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Adultery इश्क और हसरत

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
8,320
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UPDATE 006


अगली सुबह मै जल्दी नहाने के लिए अपने कपड़े लेकर नीचे आ गया
जीने के ठीक सामने एक बाथरूम था जो पूरे घर के लिए कामन था ।
हालांकि टॉयलेट की व्यवस्था टैरिस पर थी लेकिन नहाने के नीचे ही आना पड़ता था ।
वैसे तो मेरी सुबह पढ़ाई से शुरू होती और करीब 09 बजे तक मै नहाने जाता और सर्दियों में तो 11 बज जाते
लेकिन आज मेरा 09 बजे ही टेस्ट था और मै जल्दी जल्दी ब्रश घुमाते हुए तकरीबन 08 बजे नीचे आया

उस समय घर में घंटियां बज रही थी मतलब यह कि आंटी नहा चुकी थी और मैने सोचा कि यही टाइम है मै नहा लूं
जैसे ही नीचे आया तो देखा कि प्रिया भी ब्रश लिए खड़ी है कंधे पर तौलिया रखे हुऐ लोवर टीशर्ट में

: नहाना है ? ( मुंह में ब्रश घुमाते हुए वो पूछी )
मैने थोड़ा असहज होकर हा में सर हिलाया और उसने सर घुमा कर इशारा कर दिया कि मै चला जाऊ और खुद दांत पर ब्रश घुमाते हुए गेट की ओर चली गई
अभी मै बाथरूम में घुस कर कुल्ला कर रहा था कि कोई बंदर की तरह झपटा और मै इतना तेज चौक गया कि मेरे हाथ से ब्रश और जीभा छिटक गए : मम्मीइई
वो एकदम से खिलखिलाई और मै कुछ बोलता इससे पहले वो बाथरूम में हैंगर पर टांगें हुए अपने ब्रा पैंटी के जोड़े को खींच ले गई
मैने अपना माथा पकड़ लिया

ऐसा नहीं था कि इतने साल में मैने कभी उसकी ब्रा पैंटी बाथरूम में नहीं देखी थी और मुझे उसके ब्रा 32C और 36 नंबर पैंटी का साइज भी पता था लेकिन आज वो जिस तरह से झपटी वो मुझे चौका दिया ।

कुछ देर में जब मै संभला और मेरी नजर आंटी की पैंटी पर गई तो मैने उसे भी पकड़ कर बाहर हाथ कर दिया
: हम्म्म ये भी है
वो शॉक्ड होकर मुझे देख रही और एकदम मेरे हाथ से पैंटी झपट कर मुस्कुरा कर अंदर चली गई और तब तक नहीं निकली जब तक नहा धोकर तैयार होकर कोचिंग के लिए नहीं चला गया ।

आज तीसरे हफ्ते के टेस्ट में बैठने से पहले हर बार की तरह इस बार भी मैने मेरी सोना को मैसेज कर दिया और फिर मोबाइल ऑफ करके क्लास के अंदर आ गया

साढ़े तीन घंटे बाद जब वापस निकला और मोबाइल चालू किया तो काफी सारे मैसेज आए थे और चूंकि आज संडे का दिन था तो मेरी सोना घर पर बोर हो रही थी
कोचिंग से निकलते ही मैने उसे काल घुमाया

: हाय सोना
: हाय ( वो उखड़ कर बोली )
: अरे मेरा बाबू क्या हुआ ?
: बाबू को अच्छा नहीं लग रहा है , बाबू आपको मिस्सी मिस्सी कर रही है ( कितने दुलार में वो बोली जैसे छोटा सा बेबी हो )
: याद आ रही थी मेरे सोना को
: हम्ममम बहुत ज्यादा , आप कुछ खाए
: अभी नहीं , अभी जाऊंगा खाने अच्छा रुको एक मिनट प्रिया फोन कर रही है

मैने मेरी सोना को होल्ड कर थोड़ा प्रिया से बात की और वापस काल रिट्रीव कर दिया
: हा जान बोलो
: क्या हुआ , क्या बोल रही थी वो ?
: कुछ नहीं उसकी तबियत नहीं ठीक है तो स्टोर से दवा लेना है
: हुंह, कुछ नहीं हुआ होगा , उसको बस आपका अटेंशन चाहिए ( थोड़ा पजेसिव होकर वो बोली )
: अरे ऐसा नहीं कहते बाबू, वो ऐसी नहीं है सच में उसकी तबियत नहीं ठीक होगी वरना वो मुझे कोई काम दे दे ऐसा नहीं होगा
: हा हा इतना अच्छा काश आप मुझे समझते तो बाबू को ऐसे नहीं लगता न
: अरे क्या हुआ , बताओ न
हम फोन पर थे और वो बोले जा रही
इतने में मै मेडिकल स्टोर पर आ गया

"जी भैया एक पैड देदो और ये दवा देदो"

: हा बाबू बोलो
: पता है वो मेरा दोस्त है विशाल उसका ब्रेकअप हो गया
: क्यों ( मैने मोबाइल कान में लगाए बोला )

" नहीं भाई N .. N , Fortran-N चाहिए " , मै दुकानदार से बोला

: हा बाबू बोलो ( वापस फोन पर )
: उसकी gf की शादी हो रही है कही दूसरे जगह
: क्यों ? ( मैं अचरज से )
: अरे अभी ये कैसे करेगा , इसके पास जॉब नहीं है न
: ओह , बेचारा
: क्या बेचारा मुझे बहुत डर लग रहा है , आप प्लीज बाबू जल्दी से जॉब ले लो और मुझे अपने साथ ले चलो प्लीज
मुझे थोड़ी हंसी आई
: हा मेरा सोना, बस मार्च में एग्जाम है और फिर एक दो महीने में रिजल्ट आ जाएगा फिर जॉब भी लग जाएगी
: सच्ची न , बाबू को आपके सिवा किसी और से शादी नहीं करना है प्लीज

फिर मैने मनाता समझाता हुआ मै वापस रूम पर आ गया और प्रिया को उसका समान देकर ऊपर चला गया

फिर मैने अपना लंच बनाया इलाहाबाद स्पेशल , दाल चावल चोखा और एक लंबी नींद शाम को तकरीबन 6 बज गए

मै उठ कर फ्रेश हो गया और शाम को सब्जी की खरीदारी के लिए निकल गया और वापस आने के बाद मैने देखा कि दोपहर बाद से मेरी सोना एकदम से गायब है , न मैसेज न फोन

मैने काल किया तो स्पीकिंग टू समवन एल्स बताया और फिर एक मैसेज आया कि वो अपने दोस्तों के साथ ग्रुप काल पर है । मैं भी सोचा कि उसको भी उसका पर्सनल स्पेस मिलना चाहिए और मुझे प्रिया ख्याल आया

मैने उसको मैसेज कर दिया

: hiii kaisi ho ?
कुछ देर बाद उसका मैसेज आया
: pahale se better 🙂
: khana ?
: mummy bna Rahi hai , dard jyada tha aaj
: hmmm ( मैने बहुत कुछ बोलना सही नहीं समझा )
: Test kaisa gaya tumhara
ये सवाल तो किसी और पूछना चाहिए था लेकिन प्रिया ने अपने किरदार में कोई बदलाव नहीं किए थे ।
: ekdm mast 😃
:Good 👍👍
: ok tum rest kro , kuch jrurt hogi to btana bye.

कुछ देर तक उसके प्रोफाइल के नीचे टाइपिंग दिखा लेकिन फिर गायब सा था , शायद कुछ कहना चाहती थी और नहीं कह सकी ।
मैने भी बात आगे नहीं बढ़ाई और अपने पढ़ाई में लग गया

खाने के बाद एक बार फिर ट्राई किया लेकिन मैडम का काल बिजी आया और मै एक मूवी देखते हुए सो गया

अगली सुबह

सुबह आंख खुली तो देखा मोबाइल पर 5+ मिसकॉल और 10 से ज्यादा मैसेज आए थे

Sorry babu 😕
Late ho gaya 😑
Please call uthao 🥺
So gaye kya ?
Wo mai group call par thi , Vishal ki tabiyat nhi thik hai , usko hurt hua hai bahut .
Ok araam kar lo .
Good night sweet dreams
Love you 😘😘
Miss u apki yaad a Rahi hai
Bas ek baar phone utha lo plzzz 🥲


सुबह सुबह इतना सारा मैसेज देखा तो बड़ा अफसोस हुआ कि मेरी सोना कितनी देर रात तक मेरा वेट की और मै था कि सो गया ।

मैने वापस से कॉल लगा दिया , 3 4 रिंग और फोन उठा

: ह... हैलो सो .. ( मै कुछ बोलता उधर से एक मिलती जुलती हुई आवाज आई लेकिन आवाज मेरी सोना की नहीं थी )
: हैलो , विशाल वो सो रही है हेलो सुन रहे हो
मेरी तो इसी में फट गई कि उसका मोबाइक घर में किसी और ने उठाया
अब तो बड़ा सोच समझ कर फोन या मैसेज करना पड़ेगा । वरना यूं भावनाओं में बह कर सारा खेल ही बिगड़ जायेगा ।
और अच्छा हुआ मैने मेरी ओर से कोई मैसेज नहीं डाला नहीं तो पक्का मेरी सोना की खैर नहीं थी

लंबी लंबी सांसे लेकर मै फ्रेश हुआ और नहा धो कर बैठा था कि मेरे कमरे के दरवाजे पर दस्तक हुई

दरवाजा खोला तो प्रिया आई थी
: अरे तुम
: गुड मॉर्निंग रोहन ( वो ठीक दिख रही थी और नहा चुकी थी )
: आओ बैठो
वो कमरे में आई और हाथ में एक टिफिन भी था
: ये लो और थैंक्यू ( उसने वो टिफिन दोनो हाथों से देते हुए मुस्कुरा कर कहा )
: ये कहा है ? ( मैने टिफिन पकड़ते हुए ) गर्म है !!
: वही जो तुम्हे मेरे हाथ से अच्छी नहीं लगती , कटहल की सब्जी
दिल तो अंदर बाग बाग हो गया ठंड के मौसम में कटहल की मसालेदार सब्जी
: अब माफ भी कर दो यार , कितना सुनाओगी उसके लिए ( मैने बेबस भरी हंसी से उसे देखा )
: अच्छा ठीक है खा लेना , मै जा रही हूं
: सुनो
: हम्म्म कहो
: थैंक्यू ( मै उसको देख कर मुस्कुराया और वो भी )

वो चली गई और मैने फटाफट चावल चढ़ाया और अपनी पढ़ाई जारी कर दी
इधर सीटियां बज रही थी और वही मेरा मोबाइल बजने लगा

फोन पर बात हुई तो पता चला आज मैडम फोन लेकर कालेज जा रही है और वही से उनका ग्रुप विशाल से मिलने उसके घर जायेगा ।

मै भी अपनी पढ़ाई में व्यस्त था तो खाना खा कर वापस पढ़ाई में लग गया ।
शाम को बाजार के लिए निकलने से पहले मैने प्रिया का दिया हुआ टिफिन साफ करके नीचे ले आया

अंदर गया तो हाल में आंटी भी थी

: हाय आंटी, वो ये टिफिन ( थोड़ा उनसे असहज ही रहता था मै अक्सर )
: हा दो ( एकदम से वो किचन से आई )
मैने उसे दिया और वो टिफिन को खोलकर
: देख रही हो मम्मी , इतनी साफ तो आप भी नहीं कर पाएंगी इतना चकाचक करके लाए है ये

आंटी और मै दोनों समझ रहे थे कि बर्तन धूल कर देने के लिए ही ताना दिया जा रहा था
: अरे यार अब बाकी बर्तन के साथ वो भी धूल दिया तो क्या हो गया
: सिंक भरा है मेरा आओ ( उसने मुंह बना कर कहा )
आंटी हसने लगी
: क्या तू उसको परेशान कर रही है आ बेटा बैठ , और घर पर बात हुई

फिर हम थोड़ा हाल चाल लेने लगे और वो तुनक कर किचन में चली गई आंटी से बात करते करते ही 8 बज गए और मेरा टाइम हो गया , मतलब मेरी सोना के काल का टाइम हो गया था ।

मैने उसको पढ़ने का बोलकर बाहर न जाने के बजाय सीधा ऊपर अपने कमरे में चला आया

फोन आया
: उफ्फ फाइनली , आपकी आवाज सुनके अच्छा लगा
: हम्म्म ( वो कुछ उदास सी थी )
: क्या हुआ बाबू ?
: पता नहीं कुछ अच्छा नहीं लग रहा है , आप कब आओगे ?
: अगले महीने आपका बर्थडे है तो आ जाऊंगा सोना
: आप इधर नहीं आ सकते क्या ? ( उसने उखड़ कर कहा और मुझे फिक्र होने लगी )
: क्या हुआ मेरा बाबू , क्यों परेशान है मेरा सोना उम्मम
: पता नहीं डर सा लग रहा है , कही मेरी भी शादी हो गई तो और आज तो दीदी ने फोन उठा लिया था आपका
: ओह तो वो आपकी दीदी थी , एक पल को लगा कि आप ही हो
: नहीं दीदी थी और कल रात के लिए सॉरी
: कोई बात नहीं सोना
: वो विशाल रेखा सूरज सुमन हम लोग कान्फ्रेस काल पर थे ।
: अरे हा , आप तो आज उसके घर गए थे न ? कैसा है वो ?
: उसकी तबियत बहुत खराब है , आंटी बहुत रो रही थी और खाना नहीं खाया था 3 दिन से हम लोगों ने उसको खिलाया।
: ओह्ह्ह सच्चा प्यार ऐसा ही होता है
: मै तो मर जाऊंगी आपके बिना
: अरे ( मै एकदम सन्न हो गया ) ऐसा नहीं कहते बाबू
: क्या न कहूं , दीदी की शादी तय हो गई ( वो रुआंस होकर बोली )
: अरे तो दीदी की हुई है न , आपकी थोड़ी तब तक मै बात करने आ जाऊंगा पक्का ? आपकी कसम
: मुझे बहुत डर लग रहा है , मेरी छोटी मौसी मेरे लिए भी रिश्ता देख रही है

सच कहूं तो उसे खोने का डर मुझसे ज्यादा शायद ही उसे होगा , लेकिन मै मेरी कमजोरी दिखा कर उसे और परेशान नहीं कर सकता था । कारण जहां तक तब मुझे यही महसूस हो रहा था कि विशाल की gf की शादी और उसके दीदी की शादी तय हो जाने से वो ज्यादा इनसिक्योर हो गई थी । उसके भरोसे के लिए सबसे जरूरी था कि उससे मुलाकात की जाए ।

घर से आए मुझे लगभग दो महीने भी होने वाले थे
परीक्षा की घड़ी नजदीक आ रही थी और कुछ ही दिनों में फरवरी शुरू होने वाली थी । मन में कभी आ रहा था वेलेंटाइन वीक में ही मिलने चला जाऊ , लेकिन 28 फरवरी को उसका बर्थडे भी है ।
मम्मी ने मकर संक्रांति पर बुलाया था पढ़ाई का बोलकर नहीं गया और अब अगर एक ही महीने में 2 बार घर गया तो मेरा बाप मेरी गाड़ तोड़ देता ये तो फिक्स था ।

फिर मुझे समझ आया कि क्यों वेलेंटाइन वीक में घर चला जाऊं
10 फरवरी को शिवरात्रि भी है , परीक्षा के पहले पूजा पाठ का बहाना भी हो जाएगा और मै मेरी सोना से मिल भी लूंगा और फिर 28 फरवरी को उसके बर्थडे पर डायरेक्ट लखनऊ ही चला जाऊंगा बिना घर पर बताए

प्लानिंग सेट हो गई और अब बारी थी उसको सर्प्राइज देने की ।

एक हफ्ते बाद ......

आज रोज़ डे था और मै अपनी बैग की पैकिंग कर रहा था , दिन की ही ट्रेन थी , मैने जानबूझ कर प्रिया को भी नहीं बताया था कि घर जा रहा हूं

सुबह सुबह दरवाजे पर दस्तक हुई
मैंने खोला तो वो एक पीले रंग के सूट सलवार में खड़ी थी हाथ पीछे किए हुए

: हाय ( मुस्कुरा कर उसने मुझे ग्रीट किया )
: हाय !!! ( आज वो खिल रही थी थोड़ी , शायद ये रंग पर कुछ ज्यादा ही जंच रहा था )
: हैप्पी रोज़ डे रोहन ( एकदम से उसने एक पीला गुलाब अपने पीछे से आगे किया )
बड़ा सा खूबसूरत और लंबी डंडी जिसमें दो तीन कंटीली पत्ती भी थी
: ओह वाव ( उसके हाथ से गुलाब लेता हुआ ) थैंक्यू , अह मेरा मतलब तुमको भी हैप्पी.. रोज़.. डे

मै पूरी कोशिश कर रहा था कि असहज न हो पाऊं या उसे ऐसा न लगे कि मै उसने मुझे एकदम से चौका दिया लेकिन मै फेल था अपनी फिलिंग छुपाने में और वो मुस्कुरा रही थी ।

: अंदर नहीं बुलाओगे ( उसने अपने लटों को कान में उलझाया )
: आह आओ न , मै भी बस पैकिंग कर रहा था
: घर जा रहे हो ? बताया नहीं तुमने ( कुछ उदास लहजे में वो बोली )
: अह ... वो ( क्या जवाब दूं समझ नहीं आ रहा था ) हा मम्मी ने शिवरात्रि पर पूजा रखी है तो बुलाया है ।
: ओह , ठीक है फिर कब वापस आओगे ( उसने ठहरे हुए लहजे में पूछा )
: 11 को वापस , एग्जाम भी है न अगले महीने
: हम्ममम , उससे नहीं मिलोगे क्या ? वेलेंटाइन डे पर !! ( उसका इशारा मेरी जान की ओर था )
लेकिन मै क्या समझाता कि ये सब ड्रामा सिर्फ उससे मिलने के लिए ही हो रहा है ।
: हा कोशिश करूंगा , उसकी भी एग्जाम होने वाली है लास्ट ईयर की तो बिजी होगी ।
: ठीक है , मै तो बस ऐसी ही पूछ रही थी कि अगर जाओ मिलने तो फोटो भेजना साथ वाली ( एक फीकी मुस्कुराहट से वो बोली )
: अच्छा ठीक है , कोशिश करूंगा

फिर मैने अपना बैग लिया और निकल गया स्टेशन के लिए।

जारी रहेगी
 

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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189
UPDATE 006



Agli subah main jaldi nahane ke liye apne kapde lekar neeche aa gaya.
Jeene ke theek saamne ek bathroom tha jo poore ghar ke liye common tha.
Halaanki toilet ki vyavastha terrace par thi, lekin nahane ke liye neeche hi aana padta tha.
Waise toh meri subah padhai se shuru hoti aur kareeb 09 baje tak main nahane jaata, aur sardiyon mein toh 11 baj jaate.
Lekin aaj mera 09 baje test tha aur main jaldi jaldi brush ghumate hue takreeban 08 baje neeche aaya.

Us waqt ghar mein ghantiyaan baj rahi thi, matlab yeh ki aunty naha chuki thi. Maine socha yahi time hai, main naha loon.
Jaise hi neeche aaya toh dekha ki Priya bhi brush liye khadi hai, kandhe par towel rakhe hue, lower aur t-shirt mein.

: Nahana hai? (Muh mein brush ghumate hue usne poocha.)
Maine thoda asahaj hokar haan mein sar hilaya aur usne sar ghuma kar ishara kar diya ki main chala jaaun. Khud daant par brush ghumate hue gate ki taraf chali gayi.
Abhi main bathroom mein ghus kar kulla kar raha tha ki koi bandar ki tarah jhapta aur main itna tez chaunk gaya ki mere haath se brush aur jeebh chhitak gaye, “Mummyeee!”

Woh ekdum se khilkhilaayi aur main kuch bolta isse pehle woh bathroom mein hanger par taange hue apne bra-panty ke jode ko kheench le gayi.
Maine apna maatha pakad liya.

Aisa nahi tha ki itne saalon mein maine kabhi uski bra-panty bathroom mein nahi dekhi thi. Mujhe uski bra 32C aur 36 number panty ka size bhi pata tha, lekin aaj woh jis tarah se jhapti, usne mujhe chaunka diya.

Kuch der mein jab main sambhla aur meri nazar aunty ki panty par gayi, toh maine use bhi pakad kar baahar haath kar diya : Hmmm, yeh bhi hai.

Woh shocked hokar mujhe dekh rahi thi aur ekdum mere haath se panty jhapat kar muskura kar andar chali gayi aur tab tak nahi nikli jab tak main naha dhokar taiyaar hokar coaching ke liye nahi chala gaya.

Aaj teesre hafte ke test mein baithne se pehle, har baar ki tarah is baar bhi maine meri sona ko message kar diya aur phir mobile off karke class ke andar aa gaya.

Saadhe teen ghante baad jab wapas nikla aur mobile chalu kiya toh kaafi saare messages aaye the. Chunki aaj Sunday ka din tha, toh meri sona ghar par bore ho rahi thi.
Coaching se nikalte hi maine use call ghumaya.

: Hi, sona!
: Hi (woh ukhad kar boli.)
: Are, mera babu, kya hua?
: Babu ko accha nahi lag raha hai, babu aapko missy missy kar raha hai (kitne dulaar mein woh boli, jaise chhota sa baby ho.)
:Yaad aa rahi thi mere sona ko?
: Hmmm, bohot zyada. Aap kuch khaye?
: Abhi nahi, abhi jaoonga khane. Accha, ruko ek minute, Priya phone kar rahi hai.

Maine meri sona ko hold kar thoda Priya se baat ki aur wapas call retrieve kar diya.

: Haan, jaan, bolo.
: Kya hua, kya bol rahi thi woh?
: Kuch nahi, uski tabiyat nahi theek hai, toh store se dawa lena hai.
: Hunh, kuch nahi hua hoga, usko bas aapka attention chahiye (thoda possessive hokar woh boli.)
: Are, aisa nahi kehte, babu. Woh aisi nahi hai, sach mein uski tabiyat nahi theek hogi, warna woh mujhe koi kaam de de, aisa nahi hoga.
“l: Haan haan, itna accha kaash aap mujhe samajhte toh babu ko aise nahi lagta na
: Are, kya hua, batao na.
Hum phone par the aur woh bole ja rahi thi.
Itne mein main medical store par aa gaya.

“Ji, bhaiya, ek pad dedo aur yeh dawa dedo.”

: Haan, babu, bolo.
: Pata hai, woh mera dost hai na Vishal, uska breakup ho gaya.
: Kyun ? (Maine mobile kaan mein lagaye bola.)

“Nahi, bhai, N… N, Fortran-N chahiye,” main dukaandaar se bola.


: Haan, babu, bolo, (wapas phone par.)
: Uski gf ki shaadi ho rahi hai kahin doosre jagah.
: Kyun? (Main achraj se.)
: Are, abhi yeh kaise karega, iske paas job nahi hai na.
: Oh, bechara.
: Kya bechara, mujhe bohot darr lag raha hai. Aap please, babu, jaldi se job le lo aur mujhe apne saath le chalo, please!
Mujhe thodi hansi aayi.
: Haan, mera sona, bas March mein exam hai aur phir ek do mahine mein result aa jayega, phir job bhi lag jayegi.
: Sacchi na, babu ko aapke siwa kisi aur se shaadi nahi karni hai, please!

Phir maine manata samajhata hua wapas room par aa gaya aur Priya ko uska samaan dekar upar chala gaya.

Phir maine apna lunch banaya—Allahabad special: daal, chawal, chokha—aur ek lambi neend. Shaam ko takreeban 6 baj gaye.

Main uth kar fresh ho gaya aur shaam ko sabzi ki kharidari ke liye nikal gaya. Wapas aane ke baad maine dekha ki dopahar baad se meri sona ekdum se gayab hai—na message, na phone.

Maine call kiya toh “speaking to someone else” bataya aur phir ek message aaya ki woh apne doston ke saath group call par hai. Maine bhi socha ki usko bhi uska personal space milna chahiye aur mujhe Priya khyaal aaya.

Maine usko message kar diya:
: Hiii, kaisi ho?
Kuch der baad uska message aaya:
:Pehle se better 🙂
: Khana?
: Mummy bana rahi hai, dard zyada tha aaj.
: Hmmm (maine bohot kuch bolna sahi nahi samjha.)
: Test kaisa gaya tumhara?
Yeh sawaal toh kisi aur poochna chahiye tha, lekin Priya ne apne kirdaar mein koi badlaav nahi kiya tha.
: Ekdum mast 😃
:Good 👍👍
:Okay, tum rest karo, kuch zarurat hogi toh batana, bye.

Kuch der tak uske profile ke neeche typing dikha, lekin phir gayab sa tha. Shayad kuch kehna chahti thi aur nahi keh saki.
Maine bhi baat aage nahi badhaayi aur apni padhai mein lag gaya.

Khane ke baad ek baar phir try kiya, lekin madam ka call busy aaya aur main ek movie dekhte hue so gaya.

Agli subah

Subah aankh khuli toh dekha mobile par 5+ missed calls aur 10 se zyada messages aaye the:

“Sorry babu 😕
“Late ho gaya 😑
“Please call uthao 🥺
“So gaye kya?”
“Woh main group call par thi, Vishal ki tabiyat nahi theek hai, usko hurt hua hai bohot.”
“Okay, araam kar lo.”
“Good night, sweet dreams.”
“Love you 😘😘
“Miss u, apki yaad aa rahi hai.”
“Bas ek baar utha lo plzzz.”

Subah subah itna sara message dekha toh bada afsos hua ki meri sona kitni der raat tak mera wait ki aur main tha ki so gaya.

Maine wapas se call laga diya. 3-4 ring aur phone utha.

: H… hello, so… (Main kuch bolta, udhar se ek milti julti hui awaaz aayi, lekin awaaz meri sona ki nahi thi.)
: Hello, Vishal, woh so rahi hai, hello, sun rahe ho?
Meri toh isi mein fat gayi ki uska mobile ghar mein kisi aur ne uthaya.
Ab toh bada soch samajh kar phone ya message karna padega. Warna yoon bhaavnaon mein beh kar sara khel hi bigad jayega.
Aur accha hua maine meri taraf se koi message nahi dala, nahi toh pakka meri sona ki khair nahi thi.

Lambi lambi saansein lekar main fresh hua aur naha dhokar baitha tha ki mere kamre ke darwaze par dastak hui.

Darwaza khola toh Priya aayi thi.
: Are, tum!
: Good morning, Rohan (woh theek dikh rahi thi aur naha chuki thi.)
: Aao, baitho.
Woh kamre mein aayi aur haath mein ek tiffin bhi tha.
:Yeh lo aur thank you (usne woh tiffin dono haathon se dete hue muskura kar kaha.)
: Yeh kahan hai? (Maine tiffin pakadte hue.) Garam hai!!
: Wahi jo tumhe mere haath se acchi nahi lagti, kathal ki sabzi.
Dil toh andar baag baag ho gaya, thand ke mausam mein kathal ki masaledaar sabzi.
: Ab maaf bhi kar do yaar, kitna sunaaogi uske liye (maine bebasi bhari hansi se use dekha.)
: Accha, theek hai, kha lena, main ja rahi hoon.
:Suno.
: Hmmm, kaho.
: Thank you (main usko dekh kar muskuraaya aur woh bhi.)

Woh chali gayi aur maine fatafat chawal chadhaya aur apni padhai jaari kar di.
Idhar seetiyaan baj rahi thi aur wahi mera mobile bajne laga.

Phone par baat hui toh pata chala aaj madam phone lekar college ja rahi hai aur wahi se unka group Vishal se milne uske ghar jayega.

Main bhi apni padhai mein vyast tha toh khana kha kar wapas padhai mein lag gaya.
Shaam ko bazaar ke liye nikalne se pehle maine Priya ka diya hua tiffin saaf karke neeche le aaya.

Andar gaya toh hall mein aunty bhi thi.

: Hi, aunty, woh yeh tiffin (thoda unse asahaj hi rehta tha main aksar.)
: Haan, do (ekdum se woh kitchen se aayi.)
Maine use diya aur woh tiffin kholkar:
: Dekh rahi ho, Mummy, itni saaf toh aap bhi nahi kar paayengi, itna chakachak karke laya hain yeh.

Aunty aur main dono samajh rahe the ki bartan dhool kar dene ke liye hi taana diya ja raha tha.
: Are, yaar, ab baaki bartan ke saath woh bhi dhool diya toh kya ho gaya?
: Sink bhara hai mera, aao, (usne muh bana kar kaha.)
Aunty hasne lagi.
: Kya, tuu usko pareshan kar rahi hai? Aa, beta, baith, aur ghar par baat hui?

Phir hum thoda haal chaal lene lage aur woh tunak kar kitchen mein chali gayi. Aunty se baat karte karte hi 8 baj gaye aur mera time ho gaya, matlab meri sona ke call ka time ho gaya tha.

Maine usko padhne ka bolkar baahar na jaane ke bajay seedha upar apne kamre mein chala aaya.

Phone aaya:
: Uff, finally, aapki awaaz sunke accha laga.
: Hmmm (woh kuch udaas si thi.)
: Kya hua, babu?
: Pata nahi, kuch accha nahi lag raha hai. Aap kab aaoge?
: Agla mahina aapka birthday hai, toh aa jaoonga, sona.
: Aap idhar nahi aa sakte kya? (Usne ukhad kar kaha aur mujhe fikr hone lagi.)
: Kya hua, mera babu, kyun pareshan hai mera sona, ummm?
: Pata nahi, darr sa lag raha hai. Kahin meri bhi shaadi ho gayi toh, aur aaj toh didi ne phone utha liya tha aapka.
: Oh, toh woh aapki didi thi. Ek pal ko laga ki aap hi ho.
: Nahi, didi thi aur kal raat ke liye sorry.
: Koi baat nahi, sona.
: Woh Vishal, Rekha, Suraj, Suman, hum log conference call par the.
: Are, haan, aap toh aaj uske ghar gaye the na? Kaisa hai woh?
: Uski tabiyat bohot kharab hai. Aunty bohot ro rahi thi aur khana nahi khaya tha 3 din se. Hum logon ne usko khilaya.
: Ohhh, saccha pyar aisa hi hota hai.
: Main toh mar jaoongi aapke bina.
: Are (main ekdum sann ho gaya) aisa nahi kehte, babu.
: Kya na kahun? Didi ki shaadi tay ho gayi (woh ruaans hokar boli.)
: Are, toh didi ki hui hai na, aapki thodi. Tab tak main baat karne aa jaoonga, pakka? Aapki kasam.
: Mujhe bohot darr lag raha hai. Meri chhoti mausi mere liye bhi rishta dekh rahi hai.

Sach kahoon toh use khone ka darr mujhse zyada shayad hi use hoga, lekin main meri kamzori dikhakar use aur pareshan nahi kar sakta tha. Kaaran jahan tak tab mujhe yahi mehsoos ho raha tha ki Vishal ki gf ki shaadi aur uske didi ki shaadi tay ho jaane se woh zyada insecure ho gayi thi. Uske bharose ke liye sabse zaroori tha ki usse mulaqaat ki jaye.

Ghar se aaye mujhe lagbhag do mahine bhi hone wale the.
Pariksha ki ghadi nazdeek aa rahi thi aur kuch hi dino mein February shuru hone wali thi. Mann mein kabhi aa raha tha Valentine’s Week mein hi milne chala jaaun, lekin 28 February ko uska birthday bhi hai.
Mummy ne Makar Sankranti par bulaya tha, padhai ka bolkar nahi gaya aur ab agar ek hi mahine mein 2 baar ghar gaya toh mera baap meri gaad tod deta, yeh toh fix tha.

Phir mujhe samajh aaya ki kyun Valentine’s Week mein ghar chala jaaun.
10 February ko Shivratri bhi hai, pariksha se pehle puja paath ka bahana bhi ho jayega aur main meri sona se mil bhi loonga aur phir 28 February ko uske birthday par direct Lucknow hi chala jaoonga bina ghar par bataye.

Planning set ho gayi aur ab baari thi usko surprise dene ki.

Ek hafte baad

Aaj Rose Day tha aur main apni bag ki packing kar raha tha. Din ki hi train thi. Maine jaan boojh kar Priya ko bhi nahi bataya tha ki ghar ja raha hoon.

Subah subah darwaze par dastak hui.
Maine khola toh woh ek peele rang ke suit salwar mein khadi thi, haath peeche kiye hue.

: Hi (muskura kar usne mujhe greet kiya.)
: Hi ... (Aaj woh khil rahi thi thodi, shayad yeh rang par kuch zyada hi janch raha tha.)
: Happy Rose Day, Rohan! (Ekdum se usne ek peela gulab apne peeche se aage kiya.)
Bada sa khoobsurat aur lambi dandi, jismein do-teen kanteeli patti bhi thi.
: Oh, wow! (Uske haath se gulab leta hua.) Thank you, uh, mera matlab, tumko bhi Happy… Rose… Day.

Main poori koshish kar raha tha ki asahaj na ho paaun ya use aisa na lage ki usne mujhe ekdum se chaunka diya, lekin main fail tha apni feeling chhupane mein aur woh muskura rahi thi.

: Andar nahi bulaoge? (Usne apne laton ko kaan mein uljhaya.)
: Aah, aao na, main bhi bas packing kar raha tha.
: Ghar ja rahe ho? Bataya nahi tumne, (kuch udaas lehje mein woh boli.)
: Uh… woh (kya jawaab doon, samajh nahi aa raha tha) haan, Mummy ne Shivratri par puja rakhi hai toh bulaya hai.
: Oh, theek hai, phir kab wapas aaoge? (Usne thahre hue lehje mein poocha.)
: 11 ko wapas, exam bhi hai na agle mahine.
: Hmmm, usse nahi miloge kya? Valentine’s Day par!! (Uska ishara meri jaan ki taraf tha.)
Lekin main kya samjhaata ki yeh sab drama sirf usse milne ke liye hi ho raha hai.
: Haan, koshish karoonga, uski bhi exam hone wali hai last year ki, toh busy hogi.
: Theek hai, main toh bas aise hi pooch rahi thi ki agar jao milne toh photo bhejna saath wali (ek pheeki muskurahat se woh boli.)
: Accha, theek hai, koshish karoonga

Phir maine apna bag liya aur nikal gaya station ke liye.

Jaari rahegi.
 

DREAMBOY40

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Mujhe aisa lag rha hai Ladki jitni sidhi ban rhi hai utni hai nhi..
Warna aaj k tym me kaun aisi ladki hai jiske pass phone ho aur internet , bahar ghumne ki aajadi ho use s e x k bare me pata nhi hoga 😁
Dekhte hai kya hota hai

Waise ye kirdar bahut anokha hai .... Pata chalega age kyo
Thnxx fir your support
 

DREAMBOY40

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Bara hi dard hota h jab samne wala kisi ko chahta h or vo uski kahani apko suna raha ho , par apko wahi chahiye jo khanani suna raha ho

Khai update achha tha 👍

आप बहुत बेहतर लिख रहे हो मित्र लेकिन ज्यादातर पाठकों की रुचि शायद incest में ज्यादा ही है शायद इस कारणवश !

Mujhe aisa lag rha hai Ladki jitni sidhi ban rhi hai utni hai nhi..
Warna aaj k tym me kaun aisi ladki hai jiske pass phone ho aur internet , bahar ghumne ki aajadi ho use s e x k bare me pata nhi hoga 😁


DREAMBOY40 bhai is story me cheating ya cuckoldry to nhi hai? Mujhe aisi kahaniya pasand nhi.....kyonki idhar adultery section me yahi sab pada rehta hai

aapki ammi aur fantasy wali kahani mujhe kaafi achi lagi thi

❤️👍 nice update


Shaandar Update
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UPDATE 006


अगली सुबह मै जल्दी नहाने के लिए अपने कपड़े लेकर नीचे आ गया
जीने के ठीक सामने एक बाथरूम था जो पूरे घर के लिए कामन था ।
हालांकि टॉयलेट की व्यवस्था टैरिस पर थी लेकिन नहाने के नीचे ही आना पड़ता था ।
वैसे तो मेरी सुबह पढ़ाई से शुरू होती और करीब 09 बजे तक मै नहाने जाता और सर्दियों में तो 11 बज जाते
लेकिन आज मेरा 09 बजे ही टेस्ट था और मै जल्दी जल्दी ब्रश घुमाते हुए तकरीबन 08 बजे नीचे आया

उस समय घर में घंटियां बज रही थी मतलब यह कि आंटी नहा चुकी थी और मैने सोचा कि यही टाइम है मै नहा लूं
जैसे ही नीचे आया तो देखा कि प्रिया भी ब्रश लिए खड़ी है कंधे पर तौलिया रखे हुऐ लोवर टीशर्ट में

: नहाना है ? ( मुंह में ब्रश घुमाते हुए वो पूछी )
मैने थोड़ा असहज होकर हा में सर हिलाया और उसने सर घुमा कर इशारा कर दिया कि मै चला जाऊ और खुद दांत पर ब्रश घुमाते हुए गेट की ओर चली गई
अभी मै बाथरूम में घुस कर कुल्ला कर रहा था कि कोई बंदर की तरह झपटा और मै इतना तेज चौक गया कि मेरे हाथ से ब्रश और जीभा छिटक गए : मम्मीइई
वो एकदम से खिलखिलाई और मै कुछ बोलता इससे पहले वो बाथरूम में हैंगर पर टांगें हुए अपने ब्रा पैंटी के जोड़े को खींच ले गई
मैने अपना माथा पकड़ लिया

ऐसा नहीं था कि इतने साल में मैने कभी उसकी ब्रा पैंटी बाथरूम में नहीं देखी थी और मुझे उसके ब्रा 32C और 36 नंबर पैंटी का साइज भी पता था लेकिन आज वो जिस तरह से झपटी वो मुझे चौका दिया ।

कुछ देर में जब मै संभला और मेरी नजर आंटी की पैंटी पर गई तो मैने उसे भी पकड़ कर बाहर हाथ कर दिया
: हम्म्म ये भी है
वो शॉक्ड होकर मुझे देख रही और एकदम मेरे हाथ से पैंटी झपट कर मुस्कुरा कर अंदर चली गई और तब तक नहीं निकली जब तक नहा धोकर तैयार होकर कोचिंग के लिए नहीं चला गया ।

आज तीसरे हफ्ते के टेस्ट में बैठने से पहले हर बार की तरह इस बार भी मैने मेरी सोना को मैसेज कर दिया और फिर मोबाइल ऑफ करके क्लास के अंदर आ गया

साढ़े तीन घंटे बाद जब वापस निकला और मोबाइल चालू किया तो काफी सारे मैसेज आए थे और चूंकि आज संडे का दिन था तो मेरी सोना घर पर बोर हो रही थी
कोचिंग से निकलते ही मैने उसे काल घुमाया

: हाय सोना
: हाय ( वो उखड़ कर बोली )
: अरे मेरा बाबू क्या हुआ ?
: बाबू को अच्छा नहीं लग रहा है , बाबू आपको मिस्सी मिस्सी कर रही है ( कितने दुलार में वो बोली जैसे छोटा सा बेबी हो )
: याद आ रही थी मेरे सोना को
: हम्ममम बहुत ज्यादा , आप कुछ खाए
: अभी नहीं , अभी जाऊंगा खाने अच्छा रुको एक मिनट प्रिया फोन कर रही है

मैने मेरी सोना को होल्ड कर थोड़ा प्रिया से बात की और वापस काल रिट्रीव कर दिया
: हा जान बोलो
: क्या हुआ , क्या बोल रही थी वो ?
: कुछ नहीं उसकी तबियत नहीं ठीक है तो स्टोर से दवा लेना है
: हुंह, कुछ नहीं हुआ होगा , उसको बस आपका अटेंशन चाहिए ( थोड़ा पजेसिव होकर वो बोली )
: अरे ऐसा नहीं कहते बाबू, वो ऐसी नहीं है सच में उसकी तबियत नहीं ठीक होगी वरना वो मुझे कोई काम दे दे ऐसा नहीं होगा
: हा हा इतना अच्छा काश आप मुझे समझते तो बाबू को ऐसे नहीं लगता न
: अरे क्या हुआ , बताओ न
हम फोन पर थे और वो बोले जा रही
इतने में मै मेडिकल स्टोर पर आ गया

"जी भैया एक पैड देदो और ये दवा देदो"

: हा बाबू बोलो
: पता है वो मेरा दोस्त है विशाल उसका ब्रेकअप हो गया
: क्यों ( मैने मोबाइल कान में लगाए बोला )

" नहीं भाई N .. N , Fortran-N चाहिए " , मै दुकानदार से बोला

: हा बाबू बोलो ( वापस फोन पर )
: उसकी gf की शादी हो रही है कही दूसरे जगह
: क्यों ? ( मैं अचरज से )
: अरे अभी ये कैसे करेगा , इसके पास जॉब नहीं है न
: ओह , बेचारा
: क्या बेचारा मुझे बहुत डर लग रहा है , आप प्लीज बाबू जल्दी से जॉब ले लो और मुझे अपने साथ ले चलो प्लीज
मुझे थोड़ी हंसी आई
: हा मेरा सोना, बस मार्च में एग्जाम है और फिर एक दो महीने में रिजल्ट आ जाएगा फिर जॉब भी लग जाएगी
: सच्ची न , बाबू को आपके सिवा किसी और से शादी नहीं करना है प्लीज

फिर मैने मनाता समझाता हुआ मै वापस रूम पर आ गया और प्रिया को उसका समान देकर ऊपर चला गया

फिर मैने अपना लंच बनाया इलाहाबाद स्पेशल , दाल चावल चोखा और एक लंबी नींद शाम को तकरीबन 6 बज गए

मै उठ कर फ्रेश हो गया और शाम को सब्जी की खरीदारी के लिए निकल गया और वापस आने के बाद मैने देखा कि दोपहर बाद से मेरी सोना एकदम से गायब है , न मैसेज न फोन

मैने काल किया तो स्पीकिंग टू समवन एल्स बताया और फिर एक मैसेज आया कि वो अपने दोस्तों के साथ ग्रुप काल पर है । मैं भी सोचा कि उसको भी उसका पर्सनल स्पेस मिलना चाहिए और मुझे प्रिया ख्याल आया

मैने उसको मैसेज कर दिया

: hiii kaisi ho ?
कुछ देर बाद उसका मैसेज आया
: pahale se better 🙂
: khana ?
: mummy bna Rahi hai , dard jyada tha aaj
: hmmm ( मैने बहुत कुछ बोलना सही नहीं समझा )
: Test kaisa gaya tumhara
ये सवाल तो किसी और पूछना चाहिए था लेकिन प्रिया ने अपने किरदार में कोई बदलाव नहीं किए थे ।
: ekdm mast 😃
:Good 👍👍
: ok tum rest kro , kuch jrurt hogi to btana bye.

कुछ देर तक उसके प्रोफाइल के नीचे टाइपिंग दिखा लेकिन फिर गायब सा था , शायद कुछ कहना चाहती थी और नहीं कह सकी ।
मैने भी बात आगे नहीं बढ़ाई और अपने पढ़ाई में लग गया

खाने के बाद एक बार फिर ट्राई किया लेकिन मैडम का काल बिजी आया और मै एक मूवी देखते हुए सो गया

अगली सुबह

सुबह आंख खुली तो देखा मोबाइल पर 5+ मिसकॉल और 10 से ज्यादा मैसेज आए थे

Sorry babu 😕
Late ho gaya 😑
Please call uthao 🥺
So gaye kya ?
Wo mai group call par thi , Vishal ki tabiyat nhi thik hai , usko hurt hua hai bahut .
Ok araam kar lo .
Good night sweet dreams
Love you 😘😘
Miss u apki yaad a Rahi hai
Bas ek baar phone utha lo plzzz 🥲


सुबह सुबह इतना सारा मैसेज देखा तो बड़ा अफसोस हुआ कि मेरी सोना कितनी देर रात तक मेरा वेट की और मै था कि सो गया ।

मैने वापस से कॉल लगा दिया , 3 4 रिंग और फोन उठा

: ह... हैलो सो .. ( मै कुछ बोलता उधर से एक मिलती जुलती हुई आवाज आई लेकिन आवाज मेरी सोना की नहीं थी )
: हैलो , विशाल वो सो रही है हेलो सुन रहे हो
मेरी तो इसी में फट गई कि उसका मोबाइक घर में किसी और ने उठाया
अब तो बड़ा सोच समझ कर फोन या मैसेज करना पड़ेगा । वरना यूं भावनाओं में बह कर सारा खेल ही बिगड़ जायेगा ।
और अच्छा हुआ मैने मेरी ओर से कोई मैसेज नहीं डाला नहीं तो पक्का मेरी सोना की खैर नहीं थी

लंबी लंबी सांसे लेकर मै फ्रेश हुआ और नहा धो कर बैठा था कि मेरे कमरे के दरवाजे पर दस्तक हुई

दरवाजा खोला तो प्रिया आई थी
: अरे तुम
: गुड मॉर्निंग रोहन ( वो ठीक दिख रही थी और नहा चुकी थी )
: आओ बैठो
वो कमरे में आई और हाथ में एक टिफिन भी था
: ये लो और थैंक्यू ( उसने वो टिफिन दोनो हाथों से देते हुए मुस्कुरा कर कहा )
: ये कहा है ? ( मैने टिफिन पकड़ते हुए ) गर्म है !!
: वही जो तुम्हे मेरे हाथ से अच्छी नहीं लगती , कटहल की सब्जी
दिल तो अंदर बाग बाग हो गया ठंड के मौसम में कटहल की मसालेदार सब्जी
: अब माफ भी कर दो यार , कितना सुनाओगी उसके लिए ( मैने बेबस भरी हंसी से उसे देखा )
: अच्छा ठीक है खा लेना , मै जा रही हूं
: सुनो
: हम्म्म कहो
: थैंक्यू ( मै उसको देख कर मुस्कुराया और वो भी )

वो चली गई और मैने फटाफट चावल चढ़ाया और अपनी पढ़ाई जारी कर दी
इधर सीटियां बज रही थी और वही मेरा मोबाइल बजने लगा

फोन पर बात हुई तो पता चला आज मैडम फोन लेकर कालेज जा रही है और वही से उनका ग्रुप विशाल से मिलने उसके घर जायेगा ।

मै भी अपनी पढ़ाई में व्यस्त था तो खाना खा कर वापस पढ़ाई में लग गया ।
शाम को बाजार के लिए निकलने से पहले मैने प्रिया का दिया हुआ टिफिन साफ करके नीचे ले आया

अंदर गया तो हाल में आंटी भी थी

: हाय आंटी, वो ये टिफिन ( थोड़ा उनसे असहज ही रहता था मै अक्सर )
: हा दो ( एकदम से वो किचन से आई )
मैने उसे दिया और वो टिफिन को खोलकर
: देख रही हो मम्मी , इतनी साफ तो आप भी नहीं कर पाएंगी इतना चकाचक करके लाए है ये

आंटी और मै दोनों समझ रहे थे कि बर्तन धूल कर देने के लिए ही ताना दिया जा रहा था
: अरे यार अब बाकी बर्तन के साथ वो भी धूल दिया तो क्या हो गया
: सिंक भरा है मेरा आओ ( उसने मुंह बना कर कहा )
आंटी हसने लगी
: क्या तू उसको परेशान कर रही है आ बेटा बैठ , और घर पर बात हुई

फिर हम थोड़ा हाल चाल लेने लगे और वो तुनक कर किचन में चली गई आंटी से बात करते करते ही 8 बज गए और मेरा टाइम हो गया , मतलब मेरी सोना के काल का टाइम हो गया था ।

मैने उसको पढ़ने का बोलकर बाहर न जाने के बजाय सीधा ऊपर अपने कमरे में चला आया

फोन आया
: उफ्फ फाइनली , आपकी आवाज सुनके अच्छा लगा
: हम्म्म ( वो कुछ उदास सी थी )
: क्या हुआ बाबू ?
: पता नहीं कुछ अच्छा नहीं लग रहा है , आप कब आओगे ?
: अगले महीने आपका बर्थडे है तो आ जाऊंगा सोना
: आप इधर नहीं आ सकते क्या ? ( उसने उखड़ कर कहा और मुझे फिक्र होने लगी )
: क्या हुआ मेरा बाबू , क्यों परेशान है मेरा सोना उम्मम
: पता नहीं डर सा लग रहा है , कही मेरी भी शादी हो गई तो और आज तो दीदी ने फोन उठा लिया था आपका
: ओह तो वो आपकी दीदी थी , एक पल को लगा कि आप ही हो
: नहीं दीदी थी और कल रात के लिए सॉरी
: कोई बात नहीं सोना
: वो विशाल रेखा सूरज सुमन हम लोग कान्फ्रेस काल पर थे ।
: अरे हा , आप तो आज उसके घर गए थे न ? कैसा है वो ?
: उसकी तबियत बहुत खराब है , आंटी बहुत रो रही थी और खाना नहीं खाया था 3 दिन से हम लोगों ने उसको खिलाया।
: ओह्ह्ह सच्चा प्यार ऐसा ही होता है
: मै तो मर जाऊंगी आपके बिना
: अरे ( मै एकदम सन्न हो गया ) ऐसा नहीं कहते बाबू
: क्या न कहूं , दीदी की शादी तय हो गई ( वो रुआंस होकर बोली )
: अरे तो दीदी की हुई है न , आपकी थोड़ी तब तक मै बात करने आ जाऊंगा पक्का ? आपकी कसम
: मुझे बहुत डर लग रहा है , मेरी छोटी मौसी मेरे लिए भी रिश्ता देख रही है

सच कहूं तो उसे खोने का डर मुझसे ज्यादा शायद ही उसे होगा , लेकिन मै मेरी कमजोरी दिखा कर उसे और परेशान नहीं कर सकता था । कारण जहां तक तब मुझे यही महसूस हो रहा था कि विशाल की gf की शादी और उसके दीदी की शादी तय हो जाने से वो ज्यादा इनसिक्योर हो गई थी । उसके भरोसे के लिए सबसे जरूरी था कि उससे मुलाकात की जाए ।

घर से आए मुझे लगभग दो महीने भी होने वाले थे
परीक्षा की घड़ी नजदीक आ रही थी और कुछ ही दिनों में फरवरी शुरू होने वाली थी । मन में कभी आ रहा था वेलेंटाइन वीक में ही मिलने चला जाऊ , लेकिन 28 फरवरी को उसका बर्थडे भी है ।
मम्मी ने मकर संक्रांति पर बुलाया था पढ़ाई का बोलकर नहीं गया और अब अगर एक ही महीने में 2 बार घर गया तो मेरा बाप मेरी गाड़ तोड़ देता ये तो फिक्स था ।

फिर मुझे समझ आया कि क्यों वेलेंटाइन वीक में घर चला जाऊं
10 फरवरी को शिवरात्रि भी है , परीक्षा के पहले पूजा पाठ का बहाना भी हो जाएगा और मै मेरी सोना से मिल भी लूंगा और फिर 28 फरवरी को उसके बर्थडे पर डायरेक्ट लखनऊ ही चला जाऊंगा बिना घर पर बताए

प्लानिंग सेट हो गई और अब बारी थी उसको सर्प्राइज देने की ।

एक हफ्ते बाद ......

आज रोज़ डे था और मै अपनी बैग की पैकिंग कर रहा था , दिन की ही ट्रेन थी , मैने जानबूझ कर प्रिया को भी नहीं बताया था कि घर जा रहा हूं

सुबह सुबह दरवाजे पर दस्तक हुई
मैंने खोला तो वो एक पीले रंग के सूट सलवार में खड़ी थी हाथ पीछे किए हुए

: हाय ( मुस्कुरा कर उसने मुझे ग्रीट किया )
: हाय !!! ( आज वो खिल रही थी थोड़ी , शायद ये रंग पर कुछ ज्यादा ही जंच रहा था )
: हैप्पी रोज़ डे रोहन ( एकदम से उसने एक पीला गुलाब अपने पीछे से आगे किया )
बड़ा सा खूबसूरत और लंबी डंडी जिसमें दो तीन कंटीली पत्ती भी थी
: ओह वाव ( उसके हाथ से गुलाब लेता हुआ ) थैंक्यू , अह मेरा मतलब तुमको भी हैप्पी.. रोज़.. डे

मै पूरी कोशिश कर रहा था कि असहज न हो पाऊं या उसे ऐसा न लगे कि मै उसने मुझे एकदम से चौका दिया लेकिन मै फेल था अपनी फिलिंग छुपाने में और वो मुस्कुरा रही थी ।

: अंदर नहीं बुलाओगे ( उसने अपने लटों को कान में उलझाया )
: आह आओ न , मै भी बस पैकिंग कर रहा था
: घर जा रहे हो ? बताया नहीं तुमने ( कुछ उदास लहजे में वो बोली )
: अह ... वो ( क्या जवाब दूं समझ नहीं आ रहा था ) हा मम्मी ने शिवरात्रि पर पूजा रखी है तो बुलाया है ।
: ओह , ठीक है फिर कब वापस आओगे ( उसने ठहरे हुए लहजे में पूछा )
: 11 को वापस , एग्जाम भी है न अगले महीने
: हम्ममम , उससे नहीं मिलोगे क्या ? वेलेंटाइन डे पर !! ( उसका इशारा मेरी जान की ओर था )
लेकिन मै क्या समझाता कि ये सब ड्रामा सिर्फ उससे मिलने के लिए ही हो रहा है ।
: हा कोशिश करूंगा , उसकी भी एग्जाम होने वाली है लास्ट ईयर की तो बिजी होगी ।
: ठीक है , मै तो बस ऐसी ही पूछ रही थी कि अगर जाओ मिलने तो फोटो भेजना साथ वाली ( एक फीकी मुस्कुराहट से वो बोली )
: अच्छा ठीक है , कोशिश करूंगा

फिर मैने अपना बैग लिया और निकल गया स्टेशन के लिए।

जारी रहेगी
Bhai ye room wali larki kitna dard chhupaye hue h
Mujhe to sona babu pe shak h 🤣
 
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अगली सुबह मै जल्दी नहाने के लिए अपने कपड़े लेकर नीचे आ गया
जीने के ठीक सामने एक बाथरूम था जो पूरे घर के लिए कामन था ।
हालांकि टॉयलेट की व्यवस्था टैरिस पर थी लेकिन नहाने के नीचे ही आना पड़ता था ।
वैसे तो मेरी सुबह पढ़ाई से शुरू होती और करीब 09 बजे तक मै नहाने जाता और सर्दियों में तो 11 बज जाते
लेकिन आज मेरा 09 बजे ही टेस्ट था और मै जल्दी जल्दी ब्रश घुमाते हुए तकरीबन 08 बजे नीचे आया

उस समय घर में घंटियां बज रही थी मतलब यह कि आंटी नहा चुकी थी और मैने सोचा कि यही टाइम है मै नहा लूं
जैसे ही नीचे आया तो देखा कि प्रिया भी ब्रश लिए खड़ी है कंधे पर तौलिया रखे हुऐ लोवर टीशर्ट में

: नहाना है ? ( मुंह में ब्रश घुमाते हुए वो पूछी )
मैने थोड़ा असहज होकर हा में सर हिलाया और उसने सर घुमा कर इशारा कर दिया कि मै चला जाऊ और खुद दांत पर ब्रश घुमाते हुए गेट की ओर चली गई
अभी मै बाथरूम में घुस कर कुल्ला कर रहा था कि कोई बंदर की तरह झपटा और मै इतना तेज चौक गया कि मेरे हाथ से ब्रश और जीभा छिटक गए : मम्मीइई
वो एकदम से खिलखिलाई और मै कुछ बोलता इससे पहले वो बाथरूम में हैंगर पर टांगें हुए अपने ब्रा पैंटी के जोड़े को खींच ले गई
मैने अपना माथा पकड़ लिया

ऐसा नहीं था कि इतने साल में मैने कभी उसकी ब्रा पैंटी बाथरूम में नहीं देखी थी और मुझे उसके ब्रा 32C और 36 नंबर पैंटी का साइज भी पता था लेकिन आज वो जिस तरह से झपटी वो मुझे चौका दिया ।

कुछ देर में जब मै संभला और मेरी नजर आंटी की पैंटी पर गई तो मैने उसे भी पकड़ कर बाहर हाथ कर दिया
: हम्म्म ये भी है
वो शॉक्ड होकर मुझे देख रही और एकदम मेरे हाथ से पैंटी झपट कर मुस्कुरा कर अंदर चली गई और तब तक नहीं निकली जब तक नहा धोकर तैयार होकर कोचिंग के लिए नहीं चला गया ।

आज तीसरे हफ्ते के टेस्ट में बैठने से पहले हर बार की तरह इस बार भी मैने मेरी सोना को मैसेज कर दिया और फिर मोबाइल ऑफ करके क्लास के अंदर आ गया

साढ़े तीन घंटे बाद जब वापस निकला और मोबाइल चालू किया तो काफी सारे मैसेज आए थे और चूंकि आज संडे का दिन था तो मेरी सोना घर पर बोर हो रही थी
कोचिंग से निकलते ही मैने उसे काल घुमाया

: हाय सोना
: हाय ( वो उखड़ कर बोली )
: अरे मेरा बाबू क्या हुआ ?
: बाबू को अच्छा नहीं लग रहा है , बाबू आपको मिस्सी मिस्सी कर रही है ( कितने दुलार में वो बोली जैसे छोटा सा बेबी हो )
: याद आ रही थी मेरे सोना को
: हम्ममम बहुत ज्यादा , आप कुछ खाए
: अभी नहीं , अभी जाऊंगा खाने अच्छा रुको एक मिनट प्रिया फोन कर रही है

मैने मेरी सोना को होल्ड कर थोड़ा प्रिया से बात की और वापस काल रिट्रीव कर दिया
: हा जान बोलो
: क्या हुआ , क्या बोल रही थी वो ?
: कुछ नहीं उसकी तबियत नहीं ठीक है तो स्टोर से दवा लेना है
: हुंह, कुछ नहीं हुआ होगा , उसको बस आपका अटेंशन चाहिए ( थोड़ा पजेसिव होकर वो बोली )
: अरे ऐसा नहीं कहते बाबू, वो ऐसी नहीं है सच में उसकी तबियत नहीं ठीक होगी वरना वो मुझे कोई काम दे दे ऐसा नहीं होगा
: हा हा इतना अच्छा काश आप मुझे समझते तो बाबू को ऐसे नहीं लगता न
: अरे क्या हुआ , बताओ न
हम फोन पर थे और वो बोले जा रही
इतने में मै मेडिकल स्टोर पर आ गया

"जी भैया एक पैड देदो और ये दवा देदो"

: हा बाबू बोलो
: पता है वो मेरा दोस्त है विशाल उसका ब्रेकअप हो गया
: क्यों ( मैने मोबाइल कान में लगाए बोला )

" नहीं भाई N .. N , Fortran-N चाहिए " , मै दुकानदार से बोला

: हा बाबू बोलो ( वापस फोन पर )
: उसकी gf की शादी हो रही है कही दूसरे जगह
: क्यों ? ( मैं अचरज से )
: अरे अभी ये कैसे करेगा , इसके पास जॉब नहीं है न
: ओह , बेचारा
: क्या बेचारा मुझे बहुत डर लग रहा है , आप प्लीज बाबू जल्दी से जॉब ले लो और मुझे अपने साथ ले चलो प्लीज
मुझे थोड़ी हंसी आई
: हा मेरा सोना, बस मार्च में एग्जाम है और फिर एक दो महीने में रिजल्ट आ जाएगा फिर जॉब भी लग जाएगी
: सच्ची न , बाबू को आपके सिवा किसी और से शादी नहीं करना है प्लीज

फिर मैने मनाता समझाता हुआ मै वापस रूम पर आ गया और प्रिया को उसका समान देकर ऊपर चला गया

फिर मैने अपना लंच बनाया इलाहाबाद स्पेशल , दाल चावल चोखा और एक लंबी नींद शाम को तकरीबन 6 बज गए

मै उठ कर फ्रेश हो गया और शाम को सब्जी की खरीदारी के लिए निकल गया और वापस आने के बाद मैने देखा कि दोपहर बाद से मेरी सोना एकदम से गायब है , न मैसेज न फोन

मैने काल किया तो स्पीकिंग टू समवन एल्स बताया और फिर एक मैसेज आया कि वो अपने दोस्तों के साथ ग्रुप काल पर है । मैं भी सोचा कि उसको भी उसका पर्सनल स्पेस मिलना चाहिए और मुझे प्रिया ख्याल आया

मैने उसको मैसेज कर दिया

: hiii kaisi ho ?
कुछ देर बाद उसका मैसेज आया
: pahale se better 🙂
: khana ?
: mummy bna Rahi hai , dard jyada tha aaj
: hmmm ( मैने बहुत कुछ बोलना सही नहीं समझा )
: Test kaisa gaya tumhara
ये सवाल तो किसी और पूछना चाहिए था लेकिन प्रिया ने अपने किरदार में कोई बदलाव नहीं किए थे ।
: ekdm mast 😃
:Good 👍👍
: ok tum rest kro , kuch jrurt hogi to btana bye.

कुछ देर तक उसके प्रोफाइल के नीचे टाइपिंग दिखा लेकिन फिर गायब सा था , शायद कुछ कहना चाहती थी और नहीं कह सकी ।
मैने भी बात आगे नहीं बढ़ाई और अपने पढ़ाई में लग गया

खाने के बाद एक बार फिर ट्राई किया लेकिन मैडम का काल बिजी आया और मै एक मूवी देखते हुए सो गया

अगली सुबह

सुबह आंख खुली तो देखा मोबाइल पर 5+ मिसकॉल और 10 से ज्यादा मैसेज आए थे

Sorry babu 😕
Late ho gaya 😑
Please call uthao 🥺
So gaye kya ?
Wo mai group call par thi , Vishal ki tabiyat nhi thik hai , usko hurt hua hai bahut .
Ok araam kar lo .
Good night sweet dreams
Love you 😘😘
Miss u apki yaad a Rahi hai
Bas ek baar phone utha lo plzzz 🥲


सुबह सुबह इतना सारा मैसेज देखा तो बड़ा अफसोस हुआ कि मेरी सोना कितनी देर रात तक मेरा वेट की और मै था कि सो गया ।

मैने वापस से कॉल लगा दिया , 3 4 रिंग और फोन उठा

: ह... हैलो सो .. ( मै कुछ बोलता उधर से एक मिलती जुलती हुई आवाज आई लेकिन आवाज मेरी सोना की नहीं थी )
: हैलो , विशाल वो सो रही है हेलो सुन रहे हो
मेरी तो इसी में फट गई कि उसका मोबाइक घर में किसी और ने उठाया
अब तो बड़ा सोच समझ कर फोन या मैसेज करना पड़ेगा । वरना यूं भावनाओं में बह कर सारा खेल ही बिगड़ जायेगा ।
और अच्छा हुआ मैने मेरी ओर से कोई मैसेज नहीं डाला नहीं तो पक्का मेरी सोना की खैर नहीं थी

लंबी लंबी सांसे लेकर मै फ्रेश हुआ और नहा धो कर बैठा था कि मेरे कमरे के दरवाजे पर दस्तक हुई

दरवाजा खोला तो प्रिया आई थी
: अरे तुम
: गुड मॉर्निंग रोहन ( वो ठीक दिख रही थी और नहा चुकी थी )
: आओ बैठो
वो कमरे में आई और हाथ में एक टिफिन भी था
: ये लो और थैंक्यू ( उसने वो टिफिन दोनो हाथों से देते हुए मुस्कुरा कर कहा )
: ये कहा है ? ( मैने टिफिन पकड़ते हुए ) गर्म है !!
: वही जो तुम्हे मेरे हाथ से अच्छी नहीं लगती , कटहल की सब्जी
दिल तो अंदर बाग बाग हो गया ठंड के मौसम में कटहल की मसालेदार सब्जी
: अब माफ भी कर दो यार , कितना सुनाओगी उसके लिए ( मैने बेबस भरी हंसी से उसे देखा )
: अच्छा ठीक है खा लेना , मै जा रही हूं
: सुनो
: हम्म्म कहो
: थैंक्यू ( मै उसको देख कर मुस्कुराया और वो भी )

वो चली गई और मैने फटाफट चावल चढ़ाया और अपनी पढ़ाई जारी कर दी
इधर सीटियां बज रही थी और वही मेरा मोबाइल बजने लगा

फोन पर बात हुई तो पता चला आज मैडम फोन लेकर कालेज जा रही है और वही से उनका ग्रुप विशाल से मिलने उसके घर जायेगा ।

मै भी अपनी पढ़ाई में व्यस्त था तो खाना खा कर वापस पढ़ाई में लग गया ।
शाम को बाजार के लिए निकलने से पहले मैने प्रिया का दिया हुआ टिफिन साफ करके नीचे ले आया

अंदर गया तो हाल में आंटी भी थी

: हाय आंटी, वो ये टिफिन ( थोड़ा उनसे असहज ही रहता था मै अक्सर )
: हा दो ( एकदम से वो किचन से आई )
मैने उसे दिया और वो टिफिन को खोलकर
: देख रही हो मम्मी , इतनी साफ तो आप भी नहीं कर पाएंगी इतना चकाचक करके लाए है ये

आंटी और मै दोनों समझ रहे थे कि बर्तन धूल कर देने के लिए ही ताना दिया जा रहा था
: अरे यार अब बाकी बर्तन के साथ वो भी धूल दिया तो क्या हो गया
: सिंक भरा है मेरा आओ ( उसने मुंह बना कर कहा )
आंटी हसने लगी
: क्या तू उसको परेशान कर रही है आ बेटा बैठ , और घर पर बात हुई

फिर हम थोड़ा हाल चाल लेने लगे और वो तुनक कर किचन में चली गई आंटी से बात करते करते ही 8 बज गए और मेरा टाइम हो गया , मतलब मेरी सोना के काल का टाइम हो गया था ।

मैने उसको पढ़ने का बोलकर बाहर न जाने के बजाय सीधा ऊपर अपने कमरे में चला आया

फोन आया
: उफ्फ फाइनली , आपकी आवाज सुनके अच्छा लगा
: हम्म्म ( वो कुछ उदास सी थी )
: क्या हुआ बाबू ?
: पता नहीं कुछ अच्छा नहीं लग रहा है , आप कब आओगे ?
: अगले महीने आपका बर्थडे है तो आ जाऊंगा सोना
: आप इधर नहीं आ सकते क्या ? ( उसने उखड़ कर कहा और मुझे फिक्र होने लगी )
: क्या हुआ मेरा बाबू , क्यों परेशान है मेरा सोना उम्मम
: पता नहीं डर सा लग रहा है , कही मेरी भी शादी हो गई तो और आज तो दीदी ने फोन उठा लिया था आपका
: ओह तो वो आपकी दीदी थी , एक पल को लगा कि आप ही हो
: नहीं दीदी थी और कल रात के लिए सॉरी
: कोई बात नहीं सोना
: वो विशाल रेखा सूरज सुमन हम लोग कान्फ्रेस काल पर थे ।
: अरे हा , आप तो आज उसके घर गए थे न ? कैसा है वो ?
: उसकी तबियत बहुत खराब है , आंटी बहुत रो रही थी और खाना नहीं खाया था 3 दिन से हम लोगों ने उसको खिलाया।
: ओह्ह्ह सच्चा प्यार ऐसा ही होता है
: मै तो मर जाऊंगी आपके बिना
: अरे ( मै एकदम सन्न हो गया ) ऐसा नहीं कहते बाबू
: क्या न कहूं , दीदी की शादी तय हो गई ( वो रुआंस होकर बोली )
: अरे तो दीदी की हुई है न , आपकी थोड़ी तब तक मै बात करने आ जाऊंगा पक्का ? आपकी कसम
: मुझे बहुत डर लग रहा है , मेरी छोटी मौसी मेरे लिए भी रिश्ता देख रही है

सच कहूं तो उसे खोने का डर मुझसे ज्यादा शायद ही उसे होगा , लेकिन मै मेरी कमजोरी दिखा कर उसे और परेशान नहीं कर सकता था । कारण जहां तक तब मुझे यही महसूस हो रहा था कि विशाल की gf की शादी और उसके दीदी की शादी तय हो जाने से वो ज्यादा इनसिक्योर हो गई थी । उसके भरोसे के लिए सबसे जरूरी था कि उससे मुलाकात की जाए ।

घर से आए मुझे लगभग दो महीने भी होने वाले थे
परीक्षा की घड़ी नजदीक आ रही थी और कुछ ही दिनों में फरवरी शुरू होने वाली थी । मन में कभी आ रहा था वेलेंटाइन वीक में ही मिलने चला जाऊ , लेकिन 28 फरवरी को उसका बर्थडे भी है ।
मम्मी ने मकर संक्रांति पर बुलाया था पढ़ाई का बोलकर नहीं गया और अब अगर एक ही महीने में 2 बार घर गया तो मेरा बाप मेरी गाड़ तोड़ देता ये तो फिक्स था ।

फिर मुझे समझ आया कि क्यों वेलेंटाइन वीक में घर चला जाऊं
10 फरवरी को शिवरात्रि भी है , परीक्षा के पहले पूजा पाठ का बहाना भी हो जाएगा और मै मेरी सोना से मिल भी लूंगा और फिर 28 फरवरी को उसके बर्थडे पर डायरेक्ट लखनऊ ही चला जाऊंगा बिना घर पर बताए

प्लानिंग सेट हो गई और अब बारी थी उसको सर्प्राइज देने की ।

एक हफ्ते बाद ......

आज रोज़ डे था और मै अपनी बैग की पैकिंग कर रहा था , दिन की ही ट्रेन थी , मैने जानबूझ कर प्रिया को भी नहीं बताया था कि घर जा रहा हूं

सुबह सुबह दरवाजे पर दस्तक हुई
मैंने खोला तो वो एक पीले रंग के सूट सलवार में खड़ी थी हाथ पीछे किए हुए

: हाय ( मुस्कुरा कर उसने मुझे ग्रीट किया )
: हाय !!! ( आज वो खिल रही थी थोड़ी , शायद ये रंग पर कुछ ज्यादा ही जंच रहा था )
: हैप्पी रोज़ डे रोहन ( एकदम से उसने एक पीला गुलाब अपने पीछे से आगे किया )
बड़ा सा खूबसूरत और लंबी डंडी जिसमें दो तीन कंटीली पत्ती भी थी
: ओह वाव ( उसके हाथ से गुलाब लेता हुआ ) थैंक्यू , अह मेरा मतलब तुमको भी हैप्पी.. रोज़.. डे

मै पूरी कोशिश कर रहा था कि असहज न हो पाऊं या उसे ऐसा न लगे कि मै उसने मुझे एकदम से चौका दिया लेकिन मै फेल था अपनी फिलिंग छुपाने में और वो मुस्कुरा रही थी ।

: अंदर नहीं बुलाओगे ( उसने अपने लटों को कान में उलझाया )
: आह आओ न , मै भी बस पैकिंग कर रहा था
: घर जा रहे हो ? बताया नहीं तुमने ( कुछ उदास लहजे में वो बोली )
: अह ... वो ( क्या जवाब दूं समझ नहीं आ रहा था ) हा मम्मी ने शिवरात्रि पर पूजा रखी है तो बुलाया है ।
: ओह , ठीक है फिर कब वापस आओगे ( उसने ठहरे हुए लहजे में पूछा )
: 11 को वापस , एग्जाम भी है न अगले महीने
: हम्ममम , उससे नहीं मिलोगे क्या ? वेलेंटाइन डे पर !! ( उसका इशारा मेरी जान की ओर था )
लेकिन मै क्या समझाता कि ये सब ड्रामा सिर्फ उससे मिलने के लिए ही हो रहा है ।
: हा कोशिश करूंगा , उसकी भी एग्जाम होने वाली है लास्ट ईयर की तो बिजी होगी ।
: ठीक है , मै तो बस ऐसी ही पूछ रही थी कि अगर जाओ मिलने तो फोटो भेजना साथ वाली ( एक फीकी मुस्कुराहट से वो बोली )
: अच्छा ठीक है , कोशिश करूंगा

फिर मैने अपना बैग लिया और निकल गया स्टेशन के लिए।

जारी रहेगी
Awesome update
 
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