silver_sam
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Very good start. Going to be interesting.Uodate 01
दोस्तो मेरा नाम राहुल है और में एक छोटे से शहर में अपनी प्यारी पत्नी रश्मि के साथ रहता हु.. रश्मि के आने से कूच ऐसा हुआ की जैसे समय का पता ही नही चला.. जब आप की खूबसूरत पत्नी साम आप का घर पे बेसबरी से इंतजार करते हुए आप को दो चार बार फोन करे और जब आप जब घर का दरवाजा खुले उसका मुस्कराता हुआ चहरा आप के सामने हो.. एक आदमी और क्या ही चाइए.. हा वैसे एक आदमी को और दो अति महत्वपूर्ण वस्तु चाइए होती है एक तो घर का स्वादिष्ट भोजन और पत्नी के साथ रात को संभोग और में खुद को बड़ा खुस किस्मत महसूस करना हु क्योंकि रस्मी के हाथो में तो जादू ही है ऐसा खाना बनाती है की पेट भरता है लेकिन दिल नही... हालाकि मेने उस से कहा हुआ है की रोज रोज खुद खाना न बनाया करे क्यों की वो भी एक स्कूल में इंग्लिश पढ़ाने जाती हे... और हा में बता दू उसके सिर्फ हाथ में ही जादू है ऐसा नही है उसके पास और दो इसे अंग है जिनका के गुलाम बन चुका हूं.. और मुझे इस बात का कोई पछतावा नहीं हा हा...
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रश्मि के दो सुडोल स्तन और उसकी कसी गुलाब के फूल जेसी योनि.. समझ ही नही आता कहा से सुरु किया जाय.. रसभरे स्तन को सहलाते हुए फिर मे उसकी योनि का रसपान करना ही ज्यादा सही समझता हु.. उसकी सिसकारियो की मधुर आवाज मुझे और अधिक उत्तेजित करने के आग में घी का काम किया करती है....
जब पहली रात को उसकी योनि की दीवार पे मेरा लिंग फंफाना रहा था उसकी आखों में मुझे साफ साफ एक डर दिखा था.. मुझे आज भी याद है कितनी मुस्किल मेने उसे मनाया था और आज का दिन ही हे बिना कुछ बोले ही कमरे पहले ही नंगी होकर मेरा बेसबरी से इंतजार करती हैं.. जैसे कोई छोटी बच्ची अपने पापा का इंतजार करती है की कब वो आई और उसे गोदी में उठा ले...
लेकिन अब मेरी प्यारी 5 फूट 3 इंच की रश्मि बड़ी सेतान हो गई है और मस्तीखोर मुझे पूरी तरह से थका देती हे...
हम काफी खुस थे समय अपनी तेजी से बढ़ रहा था.. और देखते ही देखते 5 साल हो गई.. रश्मि के जिस्म में इन पांच सालो में काफी बदलाव आई वो अब वो एक दुपली लड़की नही रही थी उसके जिस्म पे जैसे सावन दिल भर के बरसा था.. उसके स्तन भरावदार और कमर पे हल्की हल्की चर्बी आने लगी थी और उसका पूरा जिस्म और अधिक मात्रा में कामुक हो चुका था...
हम अब प्रोटेक्शन का इस्तमाल नही किया करते थे.. और एक बच्चे के लिए तरस रहे थे.. पिछले तीन साल से हम कड़ी मेहनत से एक बच्चे के लिए कोसिस में लगे थे लेकिन कोई फायदा नही हुआ.. अब डॉक्टर ने भी बोल दिया की रश्मि कभी मां नही सकती...IVf तक से बात नही बनी... रश्मि से दुख दरदास्त नही हुआ.. वो सहमी सहमी रहने लगी.. मेने उसे कहा की बच्चा गोद ले लेटे हे लेकिन वो नहीं मानी.. अब उस ने ज़िद ही पकड़ ली थी... अब वो और तरीको के बारे में जानकारी लेने लगी.. और सरोगसी से बच्चा करने लिए मुझे मनाने लगी मेने पहले माना किया फिर उसके आगे हार मान ली...
हम डॉक्टर के पास गई...
डॉक्टर – जी आप दोनो की रिपोर्ट आ गई है.. देखिए राहुल जी आप की वाइफ के एग (अंडा) से बच्चा नहीं हो सकता इस लिए हमे ट्रेडिशनल मेथड का इस्तमाल ही करना पड़ेगा.. जिस में हम आप का स्पर्म इंजेक्शन से आप की सरोगेट मदर की (वजाइना) योनि में प्रवेश करेंगे..
रश्मि – ठीक है डॉक्टर जैसा आप को सही लगे..
डॉक्टर – जी तो फिर आप सरोगेट कोख लीजिए उसके बाद हम आगे बड़ते हे...
में – डॉक्टर मेम आप ही बताइए ना हम कहा से...
रश्मि – जी आप क्या बोल रहे हो.. (रश्मि ने मेरी और हल्के गुस्से में देख कहा)
डॉक्टर – देखिए सरोगेट कोई रिश्तेदार होता है तो अच्छा रहेगा आप के लिए.. और कानूनन भी उसकी ही अनुमति है...
रश्मि – जी डॉक्टर...
में गहरी नींद में चला गया और बाहर निकल के ही रस्मी की और देख बड़ी ही मुश्किल से पूछा.. "अब क्या करे.. देखो मुझे वे सब सही नही लग रहा" मेने झिजकते हुए कहा.. मुझे पता था रश्मि के दिमाग में कोई तो है जिस वजह से वो अंदर डॉक्टर से बड़ी ही आसानी से कह दी थी "ठीक है"..नही तो में तो हल्का बक्का रह गई था सुन के जब डॉक्टर ने रिश्तेदार की बात की...
रस्मी मुस्करा के बोली "आप उसकी चिंता मत कीजिए जी.. में संभाल लूंगी.."
हम चलते हुए कार तक आ गई.. मेने गाड़ी चालू की और अपने दिल की उत्सुकता को छिपाते हुए फिर से पूछा
"देखो रश्मि अब बोल भी दो.. और में क्या कहता हु कोई अनजान लड़की होगी तो अच्छा रहेगा ना.. इसे अपनी पहचान में केसे"
रश्मि ने हस्ते हुए कहा "आप तो इसे बोल रहे हो जैसे आप को दीदी के साथ सोना पड़ेगा हा हा" रश्मि के मुंह से दीदी दिन के में एक दम से सहम सा गया.. "क्या" मेने कहा... में मन ही मन उत्तेजित हो उठा की मेरी प्यारी रश्मि की बड़ी बहन यानी कुसुम दीदी मेरे बच्चे को अपनी कोख में.. हा क्या करू मर्द हु ये तो लाजमी था.. फिर भी में अपनी खुशी जाहिर नही की और कहा "तुम ने बात की इस बारे में.. मुझे लगता है की कोई अनजान लड़की ही ठीक रहेगी"
"आप चुप रहिए.. कोई ऐरी गेरी लड़की हमारे बच्चे को 9 महीने अपने पेट में पालेगी.. कुसुम दीदी को हम जानते है..और ये भी तो सोचिए हम दोनो बहने है तो हमारा DNA भी आयेगा बच्चे में..." मेरा लिंग एकदम से तन उठा ये सुन के....
कुछ दिन बीत गई एक रात रश्मि मेरी बाहों में लेट गई और रोते हुए बोली "दीदी बोल रही है की वो तो तैयार है लेकिन जीजू नही मामंगे ये के सब लिए"
मेने रश्मि को कस के सीने से चिपका दिया और उसे सहलाते हुए कहा.... "ठीक है ना तुम रोना बंद करो.. में इस लिए ही कहा रहा था की कोई अजनबी हो तो अच्छा है"
"नही हमे क्या पता वो किसी औरत है.."
"तुम भी ना बच्चा तो हमारा ही होगा ना"
"अरे तो उसका भी खून होगा ना... में कुछ नही जानती आप बस मेरा साथ दो मेंने सोच लिया हे वो कोन होगी"
"कोन है वो"
"मां" रश्मि ने धीमे से कहा....
मेने जोर से कहा "क्या बोल रही हो तुम"
"देखिए आप को भी पता है सब से बेहतर यही रहेगा मेरी मां से बेहतर कोई औरत नही है जो हमे ये खुशी दे पाई" रश्मि ने मेरी आंखों में आंखें डालकर कहा....
"यार वो मेरी मां जेसी है उनके साथ बच्चा केसे.. तुम पागल हो गई हो" मेने उसकी और गुस्से देख कहा... लेकिन में कही न कही अपनी सासू मां को अपने दिमाग में मेरे बच्चे को अपनी कोख में लिए खड़ी हुए सोच के ही उत्तेजित हो रहा था वही बड़ा ही अजीब भी लगा की मेरी खुद की सास के साथ बच्चा
"राहुल तुम ही गलत सोच रहे हो तुम्हे मेने ये नही कहा की उनके साथ कुछ करो.. तुम्हे सिर्फ अपना स्पर्म देना ही बाकी काम अपने आप हो जायेगा.. और इतना मत सोचो कही कपल यही तरीके से बच्चा किए है बाहर"
"रश्मि मेरा वो मतलब नहीं था लेकिन तुम भी सोचो ना ये मेरे लिए कितना अजीब होगा.. वो मेरी भी मां है"
"इस लिए तो वो तैयार होगी की हो भी तुम्हे अपना नेट मानती है और एक मां अपने बेटे के लिए कुछ भी करने को तैयार होती है और यहां तो उनकी बेटी और दामाद को वो खुशी दे रही है जिस के लिए हम कब से तड़प रहे है"
"देखो में अपनी खुशी के लिए उन्हे ऐसी स्थिति में नहीं डाल सकता"
"ठीक है में कल मां को बुला लेती हू हम बैठ के ही बात करते है देख लेना वो खुशी खुशी हमारी मदद करने को तैयार होगी.." में रस्मी की बात से हैरान हो गया लेकिन मेंने आगे और बहस करना सही नहीं समझा...
एक दो दिन बाद सासू मां (लता) हमारे घर आई और जब में स्टेशन पर पहुंचा मेरी दिल की धड़कन तेज हो रही थी.. में ने देखा की सासू मां के साथ मेरी मां (पारुल) भी थी.. में सासु मां से नजरे तक नही मिला पा रहा था.. अब में उन्हे एक औरत के रूप में देख रहा था.. मेने पहली बार उनका जिस्म को ठीक से निहारा और मेरा लिंग तन गया ये सोच के की वो हा बोली तो मेरा गर्म वीर्य उनकी योनि में जायेगा और वो मेरे बच्चे की मां बनेगी...
में – मां आप ने बताया नही आप आ रहे हो...
मां – वो बेटा कब से याद आ रही थी तेरी तो आ गई और पता चला लता जी भी मिल गई...
सासुमा – बेटा यही बाते करोगे या घर भी ले जाओगे..
मां पारुल
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सासुमा लता
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Bahut badhiya update.Update 02
में जब भी सासुमा मां को देख रहा था मुझे ना जाने केसे लेकिन एक अजीब सी गुदगुदी हो रही थी.. में जाने अंजाने ही उनकी खूबसूरती को आज निहार रहा था..
घर आते ही मां सासुमा और मेरी प्यारी रश्मि गप्पे लगाने लगी.. तीनो ने मिल के खाना बनाया और हम सब से साथ में खाना खाया.. मेरी नजर बार बार सासुमा की और जा रही थी.. और जब मेरी नजर उन से टकरा जाती मुझे ऐसा लगता जैसे मेरी चोरी पकड़ी गई हो लेकिन वो बड़े ही प्यार से मुस्करा देती...
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सासुमा ने अपने आप को साड़ी से पूरी तरह से ढक रखा था लेकिन उनकी गोरी गोरी त्वचा होने से उनकी मखन सी कमर और पेट के दर्शन मुझे हो रहे थे.. में अब अंदरो अंदर चाह रहा था की कास वो पल्लू भी गिर जाय तो उनकी खुली कमर के दर्शन भी हो जाए...
रात हो गई कुछ देर यहां वहा की बातो से जब तीनो का पेट भर गया हम सोने की तैयारी करने लगे...
मां और सासुमा एक कमरे में चली गई हम हमारे.. रश्मि ने दरवाजा बंद किया और मेरे सामने ही कपड़े उतार दिए.. उफ्फ दिल हुआ की उसकी गुलाबी ब्रा को अभी खोल के उसके स्तनों का रसपान और उसकी योनि को तृप्त किया जाय.. उसकी आखों में भी अजीब सी चमक थी और होठों पे मुस्कान...
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में फट से खड़ा हुआ और उसके पैरो में बैठ गया..और उसके पेट को चूमने लगा.. और इसकी योनि की और हाथ बड़ा दिए...
रस्मी – क्या आप भी ना.. में कही भाग तो नही रही.. रुकिए जरा...
में – यार प्लीज बस एक बार इसे बाहर निकालो जरा सा प्यार करूंगा पक्का...
रस्मी न मुझे धक्का दिया और और अपना गाउन पहनने लगी.. में मुंह लटता के बोला "यार इतना क्या तड़पा रही हो खुद ही आग लगा के अब..."
रश्मि मेरी और देख इसे बोली जैसे एक मां अपने छोटे बच्चे को समझा रही हो "आआ मेरे बेबी.. कल पक्का.. ये भी और ये भी" रश्मि न अपनी योनि और स्तन की और इशारा किया... और फिर गंभीर होके बोली
रश्मि – सुनिए में मां से वो बात कर लेती हू..
में – लेकिन...( मेने अपनी शर्म जताई)
रश्मि – आप इतना मत सोचो में बात समझा दूंगी और मां समझ जायेगी...
और रश्मि कमरे से बाहर निकल गई....
कुछ देर बाद वो वापस आई और उसकी आखों की चमक और होठों की मुस्कान देख मुझे समझने देर नही लगी...और में आने वाले कल का सोच के परेशान होने के साथ ही मेरा बच्चा मेरी सासुमा अपनी कोख में पालेगी ये सोच उत्तेजित भी हुआ...
रश्मि – बात हो गई... इतना कह के रश्मि मेरी बाहों में चुप गई और रोने लगी...
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और हम ने ज्यादा बाते नही की और में उसके सर को सहलाता रहा जब तक वो सो न गई...
उसके सोने के बाद में बाहर निकल आया और खुले आसमान की और देख मुस्करा दिया...क्या से क्या हो गया कुछ दिन में... कल तक हम बच्चे के तरस रहे थे आज एक सरोगेट मां मिली वो भी कोन मेरी सासुमा.. क्या किस्मत है.. और में खुद को इतना खुशकिस्मत समझ रहा था की क्या कहूं.. मेरे दिल सासुमा मां के लिए इज्जत लाख गुना बढ़ गई.. और पुर दिल से इनका सुक्रिया कहा अपने ही दिल से मन में ही.. हा मुझे पता था इसी बात में उनके आगे नही करने वाला कभी.. हा कुछ पल में उन्हे उस नजर से एक दिन से देख रहा हु लेकिन में खुद को संभाल लेना चाहता था....
Wow Milky aunty such a beautiful womanकिस किस की माँ संस्कारी देसी है ?किस किस की माँ कमरे में तुम लोग के आगे कपड़े बदलती हैं ?कोन कोन ऐसे देखता है अपनी संस्कारी माँ को और कोन कोन मजे लेता है माँ को देख कर बताओ सभी ??
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Wow Milky aunty such a beautiful womanकिस किस की माँ संस्कारी देसी है ?किस किस की माँ कमरे में तुम लोग के आगे कपड़े बदलती हैं ?कोन कोन ऐसे देखता है अपनी संस्कारी माँ को और कोन कोन मजे लेता है माँ को देख कर बताओ सभी ??
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बिलकुल सही कहा भाई, अगले अपडेट की उत्सुकता से प्रतीक्षा रहेगी.....Wow Milky aunty such a beautiful woman
Aur bhai maa bholi hi Hoti he tabhi apana vo khajana bhi luta deti he hum pe jis ke liye papa ko shaadi karni padi thi aur maa ne 18+ sal jis khubsurti ko chupa ke rakhna tha.. aur jis jism ko dekhane ke liye kai mard marate he...
Lekin kyu vo Hume ye dekhane se nahi rokti.. kyo ki maa ko apane bete pe hi trust hota he ki ye mere jism se nahi muj se pyar karata he aur ise koi fark nahi padega...