- 344
- 3,251
- 124
chapter 17
एक कमरे मे वही लरकी बिस्तर पे लेती उस बंदे के साथ पेहले जो बात हुई उसे याद करने लगती है
( एक दिन पेहले ) साम 4 बजे स्कूल की छुट्टी के बाद
लरकी अकेले हि घर जा रही थी तभी उसके सामने एक बंदा आके खरा हो जाता है जिसे देख लरकी बहोत गुस्से से बंदे को देखने लगती है
लरकी गुस्से से - तुमने मेरा रास्ता कियु रोका है
बंदा - पेहले जो मेने किया उसके लिये माफी मागता हु बस मुझे कुछ मिनट तुमसे बात करनी है
लरकी गुस्से से - मुझे तुम जैसे कमीने से कोई बात नही करनी
बन्दा थोरा गुस्से मे - देखो मेने कहा ना बस मुझे तुमसे कुछ मिनट बात करनी है अगर तुम मुझे कुछ मिनट टाइम देती हो तो वादा करता हु फिर मे तुम्हारे और तुमहारे भाई के रास्ते मे कभी नही आऊगा
लरकी मन मे - ये बहोत कमीना और अमीर पावर फुल है हम जैसे गरीब लोग इन जैसो से लर भी नही सकते अच्छा मोक्का है इस कमीने से पीछा छूटेगा बस कुछ मिनट की हि तो बात है
लरकी - ठीक है लेकिन वादा करो फिर हमारे रास्ते मे नही आओगे
बंदा - वादा करता हु चलो मेरी गारी मे बैठ जाओ
लरकी हैरानी से बंदे को देख - गारी मे कियु
बंदा - डरो नही वादा करता हु मे तुमहारे साथ कुछ नही करुगा थोरि दूर मेरा एक बंगलो है वहा मे ही रेहता हु वही बातें करेगे आराम से
लरकी बंदे को देखती है सोचती है फिर जाके गारी मे बैठ जाती है बंदा ये देख मुस्कुरा देता है
बंदा गारी चालू करता है और थोरि दूर बाद लरकी को लेकर अपनेे बंगलो मे पहुँच जाता है बंदा गारी पार्क करता है और गारी से बाहर आता है लरकी भी गारी से बाहर आती है और अपनी नजर चारो तरफ दोराती है
लरकी चारो तरफ देख - तुम ने ऐसी जगह बंगलो कियु बनवाया जहा आप परोसी कोई नही है
बंदा लरकी को देख मुस्कुराते हुवे -ये मेरे मौज मस्ती करने कि जगह है जहा मे दोस्तो के साथ मस्ती पार्टी करता रेहता हु तुम समझ गई होगी
लरकी बंदे को देख - समझ गई
बंदा - चलो अंदर चलते है
दोनो अंदर जाती है लरकी बंगलो को अच्छे से देखने लगती है बंदा ये देख - कैसा लगा तुम्हे ये बंगलो
लरकी बंदे को देख - अच्छा लेकिन मुड़े पे आओ मुझसे तुम्हे किया बात करनी है
बंदा सोफे पे बैठते हुवे - ठीक है चलो बैठो बताता हु
लरकी भी सामने सोफे पे बैठ जाती है
बंदा - देखो मे घुमा फिरा कर बाते नही करुगा उस कमीने ने मुझे बहोत मारा है मुझे बदला लेना है लेकिन मे उसकी बेहन को पेहले अपने कब्ज़े मे लुगा फिर वो कमीना मेरे सामने घुटने टेक देगा लेकिन इस सब मे मुझे तुम्हारी मदद चाहिये
बंदे की बात सुन लरकी हैरान सॉक होते हुवे खरी होकर गुस्से से
लरकी बंदे को देख - तुम चाहते हो मे अपनी दोस्त को धोका दु तुमने ऐसा सोच भी कैसे लिया मुझे समझ जाना चाहिये था तुम कमीने हो और अपना कमीना पन फिर दिखा ही दिया मे जा रही हु
बंदा लरकी के सामने आके - देखो मेरी पूरी बात एक बार सांति से सुन लो फिर फैसला करना मे तुम्हे फोर्स नही करुगा वादा है
लरकी बंदे को गुस्से से देख - देखो मेरा फैसला नही बदलेगा तो अच्छा होगा जाने दो मुझे
बंदा - चलो मान लिया तुम साथ नही दोगी लेकिन प्लेस मेरी पूरी बात तो सुन ही सकती हो फिर चली जाना
लरकी बंदे को देखती है फिर सोफे पे जाके बैठते हुवे - मुझे घर जल्दी जाना है जो का केहना है जल्दी कहो
बंदा खुश होते हुवे सोफे पे बैठते हुवे - ठीक है सुनो मुझे पता है दोस्त को धोका देना अच्छी बात नही होती लेकिन तुम भी जानती हो आज कि दुनिया कैसी है खैर देखो पेहली बात तुम्हारा भाई तुम्हारी दोस्त से प्यार करता है लेकिन उस दिन मेने उसके भाई कि बात सुनी और मे यकीन से केह सकता हु तुम्हारे भाई से वो कमीना उसकी शादी नही करवाएगा यही एक रीजन भी हो मेने तुमसे मदद मांगने का फैसला लिया
लरकी मन मे - मुझे भी यही लगता है उसका भाई मेरे भाई से अपनी बेहन की शादी नही करवाएगा और जब से उसका भाई आया है एक बार मुझसे मिलना तो दूर एक बार फोन भी नही किया
बंदा लरकी को सोचता देख मुस्कुरा देता है
लरकी बंदे को देख - रुक कियु गये गल्दी बोलो ताकि तुम्हारी बात खतम हो तो मे घर जा सकु
बंदा - हा तो एसी लिये मेने तुम से मदद मांगी दूसरी देखो तुम इतनी पढाई मे मेहनत कर रही हो किस लिये ताकि कोई अच्छी नोकरी कर सको लेकिन तुम्हारी शादी जल्दी ही तुम्हारे घर वाले कर देगे अगर आगे पढाई करती हो तो किया गारंटी है तुम्हे अच्छी नोकरी मिल जायेगी मान लो मिल भी गई तो आज के समय मे लरकी के लिये नोकरी करना आसान नही होता चलो कर भी लिया तो पूरी जिंदगी किसी की डाट सुन किसी के अंदर मे रेह कर काम करना परेगा उसके बाद भी सेलरी बहोत कम मिलेगी
लरकी अजीब नजरो से बंदे को देख - तुम केहना किया चाहते हो
बंदा मुस्कुराते हुवे बंगलो को देखाते हुवे - देखो इस बंगलो को तुम पूरी जिंदगी मे भी ऐसा बंगला खरीद नही पाओगी लेकिन ये बंगलो तुम्हारा हो सकता है ( बंदा लरकी को देख) और हा मे तुम्हे अपने पापा कि कंपनी एक अच्छे पोजिसन पे नोकरी दिला सकता हुई और तुम्हे जायदा कुछ करना भी नही परेगा बस 10 बजे आना बैठ कर 5 बजे घर चली उसी के साथ गारी घर सब मे तुम्हे दूंगा सोच लो अच्छे से गरीबी मे जीना है या मेरी तरह मौज कि जिदगी जहा की तुम रानी रहोगी तुम अपनी जिंदगी अपनी मर्ज़ी से जी सकती हो दुनिया पैसे के पीछे भागती है लेकिन उसी मे कई जीना जिंदगी खतम हो जाती है
लरकी बंदे की बात सुन खरी होते हुवे - तुम्हारी बात मेने सुन लिया अब मुझे जाना चाहिये
बंदा गहरी सास लेते हुवे - ठीक है जैसी तुम्हारी मर्ज़ी चलो मे तुम्हे छोर देता हु
बंदा गारी से लरकी को उसके घर के पास छोर देता है लरकी गारी से उतर जाने लगती है बंदा लरकी को देख - मुझे यकीन है तुम हा करोगी 70 चांस है 30 ना का कियुंकी मेने तुम्हारे मारे मे पता किया तो मुझे पता चला तुम्हारी कुछ अमीर दोस्त भी है जो तुम्हे बताती रहती है वो यहा गुमने गई वहा गई उनकी मस्त लाइफ देख तुम्हे दिल मे भी वैसी लाइफ जीने की चाहत जाग गई बस मेने उसी का सहारा लिया अब देखते है तुम क्या डीसीजंन लेती हो
लरकी अपने कमरे मे आके बिस्तर पे लेत कर बंदे ने जो कहा उसके बारे मे सोचने लगती है
लरकी - हा ये सच है मुझे भी अमीरों वाली लाइफ जीनी है मेरे कुछ दोस्त बहोत अमीर है कही ना कही घूमने जाते रेहते है उसके पास गारी बंगलो सब है अच्छे नये कपड़े सब कुछ और मे एक गरीब मेरी लाइफ गरीबी मे चल रही हो फिर शादी होगी उसके बाद एक हाउस वाइफ बन घर मे रेह जाउंगी मुझे बाहर कि दुनिया देखनी है घुमनी है अपनी लाइफ खुल कर जीनी है मौज मस्ती के साथ लेकिन मे ऐसा नही कर सकती कियुंकी मे अमीर नही हु मेरे पास पैसे नही है
लरकी उठ कर बैठते हुवे - मेरी दोस्त मुझे एक मोक्का मिला है अपनी लाइफ को बदलने का अपने सपने पूरी करने का तुम वैसे भी मुझे नही लगता मेरे भाई सी शादी करोगी ना तुम्हारा भाई तुम्हारी शादी मेरे भाई से करायेगा अगर ऐसा होता तो सायद मे उस कमीने का साथ ना देती ना तुम्हे माफ करना दोस्त मेने फैसला कर लिया है मुझे अमीरों वाली लाइफ जीनी है ना गरीबो वाली
ये केहने के बाद लरकी मुस्कुरा देती है यही सब लरकी बिस्तर लेती सोचे जा रही थी
तभी किसी की आवाज लरकी को सुनाई देती है - आरोही दरवाजा खोलो सो गई किया इतनी जल्दी
लरकी यानी आरोही होस मे आते हुवे दरवाजे कि तरफ देख - भाई जगी हुई हु अभी आई
आरोही जाके दरवाजा खोलता है सामने अमर खरा था अमर आरोही दोनो बिस्तर पे जाके बैठ जाते है
आरोही अमर को देख - किया बात है भाई कुछ बात करनी है क्या
अमर आरोही को देखता है फिर नजरे नीचे कर - जब से अदिति का भाई आया है अदिति एक बार भी मुझसे मिलने नही आई
आरोही अपने भाई को उदास देख बहोत दुख होता है
आरोही - भाई ये इस लिये कियुंकी अदिति का भाई 4 साल बाद आया है ना तो अदिति पुरे साल साल दूर रही तो अब अपने भाई के साथ वक़्त गुजार रही है वैसे मे कल जाके अदिति से मीलुगी और आपसे मिलने के लिये भी कहूगी
सुहानी की बात सुन अमर खुश होते हुवे सुहानी को देख - क्या सच मे तुम कल अदिति के घर जाओगी अदिति का मुझसे मिलने के लिये कहोगी
सुहानी हस्ते हुवे - क्या बात है भाई रहा नही जा रहा अदिति के बिना
अमर सुहानी के टकले पे मारते हुवे - मार खायेगी लगता है ये बता तूने जो कहा करेगी ना
अदिति मुस्कुराते हुवे - जरूर करुगी अपने भाई के लिये
अमर आरोही के गाल पे किस करते हुवे - थैंक्स मेरी बेहना अब मे चलता हु सो जा गूड नाइट
आरोही - गूड नाइट भाई
अमर चला जाता है और आरोही दरवाजा बंद कर बिस्तर पे लेत
आरोही मन मे - कल देखना है आरोही के दिल मे किया है
( अभय के घर )
अभय बेचारा मधु के घर से खाना पीना खाके अपने घर आता है लेकिन अंदर जाता है तो आँगन मे आसा दिशा अदिति के साथ विजय मिनिता काजल कोमल भी आये हुवे थे सभी की नजर अभय पे जाती है तो अभय समझ जाता है बच्ची इज़त भी गई
विजय अभय के पास आके हस्ते हुवे - भाई ये मे किया सुन रहा हु मेरा बॉस ऐसा कुछ कर देगा सोचा नही था भाई आप तो बहोत फास्ट निकले मान गया आपको आप हमारे बॉस हो तो मुझे भी थोरा ज्ञान दे दीजिये ताकि मे भी सिंगल से मिंगल हो जाऊ
अभय अजीब सा सरा सा चेहरा मना के विजय को देखता है और एक जोर दार तपली सर पे दे मारता है विजय दर्द मे सर पकर् आउच लग गई
अभय विजय को घूर के देख - और ज्ञान दु
विजय सर सेहलाते हुवे अभय को देख दर्द भरी आवाज मे डरते हुवे - नही बॉस बस इतना हि काफी है
अभय फिर सभी को देखता है तो कोमल मिनिता काजल अजीब नजरो से अभय को देख रहे थे बेचारा अभय पेहली बार सर्म से लाल हो गया अभय बात को बदलने के लिये चेहरे पे मुस्कान लाते हुवे
अभय - अरे ऑन्टी बुआ कोमल आप तीनों को बहोत खूबसूरत लग रही है आज सच्ची
अभय ये केहते हुवे अपनी मा के पास जाके बैठ जाता है
अभय की बात सुन मिनिता अभय को देख मुस्कुराते हुवे - बेटा तुमने हमारी तारीफ की मुझे बहोत अच्छा लगा लेकिन तुम जो टॉपिक बदलने कि कोसिस कर रहे हो ना वो नही होगा वाला
काजल मुस्कुराते हुवे अभय को देख - बेटा हमारे सामने चालाकी नही चलने वाली समझ गये
कोमल अभय को देख हस्ते हुवे - अपने आप को चालाक समझता है
काजल - तुम्हारे कांड जो तुम ने किया है जान कर मे तो हैरान सॉक् हो गई थी यकीन नही होता आते हि कुछ दिन मे हि तुम ने अपनी भाभी के ऊपर ही झण्डा गार दिया वाह मान गई तुम्हे
दिशा बेचारी काजल की बात सुन सर्म से लाल होते हुवे कमरे मे जाने लगती है तभी कोमल दिशा को जाते हुवे देख लेती है तो जल्दी से जाके दिशा के हाथ पकर् कर
दिशा - आप कहा चली भाभी जी
दिशा कोमल को देख शर्मा के - ननद जि जाने दीजिये ना मुझे प्लेस
काजल दिशा को देख कोमल से - लेकर आओ उसे कोमल बेटा
कोमल मुस्कुराते हुवे - ठीक है बुआ
दिशा कोसिस करती है कोमल से हाथ छुरा कर भागने कि लेकिन कर नही पाती कोमल दिशा को पकर अभय के पास लाके दिशा को अभय की गोदी मे जबरदस्ती बैठा देती है
कोमल अभय दिशा को देख हस्ते हुवे - अब दोनो साथ मे अच्छे लग रहे है कियु सही कहा ना
मिनिता काजल आसा विजय अदिति मुस्कुराते हुवे - बिल्कुल
लेकिन वही दिशा बहोत जायदा शर्मा रही थी ये तो दिशा घुघट मे रेहती है इस लिये कोई दिशा का चेहरा देख नही पा रहा था अगर ऐसा होता तो दिशा और सर्म से पानी पानी हो जाती
अभय के गोदी मे दिशा थी तो अभय भी दिशा को बाहों मे कस लेता है ये देख दिशा सर्म से लाल नही कान से धुवा निकल जाता है

काजल हस्ते हुवे - देखो तो कैसे अपनी होने वाली बीवी कोई बाहों मे लिये हुवे है
मिनिता हस्ते हुवे - सच कहु तो दोनो कि जोरि बहोत खूबसूरत है
काजल - हा ये बात तो है मे दुवा करती हु तुम दोनो हमेसा ऐसे हि खुश रहो
अदिति - मेरा भाई इतना हैंड्सम् है भाभी भी इतनी खूबसूरत है तो जोरि भी खूबसूरत होगी ही कियु मा
आसा अभय दिशा को देख - हा मेरी बच्ची तुमने सही कहा
minita आसा को देख - दीदी ये बताइये क्या इस बार भी अभय दिशा कि शादी मन्दिर मे करवाएगी
मिनिता की बात सुन सभी आसा को देखने लगते है आसा किया बोले समझ मे नही आ रहा था
अभय - नही मे बारात लेकर जाउंगा अपनी बीवी को लाने ( अभय इमोसनल होते हुवे) भाई ने शादी मन्दिर मे की मे समझ सकता हु कियु लेकिन अब मे घर का एक लौटा लरका हु तो मे चाहता हु मेरी शादी धूम धाम से हर रस्म के साथ हो गाव वालो को भोज खिलाया जाये
ये मेरी इक्छा है और उसी के साथ मुझे लगता है भाभी की भी होगी कियुंकी हर लरकी चाहती है उसका पती बारात लेके आये उसे डोली मे लेके जाये मे इस लिये भी चाहता हु की इस घर मे फिर सहनाइ बजे
अभय की बात सुन पूरी खामोसी छा जाती है आसा के आखो से आसु निकल आते है
आसा अभय को देख - मेरा बच्चा कितना समझदार है तू जैसा चाहता है वैसा हि होगा भले ही मुझे फिर खेत कियु ना मा बेचना परे
अभय आसा को देख - मा पैसों की चिंता मत करो मे सब देख लुगा
अभय दिशा को देखता है तो दिशा अभय के बाहों मे समाये रोये जा रही थी
अभय दिशा के चेहरे को पकर् आखो मे देख - आप कियु रो रही है
दिशा नजरे नीचे कर के - बस ये खुशी के आसु है निकल गये
काजल मिनिता को देख - भाभी देखो ना दोनो मे कितना प्यार है
मिनिता अभय दिशा को देख मुस्कुराते हुवे - हा देख रही हु
अभय सभी को देख - तो तय रहा ( अभय मिनिता काजल कोमल विजय को देख) आप सब कल जरूर आईयेगा
मिनिता मुस्कुराते हुवे - तु नही बुलाता तो भी मे आती समझा
काजल - हा भाभी ने सही कहा लगता है शादी मे मजा आने वाला है
विजय - अच्छा हुवा भाई ने बारात ने जाने की बात कही अब मुझे भी भाई के बारात जाने का मोक्का मिलेगा
कोमल - और मुझे शादी देखने का
अदिति खुश होते हुवे - वाओ मजा आने वाला है भाई बारात लेकर जायेंगे भाभी को को लो लेने
आसा - हा लेकिन कल दिन तय होने के बाद दिशा अपने घर जायेगी और मेरा लाल बारात लेकर जायेगा और लेकर आयेगा अपनी बीवी को
कोमल हस्ते हुवे - ये तो होना ही था
अभय मुस्कुराते हुवे - कोई बात नही कुछ रेह लुगा तब तक
दिशा शर्मा के अभय को चुटि काट लेती है अभय आउच करता है सभी ये देख हसने लगते है
कुछ देर और बाते होती है फिर विजय मिनिता काजल कोमल सभी अपने घर के लिये निकल परते है
राते मे मिनिता विजय को देखते हुवे - अभय आते ही बाइक लेली अपनी शादी का खर्चा भी खुद उठा रहा है तुम दोनो ने कहा जब कैद मे थे तो काम करने के पैसे मिलते थे एक बात बताओ जीन लोगो से तुम दोनो को किडनैप कर के ले गये अपने कैद मे रखा सभी से जबरदस्ती काम करवाते थे तो वो कमीने लोग सब को पैसा कियु देते थे जबकि वो लोग किसी को बाहर जाने नही देते तुम दोनो मुझे बेवकूफ सकते हो क्या
अपनी मा की बात सुन विजय हैरान सॉक हो जाता है और घबराते हुवे मिनिता को देख - मा हमने आप से झुठ नही बोला सच बोला है
काजल विजय को घबराते हुवे देख मुस्कुरा के - लगता है भाभी तीर सही जगह लगी है
मिनिता मुस्कुराते हुवे - इन दोनो को किया लगा हम बेवकूफ है हमे आसानी से बेवकूफ बना देगे जरूर दोनो न कई सारी बाते हम से छुपा कर रखी है
मिनिता विजय को देख - बता है बेटा सच किया है
विजय मा की बात सुन रुक जाता है विजय को रुकता देख तीनों भी रुक जाते है
विजय अपनी बेहन मा बुआ को देख - ये सच है कई बात हमने आप को नही बताइ लेकिन ये भी सच है भले ही आप मेरी मा बेहन बुआ है लेकिन मे आपको कुछ नही बताने वाला कियुंकी मेरे भाई ने जो मेरे नही कईयो के बॉस और हमारे जीवन दाता है उनकी वजह से मे आपके सामने हु तो मे उनको धोका नही दे सकता माफ करना
विजय की बात सब हो हैरान कर देती है
मिनिता विजय के पास जाके विजय को गले लगा के - मेरा लाल मुझे गर्व है की तुम अपने भाई के कर्ज को नही भूले मुझे गर्व है तुम अपने भाई के रॉयल हो ऐसे हि रेहना कभी कोई तुम्हारी मदद करे उसके एहसास को नही भूलना रही बात अभय के तो हम भी कर्ज दार और उस कर्ज को हम कभी चुका नही पायेंगे
काजल - सही कहा भाभी ने अभय बेटे ने कुछ सोच कर हि हमे सच नही बताया होगा और हमे फर्क भी नही परता तुम हमारे पास हो यही बहोत है रही सच किया है हमे नही जानना हम तो हम ऐसे हि पूछ लिये थे
कोमल - चलो भी रास्ते मे हम है बाकी बाते घर कर लेना
मिनिता मुस्कुराते हुवे - चलो
फिर सभी घर पहुँच जाते है
( अभय के घर)
खाना खाना बाकी था तो सभी खाना खाने बैठ जाते हो अभय तो खाके आया था लेकिन फिर भी सब के साथ खाता है सब को खिलाता है कुछ बाते भी कर देता है
खाना खाने के बाद सभी अपने कमरे मे चले जाते है
रात 9.30 बज चुके थे
अभय हमेसा की तरह सभी से एक बार मिल कर ही सोने जाता है ये उसकी आदत है इस लिये अभय अपनी का के कमरे मे जाता है अंदर जाके देखता है आसा बिस्तर पे लेती अभय के आने का ही इंतज़ार कर रही थी आसा सारी मे ही थी और बहोत खूबसूरत अंदाज़ा मे लेती हुई थी

अभय की नजर अपनी मा की गहरी ढोरी पे ठीक जाती है अभय अपनी मा की कयामत कमर गहरी ढोरी को देख पहली बार खो सा जाता है आसा अभय कि नजर का पीछा करती है तो आसा को पता लग जाता है अभय उसकी कमर ढोरी को देख रहा है तो आसा सर्म से लाल होते हुवे जल्दी से खरी हो जाती है और कमर को सारी से धक लेती है
आसा अभय को देख मुस्कुराते हुवे - मेरे लाल कहा खो गये
आसा की आवाज सुन अभय होस मे आते हुवे आसा को देख मुस्कुराते हुवे आसा के पास जाता है
अभय आसा को देख मुस्कुराते हुवे - मा आप इतनी खूबसूरत कियु है जब भी देखता हु तो लगता है आप दिन पर दिन और खूबसूरत होता सेक्सी होती जा रही है

अपने बेटे की बात सुन आसा जोर जोर से खिलखिलाते हुवे हसने लगती है
आसा हस्ते हुवे - अच्छा तो तुम्हे भी इतनी खूबसूरत लगती हु आज पता चला
अभय आसा के पीछे जाके आसा के कमर मे हाथ दाल आसा को कस के पकर् अपने से सता कर बाहों मे भर लेता है आसा मे मुह से आह निकल जाती है

अभय प्यारी आवाज मे - मा मुझे आपकी ढोरी पे किस्सी करना है
आसा घबराते हुवे जल्दी से - बिल्कुल भी नही अब तुम्हे ढोरी पे किस्सी नही मिलेगी
अभय आसा को छोर उदास चेहरा लेके बिस्तर पे लेत जाता है दूसरी तरफ चेहरा कर के
आसा अभय कि बच्चो वाली तरकत हसी आ जाती है लेकिन आसा अपने आप को रोक लेती है
आसा अभय को देख मन मे - मुझसे गलती हो गई मुझे याद रखना चाहिये था मेरा लाल मेरी ढोरी देखते ही किस्सी मागता है उसके अभी मेरी ढोरी देख ली इस किये उसे याद आ गया ढोरी पे किस्सी देने मे कोई परोबलम् नही है मेरे लाल को लेकिन ये मेरी ढोरी को गिला कर देता है चात् कर इस लिये दूसरी मुझे बहोत गुदगुदी होती है
( नोट - अभय सुरु से ही जब बच्चा था तब से आसा की ढोरी के किस करते आ रहा है अभय आसा को ढोरी पे किस कर आसा को अभय बहोत हसाता था कियुंकी आसा को गुदगुदी होती थी और अभय को बहोत मजा आता था )
आसा अभय को रूठा देख अभय से - मेरे लाल किस्सी दुगी लेकिन मेरी ढोरी को चात् कर गिला नही करेगा कियुंकी मुझे गुदगुदी होती है
अभय मा को देख - ठीक है आप जैसा कहे
आसा हैरानी से अभय को देख - किया बात है एक बार मे हि मान गया
अभय आसा के पास आके अपनी मा को प्यार से देख भोला चेहरा बना के - मा अब मे बारा हो गया हु इस लिये
आसा प्यार से अभय के गाल पे हाथ फेरते हुवे - मेरे लाल तु ही है बस मेरा सहारा तेरी मस्ती तेरी हरकते 4 साल बहोत मिस किया मेने तु बरा हो गया है लेकिन मेरे लिये तुम वही नटखट मस्ती करने वाला मेरा लाल ही रेहना मेरे लिये लिये और हा बच्चे कितने भी बरे कियु ना हो जाये मा के लिये बच्चे ही रेहते है
अभय आसा को गले लगा के इमोसनल होते हुवे - मा मे भी आपका वही नटखट मस्ती करने वाला बच्चा ही बन कर रेहना चाहता हु अगर मे चाहू भी तो आप से मस्ती मजाक किये बगैर मे रेह नही सकता
आसा मुस्कुराते हुवे अभय को देख - हा जानती हु मेरे बच्चे मे भी नही रेह सकती एसी लिये तो तेरा इंतज़ार सोने से पेहले करती हु ताकि तेरे साथ थोरि मस्ती करो उसके बाद ही मुझे चैन की नींद आती है
आसा अपनी सारी हटा लेती है तो आसा कि कयामत कमर और गहरी ढोरी अभय के सामने आ जाती है
आसा अभय को देख - ले बेटा तेरे किस्सी वाली जगह कर ले किस

अभय नीचे बैठ अपनी मा की ढोरी देखता है गौर से फिर अभय को पेहले वाला सब सीन याद आने लगता है जब वो रोज सोने से पेहले मा के ढोरी को किस करता था और आसा खिलखिलाते हुवे हस्ती थी अभय अपने आसु रोक नही पाता और अभय रो परता है

अभय जल्दी से अपनी मा के ढोरी पे हल्का सा किस कर खरा हो जाता है आसा अभय को देखती है तो अभय की आखो मे आसा को आसु दिखाई देते है
आसा अभय को गले लगाते हुवे - किया हुवा मेरे बच्चे तुम रो कियु रहे हो
अभय आसा को बाहों मे कसते हुवे - बस पुराने पल याद आ गये अगर अभी कैद मे होता तो ये सब बहोत मिस कर रहा होता
आसा अभय के चेहरे को पकर् आसु साफ करते हुवे - वो 4 साल हमारे लिये बहोत बुरे रहे है लेकिन अब तुम हमारे पास हो हम तुमहारे पास है भूल जाओ वो मनहुस दिन
अभय आसा को देख - देखो ना मा मेने खुद कहा था पुरे पल याद नही करुगा आप लोगो के सामने कमजोर नही परुगा लेकिन
आसा - कोई बात नही मेरे लाल ये मेरी ढोरी देखने की वजह से हुवा है
आसा ने ये बात बदलने के लिये कहा
अभय आसा को देख हस्ते हुवे - आपने सही कहा मेरी सेक्सी मा
आसा हस्ते हुवे - मा मे सेक्सी तो हु मेरे लाल के लिये
अभय आसा को देख - लेकिन आज के बाद से मे आपके ढोरी पे किस नही करुगा
आसा हैरानी से - कियु
अभय मुस्कुराते हुवे - मेरी बीवी को करुगा
आसा मुह फुलाते हुवे रूठने का नाटक करते हुवे अभय ने जैसा किया था जाके बिस्तर पे दूसरी तरफ चेहरा कर लेत जाती है
आसा - किसी ने सही कहा है बीवी के आते ही बेटा मा को भूल जाता है और मा के प्यार से जायदा बीवी का प्यार अच्छा लगता है
अभय बिस्तर पे जाके आसा को तो अपनी तरफ घुमा लेता है अभय आसा के चेहरे को देखता है आसा बहोत ही फनी चेहरा बनाये हुवे थी
अभय आसा को देख हस्ते हुवे - मा आप बहोत कियुत् लग रही है
आसा रूठे आवाज मे - कही कियुत् कभी सेक्सी कभी हॉट बता नही किया क्या केहता रेहता है
अभय प्यार से आसा के चेहरे को सेहलाते हुवे - कियुंकी मेरी का के ऐसी है सब से खूबसूरत इस लिये केहता हु
आसा अभय की आखो मे देख - सच्ची
अभय हस्ते हुवे - रोज तो केहता हु सच्ची फिर भी बिस्वास नही होता आपको
आसा मुस्कुराते हुवे - कियुंकी मुझे तेरे मुह से बार बार सुनना अच्छा लगता है
अभय - कियुंकी आप है इतनी खूबसूरत हॉट कियुत् की मेरे मुह से निकल ही जाता है आपको देख कर
आसा मुस्कुराते हुवे - मेरा लाल भी बहोत हैंड्सम् है
अभय - मा एक किस्सी दो ना
आसा हस्ते हुवे - मेने मना कब किया है
अभय मुस्कुराते हुवे आसा के ऊपर आ जाता है आसा नीचे अभय आसा को देख - कर लू किस्सी
आसा हस्ते हुवे - कर ले बाबा

अभय आसा के प्यारे नरम गर्म गुलाबी होठों पे अपना होठ रख किस कर लेता है और आसा को देख - बहोत मोठा है
आसा हस्ते हुवे - बदमास्
अभय आसा के ऊपर से खरा होते हुवे - मा अब मे जाता हु सोने पता है ना गुरिया को भी गूड नाइट नही बोलुगा तक तक सोयेगी नही और मेरा इंतज़ार करती रेहगी
आसा हस्ते हुवे - हा जानती हु जा जाके गूड नाइट बोल से
अभय मुस्कुराते हुवे - पेहले अपनी हॉट मा को बोलुगा गूड नाइट मा
आसा मुस्कुराते हुवे - गूड नाइट मेरे हैंड्सम् बेटे
अभय फिर कमरे से बाहर आके दिशा के कमरे की तरफ जाता है
अभय के जाने के बाद दिशा इमोसनल होते हुवे करवट बदल कर
आसा - आप चले गये हमे छोर कर मेने सेह लिया फिर किस्मत ने मेरे लाल को मुझसे दूर कर दिया एसी बीच मेरा बरा लाल विनय हमे छोर हमेसा के लिये चला गया आज अगर मेरा अभय बच्चा वापस नही आता तो सायद मे जी नहीं पाती किया होता बेटी बच्ची का सायद उपर वाले को हम पे तरस आ गया इस लिये मेरे अभय लाल को मेरे पास भेज दिया अगर आप विनय हमारे साथ होते तो खुसिया डबल होती
आसा अपने आसु साफ करते हुवे - किस्मत मे सायद जो होना होता है होके ही रेहता लेकिन अब मुझे जीना है अपने लाल मेरी बच्ची बहु और आने वाले पोता पोती के लिये इस लिये अब खुश रहूगी मेरा लाल मुझे रोते देखेगा तो उसे अच्छा नही लगेगा
आसा ये केहते हुवे आखे बंद कर लेती है
अभय दिशा के कमरे के पास जाके धीरे से - भाभी दरवाजा खोलो ना
दिशा दरवाजे के पास आके धीरे से - नही खोलूगि मुझे पता है आप कियु आये है
अभय - पता है तो खोल कियु नही रही है आप
दिशा थोरा शर्मा के- कियुंकी अभी भी वहा की हालत सही नही है दूसरी मम्मी जी ने भी दूर रेहने को कहा है याद है ना
अभय - हद है यार अच्छा ठीक है वादा करता हु कुछ नही करुगा बस थोरि बात करने के बाद चला जाउंगा
दिशा - सच केह रहे है
अभय - हा बाबा अब खोलो भी
दिशा दरवाजा खोल देती है लेकिन अभय दिशा को देखता ही रेह जाता है अभय - ऐसा सीन देखा के आप मुझे कुछ ना करने के लिये केहती है भला कोई कैसे खुद को रोकेगा
दिशा दरवाजे को पकरे दरवाजे पे बरी सेक्सी अंदाज़ मे कमर पे हाथ रखे सेक्सी पोस् मे नासिलि अदा के साथ अभय को देख - ऐसे किया देख रहे है देवर जी

अभय दिशा के पतली कमर ढोरी को देख - आपके होस्न का दिलदार कर रहा हु भाभी
अभय की बात सुन दिशा सर्म से लाल हो जाती है
दिशा - लेकिन आपको कुछ मिलने वाला नही है तो कियु आये है
अभय - मुझे किया पता था आज मुझे बेड वाला खेल खेलने को नही मिलेगा
दिशा अभय की बात सुन और सर्म से लाल हो जाती है
दिशा - तो जाइये जाके सो जाइये
अभय दिशा को देख - लेकिन थोरा बहोत प्यार को कर के जाउंगा
दिशा कुछ समझ पाती अभय दिशा को गोदी मे उठा के बिस्तर पे लेजाकर लेता लेता है और दिशा के ऊपर आ जाता है
दिशा अभय को देख शर्मा के - आपने वादा किया था
अभय - पता है लेकिन उसके अलावा
तभी आसा बाहर से चिल्लाते हुवे - मना किया था ना फिर भी तुम दोनो नही माने अब तो डंडे परेगे जल्दी बाहर निकल लाला
मा की आवाज सुन दिशा अभय की फट के हाथ मे आ जाती है दोनो के पसीने निकलने लगते है
दिशा अभय पे गुस्सा करते हुवे - देख लिया था मुझे अंदाज़ा था मम्मी जी हम पे नजर रखेगी आपकी वजह से मुझे भी डंडे खाने परेगे
अभय डरते हुवे - मुझे लगा नही था सच्ची मा हमपे नजर रखेगी
आसा गुस्से से - लाला आता है या मे अंदर आउ
अभय तेजी से बाहर आके नजरे नीचे किये - मा
आसा - लाला मना किया था ना
अभय - मा मे तो बस बाते कर रहा था जैसा रोज करता हु
आसा अभय को देख - अच्छा ठीक है जा अदिति इंतज़ार कर रही है
अभय तेजी से अदिति के कमरे मे आ जाता है
आसा दिशा को देखती है जो दरवाज़े पे डरी हुई खरी थी
आसा मुस्कुराते हुवे - शादी तक कुछ नही होना चाहिये शादी के बाद तो मे खुद कहूगी मुझे जल्दी पोता पोती देदो
आसा ये केह मुस्कुराते हुवे कमरे मे आके बिस्तर पे लेत कर - बरा आया जरूर वो सब करने गया था
वही दिशा आसा के मुह से पोता पोती देने की बात सुन शर्मा के बिस्तर पे जाके लेत जाती है
अभय अंदर जाता है तो दिशा बिस्तर पे लेती हुई अभय को देख हस्ते हुवे - कियु दात परी ना मा की
अभय दिशा को देख - तुझे कैसे पता चला
अदिति हस्ते हुवे - कियुंकी मा पेहले मेरे कमरे मे आई आप यहा नही थे तो मा समझ गई
अभय बिस्तर पे जाके दिशा को बाहों मे भर लेता है दिशा अभय के सीने पे सर रख अभय से चिपक जाती है

अभय - मेरी गुरिया मुझे बाहों मे लेके मुझे सुकून मिलता है
अदिति अभय को देख - मुझे भी भाई दिल करता है आपके बाहों मे रहु
थोरि देर दोनो भाई बेहन के बीच प्यारी बाते होती है उसके भाई अभय अदिति से - अच्छा तो अब मे जाता हु सोने तुम भी सो जाओ
अभय की बात ससुन अदिति अभय को जोर से पकर् लेती है
अदिति प्यारा चेहरा बना के - भाई मुझे आपके साथ ही सोना है प्लेस
अभय हस्ते हुवे - एक किस्सी दो तो रुक जाउंगा
अदिति खुश होते हुवे अभय के गाल के दोनों तरफ किस करते हुवे अब रुकेंगे ना

अभय अदिति को बाहों मे कसते हुवे मुस्कुरा के हा
दोनो भाई बेहन एक दूसरे मे समाये सो जाते है
आज के लिये इतना ही



एक कमरे मे वही लरकी बिस्तर पे लेती उस बंदे के साथ पेहले जो बात हुई उसे याद करने लगती है
( एक दिन पेहले ) साम 4 बजे स्कूल की छुट्टी के बाद
लरकी अकेले हि घर जा रही थी तभी उसके सामने एक बंदा आके खरा हो जाता है जिसे देख लरकी बहोत गुस्से से बंदे को देखने लगती है
लरकी गुस्से से - तुमने मेरा रास्ता कियु रोका है
बंदा - पेहले जो मेने किया उसके लिये माफी मागता हु बस मुझे कुछ मिनट तुमसे बात करनी है
लरकी गुस्से से - मुझे तुम जैसे कमीने से कोई बात नही करनी
बन्दा थोरा गुस्से मे - देखो मेने कहा ना बस मुझे तुमसे कुछ मिनट बात करनी है अगर तुम मुझे कुछ मिनट टाइम देती हो तो वादा करता हु फिर मे तुम्हारे और तुमहारे भाई के रास्ते मे कभी नही आऊगा
लरकी मन मे - ये बहोत कमीना और अमीर पावर फुल है हम जैसे गरीब लोग इन जैसो से लर भी नही सकते अच्छा मोक्का है इस कमीने से पीछा छूटेगा बस कुछ मिनट की हि तो बात है
लरकी - ठीक है लेकिन वादा करो फिर हमारे रास्ते मे नही आओगे
बंदा - वादा करता हु चलो मेरी गारी मे बैठ जाओ
लरकी हैरानी से बंदे को देख - गारी मे कियु
बंदा - डरो नही वादा करता हु मे तुमहारे साथ कुछ नही करुगा थोरि दूर मेरा एक बंगलो है वहा मे ही रेहता हु वही बातें करेगे आराम से
लरकी बंदे को देखती है सोचती है फिर जाके गारी मे बैठ जाती है बंदा ये देख मुस्कुरा देता है
बंदा गारी चालू करता है और थोरि दूर बाद लरकी को लेकर अपनेे बंगलो मे पहुँच जाता है बंदा गारी पार्क करता है और गारी से बाहर आता है लरकी भी गारी से बाहर आती है और अपनी नजर चारो तरफ दोराती है
लरकी चारो तरफ देख - तुम ने ऐसी जगह बंगलो कियु बनवाया जहा आप परोसी कोई नही है
बंदा लरकी को देख मुस्कुराते हुवे -ये मेरे मौज मस्ती करने कि जगह है जहा मे दोस्तो के साथ मस्ती पार्टी करता रेहता हु तुम समझ गई होगी
लरकी बंदे को देख - समझ गई
बंदा - चलो अंदर चलते है
दोनो अंदर जाती है लरकी बंगलो को अच्छे से देखने लगती है बंदा ये देख - कैसा लगा तुम्हे ये बंगलो
लरकी बंदे को देख - अच्छा लेकिन मुड़े पे आओ मुझसे तुम्हे किया बात करनी है
बंदा सोफे पे बैठते हुवे - ठीक है चलो बैठो बताता हु
लरकी भी सामने सोफे पे बैठ जाती है
बंदा - देखो मे घुमा फिरा कर बाते नही करुगा उस कमीने ने मुझे बहोत मारा है मुझे बदला लेना है लेकिन मे उसकी बेहन को पेहले अपने कब्ज़े मे लुगा फिर वो कमीना मेरे सामने घुटने टेक देगा लेकिन इस सब मे मुझे तुम्हारी मदद चाहिये
बंदे की बात सुन लरकी हैरान सॉक होते हुवे खरी होकर गुस्से से
लरकी बंदे को देख - तुम चाहते हो मे अपनी दोस्त को धोका दु तुमने ऐसा सोच भी कैसे लिया मुझे समझ जाना चाहिये था तुम कमीने हो और अपना कमीना पन फिर दिखा ही दिया मे जा रही हु
बंदा लरकी के सामने आके - देखो मेरी पूरी बात एक बार सांति से सुन लो फिर फैसला करना मे तुम्हे फोर्स नही करुगा वादा है
लरकी बंदे को गुस्से से देख - देखो मेरा फैसला नही बदलेगा तो अच्छा होगा जाने दो मुझे
बंदा - चलो मान लिया तुम साथ नही दोगी लेकिन प्लेस मेरी पूरी बात तो सुन ही सकती हो फिर चली जाना
लरकी बंदे को देखती है फिर सोफे पे जाके बैठते हुवे - मुझे घर जल्दी जाना है जो का केहना है जल्दी कहो
बंदा खुश होते हुवे सोफे पे बैठते हुवे - ठीक है सुनो मुझे पता है दोस्त को धोका देना अच्छी बात नही होती लेकिन तुम भी जानती हो आज कि दुनिया कैसी है खैर देखो पेहली बात तुम्हारा भाई तुम्हारी दोस्त से प्यार करता है लेकिन उस दिन मेने उसके भाई कि बात सुनी और मे यकीन से केह सकता हु तुम्हारे भाई से वो कमीना उसकी शादी नही करवाएगा यही एक रीजन भी हो मेने तुमसे मदद मांगने का फैसला लिया
लरकी मन मे - मुझे भी यही लगता है उसका भाई मेरे भाई से अपनी बेहन की शादी नही करवाएगा और जब से उसका भाई आया है एक बार मुझसे मिलना तो दूर एक बार फोन भी नही किया
बंदा लरकी को सोचता देख मुस्कुरा देता है
लरकी बंदे को देख - रुक कियु गये गल्दी बोलो ताकि तुम्हारी बात खतम हो तो मे घर जा सकु
बंदा - हा तो एसी लिये मेने तुम से मदद मांगी दूसरी देखो तुम इतनी पढाई मे मेहनत कर रही हो किस लिये ताकि कोई अच्छी नोकरी कर सको लेकिन तुम्हारी शादी जल्दी ही तुम्हारे घर वाले कर देगे अगर आगे पढाई करती हो तो किया गारंटी है तुम्हे अच्छी नोकरी मिल जायेगी मान लो मिल भी गई तो आज के समय मे लरकी के लिये नोकरी करना आसान नही होता चलो कर भी लिया तो पूरी जिंदगी किसी की डाट सुन किसी के अंदर मे रेह कर काम करना परेगा उसके बाद भी सेलरी बहोत कम मिलेगी
लरकी अजीब नजरो से बंदे को देख - तुम केहना किया चाहते हो
बंदा मुस्कुराते हुवे बंगलो को देखाते हुवे - देखो इस बंगलो को तुम पूरी जिंदगी मे भी ऐसा बंगला खरीद नही पाओगी लेकिन ये बंगलो तुम्हारा हो सकता है ( बंदा लरकी को देख) और हा मे तुम्हे अपने पापा कि कंपनी एक अच्छे पोजिसन पे नोकरी दिला सकता हुई और तुम्हे जायदा कुछ करना भी नही परेगा बस 10 बजे आना बैठ कर 5 बजे घर चली उसी के साथ गारी घर सब मे तुम्हे दूंगा सोच लो अच्छे से गरीबी मे जीना है या मेरी तरह मौज कि जिदगी जहा की तुम रानी रहोगी तुम अपनी जिंदगी अपनी मर्ज़ी से जी सकती हो दुनिया पैसे के पीछे भागती है लेकिन उसी मे कई जीना जिंदगी खतम हो जाती है
लरकी बंदे की बात सुन खरी होते हुवे - तुम्हारी बात मेने सुन लिया अब मुझे जाना चाहिये
बंदा गहरी सास लेते हुवे - ठीक है जैसी तुम्हारी मर्ज़ी चलो मे तुम्हे छोर देता हु
बंदा गारी से लरकी को उसके घर के पास छोर देता है लरकी गारी से उतर जाने लगती है बंदा लरकी को देख - मुझे यकीन है तुम हा करोगी 70 चांस है 30 ना का कियुंकी मेने तुम्हारे मारे मे पता किया तो मुझे पता चला तुम्हारी कुछ अमीर दोस्त भी है जो तुम्हे बताती रहती है वो यहा गुमने गई वहा गई उनकी मस्त लाइफ देख तुम्हे दिल मे भी वैसी लाइफ जीने की चाहत जाग गई बस मेने उसी का सहारा लिया अब देखते है तुम क्या डीसीजंन लेती हो
लरकी अपने कमरे मे आके बिस्तर पे लेत कर बंदे ने जो कहा उसके बारे मे सोचने लगती है
लरकी - हा ये सच है मुझे भी अमीरों वाली लाइफ जीनी है मेरे कुछ दोस्त बहोत अमीर है कही ना कही घूमने जाते रेहते है उसके पास गारी बंगलो सब है अच्छे नये कपड़े सब कुछ और मे एक गरीब मेरी लाइफ गरीबी मे चल रही हो फिर शादी होगी उसके बाद एक हाउस वाइफ बन घर मे रेह जाउंगी मुझे बाहर कि दुनिया देखनी है घुमनी है अपनी लाइफ खुल कर जीनी है मौज मस्ती के साथ लेकिन मे ऐसा नही कर सकती कियुंकी मे अमीर नही हु मेरे पास पैसे नही है
लरकी उठ कर बैठते हुवे - मेरी दोस्त मुझे एक मोक्का मिला है अपनी लाइफ को बदलने का अपने सपने पूरी करने का तुम वैसे भी मुझे नही लगता मेरे भाई सी शादी करोगी ना तुम्हारा भाई तुम्हारी शादी मेरे भाई से करायेगा अगर ऐसा होता तो सायद मे उस कमीने का साथ ना देती ना तुम्हे माफ करना दोस्त मेने फैसला कर लिया है मुझे अमीरों वाली लाइफ जीनी है ना गरीबो वाली
ये केहने के बाद लरकी मुस्कुरा देती है यही सब लरकी बिस्तर लेती सोचे जा रही थी
तभी किसी की आवाज लरकी को सुनाई देती है - आरोही दरवाजा खोलो सो गई किया इतनी जल्दी
लरकी यानी आरोही होस मे आते हुवे दरवाजे कि तरफ देख - भाई जगी हुई हु अभी आई
आरोही जाके दरवाजा खोलता है सामने अमर खरा था अमर आरोही दोनो बिस्तर पे जाके बैठ जाते है
आरोही अमर को देख - किया बात है भाई कुछ बात करनी है क्या
अमर आरोही को देखता है फिर नजरे नीचे कर - जब से अदिति का भाई आया है अदिति एक बार भी मुझसे मिलने नही आई
आरोही अपने भाई को उदास देख बहोत दुख होता है
आरोही - भाई ये इस लिये कियुंकी अदिति का भाई 4 साल बाद आया है ना तो अदिति पुरे साल साल दूर रही तो अब अपने भाई के साथ वक़्त गुजार रही है वैसे मे कल जाके अदिति से मीलुगी और आपसे मिलने के लिये भी कहूगी
सुहानी की बात सुन अमर खुश होते हुवे सुहानी को देख - क्या सच मे तुम कल अदिति के घर जाओगी अदिति का मुझसे मिलने के लिये कहोगी
सुहानी हस्ते हुवे - क्या बात है भाई रहा नही जा रहा अदिति के बिना
अमर सुहानी के टकले पे मारते हुवे - मार खायेगी लगता है ये बता तूने जो कहा करेगी ना
अदिति मुस्कुराते हुवे - जरूर करुगी अपने भाई के लिये
अमर आरोही के गाल पे किस करते हुवे - थैंक्स मेरी बेहना अब मे चलता हु सो जा गूड नाइट
आरोही - गूड नाइट भाई
अमर चला जाता है और आरोही दरवाजा बंद कर बिस्तर पे लेत
आरोही मन मे - कल देखना है आरोही के दिल मे किया है
( अभय के घर )
अभय बेचारा मधु के घर से खाना पीना खाके अपने घर आता है लेकिन अंदर जाता है तो आँगन मे आसा दिशा अदिति के साथ विजय मिनिता काजल कोमल भी आये हुवे थे सभी की नजर अभय पे जाती है तो अभय समझ जाता है बच्ची इज़त भी गई
विजय अभय के पास आके हस्ते हुवे - भाई ये मे किया सुन रहा हु मेरा बॉस ऐसा कुछ कर देगा सोचा नही था भाई आप तो बहोत फास्ट निकले मान गया आपको आप हमारे बॉस हो तो मुझे भी थोरा ज्ञान दे दीजिये ताकि मे भी सिंगल से मिंगल हो जाऊ
अभय अजीब सा सरा सा चेहरा मना के विजय को देखता है और एक जोर दार तपली सर पे दे मारता है विजय दर्द मे सर पकर् आउच लग गई
अभय विजय को घूर के देख - और ज्ञान दु
विजय सर सेहलाते हुवे अभय को देख दर्द भरी आवाज मे डरते हुवे - नही बॉस बस इतना हि काफी है
अभय फिर सभी को देखता है तो कोमल मिनिता काजल अजीब नजरो से अभय को देख रहे थे बेचारा अभय पेहली बार सर्म से लाल हो गया अभय बात को बदलने के लिये चेहरे पे मुस्कान लाते हुवे
अभय - अरे ऑन्टी बुआ कोमल आप तीनों को बहोत खूबसूरत लग रही है आज सच्ची
अभय ये केहते हुवे अपनी मा के पास जाके बैठ जाता है
अभय की बात सुन मिनिता अभय को देख मुस्कुराते हुवे - बेटा तुमने हमारी तारीफ की मुझे बहोत अच्छा लगा लेकिन तुम जो टॉपिक बदलने कि कोसिस कर रहे हो ना वो नही होगा वाला
काजल मुस्कुराते हुवे अभय को देख - बेटा हमारे सामने चालाकी नही चलने वाली समझ गये
कोमल अभय को देख हस्ते हुवे - अपने आप को चालाक समझता है
काजल - तुम्हारे कांड जो तुम ने किया है जान कर मे तो हैरान सॉक् हो गई थी यकीन नही होता आते हि कुछ दिन मे हि तुम ने अपनी भाभी के ऊपर ही झण्डा गार दिया वाह मान गई तुम्हे
दिशा बेचारी काजल की बात सुन सर्म से लाल होते हुवे कमरे मे जाने लगती है तभी कोमल दिशा को जाते हुवे देख लेती है तो जल्दी से जाके दिशा के हाथ पकर् कर
दिशा - आप कहा चली भाभी जी
दिशा कोमल को देख शर्मा के - ननद जि जाने दीजिये ना मुझे प्लेस
काजल दिशा को देख कोमल से - लेकर आओ उसे कोमल बेटा
कोमल मुस्कुराते हुवे - ठीक है बुआ
दिशा कोसिस करती है कोमल से हाथ छुरा कर भागने कि लेकिन कर नही पाती कोमल दिशा को पकर अभय के पास लाके दिशा को अभय की गोदी मे जबरदस्ती बैठा देती है
कोमल अभय दिशा को देख हस्ते हुवे - अब दोनो साथ मे अच्छे लग रहे है कियु सही कहा ना
मिनिता काजल आसा विजय अदिति मुस्कुराते हुवे - बिल्कुल
लेकिन वही दिशा बहोत जायदा शर्मा रही थी ये तो दिशा घुघट मे रेहती है इस लिये कोई दिशा का चेहरा देख नही पा रहा था अगर ऐसा होता तो दिशा और सर्म से पानी पानी हो जाती
अभय के गोदी मे दिशा थी तो अभय भी दिशा को बाहों मे कस लेता है ये देख दिशा सर्म से लाल नही कान से धुवा निकल जाता है

काजल हस्ते हुवे - देखो तो कैसे अपनी होने वाली बीवी कोई बाहों मे लिये हुवे है
मिनिता हस्ते हुवे - सच कहु तो दोनो कि जोरि बहोत खूबसूरत है
काजल - हा ये बात तो है मे दुवा करती हु तुम दोनो हमेसा ऐसे हि खुश रहो
अदिति - मेरा भाई इतना हैंड्सम् है भाभी भी इतनी खूबसूरत है तो जोरि भी खूबसूरत होगी ही कियु मा
आसा अभय दिशा को देख - हा मेरी बच्ची तुमने सही कहा
minita आसा को देख - दीदी ये बताइये क्या इस बार भी अभय दिशा कि शादी मन्दिर मे करवाएगी
मिनिता की बात सुन सभी आसा को देखने लगते है आसा किया बोले समझ मे नही आ रहा था
अभय - नही मे बारात लेकर जाउंगा अपनी बीवी को लाने ( अभय इमोसनल होते हुवे) भाई ने शादी मन्दिर मे की मे समझ सकता हु कियु लेकिन अब मे घर का एक लौटा लरका हु तो मे चाहता हु मेरी शादी धूम धाम से हर रस्म के साथ हो गाव वालो को भोज खिलाया जाये
ये मेरी इक्छा है और उसी के साथ मुझे लगता है भाभी की भी होगी कियुंकी हर लरकी चाहती है उसका पती बारात लेके आये उसे डोली मे लेके जाये मे इस लिये भी चाहता हु की इस घर मे फिर सहनाइ बजे
अभय की बात सुन पूरी खामोसी छा जाती है आसा के आखो से आसु निकल आते है
आसा अभय को देख - मेरा बच्चा कितना समझदार है तू जैसा चाहता है वैसा हि होगा भले ही मुझे फिर खेत कियु ना मा बेचना परे
अभय आसा को देख - मा पैसों की चिंता मत करो मे सब देख लुगा
अभय दिशा को देखता है तो दिशा अभय के बाहों मे समाये रोये जा रही थी
अभय दिशा के चेहरे को पकर् आखो मे देख - आप कियु रो रही है
दिशा नजरे नीचे कर के - बस ये खुशी के आसु है निकल गये
काजल मिनिता को देख - भाभी देखो ना दोनो मे कितना प्यार है
मिनिता अभय दिशा को देख मुस्कुराते हुवे - हा देख रही हु
अभय सभी को देख - तो तय रहा ( अभय मिनिता काजल कोमल विजय को देख) आप सब कल जरूर आईयेगा
मिनिता मुस्कुराते हुवे - तु नही बुलाता तो भी मे आती समझा
काजल - हा भाभी ने सही कहा लगता है शादी मे मजा आने वाला है
विजय - अच्छा हुवा भाई ने बारात ने जाने की बात कही अब मुझे भी भाई के बारात जाने का मोक्का मिलेगा
कोमल - और मुझे शादी देखने का
अदिति खुश होते हुवे - वाओ मजा आने वाला है भाई बारात लेकर जायेंगे भाभी को को लो लेने
आसा - हा लेकिन कल दिन तय होने के बाद दिशा अपने घर जायेगी और मेरा लाल बारात लेकर जायेगा और लेकर आयेगा अपनी बीवी को
कोमल हस्ते हुवे - ये तो होना ही था
अभय मुस्कुराते हुवे - कोई बात नही कुछ रेह लुगा तब तक
दिशा शर्मा के अभय को चुटि काट लेती है अभय आउच करता है सभी ये देख हसने लगते है
कुछ देर और बाते होती है फिर विजय मिनिता काजल कोमल सभी अपने घर के लिये निकल परते है
राते मे मिनिता विजय को देखते हुवे - अभय आते ही बाइक लेली अपनी शादी का खर्चा भी खुद उठा रहा है तुम दोनो ने कहा जब कैद मे थे तो काम करने के पैसे मिलते थे एक बात बताओ जीन लोगो से तुम दोनो को किडनैप कर के ले गये अपने कैद मे रखा सभी से जबरदस्ती काम करवाते थे तो वो कमीने लोग सब को पैसा कियु देते थे जबकि वो लोग किसी को बाहर जाने नही देते तुम दोनो मुझे बेवकूफ सकते हो क्या
अपनी मा की बात सुन विजय हैरान सॉक हो जाता है और घबराते हुवे मिनिता को देख - मा हमने आप से झुठ नही बोला सच बोला है
काजल विजय को घबराते हुवे देख मुस्कुरा के - लगता है भाभी तीर सही जगह लगी है
मिनिता मुस्कुराते हुवे - इन दोनो को किया लगा हम बेवकूफ है हमे आसानी से बेवकूफ बना देगे जरूर दोनो न कई सारी बाते हम से छुपा कर रखी है
मिनिता विजय को देख - बता है बेटा सच किया है
विजय मा की बात सुन रुक जाता है विजय को रुकता देख तीनों भी रुक जाते है
विजय अपनी बेहन मा बुआ को देख - ये सच है कई बात हमने आप को नही बताइ लेकिन ये भी सच है भले ही आप मेरी मा बेहन बुआ है लेकिन मे आपको कुछ नही बताने वाला कियुंकी मेरे भाई ने जो मेरे नही कईयो के बॉस और हमारे जीवन दाता है उनकी वजह से मे आपके सामने हु तो मे उनको धोका नही दे सकता माफ करना
विजय की बात सब हो हैरान कर देती है
मिनिता विजय के पास जाके विजय को गले लगा के - मेरा लाल मुझे गर्व है की तुम अपने भाई के कर्ज को नही भूले मुझे गर्व है तुम अपने भाई के रॉयल हो ऐसे हि रेहना कभी कोई तुम्हारी मदद करे उसके एहसास को नही भूलना रही बात अभय के तो हम भी कर्ज दार और उस कर्ज को हम कभी चुका नही पायेंगे
काजल - सही कहा भाभी ने अभय बेटे ने कुछ सोच कर हि हमे सच नही बताया होगा और हमे फर्क भी नही परता तुम हमारे पास हो यही बहोत है रही सच किया है हमे नही जानना हम तो हम ऐसे हि पूछ लिये थे
कोमल - चलो भी रास्ते मे हम है बाकी बाते घर कर लेना
मिनिता मुस्कुराते हुवे - चलो
फिर सभी घर पहुँच जाते है
( अभय के घर)
खाना खाना बाकी था तो सभी खाना खाने बैठ जाते हो अभय तो खाके आया था लेकिन फिर भी सब के साथ खाता है सब को खिलाता है कुछ बाते भी कर देता है
खाना खाने के बाद सभी अपने कमरे मे चले जाते है
रात 9.30 बज चुके थे
अभय हमेसा की तरह सभी से एक बार मिल कर ही सोने जाता है ये उसकी आदत है इस लिये अभय अपनी का के कमरे मे जाता है अंदर जाके देखता है आसा बिस्तर पे लेती अभय के आने का ही इंतज़ार कर रही थी आसा सारी मे ही थी और बहोत खूबसूरत अंदाज़ा मे लेती हुई थी

अभय की नजर अपनी मा की गहरी ढोरी पे ठीक जाती है अभय अपनी मा की कयामत कमर गहरी ढोरी को देख पहली बार खो सा जाता है आसा अभय कि नजर का पीछा करती है तो आसा को पता लग जाता है अभय उसकी कमर ढोरी को देख रहा है तो आसा सर्म से लाल होते हुवे जल्दी से खरी हो जाती है और कमर को सारी से धक लेती है
आसा अभय को देख मुस्कुराते हुवे - मेरे लाल कहा खो गये
आसा की आवाज सुन अभय होस मे आते हुवे आसा को देख मुस्कुराते हुवे आसा के पास जाता है
अभय आसा को देख मुस्कुराते हुवे - मा आप इतनी खूबसूरत कियु है जब भी देखता हु तो लगता है आप दिन पर दिन और खूबसूरत होता सेक्सी होती जा रही है

अपने बेटे की बात सुन आसा जोर जोर से खिलखिलाते हुवे हसने लगती है
आसा हस्ते हुवे - अच्छा तो तुम्हे भी इतनी खूबसूरत लगती हु आज पता चला
अभय आसा के पीछे जाके आसा के कमर मे हाथ दाल आसा को कस के पकर् अपने से सता कर बाहों मे भर लेता है आसा मे मुह से आह निकल जाती है

अभय प्यारी आवाज मे - मा मुझे आपकी ढोरी पे किस्सी करना है
आसा घबराते हुवे जल्दी से - बिल्कुल भी नही अब तुम्हे ढोरी पे किस्सी नही मिलेगी
अभय आसा को छोर उदास चेहरा लेके बिस्तर पे लेत जाता है दूसरी तरफ चेहरा कर के
आसा अभय कि बच्चो वाली तरकत हसी आ जाती है लेकिन आसा अपने आप को रोक लेती है
आसा अभय को देख मन मे - मुझसे गलती हो गई मुझे याद रखना चाहिये था मेरा लाल मेरी ढोरी देखते ही किस्सी मागता है उसके अभी मेरी ढोरी देख ली इस किये उसे याद आ गया ढोरी पे किस्सी देने मे कोई परोबलम् नही है मेरे लाल को लेकिन ये मेरी ढोरी को गिला कर देता है चात् कर इस लिये दूसरी मुझे बहोत गुदगुदी होती है
( नोट - अभय सुरु से ही जब बच्चा था तब से आसा की ढोरी के किस करते आ रहा है अभय आसा को ढोरी पे किस कर आसा को अभय बहोत हसाता था कियुंकी आसा को गुदगुदी होती थी और अभय को बहोत मजा आता था )
आसा अभय को रूठा देख अभय से - मेरे लाल किस्सी दुगी लेकिन मेरी ढोरी को चात् कर गिला नही करेगा कियुंकी मुझे गुदगुदी होती है
अभय मा को देख - ठीक है आप जैसा कहे
आसा हैरानी से अभय को देख - किया बात है एक बार मे हि मान गया
अभय आसा के पास आके अपनी मा को प्यार से देख भोला चेहरा बना के - मा अब मे बारा हो गया हु इस लिये
आसा प्यार से अभय के गाल पे हाथ फेरते हुवे - मेरे लाल तु ही है बस मेरा सहारा तेरी मस्ती तेरी हरकते 4 साल बहोत मिस किया मेने तु बरा हो गया है लेकिन मेरे लिये तुम वही नटखट मस्ती करने वाला मेरा लाल ही रेहना मेरे लिये लिये और हा बच्चे कितने भी बरे कियु ना हो जाये मा के लिये बच्चे ही रेहते है
अभय आसा को गले लगा के इमोसनल होते हुवे - मा मे भी आपका वही नटखट मस्ती करने वाला बच्चा ही बन कर रेहना चाहता हु अगर मे चाहू भी तो आप से मस्ती मजाक किये बगैर मे रेह नही सकता
आसा मुस्कुराते हुवे अभय को देख - हा जानती हु मेरे बच्चे मे भी नही रेह सकती एसी लिये तो तेरा इंतज़ार सोने से पेहले करती हु ताकि तेरे साथ थोरि मस्ती करो उसके बाद ही मुझे चैन की नींद आती है
आसा अपनी सारी हटा लेती है तो आसा कि कयामत कमर और गहरी ढोरी अभय के सामने आ जाती है
आसा अभय को देख - ले बेटा तेरे किस्सी वाली जगह कर ले किस

अभय नीचे बैठ अपनी मा की ढोरी देखता है गौर से फिर अभय को पेहले वाला सब सीन याद आने लगता है जब वो रोज सोने से पेहले मा के ढोरी को किस करता था और आसा खिलखिलाते हुवे हस्ती थी अभय अपने आसु रोक नही पाता और अभय रो परता है

अभय जल्दी से अपनी मा के ढोरी पे हल्का सा किस कर खरा हो जाता है आसा अभय को देखती है तो अभय की आखो मे आसा को आसु दिखाई देते है
आसा अभय को गले लगाते हुवे - किया हुवा मेरे बच्चे तुम रो कियु रहे हो
अभय आसा को बाहों मे कसते हुवे - बस पुराने पल याद आ गये अगर अभी कैद मे होता तो ये सब बहोत मिस कर रहा होता
आसा अभय के चेहरे को पकर् आसु साफ करते हुवे - वो 4 साल हमारे लिये बहोत बुरे रहे है लेकिन अब तुम हमारे पास हो हम तुमहारे पास है भूल जाओ वो मनहुस दिन
अभय आसा को देख - देखो ना मा मेने खुद कहा था पुरे पल याद नही करुगा आप लोगो के सामने कमजोर नही परुगा लेकिन
आसा - कोई बात नही मेरे लाल ये मेरी ढोरी देखने की वजह से हुवा है
आसा ने ये बात बदलने के लिये कहा
अभय आसा को देख हस्ते हुवे - आपने सही कहा मेरी सेक्सी मा
आसा हस्ते हुवे - मा मे सेक्सी तो हु मेरे लाल के लिये
अभय आसा को देख - लेकिन आज के बाद से मे आपके ढोरी पे किस नही करुगा
आसा हैरानी से - कियु
अभय मुस्कुराते हुवे - मेरी बीवी को करुगा
आसा मुह फुलाते हुवे रूठने का नाटक करते हुवे अभय ने जैसा किया था जाके बिस्तर पे दूसरी तरफ चेहरा कर लेत जाती है
आसा - किसी ने सही कहा है बीवी के आते ही बेटा मा को भूल जाता है और मा के प्यार से जायदा बीवी का प्यार अच्छा लगता है
अभय बिस्तर पे जाके आसा को तो अपनी तरफ घुमा लेता है अभय आसा के चेहरे को देखता है आसा बहोत ही फनी चेहरा बनाये हुवे थी
अभय आसा को देख हस्ते हुवे - मा आप बहोत कियुत् लग रही है
आसा रूठे आवाज मे - कही कियुत् कभी सेक्सी कभी हॉट बता नही किया क्या केहता रेहता है
अभय प्यार से आसा के चेहरे को सेहलाते हुवे - कियुंकी मेरी का के ऐसी है सब से खूबसूरत इस लिये केहता हु
आसा अभय की आखो मे देख - सच्ची
अभय हस्ते हुवे - रोज तो केहता हु सच्ची फिर भी बिस्वास नही होता आपको
आसा मुस्कुराते हुवे - कियुंकी मुझे तेरे मुह से बार बार सुनना अच्छा लगता है
अभय - कियुंकी आप है इतनी खूबसूरत हॉट कियुत् की मेरे मुह से निकल ही जाता है आपको देख कर
आसा मुस्कुराते हुवे - मेरा लाल भी बहोत हैंड्सम् है
अभय - मा एक किस्सी दो ना
आसा हस्ते हुवे - मेने मना कब किया है
अभय मुस्कुराते हुवे आसा के ऊपर आ जाता है आसा नीचे अभय आसा को देख - कर लू किस्सी
आसा हस्ते हुवे - कर ले बाबा

अभय आसा के प्यारे नरम गर्म गुलाबी होठों पे अपना होठ रख किस कर लेता है और आसा को देख - बहोत मोठा है
आसा हस्ते हुवे - बदमास्
अभय आसा के ऊपर से खरा होते हुवे - मा अब मे जाता हु सोने पता है ना गुरिया को भी गूड नाइट नही बोलुगा तक तक सोयेगी नही और मेरा इंतज़ार करती रेहगी
आसा हस्ते हुवे - हा जानती हु जा जाके गूड नाइट बोल से
अभय मुस्कुराते हुवे - पेहले अपनी हॉट मा को बोलुगा गूड नाइट मा
आसा मुस्कुराते हुवे - गूड नाइट मेरे हैंड्सम् बेटे
अभय फिर कमरे से बाहर आके दिशा के कमरे की तरफ जाता है
अभय के जाने के बाद दिशा इमोसनल होते हुवे करवट बदल कर
आसा - आप चले गये हमे छोर कर मेने सेह लिया फिर किस्मत ने मेरे लाल को मुझसे दूर कर दिया एसी बीच मेरा बरा लाल विनय हमे छोर हमेसा के लिये चला गया आज अगर मेरा अभय बच्चा वापस नही आता तो सायद मे जी नहीं पाती किया होता बेटी बच्ची का सायद उपर वाले को हम पे तरस आ गया इस लिये मेरे अभय लाल को मेरे पास भेज दिया अगर आप विनय हमारे साथ होते तो खुसिया डबल होती
आसा अपने आसु साफ करते हुवे - किस्मत मे सायद जो होना होता है होके ही रेहता लेकिन अब मुझे जीना है अपने लाल मेरी बच्ची बहु और आने वाले पोता पोती के लिये इस लिये अब खुश रहूगी मेरा लाल मुझे रोते देखेगा तो उसे अच्छा नही लगेगा
आसा ये केहते हुवे आखे बंद कर लेती है
अभय दिशा के कमरे के पास जाके धीरे से - भाभी दरवाजा खोलो ना
दिशा दरवाजे के पास आके धीरे से - नही खोलूगि मुझे पता है आप कियु आये है
अभय - पता है तो खोल कियु नही रही है आप
दिशा थोरा शर्मा के- कियुंकी अभी भी वहा की हालत सही नही है दूसरी मम्मी जी ने भी दूर रेहने को कहा है याद है ना
अभय - हद है यार अच्छा ठीक है वादा करता हु कुछ नही करुगा बस थोरि बात करने के बाद चला जाउंगा
दिशा - सच केह रहे है
अभय - हा बाबा अब खोलो भी
दिशा दरवाजा खोल देती है लेकिन अभय दिशा को देखता ही रेह जाता है अभय - ऐसा सीन देखा के आप मुझे कुछ ना करने के लिये केहती है भला कोई कैसे खुद को रोकेगा
दिशा दरवाजे को पकरे दरवाजे पे बरी सेक्सी अंदाज़ मे कमर पे हाथ रखे सेक्सी पोस् मे नासिलि अदा के साथ अभय को देख - ऐसे किया देख रहे है देवर जी

अभय दिशा के पतली कमर ढोरी को देख - आपके होस्न का दिलदार कर रहा हु भाभी
अभय की बात सुन दिशा सर्म से लाल हो जाती है
दिशा - लेकिन आपको कुछ मिलने वाला नही है तो कियु आये है
अभय - मुझे किया पता था आज मुझे बेड वाला खेल खेलने को नही मिलेगा
दिशा अभय की बात सुन और सर्म से लाल हो जाती है
दिशा - तो जाइये जाके सो जाइये
अभय दिशा को देख - लेकिन थोरा बहोत प्यार को कर के जाउंगा
दिशा कुछ समझ पाती अभय दिशा को गोदी मे उठा के बिस्तर पे लेजाकर लेता लेता है और दिशा के ऊपर आ जाता है
दिशा अभय को देख शर्मा के - आपने वादा किया था
अभय - पता है लेकिन उसके अलावा
तभी आसा बाहर से चिल्लाते हुवे - मना किया था ना फिर भी तुम दोनो नही माने अब तो डंडे परेगे जल्दी बाहर निकल लाला
मा की आवाज सुन दिशा अभय की फट के हाथ मे आ जाती है दोनो के पसीने निकलने लगते है
दिशा अभय पे गुस्सा करते हुवे - देख लिया था मुझे अंदाज़ा था मम्मी जी हम पे नजर रखेगी आपकी वजह से मुझे भी डंडे खाने परेगे
अभय डरते हुवे - मुझे लगा नही था सच्ची मा हमपे नजर रखेगी
आसा गुस्से से - लाला आता है या मे अंदर आउ
अभय तेजी से बाहर आके नजरे नीचे किये - मा
आसा - लाला मना किया था ना
अभय - मा मे तो बस बाते कर रहा था जैसा रोज करता हु
आसा अभय को देख - अच्छा ठीक है जा अदिति इंतज़ार कर रही है
अभय तेजी से अदिति के कमरे मे आ जाता है
आसा दिशा को देखती है जो दरवाज़े पे डरी हुई खरी थी
आसा मुस्कुराते हुवे - शादी तक कुछ नही होना चाहिये शादी के बाद तो मे खुद कहूगी मुझे जल्दी पोता पोती देदो
आसा ये केह मुस्कुराते हुवे कमरे मे आके बिस्तर पे लेत कर - बरा आया जरूर वो सब करने गया था
वही दिशा आसा के मुह से पोता पोती देने की बात सुन शर्मा के बिस्तर पे जाके लेत जाती है
अभय अंदर जाता है तो दिशा बिस्तर पे लेती हुई अभय को देख हस्ते हुवे - कियु दात परी ना मा की
अभय दिशा को देख - तुझे कैसे पता चला
अदिति हस्ते हुवे - कियुंकी मा पेहले मेरे कमरे मे आई आप यहा नही थे तो मा समझ गई
अभय बिस्तर पे जाके दिशा को बाहों मे भर लेता है दिशा अभय के सीने पे सर रख अभय से चिपक जाती है

अभय - मेरी गुरिया मुझे बाहों मे लेके मुझे सुकून मिलता है
अदिति अभय को देख - मुझे भी भाई दिल करता है आपके बाहों मे रहु
थोरि देर दोनो भाई बेहन के बीच प्यारी बाते होती है उसके भाई अभय अदिति से - अच्छा तो अब मे जाता हु सोने तुम भी सो जाओ
अभय की बात ससुन अदिति अभय को जोर से पकर् लेती है
अदिति प्यारा चेहरा बना के - भाई मुझे आपके साथ ही सोना है प्लेस
अभय हस्ते हुवे - एक किस्सी दो तो रुक जाउंगा
अदिति खुश होते हुवे अभय के गाल के दोनों तरफ किस करते हुवे अब रुकेंगे ना

अभय अदिति को बाहों मे कसते हुवे मुस्कुरा के हा
दोनो भाई बेहन एक दूसरे मे समाये सो जाते है
आज के लिये इतना ही



