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इस तरह सोचते सोचते ही मैरी आंखे भारी होने लगी थी। पर कोई फैसला न कर पाने की वजह से आखिरकार हारकर मै चुपचाप सो गया।
अल सुबह,गर्मी की है, मैने कूलर के साथ पंखे के परों को भी कष्ट दिया हुआ था। इतवार (रविवार) का दिन , मै "पिछवाड़ा " उल्टा करके सो रहा था, आधा चद्दर मैने अपने मुह तक कोना पकड़ के खींची हुई है,और बाकी चद्दर पैरों की लंबाई तक फस्सीं हुई, बे तरबी से सिकुडी हुई कराह रही थी।
खैर
कुसुम प्रवेश करती हैं कमरे में चाय लेकर ,सारे ठट कर्मों से निवृत् हो कर मतलब फ्रेश हो कर (सुबह के 8 बज चुके हैं) ,
और चुपचाप बेड के पास पड़ी कुर्सी पर पसर के पैर बेड के कौने तक फैलाकर चाय की चुस्सिकियाँ लेते हुए, अपने फैवरेट शगल में व्यस्त अरे वही अपना इंस्टा रील वीडियो और गाने (comedy) वो भी शुद्ध भोजपुरी मे..........
कुकुकू कूक कूक कू******मुर्गवा मोबाइल बाटे***** चोलिया में बोलत बाटे,,, दिन रात करा करे कुहा कुहू,,,, के दा ssssss ना खाइले रे मुर्गवा कुहू रे कू हू........
((अब आप सोच रहे होंगे ये क्या था?? बात दर असल ये है, की मुझ को कोई भी अलार्म की टोन असर नहीं करती थी, और न ही मुझको जगाने में --कामयाब रहती थी, (चूंकि कुसुम पहली पोस्टिंग आगनबॉडी में थी वहा उसकी साथ काम करने वाली ज्यादतर सहेलिया "जिला बस्ती" की थी, (अरे वही निरहुआ, रविकिशन और मनोज तिवारी का इलाका) ये गाना ही वहाँ के DJ का सरताज था))
हाँ ये कर्कश मगर मजेदार गाना बजते ही
मै तो जैसे सेही का काँटा मेरे खुद के पिछवाड़े में लग गया हो,,,,,,,,,ऐसे उठा????????
मै : क्या हैं ये चिल्लाते हुए इसके बाद "नींद की भाषा" में परग्रहियों की तरह बड़बड़ाया हा नहीं तो!!!!!!!! चैन से मुझ को कभी नहीं सोने देती हो??????? हा नहीं तो!!!!!, खुद की नौकरी में तो कोई टेंशन है नहीं, आराम से बैठी रहती हो..... आज छुट्टी के दिन सुबह सुबह मुझसे लड़ने के मूड में हो क्या..??????
अब आया कुसुम को गुस्सा, उसकी भृकुटियाँ (भवें ) तन चुकीं थी, बोली मैंने तो सिर्फ जगाने के लिए इतना मस्त "मुर्गवा" लगाया था। लेकिन देखो न कौन है लड़ने के मूड में?? पत्नियाँ कभी लड़ने के मूड में नहीं रेहतीं, हमेशा पति रहते हैं। हम तो सिर्फ उनका भला ही सोचते हैं, और वो इसे उल्टा ले लेते हैं।
मै कुसुम का ये रूप देखकर डर के मारे फ्रेश होने के लिए बाथरूम में चला गया।
(आप लोगों की जानकारी के लिए बता दूँ, बाथरूम में साबुन, शैंपू, सब है, shaving क्रीम भी)
आज वापस अपने घर जाना था तो मै फ्रेश होकर दाढ़ी बना कर बाथरूम से निकला। मुस्कुराते हुए और मस्त अंगडाई लेकर (ताकि कुसुम समझ जाये की इन चिकनी बगल के पीछे मेरे प्यारे गोरे चिट्टे dove साबुन का बलिदान है) देखो न तुम्हारा dove साबुन shaving क्रीम से भी बेहतर और मुलायम shave बनाता है???
कुसुम: क्या?????? फिर से????? वो झट से बाथरूम में साबुन का विसरा देख कर कराह कर बोली ई ई ई ई ई ई ई ई उसकी घृणा वाली चीख निकल गयी, और आँखें चौडी हो गयीं,scene देख कर उसके साबुन का postmartum के बाद विसरा बिखरा पड़ा था।
कुसुम गुस्से में अतिदेव (अथार्थ पतिदेव)
म म मेरा मतलब पतिदेव, तुम हर चीज की अति कर देते हैं, इसलिए मैं तुमको अब से "अति देव" ही बोलूँगी। देखो तुमने मेरे साबुन को बालों में लपेट दिया? अति देव देखो आज भी shave और "बगल के बाल" मेरे साबुन को लगा लगा कर बनाएं हैं!!!! मुझे बहुत गुस्सा आ रहा है।
कोई न डार्लिंग तुम शैंपू से नहा लेना वैसे भी वो fiama di wilis वाले तुम्हारा
" चूतिया काट" कर तुम्हे शैंपू से नहलाते हैं और तुम उसे कुछ अलग body wash समझ कर खरीद लाती हो। मेरी प्यारी समझदार "ब्यूटी कांसियस बीवी" बेचारी शैंपू से नहाती है........मै पानी लगे बालों को सेट करते हुए बोला।
ये सुन कर कुसुम का चेहरा तो बस फक !!! हैं .... क्या बॉडीवाश् को शैंपू बोल रहे हो ????????
मैने मुस्की मारते कुछ कुछ उसे चिढ़ाते हुए smile दी।
दोबारा मेरा साबुन मत छूना, वरना तुम्हारी खैर नहीं,,,,,,,,,, कुसुम के चेहरे का जियो ग्राफिया पठारी हो चुका था, eyebrows बिलकुल चीनी लडाकों की मुद्रा में
कनपटीयों तक पहुँच चुकी थी।।
मै मुस्कुराते हुए बोला कुसुम के गाल खीचते हुए बोला हाय मेरा chinese गुस्सा
( Chinese गुस्सा इसलिए की हो सकता है हफ़्तों/ महीनों चले और हो सकता है अभी खत्म हो जाए)
तभी मन्दिर से मम्मी वापस आ गयी।
कुसुम... अरुण तुम दोनों सुबह सुबह फिर से शुरु हो गये.. मम्मी हम पति पत्नी की बहस को आखिरी चरण में खतम करने की नसीहत देते हुए बोली।
मम्मी अब आप ही बताओ? अगर कोई आपके प्यारे साबुन से बगल के बाल बना कर उसको बालों से लपेट देगा? तो क्या आप लड़ोगे या चिल्लाओगे नहीं??? और फिर कहोगे की बीवीयाँ झगडा करती रहती हैं? कुसुम मम्मी से बच्चो की तरह मेरी शिकायत करती हुयी बोली।
मम्मी ने मुझ पर ममतामयी डाँट लगाई और कुसुम से बोली बहू अब नाश्ता लगा दे।
ब्रेकफास्ट करते हुए, कुसुम के बनाये बथुए के पराठों की तारीफ करते हुए मै हास्य पूर्ण व्यंग कसते बोला.......अरे वाह!!! क्या हरियाली वाले पराठे हैं, आज तो मैं तृप्त हो गया !!
ये सुनकर आखिर सब की हँसी निकल पड़ी। हाहा हाहा हाहा
सुबह के नौ बजने वाले थे मेरी मम्मी बोली बेटा अरुण आज दोपहर को हमारे जो रिश्तेदार है उन्होंने गृह प्रवेश में आने का न्यौता दिया है, चल थोड़ी देर हम सभी भी होकर आते है। मैने कुसुम की ओर देखा कुसुम अपनी साड़ी लपेट चुकी थी और बालो को आखिरी स्वरुप दे रही थी की तभी मम्मी की आवाज़ आयी की तैयार हुई की नहीं, सब लोग आ चुके होंगे ज्यादा देर नहीं करते अब।
कुसुम तुरंत कंघा नीचे रखते हुए बोली हो गया बस और कमरे से बाहर निकल गयी। मै और मम्मी तैयार थे रिश्तेदार के यहाँ जाने के लिए। मैंने तुरंत कमरे को ताला लगाया और मम्मी कुसुम के साथ पैदल घर से निकल पड़ी।
वो दोनों कुछ बोलते हुए चल रहे थे पर में किन्ही और ख्यालो में था,
दस मिनट के बाद ही हम रिश्तेदार के मकान के सामने खड़े थे, अंदर काफी चहल पहल थी, कार्यक्रम का माहौल बन चूका था। एक बड़े हाल में सारे पुरुष लोगो के लिए व्यवस्था थी।
वहाँ की मेरी मम्मी कि भाभिया दूसरे थोड़े छोटे कमरे में थी अपने बहू और बेटियों, सहेलियों के साथ, इसलिए थोड़े अभिवादन के बाद हमने उनको डिस्टर्ब करना ठीक नहीं समझा।
अंदर एक बड़े कमरे में सारी औरते बैठी बातों में मशगूल थी, हमारे आते हैं उन्होंने स्वागत किया और हम लोग बैठ गए। कुछ औरते बातों में मग्न थी कुछ ने खाने की तैयारी कर ली थी। पता चला पूजा आरती का कार्यक्रम शाम 5 बजे होने वाला हैं।
तभी मेरी मम्मी की बड़ी भाभी जो रिश्ते में मेरी मामी लगती है हमारे पास आ गयी उनकी उम्र मेरी मम्मी से कुछ ज्यादा थी दिखने में वो दादी की तरह लग रही थी। मम्मी और कुसुम को अपने साथ कमरे में ले गयी।
मैं अपने पुराने दिनों और विचारो में खो गया और दोपहर होने वाली थी, अब तक आधी औरते और पुरुष खाना खा चुके थे। शायद शाम 5 बजे पूजा की तैयारी में, मगर मेरी हवन पूजा पाठ में रुचि नहीं थी, भीड़ भरा औरतों का माहौल देख कर मुझे शर्म आ रही थी। मैं कमरे से बाहर लघु शंका के बहाने किसी तरह औरतो के पाँव बचाते हुए बाहर निकला। घर की छत का मुआयना करके वापस नीचे आ गया।
मुझे देखते ही कुसुम भी उठ कर बाहर आ गयी फिर मैने पूछा की तुम खाना खा चुकी।
फिर उसने 5 बजे के प्रोग्राम के बारे में बताया। मैंने उसे समझाया की इस भीड़ में तुम आराम नही कर सकती। कुसुम कुछ सोचने लगी। उसकी इस उधेड़बुन को देखते हुए मैंने एक सवाल दाग दिया इन लोगों ने मेहमानों का एक विशेष प्रबंध किया हैं ।
घर की छत पर। उसे बड़ा आश्चर्य हुआ, और पूछा छत पर तो बहुत गर्मी होगी।
मुझे और कुसुम को टेंशन में बातें करते देख मेरी मम्मी हमारे पास आ गयी, हमने उन्हे पूरी बात बता दी मम्मी बोली यहाँ छत पर आराम करने में कोई प्रॉब्लम नही है, पर बेटा तुझे शाम सात बजे ट्रेन पकड़ना है तो इससे अच्छा हम अपने घर चलते हैं, वैसे भी ढाई बजने वाले है।
कुसुम बोली मम्मी ये ही ठीक रहेगा, हम तीनों अपने घर की ओर निकलने से पहले मम्मी ने कहाँ कि भाभी को बोल ना तो पड़ेगा। और हम तीनो अंदर कमरे में चले गए।
मम्मी अपनी भाभी मतलब मेरी मामी से घर जाने की बात करने लगी मगर मामी मान नही रही थी, फिर मम्मी ने मामी को ये बताया कि सात बजे अरुण कि ट्रेन है उसे वापस अपने घर जाना है पापा के पास नागालैंड। तो उन्होंने मम्मी को रुकने के लिए बोला और मुझे कुसुम को जाने की अनुमति दे दी। और मम्मी से एकदम से खुश हो बोली अरे दीदी आपने ये मुझे बता कर बहुत अच्छा किया । मम्मी ने पूछा क्यो ऐसा क्या हुआ?
मामी बोलि अपने सुनील की पत्नी आपकी बहू को भी सुबह नागालैंड अपने मायके जाना है, मै बहुत परेशान थी अकेली कैसे जायेगी??
मम्मी बोली क्यो सुनील कहाँ है??
मामी बोली अरे वो तो shhiping co. में जॉब करता है चार पांच महीने में एक बार आता है। बस अगले महीने आ जायेगा तो बहू को वापस ले आयेगा। बातो बातों में ही मामी ने अपनी बहू को आवाज देकर बुला लिया। मैने जब मामी की बहू को देखा तो देखता ही रह गया।
सुनील की बीबी सुनीता करीब ३५ की होते हुए भी २५ साल की ही दिख रही थी। खान पान पर कडा नियत्रण और नियमित व्यायाम और योग के कारण उसने अपना आकार एकदम चुस्त रखा था। सुनीता का चेहरा वयस्क लग ही नहीं रहा था। उसके स्तन परिपक्व होते हुए भी तने और कसे हुए थे। उसके स्तन शायद ३४ + और स्तन सी कप साइज के थे। सुनीता की कमर का घुमाव और उसकी गाँड़ इतनी चुस्त और लचीली थी की गजब की सेक्सी लग रही थी।
मै उसकी तरफ आँखे फाड़ फाड़ कर देख रहा था, तभी शायद कुसुम ने मेरी नजर को पढ़ लिया और मम्मी को इशारा करते हुए हँस दी। मम्मी कुसुम का इशारा समझ कर बोली बेटा अरुण जेठ है तु !! सुनील तुझसे छोटा है, और कल इसको भी अपने साथ ले जाना।
मै तो अंदर से बड़ा खुश था मै एक आँख मारते हुए मजाक में बोला अभी जेठ (may) का ही महिना चल रहा है।
हाहा हाहा हाहा
हाँ मम्मी ये तो अच्छा हुआ चलो सफर में अब बोरियत नही होगी। मै सुनीता से बोला आप साढ़े छे बजे तक रेड्डी मिलना मै आपको पिक कर लूंगा। फिर मामी के घर से निकल कर मै और कुसुम अपने किराये के घर में आ गये।
मैं पंखे को निहारते हुए सोच रहा था कि तीन घंटे बाद वैसे भी जाना है पता नही कितने दिनों के इंतजार के बाद यह खूबसूरत फल खाने को मिलेगा मुझे। और अगर मेरे जाने के बाद मेरे इस खूबसूरत फल को कोई और खाने लगा तो फिर मेरा क्या होगा।
नही नही ये नही हो सकता, मेरी कुसुम मुझे धोख़ा नही दे सकती, वो किसी गैर मर्द के साथ सोना तो दूर उसके बारे में सोच भी नही सकती है। लेकिन कुसुम के दिल, मन में क्या है इसका पता कैसे लगाया जाये, और अगर कोई और होगा भी तो उसने झूठ बोल दिया कोई नहीं है तो...??? कोई धाँसू आईडिया मिले जिससे वो झूठ ना बोले जो बोले सच बोले मगर कैसे???? क्योकि कोई भी चूतिया पति सिर्फ अपने मन में आये चूतियापे वाली सोच का जबाब अपनी पत्नी से किसी गैर मर्द के साथ सम्बधो / इच्छा की बात पूछकर अपनी खुशहाल जीवन में जहर नही घोलेगा।
मै और मेरी ठरकी सोच को कुसुम हमेशा प्रणाम कर दूर भागती है, वो किचिन में मेरे लिए रास्ते के लिए पूड़ीया बना रही थी। तभी मेरे हवशी मन में विचार आया कि जो लड़किया/लुगाईया अपने मोबाइल में सेक्सी, पोर्न कहानिया/फिल्म देखती है वो चुदड़कड होती हैं।
इसलिए मैने कुसुम के मन में क्या है उस बारे सोचते हुए मोबाइल में एक लिंक खोल कर ग्रुप सेक्स वीडियो देखा जैसे मैने वीडियो चालु किया तो उस वीडियो में एक शादी शुदा जोड़ा अपने दो मित्रों के साथ कोई हिल स्टेशन जाते हैं। संयोग वश उन्हें एक ही कमरे में रुकना पड़ता है। वहाँ वह शादी शुदा जोड़ा की बीबि को कम कपड़ों में देखते हैं।
दो पलंग एकसाथ जुड़े हुए होते हैं और रात को शादी शुदा जोड़ा पति अपनी पत्नी से लिपट कर सोता हैं तभी रात को अचानक ही शादी शुदा जोड़ा उत्तेजित हो जाता है और पति पत्नी से चोदने की रट लगाने लगता है। आखिर में पत्नी पति की बात मानकर कपडे पहने हुए ही अपना घाघरा ऊंचा करके उसे चोदने देती है।
शादी शुदा जोड़ा ने कोई परवाह नहीं की कमरे में दोनों मित्र उन दोनों को नंगा चोदते हुए देख रहे थे। वो दोनों मित्र शादी शुदा जोड़ा को उछृंखलता से चोदते हुए देखते हैं।
पत्नी अपने पति से चुदवाने में मग्न होती हुई अपनी आँखें बंद करके मजा लेती हैं तब उसका पति दोनों मित्रों को आँख मार कर इशारा करता है और फिर एक मित्र उसकी पत्नी की जाँघों पर हाथ रखता है। उसे देख कर दुसरा मित्र उस की पत्नी के स्तन दबाने लगता है। दोनों में होड़ लगती है और उससे पहले की पत्नी अपने पति के खेल को समझे, दोनों मित्र फुर्ती से उसकी बीबी के ऊपर चढ़कर उसे चोदने लगते हैं। पत्नी समझ जाती हैं; पर जैसे असहाय है ऐसा ढोंग करके अपनी आँखें बंद करके इसका मजा लेती हैं और बाद में बिंदास होकर (अपने पति की इजाजत जो मिल गयी) अलग अलग तरीके से दोनों मित्रो के साथ पति को चोदती है और तीनों से चुदवाती है।
ऐसे कई तरह से एक साथ एक ही समय में एक का लण्ड चूसना, एक से चूत चुदवाना, और एक से गांड मरवाना, चूँचियों को चूसना और निप्पलों को काटना इत्यादि होता है और आखिर में दोनों मित्र और पति पत्नी की मुह, गांड और चूत में अपना वीर्य निकालते हैं।
उस वीडियो को देखकर मेरी तो हवा निकल गयी। जब मै ही इतना हैरान था, तो इसको कुसुम को दिखाना तो नामुमकिन सा लग रहा था। पर मुझे एक बात अच्छी लगी की मैने वही वीडियो चुना जिसमें पति के सामने पत्नी दूसरे से चुदवाती हैं।
मेरे अंतर्मन ने कहा "तुम निश्चिंत रहो। कुसुम से कहो की कहीं से एक वीडियो मिला है। वह थोड़ा सेक्स के बारेमें है और उसे सिर्फ बीबी के साथ ही देखना है ऐसा कहा गया है। पहले तो कुसुम थोड़ी ना नुक्कड़ करेगी, की यह अच्छा नहीं लगता, पर फिर वह इसे देखती रहेगी और आखिर में तुम खुद देख लेना क्या होता है।"
थोड़ी देर बाद मेरे दिमाग में एक आईडिया आया और मैने कुसुम को अपने पास बिस्तर पर बुलाया यह बात कह डाली। मैने उस से कहा की ये वीडियो देखो ये थोड़ा सा अश्लील है। उसे आश्चर्य हुआ जब कुसुम वीडियो देखने के लिए तैयार हो गयी। शायद उसे पता नहीं था की वह क्या देखने वाली थी।
जैसे मैने वीडियो चालु किया और पति पत्नी के रोमांस के सिन आये तो मेरी प्यारी बीबी और करीब बैठ गयी और मेरी टाँगों के बिच हाथ डालकर मेरे ढीले लण्ड को टटोलने लगी। जब पति पत्नी की चुदाई के दृश्य आये तो वह मेरा लण्ड पाजामे में से निकाल कर उसे फुर्ती से हिलाने लगी।
जैसे जैसे परदे पर दृश्य ज्यादा उत्तेजित होने लगे, अपना साड़ी सहित पेटीकोट ऊपर कर कुसुम ने मेरा हाथ उसमें डाला। मैने महसूस किया की मेरी बीबी की चूत पूरी तरह गीली हो चुकी थी और उसमें से उसका रस रिस रहा था। मै समझ गया की कुसुम मुझ से उँगलियों से चुदवाना चाहती है।
पर जब कुसुम ने देखा की दोनों मित्र शादी शुदा पत्नी को उसके पति की सहमति पर चढ़कर उन्हें चोदने लगे थे तो उससे रहा नहीं गया वह मुझ से चिपक गयी जैसे वह यह सब देखने से डर गयी हो। तब मैने अपनी उत्तेजित खूबसुरत पत्नी को अपनी बाहों में लिया और उसे यह कह कर प्यार जताने लगा की देखो जानूं यह सब होता रहता है। इसका आनंद लो। एन्जॉय करो।"
मेरे बार बार आश्वासन देने से और अत्यंत उत्तेजक भड़कीले सिन के कारण मै और कुसुम दोनों का उन्माद बढ़ता जा रहा था। जब मैने कुसुम के कपडे उतार कर कुसुम की चूत में उंगलिया डाल कर उसे उकसाना शुरू किया तो वह एकदम उत्तेजित हो गयी उसका पानी कई बार छूट गया। मैने कभी भी अपनी बीबी को इतनी बार निढाल होते हुए नहीं देखा। सिसकरिया लेते हुए हुए वह बोल रही थी, " अरुण ऐसा कभी नहीं हो सकता। यह गलत है।"
तब मैने कुसुम से कहा, "जानू, इस दुनिया में सारी अच्छी चीजें या तो या गलत, या असामाजिक, या तो कानूनी दृष्टि से अवैध मानी जाती है। पर होता सब कुछ है।"
वीडियो खतम होने के बाद मैने सहज रूप में ही अपनी बीबी कुसुम से पूछा वीडियो कैसा लगा तो कुसुम ने कहा, "देखो, सोचने में तो यह बड़ा लुभावना लगता है; और तुम जो चाहे कहो, पर ऐसा वास्तव में हो नहीं सकता। मेरे साथ तो कतई नहीं। गैर मर्द के बारे में तो तुम सोचना भी मत। मैं कोई ऐसी वैसी औरत नहीं हूँ। कमाल करते हो। तुमने क्या सोचा की मैं किसी भी गैर मर्द से ऐसे ही चुदवाने के लिए तैयार हो जाउंगी? नहीं जी नहीं, यह नहीं हो सकता।"
मै अपनी प्यारी बीबी कुसुम की बात सुनकर खुश हो गया। मुझे लगा की मेरा प्लान काम कर गया और मेरी बीबी ने अपने मन में छिपी सच्चाई को बता दिया था। मै सोच में पड़ गया। तब अचानक मुझे कुसुम की दो बातें सूचक लगी।
पहले तो कुसुम ने कहा "देखने में तो यह सब लुभावना लगता है।" इसका मतलब यह हुआ की कुसुम को दो मर्दों से चुदवाने वाली बात लुभावनी लगी।
दुसरा जब कुसुम ने यह कहा की , "मैं कोई ऐसी वैसी औरत नहीं हूँ जो किसी भी गैर मर्द से ऐसे ही चुदवाने के लिए तैयार हो जाउंगी।" इसका मतलब कुसुम ने यह कहा की वह किसी ऐरे गैरे से चूदवाने के लिए नहीं तैयार होगी और वह वैसे ही नहीं मानेगी। वह एक इज्जतदार औरत है और अपनी इज्जत आसानी से किसी ऐरे गैरे के साथ दाव पर नहीं लगा सकती।
पर जो कुसुम ने नहीं कहा वह यह था की अगर कोई ख़ास व्यक्ति हो तो वह तैयार हो सकती है और उसे काफी मनाना भी पडेगा। शायद बातों बातों में ही कुसुम ने मना करते हुए भी इशारा कर ही दिया की वह मान सकती है। उसे किसी और से चुदवाना लुभावना तो लगता है लेकिन वह आसानी से मानने वाली नहीं है। उसके पीछे काफी मशक्कत करनी पड़ेगी। सबसे ज्यादा सूचक कुसुम ने यह इशारा किया की वह किसी साधारण व्यक्ति को अपना सर्वस्व समर्पण नहीं करेगी।
जारी है........
अल सुबह,गर्मी की है, मैने कूलर के साथ पंखे के परों को भी कष्ट दिया हुआ था। इतवार (रविवार) का दिन , मै "पिछवाड़ा " उल्टा करके सो रहा था, आधा चद्दर मैने अपने मुह तक कोना पकड़ के खींची हुई है,और बाकी चद्दर पैरों की लंबाई तक फस्सीं हुई, बे तरबी से सिकुडी हुई कराह रही थी।
खैर
कुसुम प्रवेश करती हैं कमरे में चाय लेकर ,सारे ठट कर्मों से निवृत् हो कर मतलब फ्रेश हो कर (सुबह के 8 बज चुके हैं) ,
और चुपचाप बेड के पास पड़ी कुर्सी पर पसर के पैर बेड के कौने तक फैलाकर चाय की चुस्सिकियाँ लेते हुए, अपने फैवरेट शगल में व्यस्त अरे वही अपना इंस्टा रील वीडियो और गाने (comedy) वो भी शुद्ध भोजपुरी मे..........
कुकुकू कूक कूक कू******मुर्गवा मोबाइल बाटे***** चोलिया में बोलत बाटे,,, दिन रात करा करे कुहा कुहू,,,, के दा ssssss ना खाइले रे मुर्गवा कुहू रे कू हू........
((अब आप सोच रहे होंगे ये क्या था?? बात दर असल ये है, की मुझ को कोई भी अलार्म की टोन असर नहीं करती थी, और न ही मुझको जगाने में --कामयाब रहती थी, (चूंकि कुसुम पहली पोस्टिंग आगनबॉडी में थी वहा उसकी साथ काम करने वाली ज्यादतर सहेलिया "जिला बस्ती" की थी, (अरे वही निरहुआ, रविकिशन और मनोज तिवारी का इलाका) ये गाना ही वहाँ के DJ का सरताज था))
हाँ ये कर्कश मगर मजेदार गाना बजते ही
मै तो जैसे सेही का काँटा मेरे खुद के पिछवाड़े में लग गया हो,,,,,,,,,ऐसे उठा????????
मै : क्या हैं ये चिल्लाते हुए इसके बाद "नींद की भाषा" में परग्रहियों की तरह बड़बड़ाया हा नहीं तो!!!!!!!! चैन से मुझ को कभी नहीं सोने देती हो??????? हा नहीं तो!!!!!, खुद की नौकरी में तो कोई टेंशन है नहीं, आराम से बैठी रहती हो..... आज छुट्टी के दिन सुबह सुबह मुझसे लड़ने के मूड में हो क्या..??????
अब आया कुसुम को गुस्सा, उसकी भृकुटियाँ (भवें ) तन चुकीं थी, बोली मैंने तो सिर्फ जगाने के लिए इतना मस्त "मुर्गवा" लगाया था। लेकिन देखो न कौन है लड़ने के मूड में?? पत्नियाँ कभी लड़ने के मूड में नहीं रेहतीं, हमेशा पति रहते हैं। हम तो सिर्फ उनका भला ही सोचते हैं, और वो इसे उल्टा ले लेते हैं।
मै कुसुम का ये रूप देखकर डर के मारे फ्रेश होने के लिए बाथरूम में चला गया।
(आप लोगों की जानकारी के लिए बता दूँ, बाथरूम में साबुन, शैंपू, सब है, shaving क्रीम भी)
आज वापस अपने घर जाना था तो मै फ्रेश होकर दाढ़ी बना कर बाथरूम से निकला। मुस्कुराते हुए और मस्त अंगडाई लेकर (ताकि कुसुम समझ जाये की इन चिकनी बगल के पीछे मेरे प्यारे गोरे चिट्टे dove साबुन का बलिदान है) देखो न तुम्हारा dove साबुन shaving क्रीम से भी बेहतर और मुलायम shave बनाता है???
कुसुम: क्या?????? फिर से????? वो झट से बाथरूम में साबुन का विसरा देख कर कराह कर बोली ई ई ई ई ई ई ई ई उसकी घृणा वाली चीख निकल गयी, और आँखें चौडी हो गयीं,scene देख कर उसके साबुन का postmartum के बाद विसरा बिखरा पड़ा था।
कुसुम गुस्से में अतिदेव (अथार्थ पतिदेव)
म म मेरा मतलब पतिदेव, तुम हर चीज की अति कर देते हैं, इसलिए मैं तुमको अब से "अति देव" ही बोलूँगी। देखो तुमने मेरे साबुन को बालों में लपेट दिया? अति देव देखो आज भी shave और "बगल के बाल" मेरे साबुन को लगा लगा कर बनाएं हैं!!!! मुझे बहुत गुस्सा आ रहा है।
कोई न डार्लिंग तुम शैंपू से नहा लेना वैसे भी वो fiama di wilis वाले तुम्हारा
" चूतिया काट" कर तुम्हे शैंपू से नहलाते हैं और तुम उसे कुछ अलग body wash समझ कर खरीद लाती हो। मेरी प्यारी समझदार "ब्यूटी कांसियस बीवी" बेचारी शैंपू से नहाती है........मै पानी लगे बालों को सेट करते हुए बोला।
ये सुन कर कुसुम का चेहरा तो बस फक !!! हैं .... क्या बॉडीवाश् को शैंपू बोल रहे हो ????????
मैने मुस्की मारते कुछ कुछ उसे चिढ़ाते हुए smile दी।
दोबारा मेरा साबुन मत छूना, वरना तुम्हारी खैर नहीं,,,,,,,,,, कुसुम के चेहरे का जियो ग्राफिया पठारी हो चुका था, eyebrows बिलकुल चीनी लडाकों की मुद्रा में
कनपटीयों तक पहुँच चुकी थी।।
मै मुस्कुराते हुए बोला कुसुम के गाल खीचते हुए बोला हाय मेरा chinese गुस्सा
( Chinese गुस्सा इसलिए की हो सकता है हफ़्तों/ महीनों चले और हो सकता है अभी खत्म हो जाए)
तभी मन्दिर से मम्मी वापस आ गयी।
कुसुम... अरुण तुम दोनों सुबह सुबह फिर से शुरु हो गये.. मम्मी हम पति पत्नी की बहस को आखिरी चरण में खतम करने की नसीहत देते हुए बोली।
मम्मी अब आप ही बताओ? अगर कोई आपके प्यारे साबुन से बगल के बाल बना कर उसको बालों से लपेट देगा? तो क्या आप लड़ोगे या चिल्लाओगे नहीं??? और फिर कहोगे की बीवीयाँ झगडा करती रहती हैं? कुसुम मम्मी से बच्चो की तरह मेरी शिकायत करती हुयी बोली।
मम्मी ने मुझ पर ममतामयी डाँट लगाई और कुसुम से बोली बहू अब नाश्ता लगा दे।
ब्रेकफास्ट करते हुए, कुसुम के बनाये बथुए के पराठों की तारीफ करते हुए मै हास्य पूर्ण व्यंग कसते बोला.......अरे वाह!!! क्या हरियाली वाले पराठे हैं, आज तो मैं तृप्त हो गया !!
ये सुनकर आखिर सब की हँसी निकल पड़ी। हाहा हाहा हाहा
सुबह के नौ बजने वाले थे मेरी मम्मी बोली बेटा अरुण आज दोपहर को हमारे जो रिश्तेदार है उन्होंने गृह प्रवेश में आने का न्यौता दिया है, चल थोड़ी देर हम सभी भी होकर आते है। मैने कुसुम की ओर देखा कुसुम अपनी साड़ी लपेट चुकी थी और बालो को आखिरी स्वरुप दे रही थी की तभी मम्मी की आवाज़ आयी की तैयार हुई की नहीं, सब लोग आ चुके होंगे ज्यादा देर नहीं करते अब।
कुसुम तुरंत कंघा नीचे रखते हुए बोली हो गया बस और कमरे से बाहर निकल गयी। मै और मम्मी तैयार थे रिश्तेदार के यहाँ जाने के लिए। मैंने तुरंत कमरे को ताला लगाया और मम्मी कुसुम के साथ पैदल घर से निकल पड़ी।
वो दोनों कुछ बोलते हुए चल रहे थे पर में किन्ही और ख्यालो में था,
दस मिनट के बाद ही हम रिश्तेदार के मकान के सामने खड़े थे, अंदर काफी चहल पहल थी, कार्यक्रम का माहौल बन चूका था। एक बड़े हाल में सारे पुरुष लोगो के लिए व्यवस्था थी।
वहाँ की मेरी मम्मी कि भाभिया दूसरे थोड़े छोटे कमरे में थी अपने बहू और बेटियों, सहेलियों के साथ, इसलिए थोड़े अभिवादन के बाद हमने उनको डिस्टर्ब करना ठीक नहीं समझा।
अंदर एक बड़े कमरे में सारी औरते बैठी बातों में मशगूल थी, हमारे आते हैं उन्होंने स्वागत किया और हम लोग बैठ गए। कुछ औरते बातों में मग्न थी कुछ ने खाने की तैयारी कर ली थी। पता चला पूजा आरती का कार्यक्रम शाम 5 बजे होने वाला हैं।
तभी मेरी मम्मी की बड़ी भाभी जो रिश्ते में मेरी मामी लगती है हमारे पास आ गयी उनकी उम्र मेरी मम्मी से कुछ ज्यादा थी दिखने में वो दादी की तरह लग रही थी। मम्मी और कुसुम को अपने साथ कमरे में ले गयी।
मैं अपने पुराने दिनों और विचारो में खो गया और दोपहर होने वाली थी, अब तक आधी औरते और पुरुष खाना खा चुके थे। शायद शाम 5 बजे पूजा की तैयारी में, मगर मेरी हवन पूजा पाठ में रुचि नहीं थी, भीड़ भरा औरतों का माहौल देख कर मुझे शर्म आ रही थी। मैं कमरे से बाहर लघु शंका के बहाने किसी तरह औरतो के पाँव बचाते हुए बाहर निकला। घर की छत का मुआयना करके वापस नीचे आ गया।
मुझे देखते ही कुसुम भी उठ कर बाहर आ गयी फिर मैने पूछा की तुम खाना खा चुकी।
फिर उसने 5 बजे के प्रोग्राम के बारे में बताया। मैंने उसे समझाया की इस भीड़ में तुम आराम नही कर सकती। कुसुम कुछ सोचने लगी। उसकी इस उधेड़बुन को देखते हुए मैंने एक सवाल दाग दिया इन लोगों ने मेहमानों का एक विशेष प्रबंध किया हैं ।
घर की छत पर। उसे बड़ा आश्चर्य हुआ, और पूछा छत पर तो बहुत गर्मी होगी।
मुझे और कुसुम को टेंशन में बातें करते देख मेरी मम्मी हमारे पास आ गयी, हमने उन्हे पूरी बात बता दी मम्मी बोली यहाँ छत पर आराम करने में कोई प्रॉब्लम नही है, पर बेटा तुझे शाम सात बजे ट्रेन पकड़ना है तो इससे अच्छा हम अपने घर चलते हैं, वैसे भी ढाई बजने वाले है।
कुसुम बोली मम्मी ये ही ठीक रहेगा, हम तीनों अपने घर की ओर निकलने से पहले मम्मी ने कहाँ कि भाभी को बोल ना तो पड़ेगा। और हम तीनो अंदर कमरे में चले गए।
मम्मी अपनी भाभी मतलब मेरी मामी से घर जाने की बात करने लगी मगर मामी मान नही रही थी, फिर मम्मी ने मामी को ये बताया कि सात बजे अरुण कि ट्रेन है उसे वापस अपने घर जाना है पापा के पास नागालैंड। तो उन्होंने मम्मी को रुकने के लिए बोला और मुझे कुसुम को जाने की अनुमति दे दी। और मम्मी से एकदम से खुश हो बोली अरे दीदी आपने ये मुझे बता कर बहुत अच्छा किया । मम्मी ने पूछा क्यो ऐसा क्या हुआ?
मामी बोलि अपने सुनील की पत्नी आपकी बहू को भी सुबह नागालैंड अपने मायके जाना है, मै बहुत परेशान थी अकेली कैसे जायेगी??
मम्मी बोली क्यो सुनील कहाँ है??
मामी बोली अरे वो तो shhiping co. में जॉब करता है चार पांच महीने में एक बार आता है। बस अगले महीने आ जायेगा तो बहू को वापस ले आयेगा। बातो बातों में ही मामी ने अपनी बहू को आवाज देकर बुला लिया। मैने जब मामी की बहू को देखा तो देखता ही रह गया।
सुनील की बीबी सुनीता करीब ३५ की होते हुए भी २५ साल की ही दिख रही थी। खान पान पर कडा नियत्रण और नियमित व्यायाम और योग के कारण उसने अपना आकार एकदम चुस्त रखा था। सुनीता का चेहरा वयस्क लग ही नहीं रहा था। उसके स्तन परिपक्व होते हुए भी तने और कसे हुए थे। उसके स्तन शायद ३४ + और स्तन सी कप साइज के थे। सुनीता की कमर का घुमाव और उसकी गाँड़ इतनी चुस्त और लचीली थी की गजब की सेक्सी लग रही थी।
मै उसकी तरफ आँखे फाड़ फाड़ कर देख रहा था, तभी शायद कुसुम ने मेरी नजर को पढ़ लिया और मम्मी को इशारा करते हुए हँस दी। मम्मी कुसुम का इशारा समझ कर बोली बेटा अरुण जेठ है तु !! सुनील तुझसे छोटा है, और कल इसको भी अपने साथ ले जाना।
मै तो अंदर से बड़ा खुश था मै एक आँख मारते हुए मजाक में बोला अभी जेठ (may) का ही महिना चल रहा है।
हाहा हाहा हाहा
हाँ मम्मी ये तो अच्छा हुआ चलो सफर में अब बोरियत नही होगी। मै सुनीता से बोला आप साढ़े छे बजे तक रेड्डी मिलना मै आपको पिक कर लूंगा। फिर मामी के घर से निकल कर मै और कुसुम अपने किराये के घर में आ गये।
मैं पंखे को निहारते हुए सोच रहा था कि तीन घंटे बाद वैसे भी जाना है पता नही कितने दिनों के इंतजार के बाद यह खूबसूरत फल खाने को मिलेगा मुझे। और अगर मेरे जाने के बाद मेरे इस खूबसूरत फल को कोई और खाने लगा तो फिर मेरा क्या होगा।
नही नही ये नही हो सकता, मेरी कुसुम मुझे धोख़ा नही दे सकती, वो किसी गैर मर्द के साथ सोना तो दूर उसके बारे में सोच भी नही सकती है। लेकिन कुसुम के दिल, मन में क्या है इसका पता कैसे लगाया जाये, और अगर कोई और होगा भी तो उसने झूठ बोल दिया कोई नहीं है तो...??? कोई धाँसू आईडिया मिले जिससे वो झूठ ना बोले जो बोले सच बोले मगर कैसे???? क्योकि कोई भी चूतिया पति सिर्फ अपने मन में आये चूतियापे वाली सोच का जबाब अपनी पत्नी से किसी गैर मर्द के साथ सम्बधो / इच्छा की बात पूछकर अपनी खुशहाल जीवन में जहर नही घोलेगा।
मै और मेरी ठरकी सोच को कुसुम हमेशा प्रणाम कर दूर भागती है, वो किचिन में मेरे लिए रास्ते के लिए पूड़ीया बना रही थी। तभी मेरे हवशी मन में विचार आया कि जो लड़किया/लुगाईया अपने मोबाइल में सेक्सी, पोर्न कहानिया/फिल्म देखती है वो चुदड़कड होती हैं।
इसलिए मैने कुसुम के मन में क्या है उस बारे सोचते हुए मोबाइल में एक लिंक खोल कर ग्रुप सेक्स वीडियो देखा जैसे मैने वीडियो चालु किया तो उस वीडियो में एक शादी शुदा जोड़ा अपने दो मित्रों के साथ कोई हिल स्टेशन जाते हैं। संयोग वश उन्हें एक ही कमरे में रुकना पड़ता है। वहाँ वह शादी शुदा जोड़ा की बीबि को कम कपड़ों में देखते हैं।
दो पलंग एकसाथ जुड़े हुए होते हैं और रात को शादी शुदा जोड़ा पति अपनी पत्नी से लिपट कर सोता हैं तभी रात को अचानक ही शादी शुदा जोड़ा उत्तेजित हो जाता है और पति पत्नी से चोदने की रट लगाने लगता है। आखिर में पत्नी पति की बात मानकर कपडे पहने हुए ही अपना घाघरा ऊंचा करके उसे चोदने देती है।
शादी शुदा जोड़ा ने कोई परवाह नहीं की कमरे में दोनों मित्र उन दोनों को नंगा चोदते हुए देख रहे थे। वो दोनों मित्र शादी शुदा जोड़ा को उछृंखलता से चोदते हुए देखते हैं।
पत्नी अपने पति से चुदवाने में मग्न होती हुई अपनी आँखें बंद करके मजा लेती हैं तब उसका पति दोनों मित्रों को आँख मार कर इशारा करता है और फिर एक मित्र उसकी पत्नी की जाँघों पर हाथ रखता है। उसे देख कर दुसरा मित्र उस की पत्नी के स्तन दबाने लगता है। दोनों में होड़ लगती है और उससे पहले की पत्नी अपने पति के खेल को समझे, दोनों मित्र फुर्ती से उसकी बीबी के ऊपर चढ़कर उसे चोदने लगते हैं। पत्नी समझ जाती हैं; पर जैसे असहाय है ऐसा ढोंग करके अपनी आँखें बंद करके इसका मजा लेती हैं और बाद में बिंदास होकर (अपने पति की इजाजत जो मिल गयी) अलग अलग तरीके से दोनों मित्रो के साथ पति को चोदती है और तीनों से चुदवाती है।
ऐसे कई तरह से एक साथ एक ही समय में एक का लण्ड चूसना, एक से चूत चुदवाना, और एक से गांड मरवाना, चूँचियों को चूसना और निप्पलों को काटना इत्यादि होता है और आखिर में दोनों मित्र और पति पत्नी की मुह, गांड और चूत में अपना वीर्य निकालते हैं।
उस वीडियो को देखकर मेरी तो हवा निकल गयी। जब मै ही इतना हैरान था, तो इसको कुसुम को दिखाना तो नामुमकिन सा लग रहा था। पर मुझे एक बात अच्छी लगी की मैने वही वीडियो चुना जिसमें पति के सामने पत्नी दूसरे से चुदवाती हैं।
मेरे अंतर्मन ने कहा "तुम निश्चिंत रहो। कुसुम से कहो की कहीं से एक वीडियो मिला है। वह थोड़ा सेक्स के बारेमें है और उसे सिर्फ बीबी के साथ ही देखना है ऐसा कहा गया है। पहले तो कुसुम थोड़ी ना नुक्कड़ करेगी, की यह अच्छा नहीं लगता, पर फिर वह इसे देखती रहेगी और आखिर में तुम खुद देख लेना क्या होता है।"
थोड़ी देर बाद मेरे दिमाग में एक आईडिया आया और मैने कुसुम को अपने पास बिस्तर पर बुलाया यह बात कह डाली। मैने उस से कहा की ये वीडियो देखो ये थोड़ा सा अश्लील है। उसे आश्चर्य हुआ जब कुसुम वीडियो देखने के लिए तैयार हो गयी। शायद उसे पता नहीं था की वह क्या देखने वाली थी।
जैसे मैने वीडियो चालु किया और पति पत्नी के रोमांस के सिन आये तो मेरी प्यारी बीबी और करीब बैठ गयी और मेरी टाँगों के बिच हाथ डालकर मेरे ढीले लण्ड को टटोलने लगी। जब पति पत्नी की चुदाई के दृश्य आये तो वह मेरा लण्ड पाजामे में से निकाल कर उसे फुर्ती से हिलाने लगी।
जैसे जैसे परदे पर दृश्य ज्यादा उत्तेजित होने लगे, अपना साड़ी सहित पेटीकोट ऊपर कर कुसुम ने मेरा हाथ उसमें डाला। मैने महसूस किया की मेरी बीबी की चूत पूरी तरह गीली हो चुकी थी और उसमें से उसका रस रिस रहा था। मै समझ गया की कुसुम मुझ से उँगलियों से चुदवाना चाहती है।
पर जब कुसुम ने देखा की दोनों मित्र शादी शुदा पत्नी को उसके पति की सहमति पर चढ़कर उन्हें चोदने लगे थे तो उससे रहा नहीं गया वह मुझ से चिपक गयी जैसे वह यह सब देखने से डर गयी हो। तब मैने अपनी उत्तेजित खूबसुरत पत्नी को अपनी बाहों में लिया और उसे यह कह कर प्यार जताने लगा की देखो जानूं यह सब होता रहता है। इसका आनंद लो। एन्जॉय करो।"
मेरे बार बार आश्वासन देने से और अत्यंत उत्तेजक भड़कीले सिन के कारण मै और कुसुम दोनों का उन्माद बढ़ता जा रहा था। जब मैने कुसुम के कपडे उतार कर कुसुम की चूत में उंगलिया डाल कर उसे उकसाना शुरू किया तो वह एकदम उत्तेजित हो गयी उसका पानी कई बार छूट गया। मैने कभी भी अपनी बीबी को इतनी बार निढाल होते हुए नहीं देखा। सिसकरिया लेते हुए हुए वह बोल रही थी, " अरुण ऐसा कभी नहीं हो सकता। यह गलत है।"
तब मैने कुसुम से कहा, "जानू, इस दुनिया में सारी अच्छी चीजें या तो या गलत, या असामाजिक, या तो कानूनी दृष्टि से अवैध मानी जाती है। पर होता सब कुछ है।"
वीडियो खतम होने के बाद मैने सहज रूप में ही अपनी बीबी कुसुम से पूछा वीडियो कैसा लगा तो कुसुम ने कहा, "देखो, सोचने में तो यह बड़ा लुभावना लगता है; और तुम जो चाहे कहो, पर ऐसा वास्तव में हो नहीं सकता। मेरे साथ तो कतई नहीं। गैर मर्द के बारे में तो तुम सोचना भी मत। मैं कोई ऐसी वैसी औरत नहीं हूँ। कमाल करते हो। तुमने क्या सोचा की मैं किसी भी गैर मर्द से ऐसे ही चुदवाने के लिए तैयार हो जाउंगी? नहीं जी नहीं, यह नहीं हो सकता।"
मै अपनी प्यारी बीबी कुसुम की बात सुनकर खुश हो गया। मुझे लगा की मेरा प्लान काम कर गया और मेरी बीबी ने अपने मन में छिपी सच्चाई को बता दिया था। मै सोच में पड़ गया। तब अचानक मुझे कुसुम की दो बातें सूचक लगी।
पहले तो कुसुम ने कहा "देखने में तो यह सब लुभावना लगता है।" इसका मतलब यह हुआ की कुसुम को दो मर्दों से चुदवाने वाली बात लुभावनी लगी।
दुसरा जब कुसुम ने यह कहा की , "मैं कोई ऐसी वैसी औरत नहीं हूँ जो किसी भी गैर मर्द से ऐसे ही चुदवाने के लिए तैयार हो जाउंगी।" इसका मतलब कुसुम ने यह कहा की वह किसी ऐरे गैरे से चूदवाने के लिए नहीं तैयार होगी और वह वैसे ही नहीं मानेगी। वह एक इज्जतदार औरत है और अपनी इज्जत आसानी से किसी ऐरे गैरे के साथ दाव पर नहीं लगा सकती।
पर जो कुसुम ने नहीं कहा वह यह था की अगर कोई ख़ास व्यक्ति हो तो वह तैयार हो सकती है और उसे काफी मनाना भी पडेगा। शायद बातों बातों में ही कुसुम ने मना करते हुए भी इशारा कर ही दिया की वह मान सकती है। उसे किसी और से चुदवाना लुभावना तो लगता है लेकिन वह आसानी से मानने वाली नहीं है। उसके पीछे काफी मशक्कत करनी पड़ेगी। सबसे ज्यादा सूचक कुसुम ने यह इशारा किया की वह किसी साधारण व्यक्ति को अपना सर्वस्व समर्पण नहीं करेगी।
जारी है........