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Incest छोटे बेटे ने की घर की औरतों की चुदाई

Ajju Landwalia

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Update 8


सुबह का समय था मम्मी लेट से सोई थी तो सुबह अपने टाइम से उठ नहीं पाई , घर में अभी भी सब सो रहे थे सिर्फ भाभी उठ चुकी फ्रेश होने के बाद जब भाभी किचेन में गई वा कोई था ही नहीं , भाभी सोच में पड़ गई आखिर मम्मी तो इतनी लेट कभी नहीं करती कही मम्मी जी बीमार तो नहीं नहीं ओर भाभी मम्मी के रूम के तरफ जाती है दरवाजा को खोलती है और अंदर दाखिल हो जाती है अंदर मम्मी नाइटी में करवट ले कर सोई हुई थी नाइटी कमर के ऊपर तक चढ़ा हुआ था जब भाभी के नजर गान्ड के बीच दरार में गई तो आँखें फटी की फटी रह गई गान्ड में गाजर घुसा हुआ था , ये देख कर भाभी की चुत में पानी आ जाता है और भाभी सारी की ऊपर से ही बुर को रगड़ देती है भाभी को झटका तब लगा जब उसकी नजर पास में रखी कंडोम पर ये वही कंडोम था जो भाभी ने अपने देवर को दी थी जो मम्मी नि उठा लिए थी । कंडोम देख कर पसीने आ गई , कंडोम का गांठ खुला हुआ था उसमें माल खाली था भाभी सोच में पड़ गई इसमें माल तो भरा हुआ था जब दूसरी तरफ जा के मम्मी का चेहरा देख तो चेहरे पर कुछ उजला उजला लगा हुआ था फिर चूची पर नजर गई देखा तो वहां भी उजला लगा हुआ था समाज गई मम्मी रात में बेटे के माल से ही मजा ली है । वहां रहना ठीक नहीं समझा जाने की सोची पर मम्मी जी को ऐसे बिना कपड़े के सोते को देख लिया तो गड़बड़ हो जायेगी इसीलिए भाभी मम्मी को चादर से ढक दी और किचेन में चली गई ।
अब सब उठ गए थे मम्मी भी उठ चुकी थी। मम्मी उठ के बाहर आई सब से पहले किचेन में गई और देखा भाभी ने भी नाश्ता तैयार कर ली थी । जैसे ही भाभी की नजर मम्मी पर पड़ी –
भाभी – मम्मी जी आप तबियत तो ठीक है आज उठने में इतने लेट हो गई
मम्मी – हा बहु कल रात लेट से सोई इसीलिए उठने में लेट हो गई
भाभी (मन में ) – अपने बेटे का माल पियेगी और गान्ड में गाजर डाल के सोएगी तो उठने में लेट होगा ही ।
भाभी – मम्मी जी आप बाहर सब के साथ टेबल पर बैठिए नाश्ता बन गया मैं ले के आती हु।
मम्मी भर आ कर सब के साथ बैठ जाती है , भाभी खाना ले कर आ जाती है ।सभी खाना भी खा लेते है । मामा ओर दीदी ऑफिस के लिए निकलने लगते है तो दीदी आरव से मतलब मुझसे पूछती है ऑफिस नहीं जाना क्या ।
मैं – आप जाओ मै नहीं जाऊंगा।
दीदी ओर मामा निकल गए ल
मम्मी वही बैठी थी आरव के तरफ गुस्से से देखते हुए बोलती है – तू ऑफिस क्यों नहीं गया जब देखो अपने मन की करता रहता है , तू ऑफिस नहीं जाएगा तो काम कैसे करेगा ,कुछ दिन बाद मामा चले जाएंगे फिर आगे चल के तुझे ही सब देखना है ।
मै – अच्छा ठीक है कल से चला जाऊंगा ।
मम्मी – चुप चाप रूम में जा कपड़े पहन ओर अभी जा नहीं तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा !
मम्मी का गुस्सा देख बोलता हु – कुछ देर में चला जाऊंगा ।
मम्मी – ठीक ।

करीब 1 घंटे बाद ऑफिस को निकलता हु , मामा के केबिन में गया तो देखा वह कोई नहीं था फिर वह से निकल कर दीदी के केबिन में गया वहां दीदी लैपटॉप में कुछ कर रही थी दीदी आरव को देख कर – अरे तू यह कैसे तू तो ऑफिस नहीं आने वाला था।
मै – दीदी मम्मी गुस्सा कर रही थी इसीलिए आना पड़ा ।
दीदी – तो मामा के साथ रहा कर सारे काम वहीं देखते है
मै – हा मै उनके पास गया था पर वो अपने केबिन में नहीं है आपको पता है कहा गए है ।
दीदी – हा मुझे पता है वो बोल रहे थे उनके सर में दर्द है वो रेस्ट रूम जा रहे है आराम करने ।
मै – ओर वो रेस्ट रूम खा है
दीदी – इस बिल्डिंग की सबसे ऊपर की मंजिल वहां पापा ने गेस्ट को रुकने का लिए बनाए है वहीं होंगे ।
मैं – ठीक बोलके वा से निकल जाता हु ऊपर की मंजिल की तरफ
जब ऊपर की मंजिल पहुंचा तो वह एक भी आदमी नहीं था वहां एक दरवाजा था उसको खोला तो देखा अंदर 2BHK घर के तरह बना हुआ है एक दरवाजा खुला हुआ था अंदर जा के देखा तो कोई नहीं था पर बिस्तर पूरे खराब हो राखी थी ऐसा लगता था जैसे अभी इसपे कुश्ती की गई हो फिर मै अच्छे से रूम को देखने लगा एक कोने में एक डस्टबिन थी एक अलमीरा भी था । जब अलमीरा खोला तो उसमे एक टॉवेल रखे थी पर साइड में किसी की ब्रा पैंटी भी रखी हुई थी ये देख सोचने लगा ये किसकी है मुझे लगा किसी गेस्ट की होगी भूल गई होगी । अलमीरा में एक लॉकर भी था जिसमें पिन मांग रहा था , पिन पता नहीं था तो अलमीरा बंद की ओर रूम में दूसरी चीज देखने लगा कही कोई कुछ ओर तो नहीं भूल गई गेस्ट सब । इधर उधर देखा कुछ नहीं था देखते देखते डस्टबिन पे नजर गई जब डस्टबिन में देखा तो डस्टबिन आधे से ज्यादा कचरे से भरा हुआ था , तभी मेरे दिमाग में आया अभी तो कोई गेस्ट आया नहीं है फिर इतना कचरा कैसे हो गया वो कचरे की डब्बे को पलट देता है तो वो देखता बहुत से यूज्ड टिशू पेपर , कंडोम के डब्बे , ओर बहुत से यूज्ड कंडोम ये सब देख के हैरान रह जाते है और सोचता है कंडोम के डब्बे वो भी बड़ी वाली जिसमें 40 पीस होती है, इतने सारे यूज्ड कंडोम देख कुछ सोचता है और कंडोम को गिनने लगता है करीब 16 कंडोम ही थे बाकी 24 कंडोम मिसिंग थे वो रूम से निकल जाता है और किचेन में भी अच्छे से चेक किया कुछ रही था हॉल भी देखा कुछ नहीं था अब बस एक ही रूम बचा था जिसका गेट लगा हुआ था । तो गेट के पास गया अंदर से कुछ आवाजें नहीं आ रही थी शायद साउंडप्रूफ थी कोई खिड़की भी नहीं था ।
पर जैसे ही दरवाजे की कुंडी घुमाई दरवाजा खुल गया और जो सामने देख देखता ही रह गया अंदर का नजारा कुछ ऐसा था कोई औरत कुत्तिया बनी हुई था और मामा पीछे से चोद रहे थे पर जैसे ही मैने दरवाजा खोला दोनों की नजर मुझ पर पड़ी पर मामा रुके नहीं चोदते रहे औरत हटना भी चाही पर मामा के नितंब पाकर कर चोदने लगे । तभी मैं बोला
( मामा और मेरे बीच हमेशा दोस्त की तरह रिश्ता था )
मै– मामा ये सब क्या हो रहा है
मामा – देख नहीं रहा भांजे चोद रहा हु इस रण्डी को साली गजब की माल है तू भी आना चोद इसे।
मै – मै ये सब गंदे काम नहीं करता
मामा – अच्छा भांजे मत चोद पर ये तो बता तुझे तेरी अपने भाभी के चोदने में मजा आता है या नहीं
मै – ऐसा कुछ नहीं है आपको क्या बोल रहे हो मुझे कुछ समाज नहीं आ रहा ।
मामा – भांजे पहले तू यहाँ मेरे पास आ बैठ इधर।
(मामा ओर उस औरत की चूदाई देख मेरा भी लन्ड खड़ा होने लगा था )
मैं – पहले आप ये सब बंद करो फिर मै आऊंगा ।
मामा रुक जाते है और नंगे ही बिस्तर से उतर के भांजे का हाथ पकड़ के बिस्तर पर बिठा देते है , औरत उठ के बाथरूम चली जाती है।
मै – मामा कपड़े तो डाल लो अपने ऊपर ,
फिर मामा तोलिया लपेट लेते है
मै – मामा ये सब आप क्या कर रहे हो और ये औरत कौन है
मामा – भांजे ये औरत अपने कंपनी में काम करती है विधवा है मै इसे पैसे भी देता हु चुदवाने के । बहुत मस्त माल है बोल चोदेगा ?
मैं – पर मामा ये किसी को पता चल गया तो बहुत बदनामी होगी कंपनी की भी नाम खराब होगा।
मामा– देख जब मैं तेरे नानी घर में था तो मुझे चोदने में कोई दिक्कत नहीं होती थी घर में मिल जाती थी पर यह मिलती ही नहीं इसीलिए घर में तो चोद नहीं सकता इसीलिए यहीं चोद लेता हु
मै – पर मामा , मामी तो आपको छोड़ के चली गई फिर आप किसके साथ करते है
मामा – पहले तू बता तेरे ओर तेरे भाभी के बीच क्या चल रहा है?
मैं – कुछ सोचते हुए मामा अब आपको पता चल ही गया है तो, हा मै भाभी से प्यार करता हु वो भी करती है।
मामा – कितनी बार किया अपनी भाभी की चूदाई । मजा आता होगा न बहुत कड़क माल , किस्मत ही खराब है भरी जवानी में ही विधवा हो गई ।
मै – बस एक बार ही हुआ । अब आप बताओ मामी के जाने के बाद घर में आप किसको चोद रहे हो।
मामा – बेटा बहुत लंबी कहानी फिर कभी सुनाऊंगा।

अब तक वो औरत भी बाथरूम से बाहर आ चुकी थी मामा उसे गोद में बिठा लेते है और चुचियों को दबाने लगते है वो धीरे धीरे सिसकियां भी लेती है और साथ ही वो औरत अपने हाथ से मामा का लन्ड ऊपर नीचे किए जा रही थी जिसका असर ये हुआ कि अब मेरा भी लन्ड खड़ा होने लगा मै उसके चुचियों को घूरे जा रहा था मामा ने उसके कान में कुछ कहा उसके बाद वो अपने पैर को मेरे लन्ड पे रखा और धीरे धीरे सहलाने लगी जिससे लन्ड फुल अकड़ गया , वो मामा के गोद से उठी झुक के मेरे पैंट की जिप खोली और लन्ड को बाहर निकल ली और मुंह में लेके चूसने लगी मै भी पागल हुए जा रहा था अब मामा से शर्म भी खत्म हो गई थी, मामा भी झुक के अपना मुंह उसकी बुर में लगा देते है और चाटने शुरू कर देते है तीनों फुल मजे में थे। करीब 10 min की चुसाई के बाद लन्ड उसके मुंह से निकल मै बिस्तर पे लेट गया उसको अपने ऊपर बैठने के लिए बोला , वो उसकी ऊपर जा कर लन्ड बुर पर सेट कर के बैठने लगती है , लगता है मामा ने इसकी बहुत चूदाई की थी लन्ड आसानी से चला गया ओर मै उसे चोदने लगा अब मामा आगे आ कर अपना लन्ड उसकी मुंह में डाल देते है अब दृश्य कुछ ऐसा था मै नीचे से बुर मार रहा था और मामा लन्ड चूसा रहे थे ,

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ये मेरा पहला थ्रीसम था जो अपने मामा के साथ कर रहा था , मै मामा से पूछ
मै – मामा आपने पहले कभी थ्रीसम किया है
मामा – बेटा मै तो घर में हर समय थ्रीसम ही करता हु । बेटा तू मेरे साथ रहा कर तुझे चूदाई में महारथ हासिल करा दूंगा।
मै अभी भी चूदाई किए जा रहा थी जैसे ही मैं झरने के करीब उठ के उसके मुंह में डाल दिया सारा माल पिला दिया ,मेरे उठते ही मामा उसके घोड़ी बना कर लन्ड चुत में डाल देते है और वो मेरे लन्ड चूस के खड़ा करने में लगी हुई थी । ऐसही करीब 40 min तक बारी बारी से चूदाई की , उसके बाद लन्ड मुंह में देके चूसने को बोला
अब मैं ओर मामा बारी बारी उसके मुंह में लन्ड डाल रहे थे जब दोनों का लन्ड खड़ा हो गया , मामा नीचे लेट के उसको अपने ऊपर बिठा देते है और अपने ऊपर झुका के चूदाई शुरू कर देते है मेरे सामने अब उसकी गान्ड थी मै भी अपने लन्ड ढेर सारा थूक लगाया उसकी गान्ड में घुसने की कोशिश की पर नहीं घुस रही थी जोर लगने पर लन्ड का टोपा अंदर चला गया

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अब धीरे धीरे लन्ड अंदर की ओर डालना शुरू क्या ओर आगे पीछे करने लगा वो काफी जोर जोर से चिल्ला रही थी , अब हम एक साथ एक लन्ड चुत ओर एक गान्ड में थी गान्ड मारने में भी बहुत मजा आ रहा था , करीब 20 min तक ऐसही चूदाई करी मामा जल्दी झर गई पर मै गान्ड मारता रहा

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10 min बाद मैं भी उसके गान्ड में ही झर गया , चूदाई कर के बहुत सुकून मिला फिर हम सब ने कपड़े पहने नीचे ऑफिस में आ गए और जो बचा काम खत्म की ओर मै , दीदी ओर मामा घर की ओर निकल गया ।

Ek dum jhakass update he chhotu15 Bro,

Mama to bada hi kaandi aadmi he...........

Ab to mama bhanje ki jodi band gayi he..........

Keep rocking Bro
 

Napster

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Update 9


अब ये हमारा रोज का हो गया था , अब मै भी चूदाई के बहाने ही सही ऑफिस जाता था रोज तो नहीं पर सप्ताह में 2 – 3 दिन चूदाई कर ही लेता था मामा के साथ । इसी तरह देखते देखते कब पापा और भैया को मरे एक साल हो गए पता ही नहीं चला । अब ऑफिस का सारा काम मैं ही देखता था, इसी बीच मामा भी अपने घर(नानी घर) चले गए , अब मै दीदी मिल के कंपनी को बहुत अच्छे से संभाला , घर में भी सब नॉर्मल था , इसी बीच मै ओर भाभी बहुत करीब आ गए थे ओर हमारे बीच सम्बन्ध भी बहुत बार बनी अब भाभी को भी कोई ऐतराज नहीं था । मम्मी को भी पता था पर कुछ बोलती नहीं थी देख के भी अनदेखा कर देती थी । हमारे खानदान का एक रिवाज था अगर किसी की मौत हो जाए तो उसके एक साल तक कोई भी शादी नहीं होती थी , मम्मी ये सोच के ही हमेशा रुक जाती थी पर अब तो साल भर पूरा हो चुका था मम्मी बात करने को सोचती है पर बेटा सुबह होने के बाद ऑफिस चला जाता ओर रात में आने के बाद थक सा जाता था इसीलिए सही समय नहीं मिल पता है , अगले महीना होली का त्योहार आने वाला था मम्मी सोची ये सही रहेगा बेटा भी घर में रहेगा फिर बात करुंगी ।
देखते देखते एक महीना कैसे बीत गए पता ही नहीं चला , होलिका दहन का दिन था सभी ने साथ में मिल कर होलिका दहन जलाया , जलने का काफी रात हो गई इसलिए होलिका दहन जलाया उसके बाद सब ने खाना खाया और सब सोने चले गए क्योंकि अगले दिन होली था जल्दी उतना था ।
आज होली का दिन था मम्मी,भाभी ओर दीदी तीनों उठ चुकी थी और किचन में पकवान बनाने में लगी हुई थी, मै भी थोडा लेट उठा फ्रेश होने के बाद नीचे गया तो देखा सभी पकवान बनाने में लगे हुए है फिर मै घर से बाहर गया तो देखा होली की तैयारी चल रही थी मिल,पूरे मोहल्ले होली एक साथ मनाते थे , मै भी कुछ मदद की तभी मेरा फोन बज देखा तो मामा का था कॉल झट से उठाया –
मैं – हेलो मामा कैसे हो कितने दिनों बाद याद किए ?
मामा – क्या करु बेटा दिन भर काम रात में ठुकाई , टाइम ही नहीं मिलता ओर बताओ वह सब कैसा है
मैं – यहां सब ठीक है , आप बताओ वहां रात में किसकी ठुकाई करते हो अभी तक नहीं बताया
मामा – बाद में बताऊंगा ओर बताओ होली का क्या प्लान है
मैं – कुछ नहीं मामा हूं दोस्तो के साथ रंग लगाना
मामा – ओर तुम्हारा ओर तेरी भाभी का सेक्स लाइफ कैसी चल रही है
मै – नहीं मामा महीनों हो गए टाइम ही नहीं मिला
मामा – तो आज का मौका अच्छा है रंग लगाने के बहाने रगड़ डाल
मै – हा कोशिश करता हु
ओर फोन रख देता हु ।
बाहर से घर आ कर देखा सभी का पकवान बनाना हो चुका था दीदी ओर भाभी स्नान कर चुकी थी मम्मी को दिखाई नहीं दी मै भी जल्दी से स्नान करने चला गया जब वापस आया तो देखा मम्मी उजला सारी पहनी है और दीदी ओर भाभी उजला सलवार सूट पहनी हुई है और सभी पूजा की तैयारी में लगे हुए थे ,पूजा होने के बाद मैं बाहर दोस्तो के साथ होली खेलने चला गया । बाहर देखा तो सभी एक दूसरे को रंग लगा रहे थे दोस्तो मुझे भी रंग लगाई मै भी रंग लगाया फिर सभी भंग पीने गए मुझे भी साथ में ले गए मै कभी भंग नहीं पिया था थोड़ा अजीब लग रहा था पर सभी ने ली तो मैं भी ले लिया और पीने लगा एक ग्लास के बाद ओर पीने का मन हुआ 3–4 ग्लास पी क्या अब थोड़ी नशा भी होने लगी हमने फिर से होली खेली गाने पे डांस भी किया सभी ने फिर से भंग पी नशा अब ज्यादा हो गया फिर रंग लेके घर की ओर निकल गया घर में घुसा तो कोई दिखाई नहीं दिया , किचेन के तरफ गया तो कोई सलवार सूट में दूसरी तरफ घूम के कुछ कर रही थी मुझे लगा भाभी है पीछे से चुपके से गया ओर दबोच लिया , सबसे पहले मुंह में रंग लगाई उसने मुंह नहीं खोला क्योंकि रंग मुंह में जा सकती थी, जैसे ही हाथ नीचे चूची पर ले गया उसने मुंह से आवाज निकलने सोची मै उसकी मुंह बंद की ओर उसके कान में धीरे से बोला भाभी आज तो होली है रंग लगाने दो

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ओर फिर मै सूट के अंदर हाथ डाल के अच्छे से चूची पे रंग रगड़ के लगाया , धीरे धीरे हाथ नीचे सलवार के अंदर ले जा कर चुत को मुट्ठी में भर लिया बुर बिल्कुल साफ था ,उसके मुंह से हल्की सिसकी भी निकली आह... कर के चुत ओर गान्ड दोनों को अच्छे से रंग लगाया

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फिर वह से अपने रूम जा ही रहा था कि मुझे भाभी के रूम से कोई सलवार सूट में निकला जैसे ही चेहरा देख मेरे होश ही उड़ गए मेरे पैर लड़खड़ा गए भाभी ने जल्दी से आ के मुझे पकड़ा और बोली –
भाभी – आपने पी रखी है
मै – हा भाभी मैने थोड़ी भंग पी रखी है पर आप यहां कैसे
भाभी – मै खा जाऊंगी मैं तो रूम में ही हु
मै – तो फिर किचन में कौन ....
भाभी – किचेन में तो सुरभि(बहन) है कुछ पकवान बच गए थे वहीं बना रही है कुछ हुआ क्या?
मै ( मन में ) मेरी तो पूरा नशा उतर गया कि मैं अपनी खुद की बहन को चुत ओर गान्ड में रंग लगाया ,
भाभी – क्या हुआ आप ठीक है
मै – हा में ठीक हु ओर रूम में चला गया
भाभी जब किचेन में गई तो वह कोई नहीं था जमीन पे थोड़े रंग गिरे हुए थे पर इतना ध्यान नहीं दी क्योंकि आज होली थी

वही दूसरी तरफ सुरभि(बहन) अपने रूम में आ कर सबसे पहले दरवाज ओर खिड़की बंद की सांसे तेज चल रही थी उसके दिमाग में सिर्फ थी आ रहा था कि उसका खुद का भाई उसे रंग लगाई वो भी ऐसी जगह जहां आज तक किसी को हाथ लगाने भी नहीं दी आज उसका भाई उसे रगड़ रगड़ के रंग लगा रहा था और पीछे से गान्ड पे कुछ चुभ भी रहा था क्या वो भाई का लन्ड था फिर उसके दिमाग में आया उसने भाभी बोला था मतलब वो भाभी समझ के रंग लगा रहा क्या इसके और भाभी के बीच कुछ चल रहा है , फिर वो अपने आप को साफ कर बाथरूम में चली गई और

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अपने कपड़े उतर के शावर चालू की अपने शरीर को रगड़ के रंग साफ करने लगी पहले तो चूची पे हाथ गया तो उसे भाई के याद आ गई कैसे वो मसल रहा था और वो भी ऐसीही मसलने लगी उसकी सिसकी भी नकल रही थी ऐसा सोच रही थी कि भाई ही मसल रहा हो और हल्की हल्की सिसकियां निकल जाती है फिर धीरे धीरे चुत के पास उंगली ओर उसे जोर जोर से ऊपर से ही रगड़ने लगी उसके बुर से पानी आने लगी थी धीरे धीरे 2 उंगली चुत में डाल दी

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और अंदर बाहर करने लगी पर उसके दिमाग में बार बार भाई का मोटा सा कुछ चुभ रहा था वहीं आ रहा था इसलिए वो नंगी ही बाथरूम का दरवाजा खोला और भर आई अलमारी खोली कपड़े के नीचे एक डब्बा निकले उसमें एक मोटा ओर लंबा डिल्डो ( प्लास्टिक का लन्ड )था

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वो ले कर वापस बाथरूम चली गई अंदर जाते ही पहले तो डिल्डो को मुंह में ली ढेर सारी ठुक लगाई ओर चुत के मुंह पे लगा के अंदर के तरफ घुसने लगी उसके मुंह से सिसकी भी निकली आह ... भाई .. कर के । भाई के बारे में सोच के उसे ओर मजा आने लगा कि भाई का मोटे लन्ड से पेलाई हो रही हो और इसीलिए जल्दी फव्वारे के तरह चुत से बहुत ज्यादा पानी निकला,

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उंगली गाजर मूली तो बहुत बार की थी बस झर के रह जाती थी ऐसा पहली बार हुआ फव्वारे की तरह पानी निकालना वो बहुत खुश हुई और संतुष्टि उसके चेहरे पर दिख रही थी दिमाग में एक चीज ही सोची (" भाई भाभी का तो पता नहीं पर तेरा लन्ड तो मै ही लुंगी , तेरे बारे में सोच के प्लास्टिक के लन्ड इतना पानी निकला जब तेरा लन्ड लुंगी तो पता नहीं क्या होगा ")
ओर फिर अपने आप को साफ की बाहर आ कर कपड़े
पहनी ओर बाहर आ गई ।

बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर कामोत्तेजक अपडेट है भाई मजा आ गया
अगले रोमांचकारी धमाकेदार और चुदाईदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
 

Ajju Landwalia

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Update 9


अब ये हमारा रोज का हो गया था , अब मै भी चूदाई के बहाने ही सही ऑफिस जाता था रोज तो नहीं पर सप्ताह में 2 – 3 दिन चूदाई कर ही लेता था मामा के साथ । इसी तरह देखते देखते कब पापा और भैया को मरे एक साल हो गए पता ही नहीं चला । अब ऑफिस का सारा काम मैं ही देखता था, इसी बीच मामा भी अपने घर(नानी घर) चले गए , अब मै दीदी मिल के कंपनी को बहुत अच्छे से संभाला , घर में भी सब नॉर्मल था , इसी बीच मै ओर भाभी बहुत करीब आ गए थे ओर हमारे बीच सम्बन्ध भी बहुत बार बनी अब भाभी को भी कोई ऐतराज नहीं था । मम्मी को भी पता था पर कुछ बोलती नहीं थी देख के भी अनदेखा कर देती थी । हमारे खानदान का एक रिवाज था अगर किसी की मौत हो जाए तो उसके एक साल तक कोई भी शादी नहीं होती थी , मम्मी ये सोच के ही हमेशा रुक जाती थी पर अब तो साल भर पूरा हो चुका था मम्मी बात करने को सोचती है पर बेटा सुबह होने के बाद ऑफिस चला जाता ओर रात में आने के बाद थक सा जाता था इसीलिए सही समय नहीं मिल पता है , अगले महीना होली का त्योहार आने वाला था मम्मी सोची ये सही रहेगा बेटा भी घर में रहेगा फिर बात करुंगी ।
देखते देखते एक महीना कैसे बीत गए पता ही नहीं चला , होलिका दहन का दिन था सभी ने साथ में मिल कर होलिका दहन जलाया , जलने का काफी रात हो गई इसलिए होलिका दहन जलाया उसके बाद सब ने खाना खाया और सब सोने चले गए क्योंकि अगले दिन होली था जल्दी उतना था ।
आज होली का दिन था मम्मी,भाभी ओर दीदी तीनों उठ चुकी थी और किचन में पकवान बनाने में लगी हुई थी, मै भी थोडा लेट उठा फ्रेश होने के बाद नीचे गया तो देखा सभी पकवान बनाने में लगे हुए है फिर मै घर से बाहर गया तो देखा होली की तैयारी चल रही थी मिल,पूरे मोहल्ले होली एक साथ मनाते थे , मै भी कुछ मदद की तभी मेरा फोन बज देखा तो मामा का था कॉल झट से उठाया –
मैं – हेलो मामा कैसे हो कितने दिनों बाद याद किए ?
मामा – क्या करु बेटा दिन भर काम रात में ठुकाई , टाइम ही नहीं मिलता ओर बताओ वह सब कैसा है
मैं – यहां सब ठीक है , आप बताओ वहां रात में किसकी ठुकाई करते हो अभी तक नहीं बताया
मामा – बाद में बताऊंगा ओर बताओ होली का क्या प्लान है
मैं – कुछ नहीं मामा हूं दोस्तो के साथ रंग लगाना
मामा – ओर तुम्हारा ओर तेरी भाभी का सेक्स लाइफ कैसी चल रही है
मै – नहीं मामा महीनों हो गए टाइम ही नहीं मिला
मामा – तो आज का मौका अच्छा है रंग लगाने के बहाने रगड़ डाल
मै – हा कोशिश करता हु
ओर फोन रख देता हु ।
बाहर से घर आ कर देखा सभी का पकवान बनाना हो चुका था दीदी ओर भाभी स्नान कर चुकी थी मम्मी को दिखाई नहीं दी मै भी जल्दी से स्नान करने चला गया जब वापस आया तो देखा मम्मी उजला सारी पहनी है और दीदी ओर भाभी उजला सलवार सूट पहनी हुई है और सभी पूजा की तैयारी में लगे हुए थे ,पूजा होने के बाद मैं बाहर दोस्तो के साथ होली खेलने चला गया । बाहर देखा तो सभी एक दूसरे को रंग लगा रहे थे दोस्तो मुझे भी रंग लगाई मै भी रंग लगाया फिर सभी भंग पीने गए मुझे भी साथ में ले गए मै कभी भंग नहीं पिया था थोड़ा अजीब लग रहा था पर सभी ने ली तो मैं भी ले लिया और पीने लगा एक ग्लास के बाद ओर पीने का मन हुआ 3–4 ग्लास पी क्या अब थोड़ी नशा भी होने लगी हमने फिर से होली खेली गाने पे डांस भी किया सभी ने फिर से भंग पी नशा अब ज्यादा हो गया फिर रंग लेके घर की ओर निकल गया घर में घुसा तो कोई दिखाई नहीं दिया , किचेन के तरफ गया तो कोई सलवार सूट में दूसरी तरफ घूम के कुछ कर रही थी मुझे लगा भाभी है पीछे से चुपके से गया ओर दबोच लिया , सबसे पहले मुंह में रंग लगाई उसने मुंह नहीं खोला क्योंकि रंग मुंह में जा सकती थी, जैसे ही हाथ नीचे चूची पर ले गया उसने मुंह से आवाज निकलने सोची मै उसकी मुंह बंद की ओर उसके कान में धीरे से बोला भाभी आज तो होली है रंग लगाने दो

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ओर फिर मै सूट के अंदर हाथ डाल के अच्छे से चूची पे रंग रगड़ के लगाया , धीरे धीरे हाथ नीचे सलवार के अंदर ले जा कर चुत को मुट्ठी में भर लिया बुर बिल्कुल साफ था ,उसके मुंह से हल्की सिसकी भी निकली आह... कर के चुत ओर गान्ड दोनों को अच्छे से रंग लगाया

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फिर वह से अपने रूम जा ही रहा था कि मुझे भाभी के रूम से कोई सलवार सूट में निकला जैसे ही चेहरा देख मेरे होश ही उड़ गए मेरे पैर लड़खड़ा गए भाभी ने जल्दी से आ के मुझे पकड़ा और बोली –
भाभी – आपने पी रखी है
मै – हा भाभी मैने थोड़ी भंग पी रखी है पर आप यहां कैसे
भाभी – मै खा जाऊंगी मैं तो रूम में ही हु
मै – तो फिर किचन में कौन ....
भाभी – किचेन में तो सुरभि(बहन) है कुछ पकवान बच गए थे वहीं बना रही है कुछ हुआ क्या?
मै ( मन में ) मेरी तो पूरा नशा उतर गया कि मैं अपनी खुद की बहन को चुत ओर गान्ड में रंग लगाया ,
भाभी – क्या हुआ आप ठीक है
मै – हा में ठीक हु ओर रूम में चला गया
भाभी जब किचेन में गई तो वह कोई नहीं था जमीन पे थोड़े रंग गिरे हुए थे पर इतना ध्यान नहीं दी क्योंकि आज होली थी

वही दूसरी तरफ सुरभि(बहन) अपने रूम में आ कर सबसे पहले दरवाज ओर खिड़की बंद की सांसे तेज चल रही थी उसके दिमाग में सिर्फ थी आ रहा था कि उसका खुद का भाई उसे रंग लगाई वो भी ऐसी जगह जहां आज तक किसी को हाथ लगाने भी नहीं दी आज उसका भाई उसे रगड़ रगड़ के रंग लगा रहा था और पीछे से गान्ड पे कुछ चुभ भी रहा था क्या वो भाई का लन्ड था फिर उसके दिमाग में आया उसने भाभी बोला था मतलब वो भाभी समझ के रंग लगा रहा क्या इसके और भाभी के बीच कुछ चल रहा है , फिर वो अपने आप को साफ कर बाथरूम में चली गई और

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अपने कपड़े उतर के शावर चालू की अपने शरीर को रगड़ के रंग साफ करने लगी पहले तो चूची पे हाथ गया तो उसे भाई के याद आ गई कैसे वो मसल रहा था और वो भी ऐसीही मसलने लगी उसकी सिसकी भी नकल रही थी ऐसा सोच रही थी कि भाई ही मसल रहा हो और हल्की हल्की सिसकियां निकल जाती है फिर धीरे धीरे चुत के पास उंगली ओर उसे जोर जोर से ऊपर से ही रगड़ने लगी उसके बुर से पानी आने लगी थी धीरे धीरे 2 उंगली चुत में डाल दी

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और अंदर बाहर करने लगी पर उसके दिमाग में बार बार भाई का मोटा सा कुछ चुभ रहा था वहीं आ रहा था इसलिए वो नंगी ही बाथरूम का दरवाजा खोला और भर आई अलमारी खोली कपड़े के नीचे एक डब्बा निकले उसमें एक मोटा ओर लंबा डिल्डो ( प्लास्टिक का लन्ड )था

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वो ले कर वापस बाथरूम चली गई अंदर जाते ही पहले तो डिल्डो को मुंह में ली ढेर सारी ठुक लगाई ओर चुत के मुंह पे लगा के अंदर के तरफ घुसने लगी उसके मुंह से सिसकी भी निकली आह ... भाई .. कर के । भाई के बारे में सोच के उसे ओर मजा आने लगा कि भाई का मोटे लन्ड से पेलाई हो रही हो और इसीलिए जल्दी फव्वारे के तरह चुत से बहुत ज्यादा पानी निकला,

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उंगली गाजर मूली तो बहुत बार की थी बस झर के रह जाती थी ऐसा पहली बार हुआ फव्वारे की तरह पानी निकालना वो बहुत खुश हुई और संतुष्टि उसके चेहरे पर दिख रही थी दिमाग में एक चीज ही सोची (" भाई भाभी का तो पता नहीं पर तेरा लन्ड तो मै ही लुंगी , तेरे बारे में सोच के प्लास्टिक के लन्ड इतना पानी निकला जब तेरा लन्ड लुंगी तो पता नहीं क्या होगा ")
ओर फिर अपने आप को साफ की बाहर आ कर कपड़े
पहनी ओर बाहर आ गई ।


Gazab ki update he chhotu15 Bro

Bhabhi ke baad ab Maa aur bahan ka number lagane wala he apna Hero

Keep rocking Bro
 

Ek number

Well-Known Member
9,299
20,251
188
Update 9


अब ये हमारा रोज का हो गया था , अब मै भी चूदाई के बहाने ही सही ऑफिस जाता था रोज तो नहीं पर सप्ताह में 2 – 3 दिन चूदाई कर ही लेता था मामा के साथ । इसी तरह देखते देखते कब पापा और भैया को मरे एक साल हो गए पता ही नहीं चला । अब ऑफिस का सारा काम मैं ही देखता था, इसी बीच मामा भी अपने घर(नानी घर) चले गए , अब मै दीदी मिल के कंपनी को बहुत अच्छे से संभाला , घर में भी सब नॉर्मल था , इसी बीच मै ओर भाभी बहुत करीब आ गए थे ओर हमारे बीच सम्बन्ध भी बहुत बार बनी अब भाभी को भी कोई ऐतराज नहीं था । मम्मी को भी पता था पर कुछ बोलती नहीं थी देख के भी अनदेखा कर देती थी । हमारे खानदान का एक रिवाज था अगर किसी की मौत हो जाए तो उसके एक साल तक कोई भी शादी नहीं होती थी , मम्मी ये सोच के ही हमेशा रुक जाती थी पर अब तो साल भर पूरा हो चुका था मम्मी बात करने को सोचती है पर बेटा सुबह होने के बाद ऑफिस चला जाता ओर रात में आने के बाद थक सा जाता था इसीलिए सही समय नहीं मिल पता है , अगले महीना होली का त्योहार आने वाला था मम्मी सोची ये सही रहेगा बेटा भी घर में रहेगा फिर बात करुंगी ।
देखते देखते एक महीना कैसे बीत गए पता ही नहीं चला , होलिका दहन का दिन था सभी ने साथ में मिल कर होलिका दहन जलाया , जलने का काफी रात हो गई इसलिए होलिका दहन जलाया उसके बाद सब ने खाना खाया और सब सोने चले गए क्योंकि अगले दिन होली था जल्दी उतना था ।
आज होली का दिन था मम्मी,भाभी ओर दीदी तीनों उठ चुकी थी और किचन में पकवान बनाने में लगी हुई थी, मै भी थोडा लेट उठा फ्रेश होने के बाद नीचे गया तो देखा सभी पकवान बनाने में लगे हुए है फिर मै घर से बाहर गया तो देखा होली की तैयारी चल रही थी मिल,पूरे मोहल्ले होली एक साथ मनाते थे , मै भी कुछ मदद की तभी मेरा फोन बज देखा तो मामा का था कॉल झट से उठाया –
मैं – हेलो मामा कैसे हो कितने दिनों बाद याद किए ?
मामा – क्या करु बेटा दिन भर काम रात में ठुकाई , टाइम ही नहीं मिलता ओर बताओ वह सब कैसा है
मैं – यहां सब ठीक है , आप बताओ वहां रात में किसकी ठुकाई करते हो अभी तक नहीं बताया
मामा – बाद में बताऊंगा ओर बताओ होली का क्या प्लान है
मैं – कुछ नहीं मामा हूं दोस्तो के साथ रंग लगाना
मामा – ओर तुम्हारा ओर तेरी भाभी का सेक्स लाइफ कैसी चल रही है
मै – नहीं मामा महीनों हो गए टाइम ही नहीं मिला
मामा – तो आज का मौका अच्छा है रंग लगाने के बहाने रगड़ डाल
मै – हा कोशिश करता हु
ओर फोन रख देता हु ।
बाहर से घर आ कर देखा सभी का पकवान बनाना हो चुका था दीदी ओर भाभी स्नान कर चुकी थी मम्मी को दिखाई नहीं दी मै भी जल्दी से स्नान करने चला गया जब वापस आया तो देखा मम्मी उजला सारी पहनी है और दीदी ओर भाभी उजला सलवार सूट पहनी हुई है और सभी पूजा की तैयारी में लगे हुए थे ,पूजा होने के बाद मैं बाहर दोस्तो के साथ होली खेलने चला गया । बाहर देखा तो सभी एक दूसरे को रंग लगा रहे थे दोस्तो मुझे भी रंग लगाई मै भी रंग लगाया फिर सभी भंग पीने गए मुझे भी साथ में ले गए मै कभी भंग नहीं पिया था थोड़ा अजीब लग रहा था पर सभी ने ली तो मैं भी ले लिया और पीने लगा एक ग्लास के बाद ओर पीने का मन हुआ 3–4 ग्लास पी क्या अब थोड़ी नशा भी होने लगी हमने फिर से होली खेली गाने पे डांस भी किया सभी ने फिर से भंग पी नशा अब ज्यादा हो गया फिर रंग लेके घर की ओर निकल गया घर में घुसा तो कोई दिखाई नहीं दिया , किचेन के तरफ गया तो कोई सलवार सूट में दूसरी तरफ घूम के कुछ कर रही थी मुझे लगा भाभी है पीछे से चुपके से गया ओर दबोच लिया , सबसे पहले मुंह में रंग लगाई उसने मुंह नहीं खोला क्योंकि रंग मुंह में जा सकती थी, जैसे ही हाथ नीचे चूची पर ले गया उसने मुंह से आवाज निकलने सोची मै उसकी मुंह बंद की ओर उसके कान में धीरे से बोला भाभी आज तो होली है रंग लगाने दो

507-1000-1
ओर फिर मै सूट के अंदर हाथ डाल के अच्छे से चूची पे रंग रगड़ के लगाया , धीरे धीरे हाथ नीचे सलवार के अंदर ले जा कर चुत को मुट्ठी में भर लिया बुर बिल्कुल साफ था ,उसके मुंह से हल्की सिसकी भी निकली आह... कर के चुत ओर गान्ड दोनों को अच्छे से रंग लगाया

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फिर वह से अपने रूम जा ही रहा था कि मुझे भाभी के रूम से कोई सलवार सूट में निकला जैसे ही चेहरा देख मेरे होश ही उड़ गए मेरे पैर लड़खड़ा गए भाभी ने जल्दी से आ के मुझे पकड़ा और बोली –
भाभी – आपने पी रखी है
मै – हा भाभी मैने थोड़ी भंग पी रखी है पर आप यहां कैसे
भाभी – मै खा जाऊंगी मैं तो रूम में ही हु
मै – तो फिर किचन में कौन ....
भाभी – किचेन में तो सुरभि(बहन) है कुछ पकवान बच गए थे वहीं बना रही है कुछ हुआ क्या?
मै ( मन में ) मेरी तो पूरा नशा उतर गया कि मैं अपनी खुद की बहन को चुत ओर गान्ड में रंग लगाया ,
भाभी – क्या हुआ आप ठीक है
मै – हा में ठीक हु ओर रूम में चला गया
भाभी जब किचेन में गई तो वह कोई नहीं था जमीन पे थोड़े रंग गिरे हुए थे पर इतना ध्यान नहीं दी क्योंकि आज होली थी

वही दूसरी तरफ सुरभि(बहन) अपने रूम में आ कर सबसे पहले दरवाज ओर खिड़की बंद की सांसे तेज चल रही थी उसके दिमाग में सिर्फ थी आ रहा था कि उसका खुद का भाई उसे रंग लगाई वो भी ऐसी जगह जहां आज तक किसी को हाथ लगाने भी नहीं दी आज उसका भाई उसे रगड़ रगड़ के रंग लगा रहा था और पीछे से गान्ड पे कुछ चुभ भी रहा था क्या वो भाई का लन्ड था फिर उसके दिमाग में आया उसने भाभी बोला था मतलब वो भाभी समझ के रंग लगा रहा क्या इसके और भाभी के बीच कुछ चल रहा है , फिर वो अपने आप को साफ कर बाथरूम में चली गई और

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अपने कपड़े उतर के शावर चालू की अपने शरीर को रगड़ के रंग साफ करने लगी पहले तो चूची पे हाथ गया तो उसे भाई के याद आ गई कैसे वो मसल रहा था और वो भी ऐसीही मसलने लगी उसकी सिसकी भी नकल रही थी ऐसा सोच रही थी कि भाई ही मसल रहा हो और हल्की हल्की सिसकियां निकल जाती है फिर धीरे धीरे चुत के पास उंगली ओर उसे जोर जोर से ऊपर से ही रगड़ने लगी उसके बुर से पानी आने लगी थी धीरे धीरे 2 उंगली चुत में डाल दी

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और अंदर बाहर करने लगी पर उसके दिमाग में बार बार भाई का मोटा सा कुछ चुभ रहा था वहीं आ रहा था इसलिए वो नंगी ही बाथरूम का दरवाजा खोला और भर आई अलमारी खोली कपड़े के नीचे एक डब्बा निकले उसमें एक मोटा ओर लंबा डिल्डो ( प्लास्टिक का लन्ड )था

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वो ले कर वापस बाथरूम चली गई अंदर जाते ही पहले तो डिल्डो को मुंह में ली ढेर सारी ठुक लगाई ओर चुत के मुंह पे लगा के अंदर के तरफ घुसने लगी उसके मुंह से सिसकी भी निकली आह ... भाई .. कर के । भाई के बारे में सोच के उसे ओर मजा आने लगा कि भाई का मोटे लन्ड से पेलाई हो रही हो और इसीलिए जल्दी फव्वारे के तरह चुत से बहुत ज्यादा पानी निकला,

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उंगली गाजर मूली तो बहुत बार की थी बस झर के रह जाती थी ऐसा पहली बार हुआ फव्वारे की तरह पानी निकालना वो बहुत खुश हुई और संतुष्टि उसके चेहरे पर दिख रही थी दिमाग में एक चीज ही सोची (" भाई भाभी का तो पता नहीं पर तेरा लन्ड तो मै ही लुंगी , तेरे बारे में सोच के प्लास्टिक के लन्ड इतना पानी निकला जब तेरा लन्ड लुंगी तो पता नहीं क्या होगा ")
ओर फिर अपने आप को साफ की बाहर आ कर कपड़े
पहनी ओर बाहर आ गई ।

Awesome update
 

insotter

👑
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Update 9


अब ये हमारा रोज का हो गया था , अब मै भी चूदाई के बहाने ही सही ऑफिस जाता था रोज तो नहीं पर सप्ताह में 2 – 3 दिन चूदाई कर ही लेता था मामा के साथ । इसी तरह देखते देखते कब पापा और भैया को मरे एक साल हो गए पता ही नहीं चला । अब ऑफिस का सारा काम मैं ही देखता था, इसी बीच मामा भी अपने घर(नानी घर) चले गए , अब मै दीदी मिल के कंपनी को बहुत अच्छे से संभाला , घर में भी सब नॉर्मल था , इसी बीच मै ओर भाभी बहुत करीब आ गए थे ओर हमारे बीच सम्बन्ध भी बहुत बार बनी अब भाभी को भी कोई ऐतराज नहीं था । मम्मी को भी पता था पर कुछ बोलती नहीं थी देख के भी अनदेखा कर देती थी । हमारे खानदान का एक रिवाज था अगर किसी की मौत हो जाए तो उसके एक साल तक कोई भी शादी नहीं होती थी , मम्मी ये सोच के ही हमेशा रुक जाती थी पर अब तो साल भर पूरा हो चुका था मम्मी बात करने को सोचती है पर बेटा सुबह होने के बाद ऑफिस चला जाता ओर रात में आने के बाद थक सा जाता था इसीलिए सही समय नहीं मिल पता है , अगले महीना होली का त्योहार आने वाला था मम्मी सोची ये सही रहेगा बेटा भी घर में रहेगा फिर बात करुंगी ।
देखते देखते एक महीना कैसे बीत गए पता ही नहीं चला , होलिका दहन का दिन था सभी ने साथ में मिल कर होलिका दहन जलाया , जलने का काफी रात हो गई इसलिए होलिका दहन जलाया उसके बाद सब ने खाना खाया और सब सोने चले गए क्योंकि अगले दिन होली था जल्दी उतना था ।
आज होली का दिन था मम्मी,भाभी ओर दीदी तीनों उठ चुकी थी और किचन में पकवान बनाने में लगी हुई थी, मै भी थोडा लेट उठा फ्रेश होने के बाद नीचे गया तो देखा सभी पकवान बनाने में लगे हुए है फिर मै घर से बाहर गया तो देखा होली की तैयारी चल रही थी मिल,पूरे मोहल्ले होली एक साथ मनाते थे , मै भी कुछ मदद की तभी मेरा फोन बज देखा तो मामा का था कॉल झट से उठाया –
मैं – हेलो मामा कैसे हो कितने दिनों बाद याद किए ?
मामा – क्या करु बेटा दिन भर काम रात में ठुकाई , टाइम ही नहीं मिलता ओर बताओ वह सब कैसा है
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मामा – बाद में बताऊंगा ओर बताओ होली का क्या प्लान है
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मामा – ओर तुम्हारा ओर तेरी भाभी का सेक्स लाइफ कैसी चल रही है
मै – नहीं मामा महीनों हो गए टाइम ही नहीं मिला
मामा – तो आज का मौका अच्छा है रंग लगाने के बहाने रगड़ डाल
मै – हा कोशिश करता हु
ओर फोन रख देता हु ।
बाहर से घर आ कर देखा सभी का पकवान बनाना हो चुका था दीदी ओर भाभी स्नान कर चुकी थी मम्मी को दिखाई नहीं दी मै भी जल्दी से स्नान करने चला गया जब वापस आया तो देखा मम्मी उजला सारी पहनी है और दीदी ओर भाभी उजला सलवार सूट पहनी हुई है और सभी पूजा की तैयारी में लगे हुए थे ,पूजा होने के बाद मैं बाहर दोस्तो के साथ होली खेलने चला गया । बाहर देखा तो सभी एक दूसरे को रंग लगा रहे थे दोस्तो मुझे भी रंग लगाई मै भी रंग लगाया फिर सभी भंग पीने गए मुझे भी साथ में ले गए मै कभी भंग नहीं पिया था थोड़ा अजीब लग रहा था पर सभी ने ली तो मैं भी ले लिया और पीने लगा एक ग्लास के बाद ओर पीने का मन हुआ 3–4 ग्लास पी क्या अब थोड़ी नशा भी होने लगी हमने फिर से होली खेली गाने पे डांस भी किया सभी ने फिर से भंग पी नशा अब ज्यादा हो गया फिर रंग लेके घर की ओर निकल गया घर में घुसा तो कोई दिखाई नहीं दिया , किचेन के तरफ गया तो कोई सलवार सूट में दूसरी तरफ घूम के कुछ कर रही थी मुझे लगा भाभी है पीछे से चुपके से गया ओर दबोच लिया , सबसे पहले मुंह में रंग लगाई उसने मुंह नहीं खोला क्योंकि रंग मुंह में जा सकती थी, जैसे ही हाथ नीचे चूची पर ले गया उसने मुंह से आवाज निकलने सोची मै उसकी मुंह बंद की ओर उसके कान में धीरे से बोला भाभी आज तो होली है रंग लगाने दो

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ओर फिर मै सूट के अंदर हाथ डाल के अच्छे से चूची पे रंग रगड़ के लगाया , धीरे धीरे हाथ नीचे सलवार के अंदर ले जा कर चुत को मुट्ठी में भर लिया बुर बिल्कुल साफ था ,उसके मुंह से हल्की सिसकी भी निकली आह... कर के चुत ओर गान्ड दोनों को अच्छे से रंग लगाया

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फिर वह से अपने रूम जा ही रहा था कि मुझे भाभी के रूम से कोई सलवार सूट में निकला जैसे ही चेहरा देख मेरे होश ही उड़ गए मेरे पैर लड़खड़ा गए भाभी ने जल्दी से आ के मुझे पकड़ा और बोली –
भाभी – आपने पी रखी है
मै – हा भाभी मैने थोड़ी भंग पी रखी है पर आप यहां कैसे
भाभी – मै खा जाऊंगी मैं तो रूम में ही हु
मै – तो फिर किचन में कौन ....
भाभी – किचेन में तो सुरभि(बहन) है कुछ पकवान बच गए थे वहीं बना रही है कुछ हुआ क्या?
मै ( मन में ) मेरी तो पूरा नशा उतर गया कि मैं अपनी खुद की बहन को चुत ओर गान्ड में रंग लगाया ,
भाभी – क्या हुआ आप ठीक है
मै – हा में ठीक हु ओर रूम में चला गया
भाभी जब किचेन में गई तो वह कोई नहीं था जमीन पे थोड़े रंग गिरे हुए थे पर इतना ध्यान नहीं दी क्योंकि आज होली थी

वही दूसरी तरफ सुरभि(बहन) अपने रूम में आ कर सबसे पहले दरवाज ओर खिड़की बंद की सांसे तेज चल रही थी उसके दिमाग में सिर्फ थी आ रहा था कि उसका खुद का भाई उसे रंग लगाई वो भी ऐसी जगह जहां आज तक किसी को हाथ लगाने भी नहीं दी आज उसका भाई उसे रगड़ रगड़ के रंग लगा रहा था और पीछे से गान्ड पे कुछ चुभ भी रहा था क्या वो भाई का लन्ड था फिर उसके दिमाग में आया उसने भाभी बोला था मतलब वो भाभी समझ के रंग लगा रहा क्या इसके और भाभी के बीच कुछ चल रहा है , फिर वो अपने आप को साफ कर बाथरूम में चली गई और

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अपने कपड़े उतर के शावर चालू की अपने शरीर को रगड़ के रंग साफ करने लगी पहले तो चूची पे हाथ गया तो उसे भाई के याद आ गई कैसे वो मसल रहा था और वो भी ऐसीही मसलने लगी उसकी सिसकी भी नकल रही थी ऐसा सोच रही थी कि भाई ही मसल रहा हो और हल्की हल्की सिसकियां निकल जाती है फिर धीरे धीरे चुत के पास उंगली ओर उसे जोर जोर से ऊपर से ही रगड़ने लगी उसके बुर से पानी आने लगी थी धीरे धीरे 2 उंगली चुत में डाल दी

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और अंदर बाहर करने लगी पर उसके दिमाग में बार बार भाई का मोटा सा कुछ चुभ रहा था वहीं आ रहा था इसलिए वो नंगी ही बाथरूम का दरवाजा खोला और भर आई अलमारी खोली कपड़े के नीचे एक डब्बा निकले उसमें एक मोटा ओर लंबा डिल्डो ( प्लास्टिक का लन्ड )था

20250417-081252
वो ले कर वापस बाथरूम चली गई अंदर जाते ही पहले तो डिल्डो को मुंह में ली ढेर सारी ठुक लगाई ओर चुत के मुंह पे लगा के अंदर के तरफ घुसने लगी उसके मुंह से सिसकी भी निकली आह ... भाई .. कर के । भाई के बारे में सोच के उसे ओर मजा आने लगा कि भाई का मोटे लन्ड से पेलाई हो रही हो और इसीलिए जल्दी फव्वारे के तरह चुत से बहुत ज्यादा पानी निकला,

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उंगली गाजर मूली तो बहुत बार की थी बस झर के रह जाती थी ऐसा पहली बार हुआ फव्वारे की तरह पानी निकालना वो बहुत खुश हुई और संतुष्टि उसके चेहरे पर दिख रही थी दिमाग में एक चीज ही सोची (" भाई भाभी का तो पता नहीं पर तेरा लन्ड तो मै ही लुंगी , तेरे बारे में सोच के प्लास्टिक के लन्ड इतना पानी निकला जब तेरा लन्ड लुंगी तो पता नहीं क्या होगा ")
ओर फिर अपने आप को साफ की बाहर आ कर कपड़े
पहनी ओर बाहर आ गई ।

Nice update bro 👍 👍
 
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