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"चोदुंगा रानी और गांड भी मारूँगा।"

परम ने ज़ोर से धक्का मारते मारते कहा, "लंड नही चुसोगी ? "

"चुसूंगी,लेकिन आज नही कभी अकेले मे।"

फिर दोनो जम कर चुदाई करने लगे और थोडी ही देर में शेठानी पस्त हो गयी।

"लंड बाहर निकाल लो, अब दर्द कर रहा है। मै सुंदरी जैसी जवान नही हूँ की लंड खाती राहु।"

लेकिन वह कहा सुननेवाला था,परम धक्का मारता रहा और उसके लंड ने शेठानी के सुखी हुई चूत मे पानी पानी का छंटकाव कर दिया और उसकी चूतरस से उसके वीर्य से मिला कर पूरी भर दी।

ठंडा होने के बाद परम शेठानी के उपर से उतरा और दोनो ने अपने कपड़े ठीक किए। शेठानी थोड़ी देर तक लंड को मसलती रही…..सच बेटा बहुत मस्त लंड है….और इतना मोटा सुपारा….रेखा की चूत फट जाएगी…मेरी बेटी को थोडा आराम से चोदना बेटे, वह शायद ही तेरे लंड को झेल पाए, एक-दो बार उसकी फट जायेगी पर बाद में तेरे लिए अपनी चूत खुली रखेगी।”


थोड़ी देर बाद सुंदरी बाहर निकली।

"शेठानीजी सब बना दिया है। अब हम लोग जाते है।"

सुंदरी ने कहा और फिर पूछा "परम तुमने ठीक से पाव दबाया ना।"

"अरे तेरा बेटा तो बहुत अच्छा दबाता है। फिर आना बेटा!"

शेठानी उठी और 1000 रुपये सुंदरी को दिया। "रख लो" और बहुत अच्छा लगता है..और तेरा ये बेटा बहुत प्यारा है..और जब तक शादी है आती रहना और परम को भी लाना। सेठानी ने सुंदरी के सामने परम के गालो को चुमते हुए कहा…। थोड़ी देर के लिए रोज आ जाया करो..” श और अनुरोध किया…
यह कहानी मैत्री और नीता के द्वारा अनुवादित कहानी पढ़ रहे है

और हा, एक बार मेरे शेठ को खुश कर दो। बेचारा पागल हो गया है तुम्हारा माल खाने के लिए…। और मुझे भी तो दिखा दे तेरा माल कैसा लग रहा है कि मेरा बंदा उसे खाने को बेताब हो गया है, एक बार अपने सारे छेद दिखा दे।"


यह सुनकर सुंदरी के गाल लाल हो गये। वो केवल मुस्कुराई और घर चली गई। वापसी में परम रिक्शे पर सुंदरी के बगल में बैठ कर पूरे रास्ते चूत को सहलाता रहा और शेठ से चुदवाने के लिए मनाता रहा। दोनों घर आ गये। परम शेठानी को चोदकर बहुत खुश था और उसने निश्चय किया की कल ही वो अपनी माँ को चोदेगा।
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अपनी राय देना ना भूलियेगा
Madam ji mast likh rahe ho aap
 

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एपिसोड 3


अगले दिन परम कोलेज नहीं गया। उसने सोच रखा था की आज माँ (सुंदरी) को चोदना है। माँ ने बार-बार उसे कोलेज जाने के लिए कहा लेकिन परम नहीं माना। परम मौके का इंतेजार करता रहा। करीब 10:30 बजे सुंदरी नहाने गयी। 15 मिनट के बाद बाहर आई एक ब्लैक पेटीकोट और सफेद ब्रा में। बालों को तौलिया से बाँध रखा था। परम ने सोचा बस यही मौका है। जैसे ही सुंदरी परम के बगल से निकली, परम ने दोनों हाथों से माँ के कंधों को दबाकर उसे दीवाल से सटा दिया और खूब जोर से चूमने लगा। फिर कंधों से हाथ हटाकर दोनों मस्त चूचियों को ब्रा के ऊपर से मसलने लगा। आप यह कहानी मैत्री और नीता के द्वारा अनुवादित कहानी पढ़ रहे है


परम सुंदरी को बहुत बेदर्दी से मसल रहा था। कल परम ने रेखा की चूचियों को प्यार से सहलाया था और अभी माँ की चूची को आँटे की तरह मसल रहा था। 5 मिनट तक चूमने और मसलने के बाद परम ने अपना मुँह माँ के होंठों पर से हटाया और कहा- “तुम बहुत ही रसीली हो। तुम्हारे होंठ बहुत टेस्टी हैं…”

सुंदरी ने अपनी चूची सहलाते हुए कहा- “तुम तो मुझे मार ही डालोगे। ऐसे कोई मसलता है, प्यार से सहलाओ और मजा लो…” कहते हुए सुंदरी ने अपनी ब्रा का हुक खोल दिया। चूचियों को ब्रा से बाहर निकाला और कहा- “अब मजा लो, प्यार से…”

परम ने थोड़ी देर तक दोनों नंगी चूचियों को मसलकर मजा लिया। कभी चूची को नीचे से उठाकर दबोचता था, तो कभी घुंडियों को मसलता था। थोड़ा मसलने के बाद ही निपल कड़े हो गये और लंबे भी, ½ इंच से बड़े निपल्स के चारों ओर एक ब्राउन कलर का घेरा करीब एक इंच की गोलाई में फैला था। पूरा बोबला और भी टाइट हो गए। परम ने एक निपल को मुँह में लेकर चुभलाना चालू किया और दूसरे स्तन को मसलता रहा। बारी-बारी से दोनों स्तनों को चूसा और एक हाथ को नीचे नाभि पर लाया। पेट को सहलाते-सहलाते नाभि के छेद पर उंगली गोल-गोल घुमाया और हाथ नीचे बढ़ाया।

पेटीकोट का नाड़ा हाथ में आया और झटके से नाड़ा खींच दिया। नाड़ा खुलते ही पेटीकोट जमीन पर गिर पड़ा। परम का हाथ उसकी चूत पर था। चूत पर हल्के-हल्के बाल थे। परम उंगली से चूत के होंठों को मीजने लगा। माँ का बदन तन गया। सुंदरी की चूत का मजा लेते लेते परम ने अपना पायजामा खोलकर नीचे गिरा दिया। लोडा पूरा तना हुआ था और सुंदरी की चूत पर खटखटाने लगा। चूमना और सहलाना छोड़कर दोनों हाथों से सुंदरी के दोनों उभरे हुये चूतरों को जकड़कर लंड को चूत में जोर से दबाया। फिर उसी पोज में उसे बेतहासा चूमने लगा। सुंदरी आँखें बंद करके चुपचाप खड़ी थी, शायद उसे शरम आ रही थी। कुछ देर के बाद सुंदरी दीवाल से सटकर नीचे फिसलने लगी और अपने को फर्श पर सीधा लिटा लिया।

परम उसके ऊपर छा गया। परम सुंदरी को बेतहाशा चूम रहा था, होंठों को, गालों को काट रहा था और थनों को मसल रहा था।
सुंदरी ने महसूस किया की परम का लोडा पूरा तन गया है। सुंदरी ने सोचा की अगर जल्दी नहीं चुदवाएगी तो उस दिन जैसा परम का लोडा फिर पानी छोड़ देगा। यह सोचकर सुंदरी ने हाथ बढ़ाकर लोडे को पकड़ा और चूत के मुहाने पर रखा और नीचे से गांड को उछाला। पूरा लंड चूत को चीरते अंदर चला गया। उसकी चूत भी चुदवाने को बेताब थी और परम का लंड चोदने को। परम सुंदरी को जोर-जोर से चोदने लगा। लेकिन जमीन पर घुटनों में चोट लग रही थी। वह जोर-जोर से धक्का नहीं मार पा रहा था।

सुंदरी को भी चूतड़ उछलने से चोट लग रही थी।- “चलो बेटे, बेड पर चुदाई करेंगे…”

बने रहिये.............अपनी किमेंट देते रहिये................
Chalo maa bhi chudi. Nice update
 

Funlover

I am here only for sex stories No personal contact
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OH MY, INCEST IS ALWAYS SO EXPLOSIVE... DARLING JUST POST LITTLE LONGER UPDATES.
Shukriya dost

Asha rakhti hu ki aap apni bhasha pe kabu rakhenge.
Nahi rakh sakte to yah thread aap ke liye anuchit hai.

आशा रखती हूं कि आप अपनी भाषा पर काबू रखेंगे।

नहीं रख सकते तो ये मंच आप के लिए अनुचित है।
 

Ashiq Baba

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Meri pathko se request hai ki kripya writer ko target na kare. Ek bahut saf suthri aur saral shabdo me achhi story likhi ja rahi hai. Unhe support kare. Kahani ka ridam shandar bana hua hai. Time par update mil raha hai aur ek achchha enjoy ho raha hai. Aur hame kya chahiye. Thanks a lot Mam plz aap use ignore kare aur aise hi likhte rahe. Bahut sharad update the ye dono maja aa gya.
 
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