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Incest भाई बहन की कहानियां (Unlimited Short Stories)

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siyasingh

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बीवी के साथ बहन की चुदाई – 2

अगली सुबह, राहुल की आँखें खुलीं। पट्टी हटाने के बाद वह कमरे में अकेला था। सीमा चली गई थी, लेकिन उसकी यादें ताज़ा थीं। लंड चूसने का वो अहसास... चूचियों की वो नरमी। कुछ अलग सा लगा था। वह उठा और बाहर आया। स्वेता रसोई में थी, चाय बना रही। जब राहुल ने उसे देखा, तो अचानक याद आ गया। वो चूचियाँ... बड़ी और सख्त। स्वेता की ही तो थीं।

राहुल का दिल धड़कने लगा। "स्वेता... कल रात..." वह रुक गया। स्वेता ने मुड़कर देखा, उसके चेहरे पर शरारत की मुस्कान थी। "क्या भैया? कुछ कहना था?"

राहुल ने पास आकर पूछा, "कल रात कमरे में... वो तू थी ना?" स्वेता ने शरमाते हुए सिर हिलाया। "हाँ भैया। भाभी ने कहा था, आपको सरप्राइज़ मिलेगा। इतना स्वादिष्ट था।"

राहुल स्तब्ध रह गया। लेकिन क्रोध की बजाय, उसके मन में एक अजीब सी उत्तेजना जागी। अपनी बहन... वो मुंह में ले रही थी। चूचियों से रगड़ रही थी। रात भर वो सोचता रहा। धीरे-धीरे, स्वेता को चोदने का मन करने लगा। वो बड़ी बड़ी चूचियाँ, वो मासूम चेहरा... सब कुछ आकर्षित कर रहा था।

कुछ दिनों बाद, राहुल और सीमा बिस्तर पर थे। राहुल सीमा को चोद रहा था, लेकिन उसके मन में स्वेता घूम रही थी। "सीमा... कल्पना कर, अगर मैं स्वेता को चोद रहा होता," राहुल ने फुसफुसाते हुए कहा, अपना लंड सीमा की चूत में तेज़ी से डालते हुए।

सीमा मुस्कुराई, उत्तेजित हो गई। "हाँ राहुल, सोचो ना। स्वेता तेरी बहन है, लेकिन कितनी हॉट। तू उसकी चूचियाँ चूस रहा है, वो तेरे लंड पर सवार हो रही है। 'भैया, चोदो मुझे,' कह रही है।" सीमा ने राहुल की पीठ सहलाते हुए रोलप्ले में उतर गई।

राहुल का लंड और सख्त हो गया। "हाँ... स्वेता, तेरी चूत कितनी टाइट होगी। मैं तुझे चोदूँगा, तेरी चीखें सुनूँगा।" वह तेज़ी से धक्के मारने लगा।

"ओह राहुल, स्वेता की तरह मैं चिल्ला रही हूँ। 'भैया, और अंदर डालो,'" सीमा कराही। दोनों रोलप्ले में खो गए, सीमा पूरी तरह समर्थन दे रही थी। "अपनी बहन को
चोदना है तो बोलो राहुल, मैं तेरी मदद करूँगी।"

इस रोलप्ले ने राहुल की इच्छा और भड़का दी। एक रात, राहुल ने सीमा से कहा, "सीमा, मैं स्वेता को छूना चाहता हूँ। लेकिन पता ना चले।"

सीमा ने चालाकी से मुस्कुराया। "ठीक है। प्लान है। आज रात अंधेरे में, मैं स्वेता को तेरी बगल में सुला दूँगी। तू जताना कि मैं हूँ। उसकी चूचियाँ चूसना, चूत चाटना... सब कुछ। वो अनजान बनेगी, लेकिन मजा लेगी।"

दूसरी तरफ, सीमा ने स्वेता को बताया। "स्वेता, आज रात तू मेरी जगह सो जाना। अंधेरा होगा, भैया को पता नहीं चलेगा। तू सीमा बनकर व्यवहार करना। वो तेरी चूचियाँ चूसेगा, चूत चाटेगा। तू कराहना, लेकिन नाम मत लेना।"

स्वेता उत्साहित हो गई। "हाँ भाभी। मैं तैयार हूँ। भैया का मुंह मेरी चूत पर... उफ्फ।"

रात हुई। कमरा अंधेरा था। राहुल बिस्तर पर लेटा। सीमा ने स्वेता को धीरे से सुला दिया और बाहर जाकर छिप गई, दरवाजे से झाँकने लगी। स्वेता ने साड़ी ढीली कर ली, चूचियाँ बाहर। राहुल ने हाथ बढ़ाया, सोचकर कि सीमा है। "सीमा, आज तू कितनी गर्म लग रही है।"

स्वेता ने सीमा की आवाज़ में जवाब दिया, "हाँ राहुल, छू लो मुझे।" राहुल ने उसकी चूचियों को पकड़ा। बड़ी, सख्त। "आह... ये तो..." लेकिन अंधेरे में कुछ नहीं कहा। वह मुंह झुकाया और एक निप्पल मुंह में ले लिया। चूसने लगा, जीभ से घुमाते हुए।

स्वेता सिहर उठी। "ओह राहुल... चूसो ऐसे ही।" वह कराही, लेकिन मन ही मन सोच रही थी, भैया का मुंह मेरी चूचियों पर। राहुल दूसरी चूची चूसने लगा, काटते हुए, चूसते हुए। स्वेता की साँसें तेज़ हो गईं।

सीमा बाहर से देख रही थी, अपनी चूत सहलाते हुए। "हाँ... मजा लो दोनों भाई बहन।" वह फुसफुसाई।

राहुल नीचे हाथ ले गया। स्वेता की साड़ी ऊपर की, चूत पर उँगलियाँ फेरी। गीली थी। "सीमा, तेरी चूत आज कितनी भीगी है।" वह झुक गया, जीभ से चूत चाटने लगा। क्लिट को चूसा, होंठों से चूत के पत्ते खींचे।

स्वेता की कमर उचकने लगी। "आह... राहुल, चाटो गहराई से। जीभ अंदर डालो।" वह सीमा बनकर बोल रही थी, लेकिन उत्तेजना असली थी। राहुल की जीभ चूत में घुस-घुस कर चाट रही थी, सलाइवा से चूत चमक रही थी।

स्वेता चरम पर पहुँच गई। "राहुल... मैं आ रही हूँ!" वह चीखी, चूत से रस निकल आया। राहुल ने सब चाट लिया। खुद भी उत्तेजित होकर लंड से वीर्य निकाल दिया, बिना छुए। "सीमा... कितना मजा आया।"

स्वेता मुस्कुराई, अनजान बनकर। सीमा बाहर से देखकर खुद भी झड़ गई, उँगलियों से। प्लान काम कर गया। दोनों को लग रहा था, सब गुप्त है। लेकिन सीमा जानती थी, ये तो बस शुरुआत है।
 

siyasingh

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बीवी के साथ बहन की चुदाई – 3 (final)

अगली रात, घर में फिर वही साजिश रची गई। सीमा ने स्वेता को कहा, 'आज रात तू फिर मेरी जगह सो जाना। लेकिन इस बार भैया को थोड़ा और आगे ले जाना। वो तेरी चूत में लंड डाल देगा, अनजान बनकर। तू कराहना, मजा लेना।' स्वेता की आँखें चमक उठीं। 'भाभी, हाँ... मैं तैयार हूँ। भैया का लंड मेरी चूत में... उफ्फ, सोचकर ही गीली हो गई।'

राहुल को सीमा ने फुसलाया, 'राहुल, आज रात तू अपनी 'बीवी' को चोद देना। चूचियाँ चूसना, चूत चाटना... फिर लंड डाल देना। वो अनजान बनेगी, लेकिन तूझे पता है कि ये तेरी बहन है। बहनचोद बन जा आज।' राहुल का लंड सख्त हो गया। 'हाँ सीमा, मैं स्वेता को चोदूँगा। अपनी बहन को चोदूंगा। उसकी टाइट चूत फाड़ दूँगा।'

रात गहराई। कमरा अंधेरा था। सीमा ने स्वेता को बिस्तर पर सुला दिया और बाहर छिप गई। स्वेता ने साड़ी पूरी खोल दी, नंगी लेटी। राहुल आया, बगल में लेटा। 'सीमा, आज तू कितनी हॉट लग रही है।' उसने हाथ बढ़ाया, स्वेता की चूचियों को मसलने लगा। निप्पल्स को चूसा, काटा। स्वेता कराही, 'आह राहुल... चूसो मेरी चूचियाँ। और जोर से।'

थोड़ी देर चूचियां चूसने के बाद राहुल नीचे गया, स्वेता की चूत पर जीभ फेरी। चाटने लगा, क्लिट को चूसा। स्वेता की कमर उछलने लगी। 'ओह... राहुल, तेरी जीभ कितनी जादुई है। चूत में घुसाओ।' राहुल ने जीभ अंदर डाली, चूस-चूसकर चाटा। स्वेता को बहुत मजा आ रहा था ये सोचकर कि उसके भैया अपनी बहन की चुत चाट रहे हैं।स्वेता झड़ने लगी, लेकिन रुकी। 'अभी नहीं... लंड दो।'

राहुल ऊपर आया, अपना सख्त लंड स्वेता की चूत पर रगड़ा। 'सीमा, तेरी चूत कितनी गर्म है।' वह धीरे से डाला। स्वेता की चूत टाइट थी, लंड को निचोड़ रही थी। 'आह... राहुल, गहरा डालो। चोदो मुझे।' स्वेता ने सीमा बनकर कहा, लेकिन मन ही मन सोच रही थी, भैया का लंड मेरी चूत में... कितना मोटा, लंबा।

राहुल ने धक्के मारने शुरू किए। तेज़, गहरे। 'सीमा... तू कितनी टाइट है आज। मैं तुझे चोद रहा हूँ, तेरी चीखें सुन रहा हूं।' लेकिन वो जानता था, ये स्वेता है उसकी सगी बहन। बहन की चूत चोद रहा है। ये सोचकर उसकी उत्तेजना दोगुनी हो गई। स्वेता कराह रही थी, 'हाँ राहुल... चोदो जोर से। तेरे लंड से चूत फट रही है। आह... भैया...' वो रुक गई, लेकिन कराह में मुंह से भैया निकल आया। राहुल अपनी बहन के मुंह से अपना नाम सुनकर और उत्तेजित हो गया। राहुल मुस्कुराया, और तेज़ तेज अपनी बहन की चूत में अपना लण्ङ अन्दर बाहर करने लगा। राहुल बोला ’स्वेता तू’ । स्वेता ने सिसकारी लेते हुए कहा हा भैया, मैं ही हूं आपकी बहन जिसकी चूत मे आपका लण्ङ अन्दर तक जा चुका है। चोदो भैया.. और जोर से.. आह। राहुल बोला ’हा स्वेता, ले मेरा लण्ङ अपनी चूत मे। तेरी चूत चोदने में बहुत मजा आ रहा है मेरी बहन।’

सीमा बाहर से देख रही थी, अपनी चूत में उंगली डालकर अपने चूत का मजा ले रही थी। 'हाँ... बहनचोद बन गया राहुल। स्वेता, मजा ले अपनी भाई की चुदाई का।' स्वेता की चूचियाँ उछल रही थीं, राहुल उन्हें चूसते हुए धक्के मार रहा। 'स्वेता... ओह स्वेता, तेरी चूत कितनी मीठी है।' राहुल फुसफुसाया, लेकिन स्वेता ने सुना और उत्तेजना में खो गई। भैया... चोदो, मैं तेरी हूँ।'

दोनों की स्पीड बढ़ी। राहुल ने स्वेता की टांगें कंधों पर रखीं, गहराई से चोदने लगा। 'आह... स्वेता, मैं झड़ने वाला हूँ। तेरी चूत में वीर्य डालूँगा।' स्वेता चीखी, 'हाँ भैया... डालो अंदर। मैं भी आ रही हूँ!' दोनों एक साथ झड़ गए। राहुल का गर्म वीर्य से स्वेता की चूत भर गया, स्वेता का रस लंड पर बहा। वो थरथरा रही थी, मजा ले रही थी। राहुल खुश था बहनचोद बनकर। 'स्वेता, कितना अच्छा लगा। तू मेरी हो गई।'

स्वेता ने गले लगाया, 'भैया... हाँ, मैं तेरी हूँ भैया। अब जब मन करे अपनी बहन को चोद देना, लेकिन सब गुप्त रखना।' सीमा ने सुना, मुस्कुराई। प्लान काम कर गया।

अगली रात, सब खुल गया। सीमा ने कहा, 'अब छिपाने की ज़रूरत नहीं। आज रात तुम दोनों मेरे सामने चुदाई करो। फिर मैं भी शामिल हो जाऊंगी।' राहुल और स्वेता सहमत थे। तीनों बिस्तर पर आ गये। राहुल ने स्वेता को नंगा किया, चूचियाँ चूसीं। 'स्वेता, तेरी ये बड़ी बड़ी चूचियाँ... चूसने में बहुत मज़ा आता है।' स्वेता हँसी, 'भैया, चूसो। भाभी, देखो ना, भैया कितना बेकाबू हो गए हैं।'

सीमा देख रही थी, 'हाँ स्वेता, चोद ले अपनी बहन को राहुल। मैं देखूँगी।' राहुल ने स्वेता को लिटाया, लंड चूत पर रगड़ा। 'स्वेता, तैयार?' स्वेता ने टांगें फैलाईं, 'हाँ भैया, चोदो मुझे। भाभी के सामने चुदवाऊँगी।' राहुल ने अपनी बहन की चूत में लंड डाला, जोर से धक्के मारे। स्वेता कराही, 'आह... भैया का लंड कितना सख्त है। गहरा... और गहरा।'

सीमा उत्साहित देख रही थी, 'राहुल, बहन की चूत चोदो जोर से। स्वेता, ज़ोर से।' स्वेता की चूचियाँ हिल रही थी, राहुल चूस रहा था। 'स्वेता, तू कितनी रसीली है। सीमा देख... मैं बहनचोद बन गया हूँ।' सीमा ने अपना हाथ स्वेता की चूत पर रखा, रगड़ा। 'हाँ, और मैं तुम्हारी मदद करूँगी।'

राहुल तेज़ तेज चोद रहा था, स्वेता चीख रही थी। 'भैया... मैं झड़ूँगी!' राहुल बोला, 'मैं भी... एक साथ।' लेकिन सीमा ने रोका, 'अभी नहीं। अब मैं आती हूँ।' सीमा नंगी हो गई, राहुल के लंड पर सवार। लेकिन फिर उतरी, स्वेता को चूम लिया। 'स्वेता, तेरी चूत चाटूँ।' सीमा नीचे गई, स्वेता की चूत चाटने लगी, जबकि राहुल स्वेता की चूचियाँ चूस रहा था।

फिर सीमा ने राहुल को पीछे से पकड़ा, 'अब थ्रीसम। राहुल, स्वेता को चोदते रहो, मैं तेरी गांड चाटूँगी।' राहुल धक्के मारता रहा, सीमा पीछे से जीभ फेर रही। स्वेता ने सीमा की चूचियाँ मसलीं। 'भाभी... आह, सब मिलकर चुदाई में कितना मजा आ रहा है। भैया, चोदो!' कमरा कराहों से गूँज रहा।

राहुल बोला, 'स्वेता, सीमा... तुम दोनों मेरी हो।' सीमा हँसी, 'हाँ, अब हम तीनों साथ मिलकर चुदाई करेंगे। चोदो अपनी बहन को।' स्वेता झड़ी, 'आह... भैया!' राहुल ने वीर्य डाला, सीमा ने चूत चाटकर साफ किया। तीनों थककर लेटे, एक-दूसरे को चूमते। 'ये तो बस शुरुआत है,' सीमा बोली। सब खुश थे, चुदाई की इस नई दुनिया में। End
 
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