Dharmendra Kumar Patel
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शिवा जब पाताल में बलि लोक पहुचा तब नेहा को वो जिस कमरे में सोते हुवे छोड़ आया था उस तरफ बढ़ गया ,नेहा को जिस पलँग पर उसने सुलाया था उसे ही उसने अपनी माया से एकदम सुहाग की सेज की तरह सजा दिया ,नेहा के ऊपर से अपनी माया का प्रभाव उसने निकाल दिया और उसे अपने साथ समयमनी मे लेकर आ गया, ,जिसकी वजह से नेहा की आंखे एकदम से खुल गई ,अपने आप को सुहाग की सेज पर सोते देख कर वो खुद से एक बार मुस्कुरा गई ,उसने अपने आप से ही कहा ,चलो यह सपना नही है ,सचमुच में शिवा से शादी कर चुकी हूं,पर जनाब कहा चले गए मुझे यहा सोते हुवे छोड़कर ,उनकी पत्नी इस सुहाग की सेज पर उनकी राह देखते हुवे सो गई और वो खुद कही गायब हो गए है ,
जी मे तो आपकी उठने की ही राह देख रहा था ,आप सोते हुवे इतनी प्यारी लगती है कि दिल नही हो रहा था आपकी नींद में बाधा डाल दु ,शिवा की यह बात सुनकर नेहा एकदम शर्मा गई ,उसने शिवा से कहा ,इस तरह आप हमारी चोरी से बाते सुन रहे है ,आपको ऐसा करना अच्छा लगता है ,
शिवाने कहा ,लो हम हमारी पत्नी के कमरे में बैठना भी चोरी करना हो गया ,आप तो हमे चोर कहकर हम पर इल्जाम लगा रही है ,
नेहा ने अपनी आंखें शिवा की तरफ करके बड़े प्यार से कहा ,आप चोर नही तो क्या है ,एक बार हमें अपनी शक्कल दिखाकर हमारा दिल हमसे चुरा लिया जिसकी हमे भनक तक नही लगी ,दिल के साथ आपने हमारी रातों की नींद और चैन भी तो चूरा लिया ,आप जैसा शातिर चोर आज तक नही देखा मेंनें ,जो एक ही बार मे इतना कूछ कर सके
शिवा ने हसकर कहा ,आप तो एकदम शायर बन गई है ,हमे क्या पता हमारी पत्नी इतनी प्यारी शायराना अंदाज की होगी ,जो अपनी मीठी बातो से ही हमे खुश करने की सोच ही है ,
नेहा तुनकर ,तो आप कैसे खुश होने वाले है हम भी तो जाने आप के मन मे क्या है ,
शिवा ,जी हम तो जिस मुह से इतनी मीठी बोली निकल रही है उसीके लब चूम कर अपना मुह मीठा करने की सोच रहे है ,पर क्या पता इस चोर के नसीब में क्या लिखा है
नेहा ,आप जैसे चोर के नसीब में खुद को हमेशा आपके साथ देखना चाहुंगी ,इस ओठो की क्या बात है आप के लिये तो हम अपनी जान तक हसते हसते देने को तैयार है ,बस आप कहिए तो सही हम एक पल नही गवाएंगे ,
शिवा जो पलँग के बाजू में ही बैठा था एक कुर्सी पर उसने उठकर नेहा के पास जाकर बैठ गया ,नेहा के हाथों को चूमकर बोला ,आप हमारे लिये बहुत ही अनमोल हो ,आप की जान लेने की बात में कभी सोच भी नही सकता ,आप के ऊपर कोई आंच आये यह में कभी बर्दाशत नही कर पाऊंगा ,
नेहा शिवा की बात सुनकर उसके गले लग गई और कहने लगी ,आप मेरा नाम लेकर मुझे बुलाया करे ,इस तरह आप कहकर मत बुलाया करे ,में आपकी पत्नी हु ,में आपको आदर से आप कह सकती हूं ,पर आप मुझे कभी भी मेरे नाम के सिवा कुछ और नही पुकारा करेंगे ,
शिवा ,जैसा आपका हुकुम नेहा ,अब तो खुश हो ना
नेहा ,मेंनें कहा ना सिर्फ नेहा पुकारना आप नही तुम कहकर बोला कीजिये आप,
शिवा ने बिना कुछ बोले इस 20 साल की सुंदर लड़की के नाजुक से ग़ुलाबी होठ चुम लिये,नेहा भी गजब की सुंदर लड़की थी ,अपनी माँ और बाप का मिला जुला रूप लेकर पैदा हुवीं यह लड़की की कमाल की खूबसूरत थी ,एकदम गोरी ,सुंदर सा चेहरा ,नीली आंखे ,ग़ुलाबी फूलों से नाजुक पतले ओठ ,लम्बाई में 5 फिट 8 इंच और फीगर अपनी बहन से थोड़ा कम 34 28 36 पर हर चीज में अपनी बहन को टक्कर देंती थी ,सबसे ज्यादा गजब उसकी गांण्ड थी ,अपने माँ के तरह ही उसकी गांण्ड एकदम गोल थी ,सीमा की दोनो बेटिया कमाल की गांण्ड लेकर पैदा हुवीं थी ,तीनो की गांण्ड में एक ही लन्ड घुसने वाला था ,अचानक शिवा अपने ख्याल से बाहर आया ,उसके चेहरे पर तीनों की गांण्ड मारँने की बात से एक बहुत ही मीठी और शरारती मुस्कान आ गयी थी,
नेहा शिवा के चेहरे को देख रही थी ,उसके चेहरे पर उभरी इस दिलकश मुस्कान से उसे लगा शायद शिवा को उसके होठो को चुमना बहुत पसंद आ गया है ,उसने तुंरत शिवा के ओठो से अपने नाजुक होठ जोड़ दिए और प्यार से उन्हें चुसने लगी ,शिवा को नेहा की ये हरकत बहुत ही ज्यादा पसन्द आ गयी ,वो भी बड़ी चाव से उसका साथ देने लगा ,दोनो बहुत देर तक एक दुसरे के ओठ चुसते रहे ,कभी जीभ को एक दूसरे के मुह में घुस्साकर अपने लार का स्वाद एक दूसरे को दे रहे थे ,इस गर्म जवानी की मीठी हरकत से शिवा का लन्ड फड़फड़ने लगा था ,नेहा तो उसे चूमकर ही अपना दीवाना बना रही थी ,शिवाने अपनी माया से एक ही पल में नेहा को पूरी नंगी कर दिया ,शिवा के सामने अपने आप को एकदम नंगा पाकर नेहा शर्म से लाल हो गयी ,उसने झट से शिवा की बाहो में खुद को छुपा लिया ,शिवा ने नेहा को अपनी बाहो में भरकर ही पलँग पर लेट गया ,दोनो मादरजाद एकदम नंगे एक दूसरे के बाहो में लेटे थे ,नेहा के ऊपर सवार शिवा उसकी नीली आंखों में देख रहा था ,उसे अपने सामने लेटी नेत्रा ही नजर आने लगी थी ,नेहा और नेत्रा की माँ भले ही अलग हो पर दोनो का बाप तो एक ही था ,दोनो काफी हद तक एक दूसरे की तरह ही लगती थी ,शिवा ने बड़े ही प्यार से उसकी आँखों को चूम लिया ,उसके दिल मे नेहा के लिये इतने प्यार की वजह वो समझ गया था ,नेहा में वो कबसे नेत्रा को ही देख रहा था ,हजारो साल तक महानाग का इंतजार किया था उसने फिर अपने जीवन को त्याग दिया उसके मिलने के लिये ,बाद में दूसरा जन्म लेकर वो शिवा की पहली बीवी तो बन गई थी पर उसे उसका हक अभी तक नही मिला था ,पहले शिवा का डर उसे नेत्रा से दूर कर रहा था ,बाद में खुद की ही सोच से बनी एक अजीब शर्त जो नेत्रा को मालूम होने के बाद वो भी उसके पास नही आती थी ,अपनी सब शक्तिया मिलने के बाद ही नेत्रा से मिलन करना ,नेत्रा ने एक बार भी शिवा से कभी जिद नही की थी के उसे शिवा से मिलन करना है ,बहुत सी ऐसी शिवा की जीवन मे औऱते आ चुकी थी जो बिना शादी किये ही शिवा से मिलन कर चुकी थी ,पर नेत्रा को उसका हक अभी तक नही मिल पाया था ,बिना कुछ कहे वो शिवा की बात मान लेती ,शिवा की हर खुशी में वो उसका साथ देते रहती ,अपनी बहनों को शादी के बाद तुरंत ही पतीं का सुख मिल जाने पर वो उनसे ज्यादा खुश होती थी ,सिवाय कुछ मीठे पलो के शिवा ने उसके साथ वक्क्त भी ज्यादा नही बिताया था ,सभी को शिवा के साथ रहकर उससे मिलन करके प्यार मिल जाता था ,तेजा ,केतकी ,मंदा ,हिमांनी उसके साथ मिलन करके उसीकी आत्मा से जुड़ गई थी ,पर नेत्रा तो बिना कुछ कहे उसकी पूरी आत्मा बन गई थी ,उसका प्यार समर्पण त्याग सबसे अलग था ,अपनी माँ के साथ शिवा के संबंध होकर भी वो कुछ नही कहती थी ,अपनी माँ को मिल रही खुशी के लिये वो शिवा को भी कुछ नही कहती थी ,नेत्रा उसके जीवन मे आने के बाद ही शिवा को इतनी शक्तिया मिली थी ,एक तरह से देखा जाए तो शिवा की हर शक्ति उसकी देंन थी ,शिवा उसके साथ मिलन करके उसे खुशी नही तो अपने फायदे के लिये ही उसका इस्तेमाल करने वाला था ,अपनी शक्तियों के इस्तेमाल से नेत्रा भी शिवा जितनी ताक़दवर होने वाली थी ,शिवा की हर ताकद उसमे आने वाली थी ,शायद अपने अंदर की प्राचीन शक्तियो की बदौलत वो शिवासे कही गुना ताक़दवर बनने वाली थी ,उसकी शक्तिया को शिवा अपने ही काम को पूरा करने के लिए करने वाला था ,शिवा की सोच यही थी कि वो अगर मारा गया इस सब मे तो नेत्रा सब सम्भाल लेगी ,भले शिवा के साथ उसके अंश भी ना रहे पर नेत्रा के अन्दर उसकी सारी ताकद और शक्तिया आ जाने से वो मन्दिर के चमत्कारी पथर की रक्षा कर सकती है ,अपनी आंखों में इतनी गहराई से देखने वाले शिवा से नेहा को बहुत ज्यादा प्यार आ रहा था ,उसने अपने मदभरे होठो से उसे चूमकर कहा ,क्या देख रहे है आप मेरी आँखों मे इतनी देर से ,शिवा उसकी आवाज में वापिस अपने खयालो से बाहर आया ,बस अपने आप को देख रहा था ,नेहा बोली ,आप खुद को मेरी आँखों मे धुंड रहे है और आप मेरे दिल मे गहराई तक समा चुके है ,शिवाने नेहा की इतनी प्यारी बात सुनकर उसे फिर से चूमने लगा ,अपने मजबूत पंजो में उसकी गोल चुचिया पकड़ कर मसलते हुवे वो नेहा को पूरी तरह पागल करने लगा ,नेहा बहुत जल्दी गर्म होने लगी थी ,उसकी चुत से निकलती भाप से शिवा की कमर को उसके चुत की गर्मी का अहसास हो रहा था ,शिवा ने नेहा की 34 की चुचिया इतनी सख़्ति से मसल कर एकदम लाल कर दी थी ,नेहा को भी अपनी चुचिया शिवा के हाथों से दबवाने में बहुत मजा आ रहा था ,अपनी चुत को जांघो से रगड़कर उसमे हो रही सनसनी को कम करती शिवा को मजे से चूम रही थी ,शिवाने ने अपना चुम्बन तोड़ कर नेहा की मस्त 34 की चुचिया को अपने मुह में भर कर चूसना शुरू कर दिया ,शिवा उसके छोटे से निप्पल के साथ आधी चुचि अपने मुह में लेकर चूस रहा था ,इतनी मस्त चुचियो को अपने दांतों से काटने में उसे बहुत मजा आ रहा था ,नेहा का तो हाल एकदम बुरा हो रहा था ,अपने मुह से एकदम मदहोशी भरी आवाज निकाल कर शिवा की हरकत के मजे ले रही थी ,शिवा के बालों में अपनी उंगलिया घुमाकर उसके सिर को अपनी चुचियो पर दबा रही थी ,शिवा ने चुचिया चूसकर ही नेहा की चुत से दो बार पानी निकाल दिया था ,अपनी चुत से अमृतधारा की वर्षा करती नेहा एक सुखसागर में डूब चुकी थी ,उसके पुर बदन में एक हल्कापन आ गया था ,शिवा की हर हरकत उसे सुख देने के लिये बहुत थी ,इस लम्बे चौड़े बदन के नीचे फूल सी दबी नेहा पर वो पूरी तरह हावी हो गया था ,नेहा के चुचिया को अच्छी तरह मसल कर उनको पूरा निचोड़ ने बाद शिवा ने अपना मोर्चा नेहा की चुत की तरफ कर दिया ,नेहा की मखमली जांघो को सहलाकर अलग करते हुवे उसने उसकी सुंदर सी चुत को पूरी तरह उजागर कर दिया ,नेहा की चुत एकदम गोरी ग़ुलाबी थी ,उसके पतले से ओठ आपस मे एकदम चिपके हुवे थे ,चुत किसी पावरोटी की तरह एकदम फूली हुवीं थी ,उसकी चुत का छोटासा छेद अपनी लाली की वजह से एकदम खुलकर चमक रहा था ,शिवा ने उस छेद से बहते पानी को अपनी जीभ से चाट लिया ,जिसका नमकीन स्वाद उसे बहुत ज्यादा पसन्द आ गया ,शिवाने नेहा की 36 की मतवाली गांण्ड को भी अपने पंजो से थोड़ा ऊपर कर लिया उसके सामने नेहा के दो अनमोल खजाने एक साथ खुलकर दिखने लगे थे ,उन दो लाल सुर्ख फूलों को शिवा अपनी जीभ से एक साथ चाटने लगा ,नेहा का तो इस मजे से बुरा हाल हो गया था ,एक साथ शिवा उसकी लपलपाती जीभ से चुत और गांण्ड के छेद को चाट रहा था ,नेहा का बदन पूरा कापने लगा था ,शिवा बिना रुके उसकी दोनो छेदो को किसी कुत्ते की तरह चाट रहा था ,नेहा अपनी माँ को याद करती अपने मुह से ऐसी सिसकिया छोड़ रही थी कि शिवा का पूरा रोम रोम खिल उठता था ,वो उतनी ही तेजीसे अपनी जीभ चला रहा था ,शिवा के इस हमले से नेहा खुद को ज्यादा देर तक बर्दाश्त नही कर सकी उसकी चुत भलभला कर झड़ने लगी ,शिवा ने उसके झड़ंने के बाद अपनी जीभ को पूरा नोकदार करके नेहा की चुत में घुसा दिया और उस नमकीन पानी को पिने लगा ,अपनी चुत के अंदर शिवा की जीभ घुस जाने से मानो नेहा का बदन उसके काबू से बाहर हो गया ,शिवा की जीभ उसके चुत में घुसकर उसके अंदरूनी भागो से टकराने लगी ,नेहा अपने झड़ने के बाद अपने बदन में फैल रहे हल्केपन से एकदम से बाहर आ गई उसकी चुत का पानी बहुत तेजी से निरन्तर बहने लगा था ,नेहा की चुत किसी झरने की तरह फुट चुकी थी ,अपने आप को मिल रहे इस अदभुत मजे से नेहा एकदम जोर से सिसिकिया छोड़कर अपने बालों को नोचने लगी ,उसे इस कदर के झटके लग रहे थे अपनी चुत के झड़ने से मानो कोई बिजली का करंट उसके चुत में उठ रहा हो ,पर यह झटके तकलीफ नही असीम खुशी दे रहे थे नेहा को ,नेहा का बदन पूरा पसीने से भीगने लगा था ,उसकी चुत झड़ना बंद ही नही हो रही थी ,और शिवा भी उसकी चुत से अपनी जीभ नही निकाल रहा था ,वो नेहा के चुत से बहते हर कतरे को पी रहा था ,उसकी प्यास हर पल बढ रही थी इस नशीले पानी से ,नेहा की चुत भी बरस कर शिवा के हलक को सुखा नही होने दे रही थी ,न जाने कबतक उसकी चुत झड़ती रही ,जब उसकी चुत से पानी निकलना बंद हो गया तो शिवा ने अपनी जीभ उसके चुत से निकाल कर उसकी पूरी चुत को चाटकर साफ करने लगा ,पूरी चुत को साफ करने के बाद शिवा को अब उसकी जीभ से नेहा की छोटी सी गांण्ड के छेद का स्वाद लेना था ,शिवा ने एक ही पल में अपनी जीभ को नेहा के गांण्ड में नोकदार करके घुसा दिया ,नेहा अपने चुत से इतना पानी बह जाने के कारण एकदम सुस्त हो कर पड़ी थी ,उसके बदन को तो एकदम झटका लग गया शिवा की इस हरकत से ,वो अपने गांण्ड के छेद को अंदर खिंचकर शिवा की जीभ को बाहर निकालने की कोशिश करने लगी ,पर उसकी नरम गांण्ड के नाजुक से छेद में इतनी ताकद नही थी कि वो शिवा की जीभ को बाहर कर सके ,उल्टा नेहा के हरकत से शिवा की जीभ और गहराई में घुसने लगी ,नेहा का गांण्ड का छेद अपने आप खुलने और बन्द होने लगा ,उसकी गांण्ड में कहर ढाती शिवा की जीभ से नेहा की चुत भी भड़क उठी ,उसकी चुत में इतनी भयानक सनसनी होने लगी कि नेहा एक जोरदार चीख निकाल कर फिर से झड़ने लगी ,शिवा ने नेहा की चुत को फिर मुह में भरकर उसके रस को पीना शुरू कर दिया ,इस बार तो उसकी चुत पहले से ज्यादा पानी छोड़ रही थी ,नेहा तो एक बेहोशी की हालात में पोहच गई थी ,उसकी आँखों के सामने एक अलग ही रोशनी उसे दिख रहीं थी ,नेहा के पूरे बदन में मानो एक सुकून की लहर दौड़ रही थी ,नेहा अपनी आंखें बंद करके लेटी इस पल का मजा ले रही थी ,उसके दिल मे शिवा के लिये अब भुग ही ज्यादा प्यार आने लगा था ,उसे शिवाने ऐसी खुशी दी थी जो नेहा ने कभी सोची भी नही थी ,उसका पूरा रोम रोम शिवा का दीवाना हो गया था ,शिवा ने नेहा की चुत और गांण्ड का स्वाद लेने के बाद नेहा के ऊपर लेट गया ,नेहा ने अपनी आंखें खोल कर शिवा की तरफ देखा तो उसके चेहरे पर एक मुस्कान थी ,नेहा ने बिना कुछ कहे अपनी टाँगे उठाकर शिवा के कमर पर कस दी और शिवा को अपनी बाहो में भर लिया ,शिवाक़े होठो को चूस कर उसने शिवा गर्म लन्ड पर अपनी चुत पर अपनी चुत को घिसने लगी ,शिवा के लन्ड की गर्मी से उसकी चुत एकदम गनगना गई थी ,इतने मोटे और गर्म लन्ड की होती मालिश से उसकी चुत से पानी टपकने लगा ,शिवाने पहले ही अपने लन्ड को तेल से चिकना कर दिया था ,शिवाने भी नेहा की गांण्ड को अपने मजबुत पंजो में दबाकर उसकी चुत पर एक करारा वार कर दिया ,पूरे समयमनी में एक साथ दो चीखे निकल गई थी ,एक तो नेहा की थी जो अपनी चुत में इतना बड़ा और मोटा लन्ड घुस जाने से दर्द से निकल गई थी ,उसकी चुत को पूरी तरह फाड़कर शिवा का लन्ड जड़ तक अंदर घुस गया था ,20 इंच लम्बे और 12 इंच मोटे इस लन्ड ने नेहा की चुत को पूरा फाड़ दिया था ,उसकी चत से खुन की धारा बहकर नीचे गिरने लगी थी ,शिवा का लन्ड उसकी चुत में अंदर तक जाकर गर्भशय के अंदर तक घुसा हुवा था ,नेहा की चुत के गहराई में घुसकर शिवा ने उसकी चुत ही नही फाड़ी थी बल्कि उसके अंदर के बिजली तत्व को भी छेड़ दिया था ,जिसकी वजह से शिवा के लन्ड को बेहद तेज बिजली का झटका लगा था ,शिवा का लन्ड नेहा की चुत में घुसा होने से उसे लगातार बिजली के झटके लगने शुरू हो गए थे ,शिवा के मुह से इस वजह से बहुत ही भयानक चीखे निकल रही थी ,शिवा के अंदर इतनी शक्तिया होकर भी उसे बहुत ज्यादा दर्द हो रहा था ,नेहा का पूरा बदन एक बिजली के जैसा बन गया था ,शिवा किसी बिजली सी बनी लड़की के चुत में अपना लन्ड घुसाकर चीखे निकाल रहा था ,उसके मन मे एक ही ख्याल आ रहा था साला बहनचोद यह क्या चक्कर है ,ऐसा भी कभी होता है ,कोई चोदते हुवे बिजली के झटके भी देता है क्या ,यह नेहा साली इतनी मीठी मीठी बाते करती है और इसकी चुत मेंरे लन्ड को बिजली के झटके दे रही है ,अब इसकी चुत से लन्ड कैसे निकालू ,इसकी चुत ने तो मेरे लन्ड को बहुत ही कसकर पकड़ लिया है ,में इतनी ताकद लगाकर भी इससे दूर नही हो पा रहा हु ,शिवा ने बहुत कोशिश की अपना लन्ड बाहर निकालने की पर वो कामयाब नही रहा ,नेहा ने अचानक अपनी आंखें खोल ली उसकी आंखें एकदम बिजली जैसी सफ़ेद होकर चमक रही थी ,उसने शिवा को एक पल में ही अपने ऊपर से उठाकर बिना चुत से लन्ड निकाले अपने निचे ले लिया ,नेहा ने शिवाक़े ओठो को चूमकर अपनी चुत शिवा के लन्ड पर ऊपर नीचे करना शुरू कर दी ,नेहा के ओठो से भी बिजली के झटके शिवा के मुह से अंदर तक जा रहे थे ,नेहा शिवा को अपने नीचे लेकर बिजली की गति से अपनी चुत उसके लन्ड पर ऊपर नीचे करती उसे चूम रही थी ,नेहा के अंदर से आ रही बिजली का हर झटका उसके पूरे शरीर मे फैलने लगा था ,उसके खुन में भी वो समा रहा था ,शिवा का खुन बहुत गर्म होकर उबलने लगा था ,नेहा की तरह वो भी कुछ ही पलों में एक बिजली में बदल गया ,नेहा की चुत में अब नीचे से शिवा भी बड़ी तेजीसी झटके मारने लगा था ,नेहा की गांण्ड को पकड़ कर उसके चुत को फाडने में लग गया था ,शिवा का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुच गया था ,यह पहली बार शिवा को किसीने चोदते हुवे इतनी तकलीफ दी थी ,उसके लन्ड ने अब अपना सबसे रौद्र रूप धारण कर लिया था ,नेहा की चुत को पूरी तरह उसका लन्ड अब कुचलने लगा था ,शिवा ने एक ही पल में अपने जगह से खड़ा होकर खड़ा हो गया ,नेहा को अपने बाहो में थामकर उसे अपने लन्ड पर बिठाकर उसे चोदना लगा ,नेहा भी अपनी टाँगे शिवा के कमर में कस चुकी थी ,अपनी बाहो को शिवा के गले मे डालकर वो शिवा को चूमती मजेसे चुद रही थी ,शिवा जितना बेरहमी से उसे चोद रहा था उतना उसे मजा आ रहा था ,शिवा के हर धक्के का जवाब वो दुगने तेजीसी उछल उछल कर देने में लगी हुवीं थी ,शिवा ने नेहा की चुत से कितनी बार पानी निकाला और कितनी बार अपना पानी भरा इसकी कोई सीमा नही थी ,नेहा थकने का नाम ही नही ले रही थी ,शिवा ने उसे घोडी बनाकर कुतिया बनाकर हर आसन में चोद लिया था पर वो रुक ही नही रही थी ,उसकी भूख और आग बढ़ती ही जा रही थी ,शिवा भी उसकी चुत में अपना गर्म लावे जैसा वीर्य छोड़ कर उसे शांत करने की कोशिश कर रहा था ,उसकी चुत शिवा का वीर्य अपने अंदर गिरने के बाद कुछ देर तक उसका माल सोखने में लग जाति पर फिर दुगनी तेजीसी उसके लन्ड को अपने अंदर दबाकर और चुदने को तैयार हो जाती ,शिवाने आखिर उसकी गांण्ड में ही लन्ड डालकर उसकी आग बुझाने का फैसला कर लीया ,शिवा ने घोडी बनाकर चुदने वाली नेहा की चुत में अपना लन्ड झड़ंने के बाद जब उसकी चुत ने उसके लन्ड को थोडी देर के लिये ढीला पकड़ा था ,तेजीसे बाहर खीच लिया अपनी चुत से शिवा का लन्ड निकल जाने से नेहा बहुत ज्यादा गुस्से में आ गयी ,वो किसी बिजली की तरह कड़कड़ाने लगी थी ,उसके पूरे बदन से बिजली की बहुत ही भयानक गड़गड़ाहट निकल रही थी, शिवा को भी थोड़ा डर लग रहा थी इस भयानक आवाज से वो सोचने लगा साली यह बिजली से मुझे मार ही ना दे ,पता नही इसकी गांण्ड में लन्ड को कितने झटके खाने होंगे मेरे ,पर आज इसकी गांण्ड तो मार कर ही मरूंगा साली ने बहुत झटके दिए है मेरे लन्ड को ,आज इसकी गांण्ड फाड़कर अपना बदला लेकर रहूंगा ,शिवाने नेहा की गांण्ड को पकड़ कर एक ही हाहाकारी झटके में अपना लन्ड उसकी गांण्ड में जड़ तक घुसा दिया ,शिवा के इस हमले की वजह से नेहा दर्द और गुस्से से बहुत ज्यादा भड़क उठी ,उसकी गांण्ड में उसे बहुत ज्यादा दर्द हो रहा था ,नेहा के मुह से निकलती चीख उंसके बदन में उठने वाली बिजली की आवाज से बड़ी थी ,शिवा को उसकी चीख सुनकर बहुत खुशी हुवीं ,वो बेरहमी से नेहा की गांण्ड फाडने लगा ,नेहा की गांण्ड में भी बिजली के झटके उसे बैठ रहे थे पर वो खुद बिजली का बन गया था जिस वजह से उस झटकों से उसे कुछ भी तकलीफ नही हो रही थी ,नेहा की गांण्ड से लाल खुन निकल कर उसके बिजली से बने सफेद शरीर पर दिखाई दे रहा था ,थोड़ी ही देर में नेहा का शरीर एकदम काला पड़ गया जिसे देखकर शिवा भी हैरान हो गया ,नेहा की गांण्ड को मारना उसने नही रोका था फिर भी ,शिवा का लन्ड और उसका शरीर भी एकदम काला हो गया था ,दोनो के शरीर का हर भाग एकदम अँधरे से भी काला हो गया था पर अन्दर की बिजली भी काली हो गयी थी ,शिवा को कुछ समझ नही आ रहा था पर उसकी कामवासना बहुत ज्यादि बढ़ गई थी ,उसके बदन में बहुत ही ज्यादा गर्मी औऱ ताकद आ गयी थी ,वो नेहा की गांण्ड को और बुरी तरीके से चोद रहा था ,नेहा की चीखें अब बन्द हो गयी थी ,उसके मुह से कामुक सिसकिया निकल रही थी ,वो मजेसे अपनी गांण्ड में शिवा के लन्ड को झेल रही थी ,शिवा बहुत देर उसकी गांण्ड मारता रहा ,एक बार झडने के बाद वापिस उसकी कामवासना भड़क जाती और वो दुगनी तेजी से उसकी गांण्ड मारने लगता था ,नेहा का बहुत ही बुरा हाल कर दिया था शिवा ने गांण्ड मार कर वो लगातार 100 दिनों तक उसकी गांण्ड को ही मार रहा था ,पर उसकी हवस और कामवासना कम नही हो रही थी ,उसके अन्दर एक जानवर जाग गया था जिसकी भूक बहुत ही भयानक हो गयी थी ,नेहा की गांण्ड से लन्ड निकालकर जब उसने नेहा को 100 दिन के बाद छोड़ा तो नेहा ने चैन की सांस ली पर अगले ही पल शिवा ने अपने लन्ड से उसकी चुत को फाड़ना शुरू कर दिया ,अगले 300 दिनों तक शिवा उसे लगातार चोद रहा था ,कभी चुत तो कभी गांण्ड उसका लन्ड नेहा की पूरी कामवासना अब बुझा चूका था ,नेहा तो उसके लन्ड से मार खाकर थक गई थी ,बीच बीच मे शिवा उसके मुह को भी चोदकर उसे अपना माल खिला देता था ,शिवा की भूक पुर 500 दिन खत्म होने के बाद ही शांत हो गयी थी ,दोनो के शरीर अब अपने वास्तविक रूप में आ गए थे ,नेहा तो शिवा का माल पिछले 900 दिनों से खाकर एकदम सुस्त हो गयी थी ,वो शिवा के बाहो में चैन से सो गई ,दोनो एक दूसरे की बाहो में थककर 3 दिन तक सोते रहे ,दोनो बहुत ही ज्यादा सुकून की नींद ले रहे थे ,अपने अंदर की गर्मी नेहा में भरके शिवा भी शांत होकर सो गया था ,जब दोनो की नींद खुली तो नेहा ने शिवा से कहा ,आज आपने एक नही बल्कि दो तरह की बिजली की शक्तियां मेरे अंदर जगा दी है ,एक सफेद बिजली और दूसरी काली बिजली ,आप भी दोनो शक्तिया अपने अंदर समा चुके है ,सफेद बिजली बहुत ही घातक है उससे कोई नही बच पाता पर काली बिजली किसी की रूह तक को जला सकती ,जिनके पास शरीर नही होते उनपर सफेद बिजली का असर नही होता पर काली बिजली हर किसिको को खत्म कर सकती है ,वो आत्मा हो या कोई प्रेत या पिशाच हो ,इस काली बिजली का उपयोग नरक में किया जाता है ,पापी आत्मा को सजा देने के लिऐ ,आज से आपके अंदर दोनो शक्तिया आ गई है ,शिवा को समझ मे आ गया कि उसके और नेहा के बदन के काले होने का मतलब क्या था ,थोड़ी देर दोनो बाते करते रहे फिर शिवा ने उसे समयमनी से बाहर आ गए दोनो पिछले 1200 दिनों से समयमनी में थे ,लेकिन पाताल के बलिलोक में सिर्फ 20 घण्टे ही खत्म हुवे थे ,शिवा ने नेहा को भी सब बताकर नेत्रा और बाकियों के पास छोड़ दिया पाताल के बलि लोक में एक दिन बिताकर भी धरती पर सिर्फ 2 मिनीट ही खत्म हुवे थे ,रीमा को छोड़ने के बाद सिर्फ पांच ही मिनीट में शिवा वापिस आ गया था नेहा को लेकर ,नेहा को देखकर तो सबकी आंखे एकदम फटी रह गई थी ,अपनी बिजली की का तत्व आ जाने से शिवा के साथ इतनी भयानक चुदाई झेलकर आयी नेहा पहले से बहुत ज्यादा सुंदर हो गयी थी ,उसका 34 28 36 का साइज बदलकर 40 30 44 का हो गया था ,अपने सभी बहनो में उसकी गांण्ड एकदम बड़ी हो गयी थी , शिवा उसे सबके पास छोड़कर रिना और मधु के पास चला गया ,शिवा के जाने बाद पायल ने एक शैतानी मुस्कान के साथ नेहा से कहा ,लगता है नेहा को एक ही तरफ से शिवा ने जमकर बजाया है ,इसकी गांण्ड तो देखो ,हमारे खानदान की सभी लड़कियों से बड़ी हो गयी है ,एक ही बार चुद कर ,नेहा थोड़ा सम्भल कर रहना शिवा का भरोसा नही है वो शायद तुम्हारी गांण्ड को दुनिया की सबसी बड़ी ना कर दे,
नेहा भी कम नही थी ,उसने कहा ,तू रुक थोड़े दिन जिस दिन शिवा तेरी लेगा ना पीछे से कसम से कहती हूं ,सबसे बड़ी गांण्ड तेरी होगी ,तुझे पता है ना पानी मे बिजली कितने जोरदार झटके मारती है बुलबुल ही ही ही ।
Khubsurat update mitrUpdate 111
भुजंग के सामने बैठे कालराक्षस और शिवाय की तरफ गजाली और सुहाली बहुत ही क्रोध से देख रही थी ,कालराक्षस तो पहले ही लामन के बारे में सोचकर परेशान था ,शिवाय उसे कुछ बताने को तैयार ही नही था ,बस बाते गोल गोल घुमा रहा था ,ऊपर से उसे गजाली और सुहाली कबसे अभद्र भाषा मे बोल कर चिढ़ा रही थीं ,कालराक्षस में था तो रावण का असली राक्षस अंश ,उसके अंदर का राक्षस कब तक ऐसी बाते सुन सकता था ,उसने बहुत ही गुस्से से कहा ,आप दोनो औरते है ,आप अगर महाराज भुजंग की बेटिया और औरत ना होकर कोई सामान्य राक्षस होती तो में आपको बता देता की बहादुरी किसे कहते है ,हम आपके पिता के ऋणी है नही तो आज हम औरत को भी मारने से परहेज नही कर सकते ,आप दोनो राजकुमारी होकर भी इस तरह की अभद्र भाषा का उपयोग कर रही है ,आपका कम से कम अपने पिता की तो इज्जत करनी चाहिए ,जिनके सामने आप इतनी गन्दी भाषा का इस्तेमाल कर रही है ,महाराज आप ने हमे यहा इनसे शादी कराने के लिये लाये थे या इनकी गालिया खिलाने ,एक महाराज होकर भी आप अपने साथ लेकर आने वाले अपने ही लोगो का अपमान अपनी बेटियों से होते देख चुप है ,यह आपको शोभा नही देता ,भले ही हम आपके सेवक है महाराज ,पर हम भी तो अपनी भुजा में बल और दिल मे हिम्मत रखते है ,आप के एक कहने पर हम किसीसे भी लडने को तैयार हो सकते है ,पर एक बात आपको में बता देता हूं ,भले आप मुझे आप जान से मार दे में ऐसी राजकुमारी यो से कभी शादी नही कर सकता जिन्हें किसी की इज्जत नही करनी आती ,में पहले से शादी शुदा हु मेरी पत्नी एक आम राक्षस कन्या है ,भले वो राजकुमारीयो जितनी सुंदर ना हो पर उसमे राजकुमारीयो से बहुत ज्यादा अच्छे संस्कार है ,ऐसी राजकुमारी यो से शादी करने के बजाय में आपके हाथो से मरना पसन्द करूँगा ,आप दोनो राजकुमारीयो को अपनी ताकद पर बहुत घमंड है ना ,आप हम दोनो को हराने की बात कर रही है ना ,महाराज से कहकर हमपर लगे सारे ताकद के बंधन हटा दीजिये ,हमारी माया की बनी लड़कियों को सिर्फ हरा दीजिये हम आपके गुलाम बनकर रहने को तैयार है और अगर आप उनसे हार गई तो आप क्या कर सकती है यह आप ही सोच कर बोलिये , कालराक्षस की बात से तो दोनो बहने और भड़क गई उन्होंने अपने पिता से कहकर इन दोनों पर लगें सारे बंधन हटाने को कह दिया ,भुजंग ने भी उन दोनों पर महल में आने के बाद उनपर लगी सारी शक्तियो के बंधन हटा दिये ,पाँचो अब महल के पीछे चले गए ,जहा पर बहुत ही विशाल युद्धाभ्यास का मैदान था ,कालराक्षस और शिवाय तो महल के पीछे आकर सामने देखकर हैरान हो गए थे ,उस महल के बाहर राक्षसलोक से बहुत ज्यादा बड़ी एक राक्षस लोगो की नगरी दिख रही थी ,जहा पर अपनी दिव्य दृष्टि से दोनो को अरबो राक्षस दिख रहे थे ,जो बहुत ही ज्यादा बलावान और शक्तिशाली दिख रहे थे ,उनमें से कुछ तो बहुत ही दिव्य शक्ति वाले लग रहे थे ,भुजंग उनके चेहरे की तरफ देख कर बोला ,यह है असली राक्षसलोक जो किसी को नही पता ,इसी राक्षसलोक में मेरे सभी बेटे और बहुत से बलावान राक्षस रहते है ,जिन बेटो से तुम मीले हो वो सभी अलग है और यह सब अलग है ,यहा पर मेरे असली बेटे रहते है जो दिव्यशक्ति के मालिक है ,यह दुनिया की नजरों में अभीतक नही आये है अबतक ,तुम जिस राक्षसलोक को जानते थे उसीके राक्षस कितने बहादुर है तो यहा के राक्षस इस दिव्य महल के वजह से कितने शक्तिशाली हो गए होंगें ,मेंनें अपने इस राक्षसलोक के एक भी राक्षस को आजतक यहा से बाहर नही जाने दिया है ,इन सबमें काली दुनिया से मिली बहुत ही घातक शक्तिया है ,जिसके सामने टिकना बहुत मुश्किल है ,जिस दिन यह बाहर की दुनिया मे कदम रखेंगे उस दिन दुनिया पर मेरा ही राज होने वाला है ,इनसे टकराने वाला आज तक कोई पैदा नही हुवा है ,इनकी खूबियां और शक्तिया में बताने लग जाउ तो वर्षों का समय लग जायेगा ,यहा का हर बेटा अपने आप मे एक अजिंक्य वीर है ,तुम दोनो को मिलकर भी मेरे किसी एक बेटे से नही लड़ सकते ,तुम्हे में खोना नही चाहता हु ,पर आज कालराक्षस ने बहुत बड़ी बात बोल दी है ,जरा में भी तो देखु तुम्हारी माया की ताकत ,मेरी दोनो बेटिया कोई साधरण नही बल्कि दिव्य अंश लेकर पैदा हुवीं है ,उनके सामने तुम्हे में पूरा मौका देने वाला हु ,ताकि तुम्हे कोई मलाल न रहे ,
शिवाय कालराक्षस के मन मे बोला ,चलो एक बात अच्छी हुवीं इस लामन को को अब में आसानी से छोड़ने नही वाला वाला ,हमारी ताकद की सभी बंधन खुल जाने से यह अब कुछ नही कर पा रहा है ,बहुत ही बेबस हो गया है बेचारा ,पर इस भुजंग ने त्रिदेविया से ऐसे कौनसे वरदान लिए है ,इस गुप्त राक्षसलोक की जानकारी उन्हें भी नही है ,त्रिदेविया की वजह से वो इस गुप्तलोक को नही देख पाए थे ,अब हम इस पूरे गुप्त राक्षसलोक की खबर निकाल लेंगे ,जरा देखे तो सही इस भुजंग ने इतने हजार सालो से इस गुप्तलोक मे क्या क्या छुपाकर रखा है ,लेकिन कुछ भी बोल कालराक्षस यह हरामी भुजंग हमे सब कूछ नही बताने वाला ,इसने जरूर बहुत से राज अपने अंदर दफन किये होंगे ,इसके सब राज में हर हाल में पता करने वाला हु ,तू अब कुछ मत कर मेरे भाई जरा इन दोनों को में ही देखता हु ,अपनी नागदन्ती कब काम मे आएगी ,बहुत दिनों से वो आम लोगो से लड़कर तंग आ गई है ,जरा इन दोनों को अपनी नागदन्ती के जलवे तो दिखाने पड़ने वाले है ,शिवा भाई की निलनाग की शक्ति से सबसे ज्यादा फायदा मुझे ,महानाग ,नागदन्ती और उसके नाग फौज को हुवा है ,हम सब की ताकद बहुत ज्यादा बढ़ गई है ,कोई दूसरा होता ना भुजंग के अलावा तो में उसे अपना 100 मुह वाला सूवर्ण नाग का रूप दिखा देता आज ,साला इतनी गजब की ताकद और क्या रूप मिला है मुझे इस निलनाग कि ताकद से ,पता नही कब में अपने उस रूप में दुनिया के सामने आ पाऊंगा ,चलो नागदन्ती निकलो बाहर और दिखा दो इन दोनों की इनकी औकात ,
शिवाय के इतना कहते ही नागदन्ती के दो रूप उसके शरीर से निकल कर गजाली और सुहाली के सामने खड़े हो गए ,भुजंग और उसकी बेटीयो को लगा कि यह रूप कालराक्षस और शिबाय ने माया से उनके सामने बनाये है ,गजाली और सुहाली के सामने उनके ही कद की दो नागदन्ती खड़ी थी ,शिवाय ने अपनी माया से दोनो के चेहरे बदल दिए थे ,चार एकदम शक्तिशाली 300 फिट की कन्या एक दुसरे के सामने खड़ी थी ,गजाली और सुहाली के चेहरे पर बहुत ही ज्यादा घमंड दिख रहा था ,उन्हें ऐसा लग रहा था कि अपने सामने खड़ी इस मायावी लड़कियों को वो एक पल में मार सकती है ,दोनो राक्षस कन्या ने एक साथ अपनी माया से दोनो नागदन्ती पर वार किए ,पर वो उनका बाल तक नही हिला सकी ,दोनो राक्षस कन्या ने अब अपने गुस्से में आकर एक से एक घातक मायावी ताकद नागदन्ती पर छोड़नी शुरू कर दी ,पर नागदन्ती पर कुछ भी फर्क नही पड़ रहा था ,उन दोनों के ऊपर शिवाय का अभेद्य मायावी कवच लगा हुवा था ,गजाली और सुहाली ने बहुत कोशिश की उन दोनों को अपनी माया से हराने की पर वो नाकाम ही रही ,दोनो बहने तलवार निकाल कर खुद उन पर टूट पड़ी अब नागदन्ती भी अपने हाथों में तलवार लेकर उन दोनों का मुकाबला करने लगी ,नागदन्ती से ज्यादा फुर्ती उन दोनों में थी ,वो दोनो नागदन्ती पर भारी पड़ रही थी ,जिसे देख कर भुजंग की हसि निकल रही थी ,कुछ ही देर में गजाली और सुहाली ने उन दोनों नागदन्ती को मार दिया ,भुजंग यह देख कर हसने लगा पर थोड़ी ही देर में उसके सामने 4 नागदन्ती खड़ी थी ,भुजंग ने अपनी बेटियों के सामने दो मायावी कन्या प्रकट होने के बाद कालराक्षस और शिवाय की शक्तियां को फिर से बंधन में डाल दिया था ,ताकि वो दोनो कोई छल न कर सके पर अपने सामने दो मायावी कन्या के खत्म होने के बाद 4 उसकी जगह खड़ी देखकर भुजंग के साथ गजाली और सुहाली को भी हैरानी हो गयी ,उन्होंने ही अपने पिता को इन दोनों के सामने आने के बाद कालराक्षस और शिवाय की ताकद को बंधन में डालने को कहा था ,उन दोनों ने पहले जिन मायावी कन्या को मारा था उससे दुगनी ताक़दवर यह 4 नई मायावी कन्या दिख रही थी ,पर गजाली और सुहाली को खुद पर बहुत ज्यादा भरोसा था ,दोनो वापस उन चारो पर टूट पड़ी देखते ही देखते यह लड़ाई भयानक रूप ले रही थी ,गजाली और सुहाली भी अपने 2 रूप बनाकर उनसे लड़ रही थी ,गजाली और सुहाली नागदन्ती के जितने रूप को मार देती तो दूसरे ही पल उनके सामने उनसे ज्यादा ताक़दवर और दुगनी संख्या में और नागदन्ती के रूप खड़े हो जाते ,हजारो नागदन्ती के रूप अब गजाली और सुहाली से लड़ रहे थे ,गजाली और सुहाली अपने 100 रुप ही बना सकती थी ,202 गजाली और सुहाली के रूप 10 हजार नागदन्ती के रूप से लड़ रहे थे ,नागदन्ती के यह सभी रूप बहुत ही ज्यादा ताक़दवर हो गए थे ,गजाली और सुहाली के सभी रूपो को उन्होंने मार दिया था ,गजाली और सुहाली ही अब उनसे लड़ रही थी ,पर वो दोनो भी बहुत ज्यादा थक गई थी ,उनसे तो बस नागदन्ती का एक ही प्रतिरूप लड़ रहा था ,पर वो भी उनपर भारी ही पड़ रहा था ,भुजंग को अपनी बेटियों की मौत दिखने लगी उसने तुंरत कालराक्षस और शिवाय की ताकद से बंधन हटा दिए और कहा ,इन को रोको नही तो मेरी बेटिया मर जायेगी इनके हाथो से ,तब तक गजाली और सुहाली जमीन पर गिर चुकी थी ,उनकी बहुत बुरी हालत हो गयी थी ,नागदन्ती के रूपो ने बहुत जबरदस्त धोया था उन दोनों को ,उन दोनों का घमण्ड पूरी तरह तोड़ दिया था ,जमीन की मिट्टी से और अपने खुन से उनका चेहरा भर गया था ,वो बड़ी मुश्किल से अपनी सांस ले रही थी ,आज उनकी औकात उन्हें पता चल चुकी थी ,अगर सभी नागदन्ती के रुप उनसे लड़े होते तो उनकी हड्डियां तक नही मिल सकती थी ,शिवाय ने नागदन्ती के सभी रूपो को अपने अंदर ले लिया ,
नागदन्ती के सभी रूपो से शिवाय ने कहा ,अच्छा हुवीं तुम मेरी बात समझ गयी थी ,नही तो तुम दोनो ही उन्हें हरा देती ,में तो बस तुम्हारे और शक्तिशाली रूप बना रहा था ,ताकि जरा इन गुप्तलोक के राक्षसो का सफाया कर सकू ,चलो अच्छा हुवा मेरे पास अब तुम्हारे 10 हजार से ज्यादा रूप है ,तुम सब को में यही छोड़ जाऊंगा ,बस एक एक को पकड़ कर मारना शुरू कर दो ,बहुत उछल रहा है ना यह भुजंग अपनी इस गुप्त सेना पर ,एक कि भी लाश नही दिखनी चाहिए ,मेंनें यह पता कर लिया है ,इस महल के बाहर तुम्हे कोई नही देख पायेगा ,तुम सब एक बात का खास ख्याल रखना भूल कर भी इस महल में नही आना ,यहा त्रिदेवियों की शक्तिया है यहा तुम आसानी से पकड़ी जा सकती हो पर इस महल के बाहर कोई नही पकड़ सकता है तुम्हे ,एक काम करना मेर अंदर सिर्फ 1 ही नागदन्ती को छोड़कर बाकी सभी अभी से अपने काम पर लग जाना ,फिर क्या था शिवाय के अंदर एक ही नागदन्ति बच गई और बाकी सभी वहां से गायब होकर राक्षसलोक में चली गई ,सभी के ऊपर शिवाय ने अपना बेहद शक्तिशाली मायावी कवच लगा दिया था ,कालराक्षस शिवाय के मन मे बोला ,भाई तुझे इस भुजंग से इतनी नफरत क्यो है ,बेचारे की यह गुप्तलोक कि राक्षस सेना पता नही कभी दुनिया के सामने आएगी भी या नही ,यह भुजंग अपने आप को बहुत गालिया देने वाला है ,इसने बहुत बड़ी गलती कर दी है हमे यहा लाकर ,एक वक्त तो में इसे इतना नुकसान नही करता पर तु तो इसके पीछे हाथ धोकर पड़ गया है ,में एक बात बोल देता हूं ,में इन दोनों से शादी नही करने वाला ,मेरे लिये तो बीरा ही बहुत है ,इनके साथ तुम ही शादी करना ,
शिवाय हसकर उसके मन मे बोला ,भाई मेंनें शिवाय के रूप में आज तक एक भी शादी नही की है ,में तो इन दोनो से जरूर शादी करने वाला हु ,शिवा भाई ने जो बिजली की ताकद दी है ना उसका उपयोग होने वाला है अब ,देखना इन दोनों की चुत और गांण्ड को बिजली ऐसे झटके देकर चोदूँगा ना कि इनकी अकड़ और घमंड सब खत्म हो जाएगी ,ये दोनो जब भी मुझे अपने सामने देखगी अपनी चुत से मूतने ना लगी डर से तो मेरा नाम शिवाय नही ,
शिवाय की बातों से कालराक्षस दिल खोल के हस रहा था ,भुजंग तो कब का अपनी बेटियों के पास जा चुका था राजवैद्य के साथ ,कालराक्षस शिवाय के मन मे बोला ,भाई तू है बहुत खतरनाक यह भुजंग के बेटीयो को लिये तू एकदम सही है ,इस भुजंग को ऐसा दामाद मिलने वाला है जो इसकी ही मारने वाला है ,भाई वो सब ठीक है ,अब तो बोल यह लामन कौन है ,
शिवाय ,यह लामन एक काला शेर है ,जिसमे बहुत सी दिव्य शक्तिया है ,भुजंग ने इसका मिलन काली शक्तिया से बनी एक शेरनी से करके दो बहुत ही खूंखार शेरनियां पैदा की है ,अपने शेरा के लिए वो दोनो बहुत सही है ,यह साला लामन तो नामर्द बन गया है ,उसकी पत्नी की वजह से ,लगता है अपने शेरा को एक साथ मा और बेटिया दोनो मिलने वाली है ,तीनो बहुत प्यासी हो गयी है अपनी कामवासना से ,मेंनें लामन को वचन दिया है इसे में यहा से ले जाऊंगा ,इसे तो शिवा भाई के पास छोड़ कर में शेरा को लेकर आनेवाला हु राक्षस लोक में ,आज से लामन की जगह वो इस महल में रहने वाला है ,इस लामन के पास एक दिव्य मनी जिसकी वजह से यह त्रिदेवियों के महल में आसानी से आ जा सकता है ,बिचारा अच्छा है पर क्या करे इस नामर्दी ने कोई काम का नही रखा ,नागदन्ती जब लड़ रही थी तभी मेंनें इससे सब बातें कर ली है ,यह नही तो कबसे मेरी कैद से भाग गया होता ,आज से लामन भी हमारा साथ देने वाला है ,यह कोई आम शेर नही है त्रिदेवियों की शक्ति से बना है ,पर काली शक्ति के वजह से यह थोड़ा बिगड़ गया था ,कुछ दिन शिवा भाई के अंदर रहेगा तो यह भी ठीक हो जाएगा ,दिव्य शक्तिया होकर भुजंग की संगत में गजाली और सुहाली ऐसी पापी बन सकती है तो सोचो इस बेचारे पर कितने जुल्म किये होंगे इस भुजंग ने ,लामन अपने वचन से बन्धा नही होता तो कब का वह भुजंग के पास से चला जाता ,यह खुद यहा से नही जा सकता ,पर अगर किसी ने इसे बन्दी बना लिया तो यह उसके साथ रह सकता है ,भुजंग की बात मानने का यह बाध्य नही होगा इसके बाद ,जो भी इसे हराकर बन्दी बना लेगा यह उसीका गुलाम होगा ,और सुन बे लामन शिवा भाई के सामने गुलाम की बात नही करना ,नही तो में वापिस तुझे यही छोड़ दूंगा ,तू लगे तो मुझे और कालराक्षस को मालिक बोल लेना ,पर शिवा भाई को भूलकर भी मालिक कहकर नही बुलाना ,वो क्या है हमारे भाई को ऐसी बाते पसन्द नही है ,तू उनके साथ रहेगा ना तू भी खुश हो जाएगा ,में तो थोड़ा बिगड़ा हुवा हु ,पर वो बहुत अच्छे है ,तूने अगर यहा की बाते उन्हें बतायी तो में लामनी को भी गुलाम बनाकर तेरे पास छोड़ दूंगा ,
शिवाय के अंदर से लामन बोला ,मालिक में ऐसी गलती नही करूँगा ,आप लगे तो मेरे दिमाग से सब बातें निकाल दीजिये ,में इस लामनी से बहुत परेशान हो गया हूं ,साली की प्यास बुझाते हुवे मुझ जैसा दिव्य शेर नामर्द बन गया तो आप ही सोचो वो कितनी प्यासी होगी ,मेरी बेटीयो भी उसके जैसी ही हो गयी है ,वो तो अच्छा हुवा में वो दोनो बड़ी होने से पहले ही नामर्द बन गया ,नही तो वो दोनो भी मुझे नही छोडती ,अरे बापरे भाई यह तीनों यही आ रही है सामने देखो ,लगता है उन्हें मेरी महक से पता चल चुका है में यही पर हु ,
शिवाय ने सामने देखा तो उसके सामने तीन शेरनियां आ रही थी ,वो तीनो भी बहुत ही खूंखार और ताक़दवर दिख रही थी ,तीनो एकदम काली थी ,300 फिट के ऊपर उनका कद था शिवाय और कालराक्षस के सामने भी वो बहुत ही भयानक दिख रही थी ,उसमे लामनी थोड़ी ज्यादा लंबी चौड़ी दिख रही थी ,300 फिट लंबी ,और 900 फिट चौड़ी काली शेरनी थी लामनी ,लामन भी उसके जैसा ही लम्बा और तगडा था ,तीनो बहुत देर तक कालराक्षस और शिवाय के इर्दगिर्द घूमकर उन दोनों को सूंघ रही थी ,शिवाय ने अपने ऊपर एक कवच लगा देने से उन्हें लामन की खुशबू नही आ रही थी ,वो गुस्से में दहाड़ती वहां से चली गई ,उसके जाने के बाद लामन भाई आपका शेरा इस को संभाल तो लेगा ना ,यह लामनी अकेली ही इतनी खतरनाक है कि क्या कहे ,मेरी बेटिया भी उससे कम नही है ,
शिवाय पहले का शेरा होता तो बहुत मुश्किल होती उसे भी लेकिन शिवा भाई की वजह से उसकी भी ताकद बहुत बढ़ गई है ,वो लामनी से 50 फिट लम्बा और 100 फिट ज्यादा चौडा है ,हजारो साल से वो भी किसी के साथ संभोग नही कर सका है ,लामनी और तेरी दोनो बेटिया को वो भगा भगा कर चोदने वाला है ,हा हा हा ,
लामन अपने मन मे ,साला इस पागल के शरीर मे कैसे भगवान विष्णु का अंश हो सकता है ,मुझे तो तीनों त्रिदेव की अंश इसमे है ऐसा लगता है ,पता नही इस पागल में कैसी इतनी ताकद है ,हर दम यह किसी ना किसी की मारने की सोचता है ,इस भुजंग से कोई पंगा नही लेता और यह उसकी ही बेटीयो की चुत और गांण्ड को बिजली के झटके देंने की सोच रहा है ,पता नही इस ठरकी में कैसी इतनी पूण्य शक्तिया है ,
शिवाय हसकर ,लामन तू मेरे अंदर रहकर ही मुझे कोस रहा है ,भुजंग की बेटिया नही लामनी और तेरी बेटिया क्यो भागने वाली है शेरा से पता है तुझे ,उसमे भी बिजली की शक्तियां आ गई है ,तेरी पत्नी की कामवासना वो बहुत अच्छे से बूझाने वाला है ,और बात ऐसी है भाई काटे को हमेशा काटे से निकालते है ,इस भुजंग जैसे पापियो के लिये मुझ जैसा ही ठरकी चाहिये ,इनको कोई भला और नेक सही तरीके से सबक नही सीखा सकता ,इन्हें में ही दिखाने वाला हु की जब अच्छी ताकद किसी को सताने पर आती है तो किस कदर तड़पा सकती है ,तू भी देखेगा यह भुजंग मरने के बाद भी दुबारा कभी जन्म नही लगा इतनी तकलीफ़ और दर्द इसे मिलने वाला है मुझसे ,यह अपनी मौत को खुद गले लगाना ही असली सुख समझेगा ।
वाह वाह कया बात है भाई कमाल का अपडेट किया है।Update 111
भुजंग के सामने बैठे कालराक्षस और शिवाय की तरफ गजाली और सुहाली बहुत ही क्रोध से देख रही थी ,कालराक्षस तो पहले ही लामन के बारे में सोचकर परेशान था ,शिवाय उसे कुछ बताने को तैयार ही नही था ,बस बाते गोल गोल घुमा रहा था ,ऊपर से उसे गजाली और सुहाली कबसे अभद्र भाषा मे बोल कर चिढ़ा रही थीं ,कालराक्षस में था तो रावण का असली राक्षस अंश ,उसके अंदर का राक्षस कब तक ऐसी बाते सुन सकता था ,उसने बहुत ही गुस्से से कहा ,आप दोनो औरते है ,आप अगर महाराज भुजंग की बेटिया और औरत ना होकर कोई सामान्य राक्षस होती तो में आपको बता देता की बहादुरी किसे कहते है ,हम आपके पिता के ऋणी है नही तो आज हम औरत को भी मारने से परहेज नही कर सकते ,आप दोनो राजकुमारी होकर भी इस तरह की अभद्र भाषा का उपयोग कर रही है ,आपका कम से कम अपने पिता की तो इज्जत करनी चाहिए ,जिनके सामने आप इतनी गन्दी भाषा का इस्तेमाल कर रही है ,महाराज आप ने हमे यहा इनसे शादी कराने के लिये लाये थे या इनकी गालिया खिलाने ,एक महाराज होकर भी आप अपने साथ लेकर आने वाले अपने ही लोगो का अपमान अपनी बेटियों से होते देख चुप है ,यह आपको शोभा नही देता ,भले ही हम आपके सेवक है महाराज ,पर हम भी तो अपनी भुजा में बल और दिल मे हिम्मत रखते है ,आप के एक कहने पर हम किसीसे भी लडने को तैयार हो सकते है ,पर एक बात आपको में बता देता हूं ,भले आप मुझे आप जान से मार दे में ऐसी राजकुमारी यो से कभी शादी नही कर सकता जिन्हें किसी की इज्जत नही करनी आती ,में पहले से शादी शुदा हु मेरी पत्नी एक आम राक्षस कन्या है ,भले वो राजकुमारीयो जितनी सुंदर ना हो पर उसमे राजकुमारीयो से बहुत ज्यादा अच्छे संस्कार है ,ऐसी राजकुमारी यो से शादी करने के बजाय में आपके हाथो से मरना पसन्द करूँगा ,आप दोनो राजकुमारीयो को अपनी ताकद पर बहुत घमंड है ना ,आप हम दोनो को हराने की बात कर रही है ना ,महाराज से कहकर हमपर लगे सारे ताकद के बंधन हटा दीजिये ,हमारी माया की बनी लड़कियों को सिर्फ हरा दीजिये हम आपके गुलाम बनकर रहने को तैयार है और अगर आप उनसे हार गई तो आप क्या कर सकती है यह आप ही सोच कर बोलिये , कालराक्षस की बात से तो दोनो बहने और भड़क गई उन्होंने अपने पिता से कहकर इन दोनों पर लगें सारे बंधन हटाने को कह दिया ,भुजंग ने भी उन दोनों पर महल में आने के बाद उनपर लगी सारी शक्तियो के बंधन हटा दिये ,पाँचो अब महल के पीछे चले गए ,जहा पर बहुत ही विशाल युद्धाभ्यास का मैदान था ,कालराक्षस और शिवाय तो महल के पीछे आकर सामने देखकर हैरान हो गए थे ,उस महल के बाहर राक्षसलोक से बहुत ज्यादा बड़ी एक राक्षस लोगो की नगरी दिख रही थी ,जहा पर अपनी दिव्य दृष्टि से दोनो को अरबो राक्षस दिख रहे थे ,जो बहुत ही ज्यादा बलावान और शक्तिशाली दिख रहे थे ,उनमें से कुछ तो बहुत ही दिव्य शक्ति वाले लग रहे थे ,भुजंग उनके चेहरे की तरफ देख कर बोला ,यह है असली राक्षसलोक जो किसी को नही पता ,इसी राक्षसलोक में मेरे सभी बेटे और बहुत से बलावान राक्षस रहते है ,जिन बेटो से तुम मीले हो वो सभी अलग है और यह सब अलग है ,यहा पर मेरे असली बेटे रहते है जो दिव्यशक्ति के मालिक है ,यह दुनिया की नजरों में अभीतक नही आये है अबतक ,तुम जिस राक्षसलोक को जानते थे उसीके राक्षस कितने बहादुर है तो यहा के राक्षस इस दिव्य महल के वजह से कितने शक्तिशाली हो गए होंगें ,मेंनें अपने इस राक्षसलोक के एक भी राक्षस को आजतक यहा से बाहर नही जाने दिया है ,इन सबमें काली दुनिया से मिली बहुत ही घातक शक्तिया है ,जिसके सामने टिकना बहुत मुश्किल है ,जिस दिन यह बाहर की दुनिया मे कदम रखेंगे उस दिन दुनिया पर मेरा ही राज होने वाला है ,इनसे टकराने वाला आज तक कोई पैदा नही हुवा है ,इनकी खूबियां और शक्तिया में बताने लग जाउ तो वर्षों का समय लग जायेगा ,यहा का हर बेटा अपने आप मे एक अजिंक्य वीर है ,तुम दोनो को मिलकर भी मेरे किसी एक बेटे से नही लड़ सकते ,तुम्हे में खोना नही चाहता हु ,पर आज कालराक्षस ने बहुत बड़ी बात बोल दी है ,जरा में भी तो देखु तुम्हारी माया की ताकत ,मेरी दोनो बेटिया कोई साधरण नही बल्कि दिव्य अंश लेकर पैदा हुवीं है ,उनके सामने तुम्हे में पूरा मौका देने वाला हु ,ताकि तुम्हे कोई मलाल न रहे ,
शिवाय कालराक्षस के मन मे बोला ,चलो एक बात अच्छी हुवीं इस लामन को को अब में आसानी से छोड़ने नही वाला वाला ,हमारी ताकद की सभी बंधन खुल जाने से यह अब कुछ नही कर पा रहा है ,बहुत ही बेबस हो गया है बेचारा ,पर इस भुजंग ने त्रिदेविया से ऐसे कौनसे वरदान लिए है ,इस गुप्त राक्षसलोक की जानकारी उन्हें भी नही है ,त्रिदेविया की वजह से वो इस गुप्तलोक को नही देख पाए थे ,अब हम इस पूरे गुप्त राक्षसलोक की खबर निकाल लेंगे ,जरा देखे तो सही इस भुजंग ने इतने हजार सालो से इस गुप्तलोक मे क्या क्या छुपाकर रखा है ,लेकिन कुछ भी बोल कालराक्षस यह हरामी भुजंग हमे सब कूछ नही बताने वाला ,इसने जरूर बहुत से राज अपने अंदर दफन किये होंगे ,इसके सब राज में हर हाल में पता करने वाला हु ,तू अब कुछ मत कर मेरे भाई जरा इन दोनों को में ही देखता हु ,अपनी नागदन्ती कब काम मे आएगी ,बहुत दिनों से वो आम लोगो से लड़कर तंग आ गई है ,जरा इन दोनों को अपनी नागदन्ती के जलवे तो दिखाने पड़ने वाले है ,शिवा भाई की निलनाग की शक्ति से सबसे ज्यादा फायदा मुझे ,महानाग ,नागदन्ती और उसके नाग फौज को हुवा है ,हम सब की ताकद बहुत ज्यादा बढ़ गई है ,कोई दूसरा होता ना भुजंग के अलावा तो में उसे अपना 100 मुह वाला सूवर्ण नाग का रूप दिखा देता आज ,साला इतनी गजब की ताकद और क्या रूप मिला है मुझे इस निलनाग कि ताकद से ,पता नही कब में अपने उस रूप में दुनिया के सामने आ पाऊंगा ,चलो नागदन्ती निकलो बाहर और दिखा दो इन दोनों की इनकी औकात ,
शिवाय के इतना कहते ही नागदन्ती के दो रूप उसके शरीर से निकल कर गजाली और सुहाली के सामने खड़े हो गए ,भुजंग और उसकी बेटीयो को लगा कि यह रूप कालराक्षस और शिबाय ने माया से उनके सामने बनाये है ,गजाली और सुहाली के सामने उनके ही कद की दो नागदन्ती खड़ी थी ,शिवाय ने अपनी माया से दोनो के चेहरे बदल दिए थे ,चार एकदम शक्तिशाली 300 फिट की कन्या एक दुसरे के सामने खड़ी थी ,गजाली और सुहाली के चेहरे पर बहुत ही ज्यादा घमंड दिख रहा था ,उन्हें ऐसा लग रहा था कि अपने सामने खड़ी इस मायावी लड़कियों को वो एक पल में मार सकती है ,दोनो राक्षस कन्या ने एक साथ अपनी माया से दोनो नागदन्ती पर वार किए ,पर वो उनका बाल तक नही हिला सकी ,दोनो राक्षस कन्या ने अब अपने गुस्से में आकर एक से एक घातक मायावी ताकद नागदन्ती पर छोड़नी शुरू कर दी ,पर नागदन्ती पर कुछ भी फर्क नही पड़ रहा था ,उन दोनों के ऊपर शिवाय का अभेद्य मायावी कवच लगा हुवा था ,गजाली और सुहाली ने बहुत कोशिश की उन दोनों को अपनी माया से हराने की पर वो नाकाम ही रही ,दोनो बहने तलवार निकाल कर खुद उन पर टूट पड़ी अब नागदन्ती भी अपने हाथों में तलवार लेकर उन दोनों का मुकाबला करने लगी ,नागदन्ती से ज्यादा फुर्ती उन दोनों में थी ,वो दोनो नागदन्ती पर भारी पड़ रही थी ,जिसे देख कर भुजंग की हसि निकल रही थी ,कुछ ही देर में गजाली और सुहाली ने उन दोनों नागदन्ती को मार दिया ,भुजंग यह देख कर हसने लगा पर थोड़ी ही देर में उसके सामने 4 नागदन्ती खड़ी थी ,भुजंग ने अपनी बेटियों के सामने दो मायावी कन्या प्रकट होने के बाद कालराक्षस और शिवाय की शक्तियां को फिर से बंधन में डाल दिया था ,ताकि वो दोनो कोई छल न कर सके पर अपने सामने दो मायावी कन्या के खत्म होने के बाद 4 उसकी जगह खड़ी देखकर भुजंग के साथ गजाली और सुहाली को भी हैरानी हो गयी ,उन्होंने ही अपने पिता को इन दोनों के सामने आने के बाद कालराक्षस और शिवाय की ताकद को बंधन में डालने को कहा था ,उन दोनों ने पहले जिन मायावी कन्या को मारा था उससे दुगनी ताक़दवर यह 4 नई मायावी कन्या दिख रही थी ,पर गजाली और सुहाली को खुद पर बहुत ज्यादा भरोसा था ,दोनो वापस उन चारो पर टूट पड़ी देखते ही देखते यह लड़ाई भयानक रूप ले रही थी ,गजाली और सुहाली भी अपने 2 रूप बनाकर उनसे लड़ रही थी ,गजाली और सुहाली नागदन्ती के जितने रूप को मार देती तो दूसरे ही पल उनके सामने उनसे ज्यादा ताक़दवर और दुगनी संख्या में और नागदन्ती के रूप खड़े हो जाते ,हजारो नागदन्ती के रूप अब गजाली और सुहाली से लड़ रहे थे ,गजाली और सुहाली अपने 100 रुप ही बना सकती थी ,202 गजाली और सुहाली के रूप 10 हजार नागदन्ती के रूप से लड़ रहे थे ,नागदन्ती के यह सभी रूप बहुत ही ज्यादा ताक़दवर हो गए थे ,गजाली और सुहाली के सभी रूपो को उन्होंने मार दिया था ,गजाली और सुहाली ही अब उनसे लड़ रही थी ,पर वो दोनो भी बहुत ज्यादा थक गई थी ,उनसे तो बस नागदन्ती का एक ही प्रतिरूप लड़ रहा था ,पर वो भी उनपर भारी ही पड़ रहा था ,भुजंग को अपनी बेटियों की मौत दिखने लगी उसने तुंरत कालराक्षस और शिवाय की ताकद से बंधन हटा दिए और कहा ,इन को रोको नही तो मेरी बेटिया मर जायेगी इनके हाथो से ,तब तक गजाली और सुहाली जमीन पर गिर चुकी थी ,उनकी बहुत बुरी हालत हो गयी थी ,नागदन्ती के रूपो ने बहुत जबरदस्त धोया था उन दोनों को ,उन दोनों का घमण्ड पूरी तरह तोड़ दिया था ,जमीन की मिट्टी से और अपने खुन से उनका चेहरा भर गया था ,वो बड़ी मुश्किल से अपनी सांस ले रही थी ,आज उनकी औकात उन्हें पता चल चुकी थी ,अगर सभी नागदन्ती के रुप उनसे लड़े होते तो उनकी हड्डियां तक नही मिल सकती थी ,शिवाय ने नागदन्ती के सभी रूपो को अपने अंदर ले लिया ,
नागदन्ती के सभी रूपो से शिवाय ने कहा ,अच्छा हुवीं तुम मेरी बात समझ गयी थी ,नही तो तुम दोनो ही उन्हें हरा देती ,में तो बस तुम्हारे और शक्तिशाली रूप बना रहा था ,ताकि जरा इन गुप्तलोक के राक्षसो का सफाया कर सकू ,चलो अच्छा हुवा मेरे पास अब तुम्हारे 10 हजार से ज्यादा रूप है ,तुम सब को में यही छोड़ जाऊंगा ,बस एक एक को पकड़ कर मारना शुरू कर दो ,बहुत उछल रहा है ना यह भुजंग अपनी इस गुप्त सेना पर ,एक कि भी लाश नही दिखनी चाहिए ,मेंनें यह पता कर लिया है ,इस महल के बाहर तुम्हे कोई नही देख पायेगा ,तुम सब एक बात का खास ख्याल रखना भूल कर भी इस महल में नही आना ,यहा त्रिदेवियों की शक्तिया है यहा तुम आसानी से पकड़ी जा सकती हो पर इस महल के बाहर कोई नही पकड़ सकता है तुम्हे ,एक काम करना मेर अंदर सिर्फ 1 ही नागदन्ती को छोड़कर बाकी सभी अभी से अपने काम पर लग जाना ,फिर क्या था शिवाय के अंदर एक ही नागदन्ति बच गई और बाकी सभी वहां से गायब होकर राक्षसलोक में चली गई ,सभी के ऊपर शिवाय ने अपना बेहद शक्तिशाली मायावी कवच लगा दिया था ,कालराक्षस शिवाय के मन मे बोला ,भाई तुझे इस भुजंग से इतनी नफरत क्यो है ,बेचारे की यह गुप्तलोक कि राक्षस सेना पता नही कभी दुनिया के सामने आएगी भी या नही ,यह भुजंग अपने आप को बहुत गालिया देने वाला है ,इसने बहुत बड़ी गलती कर दी है हमे यहा लाकर ,एक वक्त तो में इसे इतना नुकसान नही करता पर तु तो इसके पीछे हाथ धोकर पड़ गया है ,में एक बात बोल देता हूं ,में इन दोनों से शादी नही करने वाला ,मेरे लिये तो बीरा ही बहुत है ,इनके साथ तुम ही शादी करना ,
शिवाय हसकर उसके मन मे बोला ,भाई मेंनें शिवाय के रूप में आज तक एक भी शादी नही की है ,में तो इन दोनो से जरूर शादी करने वाला हु ,शिवा भाई ने जो बिजली की ताकद दी है ना उसका उपयोग होने वाला है अब ,देखना इन दोनों की चुत और गांण्ड को बिजली ऐसे झटके देकर चोदूँगा ना कि इनकी अकड़ और घमंड सब खत्म हो जाएगी ,ये दोनो जब भी मुझे अपने सामने देखगी अपनी चुत से मूतने ना लगी डर से तो मेरा नाम शिवाय नही ,
शिवाय की बातों से कालराक्षस दिल खोल के हस रहा था ,भुजंग तो कब का अपनी बेटियों के पास जा चुका था राजवैद्य के साथ ,कालराक्षस शिवाय के मन मे बोला ,भाई तू है बहुत खतरनाक यह भुजंग के बेटीयो को लिये तू एकदम सही है ,इस भुजंग को ऐसा दामाद मिलने वाला है जो इसकी ही मारने वाला है ,भाई वो सब ठीक है ,अब तो बोल यह लामन कौन है ,
शिवाय ,यह लामन एक काला शेर है ,जिसमे बहुत सी दिव्य शक्तिया है ,भुजंग ने इसका मिलन काली शक्तिया से बनी एक शेरनी से करके दो बहुत ही खूंखार शेरनियां पैदा की है ,अपने शेरा के लिए वो दोनो बहुत सही है ,यह साला लामन तो नामर्द बन गया है ,उसकी पत्नी की वजह से ,लगता है अपने शेरा को एक साथ मा और बेटिया दोनो मिलने वाली है ,तीनो बहुत प्यासी हो गयी है अपनी कामवासना से ,मेंनें लामन को वचन दिया है इसे में यहा से ले जाऊंगा ,इसे तो शिवा भाई के पास छोड़ कर में शेरा को लेकर आनेवाला हु राक्षस लोक में ,आज से लामन की जगह वो इस महल में रहने वाला है ,इस लामन के पास एक दिव्य मनी जिसकी वजह से यह त्रिदेवियों के महल में आसानी से आ जा सकता है ,बिचारा अच्छा है पर क्या करे इस नामर्दी ने कोई काम का नही रखा ,नागदन्ती जब लड़ रही थी तभी मेंनें इससे सब बातें कर ली है ,यह नही तो कबसे मेरी कैद से भाग गया होता ,आज से लामन भी हमारा साथ देने वाला है ,यह कोई आम शेर नही है त्रिदेवियों की शक्ति से बना है ,पर काली शक्ति के वजह से यह थोड़ा बिगड़ गया था ,कुछ दिन शिवा भाई के अंदर रहेगा तो यह भी ठीक हो जाएगा ,दिव्य शक्तिया होकर भुजंग की संगत में गजाली और सुहाली ऐसी पापी बन सकती है तो सोचो इस बेचारे पर कितने जुल्म किये होंगे इस भुजंग ने ,लामन अपने वचन से बन्धा नही होता तो कब का वह भुजंग के पास से चला जाता ,यह खुद यहा से नही जा सकता ,पर अगर किसी ने इसे बन्दी बना लिया तो यह उसके साथ रह सकता है ,भुजंग की बात मानने का यह बाध्य नही होगा इसके बाद ,जो भी इसे हराकर बन्दी बना लेगा यह उसीका गुलाम होगा ,और सुन बे लामन शिवा भाई के सामने गुलाम की बात नही करना ,नही तो में वापिस तुझे यही छोड़ दूंगा ,तू लगे तो मुझे और कालराक्षस को मालिक बोल लेना ,पर शिवा भाई को भूलकर भी मालिक कहकर नही बुलाना ,वो क्या है हमारे भाई को ऐसी बाते पसन्द नही है ,तू उनके साथ रहेगा ना तू भी खुश हो जाएगा ,में तो थोड़ा बिगड़ा हुवा हु ,पर वो बहुत अच्छे है ,तूने अगर यहा की बाते उन्हें बतायी तो में लामनी को भी गुलाम बनाकर तेरे पास छोड़ दूंगा ,
शिवाय के अंदर से लामन बोला ,मालिक में ऐसी गलती नही करूँगा ,आप लगे तो मेरे दिमाग से सब बातें निकाल दीजिये ,में इस लामनी से बहुत परेशान हो गया हूं ,साली की प्यास बुझाते हुवे मुझ जैसा दिव्य शेर नामर्द बन गया तो आप ही सोचो वो कितनी प्यासी होगी ,मेरी बेटीयो भी उसके जैसी ही हो गयी है ,वो तो अच्छा हुवा में वो दोनो बड़ी होने से पहले ही नामर्द बन गया ,नही तो वो दोनो भी मुझे नही छोडती ,अरे बापरे भाई यह तीनों यही आ रही है सामने देखो ,लगता है उन्हें मेरी महक से पता चल चुका है में यही पर हु ,
शिवाय ने सामने देखा तो उसके सामने तीन शेरनियां आ रही थी ,वो तीनो भी बहुत ही खूंखार और ताक़दवर दिख रही थी ,तीनो एकदम काली थी ,300 फिट के ऊपर उनका कद था शिवाय और कालराक्षस के सामने भी वो बहुत ही भयानक दिख रही थी ,उसमे लामनी थोड़ी ज्यादा लंबी चौड़ी दिख रही थी ,300 फिट लंबी ,और 900 फिट चौड़ी काली शेरनी थी लामनी ,लामन भी उसके जैसा ही लम्बा और तगडा था ,तीनो बहुत देर तक कालराक्षस और शिवाय के इर्दगिर्द घूमकर उन दोनों को सूंघ रही थी ,शिवाय ने अपने ऊपर एक कवच लगा देने से उन्हें लामन की खुशबू नही आ रही थी ,वो गुस्से में दहाड़ती वहां से चली गई ,उसके जाने के बाद लामन भाई आपका शेरा इस को संभाल तो लेगा ना ,यह लामनी अकेली ही इतनी खतरनाक है कि क्या कहे ,मेरी बेटिया भी उससे कम नही है ,
शिवाय पहले का शेरा होता तो बहुत मुश्किल होती उसे भी लेकिन शिवा भाई की वजह से उसकी भी ताकद बहुत बढ़ गई है ,वो लामनी से 50 फिट लम्बा और 100 फिट ज्यादा चौडा है ,हजारो साल से वो भी किसी के साथ संभोग नही कर सका है ,लामनी और तेरी दोनो बेटिया को वो भगा भगा कर चोदने वाला है ,हा हा हा ,
लामन अपने मन मे ,साला इस पागल के शरीर मे कैसे भगवान विष्णु का अंश हो सकता है ,मुझे तो तीनों त्रिदेव की अंश इसमे है ऐसा लगता है ,पता नही इस पागल में कैसी इतनी ताकद है ,हर दम यह किसी ना किसी की मारने की सोचता है ,इस भुजंग से कोई पंगा नही लेता और यह उसकी ही बेटीयो की चुत और गांण्ड को बिजली के झटके देंने की सोच रहा है ,पता नही इस ठरकी में कैसी इतनी पूण्य शक्तिया है ,
शिवाय हसकर ,लामन तू मेरे अंदर रहकर ही मुझे कोस रहा है ,भुजंग की बेटिया नही लामनी और तेरी बेटिया क्यो भागने वाली है शेरा से पता है तुझे ,उसमे भी बिजली की शक्तियां आ गई है ,तेरी पत्नी की कामवासना वो बहुत अच्छे से बूझाने वाला है ,और बात ऐसी है भाई काटे को हमेशा काटे से निकालते है ,इस भुजंग जैसे पापियो के लिये मुझ जैसा ही ठरकी चाहिये ,इनको कोई भला और नेक सही तरीके से सबक नही सीखा सकता ,इन्हें में ही दिखाने वाला हु की जब अच्छी ताकद किसी को सताने पर आती है तो किस कदर तड़पा सकती है ,तू भी देखेगा यह भुजंग मरने के बाद भी दुबारा कभी जन्म नही लगा इतनी तकलीफ़ और दर्द इसे मिलने वाला है मुझसे ,यह अपनी मौत को खुद गले लगाना ही असली सुख समझेगा ।
Great update with awesome writing skills bhai.yeUpdate 112
शिवाने शाम के 6 बजे तक रिना ,मधु और शिवानी के साथ मिलन करके पृथ्वी तत्व ,वायु तत्व और पाताल की आग हासिल कर चुका था ,शिवा को सबसे ज्यादा तकलीफ पाताल की आग पाने के दौरान ही हुवीं थी ,पाताल की यह काली आग बहुत ही भयानक ताकद शिवा ने हासिल कर ली थी ,उस ताकद को शिवा के सिवा कोई भी अंश धारण नही कर सकता था ,ऐसा शिवानी ने कहा था ,इस पाताल की ताकद का जो अंश शिवा से बनने वाला था वो बहुत ही भयानक बनने वाला था ,पापियो और दृष्टो को जला कर उनकी आत्मा को तड़पाना उसे बहुत पसंद था ,शिवा ने अपनी सभी शक्तिया मिलने के अपने सभी अंशो को अपने अंदर बुला लिया ,काल2 और शिवाय के सिवा कोई भी इस पाताल की आग को नही धारण कर पाया था ,शिवा के सारे अंश 6 तत्व की शक्तिया मिल जाने से बहुत ही ज्यादा बलशाली और खतरनाक हो गए थे ,शिवाय और कालराक्षस ने राक्षसलोक में बहुत ही ज्यादा धूम मचा दी थी ,भुजंग के आने में धरती के समय से अभी 8 ही दिन बचे थे ,शिवा के सभी अंश उसके पास से चले गए ,शिवा फिर सभी के पास फ़ातिमा के फार्म हाउस पहुच गया ,वहां 6 तत्वों के सभी लडकिया के साथ ,हिमांनी ,नेत्रा ,केतकी और शिवानी मौजूद थी ,उन सब लड़कियों में शिवा की वजह से एक अलग ही प्यार का बंधन पहुच गया था ,शिवाने नेत्रा को अपने पास बुलाकर खुद को स्पर्श करने को लगाया ताकि नेत्रा में उसकी सभी ताकद और शक्तिया आ जाये ,नेत्रा ने शिवा की बात मानकर शिवा को स्पर्श किया किसी की भी शक्तिया सिर्फ छुकर उसे अपने अंदर वैसी ही शक्तिया बनाने की काबिलियत से नेत्रा ने शिवा की सभी शक्तिया अपने अंदर भी पैदा कर ली थी ,शिवा के अंदर की हर ताकत उसने अपने अंदर बना ली थी ,शिवा के अंदर मौजूद हर ताकद उसमे आ गयी थी ,शिवा की तरह उसके अंदर महानाग ,कालभेड़िया ,कालासूर ,काल अश्व ,सूवर्ण नाग ,सिंहार ,गरुड़ अंश ,राक्षस अंश ,सभी 6 तत्व ,पाताल की आग ,निलनाग की सभी शक्तिया आ गई थी ,साथ उसके अंदर भी नीलमणि और दिव्य शिव धनुष और तलवार आ गयी थी ,समयमनी ,समयदर्पन ,और आत्मामनी भी आ गए थे ,शिवा को इस बात का बहुत आश्चर्य हुवा था ,नेत्रा को उसने आत्माभंजन का दिव्य मंत्र भी सीखा दिया था जिसकी वजह से उसके भी आत्मा से शिवा जैसे आत्मा के अंश बन गए थे ,नेत्रा पहले से कालनेत्री की सुवर्णनाग की शक्तियां आ जाने से बहुत ही शक्तिशाली बन गई थी ,शिवा की सभी शक्तिया उसमे आ जाने से उसमे एक अलग ही निखार और चमक आ गई थी ,जहा सभी लडकिया शिवा से मिलन करने के बाद सुंदर और अपने शरीर से भर गई थी वही नेत्रा शिवा से बिना मिलन करने से ही उन सबसे ज्यादा सूंदर और शरीर से भर गई थी ,
उसका शरीर पहले 36 28 36 का नही रहा ना ही उसकी लम्बाई 5 फिट 10 इंच रह गई ,वो सबसे लंबी 6 फिट 6 इंच की हों गयी थी ,उसका शरीर भी 42 30 44 का हो गया था ,उसके बदन में विषलोक की जहरैली नीली नदी बन गई थी ,जिस वजह से उसमे बहुत ही ज्यादा कामवासना भर गई थी,उसे देखकर शिवा को खुद पर काबू करना मुश्किल हो गया था ,नेत्रा का सामान्य रुप ही इतना खूबसूरत और कामुक हो गया था कि वो एक जीती जागती कामदेवी बन गई थी ,शिवाने आज नेत्रा से मिलन करने का सोच लिया था ,वादे के मुताबिक उसने सभी शक्तिया पा ली थी और शिवानी को भी पाताल की आग के दर्द से मुक्त कर दिया था ,पर किस्मत को शायद यह मंजूर नही था ,अपने अंदर इतनी सारी ताकद और शक्तियॉ आने के बाद नेत्रा कुछ ही देर में बेहोश हो गयी थी ,यह देख कर शिवा के साथ सभी बहुत डर गए थे ,तब केतकी ने सबको कहा कि घबराने की कोई बात नही है ,नेत्रा के अंदर इतनी शक्तिया आने से वो बेहोश है उसे होश आने में थोड़ा समय लग सकता है ,दस दिन या बीस दिन लेकिन 1 महीने के अंदर ही वो होश में आ जायेगी ,केतकी खुद एक महाशक्तिशाली और हजारो साल उम्र की पाताल की रानी थी ,उसे ऐसी सब खास बातें पता थी ,उसने शिवा से कहकर नेत्रा को पाताल के बलि लोक में अपने साथ भेजने को कह दिया ,उसके साथ हिमांनी और शिवानी भी जाने वाली थी ,शिवा से विदा लेकर वो चारो नेत्रा को लेकर पाताल में चली गयी ,केतकी ने शिवा के मन मे कहा ,मेंनें सब के सामने सब सच नही बताया पर नेत्रा को जल्दी होश नही आने वाला है ,उसके शरीर में इतनी शक्तिया आ गयी है कि वो कब उठे यह में भी नही कह सकती शायद उसे सालो लग जाये ,नेत्रा ने अच्छा हुवा उसके अंदर का समयमनी मुझे दिखाने के लिये निकाला था ,उस समयमनी मे भी तुम्हारे समय मनी की तरह ताकद है ,में इस समय मनी को पाताल में उल्टा करके इसमे सबके साथ रहने वाली हु ,इसमे 1 मिनीट में बिताने से बाहर पाताल लोक में 1 दिन खत्म होगा ,इस समयमनी और पाताल के बलि लोक को धरती से धीरे चलने के हिसाब से हम 100 साल भी समयमनी में रहंगे तो बाहर की दुनिया मे कुछ ही दिन खत्म होंगें ,मेंनें हमारे 4 प्रतिरूप घर पर छोड़ दिये है ,वो सब सम्भाल लेंगे ,आप बिलकुल चिंता मत कीजिये हम तीनों नेत्रा का बहुत अच्छे से ख्याल रखेंगे ,केतकी के जाने के बाद शिवा थोड़ी देर सभी 7 लड़कियों से बात करता रहा ,सभी ने शिवा से कहकर अपने बदले हुवे रुप का किसी को पता नही चले ऐसी माया का प्रयोग करने को कह दिया ,शिवा ने भी वैसा ही कर दिया जितने भी लोग उनको जानते थे उन्हें अब इन सबका बदला हुवा रूप के बारे में कुछ पता नही चलने वाला था ,शिवा की माया से सबको उनका यही रूप याद रहने वाला था ,उन सबसे विदा लेकर शिवा सर्पलोक ,अश्वलोक और सिहलोक जाकर 9 बजे घर पहुच गया ,उसे नेत्रा के साथ हुवीं घटना से बहुत बुरा लग रहा था पर अपने दर्द को अपने अंदर रख कर वो अपने काम करता रहा ,9 बजे सबके साथ खाना खाकर वो अपने कमरे में चला गया ,10 बजे अपना एक प्रतिरूप वो घर मे छोड़कर ज्वाला ,सुनीता ,सीमा और निता के साथ समयमनी मे बारी बारी 15 मिनीट का समय बिताकर ,रात के 11 बजे काल बनकर गरुड़लोक पहुच गया ,काल की बैचेनी और दर्द को तेजा ने पहचान लिया ,काल ने भी तेजा को सब बता दिया ,तेजा ने उसके साथ बलि लोक चलने की बात कह दी ,काल भी उसे लेकर बलिलोक पहुच गया ,तेजा ने पहली बार नेत्रा ,हिमांनी ,केतकी ,शिवानी को देखा था ,नेत्रा तो बेहोश थी पर तेज के दिव्य रूपी सुंदरता को देख कर तीनो बस उसे ही देख रही थी ,और तेजा नेत्रा को देखकर उसके रूप सौंदर्य को निहार रही थी ,नेत्रा के सामने तेजा भी फीकी लगने लगी थी अब ,तेजा ने बड़े प्यार से नेत्रा के चेहरे को सहलाया ,बहुत देर तक वो नेत्रा के मस्तक पर अपना हाथ घुमाती रही ,इसमे एक और बहुत बड़ी गड़बड़ हो गयी थी ,नेत्रा की शक्ति जो दूसरे की शक्तियां अपने अंदर बसा लेने की वो अभी भी काम कर रही थी ,उसने तेजा की भी सारी शक्तियो को अपने अंदर बसा लिया था ,थोडी ही देर बाद नेत्रा का शरीर बहुत तेजी से चमकने लगा ,यह देख कर सभी हैरत में पड़ गए थे ,तेजा को सब बात समझ मे आ गयी थी ,उस इस बात का कोई दुख नही हुवा बल्कि उसके चेहरे पर खुशी की चमक दौड़ गई थी ,उसके चेहरे पर हसि देख कर सभी उसके तरफ देख रहे थे ,नेत्रा बहुत देर तक एक दिव्य तेज से चमक रही थी थोड़ी देर बाद उसके शरीर की चमक कम हो गयी ,नेत्रा तो किसी देवी की तरह हों गयी थी ,उसके शरीर मे और ज्यादा बदलाव आ गए थे ,उसकी लम्बाई तो शिवा जितनी 7 फिट 3 इंच हो गयी थी ,शरीर का हर अंग एकदम दमकने लगा था ,उसके शरीर मे और भराव आ गया था ,वो अब 48 32 50 का उसका फीगर हो गया था ,सब नेत्रा की तरफ देख रहे थे ,काल ने तेजा से पूछा कि यह सब क्या हो रहा है ,तेजा ने हसकर कहा,इसे नियति कहते है काल ,नेत्रा ने मेरी सभी शक्तियॉ अपने अंदर समा ली है ,अकेली नेत्रा ही मुझ जैसी 100 तेजा पर भारी पड़ने वाली है अब ,तुम्हे मुझसे यह आराम से बचा सकती है ,शायद इसके एक भी वार का में सामना नही कर पाऊंगी ,यह बहुत ही शक्तिशाली हो गयी है ,चलो भगवान भी यही चाहते होंगे कि तुम्हारी मौत मेरे हाथों से ना हो ,
तेजा की बात सुनकर काल तो नही पर बाकी तीनो एकदम हैरत में पड़ गई थी ,उनके चेहरे को देख कर तेजा ने उन्हें सबकुछ बता दिया ,तेजा की आंखों में सब बातें कहते वक्क्त आसु आ गए थे ,उसकी सब बातें सुनकर सबसे पहले उसे केतकी ने गले लगा लिया ,हिमांनी और शिवानी भी उससे आकर लिपट गई थी ,तेजा का दुख और दर्द वो समझ गई थी ,काल को मारने की बात उसे कितनी तकलीफ देती होंगी ,जिससे वो दिलो जान से मोहब्बत करती है उसे मारने का ख्याल भी कितना दुखदाई होता है यह उन्हें पता था ,वो भी तो शिवा या काल को दिलोजान से चाहती थी ,केतकी और बाकी दोनो बहुत देर तक तेजा से बाते करती रही ,उन्होंने तेजा से वादा किया कि वो तेजा और काल दोनो को मरने नही देगी ,अपनी जान लगा देगी वो पर कभी काल और तेजा की लड़ाई नही होने देगी ,तेजा ने नेत्रा के समय मनी और एक बदलाव कर दिया उसने उस समय मनी की ताकद और बढ़ा दी अब उसमे 1 सेकंड खत्म होने के बाद बाहर एक दिन खत्म होने वाला था ,तेजा सबको अपने साथ गरुड़ लोक लेकर चली गई ,तेजा ,केतकी ,हिमांनी और शिवानी एक दुसरे के बहुत करीब आ गयी थी ,काल ने केतकी ,हिमांनी और शिवानी को बता दिया था कि तेजा को शिवा के बारे में कुछ भी पता नही चलना चाहिये ,तेजा ने सबको बता दिया कि नेत्रा अब जल्दी होश में नही आएगी पहले से काल की शक्तियां यह बड़ी मुश्किल से सम्भाल पा रही थी ,तेजा की त्रिदेवियों से बनी शक्तिया पाकर इसे हजारो साल लगने वाले है होश में आने के लिये ,इसलिये मेंनें समयमनी में बदलाव कर दिया है ,केतकी ,हिमांनी और शिवानी तेजा के बहुत करीब आ चुकी थी उन सब मे बहनो जैसा प्यार हो गया था ,काल ने उन्हें यह पहले ही बता दिया था कि वो कभी तेजा को शिवा और काल एक ही यह बात नही बतायेगी ,उन सबके साथ शिवा गरुड़ लोक में 6 साल तक रहा ,और धरती के समय अनुसार वो सुबह 7 बजे लौट आया था ,मुंबई के अपने घर आकर उसने अपने प्रतिरूप की जगह ले ली थी ,शिवा को नेत्रा का अचानक अपनी जिंदगी से चला जाना पंसद नही आया था ,भले ही वो शिवा के साथ ज्यादा समय नही रही थी पर शिवा उसे दिन में दस बार तो मिल ही लेता था ,नेत्रा के प्रतिरूप को देख कर वो अपने दिल को समझा लेता था ,पर नेत्रा के न होने से उसे आज बहुत तकलीफ हो रही थी ,नेत्रा की अहमियत उसके जिंदगी में क्या थी वो समझ गया था ,शिवा ने बनाया हुवा सेकुरिटी सॉफ्टवेयर को पूरी दुनिया मे मांग बढ़ गई थी ,हर बड़ी कंपनी उसे अपने यहा लगाना चाहती थी ,शिवा की कम्पनी को इस वजह से बहुत ज्यादा फायदा होने लगा था ,सनम,नरगिस और बाकी सबने उसे बहुत अच्छी कीमत पर बेचने के लिए रखा था ,आज जब शिवा नाश्ता करने पहुचा तो सबने उसे यह बात बता दी ,उनके पास 100 करोड़ रुपये आ चुके थे सिर्फ एक दिन में ही और पूरी दुनिया मे उनके सॉफ्टवेयर की मांग बढ़ गई थी ,नरगिस और सनम ने काम बढ जाने से एक ऑफिस खोंलने की बात कर ली थी ,घर से इतना बड़ा काम नही हो सकता था ,उसके लिये ज्यादा आदमियों की जरूरत थी ,शिवा ने इस पर सहमति जता दी ,नरगिस ने पहले ही अपनी पहचान से एक बहुत ही बढ़िया जगह देख ली थी ,उसीमे नया ऑफिस खोंलना तय हो गया ,काल ने नए आदमी रखने की जिम्मेदारी अपने ऊपर ले ली ,शिवा ने भी अपन एक प्रतिरूप बनाकर उनके साथ भेज दिया ,कुछ दिनों तक शिवा एक ही तरह की जिंदगी जीने लगा था 7 दिन तक वो दिन में हर 6 घण्टे बाद सर्पलोक जाकर आता ,1घण्टा अश्वलोक और 1 घण्टा सिहलोक चला जाता ,दिन के 3 घण्टे में वो 6तत्वों की 7 लड़कियां ,ज्वाला ,सुनीता ,सीमा ,निता के साथ शन्ति को भी चुदाई का सुख देने लगा था ,2 घण्टे पूजा और मोना को देकर 1 घण्टे के लिये भवानी गढ़ के जंगलों में जाकर सिंहाली ,मिहाली ,सर्पिणी ,विशाखा ,लामी और कामी के साथ समय बिताया करता ,6घण्टे के लिये गरुड़ लोक जाकर अपने दिन के बचे हुवे वक्क्त में बहुत से नए नए सॉफ्टवेयर बनाने लगा ,बच्चों की पढ़ाई से लेकर ,जिंदगी में हर जगह लगने वाले बैंक,हॉस्पिटल ,सुरक्षा उपकरण ,ईत्यादी में उसने एक से बढ़कर एक सॉफ्टवेयर बना दिये थे 7 दिनों में ,पहले ही उसकी कम्पनी का नाम दुनियां भर में हो गया था ,शिवा ने बनाये हुवे हर नए सॉफ्टवेयर की दुनिया दीवानी हो गयी थी ,हर जगह उनके ही बनाये सॉफ्टवेयर की मांग हो रही थी ,पहले ही सनम ,नरगिस एक सॉफ्टवेयर की मांग पूरा करने में मुश्किल हो रही थी ,उन्होंने 7 दिनों में ही अपने लिये और 6 ऑफिस खरीद लिए ,अपने यहा पर हर आफिस में उन्होंने 1हजार से ज्यादा होशियार लोगो को भर्ती कर लिया था ,इस काम मे काल और शिवा के प्रतिरूप बहुत काम मे आये थे ,इस बीच शिवाय ने राक्षसलोक से भुजंग आने के एक दिन पहले शिवा के सभी अंश और शिवा सहित शिवा की सभी पत्नियो के ऊपर एक बेहद शक्तिशाली कवच लगा दिया था ,जिसके बारे में शिवा या किसी को भी पता नही चला था ,शिवाय में भगवान विष्णु का अंश आ जाने से वो अब शिवा से भी बहुत कुछ जानने लग गया था ,
शिवा की कंपनी 1 महीने में ही दुनिया की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी बन गई थी ,देश के हर बड़े शहर में उनका एक आफिस बन गया था ,लाखो लोगो को शिवा की कंपनी में काम मिल गया था ,शिवा की कंपनी ने 25 अरब डॉलर से ज्यादा कमा लिये थे अब तक एक ही महीने में ,अगले एक साल तक पूरी दुनिया को सॉफ्टवेयर को पहुचाने में उन्हें लगने वाले थे ,सिर्फ जिनको सॉफ्टवेयर पहुचाये थे उनसे उन्होंने पैसे लिए थे ,अगर सबसे पहले ही पैसे अडवांस में मांग लेते तो दुनिया का सबसे ज्यादा पैसा उनके पास हो जाता ,दुनिया मे हर तरफ शिवा के बनाये गए सॉफ्टवेयर की मांग बढ जाने से सब के ऊपर बहुत ज्यादा काम का बोझ आने लगा था ,शिवाने यह देख कर 15 दिन में ही एक ऐसा सुपर कंप्यूटर बना दिया जिससे सब काम करने में बहुत आसानी हो जाये ,एक एक सुपर कंप्यूटर शिवा ने अपने हर आफिस में लगा दिया ,जिस वजह से उनकी काम करने की ताकद 100 गुना ज्यादा हों गयी थी ,शिवाने बनाये सॉफ्टवेयर बहुत ही कम कीमत पर बेचे थे ,पर कीमत कम होकर भी वो सबसे बढ़िया थे ,जिस वजह हर कोई उन्हें ही इस्तेमाल करने लगा था ,शिवा और नरगिस ,सनम उसकी सभी बहनो को कंपनी में साथ करने माही के साथ सभी उसके बहने भी आने लगीं थी ,पूजा और मोना भी उन सबके साथ शामिल हो गयी थी ,शिवा को तो कोई ज्यादा नही जानता था ,पर काल ,नेत्रा ,नरगिस ,सनम के साथ सभी लडकिया को दुनिया भर में पहचाने जाने लगा था ,उनकी कंपनी देश की नही बल्कि दुनियां की सबसे बड़ी और सफल कंपनी बन गई थी ,शिवा अपनी कमाई से आधा पैसा शिवाय के अनाथलय में दे देता था फिर भी उसके पास करोड़ो डॉलर बच गए थे ,शिवा ने खुद के खाते में एक रुपया तक नही रखा था ,उसने बाकी सभी लड़कियों के बैंक में खाते खोल दिये थे ,सबके खाते में करोड़ो रूपये बस एक ही महीने में जमा हो गए थे ,शिवाने एक बहुत ही बड़ा बंगला खरीद लिया था ,जिसमे सभी के रहने का उसने इंतजाम कर लिया था ,शिवा के साथ अब काल और नेत्रा की वजह से पूरा देसाई परिवार ,नरगिस ,सनम का परिवार एक ही साथ रहने लगा था ,सब एक दूसरे के साथ बहुत खुश रहने लगे थे ,मनोज तो शिवा के साथ ही ज्यादा से ज्यादा वक्क्त बिताया करता था ,बस निता उसके ज्यादा पास नही आती थी ,पर शिवा जब उसके साथ चुदाई करने जाता तो वो किसी भुकी शेरनी की तरह उस पर टूट पड़ती थी ,शिवा से चुद कर निता ही नही ,ज्वाला ,सुनीता ,सीमा ,शांति के साथ सभी 7 लडकिया मा बनने वाली थी ,एक दिन शिवा ने अपने 7 अलग अलग प्रतिरूप बनाकर उन सभी लड़कियों की उनसे शादी करा दी थी ,उसके अभी प्रतिरूप को शिवा ने अपनी ही कंपनी में बड़ी पोस्ट पर काम करने वाला दिखा दिया था ,पूजा की शादी करने की लिये उसे घर वालो ने बहुत मनाया पर वो मानी ही नही ,नरगिस और सनम की बहन भी शिवा से शादी करना चाहती थी पर वो शिवा से अपनी बात कैसे कहे यही सोचती रहती ,शिवा को भी कोई तरकीब समज में नही आ रही थी ,वो सबको अपनी असलियत नही बता सकता था ,जिन 7 लड़कियों से उसने शादि की थी वो किसी भी खतरे से लड़ सकती थी ,पर बिचारी नरगिस सनम उसकी सभी बहने ,पूजा ,मोना आम लडकिया थी ,उनकी जिंदगी ख़तरे में डालना शिवा को पसन्द नही था ,वो हमेशा अपने जैसे अलग अलग प्रतिरूप बनाकर उन सबके साथ समय बिताता ,उनके साथ घूमता और उन सबको उसने यही बताया था कुछ दिन रुक जाओ फिर हम शादी कर लेंगे जिस वजह वो सभी भी खुश रहने लगी थी ,शिवा से मिलने शिवाय एक बार आया था ,उसने एक लामन नाम का काला शेर शिवा के पास छोड़कर शेरा को अपने साथ राक्षस लोक लेकर चला गया था ,शिवाय ने यह बता दिया था कि वो राक्षसलोक में क्या क्या कर रहा है ,भुजंग एक साल से पहले कुछ नही करने वाला था ,वो राक्षसलोक में ही रहकर अपनी ताकद बढाने में लगा था ,शिवाय के ऊपर शिवा को बहुत ज्यादा यकीन था ,वो बहुत ही दिमाग से भुजंग का दामाद बन चुका था ,भुजंग उसको अपना बहुत खास मानने लगा था ,शिवाय उसके साथ रहकर उसकी ताकद कम करने में लग चुका था ,शिवाय ने जाने से पहले अपने 10 हजार अलग अलग दिखने वाले प्रतिरूप छोड़ गया था ,जिसमें से 5हजार दुनिया भर में रहकर गुन्हेगार लोगो की बैंड बजाने में लगने वाले थे ,शिवा और उसके हर परिवार की रक्षा करने उसने एक प्रतिरूप लगा दिया था ,बाकी के प्रतिरूप शिवाय के अनाथलय ,अस्पताल ,स्कूल जो दुनिया भर में चल रहे थे उन्हें सम्भालने में लग गए थे ,उसके 100 प्रतिरूप तो उसने भवानी गढ़ के जंगल मे अदृष्य रूप से छोड़ रखे थे मन्दिर की रक्षा करने ,
त्रिदेव यह सब देख रहे थे अपनी जगह से उनमे बहुत ही गहन चर्चा चल रही थी ,उनका विषय कोई और नही बल्कि नेत्रा ही था ,
भगवान विष्णु और ब्रह्मा दोनो महादेव से एक सवाल कर रहे थे ,भगवान महादेव तेजा की ताकद नेत्रा में आने से बहुत चिंतित हो गए थे ,उनके चेहरे पर आयी खामोशी किसी बहुत ही बड़े खतरे का इशारा कर रही थी ,दोनो का सवाल एक ही था महादेव से ,आप की किस बात से परेशान है इतने नेत्रा बेहोश होने से या उसमें तेजा की भी ताकद आ जाने से ,
महादेव का जवाब सुनकर भगवान विष्णु और ब्रह्मा के साथ दोनो त्रिदेविया भी परेशान हो गयी थी ,महादेव ने बहुत ही गूढ़ जवाब दे दिया था ,में नियति खेल से चिंता में आ गया हूं ,आप सभी जानते है हम नियति के फ़ैसले के बीच कभी नही आता हूं ,ना कभी उसे बदलता हु ,पर नेत्रा में जो असीम ताकद आयी है वो बहुत ही मुश्किलें खड़ी कर सकती है सबके लिये ,वो शिवा की सबसे बड़ी ताकद भी बन सकती है और सबसे बडी दुश्मन भी ,नियति उसे शिवा के सामने किस रूप में खड़ा करती है यह कोई नही कह सकता पर वो दोनो अगर एक दूसरे के सामने खड़े हो गए तो शिवा बिना लड़े ही उसके हाथों मरना पसन्द करेगा ,और यही बात मुझे परेशान कर रही है ,शिवा किसी भी खतरे को आसानी से निपट सकता है पर वो अपनो के सामने कमजोर पड़ जायेगा ,उसकी यही कमजोरी बहुत बड़ी बाधा बनने वाली है ,शिवा की परीक्षा भी आसान होगी पर उसका जीवन बहुत दुख और कठिनाइयों से गुजरने वाला है ,अभी शिवा जो जिंदगी जी रहा है उसे कठिन समझ रहा है पर उसका कठिन जीवन अभी शुरू होने में देर है ,शिवा बहुत बुरे दौर से गुजरने वाला है जल्द ही ना उसे थामने वाला कोई होगा और ना वो अपना दुख किसे बता पायेगा उसे चाहने वाले ही उससे नफरत करने लग जाएंगे तब उसे बहुत ज्यादा दुख होगा ,ना वो खुद की जान दे सकता है अपने कर्तव्य की वजह से ना किसी को वो कुछ बता सकता है ,बस उसे अपने राह पर चलना होगा हर दुख को झेलकर ,इस खेल में शिवा की जान तो जाना पहले से तय है पर वो अपना कर्तव्य पूरा करने के बाद मरता है या उससे पहले यह कहना बहुत मुश्किल होगा ,भुजंग को दिए वरदान की वजह से हम कोई भी उसकी मदद नही कर सकता ,इस सब मे शिवा को अगर जितना हो और जिंदा भी रहना हो तो एक ही मौका होगा और उस समय उसकी बुद्धि की असली परीक्षा होगी ,नियति सब को एक मौका जरूर देती है ,वो मौका भी शिवा के पास होगा पर शिवा के दुख और दर्द इतने होंगे कि वो इस मौके से चूक न जाये ,यही मुझे डर है ।