे भी कई दीवाने है इंतज़ार कर मेरा उसके बाद रोना है तुझे

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अमर अपनी छोटी बेहन को नँगा खरा देख चुत चुचे पे नजर डालते हुवे - छोटी बेहना जब भी तुझे ऐसे नंगे देखता हु तो लगता है पहली बार देख रहा हु तुझसे तेरी नंगी बॉडी से मेरी नजर ही नही हटती है
टीनू आरोही को उपर से नीचे तक देखते हुवे - सही कहा अमर तेरी बेहन भी किसी से कम नही देख उसकी चुचे कमर और सबसे बरा खजाना उसकी फूली टाइट रसिलि चुत उफ रुका नही जा रहा

आरोही दोनों को देखती है उसके बाद कमरे की तरफ नंगी गांड कमर हिलाते हुवे जाने लगती है पीछे से अमर टीनू भी आरोही के पीछे जाने लगते है

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अमर टीनू की नजर तो आरोही के हिलते गांड पे ही थी आरोही जान बुझ कर अपनी कमर गांड मटका कर चल रही थी ताकि दोनों को अपने हुसन से पागल कर सके

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आरोही कमरे मे आके बिस्तर पे लेत मुस्कुराते हुवे अमर टीनू को देखते हुवे - आजाओ अब रुकने की जरूरत नही है आज अच्छे से मजे दुगी और लुंगी भी

अमर टीनू दोनों एक दूसरे को देखते है फिर तेजी से आरोही के पास बिस्तर पे चले जाते है

अमर अपनी बहन के चुत पे मुह मार देता है टीनू आरोही के एक बार मे दो हमले से आरोही आह करते हुवे सिसकिया लेने लगती है टीनू मजे से आरोही के चुचे मुह मे लेके पीने लगता है अमर चुत को मुह मे लेके मजे से चूसने जिब से चाटने लगता है एक साथ चुचे चुत पे गर्म जिब का हमला आरोही को पागल कर रहा था आरोही का ये पहली बार था दो लोगो के साथ ये एहसास आरोही को और जोस दिला रहा था

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आरोही बिस्तर पे मचल रही थी तेज सासे सिसकिया ले रही थी और अपने चुचे चुत मे टीनू अमर के जिब को चलते गिल कर पागल हुवे जा रही थी ( आरोही आह मा धीरे टीनू तेरे दात लग रहे है आह भाई अच्छे से अपनी बेहन के चुत के अंदर जिब डाल कर रस चूस बहोत है अंदर आह मा भाई आने वाला है तेरे लिये गर्म रस आह भाई भाई आरोही कापते हुवे कमर गांड उठा के झर जाती है अमर सब रस पी जाता है

आरोही पसीने से भीगी हाफ़ते हुवे अमर टीनू को देख - उफ तुम दोनों ने मेरी इतने मे हालत खराब कर दी

अमर टीनू आरोही को देख मुस्कुराते हुवे - अभी तो मैन खेल बाकी है
आरोही दोनों को देख मुस्कुराते हुवे - पता है

अमर आरोही को देख - छोटी अब कैसे करेगे क्या तुम दोनों छेद मे लोगी हम दोनों का एक साथ

आरोही हैरानी से - बिल्कुल नही गांड मे नही पहले उनका हक है एक एक कर के आओ जब पति जी मेरी गांड मार लेगे फिर एक साथ लुगी दोनों लंड

अमर - अच्छा ठीक है ( अमर टीनू को देख) तुम जाओ पहले
टीनू अमर को देख मुस्कुराते हुवे - समझ गया

आरोही अपनी टांगे फैला देती है टीनू आरोही के टाँगों के बीच आके बैठ जाता है आरोही टीनू को देख रही थी अमर खरा टीनू आरोही को

टीनू अपना लंड पकर आरोही के चुत मे घुसाने लगता है आरोही के चेहरे पे दर्द आने लगता है टीनू अपना लंड पुरा आरोही कि चुत मे घुसा देता है आरोही दर्द मे - उई मा मर गई करते बिस्तर जोस से पकर लेती है

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अमर सब देख रहा था अपनी छोटी बेहन को चुदते हुवे दर्द मे ये सीन देख अमर को एक अलग मजा आने लगता है अमर का लंड फुल टाइट नशे फटने लगती है आरोही दर्द मे अमर को देख मुस्कुरा देती है अमर अपना लंड पकर धीरे धीरे हिलाने हुवे अपनी बेहन कि चुदाई देखने लगता है

आरोही बिस्तर पे लेती अपनी दोनों टांगे पूरी फैलाये हुवे थी बीच मे टीनू आरोही के कमर को दोनों हाथो से कमर तेज तेज धक्का मारने लगता है टीनू का लंड तेजी सी आरोही के चुत के अंदर बाहर हो रहा था आरोही को दर्द होने लगता है आरोही टीनू को देख - आह मा टीनू बहोत दर्द हो रहा है यार धीरे कर ना ( लेकिन टीनू आरोही को देख मुस्कुराते हुवे - तेरी चुत बहोत गर्म है मेरी जान धीरे करू ये ले ( टीनू अपना लंड पीछे कर एक जोर का धक्का मारता आरोही को बहोत दर्द होता है आरोही दर्द मे रोते हुवे टीनू का देख मर गई कहा था धीरे करने को मा आह उफ बहोत दर्द हो रहा है

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आरोही अपने भाई को देखती है जो लंड हिलाये आरोही को देख रहा था आरोबि आखो मे आसु लिये आह भाई अपनी छोटी बेहन को चुदते देख कैसा फिल मजा आ रहा है आह भाई दर्द हो रहा है ( अमर आरोही के पास आके - छोटी दर्द मे मजा है सेह ले ( आरोही आखो मे आसु लिये - भाई आपने सही कहा आह मर गई रे ( आरोही टीनू को देखती है टीनू जोर जोर से धक्के मारने लगता है ( आरोही रोते हुवे बस कर टीनू तेज मत कर मर गई ( टीनू आरोही को देख हाफ़ते हुवे मेरा पानी निकलने वाला है करते हुवे एक तेज धक्का मार देता है आरोही दर्द से चिल्ला परती है


टीनू बिस्तर पे लेत तेज तेज सासे लेने लगता है आरोही आखो मे आसु लिये अपने भाई को देख - भाई अब आपकी बारी

आरोही पास से एक चादर सी चुत को अच्छे से साफ करने के बाद अमर को देख मुस्कुराते हुवे - आ जाइये भाई आपकी छोटी बेहन रेडी है चुदने को भाई का लंड लेके को

अमर तो पहले से ही सब देख पुरे जोस मे था अमर जल्दी से अपनी बेहन के ऊपर आके आरोही को देखते हुवे अपना लंड चुत पे रख धीरे धीरे अंदर घुसाने लगता है आरोही दर्द से आह भाई आराम से

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अमर आरोही को देख अंदर अंदर चुत मे घुसाते हुवे - बेहना उफ आज मे नही रोक पाऊगा थोरा भी ( अमर जोर का धक्का मार बाकी लंड भी पुरा अंदर अपनी छोटी बेहन की चुत मे घुसा देता है आरोही दर्द मे तरप् के रोते हुवे अमर का देख - भाई बहोत दर्द हुआ आह मा

अमर आरोही के दोनों मोटे जांघों को पकर पुरा फैलाये तेज तेज धक्का मारना सुरु करता है अमर आज टीनू बेहन कि चुदाई देख बहोत जोस मे था अमर के तेज धक्के से आरोही की पूरे बॉडी हिल रहे थे साथ मे आरोही के बरे चुचे भी हिल रहे

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अपने भाई के तेज धक्के और सत् सत् अपनी चुत मे भाई का लंड अंदर बाहर जाता मेहसूस कर आरोही को मजे से साथ दर्द भी बहोत हो रहा था ( आरोही अमर को देख रोते हुवे भाई बहोत दर्द दे रहे हो अपनी छोटी बेहन को लेकिन मे सेह लुगी आह भाई चोदिये अपनी छोटी बेहन को जैसे चोदना है ( आरोही बिस्तर कस के पकरे आखो मे आसु किये आह उफ करते रहती है

टीनू दोनों भाई बेहन की चुदाई देख टीनू का भी जोस चढ़ जाता है टीनू आरोही के मुह के पास आके आरोही के मुह मे लंड घुसा देता है आरोही आरोही भी दर्द मजे ने टीनू के लंड चूसने लगती साथ मे अपने भाई के लंड लिये जा रही थी टीनू भाई बहन कि चुदाई देख जोस से भरा जा रहा था अमर अपनी बहन को मजे से चुदते टीनू का लंड चूसते देख और जोस से भर जाता है

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अमर और तेज तेज धक्का मारने लगता है आरोही को और तेज दर्द होने लगता हो आरोही आखो मे आसु लिये टीनू का लंड चूस कर पीती रहती है भाई का लंड लेती रहती हो दर्द सेहती रहती है

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अमर झरने वाला था तो जल्दी से अपनी छोटी बेहन के ऊपर आके और तेज तेज धक्के मारने लगता है आरोही टीनू का लंड मुह से निकाल आरोही दर्द मे रोते हुवे - भाई भाई बहोत दर्द होता रहा है भाई प्लेस प्लेस धीरे करो मर गई मा रुक जा भाई प्लेस टीनू रोक ना भाई को मर जाउंगी आरोही रोती रहती है दर्द मे चिल्लाती रहती है

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अमर धक्का मारते हुवे उफ बेहन आज नही आह उफ मेरा निकलने वाला है अमर एक तेज धक्का मारता है आरोही दर्द मे जोर से चिल्लाती है रोने लगती है अमर बहोत सारा पानी अपनी छोटी बेहन के चूत मे छोर देता है अमर अपना लंड जब बाहर निकालता है तो आरोही के चुत से अमर का ढेर सारा माल बाहर निकलने लगता है

अमर हाफ़ते हुवे बिस्तर पे गिर जाता है आरोही आखो मे आसु लिये पसीने से भीगी बिस्तर पे टांगे फैलाये लेती रहती है आरोही कि भी हालत खराब थी तेज सासे लिये जा रही थी टीनू सब देख उसे अलग कि मजा मिल रहा था और टीनू का जोस फिर हाई हो गया एक भाई को अपनी बेहन की चुत मे माल छोरते हुवे टीनू का लंड फिर खरा हो गया

टीनू आरोही के के पास आके टांगे फैला के आरोही के ऊपर आ जाता है आरोही टीनू को ऐसा करता देख डरते हुवे कापते हुवे - टीनू मत कर मेरी हालत खराब है नही ले पाउंगी लेकिन टीनू एक बार मे ही पुरा लंड आरोही कि चुत मे घुसा देता है आरोही दर्द से चिल्ला परती है

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टीनू आरोही को देख तेज तेज धक्का मारते हुवे - आरोही तुम भाई बहन कि चुदाई देख रोक नही पाया माफ करना आज तो अच्छे से तेरी चुदाई करुगा ( आरोही टीनू को देख रोते हुवे हट जा टीनू बहोत जलन दर्द हो रहा है प्लेस मान जा आह मा आज मर गई ( आरोही अमर को देख आखो मे आसु लिये - भाई प्लेस टीनू को रोक ना
अमर आरोही को देख - बेहना सेह ले मजा मे भी फिर करुगा
आरोही डर से रोते हुवे - मेरी ही गलती है मर गई मा मेरी चुत

1 घंटे तक अमर टीनू आरोही कि चुदाई करते रहते है यहा गलती आरोही कि थी भाई बहन की चुदाई देख टीनू जोस मे आ जाता था अपनी बहन टीनू कि चुदाई देख अमर आज टीनू अमर को अलग ही मजा आया आरोही की चुदाई कर की लेकिन आरोही कि हालत खराब कर दी दोनों ने

आरोही कापते पैरों के साथ खरी होके कपड़े धीरे धीरे पेहन अमर टीनू को रोते हुवे - कमीने कुत्ते जान निकाल दी मेरी

अमर टीनू आरोही को देख मुस्कुराते हुवे - अब तो रोज हम तेरी साथ मे लेगे

( रात 9 बजे अभय के घर )

आँगन के बीच चटाई बीछि हुई थी आसा मिनिता काजल अभय बैठे हुवे थे कमरे मे अदिति कोमल बाते कर रहे थे

मिनिता आस को देख - दीदी शोपिंग मे बहोत मजा आया ना
आसा मुस्कुराते हुवे - हा बहोत मजा आया
काजल - मे तो पहली बार मॉल मे गई थी
आसा मिनिता - हम भी

अभय तीनों को देख मुह बना के - शादी की शोपिंग करनी थी इस लिये नही तो मे कभी भी फिर लडिस के साथ शोपिंग पे ना जाऊ कितना वक़्त लगाती है तैयार होने मे 1 घंटे खरीदारी मे भी भी हद है

आसा मिनिता काजल अभय को घूर के देखते है अभय डर से पसीने से - मे तो बस मजाक कर रहा था

मिनिता अभय को देख अजीब नजरो से - दीदी केह तो रहा है लेकिन शादी के बाद खुद बीवी को लेके जायेगा

काजल भी घूर के अभय को देख - भाभी आपने बिल्कुल सही कहा
आसा अभय को देख - जायेगा है खुद नही जायेगा फिर भी जाना परेगा लाला बीवी के कई नखरे उसकी हर जरूरत मर्द को ही पूरी करनी परती है

मिनिता हस्ते हुवे - दीदी शादी के बाद खुद समझ जायेगा
काजल - हा अभी तो सिंगल है बीवी आयेगी तब देखते है

अभय सभी को देख खरा होते हुवे - ऐसा है तो देखते है मे चला आप तीन खूबसूरत परी बाते करिये

अभय कमरे मे आके बिस्तर पे लेत दिशा से बाते करने लगता है

मिनिता आसा को देख मुस्कुराते हुवे - आपका लाला क्या कह कर गया सुना ना
काजल हस्ते हुवे - खूबसूरत परी
आसा मुस्कुराते हुवे - लाला न सही तो कहा है

( अदिति के कमरे मे )

अदिति कोमल बिस्तर पे लेते छत को देखते हुवे बाते कर रहे थे

कोमल - अदिति बाल साफ किये नीचे के
अदिति सर्म से लाल होते हुवे - दीदी आप फिर सुरु हो गई
कोमल अदिति को देख - यार अदिति कितना शर्माती है पता भी दे
अदिति सर्म से - हा सुबह नहाते वक़्त कर किया था
कोमल नोर्मलि - अच्छा अभी खुजली हो रही है क्या
अदिति सर्म से - नही

अदिति मन मे - अरे यार खुजली हो रही है लेकिन आपके सामने खुजा भी नही सकती

कोमल गौर से अदिति के चेहरे को देखने लगती है अदिति छत को ही देख रही थी कोमल अदिति के चेहरे को देख फिर नीचे देखती है अदिति अपनी पैर एक दूसरे के ऊपर किये अपनी जांघें सताये हुई थी

कोमल मुस्कुराते हुवे - खुजली हो रही है खुजा ले मे तुझे बहोत सर्म आ रही है तो मे दूसरी तरफ चेहरा कर लेती हु

कोमल दूसरी तरफ चेहरा कर लेत जाती है
कोमल मन मे - अदिति जैसी खूबसूरत कायम बॉडी वाली लरकी आज तक नही देती और सर्मिलि भी दिल की अच्छी साफ भी जब ऑन्टी इतनी खूबसूरत है तो बेटी होगी ही

अदिति कोमल को दूसरी तरफ चेहरा किये देखती है तो जल्दी से अपनी टांगे फैला के जल्दी से उंगली से अपनी गर्म फूली नरम चुत को सेहलाती है तब जाके अदिति को आराम मिलता है

अदिति सर्म से - हो गया
कोमल अदिति की तरफ लेत अदिति को देख - पागल इतना भी मत सरमाया कर
अदिति सर्म से कुछ नही बोल पाती कोमल भी जानती थी अदिति बहोत सर्मिलि है ऐसी बाते करने मे तो दूसरे टॉपिक पे बाते करने लगती है

( अभय कमरे मे )

अभय हस्ते हुवे - कोन कोन कलर की चड्डी बिकनी ली है
दिशा सर्म से - खुद देख लेना
अभय जोस मे - अभी आ जाऊ क्या
दिशा हैरानी से जल्दी से - पागल है क्या मेरे कहने का मलतब आपकी बीवी बन आपके घर आउंगी तब
अभय हस्ते हुवे - अच्छा जब तुम आओगी तो कोन बेवकूफ चड्डी बिकनी देखेगा मे तो सीधा

दिशा सर्म से - बस बस समझ गई आप किया कहने वाले है
अभय हस्ते हुवे - यार कहने भी नही दिया छोरो साली जी सासु मा किया कर रही है
दिशा - मा सो रही होगी पूजा मोबाइल मे लगी होगी

10 मिनट अभय दिशा से बात करता है फिर फोन रख देता है

तभी काजल की बहु ममता का फोन आता है अभय नंबर देख मुस्कुराते हुवे फोन उठा के - हा भाभी बोलिये
ममता - देवर जी क्या हो रहा है
अभय - मे तो कमरे मे दिशा से बात कर रहा था और मा ऑन्टी आपकी सासु मा सब आँगन मे बात कर रहे है

ममता - अच्छा वैसे क्या बाते हो रही थी
अभय हस्ते हुवे - जो एक पति पत्नी के बीच होता है
ममता - अच्छा जी बाते तो कई तरह की की जाती है
अभय मुस्कुराते हुवे - प्यार वाली बाते
ममता सर्म से - अच्छा समझ गई लगे रहिये
अभय हस्ते हुवे - हा लगा तो रहुंगा आप बटाइये क्या कर रही है भाई कहा है

ममता - वो सो रहे है मे पीछे हु वो पास आये किस न लिये मेने मना किया कही आप मुझसे नाराज तो इसी लिये फोन क्या

अभय सांत रहता है फिर - भाभी मे कोई खुदगर्ज़ नही हु आपने मुझे एक गीली किस दी जो कोई भी भाभी हो अपने पति के अलावा किसी को नही देगी लेकिन आपके दिया उसके बाद भी मे कैसे नाराज हो सकता हु मे तो आपका दिल से आभार मानता हु और अपने आप को किस्मत वाला भी जो मुझे आपकी गीली किस मिली

अभय की बात ममता को बहोत अच्छी लगती है खुश भी हो जाती है ये जान अभय नाराज नही है

ममता - जान कर खुशी हुई आप नाराज नही है
अभय हस्ते हुवे - हा लेकिन आपके होठो के रस का स्वाद मे कभी भूल नही पऊगा
ममता सर्म से लाल होते हुवे - आप भी ना देवर जी
अभय - भाभी क्या सच मे मुझे फिर कभी आपके होठो का रस पीने के लिये नही मिलेगा
ममता सांत हो जाती है
अभय - माफ करना भाभी आप नाराज मत हो मुह से निकल गया आपके होठो का रस बहोत अच्छा लगा इस लिये

ममता धीरे से - आपको अच्छा लगा मेरे होठो का रस
अभय - कसम से भाभी बहोत मजा आया
ममता सर्म से - ठीक है फिर आयेगें तो पिलाऊँगी
अभय खुश होते हुवे - थैंक्स भाभी आप बहोत अच्छी है
ममता सर्म से - अच्छा मे रखती हु

फोन कट

तभी मिनिता कमरे मे आके अभय को देख - क्या कर रहे हो अकेले मे
अभय मिनिता को देख मुस्कुराते हुवे - आपका इंतज़ार

अभय उठ कर मिनिता के पास जाके बाहों मे कस आखो मे देख - आपको बाहों मे लेते ही मुझे पता नही कियु बहोत अच्छा फिल होता है

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मिनिता अभय को देख सर्म से - मुझे भी लेकिन बेटा ननद जी भी है तो समझ रहे हो ना ( अभय समझ गया ऑन्टी

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दोनों बिना देरी किये एक दूसरे को किस करना सुरु कर देते है मिनिता मजे से अभय के जिब को मुह मे लेके चूस कर रस पिये जा रही थी अभय भी 2 मिनट बाद

अभय मिनिता को देख - अब आप पुरे अच्छे से ककिस करना सिख गई है
मिनिता सर्म से अभय को देख - तुम्हारी वजह से है अब जाना होगा ननद जी नही होती तो थोरि देर और रुकती

अभय भी मामले को समझ - ठीक है लेकिन मॉल मे जो कहा क्या मुझे मोक्का नही मिलेगा

मिनिता अभय को देखते हुवे - फिर कभी बात करेगे

मिनिता फिर कमरे से बाहर आ जाती है अभय भी बिस्तर पे लेत जाता है

काजल मिनिता को देख - चलो घर चलते है
मिनिता - ठीक है

मिनिता काजल आसा को देख - ठीक दीदी भाभी हम जाते है
आसा - ठीक है

काजल मिनिता बाहर आते है तभी काजल मिनिता को देख - अरे मे अभय से मिल के नही आई क्या तुम
मिनिता ठीक है जाइये

काजल फिर अभय के कमरे मे आती है अभय काजल को देख बैठ - बुआ आप आइये ना

काजल अभय के पास बैठ अभय को देख - तुम मुझसे नाराज तो नही हो ना
अभय काजल को देख - मे भला कियु नाराज होऊगा
काजल - साम जो हुआ
अभय काजल की आखो मे देख - कभी कभी हम जो चाहते है हमे नही मिलता
काजल - अगर तुम चाहते हो तो एक बार तुम जो चाहो मेरे साथ कर सकते हो
अभय काजल की बात सुन पूरी तरह से सॉक हैरान काजल को देखता रहता है 1 मिनट बाद अभय होस मे आता है

अभय काजल को देख मुस्कुराते हुवे - मुझे आपका जिस्म नही चाहिये नही तो मेरे पास कई मोक्के थे उस वक़्त आप भी मुझे अपने आप को रोक नही सकती थी आपकी बाते सुन मुझे दुख हुआ की आप मुझे एक हवसी समझ रही है

अभय के आखो से आसु टपक परते है काजल अभय को देखती रहती है फिर काजल अभय के चेहरे को उपर कर आसु साफ कर अभय को देख - जितना प्यार तेरे दिल मे मेरे लिये है उतना प्यार मेरे दिल मे तेरे लिये भी है

अभय हैरान काजल को देखता है

काजल अभय की आखो मे देख - हा बेटा मे भी तुमसे बहोत प्यार करती हु साम को जब तुमने परपोस् क्या तो मे बहोत खुश हुई थी लेकिन पति बच्चे को सोच तुझे हा नही कर सकी लेकिन उसी के बाद से कुछ घंटे मे ही मेरा दिल अंदर से बहोत रोता रहा मुझे तुम्हारे साथ बाते करना मस्ती करना वक़्त बिताता बहोत अच्छा लगता है खुशी मिलती है बेटा मुझे अच्छे से पता है तुम बहोत अच्छे लरके हो इसी लिये तो मे तुम्हे अपने करीब आने दिया या मे भी तुम्हारे करीब आई अभी जो मेने कहा बस इस लिये कहा कियुंकी मे देखना चाहती थी किया तुम इस मोक्के का फायदा उठाते हो या नही लेकिन तुम्हारे जवाब सुन मुझे तुमसे और भी प्यार हो गया है

काजल अभय के होठो पे किस कर खरी होके अभय को देख - बाहर भाभी मेरा इंतज़ार कर रही है जाना होगा लेकिन आज अभी से तुम मेरे बॉयफ्रेंड मे तेरी गिर्लफ्रेंड

अभय हैरान लेकिन बहोत खुश भी होता है अभय जल्दी से काजल को बाहों मे लेके - आपके आज बहोत दर्द दिया मुझे पता भी है आपकी ना सुन मुझे कितना दर्द हुआ दिल मे
काजल अभय को देख प्यार से - मुझे भी ना केह बहोत दर्द हुआ लेकिन ( काजल सर्म से) तुम जो सजा दोगे मंजूर है

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अभय काजल के कान मे धीरे से - अगर ऐसा है मुझे आपको अच्छे से प्यार करना है तैयार रखना कल हम चलेंगे एक जगह जहा आपको खूब प्यार करुगा वो वाला प्यार डालुगा आपके टांगों के बीच मे जो छेद है उसमे अपना साप
अभय की बात सुन काजल की सासे उपर नीचे होने लगती है काजल सर्म से लाल अभय को देख - अब तो मे तेरी गिर्लफ्रेंड हु जो चाहे कर लेना

ये केह काजल जल्दी से भाग कर बाहर आ जाती है अभय मुस्कुराते देखता रह जाता है काजल बाहर अपने सीने पी हाथ रख सर्म से अपने सास पे काबू कर मिनिता के पास आती है फिर दोनों घर जाने लगते है
तभी मिनिता काजल को देख - अरे कोमल को हम भूल ही गये
काजल अपना सर पकर- सही कहा भाभी आपने

मिनिता - मे बुला के लाती हु

मिनिता कोमल को बुलाने अंदर जाती है लेकिन काजल के कानों मे अभय की बाते भुज रही थी पहली बार काजल से किसी ने ऐसी गंदी बाते कही थी काजल भाभी दो वजह से पहला सर्म दूसरा अभय कि बाते सुन काजल की चुत से पानी निकल आया था

काजल आस पास देखती है फिर सारी के ऊपर से ही चुत साफ करते हुवे मन मे सर्म से - उफ कमीनी तु बस बातो से ही पानी बहाने लगी

तभी मिनिता कोमल भी आ जाते है फिर तीनों घर जाने लगते है

काजल के जाने के बाद अभय अपनी मा के पास आता है आसा बिस्तर पे लेती अभय को देख मुस्कुराते हुवे - आजा मेरे लाल

अभय मुस्कुराते हुवे आसा के ऊपर आके लेत अपनी मा की आखो मे देख - उफ हम सुकून मिला नरम गर्म बिस्तर पे लेत कर
आसा हस्ते हुवे - पागल के ऊपर लेता है मेरे सरीर को बिस्तर बना दिया
अभय हस्ते हुवे - हा कियुंकी आपका बदन बहोत मुलायम है गर्म है और आपके सरीर की खुशबु भी
आसा सर्म से न लाल हो जाती है

अभय आसा की आखो मे देख - मा आज कोई सेक्सी वाला पोस् मार नही दिखाओगी
आसा अभय की आखो मे देख सर्म से - अपनी बीवी को बोलना आई गी तब
अभय अपनी मा के कान मे धीरे से - मा आपकी बात ही अलग है आपका भरा बदन बॉडी की बनावट दूसरी आप मेरी मा है तो आपकी वजह कोई नही ले सकता
आसा खुश शर्मा भी जाती है

आसा अभय को देख सर्म से - ठीक है तुम ही बताओ कोन से पोस् मारू
अभय मोबाइल से एक मॉडल का फोटो दिखाते हुवे - ये वाला मे आपकी ऐसे पोस् मे देखना चाहता हु

काजल जब फोटो देखती है तो सर्म से पानी पानी होते हुवे अभय को देख - छि मा को ऐसे पोस् मे देखेगा
अभय आसा को देख - आप मेरी मा आप मेरी है की नही
आसा अभय को सर्म से - हु ठीक है अपने लाला के लिये तो अब मे एक मॉडल बन ही गई हु

आसा खरी होती है और अभय को देख - बेटा फोटो मे मॉडल लाल सारी ब्लाउस मे है तो मुझे भी वैसे ही सारी ब्लाउस पेहन लेने दे फिर पोस् मारके दिखाउगी

अभय - मा कोई बात नही इसी सारी मे कर सकती है
आसा - नही ना अच्छा नही लगेगा तुझे
अभय अपनी मा को बाहों मे लेके धीरे से - मेरे लिये इतना सब आई लोव यू सेक्सी हार्लिंग मा
आसा सर्म से - आई लोव यू तु लाला

अभय फिर आगे मूर खरा हो जाता है आसा लाल सारी ब्लाउस पेहन रेडी होके सर्म से - ठीक है लाला मे रेडी हु

अभय भी आसा को देख अपने आप को तैयार कर - ठीक है मा

आसा हिम्मत झूठा के शर्म से अभय ने जैसा फोटो मे दिखाया था आसा वैसे ही पोस् मारती है जिसे देख अभय की सासे दिल सब कुछ पल के लिये रुक जाता है यहा तक अभय का लंड पहली बार टाइट होके कई झटका मारता है

आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏🙏
Excellent 👌
 
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