• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Incest तू लौट के आजा मेरे लाल

Napster

Well-Known Member
6,719
17,648
188
chapter 5

जिन लोगो को नही पता बता दु एक दिन छोर रात 9 से 10 के बीच मे update देता हु यही मेरा टाइम है फिक्स



( पास्ट ) विनय के सादी के 15 दिन बाद

विनय दिशा को लेकर ससुराल जाता है पूजा अपनी बेहन को देख बहोत खुश हो जाती है और जाके गले मिलती है विनय अपनी सासु मा के पैर छु आशीर्वाद लेता है फिर फिर अंदर जाते है


विनय अपनी सासु मा के साथ बातें करने लगता है तो वही पूजा दिशा एक कमरे मे बैठ बातें करने मे लग जाते है दोनों आमने सामने बैठे हुवे थे

पूजा दिशा को देख
पूजा - दीदी आप कैसी है जीजा जी घर वाले सब कैसे है किया आपका वहा दिल लग तो रहा है ना आप वहा खुश तो है ना
दिशा अपनी बेहन की बात सुन पूजा को देख
दिशा - तुम्हारे जीजा बहोत अच्छे है और बहोत प्यार भी करते है मुझे सासु मा तो मुझे अपनी बेटी की तरह प्यार करती है ननद जी भी बहोत अच्छी है कहु तो सभी दिल के अच्छे और साफ है मुझे तो वहा सब के साथ रेह कर सुकून मिलता मे अपनी खुश किस्मती मानती हु की मे उनके घर की बहु बनी

अपनी दीदी की बात सुन पूजा दिशा को देख
पूजा - आपकी बातो से समझ आ रहा है सब बहोत अच्छे है मे आपके लिये बहोत खुश हु दीदी
दिशा पूजा को देख थोरा दुखी आवाज मे
दिशा - बस एक इंसान की कमी मुझे या सब को खलती है देवर जी का अगर वो होते तो घर और भी खुशहाल होता
पूजा को पता था अभय के बारे मे
पूजा - दीदी मुझे पता है अगर वो होते तो यकीन से केहती हु आपका प्यारा लाडला देख देवर होता और आपके आगे पीछे घूमता रेहता

पूजा ये केह हसने लगती है
दिशा पूजा की बात सुन हस देती है फिर पूजा को देख मुस्कुराते हुवे

दिशा - तुमने सही कहा मेरा लाडला देवर होता और मेरे आगे पीछे घूमता तो मुझे भी अच्छा लगता

पूजा दिशा देख मुस्कुराते हुवे
पूजा - अगर आपका लाडला आपके पीछे किसी और चीज को लेने के लिये परता तो आप किया करती हा

पूजा ये केह दिशा को मुस्कुराते हुवे देखने लगती है

दिशा पूजा को देख पूजा की बातो को समझने लगती है और जब दिशा को समझ मे आता है पूजा के केहने का मतलब तो दिशा पूजा के कान पकरते हुवे दिखावे वाले गुस्से मे पूजा को देख

दिशा - 18 की भी नही हुई है और तेरे दिमाग मे ये सब चलता है हा बोल लगता है तु भूल गई है मे तेरी बरी बेहन हु

पूजा दिशा के हाथ पकर अपनी कान को चुराते हुवे आह करते हुवे

पूजा - दीदी दीदी प्लेस दर्द हो रहा है छोर दीजिये ना मेने तो थोरी मस्ती की बस

दिशा पूजा के कान छोर देती है पूजा अपने कान को सेहलाते हुवे

पूजा - इतना जोर से कोन कान पकरता है
दिशा - गलत बोलेगी तो सजा तो मिलेगी ही

तभी कमरे मे विनय आता है तो दिशा पूजा विनय कि तरफ देखते है

विनय को को देखता है

विनय - लगता है दोनों बहनो मे बातें हो रही है
पूजा विनय को देख
पूजा - सही कहा जीजा जी आप बताइये आपकी बात हो गई मा से
विनय - हा हो गई अब आप बताइये साली जी आप कैसी है
विनय फिर जाके दिशा के पास बैठे जाता है
पूजा विनय को देख मुस्कुराते हुवे
पूजा - मस्त हु आपके सामने हु आप बताइये
विनय थोरा दुखी आवाज मे दिशा को देख
विनय - एक अच्छी खूबसूरत बीवी मिली जो मेने सोचा नही था लाइफ मे जो है जो मिला उसी मे बहोत खुश हु लेकिन फिर भी अभय के बिना हर खुशी हर पल फीकी पर जाती है

विनय की बात सुन दिशा पूजा भी दुखी हो जाते है
दिशा विनय के कंधे पे हाथ रखी है तो तो विनय होस मे आता है और दोनों को देख
विनय - माफ करना मे हर अच्छा पल बर्बाद कर देता हु
दिशा - आप ऐसा मत बोलिये हमे भी उनकी कमी खलती है

विनय सभी से बहोत सारी बातें करता है गाव घूमता है

( रात - 10 )

कमरे मे दिशा विनय बिस्तर पे लेते हुवे थे विनय दिशा को बहो मे लिये हुवे था दोनों के फेस आमने सामने थी दोनों एक दूसरे को देख बातें कर रहे थे

20 मिनट बाद

विनय दिशा को पूरा नँगा कर देता है और फिर खुद नँगा हो जाता है और दिशा के ऊपर आ जाता है विनय फिर दिशा के चुत मे लंड दाल देता है दिशा आह करती है विनय धक्के पे धक्का मारने लगता है

V53-Rjtozs-Tt-EVe-Pk-Trim-1752059432557
दिशा मजे से लेती सिसकिया लेने लगती है चुदाई का फूल मजा उठाने लगती है कमरे मे फच् फच् आह उह्ह् की आवाज गुज रही थी 9 मिनट बाद दोनों एक साथ झर जाते है

फिर दोनों एक दूसरे कि बहो मे सिमट कर सो जाते है

विनय 2 दिन अपने ससुराल रेहता है फिर दिशा और पूजा को लेके घर आ जाता है
असल मे पूजा आना चाहती थी तो दिशा न सिर्फ न दिन के लिये मानी कियुंकी दिशा नही चाहती थी मा अकेली रहे तो पूजा एक दिन रेह विनय छोर आयेगा

अपनी दीदी के ससुराल आने के बाद पूजा सब से मिलती है बातें करती है और पूजा को भी समझ मे आ जाता है सभी दिल के कितने अच्छे है

पूजा अदिति दोनों की बहोत बनने लगती है दोनों एक दूसरे से बहोत बातें करते है

दिन महीने गुजरने लगते है


( 3 महीने बाद )

घर मे फिर से मातम छाया हुवा था विनय अब इस दुनिया को अपनी मा बेहन बीवी सब को छोर उपर वाले के पास चला जाता है

( असल मे विनय को साप ने काट लिया था जब विनय हल्फा होने गया था होस्पिटल ले जाते जाते विनय दम तोर देता है और अपनो को इस दुनिया को छोर चला जाता है )

बता नही उपर वाला किया चाहता था आसा की लाइफ मे सुरु से खुसिया सायद लिखी ही नही थी पेहले अभय फिर विनय आसा ने अपने दोनों लाल को खो दिया तो जोकि आसा के किये ये बहोत बरा सदमा था

आँगन मे विनय की लास परी हुई थी और सीमा विनय के सीने पे सर रख फुट फुट कर रोये जा रही थी

दिशा विनय के लास पे पास घुटनों पे बैठी अपनी चुरिया हाथो को जमीन पे पटक तोरे जा रही और रोये जा रही थी

अदिति का हाल अपनी मा की तरह ही बहोत बुरा था अदिति अपने भाई की लास के पास बैठे फुट फुट कर रोये जा रही थी

आसा विनय के सीने पे हाथ रख विनय की लास को हिलाते हुवे

आसा - रोते हुवे विनय बेटा उठ ना देख मा से मजाक मत कर तु मुझे छोर कर कैसे जा सकता है मेने अभय को खोया है अब तु भी अपनी मा को छोर कर जायेगा हा बोल ना मेरे लाल तु सुन रहा है ना उठ जा ना अपनी मा की बात नही मानेगा

अदिति विनय के सीने से लिपट कर रोते हुवे

अदिति - भाई ऐसा मत कीजिये प्लेस अगर आप भी अपनी गुरिया को छोर कर चले जायेंगे तो मे किसको अपना भाई कहूगी मे किसके हाथ मस्ती करुगी कोन मुझे खतरों से बचायेगा मेरा ख्याल रखेगा

अदिति अपने भाई के चेहरे को को पकर देख

भाई प्लेस उठ जाइये ना आपकी गुरिया आप को पुकार रही है किया आप अपनी गुरिया की बात नही मानेंगे अगर आप मेरी बात मान नही उठे तो मे आपसे नाराज हो जाउंगी आपसे कभी बात नही करुगी भाई उठ जाओ ना प्लेस

अदिति विनय के सीने से लिपट फुट फुट कर रोये जा रही थी

दिशा विनय की सर के पास बैठी विनय के सर को सेहलाते हुवे रोते हुवे विनय के चेहरे को देख

दिशा - मेने उपर वाले से जैसा पति मांगा था आप उसने कई अच्छे थे मुझे यकीन नही हो रहा था की मुझे आप जैसा नेक दिल पति मिला मा जैसी सास मिली भी बेहन जैसी ननद मेने इतना मांगा था ऊपर वाले से मुझे उससे कही अधिक मेला मुझे एक अच्छा परिवार मिला लेकिन कियु लेकिन कियु उपर वाले तूने हमारे साथ ऐसा कियु किया घर मे एक यही थे देवर जी के जाने के बाद फिर कियु तुम्हे हमारे उपर तरस नही आता हमे और कितना दर्द दुख देगा उपर वाले जवाब दे मुझे जवाब से मुझे

दिशा भी विनय के सीने पे सर रख रोने लगती है

गाव के पास पास के कई लोग आके अंदर का सीन देख कर जा रहे थे जो भी अंदर का सीन देखता सबकी आखो से आसु निकल आते

पूजा अपनी मा के साथ भागते हुवे आती है और जब अंदर का सीन देखती है तो पूजा के भी पैर काप जाते है

पूजा विनय के पास जाके विनय के सीने का पकर जोर जोर से रोने लगती है तो वही तारा जाके अपनी बेटी दिशा और बाकी सभी को संभालने लगती है

तारा के आखो से भी आसु बहे जा रहे थे तारा बहोत खुश थी ये जान की उसका दामाद और असुरल वाले बहोत अच्छे और दिशा को एक अच्छा परिवार मिला है लेकिन अब सामने का मंजर देख तारा का भी दिल रो रहा था

1 घंटे तक आसा अदिति दिशा विनय को सीने से लगाये रोते रहे लेकिन अंतिम संस्कार तो करना था ना

आसा के परोसी मे से कुछ लोग आगे आके विनय को ले जाते है फिर विनय का अंतिम संस्कार कर दिया जाता है

आज का दिन भी आसा और सभी के लिये काला दिन था

2 दिन तक घर मे रोना धोना होते रेहता है ना को खाना खाना है ना कोई अपने आप पर ध्यान दे रहा था

पूजा तारा भी रुक गई थी घर की सभी की हालत देख

पूजा तारा एक कमरे मे बैठे हुवे थे तारा पूजा को देख

तारा - पूजा बेटी पता नही किस की नजर लग गई है इस घर मे अभी जो हालत है सभी का ऐसे ही चलता रहा तो बहोत बुरा हो सकता है

पूजा आखो मे आसु लिये

पूजा - तो मा हम किया करे बोलिये
तारा - मे जाके दिशा बेटी को समझाती हु तुम जाके अदिति को सांझाओ
पूजा - ठीक है मा मे कोसिस करती हु
तारा - कोसिस नही करना ही होगा नही तो
पूजा - समझ गई मा मे जाती हु

पूजा अदिति के पास तारा दिशा के पास चली जाती है

आसा अपने कमरे मे फुट फुट कर रोये जा रही थी

पूजा अदिति के पास जाती है अदिति बिस्तर पे लेती तकिये को पकरे सीने मे दबाये रोये जा रही थी पूजा अदिति के पास जाते बैठ जाती है

पूजा - अदिति मुझे पता है तुम्हे कितना दर्द हो रहा होगा तुमने अपने दोनों भाई को खो दिया और जो दर्द तुम सेह रही हो उसका अंदाज़ा सायद मुझे भी नही है लेकिन मुझे इतना पता है अपनो के खोने का दर्द बहोत बरा होता है

पूजा अदिति को देखती है जो रोये जा रही थी आसु बहाये जा रही थी

पूजा - देखो अदिति किसी अपने के जाने से जिंदगी जिंदगी जीना मुश्किल हो जाता है लेकिन जीना परता है तुम्हे भी जीना पड़ेगा खुद के लिये और खास कर अपनी मा के लिये अगर तुम ऐसे ही कमजोर परती रही और अपनी मा को नही संभाला तो तुम उन्हें भी खो दोगी

मा के खोने की बात सुन अदिति का रोना एकदम से बंद हो जाता है और अदिति पूजा को देखने लगती है

पूजा अदिति को देख

पूजा - हा अदिति तुम्हे अपनी मा के लिये अपने आप को संभालना होगा और खुद को भी


अदिति को पूजा की बात अच्छे से समझ मे आ जाती है पूजा उसे किया समझाना चाहती हो

तारा भी दिशा को अच्छे से समझा देती है फिर दिशा अदिति आसा को संभालने लगते है


( 1 साल बाद )

पूजा तारा के समझाने की वजह से दिशा अदिति ने समय रेहते आसा को संभाल लिया एक साल हो गये थे

आसा दिशा अदिति सभी की जिंदगी और भी दुखत हो चुकी थी जिंदगी मे कोई रंग नही था बस आसा अदिति के लिये जि रही थी अदिति अपनी मा के लिये और दिशा दोनों के किये

जिंदगी जीना था जी रहे थे पर खुसिया घर से सब से कोसो दूर थी

अदिति विनय के जाने के बाद के एक महीने बाद फिर से अपनी पढाई मे जोरों सोरों से लग जाती है

अदिति के ऊपर एक जिमेदारी आ गई थी अदिति को पता था अब उसके दोनों भाई नही रहे और एक दिन उसकी मा उसकी भी सादी करा देगी लेकिन अदिति चाहती थी की पढ लिख कर कोई नौकरी करे ताकि अपने दम पर वो अपनी मा को थोरा अच्छी लाइफ दे सके

घर मे अदिति दिशा मस्ती मजाक करते रेहते थे लेकिन सिर्फ आसा के लिये ताकि आसा को थोरा अच्छा फिल करा सके लेकिन आसा को भी सच पता था

सच ये था की हर रात सब अपने कमरे मे रोया करते थे

( विनय के जाने के 1 महीने पेहले ) साम 8 बजे

दिशा आँगन मे खाना बनाने मे लगी हुई थी तभी आसा पास मे रखी कटिया पे जाके बैठ जाती है दिशा भी अपनी सासु मा को देखती है
आसा दिशा को देख

आसा - आखो मे आसु लिये मेने अपने दोनों करेजे के टुकरे को खो दिया है उपर वाले न मेरे दोनों लाल को मुझसे छीन लिया लेकिन बहु तुम जवान हो सादी के तीन महीने बाद ही तुम विधवा हो गई अकेले जिंदगी नही जी जाती बहु एक औरत की लाइफ मे एक मर्द का होना बहोत जरूरी है और ये मुझसे अच्छा कोई नही समझ सकता इस लिये तुम अब दूसरी सादी कर लो

दिशा सब्ज़ी काट रही थी आसा की बात सुन दिशा आखो मे आसु लिये आसा को देखती है

दिशा - मम्मी जी आप मुझे जाने के लिये कहेगी तो में चली जाउंगी लेकिन मे जाना नही चाहती मुझे उनसे प्यार था मुझे आप से ननद जी से भी इस घर से भी है तो मे इस घर को छोर कही नही जाउंगी यही मेरा घर है मुझे आप की सेवा करनी है मे जानती हु एक औरत की लाइफ मे एक मर्द का होना बहोत जरूरी है लेकिन मुझे दूसरी सादी नही करनी मुझे आपके साथ रेहना आप का पूरी लाइफ ख्याल रखना है

आसा रोते हुवे आसा को देख

आसा - बेटा लेकिन तुम समझ रही रही हो तुम्हारे पास पूरी जिंदगी परी हुई है

दिशा - रोते हुवे पता है लेकिन मुझे आप के साथ रेहना है इस घर मे रेहना है

बस आसा ने बहोत समझाया लेकिन दिशा नही मानी और दूसरी सादी नही कि ना आसा अदिति घर को छोर कर गई


( अदिति अब 17 साल की हो चुकी थी )

( अभय 18 साल का हो चुका था )


( DP DEVIL 👹 )

3 साल अभय dp devil के कैद मे रेह कर ट्रेनिंग करता रहा आखिर कर आज अभय विजय जीत जीतू की ट्रेनिंग पूरी हो जाती है उसी के साथ सभी टेस्ट पार कर टॉप 1 मे आ जाते है

सीधे सीधे कहु तो वहा कोई नही था जो अभय की टीम को टक्कर दे सके अभय जैसा चाहता था वैसा ही हुवा dp devil की नजर मे अभय आ हि गया


( 4 महीने बाद ) रात 9 बजे

कमरे मे अभय अपने दोस्तो के साथ आमने सामने घेरा बना के बैठे हुवे थे आज सभी बहोत खुश थे कियुंकी अभय की टीम को मिसन मिला था

मिसन था एक अमीर बिजनसमैन को मारना जिसका नाम - पवार सिंह 55 साल का

अभय सभी के बीच उसी बंदे की कुंडली रखी हुई थी और सभी वही देख रहे थे

विजय पवार सिंह की फोटो को देखते हुवे अभय से

विनय - बॉस किया हम सच मे इस बेकसूर हो मारने वाले है
जीत अभय से

जीत - बॉस विनय भाई सही केह रहे है किया हम सच मे अपना हाथ किसी बेकसूर को मार खून से रंगने वाले है
जीतू - किया हम पवार को मार उसके अपने को दर्द देने वाले है

अभय पवार की फाइल पढ़ रहा था साथ मे सभी की बातें भी सुन रहा था अभय सभी को देख

अभय - मुझे ये बताओ हम यहा कियु है हमे ट्रेनिंग कियु दी गई है देखो हम यहा से भागने वाले है लेकिन ऐसा नही होता तो हमे जिंदा रहने के लिये मिसन करना ही परता या हम ना कर खुद को मार देते यही दो रास्ते होते हमारे पास लेकिन हमे यहा नही रेहना है यहा से भाग कर अपने घर अपने लोगो के पास जाना है तो एक रास्ता हमारे पास है

अभय की बात सुन सभी हैरान से अभय को देख एक साथ - वो किया है बॉस

अभय तीनों को देख

अभय - हम पवार को नही मारेगे उसे जिंदा छोर देगे और उसे कहेगे कही दूर चला जाये और गायब हो जाये जब तक dp devil का काम खतम नही हो जाता

जीत हैरानी से अभय को देख

जीत - लेकिन भाई हमे dp devil को सबूत भी तो देना परता है

अभय सभी को देख मुस्कुराते हुवे - उसका भी प्लान है मेरे पास अब सो जाओ सुबह मिसन पे जाना है

जीतू विजय जीत - यस बॉस

फिर सभी अपने अपने बिस्तर पे जाके लेत जाते है अभय बिस्तर पे लेता हुवा अपनी मा बेहन भाई के बारे मे सोच आखे बंद कर देता है

( सुबह 10 बजे ) dp devil के ऑफिस मे

अभय जीतू जीत विनय चारों पूरी तरह से तैयार खरे थे dp devil अपनी कुर्सी पे इसटाइल् मे अपने चेहरे पे मास्क लगाये बैठा अभय और सभी को देखे जा रहा था.

गोपाल आके अभय जीत जीतू विजय के शरीर मे जेहर दाल देता है और गर्दन के पीछे ट्रेक डिवाइस भी अंदर दाल देता है फिर साइड मे जाके खरा हो जाता है

dp devil - अभय की टीम को देख मुस्कुराते हुवे यकीन नही हो रहा नये नये आये तुम बच्चे सभी को पीछे छोर टॉप 1 पे आ गये मे तुम सब से बहोत खुश हुवा

dp devil अभय को देख मुस्कुराते हुवे

dp devil - तुम तुम्हारा नाम अभय है ना

अभय सभी dp devil के सामने सर झुकाये खरे हुवे थे
अभय dp devil की बात सुन नजरे नीचे किये ही
अभय - जी आप ने सही कहा मेरा नाम अभय है
dp devil - मुझे पता है तुम्हारे बारे मे तुम्हारी टीम टॉप 1 पे है लेकिन तुम भी सब से टॉप 1 पे हो मेने देखा तुमने अकेले ही टॉप 5 के लोगो एक साथ अकेले ही हरा दिया मुझे लगता है तुम आराम से अकेले 10 टॉप ट्रेंड असेसन् को हरा सकते हो तुम मे बहोत काबिलियत है बहोत खूब अगर ये मिसन् अच्छे से कर लोगो को तुम सब को बरा इनाम दिया जायेगा और रेहने के लिये अच्छा कमरा खाना पीना सब कुछ और आगे भी मिसन मिलते रहेगे

अभय जीतू विनय जीत एक साथ जोर से - हम जरूर अपना मिसन पूरा कर के आयेगे

dp devil- मुस्कुराते हुवे बहोत खुश

dp devil फिर दो लोगो को बुलाता है दोनों ने भी मास्क पेहना था हाथो मे गन भी थे

dp devil दोनों को देख - इन लोगो को छोर आओ बाहर

दोनों गार्ड अभय सभी को लेकर जाने लगता है दोनों आगे आगे अभय सब पीछे पीछे चल रहे थे

पेहला गेट आता है गार्ड पासवर्ड दाल खोलते है फिर दूसरा फिर तीसरा तब जाके दिपु बाहर आते है अभय जीतू जीत विनय सभी हैरान थे और मन मे यही सोच रहे थे कोई भी इंतनी टाइट सिक्योरेटि से बाहर कभी निकल हि नही सकता है

गार्ड 1 अभय सभी ये आगे बाइक को दिखाते हुवे वो बाइक से तुम दोनों को ये जंगल पार करना है
गार्ड 2 - अभय को रास्ता का नक्सा तो एक छोटे से दिवाइस मे था देते हुवे ये तुम लोगो को रास्ता बतायेगा कैसे इस जंगल से बाहर जाना है

अभय दिवाइस लेते हुवे - जी समझ गया
गार्ड - ठीक है जाओ और अपना मिसन कर के आओ

फिर दोनों गार्ड अंदर चले जाते है

अभय दो कदम आगे जाता है और सामने देखता है तो दूर दूर से बरे बरे जंगल थे अभय फिर पीछे सभी को देख कर

अभय - रेडी हो तुम सब
तीनों - यस बॉस

अभय को बॉस इस लिये जीत जीतू विजय कहते है कियुंकी अभय टीम का कप्तान है नही ब्लकि अभय की वजह से ही आज तीनों टॉप पे आ पाये है अभय ने सब की बहोत मदद कि कई बार दुसरे टीम से भी बचाया अभय दिमाग और ताकत मे सब से आगे था इसी लिये जीत जीतू विजय पुरे दिल से अभय को बॉस मानने लगे

अभय बाइक पे बैठ जाता पीछे विजय दूसरी बाइक पे जीतू और साथ पीछे जीतू बैठ जाते है

अभय पीछे देख विजय को दिवाइस देते हुवे

अभय - विजय तुम मुझे रास्ता बताते रेहना किस तरफ जाना है
विजय - यस बॉस समझ गया

जीत बाइक अभय के सामने रोक देता है अभय जीत जीतू को देख
अभय - तुम दोनों मेरी पीछे साथ मे रेहना और हा रास्ते मे जितने मोर आयेगे वहा मे निसान लगाते जाना समझ गये

जीत जीतू - यस बॉस समझ गये

अभय बाइक चालू करते हुवे आगे देख

अभय - कियुंकी ये जंगल बहोत बरा घना है जब हम मिसन कर आयेगे तो हमसे रास्ते वाला दिवाइस ले लिया जायेगा तो फिर जब हम यहा से भागेगे तो उसके बिना जंगल से बाहर नही निकल पायेंगे लेकिन हम अभी निसान लगा देगे किस मोर पे कहा जाना है तू हम आराम से जंगल से निकल पायेंगे

विजय जीत जीतू - समझ गये बॉस

अभय - चलो फिर

अभय फिर तेजी से जंगल मे पतले रास्ते से उभर खाबर् गढ़े से होते हुवे जाने लगता है अभय के पीछे हि जीतू था और अभय से जैसा कहा था कोई मोर आता जीतू जल्दी से बाइक रोक देता और जीत जाके पेर पे छुपा के ताकि कोई देख ना सके निसान लगा देता

अभय को कैसे भी मिसन पूरा कर के कल साम तक आना था नही तो सब मारे जायेंगे

10 बजे से जंगल मे गये जंगल से बाहर आने मे अभय को साम हो जाती है हा पूरा दिन लग जाता है बिना रुके तक जाके सभी के एंड पे पहुँच पाये थे

अभय बाइक रोक सभी को आराम करने के लिये केहता है बस यहा से सेहर कुछ दूरी पे था कियुंकी बरी बिल्डिंग अभय सभी को साफ दिख रही थी

सभी बैठे हुवे खुले हवा का मजा ले रहे थे सभी को आजादी वाली फीलिंग आ रही थी

विजय अभय को देख
विजय - बॉस वो साला dp devil कमीना उसे पता था हमे जंगल से बाहर आने मे साम हो जायेगी फिर रात को हम मिसन करेगे फिर सुबह ही वापस साम तक लोटेगे साले ने एक दिन भी ज्यादा नही दिया

जीत विजय की बात सुन अभय को देख

जीत - सही कहा विजय ने बॉस वो कमीना बहोत चालाक तेज है

अभय तो बिल्डिंग को देख आजादी वाली फीलिंग ले रहा था और दोनों की बातें सुन दोनों को देख

अभय - अबे पागल कमीनो अगर वो इतना चालाक तेज नही होता तो किया आज तक जो सभी लोगो से बच कर रेह पाता किया आज वो अभी तक इतना बरा धंधा खोल उसका बॉस बना परा है बन पाता कभी दिमाग का भी इस्त्माल कर लिया करो

जीतू अभय की बात सुन हस्ते हुवे

जीतू - आपने सही कहा बॉस इस दोनों के पास कोई दिमाग ही नही है

विजय जीत दोनों घूर के जीतू को देखने लगते ही

अभय बिल्डिंग को देखते हुवे जीतू से - तुम्हारे पास भी कौन सा दिमाग है

अभय की बात सुन जीतू का मुह बन जाता है तो वही विजय जीत जीतू को देख हसने लगते है


( परजेंट )

ट्रेन कुछ मिनट मे अपने आखरी मंजिल पे पहुँचने वाला था और बाकी बच्चे यात्री भी


अभय खरा होके अपना बैग कंधे पे रख गेट के पास आके खरा हो जाता है और बाहर देखते हुवे अपनी मा बेहन भाई के बारे मे सोचने लगता है

अभय - मे आ गया मा भाई गुरिया बस 40 मिनट बाद मे आपके पास आपके आखो की सामने रहुंगा

पायल जो सीट पे बैठी थी अभय को जाते देख लिया था पायल एक नजर मा पापा को देखती है फिर धीरे से खरा होके अभय के पास जाके पीछे खरी हो जाती है

अभय पीछे देखता है तो पायल अपना बतिसी दिखाते हुवे खरी थी

अभय पायल को देख

अभय - तुम मेरा पीछा छोरोगी या नही एकदम जोक की तरह चिपक रही हो यार तुम

पायल अभय से पूरा सत् कर अभय कि आखो मे देख

पायल - मेरे राजा अपने मेरे खजाने को पकरा है मजे लिये है तो कैसे मे आप का पीछा छोर दु सादी तो आपको मुझसे करनी ही होगी

अभय पायल को देख

अभय - मेरा इरादा वैसा कुछ करने का नही था समझी
पायल अभय के और करीब सत् के अपने गुलाबी होठ अभय के होठ के पास लाके

पायल - जो भी है आपने मेरे खजाने को छु कर अंदर की आग को भरका दिया है जिसे आपको ही ठंडा करना होगा समझ गये मेरे राजा


तभी ट्रेन धीमा होता है और अपनी मंजिल पे रुक जाता है

अभय पायल बाहर देखते है

पायल जल्दी से अभय को देख

पायल - जल्दी से मुझे आप अपना मोबाइल दीजिये
अभय - नही दुगा
पायल अभय को देख
पायल - नही देगे तो मे चिल्ला चिल्ला के सब को बता दुगी आपने मेरे खजाने को पकरा था

अभय डर जाता है और जल्दी मोबाइल निकाल पायल को देते हुवे
अभय - तुम सच मे लरकी ही हो ना
पायल अभय का फोन लेते हुवे अपना नंबर डाइल करते हुवे
पायल - कियु आपने मेरा खजाना छूके पकर के भी मुझसे ये पूछ रहे है की मे लरकी नही हु

पायल अभय को फोन देते हुवे अभय को देख
पायल - किया आपको मेरे बरे बरे संतरे दिखाई नही दे रहे या फिर दिखा दु यकीन हो जायेगा

अभय पायल को देख
अभय - तुम लरकी हो लेकिन एक नंबर हि गुण्डी हो

अभय फिर नीचे उतर स्टेशन से बाहर जाने लगता है

पायल अभय को जाते देख
पायल - मे गुण्डी हु तो आप मेरे गुण्डे है मेरे राजा

पायल फिर अभय का नंबर ले लिया था तो पायल मेरा राजा नाम से सेब कर लेती है

पायल - मेरे राजा आप मेरे पास वाले गाव मे ही रेहते है तो मे आपको ढूढ़ ही लुगी बस मेरा इंतज़ार करना

अभय स्टेशन से बाहर आता है तो बहोत सारे रिस्का वाले खरे चिल्ला रहे थे यहा जायेगी ये रिस्का वहा जायेगी

अभय को अपने गाव का नाम सुनाई देता है अभय देखता है एक रिस्का वाला आवाजे लगाये जा रहा था

अभय जाके उस रिस्का मे बैठ जाता है 10 मिनट बाद रिस्का फूल हो जाता है और रिस्का लालपूर निकल परता है

अभय आगे बैठा बाहर देख रहा था अभी अभय बहोत खुश था चेहरे पे खुशी साफ दिख रही थी और खुश भी कियु ना हो आज 4 साल बाद नर्क से अपने आप को बचा के निकल अपने घर अपनी मा भाई बेहन के पास जा रहा था


( पास्ट ) रात 10 बजे

अभय अपने दोस्तो के साथ मिसन कर वापस आ गया था और सभी कमरे मे बैठे बातें कर रहे थे

विजय अभय को देख

विजय - भाई किया दिमाग लगाया है आप ने हमने पवार को मारा भी नही और नकली सबूत लेकर dp devil को दे दिया और उसको पता भी नही चला

जीत - सचमे बॉस आप कमाल हो आप नही होते तो हमारा किया होता बता नही

जीतू - इसी लिये तो अभय भाई हमारे बॉस है

अभय - मुस्कुराते हुवे बस अब हमे एक मिसन और मिल जाये फिर हम यहा से निकल जायेंगे अपने लोगो के पास

असल से अभय ने पवार को नही मारा बल्कि उसको सचाई बता दी और उसे कुछ दिनों महीनों के लिये चुप कर रेहने को कहा

लेकिन उससे पेहले अभय से पवार से इटिंग करवाई अभय पवार को बिस्तर पे लेता कर जानवर का चामरा चिपका देता हो फिर गले पे जानवर का खून दाल देता अब देखने मे लग रहा था पवार मारा गया है अभय फिर फोटो सबूत के लिये खिच देता है

अभय पवार से

अभय - देखिये छुपने से काम नही चलेगा वो कमीना न्यूज़ पे नजर रखता है इस लिये आप अपने कुछ लोगो को केह चारों तरफ झूठा न्यूज़ फैलवा दीजिये की आप मर गये और अपने घर वालो को समझा दीजियेगा कैसे लोगो के सामने नाटक करना है दिखाना है और कोई आपका फेक अंतिम संस्कार जल्दी हि करवा देना नही तो आप तो मरेगे ही हम भी मारे जायेंगे फिर उसके बाद सभी के नजर मे मत आना जब तक वो कमीना मारा नही जाता

पवार अभय को देख

पवार - तुम लोगो से मेरे लिये इतना सब किया ही अपनी जान जोखिम मे दाल के ये एहसास मे कभी नही भुलुगा कभी भी किसी भी चीज या मदद कि जरूरत परे बिना झिझक चले आना

तो यही हुवा था


( 7 महीने बाद ) अब पुरे चार साल बाद

( अभय अब 19 पार कर चुका था )

अभय को मिसन मिल हि जाता है असल मे मिसन बहोत थे लेकिन दूसरे टीम को डे दिया जाता था वो की जायदा खतरा वाला मिसन नही होता था इस लिये अभय की टीम तो नंबर 1 थी तो मिसन भी इतना बरा हि मिलता

अभय मिसन के लिये रेडी था या कहे भागने के लिये रात को ही अभय ने जो पैसा सोना था बराबर बराबर कर बैग मे रखवा लिया था किस्मत भी रही की किसी को सक नही हुवा और सही सलामत बाहर निकल आये

बाहर आते ही अभय तीनों को देखता है तीनों अभय को फिर सभी मुस्कुराते है और बिना देरी किये बाइक पे बैठ तेजी से जंगल से निकल परते है

अभय जीतू जीत विजय थोरी दूर गये ही थे की एक जोर दार धमाका सभी को सुनाई देता है पीछे

अभय सभी जल्दी बाइक रोक पीछे देखते है तो अभय सभी को आसमान मे धुवा ही दिखाई दे रहा था लेकिन अभय समझ जाता है किया हुवा है

अभय की आखो मे आसु आ जाते है बाकी सब की भी

अभय तीनों को देख

अभय - चलो हमे रुकना नही है

अभय फिर तेजी से आगे निकल परता है

असल मे गोपाल ने dp devil के ऑफिस में बहोत पेहले चोरी छुपे रिबोट बम लगा दिया था अभय सभी के बाहर जाते ही गोपाल रिबोट दबा देता है और अपने साथ dp devil को भी लेकर चला जाता है गोपाल जीना नही चाहता था अपने परिवार के पास जा भी नही सकता था तो बस यही एक रास्ता बचा था गोपाल के पास


बाकी जितने बच्चे थे उन्हे कुछ नही हुवा था बस dp devil का ऑफिस मे ही धमाका हुवा था और हर तरफ लोग भागने लगते है


( साम 8 बजे )

अभय सेहर पहुँच फोन बूथ से इंस्पेक्टर नितिका को फोन कर सब बताने लगता है ताकि जितनी जल्दी हो सके dp devil के बचे लोगो को पकर लिया जाये


नितिका - फोन पे - मे तुम्हारी बातो पी कैसे यकीन करू
अभय - आपको यकीन करना होगा मेडम बाकी आप की मर्ज़ी और हा मेरे पास सबूत भी है लेकिन वो मे आगे कुछ दिन बाद आपके पास बहुचवा दुगा यकीन कीजिये

नितिका - ठीक है मे यकीन करती हु

फोन कट

अभय जीतू जीत विजय को देखता है तो तीनों अभय को गले लगा लेते है तीनों अभय की वजह से हि आज dp devil के कैद से आजाद हो पाये थे

जीतू अभय को देख
जीतू - बॉस आप को हम कभी नही भुलेगे आप हमारे बॉस थे रहेगे आप की वजह से आज हम अपने घर जा पायेंगे अपनो से मिल पायेंगे

जीत अभय को देख

जीत - हा बॉस अगर आप नही होते तो सायद हमे मरते दम तक उसी नर्क मे रेहना परता आप का ये एहसास कभी नह भुलेगे

विजय - आप तो मेरे लिये बरे भाई जैसे है और आपने मेरा पूरा ख्याल रखा और आज हमे बाहर भी निकला

जीत जीतू विजय - आप कभी भी हमे याद करेगे एक आवाज मे हम आपके सामने होगे बॉस

अभय तीनों को देख मुस्कुराते हुवे

अभय - तुम तीनों की बिना मे भी कुछ कर नही पाता मेरे दोस्तो खैर हमे कुछ दिन रुक कर किसी ऐसे वक्ति को धुधना होगा जिसको हम सोना बेच सके

जीतू जीत विजय - समझ गये बॉस

10 दिन लगते है अभय को इस सब मे अभय सोने को बेच देता है और सभी अपना खाता atm सब कुछ खुलवा लेते है फिर अभय सभी को अपना हिस्सा दे देता है और अपना उसी के साथ गोपाल का हिस्सा अपने खाते मे जमा करवा लेता है


( 11 वे दिन सुबह ) 9 बजे

अभय सभी घर जाने के लिये रेडी थे अभय ने टिकट निकलवा लिया था अभय जीतू जीत को देख

ठीक है सब हो गया है याद रखना पुलिस को पता लग ही जायेगा फिर वो तुम दोनों को बुला की पूछ ताछ जरूर करेगे लेकिन मेने जितना बताया है उतना ही की केहना है समझ गये तुम दोनों

जीत जीतू एक साथ - समझ गये बॉस आप चिंता मत कीजिये

अभय फिर विजय को देख
अभय - विजय के टकले पे मारते हुवे और तुम बेवकूफ मेरे साथ चलने के लिये कहा था लेकिन तुम्हे मजे करते हुवे बुवा के घर होते हुवे आना है पता भी है जब मे घर पहुँचूगा तो तेरी मा मेरा दिमाग खा जायेगी

विजय - अभय को मस्का मारते हुवे बॉस प्लेस मा को आप संभाल लेना ने अगले ही दिन घर आ जाउंगा

अभय - ठीक है अगले दिन घर नही पहुचा तो तेरी खैर नही समझा
विजय - समझ गया बॉस मा कसम अगले दिन आ जाउंगा
अभय - ठीक है फिर
अभय फिर सभी से गले मिलता है और अभय जीत जीतू को देख

अभय - मे जा रहा हु जैसे ही सारे मामले सांत होगे हम फिर मिलेंगे
जीत जीतू - इंतज़ार रहेगा बॉस उस पल का

अभय - मुस्कुराते हुवे बाय बोल रेलवे स्टेशन की तरफ निकल परता है

जीतू जीत विजय अभय को जाते देख - कसम से बॉस कमाल के बंद है तेज दिमाग उतना की ताकतवर ऐसे हि नहीं हमारे बॉस है

अभय PBA रेलवे स्टेशन प्लेटफार्म नंबर 2 पे ssa जाने वाली ट्रेन मे खिरकी वाली सीट जोकि अभय की थी बैठ जाता है और बाहर की तरफ देखने लगता है

बार बार अनाउसमेंट हो रही थी pba ट्रेन 10 मिनट मे ssa के लिये रवाना होगी 10 मिनट बाद ट्रेन खुल जाती है और ट्रेन अपनी मंजिल की तरफ निकल परता है

( पास्ट ) यही पे खतम होता है

------++++


( परजेंट )


रिस्का अभय की घर के आप आके रुकती है अभय नीचे उतर रिक्से वाले को पैसा देता है और रिस्का वाला चला जाता है

अभय अभी मैन रोड पे खरा था अभय अपने घर की तरफ देखता है तो दिपु को वही जगह दिखाई देती है यहा से उसे किंडनेप कर लिया गया था अभय को वो पल याद आने लगते है

अभय आगे थोरा देखता है तो अभय को अपना घर दिखाई दे रहा था अभय अपना कदम आगे बढ़ाता है और अपने घर जाने लगता है


आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏🙏🙏
बहुत ही शानदार लाजवाब और रोमांचक अपडेट है भाई मजा आ गया
 
  • Like
Reactions: ckkhandu

Napster

Well-Known Member
6,719
17,648
188
chapter 6

अभय अपने गाव अपने घर के कुछ हि दूरी पे था

अभय अपना कदम आगे अपने घर की तरफ बढ़ाता है दिल मे बेचैनी हलचल खुशी एक साथ हो रही थी अभय चलते जा रहा था तभी वो रुक जाता है

अभय उस जगह पे रुका था जिस जगह से उसे किंडनैप किया गया था अभय उस जगह को गौर से देखता है फिर आगे बढ़ने लगता हैं

अभय अपने चारों तरफ देखते हुवे चल रहा था अपने गाव परोसी सभी को देख पुरानी यादे ताजा करते हुवे

आखिर कार अभय अपने घर के बाहर खरा था अपने घर को देखने लगता है अभय अपने घर को देख उसके आखो से आसु निकल परते है

अभय - मे आ गया मा भाई गुरिया

अभय अपने आसु साफ कर अंदर जाता है अभय जब आगन मे जाता है तो अभय को कोई दिखाई नही देता

सुबह के 11 बज रहे थे

अभय आगन मे बैग लिये खरा चारों तरफ देखने लगता है सब जैसा का तैसा था अभय को फिर पुरानी यादे आने लगती है

तभी एक कमरे से दिशा बाहर निकल के आती है दिशा की नजर अभय पे जाती है जिसे देख दिशा जहा के ताहा रुक जाती है और अभय को उपर से नीचे तक देखने लगती है दिशा ने घुघट् डाला हुवा था लेकिन फिर भी अभय को साफ देख पा रही थी

images
दिशा अभय को देखते हुवे मन मे
दिशा- ये हैंडसम लरका कोन है और बिना किसी के इज़ाज़त के अंदर कैसे आ गया

images-2
अभय की नजर भी दिशा पे जाती है अभय दिशा को नही जानता था ना चेहरा दिखाई दे रहा था अभय दिशा को उपर से नीचे तक देखता है
अभय दिशा को देखते हुवे मन मे
अभय - ये कोन है चेहरा दिख नही रहा लेकिन ये मेरी बेहन तो नही है और मा तो हो ही नही सकती ये तो बहोत जवान खूबसूरत लग रही है
अभय दिशा को देखने लगता है दिशा अभय को

दिशा अभय के पास आके अभय को देख

दिशा - आप कोन है और बिना किसी इज़ाज़त के घर के अंदर कैसे आये

अभय दिशा के चेहरे को देखने की कोसिस कर रहा था लेकिन दिशा ने घुघट् डाला हुवा था तो दिशा अभय को देख पा रही थी लेकिन अभय नही देख पा रहा था अभय दिशा की आवाज सुन मन मे

अभय - कितनी मीठी प्यारी आवाज है कोयल की जैसे
दिशा अभय को सोचते देख
दिशा - मेने पूछा आप कोन है और घर के अंदर कैसे आये
अभय होस मे आते हुवे दिशा को देख

अभय - आपने जो कहा सही कहा कहा किसी के घर मे ऐसे ही बिना पूछे बिना इज़ाज़त के नही जाना चाहिये

दिशा अभय की आवाज सुन अभय को देख मन मे
दिशा - कितनी प्यारी अच्छी आवाज है
तभी अभय दिशा को देख
अभय - लेकिन ये मेरा घर है और मुझे अपने ही घर मे आने के लिये किसी के पर्मीसंन लेने की जरूरत नही है

दिशा के कानों मे अभय की बाते जैसे ही जाती है दिशा हैरानी से अभय को उपर से नीचे गौर से देखने लगती है दिशा के दिल मे हलचल होने लगती है दिमाग कई सारे बाते सोचने लगता दिशा अभय को देख कापते हुवे होठो से
दिशा - किया आप मेरे देवर जी अभय है
अभय दिशा की बात सुन हैरानी से दिशा को देखने लगता है और अपने मन मे
अभय - किया सामने जो है वो मेरी भाभी है क्या भाई ने सादी भी कर ली अरे एक मिनट मे 19 पार कर चुका हु तो समझ गया तभी तो सोचु मेरे घर मे ये नया चेहरा किस का है

वही दिशा का पूरा सरीर काप् रहा था दिल मे हलचल मची हुई थी दिशा के का दिमाग कई सारे सवाल लाये जा रहा था दिशा बैचेनी से अभय को देख अभय के जवाब का इंतज़ार कर रही थी

अभय दिशा को देखता है और आगे जाके दिशा के पैर छुटे हुवे
अभय - हा भाभी मे आपका एक लौटा देवर अभय हु

दिशा ये सुनते ही पथर् की बन जाती है दिशा जैसी खरी थी वैसी हि रेहती है दिशा को यकीन नही हो रहा था उसका देवर चार साल बाद लौट के आया है और अभी उसके सामने है

अभय दिशा को सांत कुछ ना बोलता देख हैरान हो जाता है और सोचने लगता है भाभी को किया हो गया है बोल कियु नही रही है

अभय - भाभी कहा खो गई कुछ तो बोलिये
अभय की आवाज सुन दिशा होस मे आती है और अभय के चेहरे को प्यार से देखने लगती है दिशा के आखो से आसु तप तप कर नीचे गिरने लगते है

अभय की नजर नीचे जाती जहा दिशा के आसु तप तप गिरे जा रहे थे
अभय हैरानी से दिशा को देखते हुवे
अभय - भाभी आप रो कियु रही है

तभी अचानक दिशा तेजी से अभय के गले लग फुट फुट कर रोते हुवे
दिशा - किया आप ही अभय है मेरे देवर आप झुठ तो नही बोल रहे ही ना

अभय हैरान था दिशा को ऐसा रोता करता देख लेकिन अभय को समझ मे आता है 4 साल बाद आया है तो सभी उसे बहोत मिस किये होगे

अभय अपना एक हाथ दिशा के पीट पे धीरे से रख सेहलाते हुवे
अभय - हा भाभी मे अभय ही हु मेरा किंड्नैप 4 साल पेहले हुवा था लेकिन मे वहा से भाग आया आप लोगो के पास अपनो के पास

अभय दिशा को अपने से अलग करता है और घुघट् के अंदर से ही दिशा के आसु साफ करते हुवे दिशा को देख

अभय - भाभी आप रोते हुवे अच्छी नही लगेगी मे अब आ गया हु ना
दिशा रोना बंद कर देती है और अभय को देख
दिशा - देवर जी लेकिन आप कहा थे 4 साल मे किया हुवा कैसे आप वहा से भाग कर आ गये

दिशा को ये बात बेचैन कर रही थी की उसका देवर 4 साल कहा कैसे रहा और कैसे वहा से भाग कर आया और दिशा को ये सब जानना था

अभय दिशा को देख
अभय - भाभी अभी तो आया हु साम को अच्छे से सभी को अपनी कहानी बताऊंगा

दिशा - माफ करना देवर जी मे भी कितनी पागल हु आप घर वापस आ गये यही बहोत बरी बात है बता नही सकती आज मे कितनी खुश हु आप को देख कर और मम्मी जी ननद जी देखेगी तो खुशी के बारे पागल हो जायेगी

अभय घर के चारों तरफ देख
अभय - अरे हा मे तो भूल ही गया था मा भाई गुरिया कहा

भाई ये सुनते ही दिशा सांत पर जाती है दिशा के आखो से फिर आसु गिरने लगते है जिसे अभय फिर देख हैरान हो जाता है

अभय - भाभी आप फिर रोने कियु लगी
दिशा रोते हुवे मन मे
दिशा - हे उपर वाले ये कैसी उलझन मे मुझे डाल दिया है एक भाई 4 साल कैद मे रेह कर वापस अपने मा भाई बेहन के पास आया है लेकिन मे कैसे बताऊं की उसका भाई इस दुनिया मे नही रहा कैसे बताऊं मे लेकिन बताना तो पड़ेगा ही

अभय - बोलिये ना मा भाई गुरिया कहा है
दिशा अभय को देख
दिशा - देवर जी मा खेत मे गई है और ननद जी स्कूल गई है और
दिशा को आगे केहने की हिम्मत नही हो रही थी लेकिन पूरी हिम्मत जुटा के रोते हुवे आपके भाई इस दुनिया मे नही रहे

अभय को ये सुन बहोत बरा धक्का लगता है अभय को अपने कानों पे यकीन नही रहा हो रहा था उसने किया सुना अभय दिशा को देख कापते हुवे होठो से

अभय - भाभी आप इस तरह का मजाक कैसे कर सकती है आपने जो कहा सच नही है ना

अभय का पूरा सरीर काप् रहा था

दिशा रोते हुवे अभय को देख

दिशा - काश ये घटिया मजाक ही होता देवर जी लेकिन ये सच है

दिशा अभय को सुरु से विनय के साथ कैसे कब हुवा सब पता देती है जिसे सुनने के बाद अभय घुटनों पे आ जाता है मुह से कोई शब्द नही निकल रहे थे लेकिन आखो से घर घर के आसु गिरे जा रहे थे अभय अचानक एक जोर दार चीख मारते हुवे रोने लगता है

अभय अपने दोनों हाथो को जमीन प रखे रोते हुवे

अभय - कियु कियु ऐसा कियु हुवा कियु 4 साल बाद मेने दर्द सहा हिम्मत जुटाई उस कैद से भाग कर अपने मा भाई बेहन की पास आने की लिये लेकिन जब मे आया तो आप मुझे छोर कर चले गये कियु भाई कियु आप हम सब को कियु छोर कर चले गये सायद मे यहा होता हो ऐसा कुछ नही होता हा मे होता यहा तो सायद भाई जिंदा होते सब मेरी गलती है मेरी मे उस दिन बाहर नही जाता तो ऐसा नही होता

दिशा अभय के पास जाके अभय के सर पे हाथ रख

दिशा - देवर जी किस्मत के आगे हमारी नही चलती और हा इसमें आप की कोई गलती नही है उसका बुलावा आ गया था वो चले चले एक ना एक दिन हमारा भी बुलावा आयेगा और हम भी इस दुनिया से चले जायेंगे तो अपने आप को दोस मत दीजिये आपको नही पता गुरिया सासु मा ने कितना दर्द सहा है सायद उपर वाले को हमारे उपर थोरी तरस आ गई अब आप ही है जो सासु मा ननद जी को इस घर मे खुसिया ला सकते है उन्हें खुश रख सकते है तो अपने आप को मजबूत रखिये

अभय नीचे जमीन पे झुका हुवा आसु बहा रहा था दिशा की बात सुन अभय मन मे

अभय - 4 साल मे कैद मे रहा लेकिन सच ये है वो कैद मेरे लिये फायेदे मंद रहा वहा मेने फाइटिंग सीखी अपनी बॉडी बनाई वहा से मेने पैसे भी बहोत सारे लेकर आया यानी इस चार साल मे मुझे हर तरफ से फायेदा ही हुवा है अगर मेरा किंडनैप नही हुवा होता तो 25 साल तक पढाई करते रहता फिर कई साल तक नोकरी दुधता कमजोर का कमजोर रेहता आज मेरे पास जीतने पैसे है वो तो पूरी जिंदगी मे कमा नही पाता तो दर्द मे सिर्फ कुछ ही सहा है लेकिन असली दर्द तो मा गुरिया भाभी ने सहे मे रो नही सकता मे घर मे अकेला मर्द हु मुझे सभी को खुश रखना होगा और मे ये करुगा इतनी खुसिया दुगा की सब दर्द खतम हो जाये

अभय अपने आसु साफ करते हुवे दिशा को देख

अभय - सही कहा भाभी आप ने मुझे ही आप सब का ख्याल रखना है और मे आप सब का खयाल रखुंगा इसी लिये तो सब से लर कर आया हु

दिशा - मुस्कुराते हुवे दिपु के गाल को खिच ये हुई ना बात देवर जी
अभय आउच करते हुवे गाल को पकर दिशा को देख
अभय - भाभी दर्द हुवा जोर से
दिशा - हस्ते हुवे अच्छा मेने सुना है मर्द को दर्द नही होता
अभय - मुस्कुराते हुवे होता है भाभी बहोत होता है लेकिन मर्द अपने दर्द को सभी से छुपा के रखते है

अभय खरा होते हुवे
अभय - अब मे नहा लू ट्रेन मे सफर कर मेरा सर घूम रहा है
दिशा खरी होते हुवे अपना सर पकर

दिशा - हा सही कहा मे पानी घर देती हु आप नहा लीजिये
अभय - ठीक है भाभी

दिशा पानी भरने चली जाती है दिपु अपने कमरे मे आता है

अभय अपने कमरे को 4 साल बाद देख इमोसनल हो जाता है अभय चारों तरफ देखते हुवे बेड पे बैठ अपने मुह पे हाथ रख आखो मे आसु लिये

अभय - मुझे रोना नही है मुझे सब को हसाना है खुश रखना है कमजोर नही होना है मे एक मर्द हु हा मे रोयुगा नही लेकिन अकेले मे रो लुगा

अभय थोरी देर बाद नहाने जाता है दिशा बाहर हि खरी थी

दिशा - देवर् जी आप कहे तो आके पीठ साफ कर दु
अभय घबरा जाता है और शर्मा भी जाता है
अभय - हकलाते हुवे नही भाभी मे मे अकेले ही नहा लुगा
दिशा अभय की बात सुन समझ जाती है अभय शर्मा रहा है
दिशा - हस्ते हुवे कियु देवर जी को सर्म आ रही है
अभय नहाते हुवे अपने आप को साफ करते हुवे
अभय - हकलाते हुवे नही ती भाभी मे कियु सर्माउंगा

दिशा मन मे लगता है देवर जी बहोत सर्मिले है कोई ना आज ही आये है धीरे धीरे आदत पर जायेगी दिशा मुस्कुराते हुवे खाना निकालने चली जाती है
अभय नहाते हुवे मन मे बाप रे बच गया मुझे इतनी सर्म अभी कियु आ रही है मुझे तो सर्म नही आती थी मेने तो पायल उस बंदरिया के चुत को बिना सर्माये पकर लिया था

20 मिनट बाद

अभय कमरे मे अपने कमरे बदल रहा था तभी दिशा आते हुवे देवर जी

तभी अभय जल्दी से दरवाजा बंद करते हुवे

अभय - भाभी मे कपड़े बदल कर आता हु बस 2 मिनट
दिशा हैरान दरवाजे को देखती रेह जाती है और हस्ते हुवे
दिशा - ठीक है खाना निकाल दिया है आके खा लीजिये

दिशा फिर अपने कमरे मे आके बैठते हुवे उपर वाले का सुक्रिया अदा करते हुवे उपर वाले आप ने मेरी सुन ली और आपने देवर जि को भेज दिया आपका दिल से सुक्रिया

अभय रेडी होके दिशा के कमरे मे आता है दिशा अभय को देख
दिशा - देवर जी बहोत हैंडसम है आप उपर से बॉडी भी मस्त है लरकिया तो आप को देख आपके पीछे पर जायेगी

अभय बिस्तर पे बैठ दिशा को देख हस्ते हुवे

अभय - आपको ऐसा लगता
दिशा - लगता नही होगा देख लीजियेगा गा

अभय मन मे आपने सही कहा मेने देख लिया है अभय पायल के बारे मे सोच केह रहा था

अभय दिशा को देख भाभी मुझे अपने हाथो से खिलाइये ना

दिशा दिपु की बात सुन हैरान के साथ इमोसनल हो जाती है दिशा को यही चाहिये था एक प्यारा सा देवर

दिशा अपने हाथो से अभय को प्यार से खाना खिलाने लगती है
अभय खाना खाते हुवे दिशा को देख
अभय - भाभी खाना किसने बनाया है
दिशा - मेने बनाया है देवर जी कियु अच्छा नही बना
अभय दिशा के उंगली को मुह मे लेके चाटते हुवे
अभय - अच्छा बहोत अच्छा है
दिशा सर्म से लाल होते हुवे अपने हाथ खीच कर
दिशा - खाना खाइये देवर जी हाथ नही
अभय - हस्ते हुवे समझ गया भाभी
दिशा बस अभय को देखे जा रही थी और खाना खिलाये जा रही थी

10 मिनट बाद

खाना हो जाता है और अभय दिशा के गोद मे सर रख लेट जाता है

दिशा हैरान अभय को अपने गोद मे सर रख लेते देखती है तो दिशा को विनय की याद आ जाती है विनय ऐसे ही हमेसा दिशा के गोद मे सर रख लेट बाते करता था और दिशा विनय के बाल को सेहलाते रेहती

दिशा का हाथ अपने आप अभय के बालों पे चला जाता है और दिशा अभय के बाल को सहलाने लगती है अभय को ये एहसास बहोत अच्छा लगता है अभय को बहोत सुकून मिलता है

अभय - दिशा को देख भाभी अभी तक मेने आपका खूबसूरत चेहरा नही देखा ना आपने मुझे देखाया

दिशा थोरा इमोसनल होते हुवे - देवर जी इस चेहरे की खुशी रंग गायब हो गये है देख कर किया करेगे आपको मेरी सूरत अच्छी नही लगेगी

अभय कर बैठ जाता है और दिशा को देख

अभय आपका चेहरा देखना है भाभी आप जैसी भी है मेरी भाभी है
दिशा को अभय की बात सुन खुशी मिलती है
दिशा ठीक है मे अपने देवर जी को मना कैसे कर सकती हु

अभय खुश होते हुवे दिशा के घुघट् हटा देता है अभय जब दिशा को देखता है तो देखता रेह जाता है

Ft-E4hs-Aag-AAy-FIR
दिशा अभय को देख - किया हुवा कहा खो गय देवर जी
अभय होस मे आते हुवे दिशा के खूबसूरत चेहरे को देख

अभय - कसम से केह रहा हु भाभी आप बहोत ही खूबसूरत है चाँद की तरह उतनी ही मीठी आवाज भी है भाई की

तभी दिपु इमोसनल होते हुवे हुवे

अभय आप जितनी खूबसूरत है उतनी दिल की अच्छी भी है मे इतने बातो मे हि समझ गया लेकिन उपर वाले ने भाई आप के साथ अच्छा नही किया

दिशा दिपु को देख - देवर जी जो होना था हो गया इसमें उपर वाले कि कोई गलती नही जो आया है उसे एक दिन जाना ही होगा

अभय दिशा को देख - अच्छा भाभी ये बताइये मेरे जाने के बाद किया किया हुवा इतना आप जानती है

दिशा अभय को सारी बाते बताने लगती है जिसे सुन अभय बहोत इमोसनल हो जाता है लेकिन उसी के साथ एक बात को लेकर हैरान भी

अभय दिशा को देख - एक मिनट आप ने कहा गुरिया का एक बॉयफ्रेंड है और गुरिया की सादी मा जल्दी ही कराने वाली है

दिशा अभय को मुस्कुराते हुवे देख - सही सुना एक महीने बाद आते तो आप अपनी गुरिया की सादी नही देख पाते

अभय हैरान होते हुवे - किया अच्छा हुवा मे जल्दी आ गया लेकिन वो लरका कोन है

दिशा - मुझे लगता है आपको खुद गुरिया से पूछ लेना चाहिये गुरिया आपको सब सच बता देती

अभय - ये भी सही मे खुश हु गुरिया ने अपने लिये खुद अपना लाइफ पाटनर ढूढ़ लिया है लेकिन ये बाते आराम से करुगा

दिशा अभय को देख ये भी सही है

अभी आसा अंदर आती है और पीछे जाके घास रख कर आगन मे आती है
दिशा अभय दोनों को पता लग जाता है आसा आ गई है

दिशा अभय को देख - जाइये अपनी मा के पास सासु मा आपको देख बहोत बहोत खुश होगी

अभय इमोसनल होते हुवे दिशा को देखते हुवे - जी भाभी

आसा हाथ पैर मुह धो कर बाथरूम से जैसे हि बाहर आती है सामने अभय को खरा देखती है अभय के पीछे दिशा खुशी के आसु लिये देखे जा रही थी

आसा अभय को देख एक जगह जम जाती है आसा बिना पलके झपकाये अभय को देखे जा रही थी अभय भी आखो मे आसु लिये दर्द भरी आवाज मे

अभय - माँ
आसा अभय को देख कापते होठो से - किया तुम मेरे लाल हो
अभय - रोते हुवे हा मा मे आपका लाल अभय मे वापस आ गया

अभय 4 साल मे बॉडी गोरा हैंडसम और हाईट चेहरा सब बदल गया था लेकिन इतना भी नही की कोई पहचान ना पाये अभय की आवाजे पेहले ही जैसे थी बस थोरी बदली थी

आसा बिना देरी किये तेजी से अभय के पास जाके जोर से अभय को अपने बहो मे भर के जोर जोर से रोते हुवे

आसा - मेरे लाल तु आ गया मुझे पता भी है तेरी मा मुझे कितना याद कर के रोती थी तेरे बिना एक पल कितना मुश्किल से गुजरता था बेटा हम ने तुझे बहोत याद किया बेटा रोज उपर वाले से दुवा मांगती थी मुझे मेरा बेटा लौटा दे आज उपर वाले ने सुन ही और तु आ गया

अभय भी अपनी मा को कस की पकर रोते हुवे

अभय - मा मेने भी आप सब को इस 4 साल मे बहोत मिस किया मे रोज आप सब को बहोत याद करता था मुझे आपके बिना वहा रहा नही जा रहा था बस मेने ठान लिया मे अपनी खूबसूरत प्यारी मा के पास कैसे भी लौट आऊगा और आज मे आ गया मा आपके पास सब के पास अपने घर

आसा अभय के चेहरे को पकर प्यार से देखते हुवे
आसा - अच्छा किया मेरे लाल तु आया गया नही तो जिदगी जैसे हमसे रूठ गई थी मुझे अच्छे से देखने दे तुझे तुम बहोत बरे हो गये हो और बहोत हैंडसम बॉडी भी बना ली है

अभय अपनी मा को देख हस्ते हुवे

अभय - बेटे पे लाइन मार रही है मे नही पटने वाला

अभय की बात सुन आसा दिशा दोनों हैरान अभय को देखते है दोनों कि हसी छुट जाती है
आसा अभय के कान पकर हस्ते हुवे
आसा - अच्छा मे तुझपे लाइन मार रही हु वाह बेटे वैसे ये बता मुझसे कियु नही पटेगा किया मे खूबसूरत नही हु

अभय अपने कान को पकरे हुवे आह करते हुवे दर्द मे
अभय - मा छोरो बहोत दर्द हो रहा है मे तो मजाक कर रहा था आप जैसी खूबसूरत इस कोई नही है मे तो आपसे कब का पट गया हु
( अभय मस्ती मजाक इस लिये करा ताकि आसा को हसा सके)
आसा अभय के कान छोर हस्ते हुवे - अब आया लाइन पे
आसा अभय के गाल पे हाथ रख प्यार से अभय को देख
आसा - अब तुम्हे अपने से दूर कही नही जाने दुगी हमेसा अपने सीने से लगा के रखुंगी
अभय - नही जाउंगा मा उस वक़्त 15 साल का कमजोर लरका था लेकिन अब नही हु अब कोई भी मुझे आप से दूर नही ले जा पायेगा और ना मे आपको छोर कही जाऊंगा

आसा अभय के गाल पे किस करते हुवे जाने भी नही दुगी कियुंकी फिर मुझे तुम दूर गये तो ही नही पाउंगी

अभय आसा को सीने से लगा के - फिर ऐसा नही होगा मा

दिशा - चलो अच्छा है अब अदिति बची है मे तो यही सोच रही हु अदिति आपको देखेगी तो उसका रिएक्सन् कैसा होगा

आसा दिशा को देख - सही कहा बहु अदिति के लिये तो अभय जान है उसका बहोत प्यार करती है अभय को अभय भी दोनों एक की जान बस्ती है एक दूसरे मे जब अदिति अभय को देखेगी तो खुशी से नाचने लगेगी
अभय - मुझसे भी रहा नही जाता मुझे गुरिया से जल्दी मिलना है उसे देखना है

दिशा आसा अभय को देख

दिशा - आप दोनों मा बेटे बात कीजिये कुछ कपड़े धोने है मे चली कपड़े धोने

दिशा कपड़े धोने चली जाती है

अभय आसा के पास जाके आसा को गोदी मे उठा लेता है आसा ये देख हैरानी के साथ डर के अभय को देखते हुवे

आसा - अरे मे गिर गई तो इस उमर मे हड्डी भी नही जुर् पायेगी बेटा
अभय आसा को देख हस्ते हुवे
अभय - मा आप तो अभी भी पूरी जवान है खूबसूरत है रही बात गिरने की तो मे आपको गिरने नही दुगा पेहले मे कमजोर बच्चा था अब नही हु

आसा मुस्कुराते हुवे अभय को देख - हा मे देख रही हु

अभय आसा को कमरे मे लाके बिस्तर पे लेता देता है और खुद आसा के साथ लेत जाता है दोनों मा बेटे एक दूसरे को देखने लगते है

आसा अभय को देख - यकीन नही हो रहा तुम वापस आ गये मेरे लाल अपनी मा के पास
अभय - मुझे भी यकीन नही हो रहा है मा की मे उस कैद से निकल आप के पास आ गया लेकिन ये सच है
आसा - हैरानी से लेकिन बेटा तुम थे कहा 4 साल कोन तुझे उठा के ले गया और कियु 4 साल कैसे रहे वहा कैसे भाग कर आये

अभय - मा सब आराम से बताऊंगा बस अभी इतना समझ लीजिये वहा भी था रोज आप सब को बहोत याद करता था सुबह उठता था तो आप की आवाज आप का खूबसूरत चेहरा देखने के लिये नही मिलता था तो अभय रो परता है

आसा अभय के सीने से सता के - ना बेटा रो मत मुझे भी बहोत याद आती थी मुझे भी तुम्हे सुबह जगाना और तुम जागते थे मुझे देखते थे तो मेरा दिन भी बन जाता था

अभय - मा को देख मुस्कुराते हुवे लेकिन अब रोज आपकी मीठी आवाज आपका खूबसूरत चेहरा देख पऊगा

आसा - हस्ते हुवे हा हा कियु नही तुम मुझे खूबसूरत केहते हो किया सच मे तुंझे मे बहोत खूबसूरत लगती हु
आसा अभय की आखो मे देखने लगती है अभय अपनी मा की आखो मे देख

अभय - हा बहोत बहोत अगर आप जैसी सेम दिखने वाली खूबसूरत लरकी मुझे मिल गई तो मे उसके पैर पे गिर के कहुंगा प्लेस मुझसे सादी कर लो

आसा अभय कि बात सुन शर्मा जाती है
आसा - तुम भी ना बेटा 4 साल मे तुम बहोत बदल गये उसी के साथ अच्छी बाते भी करने लगे हो
अभय हस्ते हुवे - वो तो है लेकिन काश भाई होते तो ये खुशी और बढ़ जाती
आसा - इमोसनल होते हुवे सही कहा मेरी साल
अभय आसा को बहो मे लेके
अभय - मे हु ना मे आप सब का ख्याल रखुंगा मा वादा है मेरा
आसा - अभय जो कस के बहो मे भर मुझे पता है

तभी आसा देखती है अभय बाते करते हुवे सो गया है
आसा अभय के चेहरे को प्यार से देखती हुवे
आसा - कितना हैंडसम हो गया है मेरा लाल किसी की नजर ना लगे
आसा आगे झुक अपने होठ अभय की होठ पे सता के किस कर अभय को देखते हुवे

kiss-gif-1
आसा - लगता है मेरा लाल बहोत थक गया था सफर कर के सो जा अपनी मा के बहो मे ये पल के किये मे कितना तरसी हु
आसा भी सो जाती है आज दोनों मा बेटे सुकून की नींद सोने वाले थे

( नोट - आसा अभय दोनों के बीच मा बेटे का अभी प्यार ही है )


( साम 3 बजे )

आसा की नींद खुल जाती है आसा देखती है अभय आराम से सोया हुवा है आसा अभय के चेहरे को प्यार से देख

आसा - मुझे लगा ये अपना है लेकिन सुकर् है ये सच है मेरा लाल मेरे पास है

आसा फिर अभय के गाल पे किस कर उठने लगती तो अभय आसा के हाथ पकर अपनी तरफ खिचता है आसा सीधा अभय के ऊपर जाके गिरती है अभय आस को देखता है आसा अभय को

अभय - आप अकेले जा रही थी उठ कर
आसा अभय को देख - मुस्कुराते हुवे मुझे लगा तुम सो रहे हो
अभय -मुस्कुराते हुवे - जब आपने मुझे मीठी किस दी गालो पे तभी मे उठ गया
आसा - हस्ते हुवे अच्छा ये बात है
अभय - मुस्कुराते हुवे हा
आसा - अब छोर मुझे नही तो मेरी वजन से दू दब जायेगा
अभय अपनी मा के कमर को पकर आसा को अपने से पूरा सता के
अभय आसा की आखो मे देख - आपका बेटा आपको संभाल सकता है मा
आसा अभय की आखो मे देख - अच्छा लेकिन अभी उठ जा समझे
आसा अभय के ऊपर से उठ सारी सही कर अब चल बाहर
अभय मुस्कुराते हुवे चलो

अभय फ्रेस् होता है फिर आसा भी अभय आसा के पास जाके

अभय - मा मे गुरिया को लेने जा रहा हु
आसा अभय के हाथो को जोर से पकर अभय को डरते हुवे देख नही तुम बाहर नही जाओगे

अभय समझ सकता था अपनी मा की हालत को डर को

अभय आसा के चेहरे को पकर आसा को देख
अभय - मा मुझे पता है आप डरी हुई है और कियु डरी हुई है ये भी जानता हु लेकिन मा ऐसा फिर नही होगा दूसरी जो लोग बच्चो का किडनैप करते थे सब पकरे गये है अब मे भी कोई बच्चा नही रहा और मे हमेसा घर मे नही रेह सकता ना

आसा अभय को देख
आसा - मुझे नही पता लेकिन मुझे डर लग रहा है कही तुम गये और फिर वापस नही आये तो
अभय - आपकी कसम मा कुछ नही होगा

दिशा वहा आते हुवे आसा से
दिशा - सासु मा जाने दीजिये देवर जी को वो सही केह रहे जरा सोचिये खुद कैद से सब से बच भाग के आये है अब वो बचे नही रहे

आसा - ठीक है जा लेकिन जल्दी आना
अभय आसा के माथे पे किस करते हुवे
अभय - थैंक्स मा समझने के लिये एक मा का डर समझ सकता हु लेकिन चिंता मत कीजिये कुछ नही होगा

अभय दिशा को देख

अभय - थैंक्स भाभी मा को समझाने के लिये
दिशा - मुस्कुराते हुवे कोई बात नही अब आप जाइये अदिति की छुट्टी होने वाली होगी

अभय जाते हुवे ठीक है मे जा रहा हुई मा भाभी

आसा अभय को जाते देख
आसा - किया करू डर तो लगेगा ही ना एक बार खो चुकी थी अपने लाल को फिर खो नही सकती
दिशा आसा के कंधे पे हाथ रख
दिशा - समझ सकती हु मे आपका दर्द सासु मा लेकिन इस बार देवर जी के साथ कुछ नही होगा वो सब से लर के भाग के सिर्फ आपके अदिति उनके के ही आये है

आसा दिशा को देख - सही कहा तुम ने बहु


अभय मस्त अपने जेब मे हाथ डाले निकल परता है अभय चलते हुवे जा रहा था लेकिन अभय अदिति के बारे मे ही सोच रहा था

अभय मन मे - मे 19 पार कर चुका हु गुरिया भी 18 पार कर चुकी है यानी गुरिया बरी हो गई है और गाव मे तो लरकियो की 18 होते ही सादी कर दी जाती है अच्छा हुवा जल्दी घर आ गया नही तो कुछ महीने और देर होती तो गुरिया की सादी नही देख पाता

अभय सोच से बाहर आके आगे देखता है तो मेन रोड आ चुका था अभय साइड मे खरा होके रिस्के का इंतज़ार करने लगता है और फिर सोच मे चला जाता है

अभय मन मे - भाभी ने कहा मा ने मंजूरी दे दी है यानी मा उस लरके से मिल चुकी हैं और भाभी भी लेकिन मेरा मिलना बाकी है कसम मेरी मा की अगर मुझे उस लरके मे थोरी सी भी गर्बर् दिखाई दी तो रात मे उसके घर मे जाके उसका गला काट दुगा लेकिन अगर लरका मेरी गुरिया के लायक होगा तो मे खुद दोनों की अच्छे से धूम धाम से सादी कराऊगा

तभी रिस्का आ जाती है अभय सोच से बाहर आके रिक्का मे बैठ जाता है रिक्सा चल परती है

रिस्का मे 4 सवारी और थे एक लरकी भी थी जो अभय को देखते हुवे
लरकी - किया हैंडसम लरका है यार अगर ये मेरा बॉयफ्रेंड बन गया तो मजा ही आ जायेगा

वही अभय बाहर नजरे को देखे जा रहा था अभय पीछे बैठा था और अभय के बगल मे ही लरकी बैठी थी लेकिन अभय लरकी को देख भी नही रहा था

लरकी अभय को देख मन मे - अरे इस लरके हो मे दिखाई नही दे रही हु किया यार बगल मे हु तो बैठी हु लगता है मुझे ही बात करनी पड़ेगी

लरकी अभय से सत् के - सुनिये
अभय पीछे लरकी को देख - हा
लरकी - आप कहा जा रहे है
अभय लरकी को ऊपर से नीचे तक देखते हुवे लरकी तो खूबसूरत है लेकिन मुझे उससे किया

अभय - नाचने जा रहा हु चलेगी किया आप
लरकी अजीब नजरो से दिपु को देखते हुवे लगता है पागल है ये
अभय लरकी को इग्नोर कर देता है


थोरी देर बाद अभय को यहा आना था आ जाता है अभय स्कूल नही बाइक शोरूम मे आया था बाइक लेने पैसे है तो इस्त्माल तो करना पड़ेगा ना दूसरी अपनी गुरिया को पैदल या रिस्का मे कियु ले जाये जब पैसा है बाइक भी अभी आ जायेगी

अभय शोरूम के अंदर जाता है और अभय एक बाइक पसंद करता है N125 देखने मे भी बहोत कमाल की लग रही थी

images-4
अभय बाइक को देखते हुवे - हु अच्छा है काम चल जायेगा आगे की बाद मे सोचेंगे अभय कार्ड से पूरे पैसे पे करता है और बाइक पे बैठ निकल परता है अदिति को लेने


अभय जा ही रहा था की आगे रास्ते मे के साइड मे अभय को रंग बिरंगे फुल बिकते दिखाई देते है अभय फुल वाले के पास बाइक रोक नीचे उतर कर एक गुलाब का फुल लेता है और पैसे देखे फिर बाइक पे बैठ निकल परता है

घर से स्कूल 25 मिनट की दूरी पे थी पैदल अभय कुछ मिनट बाद स्कूल पहुँच जाता है और साइड मे बाइक खरा कर थोरा आगे जाके खरा होकर छुट्टी का इंतज़ार करने लगता है अभय टाइम देखता है तो 4 बजने मे 10 मिनट बाकी थे यानी 10 मिनट बाकी थे छुट्टी होने मे


अभय स्कूल को देख - मेरी तो पढाई छुट गई लेकिन मुझे उसकी परवाह नही पैसों की कमी नही है तो कोई परवाह नही गुरिया तेरे भाई आ गया है और मे तुम्हारा इंतज़ार कर रहा हु तुमने मिलने तुझे देखने के लिये मेरा दिल इतना बेकरार है की ये 10 मिनट मुझे कई घंटे के बराबर लग रहे है




आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏🙏🙏
बहुत ही शानदार लाजवाब और अद्भुत मनमोहक अपडेट हैं भाई मजा आ गया
 
  • Like
Reactions: ckkhandu

Napster

Well-Known Member
6,719
17,648
188
( chapter 7 )

अभय अपनी गुरिया अदिति को लेने के लिये स्कूल आ चुका था और स्कूल के गेट के पास खरा अभय एक साइड अपने जीन्स के दोनों पॉकेट मे हाथ डाले अदिति का इंतज़ार कर रहा था बहोत बेसबरी से अभय अपनी गुरिया को देखने के लिये पुरा बेचैन था दिल बेकरार था

तभी अभय की नजर सामने जाती है तो अभय को दो लरके खरे बात करते दिखाई देते है अभय दोनों को गौर से देखता और समझ जाता है दोनों साले टपोरी जरूर किसी लरकी को छेरने के लिये रुके है


तभी छूटी को जाती सभी लरके लरकिया स्कूल से बाहर निकल अपने अपने घर जाने लगते है लेकिन अभय की नजर सिर्फ अपनी गुरिया को ढूढ़ रही थी लेकिन अदिति अभय को आते दिखाई नही दे रही थी

अभय फिर दोनों लरको को देखता है तो दोनों लरके अंदर की तरफ देख किसी के आने का इंतज़ार कर रहे थे सारे स्टूडेंट निकल चुके थे

लेकिन अदिति बाहर नही आई थी अभय भी सोचने लगता है अदिति अभी तक बाहर कियु नही आई

वही दोनों लरको मे से एक लरका अपने दोस्त से

लरका 2 - भाई अभी तक अदिति बाहर नही आई है कर किया रही अंदर मे और आप किया करने वाले हो अदिति के साथ

लरका 1 अपने दोस्त को देख गुस्से से - साली ने मुझे ठुकरा कर किसी और को अपना सईया बना लिया है तो आज उसकी सजा उसे दे कर रहुंगा


अंदर स्कूल के क्लास मे एक लरका अदिति को बाहो मे लेके एक किस करते हुवे अदिति को देख - अब जाओ दीदी बाहर तुम्हारा इंतज़ार कर रही होगी मे थोरी देर मे आता हु


NHEM
अदिति लरके को देख ठीक है अदिति के चेहरे पे जायदा खुशी दिखाई नही दे रही थी लरका ये देख अदिति से - अदिति मुझे पता है तुम्हे अपने भाई की बहोत याद आती है और मे तुम्हारा दुख समझ सकता हु लेकिन वादा है मेरा मे हमेसा हर कदम पे तुम्हारे साथ खरा रहुंगा काश मे कुछ कर पाता अपने साले साहब को दूधने के लिये


अदिति लरके को देख थोरा मुस्कुराते हुवे - भाई मेरी जान है उनके बिना चाह कर भी मे अपनी जिंदगी खुशी से जी नही सकती कियुंकी मेरा एक हिस्सा खो गया है उनके पास है

अदिति जाते हुवे लरके से - ठीक है अमर मे जा रही हु आरोही मेरा इंतज़ार कर रही होगी

अमर - ठीक है अदिति जाओ मे आता हु

अदिति फिर बाहर आती है तो आरोही अदिति का इंतज़ार कर रही होती है अदिति आरोही के पास आके खरी हो जाती है

दोनों अभी स्कूल के अंदर मैदान मे ही थे

( introduction )

अमर सिन्हा - 19 साल - अमर अभी 19 का हुवा है देखने के हैंडसम है बॉडी ठीक है 6 पैक नही है आयेगे कहा से उसके लिये मेहनंत करनी परती है दिल का साफ है अदिति से बहोत प्यार करता है


images-18-1752354765432
अमर की छोटी बेहन - आरोही सिन्हा - 18 साल - अदिति की बेस्टफ्रेंड देखने मे बहोत ही खूबसूरत हॉट है अदिति की तरह स्कूल मे ये दोनों ही टॉप पे है खूबसूरती पढाई मे


images-6-1753447658876
अमर की मा - भारती सिन्हा - 40 साल - बहोत ही खूबसूरत है बॉडी भी कमाल की है आसा से थोरा कम दिल की साफ अपने बेटे बेटी से बहोत प्यार करती है


Gw-Z2z-T5b-EAIvi-F
अमर के पिता - जगमोहन सिन्हा - 42 साल - ये भी बहोत अच्छे दिल के है गरीब है लेकिन सभी दिल के बहोत अच्छे है ( बाकी सब अच्छे से आगे पता चल जायेगा )


आरोही अदिति को देख मुस्कुराते हुवे - भाभी हो गई चुम्मा चाटी

अदिति आरोही को देखते हुवे - मार खायेगी चुप चाप चल देर हो रही है घर जाने के लिये

आरोही अदिति चलते हुवे गेट के बाहर जाने लगते है अदिति गेट के तरफ ही देख रही थी

आरोही अदिति को देख - एक बात मेरे दिल मे है जो मे तुमने पूछना चाहती हु और ये बात सायद तुम्हे दुखी भी कर सकती है लेकिन मे पूछे बगैर रेह भी नही सकती

अदिति आरोही को अजीब नजर से घूर कर देखती है फिर आगे की तरफ देखते हुवे - ठीक है पूछ किया पूछना है

आरोही आगे की तरफ देखते हुवे - मान लो तेरा अभय भाई अचानक कही से वापस आ जाता है और उसे पता चलता है तुम किसी से प्यार करती हो लेकिन तुम्हारा भाई तुम्हे अपने प्यार को छोर देने के लिये केहता है तो तुम किया करोगी

अदिति आरोही की बात सुन चलते रुक जाती है और इमोसनल हो जाती है अदिति को फिर अभय की याद आने लगती है अदिति के आखो से आसु निकल आते है

आरोही भी रुक जाती है और अदिति को देख दुखी होते हुवे - माफ करना अदिति मुझे पता था तुम दुखी हो जाओगी सायद मुझे ऐसा कुछ पूछना नही चाहिये था

अदिति अपने आसु साफ करते हुवे आरोही को देख - कोई बात नही और रही तुम्हारे सवाल की बात तो जवाब है हा मे अपने अभय भाई से बहोत प्यार करती हु उनके एक बार केहने से मे अपने प्यार को किया अपनी जान उनके लिये दे दु अमर मेरी कहानी किया है तुम जानती हो

आरोही अदिति को देख - जानती हु और मे खुश हु तुम मेरी भाभी बनोगी अब हमे चलना चाहिये
अदिति - हा सही कहा

अदिति आरोही फिर गेट की तरफ चल परते है बाहर अभय बेचैनी से अदिति का इंतज़ार किये जा रहा था साथ मे दोनों लरको को भी देखे जा रहा था

तभी अभय गेट की तरफ देखता है तो अंदर से आदिति आरोही गेट से बाहर निकलते है अभय की नजर सिर्फ अदिति पे ठीक जाती है अदिति बहोत खूबसूरत लग रही थी अभय अदिति को देखता ही रेह जाता अदिति इस से अंजान आरोही से बाते किये जा रही थी


images-2-1753447653989
अभय अदिति के खूबसूरत चेहरे को देखते हुवे मन मे - मेरी गुरिया कितनी खूबसूरत बरी हो गई है हाय किसी की नजर ना लगे मेरी गुरिया को और अगर किसी ने बुरी नजर डालने कि कोसिस की तो उसे जान से मार दुगा

भले ही मेने dp devil के कैद मे रेह किसी को नही मारा लेकिन मुझे किसी को मारने से जरा भी दिकत नही होगी

तभी अभय कुछ देखता जिसे देख अभय की आख लाल हो जाती मुठी कस जाती है हाथो के नस फूलने लगते है

असल मे उन दोनों लरको ने अदिति का रास्ता रोक लिया था

अभय गुस्से से पागल होकर आगे अदिति के पास जाने लगता है

वही अदिति आरोही लरके के बीच

लरका 1 अदिति के समाने खरे होकर अदिति का रास्ता रोक अदिति को गुस्से से देख
लरका - अदिति मेने तुम्हे कई बार अपने दिल का हाल बताया लेकिन फिर भी तुमने मुझे रिजेक्ट कर उस कमीने अमर से इस्क लरा रही हो

अदिति गुस्से से लरके को देख - टीनू मेने तुमसे कितनी बार कहा है मेरा पीछा मत किया करो और रही बात मेरी अपनी लाइफ है मे कुछ भी करू उससे तुझे किया

आरोही टीनू को देख गुस्से से - तुम्हे समझ नही आया अदिति तुमने प्यार नही करती मेरे भाई से करती है अच्छा होगा हमारे रास्ते से हट जाओ और हमे जाने दो

टीनू आरोही से गुस्से मे - तुझे और तेरे भाई को मे बाद मे देख लूंगा ( टीनू अदिति को देख) पेहले मे इसको मजा चखाऊगा

अदिति डर जाती है टीनू को गुस्से मे देख टीनू अपना हाथ अदिति के बरे चुचे की तरफ बढ़ाते हुवे - आज अच्छे से तेरे अंग के साथ खेलुगा मे साली मेरे प्यार को ठुकराती है

अदिति डर से कापते हुवे पीछे हटने लगती है टीनू का हाथ अदिति के सीने के पास पहुँचता उसके पेहले कोई टीनू का हाथ पकर रोक देता है अदिति आरोही हैरान उस सक्स को देखते लगते है लेकिन टीनू उस इंसान को देख पूरे गुस्से से लाल हो जाता है हा ये अमर था जिसने टीनू का हाथ पकर रखा था

तो अभय किया कर रहा है हमारा हीरो अमर को आते देख रुक गया था और अब आराम से थोरी दूर खरे होकर देखने मे लग जाता है अभय को पता चल गया था अमर ही अदिति का बॉयफ्रेंड होगा अभय देखना चाहता है अमर किया कर सकता है

वही टीनू बहोत गुस्से मे अमर को देख रहा था टीनू के आखो मे साफ दिख रहा था टीनू अमर को मारना चाहता है ये इस लिये कियुंकी कई बार टीनू ने अदिति के साथ अमर को देखा था जो टीनू को बिल्कुल अच्छा नही लगा था इस लिये टीनू के अंदर अमर के लिये बहोत गुस्सा भरा हवा था जो आज फूटने वाला था

अमर टीनू के हाथ को दूर करते हुवे गुस्से से टीनू को देख - तेरी हिम्मत कैसे हुई मेरी अदिति के साथ गंदी हरकत करने की
टीनू अमर को देख - साले तेरा ही इंतज़ार था तुझे तो मे कब से मारना चाहता था और आज मे ये कर के रहुंगा चाहे जो हो जाये

( नोट - टीनू अमीर बाप को बिगरा लरका है बाप के पास पावर है इस लिये टीनू को किसी का डर नही रेहता )

अमर कुछ समझ पाता तक तक टीनू का जोरदार मुक्का अमर के पेट मे जाके लगता है अमर पेट पकर दर्द से कराह उठता अदिति आरोही जोर से चिल्ला उठती है


लेकिन टीनू अपने दोस्त के साथ मिल अमर को पकर मारने लगते है अमर लराइ मे अच्छा नही था और कमजोर भी था अमर दर्द मे जमीन पे गिर परता है लेकिन टीनू अमर के ऊपर आके मुक्के से मारे जा रहा था

टीनू अमर को मारते हुवे गुस्से से - साले आज तुझे मे जान से मार के रहुंगा अदिति सिर्फ मेरी है और कोई मेरे बीच मे आया समझो मरा

आस पास कुछ लोग खरे तमाशा देख रखे थे वीडियो बना रहे थे लेकिन कोई आगे जाके मदद नही कर रहा था ( आज की करवी सचाई )

अभय अमर को मार खाते देख - कमीना खुद को बचा नही पा रहा खाक मेरी गुरिया को या किसी और को बचा पायेगा साला पेहले मे 15 साल का था किडनैप से पेहले भी मेरे अंदर इतनी ताकत थी 3 या 4 को तो मे अकेला लपेट लेता था लगता है सीधा साधा मानुस है अच्छा है लेकिन अंदर इतनी ताकत होनी भी चाहिये जब जरूरत परे तो अपने आप को किसी को बचाया जा सके

वही अमर की धुलाई टीनू उसका साथी जोरदार तरीके से किये जा रहे थे ये देख अदिति आरोही बहोत डर जाते है और दोनों टीनू उसके दोस्त को अमर से दूर करने कि कोसिस करते है लेकिन लरकी के अंदर मर्द से कम ताकत होती है इस वजह से अदिति आरोही टीनू उसके दोस्त को अमर से दूर नही कर पा रहे थे अदिति आरोही अमर को मार खाते देख दर्द मे चिलाते देख दोनों रोने लगते है लेकिन कोसिस करते रेहते है
अदिति टीनू को पकर पीछे खीचते हुवे आखो मे आसु लिये - टीनू छोर अमर को उसे मत मार प्लेस

लेकिन टीनू किसी की नही सुनता

टीनू फुल गुस्से मे मे था और सारा गुस्सा निकाल रहा था लेकिन बार बार अदिति के पीछे खीचने की वजह से टीनू परेसान हो जाता है और गुस्से से जोर से अदिति को पीछे झटक देता है जिसकी वजह से अदिति लरखराते हुवे पीछे गिरने लगती है

तभी अभय आके अदिति के कमर को पकर गिरने से बचा देता है अदिति हैरानी से देखती है उसे कोन गिरने से बचाया है अदिति जब अभय के चेहरे को देखती तो हैरान हो जाती है कियुंकी अभय ने अपने चेहरे पी मास्क पेहन रखा था ब्लैक कलर का


images
अदिति अभय के बाहो मे झूल रही थी अभय मास्क के अंदर से अदिति अपनी गुरिया को देखता हो जिसके आखो मे आशु थे अभय गुस्से से और लाल हो जाता है अभय आराम से अदिति को खरा करता है लेकिन अदिति हैरानी से अभय को हि देख रही थी


अभय प्यार से अदिति को देखता है अभय की आखे आसु बहाना चाहती थी लेकिन अभय अपने आप रोक लेता है अभय फिर अमर के पास जाके पेहले आरोही को जी जान लगा के अपने भाई को बचाने की कोसिस कर रही थी अभय आरोही के हाथ पकर पीछे खिच लेता है आरोही हैरानी से अभय कि तरफ देखती है

अभय अपनी आवाज बदल कर आरोही को देख - तुम पीछे रहो मे देखता हु इस दोनों को

आरोही हैरान परेसान अभय को देखती रेहती है और सोचने लगती है ये मास्क लरका आखिर है कोन

अभय पेहले टीनू के दोस्त के बाल पकर उपर उठाते खरा करता है लरका भी दर्द मे आह करते हुवे अभय को देखता है लेकिन अभय बिना देरी कियु अपनी मुठी बना के जोर दार मुक्का लरके के पेट मे दे मारता है और फिर लरके के बाल को छोर देता है

अभय का मुक्का कोई मामूली मुक्का नही था 4 साल की करी खतरनाक ट्रेनिंग करने के बाद अभय का मुक्का फौलाद का मुक्का था

अभय का मुक्का पेट पे परते ही लरका इतनी तेज चीख मारता है की सभी आस पास लोगो की रूह काप जाती है लरका नीचे जमीन पे गिर पेट पकर तरपने लगता है दर्द से रोने लग जाता है

लरके की चीख सुन टीनू अमर को मारना बंद देता है और हैरान पीछे मूर कर देखता है उसका दोस्त जमीन पे पारा पेट पकर तरप रहा था अमर भी हैरानी से सामने का सीन देखने लगता है

अदिति आरोही तो पूरी हैरान सोक से अभय को तो कभी नीचे परे दर्द मे तरप रहे लरके को देखे जा रहे थे

टीनू की नजर अभय पी जाती है तो टीनू अमर को छोर गुस्से से खरा होकर अभय के पास जाके सीधा अभय पे एक जोरदार मुक्का मारता है लेकिन टीनू हैरान बाकी सब भी हैरान हो जाते है

अभय बरे आराम से टीनू के मुक्के को एक हाथ से रोक रखा था अभय लाल आखो से टीनू को देखता है फिर टीनू कुछ समझ कर पाता अभय का जोर दार मुक्का सीधा टीनू के पेट मे जाके लगता है टीनू की भी पूरी हालत हो जाती है टीनू पेट पकर जोर से चीख मारता है लेकिन अभय रुकता नही अभय टीनू के बाल पकर टीनू की आखो मे देख एक और जोर दार मुक्का पेट मे दे मारता है टीनू की आखो से आसु निकल आते है टीनू दर्द से रोने लगता है

वही अदिति आरोही बहोत हैरान थे अभय को इतनी आसानी से दोनों को पिटते देख अमर भी बहोत हैरान था अमर अपने पेट पकर उठने कि कोसिस करने लगता है तो अदिति आरोही जल्दी से जाके अमर की मदद करते है खरे होने मे

अभय एक हाथ से टीनू के सर के बाल पकरे खरा टीनू कि आखो मे देखे जा रहा था टीनू पेट पकरे आखो मे आसु लिये अभय को देख

टीनू दर्द मे - तुम्हे पता है मे कोन हु मुझे जाने को नही हो तेरे और तेरे अपने के लिये अच्छा नही होगा

अभय टीनू को देख मुस्कुराते हुवे - पता है तो कोन है जरूर किसी अमीर बाप का बेटा होगा जिसकी पहुँच उपर तक होगी तभी को तेरे अंदर मे इतनी हिम्मत आई की तू सरेआम सरक पे लरकी का छेर रहा था और मारपीट कर रहा था

टीनू अभय को देख गुस्से से देख - तो किया तुम्हे डर नही लग रहा सब जानने के बाद भी मेरे पापा की पहुँच कितने उपर तक है

अभय टीनू के कान मे धीरे से - तेरे पापा जैसे मेरे पीछे कोई पावर नही है ना ही मेरी बहुच उपर तक है लेकिन मेरे पास एक आर्मी है एक ऐसी आर्मी जो किसी को भी मिटा सकती है खतम कर सकती है लेकिन बात रही तेरी तेरे पापा की तो उसके लिये मे अकेला ही काफी हु

अभय मन मे - 4 साल कैद मे मेने प्याज नही छिले है मेने वहा रेह कर बहोत कुछ किया है उस कैद मे रेह कर इतना समझ गया था दुनिया बरी जालिम है और इस जालिम दुनिया मे राज सिर्फ अमीर और जिसके पास पावर है उसका ही चलता तो मेने भी एक अर्मी तेयार कर ताकि अगर आगे चल के मुझे किसी पावर फुल लोगो का सामना करना परा तो उनकी नानी याद दिला सकता हु

अभय सोच से बाहर आके टीनू को देख धीरे से - तो मे किसी से नही डरता समझ गया दूसरी तूने मेरी जान गुरिया के साथ गलत करने की कोसिस की तेरी वजह से उसके आखो मे आसु आये उसका हिसाब तुझे तो देना पड़ेगा ना

अभय अपना मुक्का बनाता है और दे दना दन 4 मुक्का टीनू के मुह पे दे मारता है टीनू दर्द से बहोत जोर से चीख मारता है टीनू के दो दात टूट जाते है नाक मुह से खुन आने लगता है टीनू कि बहोत बुरी हालत हो जाती है अभय टीनू को छोर देता है टीनू धराम से जमीन पे गिर कर बेहोस हो जाता है

आस पास खरे यहा तक की अदिति अमर आरोही पूरी तरह से हैरान अभय को देखे जा रहे थे अभय अपने हाथो को देखता जिसपे टीनू का खुन लगा हुवा था अभय ये देख रुमाल निकाल के

अभय रुमाल से खुन को साफ करते हुवे मन मे - साला 4 साल सांती से जी नही पाया फाइट फाइट हर वक़्त फाइट साला बाहर आया तो यहा भी फाइट मुझे कोई चैन से जीने भी देगा की नही


अभय रुमाल से हाथ पे लगे खुन को साफ कर रुमाल को वही फेक देता है और फिर अदिति आरोही अमर को देखता और चलते हुवे तीनों के पास आके खरा हो जाता है

अदिति आरोही अमर बहोत हैरान अभय को देख रहे थे तीनो मे मन मे यही चल रहा था आखिर ये मास्क पेहना लरका है कोन

अभय अमर को देख - तुम ठीक तो हो ना
अमर अभय को देख - जी मे ठीक हु आपका सुक्रिया
आरोही अभय को देख - आप ना होते तो व कमीना मेरे भाई को मार डालता आपका दिल से सुक्रिया

अभय दोनों को देख - इसकी कोई जरूरत नही है मे तो यह अदिति से मिलने आया था लेकिन यहा तो कुछ और चल रहा था अब मे अपने आखो के सामने किसी को मार खाता थोरी ना देख सकता था इस लिये बचा लिया

अभय की एक बात सभी को हैरान और सोचने पे मजबूर कर देती है ( मे यहा अदिति से मिलने आया था)

अदिति भी अभय की कही बात सुन हैरान अभय को देख - सोचने लगती है मे इसे जानती नही कोन है कियु मुझसे मिलने आया है और दूसरी अपने चेहरे पे मास्क कियु पेहन रखा है

अमर अभय को देख हैरानी से - तुम हो कोन और कियु अदिति से मिलने आये हो

आरोही अभय को देख - भाई ने सही कहा हम अच्छे से जानते है अदिति के हमारे अलावा कोई दोस्त नही है तो तुम कोन हो कियु मास्क पेहना है अदिति को कैसे जानते हो

अभय दोनों के सवाल सुन मुस्कुराते हुवे - मे अदिति का दीवाना हु मे यहा अदिति को परपोस् करने आया हु

अभय की बात सुन अदिति आरोही अमर पूरी तरह से सौक हो जाते है

अमर अभय को देख - देखो भाई अदिति मेरी है और हमारी जल्दी सादी होने वाली है तो प्लेस किसी और को ढूढ़ लो कोई ना कोई अच्छी लरकी आप को मिल जायेगी

आरोही अभय को देख - हा अदिति मेरी होने वाली भाभी है तुम किसी और को ढूढ़ लो

अभय अदिति को देख - लेकिन मे अदिति के मुह से सुनना चाहता हु

अदिति अभय के समाने आके - देखिये आप मे अमर की जान बचा कर हम पे एहसास किया हो लेकिन ये सच है अमर मेरे होने वाले पति है तो प्लेस समझिये बात को

अभय अदिति को देख मन मे - कितनी प्यारी बोली हो तुम्हारी और कितनी खूबसूरत के साथ बरी हो गई हो

अभय तीनो को देख - ठीक है एक सर्त् लगाते है अदिति मेरे प्यार को कबूल करेगी उसी के साथ मेरे केहने पे ( अभय अमर को देख) तुझे छोर भी देगी

अभय की ये बात तीनो को और हैरान कर देती है अभय को थोरा गुस्सा आने लगता है

अमर अभय को देख - मे मान नही सकता ऐसा कभी नही होगा
आरोही - हा अदिति मेरे भाई को कभी छोर नही सकती वो भी तुम्हारे लिये तुम बेकार मे कोसिस किये जा रहे हो

अदिति अभय को देख थोरे गुस्से से - देखो आप ने हमारी मदद की उसके लिये दिल से सुक्रिया लेकिन अब आप कुछ जायदा हि बोल रहे है और अपने आप कोई कुछ जायदा ही समझ रहे ही मे अमर को छोर नही सकती

अभय अदिति के आखो मे देख - ठीक है फिर कोसिस करने से किया जाता है अगर मे जीत गया और तुम मेरे प्यार को कबूल कर लेती हो तो ( अभय अपने गालो मे हाथ रख - तुम्हे मेरे गालो मे मीठी किस्सी देनी होगी लेकिन अगर मे हार गया तो तुम सब जो कहोगी वो मे करुगा

अभय की बात सुन फिर सब हैरान हो जाते है और अभय सभी को मुस्कुराते हुवे देखे जा रहा था

अमर अदिति को देख - मुझे यकीन है अदिति मे तुम हारने वाले हो
आरोही - अभय को देख सही कहा भाई ने अदिति को प्यार बहोत मुश्किल मेरी भाभी बनने के लिये तैयार हुई थी अदिति तो प्यार के चक्कर मे परना ही नही चाहती थी वो तो बाद मे मान गई तो तुम जो भी हो हार मान लो अदिति तुम्हे कबूल नही करेगी

अदिति अभय को देख - सही कहा अमन और मेरी दोस्त मे फिर भी यकीन नही होता तो ट्राई कर लॉ लेकिन बाद मे मेने मना किया तो यहा से चुप चाप चले जाओगे

अभय अदिति को देख मुस्कुराते हुवे - ठीक है

अदिति अमर आरोही की नजर अब अभय पे टिक जाती है


अभय उपर वाले जेब से गुलाब का फूल निकाल घुटनों पे बैठ अदिति को देख अदिति की तरफ गुलाब का फूल आगे करते हुवे

अभय - अदिति तुम बहोत खूबसूरत हो चाँद की तरह तुम मेरी जान हो तुम मेरे पास होती हो तो मेरे दिल को चैन सुकून मिलता है नही होती हो तो दिल बेचैन हो जाता है तो अदिति प्लेस मेरे प्यार को अपना लो

अभय ने अदिति को एक गर्लफ्रेंड की तरह परपोस् नही किया है ये बात अभय के परपोस् के तरीके से उसके शब्द से समझ सकते है


अभय के कहे गये शब्द सुन अदिति के दिल मे हलचल पैदा कर देती है अदिति के दिल मे एक मिठा दर्द एक अलग एहसास होता है जिसे अदिति समझ नही पाती

अदिति - अभय को देख माफ करना जैसा मेने कहा था मे आपके प्यार को कबूल नही कर सकती सॉरी

अमर आगे आते हुवे अभय को देख - अब अदिति ने भी केह दिया तो प्लेस यहा तमाशा मत करो

आरोही अभय को देख - मेने पेहले हि कहा था लेकिन तुम माने नही अब तो सुन देख लिया अब तुम जाओ हमे भी जाने दो

अभय सभी को देखते हुवे - रुको एक बार और सायद मेने मास्क नही निकाला इस लिये अदिति मेरा हैंडसम चेहरा नही देख पाई लेकिन इस मार मेरा हैंडसम चेहरा देख जरूर हा करेगी

अभय की इस बात को सुन अदिति आरोही अमर अजीब नजर से अभय को देखने लगते है अब तीनो को अभय एक पागल लरका लगने लगता है

अभय अदिति को देख - प्लेस एक बार मान जाओ कसम से इस बार लास्ट है

अदिति अभय को देख सर पकर के - आप नही समझ रहे प्यार अमीर हैंडसम देख नही किया जाता और जो अमीर हैंडसम देख प्यार करते है वो प्यार नही होता लेकिन आप समझ नही रहे है टिक है आखरी बार है

अभय खुश होते हुवे - ठीक है

अदिति खरी थी सांत अभय गुलाब के फूल आके करते हुवे वही लाइन बोलता है जो अभय ने पेहले कही थी लेकिन इस बार अपनी ओरिजनल आवाज मे

अदिति अभय की ओरिजनल आवाज सुनते ही चौक जाती है अदिति हैरानी से अभय को देखने लगती है अभय फिर अपना मास्क हटा देता है और अदिति के सामने अभय का चेहरा आ जाता है जिसे देख अदिति पूरी तरह से एक जगह पे जम जाती है


( घर पे )

आसा टेंसन मे घर से बाहर आके मेन रोड की तरह देखती है तो अभय आता हुवा दिखाई नही देता है आसा फिर आगन मे आके खटिये पे बैठ जाती है दिशा ये सब देख रही थी

दिशा आसा के पास आके बैठ जाती है और आसा के कंधे पे हाथ रखते हुवे - मम्मी जी बस भी कीजिये देवर जी के जाने के बाद आप अभी तक 10 बार बाहर जाके देख चुकी है मुझे पता है पेहले देवर जी के साथ जो हुवा उसके बाद आपके दिल मे एक डर बैठ गया है लेकिन आपको उस डर को भगाना होगा देवर जी अब बच्चे नही रहे आ जायेंगे मुझे लगता है देवर जी ननद जी 4 साल बाद मिले होगे तो दोनों बाते करते हुवे घूमते हुवे आ रहे होगे

अभय के साथ 4 साला पेहले जो हुवा उसके बाद आसा के दिल मे जो डर था वो होना लाजमी था ऊपर से आसा एक मा थी तो एक मा को अपने बच्चो की चिंता हमेसा लगी ही रेहती है इसी की वजह से अभय के जाने के बाद आसा दस बार बाहर जाके देख चुकी थी

आसा दिशा को देखते हुवे - बहु तुम किया केहना समझाना चाहती हो मे समझ रही हु लेकिन एक मा का दिल नही समझ रहा तो मे किया करू अभय को गये एक घंटे होने वाले है अभी तक तो अभय और अदिति को आ जाना चाहिये था लेकिन दोनों नही आये तो चिंता होगी ना

दिशा आसा को देख - आप सही है लेकिन इतना टेंसन भी मत लीजिये आ जायेंगे दोनों अब ये बताइये आज किया बनेगा खाने मे

आसा दिशा को देख मुस्कुराते हुवे - आज मे खुद अपने लाल के पसंद की सारी डिश बनाने वाली हु

दिशा मुस्कुराते हुवे - जरूर मे आपकी मदद करुगी आज हम देवर जी के पसंद की सारी डिस बनायेगे

( आज के लिये इतना ही ) 🙏🙏🙏🙏
बहुत ही मस्त लाजवाब और मजेदार अपडेट है भाई मजा आ गया
 
  • Like
Reactions: Gokb and ckkhandu

Napster

Well-Known Member
6,719
17,648
188
( chapter 8 )

( मे प्यार से उन कुछ लोगो से केहना चाहता जिन्हें अपने हिसाब से सब चाहिये देखो मेरी स्टोरी है और मेने जैसा सोचा है वैसा ही एंड भी होगा जिन लोगो को पसंद नही आ रही प्लेस इंस्टा रील की तरह स्क्रोल कर आगे बढ़ जाये मे हर किसी को खुश नही कर सकता मेरी भी कुछ पसन्दीदा स्टोरी है जिसमे मुझे कई सीन कई चीजे पसंद नही आई लेकिन मे किया कर सकता हु मर्ज़ी मेरी थी पढु या ना पढु xforum मे हर एक स्टोरी मे मेने देखा कोई ना कोई होता है जिन्हें स्टोरी मे सब अपने हिसाब से चाहिये होता है तो भाई xforum पे कई स्टोरी है जाके पढ़ो अगर मेरी स्टोरी पसंद नही आ रही तो प्लेस )
बाकी सभी का थैंक्स
🙏🙏🙏🙏🙏🙏



घर पे आसा अभय के लिये परेसान थी अभय के गये 1 घंटे होने वाले थे अभय के साथ हुई घटना आसा के अंदर डर पैदा कर चुकी थी यही वजह थी आसा अभय के लिये परेसान थी लेकिन दिशा के समझाने पे आसा सांत हो चुकी की लेकिन दिल के अंदर बेटे के लिये चिंता कभी खतम नही हो सकती खास कर एक मा के लिये

( स्कूल)

वही अभय अदिति के सामने घुटनों पे बैठ अपनी ओरिजनल आवाज मे परपोस् करता है उसी के साथ अपने चेहरे से मास्क भी निकाल देता है

अदिति अभय के चेहरे को देख जम जाती है कोई शब्द नही निकल रहे थे ना सरीर कोई मोमेंट कर पा रहा था ना आखे की पलके झपक रही थी लेकिन आखे सिर्फ अभय को देखे जा रही थी

अमर आरोही अदिति को कुछ ना बोलता देख पथर् के तरह खरा देख समझ नही पा रहे थे आखिर अदिति को किया हो गया है लेकिन तभी दोनों और हैरान हो जाते है और कंफ्यूज भी कियुंकी अदिति का पूरा सरीर हिल नही रहा था कोई मोमेंट नही कर रहा था लेकिन अदिति के आखो से भर भर के आसु निकल तप तप कर नीचे गिरे जा रहे थे जो अमर आरोही हो हैरान के साथ सोचने पे मजबूर कर रहे थे

वही अभय अदिति के आखो से आसु निकल नीचे गिरते हुवे देखता तो अपना हाथ आगे लेजाकर अदिति के आसु जो गिर रहे थे अपने हाथो मे जमा करते हुवे अदिति को देख

अभय - गुरिया तेरे एक एक आसु की कीमत मेरे लिये बहोत जायदा है तो ऐसे अपने आसु बहाया मत कर

गुरिया ये शब्द अमर आरोही के कान मे जाते है तो दोनों को बहोत बरा झटका लगता है दोनों हैरानी से अभय को देखने लगते है लेकिन अभी भी अमर आरोही समझ नही पा रहे थे अभय कोन है अदिति से किया रिस्ता है उसका

अदिति जो अभय के चेहरे को देख रोये जा रही थी कुछ बोल रही रही थी जम सी गई थी लेकिन अब अदिति का सिर्फ होठ मोमेंट करता है अदिति कापते होठों से अभय की आखो मे देख

अदिति - किया आप मेरे अभय भाई है
( असल मे अदिति को यकीन था सामने घुटनों पे बैठा उसका भाई है लेकिन 4 साल बाद अचानक अभय आ गया था तो 4 साल मे थोरा बदलाव सॉरी थोरा से ज्यादा बदलाव आये थे अभय मे बस अदिति को बिस्वास नही हो रहा था इसी लिये अदिति ने ये सवाल पूछा )

अभय खरा होता है और अदिति की आखो मे देख बाहें फैलाते हुवे हा गुरिया मे तेरा भाई अभय हु मे लौट आया गुरिया तेरे पास अपनो के पास बस यही सुनना था अदिति को अदिति बिना देरी किये रोते हुवे भईया केहते हुवे जाके अभय के बाहो मे समा जाती है अभय भी अदिति को अपनी बहो मे पूरा समा लेता है


U9tP
एक बेहन जिसके लिये उसका भाई सब कुछ था एक भाई जिसकी एक लाडली बेहन जिसके लिये पूरी दुनिया से लर सकता है कहे तो दोनों भाई बेहन की जान एक दूसरे मे बस्ती है आखिर कार आज एक बेहन एक भाई दोनों मिल ही गये सीन बहोत प्यारा लेकिन इमोसनल भी था

अमर आरोही के मूल खुले आखे फटे रेह जाते है ये जान की अभय अदिति का वही भाई है जिसे चार साल पेहले किंडनैपर किडनैप कर के ले गये थे

अदिति अपने भाई के सीने से लगी हुई रोते हुवे - भाई आप कहा चले गये थे आप को पता भी है आपकी गुरिया कैसे आप के बिना एक एक पल दिन रात गुजार रही थी मुझे आप की बहोत याद आती थी भाई हर पल मेरा दिल आपकी आवाज आपको देखने के लिये तरपता रेहता था रात को नींद नही आती थी खाना गले से उतर नही रहा था घर मुझे काटने को दोरते थे ( अभय अदिति के सर को सेहलाते हुवे अदिति को बोलने दे रहा था अभय को पता था बहोत सारी बाते केहनी होगी अदिति को )


abrazo-498-x-289-gif-xnbjlhv30eg2p3bq
अदिति- जब भी स्कूल से घर जाती थी तो लगता था आप घर पे होगे लेकिन जब अंदर जाती थी तो नही होते थे तो मेरा दिल रो परता था भाई मेरा दिल रो परता था मे उपर वाले से दुवा करती थी आप लौट आये मेरे पास अपनी गुरिया के पास और आज आप लौट आये मेने भाई आपको बहोत मिस किया बहोत हर पल मेरा दिल आप को याद करता था मेरी हर एक सासे भी

अभय अदिति के चेहरे को पकर आखो मे देख - मुझे पता है मेरी गुरिया ने मुझे बहोत मिस किया बहोत दर्द सहा है लेकिन गुरिया सेम मेरा भी वही हाल था ये तो मा तेरा प्यार ही है जिसने मुझे हिम्मत दी


34533bb3b784a65b1dde33e543b7c778
और आज मे तेरे पास आ गया लेकिन अब रोने की जरूरत नही है तेरा भाई अब आ गया है और फिर कभी भी तुझे छोर कर कही नही जायेगा ये मेरा तुझसे वादा है गुरिया

अदिति आखो मे आसु लिये सिसक सिसक कर रोते हुवे अभय को देख - भाई आप सच केह रहे है ना आप फिर मुझे छोर कर नही जायेंगे ना अगर इस बार मुझे फिर छोर कर चले गये तो मे जी ( अभय बीच मे अदिति को रोकते हुवे)


be2646d6050423cc5034957367fc5b2b-1
अभय - नही जाउंगा और ना मे अपनी मर्ज़ी से गया था लेकिन इस बार कोई भी मुझे तुमसे जुदा नही कर सकता और अगर किसी ने कोसिस भी कि तो मे उसे चिर कर रख दूंगा

अभय की बात सुन अदिति अभय के गले लगते हुवे - आप न केह दिया यही मेरे लिये बहोत है अदिति फ़िर अभय के बहो मे समा जाती है अभय भी अदिति को बाहो मे समा लेता है आज दोनों के दिल को सुकून मिल रहा था और ऐसा हो भी कियु ना दोनों की जान जो एक दूसरे मे बस्ती है दोनों भाई बेहन गले लगे रेहते लोगो से बेखबर

अमर आरोही हैरान लेकिन खुश भी थे अदिति के लिये कि उसका भाई आ गया वापस


3 मिनट बाद अभय - अदिति सी गुरिया कब तक गले लगी रहोगी घर भी जाना है


abrazo-498-x-289-gif-xnbjlhv30eg2p3bq
अदिति - दिल नही कर रहा आपको छोराने का दिल कर रहा है आपके बाहो मे युही रहु कियुंकी आपकी बाहो मे मुझे बहोत सुकून मिल रहा है
अभय - हस्ते हुवे समझ गया लेकिन अभी हमे जाना भी है मे हु ना तेरे पास जितना मेरी बाहो मे रेहना है रेह लेना ठीक है


अभय के केहने पे अदिति अभय से अलग होती है लेकिन अभय के एक बाहो को जोर से पकर लेती है अभय ये देख मुस्कुरा देता है


( दोनों भाई बेहन का मिलन 4 साल बाद पुरा हुवा )

अभय अमर आरोही को देखता है फिर अभय अमर आरोही के पास जाके खरा हो जाता है

अभय अदिति को देख - गुरिया तूने मेरे प्यार को कबूल किया
अदिति अपने भाई की बात सुन अभय को प्यार से देखते हुवे
अदिति - भाई मेरे दिल मे आप तो सुरु से ही है ( कबूल है)
अभय अमर को देख - किया तुम अमर को छोर दोगी मेरे केहने पे
अदिति अमर को देखते हुवे - आपने कहा मेने छोर दिया

अमर ये सुनते ही अभय के पैर पे गिरते हुवे - भाई मे अदिति से बहोत प्यार करता हु प्लेस मुझे अदिति से दूर मत कीजिये

अदिति अमर को ये सब करता देख नही थी लेकिन कुछ नही बोलती है आरोही भी चुप रेहती है

अभय अमर को देख - मेरे पैर पे गिरना बंद करो और खरे होके मेरी बात ध्यान से सुनो

अभय की बात सुन अमर खरा हो जाता है और अभय को देखने लगता है

अभय - देखो अमर मेरी गुरिया मेरे लिये मेरी जान है और मे अपनी गुरिया को ऐसे ही किसी के हाथो मे नही दे सकता मुझे इस बारे मे बहोत सोचना होगा कियुंकी मे अभी आया हु तुम्हे अच्छे से नही जानता तुम दोनों मे दोस्ती प्यार जो है उसके बारे मे भी पता नही है तो मुझे समय चाहिये तुम्हे जानने की चीजो को समझने के लिये मेने देखा तुमने हिम्मत दिखाई लेकिन तुम हालात को समझ नही पाये टीनू तुम्हे जान से मारने वाला था लेकिन तुम मार खाते रहे सोचा है उसके बाद अदिति आरोही का किया होता अगर लराइ आर पार की हो रही है तो उसमे अपनी पूरी जान लगा देनी चाहिये खैर अगर मुझे लगा तुम उसके लायक हो तो ठीक है नही तो अदिति को भूल जाना ( अभय अदिति को देख ) गुरिया तुम्हे कोई दिकत है तो केह सकती हो

अदिति अभय के बाहो को पकरे अपना सर अभय के सीने पे रख - मे आपकी गुरिया भी और हमेसा रहूगी आप को कहेगे करुगी

अभय अमर को देख - तुम समझ गये होगे

अमर बहोत कुछ बोलना चाहता था लेकिन बोल नही पाता

अभय कुछ पैसे निकाल अमर को देते हुवे - ये लो जाके इलाज करवा लेना

अभय पैसे देकर अदिति को प्यार से देख - चले गुरिया
अदिति अभय को प्यार से देख - जी भाई

अभय अदिति को लेकर बाइक की तरफ निकल परता है

अमर अदिति अभय को जाते देख आरोही से - आरोही तुम्हे किया लगता है अदिति की सादी उसका भाई मुझसे करायेगा

आरोही अदिति अभय को जाते देखते हुवे - मे कुछ केह नही सकती चीजे बदल गई है अदिति का भाई अदिति से बहोत प्यार परता है इतना की अदिति के लिये अपनी जान देख सकता किसी का ले भी सकता है और उसका देबो हम ने देख ही लिया है

आरोही अमर को देख - भाई बुरा मत मानना लेकिन तुम 2 लोगो को एक मुक्का भी मार नही पाये अगर अदिति का भाई नही होता हो चीजे बिगर सकती थी बहोत बुरा हो सकता था तो आप समझ रहे होगे अब तो अदिति के भाई के ऊपर है कियुंकी अदिति वही करेगी जो उसका भाई कहेगा अब हमे चलना चाहिये

अमर अदिति को जाते देख - ठीक है हम चलते है

अमर आरोही अपने रास्ते निकल परते है

अभय अदिति के साथ अपनी बाइक के पास आ जाता है अदिति बाइक को देख हैरान होते हुवे अभय को देखते हुवे
-
अदिति - भाई ये नया बाइक आप की है
अभय अदिति को देख मुस्कुराते हुवे - मे अपनी गुरिया को थोरी ही पैदल या रिस्का मे लेकर जाउंगा इस लिये आते ही खरीद ली
अदिति हैरान होते हुवे बाइक को देख फिर अभय को देख
अदिति - भाई आप सच केह रहे है ये हमारी बाइक है
अभय - मुस्कुराते हुवे हा गुरिया हमारी बाइक है
अदिति खुशी के मारे अभय को गले लगते हुवे - भाई मे कई बार ये सोचती थी की भाई के साथ बाइक पे बैठ कर घूमने जाउंगी कितना मजा आयेगा लेकिन आप नही थे लेकिन आज मेरी ये खवाइज भी पूरी हो जायेगी

अभय अदिति के चेहरे को पकर आखो मे प्यार से देख

अभय - मेरी गुरिया की खुवाइज मेरी खुवाइस है और मे अपनी गुरिया की हर खोवाइस पूरी करुगा

अदिति अपने भाई की बात सुन इमोसनल होते हुवे - आई लोव यू भाई
अभय अदिति के माथे पे किस करते हुवे आई लोव यू तु मेरी गुरिया

अभय फिर अदिति को देख मुस्कुराते हुवे - मेने सर्त जीती है पता है ना हारने मे तुम्हे किया देना था


8a1610ea02db047db6f12d08856b7527
अदिति अभय को देख मुस्कुराते हुवे अभय के गालो पे अपने गुलाबी होठो से किस करते हुवे मुझे पता है भाई मे भूलि नही थी

अभय अदिति को देख मुस्कुराते हुवे - गालो के किस लेकिन बहोत मीठी किस लगी मुझे
अदिति सर्म से लाल होते हुवे - भाई आप भी ना

अभय हस्ते हुवे - चलो चलते हो
अदिति - ठीक है

अभय बाइक पे बैठ बाइक चालू करता है और अदिति पीछे दोनों तरफ पैर कर बैठ जाती है लेकिन अदिति पुरा अभय से सत् अभय के कमर को दोनों हाथो से कस के पकर अपना सर अभय से कंधे पे रख देती है


images-1
अभय का ये पहली बार था जो कोई लरकी उससे पुरा चिपक कर बाइक पे बैठी है अभय को अदिति के शरीर कि गर्मी के साथ अदिति के बरे गोल टाइट लेकिन उतने ही मुलायम चुचे अपने सरीर से चिपके साफ फिल हो रहा था लेकिन अभय अपने दिमाग सिर्फ अदिति के लिये प्यार था ( पर ये अनुभव फीलिंग अलग थी अभय के लिये)


( सायद इस लिये कियुंकी अभय 15 का था तक अभय का किंड्नैप हुवा था तो उस समय अभय एक बच्चा ही था अदिति भी लेकिन आज दोनों भाई बेहन जवानी मे कदम रख चुके थे)


अदिति बहोत खुश थी आज और अभय को बाहो मे पकरे बैठी हुई थी आज अदिति के चेहरे के खुशी एक अलग ही नेवल पे थी

अभय -अदिति को देख चले गुरिया
अदिति खुशी से - हा भाई चलिये


tumblr-1deb769473bcfaf50964662577eaddec-adfea267-540
अदिति के केहते ही अभय बाइक लेकर निकल परता है और अदिति अपने भाई को पकरे उसे एक अलग ही सुकून मिल रहा था

अभय बाइक लेकर तेजी से जा रहा था और फ़िर 5 मिनट बाद अभय मार्केट आ जाता है और बाइक रोक देता है

अदिति हैरान बाइक से नीचे उतरते हुवे अभय को देख - भाई हम घर जा रहे थे ना तो यहा कियु आये है

अभय अदिति को देख - गुरिया भाभी की मुहदिखाई मे मेने कुछ नही दिया है तो इसी लिये भाभी के लिये गिफ्ट लेने आया हुई

अदिति अभय के बाहो को पकर् खुश होते हुवे - अच्छा ये बात हो तो आप किया लेने वाले हो गिफ्ट भाभी के लिये


अभय सोचते हुवे - भाभी बहोत खूबसूरत है तो उनके गले मे लॉकेट बहोत अच्छा लगेगा

अदिति अभय को घूर के गुस्से से देख - किया मे खूबसूरत नही हु
अभय घबराते हुवे अदिति को देख - मेरी गुरिया को दुनिया की सब से खूबसूरत है
अदिति - मुह बनाते हुवे ठीक है चलिये लॉकेट ले लेते है

अभय अदिति अंदर जाते है अभय दो खूबसूरत लॉकेट लेता है

अभय एक लॉकेट खुद अदिति के गले पे पेहना देता है
अभय - गुरिया पसंद आया लॉकेट


dbd2806-PD0980-1
अदिति लॉकेट को देखते हुवे - बहोत ही खूबसूरत है और मेरे प्यारे भाई का पेहला गिफ्ट भी है तो ये मेरे बहोत खास हो गया है और बहोत कीमती भी जिसे मे अपने दिल के पास हमेसा रखुंगी
अभय - मुस्कुराते हुवे अदिति को देख हा तुम पे बहोत अच्छा लग रहा है

अदिति - खुश होते हुवे मेरे भाई ने जो पसंद की है
अभय मुस्कुराते हुवे - ठीक है चलो चलते है

दोनों बाहर बाइक के पास आ जाते है

अभय - गुरिया तुम खाओगी

अदिति अभय की बात सुन इधर उधर देखने लगती है तो अदिति को पानीपुरी वाला दिखाई देता है

अदिति अभय को देख - भाई मुझे पानी पूरी खानी है
अभय मुस्कुराते हुवे - ठीक है चलो फिर

अदिति खुशी खुशी पानीपुरी वाले की तरफ जाने लगती है दोनों पानीपुरी वाले के पास पहुँच जाते है

अभय पानीपुरी वाले से - अंकल पानीपुरी लगा दो

अभय अदिति मन भर पानीपुरी खाते है और अभय मा भाभी के लिये भी पैक करवा लेता है फिर बाइक पे बैठ जाता है अदिति भी पानीपुरी हाथ मे लिये बैठ जाती है

अभय - गुरिया चले फिर
अदिति - जी भाई

अभय बाइक लेकर घर पहुँच जाता है बाइक की आवाज सुन आसा दिशा भागते हुवे बाहर आके देखती है तो अदिति बाइक से उतर रही होती है और अभय बाइक पर ही होता है


आसा दिशा हैरान और कंफ्यूज भी थे बाइक को देख कर
अदिति नीचे उतर अपनी मा भाभी को देखते हुवे

अदिति - खुशी से मा भाभी देखो हम आ गये आज बहोत मजा आया भाई के साथ बाइक पे बैठ कर
अभय भी बाइक साइड मे लगा के अदिति के सामने खरा हो जाता है

आसा बाइक को देखते हुवे - ठीक है लेकिन ये बाइक किसकी है और तुम लोग इतनी देरी से कियु आ रहे हो हा जवाब दो पता भी है मे कितने देर से तुम दोनों का इंतज़ार कर रही हु

अभय आसा को गले लगाते हुवे - मेरी खूबसूरत मा कियु आप चिंता कर रही थी मे आ गया ना अब

आसा अभय को बाहो मे भर - अब मेरे दिल को सुकून मिला
अभय आसा के गाल पे किस करते हुवे - मुझे भी

दिशा अभय को देख - लेकिन देवर जी आपने बताया नही ये नई बाइक किसकी है
अभय के बताने से पेहले
अदिति - हमारी बाइक है भाभी भाई ने नई की है

अदिति की बात सुन आसा दिशा हैरानी से अभय को देखने लगते है

अभय आसा दिशा को देख चलिये अंदर बाते करते है

सभी अंदर आते है और आगन मे खटिये पे बैठ जाते है अभय से सत् कर अभय के बाहो को पकरे हुवे अदिति बैठी हुई थी

आसा अभय को देख - अब बताओ बाइक कहा से ली और कितनी की है बाइक
अभय आसा भाभी को देख - जायदा नही 93 हजार की है बस

आसा दिशा के साथ अदिति भी हैरान होते हुवे अभय को देखने लगते है
दिशा अभय को देख - देवर 93 हजार कोई कम पैसे नही है और आप आराम से केह रहे है
आसा अभय को देख - और नही तू किया लेकिन इतना पैसा आया कहा से तुम्हारे पास
अभय आसा दिशा को देख - अरे मा जहा कैद मे था वहा काम करने के पैसे भी देते थे ( अभय सच नही बताता आगे बतायेगा )

आसा - चल छोर जो भी है खैर अब तु आ गया इतना काफी है मेरे लिये

अदिति दिशा को पानीपुरी देते हुवे - भाभी ये लीजिये पानीपुरी भाई मा आप के लिये लेकर आये है

दिशा पानीपुरी लेते हुवे अभय को देख - वाह देवर जी आज तो मजा आ गया पानीपुरी खाने को मिल रहा है
अभय दिशा को देख मुस्कुराते हुवे - अरे मेरी न ही तो खूबसूरत भाभी है तो उनका ख्याल तो रखना पड़ेगा ही ना
दिशा मुस्कुराते हुवे - थैंक्स देवर जी पानीपुरी मुझे बहोत पसंद है
अभय - थैंक्स मत कहिये आप मेरी अपनी है इस घर का हिस्सा ही
दिशा अभय को प्यार से देखते हुवे - ठीक है नही कहूगी

अभय मुस्कुरा देता है

दिशा अदिति को देख हस्ते हुवे - ननद जी कब तक ऐसे ही अपने भाई को पकर कर बैठने का इरादा है.
अदिति अभय के कंडे पर सर रख मुस्कुराते हुवे - मेरा दिल करेगा तब तक भाभी

दिशा हस्ते हुवे - ठीक है ठीक है लगी रहो
आसा अदिति अभय को देख इमोसनल होते हुवे अदिति के पास जाके अदिति के गाल को प्यार से सेहलाते हुवे

आसा - मेरी बच्ची की जान उसके भाई मे बस्ती है ( अभय को देख) इस 4 चार साल मे मेरे लाल के बिना कभी मेने हस्ते नही देखा मस्ती करते नही देखा जैसे मेरी बच्ची जीना ही भूल गई हो बस मेरे सामने खुश रहने का दिखावा करती थी लेकिन ऐसा था नही

आसा अभय के गाल को सेहलाते हुवे - मेरा लाल हमारे लिये सब से लर कर आया है मुझे गर्व है मेने एक मर्द को जन्म दिया है

अभय अपनी मा के आसु साफ करते हुवे - आना ही था आप जैसी खूबसूरत मा ( अदिति को देख) मेरी प्यारी गुरिया ( अदिति खूबसूरत गुरिया भाई ) अभय हस्ते हुवे खूबसूरत गुरिया अब ठीक है ( अदिति मुस्कुराते हुवे हा) तो मुझे आना ही था

अभय दिशा के पास जाके खरा होते हुवे - मुझे एक भाभी चाहिये थी मे हमेसा सोचता था जब हम बरे होगे मेरी भाई की सादी होगी फिर हमारे घर मे भाभी आयेगी जिनके साथ खुब मस्ती करुगा भाभी के हाथो से खाना खाऊगा आज हम बरे हो गये भाई की सादी हो गई भाभी भी आ गई लेकिन ( अभय के आखो मे आसु आ जाते है) लेकिन भाई नही है हमारे बीच
अभय दिशा के हाथ को पकर - भाभी आप मुझे खुदगर्ज़ कहेगी चलेगा लेकिन मे ये कहुंगा आप का सुकिया भाभी इस घर को छोर कर ना जाने के किये अगर आप चली जाती तो मेरा सपना कभी पुरा नही होता मे अपनी भाभी के साथ मस्ती मजाक नही कर पाता मे आपके हाथो से बना खाना नही खा पता इस लिये दिल से सुक्रिया भाभी


अभय की बात दिशा की दिल पे लगती हो अभय के लिये दिशा के दिल मे और प्यार बढ़ जाता है दिशा के आखो से आखु झलक परते परते है आसा अदिति भी भाभी देवर का प्यार देख इमोसनल हो जाते है

दिशा अभय के गालो पे प्यार से हाथ फेरते हुवे अभय को देख

दिशा - जब मे इस घर मे आई तो आपके भाई सासु मा अदिति आप के बारे मे बहोत सारी बाते करते थे तो मे समझ गई मे ऐसे परिवार का हिस्सा बनी हु जहा हर किसी के दिल मे एक दूसरे के लिये प्यार है सब के मुह से सुन मे समझ गई थी की आप बहोत अच्छे होगे लेकिन आज मे गलत साबित हुई आप अच्छे नही बहोत अच्छे है देवर जी और मे एक ऐसे घर को छोर कर कैसे जा सकती थी जिस घर मे इतना परिवार है अगर मे चली गई होती तो बहोत पछताती कियुंकी आज जैसा देवर मे खो देती मुझे भी एक प्यारा नटखट देवर चाहिये था जो मुझे मिल चुका है बस कमी रहेगी इस जिंदगी में आपके भाई की

अभय घुघट बिना हटाये अंदर से ही दिशा के आसु साफ करते हुवे

अभय - भाई की कमी मे पूरी नही कर सकता लेकिन एक वादा है मे आप सब को हर खुशी दूगा
दिशा - अभय का हाथ पकर मुझे यकीन है अपने देवर जी पे

आसा - चलो हो गया इमोसनल ड्रामा अब खाना भी बनाना है

आसा की बात सुन अदिति दिशा अभय मुस्कुरा देते है

आसा दिशा खाना बनाने मे लग जाते है और अदिति अभय बहोत सारी बाते करने मे


( रात 8 बजे )

खाना बन चुका था आगन मे चटाइ बिछा दी गई थी सभी नीचे चटाई पे बैठे हुवे थे आसा अदिति दिशा की नजर अभय पे थी

आसा अभय को देख - मेरे लाल अब पता तुम्हे कोन ले गया था कहा ले गया था 4 साल कैसे रहे वहा पे किया करते थे सब कुछ मुझे जानना है
दिशा अभय को देख - हा देवर जी हमे भी जानना है आप कैसे वहा से भाग कर आये

अदिति तो अभी भी अभय से चिपकी हुई थी

अदिति - मुझे भी जानना है भाई सब कुछ

अभय आसा दिशा अदिति को देख एक बरी सास छोराते हुवे ठीक है बताता हु

तभी कोई चिल्लाते हुवे घर के अंदर आता है मेरा बेटा बेटा कहा है करते हुवे

अभय आवाज सुन समझ जाता है ये कोन होगी अभय अपना सर पकर मन मे - साले को कहा था मेरे साथ चल लेकिन नही नही साले को घूमना था बुवा के पास जाना था अब मुझे ऑन्टी को समझाना पड़ेगा

हा अभय का सोचना सही था ये विजय की मा ही थी मिनिता

मिनिता को पता चल चुका था अभय वापस आ गया है तो भागते हुवे आ गई अभय के घर


मिनिता आखो मे आसु लिये अंदर आती है मिनिता की नजर अभय पी जाती है मिनिता अभय के पास आके घुटनों पे बैठ अभय का हाथ पकर रोते हुवे

मिनिता रोते हुवे - मेरा बेटा मेरा लाल कहा है अभय किया वो तेरे साथ था अगर था तो वो कहा है प्लेस बेटा बता है मुझे चार

बीच मे ही अभय मिनिता के मुह को बंद करते हुवे मिनिता को देख

अभय - वो कमीना ठीक है हम साथ मे ही वहा से भाग के आये थे लेकिन कमीने को कहा मेरे साथ चल लेकिन उसके कहा मे घूमते हुवे बुवा के यहा से होते हुवे कल आ जाउंगा मा को बता देना तो अब जान गई रोना बंद कीजिये और आराम से बैठ जाइये वहा किया हुवा हम कैसे भाग कर आये वही मे सभी को बताने जा रहा था

अभय मिनिता को देख अब चुप रहेगी ना

मिनिता गर्दन हिलाते हुवे - हा

अभय फिर छोर देता है

मिनिता अभय को देख प्यार से - बेटा जरा विजय को फोन लगा ला किया करू जिगर का टुकरा है मेरा 4 साल टरपि हु उस के लिये उसको देखने के लिये उसकी आवाजे सुनने के लिये

अभय मिनिता को देखता है फिर फोन निकाल विजय को फोन लगा के मिनिता को दे देता है

मिनिता फोन पकर देती है विजय फोन उठाते हुवे बोलिये बॉस

तभी मिनिता का रुद्र रूप सामने आता है

मिनिता- चिलाते हुवे कमीने मे तेरी मा बोल रही हु मे यहा 4 साल से मेरा लाल मेरा लाल कहा है करते हुवे तुझे ढुंढ रही थी तरप रही थी लेकिन तु बाहर आया तो तुझे अपनी मा से जायदा बुवा की याद आई ठीक है मेरे लाल वही रेह बुवा के पास घर आने की जरूरत नही है

विजय कापते हुवे - मा अरे सुनो तो जैसा आप

तभी मिनिका फोन कट करते हुवे मुस्कुराते हुवे फोन अभय को दे देती है

मिनिका - कमीना जिंदा है सही सलामत है ये जान कर ही मे बहोत खुश हु

पर भाई आसा दिशा अभय तू मुह फारे मिनिका को ही देखे जा रहे थे
आसा दिशा अभय की दिमाग एक ही बात चल रही थी
अभी अभी उन्होंने किया देखा इतनी जल्दी तो गिरगिट भी अपना रंग नही बदलती

( विजय के बुवा के घर )

विजय अपनी बुवा के गोद मे सर रख लेता हुवा था

विजय बुवा को देख डरते हुवे - सुना ना हुवा मा कितने गुस्से मे है पक्का घर जाउंगा तो मा मुझे बहोत मारेगी
बुवा - अरे चिंता कियु करता है मे हु ना कल तेरे साथ चलुंगी टिक है
विजय खुश होते हुवे - तब तो टिक है बुवा

( अभय के के घर )

सभी हैरान मिनिका को देख ही रहे थे की मिनिका अचानक फिर रोने लगती है

मिनिका - मेरा लाल सही सलामत है मे खुश हुई मेरा लाल अपनी बुवा से भी बहोत प्यार करता है उसका बचपन जायदा बुवा के साथ ही गुजरा है इस लिये मुझे बात नही उसका जब दिल करे आ जायेगा

अभय मिनिका को देख मन मे - हर मा एक जैसी होती है हर मा को अपने बेटे की फिकर होती है बेटा कही भी हो सही सलामत है ये जान ही खुश रेहती है

मिनिका अपने आसु साफ करते हुवे अभय को देख - बेटा तुम बताने वाले थे ना तुम सब कहा थे कैसे भाग कर आये अच्छा हुवा सही समय पे मुझे पता चला मे आ गई मुझे भी जानना है सब कुछ

अभय सभी को देख ठीक है तो सुनिये
आसा दिशा अदिति मिनिका सांत अभय पे फोकस किये थे

अभय - हम सभी एक बहोत बरे जंगल के अंदर कैद थे और वहा हमारे अलावा भी कई बच्चे थे हमे रोज काम करने के लिये कहा जाता था पता नही किया था हमे मालूम नही सब पैक रेहता था और हमे उस पैकेट जो एक kg का होता था हमे बरे से बॉक्स मे पैक करना होता था बस रही हम रोज करते थे और हमे उसके पैसे भी मिलते थे जगह बहोत बरी थी वहा सब कुछ मिलता था लेकिन मुझे अपनी मा भाई गुरिया की बहोत याद आती तो मेरे अंदर हिम्मत आ गई फिर मेने विजय और हमारे साथ 2 लरके और थे उन सब को बताया की मे यहा से भागने वाला हु पेहले तो सभी बहोत डर गये लेकिन उन्हें भी घर जाना था तो मान गये फिर मेने प्लान बनाया और 4 साल बाद हमे मोक्का मिला अब चारों वहा से भाग आये बस यही है कहानी

( अभय ने सच किसी को नही पताया कियुंकी अभय नही चाहता था सभी दुखी हो और वहा घिनोने राज के बारे पे पता चले )


अभय की कहानी सुन सभी इमोसनल हो जाते है

मिनिका अभय के हाथ पकर - बेटा तेरा मे कर्ज दार हो गई हु मेरा एक ही लाल था तुम नही होते तो मेरा लाल का किया होता

अभय मिनिका को देख - इसकी कोई जरूरत नही ऑन्टी ( अभय अपना गाल आगे कर) एक किस से काम चल जायेगा

मिनिका मुस्कुराते हुवे अभय के गालो पे किस करते हुवे थैंक्स बेटा

आसा अभय को घूर की देखती है तो अभय डर के मारे नजरे नीचे कर लेता है वही दिशा सब देख अंदर ही अंदर हसे जा रही थी

अभय ने झूठी कहानी बता देता कर बात खतम कर देता है

लेकिन आसा दिशा अदिति मिनिका सब को एक बात का अच्छे से एहसास था 4 साल कैद मे रेह कर सभी ने बहोत मुश्किल दुख dard झेला होगा

सभी के बीच बाते होती है 30 मिनट तक फिर मिनिका जाते हुवे अभय को देख

मिनिका - अभय बेटा मे ये मरते दम तक नही भुलुगी मेरा तेरा अगर सही सलामत है तो तेरी वजह से

मिनिका ये केह चली जाती है

आसा अभय को देख - एक मा ये कभी भूल ही नही सकती अगर किसी ने उसके बेटे को बचाया है तो
अभय आसा को देख - जानता हु मा समझ भी सकता हु

दिशा सभी को देख - बाते हो गई तो खाना भी खा लिया जाये

दिशा खाना लगा देती है फिर सभी बैठ जाते है

आसा अभय को देख - बेटा आज सब तेरे पसंद का बनाया है और इसे बनाने में बहु ने बहोत मदद की है

अभय को देख लार चुवाते हुवे - मा मुझे आप के हाथो से बने खाना को भी बहोत मिस किया है आज जी भर कर खाऊगा

आसा - मुस्कुराते हुवे हा मेरे लाल सब तेरे लिये है मेने भी बहोत मिस किया इस पल के लिये

आसा अपने हाथो से निवाला बना के अभय को खिलाते हुवे - ये ले मेरे लाल खा ले

अभय भी बरे प्यार से आ करता है बच्चो की तरह आसा भी मुस्कुराते हुवे अभय को खिला देती है

अभय खाना खाते हुवे - मा बहोत स्वादिस्ट बना है हमेसा कि तरह मजा आ गया पुराने पल याद आ गये

अदिति एक निवाला बना के अभय की तरफ कर - भाई अपनी गुरिया के हाथो से भी खा लीजिये

अभय अदिति की तरफ देख प्यार से आ करते हुवे - जरूर खाऊगा
अदिति निवाला अभय को खुशी से खिला देती है
अभय खाते हुवे अदिति को देख - वाह तुम्हारे हाथो से खाने पे खाने का स्वाद और बढ़ गया है गुरिया

अदिति खुश होते हुवे - सच्ची भाई
अभय अदिति के सर पे हाथ फेरते हुवे - सच्ची मेरी गुरिया
आसा अदिति अभय को देख मन मे - कितना प्यार है दोनों मे ऐसा हो भी कियु ना बचपन से दोनों का रिस्ता बहोत करीबी रहा है दोनों एक पल एक दूसरे के बगैर रेह नही पाते थे किसी की नजर ना लगे मेरे बच्चो को

दिशा अभय अदिति को देख - सुक्रिया उपर वाले देवर जी को वापस भेजने के लिये इस सुने घर मे फिर से रोनक आ गई ये

अभय की नजर दिशा पे जाती है अभय दिशा को देख

अभय - भाभी आप नही खिलायेगी मुझे अपने हाथो से
दिशा जैसे इसी पल का इंतज़ार कर रही थी
दिशा - जरूर खिलाऊँगी अपने प्यारे देवर जी को
दिशा एक निवाला अभय को खिला देती है
अभय खाते हुवे - भाभी सच कहु तो मा अदिति आप के हाथो से खाना खाने का मुझे अलग स्वाद मिल रहा है मा के हाथो से मा के प्यार का स्वाद गुरिया के हाथो से एक छोटी बेहन के प्यार का स्वाद आप की हाथो से एक प्यारी भाभी के प्यार का स्वाद मुझे मिल रहा है लेकिन अब मेरी बारी

अभय एक निवाला आसा को खिलता है आसा भी आखो मे खुशी के आसु लिये खा लेती है
अभय आसा की आखो मे देख - मा रोना बंद करो मुझे अच्छा नही लगता आपके आखो मे आसु देख

आसा अपने आखो से आसु साफ करते हुवे - पगले ये तो खुशी के आसु है
अभय - ठीक है फिर तो

अभय फिर अदिति को एक निवाला खिलाता है तो अदिति अभय के हाथो पे काट देती है अभय आउच करते हुवे अदिति को देख - जंगली बिल्ली कही की

अदिति अभय को देख हस्ते हुवे - हा हु जंगली बिल्ली
अभय हसने लगता है

अभय दिशा को खिलाता है दिशा भी प्यार से अभय के हाथो से खाना खा लेती है

सभी मिल कर प्यार से एक दूसरे को खाना खिलाते है खाते है खाना पीना होने के बाद सभी बैठे हुवे थे और अदिति अभय के पास

अभय अदिति को देख - गुरिया ये अमर तेरा किया है जरा अच्छे से बताओगी

अभय की बात सुन आसा दिशा अभय को देखते है तो वही अदिति नजरे नीचे करते हुवे

अदिति - भाई आप जैसा सोच रहे है वैसा कुछ नही है असल में अमर मेरे बेस्ट फ्रेंड का भाई है आप को बरे भाई को खोने की बाद मे प्यार के चक्कर मे परना तो बिल्कुल नही चाहती थी आप बरे भाई होते तो भी मे तो मा आपकी पसंद से ही सादी करुगी ये ही मेरा निर्णय था मे लरको से दूर रेहती आई हु सुरु से ही लेकिन अमर मुझसे बाते करने की कोसिस करता था दोस्त का भाई था इस लिये थोरा बहोत बाते कर लेती थी मेरे दिल मे उसके लिये प्यार था ही नही लेकिन अमर मुझसे प्यार करने लगा फिर एक दिन मुझे परपोस् किया तो मेने बना कर दिया आरोही भी मुझसे बार बार केहने लगी मे उसके भाई से सादी कर लू लेकिन मेने दोनों की नही सुनी लेकिन फिर मा ने मुझे एक दिन कहा की वो जल्दी ही मेरी सादी करवा देगी मुझे मा की चिंता थी तो मेने सोचा किसी अंजान जिसे मे जानती नही हु पता नही वो कैसा होगा यही सोच एंड मे मेने अमर को हा कर दिया बस यही बात है हमारे बीच कुछ नही हुवा है बस सिर्फ दो बार किस वो भी उपर से
वो भी मेने उसके दिल को रखने के लिये करने दिया मेने कभी उसे प्यार की नजर से देखा ही नही तो कहा से मेरे दिल मे उसके लिये प्यार होगा हा भाभी को भी मेने बात बताई थी भाभी ने भी मुझसे कहा भले ही प्यार नही लेकिन अच्छा लरका है जानती हुई तो हा कर देना चाहिये तब मेने हा करी थी

अभय दिशा को देखता है तो दिशा अभय को देख - देवर जी अदिति सही केह रही है आप को भी सायद ये पता होगा की अदिति बाकी लरकियो की तरह नही है जो प्यार के चक्कर मे परे उपर से दोनों भाई के खोने के बाद तो बिल्कुल नही लेकिन मेने कहा सासु मा भी हा कही तब अदिति ने हा करा था

अभय अदिति को बाहो मे लेके - मुझे भी हैरानी हुई थी ये जान की मेरी गुरिया किसी से प्यार करती है लेकिन आज के हमारे जनरेशन मे यही होता है लेकिन ये प्यार का चक्कर बहोत खतरनाक होता है आज के समय मे सच्चा प्यार घास मे सुई दूधने के बराबर है खैर मे आया गया हु तो अब मे सब देख लुगा

अदिति अभय को देख रोते हुवे - भाई आप मुझे बाकी लरकियो की तरह गिरी हुई लरकी तो नही समझ रहे ना जो सादी से पेहले

अभय अदिति के आसु साफ कर आखो मे देख - ना मेरी बेहना सच किया है तूने मुझे पता दिया और रही बात अगर तुम सच मे किसी के प्यार मे होती तो भी मुझे कोई दिकत नही थी प्यार को मे गलत नही सकता प्यार तो किसी को कभी भी किसी से हो सकता है मुझे भी हो सकता है दो लोगो के बीच अगर सच्चा प्यार है दोनों के बीच मर्ज़ी से सब होता है तो इसमें कोई बुरी बात नही है बस मुझे आज के प्यार से डर लगता है और लोगो से भी कियुंकी कोन कैसा है अंदर से किया पता मे ऐसे ही अपनी गुरिया को किसी के हाथो मे नही दे सकता कियुंकी गलती से भी किसी ने तेरी आखो से एक आसु भी गिराये तो कसम से मे अच्छे के साथ बहोत बुरा भी हु खैर अब मे हु ना

अदिति - अभय जी भाई
आसा अभय अदिति को देख - चलो तेरा भाई है तो मेरी टेंसन खतम हुई
दिशा हस्ते हुवे अभय को देख - सही कहा आप.ने सासु मा

अभय सब थोरी देर और बाते करने के बाद

आसा अभय को देख- ठीक है मेरे लाल आज मेरे साथ सोयेगा अपनी मा के साथ

अदिति अभय को पकर आसा को देख- मा ये गलत है मुझे भाई के साथ सोना है

आसा - तुम दोनों बच्चे नही रहे समझ गई
अदिति मुह बनाते हुवे - मुझे भाई के साथ सोना है सोना है सोना है
आसा सर पकर - ठीक है लेकिन कल आज मेरा लाल आज मेरे साथ सोयेगा ठीक है
अदिति सोचते हुवे - ठीक है चलेगा

फिर दिशा अपने कमरे मे अदिति अपने कमरे मे आसा अभयके को लेकर अपने कमरे मे आ जाती है

अभय आसा को देख - मा भाभी से कुछ बात कर के आता हु मेने उन्हें गिफ्ट देना है

आसा अभय को देख मुस्कुराते हुवे- ठीक है जा

अभय कमरे से निकल दिशा के कमरे की तरफ जाने लगता है

आसा अपने सारी निकाल नाइटी पेहन बिस्तर पे लेट जाती है और अभय का इंतज़ार करने लगती है

अभय दिशा के कमरे के आप आ जाता है

( आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏🙏 )
बहुत ही शानदार लाजवाब और जबरदस्त अपडेट हैं भाई मजा आ गया
 
  • Like
Reactions: ckkhandu

Napster

Well-Known Member
6,719
17,648
188
( chapter 9 )

अभय दिशा के कमरे के दरवाजे पे खरा होकर दिशा को आवाज देता है

अभय - भाभी दरवाजा खोलिये मुझे आपसे कुछ बात करनी है

दिशा बिस्तर पे लेती हुई थी अभय की आवाज सुन दिशा सर पे घुघट दाल दरवाजा खोल अभय को देखते हुवे

दिशा - अरे देवर आइये ना अंदर आराम से बैठ कर बाते करते है
अभय दिशा को देख - मेने आप को परेसान तो नही किया ना भाभी
दिशा - कैसी बाते करते है देवर जी दुबारा ऐसा मत बोलियेगा आइये अंदर

( नोट गरीबी के कारन घर मे सभी नीचे ही सोते है सिर्फ एक खाट है जो आगन मे रेहता है किसी के बैठने के लिये )

दिशा बिस्तर पे जाके बैठ जाती है अभय भी दिशा के पास बैठ जाता ही

अभय दिशा को देखता है तो घुघट की वजह से दिशा का चेहरा दिख नही रहा था

अभय दिशा से - भाभी पेहले आप मेरी तरफ होके बैठिये फिर बाते करेगे

दिशा अभय को देख हस्ते हुवे - ठीक है जैसा आप कहे

दिशा अभय की तरफ घूम कर बैठ जाती है अभय भी दिशा की तरफ घूम बैठ जाता है अब दोनों आमने सामने थे चेहरा भी आमने सामने था दोनों एक दूसरे को देख रहे थे

दिशा अभय को देख मुस्कुराते हुवे - अब ठीक है देवर जी
अभय - जी भाभी अब ठीक है
दिशा - तो बताइये किया बात करनी थी मुझसे
अभय - आपसे मुझे एक सिकायत है भाभी
दिशा अभय की बात सुन हैरान परेसान होते हुवे
दिशा - देवर जी मुझसे कोई गलती हुई है किया
अभय - नही आपने कोई गलती नही की बस मुझे आपसे एक विनती करनी है
दिशा अभय को कंफ्यूज नजर से देख - वो किया है देवर जी
अभय दिशा को देख - भाभी आप बहोत अच्छी है खूबसूरत है उसी के साथ बहोत संस्कारी भी हमारे इस जनरेशन ने लरकिया बॉडी दिखाती फिरती है बाहर छोटे कमरे पेहन कर लेकिन आप घर मे रेह कर भी हमेसा घुघट दाल कर रेहती है ( अभय भोला सा चेहरा बना के बच्चो की तरह ) लेकिन मुझे आप का खूबसूरत चाँद सा चेहरा देखने को नही मिलता

अभय की बात सुन दिशा पूरी तरफ से हैरान हो जाती है उसी के साथ अभय के बात सुन भोला चेहरा देख दिशा को हसी आ जाती है दिशा मुह पे हाथ रख अभय को हसने लगती है

अभय दिशा को देख मुह बनाते हुवे - आप हस कियु रही है मेने तो अपनी दिल कि बात कही है
दिशा अपने आप को सांत करते हुवे अभय को देख
दिशा - अच्छा ये शिकायत थी आप को मुझसे
अभय - मुह फुलाते हुवे हा
दिशा को फिर हसी आ जाती है अभय का फुला चेहरा देख
दिशा हस्ते हुवे - अच्छा तो मे समझ ये बताइये मेरे प्यारे देवर जी मुझसे किया चाहते है

अभय दिशा की आखो मे देख - मे चाहता हुई आप घुघट मे रहे नही मेरे सामने आप घुघट मे नही रहेगी कियुंकी मुझे आपका चाँद सा चेहरा देखने के लिये नही मिलता

अभय की मसुमियत् भोलि बाते भोलि सूरत देख दिशा को अभय पे प्यार आने लगता है दिशा अभय को देख

दिशा - मेरे अक्लोटे प्यारे देवर जी पेहली बार मुझसे कुछ मांगा है तो मे कैसे मना कर सकती हु ठीक है आपके सामने मे बिना घुघट के रहूगी
दिशा ये केह अपना घुघट हटा देती है और अभय के सामने दिशा कि खूबसूरत चाँद सा चेहरा आ जाता है अभय फिर दिशा कि खूबसूरत चेहरे मे खो जाता है दिशा अभय को ऐसे अपने को देखता देख शर्मा जाती है
दिशा - काहा खो गये देवर जी
अभय होस मे आते हुवे हरबारा के दिशा को देख
अभय - किया बोलू भाभी आप है हि इतनी खूबसूरत कि मे देख खो जाता हु
दिशा सर्म से नजरे नीचे कर - आप भी ना देवर जी
अभय अपना हाथ आगे बढ़ा के दिशा के चेहरे को उपर करते हुवे दिशा के चेहरे के पास अपना चेहरा ले जाके दिशा की आखो मे देख

अभय - मे किस्मत वाला हु आप जैसी भाभी पाके
दिशा अभय के गाल को सेहलाते हुवे - मे भी आप जैसे देवर को पाके बहोत खुश हु

अभय फिर दिशा को छोर पीछे बैठ जाता है दिशा का दिल अभय के पास आने से रुक सा गया था

अभय दिशा को देख - भाभी आप अपनी आखे बंद कीजिये
दिशा हैरानी से - कियु देवर जी
अभय भोला चेहरा बना के - प्लेस भाभी
दिशा अभय के भोले चेहरे को देख हस्ते हुवे - आप के इस भोले चेहरे मे किया कोई भी बच नही सकता है

दिशा आखे बंद करते हुवे - लो कर ली आखे बंद

अभय दिशा के पास जाके लॉकेट निकाल दिशा के गले मे पेहना देता है दिशा को एहसास हो जाता है अभय ने उसके गले मे कुछ तो पेहनाया है


images-4-1753654745539
अभय - अब आखे खोल कर देखिये भाभी
दिशा अपनी आखे खोल गले मे देखती है तो एक खूबसूरत लॉकेट दिखाई देता है दिशा लॉकेट को पकर अभय की तरफ देखती है

अभय दिशा के दोनों हाथ पकर के दिशा को देख

अभय - आपके देवर की तरफ से मूहदेखाई गिफ्ट है मुझे पता है भाई के जाने के बाद आपके जिंदगी से रंग भी गायेब हो गये है लेकिन मे चाहता हुई की मेरी प्यारी भाभी अपनी लाइफ मे थोरे रंग भरे दुनिया किया कहेगी सोचेगी मुझे परवाह नही लेकिन भाभी आप नोर्मल सज़ धज कर रहे क्या आप अपने देवर के लिये इतना करेगी

अभय की बाते सुन दिशा अपना मुह बंद कर रोने लगती है अभय ये देख दिशा को गले से लगा देता है दिशा अभय के गले लग रोने लगती है अभय दिशा के सर को सेहलाने लगता है


34533bb3b784a65b1dde33e543b7c778
दिशा रोते हुवे - एक बीवी अपने पति के लिये सजती सवरति है आपके भाई के जाते ही मेरे जिंदगी से रंग चला गया लेकिन आप ने कहा है तो मे जरूर अपनी जिंदगी मे थोरा रंग लाऊँगी

अभय दिशा के आसु साफ करते हुवे - थैंक्स भाभी आप बहोत अच्छी है

दिशा अभय को प्यार से देख - आप भी बहोत अच्छे है देवर जी
अभय - मुस्कुराते हुवे तो ये बताइये मेरा गिफ्ट कैसा लगा
दिशा लॉकेट को हाथो मे लेके देखते हुवे - बहोत हि खूबसूरत और मेरे देवर जि जैसा प्यारा है

अभय अपना गाल आगे करते - हुवे मेरा गिफ्ट
दिशा अभय को ऐसा करता देख सर्म से लाल हो जाती है


8a1610ea02db047db6f12d08856b7527
दिशा सर्माते हुवे अभय के गालो पे अपने गुलाबी नरम होठो से किस कर सर्म से नजरे नीचे कर लेती है

अभय हस्ते हुवे - बहोत मिठा लगा आपका किस
दिशा सर्म से अभय से अभय के सीने पे प्यार से मारते हुवे - आप भी ना देवर जी

अभय खरा होते हुवे दिशा को देख - भाभी आप ऐसे ही हस्ते रहिये मुझे अच्छा लगेगा अब मे जाता हु

दिशा - ठीक है देवर जी

अभय फिर कमरे से निकल अदिति के कमरे कि तरफ जाता है

वही दिशा बिस्तर पे लेट अभय का दिया लॉकेट को देखे जा रही थी


अभय अदिति की कमरे के पास आके दरवाजे पे खरा होकर

गुरिया तुम सो गई किया अदिति बिस्तर पे लेती हुई थी लेकिन गई हुई थी अभय की आवाज सुन अदिति जल्दी से दरवाजा खोलती है और बिना देरी किये अभय को देख भईया करते हुवे कूद परती है

अभय जल्दी से अदिति के बाहर बरे निकले हुवे गांड के नीचे से दोनों हाथो से अदिति को पकर उपर उठा लेता है अब अदिति अभय की बाहो मे थी अदिति अभय को देख - भाई मुझे लगा आप अपनी गुरिया को गुड नाईट बोलने नही आओगे


images-2-1753781316171
अभय प्यार से अदिति को देख मेरी एक हि तो प्यारी गुरिया है तो भला मे कैसे अपनी गुरिया को गुड नाईट बोलने नही आता

अभय अदिति को नीचे उतार दोनों अंदर जाते है अभय बिस्तर पे लेत जाता है तो अदिति अभय के उपर आके अभय के सीने पे सर रख लेत जाती है अभय भी प्यार से अदिति को बाहो मे भर सर को सेहलाने लगता है


images-5-1753781316049
अदिति - भाई इस पल के लिये 4 साल से बहोत तरपि हु मुझे आप बहोत याद आते थे और वो पल भी जब मे आपके सीने पे सर रख सोती थी और आप प्यार से मुझे बाहो मे लेके मेरा सर सेहलाते थे लेकिन आज वो पल वापस आ गया कियुंकी मेरा भाई मेरे पास है


images-4-1753781316073
अभय अदिति के गालो पे किस करते हुवे अदिति को देख
अभय - गुरिया मेने भी हर एक पल जो मेने तुम्हारे साथ बिताये थे मुझे बहोत याद आती थी मा भाई सब की पर भाई से मिल नही पाया उपर वाले ने मुझे उनसे मिलने नही दिया ( अभय इमोसनल हो जाता है)

अदिति मुझे भी बरे भाई की बहोत याद आती है

अभय बात को बदलते हुवे माहौल को हल्का करने के लिये

अभय - वैसे गुरिया कल हम शोपिंग पे चलेंगे तुम्हे जो चाहिये ले लेना कियुंकी मे नही चाहता मेरी गुरिया पुराने कपड़े मे रहे

शॉपिंग की बात सुन अदिति जोर से खुशी से चिलाते हुवे - सच्ची भाई हम शोपिंग करने जायेंगे पेहली बार मे शोपिंग पे जाउंगी बहोत मजा आयेगा

अदिति की चिल्लाने की आवाज आसा दिशा के कान मे जाती है

दिशा मन मे - दोनों भाई भी ना लेकिन मे बहोत खुश हु देवर जी के आने से और ननद जी को खुश देख नही तो बेचारी छुप छुप कर बहोत रोती थी

आसा मन मे - फिर सुरु हो गई दोनों की मस्तिया ( आसा अपना हाथ जोर आखे बंद कर उपर वाले से दुवा करते हुवे ) मेने ये पल दोनों भाई बेहन की मस्तिया बहोत मिस की है अपने दोनों बच्चो को फिर से साथ मे खुश देख मे बहोत खुश हु उपर वाले हमपे कृपा बनाये रखना बस कमी खल रही है मेरे बरे लाल की काश वो भी जिंदा होता


वही अभय अदिति को देख - अरे इतना मत चिला मा गुस्सा करेगी
अदिति मुह बनाते हुवे - मे तो करुगी कियुंकी मे बहोत खुश जो हु
अभय हस्ते हुवे - तुम बरी हो गई लेकिन अभी भी बच्ची ही हो
अदिति अभय को देख - भाई मे आपके लिये बच्ची हि बन कर रेहना चाहती हु
अभय अदिति को देख प्यार से - तुम मेरे लिये मेरी प्यारी नटखट गुरिया ही रहोगी वैसे इन चार सालों मे बहोत खूबसूरत हो गई है मेरी गुरिया

अपने भाई की बात सुन अदिति को सर्म आने लगती है अदिति सर्माते हुवे अभय को देख - आपको ऐसा लगता है भाई


images-2-1753654745291
अभय अदिति को देख मुस्कुराते हुवे - बिल्कुल मेरी गुरिया तो चाँद की तरह खूबसूरत हो गई है


68747470733a2f2f73332e616d617a6f6e6177732e636f6d2f776174747061642d6d656469612d736572766963652f53746f
अदिति सर्म से अपने दोनों हाथो से अपना चेहरा छुपाते हुवे भाई आप भी ना मुझे सर्म आ रही है

अभय हस्ते हुवे - अच्छा अब मेरी गुरिया को सर्म भी आने लगी है
अदिति अभय को प्यार से देख - आई लोव यू भाई आप मेरी जान है
अभय - आई लोव यू 2 गुरिया तुम भी मेरी जान हो


अभय अदिति को देख मुस्कुराते हुवे - चलो अब तुम सो जाओ मा मेरा इंतज़ार कर रही होगी

अभय बिस्तर से उठ जाता है

अदिति अभय को देख भोला चेहरा बना के - भाई मेरा गुड नाईट किस कोन देगा आप भूल तो नही गये

अभय अदिति के गाल पे अपना होठ सता के हटाते हुवे
अभय - मे कैसे भूल सकता हु गुड नाईट मेरी प्यारी गुरिया
अदिति अभय को देख - गुड नाईट भाई

अभय फिर अपनी मा के के पास जाने लगता है

अदिति अपना तकिया बाहो मे लेके - कल भाई के साथ शोपिंग पे पेहली बार जाउंगी मजा आयेगा अब तो रहा नही जाता


अभय अपनी मा के कमरे मे जाता है तो देखता है आसा पेट के बल बिस्तर पे लेती हुई है कसम से सीन बहोत कामुक् था आसा के बरे बाहर निकले गांड पाहार् की तरह खरे है गांड के उभार साफ नजर आ रहे थे उसी के साथ आसा के दूध जैसी बरे मोटे जांघे भी दिख रहे थे


images-7-1753781315762
आसा लेती हुई थी लेकिन अभय के अंदर आने का एहसास आसा को हो जाता है तो आसा पलट कर अभय को मुस्कुराते हुवे देख
आसा - मेरा लाल आ गया भाभी अपनी गुरिया से मिल के


images-9-1753781315493
आसा के पलटने से नाइटी और उपर हो जाती है और आसा मे मोटे दूध जैसे जांघे और दिखने लगते है आसा कयामत दिख रही थी
लेकिन अभय ने कई बार आसा को इस रूप के हालत मे देखा था अभय के किडनैप होने से पेहले अभय कभी कभी आसा के साथ सो जाता था बोले तो हस्ते मे 2 या 3 बार तो जरूर मा के साथ सोता था इस लिये अभय के लिये सब नॉर्मल था अभय के अंदर मा को लेकर कोई गन्दी फीलिंग नही आती

अभय आसा को देख मुस्कुराते हुवे - हा मा आ गया
आसा - अपनी बाहे फैलाते हुवे - आजा मेरे लाल 4 साल से मेरी बाहे तेरे लिये तरस रही थी

अभय आसा के पास जाके लेत जाता है आसा अभय को बाहो मे घर लेती है अभय को 4 साल बाद अपनी मा के बाहो मे आकर बहोत हि सुकून मिलता है आसा अभय के सर कोई प्यार से सेहलाते हुवे

आसा - 4 साल से तुझे बाहो मे भरने के लिये तरसी हु मेरे लाल रात को जब सोती थी तो कभी कभी ऐसा लगता था तुम मेरे बाहो मे सोये हुवे हो लेकिन जब आखे खोल देखती थी तुम नही होते थे तो ( आसा की आखो से आसु निकल आते है)

अभय आसा के आसु साफ करते हुवे - मा मेरा भी सेम हाल था मे भी आपकी बाहो मे आपके साथ सोने के लिये बहोत तरसा हु लेकिन अब आपके बाहो मे सुकून मिल रहा है मुझे

आसा अभय को देख - मुझे भी मेरे लाल
अभय आसा को देख प्यार से - मा एक किस्सी दो ना होंठो पे

( नोट अभय के किडनैप होने से पेहले आसा अभय को प्यार से होंठो पे किस करते आई है इस लिये अभय ने आसा को किस देने को कहा)

आसा अभय को देख हस्ते हुवे - अब तु बच्चा नही रहा बरा हो गया है अब होंठो पे किस्सी नही मिलेगी

अभय अपनी मा की बात सुन मुह फुला के दूसरी तरफ करवट बदल लेटते हुवे - मे बरा हो गया हु तो मा अब मुझे किस्सी नही देगी अब मा मुझे पेहले जैसा प्यार नही करती है

अभय का नाटक देख आसा जोर जोर से हसने लगती है

आसा हस्ते हुवे - मेरे लाल अपना ये नाटक बंद कर

आसा अभय को पकर अपनी तरफ कर अभय के आखो मे देख प्यार से अभय के होंठो पे अपने रसीले होंठो को सता के हटा लेती है


19e85c00c9aec5a4303c0680d9c60b04
आसा - अब खुश कितना नाटक करता है किस्सी के लिये मेरा लाल
अभय आसा के सीने मे समाते हुवे - आपकी किस्सी को भी बहोत मिस करता था मा

आसा अभय के गाल पे प्यार से हाथ फेरते हुवे - मे भी मिस करती थी लेकिन अब तु आ गया दिल को सुकून मिल गया मेरे लाल

दोनों मा बेटे बाते करने के बाद एक दुसरे की बाहो मे समा के सो जाते है


( सुबह हो जाती है )

ये सुबह 4 साल के दर्द भरी सुबह नही बल्कि सभी के लिये 4 साल बाद खुसियो वाली सुकून वाली सुबह थी

अभय के जाने के बाद फिर विनय के जाने के बाद आसा अदिति दिशा कोई चैन से सो नही पाया था लेकिन आज की रात सभी सुकून से सो पाये थे

दिशा सबसे पेहले उठती है और अपने काम पे लग जाती है

आसा की भी नींद खुलती है आसा जब अपनी आखे खोलती है तो उसके आखो के सामने अभय का प्यारा चेहरा था जिसे देख आसा के चेहरे पे इस्माइल आ जाती है आसा अभय के होंठो पे किस करने के बाद उठ कर अपने काम मे लग जाती है

अभय सोता रेहता है अदिति भी सोई हुई थी

आसा नहाने के बाद रेडी होने के बाद रेडी होने के बाद अभय के पास जाके अभय के कानों मे अपनी मीठी आवाज में - उठ जा मेरे लाल

अभय अपनी मा की मीठी आवाज सुन आखे खोल देखता है तो अभय को अपनी मा का प्यारा खूबसूरत चेहरा दिखाई देता है

अभय अपनी मा को देख जल्दी से गले लगा के रोते हुवे - मा ये सपना तो नही है ना आप ही है ना

आसा अभय बाहो मे लेके प्यार से - नही बेटा मे ही हु तुम्हारी मा ये सपना नही है

( अभय 4 साल इसी पल के लिये बहोत तरसा था आसा ही सुबह रोज अभय को प्यार से उठाती थी तभी अभय उठता था अभय को ये सपना लग रहा था)

अभय अपनी मा को देख - मुझे लगा सपना है
आसा अपने बेटे के दर्द को अच्छे से समझ सकती थी कियुंकी उसे भी आसा सब उठी तो सपना लग रहा था

आसा अभय के चेहरे को पकर अभय के आसु साफ करते हुवे - मेरे लाल ये सपना नही सच है

अभय चारो तरफ देख हा


आसा - जा अब रेडी हो जा
अभय - ठीक है मा

अभय कमरे से बाहर निकल आता है

आसा अभय को जाते देख मन मे - मेरे लाल तुम्हारे दर्द को मे समझ सकती हु हमारा भी वही हाल था

अभय सीधा अदिति के कमरे मे जाता है दरवाजा खुला था अभय अंदर जाता है तो देखता है अदिति नाईट गाउन पेहले आराम से सो रही थी अदिति के गाउन भी उपर उठे हुवे था


images-10-1753781315655
अदिति के खूबसूरत दूध जैसे जांघे साफ दिख रही थी अदिति कमाल की कयामत लग रही था हो भी कियु ना हो आसा ने जो निकाला है खूबसूरती बॉडी सब कुछ आसा से ही तो अदिति को मिला है

अभय अदिति के खूबसूरत चेहरे को देखते हुवे मन मे - मेरी गुरिया कितने आराम से सो रही है कितनी खूबसूरत लग रही है सोते हुवे
अभय जाके अदिति के पास बैठ गालो पे किस करते हुवे


romance-gif-6
अभय - उठ जा मेरी प्यारी गुरिया सुबह हो गई है
अपने भाई की आवाज सुन अदिति मुस्कुराते हुवे आखे खोल अभय को देखती है

अभय मुस्कुराते हुवे - जान बुझ कर सोने का नाटक कर रही थी
अदिति अभय को देख - भाई आपको पता है ना आप हि मुझे रोज सुबह जगाते थे तभी मे उठती थी जैसे मा आपको जगाती है तब आप उठते है

( हा आसा के जगाने पे हि अभय उठता था और अभय के जागने पे अदिति यही होता आ रहा था जब तक अभय का किडनैप नही हुवा लेकिन अभय के आने के बाद ये सिलसिला फिर सुरु हो चुका हो )

अभय - हस्ते हुवे चल उठ जा मुझे भी रेडी होने जाना है

अदिति उठ कर अभय के गालो पे किस करते हुवे - उठ गई मे

दोनों बाहर आते है अदिति अपने काम पे लग जाती है अभय दिशा के कमरे के दरवाजे पे जाके खरा होते हुवे

अभय - भाभी किया कर रही है आप
अंदर से दिशा - देवर जी रेडी हो रही हु
अभय हस्ते हुवे - मे आ जाऊ आपको रेडी करवा दूगा


Gi-9b-Saa4-AE6-Rb-S
दिशा जो रेडी हो रही थी अभय की बात सुन सर्म से लाल हो जाती है
दिशा - देवर जी सुबह सुबह मस्ती हा अंदर आये तो बहोत मार पड़ेगी आप को
अभय हस्ते हुवे - ना बाबा ना मुझे मार रही खानी मे जा रहा हुई आप रेडी हो जाइये ( अभय निकल परता है

दिशा रेडी होते हुवे हस्ते हुवे - देवर जी भी बरे नटखट है

अभय खेतो से होते हुवे 10 मिनट की दुरी पे एक छोटा सा नदी था वही जाके हल्का होता है फिर घर की तरफ निकल परता है

अभय चलते हुवे मन मे - गाव की सबसे परी प्रोबलम बाथरूम का है मर्द तो खुले मे कर लेते है लेकिन लेडिस् को अंधेरा होने से पेहले उठना परता है मुझे जल्दी ही कोई अच्छी जगह वहा सांती हो एक बंगलो को देखना होगा पैसे हो तो गरीबी मे कियु किये और हा पवन अंकल के हिस्से के पैसे भी तो उसने परिवार के पास देने जाना है लेकिन (अभय रुक जाता है )मे कैसे उनको ये बताऊगा पवन जी नही रही अभय फिर चलना सुरु करता है लेकिन मुझे ये करना ही होगा


अभय घर आ जाता है दिशा खाना बनाने मे लगी हुई थी अदिति कमरे मे रेडी हो रही थी आसा अपने कमरे मे थी

अभय दिशा को देख हस्ते हुवे - मेने कहा था रेडी होने मे मदद करता हु लेकिन आप तो मारने की धमकी दे दी

दिशा अभय की बात सुन अभय की तरफ देख अपना बेलन दिखाते हुवे

दिशा - लगता है मेरे देवर जी को आज सुबह सुबह मार खानी है
अभय जल्दी से अपने कमरे मे भागते हुवे - ना बाबा मे जाता हु

दिशा अभय को भागता देख हसने लगती हैं

अदिति भी रेडी होकर बाहर आती है और दिशा को देख

अदिति - भाभी भाई ने सही तो कहा था भाई थोरा मदद कर देते तो किया हो जाता ( अदिति ने अभय दिशा की बात सुन ली थी )

दिशा अदिति की बात सुन मुह पे हाथ रखते हुवे हाय

दिशा अदिति के पास जाके अदिति के कान पकरते हुवे

दिशा - अच्छा ननद जी मुझे केह रही है खुद अंदर रेडी हो रही थी तो कियु ना बुला लिया अपने प्यारे भाई को देवर जी मदद कर देते

अदिति आह करते हुवे - मे अकेले ही तैयार हो सकती हु अब मेरा कान छोरिये दर्द हो रहा है

दिशा - वाह आप अकेले तैयार हो सकती है मे नही बहोत तेज है आप

दिशा अदिति के कान छोर देती है अदिति अपना कान मलते हुवे हाय मेरी प्यारी कान

तभी अभय टवेल लेके बाथरूम मे नहाने चला जाता है कुछ देर बाद नहा के बाहर आता है तो दिशा अदिति की नजर अभय पे जाती है
लेकिन जब दोनों अपनी नजर नीचे कर देखते है तो देखते ही रेह जाते है अभय का 6 पैक बॉडी दोनों के सामने था


images-2-1753786398037
दिशा अभय के 6 पैक बॉडी को देख मन मे - बाप रे देवर जी ने मिया बॉडी बनाई है मस्त
वही अदिति तो भागते हुवे अभय के पास जाके अभय की बॉडी को टच करते हुवे
अदिति - भाई किया गज़ब बॉडी बनाई है आपने आप तो कमाल लग रहे है
अभय - हस्ते हुवे वो तो है
अभय मन मे - सालों मे जबरदस्ती ट्रेनिंग करवाई थी लेकिन किसी पता था सब ट्रेनिंग मेरे काम आयेगी मुझे ही फायेदा मिलेगा

अभय अदिति से - ठीक है गुरिया मे रेडी होके आता हु
अदिति - ठीक है भाई

अभय कमरे मे रेडी होने लगता है अभय रेडी हो चुका था तभी कमरे मे आसा आती है

अभय पीछे मुर देखता है तो देखता ही रेह जाता है आसा लाल सारी मे कहर धा रही थी होंठो पे लाल लिबिस्टिक ब्लाउस मे कैद सो अनमोल गोरे गोरे चुचे आधा साफ दिख रहे थे आसा की कमर हाय गेहरि धोरी नही दिख नही थी लेकिन आसा की कमर साफ जितनी दिख रही थी उतना की काफी था


Grx-Fd-I5-XUAA4hs-R
आसा कयामत लग रही अभय अपनी मा को इस रूप मे देख पेहली बार अभय का दिल धक कर रुक जाता है अभय सब भूल आसा को ही देखे जा रहा था आसा आज अपने उपर ध्यान दिया था आज आसा सजी सवरि थी आसा ये नोटिस कर लेती है अपने बेटे को अपने आप को ऐसे देखता देख आसा को सर्म आने लगती है

आसा अभय को देख - बेटा कहा खो गया
अभय होस मे आते हुवे - कही नही मा

अभय चलते हुवे आसा के पास जाके आसा को देख
अभय - मा उमर के साथ लोग बूढ़े होते जाते है खूबसूरती घटती चली जाती है लेकिन आप तो बढ़ती उमर के साथ और जवान खूबसूरत होती जा रही है

अपने बेटे के मुह से ऐसी तारीफ सुन आसा सर्म से लाल हो जाती है
आसा अभय को देख शर्मा के - सच मे खूबसूरत लग रही हु
अभय - आप की कसम मा आप बहोत ही खूबसूरत और h ( अभय मन मे मे ये किया बोलने जा रहा था मा है वो मेरी )

आसा अभय को बीच मे रुकता देख - आगे किया बेटा
अभय बात को बदलते हुवे
अभय - और आप बहोत जवान लग रही है
आसा - हस्ते हुवे तुम भी ना बेटा
अभय अपनी मा के हाथ पकर - मे अपनी खूबसूरत मा के साथ डांस करना चाहता हु करेगी आप मेरे साथ डांस

आसा पूरी तरह हैरान परेसान होते हुवे
आसा - बेटा ये तु किया बोल रहा है मुझे डांस करना नही आता
अभय - हस्ते हुवे मुझे कोन सा आता है बस फिल्मो मे देखा था वैसे ही करेगे ठीक है

आसा सर्म से लाल होते हुवे - ठीक है मे अपने लाल के साथ डांस करुगी
अभय - ठीक है मा मे जैसा कहुंगा जैसा करना ठीक है
आसा शर्मा के - ठीक है बेटा
अभय अपनी मा के उंगली मे अपनी उंगली मिला के हाथ का पकर आसा को देख
अभय - मा जैसा मे करुगा वैसा ही करना
आसा शर्मा के ठीक है
अभय अपना पैर दाय बाय करते हुवे हिलने लगता है आसा अभय जैसा कर रहा था वैसे ही देख करने लगती है दोनों एक दूसरे के हाथो को अपने एक दूसरे से सत् डांस करने लगते है


cute-couple-dancing
अभय आसा को देख - मा आप तो बहोत अच्छा कर रही है एक बार मे ही देख कर
आसा अभय को सर्म से लाल हुवे - लेकिन बेटा मुझे बहोत सर्म आ रही है
अभय - किया आपको अच्छा नही लग रहा
आसा जल्दी से - नही मेरे लाल मुझे सर्म आ रही है लेकिन उसी के साथ मुझे अपने बेटे के साथ डांस करने मे मजा भी आ रहा है ये पेहली बार है लेकिन ये एहसास ये पल बहोत प्यारा है जिसे मे भुलुगी नही कभी
अभय आसा को देख - मे भी नही भुलुगा कभी कियुंकी मेने पेहला डांस अपनी खूबसूरत मा के साथ जो किया है
आसा सर्म से नजरे किये हुवे - तुम भी ना मेरे लाल
आसा मन मे -मेरा पेहला डांस इस उमर मे बेटे के साथ सच कहु तो बहोत खुश हु अपने बेटे के साथ डांस कर के दिल को सुकून मिल रहा है और खुशी भी

2 मिनट बाद अभय रुक जाता है और अपने मा के हाथो पे किस करते हुवे

अभय - सुक्रिया मेरी खूबसूरत मा मेरे साथ डांस करने के लिये
आसा को अपने बेटे पे बहोत प्यार आता है आस अभय को बाहो मे लेके - मुझे भी बहोत मजा आया मेरे लाल तुम्हारा थैंक्स ये पल खुशी देने के लिये

तभी दोनों को तेज तालियां बजाने की आवाजे सुनाई देती है दोनों हैरानी से चौक कर दरवाजे की तरह देखते है तो अदिति दिशा टुकुर टुकुर देख तालियां बजा रहे थे आसा तो दोनों को देख सर्म से लाल अभय के सीने पे अपना चेहरा छुपा लेती है

असल मे अदिति कमरे मे आ रही थी अंदर अभय आसा को डांस करता देख हैरान और चौक भी गई थी फिर अफीति दिशा को भी बताती है तो दिशा भी आके देखने लगती है

अदिति अंदर आते हुवे - सच कहु तो भाई मा आप दोनों डांस करते हुवे कमाल के लग रहे थे और डांस भी कितना अच्छा कर रहे थे

आसा अदिति की बात सुन अदिति को देखने लगती है

दिशा - मा देवर जी सासु मा ननद जि सही कह रही है आप दोनों मस्त डांस कर रहे थे और साथ मे अच्छे भी दिख रहे थे

दोनों की बात सुन आसा को बहोत सर्म भी आ रही थी उसी के साथ अच्छा भी लग रहा था आसा अभय से दूर होकर जाते हुवे

आसा - मे जा रही हु तुम सब बाते करो ( आसा चली जाती है)

अदिति अभय के पास आके भोला सा मुह बना के प्यार से

अदिति - भाई मुझे भी आपके साथ डांस करना है

अभय अदिति को बाहो मे लेके - बाद मे करेगे गुरिया पक्का ( अभय दिशा को देख ) भाभी के साथ भी डांस करुगा

दिशा अभय को देख जिब दिखाते हुवे - देवर जी सपने मे करना डांस मेरे साथ मे तो चली ( दिशा जिब दिखा के चली जाती है)

अभय सभी की सुबह बहोत अच्छा बना दिया था मस्ती मजाक प्यार से और सभी खुश भी थे और अभय यही चाहता भी था


( सुबह 10 बजे )

खाना खाने के बाद आगन मे सभी बैठे हुवे बाते कर रहे थे तभी बाहर से किसी की आवाज आती है ( कोई घर पे है)

आवाज सुन आसा अभय अदिति बाहर आके देखते है तो आसा अदिति हैरान और उसी के साथ घबरा भी जाते है बाहर एक हवलदार खरा था हवलदार कुछ केहता उससे पेहले अभय हवालदार को देख

अभय - मैडम ने बुलाया है ना आप चलिये मे आता हु
हवलदार हैरानी से अभय को देख मन मे - इसे कैसे पता चला मैडम ने बुलावा भेजा है

हवलदार अभय को एक नजर देखता है फिर - ठीक है जल्दी आ जाना ये केह चला जाता है

अभय अपनी मा बेहन को लेके अंदर जाता है अंदर जाते ही आसा अभय के हाथ पकर अभय को देख डरते हुवे

आसा - बेटा ये पुलिस कियु आई थी यहा और तुम्हे कियु बुला रहे है
अदिति - मुझे भी बहोत डर लग रहा है भाई
दिशा आते हुवे - कोन था बाहर ननद जी
अदिति दिशा को देख - भाभी पुलिस आई थी

अदिति की बात सुन दिशा भी घबराते हुवे - पुलिस लेकिन पुलिस यहा कियु आई थी

आसा - मेरे लाल को बुलाने
दिशा - हैरानी से लेकिन कियु

अभय सभी को सांत कराते हुवे - आप लोग बेवजह पुलिस को देख डर जाते है मुझे पता था मैडम मुझे बुलाया जरूर भेजेगी

आसा - लेकिन कियु बेटा
अभय सभी को देख - अरे जायदा कुछ नही बस पूछ ताछ करेगी मे कहा था किसने मुझे किडनैप किया कैसे मे भाग कर आया बाकी सब आप लोग बेकार मे ही डर रहे है मे गया और आया

आसा - अच्छा तो ये बात है तो ठीक है
अभय आसा को देख - हा मा बस यही है जाते जल्दी आ जाउंगा

अभय कमरे मे जाके बैग से dp devil का फाइल निकाल सत् के अंदर दाल बाहर आता है और सभी को देख

अभय - ठीक है आप सभी टेंसन मत लो मे जल्दी ही आ जाउंगा

आसा अदिति दिशा सर हिला के - ठीक है

अभय फिर बाहर आके बाइक पे बैठ पुलिस इस्टेशन निकल परता है


( पुलिस इस्टेशन )

अंदर अपने ऑफिस मे नितिका बैठी फाइल देखने मे लगी हुई थी तभी ऑफिस के दरवाजे पे हवालदार आते हुवे

हवालदार - मे अंदर आ सकता हु मैडम

नितिका बिना देखे फाइल को पढ़ते हुवे - आ जाओ
हवालदार - अंदर आके नितिका को देख आपने जो कहा मेने उस लरके को केह दिया है आपने बुलाया है वो जल्दी ही आ जायेगा

नितका अपनी नजर उपर कर हवालदार को देख - अच्छा काम किया अब तुम जा सकते हो

हवालदार - वो मैडम उस लरके को पेहले से ही पता था आप उसे बुलायेगी

नितिका हैरानी से हवालदार को देखती है और फिर - ठीक है समझ गई

हवालदार फिर बाहर आ जाता है

नितका फाइल नीचे रख अपने हाथो को जोर - तो उसे पता था कही जिसने मुझे फोन कर बताया dp devil के बारे मे ये वही तो नही है दूसरा ये नॉर्मल है किसी को भी पता होगा ऐसे हालत मे पुलिस बुलावा भेजती है लेकिन मुझे ये जानना है आखिर कोन है जिसने dp devil को मारा और उसके सम्राजय को तबाह किया मेरे सारे सवाल का जवाब ( नितिका अभय की फोटो देख) ये लरका ही दे सकता है


( आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏🙏
बहुत ही शानदार लाजवाब और जानदार मदमस्त अपडेट है भाई मजा आ गया
 
  • Like
Reactions: Gokb and ckkhandu

Napster

Well-Known Member
6,719
17,648
188
( Chapter 10 )

पुलिस स्टेशन

अभय पुलिस स्टेशन आके अंदर जाता है एक हवालदार जाके नितिका को

हवालदार - मैडम वो लरका आ गया है
नितिका - ठीक है अंदर भेजो
हवालदार जाके अभय को देख - तुम अंदर जा सकते हो
अभय बिना देरी किये अंदर चला जाता है अंदर अभय नितिका को चेयर पे बैठे देखता जो बहोत ही खूबसूरत लग रही थी

नितिका अपनी नजर अभय की तरफ कर अभय को देख बैठने के लिये केहती है अभय एक नजर नितिका को देख फिर बैठ जाता है

नितिका - तुम ही हो ना अभय जिसका किडनैप 4 साल पेहले हुवा था

अभय - आपने सही कहा मे ही हु अभय
नितिका अभय को देख - तो तुम्हे पता होगा मेने तुम्हे कियु बुलाया है
अभय - जी मुझे पता है
नितिका अभय को गौर से देखती है फिर
नितिका - तो किया तुम मुझे पता सकते हो तुम्हे किडनैप कैसे गया और 4 साल कैद मे रेहने के बाद तुम dp devil के कैद से भाग कर कैसे आये मे जानने के लिये बेचैन हु उस समय तुम 15 साल के एक बचे थे तो वही dp devil एक शैतान जिसने कई बच्चो को किडनैप कर गलत काम करवाता था मे वहा dp devil के ठिकाने पे गई थी इतनी टाइट सिक्रोटि के होते हुवे कैसे तुम भागने मे कामयाब हुवे और तो और तुम ही पेहले हो जो dp devil के कैद से भागने की सोची हिम्मत दिखाई और तुम कामयाब भी हो गये कैसे हाव

अभय अपने दोनो हाथो की उंगली को आपस मे जोर नितिका को देखता है नितिका अभय को देखती है जवाब के उमीद मे अभय एक गेहरि सास छोरता

अभय - अपनो का प्यार
नितिका कंफ्यूज नजरो से अभय को देख
नितिका - मतलब मे समझी नही
अभय नितिका की आखो मे देख - मेरी मा बेहन भाई इनके प्यार ने हि मुझे हिम्मत दी जब मुझे किडनैप कर वहा ले जाया गया तो एक 1 महीने तक रोता रहा डर कर रेहता था लेकिन फिर अचनाक् मुझमे हिम्मत आ गई मे उस कैद मे रेह कर जीना नही चाहता था मेने फैसला कर लिया मुझे अपनो के पास जाना अपनी मा भाई बेहन के पास जाना है बस मेने उस दिन से रोना डरना बंद कर प्लान बनाया और मोक्का मिलते ही भाग आया

नितिका पूरी तरह से हैरान ही अभय की बात सुन और ये सोच की एक 15 साल के बच्चे ने उस समय इतनी हिम्मत दिखाई

नितिका - तुम्हे डर नही लगा तुम पकरे जाते तो मारे जाते
अभय नितिका को देख मुस्कुराते हुवे - डर नही लगा कियुंकी मेने फैसला कर लिया था या तो भाग कर अपनी मा बेहन भाई के पास अपने घर जाउंगा या भागते हुवे मारा जाउंगा लेकिन मुझे कैद मे कातिल बन नही जीना था

नितिका और हैरान हो जाती है अभय की बात सुन

नितिका अभय को गौर से देखते हुवे मन मे - मानना परेगा मौत से सब को डर लगता है लेकिन ये लरका उस समय सिर्फ 15 साल का था लेकिन फिर भी मौत से डरा नही इसे अपनो के पास जाना था पता नही उसके और उसके मा बेहन भाई के बीच कितना प्यार होगा की इसके अंदर इतनी हिम्मत आई और मौत से भी नही डरा केहने को मे पुलिस इंस्पेक्टर हु लेकिन मुझे भी मौत से डर लगता है


नितिका सोच से बाहर आते हुवे अभय को देख

नितिका - लेकिन तुमने ये सब कैसे किया मेरा मतलब है
अभय बीच मे ही - आपके केहने का मतलब मे कैसे भाग कर आया जबकि dp devil के कैद से भागना नामुमकिन था

नितिका - करेक्ट

अभय पवन अंकल के बारे मे बताता है कैसे उसने पवन अंकल से मदद मांगी फिर उसे जेहर का तोर मिला और कैसे भागते वक़्त खुद dp devil को लेके मरे

अभय - पवन अंकल नही होते तो सच ये है हम कभी उस कैद से निकल ही नही पाते उन्होंने खुद अपनी जान देदी ताकि dp devil हमारे पीछे ना आये पवन अंकल ही थे जिन्होंने मुझे आपके बारे मे बताया उसकी वजह से ही आज dp devil मारा गया मे या जीतने लोग उस कैद मे थे वहा से निकल अपने घर अपने लोगो के पास लौट पाये

नितका और भी हैरान हो जाती है अभय की बात सुन कर

नितिका - अब मे सब समझ पा रही हु वैसे किया तुमने ही मुझे फोन कर बताया था dp devil के ठिकाने के बारे मे

अभय नितका को देख - हा मे ही था

अभय dp devil के फाइल निकाल नितिका को देते हुवे

अभय - पवन अंकल dp devil को लेकर मरे उन्होंने जो बम लगाये थे सिर्फ dp devil के ऑफिस मे ताकि बाकी लोगो कि जान ना जाये और ऐसा हुवा भी लेकिन dp devil के कई साथी वहा से भाग गये होगे लेकिन इस फाइल मे dp devil के कराइम् के साथ उनके साथी के पूरी लिस्ट है इसके जरिये बाकी dp devil के के साथी को आसानी से पकर पायेंगे

नितिका अभय से फाइल लेकर खोल कर देखती है तो पूरी तरह से हैरान परेसान हो जाती नितका फाइल नीचे रख अभय को देख

नितका - तुम्हारी सारी कहानी सुनने के बाद मे यही कहूगी पवन जी ने जो किया उनको सलाम लेकिन सबसे बरा हाथ तुम्हारा ही है अगर तुम हिम्मत नही दिखाते वहा से भागने कि तो सायद जो हुवा वो होता ही नही dp devil जिंदा होगा और तुम सब अभी भी उस कैद मे होते मे सरकार से

अभय बीच मे रोकते हुवे - नही उसकी जरूरत नही है मे बस चाहता हु पवन अंकल के बारे मे पूरी दुनिया जाने और हर वो मा बाप बेहन भाई को पता चले जब उनके अपने dp devil के कैद मे थे लेकिन आज वो उनके साथ है तो सिर्फ पवन अंकल कि कुर्बानी की वजह से भले ही मेने हिम्मत दिखाई लेकिन लेकिन सच ये है पवन अंकल के बिना हम अपने घर अपने लोगो के पास नही होते

नितका गौर से अभय की बात सुन देख रही थी
नितिका मन मे - किया लरका है इतना इमानदार दयावान हिम्मत वाला हैंडसम बॉडी ( अरे ये मे किया बोल सोच रही हु) चाहता तो सब केरिडेट खुद रख सकता था लेकिन उसने सब केरिडेट पवन को दे दिया

अभय - मैडम बस आप इतना कर देना अब मे चलता हु
अभय उठ कर जाने लगता है
नितका सोच से बाहर आके अभय को रोकते हुवे
नितका अभय को देख - सुनो अगर मुझे और कुछ पूछना हो तो

अभय - मुस्कुराते हुवे मे आ जाउंगा

अभय फिर बाहर निकल आता है और बाइक पे बैठे घर की तरफ निकल परता है

नितिका अभय के जाने के बाद मन मे - मुझे किया केहना है बोलना है पेहले ही ससमझ जाता है कमाल है बरा इंट्रेस्टिंग लरका है


अभय बाइक से घर की तरफ आ रहा था तभी अभय की नजर आगे ठोरी दूर जाती है तो देखता है कुछ 5 लरके एक लरकी को रोक कर छेर रहे था

असल मे अभय जहा था वहा दोनों तरफ खेत थे लोग भी बहोत कम थे जो अपने खेतो मे काम करने मे लगे हुवे थे लरके भी ऐसे जगह का फायेदा उठा रहे थे ताकि बीच मे कोई ना आये

अभय ये देख गुस्से मे आ जाता है अभय सीधा लरकी के पास ही बाइक रोक नीचे उतर लरको को देखता है

लरकी अभय को देख उसके सास मे सास आती है लरकी जल्दी से अभय के पीछे जाके चुप जाती है

अभय लरकी को देख - तुम बताओ यहा किया चल रहा है
लरकी अभय के पीछे से ही अभय को देख - भईया ये सब मुझे अकेले देख मुझे छेर रहे थे

अभय लरको को गुस्से से देख - कियु बे कमीनो लरकी को अकेले देख छेरते हो

लरका 1 बॉस अभय को देख - अबे साले

अभय तक तक उस लरके के पेट मे जोर से घुसा दे मारता है लरका नीचे गिर दर्द से चिलाने लगता है बाकी लरके अभय के एक्शन देख डर कर भाग जाते है

अभय नीचे बैठ लरके के बाल पकर आखो मे देख - दुबारा अगर मेने तुम्हे किसी लरकी को छेरते देखा तो मे अगली बार तेरी टांग ही तोर दूंगा

लरका दर्द मे पेट पकर रोते हुवे अभय को देख - मा कसम भाई आज के बाद मे कभी भी ऐसा नही करुगा

अभय - यही तेरे लिये अच्छा होगा चल निकल यहा हो

लरका पेट पकर जल्दी से उठ भाग जाता है

अभय फिर खरा होके लरकी के पास जाता है और लरकी को देखता है लरकी बहोत खूबसूरत थी मस्ती बॉडी थी बड़े चुचे बाहर निकले गांड पतली कमर बोले तो उपर नीचे आगे पीछे सब परफेक्ट


images-17

लरकी अभय को देखते हुवे - थैंक्स भईया आप नही होते तो पता नही वो लरके किया करते मेरे साथ
अभय लरकी को देख - उसकी कोई जरूरत नही है उसके बदले ( अभय अपना गाल आगे कर) मुझे गाल पे किस दे सकती हो

( नोट अभय की ये बरी आदत है अभय को थैंक्स सुनना पसंद नही है लरका हुवा तो रोक देता है लरकी औरत हुई तो भाई को गालो पे किस ही चाहिये होता है )


8a1610ea02db047db6f12d08856b7527
अभय की बात सुन पेहले लरकी हैरान होती है फिर शर्मा के अभय को देखती है फिर धीरे से गुलाबी होठों से अभय के गाल पे किस कर सर्म से नजरे नीचे कर लेती है लरकी का ये पेहली बार था कि उसने किसी लरके के गालो पे किस किया था

अभय लरकी को देख - तुम्हे बुरा तो नही लगा गाल पे किस मांगी तो वो क्या है ना मेरी सबसे बुरी आदत है मे अपने आप को रोक नही पता

अभय मन मे -कही ऐसा हो यही आदत किसी दिन मुझे मार खिलवा कर मारेगी

लरकी नजरे नीचेकर सर्म से - नही भईया मुझे बुरा नही लगा
अभय लरकी को देख - अच्छा ये बताओ तुम्हारा नाम किया है और तुम यहा किया कर रही थी

लरकी अभय को को देख - मेरा नाम मधु है भईया और मे यहा खेतो से आ रही थी मा खेतो मे गई है ना इस लिये

अभय - अच्छा ये बात है तुम इसी गाव की रहने वाली हो
मधु - जी भईया ( मधु आगे उंगली से इसारा कर ) आप वो बरगद का पेर देख रहे है वही मेरा घर है

अभय आगे देखता है तो थोरि दूर पे बरगद का पेर था

अभय - अच्छा समझ गया चलो तुम्हे घर छोर देता हु
अभय बाइक पे बैठ बाइक चालू करता है और मधु को देख

अभय - देख किया रही हो बैठ जाओ
मधु - जी जी भईया

मधु बाइक पे दोनों पैर एक तरफ कर बैठ जाती है अभय आईने से मधु को देखता है तो अभय को मधु के चेहरे पे डर दिखाई दे रहा था

अभय मुस्कुराते हुवे - मे तुम्हे गुरिया कहुंगा तो चलेगा ना
अभय की बात सुन मधु को ऐसा फिल होता है की अभय उसका अपना भाई है जो प्यार से उसे गुरिया बुला रहा है मधु को अभय के मुह से गुरिया सुन अच्छा फिल होता है

मधु थोरा इमोसनाल होके - जी भाई आप मुझे गुरिया केह सकते हो मुझे खुशी होगी

अभय मधु के इमोसनाल चेहरे को देख कुछ समझ नही पाता

अभय - ठीक है गुरिया तो तुम एक काम करो दोनों तरफ पैर कर बैठ जाओ और मुझे कस कर पकर देना ठीक है

मधु - जी भाई समझ गई
मधु फिर दोनों तरफ पैर कर बैठ जाती है और अभय को दोनों हाथो से कस कर कर पकर पुरा अभय से चिपक जाती है ठोरी भी जगह नही थी बीच मे


images-13
मधु को बहोत सर्म आ रही थी मधु को पता था उसके बरे चुचे अभय से चिपके है और अभय को साफ फिल हो रहा होगा उसी के साथ मधु का ये पेहला एहसास था किसी लरके मे अपनी बॉडी को टच कराने का किसी लरके के से पुरा बॉडी चिपका कर बाइक पे बैठने का इस लिये मधु को बहोत सर्म आ रही थी

वही अभय अपना उसके दिमाग में कोई गंदी फीलिंग आ ही नही रही थी अभय को मधु के शरीर की गर्मी चुचे सब फिल हो रहे थे उसके बाद भी

अभय आईने मे मधु को देख - अब तू तुम्हे डर नही लग रहा है ना
मधु हैरानी से - आप को कैसे पता चला मुझे डर लग रहा था बाइक पे बैठने से

अभय - हस्ते हुवे तुम्हारे डरे चेहरे को देख कर
मधु शर्मा के - वो भाई किया है ना आज से पेहले मे बाइक पे नही बैठी हु इसी लिये डर लग रहा था लेकिन अब आप कोई कस के पकर बैठी हु तो अब डर नही लग रहा

अभय हस्ते हुवे - मुझे लगा ही था तो अब चले
मधु -जी भाई चलिये


tumblr-1deb769473bcfaf50964662577eaddec-adfea267-540
अभय बाइक लेकर निकल परता है बाइक तेजी से आगे बढ़ रही थी मधु अभय से चिपकी हुई थी मधु को मजा आ रहा था अच्छा फिल भी हो रहा था बाइक पे बैठ कर


अभय फिर मधु के घर पहुँच जाता है मधु बाइक से नीचे उतर अभय के सामने खरा होके अभय को देख

मधु - भाई अंदर आइये ना पानी पीके जाना आप
अभय - नही गुरिया अगली बार
मधु - उदास होते हुवे किया आप को इस गरीब के घर आने मे

असल मे मधु के घर की हालत बहोत खराब थी अभय यानी मधु की लाइफ बुरी चल रही थी और अभय तो मधु के कपड़े देख ही समझ गया था फटे पुराने कपड़े

अभय बाइक से उतर मधु को गले लगा के - पागल ऐसा नही है गरीब होना कोई पाप नही है अच्छा चलो मे चलता हुई

मधु खुश हो जाती है और अभय का हाथ पकर अंदर ले जाती है और अभय अंदर जाके एक खाट पे बैठ जाता है


मधु अभय के लिये पानी लाती है अभय पानी पिता है मधु अभय के पास बैठ जाती है अभय मधु को देख

अभय - ये बताओ घर मे कोन कोन है
मधु अभय को देख दुखी आवाज मे - मा पापा और मे
अभय समझ जाता है मधु कियु इमोसनाल हो गई थी

अभय खरा होते हुवे - ठीक है गुरिया मे जाता हु
मधु खरा होते हुवे - इतनी जल्दी जा रहे है भाई
अभय मधु को गले लगा के - तूने मुझे भाई कहा हो तू आज से मे तेरा भाई तु मेरी गुरिया लेकिन मुझे जाना होगा घर पे मेरा सब इंतज़ार कर रहे होगे लेकिन मेरा वादा हो हर रोज मे तुमसे मिलने आते रहुंगा

अभय की बात सुन मधु खुशी के मारे रोने लगती हो और अभय को कस पे पकर रोते हुवे

मधु - आप सच केह रहे हो आप मुझसे मजाक तो नही कर रहे
अभय मधु के चेहरे को पकर - सच्ची कसम से अब रोना बंद करो
मधु अपने आसु साफ कर - ठीक हो अब मे नही रोऊगी कियुंकी मुझे मेरा भाई मिल गया है
अभय मुस्कुराते हुवे - अब मे जाऊ
मधु रुकिये ( मधु अभय की गाल पे किस कर) अब जाइये
अभय मुस्कुराते हुवे - किसी मीठी थी
मधु - शर्मा के आप भी ना भाई

अभय फिर बाहर आके बाइक पे बैठ जाता है मधु भी वही खरी थी अभय मधु को देख - ठीक है गुरिया मे जा रहा हु अपना ख्याल रखना
मधु - जी भाई आप भी

अभय बाइक लेकर निकल परता है अपने घर

मधु अभय को जाते देख - किसने सोचा था आज मुझे मेरा भाई मिल जायेगा कई बार लरके मुझे छेरने कि कोसिस करते थे मे कैसे भी भाग जाती थी तब मे हमेसा यही सोचती थी काश मेरा भी बरा भाई होता तो मुझे उन कमीने लरको से सभी से मुझे बचाता लेकिन आज वो सब सच होता गया ( मधु की आखो मे खुशी के आसु थे)


अभय अपने घर आता हो और जब अंदर जाता है तो आसा कमरे से बाहर आते हुवे अभय को देख

आसा - केह कर गया था ठोरी देर मे आ जाउंगा और अब आ रहा है

अभय आसा के पास जाके बाहों मे लेके - मेरी प्यारी खूबसूरत मा आप कियु नाराज होती है कभी कभी देरी हो जाती है
आसा अभय को देख मुह फुला के - बस बहाना मारता रेहता है
अभय आस के गाल के किस करते हुवे - मान भी जाओ मेरी प्यारी मा
अदिति कमरे से बाहर आते हुवे - मान जाइये मा भाई इतने प्यार से जो केह रहे है देर जो जाती है कभी कभी

आसा अदिति को देख - आ गई भाई को लाडली अपने भाई कि साइड लेने
अदिति अभय के पास आके अभय कि बाहों का पकर आसा को देख

अदिति - हा हु मे अपने भाई कि लाडली और मे भाई का हमेसा साथ दुगी
आसा - वोतो मुझे पेहले से ही पता है भाई कि लाडली ( आसा अभय को देख) अब मुझे कबतक बाहो मे पकर कर रखेगा


f9aadd7380acdf8e0e0e28e30b03b15e8b27f0cd-high
अभय आसा को प्यार से देख - मेरा बस चले मे आपको जिंदगी भर बाहों मे पकर रखू

आसा हस्ते हुवे - बरा आया छोर मुझे कई काम करने बाकी है
अभय आसा को छोरते हुवे - ठीक है अभी छोर रहा हुई बाद मे फिर पकर लुगा

आसा के गालो पे किस कर हस्ते हुवे - पकर लेना रोका किसने है

आसा फिर अपने काम पर लग जाती है अभय आदिरी को देख

अभय - मेरी गुरिया किया कर रही थी
अदिति अभय को देख - अभी तो कुछ नही ना आगे कुछ दिन कुछ करने वाली हु कियुंकी मुझे सिर्फ आपके साथ रेहना है बाते करना है घूमना है

अभय अदिति को बाहों मे कस - अच्छा ऐसा हो किया
अदिति अभय के गालो पे किस करते हुवे - हा भाई ऐसा ही है

अभय हस्ते हुवे - ठीक है फिर मुझे भी अपनी गुरिया के साथ वक़्त बिताना है बाते करनी है मस्ती करनी हो हम करेगे भी ठीक है

अदिति खुश होते हुवे - ये हुई ना बात भाई

अभय - ठीक है गुरिया मे भाभी से बात कर के आता हु
अदिति - ठीक है भाई

अभय फिर दिशा के कमरे मे आता है दिशा बिस्तर पे लेती हुई थी

अभय अंदर आते हुवे - मेरी खूबसूरत भाभी किया कर रही है

अभय की आवाज सुन दिशा अभय की तरफ देख

दिशा - अरे देवर जी आइये बैठिये था

दिशा भी उठ कर बैठ जाती है अभय दिशा के पास जाते बैठ जाता है

अभय दिशा को देख - अब टिक है मुझे आप का खूबसूरत चेहरा देखने को मिल रहा है

दिशा अभय को देख हस्ते हुवे - मेरे प्यारे देवर जि ने कहा था तो मे कैसे उनकी बात ना मानती

अभय - थैंक्स भाभी मेरी बात रखने के लिये
दिशा - ऐसा मत बोलिये

अभय - वैसे मे ये केहने आया था हम शोपिंग पे चलेंगे साम को ठीक है

दिशा हैरानी से अभय को देख - अच्छा लेकिन मुझे नही जाना आप सासु मा ननद जी चले जाना मुझे कुछ नही चाहिये

अभय हैरान होते हुवे - आप को चलना ही होगा नही तो मे आप से बात नही करुगा

अभय की बात सुन दिशा इमोसनल होते हुवे

दिशा - आप मुझसे बात नही करेगे
अभय इमोसनल होते हुवे - आप आप मेरी बात नही मानेगी
दिशा - अच्छा बाबा चलुंगी लेकिन मे लुंगी किया सब तो है
अभय दिशा को देख हस्ते हुवे - अच्छे नये कपड़े लेगे और आप अंदर के कपड़े भी मैच मैच भी ले लेना

दिशा अभय की बात समझ नही पाती लेकिन जब समझ मे आता है दिशा अभय को देख बेशर्म लेकिन तब तक अभय जल्दी से भाग जाता है

दिशा अभय को जाते देख - कहा भाग रहे ही देवर आइये ना मे कुछ नही कहूगी
अभय बाहर से - ना ना ना मुझे पता है आप मेरी धुलाई कर देगी

दिशा मुह पे हाथ रख सर्म से लाल होते हुवे - देवर जि नटखट मजाकिया है मुझे पता था लेकिन कितने बेसर्म है देवर जी आज पता चला गंदे देवर

( साम 3 बजे )

अभय ने सभी को केह दिया था शोपिंग पे जायेंगे तो सभी रेडी हो चुके थे और आगन मे आ जाते है

आसा अभय के पास जाके - बेटा उसकी किया जरूरत है हमारे पास कपड़े तो है ही ना

अभय - मा सब पुराने हो गये हो मेरे पास पैसे है तो मे भला आप सब को पुराने फटे कपड़े कैसे पहनने दे सकता हु

अदिति अभय के बाहों को पकर - भाई ने कहा है तो चलना ही है
दिशा - हस्ते हुवे हा हा भाई की लाडली
अदिति दिशा को जिब दिखा के - हा हु तो
दिशा हस्ते हुवे - बच्ची ही है अभी आप

अभय सब देख ठीक है चलते है बिना देरी किये

अभय बाइक नही लेता कियुंकी चार लोग जा नही सकते थे अभय सभी मैन रोड पे आके रिस्का पकर पास के मॉल मे आ जाते है सभी मॉल के बाहर खरे थे

अदिति मॉल को देख - आज पेहली बार इतने बरे मॉल मे जो भी शोपिंग करने जा रहे है मे तो बहोत खुश हु आज तो सब कुछ खरीद लुगी जो मुझे चाहिये

दिशा मॉल को देख - मेरा भी पेहली बार है ननद जी लेकिन मॉल देख लगता है अंदर कपड़े बहोत मेहगे होगे
आसा अभय को देख - बेटा हम हमेसा जहा लेते है वही कपड़े ले लेगे ना किया जरूरत है इतने बरे मेहगे मॉल मे जाने की
दिशा अभय को देख - देवर मम्मी जि सही कह रही है


सभी की बात सुन अभय मन मे - मेरे पास इतने पैसे है कि ये मॉल किया इससे बरी मॉल मे आप को ले जाऊ लेकिन फिल्हाल मुझे बहोत काम करने हो उसके बाद बरा घर गारी सब लूंगा

अभय सभी को देख - आप लोग कुछ जायदा ही सोच रहे ही चलिये अंदर जो लेना है खुल कर लेना पैसों की चिंता मत करना आप

अभय सभी को मॉल के अंदर लेके आता है अंदर मे मॉल बहोत ही बरा और खूबसूरत दिख रहा था अदिति आसा दिशा अभय भी सब पेहली बार मॉल मे आये थे इस लिये सब बहोत हैरान होते है


images-2
अभय मॉल को देख मन मे - हम जैसे गाव के गरीब कई ऐसी जगह को बाहर से देख सकते है अंदर जाना और कुछ खरीदना दूर की बात है हमारी जिंदगी तो पूरा गाव मे ही गुजर जाती है लेकिन अब ऐसा नही होगा

अभय सब को देख चलिये चलते है सभी अभय के पीछे जाने लगते है


असल मे आसा अदिति दिशा थोरे नर्वस थे पेहली बार हो आये थे इतने बरे मॉल मे

अभय सभी को लेडीज सेक्सन मे लेके जाता है अंदर मे सब कुछ था
अंदर जाते ही एक सेल्स गिर्ल सभी के पास आके खरा हो जाती है

सर्ल्स गिर्ल आसा दिशा अदिति को देख - मैडम आप को किया चाहिये यहा सब कुछ मिलेगा हम आपकी पूरी मदद करेगे

अभय आगे आके दिशा मा के लिये खुद अच्छी सारी पसंद करता है और अदिति तो खुद लगी परी थी

अभय आसा के कान मे - मा लाल ब्लू कलर की नाइटी मे आप अच्छी लगेगी

आसा अभय को देखती है चेहरा सर्म से लाल हुवे परा था

आसा अभय को धीरे से - मेरे लाल ने कहा है तो जरूरु लुगी
अभय - थैंक्स मा

अभय दिशा के पास जाके अपने गांड से दिशा के गांड पे मारते हुवे

अभय - कियु भाभी ले लिया अंदर आ मैचिंग मैचिंग
दिशा सर्म से लाल अपने गांड से अभय के गांड पे मारते हुवे

दिशा - आपको उससे किया मे लू या ना आप को देखने मिलने वाला तो है नही

अभय दिशा के कान मे धीरे से - किया पता कभी देखने के लिये मिल जाये

दिशा हैरान सर्म से लाल अभय के कान पकर - आप बहोत नोटि होते जा रहे है

अभय - आह भाभी दर्द हो रहा है
दिशा अभय का कान छोरते हुवे - जाइये अपनी गुरिया को मैचिंग मैचिंग खरीद वाइये

अभय हस्ते हुवे - जा रहा हु लेकिन मैचिंग

तभी दिशा गुस्से से अभय को मारने दोरति है तो अभय भाग कर अदिति के पास आ जाता है

अदिति अभय को देख - भाई मुझे मदद करिये ना
अभय - ठीक है करता हु

सब का कपड़े मेकप् सब हो चुका था बाकी बचे थे अंदर पेहने वाले कपड़े तो अभय सभी को केह कर बाहर आ जाता है और इधर उधर घूमन लगता है


दिया अदिति बिकनी सेक्सन मे जाते है तो सामने कई ब्रा पैंटी नये नये डिजाइन मे दिखाई देते है दोनो देखने लगते है तभी दिशा एक ब्रा को हाथो मे उठा के अदिति की तरफ देखते हुवे


images-10
दिशा - ननद जी ये ब्रा ले लीजिये सूट करेगी अच्छा डिजाइन भी है देखने मे खूबसूरत भी आपके दोनो अनमोल बरे बरे चुचियों को भी आराम से अपने अंदर ले लेगी

अदिति सर्म से लाल दिशा को देख - छि बेसर्म भाभी मेरे बरे बरे है लेकिन आपके भी तो है आप ही ले लीजिये

दोनो ननद भाभी मस्ती मजाक कर ब्रा ले लेते है फिर जाते है पैंटी सेक्सन मे जहा कई कलर और नये डिजाइन की पैंटी थी दोनो अच्छे से पैंटी को देखते है कोन अच्छा है कुछ देर देखने की बाद दिशा


images-11
दिशा हस्ते हुवे - ननद जी कितने नये डिजाइन के पैंटी है मेने तो आज तक नही देखी एक काम कीजिये ले लीजिये जिस डिजाइन कलर का ब्रा लिया उसी डिजाइन कलर का पैंटी ले लीजिये मैचिंग मैचिंग का जायेगा फिर देवर जी को देखा दीजियेगा पेहेन कर उन्होंने बहोत शोक है मैचिंग मैचिंग देखने का

दिशा ये केह जोर जोर से हसने लगती है अदिति तो हैरान सर्म से लाल होते हुवे अपनी भाभी को देखने लगती है

अदिति दिशा के पास जाके हस्ते हुवे - मुझे लगता है आपको ही मैचिंग मैचिंग ले लेना चाहिये भाई देखेंगे तो उनको मजा आ जायेगा

दिशा सर्म से लाल होते हुवे - मुझे नही लेना
अदिति हस्ते हुवे - अरे ले लीजिये ना

दोनो मस्ती मानक करते हुवे पैंटी भी ले लेते है बाकी मेकप् सब जो लेना था

आसा भी नाइटी पसंद करती है अभय के पसंद के कलर का

आसा मन मे शर्मा के - मेरा बेटा भी ना लेकिन ये कलर की नाइटी मुझपे अच्छी लगेगी

सब खरीदारी हो गई थी सिर्फ गेहने छोर कर कियुंकी दिलीप अभी नही चाहता था सभी हाई फाई रहे इसी लिये अभय छोटे मॉल मे लेकिन यहा था यहा कपड़े कम मेहगे थे हा ये सच है इस मॉल मे भी अभय के पास पैसा नही होता तो आ नही पाता लेकिन अब चीजे अगल थी अभय अभी सब को सिर्फ कुछ कपड़े दिलाता है बाकी अभय बरा घर लेने के बाद ही सब कुछ करने वाला था


आसा अदिति दिशा के पास अभय आते हुवे - किया आप लोगो ने जो लेना था ले लिया
आसा - हा बेटा जो लेना था हम ने ले लिया
अभय - ठीक है मे पैसा पे कर के आता हु

अभय फिर जाके जो बिल बना था पे कर के आता है

अभय फिर सभी को लेकर मोबाइल सेक्सन मे जाता है मोबाइल लेने

आसा - बेटा हम यहा कियु आये है तुम्हे मोबाइल लेना है किया

अभय तीनों को देख - घर मे किसी के पास एक मोबाइल भी नही है तो इस किये यहा आये है आप सब के पास मोबाइल रहेगा तो मे कही गया भी होऊगा तो बाते कर पायेंगे

आसा ये सुन कर ही खुश हो जाती है कियुंकी अब अभय कही गया होगा तो फोन कर बाते कर पायेगी

अदिति अभय के बाहों को पकर - भाई मुझे भी फोन चाहिये मस्ती वाला
अभय अदिति के सर पे हाथ फेरते हुवे- ये मस्त वाला फोन कैसा होता है चलो दिखाओ

अभय अंदर जाता है और अदिति दिशा मा उसी के साथ एक फोन एक्स्ट्रा लेता है और बिल पे कर देता है

सब कुछ हो गया था सभी बाहर आते है रिस्का पकरने सभी बाहर रुके हुवे थे

दिशा - देवर जी आज आपने बहोत खर्चा कर दिया किया जरूरत थी
अभय दिशा को देख - मेरी प्यारी भाभी ये तो कुछ भी नही था और वैसे भी मे आप लोगो के लिये कुछ नही करुगा तो कोन करेगा
आसा के गाल सेहला कर प्यार से देख - मेरा बच्चा कितना जिमेदार हो गया है आई लोव यू मेरे लाल

अभय आसा को देख - आई लोव यू मेरी प्यारी मा
अदिति बीच मे - आई लोव यू भाई
अभय अदिति को देख हस्ते हुवे - आई लोव यु 2 मेरी प्यारी गुरिया

अभय दिशा को देख हस्ते हुवे - भाभी आप की बारी

दिशा घुघट् मे थी लेकिन अभय की बात सुन सर्म से लाल होते हुवे
दिशा - आई लोव यू देवर जी
अभय हस्ते हुवे - आई लोव यू 2 भाभी

वही आसा अदिति जोर जोर से हसने लगते है तो दिशा और शर्मा जाती है

रिक्सा आने की बाद सभी 5 बजे घर आते है सभी समान रख आगन् मे बैठ बाते करने लगते है तभी अंदर चार लोग आते है आसा अभय सभी पीछे देखते है तो अभय अपना सर पकर के

अभय मन मे - आ गया कमीना फिर दिमाग खाने

हा ये विजय था अपनी मा मिनिता अपनी बेहन बुवा के साथ अभय के घर पधार चुका था

विजय अभय को देखते ही खुशी से पागल होते हुवे - बॉस

विजय को अभय को बॉस केहता सुन देख सभी हैरानी से अभय को देखने लगते है

अभय अपना सर पिटते हुवे मन मे - साला कुता कमीना अब मे सब को कैसे सम्झाऊगा


आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏
बहुत ही मस्त और शानदार लाजवाब अपडेट है भाई मजा आ गया
 
  • Like
Reactions: Gokb and ckkhandu

Napster

Well-Known Member
6,719
17,648
188
chapter 11


विजय अपनी मा बेहन बुआ के साथ अभय के घर आते ही बॉस केह कर अभय को बुलाता है तो सभी की नजर अभय पे ठीक जाती है

चलिये जानते है विजय कब आया और किया हुवा था

विजय अपनी बुआ के साथ अभय जब मा भाभी बेहन के साथ शोपिंग करने गया उसी के बाद विजय आया अभय का घर रोड के साइड पेहले ही आ रहा था तो विजय अभय के घर गया लेकिन ताला लगा हुवा था तो विजय बुआ के साथ अपने घर चला गया


विजय अपने घर के बाहर अपनी बुआ के पीछे डर से कापते हुवा खरा था


Gv-W55-Oda-EAAc-Fbl
विजय की बुआ का नाम है ( काजल सिन्हा उमर 40 साल) बहोत ही खूबसूरत चंचल सभाव की है बॉडी 40 की उमर मे भी पूरी फिट है एक शब्द मे कहा जाये तो उमर से नीचे तक आग है आग

विजय डरते हुवे बुआ के पीछे से ही - बुआ मुझे बहोत डर लग रहा है अंदर जाने मे कही मा मेरी गुस्से मे चटनी ना बाना दे

काजल विजय को देख हस्ते हुवे - अरे लाला इतना बरा हो गया और अभी भी डरता है तू मर्द है मर्द को डरना नही चाहिये

अपनी बुआ की बात सुन विजय अपनी बुआ को देख अजीब चेहरा बना के
विजय - अच्छा किया बात बोली है आप ने लेकिन आप खुद फूफा जी को दबा के रखती है उसका किया बेचारे फूफा उनकी तो आपके सामने चलती भी नही और आप मुझे ज्ञान दे रही है वाह बुआ वाह

विजय की बात सुन काजल दूसरी तरफ देख खास्टे हुवे - अरे वो तो हमारे बीच प्यार है मे उन्हें थोरि ना दमा के रखती हु वो खुद ही मेरे सामने कुछ नही बोलते है

विजय अजीब चेहरा बना के मन मे - हा हा हा जैसे की मेने देखा हि नही और मुझे पता ही नही घर की लेडी बॉस है

काजल - अच्छा ये छोर मे हु ना तुझे कुछ नही होने दुगी चल अंदर चल

विजय काजल के पीछे से निकल कर घर को देखते हुवे इमोसनल हो जाता है

विजय - 4 साल बाद मे अपने प्यारे घर को देख रहा हु 4 साल बाद मे अपनी मा बेहन सब से मिलने वाला हु इस चार साल मे उनको देखने के लिये बहोत तरपा हु अगर अभय भाई नही होते तो आज मे यहा नही होता ( विजय के आखो मे खुशी के आसु निकल परते है)

काजल ये देख विजय के आखु साफ करते हुवे - लाला जाके मिल अपनी मा बेहन पापा सब से वो सभी भी 4 साल तेरे बिना बहोत तरपे होगे

विजय जी बुआ विजय अंदर जाता है तो सबसे पेहले विजय पे नजर कोमल की परती है कोमल विजय की बेहन बहोत ही खूबसूरत उपर नीचे आगे पीछे सब कुछ टॉप नोच है लरके को पागल करने के लिये


images-15-1754002101772

कोमल विजय को देखती ही ( छोटे) केहते हुवे रोते हुवे जाके विजय को बाहों मे भर लेती है विजय भी अपनी बरी बेहन के बाहों मे समा जाता है


ab7de4cd8170fd66efe6551cd01d3508
कोमल रोते हुवे - छोटे तु आ गया तुझे पता भी है तेरे जाने के बाद हम कैसे जी रहे थे दिन रात हर पल तेरी ही याद आती थी हमे

विजय रोते हुवे - दीदी मेरा भी वही हाल था मे भी आप सभी को बहोत याद करता था

कोमल विजय का चेहरा पकर प्यार से विजय को देख

कोमल - 4 साल मे कितना बदल गया है मेरा भाई अब तु आ गया है ना तो सब गम दुख दूर हो गया
विजय हस्ते हुवे - आप भी दीदी बहोत खूबसूरत हो गई है
कोमल - अच्छा ऐसा किया

आवाज सुन मिनीता भागते हुवे कमरे से बाहर आखे देखती है तो मिनीता को विजय अपना लाल दिखाई देता है विजय की नजर भी अपनी मा पे जाती है दोनो एक दूसरे को देख आसु बहाने लगते है

विजय मिनीता को देख - मा
मिनिका ये सुनते ही तेजी से आके विजय को गले लगा के फुट फुट कर रोने लगती है विजय भी अपनी मा के बाहों मे समाये रोने लगता है


emotional-hug-kevin-pearson
काजल कोमल इस सीन को देख उनके आखो से खुशी के आसु छलक परते है

मिनीता विजय को बाहों मे लिये - मेरा लाल मेरा बेटा तु आ गया तेरे बिना ये 4 साल मुझे नर्क की सजा से कम नही लग रही थी मुझे तो लगा था की अब मे तुझे खो चुकी हु अब तुझे कभी देख नही पाउंगी

विजय अपनी मा के चेहरे को पकर आसु साफ करते हुवे

विजय - मा रोना बंद करो जितना रोना था आप पेहले ही रो चुकी हो
काजल आगे आते हुवे - विजय सही केह रहा है भाभी रोना बंद कीजिये ये पल तो खुसियो का है

मिनीता आसु साफ करते हुवे - सही कहा तुम ने ये पल तो खुशी का है ( तभी मिनीता विजय के कान करते हुवे) लेकिन मेरे लाल मे ये नही भूलि की तुम अपनी मा के पास पेहले नही आये बल्कि अपनी बुआ के पास चले गये

विजय दर्द मे अपनी बुआ की तरफ देख - बुआ बच्चा लो मुझे
काजल मिनीता के पास जाके - भाभी छोर दीजिये लाला को दर्द हो रहा है
मिनीता काजल को देख - आ गई लाला की प्यारी अपने लाला को बचाने

मिनीता कान छोरते हुवे - चल माफ किया


इसके बाद सभी बहोत सारी बाते करते है विजय भी बहोत कुछ बताता है अपनी मा बेहन को उसके बाद साम को विजय अपनी मा बुआ बेहन के साथ अभय के घर आ जाता है अभय से मिलने

तो यही हुवा था

विजय मिनीता कोमल काजल को देख अभय जाके मिनीता काजल के पैर छुके आशीर्वाद देता है

काजल अभय को देख प्यार से अभय के गाल को सेहलाते हुवे

काजल - अभय बेटा विजय ने मुझे बताया की कैसे तुम ने उसकी सभी की जान बचाई आज मेरा लाला मेरी भाभी का लाल एक बेहन का प्यारा भाई तेरी वजह से हमारे पास लौट आया है थैंक्स बेटा

अभय अपना गाल आगे करते हुवे - मुझे थैंक्स सुनना पसंद नही उसके बदले गालो पे किस दे सकती है बुआ

काजल हरानी से अभय को देखती है तो वही मिनीता हस्ते हुवे काजल को देख

मिनीता - ननद जी अभय ऐसा ही है मिनीता ( आसा को देख) ये सब दीदी ने ही आदत लगवाई है अभय को थैंक्स से जायदा किस चाहिये होता है गालो पे

मिनीता की बात सुन काजल हस्ते हुवे अभय को देख - तुम तो बड़े चालाक हो अभय बेटा कोई ना तुम ने हमारे जिगर के तुकरे को हमे लौटाया है तो एक किस ऐसे ही मागते तो दे देती

काजल फिर अभय के गालो मे अपने प्यारे रसीले गुलाबी होठो से किस करते हुवे - ये लॉ बेटा तेरा इनाम


images-1753654743808
अभय काजल को देख हस्ते हुवे - इनाम बहोत मिठा था
काजल हस्ते हुवे अभय के गाल पे प्यार से मारते हुवे - बदमास

कोमल फिर आगे आके अभय के पास जाके अभय के हाथ पकर लेती है और अभय को देखती है अभय कोमल को देखता है

कोमल - अभय तुमने हमारे लिये जो किया है वो हम जिदगी भर नही भुलेगे मेरा भाई घर का एक लौटा मर्द है हमारा सहारा भी उसके बिना तो हमारी जिंदगी बेवजह की हो जाती लेकिन तुम ने विजय को हमारे पास आके हमे जो खुसिया दी है उसका कर्ज हम सात जन्म तक नही उतार पायेंगे

आसा दिशा अदिति बाकी सभी सांत होके सब देख सुन रहे थे

अभय कोमल को देख - हो गया तुम्हारा बोलना जैसा भाई वैसी बेहन तुम दोनो बहोत बोलती हो वहा कैद मे ( विजय को देख) ये कमीना बोल बोल कर मेरा कान दर्द करा देता था और यहा तुम वही कर रही हो

अभय की बात सुन बाकी सब जोर जोर से हसने लगते है

कोमल हस्ते हुवे - ये तो सच कहा हम दोनो भाई बहोत बोलते रेहते है ( कोमल फिर सिर्यस् होके अभय को देख) तुमने बात को घुमा दिया पर हम ये नही भुलेगे

अभय गाल आके कर - किस देना है तो दो नही तो जाके चुप चाप बैठ जाओ
कोमल हस्ते हुवे - तुम भी ना अभय

कोमल फिर अभय को अपने रसीले होठो से गाल पे किस कर देती है


8a1610ea02db047db6f12d08856b7527

अभय कोमल को देख - तुमहरा किस जयादा मिठा नही था
कोमल अभय को एक और गाल पे किस करते हुवे हस के - अब मिठा हो गया होगा
अभय हस्ते हुवे - हा अब मिठा हो गया है

तभी विजय आसा पे पास जाके पैर पे गिर कर आसा के पैर पकर लेता है आसा हैरानी से विजय को देखने लगती है बाकी सब भी विजय को देखने लगते है

विजय आसा के पैर पकरे आसा का देख - ऑन्टी आज मे अपने लोगो के पास अपनी मा बेहन सभी के पास लौट कर आ पाया तो सिर्फ अभय भाई की वजह से और अभय भाई को जन्म देनी वाली मा आप है आप ने एक मर्द को जन्म दिया है उस समय हम बच्चे थे मे रोता रेहता था डर के मारे लेकिन अभय भाई ही वहा एक ऐसे बंद थे जो सुरु से रोये लेकिन जल्दी ही उन्होंने जो हिम्मत दिखाई और उन्होंने वहा 4 सालों मे जो किया उनके अलावा कोई सपने मे भी नही कर सकता अभय भाई के वजह से ही मे या बाकी जितने बच्चे थे सब अपने घर अपनो के पास जा पाये लेकिन आप ने अभय भाई को जन्म नही दिया होता तो चीज़े अलग होती

दिशा अदिति मिनीता काजल कोमल सब देख सुन रहे थे और उन्होंने भी विजय की कही गई बात पे अग्री करते है

विजय की बात सुन आसा को अपने आप पे गर्व होता है की उसने अभय जैसे बेटे जो जन्म दिया और इस बात पर भी की अभय उसका लाल उसका बेटा है
आसा विजय को उठाते हुवे - मुझे खुशी है की तुम भी अपने मा सभी के पास लौट आये मेने दिखा था कैसी तेरी मा पागलो की तरह चिलाते हुवे तुझे ढूंढ रही थी मेरा भी वही हाल था तो मे समझ सकती हु

विजय दिशा के पास जाके दिशा पे पैर छुटे हुवे - भाभी देवर को आशीर्वाद दीजिये

दिशा घुघट् मे थी और अभय दिशा अकेले होते है तो ही दिशा अभय के सामने घुघट् हटाती है

दिशा -खुश रहिये देवर जी
विजय दिशा को देख - भाभी चेहरा भी देखा दीजिये एक बार
कोमल विजय को देख + अच्छा चेहरा देखना है भाभी का तो गिफ्ट लाया है
विजय कोमल को देख अपना सर खुजाते हुवे - दीदी मे तो नही लाया कोई गिफ्ट
आसा - अरे कोई बात नही वैसे भी मेरी बहु को कोई गिफ्ट नही चाहिये होता है तुम सब देख लो

मिनीता काजल कोमल इन सभी ने भी दिशा को नही देखा था कियुंकी अब जाके दोनो परिवार के बीच एक रिस्ता बना था

दिशा घुघट् हटा देती है सभी दिशा को देख लेते है फिर दिशा घुघट् से अपना चेहरा धक लेती है

विजय अदिति के आप जाके - आप अभय भाई की गुरिया है ना
अदिति विजय को देख - सही कहा
विजय - अभय भाई आप को बहोत याद करते थे वहा
विजय की बात सुन अदिति अभय को प्यार से देखती है

अभय विजय को देख - ओये कमीने यहा इमोसनल सीन मत बना नही तो याद है ना कैसे तेरी बजाता था

विजय अभय की बात सुन डर से काप् जाता है

विजय अभय को देख - जी भाई समझ गया
विजय मन मे - आपसे बच कर रहने मे ही भलाई है

विजय अदिति को देख - वैसे हमारी उमर सेम है अब कुछ महीने आगे पीछे होगे लेकिन आप अभय भाई की गुरिया है तो मे आप को दीदी ही कहुंगा

अदिति विजय को देख - मे भी आप को भाई ही कहुंगी

फिर आसा मिनीता काजल तीनों एक तरफ बाते करने लगते है और दूसरी तरफ दिशा अदिति कोमल अभय विजय बाहर आके बाते करने लगते है

अभय विजय बाहर रोड पे सरक पे चलते हुवे बाते करने लगते है

अभय विजय को देख - विजय तुम अभी अभी आये तो मे भी तो हम अभी कही जा नही सकते ना हमे कोई जाने देगा

विजय - भाई आपने बिल्कुल सही कहा
अभय - हा इस लिये अभी हम कही जा नही सकते हमे कुछ महीने अपने परिवार के साथ हि रेहना होगा फिर आगे जो करना है करेगे समझ गये

विजय- जी भाई समझ गया अच्छे से
अभय - लेकिन फिल्हाल एक काम है जो तुझे करना है
विजय अभय को देख - हुक्म कीजिये भाई बस आप
अभय रुक जाता है और विजय को देखते हुवे - कोई ऐसा बंदे को ढूंढो जो किसी पे नजर रख सके बिना किसी को पता लगे

विजय हैरानी से अभय को देख - भाई आपको किस पे नजर रखवानी है और कियु अगर ये बहोत जरूरी मिसन है तो मे खुद करुगा

अभय विजय के कंधे पे हाथ रख विजय को देख - जरूरत नही है वैसे भी ऑन्टी को पता चला की मेने तुझे कोई काम करने के लिये कहा है और मेरी वजह से तुम उनके साथ वक़्त बिता नही पा रहे हो तो ऑन्टी मेरे पीछे डंडे लेकर पर जायेगी तुम बस कोई ढूंढो

विजय - समझ गया भाई लेकिन नजर किस पे रखनी है
अभय विजय को देख - टीनू अमन आरोही पे ( अभय तीनों के बारे मे सब बता देता है)
विजय - अच्छा तो ये बात है जैसा आप ने कहा जितना मे समझा हु टीनू तो 100 है कुछ ना कुछ करेगा लेकिन अमर आरोही कियु

अभय विजय को देख - 4 साल dp devil के कैद मे रेह कर किया किया मेने तुम्हे किया सिखाया है सब भूल गये

विजय - याद है भाई अच्छे से याद है कितने अच्छे इंसान कियु ना हो लेकिन कोई कभी भी बदल सकता कोई अच्छा कभी भी बुरा बन सकता है हर एक चेहरे के पीछे दूसरा चेहरा भी होता है तो हमे हर वक़्त हर किसी से सावधान रेहना चाहिये

अभय विजय के टकले पे मारते हुवे - वाह याद है सब मुझे लगा इस बेकार दिमाग मे सिर्फ भूसा भरा है

विजय अपने सर को सेहलाते हुवे - पेहले था लेकिन आपने निकाल कर फेक दिया अब मेरा दिमाग काम करता है

अभय हस्ते हुवे - चलो ठीक हैं तो समझ गये ना
विजय - जी भाई हो जायेगा

साम हो जाती है

बाते करने के बाद विजय मिनीता काजल कोमल सभी को बाय बोल चले जाते है

आसा अभय के पास आके गालो पे किस करते हुवे अभय के गाल को सेहलाते हुवे - मेरे लाल मुझे तुम पे गर्व है
अदिति अभय के पास आते हुवे - मुझे भी भाई आप पे गर्व है
दिशा अभय को देख - मुझे भी देवर जी आप पे गर्व है

अभय सभी को देख - मेने जो किया आप सब के प्यार की वजह से ही कर पाया दूसरी कई और लोग है जिन्होंने मेरा साथ साथ दिया मेने सब अकेले नही किया
आसा - जो भी हो तुम हमे तुम पर गर्व है


साम हो चुकी थी दिशा खाना बनाने के लग जाती है और अभय आसा अदिति बाते करने मे दिशा भी खाना बनाते हुवे बाते कर रही थी


( मधु के घर )

मधु के बारे मे जान लेते है - मधु - उमर 18 - साल - अदिति से कुछ महीने छोटी है

मधु की मा - सिला - उमर 38 साल - एक ही बेटी है मधु फिर कोई बच्चा नही हुवा सिला को एक बेटे की कमी तो मधु को भाई की कमी हमेशा से खलती रही है सिला बहोत खूबसूरत है अच्छे साफ दिल की भी और हर तरफ से कयामत भी


Gwv3-ZWSbg-AA0-1q
how to make a picture hd

मधु के पिता - जोगिनाथ - उमर 40 - बंदा भी अच्छे दिल का है मधु सिला का बहोत ख्याल रखता है खेती मजदूरी कर के कर चलाता है

मधु भी आगन मे खाना बना रही थी और सिला पास ही खटिये पे बैठी हुई थी

मधु रोटी बनाते हुवे अपनी मा को देख खुश होते हुवे
मधु - मा आज मुझे मेरा भाई मिल गया
सिला जो आराम से बैठी हुई थी मधु की बात सुन हैरानी से मधु को देखते हुवे फिर जोर जोर से हस के
सिला - तुमने किया कहा तुम्हे तुम्हारा भाई मिल गया और मुझे पता भी नही चला मेने कब तेरे भाई को जन्म दे दिया हा

मधु सिला की बात सुन मुह बनाते हुवे सिला को देख
मधु - वेरी फनी आप भी ना मा
सिला हस्ते हुवे - अच्छा बाबा बता तुझे तेरा भाई कहा कैसे मिल गया
मधु सिला को देख सब सुरु से बता जो हुवा बता देती है
सिला सब सुनने के बाद हैरान होके मधु को देख
सिला- किया तुम्हे लरके छेर रहे थे कोन कमीना था वो
मधु हस्ते हुवे - आप चिंता मत कीजिये भाई ने उनकी ऐसी बैंड बजाई है की वो लोग फिर कभी जिंदगी मे किसी लरकी को नही छेरेगे

सिला एक गेहरि सास छोरते हुवे - अच्छा हुवा उस समय अभय बेटा आके तुझे बचा लिया नही तो पता नही वो कमीने कुत्ते किया करते

मधु खुश होते हुवे - अभय भाई ने मुझे गुरिया कहा उन्होंने कहा आज से मे उनकी गुरिया हु

अपनी बेटी को इतना खुश होता देख सिला भी बहोत खुश थी

सिला हस्ते हुवे - ये तो अच्छी बात है तेरा भाई फिर आये तो उसे जरूर केहना मा से भी मिल ले एक बार

सिला की बात सुन खुश होते हुवे - जी मा जरूर कहुंगी

(रात 10 बजे )

खाना पीना करने के बाद सभी कुछ देर बाते कर रहे थे

आसा खरी होते हुवे - तुम सब बाते करो मे जा रही हु सोने
आसा फिर अपने कमरे मे चली जाती है
दिशा भी जाते हुवे - मे भी जा रही हु

आँगन मे अब अदिति अभय ही थे

अदिति अभय को देख- भाई आज आप मेरे साथ सोयेंगे याद है ना
अभय हस्ते हुवे - याद है बाबा तुम चलो मे आता हु

अदिति अपने कमरे मे जाते हुवे खुश होकर - ठीक है भाई जल्दी आना

अदिति के जाने के बाद अभय दिशा के कमरे के दरवाजे पे खरा होके
अभय - भाभी मे अंदर आ सकता हु

अंदर से दिशा - आपको पूछने की जरूरत कब से पर गई आ जाइये
अभय अंदर जाता है तो दिशा बिस्तर पे बैठी हुई ही आगे की तरफ चेहरा कर के सारी नीचे गिरे हुवे थे पतली कमर हाय कयामत लग रही थी दिशा की बॉडी की बनावट साफ दिख रही थी


GIRn-PNl-Wk-AAf-Bx-G
mettre photo sur un site
अभय अंदर आते हुवे दिशा को देख हस्ते हुवे
अभय - बोल कर आना पड़ेगा नही तो किया पता आप मैचिंग मैचिंग पेहन रही हो मे उसी वक़्त आ जाऊ तो

दिशा अभय के पास जाके अभय के कान पकर
दिशा - आप ना देवर जी कुछ जायदा ही नोटि हो रहे हो
अभय दर्द मे - भाभी छोर दो मेरे कान दर्द हो रहा है
दिशा अभय के कान छोर देती है
दिशा - बैठि कर बाते करते हैं देवर जी
दिशा अभय बैठ जाते है

अभय दिशा को देख हस्ते हुवे - भाभी आपने मैचिंग लिया है की नही
दिशा अपना सर पकर अभय को देख
दिशा - देवर जी आप भी ना मैचिंग मे देखना है तो जब आपकी सादी होगी तो अपनी बीवी को देखियेगा
अभय हस्ते हुवे - जो मजा भाभी से मिलता है वो मजा बीवी मे नही मिलता
अभय की बात सुन दिशा हैरान से मुह पे हाथ रख अभय को देखते हुवे
दिशा - हाय देवर जी आप तो मेरे पीछे ही पर गये है लेकिन ( दिशा जिब दिखा के) आप को कुछ नही मिलेगा मेरे प्यारे देवर जी

अभय हस्ते हुवे - कोसिस करता रहुंगा किया बता मिल जाय नही मिला तो मेरी किस्मत
दिशा हस्ते हुवे - अच्छा है कोसिस करते रहिये

तभी अभय दिशा के हाथ पकर् खरा करते हुवे

अभय - भाभी चलो डांस करते है
अभय की बात सुन दिशा शर्मा के
दिशा - लेकिन देवर जी मुझे डांस करना नही आता ना बाबा ना मुझसे नही होगा
अभय दिशा के सामने हाथ जोर प्यारा भोला चेहरा बना के - प्लेस
फिर किया अभय के भोले चेहरे को देख दिशा पिघल जाती है
दिशा - अच्छा बाबा कोसिस करुगी
अभय खुश होते हुवे - ये हुई ना बात

अभय फिर मोबाइल निकाल कर एक भोजपुरी पवन सिंह का लगा देता है जिसे सुन दिशा हैरान के साथ मुस्कुराने भी लगती है


गाना सुरु हो चुका था दिशा सर्माये खरी थी अभय अपना डांस करना सुरु करता है गाने के बोल के साथ ताल से ताल मिला के


videoplayback-Tri
भौजी हमसे बोले बतियावे के परी दिल देवरो संग तोहरा लगावे के परी दिल देवरो संग तोहरा लगावे के परी

दिशा बहोत शर्मा रही थी सब देख रही थी अभय मस्त होके अपना कमर पकर डांस किये जा रहा था


videoplayback-Trim
दिशा भी सर्माते हुवे हिम्मत कर अभय के साथ कमर से कमर मिला के हिला के थुमका लगा के डांस करने लगती है गाना खतम होने के बाद दिशा सर्म से लाल होकर अभय को रोक देती है

दिशा बिस्तर पे जाके लेत कर चेहरा चुका के शर्म से लाल हुई परी थी लेकिन दिशा उसी के साथ बहोत जायदा खुश भी थी

अभय दिशा के पास जाके बैठते हुवे
अभय - किया हुवा भाभी मजा नही आया
दिशा अभय को देख शर्मा के - बहोत मजा आया देवर जी बस ये सब डांस किया नही था ना तो सर्म आ रही थी
अभय हस्ते हुवे - मुझे कोन सा डांस आता है वीडियो मे देखा था वैसा ही डांस कर डाला
दिशा अभय को देख मुस्कुराते हुवे - मानना पड़ेगा आपने डांस करने के लिये गाना अच्छा चुना था मुझे पसंद आया
अभय हस्ते हुवे - तो देवर से दिल लगाने के बारे मे किया ख्याल है

अभय की बात सुन दिशा अपने तुदि पे उंगली रख सोचते हुवे

दिशा - सोचना पड़ेगा इस के बारे मे
अभय भोला चेहरा बना के - किया मे इतना बुरा हु जो आपको सोचना पर रहा है
दिशा हस्ते हुवे - ना जी ना मेरे देवर जी तो बहोत प्यारे है

अभय आगे बढ़ दिशा के गाल पे किस करते हुवे

अभय - आप भी बहोत प्यारी है भाभी गुड नाइट

अभय ये केह कमरे से बाहर निकल आता है लेकिन दिशा अपने गाल मे हाथ रहे शर्मा के बिस्तर पे लेती अभय के बारे मे सोच कर

दिशा - देवर जी के आते ही इस घर मे खुसिया आ गई और देवर जी सब को हसाते रेहते है उनका मस्ती मजाक करना मुझे बहोत अच्छा लगता है ( दिशा विनय को याद कर) आप की बहोत याद आती है


अभय फिर अपनी मा के कमरे के दरवाजे पे खरा होके
अभय - मा मे अंदर आ सकता हु
आसा - अरे मेरे लाल पूछाने की किया जरूरत है जब मन करे आ जाना

अभय अंदर जाता है और सामने देखता है तो देखते ही रेह जाता है
आसा बिस्तर पे लाल नाइटी पेहने अभय को प्यार से देख रही थी
अभय अपनी मा को लाल नाइटी मे देख कर मुस्कुराने लगता है


images-1-1754132356969
आसा लाल नये नाइटी मे कयामत लग रही थी आसा के बरे उजले चुचे थोरा बाहर झाकते हुवे दिखाई दे रहे थे आसा को ऐसे देख सायद कोई मर्द अपने आप को रोक पाता लेकिन अभय के दिल मे अपनी मा के लिये कोई गलत फीलिंग नही थी ना आई थी आगे का पता नही

सुरु से आसा अभय का जो रिस्ता रहा है सब से अलग रहा है मस्ती मजाक ये सब के बिना तो दोनो मा बेटे रेह नही सकते है और नाइटी मे आसा सुरु से ही अभय के सामने आती रही है बस आज आसा पेहले से बहोत अलग लग रही थी

आसा बिस्तर से खरी होकर अभय के पास आखे खरी हो जाती है
आसा अभय को देख थोरा शर्मा के
आसा - बेटा तूने कहा था मुझपे लाल नाइटी बहोत अच्छी लगेगी तो मेने पेहन ली अब बता कैसी लग रही हु


images-2-1754132357369
अभय आसा को देख मुस्कुराते हुवे - मा आप तो है हि खूबसूरत लेकिन इस नाइटी मे आप बहोत ही खूबसूरत h ( अभय फिर रुक जाता है
आसा अभय को देख - तु बार बार खूबसूरत के बाद h पे कियु रुक जाता है आज तुझे बोलना ही पड़ेगा
अभय आसा को देख मुस्कुराते हुवे - आप बहोत खूबसूरत के साथ बहोत हॉट लग रही है कसम से

आसा अभय को देख कंफ्यूज से - ये हॉट किया होता है

अभय जोर जोर से हसने लगता है
आसा -अब तुम हस कियु रहे हो

अभय आसा को बाहों मे भर के - मा आप इस उमर मे भी फिट और बहोत खूबसूरत दिखती है उपर से नीचे तक उसी हो हॉट केहते है


couple-affectionate-back-hug-fvgi5u0zr81z1abk
आसा सर्म से लाल होते हुवे - तु ना मेरे लाल बहोत बिगरता जा रहा है कोई मा को ऐसे शब्द बोलता है किया
अभय - माफ कर देना मा आगे से ध्यान रखुंगा
आसा अभय के गाल पे हाथ फेरते हुवे - मेरा लाल मेरी तारीफ करेगा तो चलेगा तुझे बुरा मानने की कोई जरूरत नही मुझे अच्छा लगता है जब मेरा तुम मेरी तारीफ करते हो तो

अभय आसा के चेहरे को पकर आखो मे देख

अभय - मा आप के होठो पे ये लाल लिपिस्टिक बहोत अच्छी लग रही है


Badi-4
आसा अभय को देख हस्ते हुवे - सीधे सीधे केह ना तुम्हे किस्सी चाहिये मा हु तेरी मुझे सब पता होगा है मेरे लाल को किया चाहिये सुरु से हि तुझे किस देती आई हु अब बरा हो गया है फिर भी किस्सी की आदत नही छोरी तुम ने

अभय आसा को देख भोला चेहरा बना के - मुझे आपकी किस्सी बिना रेह नही पाता आप मुझे किस्सी करते हो तो मेरे दिल को सुकून मिलता है लेकिन आज केहती हो तो मे ये
आसा बीच मे ही अभय को रोकते हुवे
आसा - मेरे लाल मुझे भी तुझे किस्सी देके मेरे दिल को सुकून मिलता है समझ गया


images-12-1754002101496
आसा ये केहते हुवे अभय के चेहरे को पकर अपनी गुलाबी होठ को अभय पे होठ से सता के किस कर देती है

आसा अभय को देख - मेरा लाल मेरे लिये सब कुछ है
अभय आसा को बाहों मे लेके - और मेरे लिये आप सब

अभय थोरि देर अपनी मा से बाते करने के बाद
अभय - ठीक है मा मे जाता हु गुरिया इंतज़ार कर रही होगी
आसा हस्ते हुवे - ठीक है जा नही तो बहोत नाराज हो जायेगी देरी हुई तो
अभय हस्ते हुवे - सही कहा मा आप ने ( अभय आसा के गाल पे किस कर) गुड नाइट मेरी खूबसूरत हॉट मा
आसा हस्ते हुवे - गुड नाइट मेरा बच्चा

अभय फिर कमरे से बाहर निकल अदिति के कमरे मे जाने लगता है

आसा बिस्तर पे लेत अपने मन मे - मेरा लाल के आने से घर मे फिर खुसिया आ गई लेकिन मेरा विनय लाल बेटा होता तो ( आसा इमोसनल हो जाती है) लेकिन मेरा लाल आते ही सब को हसा ले रखता है ताकि हम सब भूल कर आगे बढे अपनी लाइफ खुशी से जिये रहे

आसा ये सोचते हुवे आखे बंद कर देती है

अभय सीधा अदिति के कमरे मे आता है तो देखता है अदिति नाइट गाउन मे बिस्तर पे बैठी हुई अभय का ही इंतज़ार कर रही थी


images-3-1754132358869
अदिति नये नाइट गाउन मे बहोत ही हॉट कयामत लग रही होती है अभय को आते देख अदिति खुश हो जाती है

अदिति जल्दी से खरी होके अभय के गले लग जाती है अभय भी अदिति को अपने बाहों मे भर लेता है


time-punch
अभय - मेने अपनी गुरिया को जायदा इंतज़ार तो नही करवाया
अदिति - नही और मेरा भाई अपनी गुरिया को जयादा इंतज़ार करवा नही सकता मुझे मालूम है
अभय मुस्कुराते हुवे - सही कहा अगर मे कही फसा नही रहा तो कही पर भी रहुंगा मेरी गुरिया के एक बार बुलाने से मे तेरे सामने आ जायुगा
अदिति अभय को देख - मुझे पता है आप मुझे बहोत प्यार करते है
अभय - हा बहोत जायदा प्यार करता हु मे अपनी गुरिया से

अदिति अभय को देख - भाई चलो डांस करते है याद है ना आपने कहा था आप मेरे साथ भी डांस करोगे

अभय हस्ते हुवे- ठीक है बाबा चलो करते है
अभय की बात सुन अदिति बहोत खुश हो जाती है

अभय अदिति के एक हाथ की उंगली मे अपनी उंगली फसा के अदिति का एक हाथ पकर लेता है और अपना दूसरा हाथ अदिति के कमर को पकर लेता है अदिति भी अपने एक हाथ से अभय को पकर लेती है ( अभय चलो डांस करते है)


rajeevkhandelwal-kritika-kamara
अभय खुद गाना गाने लगता है डांस करते हुवे अदिति को देख
जीने की तमना हो तुम मेरी जरूरत हो मेरे ख्याल से तुम बहोत खूबसूरत हो, मेरे ख्याल से तुम बहोत खूबसूरत हो


8c439c3eec490420acb13d350a74205a
mettre une image sur google image
अभय आना आते हुवे डांस कर रहा था अदिति भी लेकिन अदिति अभय को देख थोरा शर्मा भी रही थी लेकिन अंदर ही बहोत बहोत खुश भी थी 2 मिनट बाद डांस खतम होता है


images-5-1753781316049
अभय अदिति दोनो बिस्तर पे लेत जाते है अदिति अभय के सीने पे अपना सर रख लेत जाती है
अभय अदिति के सर को सेहलाते हुवे - गुरिया डांस कर के मजा आया
अदिति अभय को देख - भाई आपके साथ डांस कर इतना मजा आया बता नही सकती
अभय मुस्कुराते हुवे - मेरी गुरिया खुश है तो मे खुश हु
अदिति प्यार से अभय को देख - भाई मेरा दिल फिर करेगा डांस करने को तो आप करोगे ना
अभय अदिति को प्यार से देख - जरूर करुगा


sidnaaz-shehnaaz-kaur-gill
अदिति खुश होते हुवे अभय के माथे पे किस करते हुवे
अदिति - आप मेरे दुनिया से सब से बेस्ट भाई है आई लोव यू


source
अभय अदिति के माथे पे किस करते हुवे - मेरी गुरिया भी सब से बेस्ट है पूरी दुनिया मे और खूबसूरत भी
बाते करते हुवे दोनो अदिति अभय के ऊपर ही सो जाती है अभय भी अदिति को बाहों मे लेके सो जाता है


( सुबह हो जाती है )


सुबह होने के बाद दिशा आसा उठ जाते है लेकिन अभय अदिति आराम से सोने मे लगे हुवे थे

आसा हल्का होने के बाद नहाती है कपड़े पेहन कर रेडी होती है फिर जाती है अदिति के कमरे मे अभय को जगाने आसा जब अंदर जाती है तो देखती है अदिति अभय दोनो एक दूसरे के बाहों मे समाये सो रहे होते है आसा दोनो को देख ऐसे सोता एक मुस्कुरा देती है


images-5-1754132359350
आसा अभय अदिति को देख मन मे - इतने बरे हो गये है लेकिन दोनो एक दूसरे से दूर रेहना नही चाहते है देखो कैसे एक दूसरे को बाहों मे पकरे सो रहे है उपर वाला मेरे दोनो बच्चो पे कृपा बनाये रहे


आसा अभय के पास जाके अभय के कान मे धीरे से उठ जा मेरे लाल
आसा की मोठी प्यारी आवाज सुन अभय अपनी आखे खोल आसा को देखते हुवे - मेरी प्यारी खूबसूरत हॉट मा गुड मोर्निंग


kiss
आसा अभय के होठो पे किस करते हुवे प्यार से अभय को देख
आसा- गुड मोर्निंग मेरे हैंडसम मेरे प्यारे दुलारे लाल चलो उठ जाओ और ( आसा अदिति को देख ) अपनी गुरिया को भी जगा दो

आसा फिर अपने काम करने लग जाती है अभय भी अदिति को देख प्यार से मन मे - कितनी खूबसूरत प्यार लग रही है सोते हुवे


source
अभय अदिति के माथे पे किस करते हुवे - मेरी प्यारी गुरिया उठ जा सुबह हो चुकी है


1e39c5c628e881e83b824c9617eb0880
अभय की आवाज सुन अदिति अपनी आखे खोल अभय को देख
अदिति अभय के गाल पे किस करते हुवे - गुड मोर्निंग मेरे भाई

अभय दोनो भाई कमरे से बाहर आते है तो अदिति चुला जला रही थी खाना बनाने के लिये दिशा की नजर अभय अदिति पे जाती है

दिशा अभय अदिति को देख मुस्कुराते हुवे - देखो तो भाई की लाडली और मा का लाडला दोनो आखिर कर उठ ही गये

अदिति दिशा को देख मुस्कुराते हुवे - अरे देखो तो भाई के प्यारी भाभी जी तो हम सब से पेहले उठ गई है
दिशा अदिति को देख हस्ते हुवे - ननद रानी घर की बहू हु मेरी कुछ जिमेदारी है तो उसे निभाना ही पड़ेगा


kunal-jaisingh-omkara-singh-oberoi
अभय दिशा के पास जाके दिशा के गाल पे किस करते हुवे
अभय - गुड मोर्निंग मेरी प्यारी भाभी
दिशा अभय के गाल पे किस करते हुवे - गुड मोर्निंग मेरे प्यारे देवर जी


सब को गुड मोर्निंग बोलने के बाद अभय हल्का होकर आता है और अपने घर वाली सरक पे दोर् लगाना सुरु कर देता है अभय दोर् लगाते हुवे विजय के घर की तरफ ही निकल परता है 5 मिनट मे अभय विजय के घर पहुँच जाता है अभय अंदर आँगन मे जाता है तो कोमल खाना बनाने की तैयारी कर रही थी

अभय कोमल को देख - किया बनाने वाली हो कोमल आज
अभय की आवाज सुन हैरानी से कोमल पीछे मूर कर देखती है तो अभय को देख मुस्कुरा देती है
कोमल - तुम किया खाओगे बोलो वही बना दुगी
अभय हस्ते हुवे - जो तुम अपने हाथो से बना के खिला दो
कोमल हस्ते हुवे - अच्छा तो ठीक है जरूर खिलाऊँगी अपने हाथो का बना खाना

तभी कमरे से मिनीता बाहर आती है अभय की नजर मिनीता पे जाती है मिनीता नहाने के बाद रेडी होकर निकली थी सारी मे एकदम कयामत मत लग रही थी


Gw-RV5yv-Wo-AE5-NY3
बरे चुचे जो ब्लाउस मे कैद थे उसके उभार साफ दिखाई दे रहे थे और भरा हुवा बदन कमर और गेहरि ढोरी हाय किया सीन था लेकिन किस्मत से सामने अभय था जिसके दिमाग मे गंदे विचार आते ही नही पता नही अब तक आयेगे और आयेगे तब किया होगा


मिनीता की नजर अभय पे जाती है तो अभय को देख खुश होते हुवे
मिनीता अभय के पास आके - अरे अभय बेटा किया बात है सुबह सुबह मेरे घर तुम्हे देख बहोत खुशी हुई ऐसे ही रोज आते रेहना

अभय मिनीता देख मुस्कुराते हुवे - जरूर आते रहुंगा इसमें मेरा ही फायेदा है
मिनीता कंफ्यूज होके अभय को देख - तुम्हारा कैसा फायदा
अभय हस्ते हुवे - यही की आप का खूबसूरत प्यारा चेहरा रोज देखने के लिये मिलेगा दूसरी आप की किस्सी भी मिलेगी मीठी मीठी

अभय की बात सुन मिनीता जोर जोर से हसने लगती है

मिनीता हस्ते हुवे - अच्छा तो ये बात है अब समझी लेकिन किया तुम्हे मे सच मे खूबसूरत दिखती हु
अभय मिनीता को देख - अरे ये भी केहने की बात है हा आप बहोत खूबसूरत है

मिनीता अब थोरा शर्मा जाती है और अपनी तारीफ सुन अच्छा भी लगता है


images-1753654743808
मिनीता अभय के गाल पे किस करते हुवे - ये लो मेरी तरफ से मीठी किस्सी रोज आओगे तो रोज मिलेगी

अभय - जरूर ऑन्टी अब तो हमारा एक रिस्ता बन चुका है तो आता रहुंगा विजय तो मेरा छोटा भाई है

मिनीता अभय को गले लगाके इमोसनल होते हुवे
मिनीता - और तूने अपने बरे भाई होने का फर्ज़ अच्छे से निभाया है थैंक्स बेटा

अभय - अरे थैंक्स मत बोलिये आप को पता है ना
मिनीता अभय से अलग होके हस्ते हुवे - पता है बाबा अच्छे से पता है
अभय मुस्कुराते हुवे - विजय कहा है दिख नही रहा
मिनीता हस्ते हुवे - बुवा के साथ आराम से सोया हुवा है
अभय मुस्कुराते हुवे - लगता है बुआ दोनो मे बहोत प्यार है
मिनीता - बहोत प्यार है विजय बुआ को मा मानता है
अभय - समझ गया
कोमल अभय को देख - ओये अभय के बच्चे मेरी मा खूबसूरत लगी तो किया मे खूबसूरत नही हु हा बोल

अभय कोमल को देख मुस्कुराते हुवे - जब मा इतनी खूबसूरत है तो बेटी तो खूबसूरत होगी ही

अभय की बात सुन मिनीता के गालो पे फिर से सर्म की लाली आ जाती है

अभय कोमल मिनीता से - ठीक है मे जाता हु नहाना भी है

मिनीता कोमल - ठीक है आते रेहना
अभय - हा आते रहुंगा

अभय फिर अपने घर दोरते हुवे पहुँच जाता है और नहाने चला जाता है नहाने के बाद रेडी होकर आँगन मे आके बैठ जाता है और अदिति दिशा से बाते करने लगता है

( सुबह 10 बजे )

खाना खाने के बाद अभय एक बरा बैग लेता है जिसमे अभय ने अपनी दूसरी गुरिया यानी मधु के लिये कपड़े लिये थे अब जाने वाला था देने के लिये

अदिति अभय को देख - भाई मधु से हमे भी मिलवाना
अभय अदिति को देख - ठीक है गुरिया उसे लेकर आऊगा तब मिल लेना
अभय ने अपनी मा दिशा अदिति को सब बता दिया था मधु के बारे मे


अभय सभी को बोल निकल परता है बाइक से मधु के घर अभय मधु के घर आके बाइक रोक अंदर जाता आगन मे जाता है तो सामने का सीन देख अभय की आखे बरी हो जाती है दिल की धारकंन तेज हो जाती है अभय के अंदर एक तूफान उठ जाता है अभय के अंदर एक अजब लेहर दोरने लगती है अभय आज कुछ ऐसा देख रहा था जो उसने पेहले कभी नही देखा था

सामने मधु कपड़े बदल रही थी लेकिन पूरी नंगी थी ये और बरे टाइट खरे चुचे पतली कमर और चुत पे छोटे छोटे बाल मधु का हर अंग बॉडी की बनावट कयामत थी सिन भी बहोत कमाल का था अभय आखे फ़ारे मधु के नंगे बदन को देखे जा रहा था


Fx-W5a-VYak-AE9i6u
ये अभय के लिये पेहली बार था जो अभय किसी को नँगा देख रहा था अभय के मन मे कभी गंदे विचार नही आये किसी को देख लेकिन सामने का सीन अलग था जो किसी के होस उदा दे अभय के भी होस उर गये थे अभय का 10 इंच लम्बा मोटा लंड आज पेहली बार किसी को देख अपने फुल ओकात मे आ चुका था आज पेहली बार अभय को एहसास हुवा वो एक जवान लरका है उसके सरीर को भी कुछ चाहिये अभय के अंदर हलचल हो रही थी जो अभय को बचैन् किये जा रही थी

तभी मधु की नजर अभय पे जाती है तो मधु चिलाते हुवे सर्म से लाल होते हुवे अभय को देख - भईया
फिर किया मधु भागते हुवे कमरे मे चली जाती है

मधु के चिलाने से अभय होस मे आता है

आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏🙏
बहुत ही शानदार लाजवाब और जबरदस्त मदमस्त अपडेट है भाई मजा आ गया
 
  • Like
Reactions: ckkhandu

Napster

Well-Known Member
6,719
17,648
188
chapter 12


जीत जीतू अपने अपने घर अपने परिवार के साथ मस्त समय बिताने मे लगे हुवे थे और जीत जीतू के बीच फोन पे बात भी होती रहती थी जैसे कभी बाते करने मे लगे हुवे है

जीत - यार जीतू बॉस से बाते करने का दिल कर रहा है लेकिन बॉस ने साफ मना कर दिया है की उन्हें कोई परेसान ना करे

जीतू - अबे पागल बॉस ने किया कहा है सुना नही था किया आगे बॉस का कितना बरा प्लान है और वैसे भी हम 4 साल कैद मे रहे है तो बॉस चाहते है पेहले अब अच्छे से अपने परिवार के साथ वक़्त बिताये और बॉस भी अपने परिवार के साथ वक़्त बिताना चाहते है तुम्हे तो पता है ना आगे हमे बहोत काम करना है

जीत - हा पता है और इस प्लान के बारे मे बॉस ने dp devil के कैद से भागने से पेहले ही बता दिया था और बॉस ने तभी आगे किया करना है सोच लिया सच मे उनके दिमाग का कोई जवाब नही

जीतू - अबे गढ़े तभी तो वो हमारे बॉस है उनके सामने तो dp devil के कैद मे रहे सभी कापते थे उसका जलवा ही अलग है वैसे बॉस ने हमे तैयार रेहने के लिये कहा है जल्दी ही हमे काम पे लगना होगा

जीत - यार मे तो कब से रेडी हु मुझसे रहा ही नही जा रहा मे तो बॉस के साथ काम करने के लिये बेकरार हु जल्द ही पूरी दुनिया के सामने एक पावर फुल मसीहा आने वाला है

जीतू - सही कहा कभी सोचा नही था इस पावर पैसे का हम इस तरह से इस्तमाल करने वाले है मेने सोच रहा था साला 4 साल गार फार ट्रेनिंग करने के बाद कैद से भागने के बाद उस ताकत का इस्तमाल कहा करुगा लेकिन बॉस ने तो उसकी समस्या भी दूर कर दी

जीत - सही कहा अब बस उस समय का इंतज़ार है
जीतू - यार उपर से मा बेहन सब बॉस से मिलने के लिये बेकरार है मुझे बार बार केहते रेहते है मुझे उस लरके से मिलना है उसने मेरे बेटे को बचाया है
जीत - यार यहा भी वही हाल है जब से मेने मा सभी को बताया है सब रोज केहते है अपने दोस्त को बुलाओ मिल कर सुक्रिया केहना है

जीतू - सही कहा लेकिन मुझे लगता है कुछ दिन तक तो ना हम बॉस से बात कर पायेंगे ना वो खुद आने वाले है बस इंतज़ार हि करना पड़ेगा

दोनो के बीच ऐसे ही बाते होती रेहती है


( अभय के घर )


दिशा अदिति आगन मे खाट पे बैठे बाते कर रहे होते है

दिशा अदिति को देख हस्ते हुवे - ननद जी देवर जी ने तो अपने लिये एक और गुरिया ढूढ़ ली अब तो आपको उतना प्यार नही मिलेगा जितना पेहले मिलता था

दिशा की बात सुन अदिति दिशा को देख मुस्कुराते हुवे

अदिति - भाभी मेरे भाई के लिये मे आप मा या कोई और कियु ना हो अगर भाई किसी से रिस्ता बनाते है तो उसके हमारे बीच बेडभाव नही करते भाई सब को एक तरह ही देखते है प्यार भी करते है मुझे यकीन है जितना प्यार भाई मुझे करते है उतना हि प्यार मधु से भी करेगे लेकिन ये जान मुझे जलन या गुस्सा नही बलकी अपने भाई पे और प्यार आता है और मेरे दिल मे भाई के लिये इज़त और बढ़ गई है मेरा भाई मेरी जान है और मे भी उनकी जान हु ( अदिति दिशा को देख मुस्कुरा देती है )


दिशा भी अदिति को देख मुस्कुराते हुवे - जैसा मुझे देवर जी के गुरिया से उमीद थी मुझे पता था आपके जवाब किया होगे कियुंकी मेने देखा आपने खुद मधु के लिये कपड़े खरीदे है अपने पसंद से

अदिति दिशा को देख मुस्कुराते हुवे - खरीदना तो परेगा ही ना मधु मेरी छोटी बेहन जो बन गई है और मे उसकी बरी बेहन

दिशा मुस्कुराते हुवे - हा समझ गई छोटी बेहन पाके बहोत खुश होगी आप फीलिंग मस्त आ रही होगी ना बरी बेहन होने का

अदिति मुस्कुराते हुवे - ये भी पूछने की बात है

तभी आसा आते हुवे - किया बात हो रही है भाभी ननद मे

दिशा आसा को देख - देवर जी के दूसरे गुरिया के बारे मे बात हो रही हो मम्मी जी

आसा खाट के एक साइड बैठते हुवे - अच्छा मधु कि बात कर रही हो
अदिति आसा को देख - हा मा मधु कि हि बात हो रही है वो बस मुझसे कुछ महीने छोटी है लेकिन छोटी तो छोटी होती है ना मे उससे बरी हुई ना मा

दिशा अदिति की बात सुन हसने लगती है तो वही आसा मुस्कुरा देती है

आसा अदिति के गाल पे हाथ फेरते हुवे - बेटा अभय के लिये तुम सब से खास हो और रहोगी चाहे कोई कियु ना आ जाये रही मधु कि बात ( आसा मुस्कुराते हुवे) हा तुम उसकी बरी बेहन हो

अपनी मा की बात सुन आसा खुश होते हुवे - आप ने सही कहा मा

दिशा आसा को देख - मम्मी जी सोच रही हु साम को देवर जी के साथ जाके मा से मिल आउ

आसा दिशा को देख - अरे ये तो अच्छी बात है वैसे भी अभय ने उनके लिये खरीदारी की है कपड़े सब जाके देना भी तो है ठीक है साम को अभय को लेकर चली जाना

दिशा खुश होते हुवे - जी मम्मी जी

अदिति - मुझे भी जाना है
आसा अदिति को देख - नही तुम नही जाओगी बहु अभय जायेंगे कई बार जाके तो आई हो

अदिति - ठीक है आप केहते हो तू मान जाती हु आपको अकेला छोर कर जा भी तो नही सकती

आसा अदिति के गाल पे किस करते हुवे - मेरा प्यारा बच्चा
अदिति आसा को देख - बस भी कीजिये जब आप खुश होती है तभी आप मुझ प्यार से चुम्मी देती है लेकिन भाई को तो बिन मांगे किस्सी देती रेहती है

आसा हस्ते हुवे - कियुंकी मेरे लाल को किस्सी के बिना रहा नही जाता है अगर किस्सी नही मिली तो बेचैन हो जाता है

अदिति हस्ते हुवे - हा पता है आदत भी तो आप ने हि लगाई है

आसा दिशा दोनो जोर जोर से हसने लगते है दोनो को हस्ता देख अदिति भी हसने लगती है

( विजय के घर )

विजय काजल दोनो बैठ कमरे मे बैठ खाना खा रहे थे मिनीता कोमल दोनो वही बैठे हुवे थे

मिनीता विजय काजल को देख - अभय बेटा सुबह सुबह जोगिंग करते हुवे आया था लेकिन तुम दोनो दो आराम से सोने मे लगे हुवे थे

मा की बात सुनते ही विजय हैरानी से - किया अभय भाई यहा आये थे कियु किया कोई काम था किया उन्होंने आप को कुछ कहा

मिनीता विजय को देख - सांत होजा अभय बेटा बस हम सब से मिलने के लिये आया था

मा की बात सुन विजय सांत होते हुवे मन मे - अच्छा मुझे लगा किसी काम मिसन के सिलसिले मे बात करने आये ते जल्दी ही सभी को एक जगह बुलाया जायेगा कियुंकी बॉस बहोत बरा करने वाले है

काजल मिनीता को देख हस्ते हुवे - अभय के बारे मे तुमने मुझे जितना बताया है जरूर अभय किस लेकर ही गया होगा

कोमल - हस्ते हुवे ये भी केहने की बात है लेकर ही गया है और किस के लिये रोज सुबह आते रहेगा

मिनीता - हस्ते हुवे सही कहा किस लेकिन गया है
काजल हस्ते हुवे - अभय का अपना ही एक आदत है हर लरके कि कोई अगल आदते देखी है लेकिन अभय कि किस्सी लेने वाली आदत देखी

मिनीता हस्ते हुवे सही कहा - ( मिनीता अपने आगे की झुल्फे अपने कान के पीछे करते हुवे ) अभय बेटे ने मेरी तारीफ भी कि उसने कहा मे बहोत खूबसूरत दिखती हु

कोमल विजय अजीब नजरो से अपनी मा को देखते है

काजल मिनीता को देख मुह टेरा करते हुवे - भाभी आप खूबसूरत है लेकिन मुझसे नही समझ गई आप

मिनीता काजल को देख - ननद जी लगता है आप दिन मे सपना देखने लगी है मे खूबसूरत हु अभय बेटे ने मुझसे कहा भी है

काजल - तो किया हो गया अभय बेटा मेरी भी तारीफ करेगा देखना कहेगा बुआ आप ऑन्टी से बहोत खूबसूरत है

मिनीता - सपना देखना अच्छी बात है देखते रहिये
काजल - देख लेना आप खुद

कोमल अपनी मा बुवा को देख मन मे - देखो तो इस उमर मे उनको जवानी खूबसूरती की परी है

विजय अपनी मा बुआ को देख हस्ते हुवे मन मे - बॉस मे देखना चाहुंगा मा बुआ के सामने आप किसको जायदा खूबसूरत केहते है


( मधु के घर )


मधु सर्म से लाल पानी पानी होते हुवे कमरे मे तेजी से भाग जाती है और पूरी नंगी आईने के सामने खरी होते हुवे खुद को देख मन मे


Gu-MIy-T1b-UAAX58x
मधु - ये किया हो गया भाई ने मुझे पुरा नँगा देख लिया ऐसा लग रहा है मे सर्म से मर ना जाऊ मे अब कैसे भाई के सामने जाउंगी कैसे उनको फेस कर पाउंगी है उपर वाले ये किया हो गया गारी की आवाज तो सुनी थी मेने लेकिन मुझे लगा कोई और होगा अब किया करू लेकिन जाना तो परेगा ही

मधु सर्म से लाल होते हुई परी थी मधु तैयार होते हुवे मन मे यही सोचे जा रही थी कैसे वो अभय के सामने जायेगी

वही अभय होस मे आ चुका था लेकिन उसका लंड फुल ओकात मे था अभय अपने लंड को देख ये किया हो रहा है पेहली बार किसी को नँगा देखा है तब से मेरा लंड इतना टाइट हो गया है जैसे लंड कि नशे फट जायेगी मेरे अंदर अजीब सी चाहता फीलिंग निकल कर आ रही है जो मुझे बहोत बेचैन कर रही है किया करू ये मेरे साथ पेहली बार हो रहा है

अभय ने 15 से 19 का वक़्त समय कैद मे बिताया और ये वो वक़्त समय होता है जब लरके स्कूल मे दोस्तो के साथ लरकी को लेकर बाते करते है सेक्स को लेकर बाते करते है लरकी को देख कर मजे लेते है लरकी पे कमेंट करते है हा ये अलग बात है अभय बाकी बिग्रैल लौंडिया बाज लरका नही बनता लेकिन सेक्स की चाहत सेक्स को लेकर सोच ज्ञान तो जरूर मिलती जो कि अभय को कैद मे रहने से नही मिला लेकिन आज अभय के को एहसास हुवा वो अब एक जवान मर्द है

अभय ने 4 साल ट्रेनिंग की थी तो अभय हर तरफ से पुरा फिट था अभय खुद मे मन को सांत करता है तो अभय का लंड बैठ जाता है लेकिन जो सीन अभय ने देखा था और अभय के अंदर से मधु को देख जो फीलिंग निकली थी उसे अभय दबा नही पाया ना अभय वो सीन दिमाग से निकाल पा रहा था


मधु रेडी हो चुकी की लेकिन अभय के पास जाने की हिम्मत जुटा नही पा रही थी कई बार कोसिस करने के बाद आखिर कार हिम्मत कर के मधु कमरे से निकल अभय के सामने आके खरी हो जाती है

मधु को बहोत सर्म आ रही थी नजरे नीचे किये हुवे अपने नाखून को खुरेडे जा रही थी मधु ने सूट सलवार पेहना था मधु मे जो सूट सलवार पेहना था वही बस एक उसके पास अच्छे कपड़े थे मधु एक नजर अभय को देख सर्म से फिर नजरे नीचे कर लेती है मधु सूट सलवार मे बहोत ही प्यारी खूबसूरत लग रही थी


Gx-Z-Cj-PWAAAPC4c
अभय मधु को देखता है तो फिर देखता ही रेह जाता है अभय के ना चाहते हुवे भी मधु को देख अभय के दिमाग मे मधु का नँगा बदन सामने का जाता है अभय जल्दी से दिमाग को झटक मधु को गोर से देखता है तो समझ जाता है मधु बहोत शर्मा रही है

अभय मोहोल को बदलने की सोचता है

अभय मधु को देख मुस्कुराते के - गुरिया देखो तेरा भाई तेरे लिये किया लेके आया है

अभय की बात सुन मधु भी सब भूल कर अभय को देख खुशी से अभय के पास जाके

मधु खुश होते हुवे - भाई किया लाये हो मेरे लिये बताइये ना जल्दी
अभय मधु के सर को सेहलाते हुवे - सांत हो जाओ गुरिया कोई तेरे समान लेकर भाग नही जायेगा

अभय बैग को आगे करते हुवे - खुद देख लो
मधु जल्दी से बैग लेके उसे नीचे रख खोलने लगती हो मधु बहोत खुश थी आज उसके लिये कोई कुछ लाया था वो भी उसका भाई अभय भी मधु को खुश देख अभय भी बहोत खुश होता है


मधु बैग खोल कर अंदर हाथ दाल कर जब कुछ निकलती है तो उसे देख मधु का मुह बन जाता है

मधु मुह फुलाते हुवे अभय को देख - भाई ये किया है क्या मे ये सारी पेहनुगी
अभय हस्ते हुवे - अरे गुरिया ये सारी ऑन्टी के लिये है अंदर एक और होली उसके नीचे सब तेरे लिये ही है देखो तो

अभय की बात सुन मधु फिर खुश हो जाती है और अंदर हाथ दाल एक एक कर सब कपड़े निकाल कर देखती तो मधु खुशी से पागल होने लगती है

मधु के लिये सूट सलवार जीन्स लेगिंस नाइट सूट लहगा चोली बोले तो सब था 2 दो पीस और एक बरा मेकप् का बॉक्स उसी के साथ नाक कान मे के भी थे

मधु जल्दी से और अंदर किया है देखती है तो सर्म से लाल हो जाती है अंदर ब्रा पैंटी थी तो मधु उसे अंदर ही रेहने देती है अभय भी मधु को देख समझ जाता है

अभय मधु को देख - गुरिया ये सब मेरी गुरिया यानी तेरी बरी बेहन भाभी ने मिल कर तुम्हारे लिये पसंद कर लिया है और ये लो तेरा अपना फोन

मधु नया फोन देख कर और खुश हो जाती है और जल्दी से अभय के हाथ से फोन लेकर देखने लगती है
मधु को चलाते हुवे - भाई आपको पता नही है जब मे अपने कई लरकियो को फोन चलाते देखती थी तो मेरा भी मन करता था फोन चलने का लेकिन आज मुझे नया फोन मिल हि गया जो मेरे प्यारे भाई ने दिया है

मधु जल्दी से जाके अभय के गले लग जाती है मधु के आखो मे खुशी के आसु थे अभय भी मधु को बाहों मे भर लेता है


time-punch-1
मधु इमोसनल होते हुवे - भाई कल ही हम मिले आपने मुझे बेहन माना आज आप मेरे लिये इतना सब कर रहे है यकीन नही हो रहा मुझे आप जैसा भाई मिला आपक सुक्रिया भाई

अभय मधु को देख मधु के आसु साफ करते हुवे - तु मेरी गुरिया है तो मे अपनी गुरिया के लिये सब करुगा जो मे कर सकता हु और हा भाई को सुक्रिया नही केहते

मधु अभय के बाहों मे समाये - समझ गई भाई आगे से नही कहुंगी

अभय मधु को अलग कर मधु को देख - गुरिया इसमें मेरा अदिति भाभी मा का नंबर सेब कर दिया है अब तुम जब चाहो मुझसे बात कर सकती हो और कभी भी कोई मुसीबत मे हो या कुछ चाहिये हो बे झिझक मुझे फोन करना

मधु का दिल खुशी से नाचने का कर रहा था


8a1610ea02db047db6f12d08856b7527
मधु अभय के गालो पे किस करते हुवे - मे कियु कोई झिझक करुगी अपने भाई से कुछ मांगने मे मे तो दिल खोलकर जो चाहिये मांगूगी

अभय हस्ते हुवे - ये हुई ना बात हा एक और बात जल्दी हु तुम्हे अदिति को मे इस्कुटि खरीद दुगा साथ मे स्कूल जाना और तेरा जब दिल करे अपने भाई के घर आ जाना ठीक है

इतना सब कुछ एक बार पाके अपने भाई से प्यार पाके मधु के आखो मे फिर आसु आ जाते है मधु फिर जाके अभय के बाहों मे समा जाती है अभय भी प्यार से मधु का सर सेहलानें लगता है कुछ देर बाद अभय मधु से

अभय - गुरिया चलो मे तुझे घुमा कर लाता हु
मधु अब अपने आप को रोक नही पाती और खुशी से नाचने हुवे ये भाई मुझे घुमाने ले जायेंगे

अभय हस्ते हुवे - बस करो और जाके समान रख जल्दी आओ

मधु - अभी आई

मधु सब समान रख आ जाती है फिर अभय बाइक चालू करता है मधु दोनो तरफ पैर रख अभय से चिपक कर बैठ जाती है अभय को मधु के बरे गोल मुलायम चुचे अपने पीछे मेहसूस होता है


images-13-1754002101664
मधु के चुचे फिल कर अभय के अंदर फिर हलचल मच जाती है पेहले भी कल मधु के चुचे फिल किये थे लेकिन मधु को नँगा देखने के बाद ये फीलिंग अलग थी कल से अभय दिमाग को झटक देता है

अभय - गुरिया चले
मधु तो अभय को पकरे खुशी से फुले नही समा रही थी बेचारी गरीबी मे मा बाप के साथ रहती आई है बाहर जाने का घूमने का मोक्का भी नही मिलता था ना कोई भाई था उसके साथ हस्ती मस्ती करती बाहर घूमने जाती लेकिन अब ऐसा नही था

मधु खुशी से - जि भाई चलिये

अभय ये सुनते ही बाइक तेजी से भगा देता है मधु अभय को पकरे नजारे का का अपने भाई के साथ घूमने का मजा लेने लगती है

अभय के मिलने के बाद मधु जितनी खुश है पेहले कभी नही हुई आज मधु खिलखिला कर हस रही थी खुल कर जी रही थी


अभय मधु को बाजार ले जाता है कुछ खिलता पिलाता है भूमाता है फिर 40 मिनट बाद अभय मधु के घर की गरफ निकल परता है

रास्ते मे एक पेर था पास पास कोई नही था अभय पेर के नीचे बाइक रोक देता है मधु भी बाइक से नीचे उतर जाती है

मधु अभय को देख - भाई आपने बाइक कियु रोकी यहा पे
अभय मधु को देख - अपनी आखे बंद करो

अभय के केहते ही बिना कुछ सोचे बिना देरी किये मधु अपनी आखे बंद कर देती है जिसे देख अभय भी हैरान हो जाता है लेकिन फिर मुस्कुरा देता है

अभय बाजार मे मधु को बाइक के पास खरा कर जल्दी से जाके मधु के लिये एक लॉकेट ले लिया था वही निकाल कर मधु के गले में पेहना देता है


dbd2806-PD0980-1
अभय - अब आखे खोल सकती हो
मधु आखे खोल गले के लॉकेट को देख फिर इमोसनल हो जाती है
अभय - कैसा लगा गुरिया भाई का गिफ्ट
मधु तेजी से जाके अभय के गले लग रोते हुवे - भाई इतना प्यार मत दो जिसे मे सेह ना पाउ अब तो डर लगने लगा है कही एक दिन आप मुझे छोर दोगे तो मे कैसे जीयुगी

अभय मधु के आखो से आसु साफ कर मधु को देख - पागल मे जब तक जिंदा रहुंगा तुझे छोर कर कही नही जाउंगा तेरी कसम

मधु अभय को देख सिसकते हुवे - सच्ची
अभय मुस्कुराते हुवे - सच्ची अब ये बताओ मेरा गिफ्ट कैसा लगा
मधु लॉकेट को देख - जैसा मेरा भाई प्यारा है उसका गिफ्ट भी मुझे बहोत प्यारा लगा

अभय मुस्कुरा देता है

अभय मधु को देख - गुरिया ये बताओ मेने तुम्हे आख बंद करने को कहा तुमने बिना सोचे समझे आखे बंद कर ली किया तुम मुझपे इतना भरोसा करती हो जबकि हम कल ही मिले है
अभय की बात सुन मधु अभय को देख
मधु - हा करती हु कियुंकी आपकी आखो मे साफ दिखता है आप कितने अच्छे है दूसरा मेरा दिल आपके पास रेह कर अच्छा फिल करता है उसे खुशी मिलती हैं मेरा दिल मुझसे कहा आप बुरे नही है

अभय मधु की बात सुन मुस्कुरा देता है

अभय नजरे नीचे कर - लेकिन आज जो हुवा उसके लिये मुझे माफ कर देना मुझे पता नही था तुम

मधु अभय के पास जाके अभय के चेहरे को उपर करते हुवे

मधु - भाई उसमे आप की कोई गलती नही थी आप माफी मत मांगिये
अभय मधु को बाहों मे लेके - थैंक्स गुरिया
मधु - बेहन को थैंक्स नही केहते
अभय हस्ते हुवे - समझ गया

अभय मधु को छोर मधु को देख हस्ते हुवे - लेकिन अगली बार ध्यान देना ऐसा ना हो फिर मे अचनाक् आ जाऊ

तभी मधु अभय के मुह बंद कर शर्मा के - भाई आगे कुछ मत बोलना

फिर मधु अभय के मुह से हाथ हटा देती है

अभय हस्ते हुवे - ठीक है नही बोलुगा चलो घर चलते है


अभय सीधा घर आता है मधु अभय अंदर जाते है तो सिला आ चुकी थी सिला की नजर अभय मधु पे जाती है

सिला अभय को देख फिर मधु को देख मुस्कुराते हुवे

सिला - अच्छा तो ये हैंडसम है तेरा भाई जिसके बारे इतना गुन गान कर रही थी

अभय सिला के पास जाके पैर हुवे हुवे - हा मे ही हु गुरिया का भाई
सिला अभय को आशीर्वाद लेते हुवे हस के - अच्छा तो प्यार से गुरिया बोलते हो मधु को

मधु सिला के गले लग के अभय को देख - भाई कि गुरिया हु तो गुरिया हि कहेगे ना
सिला मधु को प्यार करते हुवे हस के - समझ गई बाबा ये बताओ कहा से आ रहे हो

मधु सिला को देख खुश होते हुवे - मा भाई मुझे बाजार घुमाने ले गये थे मुझे खूब खिलाया और ( लॉकेट को देखाते हुवे) भाई ने मुझे ये लॉकेट गिफ्ट भी दिया है

सिला - अरे वाह बहोत सुंदर है तुम्हारे भाई का गिफ्ट ( सिला अभय को देख) कभी मुझे भी भुमाने के चलो बेटा
अभय मुस्कुराते हुवे - जरूर लेके जाउंगा ये भी केहने की बात है

मधु जल्दी से अंदर जाके बैग लेकर आती है और सिला को सारी दिखाते हुवे - मा ये भाई ले सारी आप के लिये ली है - मधु अपने सारे कपड़े सब दिखाते हुवे) और ये सब मेरा है भाई ने मुझे दी है

सिला हैरान होकर अभय को देख - बेटा इसकी किया जरूर थी देख कर मेहगा लग रहा है बेकार मे खर्चा कियु किया

अभय सिला के गले लग कर - गुरिया मेरी बेहन है और आप भी मेरी मा जैसी हुई उसका मतलब आप सब मेरे अपने है तो मेरा ये फर्ज़ है

सिला अभय के गाल पे किस करते हुवे इमोसनल होके

सिला - सुक्रिया बेटा जब से तुम मधु से मिले तो मधु को मेने बहोत खुश देखा है जितना पेहले नही देखा ( सिला मधु को देख) देखो कितनी खुश है

अभय - कियु नही रहेगी मे खुश रखुंगा अपनी गुरिया को
मधु अभय के गले लग के - मेरा प्यारा भाई

सिला अभय मधु को देख मन मे - जब मधु ने बताया मुझे मेरा भाई मिल गया है तो मे हैरान थी टेंसन मे भी थी कोन है कैसा लरका होगा कही मेरी बेटी का फायेदा तो नही उठा रहा लेकिन उसकी आखो मे देख इसको सामने से देख साफ फिल हो रहा है मुझे ये लरका जिसे भी प्यार करेगा दिल खोल कर करेगा और कोई अगर इसके अपनो को चोट पहुचाने की कोसिस की तो उपर वाला बचाये उसे

अभय मधु को छोर - अच्छा गुरिया मुझे अब जाना होगा घर पे मेरा सब इंतज़ार कर रहे होगे

सिला - अरे बेटा थोरा रुक जाते तो
अभय - नही ऑन्टी मुझे साम को भाभी को लेकर उनके मायके भी जाना है कल मे आऊगा तो देर तक रुकुगा
सिला - अच्छा ये बात है तो ठीक है कल रुकना पड़ेगा
अभय मुस्कुराते हुवे - ठीक है

अभय बाहर आके बाइक पे बैठ जाता है मधु भी खरी थी सामने

मधु अभय को देख - भाई अच्छे से जाना
अभय मुस्कुराते हुवे - ठीक है कल फिर बिना बोले अंदर आ जाउंगा
मधु सर्म से लाल होते हुवे अभय के सीने पे प्यार से मारते हुवे
मधु - आप बहोत बुरे है आप जान भुज कर मुझे परेसान कर रहे है
अभय मधु के माथे पे प्यार से किस करते हुवे मधु को देख
अभय - आई लोव यू गुरिया


source
मधु अभय के गाल पे किस करते हुवे - आई लोव यू भाई
अभय - ठीक है जाता हु

अभय भी अपने घर निकल परता है
मधु अभय को जाते देख - भाई पता नही कब तक मुझे कितना ताना मरेगे ( मधु अपना चेहरा छुपा के शर्म से लाल होते हुवे) सुबह जो हुवा नही होना था

मधु फिर अंदर चली जाती है

अभय घर आ जाता है 12 बज गये थे दर जाते ही अदिति अभय के ऊपर खुद परती है अभय अदिति को पकर् लेता है


grace-adler-eric-mccormack
अभय अदिति को देख हस्ते हुवे - ऐसे अचानक मेरे उपर आके कुद जाती हो किसी दिन तुझे नही पकर पाया तो हड्डी टूट जायेगी तेरी गुरिया
अदिति अभय को देख - ऐसा कभी नही होगा
अभय -हस्ते हुवे- कियु नही होगा
अदिति अभय के गाल पे किस करते हुवे - कियुंकी मुझे आप पर खुद से जायदा भरोसा है की जब तक मेरा भाई मेरे साथ है कभी मुझे चोट पहुचा नही सकता ना आप मुझे चोट लगने देगे

आसा कमरे से बाहर आते हुवे अदिति को देख
आसा -ये बात तो तूने सही कही लेकिन बंदर कि तरह कियु लटकी है मेरे लाल के ऊपर नीचे उतर जा
अदिति आसा को देख - आप का लाल है तो मेरे प्यार भाई है मे नही उतरुगी
आसा सर पकर - तुम बच्ची के बच्ची रहोगी तुम्हारी हरकते भी बच्चे की तरह है

अभय अदिति को नीचे उतार आसा को बाहों मे भर आसा को देख


maya-jai-singh-rudra-roy
अभय -मेरी प्यार मा गुरिया को कुछ मत कहो वो तो मेरी जान है
आसा अभय को देख - जानती हु इसी किये तेरे सर पे चडी रेहती है
अभय हस्ते हुवे - आप भी मेरी जान है मा
आसा अभय को गाल पे किस करते हुवे - मेरा बच्चा तु भी मेरी जान है

आसा -अब छोर जाके भाभी को देख समान पैक करने मे मदद कर जाके
अभय आसा को छोर - ठीक है मा जाता हु


अभय फिर दिशा के कमरे मे जाता है दिशा सामान रख रही थी बैग में

अभय अंदर आते हुवे दिशा को देख - सारा समान रख लिया या बाकी है

दिशा अभय को देख - अरे देवर जी बस हो गया समझो बैठिये ना
अभय बिस्तर पे बैठ जाता है दिशा थोरे देर बाद फिरी हो जाती है और अभय के पास बैठ जाती है

अभय दिशा को देख हस्ते हुवे - मुझसे रहा नही जा रहा आपकी बेहन से मिलने के लिये
अभय की बात सुन दिशा हैरान होते हुवे अभय को घूर के देखते हुवे
दिशा - मेरी बेहन मे नजर दाली तो ( दिशा अभय के लंड की तरफ देख कर) आपकी पप्पू काट दुगी समझ गये मेरे प्यारे देवर जी

दिशा की बात सुन अभय जल्दी से अपने हाथ से अपने लंड के ऊपर रखते हुवे दिशा को देख डर के
अभय - ना ना मे आप ने केह दिया आपकी बेहन से दूर रहुंगा मुझे अपना पप्पू नही कटवाना है

अभय की बात सुन दिशा पेट पकर जोर जोर से हसने लगती है
दिशा हस्ते हुवे अभय को देख - अपना चेहरा तो देखिये कितना डरे हुवे है आप सही भी है पप्पू बिना आप किया करेगे

अभय दिशा को देख मुह बना के - उरा लीजिये मेरा मजाक जितना उराना है

दिशा अभय के गाल पे प्यार से किस करते हुवे - अरे अरे देवर जी नाराज मत होइये मे तो मजाक कर रही थी
अभय मुस्कुराते हुवे - मुझे भी पता है आप मजाक कर रही थी


बाते करते हुवे साम 3 बज जाते है


अभय दिशा रेडी थे जाने के लिये अभय बाइक पे बैठ जाता है दिशा पीछे एक तरफ दोनो पैर कर बैठ जाती है सारी जो पेहन रखी थी

आसा अदिति दोनो खरे थे अभय बाइक चालू करता है और मा अदिति को देख

अभय - ठीक है मा गुरिया जा रहा हु सुबह भाभी को लेकर आ जाउंगा
आसा - ठीक है बेटा अच्छे से भाभी को लेके जाना
अभय - आप चिंता मत करो मा
अदिति - आज आपने बिना रेहना पड़ेगा
अभय हस्ते हुवे - अरे गुरिया कल आ जाउंगा
दिशा आसा अदिति को देख - मम्मी जी ननद जी चलती हु कल सुबह आ जाउंगी

आसा अदिति - ठीक है

अभय फिर निकल परता है दिशा अभय के कमर को एक हाथ से पकर कर बैठी हुई थी अभय बाइक चलाते हुवे जा रहा था


images-2
अभय - मेरी किस्मत ही खराब है
दिशा हस्ते हुवे - कियु किया हुवा
अभय - मेने सोचा था आप सूट सलवार पेहनेगी बाइक पे दोनो तरफ पैर कर के मुझे पकर मुझसे चिपक कर बैठेगी तो थोरा फिल कर मजा ले पाता लेकिन कुछ नही हुवा

दिशा अभय की बात समझ नही पति फिल चिपक लेकिन दिशा जब अपने दिमाग पे जोर डालती है तो हैरान और सर्म से लाल जो जाती है

दिशा अभय के पीठ पे मारते हुवे - गंदे देवर जी आप ये सोच रहे थे
अभय हस्ते हुवे - हा लेकिन ऐसा हुवा नही
दिशा सर्म से लाल - आप ना देवर जी बरे वो होते जा रहे है
अभय हस्ते हुवे - वो किया
दिशा - कुछ नही

ऐसे ही मस्ती मानक करते हुवे 20 मिनट के बाद अभय दिशा अपने मंजिल पे पहुच जाते है अभय घर के बाहर बाइक रोक देता है दिशा नीचे उतर जाती है अभय भी

बाइक की आवाज सुन पूजा बाहर देखने आती है तो पूजा की नजर अपनी बेहन पे जाती है तो दिशा को देख बहोत खुश हो जाती लेकिन पूजा की नजर जब अभय पे जाती है तो पूजा अभय को देखते ही रेह जाती है

दिशा अपनी छोटी बेहन को ऐसे अभय को देखता देख मुस्कुराते हुवे मन मे - मेने भी देवर जी को पेहली बार देखा था तो देखते रेह गई थी


Gvr-HSI4bs-AIn-ZFj
अभय पूजा को देखते हुवे मन मे - अच्छा तो यही है भाभी की छोटी बेहन पूजा मानना पड़ेगा बहोत खूबसूरत है भाभी की तरह

दिशा पूजा के पास जाके - ओये होस मे आजा
दिशा की बात सुन पूजा हरबराते हुवे दिशा को देख - जी दीदी
दिशा अभय को देख - ये है मेरे प्यारे देवर जी
अभय पूजा के पास जाके पूजा को देख - अच्छा तो ये है आपकी बेहन पूजा मुझे लगा था खूबसूरत होगी लेकिन ये तो बंदरिया की तरह दिख रही है

अभय की बात सुन दिशा हैरान होते हुवे अपना सर पकर लेती है
दिशा मन मे - देवर जी आपने ये किया बोल दिया आप तो गये

वही होता है अभय पूजा को देख काप् जाता है कियुंकी पूजा फुल गुस्से मे लाल पीली होते हुवे अभय को देख रही थी

पूजा अचानक अभय की तरह तेजी से दोरते हुवे - किया कहा बंदरिया आप मे आप की जान ले लूगि

अभय की फट जाती है अभय जल्दी से दिशा के पीछे छुप जाता है

पूजा गुस्से से दिशा को देख - दीदी आप साइड हो जाइये आज तो ये गये मुझे मुझे इतनी खूबसूरत लरकी को बंदरिया बोला

अभय दिशा के पीछे छुपे हुवे काप् रहा था

अभय पूजा के गुस्से को देख मन मे - भाभी ने सही कहा था साली साहेबा गुस्से वाली है मुझे ही चुल् मची थी उंगली करने की अब मे तो गया ये तो बहोत गुस्से मे है

दिशा पूजा को देख- सांत हो जा छोटी अरे उन्होंने मजाक मे कहा है
पूजा - नही छोरुगी

पूजा अभय को मारने दोरते है अभय चिलाते हुवे दिशा के गोल गोल दोरते हुवे - बचा लो भाभी नही तो ये मार डालेगी मुझे

पूजा अभय दिशा के गोल गोल भागते रेहते है दिशा ये सब देख अपना सर पकर देती है
दिशा जोर से चिलाते हुवे - रुक जाओ

दिशा की जोरदार आवाज सुन दोनो सांत पर जाते है
दिशा अभय पूजा को देख - फिर दोनो लरे तो मे खुद दोनो की धुलाई कर दुगी चलो अंदर

दिशा सभी अंदर जाने लगते है लेकिन पूजा गुस्से से अभय को देख इशारे से - मौका मिलते ही आप के दोनो अंडे फोर दुगी

अभय अपने अंडे पे हाथ रखते हुवे मन मे - बाप रे दोनो बेहने कम नही है एक मेरे पप्पू काटने की धमकी दी तो दूसरे ने मेरे अंडे फोरने की बच कर रेहना पड़ेगा अभय बेटा नही तो किसी काम का नही बचेगा

अंदर जाने के बाद तारा कमरे से बाहर आती है तो दिशा अभय को देख खुश हो जाती है अभय जाके तारा के पैर छूता है

तारा अभय के गाल को सेहलाते हुवे प्यार से - सुकर है अपर वाले का आप लौट कर आ गये नही तो घर मे खुसिया सायद कभी नही आती अगर आती भी तो आप के लिये वो खुसिया खुसिया नही रेहती

अभय तारा को देख - मुझे तो आना ही था बस ये सब आप लोगो की दुवा प्यार का नतीजा है आज मे यहा हु
तारा मुस्कुराते हुवे - चलिये अंदर बैठिये ना

फिर अभय अंदर कमरे मे जाता है बाते होती है बहोत सारी बाते करने के बाद एक कमरे मे दिशा पूजा अभय बैठे हुवे थे दिशा पूजा को नये कपड़े मेकप् का समान बाकी चीजो के साथ लास्ट मे एक मोबाइल निकाल कर देते हुवे

दिशा - देवर जी हमे बरे से शोपिंग मॉल मे लेके गये थे हमने ढेर सारी शॉपिंग थी तुम्हारे लिये भी ये सब मोबाइल देवर जी ने ही लेकर दिया है

पूजा पेहले तो जल्दी से सारे समान मोबाइल अपनी तरफ कर लेती है असल मे पूजा अंदर से बहोत खुश थी नये कपड़े मोबाइल सब पाके लेकिन अभय के सामने दिखती नही है

पूजा अभय को देख नॉर्मल - आप का सुक्रिया
अभय दिशा को देख मन मे - बंदरिया थोरा मुस्कुराते हुवे केहती तो किया बिगर जाता
दिशा दोनो को देख मन मे - ये दोनो फिर आखो ही आखो से लाराइ करने लगे

पूजा सब समान लेके - मे जा रही हु आप दोनो बाते करो

पूजा अपने कमरे मे आके दरवाजा बंद कर नये कपड़े मोबाइल सब देख खुशी से नाचते हुवे - वाह आज दिन बन गया मुझे तो लगा था जीजा जी कमीने है जब उन्होंने मुझे बंदरिया कहा लेकिन अब अच्छे लगने लगे है हाय मेरे नये कपड़े

वही अभय दिशा बाते कर रहे थे

अभय दिशा को देख - भाभी आपकी बेहन ना बहोत खतरनाक है
दिशा हस्ते हुवे - अब समझ आया मेने तो पेहले ही बताया था

( रात 10 बजे


खाना खाने के बाद के दोरान अभय दिशा के पापा से भी बात करता है अभय अपनी बनाई कहानी सुना देता है जिसे सुन तारा पूजा हैरान हो जाते है

एक कमरे मे दिशा पूजा अभय फिर बैठ बाते करते है

अभय पूजा से - साली जी ये बताइये किया आप अभी भी मुझसे गुस्सा है किया

पूजा मुह फुलाते हुवे - हा बहोत गुस्सा हु आप ने मुझे बंदरिया कहा
अभय अपने कान पकर - माफ कर दो आप मेरी प्यार भाभी इतनी खूबसूरत है तो उनकी बेहन भी खूबसूरत होगी ही सच मे आप बहोत खूबसूरत है

पूजा अभय को देख - ठीक है माफ किया इतना केह रहे है तो
दिशा हस्ते हुवे मन मे पूजा को देख - पागल है ये लरकी

पूजा - ठीक है मे चली सोने आप दोनो बाते करो
पूजा सोने चली जाती है अब दिशा अभय बचे थे

अभय बिस्तर पे लेत - चलो मुसीबत तली
दिशा भी अभय के पास लेटते हुवे - सही कहा नही तो आप की खैर नही थी

अभय दिशा की तरफ पलट के दिशा को देखने लगता है दिशा अभय की तरफ पलट कर अभय को देखती है
अभय दिशा को देख - भाभी सच मे आप बहोत खूबसूरत है किया मे आपको एक बार बाहों मे ले सकता हु
दिशा अभय को देख - ठीक है देवर जी

अभय दिशा के तरफ जाके दिशा को बाहों मे भर लेता है दोनो के अंदर एक हलचल होने लगती है दोनो एक दूसरे की आखो मे देखने लगते है

अभय दिशा को देख - भाभी किया मे आप को होठो पे किस कर सकता हु
दिशा अभय को देखते हुवे - ठीक है कर लीजिये
अभय - लेकिन आप भी मेरा साथ देगी तो
दिशा- अभय को देख दुगी साथ

अभय दिशा के नजदीक जाता है दोनो की सासे तेज चलने लगती दोनो के अंदर एक सोया हुवा तूफान जाग जाता है जो बाहर आने के लिये जोर दे रहा था दोनो एक दूसरे को देख है फिर दोनो मे होठ आपस मे मिल जाते है अभय दिशा दोनो एक दूसरे के जिब को मुह मे लेके वाइल्ड ककिस करना सुरु कर देते है


r-DX4-XUw0h7h-Dq-NX-Trim
दोनो एक दूसरे के होठो को जिब को मुह मे लेके चुसे जा रहे थे अभय दिशा को और कस के अपने से सता लेता है अभय का पेहली बार था जब वो किसी को इस तरह किस कर रहा था दोनो सब भूल कर किस मे डूबे हुवे थे एक दूसरे का रस पीने मे लगे हुवे थे 2 मिनट बाद


दिशा आखे बंद किये सर्म से पानी पानी हुवे जोर जोर से सासे लिये जा रही थी जिसकी वजह से दिशा के बरे चुचे उपर नीचे हिल रहे थे

अभय दिशा को देखते हुवे - भाभी
अभय की बात सुन दिशा आखे खोल अभय को देखती है
अभय - भाभी वो
दिशा अभय की आखो मे देख समझ जाती है अभय किया चाहता है
दिशा अपनी आखे बंद कर के - देवर जी आप जो चाहते है कर सकते है
अभय दिशा की बात सुन जल्दी से दिशा के ऊपर आके दिशा के चेहरे गाल पे किस करने लगता है दिशा जोर से बिस्तर को पकर लेती है


Tky-TCh-V8tbu-B4alv-Trim
télécharger modifier image gratuit
दिशा बिस्तर पे लेती आह भरने सिसकिया लेने लगती है और अभय दिशा के गाल चेहरे पे ककिस किये जा रहा था


दिशा जिसकी सादी हुई लेकिन जल्दी बिधवा हो गई उसके बाद अपने सरीर के सुख को दबा के जीने लगी थी

अभय जो 4 साल कैद मे रहा ना उसे लरकी के टॉपिक मे बात करने का ना सेक्स के टॉपिक मे बात करने का मोक्का मिला ना वो जान पाया वो अब जवान हो चुका है लेकिन आज एक लरकी को नँगा देखने के बाद अभय को एहसास हुवा वो जवान लरका है

दोनो जवान थे एक को सरीर के सुख को दबाना परा दूसरे को आज पता चला उसे किया चाहिये दोनो के अंदर छुपा तूफान जाग गया था दोनो ऐसे मोमेंट मे मे थे जहा दोनो का रुकना नामुमकिन था


आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏🙏🙏
बडा ही शानदार लाजवाब और जानदार मदमस्त अपडेट है भाई मजा आ गया
 
  • Like
Reactions: Gokb and ckkhandu

Napster

Well-Known Member
6,719
17,648
188
chapter 13

साम 6 बजे - एक अंजान जगह मे कम से कम 37 लोगो के बीच ग्रुप मीटिंग हो रही थी

एक बंदा - हम किया करेगे महारे बॉस dp devil तो मारे गये उपर से साली वो कमीनी इंस्पेस्टर हमारे पीछे कुत्तो की तरह परी हुई है हम बाहर भी नही निकल सकते सास लेने के लिये

दूसरा बंदा - तुम ने सही कहा अगर हम बाहर निकले तो साली कमीनी को पता चल जायेगा और हमारा काम तमाम हो जायेगा

तीसरा - यार किया मस्त लाइफ चल रही थी मजा आ रहा कमीनो को मारने मे dp बॉस हमारा ख्याल भी अच्छे से रखते थे लेकिन उनके मरने के बाद सब खतम

चौथा - सही कहा अब हम इधर उधर छुप कर रह रहे है पता नही कब तक छुप कर रेहना होगा

बाकी जो बन्दे थी उनकी बाते बैठे आराम से सुन रहे थे सभी के बीच एक बंदा बैठा हुवा था वो dp devil का राइट हैंड था

राइट हैंड - चिंता मत करो तुम सब मे हु ना मे बनुगा तुम सब का अगला dp devil और इस बार हम अपना एक नया ओरोग्नाईजेसन बनायेगे उसी के साथ अपने बॉस का बदला भी लेगे जो बॉस के कैद से भाग गये है उन्हे हम ढूढ़ कर चुन चुन कर मारेगे चारों तरफ तबाही बचा देगे कोई नही बचेगा और वो कमीनी इंस्पेटर उसके साथ हम मजे करेगे और वीडियो बना का पूरी दुनिया को देखायेंगे ताकि सब को पता चले बॉस नही है तो किया हुवा उसके वफादार लोग अभी जिंदा है

राइट हैंड की बात सुन सब खुशी से हाथ उठाते हुवे हम आपके साथ है हम आपके साथ है बोलने लगते है

बंदा 1 - लेकिन कप्तान ये सब होगा कब कैसे करेगे कियुंकी वो कमीनी तो हमारा पीछा ही नही छोर रही है

राइट हैंड सभी को - अभी सही वक़्त नही आया है पेहले हमे अपने आप को बचा के रखना होगा मामला ठंडा हो जायेगा जब पुलिस और वो कमीनी हमारा पीछा करना छोर देगी तब हम फिर लोगो की भर्ती करेगे एक नया बरा टीम खरा करेगे और हमारा मकसद एक हि होगा दुनिया मे बताहि मचाना ताकि सरकार से लेकर सब को एहसास हो की उन्होंने हम से पंगा लेकर अपनी मौत को दावत दी है

( इंस्पेस्टर नीतिका के घर ) 9.30 बजे

नीतिका अपनी बेटी मिका के कमरे मे दोनो मा बेटी बिस्तर पे लेते बाते कर रहे होते है

मिका - मा वो कमीना dp devil तो मारा गया लेकिन उसके कई साथी अभी भी वहा से भाग गये थे औरआप उनके पीछे परी हुई तो अभी तक कितने लोगो को आप ने पकरा हो

नीतिका मिका को देख - बेटा अभी कुछ लोग अपने किसी बिल मे छुपे हुवे है लेकिन जिस दिन अपने बिल से निकले वैसे ही वो मेरे चंगुल मे होगे

मिका नीतिका को देख - मा किया होता अगर वो लरका आप ने किया ( नीतिका अभय) हा अभय अगर हिम्मत नही दिखाता भागने का तो
नीतिका मुस्कुराते हुवे - तो आज कोई भी उस कैद से निकल नही पाता उसके अंदर अपनो का प्यार भरा था अभय से उसकी मा भाई भी बेहन सब बहोत प्यार करते है अभय भी उनके बीच जो प्यार था उसी ने अभय को हिम्मत दी एसी लिये उसने दो रास्ते चुने या तो अपने घर चाहने वालो के पास भाग कर जायेगा या भागते हुवे मारा जायेगा लेकिन उसे कैद मे अपनो के बिना नही रेहना था

मिका - आप की बात समझ मे आता है सभी के बीच कितना प्यार होगा सभी एक दूसरे को कितना प्यार करते होगे

नीतिका मुस्कुराते हुवे - सही कहा बहोत प्यार होगा हद पार प्यार होगा

मिका हस्ते हुवे - वैसे वो लरका अभय कैसा लिखता है
मिका की बात सुन नीतिका घूर के मिका को देखती है
मिका हस्ते हुवे - अरे आप गलत मत समझिये मेने बस ऐसे ही पूजा कियुंकी जिस लरके की वजह से dp devil जैसा हेवान मारा गया जिसकी वजह से कई मा बेहन को उसका बेटा भाई मिला आखिर वो दिखता कैसा होगा

नीतिका मिका को देखती है फिर अपना मोबाइल निकाल कर abh का फोटो दिखाते हुवे ये है अभय देख लो

मिका अभय की फोटो देखती है तो देखती ही रेह जाती है
मिका के मुह से निकल जाता है - कितना हैंडसम है बॉडी भी मस्त है
नीतिका मिका की बात सुन मिका के सर पे दे मारती है मिका आउच करते हुवे मा को देखते हुवे

मिका - मारा कियु लगी मुझे
नीतिका - बस दिल किया
मिका - ये गलत है आप मा है तो बेटी को बेवजह मारेगी
नीतिका मिका को देख - फिर लगाऊ एक
मिका हस्ते हुवे - ना बाबा ना


रात 9 बजे - अभय के घर

मिनीता कोमल काजल तीनों अभय के घर निकल परे थे लेकिन विजय नही आता कियुंकी अभय जो नही था और विजय औरतो के बीच किया हि करता बेचारा तो अपने पापा के साथ ही बाते करने लग गया

मिनीता कोमल काजल अभय के घर आते है अंदर आँगन मे जाते है तो देखते है आसा अदिति दोनो खाट पे बैठ बाते कर रहे थे

मिनीता आसा के पास जाते हुवे - किया बात है दीदी आपका लाल बहु नही है तो आज बेटी के साथ ही बाते करने मे लगी हुई है

मिनीता की आवाज सुन आसा अदिति मिनीता की तरफ देखते है तो उन्हे कोमल काजल भी दिखाई देते है

आसा तीनों का देख - अरे तुम सब आओ आओ अच्छा हुवा तुम सब आ गई थोरि बाते हो जाइयेगी टाइम पास भी हो जायेगा

अदिति चटाई लेकर आती है और नीचे बिछा लेती है सभी बैठ जाते है

काजल आसा से - हा हा कियु नही भाभी आपका लाल जो नही है जब होता है तो आप अपने सीने से लगा के रखती है उसके बाद तो आप को कोई दिखता ही नही
मिनीता हस्ते हुवे - सही कहा तुम ने ननद जी दीदी तो हमेसा अभय को सीने से लगा के रखती है ये तो कुछ दिनों मे देख लिया मेने

आसा हस्ते हुवे मिनीता काजल को देख - अरे मेरा लाल हो तो सीने से लगा कर रखुंगी ही ना तुम दोनो बताओ खाना पीना हो गया

मिनीता - हो गया दीदी तभी तो सोचा आके बात कर ले आप से मिल ले
आसा - जरूर ये अच्छा किया तुम सब आती रहोगी तो मुझे भी अच्छा लगेगा ( आसा काजल को देख) ये बताओ तुम कब तक यहा रहने वाली हो नंदोई जी पे दया कारों बेचारे अकेले ही रात काट रहे होगे

आसा की बात सुन मिनीता जोर जोर से हस्ते हुवे - ये आप ने सही कहा दीदी
वही आसा की बात सुन काजल सर्म से लाल हो जाती

अदिति के पास कोमल बैठी हुई थी अदिति अपनी मा मिनीता काजल को बात करता देख उनकी बाते सुन अदिति कोमल से

अदिति - कोमल दीदी चलो कमरे मे बैठ कर बाते करते है
कोमल - ठीक है चलो चलते है ( कोमल अपनी मा आसा काजल का देख) यहा सब अपने मे हि लगे है


अदिति कोमल कमरे मे आके बिस्तर पे लेत जाते है

अदिति - भाई के बिना ये साल 4 साल मेने जैसे बिताये याद करती हु तो रोना आ जाता है

कोमल अदिति को देख - समझ सकती हु मेने मेरा भी वही हाल था और सायद रेहता अभी तक लेकिन तुमहारा भाई अभय ने हिम्मत दिखाई इस लिये अभय मेरा भाई यहा है

अदिति कोमल को देख - हा ये बात तो है लेकिन जितना हमने दर्द साहा है उन्होंने भी साहा होगा

कोमल - ये भी का केहने की बात है

अदिति मुस्कुराते हुवे - ये बताइये सादी कब कर रही है 19 की हो गई है आप
कोमल मुस्कुराते हुवे - अच्छा तुझे मेरी सादी की कियु परी है तेरा किया हुवा

अदिति - भाई नही थे लेकिन अब है तो फील्हाल दूर दूर तक मे सादी के बारे मे नही सोचने वाली मे तो अभी भाई के साथ खूब मस्ती करुगी घुमुगि फिरूगी लाइफ के मजे लूगि

कोमल हस्ते हुवे - तेरा सही है लगी रह छोटी बेहन होने का फायेदा अच्छे से उठा ले

अदिति हस्ते हुवे - अरे तो किया हो गया तुम विजय का फायेदा उठा लो छोटा हुवा तो किया हुवा

कोमल हस्ते हुवे - वाह किया बात कही है सोचूँगी

तारा के घर रात 10 बजे

तारा अपने पति के साथ सो चुकी थी पूजा अपने कमरे मे लेकिन वही दिशा अभय आज सब कुछ कर गुजरने वाले थे


दिशा के हा केहते ही अभय दिशा के ऊपर आके दिशा के चेहरे का गाल को किस करने लगता है दिशा सिसकिया लेते हुवे बिस्तर को जोर से पकर सर्म से लाल आखे बंद किये हुवे थी


Tky-TCh-V8tbu-B4alv-Trim
अभय दिशा के ऊपर था और दिशा को चूम रहा था अभय का ये पेहला एहसास उपर से दिशा जैसी खूबसूरत हॉट लरकी के गर्म जवानी अभय का पागल कर रही थी

अभय दिशा को चूमते हुवे धीरे धीरे नीचे दिशा के चुचे को ब्लाउस के ऊपर से चुपते हुवे नीचे आने लगता है अभय जैसे दिशा को पुरा चूस जाना चाहता हो वही दिशा अभय के इस तरह छुमने चाटने अपने बदन के अपने देवर के जिब का एहसास पाके दिशा बिस्तर पे मचल रही होती है दिशा के सिसकिया निकल रहे होते है


km-WKgy-GMttur-Lx-B-Tri
अभय पेहली बार इस एहसास हो फिल कर रहा था किसी के गरम कयामत बॉडी को चुसे जा रहा था अभय दिशा की बरी कयामत बॉडी देख उसके अंदर खून मे उबाल आ गये थे दिशा सर्म से आखे बंद किये लेती कुछ बोल रही रही थी बस अपने देवर के प्यार का एहसास फिल कर मचल के मजे ले रही थी वही अभय तो खोया हुवा था दिशा के पूरे सरीर के को चूस रस पीने मे


अभय धीरे धीरे नीचे दिशा के गहरी कयामत ढोरी के पास आके ढोरी और दिशा के पेट को चूमने और जिब से चाटने लग जाता है दिशा की हालत खराब होने लगती है दिशा की सासे तेज होने लगती है दिशा आह उह्ह् के साथ बिस्तर पकर सिसकिया लेने लगती है


km-WKgy-GMttur-Lx-B-Trim
अभय सब भूल बस दिशा की जवानी कयामत बॉडी के हर अंग को चूमने और मजे से पीने मे लगा था जैसे दिशा के पूरी बॉडी पे सहद लगा और अभय एक मधुमखि की तरह चाट रहा था

दिशा बिस्तर पे आह उह्ह् सिसकिया लेते हुवे मचलते हुवे आखे खोल अभय को देख मन मे - देवर जी ये किया कर रहे है आप आह मा ऐसे तो बिना किये ही मेरा निकल जायेगा मेरी चुत गीली हो चुकी है आपकी हरकत मुझे पागल कर रही है मुझे सेहना मुश्किल हो रहा है


31329639
वही अभय लगा हवा था दिशा के पूरे सरीर को चूमने मे लेकिन अभय के मन मे - किया ये सब मे इतना मजा आता है मुझे पता नही था भाभी का हर अंग बॉडी कयामत है मेरे अंदर जोस बढ़ता जा रहा है

अभय दिशा के हर अंग को चूमने के बाद उपर आता है और दिशा के ऊपर से सारी हटा देता है दिशा ब्लाउस पेटीकोट मे आ जाती है दिशा जल्दी से सर्म से आखे बंद कर लेती है अभय उपर आके दिशा के ब्लाउस को खोलने लगता है तो दिशा की दिल की धरकन तेज चलने लगती है सासे फूलने लगती है दिशा बिस्तर पकर मचल जाती है


NI7-RJGwyu-L23vic-D-T
अभय दिशा के ब्लाउस निकाल देता है तो दिशा के बरे गोल टाइट दूध जैसे चुचे नंगे हो जाते है अभय पागलो की तरफ फिर दिशा के चेहरे चुचे को चूमने लगता है वही दिशा के लिये सब सेहना मुश्किल हो जाता रहा था लेकिन वही अभय पुरा डूबा था

अभय अब दिशा के बरे टाइट चुचे को पकर के जोर जोर से दबाने मसलने लगता है दिशा बिस्तर पकर दर्द मे आह उह्ह् करने लगती है


h-Ngtko-UCXl-Dp-Jkh-C-Trim-1754464669530
अभय दिशा के चुचे को दबाते हुवे मन मे - भाभी के चुचे कितने मस्त मुलायम है दबाने मे मजा आ रहा है ये मेरा पेहली बार है तो आज अच्छे से भाभी को प्यार करने वाला हु


अभय जी भर के अच्छे से दिशा के चुचे दबाने के बाद दिशा मे चुचे को मुह मे लेके अभय पीने लगता है उसी के साथ जिब से दिशा के चुचे को चाटने लगता दिशा बिस्तर पे मछली की तरह तरप रही थी


TBUu-Dv29-Al-E0n-Bs-Trim
दिशा मन मे - देवर जी आपका ये पेहली बार है मुझे नही लगता इतना आराम से तो आपके भाई मे भी मुझे प्यार नही किया बहोत मुश्किल हो रहा है सेहना जैसे कभी भी मेरा निकल जायेगा अभय अच्छे से जी भर के दिशा के चुचे चुस्ता है पिता है

अभय दिशा के ऊपर आके दिशा को किस करते हुवे धीरे से भाभी अपने बाकी कपड़े निकालने मे मेरी मदद कीजिये


Tky-TCh-V8tbu-B4alv-Trim
अभय की बात सुन दिशा की सासे और तेज हो जाती है दिशा मन मे - हाय सर्म से मर ना जाऊ देवर जी अब मुझे पुरा नँगा करने वाले है किया सोचेंगे मेरे नंगे बदन को देख किया उन्हे पसंद आयेगी मेरी बॉडी

अभय दिशा के बाकी कमरे निकालने लगता है दिशा सर्म से पानी पानी होते हुवे अभय का साथ देने लगती है फाइनलि अभय के सामने दिशा का खजाना आ जाता है जिसे अभय अब जाके उपर से नीचे तक आखे फार मुह खोले देखने लगता है


images-2-1754429250864
दिशा सच मे कयामत थी बरे दूध जैसे चुचे जो जायदा बरे ना छोटे थे कमर भी ना जायदा पतली ना मोती नीचे मोटे जांघों के बीच साफ सुथरी चिकनी फूली हुई चुत जो सब मिलाकर दिशा की बॉडी कमाल की थी अभय दिशा के नंगे बदन को देख मन मे - बाप रे भाभी कि बॉडी किया कमाल कि है उनके बरे चुचे कमर नीचे इनकी मोती जांघे के बीच फूली चुत पेहली बार अच्छे से अंजदिक से किसी को नँगा देख रहा हु वो भी अपनी भाभी को दिशा आखे खोल एक नजर अभय को देखती है और जल्दी से आखे बंद कर लेती है



अभय अपने कपड़े निकालने लगता है तो दिशा ये देख उसकी सासे उपर तेज हो जाती है दिल धक धक करने लगता है अभय कपड़े निकाल चड्डी मे आ जाता है औद् दिशा के पास जाके कान मे धीरे से भाभी मेरा लंड चुसो ना

दिशा ये सुनते हि सर्म से पानी पानी हो जाती है दिशा आखे बंद किये शर्मा के धीरे से - देवर जी मुझसे नही होगा मेने कभी नही किया है मुझे पसंद नही
अभय - मान जाओ ना भाभी प्लेस मेरा पेहली बार है तो मे अच्छे से सब करना चाहता हु बस एक बार कोसिस तो करिये
दिशा अभय को ना केहने की हिम्मत नही जुटा पति
दिशा शर्मा के - ठीक है आपको मना भी नही कर सकती

अभय भी खुश हो जाता है और चड्डी निकाल देता है वैसे ही दिशा की नजर अभय के लंड पे जाती है जिसे देख दिशा की सासे दिल की धरकन एक पल के लिये रुक सी जाती है आखे बाहर आ जाती है मुह खुले रेह जाते अभय दिशा को ऐसे पथर् बना देख समझ नही पाता दिशा को किया हो गया है ऐसे कियु उसके लंड को देख रही है


Dd1x-Tun-VAAAU60-I
बेचारा अभय को कोन बताये की उसका 10 इंच लम्बा 5 इंच मोटा लंड हर किसी के पास नही होता अभय दिशा को आवाज देता है तो दिशा होस मे आके अभय के लंड को देख मन मे- बाप रे मे ये किया देख रही हुई इतना बरा लंड है देवर जी का क्या इतना बरा लंड भी होता है अभय बिस्तर पे लेत जाता है


दिशा हिम्मत कर अभय के लंड को पकर मुह मे लेके चूसने लगती है तो दिशा को बहोत गंदा लगता है लेकिन अभय को सोच दिशा मुह के लिये चूसती रहती है


IKe8-AF09h-Fct-Sy-A5-Trim
थोरि देर बाद ही दिशा को अच्छा लगने लगता है दिशा को अभय के लंड का स्वाद लेके मजा आने लगता है तो दिशा मजे से मुह मे लेके चूसने लगती है

अब दिशा को इतना मजा आ रहा था की दिशा जिब निकाल कर अभय के लंड को चाटने लगती है पीने लगती है वही अभय बिस्तर क लेता मजे से आसमान मे उर रहा था


IKe8-AF09h-Fct-Sy-A5-Trim
अभय मन मे - आह इतना मजा सुकून मिल रहा है और मे पागल इस सब से अंजान था लेकिन अब नही हु मुझे यकीन नही हो रहा मेरी प्यारी भाभी मेरा लंड चूस रही है और मेरा लंड उनके मुह मे है ये सोच कर अंदर अजीब सी फीलिंग और जोस जाग रही है आह मजा आ रहा है दिशा 4 मिनट तक अच्छे से अभय का लंड चुस्ती है फिर छोर लेती है

अभय उठ जाता है दिशा फिर बिस्तर पे लेत आखे बंद कर अपने मन मे - आज तो मे गई मेरी चुत आज देवर जी फार ही डालेंगे
दिशा ये सोच ही रही थी की की अभय दिशा के चुत के फाके फैला के देखता है तो अभय को छोटा लाल छेद दिखाई देता है


Sjx-Mx3ogo-U3-Pp-HUf-Trim
अभय के चुत को छुटे ही दिशा पागल होने लगती है दिशा सर्म से पानी पानी होते हुवे आखे खोल अभय को देखती है जो दिशा के चुत के छेद को गौर से देखे जा रहा था तो दिशा और सर्म से लाल हो जाती है

अभय जी भर कर दिशा के चुत का छेद देखने के बाद अभय का दिल चुत चाटने का करने लगता है तो अभय बिना देरी किये दिशा की चुत पे टूट परता है और मुह मे लेके चूसने लगता है चुत के अंदर छेद मे जिब दाल कर चाटने पीने लगता है दिशा के तो होस उर जाते है दिशा बिस्तर पे मछली की तरह छतपटाने लगती है दिशा का लंड चूसना पेहली बार था और चुत चटवाना भी


ca-VFNcb-LS-g0e-OU-Trim
अभय को मजा आ रहा था दिशा के फूली गर्म चुत का रस पीने तो अभय मजे से मुह मे लेके जिब दाल चुसे पिये जा रहा था लेकिन अब दिशा के लिये सेहना मुश्किल हो जाता है दिशा का शरीर जोर से कापने लगता है दिशा बिस्तर पकर आह मा करते हुवे कापते हुवे झर जाती है अभय हैरान हो जाता है चुत से इतना पानी निकलता देख लेकिन अभय सब भूल मजे से पी जाता है

विनय के जाने के बाद से जितना पानी जमा था दिशा सब निकाल देती है दिशा पसीने से भीगी जोर जोर से सासे लिये जा रही थी अभय दिशा को देख कर
अभय - किया हुवा भाभी आप ठीक तो है ना
दिशा जोर जोर से सासे लेते हुवे आखे बंद किये हुवे सर्म से - हा मे ठीक हु देवर जी
अभय - अच्छा तो मे आगे बधू
दिशा - हा


अभय फिर दिशा के चुत के पास बैठ जाता है और अपना लंड पकर कर दिशा के चुत पे घुसने लगता है दिशा को मोटा गर्म लंड चुत पे फिल होता है तो दिशा बिस्तर को जोर से पकर आह सिसकिया लेने लगती है मचलने लगती है


Ma-WN-TWc7q1-Tas-MD-Trim
remember poem analysis
अभय अपना लंड पकर कर दिशा के चुत पे घिसे जा रहा था
अभय मन मे - आह बहोत गर्म है भाभी की चुत आज पेहली बार मेरा लंड चुत मे जायेगा वो भी मेरी भाभी कि चुत मे अब मे रुक नही सकता कियुंकी मुझे रुका नही जा रहा


अभय दिशा के ऊपर आ जाता है दिशा अभय को बाहों मे जोर से पकर देती है अभय अपने हाथ नीचे ले जाके अपना लंड दिशा की चुत के छेद पे रख देता है दिशा की हालत डर से खराब हो जाती है
अभय दिशा को किस करने लगता है और फिर एक धक्का मारता है


Ma-WN-TWc7q1-Tas-MD-Trim-1754474080371
srijato poem abhishap
अभय का मोटा लंड आधा दिशा की चुत मे घुस जाता है इतने मे दिशा दर्द से रो परती है अपना पैर इधर उधर करने लगती है कैसे अपनी चुत से लंड निकाल देना चाहती हो लेकिन अभय दिशा के ऊपर लेता दिशा को मजबूती से पकर रखा था

अभय दिशा को किस करते हुवे एक आखरी धक्का जोर से मारता है तो तो अभय का मोटा लम्बा लंड दिशा की चुत को चीरते हुवे पुरा अंदर घुस जाता है दिशा की सासे रुक जाती है पुरा सरीर काप् जाता है दर्द इतना हो रहा था की बर्दास्त करना मुश्किल था लेकिन अभय दिशा को किस किये जा रहा था तो आवाज अंदर हि रेह जाती है


3-ytq-YGD6-Ti-Du-S
दिशा दर्द के मारे रो रही थी उसे ऐसा लग रहा था वैसे उसकी चुत फट गई है अभय का लंड दिशा की चुत को पुरा फैलाये हुवे था अभय को भी ये साफ फिल हो रहा था और दिशा कि चुत की गर्मी भी दिशा के चुत से खुन तप तप कर बिस्तर पे गिर रहा था 3 मिनट बाद

अभय धीरे धीरे चुदाई करना सुरु कर देता है और अभय का मोठा लंड दिशा की चुत को फैलाये अंदर जाने लगता है बाहर आने लगता है अब थोरा दिशा का दर्द कम हो गया था


31329639
अभय दिशा को देख - भाभी आप ठीक है ; दिशा अभय को देख रोते हुवे - जान निकाल दी मेरी और आप पूछ रहे है मे ठीक हु ; अभय - माफ करना भाभी मे अपने आप को रोक नही पाया ; दिशा आसु साफ करते हुए - कोई बात नही आप अपने आप को डोस मत दीजिये करते रहिये

अभय भी दिशा की बात सुन दिशा को किस करते हुवे धक्का मारना सुरु कर देता है अभय का ये पेहला सेक्स अनुभव था वो उसे मिल रहा था और अभय भी उसका पुरा मजा लिये जा रहा था


V53-Rjtozs-Tt-EVe-Pk-Trim-1752059432557
दिशा को दर्द हो रहा था लेकिन अब अपने देवर का मोटा गर्म लंड अपनी गर्म फूली चुत के अंदर तेजी से आते जाते फिल कर दिशा को भी एक अलग माजा आने लगता है दिशा भी इस मजे मे खो जाती है


अभय फिर दिशा के ऊपर से हट दिशा के चुचे पकर चुदाई करने लगता है दिशा का मुह आजाद हो गया था तो दिशा आह उह्ह् मा दर्द हो रहा है आह बहोत अंदर तक जा रहा है आह देवर जी


k-Alwg-GTtc-JLJMj-V-Tr
अभय दिशा को देख - भाभी आपकी चुत इतनी टाइट गर्म है कि मेरा लंड अंदर मे जल रहा है लेकिन कसम से ये फिल कर मुझे इतना मजा आ रहा है की मे आप को सब्दो मे पता नही पाऊगा आप कमाल हो भाभी और आपकी ये खूबसूरत हॉट बॉडी भी जो मुझे और जोस बढ़ा रही है हाल ये था दिशा फिर कापते हुवे झर जाती है


अभय - भाभी घोरी बन जाओ दिशा दिशा घोरी बन जाती है और अभय जोर जोर से धक्के मारने लगता है तो वही दिशा के बरे गोल मटोल चुचे हवा मे जोर जोर से हिले जा रहे थे उसी के साथ दिशा का पुरा सरीर भी अभय के जोरदार धक्के से हिल रहा था


vti-MAX0-Qdm-GS8bs-Trim
दिशा घोरी बनी मन मे - आह मा देवर जी का बहोत लम्बा मोटा है और इस पोजिसंन मे देवर जी का लंड मेरे बचेदानी मे जाके सीधा लग रहा है इस लिये मुझे और भी जयादा दर्द हो रहा है अभय पूरे जोस मे धक्का मारे जा रहा था कमरे मे फच् फच् फट फट की आवाजे गुजे जा रही थी दिशा थक जाती है तो अभय को बिस्तर पे लेता कर सब सर्म छोर उपर आ जाती है

दिशा अभय के लंड को पकर अभय के लंड पे बैठ कर पुरा लंड अपनी चुत के अंदर लेके अभय के ऊपर लेत जाती है अभय भी दिशा को बाहों मे पकर लेता है वही दिशा अपनी गांड उठा उठा कर अभय का लंड चुत मे लेने लगती अभय के लंड की सवारी करने लगती है


4f-K2-WHwu-Hhz-GHg-B-Trim-1754474079672
oscar wilde most famous poems
अभय दिशा को बाहों मे पकर बिस्तर पे लेते लेते पुरा मजा ले रहा था अभय दिशा सरीर चुत की गर्मी से पागल हुवे जा रहा था पेहला सेक्स वो भी अपनी भाभी के साथ अभय को और जोस मजा दे रही थी दिशा भी थक जाती है तो अभय दिशा को नीचे लेता कर दिशा के ऊपर आ जाता

अभय चुदाई किये जा रहा था 40 मिनट से उपर होने वाले थे दोनो पसीने से भीगे हुवे थे अभय दिशा के ऊपर लेत दिशा को बाहों मे पकर धक्के मारे जा रहा था और दिशा के गले पे किस किये जा रहा था दोनो की मेहनत पसीने मे बदल कर निकल रही थी जो साफ दिख रहा था दोनो थके हुवे भी लग रहे थे


c-LO6-Rnw-Q-525i2cd-Trim
अभय अब झरने वाला था दिशा भी अभय जोर जोर से धक्का मारने लगता है तो दिशा भी अभय को कस के पकर लेती है अभय धक्के मारते हुवे लास्ट जोर का धक्का मार अभय दिशा आह करते हुवे दोनो झर जाते है 45 मिनट चुदाई चली

अभय दिशा की हालत खराब थी दोनो पूरे पसीने से भीगे हुवे थे अभय दिशा के ऊपर से लीचे लेत जाता है दोनो की सासे तेज चल रही दोनो बहोत थके हुवे थे

दिशा बिस्तर पी लेती जोर जोर से सासे लेते हुवे मन मे - ये किया था इतनी देर कोन चुदाई करता है आज तो लगा था आज मे गई काम से उपर से देवर जी मा मोटा लम्बा लंड मेरा तो पुरा सरीर दर्द कर रहा उपर से मेरी चुत मे दर्द के साथ जलन भी हो रही है

अभय जोर जोर से सासे लेते हुवे - बाप र ये किया था चुदाई मे इतना मजा आता है कसम से क्या किस्मत है मेरी किसने सोचा था मेरा पेहला सेक्स भाभी के साथ होगा लेकिन भाभी की चुदाई मे एक अगल मजा आया जो सायद किसी और लरकी के साथ नही आता वैसे भी भाभी उपर से नीचे तक कयामत है

दोनो अपने सोचो मे घुम थे 10 मिनट बाद दोनो की सासे नॉर्मल होती है दोनो सांत होते है

दिशा अभय की तरफ पलट जाती है और अभय को देखने लगती है अभय भी पलट कर दिशा को देखता है तो दिशा सर्म से नजरे नीचे कर लेती है अभय मुस्कुराते हुवे दिशा को बाहों मे भर लेता है तो दिशा और सर्म से पानी पानी हो जाती है दिशा को देख

अभय - भाभी जो होना था हो गया आप का दिल से थैंक्स मुझे बहोत मजा आया आपकी
दिशा अभय के मुह बंद करते हुवे अभय को देख
दिशा सर्म से लाल होते हुवे - आगे कुछ मत कहिये मुझे बहोत सर्म आ रही है
अभय दिशा के हाथ हटा कर मुस्कुराते हुवे - ठीक है लेकिन मेरा एक बार मे मन नही भरने वाला
दिशा हैरानी से - किया कहा
दिशा फिर अभय के लंड को देखती है तो दिशा की सासे फिर रुक जाती है अभय का लंड फिर पूरे ओकात मे आ गया था

अभय पुरा फिट था ऊपर से अभय का पेहला सेक्स था पेहला चुदाई का स्वाद चखा था वो भी अपनी खूबसूरत हॉट भाभी के साथ तू एक बार मे भला अभय का मन कैसे भरता

अभय दिशा के ऊपर आके तांगे फैला के दिशा के चुत मे लंड दाल देता है दिशा आह मा आज तो मे गई काम से


4f-zk-Yt3e-Dpilp-U0-Trim
अभय मुस्कुराते हुवे जोर जोर से धक्का मारते हुवे चुदाई करना सुरु कर देता है दिशा आह मा मर गई उह्ह् आह करने लगती है फिर कमरे मे फच् फच् फट फट की आवाजे गुज उठती है


आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏🙏
बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर कामोत्तेजक अपडेट है भाई मजा आ गया
 
  • Like
Reactions: Gokb and ckkhandu
Top