शैतान घर से निकल के भागने लगा तो उसको प्रेतनाथ ने देख लिया।
"अच्छा तू भी आ गया उंसके पीछे? तो तू भी भगवान बनना चाहता है मैं तेरी ये इच्छा पूरी नही होने दूंगा। हा हा हा हा हा हा हा" "देख अब मैं क्या करता हु"
वहां से चला गया प्रेतनाथ। फिर अगली सुबह जब रजनी उठी तो उसका सिर घूम रहा था उसको नींद आ रही थी मगर वो घर के काम मे लग गयी फिर नहर पे नहाने गयी।अकेली रजनी ही नहर पे नहाती थी बाकी पूरे गांव की औरत और लड़की घर मे । क्यों के रजनी को बहते पानी मे नहाने की आदत भी थी और उसको मज़ा भी आता था 5 बजे नहाने में। नहर की तरफ कोई जाता नही था जंगल की वजह से।
नहा के वापस आयी तो उसने सरोज को जगाया। सरोज उठ के फ्रेश होने गयी बैठने पे दर्द महसूस हुआ तो उसको दर्द में भी मुस्कुराने लगी और अपनी चूट को टटोलने लगी तो छूने में भी दर्द था और अंदर चूत के उंगली की तो 4 उंगलियां सीधी घुस गई वो हैरान रह गयी कितनी चौड़ी हो गयी चूत मेरी फिर बाहर आ के और ब्रश कर के नहाया बाहर आ के कपड़े पहन के जब
सिंदूर लगाने गयी आईने के सामने तो चेहरे के निखार देख के हैरान हो गयी रंग साफ हो गया था और सारी झुर्रियां खतम वो रजनी से ज़्यादा सुंदर लग रही थी और छोटी भी। ये कमाल शैतान के वीर्य का था।वैसे भी जो औरत वीर्य पीती है वो बाकी औरत से ज़्यादा गोरी और कम उम्र की लगती है। जवान लगती है। ये सच है।
बाहर आई तो रजनी ने देखा "अम्मा बहुत गोरी और अलग लग रही हो मुझसे भी छोटी लग रही हो कैसे?"
सरोज हसते हुए बोली" अरे वो लड़के ने दवा दी थी कि पानी मे मिला के पी लो रंग साफ हो जाएगा।मैने रात में खाना खा के पी ली मुझे लगा मज़ाक कर रहा है मगर हो गया सच मे।"
"कमीने ने मुझे आज तक नही दी कि मैं भी इतनी गोरी हो जाती। मिलने दो उसको।"
उंसके बाद वो दोपहर में दुकान गयी तो वहां शैतान को देख के गुस्सा हो कि बोली "मेरी अम्मा को गोरे होने की दवा दी मुझे क्यों नही दी?"
"मैने कब दी?"
"अच्छा मेरी अम्मा झूट बोलेगी क्या?"
शैतान समझ गया वो माल पीने से हुआ है।उसको कुटिल मुस्कान के साथ आईडिया आया।
"ठीक है मैं दे दूंगा दवा मगर जब अकेले में मिलोगी तब और जब मैं बताऊंगा तब। दवा बहुत खराब स्वाद की है उल्टी न करना।"
"हूह नही करूँगी और अकेले में क्यों घर आ के दे दो।"
ठीक है अभी यही रुको मैं कुछ काम से जा रहा हु 1 घंटे बाद घर जाना मैं वही दे जाऊंगा।"
"ठीक है।"
शैतान चला गया।