सबके जाने के बाद नैना और अनुराग अकेले रह गए।
नैना ने अनुराग से पुछा - आप खुश तो हैं न?
अनुराग - सच कहूं थोड़ा अजीब तो लग रहा है पर बहुत खुश हूँ। तुम बताओ तुम्हे कैसा लग रहा है एक बूढ़े से इंगेज्ड होकर ?
नैना ने मुँह बनाते हुए कहा - बूढ़ा किसको कहा ? मेरे साजन तो जवानो से भी ज्यादा स्ट्रेंथ रखते हैं। एक साथ घर की तीन तीन औरतों को चोद कर उनकी हालत ख़राब कर सकते हैं। अब मैंने जवानी में कदम रखते ही जो सपना देखा था वो पूरा हो रहा है , मेरी ख़ुशी की तो लिमिट ही नहीं है।
ये कहकर नैना ने अनुराग के गालों को चूम लिया।
अनुराग - बस गालों पर ?
नैना ने फिर अनुराग के माथे को चूमा और उसके बाद उसके होठों से लग गई। दोनों एक दुसरे को बेतहासा चूमने लगे। सिर्फ होटों से होठ नहीं मिल रहे थे बल्कि दोनों की जीभ एक दुसरे के मुँह के अंदर के रास का भी स्वाद ले रहे थे। दोनों की सांस जब फूलने लगी तो अलग हुए।
अनुराग - आज क्या हो गया है , बहुत वाइल्ड हो ?
नैना - वाइल्ड तो तभी से हूँ जब से आपको मामी के कमर के निचे चूमते देखा था। उस दिन समझ नहीं आया था पर अंदर एक जानवर जाग गया था।
अनुराग - तुम्हे सुलेखा की बहुत याद आती है न ? एक बात बताओ तुम मुझसे ज्यादा प्यार करती हो या सुलेखा से ?
नैना - ये कैसा सवाल है ? मामी तो अब दुनिया में नहीं ह।
अनुराग - फिर भी , बताओ न ?
नैना - दोनों से। पर ये सच है की प्यार की एबीसीडी उन्होंने ही पढाई थी।
अनुराग हँसते हुए - हाँ , बात तो सही है। बचपन से तुम उसकी दुलारी थी। तुम तो अविनाश के दूध बंद करने के बाद भी उसके स्तनों से लगी रहती थी।
नैना ने आहें भरी और कहा - सच में कितने भरे हुए और कोमल स्तन थे। कहती थी आपके बाद सबसे ज्यादा उनका दूध मैंने ही पिया है। पहली बार पीरियड आने के बाद से लेकर स्तन के विकसीत होने के दौरान सब उन्होंने ही सिखाया। कैसे अपने शरीर से खुद को खुश किया जाए। कैसे दुसरे को खुश किया जाए।
अनुराग - और फिर उससे सीख कर तुम सबको सिखाती थी।
नैना - पर सीखने की शुरुआत उस दिन ही हुई थी जब आके कमरे में अचानक घुसी थी। वो काम की देवी खड़ी हुई थी और आप निचे बैठे उनके चूत को चाट रहे थे। दरवाजा खुलते ही आप चौंक गए थे। घबरा कर खड़े हो गए थे तभी आपका बड़ा सा लंड नजरों के सामने आया था और मैं उसकी दीवानी हो गई थी।
अनुराग - उसने तुम्हे देखा फिर मेरे कंधो पर हाथ रख कर मुझे फिर से बिठा दिया। मेरे सर को अपने चूत से लगाकर बोली थी रुओ मत चाटो।
उसके बाद तुम अंदर आई थी और उसने इशारे से तुम्हे कपडे उतारने को कहा था।
नैना - और मुझे नंगा देखते ही आप इतने एक्ससाइटेड ह गए की मामी को बिस्तर पर पटक कर ताबड़तोड़ चुदाई शुरू कर दी थी।
अनुराग थोड़ा शर्माते हुए बोला - अब एक नंगी कुंवाई लड़की बैठी हो तो आदमी क्या ही करे।
नैना - पर आपको मानना पड़ेगा आपने मुझे हाथ नहीं लगाया था।
अनुराग - अब उस समय हाथ नहीं लगाया और अब तुम हाथ नहीं लगाने दे रही हो।
नैना - रोका कहाँ है आपको।
अनुराग ने नैना को अपने बाहों में वापस से भर लिया। दोनों एक दुसरे से चिपक गए। नैना कुछ पलों में अनुराग के गोद में थी। उसने पिंक कलर का सलवार और कुर्ता पहना हुआ था जिसका दुपट्टा बहुत पहले ही उसके बदन से उतर चूका था। नैना अनुराग के चेहरे की तरफ मुँह करके बैठी थी और दोनों एक दुसरे को फिर से चूमने लगे थे। अनुराग का हाथ अब नैना के कुर्ते को उतारने की कोशिश कर रहा था जिसमे वो सफल नहीं हो पा रहा था। कुछ देर अनुराग को परेशान करने के बाद नैना ने आखिर खुद ही से कुरता उतार दिया। अब अनुराग उसके ब्रा के ऊपर से ही स्तनों को मसलने लगा। दोनों पूरी मस्ती में आ गए थे। अनुराग का लंड निचे से नैना के गांड में चुभ रहा था। दोनों कभी एक दुसरे को चूमते कभी चाटते, दोनों के चेहरे एक दुसरे के थूक से सने हुए थे। कुछ ही पलों में नैना के बदन से ब्रा भी उतर चूका था और अनुराग सीधे सीधे उसके स्तनों को दबा रहा था। नैना के स्तन घर की और औरतों की तरह भरा हुआ नहीं था पर सुडौल और कैसा हुआ था ।
अनुराग को उसे दबाने में अलग ही तरह का आनंद आने लगा था।
नैना - आह , थोड़ा धीरे दबाइये , आराम से।
नैना को अनुराग का लंड निचे से चुभने लगा था। लग रहा था जैसे वो उसके सलवार को फाड़ कर इसके चूत में घुस जाएगा। नैना अब उसके साथ खेलना चाह रही थी। कुछ देर तक तो नैना ने अनुराग को अपने स्तनों से खेलने दिया फिर वो उठ खड़ी हुई। उसने कहा अब मेरी बारी।
वो अनुराग के पैरों के पास बैठ गई। उसने अनुराग के पैजामे को खोल दिया और उसके फनफनाते हुए लंड को बाहर निकाल लिया। अनुराग का लंड एकदम टनटना उठा था और नब्बे डिग्री पर खड़ा हो रखा था। नैना ने पहले तो उसे प्यार से सहलाया फिर उसको धीरे से उसके सुपाडे को चूम कर बोली - जवानी चढ़ते ही दीवाना बना लिया था इसने।
अनुराग - फिर देर किस बात की है उसे प्यार करो।
नैना ने एक बार फिर से उसे चूमा और फिर उठ कर किचन की तरफ चल पड़ी। उसने फ्रिज से आज की पार्टी के लिए आये एक आइसक्रीम के ब्रिक को उठा कर प्लेट में ले लिया और वापस अनुराग की तरफ चल पड़ी। उसने टेबल पर आइसक्रीम की प्लेट राखी और उसे फिर अपने बदन पर से सलवार को भी उतार दिया। अब वो सिर्फ एक पैंटी में खड़ी थी।
अनुराग - वो भी उतार दो ना।
नैना उसके पैरों के बीच बैठती हुई बोली - फिल्म का क्लाइमेक्स शुरू में देख लेने से फिल्म का मजा नहीं आता है।
उसने फिर आइसक्रीम की प्लेट में से आइसक्रीम के गल चुके हुए पानी को लिया और अनुराग के लंड के ठीक ऊपर से गिराने लगी। ठंढी आइसक्रीम से अनुराग का लंड झटके लेने लगा। पर तभी नैना ने उसके पेट और लंड पर गिरते आइसक्रीम के पानी को चाटना शुरू कर दिया।
नैना ने पूरी सिद्दत से पूरी आइसक्रीम छाती फिर प्लेट में बची आइसक्रीम को हाथों में लेकर उसके लंड पर लपेट दिया और बोली - अब मैं आइसक्रीम कोन खाउंगी। उसने फिर बड़े मजे से उसका लंड चूसना शुरू कर दिया। अनुराग तो आनंद के सागर में गोते लगा रहा था। उसकी आँखें बंद हो गईं थीं और उसने सर पीछे हेडरेस्ट पर रख लिया था। उसके दोनों हाथ नैना के बालों को सहला रहे थे। कुछ देर की चुसाई के बाद अब अनुराग से बर्दास्त नहीं हुआ। उसने नैना के सर को जोर से पकड़ लिया। नैना समझ गई कि अब क्या होगा। उसने हाथ से अनुराग को रोका और उसके लंड पर बचा हुआ आइसक्रीम गिरा कर मुँह में लंड घुसा लिया।
अनुराग समझ गया कि अब नैना कि भी सहमति है। उसने अपने हाथो से नैना के सर को तेजी से इस तरह से हिलाना शुरू कर दिया जैसे कि उसे चोद रहा हो। चुसाई पहले से ही हो राखी थी तो ये दमदार खेल कुछ पलों का ही था। कुछ ही देर में अनुराग का लंड नैना के गले तक कि सैर कर रहा था। नैना ने अपने हाथों से अनुराग के जांघों को पकड़ रखा था।
नैना - गुं गु , चोदो, तेएएएजजज ज । गुं गुं
कुछ ही देर में अनुराग के लंड ने अपना माल उसके गले में उतार दिया। माल निकलते ही अनुराग बेहाल हो गया। उसकी पकड़ नैना के सर से कमजोर हो गई। नैना ने अपना सर उठा लिया और आइसक्रीम मिश्रित वीर्य को घोंटते हुए बोली - आपने तो मेरी जान ही निकाल देनी थी।
अनुराग - मूड तो तुम्हारा ही था।
नैना चटकारे लेते हुए बोली - हाँ आपको ऐसा करते हुए देखा तो मूड बहुत था। पर ए इतना खतरनाक होगा सोचा नहीं था।
अनुराग - अब आदत डाल लो।
नैना - हम्म्म्म
नैना वहीँ निचे टाँगे पसारे बैठी थी और अनुराग ऊपर से उसे देख रहा था। नैना कि पैंटी भींग चुकी थी। उसकी चूत ने भी रस छोड़ दिया था। अनुराग ने उसकी तरफ देखा फिर उसकी नजर टेबल पर गई। पिछली हुई आइसक्रीम प्लेट में फ़ैल चुकी थी। अनुराग ने उस प्लेट को उठाया और नैना के गर्दन से गिराने लगा। पिघला हुआ क्रीम उसके गर्दन से आगे को होता हुआ गिरने लगा। एक धार उसके चूचियों के बीच से इक्कठा होकर गिरने लगी। अनुराग ने फिर प्लेट से गिरती आइसक्रीम कि धार उसके दोनों चूचियों पर गिराना शुरू कर दिया। नैना अब वहीँ सामने टेबल पर लेट गई। अनुराग अब सोफे से उतर कर टेबल के साइड पर घुटनो के बल बैठ गया। फिर उसने नैना के बदन पर गिरे हुए क्रीम को चाटना शुरू कर दिया। नैना उसके जीभ के स्पर्श से सिहर उठी। उसका हाथ अनुराग के सर पर था।
नैना - िस्स्सस्स्स्स , आअह, आराम से। प्लीज चाट जाओ।
अनुराग उसके मुम्मे पर लगे क्रीम को चाटने लगा। फिर उसने अपना मुँह उसके नाभि कि तरफ कर लिया और उसे चाटने लगा। नैना अब एक मछली कि तरह तड़प रही थी और अनुराग उसके सारे बदन को चाट रहा था। नैना कुछ ही देर में अपने चरम पर पहुँच गई । उसका बदन कांपने लगा था। नैना कि चूत ने एक बार फिर से पानी छोड़ दिया था। पीना चुदे ही वो झाड़ गई थी। अभी तक अनुराग ने उसके चूत पर हाथ भी नहीं लगाया था। नैना का हाथ अपने स्तनों पर था। वो अपने निप्पल खुद से निचोड़ रही थी। तभी अनुराग को एक ख्याल आया। उसे याद आया खाने के लिए गुलाब जामुन और रसगुल्ला भी था। उसने डाइनिंग टेबल पर देखा तो एक बाउल में दोनों रखे हुए थे। अनुराग ने वो बाउल उठा लिया और वापस नैना के पास बैठ गया। उसने एक गुलाब जामुन उठाया और नैना कि तरफ बढ़ा दिया। नैना ने उसे आधा ही खाया। उस आधे गुलाब जामुन को अनुराग ने उसके एक निप्पल पर रख दिया। नैना सिहर उठी। अनुराग ने दुसरा गुलाब जामुन उठाया और खुद आधा खाया और बचा हुआ दुसरे निप्पल पर रख दिया। गुलाब से रिस्ता हुआ रास नैना के मुम्मो को भिगो रहा था जिसे अनुराग ने चाटना शुरू कर दिया। उसके दोनों मुम्मे चारो तरफ से चाटने के बाद अनुराग ने एक मुम्मे पर टिका हुआ रसगुल्ला मुँह में भर लिया। नैना का निप्पल और काफी हिस्सा मुम्मो का अनुराग के मुँह में था।
नैना - उफ्फ्फफ्फ्फ़ , जान निकालेंगे क्या ? माआआआ
अनुराग ने फिर उसके मुम्मो को बुरी तरह से चूसना और निचोड़ना शुरू कर दिया।
नैना - माआए। मेरिइइइइइ जाएआआ न न न गई।
अनुराग ने वैसे ही फिर उसके दुसरे मुम्मे के साथ किया।
नैना - काट के खा जाओगे क्या। उफ्फ्फ्फ़ आग लगा दिया है आपने। मायआआए
अनुराग ने अब कटोरे से एक रसगुल्ला निकाला और उसे नैना को खिलाने लगा। नैना ने कुछ हिस्सा खाया और कुछ मुँह में पकडे रही। अनुराग ने झुक कर उसके मुँह से बचा हुआ हिस्सा खाना शुरू कर दिया। रसगुल्ले के कुछ टुकड़े आस पासगिर रहे थे पर दोनों इस बात से बेखबर थे। अनुराग उसके चेहरे पर पेज रास को चाट रहा था। लग रहा था जैसे एक कुत्ता बोटी खा रहा हो।
नैना अपने पैर एक दुसरे से रगड़ रही थी। उसकी चूत कुलबुला रही थी। उसे लगा वो अपना व्रत भूल कर आज अनुराग से चुदवा ही लेगी। आज नैना और अनुराग अकेले थे और एक दुसरे को भोगने के मूड में थे। पर दोनों को लिमिट पता थी।
तभी अनुराग उसके चेहरे से खुद को अलग करते हुए बोला - मजा आ रहा है ?
नैना - बहुउत, पुछो मत। पता नहीं कितनी बार चूत से रास निकल चूका है। आज पता चला मामी क्यों कहती थी कि तेरा मामा बिना चोदे ही खुश रखने कि काबिलियत रखता है। उनके चेहरे कि चमक का राज आज पता चला मुझे।
अनुराग ने एक रसगुल्ला उठाया और उसकी चूत कि तरफ देखते हुए कहा - अभी कहाँ। अभी तो एक खेल बाकी है। अगर इजाजत हो तो
नैना सिसकते हुए - बस लंड और चूत का मिलान सुहागरात को होना चाहिए। बाकी सब कि इजाजत कि जरूरत नहीं है।
अनुराग ने रसगुल्ले को उसके चूत पर पेंटी के ऊपर से ही निचोड़ते हुए कहा - फिर तो एक छेड़ मिल सकता है ?
नैना खिलखिलाते हुए - ही ही ही , मेरा मतलब चूत और गांड दोनों शादी के बाद लंड को मिलेगी। छोटे को अभी और इंतजार करना पड़ेगा।
अनुराग ने झुक कर उसकी पैंटी के ऊपर से उसकी चूत को चूम लिया और बोला - ठीक है।
नैना ने उसका सर पकड़ कर अपने चूत से लगाते हुए कहा - अब बातें बंद करो , काम चालू करो। घर वाले आते ही होंगे। ऐसे देख लिया तो आपको तीन और चुतों कि सेवा करनी पड़ेगी।
अनुराग ने जवाब नहीं दिया बल्कि उसके चूत को चाटने लगा।
नैना - उफ्फ्फ , कितनी गरमी है , चाट कर शांत करो। प्लीज खा जाओ मेरी चूत को। शांत कर दो अंदर कि आआआग ।
अनुराग ने कुछ देर उसके नमकीन चूत के रास का मिश्रण मुइथाइ के रास के साथ कपड़ो के ऊपर से ही लिया फिर उसकी पैंटी कि इलास्टिक पकड़ कर उसे उतारने लगा। नैना ने कमर उठा कर उतारने में मदद कि। उसके लाल लाल चूत के ऊपर से उसका छोटा सा क्लीट उत्तेजना से तना हुआ था। अनुराग ने निचोड़े हुए रसगुल्ले को चूत पर रखा और थोड़ा अंदर करके टिका दिय। उसके बाद फिर रसगुल्ले के छोटे छोटे बाइट काटने लगा। साथ में वो उसके चूत के और जांघों के आस पास के हिस्से को भी चाट रहा था। नैना ने उसके बाल जोर से पकड़ रखे थे।
नैना - माआ , उफ्फ्फ्फ़ क्या करते हो। खा जाओ मेरी चूत क। इतनी रसभरी चूत नहीं मिलेगी। िस्स्सस्स मायआ
अनुराग ने फिर रसगुल्ले के बचे हुए हिस्से को जो चूत में फंसा था ऊँगली से निकाल लिया और नैना कि तरफ बढ़ा दिया।
नैना ने उसकी उनलगी में फंसे रसगुल्ले के टुकड़े को अपने मुँह में ऊँगली सहित ले लिया। अपने चूत और रसगुल्ले के मीठे रास से साणे ऊँगली को चूसने में बहुत मजा आ रहा था।
अनुराग उसके चूत को चाट रहा था। तभी नैना ने ऊँगली छोड़ दिया और बोली - मुझे भी चाहिए। रसगुल्ला न सही लोल्लिपोप ही दे दो।
अब अनुराग उसके मुँह कि तरफ पैरों को कर लेता है और उसके ऊपर झुक जाता है। दोनों वहीँ सिक्सटी नाइनके पोजीशन में हो जाते हैं। नैना कि चूत तो कई बार झाड़ चुकी थी। पर अनुराग का लंड दूसरी बार के लिए तैयार हुआ था। टेबल इस कार्यक्रम के लिए छोटा पड़ रहा था।अनुराग उठ गया और नैना को अपने ऊपर लेते हुए जमीन पर उसी मुद्रा में हो गया। नैना उसके लंड को चूस रही थी और वो उसके चूत को। चुसाई का खेल जारी था। लग रहा था दोनों एक दुसरे को खा जायेंगे। पर तूफ़ान आया था तो शांत भी होना था इस बार दोनों एक साथ स्खलित हुए। पर ये मजेदार था। दोनों असीम आनंद में डूबे हुए थे। दोनों एक दुसरे के बगल में लेट गए। कुछ देर में दोनों ने अपने चेहरे एक तरफ कर लिए। नैना ने अनुराग को किस किया और बोली - आई लव यू।
अनुराग - आई लव यू टू।
दोनों वहीँ जमीन पर एक दुसरे के बाँहों में लेट गए।