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प्यार.........दुनिया मै प्यार के बारे में लोगों के कई अलग तरह के मायने है,जिसे प्यार होता है वो उसे अपनी तरह से निभता है पर कुछ लोग इन्हीं सामाजिक रिवाजों से बढ़कर उसे पाने की ख्वाहिश रखते है,उनके लिए फिर इन बंधनों के कोई मोल नहीं होता।बस इसी Incent, Errotic और Hard Core Sex से गर्म कर देनेवाली कहानी मै आपके सामने रख रहा हूं,मै समाज के सभी रिश्तों की इज़्ज़त करता हूं इसलिए इसे केवल मनोरंजन की दृष्टि से देखे।
इस कहानी को मजेदार बनाने के लिए मैने कई Unnatural चीजें add की है, जिसे आप आगे पढ़ोगे तो समझ जाओगे,जिस्म को प्यास बुझाने के लिए दो लोग किस अलग-अलग तरीके से Sex करते है यह पढ़कर आपको मजा आएगा,शायद कुछ लोगों को यह घिलौना लग सकता है पर तरीका जितना गंदा उसमें मजा भी उतना दुगना मिलता है,चलिए फिर कहानी को शुरू करते है।
प्यासे दिल के अरमान
अपडेट – 1
केरल.....अपने अन्दर प्राकृतिक सुंदरता समाए यह State दुनिया भर मै अपने चाय के बाग,पहाड़ों और beach की वजह से काफी मशहूर है,उसी केरल मै स्थित एक city कोट्टयम जो उसी खूबसूरती को प्रतिबिंब करता है।
सुबह के 6 बज रहे थे,अपने पश्चिमी घाट की पहाड़िया और घने पेड़-पौधों की वजह से पूरे मौसम मै काफी ठंड फैली हुई थी,इसी मौसम का लुफ्त उठाते हुए मैं अपने घर की छत पर अपना Routine Workout कर रहा था।मेरा नाम विशाल है, उम्र 23 साल,मेरी हाइट 6 फीट और रंग थोड़ा सांवला है,Arts मैं Master करके मैने यही पर Lecturar की जॉब ले ली है।मै एक Middle Class Family से Belong करता हूं इसलिए मैं Gym का खर्चा Afford नहीं कर सकता,जिसकी वजह से मै घर पर ही Daily Exercise करता हूं,इसके रिजल्ट में मेरी बॉडी काफी Fit हो गई है।April का महीना था,सर्दी का मौसम तो जा चुका था पर आसमान से गिरती ओस की वजह से सूरज निकलने मै अभी देर थी इसीलिए मैं Squats,Pushup और दंड कर रहा था।
इन सब Exercise की वजह से मेरा पूरा शरीर पसीने से तरबतर हो चुका था, खुले मौसम मै चल रही ठंडी हवाएं पसीने की बूंदों को छूकर एक अलग ही शीतलता दे रही थी तभी नीचे से Mummy की आवाज़ आई,'बेटा 7:30 बज चुके है,जरा जाकर रुचि को उठा दे,उसे कुछ काम था इसलिए उसने मुझे जल्दी उठाने को कहा था।'
मै अपने मम्मी पापा के साथ रहता हूं,हमारी 3 लोगों की छोटी सी फैमिली है,मेरे पापा मनोहर शर्मा के बड़े भाई आदित्य शर्मा की एक कार Accident मै मौत हो गई थी,अब बस उसने परिवार में मेरी आंटी और रुचिका ही बचे थे,रुचिका 24 साल की थी,उनका घर हमसे कुछ ही दुरी पर था।बचपन से ही मेरी और रुचिका की बहुत बनती थी और ऐसा हादसा होने की वजह से उसे अकेला ना लगे इसलिए वो ज्यादातर हमारे घर पर ही रहती थी,हम दोनों भाई बहन से ज्यादा एक अच्छे दोस्त थे जो हर बात शेयर किया करते थे।आप रुचि को ऐसे imagine कर सकते है।

मै छत से उतरकर दूसरी मंजिल पर आ गया,उस मंजिल पर एक मेरा रूम और उसके बगल में ही Guest Room बना हुआ था,जब भी रुचि आती थी तब वो उसी रूम मै सोती थी,मैंने धीरे से दरवाजा खोलकर उसके रूम मै चला गया,कमरे मै बड़े कदमों से चलते हुए मै पर्दो के पास आ गया और उसे खींचकर पूरा खोल दिया जिसकी वजह से सुबह के सूरज की रोशनी रुचि के गोरे बदन पर पड़ने लगी,जो उस रोशनी मै किसी चांद की तरह चमक रहा था,रुचि का रंग दूध जैसा सफेद था,29 की कमर, काली नशीली आंखे,गुलाबी होठ और कमल जैसे नाज़ुक गाल,सोते हुए उसकी छाती ऊपर नीचे हो रही थी,जिसपर उसके 35D की size के बूब्स मचल रहे थे,

बचपन मै तो मैने रुचि पर इतना ध्यान नहीं दिया था पर जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ी और हम जवान हुए में उसके तरफ एक खिंचाव महसूस करने लगा, उम्र के साथ उसके बूब्स में अचानक काफी उभार निखर आया था।रुचि वो लड़की थी जिसे हर मर्द अपने सपनो मै पाने की ख्वाहिश रखता है।मै थोड़ी देर ऐसे ही उसके मासूम चेहरे हो देखता रहा।
उसने व्हाइट कलर की सफेद पतली सी टीशर्ट पहनी हुई थी उसमें से उसके काले रंग की ब्रा साफ दिख रही थी और नीचे उसने एक शॉर्ट्स पहन रख था जो पूरी तरह उसकी गांड़ से चिपका हुआ था,सामने का यह नजारा देखकर मेरे पजामे के अंदर मेरा लंड मचलने लगा,मेरा लंड 9 इंच लंबा और 2 इंच मोटा है, जिसकी वजह से पजामे के ऊपर तंबू बना हुआ था,मैने अंदर हाथ डालकर थोड़ा adjust किया तो थोड़ी देर बाद वो नॉर्मल हुआ,मैने रुचि के पास जाकर कहा,'Come on रुचि अब उठ भी जाओ पूरे दिन सोने का इरादा है क्या?'
मेरी बात सुनकर उसने कहा,'उउहह.....बस 5 मिनिट'
मै उसके बेड पर बैठ गया और फिर उसके कंधे को धीरे से हिलाते हुए कहा,'अब ऐसे ही सोते रहोगी तो काम अपने आप हो जाएगा क्या? फिर मेरे पास आकर शिकायत मत करना।'
मैने अभी इतना ही कहा था कि उसने मुझे पकड़कर अपने पास लिया दिया और मुझसे लिपटकर सो गई,'बस कुछ देर ऐसे ही सोने दो।' उसके बूब्स मेरी छाती को छू रहे थे और उसने अपना एक पैर मेरे ऊपर डाल रखा था जिसकी वजह से मेरा लंड उसके चूत के हिस्से को छू रहा था।मैंने उसे अपनी बाहों में ले लिया जिससे उसकी तेज चल रही सांसे मेरे चेहरे को छू रही थी,मैने लंड को थोड़ा adjust करके थोड़ा धक्का मारा तो उसके मुंह से सिसकी निकल गई,'सीसीईईई.......आआहहह........'

हम दोनों कुछ देर तक ऐसे ही लेते रहे तभी नीचे से मम्मी की फिर आवाज़ आई,'अरे विशाल उतनी देर क्यों लग रही है?' यह बात सुनकर रुचि जट से खड़ी हो गई और उसने मुस्कुराते हुए मेरी ओर देखकर कहा,'आज के लिए इतना बहुत है' इतना बोलकर वो बेड से नीचे उतरी,उसकी पीठ मेरी तरफ थी,उसने धीरे से अपनी टीशर्ट और ब्रा उतारकर फर्श पर फेंक दी,अब वो सिर्फ शॉर्ट मै खड़ी थी और उसकी नंगी पीठ मेरी तरफ थी।उसने अपनी गर्दन हल्की मेरी ओर घुमाई और कहा,'वैसे vishu मेरी होने वाली भाभी बहुत लकी है।'
यह सुनकर मे सीधा उसकी और बढ़ा,'तेरी तो......' वो हंसते हुए सीधा बाथरूम में घुस गई।
'यार रुचि सुबह सुबह यह क्या लगा रखा है? This is not Fair' तभी अंदर से उसकी चहचहाती हुई आवाज आई,'बस इतते मै ही थक गए अभी तो बहुत कुछ बाकी है,तुम लड़कों में सब्र बिल्कुल नहीं होता।'
'ओ हेलो मिस Drama Queen जल्दी से तैयार होकर नीचे आ जाना मै Breakfast मै तुम्हारा इंतेज़ार करूंगा।' रुचि के पिता के गुजरने के बाद हम दोनों के बीच नजदीकिया काफी बढ़ गई थी क्योंकि उस टाइम पर मैं हमेशा उसके साथ रहा था।
मै कमरे से बाहर निकलने वाला था कि तभी पीछे से आवाज़ आई,'अरे तुम तो बुरा मान गए रुको' इतना कहकर उसके बाथरूम कर हलका दरवाजा खोला,उसने अपना एक पैर बाहर निकाला तो उसने नीचे पेंटी नहीं पहनी थी,उसने अपनी लंबी टांग बाहर निकाली बस उसके चूत के हिस्सा को ही दरवाजे के पीछे ढक रख था।उसने अपनी पेंटी निकलकर मेरी ओर फेंकी जो मेरे चेहरे पर आ गिरी,उसके चूत से आती खुश्बू से मेरा लंड फिर खड़ा हो गया और मेरे खड़े लंड को देखकर उसने फिर मुस्कुराते हुए दरवाजा बंद कर दिया शावर से गिरते पानी की आवाज़ कमरे में फैल गई।

इस कहानी को मजेदार बनाने के लिए मैने कई Unnatural चीजें add की है, जिसे आप आगे पढ़ोगे तो समझ जाओगे,जिस्म को प्यास बुझाने के लिए दो लोग किस अलग-अलग तरीके से Sex करते है यह पढ़कर आपको मजा आएगा,शायद कुछ लोगों को यह घिलौना लग सकता है पर तरीका जितना गंदा उसमें मजा भी उतना दुगना मिलता है,चलिए फिर कहानी को शुरू करते है।
प्यासे दिल के अरमान
अपडेट – 1
केरल.....अपने अन्दर प्राकृतिक सुंदरता समाए यह State दुनिया भर मै अपने चाय के बाग,पहाड़ों और beach की वजह से काफी मशहूर है,उसी केरल मै स्थित एक city कोट्टयम जो उसी खूबसूरती को प्रतिबिंब करता है।
सुबह के 6 बज रहे थे,अपने पश्चिमी घाट की पहाड़िया और घने पेड़-पौधों की वजह से पूरे मौसम मै काफी ठंड फैली हुई थी,इसी मौसम का लुफ्त उठाते हुए मैं अपने घर की छत पर अपना Routine Workout कर रहा था।मेरा नाम विशाल है, उम्र 23 साल,मेरी हाइट 6 फीट और रंग थोड़ा सांवला है,Arts मैं Master करके मैने यही पर Lecturar की जॉब ले ली है।मै एक Middle Class Family से Belong करता हूं इसलिए मैं Gym का खर्चा Afford नहीं कर सकता,जिसकी वजह से मै घर पर ही Daily Exercise करता हूं,इसके रिजल्ट में मेरी बॉडी काफी Fit हो गई है।April का महीना था,सर्दी का मौसम तो जा चुका था पर आसमान से गिरती ओस की वजह से सूरज निकलने मै अभी देर थी इसीलिए मैं Squats,Pushup और दंड कर रहा था।
इन सब Exercise की वजह से मेरा पूरा शरीर पसीने से तरबतर हो चुका था, खुले मौसम मै चल रही ठंडी हवाएं पसीने की बूंदों को छूकर एक अलग ही शीतलता दे रही थी तभी नीचे से Mummy की आवाज़ आई,'बेटा 7:30 बज चुके है,जरा जाकर रुचि को उठा दे,उसे कुछ काम था इसलिए उसने मुझे जल्दी उठाने को कहा था।'
मै अपने मम्मी पापा के साथ रहता हूं,हमारी 3 लोगों की छोटी सी फैमिली है,मेरे पापा मनोहर शर्मा के बड़े भाई आदित्य शर्मा की एक कार Accident मै मौत हो गई थी,अब बस उसने परिवार में मेरी आंटी और रुचिका ही बचे थे,रुचिका 24 साल की थी,उनका घर हमसे कुछ ही दुरी पर था।बचपन से ही मेरी और रुचिका की बहुत बनती थी और ऐसा हादसा होने की वजह से उसे अकेला ना लगे इसलिए वो ज्यादातर हमारे घर पर ही रहती थी,हम दोनों भाई बहन से ज्यादा एक अच्छे दोस्त थे जो हर बात शेयर किया करते थे।आप रुचि को ऐसे imagine कर सकते है।

मै छत से उतरकर दूसरी मंजिल पर आ गया,उस मंजिल पर एक मेरा रूम और उसके बगल में ही Guest Room बना हुआ था,जब भी रुचि आती थी तब वो उसी रूम मै सोती थी,मैंने धीरे से दरवाजा खोलकर उसके रूम मै चला गया,कमरे मै बड़े कदमों से चलते हुए मै पर्दो के पास आ गया और उसे खींचकर पूरा खोल दिया जिसकी वजह से सुबह के सूरज की रोशनी रुचि के गोरे बदन पर पड़ने लगी,जो उस रोशनी मै किसी चांद की तरह चमक रहा था,रुचि का रंग दूध जैसा सफेद था,29 की कमर, काली नशीली आंखे,गुलाबी होठ और कमल जैसे नाज़ुक गाल,सोते हुए उसकी छाती ऊपर नीचे हो रही थी,जिसपर उसके 35D की size के बूब्स मचल रहे थे,

बचपन मै तो मैने रुचि पर इतना ध्यान नहीं दिया था पर जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ी और हम जवान हुए में उसके तरफ एक खिंचाव महसूस करने लगा, उम्र के साथ उसके बूब्स में अचानक काफी उभार निखर आया था।रुचि वो लड़की थी जिसे हर मर्द अपने सपनो मै पाने की ख्वाहिश रखता है।मै थोड़ी देर ऐसे ही उसके मासूम चेहरे हो देखता रहा।
उसने व्हाइट कलर की सफेद पतली सी टीशर्ट पहनी हुई थी उसमें से उसके काले रंग की ब्रा साफ दिख रही थी और नीचे उसने एक शॉर्ट्स पहन रख था जो पूरी तरह उसकी गांड़ से चिपका हुआ था,सामने का यह नजारा देखकर मेरे पजामे के अंदर मेरा लंड मचलने लगा,मेरा लंड 9 इंच लंबा और 2 इंच मोटा है, जिसकी वजह से पजामे के ऊपर तंबू बना हुआ था,मैने अंदर हाथ डालकर थोड़ा adjust किया तो थोड़ी देर बाद वो नॉर्मल हुआ,मैने रुचि के पास जाकर कहा,'Come on रुचि अब उठ भी जाओ पूरे दिन सोने का इरादा है क्या?'
मेरी बात सुनकर उसने कहा,'उउहह.....बस 5 मिनिट'
मै उसके बेड पर बैठ गया और फिर उसके कंधे को धीरे से हिलाते हुए कहा,'अब ऐसे ही सोते रहोगी तो काम अपने आप हो जाएगा क्या? फिर मेरे पास आकर शिकायत मत करना।'
मैने अभी इतना ही कहा था कि उसने मुझे पकड़कर अपने पास लिया दिया और मुझसे लिपटकर सो गई,'बस कुछ देर ऐसे ही सोने दो।' उसके बूब्स मेरी छाती को छू रहे थे और उसने अपना एक पैर मेरे ऊपर डाल रखा था जिसकी वजह से मेरा लंड उसके चूत के हिस्से को छू रहा था।मैंने उसे अपनी बाहों में ले लिया जिससे उसकी तेज चल रही सांसे मेरे चेहरे को छू रही थी,मैने लंड को थोड़ा adjust करके थोड़ा धक्का मारा तो उसके मुंह से सिसकी निकल गई,'सीसीईईई.......आआहहह........'

हम दोनों कुछ देर तक ऐसे ही लेते रहे तभी नीचे से मम्मी की फिर आवाज़ आई,'अरे विशाल उतनी देर क्यों लग रही है?' यह बात सुनकर रुचि जट से खड़ी हो गई और उसने मुस्कुराते हुए मेरी ओर देखकर कहा,'आज के लिए इतना बहुत है' इतना बोलकर वो बेड से नीचे उतरी,उसकी पीठ मेरी तरफ थी,उसने धीरे से अपनी टीशर्ट और ब्रा उतारकर फर्श पर फेंक दी,अब वो सिर्फ शॉर्ट मै खड़ी थी और उसकी नंगी पीठ मेरी तरफ थी।उसने अपनी गर्दन हल्की मेरी ओर घुमाई और कहा,'वैसे vishu मेरी होने वाली भाभी बहुत लकी है।'
यह सुनकर मे सीधा उसकी और बढ़ा,'तेरी तो......' वो हंसते हुए सीधा बाथरूम में घुस गई।
'यार रुचि सुबह सुबह यह क्या लगा रखा है? This is not Fair' तभी अंदर से उसकी चहचहाती हुई आवाज आई,'बस इतते मै ही थक गए अभी तो बहुत कुछ बाकी है,तुम लड़कों में सब्र बिल्कुल नहीं होता।'
'ओ हेलो मिस Drama Queen जल्दी से तैयार होकर नीचे आ जाना मै Breakfast मै तुम्हारा इंतेज़ार करूंगा।' रुचि के पिता के गुजरने के बाद हम दोनों के बीच नजदीकिया काफी बढ़ गई थी क्योंकि उस टाइम पर मैं हमेशा उसके साथ रहा था।
मै कमरे से बाहर निकलने वाला था कि तभी पीछे से आवाज़ आई,'अरे तुम तो बुरा मान गए रुको' इतना कहकर उसके बाथरूम कर हलका दरवाजा खोला,उसने अपना एक पैर बाहर निकाला तो उसने नीचे पेंटी नहीं पहनी थी,उसने अपनी लंबी टांग बाहर निकाली बस उसके चूत के हिस्सा को ही दरवाजे के पीछे ढक रख था।उसने अपनी पेंटी निकलकर मेरी ओर फेंकी जो मेरे चेहरे पर आ गिरी,उसके चूत से आती खुश्बू से मेरा लंड फिर खड़ा हो गया और मेरे खड़े लंड को देखकर उसने फिर मुस्कुराते हुए दरवाजा बंद कर दिया शावर से गिरते पानी की आवाज़ कमरे में फैल गई।

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