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अपडेट - 12
हम दोनों इस जिस्म के खेल में इस तरह उलझे थे कि दोपहर हो गई हमे पता ही नहीं चला,हम दोनों सुबह से एक-दूसरे की प्यास बुझाने में लगे हुए थे,जिसकी वजह से हम दोनों को खाने पीने यहां तक नहाने का भी होश नहीं था,सुबह उठकर ही अपना प्यार लुटाने लग गए क्योंकि इस दुनियां के बंधन से दूर क्या पता हमे ये पल मिले या नहीं? इसलिए हम एक दूसरे पर भरपूर प्यार लुटाने में लगे हुए थे। विशाल पूरा एक Bowl भरकर Dark Chocolate और Nutella का पेस्ट बनाकर लाया था,जिसे उसने रुचि के चूत के आसपास लगाने बाद अपनी उंगलियों को चॉकलेट में भिगोया और उसे रुचि की चूत के अंदर डालकर लगाने लगा,रुचि इस वक्त सिर्फ अपनी आंखे बंद करके इसका मजा ले रही थी,जैसे उसने विशाल को अपना जिस्म सौंप दिया हो और दूसरी तरफ विशाल भी किसी मूरत के सामन इस शरीर को निखारने में लगा हुआ था।
रुचि की चूची देखने के लिए यहां



उसकी चूत पर पेस्ट लगाने के बाद विशाल ने रुचि को घोड़ी बनाया और उसकी गांड़ की दरार में जीभ घुमाकर थोड़ा चिकना कर दिया,उसके बाद रुचि की गांड़ की दरार को पूरा चॉकलेट से रंग दिया और उसकी गांड़ के छेद में भी चॉकलेट भर दिया,विशाल ने बाहर देखा तो दोपहर हो चुकी थी और आज बाहर मौसम में भी गर्मी छाने लगी थी जिसका कमरे में चल रहे AC की वजह से पता नहीं चल रहा था,विशाल ने मन में कुछ ख्याल आया और वो तुरंत खड़ा हो गया,विशाल के इस तरह रुक जाने पर रुचि ने पूछा,"क्या हुआ भैया ऐसे अचानक क्यों रुक गए?" पर विशाल ने इसका कोई जवाब नहीं दिया,उसने पहले AC को बंध करके सारे doors खोल दिए जिससे रूम का cooling बाहर निकल जाए।
5 मिनिट तक उसने सब Doors खुला रखने के बाद बंध कर दिया और साथ ही सारी Windows को भी कसकर बंद कर दिया ताकि हवा अंदर ना आ सके,उसके बाद कोने में पड़ा हीटर ऑन कर दिया।रुचि विशाल को यह सब करते हुए देखा रही थी,उसके मन में कई सवाल थे पर वो विशाल के कुछ बोलने का इंतेज़ार कर रही थी,उसके बाद विशाल ने रुचि को बेड से उठने को कहा और उस पर पलास्टिक बिछा दिया और उसे थोड़ा मोड़कर उसके नीचे Bowl रख दिया ताकि प्लास्टिक पर पड़ा Liquid Bowl में इकठ्ठा हो सके,यह सब करने के बाद में किचन में गया और साथ के दूध,दही,मक्खन और जाम लेकर वापस आ गया,यह सब चीज़ों का अच्छी तरह Arrangement करने के बाद में रुचि के पास आकर बैठ गया,मैने देखा तो हीटर की गर्मी की वजह से रुचि का पूरा बदन पसीने से भीग चुका था,जिसे देखकर मेरे चेहरे पर मुस्कान आ गई।
आखिर कार मैंने रुचि के सवालों के जवाब देते हुए कहा,"रुचि तुम कब से सोच रही होगी कि मैं यह सब क्या कर रहा हूं, दरअसल चॉकलेट को देखकर मेरे दिमाग में एक खेल खेलने के Idea आया जिसे मैं कहता हूं "Melting Chocolate" इस खेल में मैं तुम्हारे शरीर को खाने की कई चीजों को पेस्ट की तरह तुम्हारी बॉडी पर लगा दूंगा,उसके बाद कमरे की गर्मी इतनी बढ़ा दूंगा कि तुम्हारी बॉडी कर लगी चॉकलेट गर्मी से पिघलकर तुम्हारे पसीने में मिलकर इस प्लास्टिक पर गिर और नीचे उस बोल में इक्कठा हो सके,इसके साथ ही हम दोनों अपने जिस्मों की मदद से इसके चिकने पन को महसूस करेंगे।" इतना सुनकर रुचि ने अपनी चूत पर से थोड़ी चॉकलेट अपने मुंह में डालते हुए कहा,"Wow भैया आप तो Sex के मामले में काफी Kinky निकले, आपने तो उस खेल को ओर भी Interesting बना दिया,अब देखते है हमारे जिस्मों की ये गर्मी हमें किस हद तक ले जाती है" उसके बाद रुचि बेड पर खड़ी हो गई और मैने उसके बूब्स,आर्मपिट,पेट,नाभि,पीठ के साथ उसके जांघों पर भी चॉकलेट लगा दिया।
उसके गोरे बदन पर कालिख जैसे ये चॉकलेट काफी निखर रहा था,रुचि के शरीर को मलने के बाद अब भी काफी पेस्ट बचा हुए था इसलिए रुचि ने देर ना लगाकर मेरे लंड को मुंह में लेकर चिकना कर दिया
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उसके बाद उसने मेरे लंड, गांड,छाती के साथ मेरे पूरे बदन पर चॉकलेट लगा दिया,अब हम दोनों एक दूसरे के प्यार में रंग गए थे,अब कमर के अंदर का Temprature काफी बढ़ गया था इसलिए पसीने की बूंदे चॉकलेट से मिलकर 'टप.....टप' करके प्लास्टिक पर गिर रही थी,रुचि को इतनी गर्मी के काफी परेशानी हो रही थी इसलिए मैने उसके बूब्स को मसलने लगा,उसके शरीर के चिकने पन से काफी नर्म लग रहे थे,उसके बाद मैने निप्पल को हल्का दबाया जिसकी वजह से दूध निकलकर मेरे हाथों पर गिर गया,मैने अपनी चॉकलेट सनी उंगली को होठ पर घुमाकर उसे किस करने लगा और मैं मेरी छाती को उसके बूब्स से मसल रहा था।
जिस्मों के घर्षण की वजह से 'चप.....चप' की आवाजें कमरे में गूंज रही थी,मै उसके बूब्स को चूसते हुए उसके चूत के पास आ गया जिससे चॉकलेट पानी के साथ बहकर बाहर निकल रहा था,अब मैने अपना लंड के टोपे को चूत पर रखा जो पहले से काफी चिकना हो गया था,उसे एक ही धक्के में उसकी चूत मे उतार दिया

इस धक्के से रुचि मुझसे लिपट गई,रुचि की चूत और मेरे लंड पर चॉकलेट लगे होने की वजह से 'फचचच्......फचचच्' की आवाजें और चॉकलेट की खुशबू फैल गई,उसके साथ ही मैने पास में पड़ी दूध की बोतल उठाते हुए कहा,"आज में अपनी प्यारी बहन की खूबसूरती को इस दूध से नहलाकर ओर भी बढ़ाना चाहता हूं" इतना कहकर मैने उसके सिर के ऊपर से दूध की धार की जो उसके होठ,गले,छाती और चूत से होकर नीचे प्लास्टिक पर गिर रही थी,मैने थोड़ा ही दूध डाला था कि उसके मेरे हाथ से बोतल लेते हुए कहा,"मुझे भी अपने पति समान भाई को नहलाना है जिसने मेरे कौमार्य को निचोड़कर मुझे औरत बनाया है" मेरे बदन पर ठंडा दूध पड़ते ही बदन में सिरहन दौड़ गई जिससे मेरे वीर्य की धार रुचि की चूत में समा गई और गर्म वीर्य के एहसास से रुचि की चूत से गर्म यूरिन की धार निकली जो प्लास्टिक से बहकर नीचे bowl में समा गई,अब उस Bowl में दूध,वीर्य,यूरिन,जिस्मों का पसीना और उसके साथ चॉकलेट का द्रव्य भी मिला हुआ था।
आगे के पार्ट्स में कहानी जारी रहेगी तब तक अपना अमूल्य प्रतिभाव देना ना भूले।
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