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Adultery इश्क और हसरत

Raj Kumar Kannada

Good News
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UPDATE 007


देर रात तक मै घर पहुंचा
ट्रेन में बैठने के बाद घर फोन कर दिया था कि आ रहा हूं तो खाना बना हुआ था

घर आकर मैने मम्मी पापा के पैर छुए
पापा सोफे पर थे और मम्मी किचन में

: मम्मी ( मैने उनको हग कर लिया पीछे से )
: हा बेटा ( कुछ उदास सी मुस्कुराई वो )
: क्या हुआ ? आप खुश नहीं हो ( मैने उन्हें अपनी ओर घुमाया )
उन्होंने मुझे बड़े गौर से देखा और एक फीकी मुस्कुराहट से मेरी बढ़ी हुई दाढ़ी को छू कर : ये क्या , तू दाढ़ी बाल नहीं कटवाया ?
: वहा कौन देखेगा मुझे
: अच्छा और यहां कौन है ( अम्मी ने आंखे महीन करके मुझे देखने लगी )
: यहां मेरी प्यारी सी मम्मी है न हाहाहा ( मैने उनके नाक छू कर कहा और वो मुस्कुराई ) मै हूं न आपका हीरो बोलो
: हा मेरा लाला ( वो मेरे चेहरे को छू कर बोली ) जा हाथ मुंह धो ले और खाना निकाल दूं ।

मै मेरे कमरे में गया और सबसे पहले अपनी सोना को घर पहुंचने का मैसेज डाल दिया और मोबाइल चार्ज में लगा दिया । फिर फ्रेश होकर बाहर आया और पापा के पास बैठ गया

वो हाल में बैठे हुए न्यूज चैनल देख रहे थे , लगभग साल भर हो गया था कोरोना की खबरें सुनते हुए और खबर थी कि एक बार फिर अब देश के तेजी से केस बढ़ रहे है कोरोना के , कोई नया वेरिएंट आ गया है । पूरे आसार है कि फिर से लॉकडाउन लगने के । विदेशी यात्राओं पर रोक लगनी फिर से शुरू हो गई थी ।
आम तौर पर वैसे भी पापा और मेरी बहुत बात नहीं होती थी लेकिन इलाहाबाद से घर आने पर अक्सर वो मेरी पढ़ाई और परीक्षा को लेकर बातें करते थे लेकिन आज बहुत चुप थे ।

मुझे लगा कि कोई बात होगी और एक चीज मुझे अजीब लगी कि जब पापा जनवरी में ही वापस ड्यूटी पर गए थे तो होली से पहले वापस कैसे आ गए? सवाल लाजमी था लेकिन उनसे पूछताछ करने की हिम्मत मुझमें नहीं थी ।

मम्मी से चर्चा कि वो बोली कि तबियत ठीक नहीं थी इसीलिए उन्हें बुलवा लिया है , ठीक हो जाएंगे तो वापस जाएंगे। मै फ़िक्र न करूं अपनी तैयारी पर ध्यान दूं ।
रात में खाने पीने के बाद मै मेरे कमरे में आया और अपनी जान को काल कर दिया

पहले तो स्पीकिंग टू समवन एल्स आया लेकिन आखिरी रिंग जाते जाते काल पिक हो ही गया

: हाय बाबू , क्या हो रहा है ?
: कुछ नहीं, बस आपको याद कर रही थी ( थोड़ी असहज होकर वो बोली )
: वैसे कल कितने बजे निकलोगे आप ? ( मै खुश होकर बोला )
: उम्मम, वही कालेज वाले टाइम पर आप कबतक आ जाओगे
: मुझे तो दुपहर हो जाएगी आते आते
: कोशिश करना कि जल्दी आ जाओ प्लीज , मुझे आपको हग करना है कस के
: मुझे भी , बाबू को मै खूब देर तक कडल करके रहूंगा और किस्सी भी दूंगा
: और मेरा गिफ्ट ?
: वो भी लाया हूं हीहीहीही
: चलो आप मुझे हग कर लो, मेरे सर में दर्द हो रहा है आज मुझे आपकी बाहों में सोना है ( वो बड़े प्यार से बोली )
: आजाओ मेरा बाबू , हग यू टाइटली मेरा सोना उम्माह , सो जाओ गुड नाइट लव यू

और कुछ ही देर में वो सो गई फिर मै भी



अगली सुबह

मै फ्रेश हुआ और ब्रश करके सलून चला गया और वापस आया तो पापा फोन पर किसी से बहस कर रहे थे

मामला थोड़ा गंभीर था , किसी की अम्मा बहन हो रही थी लेकिन मेरी असल समस्या ये थी कि मुझे कुछ पैसे चाहिए थे और लखनऊ जाने का बहाना मैने पहले ही सोच लिया था ।

नहाने जाने से पहले मैने मम्मी को किचन से अपने रूम में बुलाया

: क्या हुआ ?
: मम्मी , मुझे कुछ बुकस लेनी है और आज लखनऊ जाना है पैसे चाहिए ?
: बुक्स ठीक है लेकिन लखनऊ क्यों जाना है ? ( मम्मी फिक्र से बोली )
: अरे मम्मी ******* कोचिंग क्लास से का साल्व पेपर सेट लेना है , उससे मेरे एक्जाम में हेल्फ हो जाएगी ।
: अच्छा कितना चाहिए तुझे
: यही कोई 2500 ? ( मैने आज के खर्चे का पूरा हिसाब कर लिया था ) फिर मुझे अलाहाबाद के लिए खर्चा भी नहीं चाहिए होगा ।
: 2500 ? ( मम्मी चौकी और उनके चेहरे का रंग उड़ गया )
एक नजर उन्होंने पापा को फोन पर बात करते हुए देखा और फिर कुछ सोच कर वो अपने कमरे में गईं और 1500 लाकर मुझे दे दी
: ये ले पकड़ , जब वापस जायेगा तो 1000 और दे दूंगी , ठीक है और सुन टाइम से घर आ जाना
: ठीक है

फिर मै नहाने चला गया और मै अपनी फेवरेट ब्लैक शर्ट और डेनिम जींस के साथ कैजुअल शूज डाले और निकल गया ।
बस पकड़ कर लखनऊ और फिर मोहनलालगंज
ट्रैफिक और स्वारी बदल कर ढाई घंटे बाद मै मोहनलाल गंज तहसील पहुंचा ।
ये दूसरी बार था कि मै इस टाऊन में आया था , उतरते ही जैसे कितनी बेचैनी होने लगी और हाथ में लिए हुए एक पेपर बैग को लेकर मैने एक होटल का एड्रेस किसी से पूछा और उधर चल दिया ।

इस दौरान मैसेज से लगातार मेरी बात मेरी सोना से हो रही थी, वो घंटे भर पहले ही पहुंच गई थी अपने लोकेशन पर
मैने उसको काल लगाया और उसने काल उठाया
: हाय , किधर हो
: यही जहां बताया , आप किधर हो ( उसने पूछा)
: बस ये जो .... ओह माय गॉड ( आंखे बड़ी कर मैने सामने देखा उसे )
पलके झपका कर , गर्दन झटक कर
: क्या हुआ ( वो टेंशन में बोली )
: मै वापस जा रहा हूं
: अरे हुआ क्या ?
: सच सच बताओ , आप मुझे मारना चाहते हो न ( मैने उसको सताया )
: क्या ?
: यार इतना खूबसूरत दिखने की क्या जरूरत थी ( मैने उसे रेस्तरां के एक जगह बैठे हुए देखा )


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ब्लैक सूट में फूल स्लीव
खुले बाल और मासूम सा चेहरा , जिसकी बेचैन निगाहे मुझे ही तलाश रही थी

: धत्त पागल, बताओ न कहा हो( वो खड़ी होकर मुझे खोजने लगी उस भीड़ में )
मै तो ठीक उसके सामने ही था और एकदम से उसकी नजरे मुझ पर गई
वो खुशी से चहक कर रेस्तरां से भागी और सीढ़ियां उतरती हुई मेरी ओर आने लगी , अपना घेरेदार फ्राकसूट को लहराती हुई ।


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फिर एकदम से रुक गई और धीमी पड़ गई

: क्या हुआ ( उसने सामने 10 मीटर की दूरी पर खड़ा था मै )
: कोई देख लेगा तो ? ( उसका डर वाजिब था और ये था भी तो उसका ही शहर )
: फिर ?
: अंदर आओ बैठते है और वो घूम कर चली गई
इश्श उसके लचीले कमर के वो मादक झटके , मैने मेरी नजर को भटकने से रोका और मुस्कुरा कर उससे थोड़ी दूरी किए हुए अंदर चला गया ।
वो बैठी थी एक टेबल पर और मै उसकी ओर बढ़ा कि उसने मुझे फोन पर टोका
फोन मेरा चालू और नेकबैंड कनेक्ट , उसने शायद एयरबड्स लगाए थे

: वही बैठ जाओ , उसी टेबल पर
हम दोनो थे अब आमने सामने लेकिन हमारे टेबल अलग थे

मैने आंखों से उसकी आंखों में देखा और वो मेरी
: आई लव यू ( मैं उसके सामने से बोला )


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वो मुस्कुरा दी और छिप कर मुंह पर हाथ रखते हुए बोली: लव यू सो मच मेरी जान, कितने हैंडसम लग रहे हो

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: और आप कतई जहर ( एकदम से उसकी आंखे चमक उठी और गाल पूरे गुलाबी होठ शर्म से मुस्कुरा उठे )
: भक्क मार खाओगे आप
: मार ही डालो , अब और कितना तड़पाओगी उम्मम
हम दोनो एक दूसरे को निहार रहे थे और खो रहे थे


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मेरी सांसे बेचैन होने लगी थी और वो समझ गई
: क्या हुआ बाबू
: मुझे हग करना है अभी ( मैने उसे अपनी बेचैनी बयान की )
वो भी अब अपना शरीर हिलाने लगी और इधर उधर देखने लगी
फिर उठ कर इशारे से मुझे अपने पीछे आने को कहा

मै अपना कैरीबैग लेकर चल दिया उसके पीछे
वो रेस्तरां के पीछे पार्किंग की जगह थी और आगे एक खाली और सुनसान जगह थी , दुनिया की भीड़ से अलग

मुझे डर भी लग रहा था और फिर मैं उसके सामने था और वो मेरे
इतने करीब आकर मेरे दिल की धड़कने तेज होने लगी और उसकी नजरे सीधा मेरे सीने पर
बिना कुछ बोले वो मेरी बाहों में हाथ घुसा कर अपना सर मेरे सीने पर रख दिया


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अह्ह्ह्ह , एक लंबी सांस ले कर मानों उसकी रूह मुझसे जुड़ गई और पुरे जिस्म के एक बिजली सी दौड़ गई
मैने भी कस लिया उसे अपनी बाहों में और लिपट गया
: आई लव यू सोना
: मै भी बहुत ज्यादा मेरा बाबू ( वो दुबक आकर मेरी बाहों में बोली )
: आप सिर्फ मेरे हो , अब मत डरना ( मैने उसका चेहरा आगे कर उसकी आंखों में देखा )
वो मुझे देख रही थी पूरे विश्वास के साथ और मैने उसके माथे को चूम लिया , फिर उसने अपनी आँखें बंद कर ली
पास से और भी प्यारी लग रही थी वो , उसका वो नरमाहट भरा अहसास और मैने उसकी खूबसूरत आंखों को भी चूम लिया
सिहर कर वापस वो मेरे सीने से लग गई: मै आपको खोना नहीं चाहती, आई लव यू सो मच
: लव यू मेरा बच्चा ( मैने उसके बालों को सहलाया और फिर उसके गालों को अपने हथेली के भर उसका चेहरा आगे किया
उसके गुलाबी लब थोड़े सिकुड़ गए और बहुत नर्म दिख रहे थे और आंखे बंद कर मै उनकी ओर बढ़ा और उसने भी आंखे बंद कर ली


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फिर हम दोनो के होठ आपस से टच हुए एक अलग ही तरह की ऊर्जा पूरे बदन में महसूस हुई और वो मुस्कुराई साथ में भी

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वापस से मैने उसके लिप्स पर किस किया : आई लव यू सो मच

वो फिर से मेरे सीने से लग गई
: बाबू
: हम्म्म? ( वो मुझसे लिपटी हुई बोली )
: चलें
: उन्हूं, नहीं जाना मुझे कही ( वो मुझे पकड़े हुए अपने गर्दन को मेरे सीने ओर हिला कर बड़ी मासुमियत से बोली और मुझे उसपर पहले से ज्यादा प्यार आने लगा )
: कोई देख लेगा तो ?
आंखे उठा कर उसने मुझे घूरा और मै मुस्कुरा रहा था अपनी नाराज शेरनी को देखकर
: अच्छा चलो फोटो निकालते है
और वो खुश हो गई
फिर हमने सेल्फी ली और मैं उसको एक ड्रेस , एक गुलाब और एक चाकलेट और एक छोटा सा टेडी वाला की- रिंग दिया ।
बदले में उसने मेरी कलाई पर एक घड़ी बांध दी
मैने मुस्कुरा कर उसकी निशानी को चूम लिया और फिर उसे भी ।

समय को देखते हुए मैने उसे जाने दिया और शाम होने से पहले पहले मै भी घर वापस आ गया ।

उस रात हमारी बातें देर रात चली वो भी रोमांटिक वाली , वो पहली किस का अहसास और पहला हग
सुकून से मै सो गया ।

अगले दिन घर में कुछ बहुत अच्छा माहौल नहीं दिखा , पापा की परेशानी समझ से परे थी , मम्मी भी कुछ साफ साफ बताने को राजी नहीं थी ।
इसीलिए 10 फरवरी को ही मै वापस इलाहाबाद लौट गया ।

रूम पर आने के बाद रात में प्रिया खाना लेकर आई थी ।
मैने उसे बैठने को कहा और उसकी नजर मेरी कलाई पर थी

: मतलब गिफ्ट मिल गया उम्मम
मै थोड़ा शर्माया
: बताए नहीं और फोन भी उठाए मेरा
: सॉरी घर में कुछ अच्छा नहीं चल रहा था ( मैंने उसे पापा के टेंशन में रहने की बात बताई )
: फोटो नहीं दिखाओगे ? ( थोड़ा हिचक कर वो बोली )
: अरे हा , रुको
मैने मोबाइल निकाल कर उसके पास बैठ गया सट कर इतना ही हमारे पैर आपस में टच हो रहे थे , वो थोड़ा असहज हुई लेकिन मै अपनी खुशी के नशे में था
गैलरी खोलकर उसको दिखाई
कुछ मस्ती भरी सेल्फी और मेरी सोना के सिंगल पोट्रेट
: वाव, कितनी प्यारी है ( फिर उसने अपनी कलाई मुंह के पास रख कर थोड़ा सा ऊपर थूथू किया )
: ये क्या था ( मै अचरज से )
: वो नजर न उसे मेरी इसीलिए करते हैं ( कुछ उदास आंखों से वो बोली )
: उसने ने तुम्हारे लिए भी कुछ भेजा है
: क्या सच में ? क्या ?
फिर मैने एक कंगन सेट निकाल कर अपने बैग से दिया
: ओह वाव , उससे बात हो तो कहना मुझे बहुत पसंद आया और सॉरी नेक्स्ट टाइम मै भी कुछ दूंगी लेते जाना
: हा क्यों नहीं ( उसकी खुशी देखने लायक थी उसने फौरन वो कंगन अपने कलाई में डाल दिए और मुझे दिखाने लगी )
: अच्छे है न ?
: हा बहुत सुंदर ( कुछ सोच कर मै थोड़ा उदास हुआ बोला )
: मैने न तुम्हारे लिए ये रखा था
उसने एक छोटा सा वॉटर बॉल दिया कांच का जिसमें एक सफेद टेडी था जिसके पेट पर एक रेड हार्ट पर लिखा था BEST FRIEND FOREVER

बहुत खूबसूरत तोहफा था लेकिन उससे बढ़ कर उसकी मेरी लिए परवाह
फिर वो खाना खाने को बोलकर चली गई
मैने खाना खाया और अपनी सोना के पास काल घुमाया
: चले गए न फिर से छोड़ कर ( वो थोड़ा इतराई )
: फिर आऊंगा न बाबू आपके बर्थडे पर
: अच्छा सुनो , इस बार आना आप तो विशाल से जरूर मिलना । वो तो उसी दिन मिलना चाहता था लेकिन मैने मना कर दिया । खास दिन था हमारा और फिर वो सब भी नहीं कर पाते हीही
मै उसकी बातों से मुस्कुराने लगा और फिर उससे बाते करता हुआ कब सो गया पता ही नहीं चला ।


अगली सुबह आज फिर मेरा टेस्ट था और नहाने के लिए मै नीचे आया
आज फिर वही संयोग लेकिन चीजें कुछ बदली हुई थी
वो बजाय लोवर टीशर्ट के टॉप और नीचे उसने तौलिया लपेटा था

जैसे ही मै जीने से नीचे आया एकदम से उसको देख कर सन्न रह गया उसकी गोरी दूधिया टांगे देख कर और वो भी झट से बाथरूम में ।
मै वापस रूम में आ गया , चीजे मुझे कुछ बेचैन सी कर गई थी । हालांकि मै पोर्न देखे हुए था , मगर इतने सालों में ये मेरा उसके साथ ऐसा पहला सामना था ।
कुछ अजीब सा महसूस हो रहा था और मैने महसूस किया कि लोवर में कुछ हरकत सी हो रही है , मुझे समझ आ रहा था कि मै क्या महसूस कर रहा हूं लेकिन मुझे ये यकीन नहीं हो रहा था ये फीलिंग मुझे प्रिया के लिए कभी महसूस होगी ।
मैने झट से दरवाजा बंद किया और लोवर निकाल कर अंडर वियर सरका दिया


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बड़ा सा काला मूसल सांस लेता हुआ पूरा फनकार मारता हुआ , याद है वो दिन जब पहली बार मैने मूठ लगाई थी , दसवीं की बात रही होगी
मुहल्ले में एक अंकल थे जिनके बारे में ये चर्चा थी कि वो ब्लू फिल्मों के शौकीन है और उनके मोबाइल में ये सब भरा रहता है । संयोग की बात थी कि उस दिन वो मेरे यहां इन्वर्टर में मोबाइल चार्ज लगाने आए थे और मौका देख कर मै उनका मोबाइल चलाने लगा ।
एक दो वीडियो भगा कर देखने के बाद जो पहली उत्तेजना मुझे महसूस हुई थी वहीं आज मुझे महसूस हुई जब मैने पहली बार मैने प्रिया की नंगी चिकनी गोरी दूधिया टांगे देखी

मेरा लंड मेरे हाथ में था और उसकी तपिश मुझे मेरे हथेली में महसूस हो रही थी , लंड की नशे फड़कने लगी थी ,
मैने महसूस किया कि पढ़ाई के चक्कर में मैने बहुत कुछ ऐसे रसों से खुद को किनारे कर लिया था जो शायद एक खास उम्र के दरमियान उनका भोग किया जाता है ।
तभी दरवाजे पर दस्तक हुई और मैने झट से अपना लंड पकड़ कर अंडरवियर में डाल कर लोवर ऊपर किया और फिर उसे सेट करते हुए दरवाजा खोला तो समझ आया कि प्रिया नहा चुकी थी और हाथो में कपड़े लेकर ऊपर जा रही थी
उसने बस दरवाजा इसीलिए खटखटाया कि मै समझ जाऊ कि बाथरूम अब खाली है ।

लेकिन मै जैसे ही नीचे जाने को हुआ कि जीने की सीढ़ी पर एक लाल ब्रा गिरी हुई दिखी , समझते देर नहीं लगी कि ये उसके कपड़ो के बीच से सरक गई थी ।

बड़ी दुविधा थी कि क्या करूं, एक ही दिन दो दो असहज पल वो ही उस लड़की से जो मुझे लेकर बहुत सॉफ्ट फिलिंग रखती आई हो ।
अगर मै नीचे नहाने जाता हूं और उसे वापस आते हुए ब्रा सीढ़ी पर दिखेगी तो उसे ये न लगे कि मै उसके कपड़ो को अछूत समझता हूं इसीलिए उठाया नहीं और अगर मै इसे उठाता हूं वापस ऊपर ले जाने के लिए तो उसकी हिम्मत नहीं हो पा रही थी ।

फिलहाल दूसरा रास्ता ही सही था और मैने उसे उठाया , फिर जीने से ऊपर चला गया और वो एकदम से मुझे देख कर सकपका गई

: हम्मम ये गिर गया था ( मैंने ब्रा को हाथ में पकड़े हुए उसे दिया , जिसके पानी से मेरे हाथ गिले हो गए )
उसने बिना कुछ बोले ब्रा ले ली और घूम कर आर्गन पर कपड़े फैलाने लगी
मै नीचे जाने वाला था कि एकदम से उसकी आवाज आई
: आल द बेस्ट ( उसने मुझे मेरे टेस्ट के लिए बधाई दी थी )
मैने घूम कर उसे देखा और मुस्कुरा कर चला गया नीचे ।
टेस्ट के बाद वापस आया तो अपनी सोना के पास फोन करके बात करने लगा ।

: उम्मम धत्त गंदी बात नहीं
: अच्छा आपको कुछ फील नहीं हुआ था जब मैने आपको हग किया था ( मैने उसको छेड़ना शुरू किया )
: हा मुझे अच्छा अच्छा सा फिल हो रहा था और आपके सीने पर कितना सुकून था
: मान लो अगर मै शर्ट निकाल देता और फिर आपको हग करता तो ( मैने उसको लालच दिया )
एकदम से फोन पर उसकी सिहरन महसूस हुई
: अह्ह्ह्ह्ह बक्क ऐसा कुछ नहीं कर पाएंगे हम लोग
: सोचो आपको मेरे साथ मेरे बिस्तर पर सोने को मिले मेरे सीने से लग कर और मै बिना शर्ट के हूं
: इईईह्ह्ह हीही नहीं सोचूंगी ( वो थोड़ा शर्मा रही थी )
: सोचो न मेरे गर्म धड़कते दिल को और करीब से सुन पाओगे
: बाबूऊऊ , बक्क मिलने का मन करेगा फिर से
: फिर मिल लेंगे न जानू , आऊंगा तो फिर से आपको हग कर लूंगा और कस कर अपने सीने से आपको चिपका लूंगा एकदम टाइट वाला , कितने सॉफ्टी से हो आप
: धत्त गंदा मारूंगी मै आपको गंदी बात नहीं करो न
: इसमें गंदी बात क्या है ? आप इतने गब्बू गब्बू से हो सॉफ्टी सॉफ्टी से जी करता है खा जाऊ
: हीही पागल हो आप हाहाहा ( वो खिलखिलाई )
: बताओ न करोगे न हग नंगू पंगु वाला
: हा लेकिन बस आप होना नंगू पंगु मै नहीं हीहीही
एकदम से मेरे बदन में हलचल होने लगी और लोवर में कुछ हरकत होने लगी हाथ नीचे ले गया तो पता चला जनाब उठ रहे थे
: क्यों आप क्यों नहीं , मै तो आपको भी कर दूंगा
: छीइइइ नहीं , गंदे हो आप, मुझे सोच कर ही अजीब लग रहा है । मै कभी भी आपके सामने नंगू नहीं होऊंगी समझे , हा नहीं तो
: लाइट बंद कर दूंगा न बाबू
: फिर भी नहीं ( थोड़ा रुक कर वो बोली )
: ठीक है फिर जब आप नहाने जाओगे तब चुपके से आपको देख लूंगा ( मै अपना लंड लोवर के ऊपर से सहला रहा था और आंखे बंद कर उसको अपनी कल्पनाओं में नंगा करना चाह रहा था )
: हीही मै तो कपड़े पहन कर नहाती हूं हाहाहाहाहा ( वो खिलखिलाई जैसे मुझे चित कर दिया हो )
: कपड़े बदलोगे न तब देख लूंगा हाहा
: भक्क आप बहुत गंदे हो , चलो मुझे काम है मम्मी बुला रही है , बाद में बात करते है ।
: ओके लव यू सोना मिस्सी मिस्सी
: हीही , लव यू गंदा बाबू मेरा , बाय

उसने फोन काट दिया , लेकिन आज हो हलचल मेरे अंडरवियर में मची थी वो ऐसे नहीं मिटने वाली थी ।
फिर सालों बाद मैने इंटरनेट पर पोर्न सर्च किया

लिस्ट लंबी थी साइट्स की और मन में एक डर भी था , साइबर ठगी का
लेकिन मन में उमंग थी कि आज कुछ हवस उतारी जाए और मैने एक साइट खोलकर एक वीडियो चालू की
अजीब सा लग रहा था , बदन में गर्मी बढ़ने लगी और मैने लंड बाहर निकाल दिया
सीईईई ओह्ह्ह यस्स अह्ह्ह्ह्ह
कितना हल्का महसूस हो रहा था आज वीडियो में ताबड़तोड़ तोड़ चुदाई चल रही थी , नेकबैंड कनेक्ट था और कानो में उन कपल की सिसकिया गूंज रही थी , मैने मोबाइल साइड रख दिया और बस उन कामुक आवाजों को महसूस करता हुआ लंड आगे पीछे कर हिला रहा था और सिसक रहा था


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एकदम से मुझे प्रिया की नंगी टांगों का ख्याल आया और मेरे अंदर रोमांच उठ गया , ना जाने क्या था जो मै उसकी ओर खींच रहा था
बार बार उसका चेहरा आंखों के आगे आ रहा था और मै उससे अलग अपनी सोना को सोचना चाहता था , वो पल जब उसके नरम दूध मेरे सीने से स्पर्श हुए थे और मैने उसके लिप्स को चूमा था
ओह्ह्ह्ह मेरी बाबू उफ्फ कितने प्यारे हो और आपके चूतड़ उफ्फ कितना sexy झटके खा रहे थे सूट में वो भी अंदर से कितने गोरे होंगे

गोरा दूधिया रंग का ख्याल आते ही एक बार फिर प्रिया की नंगी टांगे आंखों के सामने आई और मै झटके से आंखे खोलकर बैठ गया । फिर मोबाइल बंद कर लंड अंदर कर दिया

मुझे ताजा हवा चाहिए था और मै ऊपर चला गया दोपहर के 3 बज रहे थे और धूप तो थोड़ी धीमी पड़ रही थी , पछुआ हवाएं तेज थी और गहरी सांस लेकर छत की रेलिंग से नीचे देख रहा था
ठीक मेरे पास में ही रस्सी पर टंगे हुए कपड़े उड़ रहे थे , अनायास मेरी निगाहे चिमटी ने दबे हुए एक कपड़े पर गई
वो प्रिया का सूट था और उसके नीचे उसने अपनी पैंटी छिपा कर सुखाने के लिए डाल रखी थी । लेकिन हवा से सूट हट गया था और उसकी पैंटी साफ दिख रही थी


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मै खुद को रोक रहा था लेकिन आज कुछ बेकाबू सा तूफान था मेरे अंदर जो भड़क उठा , सालों की दबी हुई वासना का ज्वालामुखी गरज रहा था
फिर से बिना कुछ सोचे ही लोवर में लंड टाइट होने लगा
मैने मोबाइल को हाथ में पकड़ कर एक बार वापस अपनी जान को काल किया तो उसने काल काट दी , शायद बिजी थी ।
हर वो मुमकिन प्रयास था मेरे ओर कि मै खुद को रोक लूं , चेहरे पर अलग ही तनाव , नथुने फूलने लगे थे और रह रह कर नजर प्रिया की पैंटी पर जा रही थी
जिस तरह उसने उसे छिपा कर रखा था उसे टटोलने की मेरी कामना तीव्र हुई जा रही थी और फिर झटके के मैने वो पैंटी खींच ली, फिर टैरिस वाले बाथरूम में घुस गया

लंड पूरा विकराल हुआ था और मैने उसे आजाद कर दिया
आंखे बंद कर मैने प्रिया की पैंटी को अपने हथेली में मिजा और उसको लंड कर रख दिया
: अह्ह्ह्ह सीईईईईई ओह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह
कितना नरम अहसास था मानो सच में उसके जिस्म का स्पर्श मिला हो मुझे और मैने अपना लंड हिलाने लगा
मैने अब अपनी कल्पनाओं को छूट दे दी और कुछ झलकियां आंखों के उठने लगी जब अतीत में मैने प्रिया को लेगिंग्स में देखा था और उसकी पैंटी उसके चूतड़ों पर उभरी हुई थी वो चर्बीदार नर्म अहसास और उसकी दूधिया टांगे


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अह्ह्ह्ह फुट पड़ा मेरे सब्र का फब्बारा और एक के बाद एक मोटी थक्केदार व्हाइट लिक्विड , टॉयलेट सीट पर
झड़ता रहा उसकी पैंटी से अपना लंड पकड़े हुए जबतक कि वासना की आखिरी बूंद तक निचोड़ नहीं दी मैने और सिहरता हुआ हांफने लगा बाथरूम की दिवाल का सहारा लेकर
अंदर से पूरा पसीना पसीना हुआ था
मैने फ्लश चलाया और अपना लंड धूल कर बाहर आया कि एकदम से मेरी फट गई , प्रिया कपड़े उतार रही थी और मैं वो पैंटी अपने जेब में रख दी फिर बिना कुछ बोले नीचे अपने कमरे में चला आया ।

वासना का खुमार उतरते ही गाड़ फट कर चार हो गई , मन में डर था कि उसने अपनी पैंटी खोजी तो जरूर होगी । एक काम करता हूं छत पर कही ऐसी जगह रख दूंगा कि उसे लगे कि हवा से उड़ कर गया होगा ।

इधर थकावट से शरीर सुस्त हो गया था और मैने भी एक झपकी लेना सही समझा ।

जारी रहेगी
Nice update ❤️
 
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Raj Kumar Kannada

Good News
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UPDATE 008


: Good morning Sona
: Good morning Babu mera ( मैने भी वापस उसे मैसेज भेजे )
: kya kar rhe ho ?
: Mai padhai kar raha hun aur ap ?
: Mai nahane ja rhi hun 🤭
: Mai bhi aau ? 🤪
: bkkk ganda Babu , maarungi apko 😘
: Ane do n sath me nahayenge 😋
: chhiiii Ganda , kaise kaise emoji bhej rhe ho 🫣
: aane do plz 🥺 babu dur khada hokar naha lega ( मैने थोड़ा ड्रामा किया )
: 🤣🤣🤣 mere bathroom me ek hi log naha skate hai , jab apna ghar hoga to usme bada wala bathroom banwana to sath me nahayenge n babu 🫣
: are ?
: 🤣🤣🤣🤣 bye ( वो चली गई )

मै वापस पढ़ाई में लग गया और 15 मिनट बाद ही उसका फोन आया

: नहा लिए ( मैने पूछा )
: हा कितना नहाऊंगी और इतनी ठंडी है अभी भी उहुहुहू ( वो सिहरी)
: अभी तक कपड़े नहीं पहने क्या ?
: अभी तो जस्ट नहा कर निकली हूं पागल हीही
: सच में ? कुछ नहीं पहने ( मेरे मन में लालच फूटा )
: नहीं ( वो खिलखिलाई )
: वीडियो काल करूं
: नहींईईईई ( वो एकदम से चौक कर शर्माकर खिलखिलाई )
मै जान रहा था इस वक्त उसके आस पास कोई है नहीं इसीलिए वो फोन पर बात कर रही है और मैने वीडियो काल की रिक्वेस्ट भेज दी उसके फोन पर
: हीहीही मै भी उठाऊंगी , प्लीज बाबू हीहीही ( वो हस रही थी )
: उठाओ बोला न , मुझे आपको देखना है
और उसने वीडियो काल उठाया और मोबाइल पर वो दिखाई नहीं दी वो कैमरे के रेंज से दूर छिपी थी
: कहा हो ( मै थोड़ा बेचैन होकर उसको मोबाइल में खोजा )
फिर वो लपक कर बस गर्दन आगे कर अपना खिलखिलाता शर्माता चेहरा आगे की , उसके भीगे बाल लटके हुए थे और उसका गुलाबी चेहरा खिला हुआ था और वो हस रही थी

: आओ न प्लीज ( मैने मुंह बना कर उससे रिक्वेस्ट किया )
वो थोड़ा शर्माई और सामने आई तो तौलिए में थी
उफ्फ गजब की खूबसूरत और गोरा बदन, उसके दूधिया सीने पर उसके उभारों के दरार के शुरुआती भाग हल्के से दिखे लेकिन तौलिए में तने हुए नारियल की गोलाई देख कर लंड पंप होने लगा


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नीचे उसकी गोरी गुलाबी जांघें घुटने के पास से दिख रही थी और कितनी सॉफ्ट और मुलायम थी
उसने एकदम से मोबाइल पकड़कर ऊपर एक जगह सेट कर दिया कि अब उसके चेहरे के नीचे कुछ दिखे ही नहीं
: हो गया देख लिए न ( जैसे उसने मुझे चिढ़ाया हो )
: ऊपर क्यों कर दिए , नीचे रखो न
: नहीं , गंदी बात नहीं

और उसने अपना तौलिया खोलकर बड़े ही शरारती ढंग से मोबाइल के ऊपर रख दिया
: अरे ये क्या है ? कुछ दिख नहीं रहा ( मै बेचैन हो उठा )
: अरे रुको बाबा , बस 2 मिनट आ रही हूं

फिर उसने तौलिया उठा कर सामने आई , अपने कालेज के ड्रेस में
: रेडी , हीही ( वो हस रही थी और मेरा मुंह उतर रहा था कि एकदम से उसने मुझे किस किया मोबाइल पर ही )
थोड़ा तो अच्छा लगा लेकिन अरमान आज मेरे टाइट थे , सोचा था कुछ तो दर्शन हो जाएंगे
: जा रहे हो ?
: हा लेकिन आप ऐसे उदास क्यों हो
: आपने तौलिया क्यों रख दिया था
: पागल , मार खाओगे अब ( वो फिर से हंसने लगी ) चलो मै जा रहीं हूं शाम को मिलते है बाय बेबी लव यू
: हा बाय , आराम से जाना , टेक केयर ( उतरे हुए मन से मै बोला )
: बस , और किस्सी ?
: उम्माह ( मैने एक चुम्मी दी उसको ) लव यू
: चलो स्माइल करो ,, हम्म्म गुड बाय बेबी लव यू उम्माह हीही

फिर वो चली गई मेरे अरमानों से खेल कर और मेरे लंड में हरकत करके ।
अभी 8 बज रहे थे और कुछ ही देर बाद दरवाजे पर दस्तक हुई

सामने देखा तो प्रिया थी
वो अंदर आई हाथ में चाय पकोड़े का ट्रे लेकर
वो बिस्तर पर रखने के लिए गई और मेरी नजर पीछे से उसके चर्बीदार चूतड़ों पर गई जो उसके वूलन पैजामा के फूले हुए थे


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अभी मेरी सोना से बातचीत का असर ताजा था और लंड फिर से सर उठाने लगा
वो ट्रे रख कर घूमी और मेरी नजरे उसके सीने पर गई , सामने मेरे दो बड़े बड़े ठोस कारण दिख रहे थे उसको देखने के लिए, जिनकी गोलाई ने उसके दोनों बाजुओं को थोड़ा थोड़ा छुपा लिया था अपने पीछे ।

: अभी कर लो नाश्ता नहीं तो ठंडा हो जाएगा
: और तुम , तुम भी कर लो? ( मै उसका साथ चाह रहा था , ना जाने क्यों मैने उसे रोक दिया था और ये पहली बार हुआ था )
उसे भी ताज्जुब था और वो बैठ भी गई
मैने एक कप निकाला और चाय आधी कर दी और उसे ऑफर किया
उसने मुस्कुरा कर प्याला लिया और सीप लेने लगी मुझे देखते हुए
मैने पकोड़े उठाए और खाने लगा
: उम्मम , वाह सर्दी में गर्म पकोड़े
: हीहीही पागल कही के ( वो हसी मुझे देख कर अपने दांतों से प्याज के कुरकुरे पकोड़े नोचती हूं )
: आज तुम कालेज के लिए नहीं रेडी हुई ? ( मैने सहज पूछा )
उसने नजर उठा कर मुझे देखा मानो सोच रही हो कि मै उसपर नजर रखता हूं
: ऐसे ही जनरली पूछ रहा हूं ( सफाई देते हुए मै बोला )
: जाना था पर , पापा आ रहे है आज न
: अरे वाह सच में , कितना दिन हो गया मिले उनसे ( मै खुश होकर बोला )
हा लेकिन वो थोड़ी उदास सी थी
: क्या हुआ खुश नहीं हो ?
: क्या खुश हो जाऊ, जब भी आते है उन्हें मेरी शादी की फिक्र होने लगती हैं ( वो उखड़ कर बोली )
मै शांत हो गया
: जैसे मै उनके लिए बोझ हो गई हूं अब ( थोड़ा आंखे नम सी हो गई )
: अरे ? ( मै उसके करीब आया अपने बीच से ट्रे किनारे कर उसके कंधे पकड़ पकड़ कर और वो फफक पड़ी ) तुम रोती भी हो ? मुझे लगा ये काम बस एक ही लड़की आता है मेरी सोना को
: हीही ( वो एकदम से हस दी ) पागल हो
: ओफ्फो इतना मत सोचो , देखो इस बात को स्वीकारना ही है कि एक दिन तुम्हे शादी करके जाना ही है इस घर से और जबतक हो तब तक डॉन बन कर राज करो

वो हस पड़ी
: हा पता है मेरी एक दीदी है , मेरी मौसी की लड़की उनको भी शादी के लिए लोग बहुत तंग करते है तो वो घर के खूब तांडव मचा कर रखती हैं किसी को चैन से रहने नहीं देती अगर शादी की बात छिड़ जाए तो घर वाले खुद दो हफ्ते तक परेशान हो जाते है ।
: हीही ( वो हंस कर अपने गाल से आंसू साफ करते हुए मुझे देखने लगी )
: सही में
: तो क्या अब मै भी तांडव करु ? हीही
: जरूरी नहीं है , एक दो दिन खाना पीना छोड़ दोगी तो भी साल 6 महीना मामला टल जाएगा

इस बात पर हम दोनो खूब हंसे और मैने उसको ताली देनी चाही लेकिन उसके अपनी हथेली आगे नहीं की और मेरा हाथ उसके गुदाज चर्बीदार जांघ पर जा लगा

: आउच , मारा क्यों ( वो सहलाती हूं बोली)
: अरे मै तो ताली दे रहा था
: हीही पागल हो तुम
मै भी हसने लगा लेकिन मेरे उंगलियों के वो नर्म गुदाज चर्बीदार सा अहसास ताजा था , जिसका असर सीधा मेरे लंड पर हो रहा था
हंसते हुए उसके दुध भी हिल रहे थे थोड़े थोड़े

फिर वो चली गई और मैने दरवाजे से उसके थिरकते चूतड़ों को उसकी वूलन पैजामा में पीछे से देखा और अपना लंड मसलते हुए दरवाजा लगा दिया
सीईईईई परेशान करके चली गई पगली अह्ह्ह्ह कितनी नरमी थी उसके जांघों में ( मेरे मन में ये बाते चल रही थी और लंड बांग दिए जा रहा था )
मैने थोड़ी देर पढ़ाई के बाद नहाने के लिए नीचे चला आया

बाथरूम में आज चार ब्रा पैंटी टांगे थे सूखने के लिए, आज वो लेकर नहीं गई थी
देखते ही लंड में हरकत शुरू हो गई
लेकिन मै कभी भी बाथरूम का दरवाजा बंद करके नहीं नहाता था मगर बार बार मेरी निगाहे उसकी पैंटी पर जा रही थी ।
लंड एकदम उफान पर था , सुबह सुबह मेरी सोना ने जो तौलिए में मूड बनाया और अब प्रिया के साथ वो पल
रह रह भीतर बादल घुमड़ने लगे थे और मेरे उंगलियों को उसकी वो काली पैंटी बार बार रिझा रही थी ,साबुन लगाते हुए मैने अंडर वियर के हाथ डाल पर अच्छे से अपना कड़क लंड सहलाया और जल्दी जल्दी बदन पर पानी डाल कर निकल गया बाथरूम से सिर्फ तौलिया लपेटे हुए और एकदम से वो मेरे सामने आ गई

हाथ में गिला जांघिया बनियान और कंधे पर पहनी हुई टीशर्ट लपेट कर रखी थी । सीना और पेट एकदम नंगा

आंखे फाड़ कर एकदम से चौक कर उसने मुझे देखा जैसे उसकी घिग्गी बंध गई हो और शॉक्ड होकर वो खुली आंख लिए वो घूम गई

: सॉरी ( मै बोलकर सरपट ऊपर भागा )
ऐसा नहीं था कि उसने पहले मुझे बाथरूम से निकलते हुए या तौलिया लपेटे हुए नहीं देखा था , लेकिन हर बार मेरे देह पर बनियान या टीशर्ट होती थी लेकिन आज ऊपर से नंगा था
शर्म के मारे शाम तक कमरे से बाहर नहीं आया और फिर सब्जी लेने के लिए नीचे आया तो उसके पापा आए हुए थे

: कैसे हो रोहन ( उन्होंने मुझे आवाज दी )
: जी , नमस्ते अंकल ( मै अंदर हाल में चला गया ) अच्छा हूं आप कैसे है
: मै भी ठीक हूं आओ बैठो , ये प्रिया बेटा पानी लाओ रोहन के लिए , और बताओ
फिर हमारी पढ़ाई और घर को लेकर कुछ हाल चाल साझा हुआ । फिर प्रिया पानी लेकर आई और एक नजर उसकी मेरे से आंख लड़ी वो अपनी हंसी दबाते हुए फुर्र ही गई , मानो मेरे मजे ले रही हो ।
: और कहा जा रहे हो ?
: बस अंकल सब्जी लेने
: अच्छा फिर चलो मै भी चलता हूं , नॉनवेज तो तुम खाते नहीं या शुरू कर दिया
: नहीं नहीं एकदम नही ( मैने सिरे से खारिज कर दिया और वो हसने लगे ).
फिर हम दोनो बातें करते हुए पैदल ही निकल गए मार्केट के लिए

वहा मै जबतक सब्जी ले रहा था उन्होंने मुर्गा कटवा लिया और मेरे पास आ गए
: चले ? ( मैने पूछा )
: अह हा चलो ( फिर कुछ सोच कर ) तुम चलो और कुछ लेना है लो मै आता हूं 2 मिनट
: ठीक है आइए मै यही हूं
अजीब लगा और फिर मै वही प्रतियोगी किताबों की लगी स्टाल देखने लगा और अनायास मेरी नजर अंकल पर गई , वो मेडिकल स्टोर पर गए थे और उन्होंने पैसे देकर एक पैकेट लिया इससे पहले वो मुझे देखतें मै वापस बुक स्टाल के किताबें देखने लगा और तब तक नजर इधर उधर नहीं की जबतक कि वो खुद मुझे बुलाए नहीं
: चले बेटा
: जी अंकल चलिए
फिर हम लोग वापस आ गए
मै ऊपर कमरे में आकर सब्जी काट रहा था और शाम का वक्त था तो दरवाजा खुला ही था
एकदम से प्रिया आई
: क्या बनाने जा रहे हो ?
: आलू गोभी , क्यों ?
: यार पापा नीचे नॉनवेज बनवा रहे है तो मै भी यही खाना खाऊंगी
थोड़ी बहुत इसकी मुझे उम्मीद थी ही कि वो आएगी क्योंकि पहले भी 2 3 बार ऐसा हुआ है । लेकिन अब चीजें बदल गई थी ।
: मै सब्जी बना दे रही हूं , रोटी नीचे से आ जाएगा ( उसने कहा )
: नहीं ? आज मै ही बनाऊंगा मेरे किचन में तुम्हारी मनमानी नहीं चलेगी
वो हसने लगी ।

फिर मै मस्त चटाखेदार मसाले भुनने लगा जिसकी खुशबू पूरे कमरे में फैल गई
वो मेरे कमरे में ही बिस्तर पर बैठ कर मेरे नोट्स देख रही थी और हमारी कैजुअल बातें चल रही थी ।

इसी दौरान मेरी सोना का फोन आया
मैने नेकबैंड चार्ज में लगाया था और मै मसाले भुन रहा था अभी
तो मै फोन स्पीकर पर डाल कर काल पिक किया

: हैलो ( प्रिया की वजह से मैने नॉर्मल ग्रिट किया )
: हाय मेरा गंदा संदा बेबी ( वो खिलखिला कर बोली )
एकदम से मै चौक गया और आंखे बड़ी कर एक नजर प्रिया को देखा वो भी शॉक्ड थी और मुस्कुरा रही थी
: बाबू , मोबाइल स्पीकर पर है
: हा तो क्या हुआ , मुझे न आप पर बहुत प्यार आ रहा है हग कर लो न , आज हग डे है आपने मुझे हग नहीं किया
मैने शर्मिंदा आंखों प्रिया को देखा और वो बिस्तर से उतर कर हंसती हुई कमरे से निकल रही थी और मैने फोन स्पीकर से हटा कर कान पर लगाया

: अच्छा , अभी तो बाबू सब्जी बना रहा है न तो जैसे हग करे उम्मम
: आई मिस यू खूब ढेर सारा , कब आओगे मुझे आपके पास सोना है अकेले नहीं मन कर रहा है , अच्छा भी नहीं लग रहा है

उफ्फ लड़की ने तो जज्बात हिला दिए थे मेरे
: मै तो बिना कपड़ो के हूं फिर भी हग करोगे उम्मम ( मैने अपना नेकबैंड कनेक्ट करते हुए कहा )
: हा करूंगी , ठंडी में कोजी कोजी सा हग हीही

( उसकी बातों का असर मेरे पूरे बदन में हो रहा था और मैने सब्जी में पानी डालकर कर उबलने के लिए छोड़ दिया और उससे बातें करता हुआ बाहर आया )
: हा तो मुझे भी चाहिए न कोजी कोजी सा हग , मुझे भी ठंडी लगती है ( नेकबैंड पर कमरे के बाहर खड़ा होकर बातें कर रहा था ताकि ये ध्यान रख सकूं कि प्रिया आस पास नहीं है न )
: तो क्या मुझे भी कपड़ा निकलना पड़ेगा ( बड़ी मासुमियत से वो बोली )
: आप भी नंगू हो जाना ऊपर से और मै भी , फिर हम साथ में चिपक कर सोएं... गे
मै ये बात बोल ही रहा था कि एकदम से मेरे बगल वाले कमरे से प्रिया बाहर आई और मेरी फट के चार
वो मुंह नीचे करके मुस्कुराती हुई या फिर कहो मुझ पर हंसती हुई नीचे चली गई । सुबह से पोपट पर पोपट हो रहा था
ढाई साल से जो रोला टाइट करके रखा था शराफत का उसकी फिल्डिंग फाइनली सेट हो गई थी
: सुन नहीं रहे हो क्या बाबू , बाबू ( एकदम से सन्नाटा छटा और उसकी आवाज आई )
: हा मेरा सोना बोलो न
: आप कुछ गंदा संदा नहीं न करोगे मेरे साथ
: उम्हू , हम तो शादी के बाद करेंगे न
: हम्म्म ठीक है फिर , मै भी न अपना टॉप निकाल कर सोऊंगी आपके पास
: ब्रा भी ? ( मै ललचाए मन से बोला )
: छीइइइ गंदा , नहीं वो पहने रहूंगी हीही
ओह्ह्ह्ह लड़की ने फिर से मेरे अरमानों को हरी झंडी देने लगी थी और लोवर में तंबू बनने लगा था , मैने उसको मिस कर कमरे में आया
: उफ्फ मेरा हॉट बाबू कितने गर्म हो आप
: उम्ममम आप भी हो , गुदगुदी करु हाहाहाहा ( वो खिलखिलाई )
: करो , मै छोडूंगा क्या मै भी करूंगा
: हीही रहने दो फिर मुझे ऐसे ही सोना है , आप न मुझे थपकी दे कर सुला दो मुझे निन्नी आ रही है
: ओके मेरा बच्चा आजाओ , हग यू मेरा प्यारा सा बेबी मेरा स्वीटू सा सोना उम्माह सो जाओ ऐसे लव यू मेरी जान उम्मम गुड नाइट

फिर कुछ ही देर बाद उसकी सांसों की सरसराहट आने लगी और मै समझ गया कि वो सो गई है फिर मैने कॉल कट कर दिया । अपनी सब्जी चलाई और गैस बंद कर बैठ गया पढ़ने

करीब साढ़े 09 बजे बाद कही प्रिया आई नीचे से रोटियां लेकर

: बन गया ( उसने पूछा )
: हा ( मैने आंखे उठा कर थोड़ा शर्मिंदा नजरो से मुस्कुरा कर देखा )
: ठीक है हाल धूल लो मै निकालती हूं
मै हाथ धूल कर आया और उसने दो प्लेट में खाना परोस कर चौकी पर रखा
मै और वो दोनों आमने सामने बैठ कर खाने लगे
कुछ असहजता हो रही थी और वो बोली
: तारक मेहता लगाऊं ?
मैने मुस्कुरा कर हा कर दिया
फिर हमने खाना खाया और वो बर्तन लेकर चली गई धुलने , मै वापस पढ़ने बैठ गया

: तुम रात में बाते नहीं करते ? ( उसका इशारा मेरी सोना को लेकर था )
: नहीं वो जल्दी सो जाती है
: अच्छा , पता है मेरी एक दोस्त है वो लोग सारी रात देर तक बाते करते है इधर उधर की गॉसिप
: ओह्ह्ह , सबकी अपनी अपनी चॉइस है और मौका मिले तो मै भी करु , लेकिन वो जानती है कि मुझे पढ़ाई करनी होती हैं और वो सोएंगी नहीं जल्दी तो मै फोन रखूंगा नहीं ।
: अच्छा ऐसे ? बड़ी समझदार gf खोजी है फिर तो हीही
: उम्मम समझदार नहीं शरारती कहो
: हा वो तो मैने सुना हीहीही ( वो हस कर बोली और उसका इशारा मै समझ गया )
: अरे यार तुम मजे मत लो अब
: तुम्हारे जैसे बुद्धू के लिए बिल्कुल सही लड़की है वो , इतने साल में पहली बार तुम्हे अलग देखा और.... ( वो मुस्कुरा कर बोली )
मै समझ रहा था उसका इशारा हमारी रोमांटिक बातों पर था
: और क्या ?
: कुछ नहीं ( वो थोड़ा शरमाई और हसने लगी )
: अरे , अब बताओ भी
: कुछ नहीं , तुमने उसकी इजाजत के बिना जरा भी आगे नहीं बढ़ते ये सुन कर अच्छा लगा । नहीं तो मैने तो यही सुना था कि लड़के बहुत तेजी से अपनी मनमानी करना चाहते है ।
: अब छोड़ो न यार , मुझे शर्म आ रही है प्लीज ( मै शर्म से लाल हुआ जा रहा था )
: आए हाय ये गुलाबी रंग तो देखो हाहाहाहा ( उसने मुझे छेड़ा और मै पहले से ज्यादा ब्लश करके हसने लगा )
: आज तुझे सोना नहीं है ? ( मैने बात बदली तो वो थोड़ा असहज हुई )
: नहीं , मै ऊपर ही सोऊंगी ( एकदम से मैने चौक कर उसे देखा और वो हसने लगी मेरी हालत पर ) अरे !! हीहीही मैने बगल वाले कमरे में बिस्तर लगाया है अपना पागल , क्या तुम भी
जान में जान आई
: क्यों ऊपर क्यों ?
: अह कुछ नहीं ऐसे ही ( वो थोड़ा ब्लश कर रही थी मुस्कुरा कर )
: बताओ तो ?
: वो पापा आए है न इसीलिए ( थोड़ा शब्दों को चबा कर बोली )
: पापा आए है ? तो उससे क्या .... ( मै परिस्थितियों को समझने की कोशिश करने लगा )
: इसीलिए बोली न तुम एकदम बुद्धू हो ( वो हस कर बोली )
फिर एकदम से मेरा माथा ठनका तो इसका मतलब अंकल उस मेडिकल स्टोर से कंडोम ले रहे थे और वो आज आंटी के साथ , ओह तेरी , इसीलिए ये ऊपर
: तुमने कब देखा ? ( मैने पूछा )
: क्या देखा और कब ? ( थोड़ा उलझन भरे लहजे में)
: अरे वो पैकेट जो अंकल लाए थे मेडिकल स्टोर से
वो अपने होठ दबा कर हसी रोकने लगी
: मुझे थोड़े पैसे चाहिए थे तो उनका पेंट चेक किया और वो था उसमें
: सही है
: क्या ? ( आंखों के शरारत लिए वो शर्माती मुझे देख रही थी )
: अंकल का , हीहीहीही
: मार खाओगे रोहन , मेरे मम्मी पापा है यार
: अरे तो सबके मम्मी पापा करते है इसमें क्या गलत है
: तुम , तुम बहुत गंदे हो , बस शरीफ होने का नाटक करते हो बदमाश कही के , मै जा रही हूं सोने बाय गुड नाइट
: अरे यार सुनो तो ( मैने हस कर उसे रोका )
: क्या है ? ( घुड़क कर वो बोली )
: दरवाजा लगा देना हवा आ रही है ( मैने उसे और चढ़ा दिया )
: बंद ही कर देती हूं बाहर से , रहो इसी में ( गुस्से में वो दरवाजा का हैंडल पकड़ कर बोली )
: अरे यार मत करो , रात में मुझे नीचे जाना हुआ तो ( मैने उसको फंसाया )
: क्या ? ( वो एकदम से चौक गई ) लेकिन नीचे क्यों जाना है । सब जान रहे हो तब भी , छीइइ गंदा लड़का
: अरे यार तुम तो ऐसे कह रही हो हीही जैसे तुम्हारे पापा मम्मी हाल में ही .... हाहाहाहा
मै ठहाका लगाकर हस्ते हुए उसे छेड़ा और वो भागती हुई मुझे मारने बिस्तर तक आई और मैने उसके हाथ पकड़ लिए उसे रोकने के लिए फिर खड़ा हो गया
उसके दोनों हाथों को पकड़ कर नीचे कर पीछे बांध दिया : अब हाथ चलाओ तो जानू
वो एकदम से सिसक कर मुझे देखी और मेरी नजरे भी उससे टकराई
हमारा ध्यान ही नहीं था कि हम दोनो एकदम दूसरे से इतना चिपक कर खड़े हो गए थे कि उसका बदन मेरे बदन से पूरा सट गया था
वो उसकी सांसे उफनाने लगी थी और मेरी भी हार्ट बीट बढ़ने लगी थी , वो मेरी आंखों में देख रही थी और मै उसके , उसके होठ खुल गए । जी में आया कि बस चूम लूं उसके लबों को जो खुद मुझे दावत दे रहे थे और जानता था वो मुझे रोकती नहीं
मैने आंखे बंद कर एक लंबी गहरी सांस ली और उसको छोड़ दिया : सॉरी
उससे अलग होकर नजरे नीची किए हुए खड़ा हो गया
: गुड नाइट ( वो थोड़ा रुक कर बोली और चली गई कमरे से )
मै वही खड़ा रहा खुद को शांत करने की कोशिश करता हुआ , मगर लोवर में बना हुआ तंबू अपनी अलग ही कहानी गढ़ रहा था ।

जारी रहेगी
Good❤️
 
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सपनों का सौदागर 😎
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Sushil@10

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: Good morning, sona
: Good morning, babu mera (Maine bhi wapas use message bheje.)
: Kya kar rahe ho?
: Main padhai kar raha hoon, aur aap?
: Main nahane ja rahi hoon 🤭
: Main bhi aau? 🤪
: Bkkk, ganda babu, maarungi aapko 😘
: Aane do na, saath mein nahayenge 😋
: Chheeee, ganda! Kaise kaise emoji bhej rahe ho 🫣
: Aane do plz 🥺 babu door khada hokar naha lega (Maine thoda drama kiya.)
: 🤣🤣🤣 Mere bathroom mein ek hi log naha sakte hain. Jab apna ghar hoga toh usme bada wala bathroom banwana, toh saath mein nahayenge na, babu 🫣
: Are?
: 🤣🤣🤣🤣 Bye (Woh chali gayi.)

Main wapas padhai mein lag gaya aur 15 minute baad hi uska phone aaya.

: Naha liye? (Maine poocha.)
: Haan, kitna nahaaungi aur itni thandi hai abhi bhi, uhuhuhu (Woh sihari.)
: Abhi tak kapde nahi pehne kya?
: Abhi toh just naha kar nikli hoon, paagal, hihi
: Sach mein? Kuch nahi pehne? (Mere mann mein lalach foota.)
: Nahi (Woh khilkhilaayi.)
: Video call karoon?
: Nahiiii (Woh ekdum se chaunk kar sharmakar khilkhilaayi.)
Main jaan raha tha is waqt uske aas paas koi hai nahi, isliye woh phone par baat kar rahi hai aur maine video call ki request bhej di uske phone par.
: Hihihi, main bhi uthaungi, please babu, hihihi (Woh has rahi thi.)
: Uthao, bola na, mujhe aapko dekhna hai.

Aur usne video call uthaya aur mobile par woh dikhai nahi di, woh camera ke range se door chhipi thi.
: Kahan ho? (Main thoda bechain hokar usko mobile mein khoja.)
Phir woh lapak kar bas gardan aage kar apna khilkhilata sharmata chehra aage kiya. Uske bheege baal latke hue the aur uska gulaabi chehra khila hua tha aur woh has rahi thi.

: Aao na, please (Maine muh bana kar usse request kiya.)
Woh thoda sharmaayi aur saamne aayi toh towel mein thi.
Uff, gajab ki khoobsurat aur gora badan! Uske doodhiya seene par uske ubharon ke daraar ke shuruaati bhaag halke se dikhe, lekin towel mein tane hue nariyal ki golai dekh kar lund pump hone laga.


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Neeche uski gori gulaabi jaanghein ghutne ke paas se dikh rahi thi aur kitni soft aur mulayam thi.
Usne ekdum se mobile pakad kar upar ek jagah set kar diya ki ab uske chehre ke neeche kuch dikhe hi nahi.
: Ho gaya, dekh liye na? (Jaise usne mujhe chidhaaya ho.)
: Upar kyun kar diya, neeche rakho na
: Nahi, gandi baat nahi
Aur usne apna towel kholkar bade hi shararti dhang se mobile ke upar rakh diya.
: Are, yeh kya hai? Kuch dikh nahi raha (Main bechain ho utha.)
: Are, ruko baba, bas 2 minute, aa rahi hoon

Phir usne towel utha kar saamne aayi, apne college ke dress mein.
: Ready, hihi (Woh has rahi thi aur mera muh utar raha tha ki ekdum se usne mujhe kiss kiya mobile par hi.)
Thoda toh accha laga, lekin armaan aaj mere tight the, socha tha kuch toh darshan ho jayenge.
: Ja rahe ho?
: Haan, lekin aap aise udaas kyun ho?
: Aapne towel kyun rakh diya tha?
: Paagal, maar khaoge ab (Woh phir se hasne lagi.) Chalo, main ja rahi hoon, shaam ko milte hain, bye baby, love you
: Haan, bye, aaram se jaana, take care (utare hue mann se main bola.)
: Bas, aur kissy?
: Ummah (Maine ek chummi di usko.) Love you
: Chalo, smile karo… hmmm, good, bye baby, love you, ummah, hihi

Phir woh chali gayi mere armaanon se khel kar aur mere lund mein harkat karke.
Abhi 8 baj rahe the aur kuch hi der baad darwaze par dastak hui.

Saamne dekha toh Priya thi.
Woh andar aayi, haath mein chai aur pakode ka tray lekar.
Woh bistar par rakhne ke liye gayi aur meri nazar peeche se uske charbidar chootadon par gayi jo uske woolen pajama ke fule hue the.


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Abhi meri sona se baatcheet ka asar taza tha aur lund phir se sar uthane laga.
Woh tray rakh kar ghoomi aur meri nazrein uske seene par gayi. Saamne mere do bade bade thos kaaran dikh rahe the usko dekhne ke liye, jinki golai ne uske dono baazuon ko thoda thoda chhupa liya tha apne peeche.

: Abhi kar lo naashta, nahi toh thanda ho jayega.
: Aur tum, tum bhi kar lo? (Main uska saath chahta tha, na jaane kyun maine use rok diya tha aur yeh pehli baar hua tha.)
Use bhi tajjub tha aur woh baith bhi gayi.
Maine ek cup nikala aur chai aadhi kar di aur use offer kiya.
Usne muskura kar pyala liya aur seep lene lagi mujhe dekhte hue.
Maine pakode uthaye aur khane laga.
: Ummm, wah, sardi mein garam pakode
: Hihihi, paagal kahi ke (Woh hasi mujhe dekh kar apne daanton se pyaaz ke kurkure pakode nochti hui.)
: Aaj tum college ke liye nahi ready hui? (Maine sahaj poocha.)
Usne nazar utha kar mujhe dekha, mano soch rahi ho ki main uspar nazar rakhta hoon.
: Aise hi generally pooch raha hoon(safai dete hue main bola.)
: Jaana tha par, Papa aa rahe hain aaj na.
: Are, wah, sach mein? Kitna din ho gaya mile unse (Main khush hokar bola.)
Haan, lekin woh thodi udaas si thi.
: Kya hua, khush nahi ho?
: Kya khush ho jaun, jab bhi aate hain unhe meri shaadi ki fikr hone lagti hai (woh ukhad kar boli.)
Main shaant ho gaya.
: Jaise main unke liye bojh ho gayi hoon ab (thodi aankhein nam si ho gayi.)
: Are ? (Main uske kareeb aaya, apne beech se tray kinare kar uske kandhe pakad kar, aur woh fafak padi.) Tum roti bhi ho? Mujhe laga yeh kaam bas ek hi ladki aata hai, meri sona ko.
: Hihi (Woh ekdum se has di.) Paagal ho
: Offo, itna mat socho, dekho, is baat ko swikaarna hi hai ki ek din tumhe shaadi karke jaana hi hai is ghar se, aur jab tak ho tab tak Don ban kar raaj karo!
Woh has padi.
: Haan, pata hai, meri ek didi hai, meri mausi ki ladki, unko bhi shaadi ke liye log bohot tang karte hain, toh woh ghar ke khoob tandav macha kar rakhti hain, kisi ko chain se rehne nahi deti. Agar shaadi ki baat chhid jaye toh ghar wale khud do hafte tak pareshan ho jaate hain.
: Hihi (Woh has kar apne gaal se aansu saaf karte hue mujhe dekhne lagi.)
: Sahi mein?
: Toh kya, ab main bhi tandav karoon? Hihi!
: Zaruri nahi hai, ek do din khana peena chhod dogi toh bhi saal chhe mahina maamla tal jayega.

Is baat par hum dono khoob hanse aur maine usko taali deni chahi, lekin usne apni hatheli aage nahi ki aur mera haath uske gudaz charbidar jaangh par ja laga.

: Ouch, maara kyun? (Woh sehlaati hui boli.)
: Are, main toh taali de raha tha
: Hihi, paagal ho tum
Main bhi hasne laga, lekin meri ungaliyon ke woh naram gudaz charbidar sa ehsaas taza tha, jiska asar seedha mere lund par ho raha tha.
Hanste hue uske doodh bhi hil rahe the thode thode.

Phir woh chali gayi aur maine darwaze se uske thirakte chootadon ko uske woolen pajama mein peeche se dekha aur apna lund masalte hue darwaza laga diya.
: Ceeee, pareshan karke chali gayi pagli, ahhh, kitni narmi thi uske jaanghon mein (Mere mann mein yeh baatein chal rahi thi aur lund baang diye ja raha tha.)
Maine thodi der padhai ke baad nahane ke liye neeche chala aaya.

Bathroom mein aaj chaar bra-panty taange the sukhne ke liye, aaj woh lekar nahi gayi thi.
Dekhte hi lund mein harkat shuru ho gayi.
Lekin main kabhi bhi bathroom ka darwaza band karke nahi nahata tha, magar baar baar meri nigahein uski panty par ja rahi thi.
Lund ekdum ufaan par tha. Subah subah meri sona ne jo towel mein mood banaya aur ab Priya ke saath woh pal.
Reh reh bheetar baadal ghumadne lage the aur meri ungaliyon ko uski woh kaali panty baar baar rijha rahi thi. Sabun lagate hue maine underwear ke haath daal kar acche se apna kadak lund sehlaya aur jaldi jaldi badan par paani daal kar nikal gaya bathroom se, sirf towel lapete hue aur ekdum se woh mere saamne aa gayi.

Haath mein geela jaanghiya baniyan aur kandhe par pehni hui t-shirt lapet kar rakhi thi. Seena aur pet ekdum nanga.

Aankhein faad kar ekdum se chaunk kar usne mujhe dekha, jaise uski ghiggi bandh gayi ho aur shocked hokar woh khuli aankh liye ghoom gayi.

: Sorry (Main bolkar sarpat upar bhaaga.)
Aisa nahi tha ki usne pehle mujhe bathroom se nikalte hue ya towel lapete hue nahi dekha tha, lekin har baar mere deh par baniyan ya t-shirt hoti thi, lekin aaj upar se nanga tha.
Sharm ke maare shaam tak kamre se baahar nahi aaya aur phir sabzi lene ke liye neeche aaya toh uske Papa aaye hue the.

: Kaise ho, Rohan? (Unhone mujhe awaaz di.)
: Ji, namaste, uncle (Main andar hall mein chala gaya.) Accha hoon, aap kaise hain?
:Main bhi theek hoon, aao baitho. Yeh Priya, beta, paani lao Rohan ke liye, aur batao.
Phir hamari padhai aur ghar ko lekar kuch haal chaal saaja hua. Phir Priya paani lekar aayi aur ek nazar uski meri se aankh ladi, woh apni hansi dabate hue furr hi gayi, mano mere maze le rahi ho.
: Aur kahan ja rahe ho?
: Bas, uncle, sabzi lene.
: Accha, phir chalo, main bhi chalta hoon. Non-veg toh tum khate nahi ya shuru kar diya?
: Nahi nahi, ekdum nahi (Maine sire se khaariz kar diya aur woh hasne lage.)
Phir hum dono baatein karte hue paidal hi nikal gaye market ke liye.

Wahan main jab tak sabzi le raha tha, unhone murga katwa liya aur mere paas aa gaye.
: Chale? (Maine poocha.)
: Aha, haan, chalo (Phir kuch soch kar.) Tum chalo aur kuch lena hai lo, main aata hoon 2 minute.
: Theek hai, aaiye, main yahi hoon.
Ajeeb laga aur phir main wahi pratiyogi kitaabon ki lagi stall dekhne laga aur anayas meri nazar uncle par gayi. Woh medical store par gaye the aur unhone paise dekar ek packet liya. Isse pehle woh mujhe dekhte, main wapas book stall ke kitaabein dekhne laga aur tab tak nazar idhar udhar nahi ki jab tak ki woh khud mujhe bulaaye nahi.
: Chale, beta?
: Ji, uncle, chaliye.
Phir hum log wapas aa gaye.

Main upar kamre mein aakar sabzi kaat raha tha aur shaam ka waqt tha toh darwaza khula hi tha.
Ekdum se Priya aayi.
: Kya banane ja rahe ho?
: Aloo gobhi, kyun?
: Yaar, Papa neeche non-veg banwa rahe hain, toh main bhi yahi khana khaoongi.
Thodi bahut iski mujhe ummeed thi hi ki woh aayegi kyunki pehle bhi 2-3 baar aisa hua hai. Lekin ab cheezein badal gayi thi.
: Main sabzi bana deti hoon, roti neeche se aa jayega (usne kaha.)
: Nahi? Aaj main hi banaunga, mere kitchen mein tumhari manmaani nahi chalegi
Woh hasne lagi.

Phir main mast chatakhedar masale bhunne laga, jiski khushboo poore kamre mein fail gayi.
Woh mere kamre mein hi bistar par baith kar mere notes dekh rahi thi aur hamari casual baatein chal rahi thi.

Isi dauraan meri sona ka phone aaya.
Maine neckband charge mein lagaya tha aur main masale bhun raha tha abhi.
Toh main phone speaker par daal kar call pick kiya.

: Hello (Priya ki wajah se maine normal greet kiya.)
: Hi, mera ganda sanda baby (Woh khilkhila kar boli.)
Ekdum se main chaunk gaya aur aankhein badi kar ek nazar Priya ko dekha, woh bhi shocked thi aur muskura rahi thi.
: Babu, mobile speaker par hai
: Haan, toh kya hua? Mujhe na aap par bohot pyar aa raha hai, hug kar lo na, aaj Hug Day hai, aapne mujhe hug nahi kiya
Maine sharminda aankhon se Priya ko dekha aur woh bistar se utar kar hansti hui kamre se nikal rahi thi aur maine phone speaker se hata kar kaan par lagaya.

: Accha, abhi toh babu sabzi bana raha hai na, toh kaise hug kare, ummm?
: I miss you, khoob dher sara, Kab aaoge, mujhe aapke paas sona hai, akele nahi mann kar raha hai, accha bhi nahi lag raha hai.

Uff, ladki ne toh jazbaat hila diye the mere.
: Main toh bina kapdon ke hoon, phir bhi hug karoge, ummm? (Maine apna neckband connect karte hue kaha.)
: Haan, karoongi, thandi mein cozy cozy sa hug, hihi
(Uski baaton ka asar mere poore badan mein ho raha tha aur maine sabzi mein paani daal kar ubalne ke liye chhod diya aur usse baatein karta hua baahar aaya.)
: Haan, toh mujhe bhi chahiye na cozy cozy sa hug, mujhe bhi thandi lagti hai (Neckband par kamre ke baahar khada hokar baatein kar raha tha taaki yeh dhyan rakh sakoon ki Priya aas paas nahi hai na.)
: Toh kya, mujhe bhi kapda nikalna padega? (Badi masoomiyat se woh boli.)
: Aap bhi nangu ho jaana upar se aur main bhi, phir hum saath mein chipak kar soyein… ge.
Main yeh baat bol hi raha tha ki ekdum se mere bagal wale kamre se Priya baahar aayi aur meri fat ke chaar!
Woh muh neeche karke muskuraati hui ya phir kaho mujh par hansti hui neeche chali gayi. Subah se popat par popat ho raha tha.
Dhai saal se jo rola tight karke rakha tha sharafat ka, uski fielding finally set ho gayi thi.
: Sun nahi rahe ho kya, babu, babu? (Ekdum se sannata chhata aur uski awaaz aayi.)
: Haan, mera sona, bolo na.
: Aap kuch ganda sanda nahi na karoge mere saath?
: Umhu, hum toh shaadi ke baad karenge na.
: Hmmm, theek hai phir, main bhi na apna top nikaal kar sooongi aapke paas.
: Bra bhi? (Main lalchaye mann se bola.)
: Chheeee, ganda! Nahi, woh pehne rahoongi, hihi
Ohhh, ladki ne phir se mere armaanon ko hari jhandi dene lagi thi aur lower mein tambu banne laga tha. Maine usko miss kar kamre mein aaya.
: Uff, mera hot babu, kitne garam ho aap
: Ummm, aap bhi ho, gudgudi karoon, hahaha (Woh khilkhilaayi.)
: Karo, main chhodunga kya, main bhi karoonga
: Hihi, rehne do phir, mujhe aise hi sona hai, aap na mujhe thapki de kar sula do, mujhe ninni aa rahi hai.
: Okay, mera baccha, ajao, hug you, mera pyara sa baby, mera sweetu sa sona, ummah, so jao aise, love you meri jaan, ummm, good night

Phir kuch hi der baad uski saanson ki sarsarahat aane lagi aur main samajh gaya ki woh so gayi hai, phir maine call cut kar diya. Apni sabzi chalayi aur gas band kar baith gaya padhne.

Kareeb saadhe nau baje baad kahin Priya aayi neeche se rotiaan lekar.

: Ban gaya? (Usne poocha.)
: Haan (maine aankhein utha kar thoda sharminda nazron se muskura kar dekha.)
: Theek hai, hall dhool lo, main nikaalti hoon.
Main haath dhool kar aaya aur usne do plate mein khana paros kar chauki par rakha.
Main aur woh dono aamne saamne baith kar khane lage.
Kuch asahajta ho rahi thi aur woh boli : Taarak Mehta lagaun?
Maine muskura kar haan kar diya.
Phir humne khana khaya aur woh bartan lekar chali gayi dhulne, main wapas padhne baith gaya.

: Tum raat mein baatein nahi karte? (Uska ishara meri sona ko lekar tha.)
: Nahi, woh jaldi so jaati hai.
: Accha, pata hai, meri ek dost hai, woh log saari raat der tak baatein karte hain, idhar udhar ki gossip.
: Ohhh, sabki apni apni choice hai aur mauka mile toh main bhi karoon, lekin woh jaanti hai ki mujhe padhai karni hoti hai aur woh soengi nahi jaldi toh main phone rakhoonga nahi.
: Accha, aise? Badi samajhdaar gf khoji hai phir toh, hihi
: Ummm, samajhdaar nahi, shararti kaho
: Haan, woh toh maine suna, hihihi (Woh has kar boli aur uska ishara main samajh gaya.)
: Are, yaar, tum maze mat lo ab
: Tumhare jaise buddhu ke liye bilkul sahi ladki hai woh. Itne saal mein pehli baar tumhe alag dekha aur… (woh muskura kar boli.)
Main samajh raha tha uska ishara hamari romantic baaton par tha.
: Aur kya?
: Kuch nahi (woh thoda sharmaayi aur hasne lagi.)
: Are, ab batao bhi
: Kuch nahi, tumne uski ijazat ke bina zara bhi aage nahi badhte, yeh sun kar accha laga. Nahi toh maine toh yahi suna tha ki ladke bohot tezi se apni manmaani karna chahte hain.
: Ab chhodo na, yaar, mujhe sharm aa rahi hai, please (Main sharm se laal hua ja raha tha.)
: Aaye haye, yeh gulaabi rang toh dekho, hahaha (Usne mujhe chheda aur main pehle se zyada blush karke hasne laga.)
: Aaj tujhe sona nahi hai? (Maine baat badli toh woh thoda asahaj hui.)
: Nahi, main upar hi sooongi (ekdum se maine chaunk kar use dekha aur woh hasne lagi meri haalat par.) Are!! Hihihi, maine bagal wale kamre mein bistar lagaya hai apna, paagal, kya tum bhi
Jaan mein jaan aayi.
: Kyun upar kyun?
: Ah, kuch nahi, aise hi (woh thoda blush kar rahi thi muskura kar.)
: Batao toh?
: Woh Papa aaye hain na, isliye (thoda shabdon ko chaba kar boli.)
: Papa aaye hain? Toh usse kya… (Main paristhitiyon ko samajhne ki koshish karne laga.)
: Isliye boli na, tum ekdum buddhu ho (Woh has kar boli.)
Phir ekdum se mera maatha thanka, toh iska matlab uncle us medical store se condom le rahe the aur woh aaj aunty ke saath… oh teri! Isliye yeh upar.
: Tumne kab dekha? (Maine poocha.)
: Kya dekha aur kab? (Thoda uljhan bhare lehje mein.)
: Are, woh packet jo uncle laye the medical store se.
Woh apne hoth daba kar hasi rokne lagi.
: Mujhe thode paise chahiye the toh unka pant check kiya aur woh tha usmein.
: Sahi hai!
: Kya? (Aankhon ke shararat liye woh sharmaati mujhe dekh rahi thi.)
: Uncle ka, hihihihi
: Maar khaoge, Rohan! Mere Mummy-Papa hain, yaar
: Are, toh sabke Mummy-Papa karte hain, ismein kya galat hai?
: Tum, tum bohot gande ho, bas shareef hone ka naatak karte ho, badmaash kahi ke! Main ja rahi hoon sone, bye, good night!

: Are, yaar, suno toh (Maine has kar use roka.)
: Kya hai? (Ghudak kar woh boli.)
: Darwaza laga dena, hawa aa rahi hai (maine use aur chadha diya.)
: Band hi kar deti hoon baahar se, raho isi mein (Gusse mein woh darwaza ka handle pakad kar boli.)
: Are, yaar, mat karo, raat mein mujhe neeche jaana hua toh? (Maine usko fansaya.)
: Kya? (Woh ekdum se chaunk gayi.) Lekin neeche kyun jaana hai? Sab jaan rahe ho tab bhi, chheeee, ganda ladka!
: Are, yaar, tum toh aise keh rahi ho, hihi, jaise tumhare Papa-Mummy hall mein hi… hahaha
Main thahaka lagakar haste hue use chheda aur woh bhaagti hui mujhe maarne bistar tak aayi aur maine uske haath pakad liye use rokne ke liye, phir khada ho gaya.
Uske dono haathon ko pakad kar neeche kar peeche baandh diya: Ab haath chalaao toh jaanu
Woh ekdum se sisak kar mujhe dekhi aur meri nazrein bhi usse takrayi.
Hamara dhyan hi nahi tha ki hum dono ekdum doosre se itna chipak kar khade ho gaye the ki uska badan mere badan se poora sat gaya tha.
Uski saansein ufanane lagi thi aur meri bhi heartbeat badhne lagi thi. Woh meri aankhon mein dekh rahi thi aur main uske, uske hoth khul gaye.
Ji mein aaya ki bas choom loon uske labon ko jo khud mujhe dawat de rahe the aur jaanta tha woh mujhe rokti nahi.
Maine aankhein band kar ek lambi gehri saans li aur usko chhod diya : Sorry
Usse alag hokar nazrein neechi kiye hue khada ho gaya.
: Good night (woh thoda ruk kar boli aur chali gayi kamre se.)
Main wahi khada raha, khud ko shaant karne ki koshish karta hua, magar lower mein bana hua tambu apni alag hi kahani gadh raha tha.

Jaari rahegi
Awesome update and good story
 
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