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Dekhte haiAesa nhi h bhai
Update hamesa hi shandar lajwab hote h
Dhire -dhire log comment v jayada sankhya me karne lagenge
Shukriya BhaiBara hi dard hota h jab samne wala kisi ko chahta h or vo uski kahani apko suna raha ho , par apko wahi chahiye jo khanani suna raha ho
Khai update achha tha![]()
रोमांटिक ड्रामा और इरोटिक सीन तो मेरी कहानियों में मिलते ही हैDREAMBOY40 bhai is story me cheating ya cuckoldry to nhi hai? Mujhe aisi kahaniya pasand nhi.....kyonki idhar adultery section me yahi sab pada rehta hai
aapki ammi aur fantasy wali kahani mujhe kaafi achi lagi thi
UPDATE 004
कभी कभी समझ नहीं आता है कि कुछ अनचाहे लोग कब और कैसे आपके जीवन में आ जाते है और आपको भनक तक नहीं होती ।
बीते वक्त में उनकी की गई अनजानी सी मदद का बोझ लिए आप ढोते चले जाते है और वक्त के साथ वो बोझ बात चीत और मुलाकातों से बंधनों के रूप में आ जाता है । एक लंबे समय तक जब आप किसी के साथ शराफत का ढोंग करते हुए चले आओ तो एक समय बाद सामने वाली की कुछ अजीब बदतमीजियों को भी सहने के आप आदि हो जाते हो । चूंकि बीते वक्त में उसके किए हुए उपकार का कर्ज आपने उतारा नहीं होता है और वक्त के साथ उनसे कुछ रिश्ता सा बन जाए तो आपके लिए बड़ा ही मुश्किल हो जाता है कि आप उनसे कुछ असहज बाते कह कर पीछा छुड़ा लें ।
कुछ ऐसा ही एक उपकार से शुरू हुआ रिश्ता था मेरा और प्रिया का
साल 2018 बारिश का मौसम और मै अपने अरमान सजाए हुए तैयारी के लिए स्टेशन से पहली बार उतरा था प्रयागराज ।
एक ई-रिक्शा बुक करके गली गली सस्ता और आरामदायक जगह देखने के लिए शाम हो गई । कही भी सिंगल लड़के के लिए कमरे उपलब्ध नहीं मिले , रहे होंगे लेकिन चीजें मेरी पहुंच से तब दूर थी और मैने रिक्शे वाले को उसका 500 भाड़ा देकर वापस स्टेशन छोड़ने को बोल दिया था
रात के 08 बजे थे लगभग और बारिश से सड़के सुनसान थी , ना रास्ते का पता था न मंजिल की ओर वही एक सड़क किनारे एक लड़की दिखी भीगने से बचने की कोशिश करती हुई और वो आवाज दे रही थी हमें ही मतलब रिक्शे वाले को
: भैया अगर कहो तो वो दीदी को बिठा लूं , रात है सवारी नहीं मिलेगी
मै सुबह का थका था और मूड कुछ खास ठीक भी नहीं था । अपना ठिकाना न सही किसी को उसकी मंजिल मिल जाए
मैने हुंकारी भर दी और वो ई-रिक्शे को लेकर वहां पहुंचा
वहा एक नहीं दो थे
झट से वो अंदर आ गई अपने छोटे से भाई को लेकर
: ओह सॉरी रिजर्व है क्या ( वो पूछी )
: कोई बात नहीं बैठ जाओ , ये छोड़ देंगे
: थैंक्यू ( भीगी हुई लगभग वो बोली एक तसल्ली भरी मुस्कान के साथ )
मैने ध्यान नहीं दिया
: भइया तेलियरगंज छोड़ देंगे
वो ई-रिक्शे वाले से बोली । जगह का नाम सुना सुना सा था , लेकिन मन अब भारी हो चला था चीजें उतनी ध्यान में नहीं रह रही थी । भूख भी लगी थी और बारिश से थोड़ा बहुत मै भी भीग गया था ।
: दीदी , ये भइया कहा जा रहे है
उस छोटे से बच्चे की मासूमियत पर मै बहुत ही फीकी मुस्कुराहट से उसे देखा और वो थोड़ी असहज दिखी ।
: बाबू ये अपने घर जा रहे है , न ? ( उसने मुझे देख कर सवाल पूछा जैसे )
मै बोलता उससे पहले ई-रिक्शे वाला लड़का बोल दिया : नहीं दीदी , भैया तो आज सुबह ही इलाहाबाद आए है और किसी को जानते भी नहीं , सुबह से मै इनको कई जगह घुमा चुका हु ,कोई अकेले लड़के को रूम नहीं दे रहा है । बहुत परेशान है , अभी तो ये आपके मुहल्ले से निकल कर ही आए है
वो बड़े ध्यान से सुन रही और मै बजाय से देखने के अपनी नाकामी से झुकी नजरे फेर कर बाहर देख रहा था । वो चुप थी
: बस ये वाली गली में चलिए थोड़ा और आगे ( वो घूम कर ई रिक्शे वाले को घर का जगह बता रही थी )
: बस बस यही वाला है , रोक दीजिए
उसने पैसे दिए और अपने छोटे भाई को लेकर उतर गई
: बाय बाय भैया ( उस मासूम ने हाथ उठा कर मुझे ग्रिट किया और मैने एक फीकी सी मुस्कुराहट से उसे देखा , पल भर को नजरे उससे मिली और मन उदास हो गया )
ई रिक्शे वाले ने गाड़ी घुमाई और हम 10 मीटर आगे आए ही थे कि उसने पीछे से आवाज दी ।
और भागती हुई आई
: सुनो , मेरे यहां एक रूम है लेकिन उसमें किचन नहीं है और बाथरूम भी कामन है । चाहो तो देख लो
चाहिए क्या था ? डूबते को तिनके का सहारा
" हाय रोहन "
: अरे प्रिया, हाय ( मुस्कुरा कर मैने देखा उसे )
काफी एक्साइटेड दिख रही थी
मैने उसे खुश देख उसकी वाइब में घुलता हुआ मुस्कुरा कर : क्या हुआ ?
: तुमने कुछ नोटिस नहीं किया ?
: क्या ? ( अचरज से मैने कहा )
: मेरी ड्रेस हीहीही , कैसी है ?
: ओह्ह्ह ,ये , वाव, अच्छी लग रही है
: थैंक्यू हीही ( इस तरह का उसका यू चहकना मेरे आगे आम सा था )
कोई नए कपड़े हो जो वो पहनती , कुछ स्पेशल जो वो बनाती मेरे पास जरूर परोसा जाता था ।
मैने मेरी तरफ से कभी भी अपना रिश्ता नहीं बनाया, मै बस एक शरीफ किरायेदार की तरह था दो साल से लेकिन उसके लिए मै बहुत खास था ।
शायद एक कैजुअल फ्रेंड से भी बढ़ कर , उसके पापा आर्मी में थे । चूंकि घर पर वो उसकी मां और उसका छोटा भाई था इसीलिए वो किराए पर कमरे नहीं देते थे । लेकिन नियति थी मेरी की बीते 2 साल से इस घर में मै ही अकेला किराएदार था ।
प्रिया की मां ने कभी भी मुझे या हम दोनो की कैजुअली मीटअप को शक के नजर से नहीं देखा । लेकिन एक वक्त के बाद मै बोर होने लगा था ।
उसका दखल मेरे निजी कमरे के साथ साथ मेरे निजी जीवन में भी ।
कई बार मन हुआ कमरा बदल लूं लेकिन कोचिंग में दूसरे लड़कों से उनके मकान मालिकों की मन मानियां और समय से आने जाने के पाबंदियां उनके बनाए रुल को सोच कर मन बदल जाता है
फिर परीक्षाये भी आने वाली थी ।
: मै मदद करूं
: अह नहीं हो जायेगा
: अच्छा ठीक है , काम कर लो और मम्मी ने कहा है कि रात को खाना मत बनाना
जान रहा था झूठ बोल रही है , लेकिन क्या कर सकता था , सामने वाले से बस प्यार ही मिल रहा था फिर मै खुद को एक बंधन में पा रहा था ।
वो चली गई
मैने अपना कमरा साफ किया और थक कर चौकी पर लगे बिस्तर पर फैल गया
और मोबाइल निकाल कर चेक किया तो मेरी सुकून का मैसेज आया था
मैडम कोचिंग से घर आ गई थी और डिनर की तैयारी में थी ।
मैने भी रूम पर आने का मैसेज डाल दिया और फ्रेश होकर निकल गया बाजार के लिए
इलाहाबाद की शाम हर मौसम में सुहानी और जगमग होती है , बात जब सर्दियों की आए तो क्या कहना।
आम तौर पर यहां खाना पीना बहुत सस्ता था
मैने भी सब्जियां पैक करवाई और निकल गया टहलते हुए रूम पर ।
जीने से ऊपर जा रहा था कि एक फुसफुसाहट मेरे कान में आई और प्रिया का छोटा भाई आ गया बुलाने
: भइया आओ चाय पी लो
समझ गया उसी ने कहलवाया है
मै मुस्कुरा कर उसके साथ आ गया अंदर
हाल में उसकी मां बैठी थी , और किचन से मसाले की खुशबू आ रही थी
: नमस्ते आंटी
: नमस्ते बेटा , बैठो , और बताओ घर पर सब ठीक है
हमारा हाल चाल हो रहा था और वो चाय लेकर आई और अपनी मम्मी के पास खड़ी हो गई
जैसे मै कोई मेहमान हूं उनके यहां
एकदम से उसकी नजर मेरी सब्जियों की थैली पर गई उसने घूर कर मुझे देखा
ओह यहां मै आपको बताना भूल गया , हमारे इलाहाबाद में एक बड़ी ही गजब की बात है यहां लोग रोज सब्जियां खरीदने जाते है , मतलब आज रात क्या बनेगी सिर्फ उसी की खरीदारी होती थी।
चूंकि मै काफी दिनों से नहीं था तो कुछ मुख्य सब्जियां प्याज लहसुन के साथ अगले दिन के लिए भी सब्जी ले लिया था लेकिन उसको लगा कि मै खाना नहीं खाऊंगा उसके यहां।
तभी मेरा मोबाइल बजने लगा
मेरी नजर घड़ी की सुई पर गई
8 बजने में 5 मिनट कम थे , मतलब मैडम के काल का ड्यू टाइम आने ही वाला था लेकिन पहले ही आगया
मैने झट से चाय खत्म की और आखिरी रिंग से पहले काल उठा दिया फिर सब्जी उठा कर : आंटी खाना हो जाए तो बता दीजिएगा , मुझे एक बहुत जरूरी लेक्चर अटेंड करना है ।
मै वहा से निकल गया और जीने पर आते ही फोन कान पर लगा कर
: हाय
: ओहो , तो आज लेक्चर अटेंड होगा उम्मम ( उसने मजे लिए)
: क्या यार आप भी , और बताओ कैसे हो ( मै मुस्कुरा कर बोला )
: बिलकुल अच्छी नहीं हूं, क्यों चले इतना दूर ( वो रोने का ड्रामा करती हुई बोली ) पता है मेरी सहेली बोल रही थी कि आपके दोस्त के घर परसो चौथ लेकर चलने के लिए, सोचा आपसे मिल लूंगी । आप क्यों चले गए ऊहू मम्मीईई
: क्या सच में आने वाले थे ?
: अब नहीं जाऊंगी , हा नहीं तो , कितना रोना आ रहा है मुझे । मुझे आपको देखना है आपको तो मेरी याद भी नहीं आती वीडियो काल भी नहीं करते , सब मुझे कहना पड़ेगा तब समझोगे क्या
उफ्फ दो दिनों में ही शिकायतों की लंबी लिस्ट लेकर बैठ गई मेरी शेरनी और मुझे हंसी आई
मैने अपना नेकबैंड कनेक्ट किया और उसको वीडियो काल
: अरे रो रहे हो
: तो क्या नाचूं , उतना दूर चले गए अगर मुझे आपकी धड़कन फील नहीं हुई तो ?
हंसी आई मुझे उसकी बच्चों जैसे बातों पर
: दूर कहा , यूं कहो और भी पास आ गया ( मै बिस्तर पर लेटकर मोबाइल अपने आगे रखता हुआ )
: वो कैसे ?
: यहां किसी से छिपना थोड़ी है , जब चाहूं तब आपसे बातें कर सकता हूं , जितना चाहूं उतना
: पूरी रात भी ( उसने पूछा )
: हा पूरी रात ( मैने हौले से कहा और वो शर्मा गई )
फिर हम एक दूसरे को देखने लगे मोबाइल स्क्रीन पर
मैने उसे अपने पास आने को कहा वो थोड़ा शर्माई और मुस्कुरा कर ना में सर हिलाया और कम्बल से मुंह छिपाने लगी
: बक्क आओ न
: नहीं ऐसे नहीं , वॉइस कॉल पर आओ
: अरे मै तो मेरे सुकून का प्यारा सा चेहरा देखूंगा बस
: पक्का न ( उसने वार्निंग दी )
उसने मोबाइल तकिए से टेक लगा कर खड़ा कर दिया और पेट के बल उसके सामने लेट कर अपने दोनों हाथ आगे करके ऊपर अपना चेहरा टिका कर उसे देखने लगी
: मत देखो न ऐसे
: क्यों ( मैंने उसे देखते हुए कहा )
: मुझे शर्म आ रही है ( वो मुंह पर हाथ रख कर बोली और मुस्कुराने लगी )
मैने कोई जवाब नहीं दिया बस उसे देखता रहा और वो भी शांत सी हो गई
हम फिर से खोने लगे एक दूसरे में और मै झट से लपक कर अपने मोबाइल स्क्रीन पर उसके लिप्स को चूम लिया
: अह धत्त गंदे हो आप ( वो मुंह पर हाथ रखते हुए घूम कर लेट गई )
मै खिलखिला कर हसने लगा
: आई लव यू ( मैने बोला और वो शांत हो गई और उसने मुझे देखा )
मैने भौहें उचका कर उसे इशारा किया और वो फिर शर्माई
: बोलो न , बक्क
: क्या ( वो मुंह पर हाथ रख शर्मा मुस्कुरा रही थी )
: वही
: क्या
: आई लव यू बोलो
: नहीं बोलूंगी , जबरजस्ती है क्या
: हा ( मैने भी हक जताया )
: आऊंगा न तो...
: आजाओ हीही ( उसने वापस चिढ़ाया)
: किस्सी दोगी न , आऊंगा तब
: हम्ममम आजाओ ( आंखों से उसने मुझे बुलाया )
: पक्का न
वो असहज हो गई और न में सर हिलाया
: इतना भी क्या डरना किसी से ( खिलखिला कर मैने उसके मजे लिए)
: अब तो पक्का कुछ नहीं दूंगी , रखो आप, हा नहीं तो , बाय
उसने चिढ़ कर फोन काट दिए और मै हंसने लगा
और मुझे एक प्यारे से गाने के बोल याद आ गए
मैने हस्ते हुए उसके व्हाट्सअप पर मैसेज टाइप करके भेज दिया
ओ मेरे सोना रे सोना रे सोना रे
दे दूंगा जान , जुदा मत होना रे
मैं तुझे जरा देर में जाना
हुआ कुसूर खफा मत होना रे
: o meri sona maan jaao na
अगले पल उसका रिप्लाई आया
: pagalu , mummy ne bulaya hai abhi bat krati hu
मैं खुश हो गया और थोड़ा अपनी पढ़ाई का देखने लगा , थोड़ी देर में प्रिया का भाई ऊपर आया खाने पर बुलाने के लिए मैने मेरी जान को एक मैसेज डाल कर मोबाइल चार्ज लगा कर नीचे चला गया खाना खाने
जैसा कि मैने बताया कि वो अक्सर खास खाने मेरे लिए सीखती और बनाती थी तो आज का खाना भी अच्छा था
चुकीं आज मेरा मन खुश था मेरे सुकून से बात करके तो मस्ती सूझ रही थी और मैने बजाय प्रिया के उसकी मम्मी की तारीफ की
: सच में आंटी, आपके हाथ की इतनी अच्छी सेवई है न
: और चाहिए तो ले लो बेटा ( वो हस बोली )
: नहीं आंटी , पेट भर गया और थैंक्यू सच आज थक सा गया था और शायद खाना बनाता भी नहीं
मैने देखा वही किचन में किसी को अपने लिए फैसले पर इतराते हुए और मै उठ कर हाथ धुलने के लिए किचन में चला गया
: चाहो तो एक थैंक्यू मुझे भी बोल सकते हो , सब्जी मैने ही बनाई थी ( तुनक कर वो बोली , हाथ बांध कर मेरे पीछे खड़ी हुई )
मुझे हसी आई कुल्ले करते हुए लेकिन मैने अपनी भावनाएं छिपाई
: सीई तभी सोचूं किसने बदला लेने के लिए मिर्ची ज्यादा डाली थी, फ़ूऊऊऊ अह्ह्ह्ह ( जीभ निकाल कर मैने नाटक किया तो वो मेरा गला पकड़ने दौड़ी)
मै बचने की कोशिश करता हुआ खिलखिलाया और वो भी मुस्कुराते हुए : तुम न , मम्मी है नहीं तो बताती अच्छे से
मै मुस्कुरा कर अपना कालर सही करता है उसको चिढ़ाता हुआ जानबूझ कर जीभ से सिसकारे लेते हुए निकल गया और वो चिढ़ कर रह गई ।
थोड़ी देर बाद ऊपर आया तो देखा 4 मिसकॉल आए थे
मैने अपने कमरे का दरवाजा बंद किया और काल बैक करते हुए बिस्तर में
: ओहो कोई मुझे मिस यू बैडली भी लिख सकता था इतना फोन करने के बजाय ( मैने उसे छेड़ा )
: हूह , किसने बोला मिस कर रही थी ( वो तुनकी )
: बस फ़ील हुआ खाते समय हिचकी आ रही थी ( अभी भी मै नीचे वाले फ्लोर के फ्लो में ही था )
: हूह , पता नहीं लोगो को क्या क्या भ्रम हो रहे है ( भिगो के दिया उसने मुझे और मेरी मस्ती फुर्र )
: हम्म्म लेकिन मै तो मेरी सोना को मिस कर रहा था
: अच्छा सच में
: हम्म्म, वो तो मेरी सांसों में बस गई
: ओहो
: हा , और पता है वो न
: हम्म्म ( उसने जताया कि वो गौर से सुन रही है )
: वो न मेरी जान है , मेरा सुकून है
: पागल , आई लव यू
: लव यू मेरी सोना
उसकी कुनमुनाहट भरी हंसी आई और एक फ्लैश नोटिफिकेशन पॉप अप हुआ स्क्रीन पर , उसने वीडियो काल की रिक्वेस्ट दी थी
मैने पिक की और फिर हम एक दूसरे को देखने लगे
मैने मोबाइल को दिवाल से लगा दिया और करवट लेकर कम्बल में से उसे देखने लगा
वो मुझे मुस्कुरा रही थी और मै उसे
कितना कुछ अनकहा सा प्यार था उसकी आंखों में जो वो कह नहीं पा रही थी
: बोल दो न
: क्या ( उसने मुस्कुरा कर पूछा)
: वही जो आंखों में लिए बैठे हो
: कैसे समझ जाते हो आप ( वो थोड़ा शर्माई )
: जान हो आप मेरी ( मैं प्यार से कहा और उसने मोबाइल पकड़ कर अपना स्क्रीन चूम लिया).
आंखे बंद कर मैं उस पल को महसूस किया और फिर से सामने थी
: सो जाओ ( सुकून भरी मुस्कुराहट से वो बोली )
: नहीं ऐसे रहो न ( मैने कहा और वो मान गई )
फिर मैने एक फ्लाइंग किस भेजी होठों से और वो मुस्कुरा कर वैसे ही लेटी रही फोन के आगे
और देखते ही देखते उसने आंखे बंद कर ली
इस पल को तो कायनात से चुरा लू इतनी मासूम लग रही थी मेरी जान , प्यारी सी गुड़िया मेरी मेरी लाडो मेरा सोना मेरा सुकून
जारी रहेगी
कृपया पढ़ कर अपने विचार जरूर साझा करें ताकि मै विचार कर सकू कि मेरी मेहनत सफल है भी या नहीं । वरना दूसरी सफल कहानियों को भी वक्त दिया जाए
GoodUPDATE 005
इंस्टीट्यूट में वीकली टेस्ट शुरू हो गए और मार्च में एग्जाम होने के पूरे असार थे । मेरी अपनी भी तैयारी पूरी थी लेकिन युद्ध के पहले अभ्यास जरूरी होता है तो वही चल रहा था ।
एक ओर जहां नए साल का जश्न मनाया जा रहा था और मै अपने भविष्य के लिए रेजुलेशन लिख रहा था
इत्तेफाक की बात थी कि आज सुबह सुबह उसका फोन आया
मैने बिना एक पल गवाए फोन पिक किया
: गुड मॉर्निंग जान
: हाय , कितना प्यारा बोलते हो फिर से कहो न ( वो खिलखिलाई )
: गुड मॉर्निंग मेरा सोना & हैप्पी न्यू ईयर माई स्वीटू उम्माह
: सीईईई मेरी तो न्यू ईयर हैप्पी हो गई , थैंक्यू बाबू उम्माह & आई लव यू , लव यू , लव यू सो सो सो सो मच हिही ( उसने पूरा प्यार उड़ेल दिया मुझपर )
: उफ्फफ इतना प्यारा , पूरे साल का कोटा पूरा करोगी क्या हाहाहा
: आप पास होते न तो बताती कितना चाहती हूं आपको ( फिर एकदम से उसके सुर बदल गए ) पता है मेरी सहेली है रेखा वो भी अपने बॉयफ्रेंड के साथ आज घूमने जा रही है , मेरे कालेज में सब अपने अपने लवर्स के साथ होंगे सिर्फ मै अकेली रहूंगी , ऊहू अजाओ न बाबू प्लीज !!!!
उफ्फ पिघला दिया पगली ने मुझे , दुख तो मुझे भी हुआ अंदर से लेकिन मामले को समेटना था और फैलाना नहीं था।
: मेरा सोना मेरा सुकून, मै आऊंगा आपके बर्थडे पर और फिर आपके साथ तो मेरा हर दिन नए साल जैसा है उम्मम है न
: हम्ममम ( उसने थोड़ा संतोष मन से जवाब दिया ) पक्का आओगे न ?
: अपनी जान से कोई कैसे झूठ बोलेगा उम्मम
: आई लव यू, बहुत याद आ रही है आपकी उम्म्हुहुहू ( वो रोने सी लगी )
: अरे मेरा बच्चा , आई लव यू न सोना रो मत , आप भी अपने दोस्तों के साथ इंजॉय करने जाओ
: और आप ?
: मै भी इंजॉय कर लूंगा आप फोटो भेज देना
: पक्का न ? ( उसने इजाजत मांगी )
: हा मेरा सोना उम्माह ( मैने एक किस दी फोन पर )
: ओके थैंक्यू , लव यू बाय
: हम्ममम बाय
काल कट हुआ और मैने एक गहरी सांस ली और अपने काम में लग गया अभी घंटा भर बीता नहीं था कि मेरे रूम पर नॉक हुआ
समझ गया कि कौन आया होगा
मैने दरवाजा खोला और सामने प्रिया थी जो पूरी तैयार होकर साड़ी में खड़ी थी, उसकी यूनिवर्सिटी पर आज खास प्रोग्राम होने वाले थे
: हाय , हैप्पी न्यू ईयर ( उसने एक्साइटेड होकर थोड़ा सा ब्लश करते हुए कहा )
: हाय ... हैप्पी न्यू ईयर
मैने उसे ऊपर से नीचे तक देखा और नजर उसके कमर और पेट पर काफी नर्म और गुदाज थी उसने साड़ी को नाभि के नीचे बांध रखा था और बाल खुले थे किसी के भी होश उड़ाने के लिए काफी थे लेकिन मुझ पर उसकी ये कोशिश बेकार थी उस वक्त के लिए । उसने मुझे देखा और शर्मा कर अपने बाल कान में खोंसने लगी ।
: तुम मुझे मेरी यूनियर्सिटी ड्रॉप कर दोगे ? ( वो चहक कर इतराई जैसे उसे कितना विश्वास हो कि उसका ये रूप मुझे पसंद आ गया )
: ले..लेकिन बा..इक ?
: पापा की बुलेट है न उसी पर ( वो खुश होकर बोली )
मै समझ गया कि उसका आज अपनी यूनिवर्सिटी में सबको बताने का प्लान है कि उसका बॉयफ्रेंड मै हूं । मना करने का कोई बहुत खास रीजन नहीं था क्योंकि यूनिवर्सिटी 10 मिनट की दूरी पर थी ।
जैसे कि मैने पहले भी कहा था कि कभी कभी आप कुछ चीजें करने को मजबूर होते है जबकि आपके पास अपने दूसरे महत्वपूर्ण काम पहले से पेंडिग है ।
नए साल पर किसी लड़की को जो इतना तैयार होकर इंतजार करे कि आप उसे उसके कालेज ड्रॉप करने जाओ तो आपको भी एक पल के लिए अपनी इमेज का ख्याल करना पड़ जाता है
संजोग की ही बात थी कि कल ही मैने अपनी दाढ़ी बनवाई थी और बाल सेट करवाए थे । बैग से मैने ब्लैक शर्ट और काफी रंग की पैंट निकाली और तैयार होकर एक फॉर्मल सूज पहन कर नीचे आया जेब में एक सनग्लास रखे हुए
उसकी खुशी मुझे देखते ही दुगनी हो गई , आंटी अभी घर के दूसरे काम में व्यस्त थी और वो चाबी लेकर खड़ी थी
मैने बाइक निकाली और थोड़ा साफ करके स्टार्ट किया
पूरी गली में बुलेट 350 क्लासिक का इंजन भड़भडाया और वो मेरे कंधे पकड़ कर बैठ गई
मैंने भी बाइक आगे निकाली और सामने दो रास्ते थे उसने गर्ल हॉस्टल वाला रूट लेने को कहा
आज का रोला टाइट था अपना भी , गर्ल हॉस्टल के सामने निकलते हुए कुछ रेगुलर लड़कियों ने मुझे देखा जिन्होंने आज से पहले बस मुझे लोवर और टीशर्ट में ही देखा था ।
उनकी नजरे भी हम दोनो पर
मेन सड़क पर आते ही मैने सनग्लास लगाए
: थैंक्यू ( उसने मुस्कुरा कर कहा और बाएं रियर मिरर में मैने उसको देखा )
मै उसको लेकर यूनिवर्सिटी के कैंपस में आ गया , बवाल मचाने वाला माहौल था वहां। हाइटेक डीजे और गजब की सजावट उससे बढ़ कर फैशन झाड़ती लड़कियां और उनके चिपके हुए बॉयफ्रेंड
माहौल ऐसा कि सब कुछ चकाचौंध कर देना वाला , तकरीबन ढाई साल हो गए थे मुझे इलाहाबाद में लेकिन मैने कोचिंग से रूम और रूम से सब्जी मंडी इससे बढ़ कर इलाहाबाद को देखा नहीं था ।
: मै जाऊ फिर
वो थोड़ी असहज दिखी और मुझे हा बोल दिया ।
: लेने आना पड़ेगा ?
: नहीं मै आ जाऊंगी ( उसने थोड़े परेशान लहजे में कहा )
मुझे मेरे कल के टेस्ट की तैयारी करनी थी तो मैने बुलेट घुमाया और वापस कैम्पस से निकलने लगा
रियर मिरर में एक बार मैने देखा तो वो वही खड़ी थी अकेली , न उसके कोई दोस्त आए न सहेली
मुझे कुछ अजीब लगा
मैने सड़क की भीड़ से रुक कर किनारे हुआ और कुछ लड़कियां मेरे पास से निकली उसी की चर्चा करते हुए उसकी ओर
" वो देख आ गई , हीही , ये पता नहीं यहां किसके लिए इतना तैयार होकर आई है "
" छोड़ न उसको , अच्छा तेरा आरुष आ रहा है न "
" हा , फोन किया था तो बोला सैलून में हूं बेबी "
" ओह गॉड, आज तू गई हाहाहाहाहा"
" यार लेकिन इसे साथ में ले जाए , वहां ये कबाब में हड्डी रहेगी "
" छोड़ न कुछ बहाना करके निकल जाएंगे चल "
बहुत अजीब सा लगा जब महसूस हुआ कि असल में वो अपने दोस्तों के कितनी अकेली है , आज असल में उसके दिल का अकेलापन मैने महसूस किया था ।
धिक्कार रहा था खुद कि आजतक उस साफ दिल को मैने कितने अशब्द कहे थे। वो तो अब एक अच्छा दोस्त ही तलाश रही थी मुझमें और मैने उसकी कदर नहीं की ।
मूड पूरा स्वैग में था और आंखे थोड़ी नम
वो लड़कियां उसके पास पहुंच गई थीं और बातें हो रही थी , साफ पता चल रहा था कि उसके मुस्कुराते चेहरे के पीछे कितना दर्द छिपा है ।
मैने बुलेट घुमाई और एक्सीलेटर घुमाता हुआ पहुंच गया उसके सामने एक बार फिर
वो चौक गई , इसकी उसे उम्मीद नहीं थी और शायद इसकी भी नहीं जो आगे मै कहने वाला था ।
: सॉरी बाबू लेट हो गया आओ चले
उसने आंखे बड़ी करी और मेरी ओर देखा , चार छ: आंखे और थी जो मुझे घूर रही थी ।
: कम हियर
वो मेरे पास आई और मैने उसे बैठने का इशारा किया और उसी स्वैग में बुलेट घुमा कर निकल गया
कैम्पस से बाहर आते ही उसने मेरा कंधा थपथपा
: क्या हुआ ( हस कर मैने कहा )
: ये सब क्या था ? ( उसकी आंखों में खुशी थी )
: वो लड़कियां तुम्हारा मजाक बना रही थी कि तुम्हारा कोई दोस्त नहीं है , मेरे दोस्त को कोई ऐसा कहेगा तो क्या होगा ( हवा में तेज आवाज में बोलता हुआ मै हंसा और वो खिलखिलाई और मेरे बाजुओं के नीचे से हाथ डाल कर मुझे पकड़ , सच में वो मुझे अपना bf समझती हो
: कहा चले ( बाई रियर मिरर में देख कर मैने उसे बोला )
: जहां तुम चाहो ( मेरी पीठ पर सर रखे हुए वो बोली )
मैं आगे बढ़ कर कुछ दूर जाने के बाद एक जगह देखी जो नए साल की चहल पहल से दूर थी , एक म्यूजियम
पार्किंग में गाड़ी पार्क कर हमने टिकट ली और अंदर चले गए ।
शांति थी वहा और हम दोनो वही एक जगह देख कर जहां थोड़ी धूप आती हो बैठ गए
कुछ देर की चुप्पी के बाद
: सच में तुम्हारा कोई दोस्त था ही नहीं ?
: नहीं , बस यही दोनों सहेलियां थी लेकिन ये भी कमिनी निकली , और तुम्हारा ( उसने बड़ी उम्मीद से कहा)
मै मुस्कुराने लगा और सामने सड़क के बगल में रखे गमले में खिले हुए फूलों को देख कर , मेरे सुकून को याद किया
: मै उससे एक शादी में मिला था , पहली नजर का प्यार कह लो । वो बहुत प्यारी है और सच कहूं तो मुझे समझती भी है और पता है ( मैने उसकी ओर देखा उसने अपने आंखों से आंसू छिपाने की कोशिश की और जबरन होठों पर मुस्कुराहट लाई )
: हमम्म कहो
मुझे उसका दर्द महसूस हुआ लेकिन मेरे समझ से शायद यही तरीका था कि वो मुझसे दूरी बनाए
: वो दूर से ही मेरी धड़कने सुन लेती है और फिर उन्हें कंट्रोल भी कर देती जब कभी मै परेशान होता हूं
: वाव, तुम बहुत लकी हो रोहन । एक वादा करोगे ? ( डबडबाई आंखों से उसने मुझे देखा )
: भले ही उससे कुछ गलती हो जाए तुम उसका साथ कभी मत छोड़ना
मेरी आँखें भी नम कर दी उसने और मै हस कर : ये भी कोई कहने की बात है
: तुम बहुत अच्छे लड़के हो रोहन , कोई भी लड़की तुम्हे पसंद कर लेगी लेकिन वो लड़की बहुत ही खास होगी जिसे तुमने पसंद किया है ( उसके रोते दिल का दर्द मै समझ रहा था और बेबसी से मुस्कुरा रहा था )
: पता है , उस पहली मुलाकात के बाद हम दुबारा नहीं मिले है आज एक महीना होने हो गए है
: ओह्ह्ह हाहाहा , आज वो रूठ भी गई थी कि उसे अकेले नया साल मनाना पड़ेगा । लेकिन पता है मुझे क्या महसूस होता है उसके करीब होने पर
: क्या ? ( बड़े गौर से वो मुझे सुन रही थी )
: यही कि उसमें कुछ बहुत गहरा सा अंदर छुपा है आकर्षण सा है , लोग खुद उसकी ओर खींचे आ जाते है
: हम्मम , ये तो बहुत अच्छी बात है ( उसने ताज्जुब होकर जवाब दिया )
: हा लेकिन कुछ डर सा लगता है
: कैसा डर ?
: कि दुनिया में और भी दूसरे होंगे जो उसकी ओर खींचे आयेंगे , मै उन्हें कैसे रोक पाऊंगा
: उसकी तुम फिक्र मत करो, लड़कियों को उनके सही गलत की पहचान हो जाती है ।
मै प्रिया की बातों को गहरे से समझने लगा और थोड़ी देर की चुप्पी के बाद
: चलो घर चलते है ( वो बोली )
एक गहरी सांस लेते हुए मैने अपने पैर टाइट किए
: हा चलो लेकिन एक बात याद रखना ( खड़े होकर )
: क्या ?
: अब ये मत कहना कि तुम्हारा कोई दोस्त नहीं है ।
वो शर्मा कर मुस्कुराने लगी
: और सॉरी ?
वो समझ गई थी कि मैने सॉरी क्यों कहा और उसने फीकी मुस्कुराहट से मुझे देखा और हौले से बोली : कोई बात नहीं , मै खुश हूं तुम्हारे लिए सच्ची ।
मै मुस्कुरा दिया और मै बाइक पर बैठ कर उसको लेकर चल दिया
: एक राउंड और चले कैम्पस हाहाहा( मै खिलखिला कर बोला )
: नहीं पागल घर चलो ( वो खुश थी )
मै गाड़ी लेकर रूम के लिए निकल गया ।
शाम हुई और अभी तक मेरी पढ़ाई चल रही थी और उसका फोन आया
फोन पर
: हाय जान
: हाय मेरी जान ( मैने खुश होकर )
: क्या कर रहें हो ( उसने कुछ हांफते हुए कहा )
: बस वही कल के टेस्ट की तैयारी में हूं
: अच्छा , पता है बाबू आज बहुत थक गई है । डांस करके पैर दर्द हो रहा है
: ओहो डांस , वैसे क्या क्या मस्ती हुई उम्मम
फिर तो जैसे उसमें कितना ऊर्जा आ गई
: अरे बाबू , पता है कालेज में इतना मजा आया हीही हम लोग खूब डांस किए और फिर सेलिब्रेशन हुआ , कोई गाना गा रहा था कोई कॉमेडी हाहाहा उसकी बातों से साफ था कि उसने कितना इंजॉय किया
: फिर पता है
: हम्ममम बताओ
: उसके बाद मै , मेरी सहेली रेखा और उसका बॉयफ्रेंड सूरज , सुमन और उसका बॉयफ्रेंड अरविंद और विशाल आया था , फिर हम लोग न विशाल के घर गए ।
: और विशाल की gf ? ( मैने कैजुअली अपने नोटबुक देखते हुए पूछा )
: अरे उसकी gf उसके भइया की सगी साली है हिहिहीही वो अपने घर है
: ओह अच्छा ,
: हा पता है एक बात बताऊं? ( खनक भरी हंसी से वो बोली )
: हा बोलो न ( उसकी खिलखिलाहट ने तो आने वाले कल की चिंता की दूर कर दी , अंदर से इतनी खुशी हो रही थी )
: अच्छा एक चीजी पूंछू हीही
: हा पूछो ( मुस्कुराते होठों से मै बोला )
कुछ देर चुप हो कर
: ये सेक्स क्या होता है ?
: क्या ??
: अरे बाबा सेक्स एस ई एक्स ... सेक्स
: अ वो ( थोड़ा उलझन भरे लहजे में ) क्यों पूछ रही हो ( एक अनजानी सी उमंग उठी मन में और चेहरे पर मुस्कुराहट )
: ओफ्फो बताओ न बाबा , अच्छा सुनो
: हा कहो ( उसकी चंचलता और कुछ नया जान लेने की चुलबुलाहट से पैदा हुई खिलखिलाहट से मै खुश हो रहा है , कितना हल्का सा महसूस हो रहा था मानो आस पास तिलतिलिया उड़ रही हो )
: पता है हीहीही, मेरा दोस्त है न विशाल हीही ... उसने बताया कि वो सेक्स कर चुका है हाहाहाहाहा
एकदम से मेरे चेहरे की रौनक उड़ गई , मन में उदासी सी छा गई , एक डर एक तीव्र पोजेसिव नेस की भावना और कुछ जो मेरे लिए बहुत कीमती है वो खोने का डर और धड़कने तेज हो गई ।
: हैलो ... सुन रहे हो , हैलो
: अह हा बोलो न
: आपने कुछ सुना नहीं न ( वो थोड़ा नाराज सी हुई )
: अरे नहीं बाबू , सुना मैने बोलो आप
: आपको पता है हीहीही ( फिर वो अपने रंग में आ गई ) आज विशाल ने अपने दोस्त सूरज और रेखा को रूम दिया था वो सब करने के लिए। रेखा के साथ सुमन भी थी तो सुमन और अरविंद एक रूम में , रेखा और सूरज अलग रूम में थे हाहाहाहा
: और आप ?
: मै ? मै और विशाल हम लोग छत पर बातें कर रहे थे तो उसने बताया कि वो भी कर चुका है
: ओह्ह्ह , ठीक है कौन सा बड़ी बात है , gf bf तो करते ही है ।
: क्या ? इसका मतलब आप भी करोगे मेरे साथ , शादी से पहले ही
एकदम से उसने गियर बदला और बिना कोई गलती के तलवार मेरी गर्दन पर
: अरे नहीं बाबू , अच्छा मान लो मैने कहा करने को तो आप मान जाओगे क्या ?
: धत्त नहीं , मै तो शादी के बाद भी नहीं करुंगी और अगर बच्चे हो गए तो सबको पता भी चल जाएगा कि हमने सेक्स किया था छीईईई मम्मीइ, फिर मै मम्मी के सामने कैसे आऊंगी नहीं बाबा नहीं
उसकी बचकानी बातों से हंसी आई
: अरे लेकिन शादी के बाद तो सब करते है न ?
: नहीं मै नहीं करुंगी , अगर मंजूर हो आपको तभी मुझसे शादी करना
: ठीक है बाबा नहीं करूंगा ,
: हीहीही आप कितने प्यारे हो , मेरी सब बाते ऐसे ही माना करो
: जी रानी साहिबा , और कोई हुक्म
: हा रानी साहिबा को उनके बाबू का प्यार चाहिए दोनों चिक्स पर उम्मम कम से कम 50 50 चुम्मी और फॉरहेड पर भी खूब सारा
: और लिप्सी पर ?
: हा वहा भी , हीहीहीहि ( वो थोड़ा शर्मा कर बोली )
फिर मैने चुम्मीयो की बारिश कर दी फोन पर ही और वो खिलखिलाती रही ।।
जारी रहेगी
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