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Ek number

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चलिए अब आगे बढ़ते है इस कहानी में एक नए एपिसोड के साथ............



पूनम ने महक को पकड़ लिया और उसकी फ्रॉक उतारने की कोशिश की। महक ने कुछ देर तक विरोध किया और फिर पूनम के आगे झुक गई। वैसे महक खुद्यः चाहती थी की उसके साथ इन दोनों में से कोई एक या दोनों उसके साथ जबरदस्ती करे। क्यों की अब तक जो भी हुआ था उस कारण उसकी चूत २ बार तो झड ही चुकी थी और उसका रस उसकी झंगो के बिच से नीच बह रहा था। एक बार तो बड़ा सा लौंदा उसकी छुट ने उगल दिया था जब वह रसोईघर में थी। महक ने अपनी फ्रॉक अपने बदन से अलग होने दी और अब बाकी दोनों की तरह वह भी नंगी थी। उसके स्तन सूजे हुए थे और निप्पल तने हुए थे। वह पूनम से कहीं ज़्यादा सेक्सी और खूबसूरत थी। पूनम का फिगर दुबला-पतला था, जबकि महक स्वस्थ और मालदार थी। उसके स्तन बड़े थे। टाँगें लंबी और जांघें मोटी और सुडौल थीं।


पूनम ने महक को बिस्तर पर लिटा दिया और एक मर्द की तरह उसके ऊपर सवार हो गई। उसने अपनी चूत महक की चूत से रगड़ी, साथ ही स्तनों को दबाया और महक को चूमा। मुनीम उनके पास बैठा था। उसने अपना हाथ पूनम के कूल्हों पर रखा। पहले उसने उन छोटे उभारों को सहलाया और धीरे-धीरे अपना हाथ चूत की दरार पर सरका दिया। उसका हाथ दोनों लड़कियों की चूत को सहला रहा था। महक भी उतनी ही उत्तेजित थी। उसने अपने कूल्हों को ऊपर उठाया और दोनों योनियाँ आपस में जुड़ गईं। मुनीम ने अपनी बेटी की चूत का चीरा देखा और दोनों हाथों से चूत के होंठ खींचे। महक को मजा आया और वह कराह उठी। पूनम की चूत महक की पूरी तरह से उजागर चूत पर घूम रही थी। मुनीम ने भी अब उसका हाथ पूनम की कुलहो पर रगड़ दिया और धीरे धीरे उसकी गांड की दरार को फैलाने लगा, जब वह फैलाता तब उसकी गांड का छेद उसे मुस्कुराके स्वागत कर रही थी। तो वहा पूनम की चूत में मुनीम का बचा हुआ माल स्पष्ट दिख रहा था। मैत्री और फनलवर की अनुवादित रचना

महक के चूत के अंदर का गुलाबी माल मुनीम को साफ दिख रहा था। वो घुटने पर बैठा और अपने लंड को दोनो चूत के ऊपर पोजीशन किया। मुनीम का लंड बेटी के चूत को रगड़ रहा था और हर रगड़ के साथ महक ऊपर से उछल रही थी।

मुनीम के लंड को बेटी के चूत का छेद मिल गया था और मुनीम अपने सुपाड़े को बेटी के चूत में दबाने लगा। महक भी गरम थी उसने भी नीचे से धक्का लगाया और सुपाड़ा चूत में, बेटी के चूत के मुँह में घुस गया.. शायद महक को होश आ गया था। उसने जल्दी से हाथ बढ़ा कर लंड को चूत के बाहर खींच लिया और उसकी पोजीशन में लंड को पूनम के चूत की ओर से डायरेक्ट किया। तभी पूनम अलग हो गई और 69 पोजीशन में हो गई।

अब दोनो एक दूसरे का चूत चाट रही हो। पूनम ने देखा कि मुनीम का लंड तना हुआ है और मुनीम ने दोनो हाथों से अपनी बेटी का चूत के होठों को पूरा फैला दिया है और लंड चूत से रगड़ खा रहा है। पूनम एक साथ महक का चूत के नीचे का माल भी खा रही थी और साथ ही साथ मुनीम के लंड को भी चाट रही थी। कुछ देर चाटने के बाद पूनम ने मुनीम से पीछे जाकर चूत में लंड घुसाने को कहा।

मुनीम पीछे गया और बेटी के मुँह के ऊपर चला गया तो महक समज गई उसने पिताजी का लंड को पकड़ा और पूनम के चूतद्वार के आगे रख दिया और वह मुनीम के अंडकोष से खेल ने लगी। महक ने थोडा ऊपर देखा और बाबाजी को आँख मार के कहा माल को छोड़ो और मुनीम ने पूनम के चूत में लंड पेल दिया। चूत बिल्कुल गिली हो गई थी। और उसकी गांड का छेड़ भी पूनम के गीलेपन से चमक रही थी। अब महक एक साथ पूनम का लंड और अपने बाप का लंड जो पूनम के चूत के अंदर जा रहा था उससे चाट रही थी। पूनम की चूत से बूंद बूंद महक के मुंह में टपक रहा था। एक बाद चुदाई करते करते मुनीम का लंड चूत से फिसल कर बाहर निकल गया तो मुनीम ने उसे बेटी के मुँह में घुसेड़ दिया।

महक ने लंड को चाटा और फिर पूनम के चूत में घुसा दिया। इस तरह तीनो मजा लेते रहे। लेकिन यह सब कितनी देर चलता! आखिर वह मुकाम भी आ गया और मुनीम के लंड ने वीर्य का फुवारा छोड़ दिया, मुनीम झड़ गया। उसने वीर्य को पूनम के चूत में गिरा दिया और लंड को थोडा बाहर खींच लिया.. पूनम के चूत से रस टपक टपक के महक के होंठ पर गिरने लगे और महक उसे बड़े मजे से अपने मुह में समाने लगी। फिर मुनीम ने लंड को बाहर निकाला तो महक ने उसके बाप का लंड पकड़ कर अपने मुँह में ले लिया और तब तब चूसा जब तक लंड पूरा ढीला नहीं हो गया। उसकी हर एक बूंद और मिक्स रस उसने अपने मुंह के द्वारा अपने पेट में उतार दिया। उसने थोड़ी देर अपनी बाप का ढीला लंड को चूसा और अंडकोष के साथ चाट चाट कर उसे क्लीन कर दिया।
मैत्री और फनलवर की अनुवादित रचना

एक तरफ महक खुश थी की उसने अपने बाप का माल अपने पेट में जमा कर दिया था, उसके लिए अब एक नया रास्ता खुला था और दूसरी तरफ मुनीम भी इसलिए खुश था की, यह मुनीम के लिए पहला मौका था जब किसी ने उसका लंड को चूसा था… और वह भी दो दो मस्त कमसिन लडकियों ने उसके अंडकोष को खाली कर दिया था, खास कर उसकी बेटी ने जो की उसका लैंड को एकदम साफ़ कर के छोड़ा था।

उसने सोचा कि आज रात वो सुंदरी से लंड चुसवायेगा। उसे क्या पता कि पिछले कुछ दिनों में सुंदरी तीन लंड को चूस कर मजा ले चुकी है।

तीनो खड़े हो गए। पूनम ने कहा कि बहुत मजा आया और दोनो से रिक्वेस्ट किया कि जो हुआ है उसके बारे में कोई किसी ना कहे। सबने एक दुसरे को प्रोमिस कर दिया। टाइम देखा तो रात के 9 बज गए थे। मुनीम ने दोनों से मुंह हाथ धो कर तयार होने को कहा। लेकिन महक कुछ और चाहती थी। उसने अपना एक पैर उठाया, पिता का सिर खींचा और उसे अपनी खुली चूत पर धकेल दिया। वह अपने आपे में नहीं थी वह एक बार और झाडना चाहती थी और वह भी अपने बाबूजी के मुंह में। वह अभी भी बिन चुदी ही अधूरी सी थी।
मैत्री और फनलवर की अनुवादित रचना

पूनम: “ठीक है, ठीक है काका, चूस लो वह बेचारी अभी अधूरी है। समय मिलने पर बेचारी की चूत को भोसड़ा बना देना काका।“

"जल्दी जल्दी चूस कर मज़ा लो"

मुनीम ने उसका सिर हटाने की कोशिश की, लेकिन महक ने उसे अपनी चूत पर ही रखा। मुनीम को अपनी बेटी की चूत के होंठों पर जीभ फेरनी पड़ी और महक ने अपनी चूत के होंठ चौड़े करके अपनी चूत पूरी तरह खोल दी ताकि बाबूजी की जीभ अन्दर तक जा सके। मुनीम ने अंदर से चूसा। उसका मुँह और नाक चूत रस से भीग गए। कुछ देर बाद महक ने उसे छोड़ दिया, लेकिन फिर पूनम ने उसे अपनी चूत पर खींच लिया और अपनी जीभ से उसकी चूत साफ़ करवाई। जब वह दोनों के साथ समाप्त हो गया, तो उन्होंने एक-दूसरे को चूमा, अपने चेहरे धोए और ऐसे कपड़े पहने जैसे कुछ हुआ ही न हो। फिर भी वह लडकिया ने अब बाउजी के सामने उन दोनों की गांड के छेद से खेलती रही लेकिन अब मुनीम को इंटरेस्ट नहीं रहा था।



******
आज के लिए बस इतना

बने रहिये कहानी के साथ

इस एपिसोड के बारे में आपकी राय देना ना भूले प्लीज़
Shandaar update
 

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Ajju Landwalia

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अब आगे............

चलिए वापिस वाही पूनम और महक के पास चलते है.....


मुनीमजी ने देखा कि दोनों लड़कियों के बाल बिखरे हुए हैं, रंग लाल हो रहा है और एक अजीब सी मस्ती छायी हुई है। उन लड़कियों को उस सेक्सी हालत में देखकर वह उत्तेजित हो गया और उसे लगा कि उसका लंड टाइट होने लगा है। मैत्री और फनलव की अनुवादित रचना है यह

"तुम दोनों फाईट कर रही थी क्या?" उसने माहौल को हल्का बनाने की कोशिश की। उसने ज़मीन पर पायजामा के जोड़े पड़े देखे, लेकिन वह कल्पना नहीं कर पा रहा था कि वे किस तरह की चुदाई कर रही हैं। उसके लिए सेक्स का मतलब उसकी पत्नी सुंदरी की 'चूत' है और पिछले एक साल से उसे सुंदरी को चोदने में भी कोई दिलचस्पी नहीं थी, हालाँकि वह लगभग हर रात उसे रोज़ाना चोदता था और अपना पानी निकाल देता था।

लेकिन आज मुनीम इन लड़कियों को, खासकर पूनम को, चोदना चाहता था। वह उसे जानता था और दरअसल पूनम उसके एक करीबी दोस्त की बेटी थी और पूनम की माँ उसका पहला प्यार थी। लेकिन, सुंदरी को अपनी पत्नी बनाने के बाद, पूनम की माँ में उसकी रुचि खत्म हो गई। अब वह अपने पहले प्यार की बेटी को चोदना चाहता था। मुनीम उसी चारपाई पर बैठ गया जिस पर दो लड़कियाँ मस्ती कर रही थीं। उसने देखा कि चादर एक जगह गीली है, लेकिन वह समझ नहीं पा रहा था कि ऐसा क्यों हो रहा है। उसने दोनों को बुलाया। वे आँखें नीची किए पास आईं। मुनीम ने हाथ बढ़ाकर उन्हें अपनी ओर खींचा और उन्हें अपने पास, एक-एक करके, बिठा लिया। वह अपने हाथ उनके कंधे पर ले गया और उनकी बांहों पर दबाव डालकर उन्हें करीब खींच लिया। लड़कियाँ उसके करीब आ गईं और मुनीम को अपने सीने पर उनके स्तनों की गर्मी और जकड़न का अनुभव हुआ। पूनम गर्मी में थी, वो किसी से भी बुरी तरह से चुदवाना चाहती थी। महक ने उसकी योनी को चाटकर उसकी सेक्स इच्छा को जगाया लेकिन उसकी बांहों पर दबाव महसूस होने से महक घबरा गई। मैत्री और फनलव की अनुवादित रचना है यह


"बाबूजी, आप मुंह हाथ धोकर कपड़े बदल लो मैं नाश्ता लगाती हूं.."कह कर महक ने अपने को अलग किया और खड़ी हो गई। उसने पूनम की ओर देखा। वो मुनीम जी से बिल्कुल सट कर बैठी थी। महक ने देखा कि पूनम की एक चूची मुनीम जी के सीने से चिपकी हुई है.. पूनम बैठी रही। महक किचन मे चली गई, महक के अंदर जाते ही मुनीम ने पूनम के गालों को सहलाया और होल से चूम लिया। पूनम मुस्कुरा दी, तो मुनीम की हिम्मत बढ़ी और इस बार उसने जोर से पूनम को अपनी छाती से चिपका लिया..और पूनम की दोनों छाती मुनीम के छाती से चिपक गई। मुनीम को पूनम की चूची की गर्मी बहुत अच्छी लगी...लेकिन पूनम को अच्छा नहीं लगा कि मुनीम इतना कपड़े पहन कर बैठा है। पूनम उठ गयी और कहा,

“काका, आप हल्के हो जाइए…” कह कर वो भी किचन में चली गयी। दोनो लड़किया एक दूसरे को देख कर मुस्कुराने लगी। थोड़ी देर बाद दोनों नास्ता की प्लेट लेकर बाहर आइ तो देखा कि मुनीम जी सिर्फ एक लुंगी पहन कर खाट पर बैठे हैं। महक ने पहले भी अपने बाप को इस ड्रेस में देखा है लेकिन आज बाप को सिर्फ लुंगी पहन कर महक सिहर गई। उसका मन ने कह दिया की बाप की बालों वाली छाती से चिपक जाए और बाप अपनी मजबूत भुजाओं को लेकर उसे तोड़ डाले, दरअसल महक ने अपने बाप का लंड देखा हुआ था और उस लंड से पागल भी हो चुकी थी लकिन आगे नहीं बढ़ी क्यों की वह बाप था, मादरचोद। मैत्री और फनलव की अनुवादित रचना है यह


पूनम की भी यही हालत थी, पूनम मुनीम का लंड चूत में लेने को पूरी तरह से तैयार थी। महक ने चूत चटकारे से उसे गिला कर दिया था। चूत लंड के लिए तड़प रही थी। दोनों पूनम और महक सामने फ्लोर पर बैठ गईं। नास्ता करते-करते कई बार मुनीम ने झुक कर दोनों के गालों और जाँघों को छुआ। मुनीम उपर बैठा था और वो दोनों लड़कियों की क्लीवेज और स्तन के ऊपरी हिस्से को देख रहा था। नास्ता करते-करते ही मुनीम का लंड खड़ा होने लगा। मुनीम ने टांगों को फैला दिया कि लड़कियां उसके टाइट होते लंड को देख सकें। और लड़कियों ने देखा कि लुंगी के नीचे जांघों के बीच लंड ऊपर नीचे हो रहा है। सबका नास्ता ख़तम होने के बाद दोनों खाली प्लेटें लेकर अंदर चली गईं। दोनों लड़कियाँ शर्म महसूस कर रही थीं।

उन्हें पता था कि उनके साथ कुछ होने वाला है। वे फिर बाहर आइ और उन्हें देखकर मुनीम ने उन्हें अपने पास बैठने को कहा। वे खड़े ही रहते हैं। मुनीम ने पूनम को खींच कर अपने पास बैठा लिया। उसने अपना हाथ उसके कंधे पर रखा और उसे फिर से अपनी छाती की ओर खींचा। उसने अपना सिर झुकाया और उसके गालों को चूम लिया। महक देखती रही। वह उत्तेजित हो रही थी और सोच रही थी कि अगर वह यहाँ रही तो खुद पर काबू नहीं रख पाएगी और शायद उसके पिता के साथ उसकी चुदाई हो जाए। उसे अपने पिता को अपने स्तन और चूत सहलाने देने में कोई हिचकिचाहट नहीं थी, लेकिन वह किसी और की मौजूदगी में नहीं करना चाहती थी। पूनम को एक बाँह में पकड़े हुए मुनीम ने अपनी बेटी को अपनी जांघों पर बैठने का इशारा किया। लेकिन महक यह कहकर रसोई में वापस चली गई कि सुंदरी के वापस आने से पहले उसे खाना खत्म करना है।

जैसे ही महक नज़रों से ओझल हुई, मुनीम ने पूनम के स्तन सहलाए और उसकी तारीफ़ की, मैत्री और फनलव की अनुवादित रचना है यह


"तुम तो पूरी जवान हो गई हो... तुम्हारे बाप से कहना पड़ेगा कि जल्दी तुम्हारी शादी कर दे..." उसने उसे गहराई से चूमा और पूनम ने भी जवाब दिया। उसने उसके चौड़े और बालों वाले सीने को सहलाया।

“काका, शादी की क्या जरूरत है..तुम ही पूरा खाना खा लो..” पूनम ने अपने स्तन दबाये और अपना हाथ लुंगी के उभार के ऊपर रख दिया। लंड पूरा टाइट था और उसने मुठ मार ली, वो आई थी परम का लंड चूसने और अपनी वर्जिन चूत में लेने लेकिन यहां परम के बदले उसके बाप का मस्तया लंड को छू कर पूनम भी मस्त हो गई। मैत्री और फनलव की अनुवादित रचना है यह


जाइयेगा नहीं आगे और भी है.................


इस एपिसोड के बारे में आपकी राय जान ने के बाद ..........लिखती हूँ ................

Bahut hi majedar update he Funlover Ji

Munim ki to mauj hone wali he..........

Keep posting dear
 

Ajju Landwalia

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आगे चलते है ..............आपके धैर्य की प्रसंशा करती हूँ


उसने कहा, "काका, तुम्हारी बेटी भी पूरी तरह से तैयार है, उसके लिए भी कोई 'मर्द' का इंतज़ाम कर दो कि उसकी गर्मी को उतार सके।"

“बेटी, महक की गर्मी तो बाद में मैं ही उतारूंगा, पहले तू अपना फ्रॉक उतार दे।” चुचियो को मसलते हुए मुनीम ने कहा। पूनम ने एक मिनट भी देर नहीं की। उसने खड़ी होकर फ्रॉक हेड के ऊपर से निकल दिया और मुनीम के सामने खड़ी हो गई। मुनीम उसे देखता ही रहा।

5'4'' हाइट, कमसिन बदन, 32'' साइज़ के ब्रेस्ट और 22'' के कम्ड। पतली जांघें और जांघों के बीच की झांटों से जघन क्षेत्र का भदा हुआ। मुनीम को पुनम बहुत मस्त और चुदासी लगी. मुनीम ने 16-17 साल पहले इस उम्र की पूनम की माँ को देखा था और उसे चोदने के लिए लंड खड़ा हो गया था। मुनीम पूनम की माँ को तो नहीं चोद पाया लेकिन आज उसकी बेटी चुदवाने के लिए पूरी नंगी उसके सामने खड़ी है। मुनीम उसे घूरता रहा।

पूनम ने मुनीम के लंड को लुंगी के ऊपर से सहलाया और लुंगी खींच कर अलग कर दी। मुनीम का लंड लोहे के रॉड की तरह तन गया था। लंड का सुपारा बाकी लंड से ज्यादा मोटा था, जैसा की पहले बताया हुआ था। पूनम ने उसे मुठियाते हुए कहा, "बाप रे इतना मोटा लंड मेरी छोटी सी चूत के अंदर कैसे जाएगी। मुनीम ने पूनम के पीछे कमर पर हाथ रख कर उसे अपनी ओर खींच लिया और एक हाथ से उसके कुल्हे को सहलाते हुए एक चूची को चूसने लगा।"
मैत्री और फनलव की अनुवादित रचना है यह

पूनम जोर से सिस्कारी मारने लगी। पोनम की सिस्कारी किचन के अंदर महेक को सुनाई दी। महक समझ गई कि बाहर क्या हो रहा है, लेकिन वो बाहर नहीं आइ। अब मुनीम पूनम की चूतड को दोनो हाथो से मसलते हुए उसकी दोनो चूचियो को चूस रहा था, निपल्स बिल्कुल टाइट हो गए थे। नीचे पूनम भी लंड को मसला रही थी और अपनी चूत से रगड़ रही थी। मैत्री और फनलव की अनुवादित रचना है यह

"काका अब देर मत करो। वह मादरचोद आपकी बेटी, महक ने पहले ही चाट-चाट कर गरम कर दिया है,,, अब बहुत चुदासी हो रही है.. ।"

मुनीम अब पूनम की टाइट गांड को मसल रहा था और पीछे से ही चूत में उंगली घुसा रहा था। चूत बहोत ही टाईट थी, पूरा सिल-पेक।

“महेक ने क्या चाटा? मुनीम ने पूछा।

“ओह, काका, उस भोसड़ीकी ने, मेरी चूत चाट-चाट कर गिला कर दिया है.. मन करता है किसिका भी लंड चूत में समा लू… तुम्हारी बेटी बहुत हरामज़ादी है… चूत ऐसी चाट रही थी जैसे कोई लॉलीपॉप या लंड चूसता है… उसकी जवानी भी बहुत मस्त है.. आपकी बेटी का माल बहोत स्वादिष्ट है काका.....उसकी चूची मेरी चूची से बड़ी और एक दम गोल गोल है. उसे दबाने में आपको बहुत मजा आएगा.. उसको भी अपना मोटा लंड का मजा दीजिए.. उसे।“
मैत्री और फनलव की अनुवादित रचना है यह

मुनीम ने उसे गोद में उठाकर बिस्तर पर लेटा दिया और उसकी जांघों को पूरा खोल दिया। मुनीम ने पहले तो कुछ देर तक उसकी चूत को सहलाया और कई बार चुमा। वह जानता था की एक कच्चा माल को कैसे चोदा जाता है ताकि उसे बहोत नुकशान ना हो। उसे याद नहीं है आखिरी बाद कब उसने सुंदरी की चूत को चूमा और सहलाया था। पूनम अपना कमर उठा कर मुनीम को जल्दी से लंड घुसाने के लिए इशारा कर रही थी। पूनम ने उंगलियों से झांटों को अलग किया और मुनीम को पूनम के चूत का छेद दिखाया। यह एक बहुत ही संकीर्ण छेद था.. वह अपना अंगूठा डाला और थोड़ी परेशानी के साथ अंदर चला गया। मुनीम ने कभी सुंदरी की योनि का स्वाद नहीं चखा और न ही योनि के साथ खेला। मुनीम ने लंड को चूत के छेद पर रखा और लंड को दबाया… मैत्री और फनलव की अनुवादित रचना है यह

“काका, दर्द होता है..!”

“बेटे पहले थोड़ा दर्द करेगा और फिर बहुत मजा आएगा।” मुनीम ने कहा।

“हां, पता है काका माँ ने और बाकी सहेलियों ने मुझे बतया हुआ है।“ उसने अपनी चूत को थोडा ढीला करते हुए कहा।

“वाह, बेटी, तेरी माँ ने सही सिखाया है।“

मुनीम को याद आया जब पहली बार उसने सुंदरी को चोदा था तो सुंदरी बहुत जोर से चिल्लाई थी और उसने डर कर लंड बाहर निकाल लिया था। लंड के बाहर निकलते ही सुंदरी ने जोर से उसके गालों पर थप्पड मारते हुए कहा था 'साला, रंडवा, लंड बाहर क्यों निकला.. मैं पागल हो जाऊं तो भी लंड बाहर मत निकलना.. मुझे चोदते रहना..। आज मुनीम दूसरी बार एक वर्जिन को चोदने वाला था। मुनीम ने पूनम के स्तनों को पकड़ा और जोर का धक्का लगाया..लंड का सुपाड़ा अंदर चला गया और पूनम का बदन टाइट हो गया और वो उछल के चिल्ला उठी..

“म….आ….र….गयी।”

“म….आ….र….गयीईई।”

अंदर किचन में महक को भी "मर गई" सुनाई पड़ा और वो दौड़ती हुई बाहर आई... उसने देखा कि उसका बाप पूनम के नंगे बदन पर झुका हुआ है। पूनम की जांघें फैली हुई हैं और मुनीम का सुपाड़ा चूत के अन्दर घुसा हुआ है… पूनम को बहुत दर्द हो रहा है। वो मुट्ठी से मुनीम को पीछे मार रही है और चिल्ला रही है,

“आ…आ..हह… पागल हो गई… लंड बाहर निकालो, मुझे नहीं चुदवाना… अपनी बेटी को चोदो… काका उतर जाओ… तुम्हारे पाओ पड़ती हूं… पागल हो जाउंगी..।”
मैत्री और फनलव की अनुवादित रचना है यह

पूनम रो रही थी। उसका शरीर लकड़ी की तरह अकड़ गया और उसने अपनी कमर उठा ली। ठीक उसी समय मुनीम ने एक और जोरदार धक्का मारा और आधा लम्बा लंड चुत के अन्दर चला गया। महक देखती रही। पूनम का रोना बंद नहीं हुआ। वो सिसक रही थी... तभी उसकी नजर महक पर पड़ी..

“महक, अपने बाप का लंड मेरी चूत से निकाल दो.. मुझे मजा नहीं लेना है… बाप रे बहुत दर्द कर रहा है…।” मैत्री और फनलव की अनुवादित रचना है यह

आपके कोमेंट की प्रतीक्षा में .............आशा करती हु की आपको यह एपिसोड पसंद आया होगा,,,,,

Bahut hi mast update he Funlover Ji

Keep rocking dear
 
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