Update 116
शिवा की शादी के 3 दिन पहले से ही घर मे मेहमान आने शुरू हो गए थे ,देसाई परिवार के मुम्बई में 5 बड़े होटल थे 10 दिन पहले से ही वहां पर शादी की तैयारी शुरू हो गयी थी ,होटल में हर तरफ नई चीजें लगाई गई थी ,हर होटल के कमरो में सारा सामान बदल कर नया लगा दिया था ,सभी कमरों में सिर्फ मेहमान ही रुकने वाले थे ,शिवा ने भी अपने सभी लोगो के लिये 5 मुम्बई के सबसे बड़े होटल बुक कर दिए थे ,पूरे मुम्बई में इस शादी के चर्चा हो रही थी ,शिवा ने सभी अनाथलय मे भी अपने पैसों से सबके के लिये नए कपड़े भेज दिए थे ,उसके सभी रिश्तेदार तो अलग लोक से आने वाले थे ,पर धरती पर उसने जितने भी अनाथलय है वहा पर कपड़े भेज दिए थे ,शिवा ,शिवाय ,नेत्रा ,काल2 के हजारो प्रतिरुप सब काम संभल रहे थे ,इतने सारे आदमी इस शादी की देखरेख करने की वजह से कोई भी गड़बड़ी नही हो रही थी ,सभी काम करने वाले आम लोग तो नही थे ,दिव्य शक्ति धारक इस सबमें शामिल होने से हर काम एकदम सही ढंग से हो रहा था ,शिवा के हल्दी के दिन उसके घर मे सभी जमा हो गए थे जिसमें देसाई परिवार का हर रिश्तेदार के साथ अभी लोक से आयी हुवीं शिवा या काल की सभी पत्निया ,उसके बेटे ,बेटिया ,पोते शामिल थे ,शिवा का नया मकान तो आलीशान था ही पर उसके साथ ही बहुत बड़ा गार्डन भी उस घर के बाहर बना हुवा था ,जिसमे आराम से 1500 लोक समा सकते थे ,और इसको नेत्रा की माया ने इतना बड़ा कर दिया था कि 10 हजार लोग भी उस गार्डन में समा सके ,पूजा ,मोना ,नरगिस ,सनम ,नीलोफर ,सलमा ,बेनझिर को हल्दी लगाई जा रही थी ,नरगिस की तरफ से सिर्फ सिनोब और कोकी ही शामिल थे ,विनोद और सनी नरगिस के भाई के रूप में खड़े होकर नरगिस की हर रस्म पर ध्यान दे रहे थे,साथ मे शिवा की 7 तत्वों वाली बीवियां ,नेत्रा ,तेजा ,तेजाली ,तेजस्विनी ,मंदा ,हिमांनी, केतकी ,शिवानी ,निता ,सुनीता ,शान्ती ,सीमा ,ज्वाला ,ज़ीनत के साथ हर लोक की शिवा की पत्निया भी इस हल्दी में होने से हर तरफ सुंदर औरतो दिख रही थी ,शिवा के सभी अंश ,उसके बेटे ,हल्दी की रसम देख रहे थे सबके लिये एकदम नया था ,इसी बीच शादी में नीलम उसके दोनो बेटीयो के साथ आ गई थी ,नंदनी भी अपने पति और बेटी के साथ इस शादी में शामिल थी ,और सबसे बड़ी बात निता के सभी भाई अपनी बीवियों के साथ आये थे ,निता का एक भाई राजन भी 14 साल बाद लंडन से आया था इस शादी में ,सब एक दुसरे में बाते कर रहे थे पर शिवा के घर के एक कमरे में एक मस्त औरत पूरी नंगी होकर एक आदमी से अपनी चुत मरवा रही थी ,उस औरत का बदन एकदम गजब का था 40 32 44 कि फीगर वाली उस औरत की मोटी गांण्ड को मसल कर एक 7 इंच के लन्ड वाला उसे चोदने में लगा था ,घर मे इस वक्त कोई भी नही था ऐसा उन दो चुदाई करने वालो को लग रहा था और यही उनकीं सबसे बड़ी भूल थी ,घर मे लामन और लामनी थे पूरे घर मे अदृष्य रूप से घूमकर ध्यान रख रहे थे ,शिवा के घर मे नरगिस ने हर कमरे में शादी से पहले सी सी टीवी कैमरा लगा दिए थे माइक के साथ इस लिये हर कमरे में जो भी होता या बोला जाता वो सब रिकार्ड हो जाता था ,वो दोनो पिछले 10 मिनीट में चुदाई में लगे थे ,7 मिनीट तो उनके कपड़े निकलाने और चूमने चाटने में ही चले गए ,जैसे ही वो औरत गर्म हो गयी उस आदमी के लन्ड ने अपना पानी फेक दिया ,उस औऱत के चुत से लन्ड निकाल कर वो आदमी हांफने लग गया था ,उस औरत उस आदमी के छाती पर एक लात मार कर कहा ,साले लन्ड में दम नही रहा क्या तेरे ,कितने दिनों बाद आज तुझसे चुद रही हु ,हरामी की औलाद ,तू पहले से हिजडा ही है ,अपनी गांण्ड मराले किसी से जाकर ,आज के बाद फिर कभी मेरे सामने भी आया तो तुझे जान से मार दुंगी ,वो आदमी इतनी बेइज्जती होने पर भी हस रहा था वो हसकर बोला ,में मेरी गांण्ड किसी से मरा भी लू पर तेरी गांण्ड तो अभी भी कोरी दिख रही है मुझे ,किसी से चुद लेती ना इतने सालों में ,तू बोले तो किसी को भेज दु क्या तेरी प्यास को बुझाने ,या मनोज को ही बुला कर लावू ,तुझे तो बहुत पसंद है ना उसका लन्ड ,हि हि ही ,वो औरत यह सुनकर बोली ,कमीने भाई होकर सगी बहन को चोदने में तुझे शर्म नही आती यह तो में जानती हूं ,पर अपनी बहनों का दलाल भी बन गया क्या तू ,इसीलिये तूने शादी नही की अबतक ,वो आदमी हस कर किसीका भाई में तेरा कोई भाई नहीं हूं ,तेरे बाप ने मुझे पाल पोस के बड़ा किया है बस ,इसका मतलब में तेरा भाई हो गया ,तुम लोगों के वजह से ही में निता का पतीं नही बना पाया था ,तेरे बाप का क्या जाता अगर मुझसे वो निता की शादी करा देता ,में ऐसा भटकता तो नही जिंदगी में ,उसके ऊपर तुझ जैसी नागिन मिल गई मुझसे जो अपनी तन की आग शादी से पहले से मुझे ठंडी करती थी ,तुझसे भी तो में शादी करने तैयार था ना,पर तु पैसों की लालची निकली और किसी बड़े घर मे शादी करके निकल गई ,अरे तूने मुझसे ऐसे काम करवाये है कि में सोचता हूं कि तू उनकी सगी बेटी है या सौतेली, खुद की बहन की दुश्मन है तू ,तेरी सच्चाई जिस दिन सबको पता चलेगी उस दिन क्या करेगी ,मनोज तो तुझे जिंदा गाड़ देगा ,उसका भाई नरेश कितना खतरनाक है पता है ना ,तूने अगर मनोज और निता का एक्सीडेंट नही करवाया होता ,तो मुझे लंदन नही भागना पड़ता ,वो नरेश अभी तक उस आदमी की तलाश में है जिसने वो ऑक्सिडेंट करवाया था ,कमीनी तेरी वजह से निता का बेटा मारा गया ,अपने हवस के चक्कर मे तूने यह बहुत बड़ा पाप किया है ,मुझे तो अंदाजा भी नही था कि तूने ट्रक वाले को क्या बोल कर रखा था ,में इतना बड़ा ऑक्सिडेंट नही करने के लिये बोला था ,मनोज और निता तो बच गये पर बिचारा वो लड़का मारा गया ,में अभी भी चैन की नींद नही सोया हु ,निता की शक्कल देखकर मुझे खुद से ही घिन आती है ,अपनी हवस के चक्कर मे हमने किसी बच्चे की जान ले ली ,में उस दिन से तुझसे बात नही करने की यही वजह नीलम ,तू कब तक अपनी बहन से नफरत करेगी ,अरे तुझे औलाद उसकी ही वजह से हुवीं है ,वरना मनोज कभी तुमको हाथ भी नही लगाता ,उसके अहसान मानने की जगह तू ऐसे खेल रही है उनके साथ ,तेरा मन अभी भी शांत नही हुवा ना ,मुझे नदीम ने बताया थी कि तुमने कुछ दिन पहले निता और सीमा को कुछ नशे की दवाई पिलाई थी और तुझे इतनी भी शर्म नही आती की तू अपने ही भाइयो की बेटीयो को अगवा करके उनकी माँ से ऐसे काम करवाती हो ,में आज तुमसे बात करने आया था ना कि चुदाई करने ,अपनी नफरत से ना तुम्हे कुछ मिलेगा ना तुम कभी खुश रह सकोगी ,भगवान ने तुम्हे भी दो बेटियां दी है ,सोचो उनके साथ कोई ऐसे करे तो तुम्हे कैसा लगेगा ,नीलम अपने भाई राजन की बातो से चिढ़ गयी ,साला तेरा खड़ा नही होता और तू मुझे सीखा रहा है ,तू पहले स्व डरपोक है ,में निता को कभी माफ नही करने वाली ,में मनोज से शादी करना चाहती थी ,वो मेरे साथ ही पढता था ,में उसे अपने प्यार के बारे में कुछ बता पाती उसके पहले यह निता बीच मे आ गई निता से पहले 6 महीने से में मनोज को जानती थी ,निता मुझसे भले ही दिखने में कम सुंदर है ,पर मनोज को निता ही पसन्द आयी ,उसने मेरी खूबसूरती ,मेरे प्यार का अपमान किया ,निता के वजह से ही में इतनी भटक गयी ,में जब तक निता को बर्बाद नही कर दूंगी तब तक चुप नही रहुंगी ,मनोज ने मुझे बच्चे देकर कोई अहसान नही किया है ,मेंनें ही मेरे पति को नामर्द बना दिया था शादी से पहले ,मेंनें उसे ऐसी दवाई खिलाई थी कि उसके वीर्य में बच्चे पैदा करने की ताकद ही ना रहा ,राजन में एक ऐसी आग में जल रही हु जिसे निता की मौत ही बुझा सकती है ,उसकी बेटी सबसे छोटी होकर सबसे पहले उसी की शादी कर दी ,इतना ही नही उसका पति दुनिया का सबसे आमिर आदमियों में शामिल है ,मुझे निता के साथ इस नेत्रा को भी खत्म करना है ,निता से जुड़ी हर चीज को बर्बाद करने के बाद ही में चैन से बैठने वाली हु ,राजन सब सुनकर उसे बोला नीलम में आज तुम्हे आखरी बार समाझा रहा हु ,तुम यह जिद छोड़ दो ,किसी का बुरा करके हम कभी सुखी नही हो सकते ,अरे जिस निता के लिये मेरे मन मे इतने बुरे ख्याल थे वो बिचारी भाई कहकर जिस तरह मुझे लिपटकर रोयी थी ना आज मुझे उसके बेटे की मौत के वक्क्त का किया हुवा पाप याद आ रहा था ,उस बेचारी को सबसे बड़ा दर्द देने वाले को ही वो अपना प्यार दे रही थी ,इतने साल में परिवार से दूर रहा पर निता हमेशा मेरे बारे में फिक्र करती रही ,अरे हर राखी के दिन मुझे वो फोन करके बुलाती थी ,तुम तो बहन हो ही नही मेरी पर ना कभी नंदनी ने मुझे फोन किया कभी ना मेरे भाइयो ने ,पर मनोज और निता ने हमेशा मेरा ध्यान दिया ,तू जानती है मुझे लंदन में बिझनेस के लिए पैसे भी मनोज ने ही दिए थे ,मुझ जैसे पापी को उन्होंने बदल दिया अपने प्यार से ,तुझे में एक बात बोल देता हूं ,भले मेंनें सब कुछ छोड़ दिया है पर राजन आज भी इस मुंबई में इतनी हैसियत रखता है कि मेरे एक फोन पर तु गायब हो सकती है इस दुनिया से ,आज के बाद में अपने परिवार में ही रहने वाला हु ,मेरा कोई नही है इनके सिवा में ही इनको पराया मानता आया आजतक ,अरे तुम्हारे भाइयो ने मेरे हिस्से की दौलत जो पापा छोड़ कर गए थे ,अभीतक वैसेही रखी है ,तुझे पता है मेरे भाई मुझसे नाराज क्यो थे ,उन्हें इस बात का दुख था कि मेंनें अपने हिस्से की दौलत कभी नही मांगी उनसे ,ना कभी उनसे मेंनें कभी पैसे मांगे ,निता की शादी वाली बात तो पापा ने उन्हें कभी बतायी ही नही थी ,में एक अनाथ होकर तुम्हारे परिवार ने मुझे अपना ही माना हमेशा पर में पापी उनको ही दुश्मन मानता रहा ,पर आजके बाद उनके लिए ही में जीने वाला हु ,निता के परिवार की ढाल बनकर खड़ा रहेगा यह राजन ,जिस दिन मुझे पता चला कि तूने कुछ गड़बड़ की तो समझ लेना तेरा आखरी दिन होगा इस दुनिया का ,नीलम उसकी बात सुनकर हसने लगी ,अरे भड़वे ,में नीलम हु समझा ,मे तुझे एक पल में मिटा दुंगी अगर तू मेरे रास्ते मे आया तो ,इतने सालों से मेंनें क्या किया है तुझे पता नही है ,तुझ जैसे राजन मेरे पाव के एक ठोकर में खत्म हो सकते है ,आज ही निता मरेगी ,उसकी बेटी नेत्रा ,उसका पति काल और मनोज भी ,तू देख इस हल्दी में आज खुन की नदियां बहने वाली है ,जा बचा ले तेरी बहन और उसके परिवार को ,दिखा मुझे तेरी ताकद ,तू कुछ भी नहीं कर पायेगा ,तेरे सामने ही मरने वाले है सब ,राजन यह सब सुनकर फौरन अपने कपड़े पहनकर घर के बाहर आया और किसी को फोन लगाकर बात करने लगा जब उसकी फोन पर बात खत्म हो गईं तो उसके चेहरे पर चिंता की रेखाएं आ गयी थी ,सामने वाले ने उसे यह खबर दी के आज मुंबई में एक बहुत बड़ी सुपारी दी गई है ,50 करोड़ की यह सुपारी जमाल नाम के सबसे खूंखार गुंडे ने उठाई है ,वो जेल में बंद होकर अपना काम चला रहा है ,शिवाय नाम के गुन्हेगार के काल की वजह से ऐसे काम करने वाले बहुत कम बचे थे ,जिस वजह से यह खुन की सुपारी कोई भी नही ले रहा था ,जमाल ने इस काम के लिए कौनसे आदमी लगाए है यह बताना बहुत मुश्किल था ,राजन को यही चिंता थी ,की अगर मुंबई का कोई भी और गिरोह होता तो वो यह सुपारी रुकवा सकता था ,राजन की पूरी जवानी गुन्हेगार बनकर ही चली थी ,अपने बाप के पैसे के दम पर उसने भी बहुत नाम कमाया था मुम्बई में ,हर बुरा काम करने वाला राजन को जानता था ,पर निता के बेटे की मौत के बाद उसमे बहुत बदलाव आ गया था ,वो सब बुरे काम छोड़ चुका था ,उसे बस निता से शादी करनी थी उसे मारने का कोई उसका मकसद नही था ,वो बस मनोज को मार के निता को हासिल करना चाहता था ,पर निता के बेटे की मौत के बाद जब उसने निता का हाल देखा था तो उसे खुद पे ही बहुत शर्म आयी थी ,उसने भले गुन्हेगारी के दलदल में जिंदगी जी थी पर कभी किसी को मारा नही था जान से ,वो बस आपने बाप के दौलत को जुआ ,शराब में उड़ाता था ,नशे का सबसे बड़ा धंदा करके उसने इस का काली दुनिया मे तो बहुत कमाया था पर वो खूनी नही बना था ,आज उसे निता के परिवार की बहुत चिंता होने लगी थी ,उसने अपने सभी दोस्तों को फोन लगा दिए ,कुछ लोग जिंदा थे पर जेल में बंद थे तो कुछ मारे गए थे ,फिर राजन ने अपने सबसे पुराने दोस्त जो मुम्बई का पुलिस कमिश्नर बन चुका था उससे बात की ,राजन की बात सुनकर उसके दोस्त ने कहा तुम बिल्कुल चिंता मत करो मव अभी अपनी एक पुलिस की टुकड़ी वहां पर भेज देता हूं कुछ काबिल अफसर के साथ ,राजन को इस बात से थोडी राहत तो मिली पर उसके मन का डर कम नही हो रहा था ,पर उसे क्या पता कि जीसने भी यह सुपारी उठायी थी वो कितनी बुरी मौत मरने वाला है ,क्योकि नीलम और राजन की सब बाते तीन लोगो ने सुन ली थी ,जिसमे एक थी नेत्रा ,दूसरा शिवाय और तीसरा महानाग ,उन तीनों के प्रतिरूप को लामन ने ही बुलाया था ,शिवा को यह बात पता नही चलने चाहिए यह कहकर नेत्रा वहां से चलीं गयी ,शिवाय,महानाग के साथ सभी अंश अब शादी में आये सभी लोगो के दिमाग को पढ़कर उनमे जो जमाल के आदमी थे उन्हें चुन चुन कर धुंडने लगे ,दस मिनीट में ही सभी को ढूंढकर उन्हें शिवा के मकान के नीचे बने एक मायावी तहखाने में बंद कर दिया ,50 आदमियों को पकड़ कर वहां रखा गया था ,उन्हें तो पता भी नही चला था कि कब उन्हें इस जगह पर लाया गया ,वो तो गार्डन में जो शादी की भीड़ थी उसमे शामिल थे ,उनके सामने बस 10 लोग थे ,पर उन सबके चेहरे पर गुस्सा दिख रहा था ,शिवाय ने अपने साथ खड़े महानाग से कहा भाई तुम शादी के मजे लूटो में इन्हें देख लेता हूं ,पर यहा पर काम थोड़ा बिगड़ गया था ,शिवा के बेटे मतलब ,पिनाकी,ध्रुव ,आदित्य यह तीनों अपने सभी पिता के अंशो से बोले ,आप यह काम हमे करने दीजिये ,आज इनके साथ इस शहर की सारी गंदगी साफ कर देते है हम तीनों भाई ,वैसे भी हम बड़े हो गए है और हमारे परिवार पर बुरी नजर डालने वाले को हम ही जवाब देंगे आज के बाद आप सभी यहा से चले जाइये और शादि का मजा लीजिये ,हम इनका काम खत्म करके अभी आते है ,शिवाय ने हसकर कहा ,ज्यादा डराना मत इनको सीधे मार देना ,शिवाय के साथ बाकी सभी वहासे एकदम गायब हो गए ,जमाल के आदमियों की यह सब देख कर गांण्ड फट गई थी ,पिनाकी ने अपने पिता के सभी अंश जाने के बाद आदित्य और ध्रुव से कहा आप दोनो मुझसे बड़े हो इसलिए पहले में इन्हें में सबक सिखाता हु ,बादमे आप दोनो को भी मौका दे दूंगा ,पिनाकी की यह बात सुनकर उसके दोनो भाई हसने लगे ,पिनाकी को उसके सभी बेटे छोटा भाई मानते थे, आदित्य पता है हमे सब तू क्या करने वाला है पर एक बात याद रखना यहा पर तुम जो चाहे कर सकते हो पर इस शहर की बाकी किसी जगह पर तुम कुछ भी नही करना ,बोलो मंजूर है ,पिनाकी,चलो एक काम करते है तीस को में देखता हूं बाकी 20 आप दोनो देख लेना ,और बाहर भी आपकी मदद में करूँगा आपके हिसाब से ,आदित्य और ध्रुव ने यह बात मान ली ,फिर उन तीनों ने जमाल के आदमियों को इतनी बुरी तरह मार मार के खत्म किया कि पूरे तहखाने में खून और हड्डियां ही दिख रही थी ,तीनो भाई यह सब खत्म होने के बाद नेत्रा के पीछे चले गए ,पिनाकी ने नेत्रा के साथ अपना एक भाई चुप के से भेज दिया था ,उसकी वजह से वो तीनो नेत्रा तक आराम से पहोच गये ,नेत्रा इस वक्त मुंबई के सेंट्रल जेल में कहर मचा रही थी ,सब पुलिस वाले बेहोश थे ,नेत्रा ने जेल में बंद हर कैदी का मन पढ़कर कुछ कैदियों को बेहोश कर दिया जो मजबुरी की वजह से छोटी मोटी चोरियां करके गुन्हेगार बन गए थे ,और बाकी सभी कैदियो को वह पाताल की आग में जलाकर मार रही थी ,हर तरफ उस आग में जलने वाले कैदियों की चीखें गूंज रही थी ,पर नेत्रा रुकने का नाम नही ले रही थी ,उस जेल में 4000 कैदियों में से बस 300 को छोड़कर वो सबको उस आग में जलाकर मार रही थी ,पिनाकी के साथ जब उसके दोनो भाई वहां पर जब तक पोहच पाते नेत्रा ने सबको मार दिया था ,पाताल की आग में तो रूह तक जल जाती थी इस वजह से वहां सिर्फ़ काले दाग जमीन पर नजर आ रहे थे ,हड़िया भी नही बची थी किसीकी वहां पर ,जमाल को सिर्फ नेत्रा ने मारा नही था अब तक पर उसके जितने भी साथी इस जेल में थे सब उसके आंखों के सामने जलकर मरते देख कर जमाल डर की वजह से पागल हो गया था ,नेत्रा ने जमाल के पागल पन को देख कर सबसे पहले उसे अपनी शक्तियों से ठीक कर दिया ,जमाल को जब वो मारने वाली थी तभी पिनाकी बोला ,छोटी मा आप यह काम मत करना इसे में मारूंगा ,इसने आपको मारने की बात सोच कर बहुत बड़ी गलती कर दी है ,और आपके बेटो के होते आपको इसके गन्दे खुन से हाथ साफ करने की जरूरत नही है ,पिनाकी नेत्रा को बहुत मानता था जबसे वो गरुड़ लोक में रहने लगा था ,तबसे वो अपना सबसे ज्यादा वक्त नेत्रा के साथ ही बिताया करता था ,पिनाकी की बाते ,उसकी सोच नेत्रा को बहुत पसंद आती थी ,नेत्रा ने गरुड़ लोक में अपने पास का नीलमणि पिनाकी को दे दिया था ,नेत्रा में इतनी शक्तिया थी के उसे शिवा के पास सी मिली कुछ चीजो की जरूरत नही थी ,उसने आदित्य को दिव्य धनुष और अक्षय बाणों का भाता दे दिया था तो ध्रुव को दिव्य तलवार दे चुकी थी ,उसने अपनी शक्तियों से शिवा के हर बेटे को अपनी शक्तियों की मदद से पहले से 100 गुना मजबूत और ताक़दवर बना दिया था ,सभी बच्चे नेत्रा को बहुत मानते थे ,उन सबको अपनी इस मा से बहुत लगाव था ,और पिनाकी तो उसके लिये अपनी जान तक देने को तैयार रहता था ,नेत्रा ने पिनाकी की तरफ देखकर कहा ,ठीक है पर इसे मारना नही इसे जिंदा रखना और जिंदगी भर यह रोज मरने की दुवा मांगे ऐसी इसकी हालत कर देना ,पिनाकी को यह बोलकर नेत्रा अपने साथ आदित्य और ध्रुव को लेकर चली गयी ,पिनाकी ने भी जमाल को पाँच मिनीट में ही बिना हाथ पांव का ,आंखों से अंधा ,जुबान कटी हुवीं ,कानो से बहरा कर दिया ,जमाल का लन्ड काट कर पिनाकी ने उसकी गांण्ड में पाताल में पाए जाने वाले ऐसे कीड़े छोड़ दिये की जो बहुत ही सूक्ष्म होते थे ,वो आंखों से तो क्या किसी भी आधुनिक दूरबीन से भी नही दिख पाते थे ,वो कीड़े जब तक जमाल जिंदा है तब तक उसके शरीर मे रहने वाले थे ,वो कीड़े किसीके शरीर मे जाते है तो वो बहुत ही कम मात्रा में खुन पीकर जिंदा रहते पर उनके शरीर मे होनी से पूरे शरीर मे ऐसी जलन होती कि मानो किसी आग में शरीर रखा हो ,पिनाकी जमाल को वहाँ छोड़कर वापिस शादी वाली जगह पर पोहच गया ,उसके वहां जाने के बाद थोड़ी ही देर में आदित्य और ध्रुव भी वहां नेत्रा के साथ पोहच गये ,पिनाकी को उन्होंने बता दिया कि पूरे शहर में जितने भी जमाल के आदमी थे सबको मार दिया है ,साथ मे जितने भी जमाल के तरह बाकी जेलों मे बन्द थे उन्हें भी खत्म कर दिया है ,नेत्रा और उसके साथ गये आदित्य और ध्रुव ने एक ही दिन में 10 हजार से ज्यादा गुनहगारो को मार दिया था ,किसी की भी लाश नही मिलने वाली थी नेत्रा की पाताल की आग में जलकर सब साफ गये थे ,हर तरफ कल खलबली तो मचने वाली थी पर किसी की भी लाश या कोई भी सुराग न मिलने से यह खबर पुलिस और प्रशासन किसी को कुछ बता भी नही सकते थे ,सबका शक शिवाय के ऊपर ही जाने वाला था ,नेत्रा ने सब कुछ जानकर भी नीलम को कुछ नही किया उसने नीलम और राजन के मन से सब बाते मिटा दी ,उसने उन दोनों के मन मे निता के लिए और बाकी किसी के लिये भी कोई बुरी बात न आये ऐसा कर दिया था ,नीलम और राजन को मारने से ना उसका भाई वापस आने वाला था और निता कभीं राजन और नीलम की मौत से खुश रहने वाली थी ,निता अपने सभी भाइयो और बहनो से बहुत प्यार करती थी ,और अपनी पहले से दुखी मा को अपने भाई और बहन की हरकत बताकर वो और दुखी नही करना चाहती थी ,बस अपनी माँ की तरफ देखकर उसने इन दोनों को छोड़ दिया था ,शिवाय को आज त्रिशक्ति ने बुलाकर काल2 से मिलवाया था ,त्रिशक्ति ने उन दोनों को बहुत सी बातें बताकर कुछ काम करने को बोल दिए थे ,काल2 को भी आज अपने अंदर के पिनाकी अंश की सभी शक्तियो का ज्ञान खुद पिनाकी ने करवा दिया था ,पिनाकी के अंश की सभी ताकद अपने अंदर जागृत होने के बाद काल 2 भी शिवाय की तरह बेमिसाल बन गया था ,पर उसमे जो शिवा का अंश समाया था वो महाकाल का अंश था ,यह सबसे ताक़दवर अंश था जिससे राक्षस भूत प्रेत देवता तो क्या खुद रचनाकारजी जो त्रिशक्ति में से एक थे वो भी डरते थे ,महाकाल वहीं था जिसने रचनाकारजी का एक सर झूठ बोलने पर काट दिया था ,काल2 के बारे में किसी को भी पता नही चले यह बात शिवाय को त्रिशक्ति ने समझाई थी ,वो दोनो एक दूसरे को जानते थे यह बात शिवा को भी नही पता चले यह भी उन बताकर त्रिशक्ति चले गए थे ,शिवा की शादी बहुत धूम धाम से हो गयी थी ,सब लोगोने शादी में बहुत मजे किये थे ,शिवा की शादी होने के बाद सभी अपने लोक में चले गए ,नेत्रा भी अपना एक प्रतिरुप यहा छोड़कर गरुड़ लोक चली गयी ,शिवा को सभी पत्नियों को वक्क्त देने का बोलकर वो 7 दिनों के लिये गरुड़ लोक चली गयी ।