बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर कामोत्तेजक अपडेट है भाई मजा आ गया हैतभी सुंदरी चूत को चाटना छोड़ उठी खड़ी हुई और वहा से हट गई।।।बहू चीख पड़ी।।।
“हरामजादी बीच में क्यों छोड़ दिया…पानी तो निकालने दे…।”
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अब आगे.........
थोड़ी देर में वापस आई तो उसके हाथ में एक ककडी (हरा खीरा) था, पतला लेकिन 12 इंच से ज्यादा लंबा। सुंदरी ने आधा खीरे को अपनी चूत के अंदर घुसाया और खीरे के दूसरे सिरे को पाकर कर बहु के चूत में घुसा दिया और ऊपर से धक्का लगाने लगी। खीरा दोनो के चूत में पूरा का पूरा घुस गया था।
बहू को थोड़ा मजा आया।। "चलो ये भी ठीक है।" सुंदरी ककड़ी से दोनो की चुदाई कर ही रही थी की बहार दरवाजे पे नोक हुआ!
“ठाक.....ठाक......”
“कौन मादरचोद होगा अभी! लगता है विनोद आया है।” सुंदरी ने कहा।
'ले आ अन्दर साले को, देखूं की, मादरचोद, बहनचोद के लौड़े में कितना दम है!'' बहु ने अपनी चूत से ककड़ी निकालते हुए कहा।
लेकिन सुंदरी ने बहू के चूत में 'ककड़ी' को रहने दिया और अपनी चूत उठा कर बाहर निकल गई।
एक बार तो उसका मन किया कि नंगी ही दरवाजा खोले लेकिन फिर यह सोच कर कि कोई दूसरा आदमी, पोस्ट मैन हो तो! सुंदरी ने जल्दी पेटीकोट को अपनी चूची के ऊपर बंधा और दरवाजा खोला। उसे हैरानी हुई कि वह मुनीम था, उसका पति।
सुंदरी हकलाते हुए बोली “कक्ककक्या हुआ....जी...?"
मुनीम ने सुंदरी के कंधे पर हाथ रखा और कहा कि शाम को उसे कुछ दिनों के लिए सीधे शहर जाना है, इसलिए वह अपने कुछ कपड़े लेने आया है। और दोनों अंदर कमरे में पहुँच गए।
मुनीम भी उसी सदमे में था जो उसे सेठ के ऑफिस में एक नंगी औरत (सुंदरी) को एक नंगे आदमी का लंड मुँह में लेते देखकर हुआ था। मुनीम ने देखा कि वह औरत बिस्तर पर 'ककड़ी' से खुद को चोद रही है। उसने पहचान लिया कि यह बड़ी बहू है,
"बड़ी बहू तुम....आ ... “ वह हकलाया।
“देखते क्या हो… जल्दी आ जाओ और इस प्यासी चूत को चोद-चोद कर पानी निकाल दो।”
बहू ने धीरे और प्यार से कहा और मुनीम को चोदने के लिए आमंत्रित किया।
अब अपनी बेटी और उसकी दो जवान सहेलियों को चोदने के बाद मुनीम आत्मविश्वासी आदमी था।
उसे पता था कि उसका लंड जवान लड़कियों को पूरी मस्ती देने में पूरी तरह सक्षम है और बड़ी बहू भी सिर्फ़ 20 साल की थी। उसने अपनी पत्नी सुंदरी की मौजूदगी में चुपचाप अपने कपड़े उतार दिए।
अब, बहू को झटका लगने का समय आ गया था।
"बा....प....रे.... इतना मोटा सु...पा....रा! मैं नहीं चुदवाऊँगी!"
और बहू ने ककड़ी को उसकी चूत से खींचकर उसे पार करने की कोशिश की, लेकिन मुनीम तेज़ था। उसने बहू की जांघों को चौड़ा करके रखा और बिना किसी फोरप्ले (जो बहू के लिए ज़रूरी नहीं था) के अपना कम कसा हुआ लौड़ा बहू की चूत में डाल दिया।
“ईई.....आआह…मेरी चू....त.....फट जायेगी.....सुं....द...री!!!! मर गई मैं तो घर जाके क्या जवाब दूंगी, इतना बड़ा भोसड़ा कैसे हो गया...बा.......प.....रे....” बहु ने अब तक सेक्स कथाओं में यह पढ़ा था की चूत में गरम सलिए का रॉड डाला है लेकिन यहाँ तो पूरा जलता हुआ चूल्हा उसके अन्दर घुस गया हो ऐसी अनुभूति हो रही थी।
हालाँकि बहू पिछले चार साल से चुद रही थी लेकिन वो मुनीम का मोटा राक्ससी सुपारा आसानी से नहीं ले पाती थी।
“मुनीमजी थोड़ा हौले से…दर्द कर रहा है…मेरी चूत फट जायेगी आराम से चोदो।”
मुनीमने दोनो बड़ी-बड़ी चूचियो को मसला और जोर से धक्का मारा।
“बस बहू, लो लंड तो पूरा अंदर घुस गया। नाहक की डर रही थी।” एक और जोर से धक्का मारा।
“अब मज़ा लो,बहु और अपनी चूत को मस्ती से चुदवाओ।”
मुनीमका लंड 2-3 धक्का मारता-मारता, पूरा टाइट हो गया और बहू के चूत पर हरदौर तेज धक्का लगाने लगा। इधर मुनीम बहू का चुदाई कर रहा था और सुंदरी मुनीम का बैग तैयार कर रही थी। करीब 10 मिनट की चुदाई के बाद बहू थक गयी…उसकी चूत ने अब तक दो बार अपना चुतरस त्याग दिया था।
“बस मुनिमजी बस कीजिये अब निकाल लो, मेरा तो कब का हो गया…! मैं अब नहिझाद सकती क्योकि मेरी चूत से आपके इस लंड ने कई बार रस निकाल दिया है, थक गई हूँ मैं। प्लीज़.....फिर कभी मेरे दोनों छेद चोद लेना लेकिन आज के लिए छोड़ दो।”
और बहु ने मुनीम को धक्का देकर अलग कर दिया। लेकिन मुनीम का पानी नहीं निकलता, लंड पूरा टाइट था। उसने सुंदरी को बिस्तर पर खींच लिया और उसकी चूत में लंड को पेल दिया।
नीचे मुनीम अपनी पत्नी सुंदरी को धना-धन चोद रहा था और ऊपर बहू अपना चूत फैला कर सुंदरी के मुंह पर बैठ कर चूत चटवाने लगी। करीब 3-4 मिनट की चुदाई के बाद मुनीम ने अपनी बीबी के चूत में पानी छोड़ दिया,,,। जैसे ही मुनीम ने चूत से लंड को निकला बहु बड़ा लंड को चूसने लगी और चूसते-चूसते पूरा सूखा कर दिया।
“मेरी चूत की मस्ती तो सुंदरी की चूत जैसी नहीं, लेकिन आपको मजा आया की नहीं।”
बहुत, लेकिन मुझे तेरी चूत भरनी थी! मुनीम के उसकी चूत को सहलाते हुए कहा।
“मुझे तो आपके बेटे ने बहुत मजा दिया,परम भी बहुत अच्छी चुदाई करता है!''
मुनीम समझ गया कि ये कुतिया भी परम से चुदवा चुकी है। लेकिन मुनीम को अच्छा लगा कि बहू परम को पसंद करती है, उन दोनों का लंड ज्यादा मस्त है तभी युवा लड़कियों से दोबारा चुदवाने आती है।
“बहू, मुझे तो तुम्हारी चूत बहुत पसंद आई, बहुत रस है तुम्हारे में…यह छोटा छेद क्यों है? पति ने भोसडा नहीं बनाया! “मुनीम ने बहू की चुचियो को चूमते हुए पूछा” फिर कब मरवाओगी!…और तुम्हारी चुची, ऐसी चुची और किसी की नहीं,कब फिर चोदने दोगी!”
“अब आपने मेरे इस नाजुक छेद को अपने लंड के साइज़ जितना बड़ा भोसड़ा बना दिया है तो, खेर जितना जल्दी मौका मिलेगा,अब यह सुपारा मेरे पसंद का हो गया।” बहु बोली।
“सेठजी ने जल्दी आने को कहा था, तो मैं चलता हूँ…!” मैत्री और नीता की प्रस्तुति।
“राजा बहू की चुदाई का बात किसी को बोलना नहीं।” सुंदरी ने कहा। फिर दोनों औरतें मुनीम को नग्न अवस्था में छोड़ने आईं।
जाते जाते भी मुनीम अपने आप को नहीं रोक सका और बहु और सुंदरी को पीछे घुमा के दोनों की गांड के छेद में अपने दोनों हाथो की ऊँगली को अन्दर तक घुसा दी। थोड़ी देर बहु की गांड मार ली।
“इस छेद को तो रहने दो...मुनीमजी....वह आपका सुपर जाएगा तो क्या हालत होगी मेरी....फिर कभी मार लेना बस, यह गांड आपके लंड के लिए तैयार होगी.. ।“ लेकिन वह आगे नहीं गई पर थोड़ी ज्झुकी और गांड के छेद को मरवाने के लिए जरुरी जगह कर दी। मुनीम ने काफी देर तक सुंदरी और बड़ी बहु की दरवाजे पर ही गांड मरता रहा। उसे बहु की गांड का छेद पसंद आया बहोत टाईट था लेकिन उसे जाना भी तो था।
उन्होंने मुनीम के पीछे दरवाजा बंद कर दिया और कमरे के अंदर बिस्तर पर लेट गए। वे बातें कर रहे थे और फिर एक दस्तक हुई।
“अब साला कौन है! जो भी हो उसे बाहर से ही भगा देना! मुज में अब ताकत नहीं है।”
बहू ने कहा और वह बिस्तर पर खुली हुई योनि के साथ सीधी खड़ी रही। इस बार सुंदरी ने इत्मीनान से साड़ी पहनी और दरवाज़ा खोला। उसे सबसे सुखद आश्चर्य हुआ। वह विनोद था (आप लोगो को तो पता है वह बाहर इंतजार कर रहा था मुनीम के बाहर आने के लिए)।
सुंदरी ने विनोद को अंदर खींच लिया और फुसफुसाकर बोली,
“ओह राजा तू इतना दिन कहा था!” वह विनोद को चूमने लगी। दोनों ने एक-दूसरे को कस कर पकड़ लिया और कुछ ही मिनटों में वे निर्वस्त्र हो गए और विनोद का लंड सुंदरी की चूत के अंदर था जिसे अभी कुछ मिनट पहले उसके पति चोद के जा चुका था।
“रानी मैं तुम्हें अकेले में चोदना चाहता था, आराम से चुदवाओ।” नीता की पेशकश।
उसने नोटों के दो बंडल निकाले और सुंदरी के ऊपर छिड़क दिए।
"आह्ह्ह.... बेटा इतने दिन कहा था? मैं तेरा लंड खाने के लिए तरस रही थी। जोर से पेल, जम कर पेल, पूरा लंड अंदर घुसा जा। फाड़ डाल…चूत की आग को ठंडा कर दे…आह राजा……चोदते रहो…बेटा…।” अब एक बार मुनीम का लंड गया हो उस चूत को विनोद दुबारा चोद रहा था। सुंदरी को मजा तो नहीं आ रही थी क्यों की विनोद का लंड कुछ हद तक छोटा पड़ रहा था उसकी भोस के लिए। और तभी तो सुंदरी मुनीम को थोडा दूर ही रखती थी।
लेकिन यह व्याभिचार का नशा था इस लिए वह अपने यार से चुदवा रही थी और मजे ले रही थी।
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आज के लिए बस इतना ही ।
कल फिर मिलेंगे।
तब तक के लिए।
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।। जय भारत ।।
अचानक घर आये मुनिम को हवेली की बडी बहु की चुद चोदने को मिल गयी तो मुनिम ने उसका फायदा उठा कर अपने तगडे लंड की ताकद दिखा कर उसे संतुष्टी प्रदान कर दी
मुनिम के जाते ही विनोद पहुंच गया और अब विनोद और सुंदरी का खेल शुरु हो गया वो भी बडी बहु घर में रहतें
खैर देखते हैं आगे क्या होता है
अगले रोमांचकारी धमाकेदार और चुदाईदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा