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Incest तू लौट के आजा मेरे लाल

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chapter 20

सुबह शोभा उठ कर नहा पर रेडी होती है पेहले हमेसा की तरह उसके बाद अभय के कमरे मे जाती है अभय आराम से सो रहा होता है अपने बेटे को आराम से सोता देख आसा मुस्कुराते हुवे अभय के पास जाके झुक कर अभय के कान मे मीठी आवाज मे

आसा - मेरे लाला उठ सुबह हो गई है
अभय आखे खोल मा को देखता है और मुस्कुराते हुवे आसा को पकर बिस्तर पे खीच लेता कर आसा अभय के ऊपर आउच करते हुवे गिरती है अभय अपनी मा को नीचे कर आसा के ऊपर आ जाता है और प्यार से आसा को देखने लगता है आसा अभय को प्यार से देखती है


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अभय आसा की आखो मे देख - मेरी सेक्सी मा अब आप अपने लाला के चंगुल मे फस गई है अब किया करेगी आप
आसा अभय को देख मुस्कुराते हुवे - मे किया करुगी मे तो खुद अपने लाला के चंगुल मे फसना अच्छा लगता है
अभय मुस्कुराते हुवे - आपके लाला को आपके प्यार रसीले होठो पे कीस्सी करना है
आसा मुस्कुराते हुवे - मेरे लाला को किस्सी चाहिये मेरे रसीले होठो पे
अभय प्यारा चेहरा बना के - हा चाहिये
आसा हस्ते हुवे - लाला कितनी बार कहा है जब तुम्हारा दिल करे किस कर लेना मे अपने लाना को मना थोरी करुगी
अभय आसा के कान मे धीरे से - मुझे पता है सेक्सी मा लेकिन जब आप खुद केहती है कर ले तब मुझे अच्छा लगता है
आसा सर्म से लाल होते हुवे - कर ले लाला


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अभय मुस्कुराते हुवे अपनी मा के रसीले होठो को देखता है
आसा शर्मा के - किया देख रहा है
अभय आसा की आखो मे देख मुस्कुराते हुवे - आपके लाल होठ बहोत प्यारे खूबसूरत है
आसा सर्माते हुवे - लाला तु तारीफ करता है मुझे अच्छा लगता है
अभय आसा की आखो मे देख - आप हो ही हॉट खूबसूरत तरफ तो करनी परेगी ना
आसा - अच्छा बाबा जल्दी किस कर तेरी गुरिया को जगाने जाना है


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अभय मुस्कुराते हुवे अपने होठ आसा के होठो के पास ले जाता है दोनो की सासे एक दूसरे से टकरा रही थी और एक दूसरे की आखो मे देखते है
आसा अपना होठ थोरा खोल देती है अभय आसा के होठ को थोरा मुह मे लेके चूस कर छोर देता है फिर अपनी मा को देख
अभय - मेरी गुड मोर्निंग आपके के किस की वजह से बहोत गुड हो जाती है
आसा अभय की आखो मे प्यार से देख -मेरी भी लाला

अभय आसा के ऊपर से हट जाता है आसा खरी होकर बाल सारी सही कर अभय को देख - या गुरिया को जगा दे

अभय जाते हुवे - जी मा


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अभय अदिति के कमरे मे आता है अदिति नाइट गाउन मे सोई हुई बहोत सेक्सी लग रही थी हमेसा की तरह


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अभय अदिति के पास जाके अदिति के गालो पे किस करते हुवे
अभय - मेरी प्यारी गुरिया उठ जा सुबह हो गई है
अपने भाई की आवाज सुन अदिति आखे खोल अभय को देख
अदिति मुस्कुराते हुवे - मेरा हैंडसम प्यारा भाई गुड मोर्निंग
अभय मुस्कुराते हुवे - गुड मोर्निंग मेरी गुरिया


अभय अदिति बाहर आते है अभय फिर हल्का होने जाता है फिर अपना जोगिंग् करने मे लग जाता है 20 मिनट जोगिंग् करने के बाद अभय विजय के घर जाता है

कोमल रोज की तरह खाना बनाने मे लगी हुई होती है अभय अंदर आके कोमल को देख मुस्कुराते हुवे - गुड मोर्निंग बंदरिया

कोमल हैरान अभय को देख गुस्से से - गुड मोर्निंग बंदर कही का
अभय मुस्कुराते हुवे - मे बंदर तु बंदरिया

अभय कि बात सुन कोमल सर्म से गुस्से से अभय को मारने दोरते हुवे - आज मे तुझे समझ सिखा कर रहुगी

अभय डरते हुवे भागता है अभय को काजल कमरे से आती देखती है अभय जल्दी से काजल के पीछे जाके छुप जाता है

काजल हैरान होते हुवे - अरे तुम दोनो फिर सुरु हो गये
कोमल काजल से - बुआ इस अभय के बच्चे ने मुझे बंदरिया कहा


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अभय काजल को पीछे से कमर मे हाथ दाल पकर काजल से पुरा सत् कर कोमल को देख - तूने भी तो मुझे बंदर कहा
कोमल अभय को गुस्से से देख - तुम बंदर बुआ के पीछे कियु छुप रहा है बाहर आ हिम्मत है तो
काजल कोमल से - बस हो गया जाके खाना पे ध्यान दो
कोमल काजल से - आप हमेसा इस अभय के बच्चे कि साइड लेती है
अभय कोमल को चीढाते हुवे - कियुंकी मे बुआ का लाडला हु
काजल हस्ते हुवे - हा सही कहा
कोमल मुह फुलाते हुवे - देख लुंगी बाद मे

कोमल खाना बनाने मे लग जाती है

अभय काजल के आगे आके काजल के कमर को कस के पकर अपने से सता लेता है काजल की आह निकल जाती है काजल का हर अंग अभय से सता था अभय काजल के शरीर की गर्मी चुचे चूत की गर्मी सब फिल कर पा रहा था लेकिन अभय काजल को लेकर कोई गंदा विचार अपने दिमाग मे आने नही देता


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अभय काजल को देख - मेरी हॉट हुवा फूफा पे तरस खाओ आप यहा है वहाँ फूफा जी को रात मे नींद नही आ रही होगी
अभय कि बात सुन काजल सर्म से लाल अभय के कान पकर - तुझे बरी फिकर है अपने फूफा की हा
अभय दर्द मे- आह बुआ दर्द हो रहा है
काजल अभय का कान छोर देती है अभय काजल को छोर अलग हो जाता है

काजल अभय को देख - बेटा तुमने कहा तो बता तु जल्दी ही तुम्हारी शादी होने वाली है लेकिन फिर भी अभी 25 दिन बच्चे है तो मे सोच रही हु जाके तुम्हारी शादी से पेहले आ जाऊ

अभय काजल को देख - अपने बात तो सही कही है आपके आये कुछ दिन हो गये है और रुकेगी लम्बा हो जायेगा

काजल - सही कहा मेरा घर अब वहा है मेरे बच्चे पति उनसे जायदा दूर नही रेह सकती
अभय - तो चले जाइये ना

काजल अभय को देख मुस्कुराते हुवे - ठीक है तू मुझे छोरने चलेगा
अभय हैरानी से - किया मे
काजल - कियु अपनी बुवा को छोरने नही चलेगा

अभय कुछ सोचते हुवे - ठीक है लेकिन 3 दिन बाद चलेंगे
काजल अभय को देख - तीन दिन बाद कियु
अभय काजल को देख - बुआ शादी का कार्ड भी तो देना है सोच रहा हु जब आपके साथ चल हि रहा हु तो कार्ड देते आऊगा खुद फूफा को

काजल बहोत खुश हो जाती है और अभय के गाल पे किस करते हुवे - ये हुई ना बात

तभी मिनिता बाहर कई गई थी अंदर आते हुवे काजल अभय को देख - किया बात हो रही है बुआ भतीजे मे

काजल मिनिता को देख मुस्कुराते हुवे सब बता देती है

मिनिता अभय के पास आके - ये तो अच्छी बात है

अभय मुस्कुराते हुवे मिनिता को भी पकर कस के अपने सीने से सता लेता है मिनिता आह करते हुवे पुरा अभय से चिपक जाती है


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अभय मिनिता की आखो मे देख - मेरी हॉट ऑन्टी कहा गई थी
मिनिता भी अभय को बाहों मे पकर अभय को मुस्कुराते हुवे देख कर - मे अपने बॉयफ्रेंड से मिलने गई थी
अभय रोने का नाटक करते हुवे - क्या मुझमे किया कमी थी जो आप मुझे छोर किसी और के साथ

अभय मिनिता को छोर रोने का नाटक करते हुवे जाते हुवे - दिल टूट गया मेरा तो मे जा रहा हु

कोमल काजल दोनो के डारामे देख पेट पकर जोर जोर से हसे जा रहे थे
मिनिता जल्दी से जाके अभय को पकर रोकते हुवे हस के - बस भी कर तुझे पता है मे मजाक कर रही थी
अभय मिनिता को देख मुस्कुराते हुवे - हा पता था
मिनिता अभय के गाल पे किस करते हुवे - नॉटकी बाज

अभय कोमल को देख - ओये तुझे केहना परेगा क्या
कोमल अभय को देख मुह फुलाते हुवे अभय के पास आके गाल पे किस करते हुवे - सर्म कर बच्चो वैसे सब से किस मागता है

अभय मुस्कुराते हुवे - तु नही समझेगी ( अभय सभी को देख) ठीक है ऑन्टी बुआ बंदरिया मे जाता हु

अभय तेजी से भाग जाता है

कोमल मिनिता काजल को देख गुस्से से - सुना ना आप दोनो ने अभय का बच्चा मुझे क्या केह कर गया है

मिनिता काजल एक दूसरे को देखते है फिर कोमल का देख मुस्कुराते हुवे - नही हमने तो नही सुना

कोमल ये सुनते ही गुस्से से चली जाती है

अभय घर आता है अदिति खाना बना रही थी अभय अदिति को देख - मेरी प्यारी गुरिया को खाना बनाना पर रहा है

अदिति अभय की तरफ भोला चेहरा बनाते हुवे - हा ना लेकिन मेरे भाई के लिये बनाने मे मुझे दिकत नही खुशी हो रही है

आसा कमरे से आते हुवे - हा हा पैदा मेने किया लेकिन भाई के गुनगान गाती रेहती है
अदिति मुस्कुराते हुवे - मा जैसे आप भाई का भाई आपका गुन गान गाते रेहते है वैसे ही मे भाई का भाई मेरे गुन गान गाते रेहते है

आसा खाट पे बैठते हुवे - हा हा समझ गई

अभय मुस्कुराते हुवे नहाने चला जाता है खाना बनने के बाद अभय सभी खाना खाते है अभय अदिति मा से शादी से लेकर कुछ बातें करता है

सुबह 10 बजे

अभय बाइक लेके शादी की कार्ड छपवाने निकल परता है अभय बाइक से गाना गुनगुनाते हुवे जा रहा था तभी अभय की नजर इंस्पेक्टर नितिका पे जाती है जो रोड साइड खरी थी

अभय नितिका को देख बाइक सीधा नितिका के सामने रोक देता है
नितिका अचानक सामने अभय को देख हैरान हो जाती है
अभय नितिका को देख - मैडम आप रिक्सा का इंतज़ार कर रही है किया
नितिका अभय को देख - हा सही कहा आज मेरी इस्कुटि ने धोका दे दिया
अभय - अच्छा ये बात है चलिये मे आप को छोर देता हु
नितका अभय को देखती है फिर पीछे जाके दोनो तरफ पैर कर बैठ जाती है अभय बाइक दोरा देता है

नितिका - वैसे तुम जा कहा रहे हो
अभय - अरे हा अच्छा हुआ आप ने मुझे याद दिला दिया मेरी शादी फिस्क हो गई है तो कार्ड छपवाने जा रहा हुई
नितिका हैरान होते हुवे - अच्छा ये बात है अब है शादी तुम्हारी
अभय - इसी 29 को
नितिका - और हैरान होते हुवे अच्छा लेकिन शादी की कार्ड अब छपवाने जा रहे हो

अभय - मुझे पता है आप क्या केहना चाहती है लेकिन मेरे जायदा रिस्तेदार नही है और मुझे कुछ ही कार्ड छपवाने है थोरा जयादा पैसा दे दूँगा काम हो जायेगा
नितिका मुस्कुराते हुवे - बहोत तेज हो
अभय मुस्कुराते हुवे - आज की दुनिया ऐसे हि चल रही है

तभी अभय की नजर आगे रोड साइड जाते हुवे किसी बंदे पे परती है जिसे देख अभय को वो बंदा जाना पहचाना लगता हैं अभय फिर सामने देखता है तो ब्रेकर था अभय जल्दी से बाइक को धिरा करता है लेकिन फिर भी बाइक उछल परती है


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तभी अभय को अपने पीछे पिट पे दो बरे बरे गोल मुलायम चुचे अपने पीठ पे डबता मेहसूस होता है अचानक ब्रेक मारने से नितिका सीधा अभय से जा तकराती है और नितिका के बरे चुचे अभय के पीठ से पुरा चिपक कर डब जाते है और अभय साफ फिल कर पा रहा था

लेकिन उसी के साथ अभय की फट के चार हो जाती है अभय को पसीने आने लगते है सरीर कापने लगता है लेकिन अभय खुद को काबू करता है

नितिका अभय से हट कर सही से बैठ जाती है पुलिस इस्टेशन आ जाता है नितिका बाइक से उतर जाने लगती है बिना कुछ कहे तो अभय के सास मे सास आती है अभय गहरी सास लेके बच गया

तभी नितिका अभय के बिल्कुल सामने आके अभय की आखो मे देख - मजा तो बहोत आया होगा है ना
अभय की फट जाती है पसीने आने लगते है

अभय कापते हुवे नितिका को देख - मैडम आप किया केह रही है
नितका मुस्कुराते हुवे - तुम ने जान बुझ कर किया ना
अभय कापते हुवे नितिका को देख - मैडम मे किसी लरकी के साथ ऐसा करनी की हिम्मत ना करू और आप तो पुलिस इंस्पेक्टर हो वो भी
नितिका अभय की आखो मे देख - वो भी किया
अभय डरते हुवे -आप से तो सारे मुजरिम डरते है आप तो आज की रियल एक्शन वाली हिरोइन है जिसे सब जानते है

नितका अभय की बात सुन हैरान होती है फिर अभय को देख मुस्कुराते हुवे - अच्छा ऐसा किया ( नितिका जाते हुवे मुस्कुरा के) ठीक है जा सकते हो

नितिका फिर पीछे देखती है तो अभय फुर हो चुका था ये देख नितिका कि हसी छुट जाती है

अभय बाइक से जाते हुवे - बच गया दुनिया मे सब से पंगा लो लेकिन इस लेडी डॉन से बिल्कुल नही

अभय कार्ड वाले के पास आके कुछ कार्ड जैसा अभय को चाहिये था वार्ड पे किसका किसका नाम होगा डिजाइन सब बता देता है अभय डबल पैसे भी दे देता है तो कार्ड वाला भी मान जाता है

अभय फिर घर की तरफ जाने लगता है और दिशा से बाते भी करने लगता है अभय कान मे बुलुटूथ लगाये हुवे था

दिशा - अच्छा तो आप कार्ड छपवाने आये थे
अभय - हा मेरी रानी
दिशा - अच्छा ये बताइये खाना खा लिया
अभय - खा कर ही घर से निकला हु तुम बताओ
दिशा- हमने भी खा लिया है
अभय - अच्छा है

अभय बातें करते हुवे घर आ जाता है

( आरोही के घर )

आरोही बिस्तर पे लेती हुई थी और छत को एक तक देखते हुवे अदिति से मिलने के बाद जो हुवा उसे याद कर सोचने लगती है

हा तो आरोही जब कल अदिति से मिल कर जा रही थी तब आरोही अदिति से गुस्सा थी

आरोही साइकल एक जगह रोक कर टीनू को फोन करती है टीनू फोन उठाता है

आरोही - तुम कहा हो
टीनू - कहा रहुंगा अपने बंगले मे हु
आरोही - ठीक है मे आ रही हु वहा
टीनू - आ जाओ फिर
फोन कट

आरोही साइकल से 15 मिनट मे टीनू के बंगलो पे पहुँच जाती है आरोही अंदर होल मे जाती है तो सामने किसी को देख हैरान हो जाती है सामने वाला बंदा आरोही को देख

अंजान - तुम आरोही हो ना आओ बेटा मे टीनू का पापा हु

टीनू के पापा नाम - उदय - उमर 46 साल - टॉप 10 अमीरों मे से एक उदय आज जिस पुजिसन् पे है सब काले गंदे गैर काम कर के पहुचा है लेकिन लोगो के सामने एक अच्छा गरीबो कि मदद करने वाला अमीर जादा बन के बैठा है

आरोही थोरा घबरा रही थी

आरोही उदय को देख - अंकल मे टीनू से मिलने आई थी
उदय - बेटा पेहले आके बैठो फिर बात करते है
आरोही उदय से ठोरी दूर बैठ जाती है
उदय आरोही को देख - बेटा टीनू को उसके दोस्त का फोन आया था सायद कुछ हुवा है इस लिये चला गया जल्दी हि आ जायेगा

आरोही नजरे नीचे किये - अच्छा तो मुझे जाना चाहिये मे बाद मे आके मिल लुगी

आरोही खरी होने वाली हि होती है की

उदय - रुक जाओ
आरोही रुक कर उदय को देख - जी अंकल
उदय आरोही को देख - तुम टीनू के बीच जो चल रहा है तुम दोनो जो करने की कोसिस कर रहे हो या कहे करने वाले हो मुझे सब पता है

उदय की बात सुन आरोही हैरान और बहोत डर भी जाती है

आरोही उदय को देख कापते हुवे - अंकल आपको कैसे पता चला
उदय चारों तरफ देख - इस बंगलो के हर एक कोने मे केमरा माइक लगा है
आरोही को बहोत बरा झटका लगता है आरोही कापते हुवे मन मे -यानी उस दिन टीनू मेरे बीच जो हुवा अंकल ने सब देख लिया और मेरा टीनू का वीडियो इनके पास है

उदय आरोही को देख - सांत हो जाओ बेटा और मेरी तरफ देखो
आरोही सांत होके उदय को देखती है


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उदय - बेटा तुम जो चाहती हो कोई गलत नही हो बता है मे भी छोटा था तो अमीर बनना चाहता था अमीरों वाली लाइफ जीना चाहता था और देखो आज जी रहा हुई दूसरी मे खुद उस कमीने अभय उसकी बेहन सब का खात्मा करने का प्लान बना चुका हु अमीर होने का एक. ये भी फायेदा है आपके पास पावर पैसा सब होता है आप कुछ भी कर सकते है

आरोही हैरान होती हो उदय कि बात सुन

उदय - बेटा बताओ तुम अमीर बनना चाहती हो किया तुम्हे भी पावर चाहिये
आरोही - हा चाहती अंकल लेकिन कैसे
उदय - मे दूँगा तुम्हे पैसा पावर तुम्हारे भाई को एक अच्छी नोकरी घर बंगला गारी तुम्हे भी मिलेगा और अदिति भी तुम्हे दुगा तुम उसके साथ जो चाहो कर सकती हो सोचो बेटा तुम्हारे पास पैसा होगा तुम दुनिया में जहा चाहे घूम सकती हो जा सकती हो जो चाहे कर सकती हो तुमहारे अमीर अमीर लरकिया दोस्त बनेगी फिर अपने भाई की शादी अमीर लरकी से करना और अदिति का उसकी ओकात दिखा देना

उदय की बातो में आरोही फस जाती है आरोही को सिर्फ पैसा और अदिति से बदला दिखाई देने लगता है

आरोही उदय को देख - लेकिन आप मुझे सब फिरी मे तो नही देगे
उदय अब मुस्कुराता है उदय आरोही को देख - देखो बेटा तुम्हारी बात सही है देखो मुझे यहा तक पहुँचने मे मेरी आधी उमर गुजर गई लेकिन मे तुम्हे कुछ हि महीने मे इतना अमीर बना हि दूंगा कि तुम आराम की लाइफ जी सकती हो

आरोही उदय को देख - समझ गई लेकिन उसके बदले आप मुझे चाहते है सही कहा ना

उदय मुस्कुराते हुवे - बेटा तुम बहोत समझदार हो तुम बहोत आगे जाओगी ये मत सोचना सिर्फ तुम्हे पाने के लिये मे तुम्हारे उपर इतना पैसा खर्च करुगा मे कुछ पैसे मे मॉडल को अपने बेडरूम मे ला सकता हु मे ये इस लिये कर रहा हु कियुंकी तुम मेरे बेटे की दोस्त हो


आरोही खरी जोकर जाते हुवे - ठीक है मे आपको सोच कर पता दूंगी
उदय - जैसा तुम चाहो

आरोही फिर चली जाती है आरोही के जाते हि कमरे से टीनू बाहर आते हुवे - कियु पापा कैसी लगी आरोही

उदय टीनू को देख मुस्कुराते हुवे - मस्त सील पैक माल है

रात का समय

आरोही जब अदिति से बात कर रही थी और अदिति ने साफ आरोही को केह दिया था वो अमर से शादी नही करेगी अदिति भी परेसान हो चुकी थी बार बार अदिति के पूछने से

अदिति के मना करने के बाद आरोही के दिल मे थोरि बहोत दोस्ती बच्ची थी वो भी खतम हो जाती है और अब आरोही के दिल मे अदिति अभय के लिये नफरत गुस्सा और बदला लेने कि चाहत आ जाती है

उसी के बाद अदिति उदय को फोन कर हा कर देती है

रात 12 बजे

सब के सो जाने के बाद अदिति चुपके से घर के बाहर आती है बाहर एक कार रुकी हुई थी अदिति उस कार मे जाके बैठ जाती है और कार सीधा बंगलो के बाहर रुकता है आरोही अंदर जाती है हॉल मे

हॉल मे उदय आरोही का इंतज़ार कर रहा था उदय कि नजर आरोही पे जाती है तो उदय खुश हो जाता है


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उदय बरे प्यार से आरोही को देख - बेटा आओ बैठो
आरोही उदय के पास जाके बैठ जाती है
उदय आरोही को देख - बेटा अब हम एक है तुम अब किसी चीज कि चिंता मत करो कोई भी तुम्हारे मा पापा भाई तुम्हे टच नही कर पायेगा और रही अदिति अभय की बात तो हम दोनो खुद दोनो से बदला लेगे उसके बाद तुम अपने परिवार के साथ मस्त लंदन पैरेस् जहा जाना चाहो जाके मस्त घूमना मजे करना अभी तुम जवान हो अपनी लाइफ खुल कर जीना

उदय की हर बात आरोही को अच्छी लग रही थी वही उदय आरोही के सबसे कमजोर नस को पकरा हुवा था उदय को भी बता था आरोही अमीर बनना चाहती थी इस लिये उदय आरोही को पूरी तरह से अपने बोतल मे उतारने के लिये ये बात कही थी उदय चाहता था आरोही बिना जिझक के बिना कोई सवाल के उसकी हर एक बात माने इसी लिये उदय इतने प्यार से ये बात कही और आरोही फस भी जाती है

आरोही मन मे - यही मेरे पास मोक्का है ये मोक्का गया तो मे जिंदगी भर गरीब ही रहुगी भले ही उसके लिये मुझे अपना जिस्म देना कियु ना परे और मुझे अदिति अभय से बदला भी लेना उसी के साथ अंकल का पुरा सपोर्ट रहेगा मेरे साथ

आरोही उदय को देख - आपके जो कहा सच हो ना कही आप बाद मे

उदय - बेटा अपना अकाउंट दो मुझे
आरोही टीनू के केहने मे पे अकाउंट खुलवा लिया था आरोही अपना अकाउंट उदय को देती है

उदय आरोही का अकाउंट लेके एक मेसेज करता है थोरि देर बात ही आरोही के मोबाइल मे एक मेसेज आता है आरोही उस मेसेज को देखती है तो उसकी आखे फैल जाती है आरोही को यकीन नही हो रहा था उदय ने आरोही के अकाउंट मे 1 करोड़ डलवा दिया था

आरोही एक गरीब घास घुस के घर मे रेहने वाली लरकी जिसे हर सॉक मार कर जीना परता था लेकिन आज 1 करोड़ अपने अकाउंट मे देख उसकी आखे चकम् उठती है

उदय मन मे - साली तेरे जैसे कई लरकी को मे ऐसे हि फसा कर उसके साथ मजे करता हु ये 1 करोड़ मेरे लिये समुंदर से एक बूंद पानी निकालने के बराबर है

उदय - अब बिस्वास हुवा बेटा
आरोही होस मे आते हुवे उदय को देख - जी अंकल
उदय अपना हाथ आगे बढ़ाते हुवे - तो मिलाओ हाथ आज से तुम मेरी हो और मे तुम्हारा हर तरह से खयाल और साथ दूँगा
आरोही उदय से हाथ मिलाते हुवे - आज से आरोही आप की हुई आप जो कहेगे करुगी बिना कोई सवाल जवाब के

उदय मुस्कुराते हुवे - ये हुई ना बात
उदय मन मे - फस गई साली

उदय आरोही को देख - तो चले कमरे मे
आरोही जो अब पुरा बदल चुकी थी अब आरोही पहले वाली आरोही नही रही थी

आरोही मुस्कुराते हुवे - जी चलिये

दोनो कमरे मे आते है उदय आरोही को पकर बिस्तर पे लेत जाता हो उदय आरोही के उपर था आरोही उदय को देख रही थी

उदय - बेटा अब तुम मेरी बीवी हो बोलो
आरोही मुस्कुराते हुवे - हा मे आपकी बीवी हु
उदय मुस्कुराते हुवे - तो तुम्हारी परोबलम मेरी परोबलम है इस लिये हमे तुमहारे पापा भाई मा को हमारे साथ मीलाना होगा तभी तुम खुल कर जैसे उड़ा पाओगी लाइफ के मजे ले पाउंगी

आरोही हैरान और खुश होते हुवे - में यही सोच रही थी और मेरी परोबलम मा पापा भाई ही है अगर वो सब भी हमारे साथ मिल जाये तो मेरी परोबलम हि खतम हो जायेगी

उदय मुस्कुराते हुवे - देखा मान गई ना मुझे
आरोही - हा लेकिन पापा मा भाई को बनायेगे कैसे
उदय - तुम मेरी हो तो कहा ना तुम सब मुझपे छोर दो
आरोही मुस्कुराते हुवे - छोर दिया

उदय मुस्कुराते हुवे - अब रहा नही जाता चलो सुरु करते है

आरोही मुस्कुराते हुवे सारे कपड़े निकाल पूरी नंगी हो जाती है उदय बरे गौर से आरोही के नंगे हर अंग को देखने लगता है आरोही सच मे बहोत खूबसूरत थी और उसकी बॉडी भी आरोही के बरे चुचे कमर चिकनी साफ फूली उभरी हुई चूत मोटे जांघे बरे गांड


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आरोही उदय को देख - कैसा लगा अंकल
उदय होस मे आते हुवे आरोही को देख - बेटा मेरे पास शब्द नही हो तुम सच मे कमाल की हो


उदय भी जल्दी से सारे कपड़े निकाल पुरा नँगा हो जाता है आरोही की नजर उदय के 6 इंच लंड पे जाती है तो

उदय बिस्तर पे आके आरोही के चुचे को पकर दबाने लगता है चूसने लगता है आरोही बिस्तर पकर आह सिसकिया लेना सुरु कर देती है


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उदय - बेटा तुम्हारे चुचे बहोत बरे टाइट मुलायम हैं दबाने मे मजा आ रहा है ( आरोही - सिसकिया लेते हुवे - आह अंकल धीरे दर्द हो रहा है
उदय - बेटा दर्द मे मजा हो आह किया चुचे है तेरे

उदय फिर आरोही की टांगे फैला के चूत को चाटने चूसने लगता है आरोही जोर से बिस्तर पकरे सिसकिया लेते हुवे मछली कि तरह उछलने लगती है आरोही का ये पहली बार था और आरोही को मजा भी आ रहा था आरोबि उदय के सर पकर अपनी चूत पे दबाते हुवे - अंकल और चुसो मेरी चूत को बहोत मजा आ रहा है आह मुझे पता नही था चूत चुस्वाने मे इतना मजा आता है अंकल चुस्ते रहिये आह


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उदय आरोही की चूत मे जिब दाल चाटते मुह मे लेके चुस्ते हुवे - मेरी बेटी आह मजा तो मुझे भी आ रहा है तेरी कुवारी चूत को चाट कर
2 मिनट बाद आरोही का शरीर अकरने लगता है सरीर कापने लगता हो आरोही उदय के सर अपनी चूत मे जोर से दबाते हुवे (अंकल और तेज करिये मेरा निकलने वाला है 1 मिनट बाद आरोही बिस्तर को जोर से पकरे कापते हुवे आह मा अंकल निकल गया आरोही झर जाती है

उदय सारा पानी पी जाता है उदय खिलाडी था रोज नई लरकी का मजे लेता था

आरोही जोर जोर से सासे लिये जा रही थी आरोही के चूत से पानी बिस्तर पे गिर रहा था

उदय आरोही को देख - मजा आया मेरी बेटी को
आरोही उदय को देख मुस्कुराते हुवे - बहोत

उदय बिस्तर पे लेत बेटा अब मेरा लंड मुह मे लेके चुसो आरोही बिना देरी किये उदय के लंड को मुह मे लेके मजे से चूसने लगती है उदय आह बेटी बहोत अच्छा कर रही हो ऐसे हि पुरा अंदर लेकर चूसती रहो आह बहोत मजा आ रहा है बेटी आह करती रहो


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आरोही लंड चूसते हुवे मन मे - मेरा पहली बार है वो भी एक पापा के उपर के अंकल के साथ लेकिन फिर भी मुझे मजा आ रहा है बहोत मजा लंड का स्वाद अजीब है लेकिन पीने से रोक नही पा रही हु 2 मिनट बाद

उदय आरोही को बिस्तर पे लेता देता है और उदय आरोही को देख
उदय - रेडी हो बेटा
आरोही - जी

उदय आरोही के चूत मे अपना लंड घिसने लगता है आरोही मचल् उठती हो बिस्तर पकर सिसकिया लेने लगती है थोरि देर बाद आरोही सिसकिया लेते हुवे उदय को देख - अंकल दाल दीजिये प्लेस


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आरोही की बात सुन उदय मुस्कुराते हुवे - यही तो मे सुनना चाहता था उदय अब सीधा जोर का एक धक्का मार देता है लंड आरोही कि सील तोरते हुवे पुरा लंड आरोही कि चूत मे घुसा देता है


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आरोही दर्द से चिल्ला परती है आखो से आसु निकल आते है चूत से खुन निकल बिस्तर पे गिरने लगता है आरोही उदय को देख दर्द मे - अंकल बहोत दर्द हो रहा है ( उदय - बस बेटा हो गया सेह लो
उदय मन मे - बहोत गर्म चूत है इसकी जैसे कई दिन से लंड के लिये ही तरप रहो हो

उदय अब धक्का मारने लगता है उदय का लंड अब आरोही कि चूत को फैलाते हुवे अंदर बाहर होने लगता है आरोही बिस्तर पे परी आह उहह मा करते हुवे उदय का लंड अपनी चूत मे आते जाते फिल कर मजा लेने लगती है


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उदय धक्का मारते हुवे - बेटा मजा आ रहा है ना बोलो
आरोही सिसकिया लेते हुवे उदय को देख - अंकल बहोत मजा आ रहा है करते रहिये डालते रहिये मेरी चूत मे अपना लंड आह बहोत अच्छा फिल हो रहा है आह मा

उदय बेटा घोरी बन जाओ आरोही जल्दी से घोरी बन जाती है उदय एक बार मे ही जोर का धक्का मार पुरा लंड आरोही की चूत मे घुसा देता है आरोही दर्द मे चिल्ला रो परती है उदय धक्के मारने लगता है


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आरोही आखो मे आसु लिये - आह मा अंकल बहोत दर्द हो रहा हो थोरा धीरे धक्का मारिये
उदय धक्के मारते हुवे - बेटा सेह लो कुछ नही होगा
उदय जोर जोर से धक्का मारते रेहता है आरोही आह मा मर गई बहोत दर्द हो रहा है आह उहह घिरे आह नही आह करती रहती है

उदय फिर आरोही को बिस्तर पे लेता के एक बार मे हि लंड घुसा देता है आरोही आह मा दर्द हो रहा है अंकल अंदर लग रहा है आह मा मेरी चूत आह घिरे आह उदय तो धक्के मारते रेहता है दर्द मे आरोही को भी बहोत मजा आ रहा था


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उदय जोर जोर से तेज धक्के मारते हुवे - बेटी तेरी चूत बहोत गर्म है मजा आ रहा है तेरी चूत मारने में
आरोही - आह अंकल मुझे भी आपसे चुदवा कर मजा आ रहा है
आरोही -अंकल मेरा आने वाला है और तेज करिये ना
उदय जोर जोर से धक्का मारते हुवे - बेटी मेरा भी आने वाला है
आरोही आह मा करती हो उदय आह बेटी करती है दोनो फिर झर जाते है

उदय बिस्तर पे लेत जोर जोर से सासे लेने लगता है आरोही भी 20 मिनट चुदाई चली थी बिस्तर आरोही के खुन पानी से गिला परा था

2 मिनट बाद उदय आरोही को बाहों मे लेके - बेटा एक बार से मेरा दिल नही भरेगा
आरोही उदय को देख मुस्कुराते हुवे - मे आपकी मेरी चूत आपकी जितना डालना है दाल दीजिये
उदय मुस्कुराते हुवे - अभी चार्ज होने मे समय लगेगा तब तक हम. प्लान बना लेते है आगे किया करना है
आरोही भी सीरियस होके - जी सही कहा

फिर दोनो मे बाते होने लगती है प्लान बनने लगते है 1 घंटे बाद

आरोही मुस्कुराते हुवे उदय को देख - मान गई मे आपको अब समझ मे आया आप यहा इस पोनिजन मे कैसे आये
उदय मुस्कुराते हुवे - चिंता मत करो धीरे धीरे मेरे बारे मे सब जान जाओगी

आरोही मुस्कुराते हुवे अपनी टांगे फैलाते हुवे - बाते बहोत हो गई अब मेरी चूत आपका लंड मांग रही है दाल दीजिये मेरी चूत मे लंड


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उदय आरोही के चूत को देखते हुवे - जरूर दालुगा बेटी तुम्हारी चूत है भी फूली गर्म मेरा लंड अंदर जाता है तो मजा आ जाता है
आरोही उदय को देख - तो दाल दीजिये ना अब रहा नही जा रहा

उसय आरोही के चूत मे लंड रख जोर का धक्का मारता है आरोही आखो मे आसु लिये - आह मा मर गई लेकिन मजा भी बहोत आ रहा है आह आपका लंड मेरी चूत मे मेहसूस कर सुकून मिल गया


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उदय तेज तेज धक्का मारते हुवे आरोही को किस करने लगता है फिर आरोही को देख - सच केह रहा हु बेटी इतना मजा तो मुझे किसी के साथ नही आया
आरोही सिसकिया लेते हुवे - आह अंकल अब ये मजा मे आपको रोज दुगी कियुंकी मुझे भी अब ये मजा रोज चाहिये
उदय धक्के मारते हुवे - जरूर दूँगा बेटी

12 से सुबह के चार बजे तक बाते के साथ उदय 3 बार आरोही की चुदाई करता है

आरोही कमरे पेहन कर रेडी हो जाती है और उदय को किस करते हुवे - अंकल अब मे चलती हु बहोत मजा आया मुझे कल फिर मिलुगी
उदय - ठीक है बेटा जाओ

उदय बाहर आता है आरोही गारी मे बैठ उदय को मुस्कुरा के देखती है उदय भी मुस्कुरा देता है फिर गारी निकल परती है


उदय मन मे - एक बात तो है आरोही के साथ मुझे बहोत मजा आया एक अगल सुकून मिला जैसा मुझे किसी और के साथ नही मिला कियुंकी बाकी मेरे पैसे के लिये आते है मजे देके चले जाते है और मुझे भी यही चाहिये था आरोही भी मेरे पास पैसे के लिये आई मुझे सब दिया लेकिन उसने मुझे दिल से सब दिया मुझे अपना माना और ये मेने उसकी बातो आखो मे देख समझ गया वैसे मे बुरा गंदा इंसान हु लेकिन अब आरोही मेरी है मे उसे सब दूँगा और आरोही को एक बीवी की तरह रखूँगा

उदय ये सोच अंदर चला जाता है

वही गारी आरोही के घर के सामने आके रुकती है ड्राइवर आरोही को देख - वैसे अभी सुबह नही हुई है लेकिन पेहले से ही गुड मोर्निंग मैडम

ड्राइवर की बात सुन आरोही मुस्कुराते हुवे गारी से बाहर निकल ड्राइवर को देख - गुड मोर्निंग

गारी फिर चली जाती है आरोही आसमान को देख - मैडम सुनने में अच्छा लगा

आरोही लंगराते हुवे अपने कमरे मे आके बिस्तर पे टांगे फैला के लेत जाती है और आरोही छत को देखने हुवे मन मे - अदिति अभय जल्दी ही असली खेल सुरु होगा बस मुझे सही समय का इंतज़ार है

तो यही हुवा था अदिति से मिल कर आरोही जब गई थी रात से लेकर अब तक की कहानी


आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर कामोत्तेजक अपडेट है भाई मजा आ गया
 

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chapter 21


आरोही के घर - दोपहर 12 बजे

कमरे मे आरोही बैठी हुई थी आरोही के सामने उसका भाई अमर भी बैठा हुवा था आरोही थोरि अंदर से डरी हुई थी अमर आरोही को हि देख रहा था आरोही नजरे नीचे किये हुवे थी

अमर आरोही को देख - मेरी बेहन मेने तुझे टीनू के साथ गारी मे जाते हुवे उसी दिन देख लिया था उसके बाद मेने तुमपे नजर रखी तो तुम फिर टीनू से मिली उसके बंगलो पे भी गई चल क्या रहा है

आरोही को बहोत बरा झटका लगता है आरोही को उमीद नही थी उसके भाई को सब पता चल गया होगा आरोही अब डर से कापने लगती है

अमर आरोही के सर पे हाथ फेरते हुवे प्यार से - तुम मेरी प्यारी छोटी बेहन हो मे वादा करता हु तुमपे गुस्सा नही करुगा बस मुझे सब सच सच बताना परेगा हर एक बात

आरोही डरते हुवे अपने भाई को देख - क्या आप सच केह रहे है आप मुझपे गुस्सा नही करेगे ना

अमर आरोही के चेहरे को पकर आखो मे देख - तुम मेरी एक ही प्यार छोटी बेहन हो और मे तुमसे बहोत प्यार करता हु अब बताओ

आरोही अभी भी बहोत डर रही थी कियुंकी आरोही को अच्छे से पता था उसने जो किया या जिस रास्ते पे वो चल रही है उसे जान उसका भाई गुस्सा जरूर करेगा लेकिन आरोही अमर से बहोत प्यार करती है और अमर की वजह से हि आरोही अदिति से गुस्सा थी कियुंकी आरोही अमर का दुखी नही देख सकती थी

आरोही अपनी मुठी कस हिम्मत कर सुरु से लेकर सब एक एक सच टीनू से मिलना टीनू के साथ जो किया उदय के साथ रात मे जो किया सब सच बता देती है एक भी बात नही छुपाती

सारी सचाई बताने के बाद आरोही नजरे नीचे किये डर से कापते हुवे रोने लगती है
अमर अभी भी अपने आप को सांत रखता है

अमर आरोही को देख - और तुमने ये सब कियु क्या
आरोही रोते हुवे - मुझे अमीर वाली लाइफ जीनी थी लेकिन एक बरी वजह है अदिति
अमर सांत आवाज मे - अदिति कियु
आरोही - कियुंकी उसने आपसे शादी करने से मना कर दिया अगर अदिति आप से शादी कर लेती तो सायद मे ये सब नही करती
अमर - और इस लिये तुम टीनू उसके पापा उदय के साथ मिल गई ताकि बदले के साथ तुम अमीर भी बन सको

आरोही रोते हुवे - हा भइया मुझे माफ कर देना लेकिन मुझे कोई पचतावा नही है ये सब करने का कियुंकी मे आपको दुखी नही देख सकती

अमर - मेरी गोद मे आके बैठो
आरोही अमर की गोद मे आके बैठ जाती है अमर आरोही को बाहों मे भर के - तो तुम मुझसे इतना प्यार करती हो
आरोही रोते हुवे - हा बहोत प्यार करती हु

अमर आरोही के आसुु साफ करते हुवे - पेहले रोना बंद करो मे तुम्हारे साथ भी छोटी बेहना

आरोही हैरान होते हुवे अमर को देख - क्या मेने जो किया उसके लिये आप मुझसे गुस्सा नही है
अमर आरोही को देख - नही मेने कहा ना तुम जो करोगी मे उसमे तुम्हारा पुरा साथ दुगा कियुंकी मुझे अपनी बेहना की खुशी चाहिये तुम अमीर बनना चाहती हो बनो बदला लेना चाहती हो लो मे भी साथ हु

आरोही अमर को देख हैरानी से - मुझे लगा आप गुस्सा करेगे
अमर मुस्कुराते हुवे - बेहना अगर मुझे तुझे रोकना होता तो पेहले दिन ही रोक देता दूसरी अदिति से मे प्यार करता था लेकिन उसने मेरे प्यार को मेरी फीलिंग को नही समझा तो उसे उसकी कीमत तो चुकानी हि परेगी

आरोही बहोत हैरान थी आरोही को यकीन नही हो रहा था उसके भाई के दिल मे भी अदिति से बदला लेने की चाह है

अमर - और वो कमीना अदिति का भाई साला कुता अगर वो नही आता तो अदिति मेरी हो जाता लेकिन पता नही कैसे हरामखोर किड्नैपर् के बच कर भाग आया तो उसकाे मरना होगा फिर अदिति मेरी हो जायेगी ( अमर आरोही को देख) और तुम मेरा साथ दोगी बोलो दोगी ना मेरा साथ

आरोही बहोत खुश हो जाती है और अमर को देख - हा

अमर आरोही को देख मुस्कुराते हुवे - ये बताओ उदय अंकल को मे क्या बोलू अंकल या जीजा
आरोही अपने भाई की बात सुन बहोत शर्मा जाती है
आरोही - आप जो बोलो लेकिन भाई मा पापा का क्या

अमर मुस्कुराते हुवे - उन्हें भी मना लेगे

अमर आरोही को पकर बिस्तर पे लेता कर आरोही के ऊपर आके आरोही की आखो मे देखने लगता है आरोही पूरी हैरान हो जाती है
आरोही डरते हुवे - भाई आप ये किया कर रहे है
अमर आरोही को देख - मुझे तुम चाहिये मेरी बेहना


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आरोही कापते हुवे - भाई मे आपकी बेहन हु
अमर - जानता हु लेकिन तुम नही चाहती तुम मुझे प्यार नही करती तो बोल तो मेने सोचा हम दोनो मिल कर अमीर बनेंगे और बदला लेगे अपनी लाइफ साथ मे जियेंगे मजे से लेकिन तुम नही चाहती तो कोई बात नही

अमर उठ कर जाने लगता है आरोही अमर को जाते देख एक मुस्कुराते हुवे - मेरे भाई रूठ कर मत जाओ
अमर आरोही की बात सुन मुस्कुराते हुवे आरोही के पास आके बैठ जाता है

अमर आरोही को देख मुस्कुराते हुवे - चलो भी छोटी बेहना अब बता भी तो तुम अमीर भी मेरे लिये बनना चाहती हो और तुम्हे मेरे बारे मे सब पता है

आरोही अमर को देख मुस्कुराते हुवे - हा मुझे पता है आप माहा कमीना है अदिति को लेकर आपके दिल मे प्यार नही दो चीजे थी अदिति आपसे शादी कर लेती है तो ठीक है अच्छा है लेकिन पेहला था अदिति के साथ मजे करना शादी करे या ना करे चलेगा

अदिति को आप भी पाना चाहते थे टीनू भी जब आप का पता चला टीनू अदिति के पीछे परा है और जब टीनू को पता चला आप अदिति के पीछे है तो आप दोनो एक जगह मिले आप दोनो मे बाते हुई

टीनू - देखो अमर मुझे अदिति चाहिये रास्ते से हट जाओ और अदिति से दूर रहो
अमर हस्ते हुवे - टीनू अदिति मुझे भी चाहिये सच कहु तो अदिति को पाना मेरे लिये भी बहोत मुश्किल है लेकिन तेरी बात करू तो तेरे लिये नामुमकिन है कियुंकी अदिति जानती है तुम कैसे लरके हो

टीनू - अबे साले म जैसा भी हु तुझे क्या मे अपना देख लूंगा अब तु बीच मे से हट जा नही तो कसम से तेरी जान ले लूंगा

अमर टीनू को देख मुस्कुराते हुवे - मे अदिति से शादी करना चाहता हु लेकिन उसके लिये मेरे दिल मे प्यार नही है पेहले तो मे उसके मजे लूंगा फिर शादी कर रोज मजे लूंगा और बाहर कोई मिली उसके साथ भी लरकी अच्छी है एक ना एक दिन मुझे शादी करनी है तो इस लिये अदिति खूबसूरत अच्छी दिल कि है इस लिये उसे चुना

टीनू झटका खाते हुवे - साले तु तो मेरे जैसा माहा कमीना निकला रे

अमर टीनू को देख मुस्कुराते हुवे - जब तुम्हे पता चल गया है तो कियु ना हम हाथ मिला ले तुम अगर मेरा साथ दोगे तो में अदिति का जरूर अपने नीचे लेके आऊगा

टीनू अमर कि बात सुन जोर जोर से हस्ते हुवे - साला पेहली बार किसी ने मुझे इतना बरा झटका दिया है मे तो कमीना हु छुपाता नही लेकिन साला तु अपने भोले चेहरे के पीछे अपना कमीना पन छुपा कर रखता है सही है

अमर - कमीने हसना बंद कर बोल साथ देगा
टीनू अमर से हाथ मिलाते हुवे - दूँगा लेकिन अदिति का सील मे तोरुगा
अमर टीनू को देख मुस्कुराते हुवे - चलेगा लेकिन उसकी कीमत तुझे चुकानी होगी
टीनू मुस्कुराते हुवे - बहोत पैसा है मेरे पास
अमर मुस्कुराते हुवे - तब तो ये डील हुई

टीनू बियर निकाल अमर को देते हुवे - तो बता क्या प्लान हो अदिति को कैसे नीचे लायेगा
अमर बियर पीते हुवे - अदिति को नीचे लाना बहोत बहोत मुश्किल होगा लेकिन नामुमकिन नही है

टीनू बियर पीट हुवे - हा ये मुझे भी पता है अदिति दूसरे लरकी की तरह नही है
अमर - ये भी है लेकिन सब से बरी परोबलम है उसके दोनो भाई
टीनू हैरानी से अमर को देख - दोनो भाई केहना क्या चाहता है
अमर - अदिति अपने दोनो भाई के खोने के बाद हमेसा गम मे ही डूबी रहती है और अपना ध्यान किसी चीज मे किया अपने उपर भी दे नही पाती ये बरी परोबलम है लेकिन मेरे पास प्लान है मुझे पता है कैसे अदिति को अपने प्यार मे गिराना है

टीनू - अबे साले अब प्लान भी बता दे
अमर मुस्कुराते हुवे - उसके लिये तुम्हे विलन मुझे हीरो बनना परेगा वैसे हम दोनो तो विलन है ही
टीनू गुस्से से - फिर पहेली पूरी बात बता
अमर - गुस्सा मत कर बताता हु अदिति को प्यार मे गिराने के लिये मुझे उसकी नजर मे हीरो बनाना परेगा करना ये है तुम अदिति को बहोत परेसान करो मे उसी समय मे आके उसे बचाऊगा और कुछ दिन ऐसे ही चलेगा तुम हमेसा अदिति को परेसान करना में आके उसे बचाऊँगा फिर एक दिन तुम गुस्से से अदिति के साथ जबरदस्ती करने की कोसिस करना फिर मे आऊगा अदिति को बचाने लेकिन इस बार तुम गुस्से से मुझे बहोत मारना लेकिन याद रहे साला मेरी हड्डी मत तोर देना फिर देखना अदिति मेरे प्यार मे गिर जायेगी फिल्मी है लेकिन अदिति जैसी लरकी पे पूरी काम करेगी

टीनू अमर को देख - साला तु तो मुझसे भी माहा कमीना निकला दन जैसा तूने बोला मे करेगा लेकिन ये बता मान लिया अदिति तुझसे पट गई लेकिन मे उसकी सील कैसे तोरुगा

अमर टीनू को देख - अदिति एक सर्मिलि लरकी है मुझे यकीन है पेहली बार हमारे बीच चुदाई होगी तो वो उजाले मे नही अंधेरे मे करने के लिये बोलेगी फिर आगे समझ जा

टीनू अपना सर पकर - मान गया साले तुझे आज से मेरा पक्का दोस्त

आरोही मुस्कुराते हुवे - टीनू आपने जैसा प्लान किया था उस दिन वो काम भी कर गया था अदिति आपके लिये आसु बहा रही थी लेकिन आपकी टीनू कि बुरी किस्मत उसी वक़्त अदिति का भाई आ गया और उसके टीनू कि बजा दी और अदिति को ले गया फिर अदिति सब खतम

अमर गुस्से से - हा उस दिन कमीना नही आता तो हमारा प्लान उसी दिन काम कर जाता और अदिति मेरे प्यार मे गिर जाती ( अमर आरोही को देख ) तुझे कैसे पता इतना सब

आरोही मुस्कुराते हुवे - मे कोई बेवकूफ नही हुई आपकी हरकत मेरी नजर मे रहती थी कई बार मेने टीनू से आपको मिलते बात करते सुना था तभी से मे भी अदिति को फोर्स करने लगी लेकिन जब आपका प्लान फेल हो गया तो

अमर मुस्कुराते हुवे - तो तुमने टीनू के साथ मिलकर प्लान बनाया फिर जब अदिति से मिल कर टीनू से मिलने बंगलो मे गई तो टीनू कि जगह उदय अंकल मिले फिर तुन्हे पता चला उदय अंकल तुन्हे चाहते है और तुम्हे ये एक अच्छा मोक्का दिखा मेरा सपना पुरा करने का फिर तुमने टीनू को छोर उदय अंकल को फसा लिया

आरोही हस्ते हुवे - टीनू का कुछ नही है ना टीनू के पास उतनी पावर जब बरी मछली फस रही थी तो मे भला कैसे उसे जाने देती

अमर आरोही के सर पे हाथ फेरते हुवे - मुझे आज पता चला मेरी छोटी बेहना मुझसे इतना प्यार करती है की मेरे लिये इतना सब कर गई लोव यू बेहना लेकिन अब से मे भी तेरे साथ हु

आरोही अमर के गले लग - जब आप मेरे साथ है तो अब मुझे कोई डर नही है

अमर आरोही को बिस्तर पे लेता के आरोही के ऊपर आके अपना लंड आरोही के कपड़े के ऊपर से ही चूत पे घिसने लगता है आरोही कि सिसकिया निकल जाती है

अमर आरोही को खा जाने वाली नजर से देख - किया तुम्हे पता है अदिति

तभी आरोही अमर को मा का बुलावा सुनाई देता है अमर आरोही के चुचे दबाते हुवे - मेरी छोटी बेहना बाद मे तुम्हारी गर्मी निकालूँगा चलो मा बुला रही है

आरोही अमर को देख मुस्कुराते हुवे - अच्छा देखती हु आप अपनी छोटी बेहन की चूत की गर्मी निकाल पाते है या नही

दोनो एक दूसरे को देख मुस्कुराते हुवे कमरे से बाहर आ जाते है


अभय के घर दोपहर 1 बजे


अभय अपनी मा के ऊपर लेता हुआ था अभय का सर आसा के बरे मुलायब चुचे पे रख आराम से आखे बंद किये लेता हुवा था आसा अभय को बाहों मे लिये अपने बेटे के नीचे लेती हुई थी दोनो मे बाते चल रही थी


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अभय - मा शादी की कार्ड कल ही मिल जायेगी लेकिन 3 दिन काजल बुआ ने कहा है मे उनको घर छोर आउ दूसरी मेरे कुछ साथी है उनको भी कार्ड देने मुझे उनके घर जाना होगा तो में सोच रहा था काजल बुआ के वहा से ही अपने दोस्त के घर जाके सब से मिल कर कार्ड डेकर आउ

आसा अभय को देख - इसका मतलब है तुम कुछ दिन घर नही आ पाओगे
अभय - हा आपने सही कहा कियुंकी शादी की डेट नजदीक है और बहोत से काम बाकी है जैसे कपड़े गेहने शादी का जोरा बारातियों के लिये गारी खाना डीजे सासु मा के यहा भी सब मुझे ही देखना होगा बहोत काम है इसी लिये पेहले जाके ये सब निपटा लेता हु

आसा अभय के बाल सेहलाते हुवे - हा बात तो लाला तुमने सही कही ठीक है तुम जा सकते हो
अभय आसा को देख - अच्छा बरा जल्दी मान गई सेक्सी मा मुझे लगा आप कहेगी मत जा
आसा मुस्कुराते हुवे - केहना चाहती थी लेकिन मुझे पता है कुछ कामो के लिये तुम्हे बाहर जाना हि होगा
अभय मुस्कुराते हुवे - सही कहा वैसे मेरा दिल भी आप सब से दूर जाने का नही करता लेकिन काम तो करना परेगा


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आसा मुस्कुराते हुवे - वो तो ठीक है लेकिन मे तुम्हारी कोई गद्दा नही हु जो मेरे उपर आराम से आके लेत जाता है
अभय आसा कि आखो मे देख - सेक्सी मा गद्दे से जायदा मजा तो मुझे आपके उपर सोने मे आता है मुलायम गर्म गर्म
आसा शर्मा के - लाला तु भी ना कुछ भी बोलता है अब तो शादी हो रही है अपनी बीवी को गद्दा बनाना और सोना

अभय मुस्कुराते हुवे आसा के कान मे धीरे से - आप कि जगह कोई नही ले सकता आपकी बात अगल है जितना मजा आपके साथ आता है उतना मुझे किसी और के साथ नही आयेगा
आसा के का चेहरा सर्म से लाल होने लगता है अभय की बात सुन


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अभय आसा की आखो मे देखता है आसा अभय की आखो मे अभय फिर आसा के लाल होठो को देखने लगता है आसा अभय के नजरो का पीछा कर समझ जाती है और अपने होठो को थोरा खोल देती है


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अभय मुस्कुराते हुवे अपना होठ आसा के होठ से सता कर आसा के होठ को थोरा मुह मे लेके चूस कर हट जाता है और आसा को देख मुस्कुराते हुवे - आपको कैसे पता चला मुझे किस्सी चाहिये
आसा मुस्कुराते हुवे - कियुंकी मे तेरी मा हु लाला

तभी अदिति भाई भाई हुवे अंदर आती है और अभय को अपनी मा के ऊपर प्यार से सोते देखती है

अदिति मुह फुलाते हुवे - मा ये गलत है आप भाई को हमेसा अपने पास चिपका कर रखती है मुझे भी भाई का प्यार चाहिये

अभय आसा को देखता है आसा अभय को देखती है फिर दोनो मुस्कुरा देते है अभय अपनी मा के ऊपर से नीचे साइड पे लेत जाता है और अदिति को देखते हुवे

अभय - आजा मेरी प्यारी गुरिया
अदिति भी बिना देरी किये अभय के ऊपर लेत अपना सर अभय के सीने पे रख देती है अभय भी अदिति का बाहों मे भर लेता है

अदिति मुस्कुराते हुवे - अब सुकून मिला मुझे

आसा अभय अदिति की तरफ लेत कर दोनो को देखने लगती है

आसा अदिति को देख मुस्कुराते हुवे - अच्छा लेकिन जब तेरी शादी होगी तब किया हा तब भाई के बिना कैसे रहेगी

आसा की बात सुन अभय अदिति की आखो मे देखता है अदिति अभय की आखो मे फिर अभय अदिति आसा को देख

अभय - जब की तब सोचेंगे कियु गुरिया
अदिति आसा का देख मुस्कुराते हुवे - हा फिल्हाल तो मे अपने भाई के साथ हि रहूगी

आसा सर पकर - तुम दोनो का जो मन करे करो

अभय आसा को देख - मा मेरे पास आओ ना
आसा मुस्कुराते हुवे अभय से पूरा सत् जाती है और अभय की सीने पे सर रख लेत जाती है तीनो एक दूसरे को मुस्कुराते हुवे देखते है फिर आखे बंद कर लेते है


साम 3 बजे

आसा अभय अदिति एक नींद लेने के बाद सभी उठ चुके थे अभय फ्रेस् होने के बाद अपने बाइक पे बैठ दिशा से बाते करते हुवे मधु के घर जाने लगता है

अभय - मेरी जान किया कर रही हो
दिशा - क्या करुगी घर के बाहर आपसे बात कर रही हु
अभय - मेरी रानी कुछ सोचो ना मेरे बारे मे रहा नही जा रहा
दिशा सर्म से लाल होते हुवे - मे किया करू
अभय - मिलने का प्लान करते है ना
दिशा हैरानी से - क्या लेकिन कैसे कहा
अभय मुस्कुराते हुवे - बोलो तो रात को घर आ जाऊ
दिशा गुस्से से - कोई जरूरत नही है पता है ना उस रात हमने वो सब क्या तो घर मे मा गुरिया को भी पता चल गया था
अभय - ये तो तुम्हारी गलती थी ना जरूरी था आह उह्ह्ह् मा जोर जोर से करना
अभय कि बात सुन दिशा सर्म से पानी पानी हो जाती है
दिशा - अच्छा सब मेरा हि दोस् है आपका इतना बरा मोटा है और उपर से तेज तेज धक्के मार रहे थे तो मे किया करती
अभय हस्ते हुवे - शादी हो जाने दो फिर रोज तेज तेज धक्का रोज मारुंगा
दिशा सर्म से - छि गंदे हर वक़्त आपके दिमाग मे वही सब चलता है
अभय - किया करू खूबसूरत हॉट बीवी जो मिली है
दिशा शर्मा के- आप भी ना
अभय - अच्छा सुनो 3 दिन मे काजल बुआ को छोर अपने दोस्त के यहा जाने वाला हु कार्ड देने मिल भी लूंगा सब से
दिशा - ये तो अच्छी बात है
अभय - हा उसके बाद सारी तैयारी करने के बाद शोपिंग पे सब चलेंगे
दिशा - अच्छा ठीक है समझ गई लेकिन ज्यादा खर्चा मत कीजियेगा
अभय - मेरी जान तुम उसकी चिंता मत करो अच्छा मधु का घर आ गया है एक किस्सी देदो ना
दिशा शर्मा के - उम्मा
अभय - आई लोव यू मेरी रानी
दिशा - आई लोव यू

फोन कट

दिशा मुस्कुराते हुवे पीछे मूर घर मे जाने को होती है तो देखती है पूजा फिर घूर के देख रही थी
दिशा पूजा को देख गुस्से से - रुक आज तुझे मे सबक सिखा कर रहूगी बिग्रैल लरकी हमारी बाते सुनने मे सर्म नही आती है
दिशा पूजा कि तरफ भागती है पूजा दिशा का गुस्से से आता देख
पूजा भागते हुवे अंदर जाते हुवे - क्या करू दीदी आप और जीजा जि कि रोमांटिक बाते सुनने मे मजा आता है

मधु के घर

अभय बाइक साइड पे लगा के अंदर जाता है अभय मधु के कमरे मे जाता है तो मधु बिस्तर पे लेत मोबाइल मे गेम खेलने मे लगी हुई थी

अभय मधु को देख -तो खेल खेला जा रहा है हा
अभय कि आवाज सुन मधु जल्दी से फोन रख अभय को देख बहोत खुश हो जाती है मधु भाई केहते हुवे जाके अभय के गले लग जाती है

अभय मधु को बाहों मे लिये - मेरी गुरिया
तभी कमरे मे सिला आते हुवे अभय मधु को देख मुस्कुराते हुवे - आ गया बेटा
अभय सिला को देखता है और सिला के पास जाके सिला को बाहों मे लेके सिला को देख मुस्कुराते हुवे - हा मेरी हॉट छोटी मा
सिला अभय के गाल को सेहलाते हुवे - शैतान

सिला मधु अभय तीनो बिस्तर पे बैठ जाते है

अभय - छोटी मा मे 3 दिन काजल बुआ को छोराने जाने वाला हु और वही से दोस्त के घर भी जाउंगा तो मे 3 दिन तक घर नही रहुंगा
मधु हैरानी से - क्या लेकिन फिर मे आपको तीन दिन तक नही देख पाउंगी ( मधु उदास हो जाती है)
सिला मधु को देख - बेटा मर्द को बहोत काम होते है तो उन्हें जाना परता है अभय बेटा के सर पे सब कि जिमेदारी दारी है
अभय मधु के चेहरे को पकर आखो मे देख - मे वादा करता हु जब मे आऊगा तो हम दोनो घूमने चलेंगे
घूमने वाली बात सुन मधु खुश होते हुवे - पक्का ना
अभय हस्ते हुवे -पक्का
सिला मुस्कुराते हुवे - तुम्हे तो बस भूमने का मोक्का चाहिये
मधु मुस्कुराते हुवे - भाई के साथ घूमने का मुक्का कोन छोर सकता है मेरी प्यारी मा
सिला हस्ते हुवे - लगी रे बाबा मुझे क्या चलो तुम दोनो बाते करो मे गाय को चारा देने चली

अभय - जी मा

सिला चली जाती है अभय मधु को पकर बिस्तर पे लेता कर मधु के ऊपर आ जाता है मधु अभय को देखने लगती है


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अभय - गुरिया अब तेरी शादी के बारे मे भी मुझे सोचना होगा
मधु हैरान होते हुवे - क्या मुझे अभी शादी नही करनी पेहले अदिति दीदी की होगी फिर सोचुगी
अभय मुस्कुराते हुवे -अच्छा चलो ठीक है यही सही वैसे मेरा वजन जयादा तो नही लग रहा
मधु शर्मा के - नही
अभय मुस्कुराते हुवे मधु के गाल पे किस करते हुवे उठ कर बैठ जाता है
अभय मधु को देख - अच्छा गुरिया मे अब चलता हु
मधु - इतनी जल्दी
अभय मुस्कुराते हुवे - गुरिया अभी शादी तक मुझे बहोत काम करने है कई लोगो से मिलना है
मधु - समझ गई भाई ठीक है
अभय मुस्कुराते हुवे - अच्छी गुरिया

अभय आँगन मे जाता है सिला को देख अभय सिला को बाहों मे लेते हुवे - छोटी मा अब मे जा रहा हु
सिला मुस्कुराते हुवे - अच्छा तो जा ना
अभय मुस्कुराते हुवे - किस्सी बगैर कैसे जाऊ
सिला मुस्कुराते हुवे -अच्छा ये बात है
सिला अभय के होठो पे किस करते हुवे - अब खुश


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अभय मुस्कुराते हुवे सिला के कान मे धीरे से - अभी चलेगा लेकिन बाद मे मुझे आपकी ढोरी चातुंगा
सिला शर्मा के - ठीक है चात लेना मेरे लाल
अभय सिला को छोर - ठीक है छोटी मा मे जाता हु

अभय बाइक पे आके बैठ निकल परता


उदय के बंगला


एक कमरे मे आरोही टांगे फैलाये लेती हुई थी उदय आरोही के उपर पुरा लेता हुवा अपना लंड आरोही की चूत मे डाले जोर जोर से धक्का मारे जा रहा था आरोही उदय को बाहों मे पकरी आह मा बहोत दर्द हो रहा है आप जोर से धक्का मार रहे है धीरे करिये
उदय धक्का मारते हुवे - मेरी जान दर्द मे हि मजा है और तेरी चूत की गर्मी तेज धक्के से हि जायेगी ( आरोही दर्द मे - आह आपका केहना भी सही है दर्द मे मजा तो बहोत आ रहा है


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उदय - मेरी जान कुछ भी कहो तुम और तुमारी चूत बहोत कमाल कि है ( उदय लंड पीछे लेके जोर से धक्का मार देता है आरोही दर्द से ) मर गई मा बहोत दर्द हुवा मुझे ( आरोही के आखो मे आसु आ जाते है ) आह और तेज मेरा पानी निकलने वाला है आरोही बिस्तर पकर कापते हुवे आह मा निकल गया उदय आह मेरा भी भी

उदय आरोही को अपने बाहों मे लेके - मेरी जान सोचा नही था इस उमर मे मुझे तुम से प्यार हो जायेगा मुझे खुद यकीन नही हो रहा जबकि मेने कई लरकी औरतो की चुदाई कि है लेकिन अब मुझे बाकी कि जिंदगी तुम्हारे साथ जीनी है
आरोही उदय को देख - यकीन तो मुझे भी नही हो रहा मुझे आपसे प्यार हो गया अब तो मुझे भी आपके साथ जीना है लेकिन चैन से तब जीयुगी जब अभय अदिति उसके चाहने वालो का खतम कर दुगी

उदय - ये हुई ना मुझे लगा तुम मार काट नही करोगी
आरोही उदय को देख मुस्कुराते हुवे - जब मेरी जान किसी को मारने मे जरा नही सोचता तो मे कियु सोची मुझे भी आप के लेवल पर होना परेगा ना

उदय खुश होते हुवे - ये बात तुमने मेरा दिल खुश कर दिया अब बनी हमारी जोरि विलन वाली

आरोही - अच्छा सुनिये भाई भी अब हमारे साथ है और भाई ने आपको जीजा मान लिया है

उदय खुश होते हुवे आरोह को देख - सच
आरोही मुस्कुराते हुवे - ना
उदय - ये हुई ना बात लेकिन तुम्हारे पापा मा का किया
आरोही - समझिये आज रात उन्हें भी मना लुगी
उसय - नही माने तो मुझे केहना
आरोही उदय को गुस्से से देख - आपके सास ससुर है समझ गये अपना कमीना पन हमारे दुश्मन को दिखाना समझ गये आप
उदय डरते हुवे - समझ गया बाबा
आरोही मुस्कुराते हुवे - आप चिंता मत कीजिये मान जायेंगे दोनो
उदय मुस्कुराते हुवे - फिर तो ससुराल जाके तुम्हारी चूत मारुंगा लेकिन हा जल्दी मा पापा को मना लो और इस बंगलो मे आके रहो सेफ रहेगा समझ गई

आरोही - जैसा आप कहे लेकिन अदिति अभय का क्या सोचा
उदय - ठीक है सुनो टीम रेडी है हम जब चाहे अपना काम कर सकते है
आरोही - ना ना ना अपना काम अभय के शादी के दिन ही होगा अभय की वजह से ही सब हुवा है तो अभय जब बारात लेकर अपनी दुल्हन लेने जायेगा उसके बाद हम अभय के मा बेहन बाकी जो उनके अपने है सब को उठा लेगे ( आरोही जोर जोर से हस्ते हुवे ) बेचरा जब सुबह दुल्हन लेके आयेगा तो उसे घर मे कोई नही मिलेगा ( आरोही उदय को देख) लेकिन सब को हम रखेगे कहा

उदय मुस्कुराते हुवे - मेरी जान मेरे कई ऐसे गुप्त ठिकाने है जहा कोई पहुँच नही सकता ना किसी को पता है
आरोही उदय को किस करते हुवे - मेरा बाबू तब को परोबलम् खतम
उदय मुस्कुराते हुवे - अभय जायेगा दुल्हन लेने उसके पीछे घर पे जो होगे लरकी औरते ही होगे तो कई चूत मिलेगी
आरोही - मे नही चाहती आपका लंड मेरे अलावा किसी और की चूत मे जाये लेकिन उस कमीने के अपने जो है उसकी चूत मे अपना लंड डालने से नही रोकूगी
उदय आरोही को देख - जैसा तुम कहो मेरी जान

आरोही मुस्कुराते हुवे - मुझे फिर आपका लंड मेरी चूत मे चाहिये
उदय - तो सुरु हो जाओ
आरोही उदय के लंड पे बैठ कूदने लगती है मजे से लंड लेके आह उह्ह्ह् मा मजा आ रहा है आह

रात - 8 बजे - अभय के घर

आँगन मे चटाइ बिछी हुई थी आसा बैठी हुई थी और अभय आसा की गोद मे सर रख लेता हुवा था मा बेटे मे बाते चल रही थी

वही अदिति कान मे बुलुटूथ लगाये खाना बनाते हुवे मधु से बात करने मे लगी हुई थी मधु भी सेम खाना बनाते बात कर रही थी


तभी काजल मिनिता अंदर आते है मिनिता आसा अभय को देख
मिनिता मुस्कुराते हुवे - मा बेटे मे क्या बाते चल चली है
काजल मुस्कुराते हुवे - हमे भी बताओ भाई

आसा अभय सामने देखते है

आसा मिनिता काजल को देख मुस्कुराते हुवे - आओ आओ तुम दोनो का ही इंतज़ार था बैठो

मिनिता काजल दोनो बैठ जाते है

काजल अभय को देख - बता क्या बात चल रही थी
अभय मुस्कुराते हुवे - क्या बात होगी बुआ शादी की तैयारी को लेकर बाते चल रही थी
मिनिता - हा सही भी है सारी जिमेदारी तूने जो ली है
काजल - ये बता 3 दिन चल रहा है ना मुझे घर छोरने
अभय मुस्कुराते हुवे काजल को देख - चलुंगा लेकिन 10 किस्सी होठो मे लूंगा
काजल हैरानी से - ओये बुआ से रिस्वत मांग रहा है
आसा हस्ते हुवे - लाला को मोक्का मिलता है तो छोरता
मिनिता हस्ते हुवे - दीदी ये आपकी देन है इसी लिये किस के पीछे परा रेहता है
आसा मुस्कुराते हुवे - मेने अपने लाला को बहोत प्यार से पाला है मेरी
काजल - हा और वो प्यार आपके दोनो के बीच दिखता भी है भाभी
अभय काजल को देख - तो बताइये मंजूर है या नही
काजल सोचते हुवे - बहोत जायदा है कम करो
अभय हस्ते हुवे - यहा भी मोल भाव लगाना सुरु कर दिया लेकिन एक भी कम नही होगा
मिनिता हस्ते हुवे - ननद रानी पता है ना किस के पीछे कितना पागल रेहता है कम नही करेगा मान जाइये
काजल मुह फुलाते हुवे - ठीक है
अभय मुस्कुराते हुवे - तो दन हुवा डील

काजल अदिति को देख - किया बना रही हो अदिति
अदिति पीछे देख - बुआ रोती बना रही हु उसके बाद चना की सब्ज़ी बनाऊगी
मिनिता - बहोत खूब लगी रहो
काजल अभय को देख - चल रहा है तो एक दिन मेरे घर रेहना परेगा समझ गये
आसा हस्ते हुवे -लाला को पेहले से पता था आप उसको रोकेगी इसके लिये पेहले ही लाला ने मुझे बता दिया था
काजल मुस्कुराते हुवे - क्या बात है मान गई
मिनिता - ये बताओ घर का क्या यही से बारात लेकर जाओगे
अभय - मेने घर ले लिया है यहा से 20 मिनट की दूरी पे है घर मे समान सजावट का काम बाकी कुछ बदलाव करवाये है उसका काम चल रहा है जल्दी ही काम पुरा हो जायेगा लेकिन मे चाहता हु उस नये घर मे सीधा कदम मेरी बीवी का परे ना की इस घर मे बाकी गाव वालो को भोज खिलाना बारात जाना ये सब है तो इसी लिये सब कुछ इसी घर से होगा लेकिन दिशा घर की बहु सीधा नये घर मे जायेंगे मेने मा को बता दिया है बारात के सुबह होते हि सब नये घर चले जाये गारी आयेगी सब को लेने

मिनिता - वाह सब सोच कर रखा है मान गई
काजल - मे भी लेकिन मुह दिखाई गाव की लरकी बहु औरते कैसे करेगी
अभय - अरे बुआ जिनको आना होगा आके वहा देख लेगे वैसे भी सब ने देखा तो है ही
काजल - ये भी सही है

और 30 मिनट बाते होती है फिर मिनिता काजल चले

खाना रेडी था आसा अदिति अभय बैठ कर खाते है और अपने कमरे मे चले जाते है

अभय अपनी मा के कमरे मे जाता है और आसा फिर आसा के ऊपर लेत जाता है

आसा हस्ते हुवे - फिर आके लेत गये
अभय मुस्कुराते हुवे - आप मेरे उपर आ जाओ फिर
आसा मुस्कुराते हुवे - मेरा वजन संभाल पाओगे
अभय आसा कि आखो मे देख - आपके लाला मे इतना दम है की आपको अच्छे से संभाल लेगा
आसा मुस्कुराते हुवे - तो ठीक है संभाल लो
अभय लीचे लेत जाता है आसा अभय के ऊपर लेत जाती है आसा का पुरा सरीर अभय के शरीर से पुरा चिपक गया था आसा के चुचे हर अंग अभय अपने शरीर पे फिल कर पा रहा था और अपनी मा के शरीर कि गर्मी भी


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आसा अभय को देख - मान गई संभाल लिया तूने
अभय आसा को देख - आपका बेटा हु मेरे सरीर मे आपका खून डोर रहा है तो मे कमजोर कैसे हो सकता हु


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अभय इमोसनल होते हुवे के होठो पे किस करते हुवे -मेरा लाला
अभय अपनी मा के कमर पकर कस लेता है आसा आह करती है दोनो के जिस्म पुरा सटे हुवे थे बीच मे हवा जाने की भी जगह नही थी

लेकिन दोनो मा बेटे मे प्यार था सिर्फ प्यार अभय कुछ देर बाते करने की बाद

अभय - गुड नाइट सेक्सी मा
आसा - गुड नाइट मेरे हैंडसम लाला

अभय फिर अदिति के पास आता है अभय अदिति से भी थोरा बात कर अदिति के गाल पे किस करते हुवे - गुड नाइट मेरी गुरिया
अदिति - गुड नाइट प्यारे भाई

अभय फिर अपने कमरे मे आके बिस्तर पे लेत दिशा से बाते करने लगता है

आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏🙏🙏
बहुत ही शानदार लाजवाब और जबरदस्त अपडेट हैं भाई मजा आ गया
 

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chapter 22

2 दूसरे दिन शाम 3 बजे आरोही के घर


एक कमरे मे आरोही अमर भारती जगमोहन बैठे थे आरोही के अपने पापा मा को बता दिया था की वो उदय से शादी करेगी लेकिन जब भारती जगमोहन को पता चला आरोही जिससे शादी करना चाहती है वो उसके उमर से भी बरा है तो भारती जगमोहन को दोनो को बहोत बरा झटका लगता है कमरे मे माहौल बहोत गर्म था

भारती गुस्से से आरोही को देख - तुम पागल हो गई हो किया अरे तुम किसी अपने उमर के लरके से प्यार कर रही होती तो हम खुशी से शादी करवा देते लेकिन तुम्हे अपने पापा की उमर से भी बरे से कैसे प्यार हो सकता है कभी नही हम तुम्हारी शादी उससे नही होने देगे

जगमोहन - आरोही बेटा मुझे तो लगा तुम समझदार हो लेकिन तुम ऐसा कुछ करोगी मेने सोचा नही था तुमने आज हमे बहोत निरास किया

आरोही बस चुप चाप अपने मा पापा की बाते सुन देख रही थी

अमर - आप दोनो गलत है आरोही समझदार है और मेरी बेहना ने जो किया सोच समझ कर किया है

जगमोहन - तुम केहना किया चाहते हो इसमें कोन सी समझदारी वाली बात है
भारती गुस्से से अमर को देख - चुप कियो हो बोलो
अमर - एक बात बताओ पापा आपने मा के साथ कब घूमने गये थे जहा तक मुझे पता है कभी कभी ही मा का ले लेकर थोरा बहोत घूम कर आ जाते थे नही तो अब तक आप सिर्फ सुबह से साम तक काम मे लगे रहते है और मा घर के काम मे क्या यही जिंदगी जीनी है आपको किया आपका दिल नही करता मा आप दोनो कही अच्छी जगह घूमने जाये मजे करे एक लाइफ है बाकी लाइफ अच्छे से जिये

अमर की बात सुन भारती जगमोहन एक दूसरे को देखते है फिर अमर को देख - तुम केहना किया चाहते हो

अमर मा पापा को देख - आपको पता है आरोही जिससे शादी करने वाली है वो कोन है

भारती - कोन है वो
अमर - दुनिया का टॉप अमीर मे से एक है
अमर की बात सुन भारती जगमोहन पूरी तरह से सॉक हो जाते है और एक दूसरे को हैरानी से देखते है और आरोही को देखते है

भारती अमर को देख - अगर ऐसा है तो इतने अमीर आदमी भला आरोही से कियु शादी करना चाहता है

अमर मुस्कुराते हुवे - प्यार मा प्यार दूसरी आरोही खूबसूरत जो है
जगमोहन गहरी सास लेके - मान लिया अमीर है लेकिन वो उसने आधी जिंदगी जी ली है उसका किया

आरोही अब जाके बोलती है

आरोही दोनो को देख - मा पापा आधी जिंदगी ही भले कियु ना वो मेरे साथ रहे लेकिन उनके जाने के बाद उनके पोर्पति से आधा हिस्सा मेरे नाम होगा समझ रहे है कितना पैसा होगा हम आराम से अपनी लाइफ जी सकते है पापा मा आप दोनो जहा चाहे घूमने जा सकते है जो चाहिये ले सकते है मे चाहती हु आप दोनो बाकी लाइफ साथ मे मस्त तरीके से जिये दूसरी आपको पता है ना गरीबी कितनी बुरी चीज होती है किया आप चाहते है हम भी वैसी लाइफ जिये


भारती जगमोहन एक दूसरे को देखते है और आरोही को देख

जगमोहन गहरी सास लेके - मे नही चाहता तुम दोनो मेरी तरफ लाइफ जियो ये सच है मे भी तुम्हारी मा को जो चाहिये दिलाना चाहता था उसके साथ घूमने जाना चाहता था तुम्हारी मा के साथ अच्छे पल गुजारना चाहता था हॉटल डिनर करना चाहता था लेकिन मे ये कर नही सका ठीक है हमे मजूर है

भारती जगमोहन को देख - लेकिन
जगमोहन - देखो इनका केहना सही है गरीबी बहोत दुख देती है क्या तुम चाहती हो हमारे बच्चे भी गरीबी मे जिये

भारती गहरी सास लेके - ठीक है मे भी रेडी हु

आरोही अमर एक दूसरे को देख मुस्कुरा देते है


रात 9 बजे

अभय अपनी मा के साथ कमरे मे था अपनी मा के ऊपर लेता हुवा

अभय - मा कल मे जाने वाला हु काजल बुआ को उनके घर छोरने
आसा अभय को बाहों मे लिये - हा पता है लेकिन मुझे रोज फोन करते रेहना
अभय मुस्कुराते हुवे - मे कैसे आप को भूल सकता हु
आसा - अपनी सास छोटी मा को बता दिया हो ना तुम जाने वाले हो
अभय - हा बता दिया है वापस आते ही हम शोपिंग मे जायेंगे बहोत सारी खरीदारी करनी है
आसा मुस्कुराते हुवे - वाह बीवी को लाने के लिये इतना ताक झाम
अभय मुस्कुराते हुवे आसा को देख - इस घर की बहु आने वाली है तो इतना करना बनता है ना सेक्सी मा
आसा मुस्कुराते हुवे - अच्छा ये बात है
अभय मुस्कुराते हुवे आसा की आखो मे देख - मा तीन दिनों के लिये जा रहा हु तो मुझे आज गीली वाली किस्सी चाहिये
अभय की बात सुन आसा बहोत हैरान होती है और अभय को देख


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आसा - बेटा गीली वाली किस्सी मा बेटे के बीच नही हो सकती
अभय दुखी होते हुवे - माफ करना मा मुझे पता नही था मेरी मा को बुरा तो नही लगा ना
आसा अभय को देख - नही मेरे लाला लेकिन तु नाराज तो नही है मुझसे
अभय आसा की आखो मे देख - आपसे नाराज कभी नही हो सकता आपने मुझे जितना प्यार दिया है सायद ही कोई मा अपने बेटे को देती होगी अभी मे आपके उपर लेता हु आपको बाहों मे पकर लेता हुई किस करता हु आप मेरे सामने कपड़े भी बदल लेती है जब एक बच्चा समझदार हो जाता है तो मा अपने बेटे को अपने से दूर कर देती है लेकिन आपने मुझे नही किया बच्चे से लेकर आज तक आपने मुझे अपने सोने से बाहों मे समा कर रखा आपने मुझे इतना प्यार दिया तो मे कियु आपके नाराज हु बल्कि मे उपर वाले का सुक्रिया करता हु आपने मुझे जन्म दिया आपकी जैसी मा मुझे मिली

अभय की बात सुन आसा खुशी के साथ बहोत इमोसनल भी हो जाती है और अभय के गाल को प्यार से सेहलानें लगती है

अभय ने जो बात आसा से कही पुरे दिल इमोसन के साथ कही थी और अभय की हर बात सच थी आसा अभय के बीच जितनी नजदीकियां थी सायद किसी मा बेटे के बीच होगी

आसा अभय को देख मन मे - मेरा लाल कल तीन दोनो के लिये जाने वाला है सायद इसी लिये गीली किस्सी मांग बैठा और मे लाला को मना भी नही कर सकती एक किस्सी की ही तो बात है

आसा अभय को देख मुस्कुराते हुवे - गीली वाली किस्सी मे अपने लाला को करने दुगी लेकिन लाला ये पेहली और आखरी होगी

अभय आसा के बाल कान के पीछे कर आसा को देख प्यार से - मा आप नही चाहती तो मुझे नही चाहिये गीली किस्सी वैसे भी आपसे जितना प्यार मिलता है वो मेरे लिये बहोत है
आसा अभय को देख - लाला पेहली बार तूने मुझसे कुछ मांगा है तो मे नही दुगी तो मुझे भी अच्छा नही लगेगा मे पुरे दिल से गीली किस्सी अपने लाला को देना चाहती हु
अभय आसा की आखो मे देख - आप सच केह रही है
आसा मुस्कुराते हुवे - हा लेकिन मुझे गीली वाली किस्सी करना तो आता ही नही
अभय हस्ते हुवे - ठीक मे आपके होठ जिब को मुह मे लेके चुसुगा जैसे ही आप करना
अभय की बात सुन आसा के अंदर हलचल मच जाती है दिल तेज धक धक करने लगता है सासे तेज चलने लगती है

आसा सर्म से लाल चेहरा लिये- ठीक है लाला मे करुगी

अभय आसा के गुलाबी होठो को देखने लगता है आसा के होठ बहोत प्यारे थे ऐसा लग रहा था होठो से रस नीचे टपक रहा हो


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आसा भी अभय को देखे जा रही थी और तेज तेज सासे लिये जा रही थी ये एहसास जो होने वाला है ये सोच आसा को अजीब एहसास हो रहा था अभय अपना होठ आसा के तरफ ले जाने लगता है आसा ये देख अपना होठ खोल आखे बंद कर लेती है

अभय अपनी मा की होठो को मुह मे लेके चूसने लगता है फिर अपनी मा के जिब को अपने मुह मे लेके चूसने लगता है अभय मन मे - कसम से मे किया चूस रहा हु मा के लार मुझे सहद नही अमृत लग रहे है ये एहसास मुझे जो हो रहा है जो मे फिल कर रहा हु मे मरते दम तक नही भूलने वाला ना मा मेरे बीच पेहला वाइल्ड किस को ना इस पल इस प्यार खूबसूरत मोमेंट को


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अभय अपनी मा के जिब से लार चूस चूस कर पिये जा रहा था अभय को जितना मजा आ रहा था सायद अभय को किसी के साथ फिर कभी ना आये और आयेगा भी कैसे मा को जो किस कर रहा था

आसा नीचे अपने बेटे के परी अभय हो बाहों मे लिये हुवे थी लेकिन अभय को इस तरह अपने जिब को चुस्ता और लार को पिता देख आसा के शरीर के रोये खरे हो जाते है आसा का ये पेहला वाइल्ड किस था आसा को मजा आ रहा था ये फीलिंग पेहला वाइफ किस


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आसा अपने आप को रोक नही पाती और आसा भी अभय के जिब को मुह मे लेके चूसने और अपने बेटे का लार गट गट पीने लगती है
आसा मन मे - मुझे इतना मजा कियु आ रहा है मुझे अपने बेटे का लार पीने से बहोत मजा आ रहा है क्या वाइल्ड किस इसे हि कहते है मे अपने आपको रोक नही पा रही मुझे और अपने बेटे का लार चूस कर पीना है


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मा बेटे सब भूल कर एक दूसरे के जिब को होठो को मुह मे लेके पिये जा रहे थे बिना रुके कोई पीछे हटने का नाम नही ले रहा था 3 मिनट तक दोनो अच्छे से एक दूसरे का रस पीते है फिर सासे फूलने लगती है तो दोनो किस करना बंद कर अपना होठ अलग कर देते है


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दोनो मा बेटे जब अलग होते है तो दोनो के होठो से लार निकल एक लाइन बन जाती है दोनो के होठ लार से पुरे गिले सने हुवे थे आसा आज सर्म से पानी पानी हो चुकी थी

आसा सर्म से आखे बंद किये तेज तेज सासे लिये जा रही थी आसा का ये पेहला वाइल्ड किस था वो भी अपने बेटे के साथ ये पेहला अनुभव पेहला किस सायद आसा भी कभी भूल नही पायेगी ना अभय

अभय आसा के चेहरे को पकर आसा की आखो मे देखने लगता है आसा लाल चेहरा लिये अभय को देखने लगती है तभी अभय के आखो से आसु निकल आते है और मा केहते हुवे आसा के गले लग जाता है


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अभय -मा आपने मेरे एक कहने पे मुझे किस्सी दी ना भी देती तो भी चलता लेकिन आपने दिया मे इस किस्सी को मरते दम तक नही भुलुगा आपका दिल से सुक्रिया मुझे ये पल खुशी जीने देने के लिये आपकी जगह कोई नही ले सकता आप मेरी जान है मा

आसा अभय के सर सेहलाते हुवे - पागल ये एक किस ही हो है मेरे लाला मे भी इस किस्सी को नही भुलुगी मुझे भी नया पेहला अनुभव मिला वो भी मेरे लाला के साथ मे खुश हु

अभय आसा को देख - सच ना
आसा अभय के आसु साफ कर मुस्कुराते हुवे - हा
अभय - आई लोव यू मा
आसा - आई लोव यू तु मेरे लाल

अभय अपनी के साथ एक प्यारा हसीन पल मोमेंट अब तक का गुजार अदिति के पास जाके गुड नाइट बोल अपने रूम मे आके दिशा से बाते करने लगता है

आसा बिस्तर पे लेती आखे बंद कर मुस्कुराते हुवे - मेरे लाला तु भी मेरी जान है रे

सुबह

आसा अभय को जगाने जाती है और अभय अदिति को फिर हल्का होके सीधा विजय के घर आ जाता है

विजय अभय को देख - भाई आज बुआ को लेकर जा रहे है ना
अभय - हा रे इसी लिये तो आया हु कहने पेहले ही टाइम पे रेडी रहे नही तो औरतो को टाइम पे कहो रेडी होने के लिये तो 2 घंटे लगायेगी

तभी विजय अभय के पूछे काजल को गुस्से मे देख डर जाता है और अभय को देख मन मे - बॉस आपको ये नही केहना था

अभय विजय को डरा देख - अरे तुम कियु डरे हुवे हो
विजय डरते हुवे - भाई पीछे देखो
अभय पीछे मुरते हुवे - किया है पीछे जिसे देख तु भी डर गया
लेकिन अभय जब पीछे काजल को गुस्से मे देखता है तो अभय कि भी फट जाती है

काजल अभय के कान पकर - अच्छा तो औरतो कि बुराई हो रही थी हमे तैयार होने मे समय बहोत लगता है
अभय दर्द मे - बुआ मेने गलत तो नही कहा अब छोरो मेरे कान दर्द कर रहे है
काजल कान छोरते हुवे - तुम क्या जानो औरतों को इतना टाइम कियु लगता है तुम मर्द 10 मिनट मे नहा के 5 मिनट मे रेडी हो जाते हो तो तुम्हे लगता है हमे भी उतना ही टाइम लगेगा
अभय डरते हुवे - समझ गया बुआ अब गुस्सा थूक दो ( अभय पीछे देख) कियु विजय मेरे भाई ( लेकिन क्या विजय तो पेहले ही फुर हो चुका था अभय मन मे) साला मुझे फसा कर चला गया

काजल - हा बोलो क्या बोलना है
अभय काजल को बाहों मे लेके मुस्कुराते हुवे - ये बोलना था आप रेडी रहो हम खाना खाने के बाद निकलेगे लेकिन हा आप सारी नही सूट लेगिंस पेहेनना
काजल मुस्कुराते हुवे - लेकिन भला मे कियु तेरे कहने पे सूट लेगिंस पेहनु
अभय काजल की आखो मे देख धीरे से - हम बाइक पे जायेंगे आप मेरे पीछे दोनो तरफ पैर कर के बैठेगी मुझसे चिपक कर मेरे कमर को पकरे तो मुझे भी गर्लफरेंड वाली फीलिंग मिल जायेगी

अभय की बात सुन आसा पाने मुह पे हाथ रख अभय को हैरानी से देख फिर अभय को गाल पे मारते हुवे - शैतान तो इस लिये चाहता है मे सूट लेगिंस पेहनु लेकिन नही पेहनुगी

तभी मिनिता आते हुवे - क्या बात हो रही है
अभय काजल को छोर मिनिता को देख मुस्कुराते हुवे - अब ये कहने आया था बुआ को खाने के बाद चलेंगे
मिनिता - अच्छा ये बात है सही है
अभय कोमल को देख - ओये बंदरिया मेरी शादी के बाद तेरी ही शादी होगी समझ गई
कोमल अभय को गुस्से से देख - बंदर तुझे कियु परी है मेरी शादी कि
अभय - 19 की हो गई है विजय भी तो है कियु ऑन्टी
मिनिता मुस्कुराते हुवे - बिल्कुल सही कहा बेटा पेहले कोमल कि शादी के बाद विजय की शादी करा दुगी

अभय मिनिता काजल दोनो के गालो पे किस कर - ठीक है बुआ मे खाना खाके रेडी होके आता हु आप भी रेडी रेहना

अभय फिर घर आके नहाने मे लग जाता है नहाने के बाद रेडी होता है अपना समान पैक करने लगता है तो अदिति कमरे मे आती है और बिस्तर पे बैठते हुवे

अदिति - भाई तीन दिन आपके देखे बिना कैसे रहूगी
अभय समान पैक करने के बाद अदिति को पकर बिस्तर पे लेता कर अदिति के ऊपर आके अदिति की आखो मे देख - अरे गुरिया फोन है ना वीडियो कॉल कर लेना और तीन दिन की तो बात है
अदिति अभय को बाहों पे पकर - लेकिन भाई आपके सामने देखा रेहना और दूर देखना अलग है लेकिन मे समझ सकती हुई
अदिति अदिति के गाल पे किस कर - मेरी प्यारी गुरिया

अभय फिर आसा अदिति के साथ बैठे खाना खाता है और सीधा मधु के घर आ जाता है

मधु घर मे अकेले थी सिला खेत मे गई थी अभय मधु के कमरे मे जाता है तो अभय देखता है मधु रेडी होके बाल खरी थी

अभय मधु को देख मुस्कुराते हुवे - अरे रेडी हो गई थोरा पेहले आना चाहिये था

अभय की आवाज सुन मधु पीछे अभय को देखती है फिर अभय बात समझ शर्म से लाल अभय के पास आके भाई - आप बहोत गंदे है

अभय मधु को बाहों मे लेके - कियु ये गंदा भाई तुझे पसंद नही है क्या
मधु अभय को प्यार से देख - बहोत पसंद है और मे बहोत प्यार करती हु
अभय मधु के गाल पे किस करते हुवे - मा कहा है
मधु - मा खेतो मे गई है
अभय - चलो फिर मा से मिल लेता हु
मधु - जी भाई

अभय मधु के साथ बाइक से खेतो के पास आता है और बाइक साइड लगा के थोरा चल कर दोनो सिला के पास पहुँच जाते है

सिला अभय मधु को देख मुस्कुराते हुवे - आ गये तुम दोनो
अभय सिला को देख - छोटी मा मे जाने वाला था तो सोचा अपनी सेक्सी मा मिल कर उनका खूबसूरत चेहरा देखे बिना कैसे जा सकता हु
सिला शर्मा के - तुम भी ना बेटा
अभय सिला को बाहों मे लेके - मा मे जा रहा हु तीन दिन बाद आऊगा आप अपना ध्यान रखना
सिला मुस्कुराते हुवे - रखुंगी बाबा तुम भी अपना ध्यान रखता
अभय सिला को देख - होठो पे किस्सी दो
सिला हस्ते हुवे अभय के होठ पे होठ सता कर किस करते हुवे - अब खुश
अभय मुस्कुराते हुवे - हा ( अभय मधु सिला को देख) ठीक है मा गुरिया मे जाता हु

सिला गुरिया - ठीक है


अभय बाय बोल घर आ जाता है आसा कमरे मे थी अभय आसा को बाहों मे लेके - मा अब मे चलता हु
आसा अभय को किस कर - ठीक है लाल लेकिन रास्ते मे अच्छे से जाना बाइक तेज मत चलाना समझ गया
अभय मुस्कुराते हुवे - जी मा समझ गया

अभय अदिति मा को बाय बोल अपना बैग लेके सीधा विजय के घर आ जाता है अभय अंदर आँगन मे जाता है तो मिनिता कोमल विजय के साथ जब अभय की नजर काजल पर जाती है तो अभय हैरान हो जाता है


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कियुंकी काजल काजल ने सूट लेगिंस पेहनी थी और सच मे काजल सूट लेगिंस मे बवाल लग रही थी बरे चुचे मोटी जांघे साफ कपड़े के ऊपर से दबे सिखाई दे रही थी काजल अभय को देख थोरा शर्मा के देखती है अभय होस मे आते हुवे सभी को देख

अभय - तो अब हमे चलना चाहिये
काजल - ठीक है

अभय सभी बाहर आते है अभय काजल का बैग और अपना बैग आगे रख देता है

काजल मिनिता को देख - भाभी जीतने दिन यहा रही सच कह तो बहोत मजा आया ( काजल अभय को देख ) खास कर अभय बेटे की वजह से लेकिन फिर मुझे आना ही है अभय बेटे के शादी मे

मिनिता - आपने सही कहा ननद जी अभय बेटे ने हमे बहोत हसाया लेकिन फिर आप आयेगी तो फिर खूब मस्ती करेगे
काजल मुस्कुराते हुवे - जरूर करेगे भाभी
काजल विजय कोमल को देख - बेटा तुम दोनो अपना ख्याल रखना
विजय - बुआ चिंता मत कीजिये आप अच्छे से जाइये
कोमल - हा और जल्दी आना भी तो है आपको फिर
काजल - आना को पड़ेगा अभय बेटे के एक रिस्ता जो बन गया है अच्छा अब जाना चाहिये

मिनिता अभय को देख - बेटा अच्छे से जाना लेके अपनी बुआ को
अभय मुस्कुराते हुवे - जी ऑन्टी
अभय बाइक पे बैठ बाइक चालू कर देता है और काजल बैठ जाती है सब एक दूसरे से बाय बोल अभय निकल परता है काजल के घर

मिनिता -दोनो चले गये अब उतना मजा नही आयेगा उनके बिना
काजल मुस्कुराते हुवे -हा हा कियुंकी वो बंदर आके आपकी रारीफ और किसी जो मागता था
मिनिता मुस्कुराते हुवे - चलो अंदर

अभय बाइक लिये काजल को लेके जा रहा था कमाल कि बात ये थी रास्ता एक घण्टे का था

अभय बाइक चलाते हुवे जा रहा था अभय कि नजर सामने रास्ते पे थी

अभय - बुआ मुझे लगा नही था आप मेरे कहने पे सूट लेगिंस पेहन लोगी
काजल मुस्कुराते हुवे - ज्यादा मत सोच मेरे पास अच्छी सारी नही थी इस लिये पेहन ली
अभय - अच्छा फिर भी क्या फायदा आप तो मुझसे हट कर बैठी है

असल मे काजल अभय से हट कर अभय के दोनो कंधे को पकर बैठी थी
अभय की बात सुन काजल थोरा शर्मा के आगे घिसक् कर अभय से पुरा सत् जाती है और अपना पुरा सरीर अभय से चिपका देती है जैसे ही काजल का पुरा सरीर अभय से चिपकता है अभय को पेहले काजल के बरे मुलायम चुचे अपने पिट पे महसूस होते है फिर काजल के शरीर की गर्मी


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अभय काजल के बरे चुके सरीर की गर्मी फिल अभय के अंदर कुछ होने लगता है वही काजल सर्म से लाल अपने दोनो हाथो से अभय के कमर को पकर लेती है काजल पूरी तरह से अभय से चिपकी थी बीच से हवा भी नही जा सकता था

अभय मुस्कुराते हुवे - थैंक्स बुआ आप बहोत अच्छी है
काजल शर्मा के रेह जाती है

अभय फिर काजल से गाव कैसा है ये सब पूछने लगता है तो काजल भी सब बताने लगती है दोनो के बीच बाते होते हुवे चले जा रहे थे


काजल अभय को छोर चलते है आरोही के और

आरोही अमर कमरे मे थे और दोनो बिस्तर पे लेते हुवे थे

अमर - मा पापा भी मान गये अब रास्ता साफ है तेरा
आरोही मुस्कुराते हुवे - हा भाई आपका सुक्रिया मेरा साथ देने के लिये
अमर आरोही के ऊपर आके आरोही को देख मुझे अपनी छोटी बेहन की चूत चाहिये

आरोही सर्माते हुवे - अच्छा लेकिन क्या आप मेरी चूत की गर्मी निकाल पायेंगे
अमर जोस मे आते हुवे - ये तो जब तुम्हारी चूत मारुंगा तो तुम्हे पता चल ही जायेगा लेकिन छोटी ये बता जीजा का लंड पेहली बार लिया तो दर्द हुवा होगा कितना मजा आया बता ना

आरोही - बाद मे बटाउगी दूसरी आपको चूत नही मिलेगी
अमर हैरानी से - किया लेकिन कियु
आरोही - मे ये नही केह रही नही दुगी लेकिन फिल्हाल नही दे सकती कियुंकी उनको पता चला तो आपका खेल खतम
अमर डर के - ठीक है छोटी तेरी बात समझ गया मे थोरा इंतज़ार कर लूंगा

आरोही मुस्कुराते हुवे - भाई चिंता मत करो सही समय का इंतज़ार करो फिर मे आपकी ही हु

अमर आरोही को किस करना सुरु कर देता है आरोही भी पुरे जोस मे अपने भाई को किस करने लगती है दोनो भाई बेहन एक दूसरे का रस चूस कर पीते है


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अमर आज पता चला बेहन को किस करने मे कितना मजा आता है
आरोही मुस्कुराते हुवे - असली मजा तो बाद मे दुगी आप को

इसके बाद आरोही सीधा उदय के बंगलो मे आती तो उदय काम से बाहर था लेकिन टीनू बंगलो मे था

टीनू आरोही को देखता है तो हैरान हो जाता है आरोही अब पेहले वाली गरीब आरोही नही थी अब आरोही अमीर लुक मे थी जैसे अमीर घर की लरकिया कपड़े पेहन रहती है


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जींस टिसर्ट मे आरोही बहोत सेक्सी लग रही थी आरोही का करेक्टर उसकी चाल संस्कार बोले का तरीका सब आरोही ने बदल लिया था अब जो आरोही थी वो पेहले की आरोही से उलट थी

टीनू आरोही को देख मुस्कुराते हुवे - किया बात है नई मा आप तो बहोत सेक्सी लग रही है

आरोही टीनू के पास बैठ कर टीनू को देख मुस्कुराते हुवे - अच्छा तुमने मुझे मा भी मान लिया
टीनू मुस्कुराते हुवे - पापा ने आपको बीवी मान लिया तो मुझे भी मानना पड़ेगा लेकिन
आरोही- बोलो
टीनू - मुझे आपकी चुदाई करनी है बस एक बार प्लेस
आरोही हैरान नही होती कियुंकी पेहली वाली आरोही होती तो बहोत हैरान हो जाती

आरोही टीनू को देख - नही टीनू ऐसा नही करुगी मे तुम्हारी पापा की हु

टीनू आरोही को देख- देखो आरोही तुम्हे मा मानने मे कोई परोबलम् नही है मुझे लेकिन तुम मेरे साथ ऐसा करोगी सोच लो मे तुम्हारा पुरा काम बिगार् सकता हु समझ नही

आरोही कपड़े निकालते हुवे - तुमसे मे डरती नही हु कियुंकी मेरे पीछे तुम्हारा बाप मेरा पति है लेकिन मे तुमसे से रिस्ता भी खराब नही करना चाहती ये पेहली लास्ट होगा

टीनू गहरी सास लेते हुवे - ठीक है मे भी तुमसे रिस्ता खराब नही करना चाहता

आरोही पूरी नंगी होते टांगे फैला के टीनू को देख - सीधा मेरी चुदाई करो समझ गये


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टीनू अच्छे से आरोही के चुचे चूत नंगे बॉडी को उपर से नीचे तक देखता और कपड़े निकालते हुवे मन मे - कुछ भी कहो साली है कमाल ही ( टीनू नँगा होके आरोही के चूत पे पास आप जाता है

टीनू आरोही की चूत पे लंड रख जोर का धक्का मार एक बार मे हि घुसा देता है आरोही दर्द मे आह मर गई टीनू बिना रुके जोर जोर सी धक्का मारता रेहता है आरोही दर्द मे आखो मे - आह टीनू धीरे कर दर्द हो रहा है आह मा जोर से धक्का मत मार


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टीनू जोर जोर से धक्का मारते हुवे आरोही को देख - आह आरोही तेरी चूत तो बहोत टाइट गर्म है मजा आ रहा है तेरी चूत मारने म आह
आरोही - आह मजा आ रहा है तुझे मुझे दर्द मे मजा आ रहा है
टीनू अपना लंड निकाल जोर से धक्का मार घुसा देता है आरोही दर्द मे आह मा मर गई
अब मजा आया 8 मिनट बाद टीनू मेरा निकलने वाला है
आरोही जल्दी से पीछे हट के टीनू का लंड पकर हिला के पानी निकाल देती है

आरोही कपड़े पहनते हुवे - इस घर मे केमरा लगा है तुम्हारे पापा ने कहा था मे तुझे एक बार मजा दे दु तो मेने दे दिया कियुंकी मुझे पता था तुम मेरे साथ करने की कोसिस जरूर करोगे ये बात मेने तुम्हारे पापा को बताया था तो उन्होंने कहा एक बार दे दु

आरोही टीनू के नजदिक आके टीनू के आखो मे देख - तेरे पापा यानी मेरे पति जो कहेगे मे करुगी लेकिन इसके बाद अगर

टीनू हाथ जोरते हुवे - समझ गया आगे मत बोल

आरोही मुस्कुराते हुवे - अच्छा है वैसे मजा आया मुझे अब जा यहा से मुझे सोने दे और हा इस बंगलो मे बाथरूम कमरे से केमरा निकाल ले कियुंकी आज से मेरी मा पापा भाई सब यही रहेगे
टीनू जाते हुवे - हा हा जा रहा हु कर दूंगा तेरा काम साला आज मेरे कमरे से मुझे जाना पर रहा है

आरोही मुस्कुराते हुवे मन मे - कियुंकी अब ये बंगला मेरा है मेरे होने वाले बेटे


अभय काजल के पास चलते है अब

अभय काजल दोनो आधे रास्ते पे पहुँच चुके थे रोड के दोनो तरफ खेत ही खेत है जैसे गाव का रोड होता है

काजल को अब सुसु जोर से लग आती है तो काजल परेसान होते हुवे मन मे - धत तेरी की जोर से अभी ही लगना था अभी तो रोक भी नही सकती कियुंकी अभी आधे रास्ते पे हि पहुचे है

काजल शर्मा के - सुनो बेटा साइड मे गारी रोको ना
अभय - कियु बुआ
काजल शर्मा के - समझ ना पागल
अभय सोचता फिर समझ मे आता है और बाइक को साइड मे रोक देता है काजल उतर कर सामने मक्के के खेत को देखती है फिर उस तरफ जाने लगती है

अभय काजल को जाते देखता है फिर अपनी दिशा से बाते करने लगता है

अभय - मेरी जान क्या कर रही हो
दिशा - आपको याद कर रही थी
अभय मुस्कुराते हुवे - अच्छा ये तो ठीक है मेरे उसको भी याद कर लिया करना नही तो वो बुरा मान जायेगा
दिशा सर्म से लाल होते हुवे - हर वक़्त सिर्फ गंदी बाते करते रहते है
अभय मुस्कुराते हुवे - क्या करू बाते कर हि दिल बेहला रहा हु
दिशा - अच्छा ये बताइये आप कहा है अभी
अभय - काजल बुआ को छोरने आया हु आधे रास्ते मे है अभी
दिशा - अच्छा
अभय - ठीक है जान घर पहुँच फोन करता हु
दिशा - ठीक है आई लोव यू
अभय - आई लोव यु तु

फोन कट

वही काजल मक्के के खेत के पीछे जाके बैठ जाती है जोर से लगी हुई थी तो तेजी से धार मारती है और सुई की आवाज निकलने लगती है


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काजल पिसाब करते हुवे - हद है अभय बेटा क्या सोच रहा होगा मेरे बारे मे घर अब किया ही कर सकते है जो होना था हो गया

काजल पिसाब कर अभय के पास आ जाती है लेकिन सर्म से नजरे नीचे किये हुई थी अभय समझ जाता है इस लिये कुछ नही बोलता है

तभी कुछ 5 लफंगे थोरि दूर रोड के साइड पेर के नीचे बैठे थे लेकिन उन सब की नजर अभय काजल पे सुरु से थी सभी ने काजल का खेत मे जाते हुवे भी देखा था

अभय यहा था वहा कोई घर नही था चारों तरफ खेत है रास्ता भी गाव का था तो गारी भी कम आ जा रही थी और ये पाचो लफंगे यहा रोज आके लरकी को छेरते हुवे आ रहे थे जगह भी ऐसी थी कोई होता नही था इसी लिये 5 चो बिना डरे अपना लफंगे वाला काम करते रहते थे

5 लरके काजल के पास आके काजल को देख - अरे ऑन्टी आप अकेले खेत मे गई थी ( अभय को देख) इस लरके को ले जाती है या हम सभी को

लरका 2 काजल को देख - मानना पड़ेगा क्या बॉडी है आप कि सब ऊपर से दिख रहा है

लरका 3 - ऑन्टी चलो ना खेत मे हम पाचो खूब मजे देगे आप को

काजल गुस्से से लाल थी लेकिन डरी हुई भी थी वही अभय की नशे फुल चुकी थी आखे गुस्से से लाल हो चुकी थी

दूसरा लरका कुछ बोलता उससे पेहले अभय एक लरके का हाथ पकर जोर से मोर लेता है लरका जोर से दर्द से चिल्ला उठता है बाकी लरके हैरानी से अभय को देखते है अभय ने जिस लरके को पकरा था उसके सीने पे जोर से लात मारता है लरका सीधा जाके खेत मे गिरता है

बचे 4 सभी अभय की ताकत देख हैरान थे लेकिन अभय से डर भागे नही एक लरका अभय को गाली देते हुवे साले तूने मेरे दोस्त को मारा

बाकी तीन भागते हुवे पेर के पास के खेत से डंडे लेकर आते है जो इन लोगो ने ही छुपा कर रखा था अब चारों के पास डंडे थे और अभय को गुस्से से देख रहे थे

काजल डरते हुवे - बेटा
अभय काजल को पकर पीछे कर आगे चला जाता है

लरका 1 अभय को देख - साले तेरे जैसे कई को हमने अच्छे से धुलाई की है आज तेरी सब हड्डिया तोर दूंगा

अभय अपनी आखे बंद कर पेहले का वो सीन जब अभय कैद मे था वो सीन जिसे अभय अभी याद नही करना चाहता था वो सीन जिसके बारे मे अभय ने सब को बात करने से बना कर दिया था वो सीन जिसे याद कर विजय जीत जीतू के भी रूह काप् जाती है वो सीन उसके बाद अभय से सब कापने लगे थे और अभय सब का बॉस बन गया उस सीन को याद कर चारों को देख मन मे -कईयो का सर डर से अलग किया है मेने मे खुद भी नही जानता


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और तुम 4 मामूली चूजे मेरे सामने आके अकर दिखा रहे हो सुकर बनाओ मे बेगुनाह को नही मारता जान से नही तो मुझे तुम सब का सर धर से अलग करने मे एक मिनट भी नही लगता फिर भी आज तुम सब का पाला मुझसे परा है आज के बाद तुम दोनो मुझे याद रखोगे और फिर गलती से भी किसी को छेरने की भूल नही करोगे मेरी बुआ को गंदे शब्द बोलने वाले को माफ कैसे कर सकता हु


आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏🙏🙏
बहुत ही शानदार लाजवाब और जबरदस्त मदमस्त अपडेट है भाई मजा आ गया
 

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chapter 23

अभय के घर

मिनिता आसा कमरे मे बैठे बाते कर रहे तो वही अदिति दिशा से बाते कर रही थी

मिनिता - अभय के गये अभी आधे घंटे हुवे है लेकिन अभी से बोर वाली फीलिंग आ रही है अभय के होने से मस्ती चहल पेहल बनी रहती थी सभी को हसाते रेहता था

आसा मिनिता को देख - हा तुम्हारी बात सही है मेरा लाला मस्ती बाज है ही मस्ती किये बगैर रेह नही सकता लेकिन किया करू मर्द है घर का अब बरा भी हो गया है तो उसे हमेसा सीने से लगा के रख तो नही सकती ना

मिनिता - हा आपने सही कहा दीदी अब तो उसकी शादी भी हो रही है जल्दी ही पापा और आप दादी बन जायेगी
आसा मुस्कुराते हुवे - मुझे तो उस दिन का बेसबरी से इंतज़ार है जब घर मे नन्हे बच्चे की किलकारी गुजेगी और लाला के बेटे या बेटी को मे अपने गोद मे लुगी
मिनिता मुस्कुराते हुवे - दीदी जरूर वो पल जल्दी ही आयेगा कियुंकी आपका लाडला फास्ट जो है
आसा हस्ते हुवे - ये बात भी तुमने सही कही


अदिति - भाभी आपके बिना मजा नही आ रहा भइया भी चले गये
दिशा हस्ते हुवे - अच्छा जी मेने उनसे बात की है आधे रास्ते पहुँच गये है
अदिति - हा लेकिन तीन दिन उनके बिना देखे रेहना परेगा वैसे किया किया बाते होती है भईया आपके बीच बताइये ना
दिशा शर्मा के - जो एक पति पत्नी मे होता है और आपको कियु जाननी है
अदिति हस्ते हुवे - मेने तो बस ऐसे ही पूछ लिया

अंदर बाते चल रही थी तभी एक गारी अभय के घर की बाहर आके रुकती है उस गारी से एक लरकी उतर अभय के घर को देखते हुवे - अच्छा तो ये घर है मेरे राजा का

लरकी अंदर आँगन मे जाके - कोई है किया

लरकी की आवाज सुन आसा मिनिता अदिति आँगन मे आते है तो सभी एक खूबसूरत सी लरकी को देख हैरान हो जाते है


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आसा लरकी को देख - तुम कोन हो बेटा किससे मिलना है
लरकी आसा को देख -मे अपने राजा से मिलने आई हु वैसे आप कोन है
आसा हैरानी कंफ्यूज से - कोन राजा
लरकी - ये घर अभय का हि है ना
आसा अजीब नजरो से लरकी को घूर के देख - हा
लरकी मुस्कुराते हुवे - वही तो है मेरे राजा बाबू सोना

लरकी की बात सुन मिनिता आसा अदिति को बहोत जोर का झटका लगता है वही अदिति हाथ मे फोन लिये हुवे थी फोन चालू था और दिशा ने सब सुन लिया था
दिशा गुस्से से लाल जोर से चिल्लाते हुवे - ये कमीनी है कोन जो मेरे पति को राजा बाबू सोना केह रही है मे जान से मार दुगी इस कमीनी को

दिशा की गुस्से वाली आवाज सुन पूजा तारा भागते हुवे दिशा के कमरे मे आके
पूजा - किया हुवा दीदी
तारा - तुम इतने गुस्से मे कियु हो
दिशा पूजा तारा को देख - कुछ नही कहती तभी दोनो को फोन से किसी लरकी की आवाज सुनाई देती है तो पूजा तारा हैरान हो जाते है

लरकी आसा मिनिता अदिति को देख - आप सब मेरे राजा के लिये लगते है

लरकी की बात सुन सभी होस मे आते है

आसा अजीब थोरा गुस्से से- मे उसकी मा हु
मिनिता अजीब नजर से घूर के - मे उसकी ऑन्टी हु
अदिति गुस्से वाली नजर से - मे उनकी छोटी गुरिया हु

लरकी सभी के परिचय जानने के बाद लरकी जल्दी से जाके आसा के पैर छुटे हुवे - पाई लागू सासु मा

ले एक और धमाका और आसा मिनिता अदिति पुरे सॉक से आखे फ़ारे लरकी को देखने लगते है

लेकिन दिशा लरकी को अपने सासु मा को सासु मा कहते सुन अपनी मुठी कस्टे हुवे पागलो की तरह चिल्लाते हुवे - ये कमीनी मेरी मम्मी जी को कियु सासु मा केह रही मे उसको जान से मार दूंगी (दिशा गुस्से से लाल खरी होके) जा रही हु वहा कमीनी के बाल पकर इतना मरुगी की की साली कभी मेरे पति को राजा और मेरी मम्मी जी को सासु मा केहना भूल जायेगी

पूजा तारा को सारी बात सुनने के बाद समझ मे आता है सारा मामला
पूजा जल्दी से दिशा को पकर - दीदी आप वहा मत जाइये अभी
दिशा गुस्से से - छोर मुझे आज उस चुड़ैल की जान ले लुगी
तारा - बेटा सांत हो जाओ पेहले मामला किया है समझ जान लेते है ना फिर जो करना है कर लेना

तारा की बात सुन दिशा रुक कर गुस्से से बिस्तर पे बैठ जाती है पूजा गहरी सास लेते हुवे मन मे - पागल जीजा आपने क्या गुल खिलाये है इतना गुस्सा तो दीदी पेहले कभी नही हुई

वही आसा होस मे आते हुवे - देखो बेटी पेहले ये बताओ तुम हो कोन अभय से तुम्हारा किया रिस्ता है

लरकी - अरे हा माफ करना मेरा नाम है पायल और आपके बेटे से मे प्यार करती हु

एक और झटका अब तो आसा मिनिता अदिति पथर् बने पायल को देखते रेह जाते है

वही दिशा तारा पूजा भी सब सुन जान उन्हें भी बरा झटका लगता है

दिशा का गुस्सा फिर हाई हो जाता है पेहले से दिशा खरी होते हुवे - अब तो पक्का मे उस कमीनी को मार कर ही आउंगी

लेकिन फिर पूजा दिशा को पकर - प्लेस दीदी रुक जाइये पेहले पूरी बात सुन लेते है ना फिर मे भी आपके साथ चलुंगी पक्का
दिशा पूजा को देख फिर गुस्से से बिस्तर पे बैठ जाती है
पूजा अपने पसीने साफ करते हुवे मन मे - थरकी जीजा दीदी उस कमीनी पायल को मारेगी मे आपको मार दुगी
तारा हैरान मन मे - ये क्या हो रहा है अचनाक् ये लरकी कहा से आ गई

आसा होस मे आते हुवे - लेकिन मेने तुम्हे कभी देखा नही ना मेरे लाला ने तुम्हारे बारे मे बताया तुम दोनो कैसे मिले किया चक्कर है सब अच्छे से बताओ

पायल मन मे - क्या मेरे राजा ने मेरे बारे मे घर वालो को नही बताया

अदिति पायल को देख - अब बताइये भी सब कुछ भाई का कहा मिली सब कुछ

पायल सभी को देख फिर ट्रेन के 24 घंटे सफर मे जो हुवा बता देती हो बस बाथरूम किस वाला सीन नही बताती

पायल की बात सुन आसा मिनिता अदिति और दिशा पूजा तारा जो फोन मे सब सुन रही थी तीनो भी हैरान हो जाते है

आसा अपने मे लरकी को देख - इसने वो कहा सब सुनने के बाद सीधा बता चल रहा है मेरा लाला इस लरकी से प्यार नही करता बल्कि ये हि मेरे लाला के पीछे परी है

सेम बात सभी भी सोच रहे थे

आसा गहरी सास लेते हुवे - देखो बेटा मेरे लाला तुम्हारे बीच जो हो तुम दोनो ही देख लेना दूसरी मेरे लाला की शादी फिक्स हो चुकी है तो उसे भूल जाओ

पायल आके सब को झटके दिये जा रही थी अब आसा की बात सुन पायल को बहोत बरा झटका लगता है

पायल हैरानी से - किया मेरे राजा की शादी फिक्स हो गई है लेकिन कब कैसे

( अभय काजल की तरफ चलते है )

अभय खरा चारों को गुस्से से देख रहा था अभय अपना हाथ नीचे ले जाने लगता है तभी अभय मन मे - नही उसकी जरूरत नही परेगी ये तो मामूली चूहे है

तभी एक लरका चिलाते हुवे अभय के सर पे डंडे से वार करता है लेकिन अभय डंडे को अपने हाथो से आराम से पकर जोर स अपनी तरफ खिचता है झटका खाके लरका लरखराते हुवे अभय के नजदिक आ जाता है अभय लरके के बाल पकर न जोरदार मुक्का पेट मे मारता है लरका बहोत जोर की चीख मारता है एक और लरका फिर तेजी से अभय पे अटैक करने आता है अभय घूर के उस लरके को देखता है और जो लरका दर्द मे पेट पकरे था उसके कंधे पे हाथ रख अभय एक छलांग मार दूसरे लरके के सीने पे आपका पैर दे मारता है लरका सीधा जाके दूर गिरता है और दर्द से चिलाने लगता अभय फिर पेहले वाले लरके हो पीछे एक किक मार उसे भी दूर फेक देता है अब अभय बचे दोनो लरको को घूर के देखता है दोनो लरके अभय की फाइट देख डर गये थे लेकिन फिर भी हिम्मत कर एक साथ अभय पे डंडे से हमला करते है अभय दोनो के डंडे को हाथो से पकर जोर से खिचता है दोनो लरके के हाथो से डंडा छुट जाता है लेकिन अभय ने ताकत से डंडे को अपनी तरफ खिचा था तो दोनो लरके उस फोर्स से अभय कि तरफ झुक जाते है अभय दोनो डंडे को पकर डंडे पे अपना वजन डाल एक जम्प मार दोनो के चेहरे पे अपना किक दे मारता है दोनो पीछे जाके गिरते है अभय एक डंडे को लेकर खरा सभी लरके को देखता है इतना हि सब के लिये काफी था

अभय गुस्से से तेज आवाज मे - सब सब जल्दी से मेरे सामने घुटनों पे आओ अभी तो मेने धीरे से मारा है ना तुम लोगो की हड्डी तोरी है लेकिन मेरी बात नही मानी तो

अभय ने इतना कहा हि था कि सभी दर्द मे जैसे तैसी चल के अभय के सामने घुटनों पे बैठ जाते है

अभय सभी को देख - तुम सब ये आते जाते लरकी औरतो को कब से छेररते आ रहे हो

लरका अभय को देख डरते हुवे 1 साल से
अभय गुस्से से - क्या तुम सभी ने किसी का रेप जैसा कुछ क्या है

सभी लरके - नही नही हमने ऐसा नही किया
अभय गुस्से से - सच बोल रहे हो
सभी लरके - मा कसम हम तो सिर्फ लरकी औरतो को देख उसपे कोमेंट करते थे

अभय सभी को घूर के देखता है और फिर - आगे से फिर ऐसा करोगे
सभी लरके अभय के पैर पे गिरते हुवे - नही आज के बाद हम गलती से भी ऐसा कुछ नही करेगे

अभय डंडे को फेकते हुवे - याद रखना मे इस रास्ते से आता जाता रहुंगा फिर मेने देखा तो अगली बार तुम सब कि हड्डी तोर दूंगा अब जाओ यहा से

अभय के कहते हि सब लरके भाग निकलते है

अभय फिर काजल के आप आ जाता है

काजल अभय को घूर के देख - तुमने ये फाइट करना कहा से सिखा
अभय काजल को देख - अच्छा ये फाइट मेने तो फिल्मो मे देखा वैसे हि किया तो बस हो गया
काजल तिरची नजर से अभय को देख - हलवा है क्या देख कर इस तरह की फाइट करना

अभय मन मे - ये तो पीछे हि पर गई जबकि मेने तो नॉर्मल फाइट कि

अभय बात बदलते हुवे जाके काजल को बाहों मे लेके - ये छोरिये मेरी सेक्सी बुआ एक किसी दे दीजिये ताकि मुंड फरेस् हो जाये
काजल शर्मा के - छोर मुझे हम रास्ते पे है कोई देखेगा तो किया कहेगा
अभय - क्या कहेगा

तभी अभय का फोन बजता है अभय काजल को छोर फोन देखते हुवे ये तो मा का फोन है
काजल- इस्पिकर् पे रखो

अभय - हा मा बोलिये
आसा गुस्से से - लाला ये पायल नाम की लरकी से आई थी क्या चल रहा है तुम दोनो का

आसा की बात सुन अभय को झटका लगता है सेम काजल को भी काजल तो अजीब नजर से अभय को देखने लगती है

अभय काजल को देख - इतनी अजीब नजर सी मुझे मत देखिये ( अभय आसा से) मा आप गलत समझ नही है मेरे उसके बीच कुछ नही है वो मेरे पीछे परी है लेकिन मे सब देख लूंगा

आसा - मेरी कसम खाके बोल तेरे उसके बीच कुछ नही है
अभय - आपकी कसम मा
आसा - तब ठीक है तुझे पता भी उसने आके हमे कितने झटके दिये है
अभय गहरी सास लेते हुवे - ऐसा कुछ नही है अब मे रखता हु

फोन कट
अभय काजल को देखता है काजल अभी भी अभय को अजीब नजर से देखे जा रही थी

अभय - बुआ ऐसे अजीब नजर से कियु देख रही है मुझे
काजल - कियुंकी तु तो ठरकी निकला
अभय आके कुछ बोलता तभी दिशा का फोन आता है जिसे देख अभय की फट के हाथ मे आ जाती है काजल अभय को डरता देख मुस्कुराते हुवे - लगता है तेरी बीवी का फोन है तेरे तो लग गये बेटे

अभय डरते हुवे - हा जान
दिशा गुस्से से - जान गई तेल लेने पेहले ये बताइये आपका और उस कमीनी का किया चक्कर चल रहा है ( दिशा रोते हुवे ) हे उपर वाले मेरा पति तो ठरकी धोकेबाज़ निकला अब मे किया करू बाहर मुह काला करते है और हमे पता भी नही चलने दिया आप बहोत गंदे बुरे है मे लूट गई बर्बाद हो गई अब मेरा किया होगा मुझे एक ठरकी के साथ पूरी जिंदगी गुजरानी होगी छोर भी नही सकती प्यार जो करती हु क्या क्या सपने सजाये थे क्या क्या आपको माना आपके लिये सोचती थी और आप तो ठरकी निकले ठरकी लरकी बाज
अभय बेचारा सर पकर पसीने से भीगे बस दिशा के गुस्से का सामना किये जा रहा था डाट सुने जा रहा था वही काजल पेट पकर जोर जोर से हसे जा रही थी

अभय अपना सर पकर - बस करो नाटक और ये ठरकी ठरकी किया लगा रखा है मे तो उस लरकी को भूल भी गया था बस सफर मे साथ थे मुझे क्या पता था वो घर आ जायेगी तुम्हारी कसम तुम ही हो मेरे दिल मे और मेरा किसी से चक्कर नही है

दिशा - सच केह रहे है आप
अभय - बोला तो सच्ची अब मे रखता हु
अभय गहरी सास लेते हुवे - मुझे अंदाज़ा नही था वो पागल लरकी घर आके बवाल मचा कर चली जायेगी

काजल अभय को देख हस्ते हुवे - क्या सच मे तेरा उस लरकी से
अभय काजल को देख - हा कुछ नही है उसे मे अच्छा लगा मेने उसे भाव नही दिया वो अमीर घर कि लरकी है उसके दिल मे मेरे लिये प्यार नही अट्रेक्संन है बस कियुंकी वो खूबसूरत थी कई लरके उसके पीछे परे रहते थे लेकिन मेने कोई भाव नही दिया मेरा इस लिये मुझे नही लगता उसे प्यार का असली मतलब पता भी है हा दिल की अच्छी है

काजल - तुम्हे कैसे पता उसका तुम्हारे लिये प्यार नही अट्रेक्संन है
अभय काजल को देख - बस फीलिंग आई उसकी आखो मे भी जो प्यार नजर नही आया जो मे मा गुरिया मधु सिला मा दिशा पूजा सासु मा विजय आपकी आखो मे देखता हु चाहे लोव वाला प्यार हो या कोई और प्यार हो आखे सब पता देती है

काजल अभय को देख मुस्कुरा देती है

अभय काजल को बाहों मे लेके - मेरा किस
काजल शर्मा के अभय के होठो पे किस करते हुवे - अब चले
अभय मुस्कुराते हुवे - हा

अभय फिर बाइक पे बैठ जाता है काजल फिर अभय से पूरा चिपक बैठ जाती है अभय फिर निकल परता है

( अभय के घर )

एक कमरे आसा मिनिता अदिति तोनो बैठे थे

मिनिता हस्ते हुवे - मुझे तो लगा था अभय ने पेहले भी किसी के साथ ( मिनिता अदिति को देख बात बदल के) लेकिन ऐसा कुछ नही था लरकी ही पीछे परी हुई है और ऐसा हो भी कियु ना अभय बेटा बहोत हैंडसम जो है

अदिति गुस्से से - मेरे भाई हैंडसम है तो क्या कोई ऐरी गैरी लरकी मेरे भाई के पीछे पर जायेगी दिल तो कर रहा था उसके मुह तोर दु
आसा - लगा तो मुझे भी था लेकिन बाद मे पता चला मेरा लाल का उस लरकी से कोई चक्कर नही है

अदिति मुस्कुराते हुवे - भाभी ने फोन से सब सुन लिया था मे भूल गई थी फोन चालू है भाभी बहोत गुस्से में थी वो तो यहा आके पायल को मारने वाली थी लेकिन पूजा ने रोक दिया

मिनिता हस्ते हुवे - गुस्सा तो होगी ही ना उसके पति पे कोई डोरे डालेगी तो
अदिति मुस्कुराते हुवे - पता नही भाभी मे भाई को कितना सुनाया होगा
आसा मुस्कुराते हुवे - अब भाई ये तो मिया बीवी ही जाने

( आरोही बंगलो )


आरोही के भाई मा पापा सब बंगलो पे सिफ्ट हो गये थे इतना बरा खूबसूरत बंगलो को देख सब हैरान और खुश भी थे

हॉल मे सभी बैठे थे

उदय भारती जगमोहन को देख - सास ससुर जी भले ही मे आपसे उमर मे बरा हु आपकी बेटी से भी लेकिन यकीन मानिये मे आपकी बेटी को बहोत खुश रखुंगा बाकी मेरे जाने के बाद ( उदय आरोही टीनू को देख) सब कुछ इन दोनो का ही होगा

जगमोहन - हमे कोई दिकत नही है दमाद जी
भारती - हा हमारी बेटी खुश है तो हम भी खुश है
उदय - आप का सुक्रिया अब से ये घर आपका अपना ही है आराम से रहिये बाकी मे किसी चीज की कमी नही होने दूंगा

( अभय काजल )

अभय काजल के घर आ चुका था और अभय काजल के साथ घर के बाहर खरा था

काजल अभय को देख - यही घर है तेरे बुवा का
अभय घर को देखते हुवे - अच्छा है

काजल के घर की हालत ठीक ठाक थी दीवार ईट की थी उपर कर्कट डाला हुवा था कमरे 5 पाच थे

काजल - उमर 40 साल - दो बच्चो कि मा
पति - गगन - उमर 42 साल
बेटी - रूमा - उमर 21 साल - एक बेटा है
बेटा - बिनोद - उमर 20 साल
बहु - ममता - उमर 19 साल - एक बेटी है

काजल -अभय को देख चलो अंदर
अभय - जी

काजल अभय को लेकर अंदर जाती है तो आगन मे ममता अपने बच्चे को गोद मे लेके बैठी हुई थी अचनाक् अभय को देख जल्दी से घूघट डाल लेती है और फिर काजल को देखती है

ममता - मम्मी जी आप आ गई
काजल - हा आ गई ( काजल अभय को देख) इससे मिलो ये है वो लरका जिसकी वजह से विजय आज जिंदा हमारे साथ है

अभय जाके ममता के पैर छुके - भाभी देवर को आशीर्वाद दीजिये
ममता - देवर खुश रहिये हमेसा और मेरे विजय देवर को बचाने के लिये आपका सुक्रिया
अभय - अरे इसकी कोई जरूरत नही है भाभी
काजल - अच्छा बाते बाद मे अभय बेटा जाके फ्रेस् हो जाओ
अभय - जी

काजल ममता को देख - मेरे तेरे वाले कहा है
ममता हस्ते हुवे -आपके मेरे वाले काम पे गये है
काजल हस्ते हुवे - अच्छा तो साम को हि आयेगे फिर

अभय फ्रेस् होता है और ममता खाना निकालती है काजल अभय को खाना देती है अभय बैठ खाने लगता है और खाते हुवे ममता को देख - भाभी खाना तो आप बहोत अच्छा बनाती
ममता - आपको पसंद आया खुशी हुई जान कर
काजल - मेरी बहु खाना बहोत अच्छा बनाती है
अभय मुस्कुराते हुवे - हा ये तो सही कहा आप ने

खाना पीना होने के बाद काजल को केह अभय गाव घूमने निकल परता है लेकिन अभय 10 मिनट मे ही वापस लौट आता है कियुंकी दोपहर का समय था घूमने का मजा साम को ही आता है

अभय अंदर जाता है काजल अभय को दिखाई नही देती तो अभय ममता के कमरे के पास जाके - भाभी मे अंदर आ सकता हु

ममता - आ जाइये देवर जी
अभय अंदर जाता है ममता बिस्तर पे बैठी हुई थी बच्ची सो रही थी
अभय ममता के पास बैठते हुवे - मे अपनी भाभी का खूबसूरत चेहरा देखने आया हु
ममता मुस्कुराते हुवे - अच्छा जी देख दीजिये फिर मना थोरि है
ममता के कहने के के बाद अभय घुघट उठा के ममता के चेहरे को देखते हुवे

अभय - भाभी आप सच मे बहोत खूबसूरत है चाँद की तरह भइया के तो रोज मजे ही मजे ले रहे होगे
ममता सर्म से लाल अभय को प्यार से गाल पे मारते हुवे - अच्छा जी आप बहोत नटखट लगते है मुझे
अभय मुस्कुराते हुवे - सही पहचाना
अभय अपने पॉकेट से एक डब्बा निकाल ममता तो देते हुवे - ये आपके देवर की तरफ से मुह दिखाई है
ममता उस धब्बे को लेकर खोल के देखती है एक खूबसूरत लेक्लेस् था

ममता अभय को देख - देवर जी इसकी क्या जरूरत थी ये मेहगा भी लग रहा है
अभय मुस्कुराते हुवे - ये बताइये आपको पसंद आया गिफ्ट
ममता -हा बहोत खूबसूरत है मुझे पसंद आया
अभय - तो फिर जायदा मत सोचिये
काजल अंदर आते हुवे मुस्कुरा के - हा बहु जायदा मत सोच देवर कुछ दे तो रख लेना चुप चाप
ममता मुस्कुराते हुवे - ठीक है फिर
अभय खरा होते हुवे काजल को देख - कहा गई थी आप
काजल - परोसी से मिलने गई थी


( साम 3 बजे )

काजल अभय को खेत दिखाने लेकर जाती है अभय काजल बाते करते हुवे खेतो मे घुम रहे थे खूबसूरत नजारे को देख रहे थे

अभय - बुआ गाव मे जो सुकून सांत और खेतो मे लहराते फसल को देखने मे जो सुकून मिलता है वो सेहरो मे नही मिलता अच्छा हुवा मे गाव मे पैदा हुवा मेरा घर गाव मे है

काजल मुस्कुराते हुवे - तेरी बात सही है बेटा गाव की बात ही अलग है
अभय पीछे मुर काजल को बाहों मे लेके आखो मे देख - और आपकी भी
काजल शर्मा के - चल छोर मुझे
अभय काजल को छोर देता है दोनो घूमते है बाते कर घर आ जाते है


( साम 5 बजे )

गगन बिनोद दोनो आ चुके थे आँगन मे बैठ बाते हो रही थी

गगन - बेटा तुम सच मे बहादुर हो तेरी वजह से आज कई बच्चे अपने परिवार के पास है और मेरे साले साहब के बेटे भी

अभय - फूफा जी मेने कुछ नही क्या मुझे तो बस अपनी मा गुरिया भाई के पास जाना था तो अब हो गया
बिनोद - हो नही गया छोटे उसके लिये भी बहोत हिम्मत और दिमाग चाहिये जो तेरे अंदर थी
काजल - बात तो तुमने सही कही बेटा खैर जितनी भी मा के बच्चे आज उसके पास है सब अभय बेटे के कर्ज दार होगे
गगन - ये भी के कहने की बात है

ऐसे ही इनके बीच बाते होती रहती है

( रात 9 बजे )

खाना खाने के बाद अभय अपने कमरे मे आके बिस्तर पे लेत मा को फोन लगा देता है

अभय - मेरी सेक्सी मा खाना खा लिया आपने
आसा बिस्तर पे लेती - हा खा लिया तु बता वहा सब कैसे है
अभय अपनी मा को सब बता देता है
आसा - अच्छा है आज तु नही है मेरे पास तो आज होता तो
अभय मुस्कुराते हुवे - आपके उपर लेता बाते कर रहा होता
आसा हस्ते हुवे - हा सही कहा
अभय - आज कोन की कलर की नाइटी पहनी है आपने
आसा थोरा शर्मा के - रेड
अभय - तब तो बहोत सेक्सी लग रही होगी
आसा शर्मा के - अच्छा जी
अभय - हा जी अब मुझे किस्सी दो ना मा
आसा शर्मा के - पागल फोन पे कोई किस्सी कैसे देगा
अभय उम्मा - ऐसे
आसा जोर जोर से हस्ते हुवे - आज कल के किस्सी ऐसे भी दी जाती है अच्छा ये ले उम्मा अब खुश
अभय - हा बहोत खुश गुड नाइट मा अब मे गुरिया से बात कर लेता हु
आसा - गुड नाइट लाला

फोन कट

आसा बिस्तर पे लेती अपने पेट को देखते हुवे - लाला होता हो बच्चो कि तरह मेरे उपर लेता होता आज नही है तो दिल मेरा उदास है

अभय - मेरी गुरिया क्या कर रही है
अदिति - आपको याद कर रही थी की मेरा भाई मुझे भूल तो नही गया
अभय हस्ते हुवे - मे भला अपनी खूबसूरत गुरिया को कियु भूल जाऊ
अदिति - मुझे पता है आप कभी भूल नही सकते आपने खाना खा लिया
अभय - हा खा लिया
अदिति - मा से बात भी कर ली होगी
अभय मुस्कुराते हुवे - सही कहा
अदिति - भाभी कैसी लगी
अभय - खूबसूरत है
अदिति - मुझसे जायदा
अभय मुस्कुराते हुवे - मेरी गुरिया से जायदा नही
अदिति - खुश होते हुवे हा सही कहा आप ने
अभय - अच्छा गुरिया सो जाओ गुड नाइट मधु से बात करनी है
अदिति - जी भाई लेकिन मेरी किस्सी
अभय मुस्कुराते हुवे - उम्मा अब सो जाओ
अदिति - आई लोव यू भाई
अभय - आई लोव यू तु गुरिया

फोन कट

मधु - भाई आपको ही याद कर रही थी आपने फोन कर दिया
अभय मुस्कुराते हुवे - मेरी गुरिया याद करे मे कैसे ना करू किया कर रही हो
मधु - क्या करुगी भाई फिल्म देख रही थी
अभय - अच्छा और मा
मधु - मा पापा तो सो गये होगे
अभय - अच्छा तुम रात को क्या पेहन कर सोती हो
मधु थोरा शर्मा के - नाइट गाउन कियु भाई
अभय हस्ते हुवे - कभी देखा नही ना रात को सोते हुवे इस लिये
मधु शर्मा के - अच्छा
अभय - नाइट गाउन मे तुम उस दिन से जुयाद अच्छी लग रही होगी
मधु की सासे तेज दिल की धरकन तेज हो जाती है
मधु शर्मा के - भाई कब तक आप मुझे परेसान करेगे
अभय - नही करुगा बाबा अच्छा सो जाओ तेरी भाभी से बात भी करनी है गुड नाइट
मधु - गुड नाइट भाई

फोन कट

मधु फोन रख मन मे - उस दिन से आज नाइट आउन मे मै कैसे अच्छी लग रही होगी भाई भी ना बस मेरे मजे लेते रहते है

दिशा - आ गई याद सब से बाते करने के बाद ही मेरे पास फोन आया है
अभय मुस्कुराते हुवे - मेरी जान सब हम से छोटे बरे है हम बीच के है तो करना परेगा ना
दिशा - हा जानती हु वहा के बारे मे बताइये
अभय सब बता देता है
दिशा - अच्छा
अभय - तुम बताओ किया पेहना है
दिशा - नाइटी पहनी है कियु
अभय मुस्कुराते हुवे - अंदर मे कुछ नही पेहना
दिशा शर्मा के - छी गंदे मुझे पता था आप गंदी बाते करेगे
अभय - लो बीवी से हि तो कर रहा हु गंदी बात
दिशा शर्मा के - अच्छा बाबा ठीक है
अभय - जान मन कर रहा है तुम्हारी चूत मे डालने का
अभय की बात दिशा कि चूत गीली कर देती है
दिशा शर्मा के - ऐसी बाते मत करो ना फिर रात को नींद नही आयेगी
अभय -ये बात भी सही कहा अच्छा मेरी जान सो जाओ गुड नाइट
दिशा - आई लोव यू गुड नाइट

फोन कट

( आरोही बंगलो )

उदय नँगा लेता हुवा था आरोही उदय के ऊपर उदय का लंड अपनी चूत मे लिये चुद रही थी सवारी करते हुवे मजे अपनी गांड उपर नीचे कर घपा घप लंड अपनी चूत की गहराई मे लेते हुवे उदय को देख - आह आपका लंड लिये बगैर मेरी चूत जलती रहती है


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uउदय -मेरी जान तेरी चूत पे बहोत गर्मी है धीरे धीरे जायेगी ( आरोही मजे से लंड लेते हुवे - आह मा हा सही कहा आपने मेरे राजा
उदय फिर आरोही को बिस्तर पे लेता के - धना धन जोर जोर से धक्का मारने लगता है


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आरोही दर्द मे आखो मे आसु लिये - माई रे मर गई मेरी चूत आह बहोत दर्द कर रहा है धीरे मेरी जान ( उदय धक्का मारते हुवे - मेरी जान मुझे तो तेज चुदाई हि पसंद है ( आरोही - आह मा अच्छा मुझे भी पसंद आ गई आह लेकिन आह ये दर्द आह आपका लंड मेरी चूत मे जाके आह लग रहा है आह लेकिन अब मे झरने वाली हु

चुदाई के बाद दोनो चिपके हुवे थे

उदय - मेरी जान तेरी गर्म चूत का जवाब नही मजा आ जाता है
आरोबि उदय को देख मुस्कुराते हुवे - मुझे भी मजा आता है जब आपका लंड मेरी चूत को फैलाते हुवे अंदर जाता है
उदय - सास सासु मा मान गये लेकिन दोनो को हमे अपने इस माहौल मे डालना और अपने जैसा बनाना होगा
आरोही - समझ रही हु ताकि मा पापा हम जो करे हमे रोके नही बल्कि हमारा साथ दे और
उदय मुस्कुराते हुवे - हा नही तो एक दिन उन्हें सच पता चल ही जायेगा
आरोही - ठीक है फिर

( काजल के घर )

अभय गहरी सास लेते हुवे - चलो सब से बात कर ली अब सो जाते है
लेकिन तभी काजल कमरे मे आते हुवे - सो गये क्या

अभय काजल को देख मुस्कुराते हुवे - आइये सोया नही सोने जा रहा था
काजल अभय के पास आके बिस्तर पे लेत - तो कल सुबह चले जाओगे
अभय - जाना तो परेगा आप छोर दिया कार्ड भी दे दिया अब मेरे दोस्तो से मिलने के बाद घर पे भी बहोत काम है
काजल अभय की तरफ पलट अभय को देख - हा जानती हु शादी का घर है तो बहोत काम तैयारी करनी होती है

अभय भी पलट कर काजल के बिल्कुल चेहरे के पास अपना चेहरा करते हुवे - आपने सही कहा

अभय फिर काजल के होठो को देखने लगता है
काजल शर्मा के - किया देख रहे हो
अभय - आपके होठ मुझे गीली वाली किस्सी चाहिये
अभय ये केहना नही चाहता था लेकिन काजल के होठ देख अभय के मुह से निकल जाता है

काजल हैरान गुस्से से अभय को देख - क्या बोला मुझे आज तक तेरे फूफा ने छोटा किस नही किया लेकिन मेने तुझे दी करने दिया आज तक किसी की हिम्मत नही हुई मुझे सेक्सी हॉट कहने कि मेरे बेटे को भी नही लेकिन तुझे कहने दिया कियुंकी मुझे तुम दिल के अच्छे लगे लेकिन आज तुम मुझसे वैसे वाले किस मांग रहे हो तेरा दिमाग ठिकाने पे तो है ना ( काजल बहोत गुस्से मे थी लेकिन धीरे ही बोल रही थी ताकि कोई आवाज सुन ना ले)

अभय को अब एहसास होता है उसने क्या बोल दिया जो बोलना नही चाहिये था

अभय डरते हुवे काजल को देख - बुआ मेरी
काजल गुस्से से - बस बंद करो अपना नाटक मुझे लगा नही था तेरे भोले चेहरे के पीछे एक गंदा चेहरा छिपा है

काजल उठ कर बैठते हुवे - मेरी ही गलती थी जो तुझे इतनी छुट देदी और आज अपना रंग तूने दिखा दिया दिल तो कर रहा है मेरा तेरे गाल लाल कर दु लेकिन छोर दे रही हु दुबारा मेरे नजदिक भी मत आना

काजल ये केह चली जाती

अभय पथर कि तरह जैसे के तैसे परा रेहता है लेकिन आखो से आसु निकल परते है अभय अपना पैर मोर सिकुर् कर सिसक सिसक कर रोने लगता है अभय आधे घंटे तक बहोत रोता है कपड़े बिस्तर अभय के आसु से गीले हो जाते है

नोट - अभय जितना ताकतवर है उतना ही दिल का कमजोर भी है अभय मधु को नँगा देखा उसके बाद से अभय मधु के मजे लेता लेकिन अभय के दिल मे मधु के लिये कोई गंदी फीलिंग नही है अभय मिनिता सिला तारा पूजा यहा तक की अपनी मा को वाइल्ड किस करते वक़्त भी अभय का दिल मन साफ था अगर नही होता तो अभय आसा के ऊपर था लंड खरा होता और आसा को पता चल जाता लेकिन ऐसा था अभय के मजाक बाते भले हि अजीब लगे लेकिन अभय सिर्फ मस्ती मजाक मे ही करता था हा हो सकता है आगे कभी किसी के साथ दिशा अभय का जो मोमेंट बना फिर दोनो के बीच सब हुवा वैसे मे आगे अभय का किसी के साथ हो जाये एक और बात थी अभय किसी के साथ कब कुछ कर दे उसे भी नही पता था
लेकिन फिल्हाल अभय का दिल सब के लिये साफ हि था
अब यही वजह से अभय को बहोत बुरा लगा उससे जायदा बुरा काजल मे अभय को एक बात सफाई भी नही देने दिया और गुस्सा करती रही यही बात अभय को रूला रही थी अभय ने काजल को अपनी सगी बुआ माना था अभय की भी एक गलती थी वो कर किसी को मा की तरह हि सोच देख लेता है जबकि मा का प्यार बाकी सब का प्यार सोच अलग होती है लेकिन ये सीन अभय को एक सबक सिखा गई थी


आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏
बहुत ही जबरदस्त लाजवाब और शानदार जानदार अपडेट हैं भाई मजा आ गया
 

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chapter 24

सुबह 9 बज चुके थे लेकिन अभय सोया हुआ था काजल अभय के कमरे मे आके देखती है अभय को सोता देख फिर चली जाती है

फोन की रिंग बजती है तो अभय जी नींद खुलती है अभय उठ कर बैठते हुवे नंबर देखता है और फोन उठा कर

अभय - गुड मोर्निंग प्यारी मा
आसा - लाला अभी सो कर उठा है किया
अभय - हा मा रात को देर तक बाते कर सोया इस लिये
आसा - अच्छा ये बात है
अभय - मा किस्सी
आसा मुस्कुराते हुवे - उम्मा पहोच गई किस्सी मेरी तेरे पास
अभय हस्ते हुवे - हा बहोत मोठा किस्सी था
आसा हस्ते हुवे - शैतान
अभय - अच्छा मा बाद मे बात करते है
आसा - हा ठीक है बाय

फोन कट

अभय बाहर आता है तो तो देखता है ममता अपनी बेटी को दूध पिला रही है ममता अपनी सारी से अपनी बेटी चुचे को धक रखा था

ममता की नजर अभय पे जाती - अरे देवर जी उठ गये क्या आप हमेसा इतनी लेत उठते है

अभय ममता के पास जाके चेहरे मे इस्माइल् लाते हुवे - अरे नही भाभी मे रोज सुबह उठ जाता हु लेकिन क्या है ना रात को सब से बात करते हुवे देर से सोया इस लिये

ममता अभय को देख मुस्कुराते हुवे - गर्लफ्रेंड तो जरूर होगी आप इतने हैंडसम जो है मुझे लगता है रात को गर्लफ्रेंड से ही देर तक बाते की होगी इस लिये लेत उठे

अभय हस्ते हुवे - अरे नही भाभी मेरी कोई गर्लफ्रेंड नही है वैसे भी मेरी सादी फिक्स हो गई है ऐसे मे बाहर चक्कर चलाता हु तो मेरी बीवी को बता चला तो वो मुझे डोरा डोरा कर मरेगी

अभय की बात सुन ममता जोर जोर से हस्ते हुवे - हा ये बात आपने सही कही है

अभय हस्ते हुवे - इसी लिये मुझे मार नहीं खानी अच्छा भाभी मे आता हु
ममता - जी

काजल कमरे के दरवाजे पे खरी अभय ममता जो बाते करते देख सुन रही थी लेकिन काजल आगे नही आती अभय से बात करने

अभय काजल के साथ घूमने गया था तो अभय को पता था कहा जाना है हल्का होने अभय थोरि दूर एक पोखर था वही जाके हल्का होता है और वापस घर जाने लगता है लेकिन रात की घटना काजल की कही बात अभय की याद आ रही थी

अभय घर आके नहा कर रेडी होता है खाना रेडी था अभय बैठ खाना खा रहा था ममता अभय के पास ही बैठी हुई थी अभय खाना खाते हुवे ममता को देख

अभय - भाभी मेरी प्यारी भतीजी का नाम क्या रखा है आपने
अभय की बात सुन ममता अपनी बेटी को प्यार से देखते हुवे - आपकी प्यारी भतीजी का नाम - पूनम है
अभय - बहोत प्यारा नाम है पूनम
ममता - हु

खाना पीना होने के बाद अभय कमरे मे आके अपना बैग लेके बाहर आता है आगन मे ममता काजल खरे थे अभय एक नज़र भी काजल को नही देखता लेकिन काजल देख रही थी

ममता अभय को देख - देवर जी आप जा रहे है इतनी जल्दी क्या है साम को चले जाइये गा
अभय मुस्कुराते हुवे - अरे नही भाभी मुझे जाना होगा रुक नही सकता
ममता काजल को देख - मम्मी जी आप कुछ बोलिये ना

काजल अभय को देखती है अभय नजरे दूसरी तरफ किये था
काजल - बहु अभय बेटे को और भी जगह जाने है इस लिये जाने दो

अभय जल्दी से काजल ममता के पैर चुके - बाय बुआ भाभी

अभय फिर बाहर आके बाइक पे बैठ घर को देख एक गहरी सास लेते हुवे - चलो चलते है

अभय फिर बाइक चालू कर निकल परता अभय जब जा रहा था तो काजल देख रही थी अभय जब काजल की नज़र से दूर चला जाता है तब काजल अंदर चली जाती है

अंदर काजल जब जाती है तो ममता - मम्मी जी देवर जी कितने अच्छे थे ना कितनी अच्छी बाते मस्ती मजाक करने वाले लगे मुझे

काजल ममता को देख - हा सही कहा

( जीतू जीतू फोन पे )

जीत - बॉस आ रहे है
जीतू - मे तो बॉस से मिलने के लिये बेकरार हु
जीत - मे भी मेरे घर वाले भी
जीतू - सेम भाई और बॉस कि सादी मे नाचने के लिये भी
जीत - हा यार बात तो तूने सही कही
जीतू - यार क्या कभी हम बॉस को फिर वही shadow वाले रूप मे देख पायेंगे
जीत - कमीने तुमने किया बोल दिया
जीतू - अबे गढ़े किसी को पता नही चलेगा बता है ना हम कैसे बाते करते है
जीत - कमीने मे उसकी बात नही कर रहा मे बॉस के shadow वाले रूप की बात कर रहा हु जब बॉस shadow बनते है तो सिर्फ खून कि होली खेली जाती है बॉस shadow के रूप मे तभी आते है जब बॉस किसी को मारने का सोच लेते है
जीतू - हा जानता हु लेकिन बॉस को shadow रूप मे फिर से देखने के लिये मेरा दिल मचल रहा है
जीत - सच कहु तो मेरा भी
जीतू - अच्छा सुन खाने बॉस आने वाले है तो पार्टी का इंतज़ाम करना होगा
जीत - जानता हु चिंता मत कर हो जायेगा
जीतू - चल ठीक है बॉस जल्दी ही आने वाले होगे रेडी रेहना
जीत - ठीक है

फोन कट

( उदय बंगलो )

सुहाना जिस बंगलो मे रेह रही है वो टीनू का था जो अब सुहाना का हो गया है अब सुहाना अपनी मा पापा भाई के साथ रेह रही है
वही उदय का भी अपना एक बंगला है यहा उदय मौज करता है आज उदय जगमोहन को लेके आया था दोनो बैठे बाते कर रहे थे

जगमोहन - दमाद जी ये बंगला भी बहोत बरा खूबसूरत है
उदय - ससुर जी आपको पसंद आया तो आप रख लीजिये
जगमोहन हैरानी से - अरे नही नही आपने हमे पेहले ही बहोत कुछ दे दिया है
उदय - ससुर जी अब हम एक परिवार है आपका मेरा कुछ नही
उदय फिर रेड वाइन निकाल जगमोहन को देता है - लीजिये
जगमोहन वाइन लेते हुवे - बहोत मेहगी लग रही है
उदय - आपकी बात सही है लेकिन आप इसके बारे मे कियु सोच रहे है अब तो रोज पीने मिलेगी
जगमोहन उदय को देख - हा आपकी वजह से अब हम एक अच्छी लाइफ जी पायेंगे
उदय ग्लास आगे करते हुवे - तो इसी बात पे हो जाये
जगमोहन उदय मुस्कुराते हुवे दोनो अपना ग्लास तकराते है फिर वाइन गटक जाते है

उदय एक बंदे को इसारा करता है बंदा समझ जाता है और ठोरी देर बाद बंदा एक खूबसूरत जवान लरकी को लेकर आता है

जगमोहन लरकी को देख - दमाद जी ये लरकी कोन है
उसय मुस्कुराते हुवे - ससुर जी ये आपको मजे के लिये है सिल पैक
जगमोहन थोरे नशे मे जरूर था लेकिन पुरे होस मे था
जगमोहन गुस्से से उदय को देख - दमाद जी ये क्या घटिया हरकत है मुझे लगा नही था आप इतने गिरे इंसान होगे और आपको लगता है मे इतना गिरा हुवा हु जो अपनी बीवी को धोका देकर एक अपनी बेटी के उमर की लरकी के साथ छी आपने ये सोच भी कैसे लिया

उदय सांत रेहता है और लरकी को देख इसारा करता है लरकी इशारा समझ अपने एक एक कपड़े निकाल पुरा नँगा होके खरी हो जाती है
जगमोहन जैसे ही लरकी को पुरा नँगा देखता है जगमोहन का मन फिसलने लगता है


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जगमोहन आखे फ़ारे अपनी बेटी के उमर की लरकी के पुरे नंगे अंग को देखे जा रहा था लरकी सच मे खूबसूरत के साथ उसकी बॉडी भी कमाल की थी जगमोहन लरकी के बरे चुचे चूत को देखता रेहता है जगमोहन का लंड अब खरा हो जाता है

उदय जगमोहन को ऐसे आखे फ़ारे लरकी को देख समझ जाता है उसके ससुर का मन ढोल गया है

उसय कमरे से जाते हुवे - ससुर जी अब आप अमीर है और टॉप बिजनसमैंन के दमाद भी तो लाइफ अच्छे से मजे से जीने कि आदत दाल लीजिये मे बाहर हु मजे लीजिये

उदय दरवाजा बंद कर बाहर हॉल मे आके मुस्कुराते हुवे बैठ वाइन पीते हुवे - मे कमीना तो आपको भी कमीना बनना होगा ससुर जी तभी तो जोरि हमारी जमेगी

उदय एक घुट पीने के बाद सुफे पे टेक लगाते हुवे - दुनिया मे पता नही कितने लोग अपने आप को अच्छा इमानदार मानते है या अपने आप को समझते है लेकिन जब फायदा कही से मिलता है तो तुरंत गिरगिट की तरह बदल जाते है बस एक मोक्का मिलते ही अपनी इमानदारी खुदारि ईमान मान मर्यादा लार्ज सर्म सब छोर देते है हम इंसान ऐसे हि होते है

कमरे मे जगमोहन लरकी को ही देखे जा रहा था लरकी जगमोहन के पास आके जगमोहन के हाथ पकर अपने चुचे पे रख देती है जगमोहन लरकी के चुचे को नजदिक से देख पागल हो जाता है जगमोहन लरकी के चुचे को कापते हाथो दबाने लगता है लरकी आह उह्ह् करती है लरकी की आह उह्ह् वाली आवाज सुन जगमोहन पुरे जोस से भर जाता है


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और जोर जोर से लरकी के चुचे दबाने लगता है लरकी आह उह्ह् करती रहती है जगमोहन मन मे - आह मेरी बेटी की उमर की है लेकिन आह क्या कयामत है उसके चुचे दबाने मे मजा आ रहा है आह

लरकी फिर धीरे से लीचे बैठ जगमोहन का लंड बाहर निकाल जगमोहन को प्यार से देखती है और जगमोहन का लंड हाथ से पकर जिब से चाटती है फिर मुह मे लेके मजे से चूसने लगती है


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जगमोहन का पेहली बार था जब कोई उसके लंड को मुह मे लेके चूस रहा था जगमोहन को ये नया एहसास पागल और नई मजे कि दुनिया पे ले जा रहा था जगमोहन लरकी के बाल का पकर आखे बंद किये मजे से - आह करती रहो मजा आ रहा है आह क्या आज तो मजा आ गया लंड चुसा भी जाता है आज पता चला आह उफ्फ 1 मिनट बाद

जगमोहन रुक जाओ

लरकी रुक जाती है औद् जगमोहन को देखती है फिर बिस्तर पे जाके टांगे फैला के लेत जाती है और उदय को देखने लगती है


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उदय लरकी को ऐसा करता देख सामने का सीन देख जगमोहन के लंड से पानी टपक परता है जगमोहन अपना लंड पकर लरकी के पास जाके लरकी के ऊपर लेत जाता है


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उदय लरकी के चूत पे लंड रख लरकी को देखता है लरकी बस मुस्कुराते हुवे जगमोहन को देखते हुवे - दाल दीजिये

लरकी के केहते ही जगमोहन एक जोर का धक्का मारता है जगमोहन का 7 इंच का लंड लरकी के सील को तोरते हुवे पुरा अंदर घुस जाता है लरकी दर्द मे जोर से चिल्लाते हुवे रोने लगती है आखो से आसु निकल आते है लरकी अपने पैर दर्द से मारने लगती है


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जगमोहन को फिल होता है टाइट गर्म चूत जिसके अंदर उसका लंड है जगमोहन बिना रुके धक्का मारना सुरु कर देता है लरकी बिस्तर पकरे रोये जा रही थी लेकिन जगमोहन को रुक नही नही थी 3 मिनट बाद

जगमोहन कपड़े पेहन बाहर निकल आता है लरकी आखो मे आसु लिये बरी मुश्किल से उठती है और अपने कपड़े पेहन रेडी हो जाती है उदय का एक बंदा आता है और लरकी को लेके चला जाता है

( अभय ) दोपहर 12 बजे

अभय एक रोड साइड होटल मे आके बैठ नास्ता करने मे लगा हुआ था साथ मे दिशा से बाते भी कर रहा था

दिशा - कितने गंदे है आप खुद बैठ कर समोसे मिठाई खाके मजे ले रहे है और मुझे पता रहे है
अभय हस्ते हुवे - अरे बाबा तो साली जी से मगा के खा लो ना
दिशा मुह फुलाते हुवे - अब तो खाना ही परेगा आपके मुह मे पानी जो ला दिया है
अभय धीरे से मुस्कुराते हुवे - नीचे से तो पानी नही निकल आया ना
दिशा सर्म से लाल - छी छी गंदे फिर सुरु हो गये बिना गंदी बाते किये आपको रहा नही जाता
अभय हस्ते हुवे - ये बताओ मेरी प्यारी साली साहिबा क्या कर रही है
दिशा - क्या करेगी फोन मे गेम सीरियल देखती रहती है
अभय - अच्छा सुनो वापस आते वक़्त मिलने आयुगा तब थोरा मजे लेकर ही घर जाउंगा
दिशा शर्मा के - आप भी ना
अभय - अच्छा सुनो मे रखता हु
दिशा - जी ठीक है

फोन कट

अभय नास्ता कर बाइक लेके फिर निकल परता है 1.30 मिनट बाद अभय आखिर कार जीतू के पास पहोच ही जाता है अभय जीतू के गाव के छोटे चोक मे था और जीतू अभय को लेने आया था

जीतू अभय को देख बहोत खुश हो जाता है अभय बाइक से नीचे उतर जाता है जीतू अभय दोनो गले मिलते है

अभय जीतू को देख - कैसा है
जीतू खुश होते हुवे - बॉस आपकी कृपा से सब अच्छा है
अभय - जीत कहा है
जीतू - बॉस वो घर पे है
अभय - ठीक है चलो चलते है
जीतू - जी बॉस

जीतू अपने बाइक पे बैठ आगे जाने लगता है अभय जीतू के पीछे 2 मिनट मे ही अभय जीतू के घर के बाहर था

जीतू का घर भी घास फुस का था लेकिन ठोरी दूर जीतू का नया घर बन रहा था यानी काम चालू हो चुका था

जीतू - बॉस नया घर बनवा रहा हु
अभय देखते हुवे - बहोत खूब मेरी किस्मत अच्छी थी गाव मे ही बंगलो मिल गया
जीतू - चलिये बॉस अंदर
अभय - चलो

जीतू - उमर 19 साल -


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मा -कमला - उमर 40 साल


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पिता - जोगी - उमर 41 sal
बेहन - रूबी - उमर 18 साल


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अभय जब अंदर जाता है तो कमला रूबी अभय को देख बहोत खुश हो जाते है हो भी कियु ना अभय की वजह से आज जीतू उनके पास है कमला अभय के गले लगते लग रोते हुवे
कमला - बेटा तु आ गया आज तेरी वजह से मेरा बेटा हमारे पास है हम सब तेरे कर्ज दार रहेगे बेटा सुक्रिया तूने एक मा को बेटा एक बेहन को भाई एक पिता को बेटा खोने से बचा लिया
अभय कमला के पीट सेहलाते हुवे - ऑन्टी रोना बंद कीजिये अकेले मेने कुछ नही क्या जीतू जीत सब ने मेरा साथ दिया
कमला अभय से अलग होते हुवे अभय को देख - जो भी हो सच ये है तुम ही हो जिसकी वजह से कई बच्चे आज अपने परिवार के साथ है

रूबी अभय के गले गलते हुवे रोते हुवे - आपका सुक्रिया भइया मेरे भाई को बचाने के लिये
अभय रूबी के सर पे प्यार से हाथ फेरते हुवे - रोना बंद करो रोते हुवे तुम अच्छी नही लगती हो
रूबी अभय से अलग होके आसु साफ करते हुवे - सच मे क्या
अभय हस्ते हुवे - हा

जीतू भी सब सीन देख बहोत खुश इमोसनल भी हो गया था

जीत का घर जीतू के घर से 1 घंटे के दूरी पे था और दोनो का घर अभय के घर से 3 घंटे की दूरी पे था

अभय सभी के साथ बैठ कर बहोत सारी बाते करने लगता है

कमला - बेटा वैसे तो जीत जीतू ने मुझे सब पता दिया है वहा किया कैसे हुआ किसने सोचा था कोई कमीना बच्चो को इस तरह से किडनैप करता होगा
अभय - ऑन्टी इस दुनिया हर बुरे काम होते है कुछ ऐसे भी इंसान होते है जो अपनी लालच और अपनी खोवाइस पुरी करने के किये कुछ भी कर जाते है
कमला - हा बेटा तूने सही कहा जब जीतू गायब हुआ बहोत ढूढने के बाद नही मिला तो क्या बताऊ ( केहते हुवे कमला रो देती है)
जीतू - मा रोना बंद करो अब तो मे हु ना आपके पास
कमला आसु साफ करते हुवे - हा लेकिन वो मनहुस पल याद आते ही रोना आ जाता है
अभय - ऑन्टी जिंदगी ऐसी ही होती है कब क्या हो जाये कहा नही जा सकता सब भूल जाइये

ठोरी देर अभय कमला रूबी से बाते कर जीतू के साथ बाहर आता है

जीतू - बॉस ये कमीना जीत आया नही जबकि उसको पता था आप आ चुके है
अभय - अरे आ जायेगा

तभी जीत बाइक लेके आ जाता है
जीतू - कमीने अब आ रहा है
जीत जल्दी से बाइक लगा के अभय को गले मिलते हुवे - बॉस माफ करना थोरा लेट हो गया
जीत अभय को देख - बॉस मेरी आखे तरस गई थी आपको देखने के लिये
अभय जीत के सर पे मारते हुवे - मे कोई लरकी हु जिसे देखने के लिये तेरी आखे तरस रही थी
जीत अपना सर सेहलाते हुवे - नही बॉस आपके सामने लरकिया भी कुछ नही है
जीतू - बस कर चल बॉस को गाव घुमा देते है
जीत - हा कियु नही

फिर अभय जीत जीतू गाव घूमते हुवे बहोत सारी बाते करते है आगे क्या कैसे करना है उसको लेकर भी बाते होती है

साम 7 बजे

आँगन मे रूबी खाना बना रही होती है और अभय कमला जोगी जीतू बैठे बाते करने लगते है जीत नही था अभय ने जाने के लिये केह दिया था कियुंकी अभय सुबह जीत के घर जाने ही वाला था

जोगी - बेटा अभय तुमहारा हम बहोत बेसबरी से इंतज़ार कर रहे थे आज आये भी तो अपनी सादी के कार्ड लेके बहोत अच्छे
अभय मुस्कुराते हुवे - क्या करू अंकल मा पीछे पर गई सादी के लिये
कमला हस्ते हुवे जीतू को देख - मे भी जीतू के पीछे परने वाली हु इसकी भी सादी जल्दी ही करानी होगी ताकि मे हमे प्यारा पोता पोती दे दे जल्दी से
जीतू थोरा शर्मा के - मा आप भी ना
कमला हस्ते हुवे - मे मजाक नही कर रही एक बार घर बन जाये फिर देखना कैसे तेरी सादी करवाती हु
अभय मुस्कुराते हुवे - जरूर करवाना ऑन्टी मे भी आपके साथ हु
रूबी हस्ते हुवे - मे भी आपके साथ हु मुझे भी भाभी चाहिये जल्दी से
जीतू - तुम सब क्या बाते लेके बैठ गये
जोगी - वो बाते हो रही है सही है समझा और अभय बेटा तुमने हमपे एहसास किया है कभी नही भुलेगे हमारा एक हि बेटा घर का चिराग था लेकिन तुम से उस चिराग को बुझने से बचा लिया सुर्किया बेटा
कमला - हा आपने सही कहा नही तो हमारा क्या होता
अभय - बस भी करिये अब जीतू है यहा
ऐसे ही बाते सभी के बीच होती रहती है फिर खाना रेडी होता है सब मिल कर खाना खाते है फिर ठोरी बाते होती उसके बाद सब अपने कमरे मे चले जाते है

अभय कमरे मे

अभय अपनी मा अदिति से बाते करने के बाद दिशा पूजा सासु से बात करने मे लगा हुआ था

अभय - साली जी अपने जीजा पे भी थोरा ध्यान दिया कीजिये
पूजा मुस्कुराते हुवे - मे भला आपके उपर कियु ध्यान दु
अभय मुस्कुराते हुवे - सासु मा सुन रही है आपकी छोटकी किया केह रही है
तारा हस्ते हुवे - हा सुन रही हु दमाद जी
अभय - मेने सोचा था अपनी प्यारी साली जी को जब हम शोपिंग करने जायेंगे तो सोने का कुछ दिला

इतने मे पूजा जल्दी से प्यार से - जीजा जी दुगी ना आप पे ध्यान आप तो मेरे प्यारे दुलारे एक लोटे जा जीजा जी है
दिशा अपनी मा को देखती है तारा दिशा को और जोर जोर से हसने लगती है
दिशा पूजा को देख - छोटकी तुझसे तेज गिरगिट भी रंग नही बदलता होगा
पूजा हस्ते हुवे - जब मुझे जीजा जी प्यार से कुछ देगे तो साली का फर्ज़ है इज़त से लेले मे वही कर रही हु
तारा पूजा के गाल पे मारते हुवे - बेसर्म
अभय हस्ते हुवे - मेरी साली साहिबा मोक्के का फायदा अच्छे से उठाना जानती है
पूजा - एकदम सही कहा जीजा जी
अभय पूजा तारा से बात करने के बाद दिशा फोन लेके कमरे मे आके बात करने लगती है

अभय - मेरी जान रात को नींद नही आती तुम्हारे बारे मे सोच कर
दिशा बिस्तर पे लेती शर्मा के - अच्छा वो भला कैसे
अभय - तुम्हारी मुनिया को मेरा मुना बहोत याद करता है इस किये
दिशा की सासे तेज हो जाती है छाती उपर हो जाती है दिशा शर्मा के - ऐसी बाते करेगे तो मुझे भी नींद नही आयेगी
अभय - याद रखना सुहागरात की दिन पुरा कोटा फुल करुगा
दिशा मचल उठती है सासे तेज और तेज हो जाती है दिशा तकिये को बाहों मे कस के पकर नासिलि आवाज मे - कर लीजियेगा मेरे पति देव मे आपकी ही तो हु
अभय मुस्कुराते हुवे - मुझे किस्सी लेनी है
दिशा - ले लीजिये
अभय मुस्कुराते हुवे - तुम्हारी मुनिया पे
दिशा सर्म से लाल - आप कैसी बातें कर रहे है
अभय - फोन को मुनिया के पास रखो ना मे किस करने वाला हु
दिशा सर्म से लाल अभय की बात कैसे ताल सकती है दिशा धीरे से - ठीक है करती हु


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दिशा टांगे फैला के चूत के पास फोन करते हुवे सर्म से - हा कर लीजिये किस्सी
अभय मुस्कुराते हुवे - उम्मा उम्मा
दिशा को ऐसा फिल होता है जैसे सच मे अभय उसकी चूत को चूम रहा है ये सोच दिशा की सिसकिया निकल जाती है

दिशा फोन हटाते हुवे सर्म से - आप अब खुश कुछ ना कुछ गंदा आपके दिमाग मे चलते रेहता है
अभय - आई लोव यू मेरी जान
दिशा मुस्कुराते हुवे - आई लोव यू तु मेरे राजा
अभय - अब सो जाओ गुड नाइट
दिशा - गुड नाइट

फोन कट

दिशा अपनी टांगे फैला चूत को छुटे हुवे मन मे शर्म से - गीली हो गई

जीतू के घर - सुबह 10 बजे

अभय खाना पीना खाके रेडी था जीत भी आ गया था अभय को लेने अभय फिर जीत के साथ पहोच जाता है जीत के घर

जीत - 19 साल


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मा - जोती - उमर 41 साल


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पिता - चमन - उमर 42 साल
बेहन - गुलाबी - उमर 20 साल


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जीत - बॉस चलिये सब आपका बेसबरी से इंतज़ार कर रहे है
अभय जीत को देख - सबके सामने बॉस मत केह देना
जीत - जानता हु बॉस आप चिंता मत कीजिये

अभय जीत के साथ अंदर जाता है सभी अभय का ही इंतज़ार कर रहे थे सही अभय को देख बहोत खुश हो जाते है फिर वही अभय को सब इमोसनल होके सुर्किया करते है अभय सब को सांत करवाता है फिर आराम से बैठ बाते करने लगता है

जोती - बेटा तो तुम सादी कर रहे हो ये हुई ना बात आते ही सादी और मेरा एक है ( जोती जीत को देख) जल्दी ही उसके लिये लरकी देख लुगी
अभय हस्ते हुवे - हा कराओ कराओ जरूर ऑन्टी छोरना मत
चमन - बेटा आज हम खुश है मेरा घर का चिराग हमारे साथ है ये एहसान हम चुका नही पायेंगे
अभय - बस अंकल मेरे वही क्या जो मुझे करना चाहिये
गुलाबी - तुम नही जानते अभय जीत के जाने के बाद हम एक एक दिन कैसे जी रहे थे ( गुलाबी वो पल याद कर इमोसनल हो जाती है
अभय - दीदी मे समझ सकता हु फिल कर सकता हु मेरी मा बेहन सब मेरे बिना कैसे एक एक दिन गुजारे होगे हमे भी कैद मे रेह सभी की बहोत याद आती थी
जीत - मा पापा दीदी अभय वहा रोज सब को याद करता था लेकिन एक दिन सब बदल गया उसी के बाद मे जीत बाकी बच्चे अपने घर है
जोती - समझ सकती हु कितना प्यार होगा सब के बीच
अभय गुलाबी को देख - वैसे दीदी कितना इंतज़ार करना होगा मुझे अपने भतीजे भतीजी को देखने के लिये
गुलाबी शर्मा के - 4 महीने
अभय - अच्छा कोई ना इंतज़ार कर लुगा
जोती हस्ते हुवे - करना ही पड़ेगा

साम - 5 बजे

एक बार मे अभय जीत जीतू बैठे चिकन दारू का मजा ले रहे थे हा अभय जीत जीतू विजय सब दारू पीते है dp devil के कैद मे सब को दारू पिलाया जाता था

अभय एक घुट पीते हुवे - याद रखना घर वालो को पता चला तो तो तुम दोनो की टांगे तोर दूंगा
जीत जीतू डरते हुवे - नही बॉस ऐसा नही होगा
अभय - हा जायदा मत पीना नही तो घर मे सब को पता चल जायेगा
जीत जीतू - जी बॉस
बस किया बाते करते हुवे मस्ती मजाक करते हुवे पीते है फिर घर आ जाते है

अगली सुबह 10 बजे

अभय रेडी था अपने घर जाने के लिये एक रात काजल के यहा एक रात जीतू के यहा एक रात जीत के यहा रुक चुका था अब सादी की तैयारी करनी बाकी थी

अभय बाहर बाइक पे बैठा था जीत जोती गुलाबी सभी खरे थे
अभय सभी को देख - ऑन्टी तीन दिन पेहले ही आप सभी को आ जाना है याद रखियेगा कोई एक भी नही झुटना चाहिये सब को आना है
जोती हस्ते हुवे - समझ गई बाबा हम सब तीन दिन पेहले आ जायेंगे
अभय मुस्कुराते हुवे - ये हुई ना बात अच्छा अब मे चलता हु
जोती - अच्छे से जाना बेटा
अभय - जी ऑन्टी ( अभय जीत को देख) टिक है जीत मे चलता हु
जीत - ठीक है अभय अच्छे से जाना
अभय सब को बाय बोल जीतू के घर आता है और फिर सभी से मिलता है बाय बोल सीधा घर की तरफ निकल परता है

अभय - चलो जीत जीतू काजल बुआ सभी से मिल कार्ड दे दिया अब सादी की तैयारी करनी बाकी है बहोत काम बाकी है यार अभय के निकले 1 घंटे हो गये थे

अभय तेजी से बाइक लेकर रास्ते से होते हुवे जा रहा था 20 मिनट के बाद फिर खेतो वाले रास्ते से होकर जा रहा था आगे 10 मिनट बाद मैन रोड आने वाला था अभय को घर पहुँचने मे 2 घंटे और लगने वाले थे

अभय नॉर्मल स्पीड से बाइक लिये जा ही रहा था की अभय की नज़र दूर सामने परती है अभय देखता है एक वैन उसके आगे है उस वैन के आगे दो लरकी बाते करते हुवे रोड साइड से जा रहे है तभी जो वैन थी लरकी के पास रुक जाती है ये देख अभय की दिल की धरकन तेज हो जाती है अभय का दिमाग तेजी से कई बाते सोचने लगता है वैसा होता भी है

वैन से दो बंदे निकल कर दोनो लरकी के मुह बंद कर वैन के अंदर ले जाते है फिर वैन तेजी से भागने लगती है

अभय सब देख अभय का दिमाग घूम जाता है अभय बिना देरी किये तेजी से वैन का पीछा करने लगता है

अभय मन मे - दिन दहारे किडनैप लरकियो का रीजन तो बहोत है लरकियो के किडनैप करने के देखते है

अभय वैन के पीछे थोरा दूरी बनाये पीछा करता रेहता है 10 मिनट बाद मैन रोड आ जाता है कई गारिया छोटी से बरी तेजी से डोर रही थी लेकिन अभय की नजर सिर्फ उस वैन पे थी

वैन मे 3 लरकिया और थी यानी पुरे पाच लरकिया थी लेकिन सभी बेहोस थे 40 मिनट तक अभय वैन का पीछा करता रेहता है आखिर कार वैन फिर मैन रोड छोर कर एक पतली कच्ची रास्ते को लेकर जाने लगती है जो सीधा जंगल की तरफ जाता था


अभय पूरी सावधानी से पीछा कर रहा था ताकि वैन वालो कि नजर मे ना आये अभय एक असेसन था तो अभय को चोरी छुपे कैसे किसी का पीछा करना है मारना है अच्छे से पता था 1 घंटे अंदर जाने के बाद वैन एक बहोत पुरानी बंद परी कंपनी थी वही वैन रुक जाती है

अभय बाइक जंगल मे एक जगह लगा के झारियो मे छुप कर देखने लगता है अंदर से 6 लोग और आते है और वैन से लरकियो को उठा के अंदर लेके जाने लगते है

अभय सब देखते हुवे मन मे - ये कोई छोटा मोटा मामला नही यहा लरकियो के सप्लाये किया जा रहा है अभय अपने बैग को खोलता है और अंदर देख मन मे - लगता है मुझे आज फिर शैडो बनना परेगा आह यार मेने सोचा था घर आने के बाद कोई खून खराबा नही लेकिन ये साले सब माफी के लायक नही है


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अभय रेडी होमर एक असेसन के रूप मे आ जाता है अभय का चेहरा धक्का हुआ था आगे पीछे हथियार थे अभय के दोनो हाथो मे भी (shadow assassin) अभय किसने सोचा था आज मुझे इस रूप मे आना परेगा तो चलो खूनी खेल सुरु करते है

आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏🙏
बहुत ही मस्त लाजवाब और शानदार अपडेट है भाई मजा आ गया
 
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