chapter 11
विजय अपनी मा बेहन बुआ के साथ अभय के घर आते ही बॉस केह कर अभय को बुलाता है तो सभी की नजर अभय पे ठीक जाती है
चलिये जानते है विजय कब आया और किया हुवा था
विजय अपनी बुआ के साथ अभय जब मा भाभी बेहन के साथ शोपिंग करने गया उसी के बाद विजय आया अभय का घर रोड के साइड पेहले ही आ रहा था तो विजय अभय के घर गया लेकिन ताला लगा हुवा था तो विजय बुआ के साथ अपने घर चला गया
विजय अपने घर के बाहर अपनी बुआ के पीछे डर से कापते हुवा खरा था

विजय की बुआ का नाम है ( काजल सिन्हा उमर 40 साल) बहोत ही खूबसूरत चंचल सभाव की है बॉडी 40 की उमर मे भी पूरी फिट है एक शब्द मे कहा जाये तो उमर से नीचे तक आग है आग
विजय डरते हुवे बुआ के पीछे से ही - बुआ मुझे बहोत डर लग रहा है अंदर जाने मे कही मा मेरी गुस्से मे चटनी ना बाना दे
काजल विजय को देख हस्ते हुवे - अरे लाला इतना बरा हो गया और अभी भी डरता है तू मर्द है मर्द को डरना नही चाहिये
अपनी बुआ की बात सुन विजय अपनी बुआ को देख अजीब चेहरा बना के
विजय - अच्छा किया बात बोली है आप ने लेकिन आप खुद फूफा जी को दबा के रखती है उसका किया बेचारे फूफा उनकी तो आपके सामने चलती भी नही और आप मुझे ज्ञान दे रही है वाह बुआ वाह
विजय की बात सुन काजल दूसरी तरफ देख खास्टे हुवे - अरे वो तो हमारे बीच प्यार है मे उन्हें थोरि ना दमा के रखती हु वो खुद ही मेरे सामने कुछ नही बोलते है
विजय अजीब चेहरा बना के मन मे - हा हा हा जैसे की मेने देखा हि नही और मुझे पता ही नही घर की लेडी बॉस है
काजल - अच्छा ये छोर मे हु ना तुझे कुछ नही होने दुगी चल अंदर चल
विजय काजल के पीछे से निकल कर घर को देखते हुवे इमोसनल हो जाता है
विजय - 4 साल बाद मे अपने प्यारे घर को देख रहा हु 4 साल बाद मे अपनी मा बेहन सब से मिलने वाला हु इस चार साल मे उनको देखने के लिये बहोत तरपा हु अगर अभय भाई नही होते तो आज मे यहा नही होता ( विजय के आखो मे खुशी के आसु निकल परते है)
काजल ये देख विजय के आखु साफ करते हुवे - लाला जाके मिल अपनी मा बेहन पापा सब से वो सभी भी 4 साल तेरे बिना बहोत तरपे होगे
विजय जी बुआ विजय अंदर जाता है तो सबसे पेहले विजय पे नजर कोमल की परती है कोमल विजय की बेहन बहोत ही खूबसूरत उपर नीचे आगे पीछे सब कुछ टॉप नोच है लरके को पागल करने के लिये
कोमल विजय को देखती ही ( छोटे) केहते हुवे रोते हुवे जाके विजय को बाहों मे भर लेती है विजय भी अपनी बरी बेहन के बाहों मे समा जाता है

कोमल रोते हुवे - छोटे तु आ गया तुझे पता भी है तेरे जाने के बाद हम कैसे जी रहे थे दिन रात हर पल तेरी ही याद आती थी हमे
विजय रोते हुवे - दीदी मेरा भी वही हाल था मे भी आप सभी को बहोत याद करता था
कोमल विजय का चेहरा पकर प्यार से विजय को देख
कोमल - 4 साल मे कितना बदल गया है मेरा भाई अब तु आ गया है ना तो सब गम दुख दूर हो गया
विजय हस्ते हुवे - आप भी दीदी बहोत खूबसूरत हो गई है
कोमल - अच्छा ऐसा किया
आवाज सुन मिनीता भागते हुवे कमरे से बाहर आखे देखती है तो मिनीता को विजय अपना लाल दिखाई देता है विजय की नजर भी अपनी मा पे जाती है दोनो एक दूसरे को देख आसु बहाने लगते है
विजय मिनीता को देख - मा
मिनिका ये सुनते ही तेजी से आके विजय को गले लगा के फुट फुट कर रोने लगती है विजय भी अपनी मा के बाहों मे समाये रोने लगता है

काजल कोमल इस सीन को देख उनके आखो से खुशी के आसु छलक परते है
मिनीता विजय को बाहों मे लिये - मेरा लाल मेरा बेटा तु आ गया तेरे बिना ये 4 साल मुझे नर्क की सजा से कम नही लग रही थी मुझे तो लगा था की अब मे तुझे खो चुकी हु अब तुझे कभी देख नही पाउंगी
विजय अपनी मा के चेहरे को पकर आसु साफ करते हुवे
विजय - मा रोना बंद करो जितना रोना था आप पेहले ही रो चुकी हो
काजल आगे आते हुवे - विजय सही केह रहा है भाभी रोना बंद कीजिये ये पल तो खुसियो का है
मिनीता आसु साफ करते हुवे - सही कहा तुम ने ये पल तो खुशी का है ( तभी मिनीता विजय के कान करते हुवे) लेकिन मेरे लाल मे ये नही भूलि की तुम अपनी मा के पास पेहले नही आये बल्कि अपनी बुआ के पास चले गये
विजय दर्द मे अपनी बुआ की तरफ देख - बुआ बच्चा लो मुझे
काजल मिनीता के पास जाके - भाभी छोर दीजिये लाला को दर्द हो रहा है
मिनीता काजल को देख - आ गई लाला की प्यारी अपने लाला को बचाने
मिनीता कान छोरते हुवे - चल माफ किया
इसके बाद सभी बहोत सारी बाते करते है विजय भी बहोत कुछ बताता है अपनी मा बेहन को उसके बाद साम को विजय अपनी मा बुआ बेहन के साथ अभय के घर आ जाता है अभय से मिलने
तो यही हुवा था
विजय मिनीता कोमल काजल को देख अभय जाके मिनीता काजल के पैर छुके आशीर्वाद देता है
काजल अभय को देख प्यार से अभय के गाल को सेहलाते हुवे
काजल - अभय बेटा विजय ने मुझे बताया की कैसे तुम ने उसकी सभी की जान बचाई आज मेरा लाला मेरी भाभी का लाल एक बेहन का प्यारा भाई तेरी वजह से हमारे पास लौट आया है थैंक्स बेटा
अभय अपना गाल आगे करते हुवे - मुझे थैंक्स सुनना पसंद नही उसके बदले गालो पे किस दे सकती है बुआ
काजल हरानी से अभय को देखती है तो वही मिनीता हस्ते हुवे काजल को देख
मिनीता - ननद जी अभय ऐसा ही है मिनीता ( आसा को देख) ये सब दीदी ने ही आदत लगवाई है अभय को थैंक्स से जायदा किस चाहिये होता है गालो पे
मिनीता की बात सुन काजल हस्ते हुवे अभय को देख - तुम तो बड़े चालाक हो अभय बेटा कोई ना तुम ने हमारे जिगर के तुकरे को हमे लौटाया है तो एक किस ऐसे ही मागते तो दे देती
काजल फिर अभय के गालो मे अपने प्यारे रसीले गुलाबी होठो से किस करते हुवे - ये लॉ बेटा तेरा इनाम

अभय काजल को देख हस्ते हुवे - इनाम बहोत मिठा था
काजल हस्ते हुवे अभय के गाल पे प्यार से मारते हुवे - बदमास
कोमल फिर आगे आके अभय के पास जाके अभय के हाथ पकर लेती है और अभय को देखती है अभय कोमल को देखता है
कोमल - अभय तुमने हमारे लिये जो किया है वो हम जिदगी भर नही भुलेगे मेरा भाई घर का एक लौटा मर्द है हमारा सहारा भी उसके बिना तो हमारी जिंदगी बेवजह की हो जाती लेकिन तुम ने विजय को हमारे पास आके हमे जो खुसिया दी है उसका कर्ज हम सात जन्म तक नही उतार पायेंगे
आसा दिशा अदिति बाकी सभी सांत होके सब देख सुन रहे थे
अभय कोमल को देख - हो गया तुम्हारा बोलना जैसा भाई वैसी बेहन तुम दोनो बहोत बोलती हो वहा कैद मे ( विजय को देख) ये कमीना बोल बोल कर मेरा कान दर्द करा देता था और यहा तुम वही कर रही हो
अभय की बात सुन बाकी सब जोर जोर से हसने लगते है
कोमल हस्ते हुवे - ये तो सच कहा हम दोनो भाई बहोत बोलते रेहते है ( कोमल फिर सिर्यस् होके अभय को देख) तुमने बात को घुमा दिया पर हम ये नही भुलेगे
अभय गाल आके कर - किस देना है तो दो नही तो जाके चुप चाप बैठ जाओ
कोमल हस्ते हुवे - तुम भी ना अभय
कोमल फिर अभय को अपने रसीले होठो से गाल पे किस कर देती है
अभय कोमल को देख - तुमहरा किस जयादा मिठा नही था
कोमल अभय को एक और गाल पे किस करते हुवे हस के - अब मिठा हो गया होगा
अभय हस्ते हुवे - हा अब मिठा हो गया है
तभी विजय आसा पे पास जाके पैर पे गिर कर आसा के पैर पकर लेता है आसा हैरानी से विजय को देखने लगती है बाकी सब भी विजय को देखने लगते है
विजय आसा के पैर पकरे आसा का देख - ऑन्टी आज मे अपने लोगो के पास अपनी मा बेहन सभी के पास लौट कर आ पाया तो सिर्फ अभय भाई की वजह से और अभय भाई को जन्म देनी वाली मा आप है आप ने एक मर्द को जन्म दिया है उस समय हम बच्चे थे मे रोता रेहता था डर के मारे लेकिन अभय भाई ही वहा एक ऐसे बंद थे जो सुरु से रोये लेकिन जल्दी ही उन्होंने जो हिम्मत दिखाई और उन्होंने वहा 4 सालों मे जो किया उनके अलावा कोई सपने मे भी नही कर सकता अभय भाई के वजह से ही मे या बाकी जितने बच्चे थे सब अपने घर अपनो के पास जा पाये लेकिन आप ने अभय भाई को जन्म नही दिया होता तो चीज़े अलग होती
दिशा अदिति मिनीता काजल कोमल सब देख सुन रहे थे और उन्होंने भी विजय की कही गई बात पे अग्री करते है
विजय की बात सुन आसा को अपने आप पे गर्व होता है की उसने अभय जैसे बेटे जो जन्म दिया और इस बात पर भी की अभय उसका लाल उसका बेटा है
आसा विजय को उठाते हुवे - मुझे खुशी है की तुम भी अपने मा सभी के पास लौट आये मेने दिखा था कैसी तेरी मा पागलो की तरह चिलाते हुवे तुझे ढूंढ रही थी मेरा भी वही हाल था तो मे समझ सकती हु
विजय दिशा के पास जाके दिशा पे पैर छुटे हुवे - भाभी देवर को आशीर्वाद दीजिये
दिशा घुघट् मे थी और अभय दिशा अकेले होते है तो ही दिशा अभय के सामने घुघट् हटाती है
दिशा -खुश रहिये देवर जी
विजय दिशा को देख - भाभी चेहरा भी देखा दीजिये एक बार
कोमल विजय को देख + अच्छा चेहरा देखना है भाभी का तो गिफ्ट लाया है
विजय कोमल को देख अपना सर खुजाते हुवे - दीदी मे तो नही लाया कोई गिफ्ट
आसा - अरे कोई बात नही वैसे भी मेरी बहु को कोई गिफ्ट नही चाहिये होता है तुम सब देख लो
मिनीता काजल कोमल इन सभी ने भी दिशा को नही देखा था कियुंकी अब जाके दोनो परिवार के बीच एक रिस्ता बना था
दिशा घुघट् हटा देती है सभी दिशा को देख लेते है फिर दिशा घुघट् से अपना चेहरा धक लेती है
विजय अदिति के आप जाके - आप अभय भाई की गुरिया है ना
अदिति विजय को देख - सही कहा
विजय - अभय भाई आप को बहोत याद करते थे वहा
विजय की बात सुन अदिति अभय को प्यार से देखती है
अभय विजय को देख - ओये कमीने यहा इमोसनल सीन मत बना नही तो याद है ना कैसे तेरी बजाता था
विजय अभय की बात सुन डर से काप् जाता है
विजय अभय को देख - जी भाई समझ गया
विजय मन मे - आपसे बच कर रहने मे ही भलाई है
विजय अदिति को देख - वैसे हमारी उमर सेम है अब कुछ महीने आगे पीछे होगे लेकिन आप अभय भाई की गुरिया है तो मे आप को दीदी ही कहुंगा
अदिति विजय को देख - मे भी आप को भाई ही कहुंगी
फिर आसा मिनीता काजल तीनों एक तरफ बाते करने लगते है और दूसरी तरफ दिशा अदिति कोमल अभय विजय बाहर आके बाते करने लगते है
अभय विजय बाहर रोड पे सरक पे चलते हुवे बाते करने लगते है
अभय विजय को देख - विजय तुम अभी अभी आये तो मे भी तो हम अभी कही जा नही सकते ना हमे कोई जाने देगा
विजय - भाई आपने बिल्कुल सही कहा
अभय - हा इस लिये अभी हम कही जा नही सकते हमे कुछ महीने अपने परिवार के साथ हि रेहना होगा फिर आगे जो करना है करेगे समझ गये
विजय- जी भाई समझ गया अच्छे से
अभय - लेकिन फिल्हाल एक काम है जो तुझे करना है
विजय अभय को देख - हुक्म कीजिये भाई बस आप
अभय रुक जाता है और विजय को देखते हुवे - कोई ऐसा बंदे को ढूंढो जो किसी पे नजर रख सके बिना किसी को पता लगे
विजय हैरानी से अभय को देख - भाई आपको किस पे नजर रखवानी है और कियु अगर ये बहोत जरूरी मिसन है तो मे खुद करुगा
अभय विजय के कंधे पे हाथ रख विजय को देख - जरूरत नही है वैसे भी ऑन्टी को पता चला की मेने तुझे कोई काम करने के लिये कहा है और मेरी वजह से तुम उनके साथ वक़्त बिता नही पा रहे हो तो ऑन्टी मेरे पीछे डंडे लेकर पर जायेगी तुम बस कोई ढूंढो
विजय - समझ गया भाई लेकिन नजर किस पे रखनी है
अभय विजय को देख - टीनू अमन आरोही पे ( अभय तीनों के बारे मे सब बता देता है)
विजय - अच्छा तो ये बात है जैसा आप ने कहा जितना मे समझा हु टीनू तो 100 है कुछ ना कुछ करेगा लेकिन अमर आरोही कियु
अभय विजय को देख - 4 साल dp devil के कैद मे रेह कर किया किया मेने तुम्हे किया सिखाया है सब भूल गये
विजय - याद है भाई अच्छे से याद है कितने अच्छे इंसान कियु ना हो लेकिन कोई कभी भी बदल सकता कोई अच्छा कभी भी बुरा बन सकता है हर एक चेहरे के पीछे दूसरा चेहरा भी होता है तो हमे हर वक़्त हर किसी से सावधान रेहना चाहिये
अभय विजय के टकले पे मारते हुवे - वाह याद है सब मुझे लगा इस बेकार दिमाग मे सिर्फ भूसा भरा है
विजय अपने सर को सेहलाते हुवे - पेहले था लेकिन आपने निकाल कर फेक दिया अब मेरा दिमाग काम करता है
अभय हस्ते हुवे - चलो ठीक हैं तो समझ गये ना
विजय - जी भाई हो जायेगा
साम हो जाती है
बाते करने के बाद विजय मिनीता काजल कोमल सभी को बाय बोल चले जाते है
आसा अभय के पास आके गालो पे किस करते हुवे अभय के गाल को सेहलाते हुवे - मेरे लाल मुझे तुम पे गर्व है
अदिति अभय के पास आते हुवे - मुझे भी भाई आप पे गर्व है
दिशा अभय को देख - मुझे भी देवर जी आप पे गर्व है
अभय सभी को देख - मेने जो किया आप सब के प्यार की वजह से ही कर पाया दूसरी कई और लोग है जिन्होंने मेरा साथ साथ दिया मेने सब अकेले नही किया
आसा - जो भी हो तुम हमे तुम पर गर्व है
साम हो चुकी थी दिशा खाना बनाने के लग जाती है और अभय आसा अदिति बाते करने मे दिशा भी खाना बनाते हुवे बाते कर रही थी
( मधु के घर )
मधु के बारे मे जान लेते है - मधु - उमर 18 - साल - अदिति से कुछ महीने छोटी है
मधु की मा - सिला - उमर 38 साल - एक ही बेटी है मधु फिर कोई बच्चा नही हुवा सिला को एक बेटे की कमी तो मधु को भाई की कमी हमेशा से खलती रही है सिला बहोत खूबसूरत है अच्छे साफ दिल की भी और हर तरफ से कयामत भी
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मधु के पिता - जोगिनाथ - उमर 40 - बंदा भी अच्छे दिल का है मधु सिला का बहोत ख्याल रखता है खेती मजदूरी कर के कर चलाता है
मधु भी आगन मे खाना बना रही थी और सिला पास ही खटिये पे बैठी हुई थी
मधु रोटी बनाते हुवे अपनी मा को देख खुश होते हुवे
मधु - मा आज मुझे मेरा भाई मिल गया
सिला जो आराम से बैठी हुई थी मधु की बात सुन हैरानी से मधु को देखते हुवे फिर जोर जोर से हस के
सिला - तुमने किया कहा तुम्हे तुम्हारा भाई मिल गया और मुझे पता भी नही चला मेने कब तेरे भाई को जन्म दे दिया हा
मधु सिला की बात सुन मुह बनाते हुवे सिला को देख
मधु - वेरी फनी आप भी ना मा
सिला हस्ते हुवे - अच्छा बाबा बता तुझे तेरा भाई कहा कैसे मिल गया
मधु सिला को देख सब सुरु से बता जो हुवा बता देती है
सिला सब सुनने के बाद हैरान होके मधु को देख
सिला- किया तुम्हे लरके छेर रहे थे कोन कमीना था वो
मधु हस्ते हुवे - आप चिंता मत कीजिये भाई ने उनकी ऐसी बैंड बजाई है की वो लोग फिर कभी जिंदगी मे किसी लरकी को नही छेरेगे
सिला एक गेहरि सास छोरते हुवे - अच्छा हुवा उस समय अभय बेटा आके तुझे बचा लिया नही तो पता नही वो कमीने कुत्ते किया करते
मधु खुश होते हुवे - अभय भाई ने मुझे गुरिया कहा उन्होंने कहा आज से मे उनकी गुरिया हु
अपनी बेटी को इतना खुश होता देख सिला भी बहोत खुश थी
सिला हस्ते हुवे - ये तो अच्छी बात है तेरा भाई फिर आये तो उसे जरूर केहना मा से भी मिल ले एक बार
सिला की बात सुन खुश होते हुवे - जी मा जरूर कहुंगी
(रात 10 बजे )
खाना पीना करने के बाद सभी कुछ देर बाते कर रहे थे
आसा खरी होते हुवे - तुम सब बाते करो मे जा रही हु सोने
आसा फिर अपने कमरे मे चली जाती है
दिशा भी जाते हुवे - मे भी जा रही हु
आँगन मे अब अदिति अभय ही थे
अदिति अभय को देख- भाई आज आप मेरे साथ सोयेंगे याद है ना
अभय हस्ते हुवे - याद है बाबा तुम चलो मे आता हु
अदिति अपने कमरे मे जाते हुवे खुश होकर - ठीक है भाई जल्दी आना
अदिति के जाने के बाद अभय दिशा के कमरे के दरवाजे पे खरा होके
अभय - भाभी मे अंदर आ सकता हु
अंदर से दिशा - आपको पूछने की जरूरत कब से पर गई आ जाइये
अभय अंदर जाता है तो दिशा बिस्तर पे बैठी हुई ही आगे की तरफ चेहरा कर के सारी नीचे गिरे हुवे थे पतली कमर हाय कयामत लग रही थी दिशा की बॉडी की बनावट साफ दिख रही थी
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अभय अंदर आते हुवे दिशा को देख हस्ते हुवे
अभय - बोल कर आना पड़ेगा नही तो किया पता आप मैचिंग मैचिंग पेहन रही हो मे उसी वक़्त आ जाऊ तो
दिशा अभय के पास जाके अभय के कान पकर
दिशा - आप ना देवर जी कुछ जायदा ही नोटि हो रहे हो
अभय दर्द मे - भाभी छोर दो मेरे कान दर्द हो रहा है
दिशा अभय के कान छोर देती है
दिशा - बैठि कर बाते करते हैं देवर जी
दिशा अभय बैठ जाते है
अभय दिशा को देख हस्ते हुवे - भाभी आपने मैचिंग लिया है की नही
दिशा अपना सर पकर अभय को देख
दिशा - देवर जी आप भी ना मैचिंग मे देखना है तो जब आपकी सादी होगी तो अपनी बीवी को देखियेगा
अभय हस्ते हुवे - जो मजा भाभी से मिलता है वो मजा बीवी मे नही मिलता
अभय की बात सुन दिशा हैरान से मुह पे हाथ रख अभय को देखते हुवे
दिशा - हाय देवर जी आप तो मेरे पीछे ही पर गये है लेकिन ( दिशा जिब दिखा के) आप को कुछ नही मिलेगा मेरे प्यारे देवर जी
अभय हस्ते हुवे - कोसिस करता रहुंगा किया बता मिल जाय नही मिला तो मेरी किस्मत
दिशा हस्ते हुवे - अच्छा है कोसिस करते रहिये
तभी अभय दिशा के हाथ पकर् खरा करते हुवे
अभय - भाभी चलो डांस करते है
अभय की बात सुन दिशा शर्मा के
दिशा - लेकिन देवर जी मुझे डांस करना नही आता ना बाबा ना मुझसे नही होगा
अभय दिशा के सामने हाथ जोर प्यारा भोला चेहरा बना के - प्लेस
फिर किया अभय के भोले चेहरे को देख दिशा पिघल जाती है
दिशा - अच्छा बाबा कोसिस करुगी
अभय खुश होते हुवे - ये हुई ना बात
अभय फिर मोबाइल निकाल कर एक भोजपुरी पवन सिंह का लगा देता है जिसे सुन दिशा हैरान के साथ मुस्कुराने भी लगती है
गाना सुरु हो चुका था दिशा सर्माये खरी थी अभय अपना डांस करना सुरु करता है गाने के बोल के साथ ताल से ताल मिला के

भौजी हमसे बोले बतियावे के परी दिल देवरो संग तोहरा लगावे के परी दिल देवरो संग तोहरा लगावे के परी
दिशा बहोत शर्मा रही थी सब देख रही थी अभय मस्त होके अपना कमर पकर डांस किये जा रहा था

दिशा भी सर्माते हुवे हिम्मत कर अभय के साथ कमर से कमर मिला के हिला के थुमका लगा के डांस करने लगती है गाना खतम होने के बाद दिशा सर्म से लाल होकर अभय को रोक देती है
दिशा बिस्तर पे जाके लेत कर चेहरा चुका के शर्म से लाल हुई परी थी लेकिन दिशा उसी के साथ बहोत जायदा खुश भी थी
अभय दिशा के पास जाके बैठते हुवे
अभय - किया हुवा भाभी मजा नही आया
दिशा अभय को देख शर्मा के - बहोत मजा आया देवर जी बस ये सब डांस किया नही था ना तो सर्म आ रही थी
अभय हस्ते हुवे - मुझे कोन सा डांस आता है वीडियो मे देखा था वैसा ही डांस कर डाला
दिशा अभय को देख मुस्कुराते हुवे - मानना पड़ेगा आपने डांस करने के लिये गाना अच्छा चुना था मुझे पसंद आया
अभय हस्ते हुवे - तो देवर से दिल लगाने के बारे मे किया ख्याल है
अभय की बात सुन दिशा अपने तुदि पे उंगली रख सोचते हुवे
दिशा - सोचना पड़ेगा इस के बारे मे
अभय भोला चेहरा बना के - किया मे इतना बुरा हु जो आपको सोचना पर रहा है
दिशा हस्ते हुवे - ना जी ना मेरे देवर जी तो बहोत प्यारे है
अभय आगे बढ़ दिशा के गाल पे किस करते हुवे
अभय - आप भी बहोत प्यारी है भाभी गुड नाइट
अभय ये केह कमरे से बाहर निकल आता है लेकिन दिशा अपने गाल मे हाथ रहे शर्मा के बिस्तर पे लेती अभय के बारे मे सोच कर
दिशा - देवर जी के आते ही इस घर मे खुसिया आ गई और देवर जी सब को हसाते रेहते है उनका मस्ती मजाक करना मुझे बहोत अच्छा लगता है ( दिशा विनय को याद कर) आप की बहोत याद आती है
अभय फिर अपनी मा के कमरे के दरवाजे पे खरा होके
अभय - मा मे अंदर आ सकता हु
आसा - अरे मेरे लाल पूछाने की किया जरूरत है जब मन करे आ जाना
अभय अंदर जाता है और सामने देखता है तो देखते ही रेह जाता है
आसा बिस्तर पे लाल नाइटी पेहने अभय को प्यार से देख रही थी
अभय अपनी मा को लाल नाइटी मे देख कर मुस्कुराने लगता है

आसा लाल नये नाइटी मे कयामत लग रही थी आसा के बरे उजले चुचे थोरा बाहर झाकते हुवे दिखाई दे रहे थे आसा को ऐसे देख सायद कोई मर्द अपने आप को रोक पाता लेकिन अभय के दिल मे अपनी मा के लिये कोई गलत फीलिंग नही थी ना आई थी आगे का पता नही
सुरु से आसा अभय का जो रिस्ता रहा है सब से अलग रहा है मस्ती मजाक ये सब के बिना तो दोनो मा बेटे रेह नही सकते है और नाइटी मे आसा सुरु से ही अभय के सामने आती रही है बस आज आसा पेहले से बहोत अलग लग रही थी
आसा बिस्तर से खरी होकर अभय के पास आखे खरी हो जाती है
आसा अभय को देख थोरा शर्मा के
आसा - बेटा तूने कहा था मुझपे लाल नाइटी बहोत अच्छी लगेगी तो मेने पेहन ली अब बता कैसी लग रही हु

अभय आसा को देख मुस्कुराते हुवे - मा आप तो है हि खूबसूरत लेकिन इस नाइटी मे आप बहोत ही खूबसूरत h ( अभय फिर रुक जाता है
आसा अभय को देख - तु बार बार खूबसूरत के बाद h पे कियु रुक जाता है आज तुझे बोलना ही पड़ेगा
अभय आसा को देख मुस्कुराते हुवे - आप बहोत खूबसूरत के साथ बहोत हॉट लग रही है कसम से
आसा अभय को देख कंफ्यूज से - ये हॉट किया होता है
अभय जोर जोर से हसने लगता है
आसा -अब तुम हस कियु रहे हो
अभय आसा को बाहों मे भर के - मा आप इस उमर मे भी फिट और बहोत खूबसूरत दिखती है उपर से नीचे तक उसी हो हॉट केहते है

आसा सर्म से लाल होते हुवे - तु ना मेरे लाल बहोत बिगरता जा रहा है कोई मा को ऐसे शब्द बोलता है किया
अभय - माफ कर देना मा आगे से ध्यान रखुंगा
आसा अभय के गाल पे हाथ फेरते हुवे - मेरा लाल मेरी तारीफ करेगा तो चलेगा तुझे बुरा मानने की कोई जरूरत नही मुझे अच्छा लगता है जब मेरा तुम मेरी तारीफ करते हो तो
अभय आसा के चेहरे को पकर आखो मे देख
अभय - मा आप के होठो पे ये लाल लिपिस्टिक बहोत अच्छी लग रही है

आसा अभय को देख हस्ते हुवे - सीधे सीधे केह ना तुम्हे किस्सी चाहिये मा हु तेरी मुझे सब पता होगा है मेरे लाल को किया चाहिये सुरु से हि तुझे किस देती आई हु अब बरा हो गया है फिर भी किस्सी की आदत नही छोरी तुम ने
अभय आसा को देख भोला चेहरा बना के - मुझे आपकी किस्सी बिना रेह नही पाता आप मुझे किस्सी करते हो तो मेरे दिल को सुकून मिलता है लेकिन आज केहती हो तो मे ये
आसा बीच मे ही अभय को रोकते हुवे
आसा - मेरे लाल मुझे भी तुझे किस्सी देके मेरे दिल को सुकून मिलता है समझ गया

आसा ये केहते हुवे अभय के चेहरे को पकर अपनी गुलाबी होठ को अभय पे होठ से सता के किस कर देती है
आसा अभय को देख - मेरा लाल मेरे लिये सब कुछ है
अभय आसा को बाहों मे लेके - और मेरे लिये आप सब
अभय थोरि देर अपनी मा से बाते करने के बाद
अभय - ठीक है मा मे जाता हु गुरिया इंतज़ार कर रही होगी
आसा हस्ते हुवे - ठीक है जा नही तो बहोत नाराज हो जायेगी देरी हुई तो
अभय हस्ते हुवे - सही कहा मा आप ने ( अभय आसा के गाल पे किस कर) गुड नाइट मेरी खूबसूरत हॉट मा
आसा हस्ते हुवे - गुड नाइट मेरा बच्चा
अभय फिर कमरे से बाहर निकल अदिति के कमरे मे जाने लगता है
आसा बिस्तर पे लेत अपने मन मे - मेरा लाल के आने से घर मे फिर खुसिया आ गई लेकिन मेरा विनय लाल बेटा होता तो ( आसा इमोसनल हो जाती है) लेकिन मेरा लाल आते ही सब को हसा ले रखता है ताकि हम सब भूल कर आगे बढे अपनी लाइफ खुशी से जिये रहे
आसा ये सोचते हुवे आखे बंद कर देती है
अभय सीधा अदिति के कमरे मे आता है तो देखता है अदिति नाइट गाउन मे बिस्तर पे बैठी हुई अभय का ही इंतज़ार कर रही थी

अदिति नये नाइट गाउन मे बहोत ही हॉट कयामत लग रही होती है अभय को आते देख अदिति खुश हो जाती है
अदिति जल्दी से खरी होके अभय के गले लग जाती है अभय भी अदिति को अपने बाहों मे भर लेता है

अभय - मेने अपनी गुरिया को जायदा इंतज़ार तो नही करवाया
अदिति - नही और मेरा भाई अपनी गुरिया को जयादा इंतज़ार करवा नही सकता मुझे मालूम है
अभय मुस्कुराते हुवे - सही कहा अगर मे कही फसा नही रहा तो कही पर भी रहुंगा मेरी गुरिया के एक बार बुलाने से मे तेरे सामने आ जायुगा
अदिति अभय को देख - मुझे पता है आप मुझे बहोत प्यार करते है
अभय - हा बहोत जायदा प्यार करता हु मे अपनी गुरिया से
अदिति अभय को देख - भाई चलो डांस करते है याद है ना आपने कहा था आप मेरे साथ भी डांस करोगे
अभय हस्ते हुवे- ठीक है बाबा चलो करते है
अभय की बात सुन अदिति बहोत खुश हो जाती है
अभय अदिति के एक हाथ की उंगली मे अपनी उंगली फसा के अदिति का एक हाथ पकर लेता है और अपना दूसरा हाथ अदिति के कमर को पकर लेता है अदिति भी अपने एक हाथ से अभय को पकर लेती है ( अभय चलो डांस करते है)

अभय खुद गाना गाने लगता है डांस करते हुवे अदिति को देख
जीने की तमना हो तुम मेरी जरूरत हो मेरे ख्याल से तुम बहोत खूबसूरत हो, मेरे ख्याल से तुम बहोत खूबसूरत हो
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अभय आना आते हुवे डांस कर रहा था अदिति भी लेकिन अदिति अभय को देख थोरा शर्मा भी रही थी लेकिन अंदर ही बहोत बहोत खुश भी थी 2 मिनट बाद डांस खतम होता है

अभय अदिति दोनो बिस्तर पे लेत जाते है अदिति अभय के सीने पे अपना सर रख लेत जाती है
अभय अदिति के सर को सेहलाते हुवे - गुरिया डांस कर के मजा आया
अदिति अभय को देख - भाई आपके साथ डांस कर इतना मजा आया बता नही सकती
अभय मुस्कुराते हुवे - मेरी गुरिया खुश है तो मे खुश हु
अदिति प्यार से अभय को देख - भाई मेरा दिल फिर करेगा डांस करने को तो आप करोगे ना
अभय अदिति को प्यार से देख - जरूर करुगा

अदिति खुश होते हुवे अभय के माथे पे किस करते हुवे
अदिति - आप मेरे दुनिया से सब से बेस्ट भाई है आई लोव यू

अभय अदिति के माथे पे किस करते हुवे - मेरी गुरिया भी सब से बेस्ट है पूरी दुनिया मे और खूबसूरत भी
बाते करते हुवे दोनो अदिति अभय के ऊपर ही सो जाती है अभय भी अदिति को बाहों मे लेके सो जाता है
( सुबह हो जाती है )
सुबह होने के बाद दिशा आसा उठ जाते है लेकिन अभय अदिति आराम से सोने मे लगे हुवे थे
आसा हल्का होने के बाद नहाती है कपड़े पेहन कर रेडी होती है फिर जाती है अदिति के कमरे मे अभय को जगाने आसा जब अंदर जाती है तो देखती है अदिति अभय दोनो एक दूसरे के बाहों मे समाये सो रहे होते है आसा दोनो को देख ऐसे सोता एक मुस्कुरा देती है

आसा अभय अदिति को देख मन मे - इतने बरे हो गये है लेकिन दोनो एक दूसरे से दूर रेहना नही चाहते है देखो कैसे एक दूसरे को बाहों मे पकरे सो रहे है उपर वाला मेरे दोनो बच्चो पे कृपा बनाये रहे
आसा अभय के पास जाके अभय के कान मे धीरे से उठ जा मेरे लाल
आसा की मोठी प्यारी आवाज सुन अभय अपनी आखे खोल आसा को देखते हुवे - मेरी प्यारी खूबसूरत हॉट मा गुड मोर्निंग

आसा अभय के होठो पे किस करते हुवे प्यार से अभय को देख
आसा- गुड मोर्निंग मेरे हैंडसम मेरे प्यारे दुलारे लाल चलो उठ जाओ और ( आसा अदिति को देख ) अपनी गुरिया को भी जगा दो
आसा फिर अपने काम करने लग जाती है अभय भी अदिति को देख प्यार से मन मे - कितनी खूबसूरत प्यार लग रही है सोते हुवे

अभय अदिति के माथे पे किस करते हुवे - मेरी प्यारी गुरिया उठ जा सुबह हो चुकी है

अभय की आवाज सुन अदिति अपनी आखे खोल अभय को देख
अदिति अभय के गाल पे किस करते हुवे - गुड मोर्निंग मेरे भाई
अभय दोनो भाई कमरे से बाहर आते है तो अदिति चुला जला रही थी खाना बनाने के लिये दिशा की नजर अभय अदिति पे जाती है
दिशा अभय अदिति को देख मुस्कुराते हुवे - देखो तो भाई की लाडली और मा का लाडला दोनो आखिर कर उठ ही गये
अदिति दिशा को देख मुस्कुराते हुवे - अरे देखो तो भाई के प्यारी भाभी जी तो हम सब से पेहले उठ गई है
दिशा अदिति को देख हस्ते हुवे - ननद रानी घर की बहू हु मेरी कुछ जिमेदारी है तो उसे निभाना ही पड़ेगा

अभय दिशा के पास जाके दिशा के गाल पे किस करते हुवे
अभय - गुड मोर्निंग मेरी प्यारी भाभी
दिशा अभय के गाल पे किस करते हुवे - गुड मोर्निंग मेरे प्यारे देवर जी
सब को गुड मोर्निंग बोलने के बाद अभय हल्का होकर आता है और अपने घर वाली सरक पे दोर् लगाना सुरु कर देता है अभय दोर् लगाते हुवे विजय के घर की तरफ ही निकल परता है 5 मिनट मे अभय विजय के घर पहुँच जाता है अभय अंदर आँगन मे जाता है तो कोमल खाना बनाने की तैयारी कर रही थी
अभय कोमल को देख - किया बनाने वाली हो कोमल आज
अभय की आवाज सुन हैरानी से कोमल पीछे मूर कर देखती है तो अभय को देख मुस्कुरा देती है
कोमल - तुम किया खाओगे बोलो वही बना दुगी
अभय हस्ते हुवे - जो तुम अपने हाथो से बना के खिला दो
कोमल हस्ते हुवे - अच्छा तो ठीक है जरूर खिलाऊँगी अपने हाथो का बना खाना
तभी कमरे से मिनीता बाहर आती है अभय की नजर मिनीता पे जाती है मिनीता नहाने के बाद रेडी होकर निकली थी सारी मे एकदम कयामत मत लग रही थी

बरे चुचे जो ब्लाउस मे कैद थे उसके उभार साफ दिखाई दे रहे थे और भरा हुवा बदन कमर और गेहरि ढोरी हाय किया सीन था लेकिन किस्मत से सामने अभय था जिसके दिमाग मे गंदे विचार आते ही नही पता नही अब तक आयेगे और आयेगे तब किया होगा
मिनीता की नजर अभय पे जाती है तो अभय को देख खुश होते हुवे
मिनीता अभय के पास आके - अरे अभय बेटा किया बात है सुबह सुबह मेरे घर तुम्हे देख बहोत खुशी हुई ऐसे ही रोज आते रेहना
अभय मिनीता देख मुस्कुराते हुवे - जरूर आते रहुंगा इसमें मेरा ही फायेदा है
मिनीता कंफ्यूज होके अभय को देख - तुम्हारा कैसा फायदा
अभय हस्ते हुवे - यही की आप का खूबसूरत प्यारा चेहरा रोज देखने के लिये मिलेगा दूसरी आप की किस्सी भी मिलेगी मीठी मीठी
अभय की बात सुन मिनीता जोर जोर से हसने लगती है
मिनीता हस्ते हुवे - अच्छा तो ये बात है अब समझी लेकिन किया तुम्हे मे सच मे खूबसूरत दिखती हु
अभय मिनीता को देख - अरे ये भी केहने की बात है हा आप बहोत खूबसूरत है
मिनीता अब थोरा शर्मा जाती है और अपनी तारीफ सुन अच्छा भी लगता है

मिनीता अभय के गाल पे किस करते हुवे - ये लो मेरी तरफ से मीठी किस्सी रोज आओगे तो रोज मिलेगी
अभय - जरूर ऑन्टी अब तो हमारा एक रिस्ता बन चुका है तो आता रहुंगा विजय तो मेरा छोटा भाई है
मिनीता अभय को गले लगाके इमोसनल होते हुवे
मिनीता - और तूने अपने बरे भाई होने का फर्ज़ अच्छे से निभाया है थैंक्स बेटा
अभय - अरे थैंक्स मत बोलिये आप को पता है ना
मिनीता अभय से अलग होके हस्ते हुवे - पता है बाबा अच्छे से पता है
अभय मुस्कुराते हुवे - विजय कहा है दिख नही रहा
मिनीता हस्ते हुवे - बुवा के साथ आराम से सोया हुवा है
अभय मुस्कुराते हुवे - लगता है बुआ दोनो मे बहोत प्यार है
मिनीता - बहोत प्यार है विजय बुआ को मा मानता है
अभय - समझ गया
कोमल अभय को देख - ओये अभय के बच्चे मेरी मा खूबसूरत लगी तो किया मे खूबसूरत नही हु हा बोल
अभय कोमल को देख मुस्कुराते हुवे - जब मा इतनी खूबसूरत है तो बेटी तो खूबसूरत होगी ही
अभय की बात सुन मिनीता के गालो पे फिर से सर्म की लाली आ जाती है
अभय कोमल मिनीता से - ठीक है मे जाता हु नहाना भी है
मिनीता कोमल - ठीक है आते रेहना
अभय - हा आते रहुंगा
अभय फिर अपने घर दोरते हुवे पहुँच जाता है और नहाने चला जाता है नहाने के बाद रेडी होकर आँगन मे आके बैठ जाता है और अदिति दिशा से बाते करने लगता है
( सुबह 10 बजे )
खाना खाने के बाद अभय एक बरा बैग लेता है जिसमे अभय ने अपनी दूसरी गुरिया यानी मधु के लिये कपड़े लिये थे अब जाने वाला था देने के लिये
अदिति अभय को देख - भाई मधु से हमे भी मिलवाना
अभय अदिति को देख - ठीक है गुरिया उसे लेकर आऊगा तब मिल लेना
अभय ने अपनी मा दिशा अदिति को सब बता दिया था मधु के बारे मे
अभय सभी को बोल निकल परता है बाइक से मधु के घर अभय मधु के घर आके बाइक रोक अंदर जाता आगन मे जाता है तो सामने का सीन देख अभय की आखे बरी हो जाती है दिल की धारकंन तेज हो जाती है अभय के अंदर एक तूफान उठ जाता है अभय के अंदर एक अजब लेहर दोरने लगती है अभय आज कुछ ऐसा देख रहा था जो उसने पेहले कभी नही देखा था
सामने मधु कपड़े बदल रही थी लेकिन पूरी नंगी थी ये और बरे टाइट खरे चुचे पतली कमर और चुत पे छोटे छोटे बाल मधु का हर अंग बॉडी की बनावट कयामत थी सिन भी बहोत कमाल का था अभय आखे फ़ारे मधु के नंगे बदन को देखे जा रहा था

ये अभय के लिये पेहली बार था जो अभय किसी को नँगा देख रहा था अभय के मन मे कभी गंदे विचार नही आये किसी को देख लेकिन सामने का सीन अलग था जो किसी के होस उदा दे अभय के भी होस उर गये थे अभय का 10 इंच लम्बा मोटा लंड आज पेहली बार किसी को देख अपने फुल ओकात मे आ चुका था आज पेहली बार अभय को एहसास हुवा वो एक जवान लरका है उसके सरीर को भी कुछ चाहिये अभय के अंदर हलचल हो रही थी जो अभय को बचैन् किये जा रही थी
तभी मधु की नजर अभय पे जाती है तो मधु चिलाते हुवे सर्म से लाल होते हुवे अभय को देख - भईया
फिर किया मधु भागते हुवे कमरे मे चली जाती है
मधु के चिलाने से अभय होस मे आता है
आज के लिये इतना ही


