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Incest तू लौट के आजा मेरे लाल

kgfchapter3

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chapter 16

एक बंगलो मे कोई बेसबरी से किसी का इंतज़ार करने मे लगा हुवा था

बंदा इधर उधर टहलते हुवे बेचैनी से मन मे - किया हो आयेगी या नही

बंदा सोचो मे गुम था तभी उसे डोर बेल सुनाई परती है तो बंदे के चेहरे पे खुशी छा जाती है बन्दा जल्दी से जाके दरवाजा खोलता है सामने एक लरकी को देख खुश हो जाता है जिसका उसे इंतज़ार था वो आ चुकी थी

बंदा - तुम आ गई मुझे लगा तुम नही आओगी
लरकी - बहोत सोचा उसके बाद मुझे लगा उसमे मेरा बहोत फायदा है तो मे आ गई
बंदा मुस्कुराते हुवे - जरूर होगा जैसा मेने वादा किया था वो सब तुम्हे मिलेगा तुम्हारी लाइफ बदल दुगा मे चलो अंदर बैठ कर बाते करते है

दोनो अंदर एक कमरे मे जाके बिस्तर पे बैठ जाते है

लरकी- किया सोचा है आगे किया करने वालो हो और कैसे
बंदा शैतानी मुस्कान मुस्कुराते हुवे - पुरा प्लान रेडी है लेकिन तुम्हारे बिना मे कुछ कर नही पाऊगा इसी लिये तो मेने तुमसे मदद मांगी है
लरकी मुस्कुराते हुवे - मसझ गई मे जरूर मदद करुगी
बंदा - मुझे खुशी हुई जान कर
लरकी - लेकिन अभी हम कुछ कर नही सकते कियुंकी वो अभी घर से बाहर नही निकलती है
बंदा- पता है साली कमीनी का भाई आया है तो उससे चिपकी रेहती है लेकिन कोई बात नही कब तक उसके बाद उसके साथ जा करुगा उसकी रूह काप् जायेगी
लरकी - जो करना है कर लेना पर अभी इंतज़ार करना होगा
बंदा लरकी जांघों पे हाथ रखते हुवे - किया हम कुछ कर सकते है
लरकी बंदे के हाथ को हटाते हुवे - नही मुझे ये सब नही करना मे यहा सिर्फ दिल दन करने आई थी अपनी ये गंदी हरकत बंद करो नही तो
बन्दा घबराते जल्दी से - नही नही मे अब कुछ उल्टा सीधा नही करुगा

लरकी - ठीक है फिर बाते हो गई अब मुझे जाना चाहिये
बंदा जल्दी से - एक मिनट रूको ना
लरकी बंदे को देख - अब किया है
बंदा मन मे - साली ये भी किसी से कम नही है थोरा मजे मिल जाये तो मजा आ जाये एक आखरी कोसिस करता हु नही मानी तो पेहले काम निकलवा लुगा फिर उसकी भी मारुंगा

बंदा बिस्तर के नीचे से 2 लाख कैस निकाल कर लरकी के सामने रख लेता है

लरकी पैसों को देखती है फिर बंदे को अजीब नजरो से देख - उसका मतलब मे किया समझू
बंदा थोरा डरा घबराया - ये पुरे 2 लाख है मे बस तुमसे एक और दिल करना चाहता हु बुरा मत मानना गुस्सा भी मत करना
लरकी बंदे को अजीब नजरो से घूर के देख - बोलो
बंदा - ये पैसे तुम्हारे हो जायेंगे उसके बदले ज्यादा नही बस मुझे तुम्हारे चुचे देखने है दबाने है पीने है और तुम मेरे लंड को चूस कर पानी गिरा देना है इतना ही

बंदे की बात सुन लरकी गुस्से से खरी होते हुवे - तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई इस तरह कि बात करने की
बंदा जल्दी से 2 लाख और निकाल लरकी के सामने कर देता है
बंदा लरकी को देख -प्लेस दया कर दो इस बंदे पे
लरकी बंदे को देखती है फिर सामने परे 4 लाख रुपये को फिर लरकी कुछ देर सोचती है उसके बाद
लरकी बंदे से - ठीक है लेकिन आगे कुछ करने कि कोसिस की तो
बंदा जल्दी से - कसम से नही करुगा
लरकी एक और बात - मे मुह मे नही लूगि दूसरी दबा सकते हो मुह मे नही ले सकते लेकिन हाथ से हिला कर पानी गिरा दुगी
बंदा जो मिल रहा है ले लेता हु अभी - ठीक है चलेगा

बंदा मन मे खुश होते हुवे - पैसा सब को बदल देता है जैसे तुम बदल गई और आज ये सब करने के लिये दोस्त को धोका देने के लिये राजी हो गई मुझे लगा नही था तुम जैसी लरकी मेरा साथ देने के लिये मान जायेगी लेकिन तुम मानी भी और पैसों के लिये मजे देने के लिये भी तैयार हो गई पैसा है तो भाई सब मुमकिन है और मेरे पास पैसों की कोई कमी नही है

लरकी बंदे को देख - जो करना है जल्दी करो
बंदा लार चुवाते हुवे - ठीक है

लरकी शर्मा रही थी लेकिन दिखाती नही और अपने बरे दोनो चुचे बाहर निकाल देती है जिसे देख बंदे का लंड खरा हो जाता हो लरकी के चुचे बरे टाइट गोल मटोल थे निपल काले देखने मे मस्त लग रहा था


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बंदा मन मे - साली को जब भी देखता था तो उसके बरे उभार साफ दिखाई देते थे अब जब उसके बरे चुचे नंगे देख रहा हुई तो जैसा सोचा था बरे टाइट गोल मटोल है अभी जितना मजा मिल रहा है ले लेता हुई बाद मे पुरा मजा लूंगा

लरकी बंदे को देख - जल्दी करो मुझे घर भी जाना है
बंदा - हा हा ठीक है
लरकी को सर्म आ रही थी थोरा अजीब लग रहा था दिमाग मे कई सवाल दोर रहे थे किया वो जो कर रही हो सही है किया उसे ये सब करना चाहिये य अभी सब खतम कर पीछे हठ जाना चाहिये लरकी आखे बंद कर सोच ही रही थी कि तभी लरकी को अपने चुचे पे बंदे का हाथ मेहसूस होता है जिसे फिल कर लरकी के पूरे सरीर मे सिहर सी डोर जाती है


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बंदा लरकी के चुचे को दबाता है लरकी अपने दतों से होठो को दबाये अपनी सिसकिया को रोकने की कोसिस कर रही थी बंदा चुचे का दबाते हुवे - बहोत मुलायम है मजा आ रहा है दबाने में

तभी लरकी जल्दी से बंदे के हाथ का हटा कर अपने चुचे अंदर कर लेती है ये देख बंदा हैरानी से लरकी को देखता है
लरकी बंदे को देख - ऐसे हैरानी से मत देखो जो बात हुई थी उतना मेने किया
बंदा मन मे - साली कमीनी कुत्ती बाद मे तुझे देख लूंगा
बंदा हस्ते हुवे - हा सही कहा जितना मेने कहा तुमने किया

बंदा अपना लंड निकाल चलो अब मेरा लंड हिला के पानी गिरा दो
लरकी बंदे के लंड को देखती है फिर आगे जाके बंदे के लंड को हाथ मे पकर हिलाने लगती है बंदा पुरा फिल लेके आह करने लगता है


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लरकी तेज तेज हिलाने लगती है बंदा - आह करते रहो बहोत मुलायम हाथ है तुम्हारे लंड भी अच्छे से हिला रही हो आह मजा आ रहा है 2 लरका मेरा आने वाला हो तेज तेज चलाओ हाथ लरकी तेज तेज हिलाने लगती है फिर लरका जोर कि पिचकारी मार पानी छोर देता है

लरकी अपने पैसे लेते हुवे - ठीक मे जा रही हु
बंदा अपना लंड अंदर करते हुवे - ठीक है जाओ

लरकी बैग मे पैसे लिये चली जाती है बंदा बिस्तर पे लेत जाता है

बंदा हस्ते हुवे - कुत्ते पे भरोसा कर लो लेकिन किसी इंसान पे नही साले कम बदल जाये कहा नही जा सकता इसी लिये में किसी पे पुरा भरोसा नही करता रही मेरी जान तेरी तो तुझे तो मे दिन रात पेलूगा


( मधु के घर )

मधु बिस्तर पे लेती हुई अभय के बारे मे सोचते हुवे - भाई अभी घर आ गये होगे भाभी को लेकर किया मे फोन कर लू

तभी मधु को कल सुबह वाला कांड याद आता है तो मधु सर्म से लाल हो जाती है
मधु - कल जो हुवा उसमे मेरी ही गलती थी मुझे सोचना चाहिये था अब मेरे भाई है जो आते रहेगे लेकिन मे ये भूल गई थी इस लिये हमेसा ही तरह आँगन मे कपड़े बदल रही थी और फिर

मधु शर्मा के बिस्तर पे तकिये से मुह छुपाते हुवे - भाई किया सोच रहे होगे मेरे बारे मे (तभी मधु मुह फुलाते हुवे ) लेकिन भाई तो मेरा मजाक उराते है मुझे छेरते है


( अभय के घर )

अभय दिशा बेचारे कान पकरे आसा के सामने घुटनों के बल बैठे हुवे थे वही अदिति का पता चलता है उसकी मा रात का कांड के केहने का किया मतलब था जिसे जान अदिति हैरानी से चिल्ला परती है

अदिति मुह पे हाथ रखे अभय दिशा को देख मन मे - ये मे क्या सुन देख रही हुई भइया भाई दोनो के बीच टपाटप चल रहा है लेकिन ये कैसे हो सकता है यार भाई के आये कुछ दिन ही तो हुवे थे लरके का तो लरकी पटाने मे कई महीने साल लग जाते है उसके बाद कुछ कहा नही जा सकता लेकिन मेरा भाई भाभी दोनो तो बुलेट ट्रेन से भी फास्ट निकले ये किया देखना सुनना पर रहा है अच्छा होता मे बहरी अंधी होती बाबा रे बाबा मेरा भाई तो खिलाडी निकला

सुमन अदिति को देख - किस सोच मे खो गई तुम
अदिति होस मे आते हुवे सुमन को देख - मा मे सोच रही थी ( अदिति अभय दिशा को देख ) भइया भाभी ने जो किया उसकी सजा तो उसको मिलनी ही चाहिये

अदिति कि बात सुन अभय हैरानी से अदिति को देखता है अदिति अभय को देख मुस्कुरा देती है

अभय अदिति को घूर के देख - वाह यही देखना सुनना बाकी था मेरी गुरिया मुझे बचाने के बजाये मुझे सजा दिलवाने मे लगी है मे तो टूट गया भाई बिखर गया मेरी गुरिया ने मेरे साथ गद्दारी कर दी
अदिति सुमन से - मा देखो ना भाई मुझे गुस्से से घूर रहे है
अभय डर के काप् जाता है
आसा अभय को देख गुस्से से - मेरी बच्ची का घूरना बंद करो और हा अदिति ने सही कहा है सजा तो तुम दोनो को मिल कर रहेगी

अभय दिशा आसा कि बात सुन और डर जाते है
दिशा मन में - गई काम से आज मे रात भर देवर जी ने मुझे बजाया अभी मम्मी जी बजाने वाली है दोनो मे फर्क है लेकिन लगेगे मेरे ही ना

आसा अभय दिशा को देख - तुम दोनो नजरे उपर करो मेरी तरफ देखो
अभय दिशा डरते हुवे आसा को देखते है आसा दिशा को देख

आसा - बहु कल तुम्हारे पापा मा बेहन सब आने वाले है
दिशा ये सुन घबराते हुवे - लेकिन कियु मम्मी जी
आसा दोनो को देख मुस्कुराते हुवे - तुम दोनो ने जो किया उसके बाद कल पंडित जी को बुलवा कर तुम दोनो की शादी का दिन निकलवाना है इस लिये समझ गये तुम दोनो

अभय दिशा पूरी तरह हैरान आसा को देखते है फिर एक दूसरे को
आसा अभय दिशा को घूर के देख - किया तुम दोनो कुछ के केहना चाहते हो
अभय - मा लेकिन
आसा बीच मे रोकते हुवे गहरी सास छोर के अभय को देख - बेटा तुम दोनो ने जो क्या उससे मे तुम दोनो पे गुस्सा नही हुई ना कोई तुम दोनो पे गुस्सा है बल्कि हम खुश है

आसा की बात दिशा अभय के दिमाग के ऊपर से चली जाती है और दोनो कंफ्यूज से आसा को देखते है

आसा दोनो को देख - लगता है समझ नही आया तुम दोनो को चलो अच्छे से समझा देती हु ( आसा इमोसनल होते हुवे ) विनय बेटे के जाने के बाद मे पूरी तरह टूट गई थी मे जैसे तैसे जि रही थी लेकिन ( दिशा को देख ) बहु को दूसरी शादी करने के लिये कई बार कहा पर मानी नही बहु को अकेला देख मुझे और दुख होता था मेरे दिल मे कई बार आया काश तुम लौट आओ तो तेरी शादी दिशा बहु से करवा दुगी तो बहु का घर भी बस जायेगा और बहु इस घर मे ही रहेगी जो मेने सोचा तुम आ गये लेकिन तुम्हे भाभी चाहिये था मस्ती मजाक करना था जो तुम सुरु से चाहते थे इस लिये मेने सोचा कुछ महीने रुक जाती हुई ताकि तुम देवर भाभी वाले रिश्ते को जीलो बाद मे तुम दोनो की शादी करवा दुगी लेकिन ( आसा दोनो को देख मुस्कुराते हुवे) तुम दोनो तो बहोत तेज निकले तो मेरा काम भी आसान हो गया

आसा की बात सुन दिशा अभय फिर हैरान हो जाते है वही अदिति ये सब देख सुन मन मे - वाह इसका मतलब भइया भाभी की फील्डिंग तो मा ले पेहले ही सेट कर रखी थी अब दोनो तो गये काम से ( अदिति दोनो को देख हसने लगती है)


आसा अभय को देख - बेटा मे तुम पे जोर नही दुगी तुम्हारी अपनी लाइफ है बोलो किया तुम दिशा बहु से शादी करोगे तुम चाहो तो ना भी कर सकते हो मे तुम्हे फोर्स नही करुगी

अभय सोचने लगता है तो दिशा अभय को देखने लगती है

अभय अपनी मा को देख - मा भाभी जैसी बीवी हर किसी को नही मिलती भाई के जाने के बाद भाभी चाहती तो जा सकती थी किसी और से शादी कर अपनी जिंदगी बसा सकती थी लेकिन उन्होंने ऐसा नही किया कियुंकी भाभी भाई के साथ आप को गुरिया इस घर को ही सब कुछ मान लिया था आज की समय मे ऐसी सोच रखने वाली बीवी मिलना बहोत मुश्किल है( अभय दिशा कि आखो मे देख )


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आप नही भी केहती तो मे खुद मे भाभी को ही अपना जीवन साथ अपनी बीवी चुनता ( अभय दिशा के हाथ पकर दिशा की आखो मे देख प्यार से ) भाभी किया आप इस पगलेट देवर से शादी करेगी किया आप मेरी लाइफ पातनर् बनेगी

अभय की बात सुन दिशा खुशी के आसु लिये अभय को देख - हा मे बनुगी आपकी बीवी मे हर कदम पे आपके साथ रहूगी आपका हर मुश्किल मे साथ दुगी और आपकी बीवी होने का हर फर्ज़ अदा करुगी


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अभय दिशा को गले लगा के - मे भी आपको हर खुशी दूंगा आपका हर एक तरह से ख्याल रखुंगा आपके पति होने का फर्ज़ अदा करुगा

आसा अदिति इतने प्यारे मोमेंट को देख दोनो के आखो मे खुशी के आसु आ जाते है 2 मिनट बाद

आसा अभय दिशा को देख - बेसर्मो कब तक तुम दोनो को ऐसे ही गले लगे रेहना है यहा हम भी है

आसा की बात सुन अभय दिशा होस मे आते ही और सर्म से नजरे नीचे कर लेते है ये देख आसा अदिति को हसी आ जाती है

आसा अभय दिशा के पास जाके दोनो के कान पकर देती तो दोनो दर्द से आह करने लगते है आसा दोनो के कान पकरे दोनो को देख
आसा - एक बात तुम दोनो कान खोल के सुन लो जब तक शादी नही हो जाती तब तक तुम दोनो कुछ करने की कोसिस कि तो टांग तोर दुगी समझ गये दोनो

अभय दिशा दर्द मे - जी जी समझ गये

आसा दोनो के कान छोर - ठीक है तुम दोनो जा सकते हो

आसा के ये केहते ही दिशा सर्म से लाल भागते हुवे अपने कमरे में चली जाती है वही अभय भी भाग कर अपने कमरे मे चला जाता है

आसा अदिति दोनो एक दूसरे को देखते है और जोर जोर से हसने लगते है

दिशा दरवाजा बंद कर बिस्तर पे तकिये मे मुह छुपा के शर्म से लाल हुवे जा रही थी अभी जो हुवा उसे सोच कर

दिशा मन मे - आज तो मम्मी जी के सामने ऐसा लग रहा था सर्म से डूब जाउंगी ये सब उनकी वजह से हवा है

तभी दिशा को अभय की कही बात याद आती है ( मा अगर आप नही केहती तो भी मे अपनी बीवी के रूप मे भाभी को ही चुनता ) ये याद कर दिशा

दिशा मन मे - इसका मतलब देवर जी को मे पसंद थी पेहले से ही सच कहु तो मुझे भी आप पसंद आ गये थे इस कुछ दिनों मे ही मे आपकी तरफ खिचती चली गई आपकी हरकते आपकी मस्तिया आपका साफ दिल सभी के लिये प्यार देख कर कोन बेवकूफ लरकी होगी जो आप जैसे लरके को पति के रूप मे पाना नही चाहेगी

वही अभय भी रात से लेकर अभी तक जो हुवा उसके बारे मे बिस्तर पे परा सोचे जा रहा था

अभय मन मे - पेहली बार आपको देखा था तभी आप मुझे पसंद आ गई थी लेकिन उस समय मुझे ये एहसास नही हुवा ना मेने जायदा कुछ सोचा लेकिन अब एहसास हुवा आप जैसी बीवी पाके मेरी मे बहोत खुश हु

दिशा अभय दोनो सोचते सोचते सो जाते है कियुंकी पिछली रात नींद पूरी नही हुई थी दोपहर हो चुकी थी तो आसा अदिति भी सो जाते है


( साम 3 बजे)

सभी सोके उठ चुके थे अभय सोया हुवा था तो अदिति अभय के कमरे मे जाके अभय के ऊपर ही लेटते हुवे

अदिति - भाई साम के 3 बज गये है उठ जाइये
अदिति की बात सुन अभय अदिति को पकर अदिति के ऊपर आ जाता है और अदिति को देख - मेरी गुरिया तुम तो अपने भाई को सजा दिलवाने वाले थी ना


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अदिति डरते हुवे - भाई वो तो मेने ऐसे ही केह दिया था मे भला आपको कियु सजा दिलवाउगी
अभय अदिति को देख मुस्कुराते हुवे - अच्छा झूठी आज तुझे सजा मिलेगी


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अभय अदिति को गुदगुदी करने लगता है तो अदिति जोर जोर से हसने लगती है झटपटाने लगती है अभय को दूर करने की कोसिस करने लगती और हस्ते हुवे - भाई भाई प्लेस ऐसा मत करो मे फिर कभी ऐसा नही करुगी

अभय भी अदिति को छोर देता है अदिति जोर जोर से सासे लेते हुवे अभय को देख - आप बहोत बुरे है भइया


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अभय अदिति को बाहों मे लेके - मेरी प्यारी गुरिया
अदिति भी अभय की बाहों मे समा के - मेरा प्यारा भाई

थोरि देर बाद दोनो भाई बेहन बाहर आते है तो आसा आँगन मे खाट पे ही बैठी हुई थी .

आसा अदिति को देख - वाह कितनी जल्दी आ गई भाई को जगा के ( आसा अभय को देख) और तुम लाडले साहब और थोरा सो लेते

अभय मुस्कुराते हुवे आसा के को पीछे से बाहों मे भरते हुवे
अभय - मेरी प्यारी मा उठ तो गया ना अच्छा मे जाके मधु से मिल कर आता हु

आसा अभय को देख - ठीक है जा सकता है लेकिन मधु के साथ उसकी मा पापा को कल आने के लिये बोल देना समझ गये

अभय आसा के गाल मे किस करते हुवे - समझ गया मेरी प्यारी मा
आसा अभय को देख मुस्कुराने लगती है

दिशा दरवाजे पे खरी थी अभय दिशा को देखता है तो दिशा सर्म से नजरे झुका देती है

अदिति दोनो के नैन मिलन देख मुस्कुरा लेती है

अभय फरेस् होने के बाद बाइक लेके मधु के घर पहुँच जाता है

अभय अंदर जाता है तो मधु अभय को देख बहोत खुश हो जाती है और जल्दी से भइया केहते हुवे अभय के गले लग जाती है


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अभय भी मधु को बाहों मे लेके किस करते हुवे - मेरी प्यारी गुरिया किया कर रही थी
मधु - आप का इंतज़ार भइया
दोनो अलग होते है अभय मधु को देख मुस्कुराते हुवे - साम को नही नहाती किया

अभय की बात सुन मधु सर्म से लाल होते हुवे अभय के सीने पे प्यार से मुक्का मारते हुवे - भाई आप बहोत गंदे है

अभय हस्ते हुवे - अच्छा ये बताओ ऑन्टी कहा है
मधु अभय को देख - मा परोसी के यहा है आप कहे तो बुला लाउ

तभी सिला अंदर आते हुवे मुस्कुरा के - किया बात है बेटा अपनी ऑन्टी को कियु ढूंढ रहे हो

सिला की आवाज सुन अभय मधु पीछे सिला को देखते है अभय आगे जाके सिला को बाहों मे भर लेता है सिला थोरा शर्मा जाती है

अभय - किया करू आप इतनी खूबसूरत है आपको देखे बगैर रेह नही पाया तो चला आया आपको देखने के लिये
सिला शर्मा के अभय के सर मे धीरे से मारते हुवे - ऑन्टी से मस्ती बहोत मार परेगी
अभय हस्ते हुवे सिला को छोर - तब तो संभल के मस्ती करनी पड़ेगी
अभय की बात सुन सिला हसने लगती है

सिला - चलो बेटा बैठ के बाते करते है

आँगन मे खाट थी तीनों बैठ जाते है

सिला अभय को देख - बताओ बेटा कुछ केहना था
अभय सिला को देख - आया तो था गुरिया को से मिलने लेकिन मा ने आपको कुछ केहने को कहा है

सिला हैरान होते हुवे - दीदी ने किया केहने को कहा है
अभय थोरा शर्मा के - वो कल ना मेरी और भाभी की शादी का दिन तय होने वाला है इस लिये
मधु जैसे ही ये सुनती है मधु चिलाते हुवे - किया आपकी शादी भाभी के साथ होने वाली है और कल दिन भी तय होने वाला है
अभय मधु को देख - हा बाबा इस लिये तुम सब को आना है
मधु खुश होते हुवे - ये तो बढ़िया है मे अब ऑन्टी अदिति दीदी भाभी से मिल पाउंगी
अभय मुस्कुराते हुवे - हा
सिला अभय को देख मुस्कुराते हुवे - अच्छा तो ये बात है तब तो आना ही परेगा हम जरूर आयेगे लेकिन आना कब है
अभय - पता नही लेकिन मे कल मधु को फोन कर बता दुगा फिर खुद आके आप सब को ले जाउंगा या किसी को भेज दुगा आप सब रेडी रेहना

सिला मुस्कुराते हुवे - ठीक है बेटा जैसा तुम कहो हम रेडी रहेगे
अभय खरा होते हुवे - तो ठीक है ऑन्टी मे चलता हु
मधु अभय का हाथ पकर के - नही आप आज यहा से खाना खाके जाओगे मेरे हाथो का

सिला ये देख मुस्कुराते हुवे - अब तो बेटा तुम्हे रुकना ही परेगा मधु बहोत जिद्दी है मानेगी नही
अभय मधु को देखता है तो मधु प्यारा सा कीयूट् सा चेहरा बना के अभय को देखती फिर किया अभय पिघल जाता है

अभय मुस्कुराते हुवे - ठीक है
मधु खुशी से अभय को गले लग जाती है - थैंक्स भाई
सिला मधु को इतना खुश देख सिला को बहोत अच्छा फिल होता है

अभय सिला को देख अभी टाइम है तो कियु ना हम बाजार भुम कर आये
मधु खुश होते हुवे - मुझे भी जाना है आपके साथ
अभय मुस्कुराते हुवे - हा बाबा तुम भी चलना
सिला अभय को देख - बेटा मे कहा घूमने

सिला ने इतना कहा ही था की अभय सिला को पकर गोदी मे उठा लेता है जिसे देख सिला हैरान और थोरा डर के साथ शर्मा भी जाती है अभय सिला को कमरे मे लेजा कर नीचे उतार देता है

अभय - जल्दी से तैयार हो जाइये मे बाहर खरा हु

अभय फिर कमरे से बाहर आ जाता है
मधु अभय को देख हस्ते हुवे - एकदम सही किया भाई आपने
अभय मुस्कुरा देता है

अंदर सिला हैरान खरी थी सिला फिर मुस्कुराते हुवे - ये लरका भी मधु की तरह जिद्दी है

सिला फिर कपड़े चेंज कर बाहर आती है अभय सिला को देखता है तो देखता ही रेह जाता है सिला नई सारी मे बवाल लग रही थी


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अभय सिला को उपर से नीचे तक देखते हुवे - ऑन्टी आप इस नई सारी मे बहोत ही खूबसूरत हॉट लग रही है कसम से

सिला चलते हुई कमर हिला के अभय के पास आके अभय के गाल पे प्यार से मारते हुवे - ऑन्टी को हॉट केहता है बदमास

अभय मुस्कुराते हुवे मधु को देख - गुरिया किया मेने गलत कहा
मधु मुस्कुराते हुवे सिला को देख - मा भाई ने सच ही कहा है आप सच मे बहोत खूबसूरत हॉट लग रही है

अभय मधु की बात सुन इस बार सिला सर्म से लाल हो जाती है

अभय ठीक है चलो चलते है

अभय बाइक चालू करता है मधु दोनो तरफ पैर रख अभय से चिपक कर अभय को पकर बैठ जाती है फिर सिला एक तरफ पैर कर बैठ जाती है

अभय -ऑन्टी आप मधु को पकर लेना ठीक है
सिला - ठीक है बेटा

अभय - तो चले ऑन्टी
सिला मुस्कुराते हुवे - हाचलो

अभय बाइक दोरा देता है 20 मिनट मे बाजार पहुँच जाता है अभय एक जगह बाइक लगा के सिला अभय के साथ बाजार मे घुमता ही बहोत सारी बाते करता है सिला को भी बहोत अच्छा लग रहा था इस तरफ घूमते हुवे अभय फिर सिला मधु को पानी पूरी खिलाने लेकर जाता है

अभय सिला को अपने हाथ से पानी पूरी खिलाते हुवे - ये लीजिये मेरी प्यारी ऑन्टी आ करिये
सिला को लोगो के बीच बहोत सर्म आ रही थी लेकिन सिला सर्म छोर अभय के हाथो से पानी पूरी खा लेती है
मधु मुह फुलाते हुवे - भाई आपने मुझे पेहले नही खिलाया आपने मा को खिलाया
सिला हस्ते हुवे - अभय बेटा रूठ गई खिला तुम्हारी गुरिया
अभय मुस्कुराते हुवे - मना लूंगा फिर ये तो खा लो

मधु आ करती है अभय पानी पूरी खिला देता है मधु खुश होते हुवे खाने लगती है

अभय - अब खुश मधु हा लेकिन मे भी खिलाऊँगी
अभय - ठीक है खिला दो
मधु अभय को खिलाती है तो सिला भी अभय को खिला देती है अपने हाथो से

पानी पूरी खाने के बाद घूमने के बाद अभय सभी को ले लेकर घर आ जाता है साम हो चुकी थी अभय आसा को बता दिया था थोरा लेट आयेगा

मधु खाना बनाने मे लगी हुई थी सिला अभय खाट पे बैठे थे बाते चल रही थी

अभय - ऑन्टी आपके साथ घूम कर मजा आया अब तो आपको मोक्का मिलते ही घुमाने लेकर जाता रहुंगा
सिला हस्ते हुवे - आज कल तो लरके लरकी के साथ या बीवी के साथ जाते है घुमने तुम कहा इस बुढी ऑन्टी को ले जाना चाहते हो

अभय सिला को देख - अरे किसने कहा आप बुढी है देखा नही बाजार मे लरके से लेकर बूढ़े कैसे आपको देख रहे थे घूर घूर के

सिला याद करते हुवे मन मे - हा सब मुझे ऐसे देख रहे थे जैसे खा जायेंगे
मधु हस्ते हुवे - सही कहा भाई आपने

जोगिनाथ अंदर आते हुवे - किया सही कहा तुम्हारे भाई है

जोगिनाथ की आवाज सुन सभी की नजर जोगिनाथ पे जाती है

अभय अंकल पे पैर छुटे हुवे - वो अंकल आज हम बाजार घूमने गये थे तो

तभी सिला खास्टे हुवे - तो हमने बहोत मजा किया घूम फिर कर आये

जोगिनाथ हस्ते हुवे - ये तो अच्छी बात है हमारी बेटी को इतना अच्छा भाई जो मिला है
सिला मुस्कुराते हुवे - हा आपने सही कहा
अभय - ऑन्टी अंकल को बता दीजिये कल काम पर ना जाये

सिला अरे हा - सुनिये कल अभय बेटा के घर जाना है दीदी ने बुलाया है
जोगिनाथ सिला अभय को देख - ठीक है भाभी ने बुलाया है तो जायेंगे लेकिन कियु कुछ है किया
सिला अभय को देख मुस्कुराते हुवे - हा कल अभय बेटे का दिन तय होने वाला है

जोगिनाथ अभय को देख मुस्कुराते हुवे - अच्छा तो ये बात है तो फिर जरूर जायेंगे
अभय - थैंक्स अंकल
जोगिनाथ - बेटा अपनो मे थैंक्स नही केहते तुमने मेरी बेटी को अपनी बेहन माना है उस हिसाब से तुम भी हमारे बेटे जैसे हुवे मधु तुम्हे भाई के रूप मे पाके बहोत खुश है हम भी तुम्हे भी

अभय - समझ गया अंकल आके से नो थैंक्स
जोगिनाथ मुस्कुराते हुवे - हा अब सही है

वही सिला मधु बहोत खुश हो जाते है

( रात 8 बजे )

आंगन मे चटाइ बिछा दी जाती है अभय जोहिनाथ सिला सब बैठ खाना खाने लगते है

अभय एक निवाला खाता है वही मधु अभय को ही देखे जा रही थी सिला जोगिनाथ मधु को देख मुस्कुरा रहे होते है

अभय एक निवाला खाने मे बाद - गुरिया बहोत अच्छा सोवादिस्ट खाना बना है मजा आ गया
अभय की बात सुन मधु बहोत खुश हो जाती है
मधु - अच्छी भाई
अभय - भला मे अपनी गुरिया से झुठ कियु बोलुगा
सिला हस्ते हुवे - हम जब केहते थे खाना अच्छा बना है तो इतना खुश नही होती थी लेकिन तेरे केहने पे देखो कितना खुश हो गई है

जोहिनाथ - बात तो सही सही तुम से भाग्यवान
अभय एक निवाला मधु को खिलाते हुवे - ये लो
मधु भी बहोत खुशी से आ करती है अभय मुस्कुराते हुवे खिला देता है

सिला जोथीनाथ मधु अभय को देख बहोत खुश थे सिला जोगिनाथ को देखती है जोगिनाथ सिला को दोनो एक दूसरे को मन से यही केह रहे थे अभय मधु को साथ देख जैसे हमे बेटा मिल गया हो

अभय जोथीनाथ सिला को देख समझ जाता है अभय प्यार की फीलिंग भले ही आज समझ पाया हो लेकिन परिवार के बीच प्यार की जो फीलिंग है अभय किसी के चेहरे को देख ही समझ जाता है

अभय सिला जोथीनाथ को देख - मे किया केह रहा था
जोथीनाथ सिला अभय को देखते है
अभय - आप दोनो को अंकल ऑन्टी केहना अच्छा नही लगता तो आज से अभी से मे आप दोनो को छोटे पापा छोटी मा कहुंगा चलो चलेगा ना

अभय की बात सुनते ही जोहिनाथ सिला की आखो मे खुशी के आसु आ जाते है

अभय मुस्कुराते हुवे - खाना पे ध्यान दीजिये आसु गिर रहे है नमक जयादा हो जायेगा

जोगिनाथ सिला मुस्कुरा देते है मधु भी बहोत खुश हो जाती है

खाना खाने के बाद अभय बाइक पे बैठा हुवा था मधु सिला जोथीनाथ आये थे बाहर छोरने

अभय सभी को देख - ठीक है गुरिया छोटी मा छोटे पापा अब मे चलता हु
सिला अभय को प्यार से गाल पे किस करते हुवे - ठीक है मेरा बच्चा सही से जाना
जोथीनाथ - बेटा तेज गारी मच चलाना समझ गये

जोथीनाथ की बात सुन अभय को अपने पापा की याद आ जाती है अपने पापा की कमी खलने लगती है
अभय मुस्कुराते हुवे - समझ गया छोटे पापा
मधु - भाई कल आउंगी लेकिन आपके साथ ही रुकूगी
अभय मुस्कुराते हुवे - ठीक है गुरिया रुक जाना एक रात उसमे किया है
अभय - ठीक है चलता हु

अभय भी निकल परता है अपने घर अभय के जाने के बाद जोगिनाथ सिला को देख - भाग्यवान बेटे की कमी पूरी हो गई
सिला - हा सही कहा
दोनो के आखो मे खुशी के आसु थे
मधु - बच्चो की तरह रोना बंद कीजिये और अंदर चलिये
मधु की बात सुन जोगिनाथ सिला की हसी झुठ जाती है

अभय घर आता है और अंदर जब जाता है तो देखता है कोमल काजल मिनिता विजय सब आये हुवे है सभी की भी नजर अभय पे जाती है तो सभी अभय को अजीब नजरो से देखने लगते है

अभय सभी को देख समझ जाना है इज़त डूब गई है

दिशा अभय को देख मन मे - ये सब आपकी वजह से हुआ है मुझे तो इतनी सर्म आ रही है किया बताऊ

आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏🙏
Best update. ♥️♥️♥️♥️♥️😍😍😍😍😍
Ab Dekhe hai ki aage kya hota hai .

Waise Abhay ki class lagegi ye to tay hai.
 
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sunoanuj

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Bahut hi sundar update hai….
 

Arjunsingh287

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बहुत ही शानदार लिखा है आपने 📝

मुझे भी अभय और दिशा की जोड़ी अच्छी लगी, मे भी चाहता था की अभय की 👰🏿‍♀️👰🏿‍♂️ शादी दिशा से ही हो जो आप करवा रहे है.

🏘️बँगले मे जो लड़का 🧑🏿‍🦱और 👱🏿‍♀️लड़की थे मुझे लगता है 🧑🏿‍🦱लड़का तो वही है जिसे अभय ने 🏢कॉलेज मे मरा 👊🏿था नाम भूल गया.

और 👱🏿‍♀️लड़की शायद अमर की बहन है, वो क्यूँ उस 🧑🏿‍🦱लड़के की मदद कर रही है वो तो आने वाले अपडेट मे ही पता चलेगा.

वेटिंग नेक्स्ट अपडेट की⏳....
 
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Naik

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chapter 16

एक बंगलो मे कोई बेसबरी से किसी का इंतज़ार करने मे लगा हुवा था

बंदा इधर उधर टहलते हुवे बेचैनी से मन मे - किया हो आयेगी या नही

बंदा सोचो मे गुम था तभी उसे डोर बेल सुनाई परती है तो बंदे के चेहरे पे खुशी छा जाती है बन्दा जल्दी से जाके दरवाजा खोलता है सामने एक लरकी को देख खुश हो जाता है जिसका उसे इंतज़ार था वो आ चुकी थी

बंदा - तुम आ गई मुझे लगा तुम नही आओगी
लरकी - बहोत सोचा उसके बाद मुझे लगा उसमे मेरा बहोत फायदा है तो मे आ गई
बंदा मुस्कुराते हुवे - जरूर होगा जैसा मेने वादा किया था वो सब तुम्हे मिलेगा तुम्हारी लाइफ बदल दुगा मे चलो अंदर बैठ कर बाते करते है

दोनो अंदर एक कमरे मे जाके बिस्तर पे बैठ जाते है

लरकी- किया सोचा है आगे किया करने वालो हो और कैसे
बंदा शैतानी मुस्कान मुस्कुराते हुवे - पुरा प्लान रेडी है लेकिन तुम्हारे बिना मे कुछ कर नही पाऊगा इसी लिये तो मेने तुमसे मदद मांगी है
लरकी मुस्कुराते हुवे - मसझ गई मे जरूर मदद करुगी
बंदा - मुझे खुशी हुई जान कर
लरकी - लेकिन अभी हम कुछ कर नही सकते कियुंकी वो अभी घर से बाहर नही निकलती है
बंदा- पता है साली कमीनी का भाई आया है तो उससे चिपकी रेहती है लेकिन कोई बात नही कब तक उसके बाद उसके साथ जा करुगा उसकी रूह काप् जायेगी
लरकी - जो करना है कर लेना पर अभी इंतज़ार करना होगा
बंदा लरकी जांघों पे हाथ रखते हुवे - किया हम कुछ कर सकते है
लरकी बंदे के हाथ को हटाते हुवे - नही मुझे ये सब नही करना मे यहा सिर्फ दिल दन करने आई थी अपनी ये गंदी हरकत बंद करो नही तो
बन्दा घबराते जल्दी से - नही नही मे अब कुछ उल्टा सीधा नही करुगा

लरकी - ठीक है फिर बाते हो गई अब मुझे जाना चाहिये
बंदा जल्दी से - एक मिनट रूको ना
लरकी बंदे को देख - अब किया है
बंदा मन मे - साली ये भी किसी से कम नही है थोरा मजे मिल जाये तो मजा आ जाये एक आखरी कोसिस करता हु नही मानी तो पेहले काम निकलवा लुगा फिर उसकी भी मारुंगा

बंदा बिस्तर के नीचे से 2 लाख कैस निकाल कर लरकी के सामने रख लेता है

लरकी पैसों को देखती है फिर बंदे को अजीब नजरो से देख - उसका मतलब मे किया समझू
बंदा थोरा डरा घबराया - ये पुरे 2 लाख है मे बस तुमसे एक और दिल करना चाहता हु बुरा मत मानना गुस्सा भी मत करना
लरकी बंदे को अजीब नजरो से घूर के देख - बोलो
बंदा - ये पैसे तुम्हारे हो जायेंगे उसके बदले ज्यादा नही बस मुझे तुम्हारे चुचे देखने है दबाने है पीने है और तुम मेरे लंड को चूस कर पानी गिरा देना है इतना ही

बंदे की बात सुन लरकी गुस्से से खरी होते हुवे - तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई इस तरह कि बात करने की
बंदा जल्दी से 2 लाख और निकाल लरकी के सामने कर देता है
बंदा लरकी को देख -प्लेस दया कर दो इस बंदे पे
लरकी बंदे को देखती है फिर सामने परे 4 लाख रुपये को फिर लरकी कुछ देर सोचती है उसके बाद
लरकी बंदे से - ठीक है लेकिन आगे कुछ करने कि कोसिस की तो
बंदा जल्दी से - कसम से नही करुगा
लरकी एक और बात - मे मुह मे नही लूगि दूसरी दबा सकते हो मुह मे नही ले सकते लेकिन हाथ से हिला कर पानी गिरा दुगी
बंदा जो मिल रहा है ले लेता हु अभी - ठीक है चलेगा

बंदा मन मे खुश होते हुवे - पैसा सब को बदल देता है जैसे तुम बदल गई और आज ये सब करने के लिये दोस्त को धोका देने के लिये राजी हो गई मुझे लगा नही था तुम जैसी लरकी मेरा साथ देने के लिये मान जायेगी लेकिन तुम मानी भी और पैसों के लिये मजे देने के लिये भी तैयार हो गई पैसा है तो भाई सब मुमकिन है और मेरे पास पैसों की कोई कमी नही है

लरकी बंदे को देख - जो करना है जल्दी करो
बंदा लार चुवाते हुवे - ठीक है

लरकी शर्मा रही थी लेकिन दिखाती नही और अपने बरे दोनो चुचे बाहर निकाल देती है जिसे देख बंदे का लंड खरा हो जाता हो लरकी के चुचे बरे टाइट गोल मटोल थे निपल काले देखने मे मस्त लग रहा था


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बंदा मन मे - साली को जब भी देखता था तो उसके बरे उभार साफ दिखाई देते थे अब जब उसके बरे चुचे नंगे देख रहा हुई तो जैसा सोचा था बरे टाइट गोल मटोल है अभी जितना मजा मिल रहा है ले लेता हुई बाद मे पुरा मजा लूंगा

लरकी बंदे को देख - जल्दी करो मुझे घर भी जाना है
बंदा - हा हा ठीक है
लरकी को सर्म आ रही थी थोरा अजीब लग रहा था दिमाग मे कई सवाल दोर रहे थे किया वो जो कर रही हो सही है किया उसे ये सब करना चाहिये य अभी सब खतम कर पीछे हठ जाना चाहिये लरकी आखे बंद कर सोच ही रही थी कि तभी लरकी को अपने चुचे पे बंदे का हाथ मेहसूस होता है जिसे फिल कर लरकी के पूरे सरीर मे सिहर सी डोर जाती है


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बंदा लरकी के चुचे को दबाता है लरकी अपने दतों से होठो को दबाये अपनी सिसकिया को रोकने की कोसिस कर रही थी बंदा चुचे का दबाते हुवे - बहोत मुलायम है मजा आ रहा है दबाने में

तभी लरकी जल्दी से बंदे के हाथ का हटा कर अपने चुचे अंदर कर लेती है ये देख बंदा हैरानी से लरकी को देखता है
लरकी बंदे को देख - ऐसे हैरानी से मत देखो जो बात हुई थी उतना मेने किया
बंदा मन मे - साली कमीनी कुत्ती बाद मे तुझे देख लूंगा
बंदा हस्ते हुवे - हा सही कहा जितना मेने कहा तुमने किया

बंदा अपना लंड निकाल चलो अब मेरा लंड हिला के पानी गिरा दो
लरकी बंदे के लंड को देखती है फिर आगे जाके बंदे के लंड को हाथ मे पकर हिलाने लगती है बंदा पुरा फिल लेके आह करने लगता है


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लरकी तेज तेज हिलाने लगती है बंदा - आह करते रहो बहोत मुलायम हाथ है तुम्हारे लंड भी अच्छे से हिला रही हो आह मजा आ रहा है 2 लरका मेरा आने वाला हो तेज तेज चलाओ हाथ लरकी तेज तेज हिलाने लगती है फिर लरका जोर कि पिचकारी मार पानी छोर देता है

लरकी अपने पैसे लेते हुवे - ठीक मे जा रही हु
बंदा अपना लंड अंदर करते हुवे - ठीक है जाओ

लरकी बैग मे पैसे लिये चली जाती है बंदा बिस्तर पे लेत जाता है

बंदा हस्ते हुवे - कुत्ते पे भरोसा कर लो लेकिन किसी इंसान पे नही साले कम बदल जाये कहा नही जा सकता इसी लिये में किसी पे पुरा भरोसा नही करता रही मेरी जान तेरी तो तुझे तो मे दिन रात पेलूगा


( मधु के घर )

मधु बिस्तर पे लेती हुई अभय के बारे मे सोचते हुवे - भाई अभी घर आ गये होगे भाभी को लेकर किया मे फोन कर लू

तभी मधु को कल सुबह वाला कांड याद आता है तो मधु सर्म से लाल हो जाती है
मधु - कल जो हुवा उसमे मेरी ही गलती थी मुझे सोचना चाहिये था अब मेरे भाई है जो आते रहेगे लेकिन मे ये भूल गई थी इस लिये हमेसा ही तरह आँगन मे कपड़े बदल रही थी और फिर

मधु शर्मा के बिस्तर पे तकिये से मुह छुपाते हुवे - भाई किया सोच रहे होगे मेरे बारे मे (तभी मधु मुह फुलाते हुवे ) लेकिन भाई तो मेरा मजाक उराते है मुझे छेरते है


( अभय के घर )

अभय दिशा बेचारे कान पकरे आसा के सामने घुटनों के बल बैठे हुवे थे वही अदिति का पता चलता है उसकी मा रात का कांड के केहने का किया मतलब था जिसे जान अदिति हैरानी से चिल्ला परती है

अदिति मुह पे हाथ रखे अभय दिशा को देख मन मे - ये मे क्या सुन देख रही हुई भइया भाई दोनो के बीच टपाटप चल रहा है लेकिन ये कैसे हो सकता है यार भाई के आये कुछ दिन ही तो हुवे थे लरके का तो लरकी पटाने मे कई महीने साल लग जाते है उसके बाद कुछ कहा नही जा सकता लेकिन मेरा भाई भाभी दोनो तो बुलेट ट्रेन से भी फास्ट निकले ये किया देखना सुनना पर रहा है अच्छा होता मे बहरी अंधी होती बाबा रे बाबा मेरा भाई तो खिलाडी निकला

सुमन अदिति को देख - किस सोच मे खो गई तुम
अदिति होस मे आते हुवे सुमन को देख - मा मे सोच रही थी ( अदिति अभय दिशा को देख ) भइया भाभी ने जो किया उसकी सजा तो उसको मिलनी ही चाहिये

अदिति कि बात सुन अभय हैरानी से अदिति को देखता है अदिति अभय को देख मुस्कुरा देती है

अभय अदिति को घूर के देख - वाह यही देखना सुनना बाकी था मेरी गुरिया मुझे बचाने के बजाये मुझे सजा दिलवाने मे लगी है मे तो टूट गया भाई बिखर गया मेरी गुरिया ने मेरे साथ गद्दारी कर दी
अदिति सुमन से - मा देखो ना भाई मुझे गुस्से से घूर रहे है
अभय डर के काप् जाता है
आसा अभय को देख गुस्से से - मेरी बच्ची का घूरना बंद करो और हा अदिति ने सही कहा है सजा तो तुम दोनो को मिल कर रहेगी

अभय दिशा आसा कि बात सुन और डर जाते है
दिशा मन में - गई काम से आज मे रात भर देवर जी ने मुझे बजाया अभी मम्मी जी बजाने वाली है दोनो मे फर्क है लेकिन लगेगे मेरे ही ना

आसा अभय दिशा को देख - तुम दोनो नजरे उपर करो मेरी तरफ देखो
अभय दिशा डरते हुवे आसा को देखते है आसा दिशा को देख

आसा - बहु कल तुम्हारे पापा मा बेहन सब आने वाले है
दिशा ये सुन घबराते हुवे - लेकिन कियु मम्मी जी
आसा दोनो को देख मुस्कुराते हुवे - तुम दोनो ने जो किया उसके बाद कल पंडित जी को बुलवा कर तुम दोनो की शादी का दिन निकलवाना है इस लिये समझ गये तुम दोनो

अभय दिशा पूरी तरह हैरान आसा को देखते है फिर एक दूसरे को
आसा अभय दिशा को घूर के देख - किया तुम दोनो कुछ के केहना चाहते हो
अभय - मा लेकिन
आसा बीच मे रोकते हुवे गहरी सास छोर के अभय को देख - बेटा तुम दोनो ने जो क्या उससे मे तुम दोनो पे गुस्सा नही हुई ना कोई तुम दोनो पे गुस्सा है बल्कि हम खुश है

आसा की बात दिशा अभय के दिमाग के ऊपर से चली जाती है और दोनो कंफ्यूज से आसा को देखते है

आसा दोनो को देख - लगता है समझ नही आया तुम दोनो को चलो अच्छे से समझा देती हु ( आसा इमोसनल होते हुवे ) विनय बेटे के जाने के बाद मे पूरी तरह टूट गई थी मे जैसे तैसे जि रही थी लेकिन ( दिशा को देख ) बहु को दूसरी शादी करने के लिये कई बार कहा पर मानी नही बहु को अकेला देख मुझे और दुख होता था मेरे दिल मे कई बार आया काश तुम लौट आओ तो तेरी शादी दिशा बहु से करवा दुगी तो बहु का घर भी बस जायेगा और बहु इस घर मे ही रहेगी जो मेने सोचा तुम आ गये लेकिन तुम्हे भाभी चाहिये था मस्ती मजाक करना था जो तुम सुरु से चाहते थे इस लिये मेने सोचा कुछ महीने रुक जाती हुई ताकि तुम देवर भाभी वाले रिश्ते को जीलो बाद मे तुम दोनो की शादी करवा दुगी लेकिन ( आसा दोनो को देख मुस्कुराते हुवे) तुम दोनो तो बहोत तेज निकले तो मेरा काम भी आसान हो गया

आसा की बात सुन दिशा अभय फिर हैरान हो जाते है वही अदिति ये सब देख सुन मन मे - वाह इसका मतलब भइया भाभी की फील्डिंग तो मा ले पेहले ही सेट कर रखी थी अब दोनो तो गये काम से ( अदिति दोनो को देख हसने लगती है)


आसा अभय को देख - बेटा मे तुम पे जोर नही दुगी तुम्हारी अपनी लाइफ है बोलो किया तुम दिशा बहु से शादी करोगे तुम चाहो तो ना भी कर सकते हो मे तुम्हे फोर्स नही करुगी

अभय सोचने लगता है तो दिशा अभय को देखने लगती है

अभय अपनी मा को देख - मा भाभी जैसी बीवी हर किसी को नही मिलती भाई के जाने के बाद भाभी चाहती तो जा सकती थी किसी और से शादी कर अपनी जिंदगी बसा सकती थी लेकिन उन्होंने ऐसा नही किया कियुंकी भाभी भाई के साथ आप को गुरिया इस घर को ही सब कुछ मान लिया था आज की समय मे ऐसी सोच रखने वाली बीवी मिलना बहोत मुश्किल है( अभय दिशा कि आखो मे देख )


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आप नही भी केहती तो मे खुद मे भाभी को ही अपना जीवन साथ अपनी बीवी चुनता ( अभय दिशा के हाथ पकर दिशा की आखो मे देख प्यार से ) भाभी किया आप इस पगलेट देवर से शादी करेगी किया आप मेरी लाइफ पातनर् बनेगी

अभय की बात सुन दिशा खुशी के आसु लिये अभय को देख - हा मे बनुगी आपकी बीवी मे हर कदम पे आपके साथ रहूगी आपका हर मुश्किल मे साथ दुगी और आपकी बीवी होने का हर फर्ज़ अदा करुगी


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अभय दिशा को गले लगा के - मे भी आपको हर खुशी दूंगा आपका हर एक तरह से ख्याल रखुंगा आपके पति होने का फर्ज़ अदा करुगा

आसा अदिति इतने प्यारे मोमेंट को देख दोनो के आखो मे खुशी के आसु आ जाते है 2 मिनट बाद

आसा अभय दिशा को देख - बेसर्मो कब तक तुम दोनो को ऐसे ही गले लगे रेहना है यहा हम भी है

आसा की बात सुन अभय दिशा होस मे आते ही और सर्म से नजरे नीचे कर लेते है ये देख आसा अदिति को हसी आ जाती है

आसा अभय दिशा के पास जाके दोनो के कान पकर देती तो दोनो दर्द से आह करने लगते है आसा दोनो के कान पकरे दोनो को देख
आसा - एक बात तुम दोनो कान खोल के सुन लो जब तक शादी नही हो जाती तब तक तुम दोनो कुछ करने की कोसिस कि तो टांग तोर दुगी समझ गये दोनो

अभय दिशा दर्द मे - जी जी समझ गये

आसा दोनो के कान छोर - ठीक है तुम दोनो जा सकते हो

आसा के ये केहते ही दिशा सर्म से लाल भागते हुवे अपने कमरे में चली जाती है वही अभय भी भाग कर अपने कमरे मे चला जाता है

आसा अदिति दोनो एक दूसरे को देखते है और जोर जोर से हसने लगते है

दिशा दरवाजा बंद कर बिस्तर पे तकिये मे मुह छुपा के शर्म से लाल हुवे जा रही थी अभी जो हुवा उसे सोच कर

दिशा मन मे - आज तो मम्मी जी के सामने ऐसा लग रहा था सर्म से डूब जाउंगी ये सब उनकी वजह से हवा है

तभी दिशा को अभय की कही बात याद आती है ( मा अगर आप नही केहती तो भी मे अपनी बीवी के रूप मे भाभी को ही चुनता ) ये याद कर दिशा

दिशा मन मे - इसका मतलब देवर जी को मे पसंद थी पेहले से ही सच कहु तो मुझे भी आप पसंद आ गये थे इस कुछ दिनों मे ही मे आपकी तरफ खिचती चली गई आपकी हरकते आपकी मस्तिया आपका साफ दिल सभी के लिये प्यार देख कर कोन बेवकूफ लरकी होगी जो आप जैसे लरके को पति के रूप मे पाना नही चाहेगी

वही अभय भी रात से लेकर अभी तक जो हुवा उसके बारे मे बिस्तर पे परा सोचे जा रहा था

अभय मन मे - पेहली बार आपको देखा था तभी आप मुझे पसंद आ गई थी लेकिन उस समय मुझे ये एहसास नही हुवा ना मेने जायदा कुछ सोचा लेकिन अब एहसास हुवा आप जैसी बीवी पाके मेरी मे बहोत खुश हु

दिशा अभय दोनो सोचते सोचते सो जाते है कियुंकी पिछली रात नींद पूरी नही हुई थी दोपहर हो चुकी थी तो आसा अदिति भी सो जाते है


( साम 3 बजे)

सभी सोके उठ चुके थे अभय सोया हुवा था तो अदिति अभय के कमरे मे जाके अभय के ऊपर ही लेटते हुवे

अदिति - भाई साम के 3 बज गये है उठ जाइये
अदिति की बात सुन अभय अदिति को पकर अदिति के ऊपर आ जाता है और अदिति को देख - मेरी गुरिया तुम तो अपने भाई को सजा दिलवाने वाले थी ना


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अदिति डरते हुवे - भाई वो तो मेने ऐसे ही केह दिया था मे भला आपको कियु सजा दिलवाउगी
अभय अदिति को देख मुस्कुराते हुवे - अच्छा झूठी आज तुझे सजा मिलेगी


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अभय अदिति को गुदगुदी करने लगता है तो अदिति जोर जोर से हसने लगती है झटपटाने लगती है अभय को दूर करने की कोसिस करने लगती और हस्ते हुवे - भाई भाई प्लेस ऐसा मत करो मे फिर कभी ऐसा नही करुगी

अभय भी अदिति को छोर देता है अदिति जोर जोर से सासे लेते हुवे अभय को देख - आप बहोत बुरे है भइया


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अभय अदिति को बाहों मे लेके - मेरी प्यारी गुरिया
अदिति भी अभय की बाहों मे समा के - मेरा प्यारा भाई

थोरि देर बाद दोनो भाई बेहन बाहर आते है तो आसा आँगन मे खाट पे ही बैठी हुई थी .

आसा अदिति को देख - वाह कितनी जल्दी आ गई भाई को जगा के ( आसा अभय को देख) और तुम लाडले साहब और थोरा सो लेते

अभय मुस्कुराते हुवे आसा के को पीछे से बाहों मे भरते हुवे
अभय - मेरी प्यारी मा उठ तो गया ना अच्छा मे जाके मधु से मिल कर आता हु

आसा अभय को देख - ठीक है जा सकता है लेकिन मधु के साथ उसकी मा पापा को कल आने के लिये बोल देना समझ गये

अभय आसा के गाल मे किस करते हुवे - समझ गया मेरी प्यारी मा
आसा अभय को देख मुस्कुराने लगती है

दिशा दरवाजे पे खरी थी अभय दिशा को देखता है तो दिशा सर्म से नजरे झुका देती है

अदिति दोनो के नैन मिलन देख मुस्कुरा लेती है

अभय फरेस् होने के बाद बाइक लेके मधु के घर पहुँच जाता है

अभय अंदर जाता है तो मधु अभय को देख बहोत खुश हो जाती है और जल्दी से भइया केहते हुवे अभय के गले लग जाती है


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अभय भी मधु को बाहों मे लेके किस करते हुवे - मेरी प्यारी गुरिया किया कर रही थी
मधु - आप का इंतज़ार भइया
दोनो अलग होते है अभय मधु को देख मुस्कुराते हुवे - साम को नही नहाती किया

अभय की बात सुन मधु सर्म से लाल होते हुवे अभय के सीने पे प्यार से मुक्का मारते हुवे - भाई आप बहोत गंदे है

अभय हस्ते हुवे - अच्छा ये बताओ ऑन्टी कहा है
मधु अभय को देख - मा परोसी के यहा है आप कहे तो बुला लाउ

तभी सिला अंदर आते हुवे मुस्कुरा के - किया बात है बेटा अपनी ऑन्टी को कियु ढूंढ रहे हो

सिला की आवाज सुन अभय मधु पीछे सिला को देखते है अभय आगे जाके सिला को बाहों मे भर लेता है सिला थोरा शर्मा जाती है

अभय - किया करू आप इतनी खूबसूरत है आपको देखे बगैर रेह नही पाया तो चला आया आपको देखने के लिये
सिला शर्मा के अभय के सर मे धीरे से मारते हुवे - ऑन्टी से मस्ती बहोत मार परेगी
अभय हस्ते हुवे सिला को छोर - तब तो संभल के मस्ती करनी पड़ेगी
अभय की बात सुन सिला हसने लगती है

सिला - चलो बेटा बैठ के बाते करते है

आँगन मे खाट थी तीनों बैठ जाते है

सिला अभय को देख - बताओ बेटा कुछ केहना था
अभय सिला को देख - आया तो था गुरिया को से मिलने लेकिन मा ने आपको कुछ केहने को कहा है

सिला हैरान होते हुवे - दीदी ने किया केहने को कहा है
अभय थोरा शर्मा के - वो कल ना मेरी और भाभी की शादी का दिन तय होने वाला है इस लिये
मधु जैसे ही ये सुनती है मधु चिलाते हुवे - किया आपकी शादी भाभी के साथ होने वाली है और कल दिन भी तय होने वाला है
अभय मधु को देख - हा बाबा इस लिये तुम सब को आना है
मधु खुश होते हुवे - ये तो बढ़िया है मे अब ऑन्टी अदिति दीदी भाभी से मिल पाउंगी
अभय मुस्कुराते हुवे - हा
सिला अभय को देख मुस्कुराते हुवे - अच्छा तो ये बात है तब तो आना ही परेगा हम जरूर आयेगे लेकिन आना कब है
अभय - पता नही लेकिन मे कल मधु को फोन कर बता दुगा फिर खुद आके आप सब को ले जाउंगा या किसी को भेज दुगा आप सब रेडी रेहना

सिला मुस्कुराते हुवे - ठीक है बेटा जैसा तुम कहो हम रेडी रहेगे
अभय खरा होते हुवे - तो ठीक है ऑन्टी मे चलता हु
मधु अभय का हाथ पकर के - नही आप आज यहा से खाना खाके जाओगे मेरे हाथो का

सिला ये देख मुस्कुराते हुवे - अब तो बेटा तुम्हे रुकना ही परेगा मधु बहोत जिद्दी है मानेगी नही
अभय मधु को देखता है तो मधु प्यारा सा कीयूट् सा चेहरा बना के अभय को देखती फिर किया अभय पिघल जाता है

अभय मुस्कुराते हुवे - ठीक है
मधु खुशी से अभय को गले लग जाती है - थैंक्स भाई
सिला मधु को इतना खुश देख सिला को बहोत अच्छा फिल होता है

अभय सिला को देख अभी टाइम है तो कियु ना हम बाजार भुम कर आये
मधु खुश होते हुवे - मुझे भी जाना है आपके साथ
अभय मुस्कुराते हुवे - हा बाबा तुम भी चलना
सिला अभय को देख - बेटा मे कहा घूमने

सिला ने इतना कहा ही था की अभय सिला को पकर गोदी मे उठा लेता है जिसे देख सिला हैरान और थोरा डर के साथ शर्मा भी जाती है अभय सिला को कमरे मे लेजा कर नीचे उतार देता है

अभय - जल्दी से तैयार हो जाइये मे बाहर खरा हु

अभय फिर कमरे से बाहर आ जाता है
मधु अभय को देख हस्ते हुवे - एकदम सही किया भाई आपने
अभय मुस्कुरा देता है

अंदर सिला हैरान खरी थी सिला फिर मुस्कुराते हुवे - ये लरका भी मधु की तरह जिद्दी है

सिला फिर कपड़े चेंज कर बाहर आती है अभय सिला को देखता है तो देखता ही रेह जाता है सिला नई सारी मे बवाल लग रही थी


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अभय सिला को उपर से नीचे तक देखते हुवे - ऑन्टी आप इस नई सारी मे बहोत ही खूबसूरत हॉट लग रही है कसम से

सिला चलते हुई कमर हिला के अभय के पास आके अभय के गाल पे प्यार से मारते हुवे - ऑन्टी को हॉट केहता है बदमास

अभय मुस्कुराते हुवे मधु को देख - गुरिया किया मेने गलत कहा
मधु मुस्कुराते हुवे सिला को देख - मा भाई ने सच ही कहा है आप सच मे बहोत खूबसूरत हॉट लग रही है

अभय मधु की बात सुन इस बार सिला सर्म से लाल हो जाती है

अभय ठीक है चलो चलते है

अभय बाइक चालू करता है मधु दोनो तरफ पैर रख अभय से चिपक कर अभय को पकर बैठ जाती है फिर सिला एक तरफ पैर कर बैठ जाती है

अभय -ऑन्टी आप मधु को पकर लेना ठीक है
सिला - ठीक है बेटा

अभय - तो चले ऑन्टी
सिला मुस्कुराते हुवे - हाचलो

अभय बाइक दोरा देता है 20 मिनट मे बाजार पहुँच जाता है अभय एक जगह बाइक लगा के सिला अभय के साथ बाजार मे घुमता ही बहोत सारी बाते करता है सिला को भी बहोत अच्छा लग रहा था इस तरफ घूमते हुवे अभय फिर सिला मधु को पानी पूरी खिलाने लेकर जाता है

अभय सिला को अपने हाथ से पानी पूरी खिलाते हुवे - ये लीजिये मेरी प्यारी ऑन्टी आ करिये
सिला को लोगो के बीच बहोत सर्म आ रही थी लेकिन सिला सर्म छोर अभय के हाथो से पानी पूरी खा लेती है
मधु मुह फुलाते हुवे - भाई आपने मुझे पेहले नही खिलाया आपने मा को खिलाया
सिला हस्ते हुवे - अभय बेटा रूठ गई खिला तुम्हारी गुरिया
अभय मुस्कुराते हुवे - मना लूंगा फिर ये तो खा लो

मधु आ करती है अभय पानी पूरी खिला देता है मधु खुश होते हुवे खाने लगती है

अभय - अब खुश मधु हा लेकिन मे भी खिलाऊँगी
अभय - ठीक है खिला दो
मधु अभय को खिलाती है तो सिला भी अभय को खिला देती है अपने हाथो से

पानी पूरी खाने के बाद घूमने के बाद अभय सभी को ले लेकर घर आ जाता है साम हो चुकी थी अभय आसा को बता दिया था थोरा लेट आयेगा

मधु खाना बनाने मे लगी हुई थी सिला अभय खाट पे बैठे थे बाते चल रही थी

अभय - ऑन्टी आपके साथ घूम कर मजा आया अब तो आपको मोक्का मिलते ही घुमाने लेकर जाता रहुंगा
सिला हस्ते हुवे - आज कल तो लरके लरकी के साथ या बीवी के साथ जाते है घुमने तुम कहा इस बुढी ऑन्टी को ले जाना चाहते हो

अभय सिला को देख - अरे किसने कहा आप बुढी है देखा नही बाजार मे लरके से लेकर बूढ़े कैसे आपको देख रहे थे घूर घूर के

सिला याद करते हुवे मन मे - हा सब मुझे ऐसे देख रहे थे जैसे खा जायेंगे
मधु हस्ते हुवे - सही कहा भाई आपने

जोगिनाथ अंदर आते हुवे - किया सही कहा तुम्हारे भाई है

जोगिनाथ की आवाज सुन सभी की नजर जोगिनाथ पे जाती है

अभय अंकल पे पैर छुटे हुवे - वो अंकल आज हम बाजार घूमने गये थे तो

तभी सिला खास्टे हुवे - तो हमने बहोत मजा किया घूम फिर कर आये

जोगिनाथ हस्ते हुवे - ये तो अच्छी बात है हमारी बेटी को इतना अच्छा भाई जो मिला है
सिला मुस्कुराते हुवे - हा आपने सही कहा
अभय - ऑन्टी अंकल को बता दीजिये कल काम पर ना जाये

सिला अरे हा - सुनिये कल अभय बेटा के घर जाना है दीदी ने बुलाया है
जोगिनाथ सिला अभय को देख - ठीक है भाभी ने बुलाया है तो जायेंगे लेकिन कियु कुछ है किया
सिला अभय को देख मुस्कुराते हुवे - हा कल अभय बेटे का दिन तय होने वाला है

जोगिनाथ अभय को देख मुस्कुराते हुवे - अच्छा तो ये बात है तो फिर जरूर जायेंगे
अभय - थैंक्स अंकल
जोगिनाथ - बेटा अपनो मे थैंक्स नही केहते तुमने मेरी बेटी को अपनी बेहन माना है उस हिसाब से तुम भी हमारे बेटे जैसे हुवे मधु तुम्हे भाई के रूप मे पाके बहोत खुश है हम भी तुम्हे भी

अभय - समझ गया अंकल आके से नो थैंक्स
जोगिनाथ मुस्कुराते हुवे - हा अब सही है

वही सिला मधु बहोत खुश हो जाते है

( रात 8 बजे )

आंगन मे चटाइ बिछा दी जाती है अभय जोहिनाथ सिला सब बैठ खाना खाने लगते है

अभय एक निवाला खाता है वही मधु अभय को ही देखे जा रही थी सिला जोगिनाथ मधु को देख मुस्कुरा रहे होते है

अभय एक निवाला खाने मे बाद - गुरिया बहोत अच्छा सोवादिस्ट खाना बना है मजा आ गया
अभय की बात सुन मधु बहोत खुश हो जाती है
मधु - अच्छी भाई
अभय - भला मे अपनी गुरिया से झुठ कियु बोलुगा
सिला हस्ते हुवे - हम जब केहते थे खाना अच्छा बना है तो इतना खुश नही होती थी लेकिन तेरे केहने पे देखो कितना खुश हो गई है

जोहिनाथ - बात तो सही सही तुम से भाग्यवान
अभय एक निवाला मधु को खिलाते हुवे - ये लो
मधु भी बहोत खुशी से आ करती है अभय मुस्कुराते हुवे खिला देता है

सिला जोथीनाथ मधु अभय को देख बहोत खुश थे सिला जोगिनाथ को देखती है जोगिनाथ सिला को दोनो एक दूसरे को मन से यही केह रहे थे अभय मधु को साथ देख जैसे हमे बेटा मिल गया हो

अभय जोथीनाथ सिला को देख समझ जाता है अभय प्यार की फीलिंग भले ही आज समझ पाया हो लेकिन परिवार के बीच प्यार की जो फीलिंग है अभय किसी के चेहरे को देख ही समझ जाता है

अभय सिला जोथीनाथ को देख - मे किया केह रहा था
जोथीनाथ सिला अभय को देखते है
अभय - आप दोनो को अंकल ऑन्टी केहना अच्छा नही लगता तो आज से अभी से मे आप दोनो को छोटे पापा छोटी मा कहुंगा चलो चलेगा ना

अभय की बात सुनते ही जोहिनाथ सिला की आखो मे खुशी के आसु आ जाते है

अभय मुस्कुराते हुवे - खाना पे ध्यान दीजिये आसु गिर रहे है नमक जयादा हो जायेगा

जोगिनाथ सिला मुस्कुरा देते है मधु भी बहोत खुश हो जाती है

खाना खाने के बाद अभय बाइक पे बैठा हुवा था मधु सिला जोथीनाथ आये थे बाहर छोरने

अभय सभी को देख - ठीक है गुरिया छोटी मा छोटे पापा अब मे चलता हु
सिला अभय को प्यार से गाल पे किस करते हुवे - ठीक है मेरा बच्चा सही से जाना
जोथीनाथ - बेटा तेज गारी मच चलाना समझ गये

जोथीनाथ की बात सुन अभय को अपने पापा की याद आ जाती है अपने पापा की कमी खलने लगती है
अभय मुस्कुराते हुवे - समझ गया छोटे पापा
मधु - भाई कल आउंगी लेकिन आपके साथ ही रुकूगी
अभय मुस्कुराते हुवे - ठीक है गुरिया रुक जाना एक रात उसमे किया है
अभय - ठीक है चलता हु

अभय भी निकल परता है अपने घर अभय के जाने के बाद जोगिनाथ सिला को देख - भाग्यवान बेटे की कमी पूरी हो गई
सिला - हा सही कहा
दोनो के आखो मे खुशी के आसु थे
मधु - बच्चो की तरह रोना बंद कीजिये और अंदर चलिये
मधु की बात सुन जोगिनाथ सिला की हसी झुठ जाती है

अभय घर आता है और अंदर जब जाता है तो देखता है कोमल काजल मिनिता विजय सब आये हुवे है सभी की भी नजर अभय पे जाती है तो सभी अभय को अजीब नजरो से देखने लगते है

अभय सभी को देख समझ जाना है इज़त डूब गई है

दिशा अभय को देख मन मे - ये सब आपकी वजह से हुआ है मुझे तो इतनी सर्म आ रही है किया बताऊ

आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏🙏
Badhiya shaandar update
Woh ladki pakka Aditi ko dost hi Hogi Jo ab Aditi ke Saath dhoka dene ko tayyar ho Rahi h
Disha or Abhay tayyar ho gaye Shaadi ke Liye badhiya
Dekhte h aage kia hota h
Badhiya shaandar update
 
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