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एक ओर धमाके के साथ अगला अपडेट आ चुका हैकमाल का अपडेट था, एक दम झन्नाटेदार, मज़ा आ गया पढ़कर, अगली कड़ी में तो और धमाके होंगे!

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एक ओर धमाके के साथ अगला अपडेट आ चुका हैकमाल का अपडेट था, एक दम झन्नाटेदार, मज़ा आ गया पढ़कर, अगली कड़ी में तो और धमाके होंगे!
Sure bro, आगे कहानी इससे भी ज्यादा मजेदार होगीकहानी बहुत मस्त हैं और डर्टी कीजिए
दोस्तो आप सभी का इस कहानी को ढेर सारा प्यार मिल रहा है तो आप सबको ज्यादा wait कराना ठीक नहीं है इसलिए मैं फिर धमाकेदार,जिस्मों को गर्म करने वाले अपडेट के साथ हाजिर हूँ और इस पार्ट को लिखते वक्त मैं कोई भी कसर बाकी नहीं रखूंगा साथ ही हर एक गंदे तरीके से धुंआधार चुदाई को आपके सामने पेश करनेवाला हूँ,वैसे भी ठंड के माहौल में एक गर्मागर्म कहानी मिले तो लंड पूरा झूमने लगता है तो ज्यादा टाइम ना खराब करते हुए सीधे कहानी की ओर चलते है।
अपडेट - 10हम दोनों एक दूसरे को किस करते हुए एक दूसरे की सांसों की गर्मी मेहसूस कर रहे थे, जो हमें जिस्मों की तड़प महसूस करा रही थी, वैसे तो रुचि पहले से ही संगे मरमर के मूरत के समान किसी काम के देवी लग रही थी जिसके जिस्म के हर अंग को,हर हिस्से के चाटना और चूमना चाहूंगा पर इन सब चीज़ों में से भी उसके होठ और बूब्स सबसे ज्यादा लुभाते थे,उसके पंखुड़ियों जैसे कोमल गुलाबी होठ और किसी रूई के जैसे मुलामय बूब्स को जब भी मैं देखता था तो उसे चोदने की लालसा कई गुना बढ़ जाती थी पर इतने इंतेज़ार के बाद आज मुझे यह मौका मिला था जब मैं अपने मन के हर ख्वाब पर कर सकूं।
लंड के लिए प्यासी मेरी रुचि
रुचि के मुंह में कॉफ़ी की मिठास के साथ चिकना वीर्य मिल जाने की वजह से दोनों भाई-बहन एक अलग ही महक और स्वाद का मजा ले रहे थे,ड्रग्स के असर की वजह से विशाल के लंड ने ढेर सारा वीर्य बहाया था जिससे रुचि का आधा कप भर चुका था,कॉफी के हर सीप के साथ विशाल का Sperm रुचि के मुंह के साथ होठों पर चिपक जाता और फिर दोनों उसकी मिठास के साथ चिकनेपन का भी मजा लेते, जैसे ही दोनों के मुंह में भरी हुई कॉफी एक दूसरे के मुंह में मिलकर गले से नीचे उतरती दोनों फिर थोड़ी कॉफी पीते और किस करने लगते, ऐसे करते हुए धीरे-धीरे हम दोनों के कप खाली होने लगे थे, दोनों का सुबह से यही जिस का खेल चल रहा था,यही सब करते हुए 10 बज चुके थे पर फिर भी जिस्मों की भूख शांत होने का नाम नहीं ले रही थी,अब घर के नीचेवाले हिस्से के हर एक कोने में पागलों की तरह टूट पड़ते और सब चीज़ों को बिखेरते हुए कभी हॉल,सोफे,कुर्सी,फर्श या किचन हर जगह दोनों के प्यार की निशानी गिरी हुई थी,दोनों ने नीचे वाले फ्लोर की हर चीज बिखेर कर रह दी थी और साथ ही रुचि की चूत के पानी के साथ दोनों के Sperm की कई बूंदे भी हर जगह गिरी हुई थी,विशाल कभी रुचि को किस करता तो कभी दूध पीता तो कभी रुचि के बूब्स के बीच अपना लंड रखकर रगड़ने लगता।
इसकी वजह से विशाल कई बार झड़ चुका था, झड़ने हुए विशाल ने रुचि के मुंह,बूब्स, पीठ और गांड़ के साथ शरीर के हर हिस्से पर उसका वीर्य लगा दिया था।
जिससे एक मादक खुशबू पूरे हॉल में फैल गई थी तभी दोनों डायनिंग टेबल के पास पहुंचे और मैने रुचि को वहां पेट के बल लेटा दिया,उसके पैर जमीन पर थे और वो आधी टेबल पर लेटी हुईं थी जिसकी वजह से उसकी गांड़ उभरकर बाहर आ गई थी,मैने पास में पड़ा अपना कप उठाया जिसमे अब भी थोड़ी कॉफी बची हुई थी,मैने उसकी गांड़ के पास बैठ गया और कप की कॉफी को थोड़े ऊपर से उसकी गांड़ की दरार पर डालने लगा,गर्म कॉफी की बूंदे महसूस होते ही रुचि के मुंह से आवाज़ निकल गई,"आआआहहह.......उममहह......." उसकी रसीली गांड़ को भिगोकर जैसे ही कॉफी की बूंदे नीचे आई मैं अपनी जुबान से उसे पीने लगा,मेरी कॉफी में रुचि की चूत का पानी के साथ उसका Sperm भी मिलने की वजह से काफी गाढ़ापन आ रहा था जिससे वो पीने में किसी मिल्कशेक जैसा लग रहा था,रुचि इस वक्त तबके पर लेटी सिसकिया ले रही थी,"सीईईइइ........ आआहाहाआआ........Suck it More.......Yesssss....... ओओहहह्......"
इतना बोलते हुए उसने मेरा सर अपनी गांड के अंदर दबाने लगी।कॉफी खत्म होने के बाद मैं उसकी गांड़ और चूत मे उंगली घुमाने लगा जिससे उसका पानी भी जल्दी निकल गया।
कुछ देर बाद मेरी कॉफी खत्म हुई और मै वहां अलग हुआ तो देखा कॉफी की वजह से रुचि की पूरी गांड़ चिपचिपी हो चुकी थी और रुचि टेबल पर अपनी टांगे फैलाए लंबी सांसे ले रही थी।
मैं उसके पास गया और रुचि को अपनी गोद में उठाकर अपने रूम की तरफ चल गया, सीढ़ियां चढ़ते वक्त रुचि मेरी आंखों में अपनी आंखें गढ़ाए मुझे ही देख रही थी, उसकी आंखों में अभी भी हवस साफ-साफ नजर आ रही थी,उसके साथ ही एक बेचैनी थी जो किसी अधूरेपन को जता रही थी इसलिए मैंने ज्यादा देर करना सही नहीं समझा, कमरे में आते ही मैंने रुचि को बेड पर पटक दिया,जिस पर सफेद बेडशीट बिछाई हुई थी,रुचि अपने दोनों हाथ अपने बस पर रखते हुए मुझे ही देख रही थी वह बेड पर पूरी निढाल होकर नंगी लेटी हुई थी।उसने अपनी टांगे फैलाई हुई थी जैसे वह मुझे अपने आप को चोदने का न्योता दे रही हो,उसे इस तरह देखकर मै समझ गया कि यही सही मौका है पर उससे पहले में टेबल के पास गया जहां मेरा PC रखा हुआ था उसके बगल में ही मैने एक छोटा कैमरा ऑन करके रख दिया जिससे अच्छी तरह रिकॉर्डिंग हो सके।
उसके बाद मैं रुचि के पास आया और बेड के ऊपर लेट गया,वो अपनी उन प्यारी आंखों से मुझे ही देख रही थी,पहले मैने अपना मुंह उसके कान के पास लाकर वहां हल्के से काटा और उसके बाद धीरे-धीरे उसके होठों को चूमते हुए दोनों बूब्स के साथ खेलने लगा।
उसके गले पर किस करते हुए उसके जिस्म की खुशबू को मैं अपने अंदर तक महसूस कर सकता था,वह अपनी आंखें बंद हो करके मदहोश होकर इसके मजे ले रही थी मैं उसके गले को चूमते हुए थोड़ा नीचे आया और उसके दोनों निप्पल को एक-एक करके दोनों पर काटने लगा इतना दूध बहाने के बाद भी रुचि की दोनों निपल्स अभी भी तने हुए थे जिसमें अभी भी दूध आ रहा था।
कुछ देर तक उसके मीठे दूध का रसपान करने के बाद मैं उसके आर्मपिट तक आया और उसे देखा तो सुबह से यही जिस्म का खेल खेलते हुए हम दोनों का पूरा शरीर पसीने से लथपथ हो चुका था जिसकी वजह से उसको चूसने पर रुचि के नमकीन आर्मपिट का स्वाद आ रहा था,धीरे-धीरे करते हुए मैं थोड़ा नीचे आया और उसकी नाभि पर आकर में रुक गया रुचि का शरीर Fit होने की वजह से उसकी नाभि काफी आकर्षक लग रही थी,उसमें गहरेपन के साथ थोड़ी अंदर जा चुकी थी और उसके पेट के ऊपर थोड़ा मसल का हिस्सा होने की वजह से वह बहुत ही भरावदार भी लग रही थी।
मैंने धीरे से अपनी जबान उसे पर रखी और उसे पर गोल-गोल घूमते हुए उसे अंदर तक भिगोने लगा,नाभि का हिस्सा पेट के मुलायम हिस्से में होने के साथ वो शरीर के नीचे और ऊपर दोनों हिस्सों पर Effect करता है,जिससे मेरे ऐसा करने की वजह से रुचि की छाती के पूरे हिस्से में झनझनाहट फेर गई। उसकी वजह से रुचि के दोनों बूब्स ओर भी ज्यादा सेंसिटिव हो गए। रुचि अपनी आंखें बंद करते हुए अपने दोनों हाथों को निप्पल पर रखा और उसे थोड़ा दबाया जिससे दूध की पिचकारी होते हुए दूर जाकर गिरी यह देखकर मैं समझ गया की रुचि अब पूरी तरह एक्साइटेड हो चुकी है।
उसकी नाभि को चाटने के बाद मैं थोड़ा नीचे गया और उसके चूत में अपनी जबान डालकर उसे चिकना करने लगा, मेरे ऐसा करते ही से रूचि का रोम-रोम खड़ा होने लगा था इसके साथ ही वह अपने दोनों हाथों से बेडशीट को पकड़ कर अंगड़ाईया ले रही थी,जिससे उसके मुंह से आवाजें निकल रही थी,"आआउचच्.......आआहहाहा.......ओओओओह्.......Yesssss......."
मैंने रुचि की इस तरह देखकर उसे थोड़ा ज्यादा उत्तेजित करने का सोचा,उसकी चूत को चाटते हुए उसके चूत के दाने को पकड़ा ओर हल्के से दबा दिया, जिसकी वजह से रुचि पूरी तरह अकड़ गई और उसकी चूत किसी नल की तरह पानी बहा रही थी, उसकी चूत का पानी मेरे मुंह में समाकर मेरी प्यास बुझाई जा रहा था इस वक्त रुचि किसी की परवाह किए बिना खुले दिल से इसका मजा उठा रही थी जो उसकी सिसकियों से पता चल रहा था,"हांहाहाआआआ्..........भैया ओर चाटो कितने दोनों से आपकी याद में तड़प रही है.......ईइइससस्........ओओओफफ्.........यह कब से आपका इंतजार कर रही है...... आआआहहहह......."
यह कहते हुए वह अपने दोनों बूब्स को दबा रही थी उसके ऐसा कहते ही मैं समझ गया कि आज रुचि किसी हवस की प्यासी भूखी शेरनी की तरह मुझ पर टूट पड़ेगी,उसकी यह बाते सुनकर मुझ पर भी जिस्म का नशा छाने लगा इसलिए मैं धीरे से उसके ऊपर आ गया,उसके मुंह के पास जाकर कसकर उसके गालों को पकड़ते हुए कहा,"चल कुतिया......इतनी भी भूख है तो चुदने के लिए तैयार हो जा" रुचि भी इस वक्त वासना में पूरी तरह डूब चुकी थी जिससे उसने भी पलट जवाब दिया,"हा तो डालना बहनचोद, देखती हूं तेरे इस लौड़े में इतना दम है" उसकी इस बात पर मैने उसके गाल पर एक थप्पड़ मारा और अपने लंड का टोपा उसकी चूत मे फंसाकर जोर दे धक्का मारते हुए कहा,"साली ज़बान लड़ाती है मादरचोद.....तो ये ले" रुचि पहले भी वाइब्रेटर या डिल्डो अपनी चूत मे ले चुकी थी पर विशाल का लंड काफी मोटा था इसीलिए उसकी गीली चूत की गर्म दीवारों को चीरते हुए उसकी चूत मे जाने लगा,उसकी चूत काफी टाइट होने की वजह से विशाल को ऐसा लग रहा था जैसे उसका लंड किसी गर्म भट्टी में डाल दिया हो,मेरे धक्का मरते ही 3 इंच जितना लंड उसकी चूत मे उतर गया था और उसकी चूत से भी खून बहते हुए सफेद बेडशीट को भीगो रहा था,उसकी चूत का छेद अब काफी बड़ा हो चुका था इसलिए वो जोरो से चीखते हुए बेड पर अपना सर पटक रही थी,"आआआहहाहाआआ्.........नहीं भैया धीरे डालो प्लीज....... ओओओहहहह्.........आआन्नहह्......... उउममहहह्अअआ........"
घर में इस वक्त कोई नहीं था इसलिए मैने कमरे का गेट खुला रखा था जिससे रुचि की चीख की गूंज पर घर में पड़ रही थी क्योंकि में चाहता था ये घर,उसकी दीवारें,इसका हर एक कोना हमारे मिलन का साक्षी बने।मैने उसके गालों को पकड़कर कहा,"क्यों ने चुद्दकड़ सारी गर्मी निकल गई थोड़ी देर पहले तो बड़ा इतरा रही थी"
"मुझे माफ कर दो भैया गलती हो गई...... आआउचच्......ऊउउफफ्........निकालो इस बहुत दर्द हो रहा है......."
इतना कहकर वो अपने शरीर को मुझसे दूर धकेल रही थी पर मैने उसकी दोनों जांघों को पकड़कर एक जोरदार धक्का मारा और 8 इंच जितना लंड उसकी चूत मे डाल दिया,"आआआहहहह्........ ओओओहहहह्.......बचाओ कोई........ Plssszz Heelpppp Meee.........मर गई में.....उउममहहह्......उउममहहह्........"
इस बार रुचि पहले से ज्यादा जोर से चीखी थी जो बाहर तक तक चली गई थी अगर इस वक्त कोई आसपास होता तो पक्का घर में चला आता,रुचि इस वक्त सुबकते हुए रोने लगी थी क्योंकि उसकी चूत से निकलते हुए खून ने आधे से ज्यादा बेडशीट को लाल कर दिया था,रुचि इस वक्त बहुत दर्द में थी ये में समझ रहा था पर उसने की मुझे किसी जानवर की तरह चोदने को कहा था,जैसे कोई लड़की के साथ रेप करता है।रुचि अभी भी कराहते हुए बोल रही थी,"भैया प्लीज निकाल दो इसे........ ऊउउमममहहह्......अभी में इसे झेलने के लिए तैयार नहीं हूं.......आआहहह्........बहुत दर्द हो रहा है भैया प्लीज....... ईइइससस्........"
रुचि की यह बात सुनकर मैने उसको बालों से पकड़ा और दूसरे हाथ से उसके गाल पर दो थप्पड़ जड़ दिए,जिससे उसका गाल पूरा लाल हो गया,"भोसड़ीवाली आज तुझे मुझसे बचाने के लिए कोई नहीं आने वाला आज देख में तेरा क्या हाल करता हूं" यह बोलकर मैने जितना लंड बाहर था उसे पूरा जोर लगाकर एक धक्के में उसकी चूत मे उतार दिया,धक्का बहुत जोर से लगाने की वजह से लंड उसकी चूत से होते हुए उसके पेट में बच्चेदानी के दीवार से जाके टकराया,"भैयाआआ......नहींईईईइइ......... आआआहहाआआ.........मांमांआआ्..........बचाओ मुझे......... ओओओहहहह्.......... आआहहह्........"
उसके चूत से खून पानी के साथ मिलकर बह रहा था,इतने दर्द की वजह से रुचि का पूरा शरीर अकड़ गया था और अब मेरा पूरा लंड उसकी चूत के समा चुका था,उसकी तेज चीख घर के हर कोने तक गूंज उठी थी और साथ ही उसकी आँखें मूंदते हुए दर्द की वजह वो बेहोश हो गई।उसकी यह हालत देखकर मैने अपना लंड निकलना सही नहीं समझा क्योंकि इससे उसे फिर वही दर्द झेलना पड़ता इसलिए मैने पास पड़ी पानी की बोतल उठाई और ठंडा पानी हाथ में लेकर उसके मुंह पर छिकड़ने लगा साथ ही उसके गालों पर 4-5 थप्पड़ मारते हुए कहा,"ऐऐए......उठ......उठ साली बहनचोद......लंबे लौड़े लेने का शोख है तो फिर इतने में कैसे बेहोश हो गई.......उठ मादरजात......." मेरे ऐसा करने पर वो धीरे-धीरे अपनी आंखे खोलने लगी,यह देखकर मेरे चेहरे पर सुकून छा गया, आँखें खोलने के साथ ही उसे चूत के हिस्से पर गर्माहट महसूस हुई जैसे उसकी चूत मे किसी ने गर्म अंगारे डाल दिए हो और उसके हाथ ही उसके पूरे बदन में दर्द की एक लहर दौड़ गई,जिसके साथ उसके मुंह से सिसकी निकल गई,"सीईईईहह्.......आआहहह्......." उसने नीचे चूत की ओर देखा तो एक बड़ा लंड उसकी चूत मे समा चुका है,उसने मेरे सामने देखकर कहा,"भैया आखिर आपने इस बहन की चूत फाड़ ही डाली" उसकी बात सुनकर मैं उसके मुंह के पास आया और उसके होठों पर किस करने लगा,किस करते हुए मैने अपने लंड की थोड़ा ऊपर नीचे करके हिलाया,जिसके दर्द की वजह से उसने मुझे कसकर पकड़ लिया,मैं उसके होठों से होते हुए थोड़ा नीचे आया और उसके बूब्स के पास आकर कहा,"सुन रांड आखिर तूने इतना बड़ा लंड लिया है इसलिए मैं भी तुझे अपने प्यार की एक निशानी देना चाहता हूं" यह बोलकर मैने उसके निप्पल के थोड़ा ऊपर अपने दांत गढ़ा दिए और उठकर उसके चेहरे को देखने लगा जो चीख-चीख कर लाल हो गया था,"देख छिनार अभी तो तुझे थोड़ा ओर दर्द सहना पड़ेगा इसलिए तू जितना चीखेगी तुझे दर्द सहने में आसानी होगी और इस खेल में ओर भी मजा आएगा और वैसे भी हमें यह सुनने वाला कोई नहीं है।"
इतना बोलकर मैने रुचि की टांगो को फैलाया और लंड धीरे से बाहर निकालने लगा, रुचि भले ही और लंड अपने अंदर समा चुकी थी पर उसके चूत की सूजन की वजह से उसे अभी भी तकलीफ हो रही थी,जो उसके शरीर में वासना जगाने से ही कम हो सकती थी इसलिए मैने लंड को सेट किया और पूरे जोरो से धक्के मारते हुए पूरा लंड अंदर बाहर करने लगा,इस वक्त रुचि को किसी की परवाह नहीं थी वो बस इस जिस्मों के खेल में खोई हुई थी इसीलिए वो बेडशीट को हाथों में दबाकर मजा ले रही थी,"आआहह......आ...आआ.....आआहहह्........भैया धीरे करो......हां....हाहांआ......आ...आआ..... आआआहहहह्......मर गई मै आज.....मेरे भाई ने मेरी फुद्दी का भोसड़ा बना दिया...... ओओहहह्........हांआआआ......ऐसे हीईईइइ.......Yessss....... Ohhhh.......Fuck.....Fuck......Fuck Me Harder........ Ohhhhhh"
रुचि का दर्द अब कम होने लगा था और अब वो इस चुदाई का उछल कर मजा ले रही थी,मैने Position चेंज की और मै बेड पर लेट गया साथ ही रुचि को मैने अपने लंड पर बिठा दिया।
मैने दोनों हाथों से उसकी गांड़ पर पकड़ बनाकर धक्के मारने लगा,वो मेरे लंड पर उछलकर इसका मजा ले रही थी और हर धक्के के साथ उसके दोनों बूब्स उछल रहे थे,"Yesss Baby.......Do it More........ओओ.... ओओहहहह्........You're Monster........आ...आ....आआ..... आआहह्...... ओओहहह्......... ऊउउममहह्........Yessss......I Want More........"
उसकी यह बात सुनकर मेरे दिमाग में एक ख्याल आया जिससे मैने बाद के पास का ड्रॉवर खोलकर उसमें से डिल्डो और वाइब्रेटर दोनों निकाला और उसके बाकी के दोनों छेद में डाल दिया और वाइब्रेटर को ऑन करके Full Speed पे कर दिया,अब रुचि के हर छेद को मैने भर दिया था,अब मैने फिर धक्के मारने शुरू कर दिए थे,"हांहाआआहह्........भैया चोदो मुझे जी भर के चोदो......आआ.....आआआहह्....... निचोड़ दो अपनी बहन की इस प्यासी चूत को..... ऊउउममहह्........."
रुचि की गांड और चूत मे उत्तेजना अब चरम तक पहुंच गई थी इसके साथ ही रुचि के चूत से तेज आवाज के साथ पेशाब की धार निकली,"सीइइईईईई......" और मै उसके नीचे होने की वजह से उसने मेरे पूरे बदन को भिगोकर रख दिया,उसके गर्म यूरिन से मेरा पूरा बदन गर्म हो चुका था इसीलिए मैने उसको अपने पास लिटाया,उसकी एक टांग थोड़ी ऊपर उठाकर पीछे से धक्के मारने लगा।
धक्के मारते हुए मैने उसका चेहरा अपनी तरफ घुमाया और उसके होठों को चूमने लगा,"उउउहहह्....... ऊउउममम्.......गुंऊक्हहह्........ऊउउममहह्......." उसकी चीखे मेरे मुंह में ही दब गई,उसको किस करते ही मेरी उत्तेजना बढ़ गई थी इसलिए मैने धक्कों को स्पीड तेज कर दी,घर में इस वक्त पूरी तरह शांति होने की वजह से मेरे आंड उसकी चूत से टकराने "टपपप्......टपपप्....." की आवाजें पूरे रूम में सुनाई दे रही थी।अब मुझे भी अपने लंड के पास थोड़ा भारीपन मेहसूस हुआ इसलिए मैने रुचि से कहा,"तुम्हारी चूत में मेरा वीर्य भरने से पहले पूरी सफाई करनी भी जरूरी है"
"क्या मतलब??!" उसने अभी इतना ही पूछा था कि मैने अपने पेशाब की धार उसके चूत में ही छोड़ दी,उसकी गर्म धार उसके बच्चेदानी तक पहुंचकर उसके पेट तक महसूस हुई,"ओओओओहहहहहह्.........आआआहह् कितना गर्म है ये........उउममहहह्........"
उसके ऐसा बोलने पर मैने जोर लगाते हुए उसको अंदर तक साफ कर दिया,उसके साथ ही मेरे मूत चूत से धीरे-धीरे बहते हुए बाहर आ रहा था, उसके चूत के पानी के साथ मेरा पेशाब मिलने की वजह से "फफचचच्....... फफचचच्........ पपचचच्......" की आवाज आ रही थी,अब मै उसके समाने आ गया था ताकि झड़ते वक्त मै उसके चेहरे के Expression देख सकूं,मैने अब तेज धक्कों के साथ अपना पूरा लंड अंदर उतार दिया और 'फकचचच्' को आवाज के साथ मैने उसकी चूत को पूरा अपने वीर्य से भर दिया।
"आआआआहहहआआआआ.......आखिर आपने इस रंडी को अपना बना लिया......अब ये सिर्फ आपकी है भैया...... ऊउउममहह्......."
उसकी चूत अब खून,वीर्य और पेशाब से पूरी यह सन चुकी थी अब मेरी बेडशीट भी इन द्रव्यों से भीगी हुई थी,मै रुचि के बगल में लेट गया और लंबी सांसे लेने लगा मैने घड़ी देखी तो उसमें 12 बज रहे थे मतलब सुबह से हम दोनों एक दूसरे की प्यास को बुझाने में लगे हुए थे तभी रुचि ने फिर मेरे लंड को हाथों से पकड़ते हुए कहा,"भैया मुझे प्यास लगी है अपनी इस बहना को अपना गर्मागर्म यूरिन नहीं पिलाओगे?" उसकी यह बात सुनकर मैंने उसके फर्श पर बिठा दिया और मैं बेड पर बैठ गया जिससे मेरा लंड सीधा उसके मुंह के पास रहे,दरअसल ड्रग्स का असर मेरे लंड से निकलने वाले हर एक चीज पर पड़ा था जिससे मुझे बहुत कम पेशाब लगती थी पर जब भी मैं उसे बाहर निकलता तब वो एक साथ बाहर आ जाती,मैने अपना लंड रुचि के मुंह में दिया,वो उसके गले तक चला गया,उसके बाद मैने अपने लंड पर जोर लगाते हुए सारा पानी उसके मुंह में उतारने लगा,"हहमममकक्.......गुगुंउउहह्....... ऊउउममहह्........."
आवाजें निकालते हुए रुचि मेरा यूरिन पी रही थी,उसका नमकीन स्वाद उसके गले से उतरकर उसके पेट में जा रहा था,थोड़ी देर बाद हर एक बूंद पीने के बाद हम दोनों बेड पर आकर सो गए,उसके मुंह से आती वीर्य और यूरिन की महक मेरे दिल की उत्तेजना बढ़ा रहा था,सही कहा था किसी ने सेक्स करते वक्त जितना गंदा तरीका Use करो उससे ज्यादा मजा आता है,मैने उसे किस किया और अपनी जीभ उसके मुंह में डालकर उसका स्वाद लेने लगा।
दोस्तों नीचे Comment करके अपना प्रतिभाव देना मत भूलना,आप सबके प्यारे कॉमेंट पढ़के मुझे लिखने में मजा आता है और मै ऐसे ही आपके लिए गर्मागर्म अपडेट लाता रहूं......
Shukriya mere bhaiGazab, Outstanding, Fantastic, Superb.............
Aag hi laga di Bro.............
Maja aa gaya..............
Keep rocking
काश भैया मेरी मां भी आपके इस लंड से चुदने के लिए तैयार हो जाए,हम तीनों से साथ बिस्तर में पूरे नंगे होकर इन जिस्मों को हवस की आग में इसका पूरा आनंद लेंगे,मै अपने मा के उन रसीले होठों और उनके बड़े से बूब्स का रस पीना चाहती हूं,कितना मजा आएगा जब हम दो प्यासी औरते एक लंड के लिए पागलों की तरह एक दूसरे पर टूट पड़ेगी इतना सोचते ही रुचि की चूत गर्म होने लगी,वो अपनी आँखें बंद करके बेड पर लेटकर चूत मे उंगली घुमाए जा रही थी,"आआहहह...... मांआआआ.....आह्....हाआआ.....हहह्........आपके ये होठ अब भी नरम है.........उउममहहह्......और साथ ही आपकी ये निगोडी चूत कितना पानी बहा रही है......... ओओहहहह्..........Yesssss"