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VERY GOOD STORY WAITING FOR UPDATE INFORM ME WHEN UPDATE

Yes, thank you very much.

With your support and cooperation, this story will keep entertaining you.

It will probably be difficult for me to mark you in every update, but put this story in the watch list and you will keep getting notifications every time.

And I will keep updating this story almost every day because the story is quite long. This story is in chapters, so to finish it quickly, I will either have to give big updates or give updates every day. It is becoming very difficult to write big updates friend, especially a story which is very erotic.

I apologize to you that I cannot mark you every day.

Just stay connected with this story and keep giving your opinion.
*******

जी, बहोत-बहोत शुक्रिया आपका।

आपके साथ और सहकार से यह कहानी आपको मनोरजन देती रहेगी।

हर अपडेट में आपको मार्क करना तो शायद मेरे लिए मुश्किल होगा, पर इस कहानी को वाच लिस्ट में डाल दीजिये तो आपको हर बार नोटिफिकेशन आता रहेगा।

और यह कहानी में ऑलमोस्ट रोज ही अपडेट देती रहूंगी क्यों की यहाँ कहानी काफी लम्बी है चेप्टर्स में है यह कहानी तो जल्दी ख़तम करने के लिए मुझे या तो बड़े अपडेट देने होंगे या फिर रोज अपडेट देने होंगे। बड़े अपडेट लिखना बहोत मुश्किल हो रहा है दोस्त , खास कर ऐसी कहानी को जो की बहोत एरोटिक हो

आप से माफ़ी चाहती हूँ की मैं आपको हररोज मार्क नहीं कर सकती।

बस, आप इस कहानी से जुड़े रहिये और अपने मंतव्य देते रहिये।।।।।।
 
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curious1964

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..........पूनम रो रही थी। उसका शरीर लकड़ी की तरह अकड़ गया और उसने अपनी कमर उठा ली। ठीक उसी समय मुनीम ने एक और जोरदार धक्का मारा और आधा लम्बा लंड चुत के अन्दर चला गया। महक देखती रही। पूनम का रोना बंद नहीं हुआ। वो सिसक रही थी... तभी उसकी नजर महक पर पड़ी..

“महक, अपने बाप का लंड मेरी चूत से निकाल दो.. मुझे मजा नहीं लेना है… बाप रे बहुत दर्द कर रहा है…।”



अब आगे
मैत्री और फनलवर की अनुवादित रचना है

और मुनीम ने भी महक को देखा और वह ओर जोश में आ गया,एक और ज़ोरदार धक्का दिया और इस बार पूरा लंड अंधेरी पतली सुरंग में चला गया। महक ने देखा कि उसके पिता का लंड पूनम की चूत में पूरी तरह से समा गया है। अब मुनीम उसके स्तनों और होंठों को चूम और सहला रहा था। वह लगभग 3-4 मिनट तक ऐसे ही लेटा रहा। महक ने देखा की पापा का लंड ने पूनम की चूत फाड़ दी और उसका शील हरण कर दिया, पूनम की चूत से खून निकल कर निचे चादर पर बह रहा था। पूनम का शरीर शिथिल हो गया और वह मुनीम की पीठ सहलाने लगी। और कुछ पल बाद उसने अपनी कमर ऊपर की ओर झटका दिया। यह मुनीम के लिए एक संकेत था। उसने धीमे और लयबद्ध धक्कों के साथ चुदाई शुरू कर दी। महक पूनम के नजदीक आई और महक ने पूनम की आँखें पोंछीं और बोली: “बस कुछ देर और फिर तेरी चूत से मजा छूटेगी पूनम” उसने थोड़ी देर तक उसके स्तनों को सहलाया फिर वह अंदर चली गई। चुदाई उसके लिए कोई नई बात नहीं थी। उसने अपने भाई को सुधा और सुंदरी की चुदाई करते देखा था।

मुनीम पूनम के कसे हुए और कुँवारे बदन को चोद रहा था और उसका आनंद ले रहा था। अब दोनों चुदाई करते हुए किस कर रहे थे।

"अब दर्द हो रहा है? लंड बाहर निकल लूं..!"
मैत्री और फनलवर की अनुवादित रचना है

"साला, बेटीचोद लंड बाहर निकालेगा तो लंड काट कर चूत के अंदर रख लूंगी। मादरचोद मुझे चोदते रहो..जब तक मेरी चूत फट नहीं जाती...फिर अपनी बेटी को चोदना.. ।"

मुनीम ने उसे चूमा और उसकी चुदाई करता रहा। अब पूनम को मजा आ रहा था। वह इधर-उधर बड़बड़ाती रही। अचानक मुनीम को पूनम की माँ की याद आई और उसने पूनम की चूत में एक जोरदार धक्का दे दिया।

“आआआअह्हह्हह….मार डालेगा क्या..अपनी घरवाली सुंदरी याद आ गयी क्या..”? पूनम ने पूछा,

"नहीं, तेरी माँ याद आ गई। वो पहली औरत है जिसे चोदने का मन किया था.. उसे छू भी नहीं पाया, लेकिन आज इतने सालो बाद तुझे यानी की उसकी बेटी को चोद रहा हूँ, लगता है जैसे तेरी माँ को ही चोद रहा हूँ।"

“तो और जोर-जोर से धक्का मारो ना। मेरी माँ तो अब खाई हुई औरत है। मस्ती से चूत मारो उसकी ही समज के मेरी मारो।” पूनम ने मुनीम को जकड़ते हुए कहा: “जो भी मन में आये, जिसको भी चोदना चाहो लेकिन इस माल में आपका लंड रुकना नहीं चाहिए, यह माल अब पूरी तरह से आपके लंड के काबू में है। रुकना नहीं बस चोदते रहो इस चूत को और अपनी सुहाने और स्वादिष्ट रस इस चूत में भर के इसे अच्छे से सींच दो। अब तक पता नहीं था की लंड का स्वाद इतना मस्त ओगा वरना मैं, बहोत पहले ही आपके लंड पर बैठ जाती।“

“अभी तुम इतनी बड़ी भी नहीं हुई हो, और पहले की बात कर रही हो! अगर पहले आती तो छोटी समज के छोड़ देता, पर अब सही समय है बेटी और सही समय पर तुमने अपना सिल मेरे लंड को समर्पित किया है। अपनी माँ के बारे में सोचना जरा मुझे उसके चूत की भूख कब से है।”

अपनी माँ के बारे में सुनते ही पूनम ने मुनीम को चूमा।
मैत्री और फनलवर की अनुवादित रचना है

“मुझे भी तुम्हारे मोटे लंड से चुदवाने में बहुत मजा आ रहा है… मैं तो आई थी परम का लंड सहलाने लेकिन मुझे क्या पता था आज मेरी चूत आप फाड़ डालोगे.. आह्ह… अब बहुत अच्छा लग रहा है।”

“रानी, एक बार रात में तुजे फिर से चोदूंगा… रात में मैं इसी बिस्तर पर रहूंगा.. तू आ जाना, फिर से मैं तेरी माँ समज के तेरी चुदाई करूँगा…।”

“लेकिन काकी (सुंदरी) को पता चलेगा तो! वह क्या सोचेगी की एक बाप जैसी उम्र का आदमी एक फुल सी कच्ची कलि को चोद रहा है, और वह मेरे बारे में क्या सोचेगी! मुझे तो वह रंडी ही कहेगी।“

“अरे, डर मत, तो उसके सामने भी तुजे आज चोदूंगा…। बस तू आज चुदवाने आ जाना । भले परम चोद दे तुजे, फिर भी।”

दोनो मजे लेकर चुदाई कर रहे थे और दोनो का झड़ने का समय आ गया, वैसे पूनम की चूत दो बार पहले ही झड चुकी थी यह तीसरी बार था की वह काका के साथ ही झडेगी। पूनम मुनीम से चिपक गई। कमर को ऊपर उठाया और टांगो से मुनीम की कमर को पकड़ लिया और फिर अचानक उछली और ठंडी पड़ गई। वो मुनीम को चूमती रही और फिर मुनीम ने पूनम की चूत को अपना वीर्यदान कर दिया। माल के अंदर जाते ही पूनम पूरी तरह से ठंडी हो गई।
मैत्री और फनलवर की अनुवादित रचना है

वे कुछ समय तक एक-दूसरे की बाहों में रहे और फिर अलग हो गए। तभी महक दो गिलास गुड़ मिला हुआ गर्म दूध लेकर अन्दर आई और उन्हें दे दिया। दोनों नग्न थे। मुनीम ने अपने लंड को लुंगी से ढकने की कोशिश की लेकिन पूनम ने लुंगी खींच कर एक तरफ फेंक दी।

“क्या काका, मुझे तो चोद डाला, कम से कम महक को आपका लंड तो देखने दो..” उसने महक की ओर देखा और उसे अपने पास बैठने के लिए कहा।

"मजा आया?" महक ने पूछा।

पूनम ने फिर मुनीम के लंड को मुठ मारते हुए कहा:

“पहले तो बहुत दर्द किया, लगा पागल हो जाऊंगी या फिर मर ही जाउंगी, लेकिन बाद में बहुत मजा आया…।”

उसने लंड चूमा और बोली।
मैत्री और फनलवर की अनुवादित रचना है

“देखो तो थोड़ी देर पहले कितना बुरा और टाइट था अब ढीला हो गया है.. यह सुपारा ही खतरनाक है, जिस माल में जाएगा वह इस सुपारे को कभी नहीं भूल पाएगी।”

महक ने अपने पापा की ओर देखा और आँखे निचे कर के पूछा “पापा आपके लंड को तसल्ली मिल गई? मजा आया?”

मुनीम ने महक को हाथ से थोडा खिंचा और बोला: ”तुम्हे क्या लगता है बेटी? इतनी टाईट चूत चोदने को मिले तो कौन मजा नहीं लेगा? लेकिन लगता है तुम्हे आनंद नहीं आया यह देख के!”

“नहीं पापा वैसे मैं इसे परम भैया के लिए लाइ थी वह परम से प्यार करती थी पर अब आप के लंड से उसकी सिल टूटनी लिखी थी तो टूट गई, मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है पापा।“

बेटी मेरा लंड कैसा लगा? मुनीम अब अपनी बेटी को पटाने में लग गया था।
मैत्री और फनलवर की अनुवादित रचना है

******


आज के लिए बस इतना ही कल तक के लिए आपसे विदा लेती हूँ.............लेकिन इस एपिसोड के बारे में आप अपनी राय कोमेंटबॉक्स में देना ना भूलिए.......... आपके मंतव्य ओर बेहतर करने के लिए प्रोत्साहित करते है......................



मैत्री और फनलवर की अनुवादित रचना है।B
Bahut hi Kamoddipak episode thi @ Lekhika ka ashes ashes Dhanyabaad !🎉❤️🙏🏻
 

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मैंने एक कहानी शुरू की है जो हिंदी में लिखी गई है। जिसका नाम "लूई के पन्ने" है।

मुझे आशा है कि आप इसे पढ़ेंगे और अपनी राय देंगे। जिसका लिंक नीचे दी गई है।




I have started a story written in Hindi. Its name is "Louis Ke Panne". I hope you will read it and give your opinion. The link of which is given below.

 

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Bahut hi Kamoddipak episode thi @ Lekhika ka ashes ashes Dhanyabaad !🎉❤️🙏🏻
Shukriya dost....

Kahani kaa main aim to readers ka entertainment hi hai. Readers ko maja aya matlab mera prayas safal raha.
Bas aap jude rahiye... Shayad aapko aur bhibjyada aanand mile.
 
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Funlover

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हिंदी दिवस की शुभ कामनाएं।


हिंदी हमारी शोभा और पहचान है।

उसकी कदर करे और अपनाए।


शुक्रिया दोस्तो.
 
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bruttleking

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आपका विचार उमदा है, पर अगर ऐसा करते है तो स्टोरी सिर्फ इन तीनो के बिच रह जायेगी जब की सुदरी के कारनामे काफी आगे जाने के सभी रस्ते बंद हो जायेगे इस लिए सुदरी को मुक्त रखना चाहिए और माँ मुक्त रहेगी तो बेटी कैसे अपने छेद पर संयम रख सकेगी .....

दूसरा यह गाव ही कुछ ऐसा है की वहा सब मुक्त है लेकिन किसी को खबर नहीं

और फिर एक ही आदमी माँ और बहन को पर चडेगा तो कहानी जल्द ही ख़तम हो जायेगी या फिर पाठको को पढने में मजा नहीं आएगी

इस कहानी में सबकुछ रखा हुआ है
Agar story adultry hai to incest tag kyo laga rakhe ho bekar me hi time waste kar raha hu mai ye story padh ke
 

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Agar story adultry hai to incest tag kyo laga rakhe ho bekar me hi time waste kar raha hu mai ye story padh ke
आप पहले भी अपना टाइम बेकार में वेस्ट कर चुके है दोस्त.................... यह कहानी में ज्यादा इन्सेस्ट है इसलिए यह टेग किया गया है.............. अब आपकी इन्सेस्ट की परिभाषा में यह नहीं है तो बेहतर है की आप यहाँ से आगे ना पढ़े................यह कहानी आपके टेस्ट की नहीं है तो कृपया अपना और दूसरो का समय बर्बाद ना करे ....................


||जय भारत||
 
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चले अब कहानी में आगे बढे.......................

कहानी को साथ और सहकार की जरुरत है ....................
 
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