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भाई बहन की गर्म रात
रात के ग्यारह बज चुके थे। घर में सन्नाटा पसरा हुआ था। मम्मी-पापा बाहर गए हुए थे, और दीदी रिया और उसका छोटा भाई अर्जुन अकेले थे। रिया 22 साल की थी, कालेज की स्टूडेंट, जिसकी बॉडी कमाल की थी – गोरी चिट्टी त्वचा, मोटे होंठ, और कसी हुई गांड। अर्जुन 19 का था, लेकिन उसकी आंखों में हमेशा दीदी के लिए एक अजीब सी चाहत झलकती थी। आज रिया ने छोटा सा नाइट गाउन पहना था, जो उसके क्लीवेज को हल्का सा ढक रहा था, और नीचे कुछ भी नहीं।
अर्जुन लिविंग रूम में टीवी देख रहा था, लेकिन उसकी नजरें दीदी पर टिकी हुई थीं जो किचन से पानी लेकर आई। "दीदी, आज रात तो मम्मी-पापा कल सुबह तक नहीं आएंगे," अर्जुन ने हंसते हुए कहा, अपनी आंखें नीचे सरका कर।
रिया ने मुस्कुरा कर उसके पास सोफे पर बैठ गई। "हां भाई, तो क्या? तू तो खुश हो गया ना, अकेले रहने का मौका मिला।" उसकी आवाज में एक शरारत थी। अर्जुन का दिल धड़कने लगा। वो हमेशा से दीदी के करीब आना चाहता था, लेकिन कभी हिम्मत न हुई। आज शायद मौका था।
"दीदी, तू कितनी हॉट लग रही है आज," अर्जुन ने अचानक कहा, और अपना हाथ उसके कंधे पर रख दिया। रिया चौंकी, लेकिन हटी नहीं। बल्कि, उसने अपनी जांघ उसके करीब सरका दी। "अरे भाई, ये क्या बात कर रहा है? मैं तेरी दीदी हूं।" लेकिन उसकी आंखों में चमक थी, जैसे वो भी इंतजार कर रही हो।
अर्जुन ने हिम्मत जुटाई और कहा, "दीदी, सच कहूं तो मैं तुझे हमेशा से चाहता हूं। तेरी वो सॉफ्ट स्किन, तेरे होंठ... मैं सोचता हूं तो रातों को नींद नहीं आती।" रिया का चेहरा लाल हो गया, लेकिन वो हंस पड़ी। "ओहो, तो मेरा छोटा भाई बड़ा हो गया है? तुझे क्या चाहिए मुझसे? बोल ना, खुलकर।"
अर्जुन ने उसका हाथ पकड़ लिया। "दीदी, मैं तुझे चूमना चाहता हूं। तेरी बॉडी को छूना चाहता हूं। प्लीज, सिर्फ आज के लिए।" रिया ने सांस ली, और धीरे से कहा, "ठीक है भाई, लेकिन ये हमारा राज रहेगा। आ, मेरे पास आ।" वो उठी और बेडरूम की तरफ चली गई। अर्जुन उसके पीछे-पीछे गया, उसकी गांड की मोटाई देखते हुए उसका लंड खड़ा हो गया।
बेडरूम में, रिया बेड पर लेट गई। "आ भाई, पहले मुझे किस कर।" अर्जुन उसके ऊपर झुका और उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए। किस गहरा हो गया, जीभें लड़ने लगीं। रिया की सांसें तेज हो गईं। "उम्म... भाई, तेरी किस तो कमाल है। और कर, मेरे मम्मे दबा।" अर्जुन ने अपना हाथ उसके नाइट गाउन के अंदर डाल दिया और उसके सॉफ्ट ब्रेस्ट्स को मसलने लगा। निप्पल्स सख्त हो चुके थे। "दीदी, तेरे चुचे कितने नरम हैं। मैं इन्हें चूसना चाहता हूं।"
"चूस ले भाई, ये तेरे हैं आज," रिया ने आह भरी। अर्जुन ने गाउन ऊपर किया और उसके एक ब्रेस्ट को मुंह में ले लिया। चूसते हुए वो दूसरा दबा रहा। रिया की चीख निकल गई, "आह्ह... हां भाई, ऐसे ही। तेरी जीभ कितनी गर्म है। नीचे भी उतार, मेरी चूत गीली हो रही है।" अर्जुन का लंड पैंट में तन गया। वो नीचे सरका, रिया का गाउन पूरी तरह ऊपर कर दिया। उसके बालों वाली चूत चमक रही थी, रस से भीगी हुई।
"दीदी, तेरी चूत कितनी सुंदर है। गुलाबी और रसीली," अर्जुन ने कहा, और अपना चेहरा उसके जांघों के बीच रख दिया। रिया ने अपनी टांगें फैला दीं। "हां भाई, चाट ले मेरी चूत। मैं तुझे चखना चाहती हूं।" अर्जुन ने अपनी जीभ निकाली और उसके क्लिट पर रगड़ा। रिया सिहर उठी, "ओह्ह... येस भाई, वहां चाट। तेरी जीभ अंदर डाल।"
अर्जुन ने जीभ को चूत के होंठों पर फेरा, फिर अंदर डाल दिया। स्वाद खट्टा-मीठा था, लेकिन उसे पागल कर रहा था। वो चूसने लगा, क्लिट को चाटते हुए। रिया के हाथ उसके बालों में उलझ गए। "आह्ह... भाई, कितना अच्छा लगा रहा है। तेरी चाट से मेरी चूत जल रही है। और तेज चाट, चूस ले मेरे रस को।" अर्जुन ने स्पीड बढ़ा दी, जीभ को अंदर-बाहर करने लगा। रिया की कमर उभरने लगी, "हां... हां भाई, मैं झड़ने वाली हूं। मत रुकना!"
कुछ ही मिनटों में रिया का शरीर कांप उठा। "आह्ह्ह... आ गया भाई! तेरी चाट ने मुझे झाड़ दिया!" उसकी चूत से रस बहने लगा, जो अर्जुन ने चाट लिया। वो ऊपर आया, मुंह पर चूत का रस चिपका हुआ। रिया ने उसे किस किया, अपना ही स्वाद चखते हुए। "भाई, अब तेरा लंड देखूं? निकाल, मैं तेरे को हिलाऊंगी।"
अर्जुन ने पैंट उतारी, उसका मोटा लंड बाहर आ गया। रिया ने उसे पकड़ा, "वाह भाई, कितना सा लंड है तेरा। काला और मोटा।" वो हिलाने लगी, अर्जुन की सांसें तेज हो गईं। "दीदी, तेरी हाथों की गर्मी... मैं झड़ जाऊंगा।" लेकिन रिया रुकी, "नहीं भाई, पहले मेरी चूत में डाल। चोद मुझे।"
अर्जुन ने अपना लंड उसके चूत के मुंह पर रखा और धक्का दिया। रिया चीखी, "आह्ह... धीरे भाई, तेरी मोटाई से फट रही है।" लेकिन जल्दी ही वो एंजॉय करने लगी। "हां, चोद भाई, अपनी दीदी को चोद। तेज धक्के मार।" अर्जुन ने स्पीड बढ़ा दी, कमर हिलाते हुए। कमरा उनकी चीखों और थप्पड़ की आवाजों से गूंज उठा। "दीदी, तेरी चूत कितनी टाइट है। मैं रोज तुझे चोदना चाहता हूं।"
"हां भाई, रोज चोदना। तू मेरा प्रेमी है अब," रिया ने कहा, अपनी गांड ऊपर करके। आखिरकार, अर्जुन झड़ गया, "दीदी, आ गया!" गर्म वीर्य चूत में भर गया। दोनों हांफते हुए लेट गए, एक-दूसरे को गले लगाकर। "ये रात हम भूलेंगे नहीं भाई," रिया ने फुसफुसाया।
रात के ग्यारह बज चुके थे। घर में सन्नाटा पसरा हुआ था। मम्मी-पापा बाहर गए हुए थे, और दीदी रिया और उसका छोटा भाई अर्जुन अकेले थे। रिया 22 साल की थी, कालेज की स्टूडेंट, जिसकी बॉडी कमाल की थी – गोरी चिट्टी त्वचा, मोटे होंठ, और कसी हुई गांड। अर्जुन 19 का था, लेकिन उसकी आंखों में हमेशा दीदी के लिए एक अजीब सी चाहत झलकती थी। आज रिया ने छोटा सा नाइट गाउन पहना था, जो उसके क्लीवेज को हल्का सा ढक रहा था, और नीचे कुछ भी नहीं।
अर्जुन लिविंग रूम में टीवी देख रहा था, लेकिन उसकी नजरें दीदी पर टिकी हुई थीं जो किचन से पानी लेकर आई। "दीदी, आज रात तो मम्मी-पापा कल सुबह तक नहीं आएंगे," अर्जुन ने हंसते हुए कहा, अपनी आंखें नीचे सरका कर।
रिया ने मुस्कुरा कर उसके पास सोफे पर बैठ गई। "हां भाई, तो क्या? तू तो खुश हो गया ना, अकेले रहने का मौका मिला।" उसकी आवाज में एक शरारत थी। अर्जुन का दिल धड़कने लगा। वो हमेशा से दीदी के करीब आना चाहता था, लेकिन कभी हिम्मत न हुई। आज शायद मौका था।
"दीदी, तू कितनी हॉट लग रही है आज," अर्जुन ने अचानक कहा, और अपना हाथ उसके कंधे पर रख दिया। रिया चौंकी, लेकिन हटी नहीं। बल्कि, उसने अपनी जांघ उसके करीब सरका दी। "अरे भाई, ये क्या बात कर रहा है? मैं तेरी दीदी हूं।" लेकिन उसकी आंखों में चमक थी, जैसे वो भी इंतजार कर रही हो।
अर्जुन ने हिम्मत जुटाई और कहा, "दीदी, सच कहूं तो मैं तुझे हमेशा से चाहता हूं। तेरी वो सॉफ्ट स्किन, तेरे होंठ... मैं सोचता हूं तो रातों को नींद नहीं आती।" रिया का चेहरा लाल हो गया, लेकिन वो हंस पड़ी। "ओहो, तो मेरा छोटा भाई बड़ा हो गया है? तुझे क्या चाहिए मुझसे? बोल ना, खुलकर।"
अर्जुन ने उसका हाथ पकड़ लिया। "दीदी, मैं तुझे चूमना चाहता हूं। तेरी बॉडी को छूना चाहता हूं। प्लीज, सिर्फ आज के लिए।" रिया ने सांस ली, और धीरे से कहा, "ठीक है भाई, लेकिन ये हमारा राज रहेगा। आ, मेरे पास आ।" वो उठी और बेडरूम की तरफ चली गई। अर्जुन उसके पीछे-पीछे गया, उसकी गांड की मोटाई देखते हुए उसका लंड खड़ा हो गया।
बेडरूम में, रिया बेड पर लेट गई। "आ भाई, पहले मुझे किस कर।" अर्जुन उसके ऊपर झुका और उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए। किस गहरा हो गया, जीभें लड़ने लगीं। रिया की सांसें तेज हो गईं। "उम्म... भाई, तेरी किस तो कमाल है। और कर, मेरे मम्मे दबा।" अर्जुन ने अपना हाथ उसके नाइट गाउन के अंदर डाल दिया और उसके सॉफ्ट ब्रेस्ट्स को मसलने लगा। निप्पल्स सख्त हो चुके थे। "दीदी, तेरे चुचे कितने नरम हैं। मैं इन्हें चूसना चाहता हूं।"
"चूस ले भाई, ये तेरे हैं आज," रिया ने आह भरी। अर्जुन ने गाउन ऊपर किया और उसके एक ब्रेस्ट को मुंह में ले लिया। चूसते हुए वो दूसरा दबा रहा। रिया की चीख निकल गई, "आह्ह... हां भाई, ऐसे ही। तेरी जीभ कितनी गर्म है। नीचे भी उतार, मेरी चूत गीली हो रही है।" अर्जुन का लंड पैंट में तन गया। वो नीचे सरका, रिया का गाउन पूरी तरह ऊपर कर दिया। उसके बालों वाली चूत चमक रही थी, रस से भीगी हुई।
"दीदी, तेरी चूत कितनी सुंदर है। गुलाबी और रसीली," अर्जुन ने कहा, और अपना चेहरा उसके जांघों के बीच रख दिया। रिया ने अपनी टांगें फैला दीं। "हां भाई, चाट ले मेरी चूत। मैं तुझे चखना चाहती हूं।" अर्जुन ने अपनी जीभ निकाली और उसके क्लिट पर रगड़ा। रिया सिहर उठी, "ओह्ह... येस भाई, वहां चाट। तेरी जीभ अंदर डाल।"
अर्जुन ने जीभ को चूत के होंठों पर फेरा, फिर अंदर डाल दिया। स्वाद खट्टा-मीठा था, लेकिन उसे पागल कर रहा था। वो चूसने लगा, क्लिट को चाटते हुए। रिया के हाथ उसके बालों में उलझ गए। "आह्ह... भाई, कितना अच्छा लगा रहा है। तेरी चाट से मेरी चूत जल रही है। और तेज चाट, चूस ले मेरे रस को।" अर्जुन ने स्पीड बढ़ा दी, जीभ को अंदर-बाहर करने लगा। रिया की कमर उभरने लगी, "हां... हां भाई, मैं झड़ने वाली हूं। मत रुकना!"
कुछ ही मिनटों में रिया का शरीर कांप उठा। "आह्ह्ह... आ गया भाई! तेरी चाट ने मुझे झाड़ दिया!" उसकी चूत से रस बहने लगा, जो अर्जुन ने चाट लिया। वो ऊपर आया, मुंह पर चूत का रस चिपका हुआ। रिया ने उसे किस किया, अपना ही स्वाद चखते हुए। "भाई, अब तेरा लंड देखूं? निकाल, मैं तेरे को हिलाऊंगी।"
अर्जुन ने पैंट उतारी, उसका मोटा लंड बाहर आ गया। रिया ने उसे पकड़ा, "वाह भाई, कितना सा लंड है तेरा। काला और मोटा।" वो हिलाने लगी, अर्जुन की सांसें तेज हो गईं। "दीदी, तेरी हाथों की गर्मी... मैं झड़ जाऊंगा।" लेकिन रिया रुकी, "नहीं भाई, पहले मेरी चूत में डाल। चोद मुझे।"
अर्जुन ने अपना लंड उसके चूत के मुंह पर रखा और धक्का दिया। रिया चीखी, "आह्ह... धीरे भाई, तेरी मोटाई से फट रही है।" लेकिन जल्दी ही वो एंजॉय करने लगी। "हां, चोद भाई, अपनी दीदी को चोद। तेज धक्के मार।" अर्जुन ने स्पीड बढ़ा दी, कमर हिलाते हुए। कमरा उनकी चीखों और थप्पड़ की आवाजों से गूंज उठा। "दीदी, तेरी चूत कितनी टाइट है। मैं रोज तुझे चोदना चाहता हूं।"
"हां भाई, रोज चोदना। तू मेरा प्रेमी है अब," रिया ने कहा, अपनी गांड ऊपर करके। आखिरकार, अर्जुन झड़ गया, "दीदी, आ गया!" गर्म वीर्य चूत में भर गया। दोनों हांफते हुए लेट गए, एक-दूसरे को गले लगाकर। "ये रात हम भूलेंगे नहीं भाई," रिया ने फुसफुसाया।