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वह चाहता था की दोनों भाई में से कोई उठे और गुलाबो के बोबले देख कर उन कबुतरो पे टूट पड़े। वह सोच के ही उसके लंड ने पानी छोड़ दिया। (यह कल्पनाए चीज़ ही ऐई है।)

*****

अब आगे............



इसका मतलब है कि छोटी बहू की चूचियाँ गुलाबो की चूचियों के बराबर हैं। ड्राइवर को पहली बार छोटी बहू की उन अनदेखी चूचियों को सहलाने की इच्छा हुई।


गुलाबो की चूचियाँ मध्यम आकार की थीं और सिर्फ़ ऊपरी क्लीवेज दिखाई दे रहा था। ड्राइवर और देखना चाहता था। उसने ब्लाउज़ की तरफ़ देखा और पाया कि गुलाबो के ब्लाउज़ की तरह इस ब्लाउज़ में भी 'प्रेस बटन' थे, जिन्हें वे 'चुटपुटिया' कहते हैं क्योंकि ये बहुत कम दबाव से खुल जाते हैं। ड्राइवर अपनी पत्नी की चूचियों को और देखना चाहता था। इसलिए उसने फिर से अपना हाथ गुलाबो की चूचियों की तरफ़ बढ़ाया और बहुत सावधानी से अंगूठा ब्लाउज़ के ऊपरी बटन के ठीक ऊपर रखा और दूसरी उंगली उस बटन के ठीक नीचे डाल दी। उसने दोनों उंगलियाँ अलग कीं और बिना किसी मुश्किल के बटन 'क्लिक' की आवाज़ के साथ खुल गया। ड्राइवर ने अपना हाथ हटा लिया।

ड्राइवर को वह “क्लिक” की आवाज़ किसी शक्तिशाली बम जैसी लगी। वह सीधा बैठ गया। जब उसे कुछ मिनट तक कोई आवाज़ नहीं सुनाई दी, तो वह फिर मुड़ा और यह देखकर खुश हुआ कि ऊपर का बटन खुल गया था और अब बाकी बटन खोलना आसान था। वह फिर से उनकी ओर मुड़ा और अपनी पत्नी की चूचियों पर हाथ रखा। इस बार उसने दोनों हाथों से ब्लाउज के ऊपरी हिस्से को पकड़ा और उन्हें अलग कर दिया। एक-एक करके बाकी चारों बटन टूट गए और ड्राइवर ने ब्लाउज के कपड़े चूचियों से अलग कर दिए। गुलाबो ने एक फैशनेबल ब्रा पहनी हुई थी जो नीचे से चूचियों को सहारा दे रही थी और चूचियों के निचले हिस्से को ढक रही थी। ब्रा भी गुलाबो की नहीं थी और ड्राइवर यह सोचकर उत्साहित हो गया कि गुलाबो की चूचियाँ छोटी बहू की ब्रा में अच्छी तरह से फिट हो रही थीं।

अब ड्राइवर को छोटी बहू की चूचियों का साइज़ पक्का हो गया था, यानी उसकी पत्नी की तरह 32-34 इंच। पीछे बैठे तीनों लोग ड्राइवर के इस पापी विचार से अनजान थे कि अब वह छोटी बहू की चूचियों का आनंद लेना चाहता था।

गुलाबो दो भाइयों के बीच बैठी गहरी नींद में थी। उसे इस बात का अंदाज़ा नहीं था कि उसके पति ने उसकी ब्रा खोल दी है जिससे कोई भी उसकी कसी हुई चूचियों का आनंद ले सकता है।

ड्राइवर ने अपनी पत्नी की चूचियों पर आगे का शीशा ठीक किया और जीटी रोड पर गाड़ी चलाने लगा। वह सावधानी से गाड़ी चला रहा था और बीच-बीच में शीशे में अपनी पत्नी की चूचियों का आनंद ले रहा था। लगभग आधे घंटे बाद उसे अपनी पत्नी की एक मधुर कामुक आवाज़ सुनाई दी।

“थोड़ा और सोने दो ना। और हो रहा है, ठीक कर दो ना!”

ड्राइवर की धड़कनें बढ़ गईं।

गुलाबो ने खुद को पीछे की सीट से अलग किया और अपना सिर मोटेभाई की गोद में रख लिया। चूची और गुलाबो शीशे में नहीं थे। ड्राइवर उदास होकर उसने अपना सिर झटका। उसने गाड़ी चलाने पर ध्यान केंद्रित किया। लगभग 20 मिनट बाद उसने पीछे मुड़कर देखा और खुश हो गया। उसने फिर से शीशे में देखा और गुलाबो की चुचियों का आनंद लिया।

जो अब लगभग ब्रा के ऊपर से निकल चुकी थीं। उसे पता नहीं था कि ब्रा कहाँ से निकली है, लेकिन उसने कभी ऐसा किया भी नहीं था। उसने उन्हें दोबारा हुक नहीं किया था और अब ड्राइवर ने ढीली ब्रा की पट्टियाँ और चुचियों से ब्रा के कप गिरते देखे। उसने दुर्घटना से बचने के लिए गाड़ी धीमी कर दी और उस पल का इंतज़ार किया जब चुचियाँ ब्रा से बाहर आ जाएँ और पिछली सीट पर ब्रा के कप चुचियों से फिसल गए और धीरे-धीरे चुचियाँ ब्रा से बाहर आ गईं, जो अभी भी गुलाबो के शरीर पर ढीली थीं।

ड्राइवर ने सोचा कि उसके बोबले सख्त और सुडौल हो गई हैं, जबकि उसने कुछ दिन पहले गाँव में उसे सहलाया था। उसे 'किसमिस' के आकार के निप्पल और रेशमी त्वचा बहुत पसंद थी। उसने घर वापस आकर इन निप्पलों को चूसने का फैसला किया। अगले एक घंटे तक कुछ नहीं हुआ, बस ड्राइवर अपनी पत्नी को देखता रहा, जो दोनों भाइयों के बीच खुली छाती के साथ बैठी थी। तभी उसे अपने कंधे पर थपथपाहट और एक आवाज़ महसूस हुई।

"थोड़ी गाड़ी" रुकना।” वो मोटाभाई था।

“जी, मालिक!”

उसने ब्रेक लगाया और गाड़ी एक तरफ़ करके रोक दी। मोटाभाई उतर गया। वो थोड़ा सा दूर हुआ और पेशाब करने लगा। ड्राइवर ने पीछे मुड़कर देखा तो गुलाबो की चूचियाँ अभी भी पूरी तरह से खुली हुई थीं। मोटाभाई पास आया और पूछा कि वे कितनी दूर आए हैं और उसने गुलाबो और उसके छोटेभाई दोनों को हिलाया। छोटाभाई भी जाग गया और नीचे उतर गया, लेकिन गुलाबो को जगाने और गाड़ी से उतरने में काफ़ी देर लगी। उसने बस अपने कंधे पर आँचल डाला और उनसे थोड़ा दूर बैठकर पेशाब करने लगी। फिर गुलाबो ने कहा कि उसे भूख लगी है।

ड्राइवर ने इधर-उधर देखा, कुछ दिखाई नहीं दे रहा था। उसने उन्हें गाड़ी में बैठने को कहा और कहा कि वह अगले होटल पर रुकेगा। गुलाबो फिर से उनके बीच बैठ गई, लेकिन सीधी नहीं, उसने अपना सिर छोटेभाई की गोद में और पैर मोटेभाई की गोद में रखे। जगह की कमी के कारण उसे दोनों पैर घुटनों पर मोड़ने पड़े और मोटाभाई ने उसका घुटना पकड़ लिया। लगभग 5 मिनट बाद कुछ मिनट गाड़ी चलाते हुए, ड्राइवर ने एक नज़र डाली और देखा कि तीनों ने फिर से आँखें बंद कर ली हैं और गुलाबो ने छोटेभाई का हाथ अपनी बोबले पर रखा हुआ है। उसने न तो ब्रा का हुक लगाया था और न ही ब्लाउज़ से निपल ढकी थी। छोटेभाई ने अपनी हथेली से उसके निप्पल ढँक लिए थे। तभी एक होटल देखकर ड्राइवर ने गाड़ी ब्रेक लगाई और उन्हें जगाया। गुलाबो छोटेभाई और उसके हाथों अपनी छाती पर रखे अपनी जगह पर बनी रही।


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अभी लिख रही हूँ बाद में पोस्ट कर दूंगी..................


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उन्होंने उसे कुछ नाश्ता, मिठाई और चाय लाने को कहा। ड्राइवर उतरा और एक लड़के के साथ खाने का सामान लेकर वापस आया। इसी बीच गुलाबो ने छोटेभाई को अपनी ओर खींचा और उसे चूमा और कहा कि उसके शरीर को उनकी कमी खलेगी। छोटेभाई ने उसके छाती पर पड़े कपड़े को एक तरफ सरका दिए। उसने उसकी निपल को मसला और दबाया और उसे दिलासा दिया कि जब भी मौका मिलेगा, वे उसके साथ मज़े करेंगे, बहोत आराम से तुजे चोदेंगे, और तुम्हे जो चाहिए वह सब भी देंगे। उन्होंने ड्राइवर को आते देखा तो उसने अपनी स्तनों को साड़ी और पल्लू से ढक लिया। उसके बाद सबने खाने-पीने का सामान और चाय पी। काम खत्म होने के बाद ड्राइवर ने गाड़ी फिर से बढ़ा दी। गुलाबो ने पूछा कि गाँव पहुँचने में और कितना समय लगेगा।

"करीब 2 घंटे और," ड्राइवर ने जवाब दिया।

"तो तब तक मैं सोऊँगी।" गुलाबो ने कहा और आँखें बंद कर लीं। वह चुदाई के मूड में बिलकुल भी नहीं थी।

न सिर्फ़ गुलाबो, बल्कि दोनों ने भी आँखें बंद कर लीं, लेकिन उनके हाथ गुलाबो के सेक्सी बदन को टटोलते रहे। ड्राइवर को अंदाज़ा था कि सफ़र के आखिरी पड़ाव में दोनों भाई गुलाबो के साथ मस्ती करना चाहेंगे। वह उनकी मस्ती देखना चाहता था, लेकिन उसे डर था को कही उनको पता ना चल जाए की वह मन से यह सब स्वीकृत है, वह नपुंसक में अपने आप को बाँधने से बच रहा था।

हालाँकि तीनों सोने का नाटक कर रहे थे, फिर भी सब जाग रहे थे। निराश होकर ड्राइवर अपना काम करता रहा। मोटेभाई ने चूचियों को सहलाया और धीरे से दोनों निप्पलों को चुटकी से दबाया। फिर वह झुका और निप्पलों को चूसा और साथ ही गुलाबो के चिकने पेट पर हाथ फेरा। जब वह गुलाबो की चूचियाँ चूस रहा था, तो गुलाबो फुसफुसाई,

"अब घरवाले के सामने चोदेंगे?" वह फुसफुसाई।

"रानी, तुझे नहीं मालूम, जान पहचान बालो के सामने चोदने और चुदवाने में बहुत मजा आता है!" बड़े भैया ने जवाब दिया। "तेरे पति को बहुत मजा आएगा जब वो हम दोनों को उसकी बीबी के चूत में लौड़ा पेलते देखेगा।"

“साब ठीक कहते हैं।” ड्राइवर ने कहा, “साब लोग तुम्हें प्यार कर रहे हैं, मुझे अच्छा लग रहा है।”

उसने फिर कहा, “बड़े मालिक, गुलाबो आपको पसंद आई ना! जब मन करे अपने लंड पर बैठा लीजिये।” उसने कहा,

“सच बोलिये, क्या गुलाबो छोटी मालकिन जैसी है…?”

"बिलकुल छोटी मालकिन जैसी।"

छोटेभाई ने जवाब दिया और गुलाबो का ऊपरी पैर हवा में उठा लिया। उसने चूत को हाथ में लिया और उसे कुछ बार दबाया। गुलाबो ने आगे की सीट पर अपना पैर टिका दिया और ड्राइवर को उसकी पत्नी की सुडौल, आनुपातिक रेशमी जांघें दिखाई देने लगीं। उसने अपना सिर घुमाया और अपनी जांघों के बीच वाले हिस्से को चूमा जो उसके पास थे। गुलाबो सिहर उठी और पीछे की सीट पर अपना सिर मोटेभाई के उठते हुए लंड पर रखते हुए सीधी हो गई। उसने अपने कूल्हे ऊपर उठाए और अपना एक पैर आगे की सीट पर ढीला छोड़ दिया। ड्राइवर ने उसकी पिंडलियों को सहलाया और पीछे की सीट पर छोटाभाई झुककर गुलाबो की चूत चाटने लगा। उसने अपने होंठ खोले और अपनी जीभ चूत में डाल दी और गुलाबो कराह उठी।

तभी ड्राइवर ने कहा: “गुलाबो अपनी चूत को थोडा ओर फैलाओ ताकि साहब तुम्हारी चूत के मजे ले सके।“ उसको आशा थी की साहब लोग उसे भी थोडा बीवी के चूत के बदले में कुछ माल (पैसा) देंगे।

तभी छोटाभाई ने अपने पॉकेट में हाथ दाल कर कुछ नोटों निकाला और ड्राइवर को देते हुए कहा: “ये ले तेरे इस माल को तेरे सामने पेलने के बदले में। और हां, चिंता मत कर, तेरा भी ध्यान रखेंगे जब तुम्हे कोई चीज की कमी महसूस हो तो बिंदास्त मांग लेना।यह चूत के सामने कुछ भी नहीं।“ छोटे भाई ने ड्राइवर के कंधे को थपथापाया।

ड्राइवर खुश हुआ और बोला:”साहब गुलाबो का माल अब आपका ही तो है, जब चाहो मुझे बता देना मैं आपके घर उसे छोड़ दूंगा, मजे कर के वापिस भेज देना। सही कह रहा हु न गुलाबो?“

“अब आप लोग जैसा सोचे मुझे तो आप लोगो की सेवा ही तो करनी है।“ उसने अपने पति को शीशे में देखा और आँख मारते हुए कहा।

छोटेभाई ने भगनासा को खींचा, उसे चूमा, चूत में जीभ अंदर-बाहर की और गुलाबो को मज़ा आया। पीछे की सीट पर बैठे तीनों के लिए भी यह आनंद दोगुना हो गया क्योंकि वे ड्राइवर की जानकारी में एक-दूसरे का आनंद ले रहे थे। ड्राइवर ने पहले भी उन्हें बाथरूम में मस्ती करते देखा था,

लेकिन उन्हें इस बात का अंदाज़ा नहीं था कि ड्राइवर उन्हें देख रहा था। उसने अपनी कमर आगे की ओर धकेली और मोटाभाई उसकी चूत दबाता रहा। ड्राइवर ने मुड़कर देखा तो छोटाभाई अपनी पत्नी की चूत खा रहा था। छोटाभाई ने सिर उठाकर कहा,

“छोटी मालकिन का सब कुछ, चेहरा, बाल, चुची, चुत्तर, चूत, जांघें, बाहें सब एक जैसा है, लगता है दोनो एक बाप की बेटी है!” उन्होंने कहा, “बस बहू का रंग बहुत गोरा है, और सब से बड़ी बात दोनो के चूत में भी एक जैसा गरमी है। दोनो किसी की भी मर्द को थका डालेगी।”

“हा भाई…, मैंने तो गुलाबो को हर बार यहीं सोच कर चोदा है कि अपने भाई की बीबी को चोद रहा हूँ।” बड़े भैया ने कहा।

“और साब, आज से मैं भी जब गुलाबो चोदुंगा तो यही सोचूंगा कि मैं अपनी छोटी मालकिन को चोद रहा हूं।” उसने अपना दाव लगाया। उसने छोटे भैया से अनुरोध किया,

“साहब मुझे भी एक बार छोटी मालकिन का जवानी का दर्शन करा दीजिए। मैं भी देखु कि छोटी मालकिन और गुलाबो का चूत एक जैसा ही…।”

उसने मोटाभाई से पूछा और पीछे मुड़कर देखा। वह देख सकता था कि मोटाभाई का लंड उसकी पत्नी की चूत को पंप कर रहा था और छोटाभाई पीछे से उसकी निपल की मालिश कर रहा था। मोटाभाई की जोरदार चुदाई के बाद तीनों ने अपनी पोजीशन बदल ली। अब छोटाभाई अपना मोटा लंड उसकी चूत में पेल रहा था और मोटाभाई उसकी बोबला और निपल को खिंच के छोड़े जा रहा था और शरीर के साथ आनंद ले रहा था। फिर 10 मिनट के बाद छोटाभाई और गुलाबो बड़े पैमाने पर स्खलन के साथ गिर गये। कुछ पल के लिए वे पीछे की सीट पर चुपचाप लेटे रहते हैं। कभी-कभी बाद में जब वे अपने होश में आते हैं।

ड्राइवर ने उन्हें आगाह किया कि वे गाँव के पास हैं। लेकिन मोटा भाई ने कहा की कार को साइड में रख मुझे एक राउंड गुलाबो की चूत मारनी है। ड्राइवरने गाड़ी साइड रोड पर ले ली और तीनों ने अपनी अपनी पोजीशन बना ली, ड्राइवर बाहर आके देखता रहा की कोई कार आ ना जाये। अन्दर बड़े भाई ने चोदना शुरू किया लेकिन गुलाबो कम्फर्ट नहीं थी उसने ड्राइवर को कहा: “अजी सुनते हो?”

“हाँ बोलो!” ड्राइवर ने अन्दर झांकते हुए कहा।

“यह मेरे पेड पकड़ के रखो मैं ठीक से चुदवा नहीं पा रही हूँ।“ उसकी आँखों में एक प्रकार का आमंत्रण था की आओ देखो अपनी पत्नी को एक बाहरी लंड से चुदते हुए।

ड्राइवर ने बड़े भाई की गांड को थोडा सा खिसकाया और वह अन्दर आके गुलाबो के पैरो को फिअला दिया ताकि चूत ठीक से बाहर आ सके। अब ड्राइवर को पूरा नजारा मिल रहा था की बड़े भाई का लंड कैसे अन्दर जाता है और बाहर आता है। थोड़ी देर में ही बदेभई झटके खाने लगे और अपना लंड को गुलाबो की चूत में खाली करने लगे।

“भाई ख़तम हुआ की नहीं?” छोटे ने अन्दर झांकते हुए कहा।

“हाँ हो गया छोटे। बड़े भाई पिछली सिट से बहार की तरफ खिसकते हुए कहा।

ड्राइवर के सामने अब गुलाबो की चुदी हुई चूत पूरी तरह से दिख रही थी। उसमे से कुछ वीर्य की बुँदे बाहर अ रही थी। ड्राइवर ने उसकी चूत को सहलाया और बड़े भाई का माल को अपनी ऊँगली में ले लिया और गुलाबो की मुंह पर रख दिया जो की गुलाबो पहले से ही तैयार थी उसने झट से ऊँगली को अपने मुंह में छुपा लिया और सब चाट गई। थोड़ी देर तक वे दोनों बड़े भाई के माल को चाटने में लगे रहे।

फिर सभी लोग बहार आ गए और अपने लंड और छुट को मूत के खाली कर दिया, अच्छे से कपड़े पहने और ऐसे बैठ गए जैसे गाड़ी के अंदर कुछ हुआ ही न हो। हालाँकि, गाड़ी से आ रही खुशबू किसी को भी बता सकती थी कि पिछली सीट पर मैराथन चुदाई का दौर चल चुका है।


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आज के लिए बस यही तक कल फिर मिलेंगे


फनलवर की ओर से
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गुलाबो को और क्या चाहिए था! उसने तय किया की आज अपने पति के सामने उन दोनों भाई के लंड को अपनी चूत में निगल लेगी। और उसकी परवानगी से मनचाहा मर्द के लोडे से भी चुदवाती रहूंगी।

Update 18​



छह बजे ड्राइवर गया और एक घंटे में दोनों भाई को लेकर लौटा। मौसी और गुलाबो ने बढ़िया गरमा-गरम स्नैक्स बनाया था और भाइयों को बहुत पसंद आया।

इसके बाद दोनों तैयार हो गए और गुलाबो ने छोटी बहू की साड़ी में ही रहने की जिद की।

जब भाई गुलाबो को लेकर जा रहे थे तो मौसी ने भाइयों से कहा;

“साब, आप गुलाबो की तरफ ध्यान नहीं दे रहे हैं, बहुत गरम माल है। इससे आज रात उसके सभी माल को पूरा ठंडा कर दीजिए और थोडा गिफ्ट भी दे देना।”

उसने धीमी आवाज़ में कहा ताकि ड्राइवर सुन न सके। और दोनों भाई के सामने ड्राइवर की ओर इशारा कर दिया ताकि कोई गलती ना हो। वैसे भी ड्राइवर सब जानता था पर अनजान बन के सब देख और सुन रहा था।
फनलव द्वारा निर्मित

“हां , हां क्यों नहीं गुलाबो को आज सब मजे करायेंगे। आप बेकार की चांटा ना करे। गुलाबो अब हमारे घर जैसी ही तो है।“ बड़े भाई ने आँख मारते हुए कहा।

“हम गुलाबो को का हर तरीके से ध्यान रखेंगे। चलो गुलाबो तुम तैयार हो!“ छोटे ने भी हामी भरते हुए कहा।

ड्राइवर: “नहीं साब ऐसी कोई बात नहीं पर गुलाबो गाँव की स्त्री है उसे कुछ नहीं मालुम होता कब, कहा, कैसे क्या वर्ताव करना चाहिए, इसलिए काकी शायद आपको ख्याल रखने के लिए कह रही होगी।“

बड़े भाई; “अरे चिंता ना कर दोस्त, अब तुम्हारी बीवी हमारी मिलकियत जैसी है, जैसे हम हमारी पत्नियो का ख्याल रखते है ठीक उसी तरह तेरी बीवी का भी ख़याल रखेंगे। तुम्हे अब गुलाबो की चिंता करने की जरुरत नहीं। तुम बस यहाँ दारु पीओ खाओ और ऐश करो समजे!” भाई ने ड्राइवर के कंधे पर हाथ रख के समजाते हुए आगे जोड़ा;

“तुम अपनी बीवी की बहोत चिंता कर रहे हो यार, कोई कुछ नहीं करेगा जैसे तुम खयाला रखते हो बस उसी तरह हम भी ख्याल रखेंगे।“ ठीक उसी टाइम गुलाबो भी आ गई।

भाई; ”गुलाबो, क्या तुम्हे हमसे कोई डर तो नहीं! यह तुम्हारा पति तुम्हारी चिंता कर रहा है।“

ड्राइवर: “अरे साब, मैंने ऐसा नहीं कहा, आप बेशक गुलाबो को ले जाओ और मजे करो और उसे करवाओ।“ वह भी चाहता था की गुलाबो जाए ताकि सामने कड़ी महिला की चुत का मजा ले सके।

और तीनो घर से बहार निकल पड़े। और ड्राइवर और महिला कार को जाते हुए देखते रहे। दोनों अपनी अपनी तरह से खुश थे।

वे एक अच्छी दुकान पर गए। गुलाबो दुकान और अंदर की हर चीज़ देखकर मंत्रमुग्ध हो गई। यह एक बड़ा डिपार्टमेंटल स्टोर था और गुलाबो तय नहीं कर पा रही थी कि क्या देखे क्या नहीं, ज्यादातर बिक्री कर्मी महिलाएं थीं, सभी बिल्कुल एक जैसी साड़ी पहने हुए थीं। बड़ेभाई ने गुलाबो से पूछा कि वह क्या चाहती है। दोपहर में उसने पति के साथ छोटी-छोटी दुकानों से खरीदारी की।
फनलव की रचना

“साब, मैं तो पागल हो जाऊंगी…। ऐसा दुकान भी होता है?” (मोल जैसा)

गुलाबो ने कहा,

“साहब मुझे लगता है मैं स्वर्ग में हूँ… आपका जो मन हो वो खरीद लो, मुझे तो बस देखने दो!” उसने मासूमियत से कहा।

भाइयों ने गुलाबो के लिए आभूषणों का सेट खरीदा, दोनों बहुओं, रेखा के लिए, लेकिन छोटाभाई ने एक और सेट खरीदा। बड़ेभैया ने पूछताछ की लेकिन गुलाबोने कोई जवाब नहीं दिया। इसके बाद भाइओने परिवार की सभी महिलाओं के लिए बढ़िया साड़ी सेट, गुलाबो और तीन सेट अतिरिक्त खरीदे। उन्होंने इस बारे में चर्चा की कि सुंदरी क्या चाहती है और गुलाबो ने टिप्पणी की, "मेरे बदले आप सुंदरी को ही ले आते।"

“अरे गुलाबो, हमारी ऐसी किस्मत कहा की हम सुंदरी की मस्त जवानी का मजा ले सके।”उदास मन से बड़ा भाई ने कहा,

“तू भी तो बहुत मस्त है, लेकिन जो मस्ती, जवानी, सुंदरता सुंदरी में है, वैसी हमने किसी और औरत में नहीं देखी। हम उसके माल के बारे में सोच के ही हमारी पत्नी को चोदते है। वैसे तुम्हारी चूत का भी जवाब नहीं, पर सुंदरी तो आखिर सुंदरी ही है, यह पूरा गाँव जानता है, मैं और तुम भी।”

गुलाबो को ईर्ष्या होने लगी लेकिन, वह जानती थी कि केवल ये दोनों भाई ही नहीं, उसका पति और गाँव के सभी पुरुष सुंदरी की एक मुस्कान के लिए पागल हैं। निस्संदेह, सुंदरी अब तक देखी गई सबसे अच्छी महिला थी। हालाँकि, यह सुनकर उसे ख़ुशी हुई,

“गुलाबो, हमें नहीं मालुम की सुंदरी जितनी दिखने में सुंदर और मस्त है, चुदाई में भी उतना ही मजा देगी, लेकिन तेरे मस्त बदन ने हम दोनों भाई को खुश कर दिया है, तेरी चूत में गजब की मस्ती है, और मस्त गर्मी भी, हम दोनों तेरे गुलाम हो गए। तेरा माल भगवान ने बड़े आराम से बनाया हुआ है एकदम कसा हुआ माल है तेरा।” बड़ेभैया ने कहा।

और छोटेभैया ने कहा, "कभी भी कुछ भी जरूरी हो, बेशरम होकर मांग लेना। तेरी जवानी ने हमे मस्त कर दिया है, बस तेरा माल हमें देते रहना।"

“चलो,” गुलाबो खुश हो गई, “सब के सामने ये सब बोलते हैं क्या? घर ले चलो, आज चिकनीचूत का मजा दूंगी। आज आपको इस का माल चिकना मिलेगा आप दोनों को। अब यह माल भी आप दोनों का है, जब चाहो अपने डंडे से मारते रहो, लेकिन वह.......पैसा......!”

“हा, हा, पैसा तो तुम्हे मिलेगा ही। और तेरा माल भी तो हम चोदेंगे ही, लेकिन उससे पहले आज तुम्हें ऐसी चीज दिखाएंगे कि तुमने सोचा भी नहीं होगा।”

उन्होंने बिल का भुगतान किया, चीजें इकट्ठी कीं और दुकान से बाहर आ गये।
फनलव की पेशकश

गुलाबो कल रात की बार में की हुई की मस्ती याद आ गई। वह चाहती थी कि डांसर फिर से उसकी चूत चूसे।

“साब, वही चलो ना,नंगा डांस देखेंगे और उस कुतिया से आज फिर अपनी चिकनी चूत चटवाऊंगी।”

“और वहा के सारे लोग आज तुझे चोद-चोद कर रंडी बना देंगे, भोसड़ीकी वह जगह चुतो और लंड का मिलाप करते रहते है।”

बड़ेभैया ने साड़ी के ऊपर से ही चूत दबाई और उससे कहा कि “अगर कल रात हम थोड़ी और देर रुकते तो,कल ही तुझे सारे लोग चोदने वाले थे”, उन्होंने आगे कहा:

“आज ऐसा चीज दिखाएंगे की तू भी याद करेगी और अपने पति से बोलेगी कि सेठजी के बेटों ने सिर्फ खूब चोदा नहीं, बल्कि बहुत कुछ दिखाया भी।”

“गाँव में भी मुझे चोदोगे ना! सुंदरी को देख कर मुझे भूल तो नहीं जाओगे!”

उसे डर था कि गाँव पहुँचकर वे उसे भूल जाएँगे। ये दोनों भाई उसकी ज़िंदगी में दूसरे मर्द ही हैं, क्योंकि उसका पति उसकी उम्र से लगभग दोगुना है। कुछ साल पहले उसकी बहन की मौत के बाद, पिछले साल ही वह उससे शादी के लिए राज़ी हुई थी।

"रानी, हमने सोच लिया है,कि तुम्हें अपने बच्चे की माँ बनायेंगे।" बड़ेभैया ने उसके गालों को चूमा और कहा,

"पिछले 4 साल से घरवाली (बड़ी बहू) को चोद रहा हूं लेकिन अब तक उसने बच्चा नहीं दिया, मादरचोद ने।"

“ओह साब, आप बहुत अच्छे हैं। मेरा माल चोदते रहे और मैं आपके बच्चो की बैछार लगा दूंगी” गुलाबो ने बड़ेभाई को गले लगाया और कहा कि वह फिलहाल गर्भनिरोधनाधीन है और इसका असर अगले 2-3 महीनों तक रहेगा।

“साब, उसके बाद आप के घर आकर रहूंगी और आपके बच्चे की मां बनूंगी।” गुलाबो सहमत हो गईं।

उन्होंने एक होटल में खाना खाया और यहां भी गुलाबो असहज थी और बिना किसी विरोध के उसने व्हिस्की का डबल पैग ले लिया। रात के खाने के बाद, वे फिर से चले गए।

गाड़ी शहर के भीड़-भाड़ वाले बाज़ार के बीच ऊँची चार दीवारी वाली एक इमारत के पास पहुँची। उन्होंने गाड़ी खड़ी कर दी। गुलाबो ने देखा कि वहाँ सैकड़ों गाड़ियाँ पहले से ही खड़ी थीं। वे एक कड़ी सुरक्षा वाले गेट से अंदर दाखिल हुए। बड़ेभैया ने पास दिखाया और तीनों की अच्छी तरह से जाँच की गई। गुलाबो की तलाशी एक हृष्ट-पुष्ट महिला ने ली। उस महिला ने उसकी चूत भी खंगाल ली।

“एन्जॉय योर फकिंग डे एंड हेव योर ऐस स्प्रेडेड होल” महिला ने उसकी गांड के छेद को छूते हुए कहा।

गुलाबो को कुछ समज नहीं आया पर गुलाबो बस मुस्कुराई और आगे चल दी। उन्हें अंदर जाने दिया गया। वे एक हॉल में दाखिल हुए जो पहले से ही भीड़ से भरा था। जैसे ही गुलाबो हॉल में दाखिल हुईं, वह मूर्ति की तरह खड़ी रहीं। हॉल में मंद रोशनी थी, लेकिन मंच पर तेज़ रोशनी थी। मंच काफी बड़ा था और गुलाबो ने क्या देखा?


*****
बस आज के लिए यही तक कल फिर मिलेंगे एक नए एपिसोड के साथ तब तक के लिए
फनलव की ओर से.

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Woww kya dikhane wale hain Gulabo ko dono bhai?
 
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“एन्जॉय योर फकिंग डे” महिला ने उसकी गांड के छेद को छूते हुए कहा। गुलाबो को कुछ समज नहीं आया पर गुलाबो बस मुस्कुराई और आगे चल दी। उन्हें अंदर जाने दिया गया। वे एक हॉल में दाखिल हुए जो पहले से ही भीड़ से भरा था। जैसे ही गुलाबो हॉल में दाखिल हुईं, वह मूर्ति की तरह खड़ी रहीं। हॉल में मंद रोशनी थी, लेकिन मंच पर तेज़ रोशनी थी। मंच काफी बड़ा था और गुलाबो ने क्या देखा?

*****

अब आगे ...............


एक काला-काला नीग्रो अफ्रीकी पोज़ में एक बहुत ही गोरे दिखने वाले आदमी की गांड में चुदाई कर रहा था, जो एक 18 साल के लड़के का लंड चूस रहा था। गुलाबो ने देखा कि एक औरत उस गोरे आदमी के नीचे लेटी हुई थी, जिसकी गांड मरवाई जा रही थी और वह औरत उस गोरे आदमी का लंड चूस रही थी। एक और गोरी औरत गोरे आदमी के लंड को चूस और चाट रही थी और आखिर में एक और नीग्रो इस आखिरी औरत को चोद रहा था और उसकी चूत चाट और चूस रहा था। गुलाबो यह देखकर हैरान रह गई कि छह लोग एक साथ सेक्स कर रहे थे, वो भी सैकड़ों लोगों की मौजूदगी में, जो उन्हें देख रहे थे।


“यह खेल कब से चल रहा है? गुलाबो ने अपनी निर्दोषता दिखाते हुए पूछा।

“हां गुलाबो, हम थोड़े लेट है। अब पता नहीं कब से खेल चल रहा होगा, लेकिन अब तो यही देखना है, तुम ऐसा समजो की अभी शुरू हुआ है।“ छीटे ने गुलाबो की गांड के छेद पर ऊँगली टिकाते हुए कहा।
फनलव की रचना

“अरे यहाँ नहीं, चलो अपनी ऊँगली हटाओ मुझे शर्म आती है। यहाँ बहोत लोग है और हमारे पास काफी समय है, अपने लंड को काबू में रखो।“ गुलाबो ने खुद के हाथ पीछे ले जा के छोटे के हाथ को अपनी गांड से हटाते हुए कहा।

“बाप रे कितना लंबा और मोटा लंड है इन सबके बीच ,लटक रहा है गधे के लंड जैसा।”

गुलाबो दोनों नीग्रो का 10 इंच का लंड देख कर मोहित हो गयी। बाकी दो मर्दों के लंड भी काफ़ी मोटे थे और कम से कम 8 इंच लंबे थे। यह नज़ारा लगभग 10 मिनट तक चला, फिर उस गोरे आदमी ने बाकी तीन मर्दों के लंड चूसे और दो औरतों ने एक-दूसरे की चूत चूसी।

“अरे, लंड का माल तो निकाला ही नहीं! साब ऐसे कैसे हो सकता है? अपने गाँव में तो नियम होता है की जब तक लंड खली ना हो चूत उठ नहीं सकती।”

मेरी जान, यह गाँव नहीं है, आगे देखती जा क्या होता है। बड़े ने गुलाबो के बोबले को दबाते हुए कहा।

कोई भी स्खलित नहीं हुआ और सब अलग हो गए।। एक नीग्रो और एक मांसल शरीर वाली औरत को छोड़कर, बाकी सब अंदर चले गए। नीग्रो का लंड फड़क रहा था और वो औरत की चुची को सहला रहा था। वह टांगें चौड़ी करके खड़ा था। औरत ने अपनी चूत के होंठ खोले और अंग्रेज़ी में चिल्लाई।

“Anyone who wants to fuck can come up on stage. It's 2000/- for pussy and 3000/- for ass. Come on, I'll suck dick for free. It's a bargain to get your load off.” अपनी चूत के फंको को दिखाती हुई बोली।

गुलाबो को कुछ समझ नहीं आया। उसने बड़ेभाई की तरफ देखा और उसने समझाया कि उसने क्या कहा।
फनलव की पेशकश

"तुममें से जो भी चोदना चाहता है वह स्टेज पर आ जाए। सिर्फ़ चूत के लिए 2000/- और गांड के लिए 3000/-। चलो, मैं मुफ़्त में लं चुसुंगी। माल खालि करने का भाव है।"

"साली को अभी चुदवाकर मन नहीं भरा!"

और फिर उसने देखा कि भीड़ में से तीन सुंदर दिखने वाले आदमी मंच पर कूद पड़े और महिला के बगल में खड़े हो गए। नीग्रो वहाँ से हट गया। महिला ने तुरंत तीनों आदमियों के कपड़े उतार दिए और उन्हें भीड़ के सामने खड़ा कर दिया। उसने तीनों के लंडों को मुट्ठी में भर लिया और मुँह में भर लिया और लंड टाइट हो गए। ये लंड सामान्य दिखने वाले लगभग 4-5 इंच लंबे थे, जो की दोनों भाई के बराबर। उसने तीनों में से सबसे पतले लंड को देर तक चूसा और कहा:

“तुम्हारा लंड मेरी चूत के लिए ठीक नहीं है। जाओ और अपनी माँ को चोदो। तुम्हारी माँ की गांड में डालो तभी खुश होगी,ममेरी चूत के लिए तुम्हारा लंड काफी छोटा है।” ("Your dick isn't right for my pussy. Go and fuck your mother. Stick it in your mother's ass, that's the only way she'll be happy, your dick is too small for my pussy.")

वह आदमी मंच से नीचे उतर आया और महिला ज़मीन पर बिछी चटाई पर पेट के बल लेट गई।

“चलो, अपना छेद चुनो और मुझे चोदो, तुम दोनों बीच में जगह बदल सकते हो। पहले मेरी गांड में लंड डालो।” (“Come on, choose your hole and fuck me, you two can switch places in between. Put your dick in my ass first.”)

बड़ेभाई ने गुलाबो को फिर समझाया कि उस औरत ने क्या कहा था। गुलाबो गौर से देखती रही। दोनों मर्दों ने कुछ देर बातें कीं और दोनों में से मोटे ने औरत की गांड को धक्का दिया और लंड को गांड पर दबाया। उसने कुछ ज़ोर के धक्के दिए। औरत की गांड में चुदाई नियमित रूप से हो रही थी इसलिए लंड गांड में आराम से चला गया। इसकी दो वजह थी एक उसकी गांड का छेद काफी बड़ा था जो की प्रेक्टिस में था बड़े लंड लेने के लिए, और दूसरा उन दोनों के लंड उतने भरे हुए नहीं थे की गांड को कोई भी तकलीफ पहुचा सके।
फनलव द्वारा निर्मित

उसने आदमी से कुछ कहा और आदमी ने उसे अपने ऊपर खींच लिया। अब औरत सीधी लेटी हुई थी और उसकी गांड में आदमी का लंड भरा हुआ था। उनके पैर दर्शकों की तरफ थे और गुलाबो लंड को गांड में घुसा हुआ देख सकती थी। अब औरत ने जांघें फैलाईं और दूसरे आदमी से अपनी चूत में लंड डालने को कहा। औरत विदेशी थी और उसकी चूत पर बाल नहीं थे। वो शायद नियमित रूप से शेव करती होगी। आदमी उसके ऊपर लेट गया, दोनों हाथों से उसकी चुची पकड़ी, उसे चूमा और औरत ने लंड का सिरा चूत पर रख दिया। आदमी ने कुछ ज़ोरदार धक्के दिए और लंड चूत में चला गया।

“बाप रे, क्या, आराम से लंड को गलप गई, एक नंबर की छिनाल है।” गुलाबो ने कहा।

वो खुद भी उत्तेजित हो रही थी। अब, आदमी ने उसके कंधे पकड़कर उसे ज़ोर-ज़ोर से और तेज़ी से चोदा, जबकि उसके नीचे वाला आदमी दोनों चुचियों को दबा रहा था और बस आराम कर रहा था। उसने कुछ फुसफुसाया और दोनों आदमी शांत हो गए। तीनों अपनी-अपनी तरफ़ मुड़ गए और अब दोनों आदमी महिला के दोनों छेदों में धक्के लगाने लगे। गुलाबो को दिख रहा था की एक लंड बहार आता तो दूसरा अन्दर जाता। धीरे-धीरे, महिला ने अपना ऊपरी पैर ऊपर उठाना शुरू किया और उसी समय एक और नग्न महिला मंच पर आ गई। उसने चुद रही महिला की टांगें सबसे ऊँचे स्तर पर खींचीं।

अब, यह साफ़ दिखाई दे रहा था कि कैसे दो लंड हर छेद में आते-जाते रहे थे। महिला कराह रही थी और अपने कूल्हे हिला रही थी और लगभग 20 मिनट की चुदाई के बाद, पहले पुरुष का वीर्य निकला और 2-3 मिनट बाद दूसरा पुरुष भी झड़ गया। दोनों एक मिनट तक छेद में ही रहे और अपने लंड को खाली करते रहे। दोनों छेदों से सफेद वीर्य बहने लगा, दोनों ने लंड बाहर खींच लिया। कमबख़्त औरत ने दोनों का लंड चूसा और दूसरी औरत ने दोनों छेदों से निकला 'वीर्य' चाटा। दोनों मर्दों ने अपने कपड़े उठाये, मंच से नीचे आये और भीड़ में मिल गये। दोनों औरतें अंदर चली गईं।

“राजा, मेरी चूत बहुत पनिया गई है, घर ले चलो और जम कर चोदो।” गुलाबो चुदने को बेकरार थी।

“रानी, अभी तो शुरुआत है, बहुत कुछ बाकी है, बस, देखो और मजा लो, और बाद में आज हम बहुत ज्यादा तेरी चूत खूब चाटेंगे, चूसेंगे तब चोदेंगे।”

बड़ेभाई को गुलाबो से और भी अधिक स्नेह हो गया था, वह सोच रहा था कि वह छोटेभाई की पत्नी, छोटी बहू के साथ आनंद ले रहा है। वह गुलाबो की तरह लग रही थी।

और इस बार अंदर से एक और महिला आई। वह स्वस्थ, गोरी, लंबे बाल, काफी बड़ी चूचियाँ, लंबी टाँगें और जांघें और मुस्कुराता हुआ चेहरा लिए हुए थी। जैसे ही वह मंच पर आई, दर्शकों में ज़ोरदार शोर मच गया, ऐसा लग रहा था जैसे पहले भी कई दर्शक यहाँ आ चुके हों। वह मंच से नीचे उतरी और दर्शकों के साथ-साथ चलने लगी। उसने कुछ लोगों को गले लगाया और चूमा। उसने कुछ महिलाओं को गले भी लगाया और उसने किसी को डांटा या बुरा नहीं माना, उसने कुछ महिलाए की चूची दबाई और चूत को सहलाया। दर्शकों से मिलने के बाद, वह मंच पर वापस चली गई। वह एक मॉडल की तरह चल रही थी।


****
आज के लिए बस यही तक परसों फिर मिलेंगे गुलाबो के साथ
। आप सब की राय की अपेक्षा सह...........

फनलवकी तरफ से


। जय भारत
Wah dono bhai Gulabo ko sex club ka mazaa dila rahe hain.
 

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और इस बार अंदर से एक और महिला आई। वह स्वस्थ, गोरी, लंबे बाल, काफी बड़ी चूचियाँ, लंबी टाँगें और जांघें और मुस्कुराता हुआ चेहरा लिए हुए थी। जैसे ही वह मंच पर आई, दर्शकों में ज़ोरदार शोर मच गया, ऐसा लग रहा था जैसे पहले भी कई दर्शक यहाँ आ चुके हों। वह मंच से नीचे उतरी और दर्शकों के साथ-साथ चलने लगी। उसने कुछ लोगों को गले लगाया और चूमा। उसने कुछ महिलाओं को गले भी लगाया और उसने किसी को डांटा या बुरा नहीं माना, उसने कुछ महिलाए की चूची दबाई और चूत को सहलाया। दर्शकों से मिलने के बाद, वह मंच पर वापस चली गई। वह एक मॉडल की तरह चल रही थी।

****


अब आगे.................


तब तक स्टेज पर एक बढ़िया गद्दे वाली चारपाई बिछा दी गई थी। वह अफ्रीकी पोज़ में चारपाई पर लेट गई, और कुछ ही देर में एक नीग्रो अपना दस इंच से भी ज़्यादा लंबा और गुलाबो की कलाई से भी ज़्यादा मोटा, धड़कता हुआ लंड पकड़े हुए आया।


"बाप रे, ये मेरी चूत में घुसेगा तो मैं मर ही जाऊँगी...!" उसने फुसफुसाते हुए कहा।

और तभी गुलाबो को लगा कि किसी ने उसकी कमर पकड़ रखी है और उसके कपड़े ऊपर उठाने की कोशिश कर रहा है। उसने अपनी जांघों पर लंड का कसाव भी महसूस किया। उसने इधर-उधर देखा तो उसके दोनों साथी उसके बगल में खड़े होकर स्टेज की तरफ देख रहे थे। वो कोई और था। गुलाबो को ऐसी बेहयाई की आदत नहीं थी। और गाँव में कोई ऐसी हरकत नहीं करता था, जो भी होता सम्मति से होता था। कोई भी मर्द किसी भी औरत को कह कर या छेड़ कर ही छूता था यह एक अनकहा नियम था। जब की यहाँ कोई उसे छेड़ रहा था। (grope).

जंगली बिल्ली की तरह, वह पलटी, उस आदमी को ज़ोर से थप्पड़ मारा और इससे पहले कि आदमी लंड अंदर धकेल पाता, उसने लंड को जड़ से पकड़ लिया और उसे बेरहमी से दबा दिया।

“मादरचोद, हरामी के पिल्लै, अपनी माँ का माल समझ लिया है क्या?”

गुलाबो चिल्लाई और दर्शक और मंच पर बैठे सभी लोग इधर-उधर देखने लगे। गुलाबो लगातार लोडे का जड़ को दबा रही थी और आदमी दर्द से कराह रहा था। बड़ेभैया ने उसे शांत करने की कोशिश की लेकिन वह शांत नहीं हुई।

“हरामी, रंडी की औलाद....मुझे चोदेगा! साला तेरे जैसे नामर्द को मैं झांट भी ना दिखाऊं, अरे,हिम्मत है तो सामने से आकार प्यार कर, गांड में हाथ लगाता है! अफ्रीका जाके अपनी कुतिया माँ को चोद, उससे धंधा करवा। अगर कह के करता तो शायद तेरे इस लोडे के बारे में सोचती भी।” उसे खुद को पता नहीं था की वह क्या बोल रही थी या क्या कहना चाहती थी।

बाकी सभी शांत थे। उसी मॉडल जैसी महिला मंच से नीचे आई, उसने किसी को इशारा किया, एक गार्ड आया और उस आदमी को खींच लिया। (क्यों की यह क्लब के नियम के खिलाफ था, बिना सम्मति कोई भी मर्द किसी भी औरत या लड़की को ग्रोप नहीं कर सकता है।) गुलाबो ने फिर उस आदमी को थप्पड़ मारा और उस पर थूक दिया।

वो नंगी औरत गुलाबो के पास आई और उसके गालों को सहलाया। और उसे बोल्डनेस के लिए बधाई दी। उसने नाम पूछा,

“गुलाबो।”

“बहुत प्यारा नाम है।” उस लेडी ने कहा। गुलाबो, नंगा खेल देख कर और तुम्हारे जैसा मस्त माल देख कर कोई भी बहक जाएगा। तुम इस हरकत को नजरअंदाज कर दो प्लीज़।”

उसने गुलाबो का हाथ पकड़ा और कहा; “अगर तुम यहीं खड़ी रही, तो कोई न कोई तुम्हे छूने और छेड़ने की कोशिश करेगा। अब मैं और क्या कहू तेरी इस गांड के बारे में, को इभी अपना लंड वह लोंक करना चाहेगा।“

उसने गुलाबो को मंच पर आकर शो का आनंद लेने के लिए आमंत्रित किया। गुलाबो चुप रही, दोनों भाइयों को हताश नज़रों से देखती रही, लेकिन महिला ने गुलाबो को लगभग अपने साथ खींच लिया। मंच की ओर जाते हुए, उसने इधर-उधर देखा और एक दूसरी महिला का हाथ पकड़ लिया। वह महिला (गुलाबो) बिना किसी प्रतिरोध के नग्न महिला के साथ चल पड़ी। अब दोनों महिलाओं को देखकर, एक नीग्रो ने मंच के एक तरफ दो कुर्सियाँ रख दीं। महिला ने मुस्कुराते हुए गुलाबो और गुलाबो जैसी साड़ी पहने दूसरी महिला, दोनों को बैठकर देखने के लिए कहा।

दूसरी महिला का व्यक्तित्व बहुत अच्छा था। 5’6” लंबी, सुडौल शरीर, कोई अतिरिक्त मांस नहीं, 34” से ज़्यादा की सुंदर बोबले, लगभग 26” की कमर और 36” के कूल्हे, वह लगभग 30 की उम्र के आसपास थी, लेकिन उसका व्यक्तित्व बहुत आकर्षक था और उसके कपड़े, गहने देखकर तो यही लगता था कि वह किसी अमीर परिवार से ताल्लुक रखती है।

दरअसल, लाइव शो देखने आए सभी दर्शक एक बहुत ही उच्च-स्तरीय समाज से होते है। प्रति व्यक्ति प्रवेश शुल्क 10,000 रुपये था। उस रात कुल दर्शकों की संख्या 225 थी, जबकि सामान्य औसत संख्या 200 होती है, क्योंकि रविवार की रात होने के कारण कुछ विशेष शो आयोजित किए गए थे। दर्शकों में 52 महिलाएँ थीं और गुलाबो सबसे छोटी थीं। उस जगह पर यह लाइव शो शनिवार और रविवार की रात को ही होता है, जबकि अन्य पाँच रातों में अन्य जगहों पर शो आयोजित किए जाते हैं।

गुलाबो सबसे गरीब थी। दोनों भाइयों की बदौलत वह ऐसी चीज़ें देख पाई जो उसने कभी सपने में भी नहीं सोची थीं। और भी बहुत कुछ देखना और अनुभव करना बाकी था। उसके बाद शो आगे चल पड़ा और गुलाबो की चूत न जाने कितनी बार पानिछोद चुकी थी। उसके लिए यह सब नया था, कभी ना सोचा हुआ मंजर था। उस नंगी महिला ने उस नीग्रो का लंड को बहोत अच्छे से चूस कर और अपनी गांड मरवा कर सब को खुश कर दिया था। हर जगह से उन दोनों की चुदाई की तारीफ़ में तालिया गूंज रही थी। उस महिला ने उनकी चुदाई को सराहने के लिए सब का धन्यवाद किया और अगली बार आने को आमंत्रित किया कुछ नए तरीके देखने के लिए। उसने गुलाबो के साथ आई उस महिला को चुदवाने के लिए आमंत्रित किया जो की फ्री, पर उस महिला ने अपने साथ आये एक लड़के का लंड चूसने का फैसला किया और वही स्टेज पर उस लंड की जबरजस्त चुसाई की। उसने एक दो बार गुलाबो को लंड पकड़ने का ऑफर दिया जो गुलाबो ने सहर्ष स्वीकार कर के उस लंड से खेला पर उसमे उसे मजा नहीं आई। उस नंगी गोरी ने उसका और नीग्रो का मिलाझुला रस भी पिलाया। गुलाबो को वह रस अच्छा लगा क्योकि उस चूत में काफी गाढ़ा माल भरा हुआ था जो की वह चूत उगल रही थी। उसको नीग्रो माल पसंद आया। आखिर बाकी शो ऐसे ही ख़तम हो गया।

*******

अगले दिन लगभग 9:30 बजे वे चल पड़े और उन्हें शाम से पहले घर पहुँचने की उम्मीद थी। जाने से पहले, गुलाबो ने काकी और बबली को गले लगाया। महिला ने छोटेभाई से गुलाबो को फिर से लाने का अनुरोध किया।

गुलाबो ने सामने का दरवाज़ा खोला और अपने पति के पास बैठना चाहती थी, लेकिन ड्राइवर ने उसे पीछे बैठने को कहा क्योंकि अगर वह उसके बगल में बैठकर सोएगी तो उसे परेशानी होगी। दरअसल वह दोनों भाइयों को उसके सामने गुलाबो को ऐसे सहलाते हुए देखना चाहता था जैसे उसने उन्हें कुछ मिनट पहले ही देखा था। गुलाबो दोनों भाइयों के बीच आ गई और कार चल पड़ी। महिला ने उन्हें जाने दिया।

गुलाबो चुपचाप बैठी रही और बाकी सब भी। लगभग 20 मिनट बाद, ड्राइवर ने कार हाईवे पर लाकर देखा, तो उसने तीनों को सोते हुए पाया। गुलाबो ने अपना सिर छोटेभाई की छाती पर टिका दिया था और उसने एक हाथ गुलाबो की कमर पर रखा हुआ था। उसका हाथ लगभग योनि क्षेत्र को छू रहा था। पूरी रात सोये नहीं थे यह ड्राइवर को पता चल गया।
फनलव की रचना

ड्राइवर उदास हो गया। उसने गुलाबो को पीछे बैठने को भेज दिया था ताकि वह देख सके कि दोनों भाई उसे कैसे सहला रहे हैं। उसने सोचा कि तीनों कल रात बार-बार चुदाई की वजह से सो नहीं पाए होंगे, इसलिए अब सो रहे हैं। ड्राइवर को बाथरूम का दृश्य याद आया जहाँ उसने गुलाबो को दूसरों के साथ नग्न देखा था। फिर उसकी नज़र गुलाबो की पिछली रात की कमाई वाले बैग पर पड़ी। उसने उस बैग को बाएँ हाथ से छुआ और उसे अपने पास खींच लिया। उसे खुशी हुई कि 'अब वह लखपति है'।

वह सोच रहा था की गुलाबो का माल अच्छा पैसा कमा के दे सकता है खासकर इन छोटे लंड वाले। उसने तय किया की जब भी सेठजी के घर से कोई भी मर्द बुलाएगा तो गुलाबो को वह खुद ही चुदवाने भेज देगा और काफी पैसा इकठ्ठा कर लूँगा। वैसे भी माल है तो कोई भी उपयोग कर सकता है, मेरी जानकारी के बाहर। उस से अच्छा मैं खुद ही गुलाबो को इसके लिए तैयार रखु। वैसे भी गुलाबो ने कल बहोत मजा की है तो उसे ज्यादा मनाना नहीं पड़ेगा। पर उसकी माँ को समजाना पड़ सकता है। उसे मालुम था की माँ को पैसो की थप्पी दिखायेगा टतो वह खुद भी उस सेठजी के लट्ठो के आमने अपनी भोस खोल सकती है। वैसे भी माँ उस पगी से तो चुदवाती ही है अब वह भी पैसा कमा सकती है। वह गाड़ी चला रहा था और सोच रहा था कि इन पैसों का क्या करेगा। समय बीतता गया और

दो घंटे से ज़्यादा हो गए। हर कुछ मिनट में ड्राइवर पीछे मुड़कर देख रहा था, लेकिन कोई बदलाव नहीं हुआ था। वे अभी भी सो रहे थे। उसने गाड़ी एक तरफ़ लगाई और रोक दी। वह पेशाब करना चाहता था और रेडिएटर में पानी भरना चाहता था क्योंकि तापमान पहले ही बहुत ज़्यादा हो चुका था। और उसके लंड का तापमान भी उसकी सोच ने ज्यादा कर रखा था।

वह नीचे उतरा, पीछे से डिब्बा उठाया। उसने एहतियात बरती कि वे उठ न पाएँ। उसने अपना काम पूरा किया और फिर एक कप चाय लेकर लौटा। उसने चाय पी और गुलाबो को देखता रहा। उसने उसकी खूबसूरती की तारीफ़ की और माना कि अब वह पहले से कहीं ज़्यादा खूबसूरत और सेक्सी लग रही है। उसका मन उसे छूने का कर रहा था, उसकी पत्नी उसके दो मालिकों के बीच बैठी थी। और वह सोच रहा था की कब वह नजारा चालू हो की दोनों भाई मिलके उसकी पत्नी के माल से खेले और चुदाई करे। उसने चाय खत्म की और आगे की सीट पर बैठ गया और उनकी तरफ़ करवट बदल ली। हालाँकि उसे डर था कि अगर उनमें से किसी ने

उसे परेशान करते हुए देखा तो बहुत गुस्सा होगा और उसे डाँटेगा, फिर भी उसने धीरे से अपना हाथ बढ़ाया और अपनी पत्नी की चुचियों को छुआ। उसने बस दो उंगलियों से उन्हें छुआ और कोई दबाव नहीं डाला। उसने पल्लू पकड़ा और धीरे से उसे उसके कंधे और स्तनों से हटा दिया। अब, वह देख सकता था कि दो प्यारे स्तन ब्लाउज से बाहर आने की कोशिश कर रहे थे जो उन प्यारी और खूबसूरत बोब्लो को ढँक रहे थे। उसने अपना हाथ पीछे खींच लिया और अपनी पत्नी को दो सेठ भाइयों के बीच इतनी मासूमियत से सोते हुए देखने का आनंद लिया। गुलाबो ने अपनी मालकिन छोटी बहू की साड़ी और ब्लाउज पहना हुआ था। ड्राइवर यह देखकर बहुत खुश हुआ कि छोटी बहू का ब्लाउज उसकी पत्नी की बोब्लो पर इतनी अच्छी तरह से फिट हो गया। उसने गुलाबो की एक चुंची (निपल) को पकड़ा और थोडा खिंचा और फिर बाद में छोड़ दिया। लेकिन वह कोई हरकत नहीं दिखी।
फनलव की और से

वह चाहता था की दोनों भाई में से कोई उठे और गुलाबो के बोबले देख कर उन कबुतरो पे टूट पड़े। वह सोच के ही उसके लंड ने पानी छोड़ दिया। (यह कल्पनाए चीज़ ही ऐई है।)

*****
शुक्रिया दोस्तों


आज के लिए बस यही तक अब हम गुलाबो को घर वापिस ले जाके गुलाबो किस्सा को ख़तम करेंगे


फनलव की तरफ से...



।। जय भारत ।।
Mast update.
 
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वह चाहता था की दोनों भाई में से कोई उठे और गुलाबो के बोबले देख कर उन कबुतरो पे टूट पड़े। वह सोच के ही उसके लंड ने पानी छोड़ दिया। (यह कल्पनाए चीज़ ही ऐई है।)

*****

अब आगे............



इसका मतलब है कि छोटी बहू की चूचियाँ गुलाबो की चूचियों के बराबर हैं। ड्राइवर को पहली बार छोटी बहू की उन अनदेखी चूचियों को सहलाने की इच्छा हुई।


गुलाबो की चूचियाँ मध्यम आकार की थीं और सिर्फ़ ऊपरी क्लीवेज दिखाई दे रहा था। ड्राइवर और देखना चाहता था। उसने ब्लाउज़ की तरफ़ देखा और पाया कि गुलाबो के ब्लाउज़ की तरह इस ब्लाउज़ में भी 'प्रेस बटन' थे, जिन्हें वे 'चुटपुटिया' कहते हैं क्योंकि ये बहुत कम दबाव से खुल जाते हैं। ड्राइवर अपनी पत्नी की चूचियों को और देखना चाहता था। इसलिए उसने फिर से अपना हाथ गुलाबो की चूचियों की तरफ़ बढ़ाया और बहुत सावधानी से अंगूठा ब्लाउज़ के ऊपरी बटन के ठीक ऊपर रखा और दूसरी उंगली उस बटन के ठीक नीचे डाल दी। उसने दोनों उंगलियाँ अलग कीं और बिना किसी मुश्किल के बटन 'क्लिक' की आवाज़ के साथ खुल गया। ड्राइवर ने अपना हाथ हटा लिया।

ड्राइवर को वह “क्लिक” की आवाज़ किसी शक्तिशाली बम जैसी लगी। वह सीधा बैठ गया। जब उसे कुछ मिनट तक कोई आवाज़ नहीं सुनाई दी, तो वह फिर मुड़ा और यह देखकर खुश हुआ कि ऊपर का बटन खुल गया था और अब बाकी बटन खोलना आसान था। वह फिर से उनकी ओर मुड़ा और अपनी पत्नी की चूचियों पर हाथ रखा। इस बार उसने दोनों हाथों से ब्लाउज के ऊपरी हिस्से को पकड़ा और उन्हें अलग कर दिया। एक-एक करके बाकी चारों बटन टूट गए और ड्राइवर ने ब्लाउज के कपड़े चूचियों से अलग कर दिए। गुलाबो ने एक फैशनेबल ब्रा पहनी हुई थी जो नीचे से चूचियों को सहारा दे रही थी और चूचियों के निचले हिस्से को ढक रही थी। ब्रा भी गुलाबो की नहीं थी और ड्राइवर यह सोचकर उत्साहित हो गया कि गुलाबो की चूचियाँ छोटी बहू की ब्रा में अच्छी तरह से फिट हो रही थीं।

अब ड्राइवर को छोटी बहू की चूचियों का साइज़ पक्का हो गया था, यानी उसकी पत्नी की तरह 32-34 इंच। पीछे बैठे तीनों लोग ड्राइवर के इस पापी विचार से अनजान थे कि अब वह छोटी बहू की चूचियों का आनंद लेना चाहता था।

गुलाबो दो भाइयों के बीच बैठी गहरी नींद में थी। उसे इस बात का अंदाज़ा नहीं था कि उसके पति ने उसकी ब्रा खोल दी है जिससे कोई भी उसकी कसी हुई चूचियों का आनंद ले सकता है।

ड्राइवर ने अपनी पत्नी की चूचियों पर आगे का शीशा ठीक किया और जीटी रोड पर गाड़ी चलाने लगा। वह सावधानी से गाड़ी चला रहा था और बीच-बीच में शीशे में अपनी पत्नी की चूचियों का आनंद ले रहा था। लगभग आधे घंटे बाद उसे अपनी पत्नी की एक मधुर कामुक आवाज़ सुनाई दी।

“थोड़ा और सोने दो ना। और हो रहा है, ठीक कर दो ना!”

ड्राइवर की धड़कनें बढ़ गईं।

गुलाबो ने खुद को पीछे की सीट से अलग किया और अपना सिर मोटेभाई की गोद में रख लिया। चूची और गुलाबो शीशे में नहीं थे। ड्राइवर उदास होकर उसने अपना सिर झटका। उसने गाड़ी चलाने पर ध्यान केंद्रित किया। लगभग 20 मिनट बाद उसने पीछे मुड़कर देखा और खुश हो गया। उसने फिर से शीशे में देखा और गुलाबो की चुचियों का आनंद लिया।

जो अब लगभग ब्रा के ऊपर से निकल चुकी थीं। उसे पता नहीं था कि ब्रा कहाँ से निकली है, लेकिन उसने कभी ऐसा किया भी नहीं था। उसने उन्हें दोबारा हुक नहीं किया था और अब ड्राइवर ने ढीली ब्रा की पट्टियाँ और चुचियों से ब्रा के कप गिरते देखे। उसने दुर्घटना से बचने के लिए गाड़ी धीमी कर दी और उस पल का इंतज़ार किया जब चुचियाँ ब्रा से बाहर आ जाएँ और पिछली सीट पर ब्रा के कप चुचियों से फिसल गए और धीरे-धीरे चुचियाँ ब्रा से बाहर आ गईं, जो अभी भी गुलाबो के शरीर पर ढीली थीं।

ड्राइवर ने सोचा कि उसके बोबले सख्त और सुडौल हो गई हैं, जबकि उसने कुछ दिन पहले गाँव में उसे सहलाया था। उसे 'किसमिस' के आकार के निप्पल और रेशमी त्वचा बहुत पसंद थी। उसने घर वापस आकर इन निप्पलों को चूसने का फैसला किया। अगले एक घंटे तक कुछ नहीं हुआ, बस ड्राइवर अपनी पत्नी को देखता रहा, जो दोनों भाइयों के बीच खुली छाती के साथ बैठी थी। तभी उसे अपने कंधे पर थपथपाहट और एक आवाज़ महसूस हुई।

"थोड़ी गाड़ी" रुकना।” वो मोटाभाई था।

“जी, मालिक!”

उसने ब्रेक लगाया और गाड़ी एक तरफ़ करके रोक दी। मोटाभाई उतर गया। वो थोड़ा सा दूर हुआ और पेशाब करने लगा। ड्राइवर ने पीछे मुड़कर देखा तो गुलाबो की चूचियाँ अभी भी पूरी तरह से खुली हुई थीं। मोटाभाई पास आया और पूछा कि वे कितनी दूर आए हैं और उसने गुलाबो और उसके छोटेभाई दोनों को हिलाया। छोटाभाई भी जाग गया और नीचे उतर गया, लेकिन गुलाबो को जगाने और गाड़ी से उतरने में काफ़ी देर लगी। उसने बस अपने कंधे पर आँचल डाला और उनसे थोड़ा दूर बैठकर पेशाब करने लगी। फिर गुलाबो ने कहा कि उसे भूख लगी है।

ड्राइवर ने इधर-उधर देखा, कुछ दिखाई नहीं दे रहा था। उसने उन्हें गाड़ी में बैठने को कहा और कहा कि वह अगले होटल पर रुकेगा। गुलाबो फिर से उनके बीच बैठ गई, लेकिन सीधी नहीं, उसने अपना सिर छोटेभाई की गोद में और पैर मोटेभाई की गोद में रखे। जगह की कमी के कारण उसे दोनों पैर घुटनों पर मोड़ने पड़े और मोटाभाई ने उसका घुटना पकड़ लिया। लगभग 5 मिनट बाद कुछ मिनट गाड़ी चलाते हुए, ड्राइवर ने एक नज़र डाली और देखा कि तीनों ने फिर से आँखें बंद कर ली हैं और गुलाबो ने छोटेभाई का हाथ अपनी बोबले पर रखा हुआ है। उसने न तो ब्रा का हुक लगाया था और न ही ब्लाउज़ से निपल ढकी थी। छोटेभाई ने अपनी हथेली से उसके निप्पल ढँक लिए थे। तभी एक होटल देखकर ड्राइवर ने गाड़ी ब्रेक लगाई और उन्हें जगाया। गुलाबो छोटेभाई और उसके हाथों अपनी छाती पर रखे अपनी जगह पर बनी रही।


******

अभी लिख रही हूँ बाद में पोस्ट कर दूंगी..................


जय भारत
Gulabo mast maje le rahi hai dono bhaiyon ke sath.
 
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उन्होंने उसे कुछ नाश्ता, मिठाई और चाय लाने को कहा। ड्राइवर उतरा और एक लड़के के साथ खाने का सामान लेकर वापस आया। इसी बीच गुलाबो ने छोटेभाई को अपनी ओर खींचा और उसे चूमा और कहा कि उसके शरीर को उनकी कमी खलेगी। छोटेभाई ने उसके छाती पर पड़े कपड़े को एक तरफ सरका दिए। उसने उसकी निपल को मसला और दबाया और उसे दिलासा दिया कि जब भी मौका मिलेगा, वे उसके साथ मज़े करेंगे, बहोत आराम से तुजे चोदेंगे, और तुम्हे जो चाहिए वह सब भी देंगे। उन्होंने ड्राइवर को आते देखा तो उसने अपनी स्तनों को साड़ी और पल्लू से ढक लिया। उसके बाद सबने खाने-पीने का सामान और चाय पी। काम खत्म होने के बाद ड्राइवर ने गाड़ी फिर से बढ़ा दी। गुलाबो ने पूछा कि गाँव पहुँचने में और कितना समय लगेगा।

"करीब 2 घंटे और," ड्राइवर ने जवाब दिया।

"तो तब तक मैं सोऊँगी।" गुलाबो ने कहा और आँखें बंद कर लीं। वह चुदाई के मूड में बिलकुल भी नहीं थी।

न सिर्फ़ गुलाबो, बल्कि दोनों ने भी आँखें बंद कर लीं, लेकिन उनके हाथ गुलाबो के सेक्सी बदन को टटोलते रहे। ड्राइवर को अंदाज़ा था कि सफ़र के आखिरी पड़ाव में दोनों भाई गुलाबो के साथ मस्ती करना चाहेंगे। वह उनकी मस्ती देखना चाहता था, लेकिन उसे डर था को कही उनको पता ना चल जाए की वह मन से यह सब स्वीकृत है, वह नपुंसक में अपने आप को बाँधने से बच रहा था।

हालाँकि तीनों सोने का नाटक कर रहे थे, फिर भी सब जाग रहे थे। निराश होकर ड्राइवर अपना काम करता रहा। मोटेभाई ने चूचियों को सहलाया और धीरे से दोनों निप्पलों को चुटकी से दबाया। फिर वह झुका और निप्पलों को चूसा और साथ ही गुलाबो के चिकने पेट पर हाथ फेरा। जब वह गुलाबो की चूचियाँ चूस रहा था, तो गुलाबो फुसफुसाई,

"अब घरवाले के सामने चोदेंगे?" वह फुसफुसाई।

"रानी, तुझे नहीं मालूम, जान पहचान बालो के सामने चोदने और चुदवाने में बहुत मजा आता है!" बड़े भैया ने जवाब दिया। "तेरे पति को बहुत मजा आएगा जब वो हम दोनों को उसकी बीबी के चूत में लौड़ा पेलते देखेगा।"

“साब ठीक कहते हैं।” ड्राइवर ने कहा, “साब लोग तुम्हें प्यार कर रहे हैं, मुझे अच्छा लग रहा है।”

उसने फिर कहा, “बड़े मालिक, गुलाबो आपको पसंद आई ना! जब मन करे अपने लंड पर बैठा लीजिये।” उसने कहा,

“सच बोलिये, क्या गुलाबो छोटी मालकिन जैसी है…?”

"बिलकुल छोटी मालकिन जैसी।"

छोटेभाई ने जवाब दिया और गुलाबो का ऊपरी पैर हवा में उठा लिया। उसने चूत को हाथ में लिया और उसे कुछ बार दबाया। गुलाबो ने आगे की सीट पर अपना पैर टिका दिया और ड्राइवर को उसकी पत्नी की सुडौल, आनुपातिक रेशमी जांघें दिखाई देने लगीं। उसने अपना सिर घुमाया और अपनी जांघों के बीच वाले हिस्से को चूमा जो उसके पास थे। गुलाबो सिहर उठी और पीछे की सीट पर अपना सिर मोटेभाई के उठते हुए लंड पर रखते हुए सीधी हो गई। उसने अपने कूल्हे ऊपर उठाए और अपना एक पैर आगे की सीट पर ढीला छोड़ दिया। ड्राइवर ने उसकी पिंडलियों को सहलाया और पीछे की सीट पर छोटाभाई झुककर गुलाबो की चूत चाटने लगा। उसने अपने होंठ खोले और अपनी जीभ चूत में डाल दी और गुलाबो कराह उठी।

तभी ड्राइवर ने कहा: “गुलाबो अपनी चूत को थोडा ओर फैलाओ ताकि साहब तुम्हारी चूत के मजे ले सके।“ उसको आशा थी की साहब लोग उसे भी थोडा बीवी के चूत के बदले में कुछ माल (पैसा) देंगे।

तभी छोटाभाई ने अपने पॉकेट में हाथ दाल कर कुछ नोटों निकाला और ड्राइवर को देते हुए कहा: “ये ले तेरे इस माल को तेरे सामने पेलने के बदले में। और हां, चिंता मत कर, तेरा भी ध्यान रखेंगे जब तुम्हे कोई चीज की कमी महसूस हो तो बिंदास्त मांग लेना।यह चूत के सामने कुछ भी नहीं।“ छोटे भाई ने ड्राइवर के कंधे को थपथापाया।

ड्राइवर खुश हुआ और बोला:”साहब गुलाबो का माल अब आपका ही तो है, जब चाहो मुझे बता देना मैं आपके घर उसे छोड़ दूंगा, मजे कर के वापिस भेज देना। सही कह रहा हु न गुलाबो?“

“अब आप लोग जैसा सोचे मुझे तो आप लोगो की सेवा ही तो करनी है।“ उसने अपने पति को शीशे में देखा और आँख मारते हुए कहा।

छोटेभाई ने भगनासा को खींचा, उसे चूमा, चूत में जीभ अंदर-बाहर की और गुलाबो को मज़ा आया। पीछे की सीट पर बैठे तीनों के लिए भी यह आनंद दोगुना हो गया क्योंकि वे ड्राइवर की जानकारी में एक-दूसरे का आनंद ले रहे थे। ड्राइवर ने पहले भी उन्हें बाथरूम में मस्ती करते देखा था,

लेकिन उन्हें इस बात का अंदाज़ा नहीं था कि ड्राइवर उन्हें देख रहा था। उसने अपनी कमर आगे की ओर धकेली और मोटाभाई उसकी चूत दबाता रहा। ड्राइवर ने मुड़कर देखा तो छोटाभाई अपनी पत्नी की चूत खा रहा था। छोटाभाई ने सिर उठाकर कहा,

“छोटी मालकिन का सब कुछ, चेहरा, बाल, चुची, चुत्तर, चूत, जांघें, बाहें सब एक जैसा है, लगता है दोनो एक बाप की बेटी है!” उन्होंने कहा, “बस बहू का रंग बहुत गोरा है, और सब से बड़ी बात दोनो के चूत में भी एक जैसा गरमी है। दोनो किसी की भी मर्द को थका डालेगी।”

“हा भाई…, मैंने तो गुलाबो को हर बार यहीं सोच कर चोदा है कि अपने भाई की बीबी को चोद रहा हूँ।” बड़े भैया ने कहा।

“और साब, आज से मैं भी जब गुलाबो चोदुंगा तो यही सोचूंगा कि मैं अपनी छोटी मालकिन को चोद रहा हूं।” उसने अपना दाव लगाया। उसने छोटे भैया से अनुरोध किया,

“साहब मुझे भी एक बार छोटी मालकिन का जवानी का दर्शन करा दीजिए। मैं भी देखु कि छोटी मालकिन और गुलाबो का चूत एक जैसा ही…।”

उसने मोटाभाई से पूछा और पीछे मुड़कर देखा। वह देख सकता था कि मोटाभाई का लंड उसकी पत्नी की चूत को पंप कर रहा था और छोटाभाई पीछे से उसकी निपल की मालिश कर रहा था। मोटाभाई की जोरदार चुदाई के बाद तीनों ने अपनी पोजीशन बदल ली। अब छोटाभाई अपना मोटा लंड उसकी चूत में पेल रहा था और मोटाभाई उसकी बोबला और निपल को खिंच के छोड़े जा रहा था और शरीर के साथ आनंद ले रहा था। फिर 10 मिनट के बाद छोटाभाई और गुलाबो बड़े पैमाने पर स्खलन के साथ गिर गये। कुछ पल के लिए वे पीछे की सीट पर चुपचाप लेटे रहते हैं। कभी-कभी बाद में जब वे अपने होश में आते हैं।

ड्राइवर ने उन्हें आगाह किया कि वे गाँव के पास हैं। लेकिन मोटा भाई ने कहा की कार को साइड में रख मुझे एक राउंड गुलाबो की चूत मारनी है। ड्राइवरने गाड़ी साइड रोड पर ले ली और तीनों ने अपनी अपनी पोजीशन बना ली, ड्राइवर बाहर आके देखता रहा की कोई कार आ ना जाये। अन्दर बड़े भाई ने चोदना शुरू किया लेकिन गुलाबो कम्फर्ट नहीं थी उसने ड्राइवर को कहा: “अजी सुनते हो?”

“हाँ बोलो!” ड्राइवर ने अन्दर झांकते हुए कहा।

“यह मेरे पेड पकड़ के रखो मैं ठीक से चुदवा नहीं पा रही हूँ।“ उसकी आँखों में एक प्रकार का आमंत्रण था की आओ देखो अपनी पत्नी को एक बाहरी लंड से चुदते हुए।

ड्राइवर ने बड़े भाई की गांड को थोडा सा खिसकाया और वह अन्दर आके गुलाबो के पैरो को फिअला दिया ताकि चूत ठीक से बाहर आ सके। अब ड्राइवर को पूरा नजारा मिल रहा था की बड़े भाई का लंड कैसे अन्दर जाता है और बाहर आता है। थोड़ी देर में ही बदेभई झटके खाने लगे और अपना लंड को गुलाबो की चूत में खाली करने लगे।

“भाई ख़तम हुआ की नहीं?” छोटे ने अन्दर झांकते हुए कहा।

“हाँ हो गया छोटे। बड़े भाई पिछली सिट से बहार की तरफ खिसकते हुए कहा।

ड्राइवर के सामने अब गुलाबो की चुदी हुई चूत पूरी तरह से दिख रही थी। उसमे से कुछ वीर्य की बुँदे बाहर अ रही थी। ड्राइवर ने उसकी चूत को सहलाया और बड़े भाई का माल को अपनी ऊँगली में ले लिया और गुलाबो की मुंह पर रख दिया जो की गुलाबो पहले से ही तैयार थी उसने झट से ऊँगली को अपने मुंह में छुपा लिया और सब चाट गई। थोड़ी देर तक वे दोनों बड़े भाई के माल को चाटने में लगे रहे।

फिर सभी लोग बहार आ गए और अपने लंड और छुट को मूत के खाली कर दिया, अच्छे से कपड़े पहने और ऐसे बैठ गए जैसे गाड़ी के अंदर कुछ हुआ ही न हो। हालाँकि, गाड़ी से आ रही खुशबू किसी को भी बता सकती थी कि पिछली सीट पर मैराथन चुदाई का दौर चल चुका है।


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आज के लिए बस यही तक कल फिर मिलेंगे


फनलवर की ओर से
Wah driver apni bibi ko chudwa ke bahut khus ho gaya hai. Paisa kuchh bhi karwa sakta hai.
 

Funlover

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बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर कामोत्तेजक अपडेट है मजा आ गया
ये कलकत्ते की रंगिन दुनिया में गुलाबो को नये नये अनुभव देखने को मिल रहे है वैसे ये देख कर वह बहुत कुछ सीख भी यही है
खैर देखते हैं आगे क्या होता है
Thank you mitra
 
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