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Adultery लौट आओ राधा (complete)

Lutgaya

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Lutgaya

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aalu

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gaon dehat mein kisi ke marne kee khabar aag kee tarah fail jaati hain,, kyunki log hi kitne hote hain aur roj roj gaon mein aisi ghatnaye bhi na hoti kee police tehkikat ke liye aaye... maadho anjaan hain iss baat se sun ke tajjub hua.. akhir aisi khabre kitne dino tak logo kee jubaan pe tairte rahti hain...

ab uski lash mili toh mar chuki hain,, toh kya mar ke aayee thee apna wayda pura karne...
 
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Lutgaya

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gaon dehat mein kisi ke marne kee khabar aag kee tarah fail jaati hain,, kyunki log hi kitne hote hain aur roj roj gaon mein aisi ghatnaye bhi na hoti kee police tehkikat ke liye aaye... maadho anjaan hain iss baat se sun ke tajjub hua.. akhir aisi khabre kitne dino tak logo kee jubaan pe tairte rahti hain...

ab uski lash mili toh mar chuki hain,, toh kya mar ke aayee thee apna wayda pura karne...
कहानी है बन्धु , लॉजिक ढुंढोगे त़ो मजा नही मिलेगा।
बदला और वादा राधा की आत्मा ने पूरा किया ।
 

Lutgaya

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Adirshi

Royal कारभार 👑
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Hello everyone.

We are Happy to present to you The annual story contest of XForum


"The Ultimate Story Contest" (USC).

Jaisa ki aap sabko maloom hai abhi pichhle hafte hi humne USC ki announcement ki hai or abhi kuch time pehle Rules and Queries thread bhi open kiya hai or Chit Chat thread toh pehle se hi Hind section mein khula hai.

Well iske baare mein thoda aapko bata dun ye ek short story contest hai jisme aap kisi bhi prefix ki short story post kar sakte ho, jo minimum 700 words and maximum 7000 words (Story ke words count karne ke liye is tool ka use kare — Characters Tool) . Isliye main aapko invitation deta hun ki aap is contest mein apne khayaalon ko shabdon kaa roop dekar isme apni stories daalein jisko poora XForum dekhega, Ye ek bahot accha kadam hoga aapke or aapki stories ke liye kyunki USC ki stories ko poore XForum ke readers read karte hain.. Aap XForum ke sarvashreshth lekhakon mein se ek hain. aur aapki kahani bhi bahut acchi chal rahi hai. Isliye hum aapse USC ke liye ek chhoti kahani likhne ka anurodh karte hain. hum jaante hain ki aapke paas samay ki kami hai lekin iske bawajood hum ye bhi jaante hain ki aapke liye kuch bhi asambhav nahi hai.

Aur jo readers likhna nahi chahte woh bhi is contest mein participate kar sakte hain "Best Readers Award" ke liye. Aapko bas karna ye hoga ki contest mein posted stories ko read karke unke upar apne views dene honge.

Winning Writer's ko well deserved Awards milenge, uske alawa aapko apna thread apne section mein sticky karne ka mouka bhi milega taaki aapka thread top par rahe uss dauraan. Isliye aapsab ke liye ye ek behtareen mouka hai XForum ke sabhi readers ke upar apni chhaap chhodne ka or apni reach badhaane kaa.. Ye aap sabhi ke liye ek bahut hi sunehra avsar hai apni kalpanao ko shabdon ka raasta dikha ke yahan pesh karne ka. Isliye aage badhe aur apni kalpanao ko shabdon mein likhkar duniya ko dikha de.

Entry thread 7th February ko open hoga matlab aap 7 February se story daalna shuru kar sakte hain or woh thread 25th February tak open rahega is dauraan aap apni story post kar sakte hain. Isliye aap abhi se apni Kahaani likhna shuru kardein toh aapke liye better rahega.

Aur haan! Kahani ko sirf ek hi post mein post kiya jaana chahiye. Kyunki ye ek short story contest hai jiska matlab hai ki hum kewal chhoti kahaniyon ki ummeed kar rahe hain. Isliye apni kahani ko kayi post / bhaagon mein post karne ki anumati nahi hai. Agar koi bhi issue ho toh aap kisi bhi staff member ko Message kar sakte hain.



Story se related koi doubt hai to iske liye is thread ka use kare — Chit Chat Thread

Kisi bhi story par apna review post karne ke liye is thread ka use kare — Review Thread

Rules check karne ke liye is thread ko dekho — Rules & Queries Thread

Apni story post karne ke liye is thread ka use kare — Entry Thread

Prizes
Position Benifits
Winner 1500 Rupees + Award + 30 days sticky Thread (Stories)
1st Runner-Up 500 Rupees + Award + 2500 Likes + 15 day Sticky thread (Stories)
2nd Runner-UP 5000 Likes + 7 Days Sticky Thread (Stories) + 2 Months Prime Membership
Best Supporting Reader Award + 1000 Likes+ 2 Months Prime Membership
Members reporting CnP Stories with Valid Proof 200 Likes for each report



Regards :- XForum Staff
 

komaalrani

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भाग -2
राधा धीरे से उठी…- मेरे माधो… मेरे दिल की इच्छा पूरी हो गई… अब मैं चलूँ… बहुत से काम बाकी हैं अभी।

“अरे जा रही हो ? रुक जाओ ना…”

“माधो… मैं तो कब की जा चुकी हूँ… बस तेरा प्यार पाना था, उसे ही निभाने आई थी… कहीं मेरा प्यार, मेरा माधो प्यासा ना रह जाये…!”

“यह तुम कहाँ जा रही हो?”

“मेरी इज्जत तो राम सिंह ने लूट ली थी… फिर उसने मुझे मार कर झाड़ियों में फ़ेंक दिया था। रात भर मुझे भेड़ियों और जंगली जानवरों ने मुझे नोच-नोच कर मेरे चीथड़े तक उड़ा दिये थे। हो सके तो मेरी याद में पीपल के नीचे कभी कभी आ जाया करना।”

माधो की आँखें फ़टी की फ़टी रह गई। उसकी चीख उस कमरे में गूंज गई। राधा जा चुकी थी। वो जोर जोर से फ़ूट फ़ूट कर रोया उस दिन। वो लगभग घिसटते हुये अपने घर की चला आया। माधो का मन राम सिंह को चीर डालने को हो रहा था। एक नफ़रत की आग उसके सीने में जल उठी।

गाँव में आज खासी चहल पहल थी। राम सिंह चौधरी आज मुम्बई से लौट आया था। माधो राधा की याद में रोज पीपल के पेड़ के नीचे जाता था। तथाकथित राधा का साया उससे नियम से मिलने आता था। उन दोनों ने मिल कर एक सुन्दर सी गुड़िया बनाई। खूबसूरत सी… रोज रात को वो दोनों उसका कभी तो छोटा सा घर बनाते और कभी तो बड़ा सा घर बनाते। कभी कभी उसके घर के आस पास फ़ूलों के पौधे भी लगाते थे। गाँव वालो ने देखा कि पीपल के नीचे एक गुड़िया है और अब उसके आस पास सुन्दर से फ़ूल लग आये है… तो बात चल पड़ी थी।

माधो रोज सुबह पीपल के वृक्ष के नीचे जाता था और उसे संवारता था। गाँव वालों के पूछने पर वो कहता था… राधा का भी तो स्मारक चाहिये।उसने वहां एक कुटिया बना दी राधा के शयन कक्ष सहित ।

अब गाँव के लोग वहाँ पर आने लगे थे। पर वो उस राधा के लिये नहीं आते थे…

एक वर्ष बीत गया। अमावस्या की रात थी। दीना राम सिंह रात को कुटिया की देखभाल करने निकला तो वो माधो से टकरा गया।

राम राम छोटे चौधरी…

घर जा रहे हो… चाबी दे जाओ कुटिया की… दीना ने उससे चाबी मांग ली।

माधो ने कुटिया की चाबी उसे दे दी और घर चला आया। दीना राम अन्दर गया तो उसे लगा कि कोई अन्दर है। वो सावधान हो गया। पर उसे तब बहुत आश्चर्य हुआ कि अन्दर एक सुन्दर सी युवती अपने शयन कक्ष का पोंछा लगा रही थी।

“ऐ… कौन है रे तू… अन्दर कैसे घुस आई?

“यह घर मेरा है… मैं राधा रानी हूँ…”

“झूठ बोलती है साली… चल निकल यहाँ से…”

राधा ने उसे देख कर एक प्यारी सी मुस्कराहट दी- बड़े जालिम हो ! मुझे देख कर तुम्हे रहम नहीं आता है…?

दीना ने यहाँ वहाँ देखा, फिर धीरे से बोला- तुझे देख कर तो प्यार आता है… चल रात को यहीं सो जाना… सुबह चली जाना… कितना लेगी…

“मैं… तो पूरा लूंगी… कितना लम्बा है?”

“ओये… चुप कोई सुन लेगा… चल चल अन्दर चल…”

“मेरे कमरे में चलें… महकदार है… बड़ी सी खाट है… पूरा लेने में आनन्द आयेगा।”

दीना का तो खुशी के मारे बुरा हाल था। वो जल्दी से कमरे में घुस गया।


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“अरे तूने कपड़े कब उतारे…?” राधा को नंगी देख कर वो बोला।

“जब पूरा अन्दर घुसेड़ना हो तो तैयार रहना चाहिये ना… चल जल्दी कर तू भी !”

दीना ने भी जल्दी से कपड़े उतार लिये… उसका लण्ड तो खुशी के मारे उफ़न रहा था।

“पहले गाण्ड मारेगा या चूत पेलेगा?”

“दोनों मस्त हैं… पहले गाण्ड का मजा लूँगा।”

दीना ने उसे घोड़ी बना कर उसकी गाण्ड में लण्ड घुसा दिया।

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जैसे ही उसका लण्ड राधा की गाण्ड में घुसा वो दर्द से चिल्ला सा उठा- अरे क्या कांटे भरे हुये हैं अन्दर… साली रण्डी !

“कभी किसी की गाण्ड मारी है… या यूँ ही मर्द बने फ़िरते हो…?”

राधा के ताने से दीना का मर्दानापन फिर से जाग गया। उसने तो फिर दर्द की परवाह ना करते हुये गाण्ड मारी। पर दर्द के मारे उसका स्खलन नहीं हुआ। उसका लण्ड लहूलुहान हो गया था।

“अरे ये क्या हो गया? लग गई क्या? कच्चे खिलाड़ी हो… चूत क्या खाकर चोदोगे…” राधा हंस पड़ी।

राधा अपनी टांगें खोल कर लेट गई।

“यह नरम, प्यारी सी चूत तुम्हारे किस्मत नहीं है !”

“अरे जा छिनाल, तुझे चोद चोद कर रण्डी ना बना दूँ तो कहना…!”

“तो आजा… मेरी जान… लग जा ना…!”

वो उछल कर उसकी दोनों टांगों के मध्य आकर बैठ गया और अपना दर्द सहता हुआ लण्ड एक बार तो उसकी चूत में घुसा ही दिया।

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उसके लण्ड को भीतर घुसते ही ठण्डक मिली … दर्द गायब सा हो गया। दीना ने जोर जोर से शॉट पर शॉट लगा कर चोदने लगा। तभी राधा ने उसका लण्ड अपनी चूत में कस लिया।

“अरे क्या मजाक करती है… मजा नहीं आ रहा है क्या?”

“हाय मां! जब लण्ड चूत में घुसा हो तो आनन्द ही आनन्द है… है ना…?”

तभी दीना चीख उठा… अरे जालिम ये क्या? छोड़ दे…

राधा का रूप बदलने लगा था। उसके चेहरे पर नाखून की खरोंचों के निशान उभरने लगे थे। वो भयानक सी लगने लगी थी… उसके दांत एक एक करके गिरने लगे थे… बाल टूट कर बिखरने लगे थे। आंखों की जगह बस छेद नजर आ रहा था। एक भयंकर हंसी उभरने लगी थी।

मेरा ऐसा हाल तेरे बाप ने किया था दीना…

बाहर तेज हवा चलने लगी थी… जैसे अंधड़ के रूप में हवा सीटियाँ बजा कर चल रही हो। दीना चीखता हुआ अपना लण्ड उसके पंजर में से निकालने की कोशिश करने लगा था। तभी उसकी चीख ने कमरा जैसे हिला कर रख दिया था। उसका लण्ड जड़ से उखड़ कर शरीर से बाहर आ गया था। खून का एक तेज फ़व्वारा निकल पड़ा…।

पुलिस कुटिया के बाहर छानबीन कर रही थी। मर्दाना लाश जान पड़ रही थी। लाश जंगली जानवरों ने उसे उधेड़ कर रख दी थी। लाश ठीक वही थी जहाँ पर राधा की लाश पाई गई थी। पुलिस ने उसे पोस्टमार्टम के लिये अस्पताल भेज दी थी।

सबने समझ लिया था कि दीना जंगली जानवरों का शिकार हो गया है।

रात को राधा ने माधो को दीना के बारे में बताया तो माधो के दिल में एक शान्ति सी हुई। उस दिन रात को माधो और राधा ने खूब प्यार किया।

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फिर एक दिन राम सिंह उस कुटिया में गया तो राधा ने उसे भी अपने चपेट में ले लिया। वो उसके तन में चुपके से समा गई।

राधा के पास वो मौका भी आ गया जिसका उसे इन्तजार था। राम सिंह ने खूब पी ली और वो हाथ में शराब की बोतल लिए अपनी विधवा बहू गौरी के कमरे में चला आया। राधा की आत्मा आज राम सिंह को सबकी नजरों में गिराना चाहती थी।

“ओह, बाबू जी आप…?”

“दीना को गए बहुत दिन हो गए तेरी जवानी का क्या होगा अब? तन की आग तो मर्द के पानी से ही बुझती है ना !”

गौरी ये सुन कर तो सन्न रह गई। एकबारगी उसकी आँखें झुक गई और धीरे से बोली- बाबू जी…! मैं आपकी बेटी जैसी हूँ !

राम सिंह ने उसे उठा कर बिस्तर पर पटक दिया और उसके ऊपर चढ़ गये। गौरी चीखी तो उसकी आवाज के कारण राम सिंह की पत्नी, गौरी की सास अपने कमरे से बाहर आई, उसे गौरी के कमरे से आवाजें आती प्रतीत हुई वो दबे कदमों से चल कर वहाँ गई। धीरे से दरवाजा ठेला तो अन्दर जो देखा तो वो सन्न सी रह गई। उसने अपने पति को गौरी के ऊपर से खींचा तो वो उठ कर खड़ा हुआ, उसके अन्दर की राधा बोली- राम सिंह ने मुझे बर्बाद किया था, मैं इसे बर्बाद कर दूंगी। दीना को मैंने मारा था !

इतने में गौरी ने वहीं पड़ी शराब की बोतल उठाई और दोनों हाथों से पूरे जोर से राम सिंह के सिर पर दे मारी। बोतल टूट गई और राम सिंह पीछे पलटा, तो इतने में गौरी ने टूटी बोतल उसे पेट में घुसेड़ दी।

राम सिंह जमीन पर गिर परा और राधा की रूह राम सिंह के शरीर से निकल कर गौरी की काया में प्रवेश कर गई।

राधा गौरी के मुख से बोली- आज मेरा बदला पूरा हुआ !

तेज चीखें सुन आसपास के लोग वहाँ आ गए।

गौरी की सास बोली- बहू ! यह क्या किया तूने और तू क्या बोल रही है? कैसा बदला?

” मैं तेरी बहू गौरी नहीं राधा हूँ ! वही राधा जो डेढ़ साल पहले मर गई थी। मुझे जंगली जानवरों ने नहीं तेरे पति राम सिंह ने मारा था।”

राम सिंह अपनी आखिरी सांसें लेता हुआ यह सब सुन रहा था ! उसकी आंखों के सामने वो सारा दृश्य चलचित्र की भाँति घूम गया।

” मैंने ही तेरे बेटे दीना को मारा था ! अब यह कमीना राम सिंह मर रहा है ! मेरा बदला पूरा हुआ, मैं जा रही हूँ !

अगले दिन सारे गाँव में राम सिंह की करतूत का पता चल गया और यह भी राधा ने अपना बदला राम सिंह और उसके बेटे को मार कर ले लिया।

अब उस कुटिया में कोई नहीं आता जाता है… वहाँ जाता है तो बस वो माधो… वो अब भी अपनी राधा को उस जंगल में खोजता फ़िरता है।

पर राधा की आत्मा को शान्ति मिल चुकी थी… भले ही माधो अब राधा से ना मिल पाता हो… पर उसे उस कुटिया में आकर बहुत शान्ति मिलती है।
समाप्त

कमेन्टस का इन्तजार रहेगा
कहानी कैसी लगी अवश्य बताएं
beautiful story, short and to the point, kudos to you
 
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Reactions: Kkrr and Lutgaya
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