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Incest प्यासे दिल के अरमान - Short Story

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Ajju Landwalia

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अपडेट - 2


शॉवर से गिरते पानी की आवाज़ सुनकर मैं उसके कमरे से निकल गया,मेरे बाहर जाते ही डोर बंध होने की आवाज़ बाथरूम के डोर के पीछे खड़ी हुई रुचि के कानों में पड़ी,उसकी सांसे इस वक्त तेज चल रही थी,उसका पूरा बदन इस वक्त गर्म हो चुका था जिस पर ऊपर से ठंडे पानी की बूंदे पड़ रही थी,पता नहीं वो कौनसा एहसास था जिसकी वजह से वो खुद को विशाल से दूर नहीं रख पा रही थी,इसके opposite वो खिंचाव ओर बढ़ता जा रहा था,अभी थोड़ी देर पहले विशाल से साथ बीते कुछ लम्हों के बारे में सोचकर उसके निप्पल सख्त हो चुके थे,उसने अपनी चूत पर हाथ रखा तो वो पूरी पानी-पानी हो चुकी थी,

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workforce essentials

अपने शरीर में जल रही उस हवस की आग में वो धीरे-धीरे मदहोश होने लगी थी,उसे पता था यह सब गलत है,जिस रिश्ते को समाज में नाम नहीं दे सकती ,जिसे वो खुद चाहकर भी इस रिश्ते को पूरा नहीं कर सकती उसे आगे बढ़ाना ठीक नहीं है पर जब विशाल उसके साथ होता था तब वो सब कुछ भूलकर उसका दिल यह सब हरकते करने पर मजबूर हो जाता था,उसने साबुन लिया और अपने पूरे शरीर पर मलना शुरू किया,अपने बड़े बूब्स कर साबुन देते वक्त उसके दिमाग़ में अपने भाई का चेहरा घूम रहा था कि काश वो इसे अपने मुंह में लेकर चूसे अपने उन फौलादी हाथों से इसे वो मसल कर रख दे।

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emerson hospital

आज सुबह विशाल का उससे गले मिलना,उसकी चूत को रगड़ना और विशाल के बड़े लंड के बार में सोचकर उसकी चूत से किसी नल की तरह पानी बह रही थी।

रुचि वैसे तो Masturbate नहीं करती थी पर उसके पापा के जाने के बाद वो अक्सर घर पर अकेली रहा करती थी,जब इंसान मन से टूटा हुआ होता है तब उसे किसी इंसान की सबसे ज्यादा जरूरत महसूस होती है,उसे कोई चाहिए जिससे वो अपनी मन की बात कह सके और अपने दिल का बोझ हल्का कर सके पर रुचि की life में अब तक ऐसा कोई लड़का नहीं आया था इसलिए धीरे-धीरे Internet, Videos और Books के through उसे पता चला की सही टाइम पर Limited Masturbation करने से stress और Depression से छुटकारा मिलता है, शुरुआत में तो उसे यह गलत लगता था पर एक दिन अपने हालात से तंग आकर उसने यह ट्राई किया,जैसे वो इसे करती गई उसका stress काफ़ी कम हो गया,अब जब भी वो थकी हुई होती या उसके शरीर को किसी मर्द की कमी महसूस होती तो वो Masturbate कर लेती थी, इसके बारे में ज्यादा जानने के बाद उसने Vibrator और Dildo का भी इंतेजाम कर लिया था।रुचि को Badminton बहुत शोख था इसलिए उसने अपनी बॉडी को Exercise के through fit रखा था जिसकी वजह से उसका stamina काफी अच्छा था,उसे पहले से पता था कि कोई फिट और तगड़ा मर्द ही उसकी इस जवानी की प्यास को संतुष्ट कर सकता है और विशाल बिल्कुल वैसा ही था।



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उसने साबुन लिया और अपनी चूत पर रगड़ना शुरू किया,पानी निकलने की वजह से उसकी चूत पहले से ही बहुत गीली थी और अब उस पर साबुन लगाने की वजह से वो पूरी चिपचिपी हो चुकी थी, सेक्स का नशा अब उसके आंखों मै चढ़ने लगा था जिससे उसकी आँखें बंद होने लगी थी,उसने कल बाथरूम में छुपाया अपना 8 इंच लंबा डिल्डो निकला और अपनी चूत पर फिरना शुरू कर दिया,उसने पहले कभी मास्टरबेट नहीं किया था इसलिए उसमें sex की तलब भी बहुत ज्यादा थी,जब भी अब वो Masturbate करती वो पूरी wild हो जाती थी।
अब बाथरूम के अंदर का पूरा माहौल रुचि के शरीर की गर्मी से गर्म हो चुका था,उसने डिल्डो को अपने दोनों हाथों से पकड़ा और एक एक ही झटके में अपनी चूत के अन्दर डाल दिया,उसके मन में अब भी विशाल के ही ख्याल आ रहे थे,’आआहहह....... you're so Deep.......Yesss Vishal Fuck Me baby...... जितना मन चाहे छोड़ो विशाल Come On.....' यह बोलते हुए वो उसे तेजी से अंदर बाहर कर रही थी,


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उसके कमरे का डोर बंद था और बाथरूम में चल रहे शॉवर के आवाज़ की वजह से उसकी सिसकियां बाहर नहीं जा रही थी।उसने बाएं हाथ से Hand Shower On किया और उसकी चूत पर रख दिया,शॉवर से निकलते पानी की बूंदे उसकी चूत को अंदर तक भिगो रही थी,उसने दूसरे हाथ से डिल्डो को ओर तेजी से चलाने लगी,कुछ देर तक ये सिलसिला चलता रहा फिर उसने डिल्डो को जमीन पर रखा और उस पर अपनी बॉडी का जोर लगाते हुए उछलने लगी,'ऊऊहह......आआहहह.....Yesss Do it Harder More Wilder......ओओहहहह......Yeahhh....' करीब 20 मिनिट बाद उसकी चूत पानी छोड़ते हुए जड़ने लगी।

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रुचि अपनी आंखे बंद किए फर्श पर लेती थी,अब पूरे कमरे मै शांति छा चुकी थी वो रुचि की आग कम होने का सबूत से रही थी।कुछ देर बाद उसे होश आया तो पता चला बहुत देर हो चुकी है इसलिए वो जल्दी से फ्रेश होकर बाथरूम से निकली,उसने घड़ी में टाइम देखा तो 8:30 बज रहे थे।

मै नीचे डाइनिंग टेबल पर मेरे मम्मी पापा के साथ बैठा था तभी मम्मी ने मेरी ओर देखकर पूछा,’ये रुचि अभी तक नीचे क्यों नहीं आई? तूने उसे जगाया तो था ना?’
’हां मां, मै उसे उठाकर ही आ रहा हूं पर पता नहीं क्यूं उसे इतनी देर लग रही है?’ मैने अभी इतना ही कहा था की सामने से रुचि सीढ़ियां उतरकर नीचे आती हुई दिखाई दी, उसने व्हाइट कलर की टॉप और नीचे blue कलर की लेगिस पहनी हुई थी,उसके काले बालों से निकलती एक लट उसके आंखों तक आ रही थी,होठों पर हलकी गुलाबी लिपस्टिक और चेहरे पर मुस्कान लिए वो मेरी ओर ही देख रही थी।


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उसने चेयर पर बैठते हुए कहा, ’Good Morning अंकल-आंटी’
मम्मी ने उसकी और देखकर कहा,’Very Good Morning बेटा पर नीचे आने मै इतनी देर क्यों लग गई? Any Problem' दरअसल मेरे अंकल के गुजरने के बाद सब लोग रुचि ये प्रति काफी Protective हो गए थे।
'नहीं आंटी ऐसी कोई बात नहीं है पर वो शॉवर में पहले कम पानी आ रहा था शायद कुछ problem हो गई होगी इसलिए इतनी देर लग गई।’
मैने उसकी बात सुनकर धीरे से फुसफुसाया,’झूठी कही की’ हम दोनों मै ऐसी नोक जोक कॉमन बात थी इसलिए उसने मेरी ओर देखकर कहा,’अब सब लोग तुम्हारी तरह सिर्फ कपड़े बदलकर नीचे आए तो देरी कैसे होगी,जरा देखो अपने आप को किस ऐंगल से लग रहा है तुम नहाकर बैठे हो,स्कूल जाकर यह सिखाओगे बच्चों को?’
’क्यों इस टीशर्ट और शॉर्ट्स मै क्या बुराई है? मुझे जो कंफर्टेबल लगता है वो मैं पहनता हूं’ हम दोनों की नोक-जोक को बीच में रोके हुए पापा ने कहा,'अब बस तुम दोनों सुबह-सुबह शुरू मत हो जाओ प्लीज, अभी पूरा दिन पड़ा है जी भर कर लड़ लेना पर पहले नाश्ता कर लो।'
'Drama Queen'
'अकडू कही का' हम दोनों एक दूसरे को देखकर बड़बड़ाए।

'वैसे बेटा रुचि आज तुम्हे कुछ समान लें बाजार जाना था?' मम्मी ने रुचि की ओर देखकर कहा।
'हां आंटी आज sunday है और ऊपर से आज ऑफिस मै छुट्टी है तो सोचा की आज दोपहर होने से पहले ही सारी चीजें ले आऊं।'
'बहुत अच्छे बेटा पर अकेले आने से अच्छा है तुम विशाल को भी अपने साथ ले जाओ,तुम्हे भी कंपनी मिल जाएंगी।' मम्मी की बात सुनकर मैने अकड़ते हुए कहा,' मै क्यों इसके साथ जाऊं? मै क्या इतना खाली बैठा हूं कभी तो मुझे मेरी छुटिया शांति से enjoy करने दो।' मेरी बात सुनकर मां ने मेरा कान पकड़ते हुए कहा,'स्कूल खुलने मै अभी बहुत दिन बाकी है और तुम्हारे पास आराम करने के लिए पूरा महीना पड़ा है इसलिए चुपचाप चले जाओ वो क्या इतनी दूर अकेली जाएगी?'
'Oouch मां.....ठीक है......ठीक है मां.......उसे मै ले जाऊंगा अब तो मेरा कान छोड़ो' मेरी बात सुनकर सब लोग हंसने लगे,पापा का Breakfast हो चुका था इसलिए वो फोन पर बात करने के लिए अपने कमर में चले गए, मां भी कुछ काम होने की वजह से किचन में चली गई,रुचि देर से आई थी इसलिए वो अपना नाश्ता खत्म कर रही थी और मै अपनी Diet की वजह से Sprouts, मग दाल और फ्रूट्स से mix सलाद खत्म कर रहा था,मैं और रुचि अकेले बैठे हुए थे उसे फिर शरारत सूजी तो उसने अपना दुपट्टा टेबल की साइड पर रख दिया और टॉप के ऊपर का एक बटन खोल दिया जिससे उसकी Clevage ज्यादा deep हो गई थी,उसने ब्रेड पर लगाने के लिए बटर लिया जो हल्का सा फिसलकर उसके बूब्स पर लग गया,जो पिघलते हुए उसके मम्मो को ओर भी ज्यादा चमका रहा था,उसे अचानक क्या सूजी की उसने उस ब्रेड को अपने clevage मै फंसा दिया और अपने बूब्स को टॉप के ऊपर से पकड़कर ब्रेड खाने लगी।यह नजारा देखकर मेरा बुरा हाल हो गया था।



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आज सुबह से रुचि ने मुझे जितना तन किया था उसका बदला लेने का इससे अच्छा मौका मुझे नहीं मिल सकता था।हमारी फैमिली मै कम लोग होने की वजह से डाइनिंग टेबल की छोटा था,इसी मौके का फायदा उठाते हुए,मैने अपना पैर रुचि की कुर्सी की तरफ बढ़ाया और उसकी Thigh (जांघ) के पास रख दिया,मेरे अचानक छुने की वजह से वो हड़बड़ा गई और मेरी ओर नकली गुस्से भरी नजरों से देखने लगी,वो अपनी आँखें दिखाकर यह करने से मना कर रही थी क्योंकि उसे मेरी मोम का डर था पर इस बात से मुझे पर कोई फर्क नहीं पड़ रहा था।अब मैने आगे बढ़कर उसकी चूत के पास अपना पैर रख दिया,धीरे-धीरे Toe / BigToe ( पैर के अंगूठे ) की मदद से मै उसकी चूत पर अपना Toe घुमाए जा रहा था,पहले तो उसने अपना हाथ बीच मै रखकर मना किया पर अब उसे भी मज़ा आने लगा था,उसने पतली लेगिस पानी हुई थी इसलिए मैने Toe और उंगली की मदद से ग्रिप बनाकर लेगिस को रुचि की चूत तक नीचे कर दिया,मेरा ध्यान ऊपर था पर जैसे मैने अपना पैर उसकी चूत पर रखा तो दंग रह गया उसने नीचे पेंटी नहीं पहनीं थी और उसकी गीली चूत पर मै अपना Toe घुमाए जा रहा था,उसके पूरे शरीर में चल रही Excitement की वजह से उसका पूरा चेहरा लाल पड़ गया था,उसने टेबल के ऊपर अपना सर रख दिया था, वो तेज चल रही सांसों के साथ अपना नाश्ता खत्म करने की कोशिश कर रही थी पर मैने उसे सताने के लिए एक धक्का मारा और Toe उसकी चूत मे चला गया,मेरे ऐसा करने की वजह से उसके मुंह से ’आआहहह.......’ निकल गई जिसे उसने बहुत मुश्किल से कंट्रोल किया।

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मै अपना Toe उसकी चूत मै पूरा घुमाने लगा था, उसने अपने दोनों हाथों से अपना मुंह दबा रख था,कुछ देर यही खेल चलता रहा,उसकी चूत से निकलता पानी उसकी लेगिस को गिला कर दिया था तभी मैने देखा तो मोम कुछ चीज़ लेने इसी ओर बढ़ रही थी इसलिए मैने तुरंत अपना पैर वापस खींच लिया,मैने नीचे देखा तो चूत के पानी की वजह से मेरा पूरा पैर गिला और चिपचिपा हो गया था,मैने एक नजर उसके ऊपर डाली तो वो गुस्से में दिख रही थी इसलिए मैने जल्दी से अपना breakfast खत्म किया और ऊपर की ओर चल पड़ा।

दोस्तो अगर आपको यह कहानी पसंद आई तो Like या Comment करना मत भूलना।

Bahut shandar update he p696r Bro,

Seduction bahut hi badhiya likha he aapne.........

Keep rocking Bro
 

p696r

Lust Forever💦
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Last edited:

p696r

Lust Forever💦
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अपडेट - 3
मैने अपना breakfast जल्दी से खत्म किया और दूध पीकर ऊपर की ओर बढ़ने लगा,मुझे ऊपर जाते हुए देखकर रुचि ने अपना बचा हुआ नाश्ता वही टेबल पर छोड़ दिया और तुरंत मेरे पीछे ऊपर आने लगी,उसे इस तरह ऊपर जाते हुए देखकर मोम ने पूछा,'क्या हुआ बेटा नाश्ता पसंद नहीं आया क्या?'

’अरे आंटी ऐसी बात नहीं है you're the best cook पर मुझे अचानक कुछ काम याद आ गया था इसलिए ऊपर जा रही हूं।' इतना बोलकर वो दौड़ते हुए ऊपर चढ़ने लगी,ऊपर सीढ़ियां चढ़ते ही बाई तरफ हमारे रूम थे और उसके पास ही छत पर जाने का रास्ता था। जैसे ही नीचे से दूसरी मंजिल पर ऊपर आते थे,सीढ़ियों के पास ही दाई तरफ 2-3 फीट का एक कोना पड़ता था,अभी मैं ऊपर पहुंचा ही था की तभी रुचि दौड़कर ऊपर आई और मुझे कोने की ओर धक्का देकर दीवार से कसकर सटा दिया,उसकी height 5.9 feet थी इसलिए वो मुझसे थोड़ी नीची दिख रही थी,अपने बाएं हाथ से मेरी गर्दन पर दबाव बनाते हुए उसने गुस्से के साथ कहा,’नीचे यह सब क्या था?आज सुबह-सुबह ही बड़ी मस्ती सूज रही है।’ रुचि का ये गुस्सा बस दिखावे का था यह बात मै जानता था इसीलिए मैने हंसते हुए कहा,’शुरूआत किसने की थी? और तुम तो ऐसे बात कर रही हो की जैसे तुम्हें मजा नहीं आया, देखो जरा तुम्हारे चूत के पानी की वजह से मेरा पूरा पैर गंदा हो गया।’


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’एक लड़की के साथ ऐसी गंदी भाषा मे बात करते हुए शर्म नहीं आती और अगर उस वक्त आंटी ने देख लिया होता तो मै क्या जवाब देती?’
’जब करने मे शर्म नहीं तो फिर बोलने मै कैसी शर्म और वैसे भी मै तुम्हारे जैसा पागल थोड़े ही हूं मैने पूरा चेक करके ही ये किया था.....So Relax’ इतना बोलकर मैने कोने की दीवार से नीचे देखा तो मोम साफ सफाई कर रही थी। मैं रुचि की तरफ घुमा तो उसने मुझसे कहा,’मेरे पागलपन का एक Example मै तुम्हे अभी देती हूं।’ इतना कहकर उसने अपना हाथ मेरे बॉक्सर के ऊपर रखकर मेरा लंड अपने हाथों मै पकड़ लिया,रुचि की इस हरकत से मेरी तो जैसे सांसे ही थम गई,मै बस सहमे हुए उसे देख रह था।
"अपने साथ होता है तो कैसा लगता है अब पता चला?" इतना बोलकर वो मेरे बिलकुल करीब आ गई,उसका हाथ अभी भी मेरे बॉक्सर पर ही था जिसे वो बहुत अच्छे से मसल रही थी।
उसकी इस हरकत से मेरे मुंह से आवाज़ निकल गई,"ओओहह......उऊफफ्......" उसने अपने टॉप के दो बटन खोल दिए जिससे उसके आधे से ज्यादा बूब्स बाहर तक दिखने लगे,मेरे पूरा बदन पसीने से भीग रहा था,हर बीतते वक्त के साथ मुझे खुदको संभालना बहुत मुश्किल हो रहा था जिसकी वजह से मेरा लंड पूरा तनकर खड़ा हो चुका था,जो मेरे बॉक्सर से बाहर तक निकल गया था,मेरी तेज़ चल रही गर्म सांसों को महसूस करते हुए वो अपने दोनों होठ मेरे करीब ले आई,अगर वो थोड़ा आगे बढ़ती तो मेरे होठ उसके रसीले होठों का स्वाद ले चुके होते।आज वो मुझे परेशान करने का पूरा मन बना चुकी थी,उसने फिर अपनी सुरीली आवाज़ में कहा,"तुमने जो किया उसके मुकाबले तो यह कुछ भी नहीं है अभी तो ओर भी हिसाब करना बाकी है।" इतना कहकर उसने मेरा टीशर्ट धीरे से उतारकर फेंक दिया,मोम किसी भी पल ऊपर आ सकती है इसके डर से मै उसे कुछ बोलता उसके पहले उसने अपने बूब्स मेरी छाती पर रख दिए और अपनी जीभ मेरी गर्दन पर घुमाने लगी,उसके बदन से आती खुश्बू अब मेरी सांसों में समाने लगी पर शायद उसे यह सब भी कम लग रहा था इसलिए उसने मेरा बॉक्सर नीचे उतारकर मेरे लंड को पूरा आजाद कर दिया जो कबसे झटके खाए जा रहा था,इतना बड़ा फौलादी लंड देखकर एक पल के लिए तो जैसे वो हैरान रह गई पर थोड़ी देर उसे देखने के बाद अपने कोमल हाथ आगे बढ़ाकर उसने मेरा लंड हाथ में पकड़ लिया और धीरे से ऊपर नीचे करने लगी।


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वो कभी दाएं हाथ से मेरे लंड को मसलती तो दूसरे बाएं हाथ से मेरे आंड को सहलाती,वो मेरे गर्दन पर घुमा रही जीभ को मेरे छाती तक ले आई और मेरे निप्पल मुंह मै दबा दिए,अपने बूब्स को मेरी छाती पर रगड़ते हुए वो पूरा ऊपर नीचे हो रही थी,अब उसने मेरे लंड को अपनी दोनों टांगों के बीच चूत के पास दबा दिया था और अपनी जीभ से मेरी पूरी छाती को चाटने लगी थी।

मै लगभग पूरा नंगा हो चुका था पर रुचि अब भी रुकने का नाम नहीं ले रही थी और नीचे मोम आधे से ज्यादा हॉल साफ कर चुकी थी जिसके खत्म होते ही वो कभी भी ऊपर आ सकती थी इसलिए मैने जल्दी से इस खेल को खत्म करने का सोचा,मैने रुचि के बालों से पकड़ा और उसके चेहरे को मेरे नजदीक लाकर उसके नाजुक होठों से अपने होठ मिला दिए।


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मेरी अचानक की गई हरकत से वो कुछ समझ नहीं प्यार सिर्फ बड़ी आंखों से मुझे देखने लगी,मैने उसके होठों को चूसते हुए अपनी जीभ उसके मुंह में घुसा दी,उसके साथ एक wild किस का मजा लेते हुए मैने दोनों हाथों से उसके बूब्स पकड़ लिए,मैने जैसी उसे धीरे से दबाया मुझे लगा दोनों हाथो में जैसे किसी ने मुलायम रूई रख दी हो,वो भी अब पूरी गर्म हो चुकी थी पर उसके मुंह से निकलती सिसकारियां मेरे मुंह मै ही दब गई,'गुंगुऊऊहहह.......उऊहहहह.....उहहह' उसकी रसीली चूत पानी छोड़ते हुए उसकी लेगिस के ऊपर से ही मेरे लंड को भिगो रही थी,मुझे लगा यही सही मौका है इसलिए मैने अपने लंड को उसकी लेगिस के ऊपर से ही धक्के मारना शुरू कर दिया,'ऊऊहहह......ओओउउहहह्......' उसकी ये आवाजें मेरे कानों में पड़ रही थी।

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उसने दोनों हाथों से मुझे अपनी बाहों मै जकड़ा हुआ था,जैसे ही उसका पानी निकलने वाला था उसने अपने नाखून मेरी पीठ पर गड़ा दिए,उसका यह इशारा मै समझ गया और मैने अपनी रफ़्तार तेजी कर दी,कुछ मिनटों की इस कामक्रीड़ा के बाद हम दोनों तेज़ चलती सांसों के साथ झड़ने लगे,मैने अपना सर माल उसकी लेगिस की चूत पर छोड़ दिया जो उसके काम रस से मिलकर मेरे लंड को पूरा चिपचिपा बना रहे थे।इतनी देर से चल रही हमारी किस की वजह से जब हम लोग अलग हुए तो उसके थूक से बनती लार मेरे होठों पर आ गई।


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मैने उसकी आंखों में देखा तो उसमें मिलन की खुशी के साथ कुछ अधूरा पन दिख रहा था जिसे वो पूरा करने के लिए तरस रही थीं,ऊपर-ऊपर से किए गए इस खेल से वो अभी पूरा संतुष्ट नहीं हुई थी,उसके मन में कही गिल्ट रह गया था इसलिए वो चुप होकर खड़ी थी,मैने माहौल को थोड़ा हल्का करने के लिए उसे छोड़ते हुए कहा,"बड़ी आई थी हिसाब बराबर करने......यह तो वहीं बात हो गई शिकार करने गए थे खुद शिकार बनके वापस आ गए।" मेरी यह बात सुनकर उसने मेरा लंड कसकर पकड़ लिया जिससे मुझे दर्द होने लगा,'आआहह.....Oouch Sorry यार छोड़ो प्लीज' उसने मेरे कानों के पास आकर धीरे से कहा,'अभी ये खेल खत्म नहीं हुआ है' इतना बोलकर वो दौड़ते हुए अपने रूम मै घुस गई।

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उसके जाते ही मैने नीचे देखा तो मोम सफाई करने ऊपर ही आ रही थी इसलिए मैने जल्दी से अपना टीशर्ट उठाया और अपने रूम में चला गया।
इस तरफ रुचि अपने रूम में दरवाजे के सहारे खड़ी हुई थी,कुछ देर पहले जो हुआ उसके बारे में सोचकर उसकी सांसे तेज चलने लगी थी जिसकी वजह से उसका पूरा चेहरा लाल पड़ चुका था।उसने अपनी लेगिस उतारी और उसकी तरफ देखकर कहा,"आखिर कार कही से तो तुमने हमारे रिश्ते की शुरुआत की पर वो दिन कब आएगा जब तुम सारे बंधन तोड़कर अपना यह लंड मेरी चूत में समा कर इसे अपने वीर्य से भर दोगे" इतना बोलकर वो अपनी लेगिस का चूत का हिस्सा चाटने लगी जहां बार अभी भी दोनों का Sperm लगा हुआ था,दोनों के Mix Taste से उसका मुंह तरबतर हो गया,साथ थी वो अपनी दोनों उंगलियो को अपनी चूत मै डालकर अंदर बाहर
करने लगी।
 
Last edited:

sunoanuj

Well-Known Member
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Bahut hi shandaar update ek dum kamuk updates or kahani hai …

Waiting for next update….

👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻
 

p696r

Lust Forever💦
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Mazedar story. But dono itne open kaise hue?
Lust bro,This happens because of Lust ❤️‍🔥
इस Point को Center मैं रखके ही यह Story Create की है पर तुम्हारे Suggestion की वजह से आगे मैं इसे और Clarify कर दूंगा
 
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