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Incest जिन्दगी ## एक अनाथ की##

Nevil singh

Well-Known Member
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Update 114
काल के साथ रहने जब नरेश आया तो वो शिवा को देख कर बहुत खुश हो गया ,काल ने उसे बता दिया कि हम दोनो बचपन से दोस्त है ,नरेश तो शिवा को पहले से जानता था ,उसने शिवा को अपने बेटे जैसे प्यार दिया था ,वो भी मनोज की तरह शिवा के साथ दोनो वक्क्त के खाना खाते थे ,जितना शिवा के साथ हो सके वो दोनो रहते थे ,मनोज और नरेश को शिवा में उनका खोया हुवा विजय ही दिखता था ,घरपर बाकी सभी लोग भी शिवा से प्यार से ही पेश आते थे सिवाय निता के वो शिवा से बात तो करती थी पर ज्यादा उसके आसपास नही रहती थी ,एक बार चुदाई के समय उसने शिवा से कहा कि तुमने यह रूप लिया है वैसा ही एक लड़का इस घर मे रहता है ,जब भी में उसके पास जाती हु ,मुझे ऐसा लगता है कि वह तुम ही हो ,में अपने आप पर बहुत काबू करने की कोशिश करती हूं ,पर मेरे मन में ऐसा लगता है कि उसे अपने बाहो में भरके बहुत प्यार करू ,पर वो मुझे मा मानता है और में उसके साथ ही चुदना चाहती हु ,क्या करूँ मेरे तो समझ मे नही आता जब से तुमने उसकी शक्कल लेकर मुझे चोदना शुरू किया है मेरी कामवासना बहुत बढ़ गई है ,ऐसा लगता है कि में तुमसे नही उस बिचारे शिवा से ही चुद रही हु ,शिवा को यह सब बातें सुनकर थोड़ा बुरा भी लग रहा था ,उसने अपनी हवस के चलते निता के साथ यह खेल नही खेलना चाहिए था ,निता के मन मे बहुत से ऐसे ख्याल आने लगते जिसे जानकर शिवा को तकलीफ़ होती ,निता को लगता कि वो उसके बेटे से ही चुद रही है ,उसके मन मे ऐसा आते ही वो किसी पागल घोडी की तरह हो जाती थी ,उसके बदन में शोला पैदा हो जाता था ,जिसमे बो शिवा को भी जलाकर चुदाई का अद्धभुत सुख देती थी ,शिवा की जिंदगी नेत्रा के बिना अधूरी सी हो गयी थी ,शिवा को नेत्रा से जबरदस्ती शादी होने से उसके प्रति इतना प्यार नही था ,पर धीरे धीरे जब वो नेत्रा के पास जाने लगा तो नेत्रा कब उसके दिल मे इतनी गहराई तक बैठ गयी उसे पता ही नही चला ,शिवा के साथ सब थे पर नेत्रा के ना होने से उसे कुछ भी पसन्द नही आ रहा था ,नेत्रा के बिना जीना उसे किसी सजा की तरह लगने लगा था ,नेत्रा के लिये उसके दिल मे प्यार हर पल और ज्यादा गहरा होने लगा था ,जब भी वो गरुड़ लोक जाता तो नेत्रा के साथ समयमनी मे सबसे ज्यादा समय बिताया करता था ,नेत्रा धरती के समय अनुसार पिछले 45 दिनोसे बेहोश थी तो गरुड़ लोक के समय से 1080 साल से बेहाश थी ,समयमनी के हिसाब से तो उसे बेहोश होकर लाखो साल हो गए थे ,नेत्रा होश में तो नही आ रही थी पर दिन ब दिन वो और ज्यादा सुंदर और शक्तिशाली हो रही थी ,उसके शरीर सभी शक्तियो को अपने अंदर बहुत ही अच्छे तरीके से सोख रहा था ,केतकी ,हिमांनी और शिवानी भी दो दो बच्चों की माँ बन चुकी थी तीनो को जुड़वा बच्चे हुवे थे एक लड़का और एक लड़की ,वो भी गरुड़ लोक में जवान हो गए थे ,जहा काल के रूप में शिवा बीस साल का भी नही था तो उसके बच्चें 21 साल के हो गए थे ,काल के सभी लड़को की उम्र 21 साल की होने पर रुक जाती थी उसके बाद वो हजारो साल उसी उम्र में रहने वाले थे ,उसकी लडकिया भी 18 साल की उम्र तक रहने वाली थी हमेशा ,काल की जितनी भी सन्ताने हुवीं थी वो सभी दिव्य औरतो से हुवीं थी ,वो सभी अपनी माँ की दिव्य शक्तियॉ और काल की शक्तियो की वजह से बहुत ही ज्यादा बलशाली हो गए थे ,उन सब बच्चो में हैरतअंगेज ताकद आ गयी थी ,काल यानी शिवा के सिंहलोक और गरुड़ लोक के बेटो और बेटीयो ने भी अपनी सन्ताने पैदा कर ली थी ,जो काल से भी उम्र में बड़े हो गए थे ,काल सभी को बहुत प्यार करता था ,हिमांनी ,केतकी ,शिवानी के लड़को ने भी गरुड़ लोक में शादी कर ली थी ,पर उनकी बेटीयो ने किसी के साथ शादी नही की थी ,वो सभी तेजा की बेटी पूर्वा के साथ ही रहती थी उन चारो में बहुत ही गहरा और पक्का रिश्ता हो गया था ,अपनी माँ की तरह यह चारो भी एकदम खास थी एक दूसरे के लिये ,केतकी ,हिमांनी और शिवानी ने गरुड़ लोक में ही रहने का फैसला कर लिया था ,वो धरती पर नही आने वाली थी ,जब भी शिवा को उनकी जरूरत होगी तभी वो यहा पर आने वाली थी ,इसकी मुख्य वजह तेजा थी ,तेजा हमेशा अकेली रहती थी ,काल जब 6 साल गरुड़ लोक में आता तभी उसके चेहरे पर कुछ खुशी होती थी ,पर जब से यह तीनों गरुड़ लोक आयी थी तेजा भी अब सबके साथ रहने लगी थी ,यह सब बाते जानकर ही काल ने उन तीनों को यहा रुकने के लिये कह दिया था ,शिवा अपने समय मनी में रोज 1 घण्टा जाकर अपनी सभी शक्तिया को परखने लगा था ,उसे साथ लामन और सिंहार भी होते थे ,तेजा ने काल के भी समय मनी की शक्ति बढा दी थी अब जब बाहर की दुनिया मे 1 सेकंड खत्म होता तो समयमनी में 1 दिन खत्म होता ,ऐसे समयमनी में शिवा रोज 1 घण्टा यानी 3600 दिन अपनी सभी शक्तियो का अभ्यास करता था ,हर शक्ति को शिवा बहुत ही अच्छे तरीके से इस्तेमाल करने लगा था ,लामन ने जब सिंहार को पहली बार देखा तो वो आश्चर्य में पड़ गया था ,सिंहार तो उसके लिये भगवान हीं था ,शिवाय की वजह से वो उसके भगवान के पास आ गया था ,सिंहार से सभी दिव्य शेर निर्माण होते थे ,सिंहार ने भी लामन को पहले से कई गुना शक्तिशाली कर दिया था ,लामन भी सिंहार और शिवा के साथ समयमनी मे अभ्यास करके बहुत घातक हो गया था ,एक दिन जब शिवा समयमनी में अभ्यास कर रहा था तब उसे केतकी का संदेश आया कि नेत्रा होश में आ गयी है ,यह बात सुनकर शिवा बहुत खुश हो गया ,उसने समयमनी से बाहर आकर सिंहार और लामन को अपने अंदर ले लिया और अपना एक प्रतिरूप बनाकर उसे घर मे छोड़ कर वो सीधा गरुड़ लोक पहुच गया ,नेत्रा को होश आ चुका था पर धरती के समय और गरुड़ लोक के समय की वजह से काल को वहां पहुचने में 1 मिनीट हो गया था जिस वजह से गरुड़ लोक में 7 दिन का समय बीत चुका था ,काल को लगा कि नेत्रा उससे नाराज ना हो जाये इस वजह से सबसे पहले उसने नेत्रा से माफी मांग ली ,पर नेत्रा ने उसे गले लगा लिया ,वो काल या शिवा के दिल की तड़प और दर्द को जान चुकी थी ,वो शिवा का दिमाग आसानी से पढ सकती थी,शिवा का ही नहि वो तेजा का भी दिमाग पढ़ने लगी थी ,शिवा को उसने बड़े प्यार से गले लगा लिया ,शिवा के गले लग जाने से नेत्रा को भी बहुत सुकून हो रहा था वो जितना प्यार शिवा से करती थी उससे भी ज्यादा प्यार शिवा उससे करता था ,वो बेहोश होने के बाद उसके दिल की तड़प और दर्द को नेत्रा जान गई थी ,उसे बहुत खुशी हो रही थी कि उसके लिये शिवा के मन भी इतना प्यार है ,बहुत देर एक दुसरे के गले लगने के बाद दोनो अलग हो गए ,
नेत्रा ने कहा ,आप के नए दोस्त के लिये मेरी तरफ से एक तोहफा में दे रही हु ,इतना कहकर नेत्रा के शरीर से एक काली शेरनी निकल आयी जो नेत्रा की दिव्य शक्तियों से बन गई थी ,शिवा समझ गया कि नेत्रा के अंदर से बसी उसकी शक्तियो ने इस शेरनी को बनाया होगा ,लामन भी इस दिव्य शेरनी को देख कर उसमे खो गया था ,आज तक बेचारे को लामनी जैसी काली शक्ति वाली शेरनी ने दर्द ही दिया था ,पर नेत्रा की बनी इस काली शेरनी की आंखों में उसे सिर्फ प्यार ही दिख रहा था ,शिवा ने भी लामन और उस नई काली शेरनी को अपने एक प्रतिरूप के साथ सिहलोक भेज दिया ,नेत्रा ने इस शेरनी का नाम लामनी ही रख दिया था ,
नेत्रा की काल वहां आने से पहले सबसे बात हो गयी थी ,तेजा तो एकदम उसकी खास सहेली बन गई थी ,केतकी ,हिमांनी ,शिवानी और तेजा के सभी बच्चों से मिलकर उसे बहुत खुशी हो गयी थी ,खास करके पूर्वा और बाकी तीनो की लड़कियां उसके आसपास ही रहने लगी थी ,उनके नाम तेजा ने रखे थे केतकी की बेटी उत्तरा ,हिमांनी की बेटी दक्षिणा और शिवानी की बेटी पश्चिमी थी ,चारो दिशा के नाम उन सबके रखे गए थे ,नेत्रा को गरुड़ लोक बहुत पसंद आया था ,नेत्रा ने जिद करके काल की सभी पत्नियों और बच्चों जो सिंहलोक और अश्वलोक में रहते थे उनको गरुड़ लोक बुला लिया ,साथ मे सर्पलोक से मंदा को भी गरुड़ लोक लेकर आने को कहा था ,नेत्रा ने सबको कह दिया कि आज से सभी एक साथ ही रहेंगे ,यह बात सबको पसन्द आ गयी ,नेत्रा ने सबके लिये एक बहुत ही सुंदर और विशाल महल का निर्माण किया अपनी माया से ,जिसमे सबके रहने का उसने इंताजम कर दिया था ,नेत्रा ने शिवा से कह दिया था कि उन दोनों का मिलन धरती पर ही ठीक होगा ,शिवा को नेत्रा होश में आना ही बहुत था बाकी उसे भी नेत्रा को भोगने की इच्छा नही थी ,जब तक नेत्रा खुद के मन से नही कहती तब तक शिवा भी कुछ नही करने वाला था ,नेत्रा के मन मे क्या चल रहा है वो यह जान नही पा रहा था,नेत्रा मन्दिर की रक्षा करने वाले हर व्यक्ति सी मिली थी ,उन सबको भि उसने कुछ दिनों के लिए गरुड़ लोक लेकर आयी थी उन सबकी जगह उसने अपने और काल के प्रतिरूप रख दिये थे ,नेत्रा ने सबसे कह दिया कि आज के बाद सिर्फ 12 घण्टे ही सभी मन्दिर की रक्षा करते रहंगे और बाकी 12 घण्टे के लिये वो गरुड़ लोक में रहंगे ,उन सबकी भी कुछ जिंदगी थी ,उन्हें भी खुशी पाने का हक है यह कहकर उसने सबको मना लिया था और नेत्रा की दिव्य शक्तिया वाला रूप देखकर कोई उसकी बात भी नही टाल सकता था ,एक तरह से बिना कहे ही सबने उसे अपनी प्रमुख मान लिया था ,नेत्रा का तेज ही इतना विलक्षण था कि उसके सामने हर कोई हतप्रभ हो जाता था ,नेत्रा के सामने शिवा भी कुछ नही लगता था ,जब धरती पर जाने का समय हो गया तो नेत्रा ने सबसे विदा ले ली ,उसने वादा किया कि आजसे वो भी रोज 12 घण्टे गरुड़ लोक आया करने वाली है काल के साथ ,सबसे विदा लेकर वो धरती पर आ गयी ,जब नेत्रा घर पर आयी उसका प्रतिरूप उसमे समा गया ,जिस वजह से उसे 45 दिनों में धरतींपर क्या क्या हुवा वो सब पता चल गया ,उसकी शक्तियो की वजह से उसे यह भी पता चल गया कि उसकी माँ और सभी चाचिया ,उसकी 7 बहने गर्भवती हो गए है शिवा से मिलन करके ,पहले शिवा को यही डर लग रहा था कि उसकी माँ निता के बारे में पता चलने पर वो नाराज हो जाएगी ,पर नेत्रा ने उसे कुछ भी नही कहा ,उसे तो खुशी थी कि उसकी माँ खुश है शिवा से गर्भवती हो कर ,दोनो घर मे सबसे मिलने के बाद एक पार्क में आकर बैठ गए ,अपने दोनो के प्रतिरूप उन्होंने घर पर छोड़ दिये थे ,नेत्रा ही शिवा के साथ उसे लेकर यहा पर आयी थी वो शिवा से कुछ बात करना चाहती थी ,
दोनो एक पार्क में बैठे थे ,शिवा नेत्रा की तरफ देख रहा था उसे तो अब नेत्रा के मन की बात समझ नहीं आती थी इसलिए वो उसके मुह से ही सब सुनने वाला था ,
नेत्रा ने शिवा की तरफ देख कर कहा ,आप को में आज कुछ बताना चाहती हु ,आप पहले सब सुन ले उसके बाद ही आप की क्या राय है वह मुझे बता दीजिए ,आप को जो भी फैसला होगा वो मुझे मंजूर होगा ,आप ने शायद आज तक कुछ चीजो पर गौर नही किया है ,लेकिन मेने कुछ बाते आपके इस सफर में गौर की है ,आज तक जिसके साथ भी आपने शादी की है उन सब की माँ के साथ भी आपकी शादी हुवीं है या उनसे आपके शारीरिक सम्बंध हो गए है ,यह सिर्फ सभी लोको की औरतो के साथ नही धरती पर भी आपके हम सबके मा के साथ शारीरिक सबन्ध हो गए है ,सनम और उसकी बहनो से आपकी शादी भी नही हुवीं है पर आपके उनकी माँ के साथ पहले ही सम्बंध हो गया था ,में कुछ बातों से परेशान हो गयी हु ,गरुड़ लोक और सिहलोक में लड़की अपने पिता से भी शादी कर सकती है ,आपकी चारो बेटिया भी आपसे शादी कर सकती है ,क्योकि उन्हें कोई भी पसन्द नही आया है अभीतक ,उन सबने आप के शिवा के रूप को आज तक नही देखा है और मुझे इस बात पर पूरा यकीन है वो जब भी आप के शिवा के रूप को देखेगी वो आपसे ही शादी करने को कहने वाली है ,आप इस बात के लिए शायद ही माने पर यह होकर ही रहेगा ,वो चारो मेरे साथ ही धरतींपर आने के लिये पीछे पड़ी थी पर मेंनें उन्हें किसी तरह समझाकर बाद में आने को कहा है ,दूसरी बात जिस तरह आपने मेरी सभी बहनो को हक़ दिया है उसी तरह आप नरगिस ,सनम और उसकी सभी बहनो से शादी कर ले साथ मे पूजा और मोना से भी ,उसके बाद ही हम दोनो एक होंगे ,में आपके जिंदगी में आने से पहले ही यह बेचारी आपकी जिंदगी में है ,उनको भी तो उनका हक मिलना चाहिए ना ,
शिवा तो नेत्रा की बाते सुनकर एकदम हैरान हो गया ,कुछ देर के लिये उसका दिमाग काम करना ही बन्द हो गया था ,कुछ देर बाद वो बोला ,नेत्रा शायद तुम्हे कुछ बाते मेंनें अभी तक बताई नही है पर आज में तुम्हे सब बताने वाला हु ,यह बात सिर्फ तुम ही जानने की हकदार हो ,फिर शिवा ने उसे सब कुछ बता दिया ,अपनी परीक्षा के बारे में भी उसने सब कुछ बता दिया ,नेत्रा भी उसकी बातें सुनकर एकदम सोच में पड़ गयी ,उसे शिवा के हालात समझ आ गए थे हर तरफ से वो फसा हुवा था ,अपनी मजबूरियों से लड़ता वो सबको खुश रखने में लगा हुवा था ,उसकी हालत पर नेत्रा को बहुत तरस आने लगा था ,उसकी बातें सुनकर वो खुद सोच में पड़ गयी थी ,शिवा क्यो आज तक उसे टालता आ रहा था यह उसे समझ आ गया था ,तेजा जो उसके सामने सबसे बडी मुश्किल थी वो नेत्रा आराम से सम्भल सकती थी ,पर मन्दिर की जादुई पथर की परीक्षा में शिवा को अकेले ही लड़ना था ,उसके सामने कौनसी मुश्किलें आने वाली है यह कहा नही जा सकता था ,पर नेत्रा ने सोच लिया था कि कुछ भी हो वो मरते दम तक शिवा का साथ देते रहेगी ,शिवा को इस लड़ाई में कभी अकेला नही पडने देगी ,आज से शिवा की हर मुश्किल घड़ी में वो उसके साथ ही रहने का फैसला कर चुकी थी ,तेजा पर भी उसे बहुत तरस आ रहा था ,उन सब की जिन्दगि एक अजीब सी पहेली बन गई थी ,शिवा मरने से नही डरता था पर सबसे बिछड़ने का गम उसे ज्यादा था ,शिवा ने उसे काल 2 के बारे में कुछ नही बताया था ,शिवाने अपने नीलमणि की ताकद का इस्तेमाल करके अपने दिमाग पर एक कवच चढ़ा लिया था ,जिस वजह से नेत्रा भी उसका दिमाग न पढ सके ,नेत्रा ने शिवा से पूछा भी की वो पहले उसका दिमाग आसानी से पढ़ लेती थी पर अब अचानक पढ नही पा रही ,शिवा ने कहा दिया इस बात का जवाब वो भी नही जान पाया ,नेत्रा समझ गयी शिवा जरूर उससे कुछ छिपा रहा है पर उसने इस बात के ऊपर ज्यादा ध्यान नही दिया ,शिवा ने यह बात काल2 के बारे में पता न चले इसलियें की थी ,पर यही बात उसमे और नेत्रा में सबसे बड़ी दरार की वजह बनने वाली थी ,इस बात का शिवा को अंदाजा भी नही था ,शिवाने और नेत्रा ने बहुत देर तक बाते की ,नेत्रा ने शिवा का काम आसान करने की सोच ली थी ,आज से मन्दिर की रक्षा वो खुद के जिम्मे लेने वाली थी ,शिवा की सभी कंपनी को भी वो आराम से सम्भल सकती थी ,नेत्रा ने शिवा से कह दिया कि आज से तुम सबके साथ अपना समय देते रहना में मेरे 1000 प्रतिरूप बनाकर हर जगह रखने वाली हु ,मन्दिर ,घर ,सॉफ्टवेयर की कंपनी को में आराम से देख लुंगी आज से तुम अपनी शक्तियों का अभ्यास करते रहो और शिवाय की मदद से भुजंग का खात्मा जल्द से जल्द करने की कोशिश करना ,शिवा को भी यह बात सही लगी थी ,उसने शिवा से अलग शक्कल वाला एक प्रतिरूप बनाकर उसे शिवा की जगह घर मे रख दिया और जो भी शिवा को जानते थे उनके मन मे यही शिवा है यह बात नेत्रा के सबसे मजबूत माया से उसे करने को लगा दी ,नेत्रा को शिवा की इस हरकत से बहुत हसि आ रही थी ,पर उसने यह काम कर दिया ,शिवा आज के बाद घर मे अदृष्य रूप से रहने वाला था ,उसे अपनी चारों बेटीयो का डर लगने लगा था ,वो शिवा के रूप में कभी आने ही नही वाला था उन सबके सामने ,नेत्रा को शिवा की इस हरकत से हँसी भी आ रही थी और दुख भी हो रहा था ,शिवा सबसे भाग सकता है पर अपनी किस्मत से नही भाग सकता यह बात वो जानती थी ,पर शिवा को उसने कुछ भी नहीं कहा ,शिवा ने निता के मन से भी अपनी शक्कल मिटा दी थी ,नेत्रा शिवा को लेकर पार्क से घर आ गयी ,शिवा अपने खुद के कमरे में जाकर अपने प्रतिरूप के साथ ही अदृश रूप से रहने वाला था ,वो आज से पूजा और मोना से शादी की बात करने वाला था ,उसके बाद नरगिस ,सनम और उसकी सभी बहनो से शादी करने वाला था ,सबके साथ एक ही दिन में शादी करने का उसने सोच लिया था ,घर आने के बाद वो उसने सबके पास अपने प्रतिरूप भेज कर उन्हें शादी के लिये मना लिया ,सिर्फ पूजा से वह खुद मिलने गया था ,उसने सभी लड़कियों को बोल दिया कि वो शिवा बनकर नही दूसरे ही रूप में उनसे शादी करने वाला है ,ताकि घर पर किसी को पता नही चले ,अपनी थोड़ी बहुत शक्तिया उसने सबको दिखा दी ,हाथ से आग निकालना ,पानी की फव्वारा निकालना ,हवा में उड़ना ,सबकी शक्कल लेकर दिखाना ,सबको उसने यह दिखा कर शादी के लिए मना लिया ,शिवा के घर मे ही सब रहते थे इसलिये सात अलग रूप लेकर और उनके परिवार अपने ही प्रतिरूप से बनाकर वो मिला वो सभी शिवा और काल के दोस्त है और उनकी ही साथ काम करते है यह बात बता दी ,शिवा और काल के साथ जो प्रतिरुप 6 तत्वों के पतीं बने थे उन्होंने भी सबको अपना अच्छा दोस्त बना दिया ,फिर क्या था ,सबकी शादी एक ही दिन करने का सबने तय कर लिया ,घर के सब लोग खुश थे ,उन्होंने सभी रिश्तेदार ,पहचान वालो को शादी में बुला लिया ,बहुत ही बड़ी शादी का आयोजन किया गया था इस शादी का ,भवानी गढ़ से भी सबको नरेश और मनोज ने बुला लिया था ,पृथ्वी और ज्वाला के साथ उसका सभी परिवार शादी में आने को मान गए थे ,उसके साथ ही निता की बहन और भाई भी इस शादी में आने वाले थे ,इस शादी में बहुत कुछ होने वाला था कुछ अच्छि बाते शिवा को पता चलने वाली थी तो किसीका राज खुलने वाला था ,नेत्रा का कहर कुछ लोगो पर पड़ने वाला था ,यह शादी शिवा के जीवन मे एक अहम मोड़ बनने वाली थी ,शिवाय ,कालराक्षस ,कालासुर ,कालभेड़िया ,कालअश्व ,सर्पिणी ,विशाखा के साथ सभी मन्दिर के रक्षक मानव के रूप में शादी में आने वाले थे ,गरुड़ लोक और सिहलोक से भी नेत्रा ने सभी को बुला लिया था ,तेजा को उसने सबसे पहले ही बुला लिया था ,शिवा के सभी बेटे उनकी पत्निया ,बेटिया ,उसके पोते सभी इस शादी में आने वाले थे,सबको धरती पर होने वाली शादी देखने की बहुत बड़ी ख्वाहिश थी ,नेत्रा ने अपनी बहनों की शादी बोलकर ही सबको बुला लिया था ,सिनोब और कोकी तो सब कामो में बढ चढ़ कर हिस्सा ले रहे थे ,नरगिस की शादी वो दोनो ना हों यह बात कैसे हो सकती थी ,शिवा से चुदने के बाद उनकी बीमारी खत्म ही हो गयी थी ,सालो तक ऊनको अभी कोई तकलीफ नही होने वाली थी ,इस वजह से वो दोनो बहुत खुश थे ,शिवा से चुदने के बाद सभी उन्हें लडकिया ही समझ रहे थे ,दोनो गजब के निखर जो गये थे शिवा से चुद कर, उन दोनों की सबसे ज्यादा शिवाय से पटती थी ,शिवाय उन्हें बहुत प्यार और सम्मान देता था ,विनोद और सनी के पीछे वो तीनो मिलकर हमेशा उन्हें सताया करते थे पर विनोद और सनी भी किसी बात का बुरा नही मानते थे ,शिवा घर मे सबकुछ देख रहा था और सोच रहा था ,शिवाय ने बहुत से काम मेरे बिना बोले कर दिए थे ,सिनोब और कोकी में कितने दिनों से मिला भी नही था ,यही बात विनोद और सनी की थी ,शफ़ी चाचा और जीनत से भी शिवा उतना नही मिल पाया था इस 60 दिनों में ,पर शिवाय शिवा बनकर सबसे मिल लेता था ,शिवाय मानो शिवा की कमी घर मे होने ही नही देता था ,शिवा के 90% काम वो बिना बोले कर दिया करता था ,शिवाने काल2 को भी अपनी शादी में बुला लिया था ,वो अपनी शक्कल बदल कर इसमे अपनी दोनो पत्नियों और उसके दो लड़के और दो लड़कियो के साथ आने वाला था ,उसे भी सूवर्ण बक्से में हजार साल हो गए थे ,काल2 के बेटे और बेटिया भी जवान हो गए थे ,शामली भी उन सबके साथ आने वाली थी ,और सबसे बड़ी बात जो किसी को नही पता थी त्रिदेव और त्रिदेविया भी इस शादी में चुपके से शामिल होने वाले थे ,शिवा के साथ ऐसे लड़की की शादी होने वाली थी जिसे त्रिदेवियों ने शक्तिया दी थी ,और वो लड़की भी थी जो शिवा को महानाग बनने के वक्त मिली थी ,शिवा की ताकद बहुत हीं ज्यादा बढ़ने वाली थी ,उसे बहुत सी ऐसी ताकद मिलने वाली थी जो किसी मे नही थी ,नेत्रा भी उसके सामने कुछ नही होने वाली थी ,जिस लड़की को त्रिदेवियों ने अपनी सबसे बड़ी शक्तिया दी थी वो सामने आने वाली थी जो सबसे शक्तिशाली थी ,महानाग की परीक्षा के वक्त मिली लड़की भी कोई सामान्य नहीं थी ,उसे शेषनाग की शक्ति अंश से महानाग के लिये बनाया गया था वो भी एक असीम चमत्कारी शक्तियो की मालकिन थी ,सब की शक्तियां शिवा को मिल जाने से शिवा खुद शक्ति का सबसे बड़ा भंडार होने वाला था ,पर उसकी शादी में एक बहुत बड़ा विघ्न पड़ने वाला था ,जिसे त्रिदेव और त्रिदेविया भी नही रोक सकते थे ,इसकी जिम्मेदारी शिवाय और काल2 पर डाली गई थी ,काल 2 भी कोई आम नही था उसमे शिव जी का सबसे शक्तिशाली अंश समा चुका था ,शिवा के सामने अब दो सबसे मजबूत ढाल खड़ी थी जिसे पार करना कोई मामुली बात नही थी ।
Jaadui update dost
 

Nevil singh

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दोस्तो आज मुझे यह कहानी शुरू करने को एक महीने से ज्यादा समय हो गया है ,मेरी यह पहली ही कहानी है ,इस 1 महीने में मुझे आप सबका बहुत प्यार मिला ,में नया लेखक होकर भी आपने मुझे अपनाया ,मेरी गलतियां दिखाकर मुझे सही रास्ता भी दिखाया ,आप सबने मिलकर इस कहानी को 4 लाख व्यूज के पार पहुचा दिया है ,जिस बात की मुझे भी उम्मीद नहीं थी ,इतनी जल्दी इस मुकाम पर आकर मुझे भी बहुत खुशी हुवीं है ,मेरी जिम्मेदारी और बढ गई है आपके इस प्यार की वजह से आप सबका मनोरंजन करने का काम और दिल से करने वाला हु ,इसी तरह आप सबका आशिर्वाद और प्यार बनाकर रखिये ,आपका गोल्डी
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
4 lakh vayues mubaarak ho bhai ish shaandaar katha ke
Aishe hi likhte raho bhai kahani bahut umda hai
 

Anuj.Sharma

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Svin

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दोस्तो आज मुझे यह कहानी शुरू करने को एक महीने से ज्यादा समय हो गया है ,मेरी यह पहली ही कहानी है ,इस 1 महीने में मुझे आप सबका बहुत प्यार मिला ,में नया लेखक होकर भी आपने मुझे अपनाया ,मेरी गलतियां दिखाकर मुझे सही रास्ता भी दिखाया ,आप सबने मिलकर इस कहानी को 4 लाख व्यूज के पार पहुचा दिया है ,जिस बात की मुझे भी उम्मीद नहीं थी ,इतनी जल्दी इस मुकाम पर आकर मुझे भी बहुत खुशी हुवीं है ,मेरी जिम्मेदारी और बढ गई है आपके इस प्यार की वजह से आप सबका मनोरंजन करने का काम और दिल से करने वाला हु ,इसी तरह आप सबका आशिर्वाद और प्यार बनाकर रखिये ,आपका गोल्डी
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Keep up it lago raho bandhu apki story mi khasiyat yehe ki continuity ke sath story bhi interesting rahi . our apne story bahot ashi hai
 

Goldybull

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update 115

भुजंग की दोनो बेटीयो ने शिवाय से शादी कर ली ,पूरे राक्षस विधि से उन दोनो की शादी भुजंग ने करवाई थी ,पर उस शादी में सिर्फ भुजंग ,उसकी दोनो बेटिया ,राक्षस राजगुरुं, कालराक्षस ,बीरा और भोकासुर ही शामिल थे ,शिवाय और कालराक्षस समझ गए थे कि दाल में कुछ काला है ,क्योकि इस शादी में भुजंग ने राक्षसलोक से या गुप्त राक्षसलोक से किसी को भी नही बुलाया था ,इस शादी में गजाली और सुहाली की माँ तक शामिल नही हुवीं थी ,ना गुप्तलोक का कोई भाई ,भुजंग ने कालराक्षस और शिवाय को यही बताया कि उसके परिवार में किसी को यह रिश्ता पसन्द नही था पर उसकी बेटीयो के जिद और अपने वचन के लिये वो यह शादी कर रहा है ,शिवाय तो भुजंग और उसके बेटीयो का मन कबसे पढ चुका था ,उसने सारी बात कालराक्षस को भी मन मे बता दी थी ,शेरा को उसने अपने अंदर से बाहर नही निकाला था ,उसे वो ऐसे वक्त पर बाहर निकालने वाला था कि जिसे देखकर भुजंग ,लामनी और उसकी बेटिया दंग हो जाये ,अपनी शादी होने के बाद उन्होंने सब का आशीर्वाद ले लिया ,भुजंग के पैर पड़ते वक्क्त शिवाय ने ऐसी बात बोली कि भुजंग पूरी तरह से सन्न हो गया था ,उसे क्या जवाब दे यह समझ नही आ रहा था ,हा कहे या ना यह बात उसे समझ नही आ रही थी ,शिवाय ने इतना ही पूछा कि महाराज आज से गजाली और सुहाली मेरी पत्निया है तो क्या वो मेरे साथ रहेगी या मुझे यही महल में रहना होगा ,भुजंग अपनी बेटियों को महल से बाहर जाने नही दे सकता था और शिवाय जैसे पागल को महल में रुकने को कहना उसे जरा भी ठीक नही लग रहा था ,तब गजाली और सुहाली ने भुजंग की मुश्किल आसान कर दी उन्होंने भुजंग से कहा ,हम शिवाय के साथ इस महल में नही रहने वाले है ,आप हमें अपनी माया से महल के बाहर बने बगीचे में एक छोटासा सा महल बना दीजिये ,इस पर शिवाय ने कहा ,राजकुमारी जी इसमे महाराज को क्यो कष्ट देना यह काम तो में भी कर सकता हु ,सिर्फ महाराज की आज्ञा होनी चाहिये ,भुजंग ने भी यही ठीक समझ कर शिवाय को हा में इशारा कर दिया ,शिवाय ने पल भर में ही भुजंग के महल से भी बड़ा और दिव्य महल अपनी माया से बना दिया जिसे देखकर तीनो बाप बेटी एकदम अवाक हो गए ,भुजंग जानता था यह शिवाय माया में बड़ा ताक़दवर है ,पर इस महल को देखकर उसे भी लगने लगा कि शायद यह भोकाल से भी ताक़दवर तो नही मायावी विद्या में ,शिवाय को अपनी गलती का अहसास हो गया भुजंग की सोच जानकर तो उसने फट से एक जवाब भुजंग को सुना दिया ,महाराज यह महल बनाने में मेरी सारी ताकद खर्च हो गयी है ,राजकुमारी यो के हिसाब से इस महल को मेंनें बेहतर बनाने की कोशिश की है ,अगर राजकुमार भोकाल यहा होते तो वो अपनी ताकद से इससे भी बड़ा और भव्य महल बना सकते थे ,वो मुझसे बहुत ज्यादा शक्तिशाली है मायावी विद्या में ,उनकी तो बहुत थोड़ी ताकद लग जाती इसे बनाने में ,आप कभी उनकी माया से कोई महल बनाकर देखिये आप हैरान हो जायँगे उनकी माया की ताकद देखकर ,शिवाय की बात सुनकर भुजंग के चिंतित मन को थोड़ी शांति पहुच गई ,पर उसके मन मे शक का कीड़ा पड़ गया था ,वो जब तक खुद के मन की शान्ती नही करा लेता तबतक वो चुप थोड़ी रहने वाला था ,उसने शिवाय और उसकी बेटीयो को उस मायावी महल में जाने को बोल कर वहां से चला गया ,शिवाय जानता था यह कहा जाने वाला है यहा से उसने अपने प्रतिरुप को बोलकर मायावी दुनिया मे जहा भोकाल रहता था ,एक से बढ़कर एक महल बनाने को बोल दिए ,भोकाल भी शिवाय का गुलाम था उसने भी कुछ ही पलों में वहां पर महल बनाने का काम पूरा कर दिया जब उसे भुजंग का मानसिक सन्देश मिला तो वो भुजंग को इस मायावी दुनिया मे ले आया ,भुजंग तो इस मायावी दुनिया को देखकर सच मे दंग हो गया ,इस मायावी दुनिया मे तो उसकी कल्पना से भी परे महल और खूबसूरती थी ,शिवाय के बनाये महल से यहा हजार गुना बेहतर लाखो महल दिख रहे थे जिनमें सभी राक्षसलोक की औऱते और सैनिक रह रहे थे ,भुजंग के महल से भी ज्यादा आलीशान और खूबसूरत महलों में उसके सामान्य राक्षसलोक रह रहे थे ,अपने बेटे की मायावी ताकद को देख कर उसे बहुत खुशी हो गयी ,सबके साथ मिलकर वो कुछ देर बाते की ,राक्षसलोक की हर औरते ने अब तक तीस तीस बच्चे पैदा कर चुकी थी कुछ तो जवान भी हो गए थे ,यहा समय की गति सामान्य नही थी राक्षस लोक का एक दिन यहा पर 100 साल जितना भोकाल ने कर दिया था ,सबकुछ देख कर उसने भोकाल और उसके बेटो को बहुत शाबाशि दी ,उसके बाद वो भोकाल से बोला कि उसे मायालोक से बाहर छोड़ दे ,भुजंग भले ही मायालोक में 10 मिनीट लिये गया था पर इस बीच राक्षसलोक मे 60 दिन गुजर चुके थे ,जब वो अपने महल लौट कर आ रहा था तब उसे इस बात का पता चला कि उसे मायावी दुनिया मे जाकर आने में 60 दिन से ज्यादा समय हो गया है ,वो जल्दी से अपनी बेटियों के पास पहुच गया उसे पता था कि शिवाय को उसकी बेटीयो ने मार दिया होगा अबतक बड़ी खूशी के साथ वो गुप्त लोक में पहुच गया ,सबसे पहला झटका उसे शिवाय का महल देख कर लगा ,शिवाय के मरते हीं उसकी माया खत्म हो जानी थी पर उसका महल सही सलामत होने का मतलब शिवाय अभी भी जिंदा है ,अपनी बेटियों की चिंता से वो पहले शिवाय के महल में गया तो वहां कोई भी नही था ,जब वो शिवाय के महल से बाहर आया तो उसे महल के एक कमरे में किसी की आहट हुवीं वों तुंरत उस कमरे में दौड़ कर गया ,वहां पर उसे लामनी मिल गई जो डर से कांप रही थी ,उसकी यह हालत देख कर भुजंग ने उसे कहा ,लामनी तुम यहा क्या कर रही हो ,और इतनी डर क्यो रही हो ,क्या बात है ,लामनी भुजंग को अपने सामने देखकर थोड़ी शांत हो गई और एकदम से भड़क कर वो भुजंग से बोली ,साले हरामी कहा गया था अपनी गांण्ड मराने दो महीने से ,तुझे कुछ अक्कल है या नही ,यहा इस महल में हम मरने के बाकी रह गए थे ,कहा गया था भड़वे अपनी गांण्ड मराने ,भुजंग से ऐसी बात लामनी ने कभी नही की थी ,लामनी तो क्या किसी और ने भी उसे ऐसा नही कहा था आज तक अपने लिये ऐसी बात सुनकर भुजंग के झाट के बाल तक सुलग गये वो बहुत ही ज्यादा भड़क गया था ,साली पागल तो नहीं हो गईं,किसके सामने खड़ी है लगता है तू भूल गई है ,में भुजंग हु एक पल में तुझे मार सकता हु तेरी इस गन्दी बात के लिये ,सोच समझकर बात कर मेरा क्रोध अगर बढ गया तो तुझे बहुत बुरी मौत मिलेगी मेरे हाथो से ,लामनी तो भुजंग की बात से डरी नही वो और ज़्यादा भड़क गई और भुजंग से बोली ,तू मेरा झाट का बाल भी नही बिगाड़ सकता हरामी, मेरी मालकिन को क्या बोलेगा तू मुझे मारने के बाद ,पता है ना उसके सामने तेरी औकात एक कुत्ते के भी नही है ,मेंनें अगर मालकिन को तेरे बारे में बोला ना तो तेरी खैर नही ,पहले तू अपनी बात को याद कर क्या बोलकर तू मुझे उनसे लेकर आया था ,में जैसी हु वैसी ही सहीसलामत उनके पास तू वापिस मुझे छोड़ने वाला था ,में यहा एक पल भी नही रहना चाहती ,तू अभी के अभी मुझे मालकिन के पास लेकर छोड़ दे ,
भुजंग एकदम ठंडा हो गया उसकी बात सुनकर उसे लामनी ने उसकी औकात दिखा दी थी ,लामनी की मालकिन के आगे भुजंग कूछ भी नही था ,उसकी मालकिन से उसे बहुत से काम करवाने थे और उसकी मदद के बिना भुजंग कुछ भी नहीं कर सकता था ,उसे अपने दिमाग से काम लेने की ज़रूरत थी ,लामनी को वो उसकी मालकिन के यहा छोड़ नही सकता था ,लामनी से उसे बहुत से काम करवाने थे ,उसने लामनी से कहा ,देखो लामनी इस तरह गुस्से से काम नही बनेगा , तुम पहले पूरी बात तो बोलो आखिर क्यों तुम वापिस जाना चाहतीं हो ,में तुम्हारी हर तकलीफ दूर करने के लिये तैयार हूं ,तुम बोलो तो सही आखिर क्या बात है ,
लामनी भी थोड़ी शांत हो गयी उसने कहा ,मेरी तकलीफ की वजह है लामन वो पागल हो गया है ,उस हरामी ने नही नही गलती हो गयी ,मेरे मालिक ने मेरा बहुत बुरा हाल कर दिया है ,उसने मुझे चोद चोद कर पागल कर दिया है ,मेरी चुत और गांण्ड दोनो उसने फाड़ दिए है ,वों चुदाई के लिये पागल हो गए है ,वो पिछले 60 दिनों से हम तीनो मा बेटीयो को चोद रहे है ,मेरी दोनो बेटियोंको वो अभी चोद रहे है ,उनके बाद फिर मेरी बारी है अगर में देरी से गयी तो वह पहले गांण्ड मारते है सजा देंने के लिये ,उसके बाद ही चुत को मारते है ,वो 5 घण्टे तक लगातार चोदते रहते है ,उनका लन्ड हमेशा खड़ा ही रहता है ,में और मेरी बेटीयो को वो चोद कर ही मारने वाले है ,आप हमें यहा जाने दीजिये नही तो वो लामन कल तक भी हमे जिंदा नही रहने देगा ,उसे आपके राजगुरुं ने कौनसी दवा खिलाई यह समज नही आ रहा है ,उसका शरीर भि पहले से बड़ा हो गया है और उसका लन्ड तो पुछो मत कितना बड़ा हो गया है ,उस लामन मे मेरी और मेरी बेटीयो की सारी ताकद चली गयी है ,हम तीनों उसके गुलाम बन गए है अब ,वो आपकी बात कभी नही टालता आप उनसे हमे बचा लीजिये ,
तभी वहां पर लामन की आवाज आ गयी ,लामनी तुम मालिक से मेरी शिकायत कर रही हो क्या ,
लामन की आवाज सुनकर लामनी एकदम भीगी बिल्ली बन गई ,भुजंग भी लामन को देख कर हैरान हो गया लामन का शरीर पहले से दुगना हो गया था ,वो बहुत हीं ताक़दवर हो गया था ,भुजंग तो यही सब चाहता था ,लामन ने उसका बहुत बड़ा काम कर दिया था ,लामनी की बातों से भुजंग समझ गया कि लामन ने उसकी और उसके दोनो बेटीयो की सभी शक्तिया हासिल कर ली है ,कितने दिनों से भुजंग यह करने की कोशिश कर रहा था ,लामन पर भुजंग बहुत खुश हो गया ,उसने लामन से कहा ,शाबाश मेरे लामन तूने बहुत बड़ी बाजी मार ली है ,आज तूने मुझे हजारो साल से जिस खुशी की तलाश थी वो दे दी है ,जा इस लामनी को लेकर आज से यह और इसकी बेटिया तेरी गुलाम है ,तेरी बात मानने में हि इसकी भलाई होने वाली है आज के बाद ,बस ख्याल रखना यह और इसकी बेटी इस महल से भाग न जाये ,मेंनें वैसे भी इनके लिये महल के रास्ते बंद ही रखे है ,पर फिर भी इन पर ध्यान देना ,इस लामनी पर मुझे जरा भी भरोसा नही है ,आज तू मेरा एक काम कर इस लामनी की 24 घण्टे तक ऐसी गांण्ड मार के यह कभी अपने मुह से किसी के लिये गलत बात नही बोले ,लामनी भुजंग के तरफ बहुत ही गुस्से से देख रही थी ,पर लामन वहां होंने से वह कुछ भी नहीं कर सकती थी ,उसकी आखरी उम्मीद भुजंग ही था ,पर भुजंग को सब बाते बोलकर उसे लगा उसने गलती कर दी है ,लामनी की ताकद जाने से और उसकी बेटीयो की भी ताकद लामन के अंदर आ जाने से वो भुजंग के महल से नही जा सकती थी ,ऊपर से वो लामन की गुलाम बन गई थी ,उसने अपने दिल मे कसम खाली की वो भुजंग को सबक सीखाकर रहेगी ,
तभी भुजंग ने लामन से पूछा ,लामन दोनो राजकुमारी कहा है ,और शिवाय भी नही दिख रहा है ,
लामन ,मालिक दोनो राजकुमारी या तो आपके महल में सुबह मुझे दिखी थी ,और यह शिवाय उनका पतीं तो नही जो मायावी है ,वो तो गुप्तलोक के राक्षस को मायावी विद्या सिखा रहा होगा अभी अपने भाई के साथ ,आजकल उसके और उसके भाइयों के बहुत चर्चे है गुप्तलोक में ,वो दोनो भाई तो सबके लिये खास हो गए है ,वो शाम को ही आते है यहा पर ,वो सुबह से लेकर शाम तक गुप्त लोक में ही रहते है ,राजकुमारी या भी उनके आने से पहले इस महल में आ जाती है ,उनका भाई यहा नही रुकता वो राक्षसलोक में चला जाता है ,भुजंग की यह सब सुनकर गांण्ड ही फट गई ,वो सोचने लगा साला यह क्या चक्कर है ,शिवाय अभी तक मरा नही ,मुझे गजाली और सुहाली से मिलना होगा ,पता नही क्या गड़बड़ हो गयी है ,भुजंग वहां से तुरन्त अपने महल में चला आया उसकी दोनो बेटिया उसे वही मिल गई अपने पिता को देखकर वो दोनो रोते हुवे उससे लिपट गई ,भुजंग को समझ नही आ रहा था कि यह क्या हो रहा है ,कभी न रोने वाली उसकी बेटियों के आंखों में उसने पहली बार आसु देखे थे ,शिवाय को आज वो जिंदा नही छोड़ने वाला था ,उसने अपनी बेटियोंको पहले चुप कराया और उनसे पूछा क्या बात है तुम दोनो रो क्यो रही हो ,शिवाय ने तुम्हे कुछ नुकसान तो नही पोहचाया ना ,तुम बोलो सिर्फ तुम्हारी आँखों मे आसु किस वजह से आ गए है ,दोनो का जवाब सुनकर उसके मन से शिवाय का मारने का ख्याल एक पल के खत्म हो गया ,अपनी बेटियों की बात सुनकर उसे लगने लगा कि शिवाय को नहीं इन्हें ही गला काट कर मार दिया जाए ,उसने उन दोनो को वही छोड़ दिया और शिवाय के महल में जाकर उस की राह देखने लगा ,भुजंग को अपनी बेटियों पर बहुत ज्यादा क्रोध आ रहा था ,उसे समझ नही आ रहा था कि वो शिवाय को किस तरह बात करे ,ना वो उसे मार सकता था न उसे कोई नुकसान पोहचा सकता था ,शिवाय उसके लिये सब से कीमती बन गया था ,अपने दस हजार साल की तपस्या करके मिली शक्तिया का वो मालिक बन गया था ,भुजंग की बेटीयो ने उसे जब कहा कि उनकी सभी शक्तिया शिवाय के अंदर भी आ गयी है ,भुजंग ने उन दोनों से आगे कुछ भी नही पूछा था ,उन्हें वैसा हो छोड़कर वो वहासे चला आया था ,उसने उन दोनों से एक बात भी नही की थी ,की वो रो क्यो रही है ,उनको क्या दुख है ,भुजंग उन्हें किसी पराये की तरह छोड़ कर आ गया था ,भुजंग की इस हरकत से उन दोनों के दिल मे भुजंग के लिये नफरत भर दी थी ,शिवाय की कही हर बात उन्हें सच लगने लगी थी ,कहा वो उसको अपने बाप के हाथ से मरवाकर उसे सबक सिखाने का सोच रही थी पर अभी उन्हें अपने पिता से ही नफरत होने लगी थी ,शिवाय के लिये उन दोनों के मन मे जो गुस्सा और नफरत था वो खत्म हो गया था ,वो दोनो की आंखे अब आसु से नही गुस्से से भर गई थी ,भुजंग कितना मतलबी है यह उन्हें समझ आ गया था ,वो दोनो भी भुजंग के महल से निकल कर शिवाय के महल में आ गई ,उन दोनों के महल में आने का भुजंग को पता भी नही चला ,शिवाय के माया के प्रभाव से वो दोनो जब चाहेगी तभी उनको इस महल में कोई देख सकता था ,शिवाय के अलावा कोई भी उन्हें नही देख सकता था ,अपने बाप का असली चेहरा तो वो दोनो देख चुकी थी ,पर उसके दिल मे और क्या है वो यह जानना चाहती थी ,शिवाय ने उन्हें कहा था जब तुम्हारे पिता को पता चलेगा कि तुम दोनो की शक्तियां मेरे अंदर आ गई है वो मुझे कुछ भी नुकसान नही होने देंगे ,वो उल्टा मुझे तुम दोनो से ज्यादा प्यार देंगे ,मुझे मारना तो बहुत दूर की बात है वो मुझे राजकुमार तक बनाने से नही चुकने वाले ,तुम उनसे कितना भी रोती हुवीं मेरी शिकायत करोगी पर वो तुम्हे ही डांटकर चुप करा देंगे ,मेरी यह बात झूठ निकली तो तुम जो भी बोलोगी में करने को तैयार हो जाऊंगा पर अगर मेरी सब बाते सच हुवीं तो तुम दोनो मेरी पत्नी बनकर मेरे साथ हमेशा रहोगी ,चाहे तो उससे पहले तुम दोनो अपनी सारी शक्तिया मुझसे ले भी सकती हो ,मुझे इन शक्तियों की नही तुम दोनो को पत्नी बनाकर प्यार से जीवन भर साथ मे रहने की तमन्ना है ,मुझसे शक्तिया लेकर तुमने मुझे छोड़ भी दिया तो मुझे कोई गम नही होगा ,बस तुम दोनो हमेशा खुश रहना ,शिवाय ने उन दोनों को 50 दिन जो तकलीफ दी थी उसकी वजह से वो दोनो उससे नफरत करती थी ,उनकी सभी शक्तिया का मालिक बनने के बाद उसने एक बार भी उन्हें दस दिन से हाथ नही लगाया था ,सिर्फ उनसे बात करके चला गया था ,10 दिन से एक बार भी उसने उन दोनों से कुछ भी बात नही की थी ,उन दोनों को जो जो बाते शिवाय ने कही थी ,वैसाही हो रहा था उनके पिता बिल्कुल उसी तरह से बर्ताव कर रहे थे जैसा शिवाय ने कहा था ,वो दोनो बस यही देखना चाहती थी कि शिवाय की बाते कितनी सच साबित होती है ,थोड़ी ही देर का इंतजार करने के बाद शिवाय वहां पर आ गया ,भुजंग को अपने महल में देखकर वो बहुत खुश हो गया ,उसने आदर से उसके चरण छुकर नमन किया ,भुजंग तो उसे देखकर ही अपने मन मे गन्दी गन्दी गालिया बकने लगा था ,पर अपने चेहरे पर हसि दिखा कर उसने सबसे पहले शिवाय को गले लगा लिया और बड़े प्यार से अपने हीं पास बिठा लिया ,भुजंग के सामने ही गजाली और सुहाली बैठी सब देख रहीं थी ,भुजंग को इस बात का जरा भी अंदाजा नही था कि उसकी दोनो बेटिया उसके सामने अदृश रूप से बैठी है ,शिवाय ने भुजंग से कहा ,महाराज आप कहा चले गए थे दो महीनों से ,हमारी शादी के बाद से आप आज पहली बार दिख रहे है ,आप को कोई जरूरी काम होता तो आप मुझे या कालराक्षस को साथ लेकर चले जाते ,कालराक्षस तो आपकी चिंता से सो भी नही पा रहा है दो महीनों से ,आपने उसे अपना अंगरक्षक बनाया और उसे साथ मे ना लेकर आप दो महीनों से दिखाई भी नही दिये ,
भुजंग यह सुनकर खुश हो गया ,उसने कहा ,शिवाय में तो भोकाल से मिलने गया था ,उसने मुझे मानसिक सन्देश देकर बुला लिया था मायावी दुनिया मे उसका काम दिखाने ,उसने वहां के समय की गति बहुत ज्यादा बढा दी है वहा पर 100 साल खत्म होने पर राक्षसलोक में एक दिन खत्म होता है ,में तो उसके साथ दस मिनीट ही रहा मायावी दुनिया मे पर यहा पर 60 दिन हो गए ,मुझे भी इस बात का अंदाजा नही रहा कि समय के इस चक्कर से में 60 दिन सबके साथ नही रह पाया ,मेंनें भोकाल से कह दिया है कि आज के बाद सिर्फ मानसिक बाते ही में करने वाला हु उसके साथ ,कालराक्षस की भी में माफी मांग लूँगा बिचारा मेरे वजह से वो परेशान हो गया होगा आज के बाद में उसे या तुम्हे अपने साथ ही रखने वाला हु हमेशा ,में मायावी दुनिया से बाहर आकर सबसे पहले तुमसे ही मिलने आ गया ,तुम मेरे दामाद हो तुम्हे वक्क्त देना मेरा फर्ज है ,मे भोकाल की वजह से बहुत कूछ बाते तुम्हारी शादी के बाद करने वाला था वो कर ही नही पाया ,भोकाल तो बहुत खुश हो गया कि मेंनें तुम्हे अपना दामाद बना लिया है यह सुनकर ,में तुमसे यह कहने आया था कि में तुम्हे तुम्हारे साथ समय नही बिता पाया इसकी में तुमसे माफी मांगता हूं,आज के बाद तुम इस महल में नहीं रहोगे ,तुम मेरे ही महल में रहोगे ,में तो गजाली और सुहाली की बातों को मान कर हा बोल गया था ,में बस तुम तीनो को यहा एक दिन ही रहने देने वाला था वो भी गजाली और सुहाली का दिल रखने के लिये ,तुम को में दुसरे ही दिन इस गुप्त लोक का युवराज बनाने वाला था ,मेरे बाद तुमको ही तो यहा का राजा बनकर सब सम्भालना है ,में और कितने हजार साल जीने वाला हु बस 40 हजार साल ,उसके बाद तुम ही तो राजा बनने के लायक हो ,में इस बात की घोषणा कल राजदरबार में सबके सामने करने वाला हु ,तुम उस वक्त सबके सामने ना बोल कर पीछे नही हट जाओ इसलिये में तुम्हे यह बात बताने आया हु ,यह मेरा आदेश नही एक ससुर की तरफ से तोहफा है ,तुम इस ना नही करना अगर मेरी थोड़ी भी इज्जत करते हो तो यह बात तुमको माननी हो होगी ,शिवाय के सामने बैठी गजाली और सुहाली अपने बाप के मुह से यह सब सुनकर हैरान हो गयी थी ,उन्हें यकीन ही नही हो रहा था कि यह उनका बाप है ,भुजंग ऐसी बात कभी नही कर सकता था ,उसने गजाली और सुहाली की शादी सिर्फ शिवाय को मारने और अपनी शक्तिया पाने के लिये ही कि थी ,उन दोनों को शिवाय की यह कोई माया लग रही थी वो दोनो कुछ बोलने वाली थी कि भुजंग ने लामन को आवाज लगा दी और लामन एक पल में वहां पर आ गया ,भुजंग ने लामन से कहा ,लामन जाकर सभी राजकुमार और मंत्री को यह सन्देश दो की कल राजदरबार में सबको सुबह मेंनें बुलाया है ,राजगुरुं को भी बोल देना की हमे कल इस गुप्तलोक के युवराज का राज्याभिषेक करना है ,वो आज ही सब तैयारी कर दे ,कल सुबह कोई भी हालत में यह होना ही है ,सबसे पहले राजगुरुं के पास जाकर उन्हें सब बताकर यही भेज दो और बादमे सब राजकुमार को बोल देना ,दोनो राजकुमारियां यह बात जानती थी कि लामन सिर्फ उसके पिता का ही सुनता है ,जब वो यहा नही रहते तब लामन उन दोनों की बात माने यह बात भुजंग उसे बोलकर जाता था ,यह सब देखकर भी उन्हें यह शिवाय पर यकीन नही हो रहा था ,उन्हें यह सब उसकी माया ही लग रही थी ,भुजंग तो किसी कुते की तरह कर रहा था शिवाय के सामने ,शिवाय से वो कितनी नफरत करता है यह बात वो जानती थी ,दोनो को शिवाय पर थोड़ा भी भरोसा नही हो रहा था ,जैसा वो बोल रहा था उससे भी बढ़कर भुजंग सब कर रहा था ,वो दोनो शिवाय की तरफ बहुत हीं गुस्से से देखने लगी थी ,उनके पिता इतने भी बुरे नही हो सकते ,अपनी बेटियों के आसु देखकर वो शिवाय को मारकर ही दम लेने वाले थे ,वो दोनो एक ही पल में खड़ी हो गयी ,भुजंग के सामने वो दोनो अचानक आने से वो भी थोड़ा हड़बड़ा गया ,गजाली ने आगे आकर गुस्से में एक थप्पड़ शिवाय को जड़ दिया ,और बोली ,कमीने बन्द कर तेरी यह माया का खेल ,हमारे पिता का रूप बनाकर तू हमे नही फसा सकता ,यह अगर मेरे पिता का प्रतिरूप नही होता तो इसे भी में एक पल में नष्ट कर सकती थी ,पर हमें अपने पिता से इतनी इज्जत करते है कि हम उनके इस नकली प्रतिरुप को भी कुछ नुकसान नही कर सकते ,एक बार सिर्फ मेरे पिता को आने दे तुझे जिंदा नही जलाया तो मेरा भी नाम गजाली नही ,भुजंग यह सब देखकर एकदम भड़क गया उसने गजाली और सुहाली दोनो को ही एक झापड़ मार कर दुर गिरा दिया ,भुजंग कोई मामुली नही था ,उसकी ताकद किसी से कम नही थी ,अगर उसकी बेटीयो में उनकी दिव्य शक्तिया नही होति तो वो दोनो भुजंग के एक ही झापड़ से मर गयी होती ,भुजंग ने फिर भी अपनी थोड़ी ही ताकद से उन्हें मारा था ,वो गुस्से से थरथर कापने लगा था ,गजाली और सुहाली दोनो के मुह बुरी तरह से फट गये थे ,उनके मुह से खून की धारा बहने लगीं थी ,भुजंग ने उन दोनों की तरफ गुस्से से देख कर कहा ,तुम दोनो की इतनी हिम्मत मेरे सामने ही मेरे दामाद पर हाथ उठाती हो ,लगता है तुम दोनो मेरे लाड प्यार से कुछ ज्यादा ही बिगड़ गई हो ,आज के बाद कभी शिवाय पर तुम दोनो ने हाथ उठाने की कोशिश की या ऊंचे आवाज में बात की वो तुम्हारा आखरी दिन होगा जिंदगीं का ,इस राक्षसलोक के राजा भुजंग के इस दामाद की इज्जत जो नहीं करेगा वो जिंदा नहीं रहने वाला है ,शिवाय में मेरी बेटीयो की तरफ से तुम्हारी माफी मांगता हूं ,आज के बाद इन्होंने ऐसी हरकत की तो आप इन्हें मार भी दे तो में आपको कुछ भी नही कहूंगा ,मेरे सामने यह दोनों ऐसी हरकत कर सकती है तो में जब नही रहता था यहा पर पता नहीं यह दोनो किस तरह आपके साथ रहती होगी ,आप आजसे बिलकुल भी चिंता न करे इन दोनों को इनकी औकात में दिखाकर रहुँगा ,ये कभी आपसे ऐसी हरकत आगे नहीं करेगी यह में आपसे वादा करता हु ,में कितना खुश था कि मेरी बेटीयो के लिए तुम जैसा पतीं मिला है ,यह दोनो को मेने समाझाया था कि आप की हमेशा इज्जत करे आपका मान करे ,पर यह कभी नही सुधरने वाली ,में जब यहा नही था तो इन्होने आप के साथ जो भी किया होगा उसकी में माफी मांगता हूं ,आप इनकी कोई भी बात को सच मत मानना यह दोनो बहुत ही कपटी और झूठी निकली ,मुझे कहती थी कि हमे शिवाय बहुत पसंद है और यह हरकत करती है आप के साथ ,यह आपसे आगे कभी कोई गलत हरकत करे तो आप इन्हें जो चाहे वो सजा दे सकते है ,तभी वहां पर राजगुरुं आ गए ,राजकुमारीयो को ऐसे हाल में देखकर वो उनके पास जाने लगे तो भुजंग बोला ,राजगुरुं आप इन्हें हाथ भी मत लगाना इन्हें मेंनें मारा है ,इनका कोई भी इलाज नहीं करेगा ,यह मर भी गई तो कोई बात नही पर इन दोनों को इसी हाल में सड़ने देना ,आप एक काम करिए कल शिवाय को युवराज बनाकर इस गुप्तलोक के साथ राक्षसलोक का भावी सम्राट घोषित करना है ,आप अभी से सब तैयारी करने को लग जाइये ,भुजंग की बात सुनकर राजगुरुं चले गए,भुजंग ने अपनी माया से अपने महल से खास राज वस्र मंगा लिए उसमे एक दिव्य तलवार भि थी ,उसे शिवाय को देकर कल सुबह आप इसे पहनकर तैयार रहना तुम्हे लेने में खुद राजसवारी से आने वाला हु ,यह दोनो तुम्हारी गुन्हेगार इनके साथ क्या करना है यह तुम ही जानो ,यह मर गई तो भी कल तुम युवराज बनकर रहोगे ,मेरी और किसी बेटी से में तुम्हारी शादी कर दूंगा ,मेरी और 3 बेटिया है इस राजमहल में तुम जिसे पसन्द करोगी में तुम्हारी शादी उसके साथ कर दूंगा ,वो तीनो इन दोनो से लाख गुना अच्छी है ,तुम्हे अगर वो तीनो पसन्द आ गयी तो में तुम्हारी शादी उन तीनों से करा दूँगा ,वह कोई सामान्य लडकिया नही है ,उनसे शादी करने वाला दुनिया का सबसे शक्तिशाली राक्षस बन जायेगा ,यह दोनो तो बस एक राजवंश की औरत से पैदा हुवीं है ,पर वो तीनो की माँ एक ऐसे वंश की है जिसके बारे में सभी जानते पर किसी को यकीन नही है कि उनके वंश की भी कोई राक्षस औरत हो सकती है ,वो सबसे प्राचीन वंश हिरण्याक्ष की वंश से है ,जिनका दूसरा जन्म रावण के रूप में हुवा था ,वही हमारे राक्षस जाती के सबसे महान राक्षस वंश की है वो ,में तुम्हारी शादी उनसे ही करने वाला था पर यह दोनो बीच मे टपक पड़ी ,जाने दो इनकी किस्मत में तुम जैसा भाग्यवान राक्षस नही है तो कोई क्या कर सकता है ,कल तुम्हारे युवराज बनने के बाद में तुम्हे और बहुत सी बातें बता दूँगा जो अगले सम्राट होने के बाद तुम्हारे बहुत काम आने वाली है ,भुजंग थोड़ी देर और शिवाय से बाते करके वहासे चला गया ,उसने जख्मी पड़ी उसकी बेटीयो की तरफ एक बार भी नही देखा ,उसके मन मे बहुत ही ज्यादा नफरत हो गयी थी उन दोनों के लिये ,अगर यह शिवाय को थप्पड़ नही मारती तो उसे शिवाय के सामने इतना कुछ कहने की जरुरत भी नही पड़ती ,उसकी तीन बेटीयो की बात उसने बहुत ही मजबरी में बतायी थी ,वो शिवाय का विश्वास पूरी तरह जीतकर उसे हमेशा के लिये अपने पास रखने की सोच चुका था ,गजाली और सुहाली की दिव्य शक्तिया शिवाय के पास थी ,जिसे खोना भुजंग को कबूल नही था ,भले वो दस हजार साल और तपस्या भी कर लेता पर उसे त्रिशक्ति ने बता दिया था कि उसे आगे कोई भी वरदान नही मिलने वाला ,और अपने दस हजार साल की साधना से मिला यह फल वो ऐसे ही नही जाया करने वाला था ,भले शिवाय को और शक्तिया उसकी तीन बेटीयो से मिल जाये शिवाय उसे कभी छोड़कर नही जा सकेगा ,हिरण्याक्ष की वंश की कन्या मिलना बहुत ही बड़ी बात थी ,और भुजंग को यह बात पता थी कोई भी राक्षस इस बात का मोह नही टाल सकता ,हिरण्याक्ष सबसे प्राचीन और महान राक्षस था राक्षसो के लिये ,भुजंग ने चाल तो बहुत सही चली थी पर गलत आदमी पर चली थी ,शिवाय यह सब जानकर मन मे हस रहा था ,तभी में सोचु यह भुजंग पाताल में एक हजार साल क्यो भटक रहा था ,रुक जाओ काली दुनिया वालो तुम्हारे पास काल जल्द ही आने वाला है ,बहुत हो गया है इस काली दुनिया का खेल में काल को आज ही वहां भेज देता हूं ,उसमे किसका अंश है यह जब पता चलेगा ना तब सबको समझ आएगा पिनाकी से झूठ बोलने का फल क्या होता है ,बहुत दिन हो गए है ,दिन क्या हजारो साल से पिनाकी का रुद्र रूप नही देखा है दुनिया ने ,अब उनके रुद्र रूप का तांडव अंधेरी दुनिया मे होकर ही रहने वाला है ,इस भुजंग को जल्दी मारकर कुछ नही होगा पहले इससे जान लेता हूं इसके राज फिर इसका टिकट काट देंगे पहली यात्रा का ,तबतक भुजंग की दामाद बनकर ऐसी सेवा करनी होगी कि वो मेरे बिना जीना भी नही सोचे ,शिवाय ने सबसे पहले काल2 को मानसिक सन्देश देकर सब बता दिया और उसे काली दुनिया की सारी हरकत बता दी ,काल2 उसी वक्त काली दुनिया के लिये निकल गया था ,शिवाय और काल2 की मुलाकात खुद त्रिशक्ति ने करवाई थी शिवा भाई के शादी के पहले ,उन्होंने बहुत सी बातें उन दोनों को बताई थी ,शिवाय और काल 2 पर उन्होंने बहुत बड़ी जिम्मेदारी डाल दी थी ,जो काम त्रिशक्ति करने वाले थे वही काम यह दोनो करने वाले थे ,उन दोनों में भी तो सबसे ताक़दवर अंश थे भगवान विश्वेश और पिनाकी के ,उन दोनों को पहले ही त्रिशक्ति ने इतना शक्तिशाली कर दिया था कि उनके सामने कोई भी नही टिक पाता था ,काल 2 को उसकी पत्नियों से त्रिदेवियों की भी खास शक्तिया मिल गई थी ,जिसकी वजह से वो एक चलती मौत बन गया था ,अब तक काल 2 ने किस को खरोच भी नही लगाई थी पर काली दुनिया मे वो इतनी तबाही करने वाला था जो कोई सोच भी नही सकता था ,शिवाय को भी काली दुनिया मे जाकर सबक सिखाने की इच्छा थी पर काल2 ही उनके लिए बहुत भारी होने वाला था ,और उसकी कहर की वजह से काली दुनिया बच भी पाती है कि नही यह कहा नही जा सकता था ,शिवाय ने जमीन पर पड़ी गजाली और सुहाली के ऊपर से अपना कवच निकाल दिया ,तो वो दोनो एक पल में स्वस्थ होकर खड़ी हो गयी ,उनका दर्द ,जख्म सब गायब हो गया था ,शिवाय ने कहा यह थी मेरी माया का जादू ,तुम्हारे पिता के वार से तुम्हे बचाने के लिये मेंनें यह तुम पर लगाया था,ताकि तुम्हे कोई चोट न हो ,तुम और अपने दिल की तस्सली कर लो कि यह तुम्हारे पिता थे या मेरा कोई माया का जादू ,तुम यही आराम करना चाहो तो कर सकती हो ,अगर तुम्हारे पीता के महल जाना चाहती हो तो वहां भी जा सकती हो ,वो तुम्हे देखकर तुमपर हमला भी कर दे तो भी तुम डरना नही मेंनें तुम दोनो पर ऐसा कवच लगा दिया है कि तुम्हे वो कोई भी नुकसान नही कर सकते ,में मेरे भाई के पास जा रहा हु ,तुम दोनो भले ही मुझे अपना पतीं नही मानती पर तुमसे शादी करने के बाद में तुम्हे मरते दम तक अपनी पत्नी मानने वाला हु ,तुम खुद देखना कल में कितना भी नही बोलू पर तुम्हारे पिता मेरी शादी तुम्हारी तीनो बहनो से कर के ही दम लेंगे ,तुम मुझे थप्पड़ मार कर खुश हो लेकिन इसकी वजह से तुम अपने पिता की नजरों में क्या हो यह तो तुम्हे पता चल गया है ,लेकिन तुम जबतक अपने शक को पूरा खत्म नही कर लेती तबतक अपने काम मे लगी रहना जिस वक्त तुम्हे यक़ीन होगा कि यही तुम्हारे असली पिता है ,तुम मेरे पास आ सकती हो मेरी पत्नी बनकर ,हमारी शादी के बाद जो हुवा उसकी वजह तुम्हारी घटिया सोच थी ,फिर भी में सब भूलने को तैयार हूं ,आगे क्या करना है यह तुम्हारा फैसला होगा ,मेंनें तुम दोनो की सारी शक्तिया भी तुम्हे वापस कर दी है ,यकीन ना हो तो अपने अंदर झाक कर खुद देख लेना, यह बात तुम अपने पिता को भी बता सकती हो ,मुझे पहले से शक्तिया या ताकद की जरूरत या भूक नही है ,चलो में चलता हूं ,
गजाली और सुहाली की अक्कल अभी भी इतना होने के बाद भी ठिकाने पर नही आयी थी ,वो दोनो ने अपने अंदर झाक कर देखा तो उन्हें अपनी सभी दिव्य शक्तियों अपने अंदर नजर आने लगी ,उनकी जो शक्तिया आधी शिवाय के अंदर समा गई थी वो वापिस उन में आ गयी थी ,और दिव्य शक्ति का माया का जादू करके फसाया नही जा सकता यह बात दोनो जानती थी ,दोनो को शिवाय की इस हरकत से हैरानी हो रही थी ,
गजाली ,यह इतनी आसानी से शिवाय में हमारी ताकद हमे लौटा दी ,मुझे यकीन ही नही होता ,उसने सच मे मेरी सभी ताकद लौटा दी है ,कोई इतनी आसानी से कैसे इतनी दिव्य शक्तियों का मोह छोड़ सकता है ,
सुहाली ,मेरी भी सभी शक्तिया आ गई है मेरे अंदर ,यह तो सच बोल रहा था ,गजाली मुझे लगता है हम शिवाय को गलत समझ कर भूल तो नही कर रहे है ,तुम क्या सोचती हो क्या हमें एक बार अपने महल जाकर देखना चाहिए ,
गजाली ,में भी यही सोच रही हु ,चलो देखते है कि यह कितना सच बोल रहा था ,अगर सच मे महल में हमारे असली पिता होंगे तो हम उनको आसानी से परख सकते है ,लामन को तो शिवाय ने बहुत बार देखा है पर महल में एक ऐसी चीज है जिसका पता शिवाय को नही है ,हम उसीको बुलाने को कहंगे उस मायावी प्रतिरुप को ,उसे सिर्फ हमारे पिता ही बुला सकते है ,पिछले दस हजार साल से उसे पिताजी ने बुलाया नही है ,अगर उसको उस प्रतिरुप ने नही बुलाया और वो बुला भी नही सकता यह बात में दावे से कह सकती हूं तो हमारा शक एकदम सही होगा ,फिर हम भी अपने पिता के आने तक इस शिवाय की शक्कल नही देखेंगे ,सुहाली ,और अगर वो चीज को बुला लिया तो वो हमारे असली पिता होंगे यही तुम कहना चाहती हो ,पर अगर सच मे वो चीझ आ गई तो क्या होगा ,हम तब क्या करेंगे यह भी सोच लो ,
गजाली ,तुम पागल हो शिवाय की इतनी औकात नही है ,वो जानता भी नही होगा उस चीज के बारे में ,वो अभी 1हजार साल का तो है ,और गुप्तलोक के बारे में उसे कुछ भी पता नही है उस चीज के बारे में लोमान भी नही जानता है ,उसे सिर्फ हम पाँचो बहनो को पिताजी ने एक बार दिखाया था ,तू चल आज अच्छा मौका है इस शिवाय के झूठ को पकड़ने का ,
गजाली और सुहाली दोनो अपने महल लौट गई ,उनको देखकर भुजंग एक पल में लाल पिला हो गया ,उसने उन दोनों से कहा ,तुम दोनो का इलाज किसने किया ,और तुम फिर से ठीक होकर मेरे सामने आ गयी ,लगता ही आज तुम दोनो को मरना तय है मेरे हाथों से ,
गजाली ,आप हमारे असली पिता है यह हम कैसे मान ले ,शिवाय ने आपका कोई मायावी प्रतिरुप बनाकर हमे धोका देने के लिये नही बनाया होगा इस बात का प्रमाण हमे आप दे सकते है ,
भुजंग गुस्से से बोला क्या प्रमाण चाहिये ,तुम्हे मारकर नरक में भेज दु तब यकीन करोगी
गजाली ,आप बस उसे एक बार बुलाकर दिखा दीजिये जिसे दस हजार साल पहले आपने हम पाँचो बहनो को एक बार दिखाया था ,
भुजंग हसकर ,अच्छा उसे देखकर तुम यकीन करोगी की में तुम्हारा पिता हु ,नही तो में कोई प्रतिरूप ही होगा जो शिवाय ने बनाया होगा ,तुम्हे कुछ दिखाने की जरूरत नही है मुझे ,तुम दोनो की वजह से मेरी दस हजार साल की तपस्या बेकार हो गयी है ,तुम दोनो को जान से मार देने की इच्छा है मेरी ,अगर जीना चाहती हों तो चुपचाप चली जाओ यहा से ,
गजाली सुहाली की तरफ देख कर ,देखा ना मेंनें क्या कहा था यह शिवाय का ही प्रतिरुप है ,हमारी शक्तिया हमे वापस देकर वो खुद को महान साबित कर रहा था ,खुल गई ना उसकी पोल एक मिनीट में ,शिवाय तुम कभी हमे धोका नही दे सकते हम अपने पिता को अच्छी तरह से जानते है वो क्या है और क्या नही ,तुम आखिर हार ही गये ना
भुजंग गजाली की बात सुनकर एकदम चौक कर बोला ,क्या शिवाय ने तुम्हे तुम्हारी सारी शक्तिया वापिस कर दी है ,यह कभी नहीं कर सकता कोई राक्षस ,तुम झूठ बोल रही हो ,अगर शिवाय ने तुम्हे सच मे शक्तिया लौटा दी है तो तुम वो शक्तिया मुझे देकर इस बात को सही साबित करो ,
गजाली हसकर ,हमे पागल समझा क्या तूने शिवाय हमारे पिता की जगह तू खुद उनका रूप लेकर खड़ा है ,और तेरी चोरी पकड़े जाने पर शक्तिया वापिस पाने के लिये फिर नाटक करने लगा ,तू रुक सिर्फ हमारे पिता को आने दे, तुझे इतनी बुरी मौत मिलेगी ना तेरे इस माया के छल की आगे तू कभी जन्म लेने से भी डरने लग जायेगा ,ही ही ही ,
भुजंग ने सब बाते सुनकर एक दम चिल्लाकर आवाज लगाई ,कालिया कहा हो तुम जल्दी यहा पर आ जाओ ,गजाली और सुहाली की तो यह सुनकर हालत एकदम खराब हो गयी ,एक ही पल में उस महल की ज़मीन को फाड़कर एक बहुत ही भयानक काटो वाला काला साँप बाहर आ गया ,जिसे देखकर गजाली और सुहाली समझ गई यह कोई और नही इनका बाप भुजंग ही है ,वो दोनो की आंखों में डर नही था ,बस एक दुःख की झलक नजर आने लगी ,उनके पिता की हर बात उन्हें याद आने लगी जिसे वो एक प्रतिरूप समझ कर भूल गई थी ,अपने पिता की हर बात उन्हें बहुत ज्यादा तकलीफ दे रही थी ,अपने पिता का असली रूप उनके सामने आ गया था ,शिवाय की हर एक बात सच थी ,उनका पिता सच मे एक नीच और पापी था ,भुजंग ने उस कालिया को वापिस भेजकर अपनी बेटियों की तरफ देख कर कहा ,आ गया ना यकीन की में कौन हूं ,और कुछ करके दिखाऊ जो तुम दोनो को यकीन हो जाएगा ,चलो मेंनें तुम्हारी बात मान कर वो सब करके दिखाया जो तुम चाहती थी ,अब तुम दोनो भी अपनी शक्तिया मुझे देकर साबित करो कि तुम सच बोल रही थी ,गजाली भुजंग की बात सुनकर बोली ,हमे माफ कर दीजिए पिताजी हम झूठ बोल रहे थे ,शिवाय ने हमे कोई शक्तिया वापिस नही की है ,हम तो बस आपको परखने के लिये झूठ बोल रहे थे ,हमे देखना चाहते थे कि आप ही हमारे पिता है या कोई मायावी प्रतिरुप, सुहाली अपने बहन की बात से एकदम चौक गई ,भुजंग ने उन दोनों के दिमाग पढ़ने की कोशिश की तो वो उनके दिमाग नही पढ़ पा रहा था ,उसे बहुत गुस्सा आया ऊन दोनो पर उसने अपने हाथ मे एक घातक शक्ति का आवाहन कर लिया और उसके दो भाग करके अपनी दोनो बेटीयो पर छोड़ दिया ,गजाली तो एकदम अपने जगह पर खड़ी थी बिना डरे ,पर सुहाली ने डर के मारे अपनी आंखें बंद कर ली ,भुजंग की शक्ति जाकर सीधा उन दोनों को लग गयी पर उन्हें कुछ भी नुकसान नही हुवा ,भुजंग ने उन दोनों पर एक से एक घातक वार किये पर दोनो का बाल भी बांका नही हुवा ,दोनो एक दूसरे की आखो में देखकर वहाँ से गायब हो गयी ,वो दोनो सीधा शिवाय के बनाये महल में पोहच गयी ,दोनो एक दूसरे के गले लगकर काफी देर तक रोती रही ,उनके आसु रुकने का नाम ही नही ले रहे थे ,जब दोनो का दुख कम हुवा तो दोनो बहने वही नीचे बैठ गई ,सुहाली बोली ,हमारे पिता की असलियत जानकर हमे रोना चाहिए या शिवाय जैसा पतीं पाकर खुश होना चाहिये ,उसने हमसे एक बात झूठ नहीं बोली ,और हमारे पिता ने सिर्फ झूठ ही बोला है हमसे ,
गजाली ,मर गया आज से वो हमारे लिए ,वो सिर्फ भुजंग है आज से ,हमारा सबसे बड़ा दुश्मन है वो आज के बाद ,उसने अपनी औकात दिखाकर बहुत सही किया है हमारे साथ ,हमे भी कौन अपना और कौन पराया है यह आज समझ आया ,
इस भुजंग को सिर्फ हमारी शक्तिया चाहिये थी उसे हमसे कोई लगाव नही है ,तो शिवाय को सिर्फ हम चाहिए उसे शक्तियो से कोई मोल नही है ,मेंनें जानबूझकर झूठ बोला था उस भुजंग से ,में देखना चाहती थी वो कितना नीचे गिर सकता है ,उसकी असलियत तो में कालिया को देख कर ही समझ गयी थी ,और मुझे शिवाय के ऊपर पूरा भरोसा हो गया था ,उस भुजंग के वार हमे कुछ नहींकर सकते यह शिवाय की बात भी में परखना चाहती थी ,शिवाय के सिवा हमारा इस दुनिया मे कोई भी अपना नही है सुहाली ,हमने उसके साथ क्या करना चाहते थे पर उसने फिर भी हमारी जान बचाई ,वो ही असली मर्द है ,यह भुजंग तो एक भेडिया है जो खुद को शेर समझता है ,में आज से बस शिवाय की पत्नी बनकर ही रहने वाली हु ,में मेरी आधी नही सभी शक्तिया अपने शिवाय को देने वाली हु ,
सुहाली ,मेंरा भी यही फैसला है गजाली में भी तुम्हारे साथ शिवाय की पत्नी बनकर रहने वाली हु ,
शिवाय और कालराक्षस यह सब अपने महल में बैठकर देख रहे थे ,कालराक्षस बोला ,मान गया भाई तुझे ,तू भुजंग से पाप भी करा रहा है ,उसकी बेटीयो से शादी भी कर रहा है ,उसके बेटीयो को उसका दुश्मन भी बना रहा है उसका असली रूप दिखा कर , उसकी हजारो साल की तपसाधना से मिली सभी शक्तिया तो तू ही हजम करने में लगा है ,कल तू उंसके राज्य का युवराज भी बनने वाला है , कल को तू इस भुजंग को ही इस राक्षसलोक से निकाल न दे धक्के मारकर ,मुझे तो एक ही बात की हँसी आ रही है कि उस कालिया का तू क्या करेगा ,तेरी आँखों मे जो चमक थीं ना मेरे भाई यह बहुत घातक होती है ,जब भी यह चमकी है तूने बहुत बड़े कांड किये है ,बता क्या सोचा है तूने कालिया के लिए महानाग को तो नही लाने वाला तू यहा ,
शिवाय हसकर नही भाई वो महानाग पागल है थोड़ा वो कालिया के साथ इस भुजंग को भी मार देगा और पूरे राक्षसलोक को तबाह करके बोलेगा की में तो बस अपने शरीर के लिये जगह बना रहा था ,इस काम के लिये एकदम सही है एक मेरा बेटा शिव ,मतलब हमारा सबका बेटा शिव ,तू मिला था ना उसे शिवा भाई की शादी में ,बहुत शान्त और समझदार है अपने शिवा भाई की तरह ,पर उसे अगर गुस्सा आ गया तो अपने बाप का भी बाप है वो उसके सामने फिर महानाग भी कुछ नही है ,में उसे ही लाने वाला हु ,मेरे बेटो को बहुत दिनों से राक्षसलोक देखना है ,उसे राक्षसलोक दिखा भी दूँगा और वो कालिया से खेल भी लेगा थोड़ी देर के लिये ,
कालराक्षस ,शिवाय शिव सिर्फ 21 साल का है भाई और यह कालिया हजारो साल पुराना कितना बड़ा है ,तुझे लगता है शिव उससे लड़ पायेगा ,तू बोले तो में जाता हूं उस कालिया को मारने पर शिव को मत ला भाई बच्चा है यार वो ,
शिवाय हस कर बोला ,शिव और बच्चा ,चल तुझे आज शिव क्या है दिखा हीं देता हूं ,शिवाय ने कालराक्षस का हाथ पकड़ कर उसे एक पल में सिहलोक लेकर आ गया ,शिवाय ने कालराक्षस को एक तरफ इशारा करके कुछ दिखाया तो कालराक्षस ने उस तरफ देखा ,वहां पर एक बहुत ही बड़ा साँप दिख रहा था उसका सर आसमान में बहुत ऊपर था जो नजरो से देखना भी मुश्किल था ,कालराक्षस ने अपनी दिव्य दृष्टि का इस्तेमाल किया तो वो हजारो मिल तक उसे उस साँप का सिर नजर आया जिसकी आंखे कालराक्षस को ही देख रही थी ,हजारो फिट लम्बा उसका जबड़ा ,देख कर कालराक्षस भी थोडा डर गया ,जमीन पर नीचे उस साँप का शरीर बहुत दूर तक फैला हुवा था जो कहा तक फैला है यह नही समझ नही आ रहा था ,उसने शिवाय से पूछा भाई यह कोई नई ताकद तो नही जो शिवा भाई को मिली हो ,शिवाय हसकर नही यह कोई नई ताकद नही है ,पता है यह क्या कर रहा है आसमान में ,कालराक्षस ,नही भाई नही जानता ,शिवाय बोला ,यह अपनी सबसे छोटी मा नेत्रा से बात कर रहा है ,जो अभी गरुड़ लोक में है ,यह आज गरुड़ लोक नही गया, यहां सिहलोक में कोई नहीं रुकने वाला था तो यह अकेला यह रुक गया सिंहलोक कि रक्षा करने ,अपनी सबसे प्यारी मा को मना रहा है वो ,पता है कौन है यह ,कालराक्षस ,नही भाई ,शिवाय हसकर ,यही है हमारा बेटा शिव ,अपनी सबसे छोटी मा नेत्रा और उससे बड़ी मा हिमांनी का लाडला शिव ,कालराक्षस यह देख कर एकदम हैरान हो गया ,उसे यकीन ही नहीं हों रहा था कि यह अपना शिव है ,शिवाय ने अपनी आंखें बंद करके कुछ देर शिव से मन ही मन बाते की तो कुछ देर बाद एकदम से वह साँप गायब होकर शिव में बदल गया ,एक 7 फिट का सुंदर जवान लड़का ,काले बाल ,नीली आंखे ,एकदम शिवा की तरह दिखने वाला बस इसके बाल काले थे और शिवा के सुनहरे ,वो दौड़ता हुवा आकर पहले शिवाय के गले लगा और बादमें कालराक्षस से ,जो अपने मानव के आकर में थे ,शिव उन दोनों से बस 3 इंच छोटा था लम्बाई में पर वो दोनोसे अधिक तगडा दिखता था ,उसने शिवाय से कहा ,आपने छोटी मा को क्या बोला की में आपके साथ राक्षसलोक जा रहा हु ,वो कितना नाराज हो गयी है पता है ,पता नही मुझे क्या करना होगा उन्हें वहां से आने के बाद मनाने में ,वो मेरा नाम वो कालपिता को बोल देगी तो और परेशानी हो जाएगी ,वो मेरे पीछे वहां आ जायँगे ,नही तो महापिता को वो भेज देंगे ,आप ही सबको बोलना में राक्षसलोक में आपके साथ ही रहने वाला हु कुछ दिन बाकी में कुछ नही जानता ,शिवाय उसे प्यार से गले लगा लिया ,और कहा ,में सबको सम्भाल लूँगा तू चिंता मत कर ,यह बता की वहा एक कालिया नाम का साँप है तेरे इस राक्षसपिता को बहुत तंग कर रहा है ,उसे मारना है ,मार पायेगा ,शिवा की आंखे एकदम लाल हो गई ,उसने कालराक्षस के तरफ देख कर बोला ,पिताजी आपको तंग कर रहा है ,चलिये आज उसका इस दुनिया मे आखरी दिन होगा ,मेरे पिता का तंग करने वाला अब जीवित नहीं रहने वाला ,शिवाय की तरफ देखकर शिव बोला और पिताजी में उसे अकेला ही मारने वाला हु ,कोई भी इस लड़ाई में नही आएगा ,यह आपकी जिम्मेदारी ,मेरे होते मेरे परिवार पर आंख डालने वाला जिंदा नही रहेगा ,चलिय हम अभी निकलते है ,कालराक्षस की आंखो में आसु आ गए अपने इस बच्चे की बात सुनकर ,अपने लिये उसके मन मे कितना प्यार है यही उसकी बातो से समझ मे आ रहा था ,उसने यह तक नही पूछा कि सामने वाला कैसा है ,कौन है बस उसे खत्म करने एक पल में निकल पड़ा था वो ,शिबाय बोला ,उसे तू ही मारने वाला है बस इतना ध्यान रखना की उसे ऐसा मारना की वो दुबारा जन्म लेने की भी ना सोचे ,शिव हसकर ,ऐसा ही होगा बस आप लेके तो चलो मुझे ,कालराक्षस शिवाय के मन मे ,भाई यह शिव तो सच मे अपने महानाग का भी बाप है ,इसके सामने कालिया तो एकदम बच्चा है ,शिवाय ने मन मे ही जवाब दिया ,नही भाई यह और ताक़दवर होगा कूछ सालो में शिवाभाई की नीलमणि जैसी मनी इसे नेत्रा ने दी है तबसे यह रोज 100 फिट बढ रहा है और उतनी ही ताकद भी बढ़ रही है इसकी एक साल में यह दुनिया का सबसे बड़ा और ताक़दवर साँप बन जायेगा ,एक साल के बाद इसके कम से कम 100 नए मुह आने शुरू होंगे ,जो एक साल में 100 हो जायँगे तब इसके सामने कोई भी नही टिक पायेगा ,इसको दो साल बाद पिनाकी के कैलास पर्वत की रक्षा करने की जिम्मेदारी मिलने वाली है ,कालराक्षस तो सुनकर ही हैरान था ,जिसे पिनाकी के निवास की रक्षा मिलने वाली है वो कितना ताक़दवर होगा और में इसे बच्चा समझ रहा था ,तभी शिवाय बोला इसे राक्षसलोक से अपने कालपिता के पास जाना है पाताल की काली दुनिया मे अपनी ताकद दिखाने ,कालिया को मार कर इसमे भी काली ताकद आने वाली है ,यह पाताल में बहुत कहर बरसाने वाला है ,इसे खुद पिनाकी भेजने वाले है वहा ।
 
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