Updated:-40 (B)
"मैं भी कुछ नहीं भूल पा रहा रे। इस देश का टॉप वकील अपने बेटे और पत्नी को इंसाफ नहीं दिला सका.. कुछ नहीं भुला मै। नहीं भुला की कैसे उस आश्रम को आग लगा दिया गया… 120 बच्चे जिंदा जला दिए गए… मेरी पत्नी जलकर मर गई… तुम्हारी मां जलकर मर गई… नन्हा सा था तो मेरा बेटा.. कितनी प्यारी मुस्कान थी… तोतली बोली उसके कानों में अब भी गूंजती है मेरे … सुन.. तू सुन ना।"… सिन्हा जी भावनाओ में बहते चले गए…
अपस्यु:- आप यहां आराम से बैठ जाओ सर। एक पेग मुझे भी दो। यार खुद तो इमोशनल होते ही हो मुझे भी इमोशनल कर देते हो। आज मै भी कुछ नए और कुछ पुराने गम में पीना चाहता हूं।
सिन्हा:- तू मेरा सच्चा साथी है.. लेे पी…
अपस्यु, एक पेग पूरा पीते हुए… "कुछ ना हुआ मुझे और पिलाओ"… जबतक आरव लौट कर आया तब तक अपस्यु भी गले तक पी चुका था.. दोनों बहुत ही मशरूफ थे बात करने में।
सिन्हा:- अच्छा सुन सहायता करने का वक़्त अा गया है… मैंने जो मदद के बदले मदद कि बात की थी ना..
अपस्यु:- हां कहिए ना सर…
सिन्हा:- तेरे चिल्ड्रंस केयर गया था कुछ दिन पहले। मुझे ना वहां से एक को गोद लेना है… सुन सुन सुन .. प्लीज तू मुझे मना मत करना .. लेे तेरे पाऊं परता हूं…
अपस्यु:- बस, बस .. आप टल्ली हो गए हो, कल बात करते हैं।
सिन्हा:- ना, मै नहीं टल्ली हुआ हूं… तू कल से मिलेगा नहीं.. प्लीज देख हां कर दे।
अपस्यु:- मुझे सोचने दो इस बारे में..
सिन्हा:- बेवड़ा कहीं का, पूरी बॉटल गटक गया फिर भी सोचेगा मेरी बात पर।
"यूं समझिए अपना एक हिस्सा देने का वादा कर रहा हूं अभी… प्लीज मेरा भरोसा मत तोड़ना। .. कल अाकर वैभव को के जाइएगा।"…
सिन्हा:- आए शातिर … मतलब तुझे सब पता है हां..
अपस्यु:- वो बिना बाप के बच्चे नहीं है सर … जिम्मेदारी उठाई है तो ख्याल रखना पड़ता है वरना अनाथालय के नाम पर कई फोटो खिंचवाने वाले और बच्चे गोद लेकर पब्लिसिटी बटोरने वाले मिल जाते है।
सिन्हा जी खुशी से अपस्यु के गाल चूम रहे थे, इतने में कॉन्फ्रेंस हॉल में ऐमी भी पहुंच गई… "आज फिर दोनों टल्ली है।"
आरव:- छोड़ दो दोनों को.. कुछ देर आपस में गम बाटेंगे। कभी-कभी तो दोनों की भावनाएं जागती है।
ऐमी:- हां तो मैंने कब माना किया है। अब ये दोनों पूरा सहर घूमेंगे… एक मैटर फसाएगा तो दूसरा सलटाएगा।
आरव:- हाहाहा… पार्टी ड्रेस कहीं निकल रही थी क्या…
ऐमी:- हां यार दोस्तों के साथ पब जा रही थी।
आरव:- दोस्त या बॉयफ्रेंड..
ऐमी:- आरव एक बात बता, 15 मिनट तू गाली नहीं खाता तो तेरे पीछे कीड़े काटने लगते है क्या?
आरव:- बदतमीज लड़की..
ऐमी:- बेहूदा लड़का..
आरव:- मेरे दिमाग में एक आइडिया आया है।
ऐमी:- बोलिए सर..
आरव:- ऐसे रिएक्ट क्यों कर रही हो, सुन तो लो पहले…
ऐमी:- सुनना क्या है तू फिर बकवास करेगा…
आरव:- मै क्या बोल रहा था तू पब जा ही रही है.. इन्हे भी साथ लेती चली जा..
ऐमी, प्रतिक्रिया में चिल्लाती हुई कहने लगी…. "नो वे"
"ऐ दोनों चिल्ला क्यों रहे हो। पूरा मैटर बताओ।"…. सिन्हा जी दोनों को अपने पास बुलाते, जवाब तलब करने लगे….
ऐमी धीरे-धीरे आगे भी बढ़ रही थी और आरव से विनती भी करते जा रही थी…. "प्लीज नो.. मत बताना आरव"..
ऐमी:- कुछ नहीं डैड, मै तो बस एेवे ही…
अपस्यु:- बापू.. लगता है कहीं जा रही थी। तैयार होकर अाई है…
(आरव, ऐमी के कानों के पास धीरे से बोला… लेे बज गई तेरी बैंड)
सिन्हा जी:- मेरा राजा बेटा कहीं पार्टी करने जा रही है.. चल हम भी चलते है। थोड़ी देर खुली हवा में हमदोनों भी घूमेंगे…
अपस्यु:- बापू इसके शक्ल पर लिखा है ये हम दोनों को नहीं के जाने वाली।
सिन्हा जी और अपस्यु दोनों साथ में जोड़-जोड़ से हसने लगे और अपस्यु बोला… "ठीक है यूं गो.. हम दोनों यहां है… क्यों बापू"…. "हां रे अपस्यु सही कहा"… फिर से दोनों हसने लगे…
ऐमी गुस्से में दोनों को देखती हुई…. "आरव तूने मुझे कॉल लगा कर यहां क्यों बुलाया।"
आरव, अपस्यु के ओर इशारा करते हुए… "इसने मुझे कहा था कॉल लगने"..
ऐमी:- अब सर को तो मै कुछ कह भी नहीं सकती … वरना अभी कहने लगेंगे.. तुम्हे अपने पापा को घर ले जाने के लिए कॉल लगवाया था… क्यों सर यहीं बात है ना…
अपस्यु:- बापू ये बौत समझदार हो गई है, मै कह रहा हूं ये आप की तरह ही वकील बनेगी…
सिन्हा जी:- ना रे … मेरा बेटा मैजिशियन बनेगी …
ऐमी:- हद है.. डैड मैजिशियन नहीं म्यूजिशियन।
सिन्हा जी:- जाओ घूमो तुम लोग .. हम कहीं नहीं जा रहे .. यहीं है।
फिर से दोनों के जोड़-जोड़ से हंसने की आवाज़। … "भाई प्लीज़ मुझे इस सिचुएशन से निकाल दे, प्लीज।"… ऐमी आरव से विनती करती…
आरव:- कोई फायदा नहीं। या तो प्लान कैंसल करके घर चली जाओ या फिर जहां जा रही थी वहां चली जाओ। अब थोड़े ना कुछ हो सकता है।
ऐमी:- मैं ही बेवकूफ थी जो तुम्हारे बातों में अा गई। मुझे समझ जाना चाहिए था कि अपस्यु भी बैठक लगा ही चुका होगा। मेरी शाम खराब कर दी तुमने आरव।
आरव:- वाह, मतलब पिए ये दोनों बिल मेरे नाम पर फाड़ रही हो…
ऐमी:- हुंह ! तुमने ही भरोसा दिलाया था ना आज अपस्यु नहीं पायेगा.. आओ और अपने पापा को यहां से अभी लेे जाना। इससे ती अच्छा होता ड्राइवर और गार्ड के साथ ही चले आते।
आरव:- अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत।
एमी:- हां ये भी सही है। चल चलते है।
आरव:- मैं नहीं जाता तेरे साथ। तेरी पार्टी है तू जान।
ऐमी, आरव का हाथ पकड़ कर खींचती हुई बाहर लेे जाते हुए… "मुझे फसा कर मज़े करेगा.. नोट पॉसिबल।"
आरव:- ना ना हाथ छोड़ मेरा, एक तो तेरा खरनाक ग्रुप ऊपर से दो खूंखार लोग और पीछे से पहुंचेंगे … मेरी चटनी हो जाएगी इनके बीच।
ऐमी:- तू ऐसे नहीं सुनेगा… गार्ड इस छछूंदर को उठा कर मेरे गाड़ी में डालो…
ऐमी पहले से अपनी कर स्टार्ट कर चुकी थी… 4 गार्ड ने मिलकर उसे कार में जाकर छोड़ आए और ऐमी वहां से सीधा पब निकल गई।
लगभग 15 मिनट बाद… "सुन छोटे चल जरा हमलोग भी घूम कर आए… हम भी थोड़ा पार्टी करेंगे। वो लोग क्या सोचते है मेरी उम्र हो गई है।"
अपस्यु:- क्या बात कर रहे हो, अभी तो आप पूरे जवान हो। चलो बापू हम भी पार्टी करे। उन्हें भी अपना जलवा दिखा ही देते हैं। वैसे भी यहां की दारू मुझे चढ़ी ना है.. चलो उधर ही चलकर मूड बनाएंगे।
दोनों लड़खड़ाते खड़े हुए… "सुन छोटे कीटी सु गए है दोनों।"… "बापू इतने बड़े वकील हो, फिर भी गलती। हमे देख कर जगह बदल दी होगी ऐमी ने, याद नहीं लास्ट टाइम क्या हुआ था"…
सिन्हा जी:- हां सही कहा, रुक जीपीएस चेक करने दे… सही कहा कार रेडिशन के पास खड़ी है। चल हम भी चलतें हैं।"..
अपस्यु और सिन्हा जी दोनों बाहर निकले उसके पीछे-पीछे सभी गार्ड और ड्राइवर भी बाहर आए।… "तुम लोग घर चले जाओ.. मैं छोटे के साथ जा रहा हूं।"… तभी उनमें से एक गार्ड… "लेकिन सर" बोला। सिन्हा जी उसे माना करते हुए अपस्यु के साथ निकल गए।
कुछ ही देर में पब के पास थे और जैसे ही पब के गेट पर पहुंचे वहां का बाउंसर दोनों को दरवाजे पर ही रोक लिया… "आप लोग अंदर नहीं जा सकते"
सिन्हा जी:- बैनचो मुझे मना कर रहा है।
अपस्यु:- बापू शांत बेचारा रूल फॉलो कर रहा है।
सिन्हा जी:- इनके रूल की मां का भो… शुस शूस शु्स.. नो अब्यूज..
तभी वो बाउंसर आगे आया और सिन्हा जी के कॉलर पकड़ने के लिए हाथ आगे ही बढ़ाया था कि अपस्यु उसके हाथ को पकड़कर… "आराम से खड़े हो जाओ पीछे। बापू के कॉलर को हाथ लगाना मतलब हमारी इज्जत पर हाथ डालना… 10000 की ड्यूटी के लिए लंबा फस जाओगे। जाओ अपने मैनेजर को बुला लाओ।"…
"अबे छोड़ इनके मैनेजर को .. बैनचो मालिक को ही इधर बुलाते है। चल बैठ छोटे यहीं पर"… दोनों वहीं सड़क के पर नीचे बैठ गए और नीचे बैठ कर सिन्हा जी ने पब के मालिक को फोन लगा दिया…
2 मिनट में ही वहां पर पब के मालिक की कार लग चुकी थी। सिन्हा जी के बुलाने पर वो खुद अा गए और वो बाउंसर पास खड़ा सिर झुकाए और हाथ जोड़े खड़ा था।
सिन्हा जी उस बाउंसर को एक थप्पड खींच कर मारते हुए …. "मैं तुझ से बड़ा हूं और बड़ों की इज्जत करना सीख। छोटे इसकी ड्यूटी मुझे पसंद आयी, लड़का मन लगा कर यहां काम कर रहा है… टिप देकर अंदर अा"…
अपस्यु उसे 10000 का टिप देते हुए… "तुमसे बहुत बड़े हैं यार थप्पड का फील मत करना… बापू को तुम पसंद आए। ये लो रखो"… अपस्यु उसे 10000 देकर अंदर चला आया।
अंदर आते ही वो सीधा पहुंचा सिन्हा जी के पास बार काउंटर पर… "और बापू ऑर्डर कर दिया"…. "हां छोटे तेरे लिए वो तेरी पसंदीदा कॉकटेल ऑर्डर कर दिया हूं। सुन छोटे वो साला लड़का कौन है जो ऐमी के साथ नाच रहा है।"…… दोस्त होगा बापू छोड़ो ना।"….… "ना ऐसे नहीं तू जा उसे एक थप्पड मार कर अा।"……. "आप को चढ़ गई है बापू, वो अपने दोस्तों के साथ आया है यार … बेचारे को बेइज्जती फील होगी"…. "तूने उसे थप्पड नहीं मारा मुझे फील हुआ और ये बैनचो गाना कौन सा बज रहा है। जा ये गाना बदलवा कर अा।"
इधर आरव जो ऐमी की फ्रेंड के साथ नाच रहा था… "जे छोड़ा मुझे छोड़ कर यहां नाच रहा है, इसे तो मै अभी बताता हूं।" अपस्यु, आरव की कुछ फोटो चुपके से खींचने लगा, और साथ ही साथ लावणी के मोबाइल पर भी ट्रांसफर करता जा रहा था"…. तभी उसे कुछ ऐसा दिखा जो नहीं दिखना चाहिए था। उसने एक बार सिन्हा जी के ओर देखा… वो सामने बार काउंटर पर ऑर्डर से रहे थे….
"सुनो बापू, तुम्हे थप्पड देखना था ना।"…. "हां छोटे अभी देखनी है मुझे।"…… अभी दिखता हूं।"…... "ये हुई ना बात, अच्छा छोटे एक्शन से पहले जरा वो गाना बाजवा देना।….. "कौन सा गाना बापू"… "अरे वही जो कुछ दिन पहले तक ट्रेंड कर रहा था… तमंचे पे डिस्को"
अपस्यु ने एक बौंसर को पकड़ कर कुछ पैसे दिए और म्यूजिक बदलने के लिए बोल दिया। ऐमी के पास आकर उसका हाथ पकड़ा और उसे किनारे करते हुए, उसके जो सामने लड़का खड़ा था उसके सामने अपस्यु खड़ा हो गया। अपस्यु के हाव भाव देख कर वो समझ चुकी थी अब क्या होने वाला है…
ऐमी:- अपस्यु नहीं प्लीज, इग्नोर करो… वो नशे में है।
अपस्यु उसे आंख दिखाते…. "तुम नशे में तो नहीं थी ना ऐमी। कितनी बार तुम्हे एक ही बात समझता रहूंगा मै।
ऐमी:- अपस्यु प्लीज जाने भी दो।
अपस्यु:- जस्ट कीप क्वाइट ।
वो लड़का अब भी सर को घुमा-घुमा कर मदहोशी में नाच रहा था। अपस्यु अपनी बात कहकर वहीं सामने खड़ा रहा और उस लड़के को देख रहा था… वो लड़का , एक हाथ अपस्यु के कमर में डाला और दूसरा हाथ सीने के बाएं भाग में । अपस्यु फिर एक बार ऐमी को घुरा … जबतक वो लड़का बोलने लगा… "कुछ फील ना हो रहा बेबी।"
अपस्यु का गुस्से में खींच कर मारा गया एक तमाचा और उसके सिर को पकड़कर अपने घुटने पर दे मारा… उसके नाक से खून निकलने लगा। ये नजारा देखकर सिन्हा जी ग्लास टोस्ट करते हुए चिल्लाकर शाबाश कहे….
फिर तो जो ड्रामा वहां का शुरू हुआ, अपस्यु के सामने उसके 3-4 दोस्त आए और सभी को वो मारता चला गया। ग्लास कांच और अन्य सामान टूट रहे थे और सिन्हा जी ग्लास बढ़ा-बढ़ा कर एन्जॉय कर रहे थे। आरव किसी तरह अपस्यु को के जाकर बार काउंटर पर बिठाया। इधर बाउंसर ने जगह को जल्दी से साफ किया और उन मार खाए लड़कों को वहां से बाहर का रास्ता दिखा दिया।
अपस्यु फिर से बार काउंटर पर बैठ कर अपनी पसंदीदा कॉकटेल के पेग पर पेग चढ़ाए जा रहा था। 10 पेग वो चढ़ा चुका था और एक पेग सामने रखी थी….
सुबह-सुबह का वक़्त…. अपस्यु सिर पर अपना हाथ रखे उठ कर बैठा। "ओह बहुत ज्यादा हो गई रात को।"…. "इसे पी लीजिए थोड़ा आराम मिलेगा"… अपस्यु थैंक्स बोलकर ग्लास हाथ में ले लिया। केवल और केवल नींबू निचोड़ा हुआ जूस था वो। एक सिप में ही दिमाग फ्रेश हो गया। डकार आने शुरू हो गए। साथ ने आंख भी थोड़ी खुली… हैरानी से चारो ओर वो देखने लगा और कुछ ही दूर बिस्तर के आगे केवल टॉवेल में साची खड़ी थी और नीचे बिस्तर पर उसके कपड़े फैले पड़े थे…..