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Jyda lambi nahi hogi.. nahi toh khtam nahi ho pati... Likhi toh heमित्र क्या इससे पहले भी आपने कोई कहानी लिखी थी और ये कहानी क्या लंबी चलेगी या शॉर्ट रहेगी ?
Achha response raha toh season 2 aayegaa
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Jyda lambi nahi hogi.. nahi toh khtam nahi ho pati... Likhi toh heमित्र क्या इससे पहले भी आपने कोई कहानी लिखी थी और ये कहानी क्या लंबी चलेगी या शॉर्ट रहेगी ?
कहानी जितनी लंबी हो उतना ज्यादा मजा आता है, वैसे सीजन 2 का आइडिया भी अच्छा है!Jyda lambi nahi hogi.. nahi toh khtam nahi ho pati... Likhi toh he
Achha response raha toh season 2 aayegaa
Ha yahi baccha ho vaha tak ye kahani hogi uske baad dekhate heकहानी जितनी लंबी हो उतना ज्यादा मजा आता है, वैसे सीजन 2 का आइडिया भी अच्छा है!
आपको एक संदेश भेजना चाहता था मगर आपने PM स्वीकार करना बंद कर रखा है अगर संभव हो तो पुनः उसे चालू करे!Ha yahi baccha ho vaha tak ye kahani hogi uske baad dekhate he
Ji ha ab karo on heआपको एक संदेश भेजना चाहता था मगर आपने PM स्वीकार करना बंद कर रखा है अगर संभव हो तो पुनः उसे चालू करे!
Super duper interesting story lust jiUpdate 02
में जब भी सासुमा मां को देख रहा था मुझे ना जाने केसे लेकिन एक अजीब सी गुदगुदी हो रही थी.. में जाने अंजाने ही उनकी खूबसूरती को आज निहार रहा था..
घर आते ही मां सासुमा और मेरी प्यारी रश्मि गप्पे लगाने लगी.. तीनो ने मिल के खाना बनाया और हम सब से साथ में खाना खाया.. मेरी नजर बार बार सासुमा की और जा रही थी.. और जब मेरी नजर उन से टकरा जाती मुझे ऐसा लगता जैसे मेरी चोरी पकड़ी गई हो लेकिन वो बड़े ही प्यार से मुस्करा देती...
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सासुमा ने अपने आप को साड़ी से पूरी तरह से ढक रखा था लेकिन उनकी गोरी गोरी त्वचा होने से उनकी मखन सी कमर और पेट के दर्शन मुझे हो रहे थे.. में अब अंदरो अंदर चाह रहा था की कास वो पल्लू भी गिर जाय तो उनकी खुली कमर के दर्शन भी हो जाए...
रात हो गई कुछ देर यहां वहा की बातो से जब तीनो का पेट भर गया हम सोने की तैयारी करने लगे...
मां और सासुमा एक कमरे में चली गई हम हमारे.. रश्मि ने दरवाजा बंद किया और मेरे सामने ही कपड़े उतार दिए.. उफ्फ दिल हुआ की उसकी गुलाबी ब्रा को अभी खोल के उसके स्तनों का रसपान और उसकी योनि को तृप्त किया जाय.. उसकी आखों में भी अजीब सी चमक थी और होठों पे मुस्कान...
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में फट से खड़ा हुआ और उसके पैरो में बैठ गया..और उसके पेट को चूमने लगा.. और इसकी योनि की और हाथ बड़ा दिए...
रस्मी – क्या आप भी ना.. में कही भाग तो नही रही.. रुकिए जरा...
में – यार प्लीज बस एक बार इसे बाहर निकालो जरा सा प्यार करूंगा पक्का...
रस्मी न मुझे धक्का दिया और और अपना गाउन पहनने लगी.. में मुंह लटता के बोला "यार इतना क्या तड़पा रही हो खुद ही आग लगा के अब..."
रश्मि मेरी और देख इसे बोली जैसे एक मां अपने छोटे बच्चे को समझा रही हो "आआ मेरे बेबी.. कल पक्का.. ये भी और ये भी" रश्मि न अपनी योनि और स्तन की और इशारा किया... और फिर गंभीर होके बोली
रश्मि – सुनिए में मां से वो बात कर लेती हू..
में – लेकिन...( मेने अपनी शर्म जताई)
रश्मि – आप इतना मत सोचो में बात समझा दूंगी और मां समझ जायेगी...
और रश्मि कमरे से बाहर निकल गई....
कुछ देर बाद वो वापस आई और उसकी आखों की चमक और होठों की मुस्कान देख मुझे समझने देर नही लगी...और में आने वाले कल का सोच के परेशान होने के साथ ही मेरा बच्चा मेरी सासुमा अपनी कोख में पालेगी ये सोच उत्तेजित भी हुआ...
रश्मि – बात हो गई... इतना कह के रश्मि मेरी बाहों में चुप गई और रोने लगी...
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और हम ने ज्यादा बाते नही की और में उसके सर को सहलाता रहा जब तक वो सो न गई...
उसके सोने के बाद में बाहर निकल आया और खुले आसमान की और देख मुस्करा दिया...क्या से क्या हो गया कुछ दिन में... कल तक हम बच्चे के तरस रहे थे आज एक सरोगेट मां मिली वो भी कोन मेरी सासुमा.. क्या किस्मत है.. और में खुद को इतना खुशकिस्मत समझ रहा था की क्या कहूं.. मेरे दिल सासुमा मां के लिए इज्जत लाख गुना बढ़ गई.. और पुर दिल से इनका सुक्रिया कहा अपने ही दिल से मन में ही.. हा मुझे पता था इसी बात में उनके आगे नही करने वाला कभी.. हा कुछ पल में उन्हे उस नजर से एक दिन से देख रहा हु लेकिन में खुद को संभाल लेना चाहता था....