• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Adultery छुटकी - होली दीदी की ससुराल में

xforum

Welcome to xforum

Click anywhere to continue browsing...

komaalrani

Well-Known Member
23,102
62,107
259
छुटकी - होली दीदी की ससुराल में

भाग १०२ - सुगना और उसके ससुर -सूरजबली सिंह पृष्ठ १०७३

अपडेट पोस्टेड, कृपया पढ़ें, लाइक करें और कमेंट जरूर करें
 
Last edited:

komaalrani

Well-Known Member
23,102
62,107
259
भाग १०२ - सुगना और उसके ससुर -सूरजबली सिंह

२५,३९,५३५

teej-2-desktop-wallpaper-shriya-saran-navel-shriya-saran-saree-navel-shriya-saran-hot-navel-shriya-s.jpg

सुगना की कहानी सुनानी तो है लेकिन बात कहाँ से शुरू करूँ कुछ समझ में नहीं आ रहा।


सुगना इस कहानी में आ चुकी है, पायल खनकाते, बिछुए बजाते, उनके और उनके ससुर सूरजबली सिंह की जिक्र भी थोड़ा बहुत लेकिन उसी समय मैंने आप मित्रों से वायदा किया था की सुगना और उनके ससुर का हवाल सुनाऊँगी पूरे विस्तार से, और उसी बीच मेरी मित्र आरुषि जी ने एक अच्छी लम्बी कविता चित्रों भरी ससुर और बहू पर पोस्ट कर दी।
उस समय भी मैंने वायदा किया था की ससुर बहू के इस रिश्ते पर मैं भी ट्राई करुँगी। इन्सेस्ट लिखना मुझे आता नहीं लेकिन सब मित्रों के कहने पर इस कहानी में कई प्रसंग जैसे पहली बार सगे भाई बहन का किस्सा अरविन्द और गीता के किस्से के रूप में आया,।

तो चलिए बहुत इधर उधर की बात हो गयी, अब आती हूँ मुद्दे पे लेकिन फिर वही बात, बात शुरू कहाँ से शुरू करूँ, और मैंने पहले ही बोल दिया था की अब काल क्रम से नहीं बल्कि एक एक बात पकड़ के, तो छुटकी के कबड्डी कैम्प में जाने के बाद याद नहीं पन्दरह दिन या महीने भर के बाद मैं गयी सुगना भौजी के यहाँ, शायद महीना भर हो ही गया था, तो सुगना भौजी खूब खुश।

बड़े आदर के साथ मुझे पलंग पे बैठाने लगीं, सिरहाने

" अरे नर्क भेजेंगी का , आपकी देवरानी हूँ , पहले आप बैठिये, आप गोड़ नहीं छुलवातीं, छोटी बहन की तरह रखती हैं लेकिन मेरा भी तो "मैं हाथ छुड़ाते बोली। पक्की सहेली, छोटी बहन की तरह, मानती थीं लेकिन थीं तो मेरी जेठानी ही न

लेकिन सुगना भौजी हाथ जोड़ के " आपकी, छाया की मदद से मेरी जिन्नगी लौटी है मैं तो तोहार गोड़ जिन्नगी भर धोऊंगी'

उस समय कुछ समझ में नहीं आया लेकिन बाद में पता चला की उनके ससुर ठीक हो गए हैं बल्कि पहले से भी तगड़े, एकदम जैसे जवानी वापस लौट आयी है और उनके साथ सुगना की ख़ुशी भी,

बताया तो था, जब ये किस्सा पहले आया था भाग ८२ प्रृष्ठ ८३० में ससुर उनके कमर के नीचे एकदम बेकार हो गए थे, छह महीने से, और वैसे भी तबियत नहीं ठीक रहती थी, सूरजबली सिंह ने पलंग पकड़ लिया था, बिस्तर से उठना मुहाल था, बस सब कुछ सुगना के जिम्मे, लड़का तो कतर में था, और गाँव में सूरज बली सिंह की देखभाल हो या सैकड़ो बीघा खेत बाग़ सब सुगना, लेकिन इतना ख्याल करती थीं बीमारी में ससुर का

लेकिन अब वो एकदम ठीक थे, बल्कि पहले से भी अधिक तगड़े हो के बिस्तर छोड़ा था उन्होंने,

बताउंगी सब बात, लेकिन अभी तो शुरू से, शुरू से मतलब एकदम शुरू से

पर या सब बाते बाद की है अभी से बताने से सब गड्डमगड्ड हो जाएगा।


पांच दिन जो मैं और सास मेरी साथ थे उस में सुगना के ससुर के बारे में बहुत कुछ तो मेरी सास ने बताया,.... लेकिन उनसे ज्यादा बड़की नाउन जो उम्र में मेरी सास से भी पांच दस साल ज्यादा ही थीं, गुलबिया की सास ने वो सुगना के घर की भी नाउन थीं और उनके ससुर के शादी भी कराने में वही,


Teej-Amrapali-pxfuel.jpg



और ग्वालिन चाची ने भी, .....उन्होंने देखा तो नहीं था लेकिन सुना था उनके ससुर के शादी के पहले के दिन के बारे में ,.... सुगना की सास के बारे में

तो वही सब जोड़ जोड़ के,

और ये बात जितनी सुगना भौजी की है उतनी ही बाबू सूरजबली सिंह की भी है। वैसे तो ससुर बहू के किस्से में बस उम्र का अंतर, मौका और जवान माल को देखे के ललचाने का एक दो सीन और ससुर का घोड़े जैसा और बहू, लेकिन उसके पीछे का किस्सा भी तो होता है तो जो जो सुना है और कुछ बिना ज्यादा मिर्च मसाला के पता लगा बस वो सब सोच के आपके सामने,....

तो पहले सुगना भौजी के बारे में, पहले भी लिख चुकी हूँ एक बार फिर से लिख देती हूँ , उनके रूप जोबन का बखान और सब सच्चा
 
Last edited:

komaalrani

Well-Known Member
23,102
62,107
259
सुगना
Teej-sug-44dc89bded423d9e029f2d5d0b927301.jpg


सुगना एकदम रस की जलेबी, वो भी चोटहिया, गुड़ की जलेबी, हरदम रस छलकता रहता, डेढ़ दो साल पहले ही गौने उतरी थी, जोबन कसमसाता रहता, चोली के भीतर जैसे अंगारे दहकते रहते, जैसी टाइट लो कट चोली पहनती सुगना भौजी, सीना उभार के चलतीं, जवान बूढ़ सब का फनफना जाता था,

सुगना ऐसी रसीली भौजाई पूरे गाँव बल्कि पूरे बाइस पुरवा में नहीं थीं।

... गौना उतरने के कुछ दिन बाद ही मरद कमाने चला गया, क़तर, दुबई कहीं,... सास थीं नहीं।
घर में खाली सुगना और उसके ससुर।

सुगना क जोबन जैसे गुड़ क डली, कोई नयी बियाही साल दो साल पहले गौने से उतरी, और जेकर मरद चार पांच महीने बाद चला गया हो,... अभिन लड़कोर न हो, जोबन चोली में टनाटन कसमसात हों, और वो जो जुबना उभार के छोट छोट चोली में,...


Teej-Gao-desktop-wallpaper-rashmika-mandanna-rashmika-mandana.jpg



तो का होगा जैसे गुड पे चींटे लगते हैं उसी तरह,... लेकिन सुगना जानती थी ये चोली के अंदर वाली दोनों गुड़ की डली गाँव क लौंडन क ललचाने के लिए तो ठीक हैं, लेकिन उसके आगे ज्यादा नहीं,.. हाँ देह उसकी गुड़ की जलेबी की तरह मीठी रसीली, भारी भारी कूल्हे और चोली फाड़ते जोबना क देख के , और ये जानते हुए की इन्हे दबाने मीसने वाला साल डेढ़ साल से बाहर है, कब आएगा, पता नहीं,... ऊपर से घर में टोकने वाली न सास न जेठान, आग लगाने वाली न कोई छोट ननद न बड़ी, और घर में सेंध लगाने वाला देवर भी नहीं

सुगना का,मस्त जोबन... सब लौंडो का पजामा टाइट रहता है. का पता भौजी कब केकरे आगे लहंगा पसार दें,., चटक चांदनी की तरह रूप के साथ सुगना की मिठास शहद ऐसी बोली में थी, ... और जो उससे चिपक गया, चाहे लड़का या लड़की वो छूट नहीं सकता था।

तो जब सुगना गौने उतरी, तो एक दो रिश्ते की सूरजबली सिंह की भौजाईयो ने मजाक में पूछा भी,
" ये उजरिया अस बहुरिया केकरे लिए लाये हो अपने लिए की,... बेटवा के लिए. "

Teej-Gao-desktop-wallpaper-amarapalli-dubey-amrapalli-dubey-bhojpuri-actress.jpg


तो चलिए कुछ बातें सुगना के ससुर सूरजबली सिंह के बारे में भी
 
Last edited:

komaalrani

Well-Known Member
23,102
62,107
259
सूरजबली सिंह

==
-----
Teej-IMG-20230606-045554.jpg


बाबू सूरजबली सिंह, सुगना के ससुर,... एकदम लहीम सहिम, जबरदस्त मर्द उमर तो पचास नहीं तो पचास के आस पास, पहुँच गयी थी लेकिन ताकत में जवान मात,.. बड़की नाउन और ग्वालिन चाची दोनों बोल रही थीं, ...जब पांच हाथ की लाठी लेकर निकलते तो धरती कांपती

सुगना की सास सुगना के गौने उतरने के कई साल पहले ही ऊपर चली गयी थी,..


लेकिन बाबू साहेब का नागा नहीं होता था, ... खेत बाड़ी, पुरानी जमींदारी,...

अरे गुलबिया की चचिया सास ,.. उनके घर की नाउन, कभी तेल लगाने तो कभी गोड़ मींजने, इमरती नाम था,... और सब को मालूम था था की तेल कहाँ कहाँ लगता था,...
Teej-IMG-20230606-045527.jpg



और वो मुंह खोल के बताती भी थी, एक दिन में मेरी सास ने मजाक में मेरे सामने पूछ भी लिया हँसते हुए ."ओह बड़का औजार में तेल आज कल लगता है की नहीं, केतना बड़ा है,..."

तो जिस तरह बित्ता फैला के इमरतिया बोली की मेरा और मेरी सास दोनों का मुंह खुला रहा गया. और साथ में हंस के साफ़ भी कर दिया." अरे मोटा कड़ियल काला नाग है,... सब बिल के बस का नहीं है।"
sixteen-cock-11.jpg


यह किस्सा सुगना का है, लेकिन थोड़ा बहुत उनके ससुर का भी है, सूरजबली सिंह का भी। तो कुछ उनके बारे में,... लेकिन ये सब बातें सुनी सुनाई हैं

लेकिन कई मुंह से तो सच ही जान पड़ती हैं और ज्यादातर उनसे बड़ी,.... उम्र में भी रिश्ते में भी उनकी भौजाइयों ने,

मेरी पश्चिम पट्टी की अजिया ( दादी ) सास ने, उमर में ७० पार कर रही होंगी, लेकिन गाँव के हर रतजगे में, गवनही में मौजूद, उन्होंने ने बहुत कुछ बताया सूरज बली सिंह के बारे में, उनकी माई के बारे में और भी सब औरतों के बीच वाली बातें, ....बताउंगी, सब बताउंगी


मेरी मुंहदिखाई में जो इनकी सास दी थीं, वो पांच तोले की नथ उतार के दे दी थी,

' बहुत पतोह उतारे, आपन भी, पोतों क भी लेकिन अइसन चाँद आज तक यह गाँव में न उतरा, अऊर अइसन सुलच्छिनी, गांव क भाग जग गया' ,


MIL8b9d0077433ee5e2ed690813fb95819e.jpg


गौने के तीसरे दिन हमार सास गाने का प्रोग्राम रखी थी, और आजी ( मैं क्या सब उन्हें आजी ही कहते थे, और मेरा सर दुलार से अपने गोद में रखती थीं वो ) ने मुझे चढ़ा के अपनी सब पतोहों को, ( मतलब जो मेरी सास लगती थीं )

सब से पहले मैंने अपनी सास को फिर गाँव की सब सास को बारी बारी से, ....एकदम अच्छी वाली गारी दिलवाई, क्या क्या न चढ़वाया मैंने अपनी सास लोगों के ऊपर , और मेरी अजिया सास, बल्कि आजी एक एक को इशारा करके " अरे वो लाल साड़ी वाली रमुआ क माई बची हो अभी '


मेरे चाचा मामा से शुरू होक्के, गदहा घोडा तक,... और आजी इतना खुश की सब कड़ा छडा अपने गोड़ का, और तब से जैसे दादी पोती की दोस्ती होती है वैसे वाली दोस्ती हो गयी।

bride-dholak-2.jpg

तो उन आजी ने गाँव की कोई लड़की, औरत नहीं होगी जिसका पेटीकोट मेरे सामने न उघारा हो, किसका नाडा किस हरवाह में सबसे पहले खोला, कौन बहुरिया जिसका मरद कलकत्ता गया था, भैसं दुहने वाले से दुहाती थी, कितनी अपनी भाइयों से फंसी थीं, सगी नहीं तो चचेरे, ममेरे फुफेरे, और सिर्फ मेरी पीढ़ी की नहीं, मेरी सास की ननदें, जेठानियाँ, देवरानियां, सब का किस्सा और सबसे ज्यादा सूरजबली सिंह का, उनकी शादी के पहले से लेकर, और उनकी माई का भी, गाँव भी कुछ भी तोपा ढांका नहीं था उनसे, मैं अक्सर दुपहरिया में उनके पास, कभी उनका बाल संवारती, सर में तेल लगाती और वो किस्से,

तो बहुत कुछ जो मैं सुनाऊँगी वो उनसे सुना और गुलबिया की सास से

और सिर्फ बबुआन में ही नहीं, पठान टोले में भी और खाली हिना के घर से नहीं, पूरे सैयदाने से,

हिना की अम्मा, बड़की सैय्यदायिन तो सूरजबली सिंह की असली भौजी थी,


Teej-MIL-0d04f727df3caf14d8724d107f3e3522.jpg


बिना होली में सुगना के ससुर को रगड़े, जिस दिन से गौने में आयी थीं, उस साल से ही, उमर में उनसे बराबर ही होंगे या साल दो साल छोटे

लेकिन बड़े सैय्यद, हिना के बाबू गाँव में कोई अगर उनसे बोल पाता था तो सूरजबली सिंह ही ,यहाँ अगर हिना की माँ को भी अपने पति से कुछ मांगना हो, कहना हो तो अपने देवर सूरजु का ही सहारा लेती। सगा भाई झूठ, सूरज बली सिंह इतनी इज्जत करते थे बड़े सैय्यद की और हिना के बाबू भी, कभी भी उन्होंने अपने सुरजू की बात नहीं टाली।


एक बार की बात, खुद हिना की अम्मा ने बताई,

सूरज बली सिंह की लाठी, खाली गाँव में नहीं पचास साठ गाँव में मशहूर थी।

बचपन ही अखाडा, डंड लगाना, हर नागपंचमी में कोई दंगल बचता नहीं था, जो वो जीत के न आते हों, दोनों हाथ से एक साथ चालीस चालीस सेर की गदा उठाते थे, और लाठी उन्होंने सिखाई भी थी, कुछ भरौटी, कुछ अहिरौटी, दो चार पासी, दर्जन भर से ऊपर लठैतों को उन्होंने गंडा बाँधा था, लेकिन शर्त दो ही थी, लाठी कभी गरीब के ऊपर नहीं उठनी चाहिए , हरदम गरीब के लिए उठनी चाहिए और कदम कभी पीछे नहीं हटेंगे।

हिना की माँ ने ही बताया, एक बार कुछ दंगा फसाद की खबर आयी, बगल के गाँव से, थानेदार ने खबर भी करवाई, सावधान रहने के लिए, बड़े सैयद की तबियत ठीक नहीं थी, इसलिए पड़ोस के गाँव वाले हिम्मत कर रहे थे , लेकिन तब भी बड़े सैय्यद ने हिम्मत की।


पर सुरजू आ गए आगे ( हिना की माँ की आँखे भर गयीं )

Teej-MIL-HD-wallpaper-aabha-paul-cleavage-bollywood-actress-thumbnail.jpg


" भैय्या, छोट भाई के रहते, बड़ा भाई घर से बाहर पैर निकाले, हमार कसम " और सूरज बली सिंह की लाठी ऐसा चक्कर घुमाते की आठ दस लठैत तो आस पास भी नहीं फटक पाते।

आये सब , तलवार, एक दो के पास बन्दूक भी, पचासों की भीड़, नारे, हंगामा, लेकिन सूरजबली सिंह और उनके लठैत को देख के ठिठक गए।

उधर से कोई लठैत बोला, " बाबू साहेब आप हट जाइये, आप से कोई झगड़ा नहीं है, लेकिन आज पठान टोला फूंका जाएगा, बहुत दिन का बदला लेना है, आप का पता नहीं फलाने शहर में का हुआ "

riots-delhi-riots.jpg


सूरज बली सिंह लाठी जमीन पर टिका के खड़े हो गए, लहीम सहीम शरीर, ६ फुट से ज्यादा, तेल से पुता, अंगद का पाँव, और उनसे भी एक हाथ बड़ी लाठी,

" जउन अपनी महतारी क दूध पिए हो आये आगे, ....अरे अखाड़ा में गुरु यही सिखाये थे की लाठी किस पे उठनी चाहिए , जउन शहर क बात कर रहे हो, जाके वहां लड़ो,..... हमरे बाइस पुरवा में घुसे भी तो, ....पठान टोला भी बाइस पुरवा में है , खाली हमार पैर हिला दो "

जैसे बात फैली, की बाबू सूरजबली सिंह निकल आये हैं बस पूरे बाइस पुरवा क कोई टोला नहीं बचा, जहाँ से चींटी की तरह भरभरा के,अहिरौटी, भरौटी, पसियाने से तो एक एक घर से चार चार पांच लाठी, सब सूरजु सिंह के सिखाये,

दंगा वाले चक्कर काटते रहे, लेकिन सिवान डाँकने की हिम्मत नहीं पड़ी, और तब से आज तक आस पास के शहर में कसबे में कितनी बार, कितने घर परिवार तो छोड़ के कहाँ कहाँ, मऊ, मुबारकपुर चले गए,..... लेकिन पठानटोला उसी तरह बाईसपुरवा में

,एक बार जब बड़े सैय्यद नहीं थे, हिना की अम्मा ने बस कह दिया उनसे एह बार मोहरम क अलम, हर बार बड़े सैयद ही

" अरे भौजी तोहार देवर खाली होली के लिए," हंस के वो बोले और उस साल अलम बाबू साहेब के हाथ में था।



इसलिए पूरे गाँव में दुःख था जब सूरजबली सिंह की तबियत खराब हुयी और कोई इलाज नहीं हो पा रहा था, डागदर हकीम सब जवाब दे दिए थे
------


फुलवा क माई बोली की वो जब गौने उतरी तो बाबू साहेब क बियाह हो गया था , लेकिन उसकी सास बताती थीं।
 
Last edited:

komaalrani

Well-Known Member
23,102
62,107
259
" सूरजु क लंगोट किसने खोला "
samu-langot-2c2ad4d747a0e30c15ea8074cb6e1609.jpg


एक बात और थी, सुगना के खानदान में उनके ससुर अपने माँ बाप के इकलौते थे, कोई सगी बहन भी नहीं, और उनके ससुर के पिता जी भी अकेले। उससे बढ़ के बाबू सूरज बली सिंह को नवासा मिला था, उनके ननिहाल में न मौसी न मामा। तो कुल जमीन, .....बीस पचीस कोस दूर ही,....सुगना के गाँव से सटा। १०० बीघा से ऊपर तो खाली गन्ना होता था और चीनी मिल बगल में, तो कुल गन्ना सीधे वहीं, उसके अलावा आम की बाग़,

और बाकी खेत में धान गेंहू, तो गाँव क्या पूरे ब्लाक में उनसे बड़ा काश्तकार कोई नहीं था, सब जोड़ कर,

Sugar-Cane-Field-GA.jpg


लेकिन सबसे ज्यादा मजेदार बात बतायी उनकी भौजाइयों ने, मेरी सास, हिना की अम्मा, ग्वालिन भौजी ने

" सूरजु क लंगोट किसने खोला "


Teej-gao-ca692952edbcedf96f30ffb367fba111.jpg


और उन सब भौजाइयां हंसी ले लहालोट, मेरी सास ही बोलीं,

" गाँव में सुगना के ससुर ऐसा कोई लजाधुर नहीं था,.....जवान भौजाई को देख के रस्ता छोड़ देता था,..... और भौजाई कुल उतने पीछे, "



और अब तो ये बात मैं भी अच्छी तरह समझ गयी थी,


जवान होते लजाते देवरों को रगड़ने, छेड़ने से जयादा मजा किसी में नहीं आता, जो जितना लजाता है उसकी उतनी ही खिंचाई होती है।

चुन्नू
का अभी हाईस्कूल का रिजल्ट नहीं आया, चार दिन पहले इम्तहान ख़तम हुआ था लेकिन, नेकर में हाथ डाल के न सिर्फ मैंने हाल चाल लिया बल्कि अपनी पतली लम्बी गली का रस्ता भी दिखा दिया।
" अरे अभी तो मेरी तेरी होली उधार है , अब तो इम्तहान का बहाना भी नहीं है , " उसका गाल सहलाते मैं बोली।
Teej-01a6bfc8511834a415471e3c19893c18.jpg

" नहीं नहीं , भाभी प्लीज मैं होली नहीं खेलता, ... " छटकते चुन्नू बोला।

और इसी अदा पे तो मैं निहाल हो गयी। बहुत मज़ा आता है इन कमसिन उमर वालों पर जबरदस्ती करने में,

" तुम मत खेलना, मैं तो खेलूंगी, सबसे छोटे देवर हो मेरे, होली में भले बच गए इम्तहान के चक्कर में लेकिन अब थोड़ी , और अभी तो चार दिन पूरे बचे हैं "
और एक बार फिर गुदगुदी लगाते मैं पहले पेट , फिर मेरा हाथ नेकर की अंदर और मैंने उसे पकड़ लिया,
ठीक ठाक बल्कि अच्छा खासा था, ...
holding-cock-download-1.jpg

मेरे पकड़ते ही वो कसमसाने लगा, जैसे कोई जीजा होली में साली की नयी नयी आती चूँची पकड़ के दबा दे,... पर न जीजा छोड़ते हैं और न मैं छोड़ने वाली थी

और थोड़ी ही देर में सोते से वो जग गया, मूसल चंद तो नहीं लेकिन साढ़े पांच छह से तो कम नहीं ही रहा होगा, और कड़ा भी बहुत ,
लेकिन सबसे अच्छी बात, जो इस उमर के लड़कों में होती है छूते ही टनटना गया. वो छटपटा रहा था छूटने की कोशिश कर रहा था, लेकिन बार चिड़िया चंगुल में आ जाए तो फिर,... कुछ देर तक तो मैं दबाती रही, बस उसके कड़ेपन का मोटापे का अंदाज ले रही थी, बहुत अच्छा लग रहा था, फिर हलके हलके सहलाते मैंने छेड़ा,

" हे देवर जी, एच पी,... अरे हैंडप्रैक्टिस करते हो न,... किसका नाम ले ले कर,... अपनी किस बहन,...
"

Teej-Blouse-ca406448c9b3b31bac92c1845cd3bc83.jpg


वो जितना शर्मा रहा था, मैं उतने ही कस कस के मुठिया रही थी, और एक झटके में उसका ऊपर का चमड़ा खींच के, अच्छा खासा मोटा सुपाड़ा, लीची ऐसा रसदार, गप्प से मुंह में लेने लायक,....
' हे आज से ये ऐसे ही खुला रहेगा, समझे ' खुले सुपाड़े पर अंगूठा रगड़ते मैं बोली,
holding-cock-Sweet-teen-practicing-with-my-cock-3.gif

वो गहरी गहरी साँसे ले रहा था, देह उसकी एकदम टेन्स हो गयी थी, और वो एकदम लोहे की रॉड, इतना कड़ा, मैं बिना रुके पूरी तेजी से आगे पीछे आगे पीछे, ...

कभी अंगूठे से बेस को दबा देती तो कभी बॉल्स भी सहला देती, ... बीच बीच में मैं घड़ी भी देख रही थी, दस मिनट हो गए मुठियाते,...




लेकिन अभी,उस दिन इस हाईस्कूल वाले चुन्नू का पानी निकाला और अगले दिन खुद ऊपर चढ़ के चोद दिया, जबरदस्ती। अरे देवरों की नथ भौजाई नहीं उतारेगी तो क्या उनकी बहने आएँगी ससुराल से


लेकिन असली मजा आया ऐन होली के दिन, जब हम लोग मिश्राइन भाभी के यहाँ से होली खेल के लौट रही थीं, नंदों की शलवार चड्ढी फाड़ के तो एक नयी उमर की नयी फसल टाइप दिख गया तो मंजू भाभी ने चढ़ा दिया

" हे नयको देख तोहार छोट देवर, स्साला भाग न पावे "

" अरे भागेगा तो यहीं निहुरा के गाँड़ मारूंगी स्साले की, " हंस के मैं बोली। भागा तो वो पूरी ताकत से और मैंने दौड़ा के पकड़ लिया और उसके नेकर में हाथ डाल के मुठियाते बोली, " हे खड़ा वड़ा होता है की नहीं अभी। अपनी बहिनिया से जाके चुसवाओ तो झट से खड़ा हो जाएगा "
" कोमलिया , नूनी है की लौंड़ा" एक मेरी जेठान ने हँसते हुए पूछा।

नेकर सरका के खेत में फेंकते हुए मैं बोलीं, " अरे देवर तो देवर , चाहे नूनी हो या लौंड़ा, भौजाई कौन जो फागुन में छोड़ दे "

तो जो मैं अपने कच्ची उम्र के देवरों को नहीं छोड़ती तो मेरी सास लोग, सूरजबली सिंह की भौजाई लोग कैसे ,....तो मेरी सास लोग तो हम लोगों की पीढ़ी से भी दस हाथ आगे, तो सब की सब उनके पीछे,

और देह भी उनकी कसरती, सुबह सुबह भोर भिन्सारे वो मुगदर लेकर कसरत करते, डंड पेलते,


samu-langot-56249fd381867e515ac47f34102e4e16.jpg



तो कहीं न कहीं कहीं से कोई न कोई भौजाई, और फिर चिढ़ाना शुरू

" अरे लंगोट में का बाँध रखे हो, कउनो ख़ास चीज है का "

" अरे एक बार खोल के दिखाई तो दो, दे दूंगी, मुंह दिखाई "

" नहीं नहीं अपनी बहिनिया के लिए रखे हैं " कोई भौजाई और पीछे पड़ती।

Teej-Gao-IMG-20231014-022532.jpg


उन्होंने एक बँसवाड़ी के पीछे कसरत शुरू की तो देवर गंध,..... वहां भी कोई न कोई

और भौजाइयां आपस में भी, " बित्ते भर से कम का ना होगा "



और बात भी ऐसी थी पूरे बबुआने में लौंडों का लंगोट जवान होने के बहुत पहले खुल जाता था, कोई घर में काम करने वाली , मजाक करते करते , तो कभी कोई घास वाली , और घर की बड़ी औरते, माई दादी भी बुरा नहीं मानती, बोलतीं,

" मरद क जवानी कउनो खाली मूंछ आने से थोड़ो पता चलती है,.... यही तो खेलने खाने की उमर है। "



लेकिन सरजू खाली अखाडा, कसरत, खेती बाड़ी और घर का काम और जबरदस्त देह बना रखी थी और वो देख के सब और पनियाती।



उनकी माँ तो उनकी भौजाइयों से भी आगे

अपनी गाँव के रिश्ते की बहुओं, उनके भौजाइयों को उकसाती

" कइसन भौजाई हो तुम सब,.....हमार देवर अस होत तो पटक के जबरदस्ती पेल देती। ये लंगोट खोलने की उमर है, बाँधने क थोड़ी”
Teej-MIL-IMG-20230415-230613.jpg


और ये बात नहीं थी की ठाकुर सूरजबली सिंह ने कोई ब्रम्हचारी होना तय किया था या उनका मन नहीं करता था या पजामे में फड़फड़ाता नहीं था । लेकिन असली बात वही थी जो मेरी सास ने बोली थी,

" लजाधुर, " बस लाज और झिझक, वो पहल नहीं कर सकते थे , और एक बात और की' कोई क्या कहेगा

और ये बात नहीं की फड़फड़ाता नहीं था या रात बिरात, पजामे में,

एक दिन कहारिन जो घर में कपडे साफ़ करती थी, उनकी माई से, सूजबली सिंह के सामने ही उंनका पाजामा दिखाते हुए चिढ़ाया,

" अब इनका बियाह करवा दीजिये , इधर उधर रबड़ी मलाई, गिराने से तो अच्छा "

पजामे पे रात के सपने का बड़ा सा धब्बा था, लेकिन सूरज बली सिंह की महतारी अपने बेटवा की ओर से हंस के बोली

" अरे देवरानी जब आये तब आये तोहार, तब तक भौजाई लोगन क जिम्मेदारी है की देवर क ख्याल रखें । तो गलती तोहार सब का है, गगरी भर जाए तो जवानी में छलकबे करेगी। "

अगले दिन फिर पजामे में, और अबकी वही कपड़ा धुलने वाली दिखाते बोली

" केतना ढेर सारा मांड निकाले हैं देवर हमार "
Teej-gao-IMG-20230323-152523.jpg


" अरे बेटवा केकर हैं "

कुछ गर्व से कुछ दुलार से उनकी माँ बोली और कुछ दिन बाद ही सूरजबली सिंह की शादी तय हो गयी।

घर परिवार अच्छा था, उस जमाने में लड़की देखने का तो था नहीं हाँ जो बीच में थे उन्होंने बता भी दिया की सुन्दर है, घर क काम आता है
 
Last edited:

komaalrani

Well-Known Member
23,102
62,107
259
बुच्ची-..... फूफेरी बहन …सुमन
Girl-073f48a1c90e7673cbad2685ad6babb4.jpg


और एक बार बियाह तय हो जाये तो घर का रंग बदल जाता है, महीने भर पहले से गेंहू, और अंजाज साफ़ करना, कूटना, पीसना और सब घर काम करने वालियों से भरा रहता था, कुछ मेहमान भी

और दर्जन भर काम करने वालियां, कहीं गेहूं सुखाया जा रहा है, पछोरा जा रहा है, पीसा जा रहा है, कहीं चक्की चल रही है, और साथ में जांते का गाना, बिना गाये काम सपड़ता नहीं और थोड़ी देर में गाना असली गारी में, जो सामने पड़ा, उसी पे

और सबसे ज्यादा दूल्हे की माँ, सूरजबली सिंह की महतारी, और वो खुद ही काम वालियों को उकसाती, कोई गाँव के रिश्ते से ननद लगती, कोई बहू, और उन्ही के साथ सूरजबली सिंह के एक रिश्ते की फूफेरी बहन, नाम तो सुमन था लेकिन सब लोग बुच्ची कहते थे। तो दूल्हे की बहन तो गरियाई ही जायेगी,

Girl-IMG-20230708-195848.jpg


बुच्ची के पीछे पड़ने का एक और कारण था, वो चिढ़ती बहुत थी। और अगर कोई ननद चिढ़े तो फिर तो भौजाइयां उसे, और गाँव का मजाक गाने तक नहीं रहता सीधे देह तक पहुँच जाता

और ऊपर से सूरजबली सिंह की माँ, और उन काम वालियों का साथ देतीं, बुच्ची को बचाने के बहाने,


' अरे बेचारी ये छिनार है तो इसका का दोष, एकर महतारी तो खानदानी छिनार, अगवाड़ा छिनार, पिछवाड़ा छिनार, झांट आने के पहले गाँव भर के लौंडों का स्वाद चख ली थी, ( सूरज बली सिंह के फुफेरी बहन की महतारी, मतलब उनकी बूवा यानी उनकी माँ की ननद,... तो फिर तो गरियाने वाला रिश्ता हुआ ही )।
Teej-MIL-5f7bcb4ab7ecfac130de2ea7368f90f5.jpg


और कोई नाउन कहारिन सूरजबली सिंह की महतारी क सह पाके और बोलती,

" हे बुच्ची, तोहार भैया लंगोट में बांध के रखे हैं, सबसे पहले तोहें खिलाएंगे, ....झांट वांट साफ़ कर के तैयार रहा "
Teej-Gao-d1445f44cffbed383500137a95109239.jpg


तो फिर सूरजबली सिंह की माई, मजा लेते बोलतीं,

" तो का हुआ, यह गाँव क तो रीत है, स्साली कुल लड़कियां भाई चोद हैं, सब अपने भाई को सीखा के पक्का कर देती हैं, बियाह के पहले तो इहो अपने भैया के साथे गुल्ली डंडा खेल लेगी, "

लेकिन मामला गाँव में एकतरफा नहीं रहता, जांता पीसती गाँव की कोई लड़की ( जो सूरज बली सिंह की माई की ननद लगती ) चटक के बोलती,

" अरे भौजी, ननद लोगन का बड़ाई करा, की भाई लोगन क सिखा पढ़ा के, अरे तभी तो कुल दूर दूर से हमार भौजाई लोग आती है , उनकी महतारी भेजती हैं गुल्ली डंडा खेलने के लिए। ....और लंगोट खोलवाने का काम काम तो देवर के भौजाई लोगन क भी है "
Teej-Gao-Sofia-Ansari-Latest-Hot-Pictures-819x1024.jpg


और सूरजबली सिंह की माई पाला बदल के अपनी गाँव की बहुओं को ललकारतीं,


" हे देखा,.... इतनी भौजाई बैठी हैं, हमको तो कुछ नहीं है हम तो सास है। महीना भर बाद तोहार देवरानी उतरी तोहीं लोगन क कोसी,.... की ये जेठानी लोग कुछ गुन ढंग अपने देवर को नहीं सिखाई, इतने दिन में लगोट भी नहीं खोल पायीं अपने देवर का "

और बात सही भी थी, गाँव में कोई भी ऐसा लड़का नहीं था जो शादी के पहले कम से कम दस बारह, और दस बारह बार नहीं, दस बारह से,गन्ने के खेत में तो, कोई छोड़ता नहीं था, ... बस पेटीकोट उठा, पाजामा सरका और निहुरा के गपागप गपागप


Sugarcane-t2usityb8ylz.jpg


और उनमे भी ज्यादातर खूब खेली खायी काम करने वाली, तो कोई और शादी शुदा, लेकिन सूरजबली सिंह का लंगोट,....



मुझसे नहीं रहा गया और मैं अपनी सासों की गोल में पूछ बैठी, " तो सूरज बली सिंह का लंगोट खोला किसने"



अब तो वो हंसी का दौर पड़ा, बड़ी मुश्किल से सब लोग चुप हुए फिर ग्वालिन चाची ने बड़की नाउन ( गुलबिया की सास ) की ओर इशारा करके बोला

" इनकी देवरानी ने, .....इमरतिया। "
Teej-7f7c3063cd944613001056e1c8bc5aa6.jpg
 
Last edited:

Chalakmanus

Member
134
290
64
सुगना
Teej-sug-44dc89bded423d9e029f2d5d0b927301.jpg


सुगना एकदम रस की जलेबी, वो भी चोटहिया, गुड़ की जलेबी, हरदम रस छलकता रहता, डेढ़ दो साल पहले ही गौने उतरी थी, जोबन कसमसाता रहता, चोली के भीतर जैसे अंगारे दहकते रहते, जैसी टाइट लो कट चोली पहनती सुगना भौजी, सीना उभार के चलतीं, जवान बूढ़ सब का फनफना जाता था,

सुगना ऐसी रसीली भौजाई पूरे गाँव बल्कि पूरे बाइस पुरवा में नहीं थीं।

... गौना उतरने के कुछ दिन बाद ही मरद कमाने चला गया, क़तर, दुबई कहीं,... सास थीं नहीं।
घर में खाली सुगना और उसके ससुर।

सुगना क जोबन जैसे गुड़ क डली, कोई नयी बियाही साल दो साल पहले गौने से उतरी, और जेकर मरद चार पांच महीने बाद चला गया हो,... अभिन लड़कोर न हो, जोबन चोली में टनाटन कसमसात हों, और वो जो जुबना उभार के छोट छोट चोली में,...


Teej-Gao-desktop-wallpaper-rashmika-mandanna-rashmika-mandana.jpg



तो का होगा जैसे गुड पे चींटे लगते हैं उसी तरह,... लेकिन सुगना जानती थी ये चोली के अंदर वाली दोनों गुड़ की डली गाँव क लौंडन क ललचाने के लिए तो ठीक हैं, लेकिन उसके आगे ज्यादा नहीं,.. हाँ देह उसकी गुड़ की जलेबी की तरह मीठी रसीली, भारी भारी कूल्हे और चोली फाड़ते जोबना क देख के , और ये जानते हुए की इन्हे दबाने मीसने वाला साल डेढ़ साल से बाहर है, कब आएगा, पता नहीं,... ऊपर से घर में टोकने वाली न सास न जेठान, आग लगाने वाली न कोई छोट ननद न बड़ी, और घर में सेंध लगाने वाला देवर भी नहीं

सुगना का,मस्त जोबन... सब लौंडो का पजामा टाइट रहता है. का पता भौजी कब केकरे आगे लहंगा पसार दें,., चटक चांदनी की तरह रूप के साथ सुगना की मिठास शहद ऐसी बोली में थी, ... और जो उससे चिपक गया, चाहे लड़का या लड़की वो छूट नहीं सकता था।

तो जब सुगना गौने उतरी, तो एक दो रिश्ते की सूरजबली सिंह की भौजाईयो ने मजाक में पूछा भी,
" ये उजरिया अस बहुरिया केकरे लिए लाये हो अपने लिए की,... बेटवा के लिए. "

Teej-Gao-desktop-wallpaper-amarapalli-dubey-amrapalli-dubey-bhojpuri-actress.jpg


तो चलिए कुछ बातें सुगना के ससुर सूरजबली सिंह के बारे में भी
Suruaat to achhi ho rahi hai.intejaaar rahega....
 

komaalrani

Well-Known Member
23,102
62,107
259
  • Like
Reactions: Sutradhar

Rajizexy

❣️and let ❣️
Supreme
48,277
51,243
304
छुटकी - होली दीदी की ससुराल में

भाग १०२ - सुगना और उसके ससुर -सूरजबली सिंह पृष्ठ १०७३

अपडेट पोस्टेड, कृपया पढ़ें, लाइक करें और कमेंट जरूर करें
Super dupr gazab update
Ab agar Imratia ne langot khol liya hai toh kabhi na kabhi Sugna bhi kholegi hi
👌👌👌👌👌👌
,✅✅✅✅✅
💯💯💯💯
Awesome Super Cool GIF

Awesome GIF by Beverley Mitchell

 

Shetan

Well-Known Member
16,529
48,688
259
Phagun ke din chaar aur Joru ka Gullam dono men khoob lambe lambe update post huye hain bas sunday ko yahan bhi . aur ab main comments ka wait kar rhi hun un dono stories pe
कोमल जी फागुन के अपडेट मेने उसी दो दिनों मे पढ़ लिए थे. मगर कुछ कमेंट के बाद कमेंट नहीं हो रही थी. इसी लिए कमेंट आज की. बाकि अब 1 month बाद मुजे छुट्टी मिलेगी. तब स्टार्ट करती हु.

574275e6155c943aca75e32fe24705f1 34735e82ffc16d2560cafa3a297b8465 a31277e7491471fc1115a16a73d792f0
 
  • Like
Reactions: Sutradhar
Top