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Adultery इश्क और हसरत

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UPDATE 002



" अरे ऐसे कैसे नहीं झुकेंगे हिहीही हम्ममम ये हुई न बात हाहाहाहाहा"

पूरे जयमाल स्टेज वो अकेली थी जिसने शमा बांध रखा था । सब कुछ उसके आगे फीका था , क्या रोशनी क्या सजावट सब कुछ अधूरा सा
मै तो स्टेज की भीड़ में कही दुबक सा गया था ,
सीटियां बज रही थी , हल्ला गुल्ला था कि भाई दुल्हा घुटने पर है और दुलहन ने वरमाला डाल दी । फुल फेंके जा रहे थे , कैंफेटी कैनन एक के बाद एक फोड़े जा रहे थे ।
सबके हाथ ऊपर उठे , सबकी निगाहे दूल्हे दुल्हन पर और मेरी नजर अपनी दुल्हनिया को तलाशती हुई
कभी बाजुओं के नीचे से तो कभी नरमुंडों के गैप से झुक कर , उछल कर हर प्रयास बस उसका खिलखिलाता हंसता हुआ चेहरा देखने का ।

वो मुझे नहीं देख पा रही थी लेकिन दूल्हे पक्ष की भीड़ में से मै उसे देख रहा था , सुकून इस बात का था कि सबकुछ हो जाने पर उसकी चंचल नजरे मुझे न देख कर कुछ उदास सी हो गई । दिल धड़कने लगा ये सोच कर कि

क्या वो मुझे .... ?
फिंगर क्रास , काश भोलेनाथ ऐसा ही हो
कुछ ही देर में स्टेज से भीड़ हटा दी गई और मुझे मेरी स्थिति का कोई ध्यान नहीं था । जैसे ही उसने मुझे देखा मुंह पर हाथ रख कर अपनी फूंटती हंसी को रोकना चाहा ।
तभी मेरे दोस्त ने जिसके भाई की शादी थी उसने मेरे बाल और कंधे झाड़े
पता चला मै तो फूल और उन झिलमिल चमकीले कागज और पन्नियों के छोटे करतन से नहाया हुआ था
मैने लजा कर अपना हुलिया सही किया और नीचे आ गया
वो वधू पक्ष की ओर मै वर पक्ष की ओर खड़े । अपनी सहेलियों के साथ स्टेज पर देखती और कनआखियो से मुझे ।
मै तो बस उसे ही देख रहा था ,
एक बार , दो बार , फिर वो थोड़ा हिचकने लगी । मालूम हो रहा था कि उसकी भी धड़कने तेज हो गई हो । कुछ था जो हम दोनो को बेचैन कर रहा था ।
वो थकी हुई भी लग रही थी और फिर अपने सहेलियों के साथ घर की ओर जाने लगी ।
दिल धड़कने लगा ये कहा जा रही, लेकिन मन में संतोष था कि अभी तो उसने स्टेज पर फोटो शूट कराया ही नहीं ।

तभी मेरा दोस्त मुझे पकड़ कर नाश्ते की स्टाल की ओर ले आया
: अबे चल न , कुछ खाते है साला भूख बहुत लगी है
: और भैया ? ( असल में मुझे फिकर तो उसकी थी कि कही वो आए मै वहा न रहूं )
: उनको क्या टेंशन भाभी है न उनके साथ हाहाहाहाहा
मै भी हस पड़ा और उसके साथ चल दिया
भीड़ तो अभी भी थी , लेकिन दूल्हे के भाई के साथ होने का बारात में अपना ही रोला होता है ।
दो टिक्की चाट ले आया
मै उससे बाते करता हुआ अभी अपने दोने के टिक्की उस लकड़ी के चम्मच से तोड़ रहा था कि मुझे वो फिर से दिखी अपने सहेलियों के साथ आते हुए स्टाल की ओर लेकिन उसकी निगाहे स्टेज की ओर थी ,
मेरा दिल जोरो से धड़क उठा आंखे बंद कर एक गहरी सांस लेते हुए
फिंगर क्रास , काश उसकी तलाश मै ही रहूं ....


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फिर एकदम से वो मेरे सामने
ठिठक कर उसने मुझे देखा , हल्के से उसके होठ खुल गए थे । शायद चौक गई थी और आंखे पूरी तरह मुझे ही देख रही थी । उसके मैट लिपस्टिप वाले होठों के बीच से उसके मोटी जैसे दांत की झलक मिली , चेहरा पूरा गोल हो गया था और कितनी मासूमियत से उसने मुझे देखा । वो तो जैसे ठहर ही गई थी , कि उसकी सहेलियों उसे खींच लिया पानी पूरी के स्टाल पर

मेरा दोस्त तो जैसे किसी और दुनिया में हो , साला बोल तो रहा था कि उसे फिकर नहीं लेकिन नाश्ता करते हुए स्टेज पर देख कर ही कर रहा था ।
मैने टिक्की चाट खत्म की और उसकी ओर देखा वो बनवा रही थी अपने हिसाब के मसाले डलवा कर तीखी चटपटी पानीपुरी
एक पानी पूरी उसने मुंह ने रख कर फोड़ी और जैसे उसकी आत्मा तृप्त हो गई हो और दूसरा जैसे ही मुंह में उसकी नजरो ने मुझे देखा और उसका बंदरों जैसे फुले हुए गाल देख कर मुझे हंसी आई
शायद उसको भी आई हंसी लेकिन मुंह भरा था और पूरी अंदर फूट गई थी , एकदम से उसने खांसना शुरू कर दिया
दिल तड़प उठा उसे परेशान देख कर , शायद पानी गले में लग गया था , वो अपना सर ठोक रही थी ।
बिना गलती किए सॉरी वाली फिलिंग आई और मै उसको देख कर बुदबुदाया : सॉरी !!!!
शायद यही वो पल जब नियति ने मुझमें एक परफेक्ट पति देख लिया था जो बिना गलती के भी सॉरी बोल दे ।

उसने मुस्कुरा कर मुझे देखा
वही पानीपुरी वाला उससे पूछा मीठी बना दूं , उसने नाक शुरुक कर हंसते हुए ना में सर हिलाया
बहादुर निकली मेरी शेरनी ,
मै वहा से हट कर आगे दूसरे स्टाल पर चला गया , जहां कटलेट लगे थे । हमने वहां डेरा लगा दिया और उसे सावधानी से नाश्ता करने दिया ।

बीच बीच में मैने नजर मारी तो वो दूसरे स्टाल की ओर बढ़ रही , या कहूं कि मेरी ओर बढ़ रही थी
उसके हाथ में रुमाल भी लेवेंडर कलर का था , मैचिंग
मै मुस्कुराया और अभी भी उसकी नाक में पानी आ रहा था । जिसे वो रुमाल से रोक रही थी । उसके गदन और सीने पर पर हलके पसीने उभर आए थे ।
वो मेरे बगल में थी , ठीक मेरे पीछे एक दूसरे की ओर पीठ किए हुए लेकिन अहसास ऐसा था मानो पूरे बदन के वाइब्रेशन हो रही हो । उसके बदन से आती परफ्यूम की महक मुझे मदहोश कर रही थी ।
हम दोनो एक दूसरे के जिस्म की गर्माहट महसूस कर रहे थे और उसने एक कदम पीछे किया और हल्की सी आहट मुझे हुई और उसके कंधे ने मुझे मेरी पीठ को छुआ
पूरे बदन में बिजली सी दौड़ गई : ओह सॉरी
उसने पलट कर मुझे देखा।


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क्या कहूं उसकी वो कजरारी आंखे और वो गहरी भूरी चंचल पुतलियां फिर वो तो ठहर गई , हल्के से फिर उसके होठ खुल गए ।
धकधक धक धक धकधक
जैसे दिल ट्रेडमिल पर दौड़ रहा हो और सब कुछ सुन्न सा हो गया आसपास
मानो उसने सुन सा लिया हो मेरी धडकनों को और मेरे शर्ट के बटन के बीच से झांकते मेरे गेहुआ रंग के सीने को देखा और फिर पलके झपका कर मुझे

सब कुछ जैसे स्लो मोशन में घट रहा हो और फिर एकदम से उसके चेहरे का रंग हलका सा लाल होने लगा। मानो उसके जिस्म में भी वही गर्मी बढ़ने लगी जो मुझे महसूस हो रही थी ।
उसकी आंखे कह रही थी कि वो भी अंदर से बेचैन है तड़प रही है

" हे चल चल स्टेज खाली हो गई "
हंसी खिलखिलाहट के बीच वो अपने सहेलियों के साथ , लेकिन इस बार बात कुछ अलग थी
पलट कर देखा उसने मुझे , उसकी आंखे बयां कर रही थी कि वो मुझसे दूर नहीं होना चाहती।
दिल मेरा भी तड़प उठा और स्टेज तक पहुंचने तक मेरी उससे नजर हटी नहीं ।
हम दोनो भी स्टेज की ओर चल दिए
नीचे ही लगे सोफे पर बैठे हुए थे , और वो अपनी पसंदीदा सहेलियों के साथ दूल्हा दुल्हन के पास खड़ी होकर फोटो खिंचवा रही थी
कि एकदम से मेरी नजरे उससे टकराई और उसने अपनी आंखों से बाई ओर इशारा किया
मैने एकदम से खुद को झटका और लंबी गहरी सांस भरते हुए अपने पैर टाइट किए
एक अलग ही तरह ही बेचैनी थी और डर भी कि मैडम ने शादी से पहले ही इशारों में बातें शुरू कर दी ।
अच्छी बीवी होने की सही पहल थी ।
अब तक ज्यादातर लोग खाने वाले स्टाल पर जा चुके थे और बहुत से लोग तस्वीरें निकलवा भी चुके थे
तभी दुल्हन ने एक फरमाइश की और कैमरे वाले को कुछ कहा
फिर कुछ ही देर में दूल्हा दुल्हन दोनों पक्ष के खास लोग स्टेज पर थे ।
मै असहज था कि मै वहां क्या करूंगा जा कर लेकिन मेरा दोस्त मुझे खींच ले गया और मैं एकदम सेंटर में , फिर मेरी बाई ओर मेरे दोस्त की फैमिली और तभी मेरे दाहिने ओर झटके महसूस हुए और वो मुझसे टकराई

कितना मुलायम स्पर्श था और मेरी धड़कने तेज हो गई , हालत खराब पूरी , वो मेरे बगल में । वो मुझे देख कर मुस्कुराई और मेरा चेहरा फीका पड़ने लगा ।
एक गहरी सांस ली मगर कोई फायदा नहीं , मेरी धड़कने बेकाबू हुई जा रही थी । चेहरे पर फीकी मुस्कुराहट लिए मै सामने देख रहा था
धीरे धीरे दिमाग सुन्न सा हो रहा था उसके इतने मानो पूरे बदन का खून सिर्फ मेरे दिल के पास जमा हो रहा था और उसपर कितना बोझ था ,
मेरी आँखें सुस्त होकर बंद सी हो रही थी

धकधक धकधक धकधक

तभी मुझे मेरी उंगलियों में कुछ महसूस हुआ जैसे कोई मेरी रूह को छू रहा हो और उसने नीचे सबसे छिप कर अपने पंजे मेरे पंजे में कस लिए

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" इतना क्यों डर रहे हो " , वो बुदबुदाई


एकदम से पूरी ऊर्जा से भर गया मै , पूरे बदन में एक अलग ही जोश चेहरे पर गुलाबीपन लिए आंखों के चमक और होठों पर मुस्कुराहट

सुन ली थी उसने मेरे बेचैन दिल की पुकार और थाम लिया था मेरा हाथ
मैने भी कस लिया उसके पंजों को कि अब नहीं छोड़ने वाला
वो सामने देख कर मुस्कुराई और एक प्यारी सी फोटो हमारे ग्रुप की निकली

और उसने अपना हाथ छुड़ाना चाहा
" मत जाओ न , मर जाऊंगा "
मैने मेरे दिल की बात बोल दी ।

उसके पूरे बदन की सिहरन मुझे महसूस हुई और आंखे भर आई उसकी और नजरे उठा कर उसने बिना किसी की परवाह किए मेरी आंखों में देखा


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और मैने भी हां में सर हिलाया । फिर उसको छोड़ दिया
हो चुकी थी वो मेरी , उसकी आंखों ने सब साफ कह दिया था ।
अब वो खुद से भी बोले कि नहीं चाहती तो मै नहीं सुनने वाला था
एक शरारत भरी मुस्कुराहट से मैने उसे देखा और वो वही बुत बनी खड़ी रही ।

मै खुश था इतना कि शायद ही कभी इतनी खुशी मिली हो मुझे और पूरे स्वैग में बालों को सवार कर स्टेज की सीढ़ियों से किसी प्रोफेशनल हीरो की तरह उतर कर पलट कर एक बार उसकी ओर देखा

वो बस मुझे देख रही थी , दुल्हन के पीछे खड़ी होकर , बिन कुछ कहे , चुप सी । लेकिन उदास नहीं ।

मै अपने दोस्तों के साथ सेल्फियां ले रहा था और वो उतर आई स्टेज से नीचे

पूरे 2 घंटे गायब.....

सारे सेल्फ कॉन्फिडेंस की अम्मा बहन हो गई
गाड़ फट गई कि नाराज तो नहीं हो गई
शायद मैने जल्दी कर दी !!
एक बार उससे पूछ तो लिया होता !!
हर बार काम बिगाड़ देता हूं खुद का !!
पानी से मुंह धूल कर बालो को भिगो कर वापस आया तो मंडप में दुलहन को नेग चढ़ाए जा रहे थे ।
मै अपने दोस्त के साथ बैठा हुआ उसकी राह देख रहा था ।
मन में कई अटकलें चल रही थी
अपने दोस्त से पूछा तो पता चला दुल्हन की छोटी बहन तो वही मंडप में है ।
फिर कौन थी ?
आस पास की रही होगी , जयमाल बाद घर चली गई होगी ?

रिश्तेदार हो शायद इसी घर की ? लेकिन शक्ल सूरत किसी से भी मेल नहीं खा रही थी उसकी ?
अब कुछ बचा नहीं था मेरे लिए वहां सब कुछ मानो श्मशान हुआ पड़ा हो और सामने अग्नि कुंड नहीं चिता जल रही हो

इस कदर की उदासी छोड़ गई वो मेरे मन पर
रात के 2 बज रहे थे और आंखे भी अब झपकियां ले रही थी , कुछ ज्यादा ही जलन महसूस हो रही थी अब
अपने दोस्त के कंधे पर सर टिका कर सांस भर ले रहा था , जिन्दगी..... तो जैसे कही चली....

"अरे नहीं ....आ गई "
एकदम से चौक कर मैने सामने देखा
खुले बाल अपने दाएं तरफ हाथों को पीछे कर बालो को सही करती हुई देखी


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उफ्फ जैसे सूखे पतझड़ को बसंत ने अपने आगोश में ले लिया हो ,
मेरी जान में जान सी लौट आई जब मैने उसे हरी साड़ी में देखा गोरा दूधिया पेट और गुदाज नाभि और सुंदर गोल चेहरा जिसके गुलाबी लब थोड़े खुले हुए
जब भी वो ऐसे होती बहुत ही प्यारी दिखती
आंखे बंद कर एक सुकून भरी मुस्कुराहट से गहरी सांस ली
हाय रब्बा
बालों को झटक कर बड़ी अदा से मेरे सामने मंडप के दूसरी ओर से वो गुजरी , उसकी कजरारी आंखो ने मुझे
सब कुछ शून्य सा हो गया था उसके सिवा , जैसे पूरी कायनात के केंद्र में वो हो ।


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फिर वही बेचैनी और दिल जोरो से धकधक होने लगा
नथुने फूलने लगे लेकिन लब मेरे मुस्कुरा रहे आंखों को उनका सुकून लौट चुका था , दिल को उसकी नरम मिल चुकी थी

फिर वो बैठी एक जगह कुर्सी लेकर , अपने साथ वालो से बातें करते हुए
मैने उसकी आंखों ने आंखे डाली
वो थोड़ी नजरे चुरा रही थी
फिर मैने एक हाथ अपने मुंह पर फिरा कर उसे गर्दन तक लाया और उसकी राह देखने लगा कि कब वो मुझे देखे
जैसे ही उसने मुझे देखा मैने अपना अनूठा बाएं से दाए तरफ अपनी गर्दन पर फेरा और मुस्कुरा दिया ।


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और वो अपना मुंह के पास हाथ रख कर मुस्कुरा पड़ी , उसकी चमकीली आंखों में गजब का जादू था ।
हार बैठा था मैं सब कुछ उसके आगे

फिर वो हुआ जिसका मैने सोचा नहीं था वो प्यार भरी नजरें वो मीठी मुस्कान अपने हाथ पर अपना चेहरा रख कर बस उसने मुझे देखा


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हाय इतना सुकून !!!!!
न उसने जगह बदली न मैने
इधर फेरे शुरू हुए और उधर उसकी शरारत
फूल फेंकने का दौर शुरू हुआ
दूल्हा दुल्हन की जगह उसका निशाना मै था , वो चमकती चहकती खिलखिलाती और इसी बीच में उन पीले गुलाबी फूलों के नीच से कुछ चीरता हुआ आ गिरा मेरे ऊपर

एक कागज का टुकड़ा ,
सांसे बेचैन , धड़कने उफान पर
क्या आया होगा ?
कोई पैगाम ? कोई हुक्म ? या बस मुहब्बत का इजहार ?

छिप कर मैने वो पन्ना खोला
वो दस खूबसूरत अंकों का क्रम और नीचे लिखा था
जो नाम पसंद हो उसी से सेव कर लेना ।

मै आंखे बंद कर मुस्कुराया

एक ही नाम आया " सुकून "


जारी रहेगी
बहुत ही सुंदर लाजवाब और अद्भुत मनमोहक अपडेट हैं भाई मजा आ गया
अगले रोमांचकारी धमाकेदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
 
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सपनों का सौदागर 😎
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नयी और अनुठी कहानी की हार्दिक हार्दिक बधाई भाई
आपकी अन्य कहानी तरहा ये कहानी धमाकेदार होगी
Shukriya Bhai
 
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कहानी का प्रारंभ बडा ही जबरदस्त और शानदार लाजवाब हैं भाई मजा आ गया
Thanks bro
 
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बहुत ही सुंदर लाजवाब और अद्भुत मनमोहक अपडेट हैं भाई मजा आ गया
अगले रोमांचकारी धमाकेदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
Shukriya Bhai
 
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UPDATE 003


सीने में हलचल है

धड़कन भी पागल है
हँसता है रोता है
दिल में कुछ होता है
ऐसा लगता है जैसे आई एम इन लव

ऐसा लगता है जैसे आई एम इन लव

टीवी पर गाना चल रहा था और मै भी गुनगुना रहा था और जैसे गाने की धुन अगले लिरिक्स पर आई मै चिल्लाने लगा
आई एम इन लव

आई एम इन लव
आई एम इन लव

आई एम इन लव

तभी एकदम से महसूस हुआ कि सब कुछ शांत शांत हो गया है , आंखे खोली तो चूतड़ के चार भाग गए
सामने देखा तो पापा , वो बाजार से आए थे ।
दांत तले जीभ दबाए मै दुबक लिया और किचन में मम्मी रोटियां बेल रही थी और मुझे देख कर बिना आवाज के खिलखिलाई और हंस कर मुझे देखा ।
मै मुस्कुराता हुआ उनकी ओर चला गया और किचन स्लैब पर उनके पास ही बैठ गया चूल्हे के बगल में

: क्या मम्मी , आप तो अपनी दोस्ती भूल जाती हो
: अब मैने क्या किया ?
: बताना चाहिए न मुखिया जी आ गए है
मम्मी मेरी बात पर फिर से अपनी हंसी दबाने की कोशिश करती हुई खिलखिलाई : धत्त पागल , मार खाएगा अभी तू , ऐसे बोलते है ।
: अच्छा सुनो न ( मैने झट से बात बदल दी )
: हा बोल ( वो रोटियां सेकती हू मुस्कुरा कर )
: इतनी साल से इस सादे टीवी के साथ हो ( अम्मी ने मुझे सीरियस होकर घूरा) मतलब इतने साल हो गए आपकी शादी को और आप पापा को थोड़ा तो रोमांटिक बना देते
मम्मी फिर से हंसने लगी लेकिन कुछ बोली नहीं
: क्या हुआ बोलो न
: अरे वो भी है लेकिन चोरी छिपे करते है हाहाहाहा , अब बेटे से तो लिहाज करना पड़ेगा न
: हम्ममम मै सोच रहा हूं कि मेरा बेटा जब होगा तो मै उससे भी दोस्ती वाला रिश्ता रखूंगा
: अच्छा !!! ( मम्मी ताज्जुब करते हुए )
: हा नहीं तो जवानी पापा के चक्कर में और बुढ़ापा बेटे के चक्कर में सादे टीवी के जैसे कटेगी
: धत्त बदमाश , हट वहा से अब

मै कूद कर नीचे उतर गया और उनके बगल में उनको बर्तन खंगालते देखने लगा
: ओहो पापा को तो आपकी बिल्कुल भी फिकर नहीं है मम्मी
: अच्छा वो क्यों ?
: आखिरी बार आप पार्लर कब गई थी , ये देखो हाथ आपके कैसे रखे से हो गए है ।
: हट छोड़ न , काम करने दे भाई मुझे
: और ये फेस देखो ( मम्मी के गाल छू कर ) सर्दियां आ गई है कितना रुखा रुखा सा है ... अरे आइब्रो भी मोटे हो गए है
मम्मी हंसे जा रही थी
: अगले हफ्ते आपको बुआ के यहां जाना है तो आप मस्त एक VLCC मसाज कराओ , मेनिक्योर पेडीक्योर कराओ और बाल न इस बार स्ट्रेट करवाना ,मस्त दिखोगे
: इतना तैयार हो गई तो जा चुकी मै ( मम्मी हल्की सी बुदबुदाई और मै समझ गया )
: क्या ?
: पैसे कौन देगा ( मम्मी हस कर बोली )
: मेरा बाप ( मै खिलखिलाया )
: पता है इनसब के वो 6 से 7 हजार लेगी , वो पार्लर वाली ।
: गुल्लक फोड़ दो
: क्या ? ( मम्मी चौकी )
: गुल्लक ... ( आंखे थोड़ी बंद कर गर्दन हिलाया ) फोड़ दो ( फिर मुस्कराने लगा )
: सच में फोड़ दु , गुल्लक वो भी तेरा ( मम्मी को यकीन नहीं हो रहा था ) पक्का ??
: हा आपके लिए कुछ भी
मम्मी ब्लश करने लगी और बिना कुछ बोले काम करने लगी ।
मै भी धीरे से वहां से सरक कर सोफे पर बैठ गया और एक कान में ब्ल्यूटूथ नेकबैंड लगा कर मोबाइल चलाने लगा । कुछ ही देर में पापा भी कमरे से बाहर आ गए और न्यूज चैनल लगा दिया ।

मेरे मन भी अभी वो "आई एम इन लव" वाला गाना चल रहा था और तभी मेरी नजर टीवी स्क्रीन पर गई
07:57 बज गए

एकदम से मेरी बेचैनी बढ़ने लगी और इधर मम्मी खाना तैयार कर चुकी थी । सर्दियों में जल्दी खाना बन ही जाता था। जिसका डर था वही हुआ

ठीक 08 बजकर 01 मिनट पर
एक मैसेज का नोटिफिकेशन पॉप अप हुआ

SUKOON💞 🧿 : Call me

मै उठ कर बाहर जाने की सोच रहा था कि मम्मी बोल पड़ी : रोहन , हाथ धूल लो बेटा खाना परोस दी हूं ।
मेरी हालत खराब होने लगी और मै कुछ रिप्लाई करता या कुछ रिस्पांस देता उससे पहले जेब में मोबाइल घरघराने लगा , मैं झट से नेकबैंड से काल पिक कर दिया

"हाय हीही " ( कितनी खनक थी उसकी बातों में लेकिन असल के मेरी फटी हुई थी )
फिर मै सीधे किचन में और रोटियां आधी कर दी
: अरे क्यों खायेगा नहीं ( मम्मी चौक कर )
: नहीं मम्मी , भूख नहीं है ( अजीबा मुंह बना कर )

" ओहो लग रहा है किसी को भूख नहीं लग रही है , दिल भी बेचैन होगा उम्मम हाहाहाहा " , उसकी खिलखिलाती चुलबुली सी बातें मेरे कानो में ब्लूटूथ के जरिए जा रही थी और मेरे चेहरे पर मुस्कुराहट थी ।

वही मम्मी मुझे देख कर हैरान थी और थोड़ी नाराज भी
: अच्छा सॉरी न ,खा लेता हु सब ( मम्मी के पास जाकर उनसे लिपटता हुआ )
: हट छोड़ मुझे, चिपकू कही का
मम्मी गुस्से से मुस्कुराती हुई पापा की थाली लेकर निकल गई
"ओह हाय चिपकू हीही ", उसकी आवाज एक बार फिर मेरे कान में आई ।
" यार आप भी न , अच्छा क्या कर रहे हो " , मै थोड़ा शर्माया और हल्के से बुदबुदाया।
" मै ? मै तो मेरे चिपकू से बात कर रही हूं " , वो बोली अपने वही शरारत भरे लहजे में ।
अगल ही तरह वाइब महसूस हो रही थी उसकी बातों से , इतना खुशदिल कभी महसूस नहीं हुआ । लग ही नहीं रहा था कि हमें मिले 24 घंटे भी नहीं हुए थे
" कैसे कर लेती हो ये "

" क्या ? "
" किसी को ये अहसास दिलाना कि वो तुम्हारे बिना रह ही न पाए "
" हाय मम्मी , धत्त इतना रोमांटिक सीईईई उफ्फ मुझे तो ठंडी में भी गर्मी लग रही है अह्ह्ह्ह फ़ूऊऊऊ "
, फिर उसने अपनी अदा से मुझे छेड़ा और मै खुद से शर्म से गुलाबी होने लगा ।
" सच कहो न , कैसे कर लेते हो " , मैने सीरियस होकर पूछा ।
वो चुप सी हो गई लेकिन कुछ था जो उसके पास से आ रहा था फोन पर ही सही लेकिन मेरे दिल के पास एक अनजाना सा स्पर्श उसके साथ होने का ।
" पता है जब आपने मुझे स्टेज पर पकड़ा तो मैं तो ... " , बोलते हुए रुक गया मै
" इतना भी क्या डरना किसी से " , वो शांत होकर बोली जैसे वो खुद की धड़कने काबू कर रही हो ।

" हैलो , मिस्टर चिपकू , हैलो "

: तू यहां क्यों खा रहा है , चल बाहर
: नहीं मै .... ( मुंह के एक बड़ा सा आखिरी निवाला डाल हुआ ) खआआ चुका हूं
: अरे जाना है तुझे , इंसानों के जैसे नहीं खा सकता आराम से

मम्मी चिढ़ कर बोली और उधर उसकी हंसी मेरे कानो में खनकी
मै जल्दी जल्दी खा कर पानी पिया और निकल गया थोड़ा बाहर

"ऊहू , हा अब बोलो "

" बाहर आए हो न हाहाहा "
" नहीं तो " , मै थोड़ा ब्लश कर रहा था कि इसने मेरी चोरी कैसे पकड़ी ।
" चलो झूठे "

" जैसे अपने कमरे से बात कर रही हो , बड़ा ! "
" हा तो अपने कमरे में ही हूं , मस्त कम्बल में हिहीही "

"आह्ह्ह्ह पुरुष का जीवन बड़ा कठिन है मित्र " मै सोशल मीडिया पर घूमता हुआ एक वायरल मेमे बुदबुदाया ।
" क्या ? " , शायद वो समझी नहीं
" कुछ नहीं तब और बताओ "

" क्या बताऊं "
" कुछ भी क्या बताऊं "

" कुछ भी " , मै मुस्कुराया
" लेकिन क्या ? "

" वही बोल दो "
" क्या ? "

" जो स्टेज पर नहीं बोल पाई थी "
वो एकदम से फिर से चुप हो गई
" क्या हुआ , इतना भी क्या डरना किसी से " , मै उसके बात को दोहराया और उसकी फुसफुसाहट वाली हंसी मेरे कान में आई
" अच्छा मै बोल दूं "
" हा कहो न "
, बड़े धैर्य से उसने कहा जैसे कितना कुछ सुनना चाहती हो मुझसे ।
" पता है आपको देखते ही मुझे वो हो गया था "

" क्या ? "
" वो .. " , मैने उसे जानबूझ कर तड़पाया
" क्या बोलो न "

मैने जवाब देने के बजाय के वो गाना जो कुछ देर पहले मैने टीवी पर सुनकर कर गुन गुना रहा था उसके शब्दों के बोल को सीटी की आवाज में गुनगुनाया ।
(ऐसा लगता है जैसे आई एम इन लव)

और उसकी हल्की सी शर्माने वाली हंसी की खनक मेरे कानो में आई ।

जागा हूं , सोया हूं

ख्वाबों में खोया हूं
तन्हा सा रहता हूं
खुद से कुछ कहता हूं
" गाओ न आगे , ऐसा लगता है जैसे "

" ऐसा लगता है जैसे आई एम इन लव , आई एम इन लव हीही हाहा" , उसने गाने के बोल पूरे करते हुए खिलखिलाई और मै अंदर से सिहर उठा ।
" सच्ची में " धड़कते दिल के साथ मै बोला ।
" हम्ममम " , शर्मा कर वो कुनमुनाई ।
" क्या हम्ममम , भैंस हो क्या ? "
" तुम भी कौन सा इंसान हो हाहाहाहा "
, मै समझ गया कि वो मम्मी वाली बात पर मजे लेते हुए बोली है ।

: रोहन !!!!! अंदर आ जाता बेटा ( मम्मी ने आवाज दी )

"मत जाओ न , मर जाऊंगी " ( एक हंसी भरी खनक भी आई उसकी मेरे कानो में)
" ठीक है नहीं जाता "

" अरे नहीं पागल हो , जाओ मैसेज करती हूं न "
" नहीं "
" क्यों ? "
" पहले वो बोलो न "

" क्या ? " ,वो शर्मा रही थी
" वही "
मै सिहर उठा और धड़कने तेज होने लगी और जैसे उसने मुझे महसूस सा कर लिया हो
" फिर से हो रहा है क्या वो " , उसने थोड़ा डर कर पूछा
" हम्ममम बहुत तेज "
" मै हूं ना , आंखे बंद करो और देखो मै सामने ही तो हूं "

मैने लंबी लंबी सांसे ली
" डर लगा रहा है " , बेचैन और कांपते है मै बोला
" श्शश्श आई लव यू " , फाइनली उसने बोल दिया फुसफुसा कर
एकदम से मेरे भीतर एक उमंग सी उठी और मै खुश हो गया
" क्या बोली "
" कुछ नहीं , हीही "
, वो खिलखिलाई
" अह्ह्ह्ह देखो फिर से हो रहा है " , मैने मस्ती की
" चलो झूठे , मुझे फील हो जाता है "
" सच में "
मैने हल्का होकर कहा
" हम्म्म, पता नहीं पर हो जाता है " , वो थम सी गई थी ।
मै उसके बारे में सोच रहा था और फिर से मेरी धड़कने बढ़ने लगी
" देखो फिर हो रहा है , मत सोचो न इतना " , वो फिकर से बोली ।
" अच्छा ठीक है , मुझे जाना होगा पापा भी बाहर आए है "

" ठीक है बाय , गुड नाइट "
" बस गुड नाइट ? " , मै हैरत भरे लहजे में कहा ।
" आगे खुद बोल दो "
" लव यू & स्वीट ड्रीम्स "
, मैने बड़े प्यार से कहा ।
" सेम टू यू , हाहा , बॉय " , और उसने फोन काट दिया इससे पहले मै कुछ रिप्लाई करता ।
लेकिन दिल खुश था और मेरी मुस्कान सिकुड़ गई जब एकदम से सामने पापा आ गए

: क्या भाई कुमार शानू हो गया , सोना नहीं है ( पापा ने मुझे मेरे गाना गुनगुनाने के लिए ताना मारा )
: जा रहा हूं पापा ( मै चुप चाप दांत दबाए अंदर जा रहा था )
: प्रयागराज कब जाना है , टिकट हो गई है ? ( उन्होंने पूछा )
: कल दोपहर की ट्रेन है पापा
: ठीक है जाओ , सो जाओ ( वो टूथपिक से अपना दांत साफ करते हुए बोले और टहलते हुए पास के एक ग्रुप में चले गए जो अलाव जला कर सेक ले रहे थे सर्दी में )

मै वापस अपने कमरे में आया और लेट गया फेल कर
चेहरे पर सुकून भरी मुस्कुराहट और मैने मोबाइल निकालकर उसके फोटो को ओपन करके देखने लगा


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प्यारी सी मुस्कुराहट लिए चांद सी महबूबा
फोटो पर किस करके और मोबाइल को अपने दिल के पास रख कर मै सो गया ।


अगली सुबह


मोबाइल पर अलार्म बजा और मै अंगड़ाई लेता हुआ , उबासी खाता हुआ उठ गया
मोबाइल बंद किया तो देखा 07 बजे है लेकिन स्क्रीन पर एक GOOD MORNING के मैसेज का नोटिफिकेशन पड़ा था । सुबह 06.00 बजे के ।

दिन बन गया हो जैसे , मुस्कुरा कर मैने भी मॉर्निंग का रिप्लाई दिया और वो तो जैसे हाथों में मोबाइल लिए बैठी हो

: Kaise ho , Nind aai ? ( उसका रिप्लाई आया )
सोच कर फट गई कही ये रात भर जाग तो नहीं रही थी मेरे लिए
: Achcha nhi hun 🥲
: Kyo ?
: Ladai ho gayi raat me pata hai
: Kya ? Kisse ?
: Mera aur mere dil ka , mujhe Sona tha aur usko apki yaad a rhi thi
: Achcha 😃 phir
: Phir kya , Mujhe bhi sari raat jagaaya aur bola mobile wali foto mere pas rakh
Do , Jb maine aapki foto dil ke pas rakh di to wo soya ..
: 😁 Pagal ho aap dono , 😘
( पहला चुम्बन आया ये उसकी ओर से )
: Bas mujhe hi diya , dil ko bhi chahiye nhi to ladega mujhse 🥺
: Maine usko hi diya h apko kyo du 😆😆
: Bhkkk do n 😚
: Nahi , Jo mujhe yad karega usi ko milega 😁
: Mujhe bhi to aa rahi hai yaad 😚
: 😘 ( फिर आया उसका एक चुम्बन)
: 😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘 ( और बदले में मैने बीसियों भेज दिए)
: Pagal 😀 , chalo bye mujhe collage Jana hai ... Shaam ko baat hogi .
: ok , tc , love you 😘
: s2u 🤭

चुलबुली फिर मुझे तड़पा कर चली गई ।
फिर मै नहा धो कर तैयार हुआ
खाना पीना होकर सब पैकिंग करके चला गया स्टेशन और ट्रेन पकड़ कर प्रयाग राज
भोपाल प्रयागराज सुपरफास्ट एक्सप्रेस, 01 बजे बैठा और 4 बजे उसने मुझे उतार दिया ।

इस दौरान उसके एक दो फुटकर मैसेज आए
02.30 बजे वो कालेज से छूटी
03 बजे वो घर आई
04 बजे से वो कोचिंग क्लास के लिए निकल गई
करीब एक घंटे की ट्रैफिक की मशक्कत के बाद मै पहुंचा अपने रूम पर
जो था तेलियरगंज में, मेरे टाऊन जैसी वाइब थी । यहां प्रयागराज में तैयारी करने वाले छात्रों की भीड़ थी और छात्राओं की भी
सीढ़ियों से ऊपर आते ही बालकानी से लगे कमरे का ताला खोल रहा था कि मेरी नजर सामने फील्ड के दूसरी तरफ बने एक गर्ल हॉस्टल पर गई ।
यहां मौसम कोई भी हो ये चीज है जो प्रयागराज में कभी नहीं बदलती : लड़कियां दोनों टाइम नहाकर तौलिया सुखाते हुए देख लेंगे आप और लौंडे सर्दियों के हफ्ते बीत जाए

खैर मैने अपना कमरा खोला और साफ सफाई करनी थी हालत खराब थी और ये सब कम था कि वो आ गई

" हाय रोहन "

कभी कभी आप महसूस करते है कि लाइफ आपके जीवन को बैलेंस रखने के लिए मिठास के साथ कुछ कड़वा भी अनुभव देती थी लेकिन ये आने वाला शख्स .....

आप खुद समझ जाएंगे , जब मिलेंगे


जारी रहेगी
 
  • Love
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DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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UPDATE 003



Seene mein halchal hai,

Dhadkan bhi paagal hai,
Hasta hai, rota hai,
Dil mein kuch hota hai.
Aisa lagta hai jaise I’m in love,

Aisa lagta hai jaise I’m in love.

TV pe gaana chal raha tha aur main bhi gunaguna raha tha. Jaise hi gaane ki dhun agle lyrics pe aayi, main chilla utha:

I’m in love
I’m in love
I’m in love
I’m in love


Tabhi ekdum se mehsoos hua ki sab kuch shant shant ho gaya. Aankhein kholi toh chutad ke chaar bhaag gaye!
Saamne dekha toh Papa, woh bazaar se aaye the.
Daant tale jeebh dabaaye main dubak liya. Kitchen mein Mummy rotiyan bel rahi thi aur mujhe dekh kar bina awaaz ke khilkhilaayi, has kar mujhe dekha.
Main muskurata hua unki taraf chala gaya aur kitchen slab pe unke paas hi baith gaya, choolhe ke bagal mein.

: kya Mummy, aap toh apni dosti bhool jaati ho
: Ab maine kya kiya ?
: Bataana chahiye na, mukhiya ji aa gaye hain
Mummy meri baat pe phir se apni hansi dabane ki koshish karti hui khilkhilaayi : Dhatt, paagal! Maar khayega abhi tu, aise bolte hain
: Accha, suno na (maine jhat se baat badal di)
: Haan bol (woh rotiyan sekti hui muskura kar)
: Itne saal se is sade TV ke saath ho (Mummy ne mujhe serious hokar ghoora) Matlab, itne saal ho gaye aapki shaadi ko aur aap Papa ko thodi toh romantic bana dete
Mummy phir se hasne lagi, par kuch boli nahi.
:Kya hua, bolo na
:Are, woh bhi hain, par chori chhipe karte hain, hahaha , Ab bete se toh lihaaj karna padega na.
: Hmmm, main soch raha hoon ki mera beta jab hoga toh main usse bhi dosti wala rishta rakhunga
: Accha!!! (Mummy tajjub karti hui)
: Haan, nahi toh jawani Papa ke chakkar mein aur budhapa bete ke chakkar mein sade TV ke jaise katega
: Dhatt, badmaash, hat wahan se ab

Main kood kar neeche utar gaya aur unke bagal mein unko bartan khangalte dekhne laga.
: Oho, Papa ko toh aapki bilkul bhi fikr nahi hai, Mummy
: Accha, woh kyun?
: Aakhir baar aap parlour kab gayi thi? Yeh dekho, haath aapke kaise rakhe se ho gaye hain
: Hat, chhod na, kaam karne de bhai mujhe.
: Aur yeh face dekho (Mummy ke gaal chhoo kar) sardiyaan aa gayi hain, kitna rukha rukha sa hai… are, eyebrow bhi mote ho gaye hain.
Mummy hasne ja rahi thi.
: Agle hafta aapko bua ke yahan jaana hai, toh aap mast ek VLCC massage karwao, manicure pedicure karwao, aur baal na, is baar straight karwaana, mast dikhaoge
: Itna taiyaar ho gayi toh ja chuki main,” (Mummy halke se budbudaayi aur main samajh gaya).
: Kya?
: Paise kaun dega ? (Mummy has kar boli).
: Mera baap (Main khilkhilaya).
: Pata hai, in sab ke woh 6 se 7 hazaar legi, woh parlour wali.
: Gullak phod do!
: Kya? (Mummy chaunk gayi).
: Gullak… (aankhein thodi band kar gardan hilaya) phod do! (phir muskurane laga).
: Sach mein phod doon, gullak, woh bhi tera? (Mummy ko yakeen nahi ho raha tha) Pakka??
: Haan, aapke liye kuch bhi!
Mummy blush karne lagi aur bina kuch bole kaam karne lagi.
Main bhi dheere se wahan se sarak kar sofa pe baith gaya aur ek kaan mein Bluetooth neckband laga kar mobile chalane laga. Kuch hi der mein Papa bhi kamre se baahar aa gaye aur news channel laga diya.

Mere mann mein abhi bhi woh “I’m in love” wala gaana chal raha tha. Tabhi meri nazar TV screen pe gayi—07:57 baj gaye.

Ekdum se meri bechaini badhne lagi aur idhar Mummy khana taiyaar kar chuki thi. Sardiyon mein jaldi khana ban hi jaata tha. Jiska darr tha, wahi hua.

Theek 08:01 pe ek message ka notification pop-up hua:

SUKOON 💞 🧿: Call me

Main uth kar baahar jaane ki soch raha tha ki Mummy bol padi : Rohan, haath dhool lo beta, khana paros diya hai.

Meri haalat kharab hone lagi. Main kuch reply karta ya kuch response deta usse pehle jeb mein mobile ghargharane laga. Maine jhat se neckband se call pick kar diya.

“Hi, hihi ” (Kitni khanak thi uski baaton mein, par asal mein meri phati hui thi.)
Phir main seedha kitchen mein aur rotiyan aadhi kar di.

: Are, kyun, khayega nahi?(Mummy chaunk kar).
: Nahi Mummy, bhookh nahi hai (ajeeba muh bana kar).

“Oho, lag raha hai kisi ko bhookh nahi lag rahi, dil bhi bechain hoga, ummm, hahaha ” Uski khilkhilati chulbuli si baatein mere kaanon mein Bluetooth ke zariye ja rahi thi aur mere chehre pe muskurahat thi.

Wahi Mummy mujhe dekh kar hairaan thi aur thodi naraaz bhi.
: Accha, sorry na, kha leta hoon sab (Mummy ke paas ja kar un se liptata hua).
: Hat, chhod mujhe, chipkoo kahin ka!
Mummy gusse se muskurati hui Papa ki thaali le kar nikal gayi.

“Oh, hayy, chipkoo, hihi ” Uski awaaz ek baar phir mere kaan mein aayi.
“Yaar, aap bhi na! Accha, kya kar rahe ho?” Main thoda sharmaya aur halke se budbudaya.
“Main? Main toh mere chipkoo se baat kar rahi hoon,” woh boli apne wahi shararat bhare lehje mein.
Agal hi tarah ka vibe mehsoos ho raha tha uski baaton se, itna khushdil kabhi mehsoos nahi hua. Lag hi nahi raha tha ki humein mile 24 ghante bhi nahi hue the.
“Kaise kar leti ho yeh?”

“Kya?”
“Kisi ko yeh ehsaas dilana ki woh tumhare bina reh hi na paaye.”

“Hayy Mummy, dhatt, itna romantic, ceeee, uff, mujhe toh thandi mein bhi garmi lag rahi hai, ahhh, fooooooo ” Phir usne apni ada se mujhe chheda aur main khud se sharm se gulaabi hone laga.
“Sach kaho na, kaise kar leti ho?” Maine serious hokar poocha.
Woh chup si ho gayi, par kuch tha jo uske paas se aa raha tha—phone pe hi sahi, par mere dil ke paas ek anjaana sa sparsh uske saath hone ka.
“Pata hai, jab aapne mujhe stage pe pakda, toh main toh…” , mai ruk gaya.
“Itna bhi kya darna kisi se,” woh shaant hokar boli, jaise woh khud ki dhadkanein kaaboo kar rahi ho.


“Hello, Mr. Chipkoo, hello!”


: Tuu yahan kyun kha raha hai, chal baahar
: Nahi, main… (muh mein ek bada sa aakhiri niwala daal hua) kha chuka hoon
: Are, jaana kaha hai tujhe, insaanon ke jaise nahi kha sakta aaram se ?
Mummy chidh kar boli aur udhar uski hansi mere kaanon mein khanki.
Main jaldi jaldi kha kar paani piya aur nikal gaya thoda baahar.

“umhu, haan, ab bolo!”

“Baahar aaye ho na, hahaha!”
“Nahi toh,” main thoda blush kar raha tha ki isne meri chori kaise pakdi.
“Chalo, jhoothe!”
“Jaise khud apne kamre se baat kar rahi ho, bada!”
“Haan, toh apne kamre mein hi hoon, mast kambal mein, hihihi!”

“Aaahhh, purush ka jeevan bada kathin hai, mitr,” main social media pe ghoomta hua ek viral meme budbudaya.
“Kya?” Shayad woh samjhi nahi.
“Kuch nahi, tab aur batao.”

“Kya bataun?”
“Kuch bhi, kya bataun!”

“Kuch bhi,” main muskuraya.
“Lekin kya?”

“Wahi bol do.”
“Kya?”

“Jo stage pe nahi bol paayi thi.”
Woh ekdum se phir se chup ho gayi.
“Kya hua, itna bhi kya darna kisi se” maine uski baat ko dohraaya aur uski fusfusaahat wali hansi mere kaan mein aayi.
“Accha, main bol doon?”
“Haan, kaho na,”
bade dhairya se usne kaha, jaise kitna kuch sunna chahti ho mujhse.
“Pata hai, tumhe dekhte hi mujhe woh ho gaya tha.”

“Kya?”
“Woh…,” maine usse jaan boojh kar tadpaaya.
“Kya, bolo na!”

Maine jawaab dene ke bajaay woh gaana jo kuch der pehle maine TV pe sun kar gunguna raha tha, uske shabdon ke bol ko seeti ki awaaz mein gungunaaya
(Aisa lagta hai jaise I’m in love)

Aur uski halki si sharmaane wali hansi ki khanak mere kaanon mein aayi.

Jaaga hoon, soya hoon,

Khwaabon mein khoya hoon,
Tanha sa rehta hoon,
Khud se kuch kehta hoon.
“Gao na aage, aisa lagta hai jaise…”

“Aisa lagta hai jaise I’m in love, I’m in love, hihi, haha” Usne gaane ke bol poore karte hue khilkhilaayi aur main andar se sihar utha.
“Sacchi mein?” Dhadakte dil ke saath main bola.
“Hmmm,” sharma kar woh kunmunaayi.
“Kya hmmm, bhains ho kya?”
“ to aap bhi kaun sa insaan ho, hahaha!”
Main samajh gaya ki woh Mummy wali baat pe maze lete hue boli hai.

: Rohan!!!! Andar aa jaata beta!” (Mummy ne awaaz di).

“Mat jao na, mar jaungi!” (Ek hansi bhari khanak bhi aayi uski mere kaanon mein).
“Theek hai, nahi jaata.”

“Are, nahi, paagal ho, jao, message karti hoon na!”
“Nahi.”
“Kyun?”
“Pehle woh bolo na.”

“Kya?” Woh sharma rahi thi.
“Wahi.”
Main sihar utha aur dhadkanein tez hone lagi. Jaise usne mujhe mehsoos sa kar liya ho.
“Phir se ho raha hai kya woh?” Usne thoda darr kar poocha.
“Hmmm, bohot tez.”
“Main hoon na, aankhein band karo aur dekho, main saamne hi toh hoon.”

Maine lambi lambi saansein li.
“Darr laga raha hai,” bechain aur kaampte hue main bola.
“Shhh, I love you na ,” finally usne bol diya, fusfusa kar.
Ekdum se mere bheetar ek umang si uthi aur main khush ho gaya.
“Kya boli?”
“Kuch nahi, hihi”
woh khilkhilaayi.
“Ahhh, dekho, phir se ho raha hai,” maine masti ki.
“Chalo, jhoothe, mujhe feel ho jaata hai!”
“Sach mein?”
Maine halka hokar kaha.
“Hmmm, pata nahi, par ho jaata hai,” woh tham si gayi thi.
Main uske baare mein soch raha tha aur phir se meri dhadkanein badhne lagi.
“Dekho, phir ho raha hai, mat socho na itna,” woh fikr se boli.
“Accha, theek hai, mujhe jaana hoga, Papa bhi baahar aaye hain.”
“Theek hai, bye, good night!”
“Bas good night?”
Maine hairat bhare lehje mein kaha.
“Aage khud bol do.”
“Love you & sweet dreams,”
maine bade pyar se kaha.
“Same to you, haha, bye” Aur usne phone kaat diya isse pehle main kuch reply karta.
Lekin dil khush tha aur meri muskaan sikud gayi jab ekdum se saamne Papa aa gaye.

: Kya bhai, Kumar Shaanu ho gaya, sona nahi hai? (Papa ne mujhe mere gaana gungunane ke liye taana maara).
: Ja raha hoon, Papa, (main chup chaap daant dabaaye andar ja raha tha).
: Prayagraj kab jaana hai, ticket ho gayi hai? (Unhone poocha).
: Kal dopahar ki train hai, Papa.
: Theek hai, jao, so jao, (woh toothpick se apna daant saaf karte hue bole aur tehalte hue paas ke ek group mein chale gaye jo alaav jala kar sek le rahe the sardi mein).

Main wapas apne kamre mein aaya aur let gaya fail kar.
Chehre pe sukoon bhari muskurahat aur maine mobile nikaal kar uske photo ko open karke dekhne laga.


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Pyari si muskurahat liye chaand si mehbooba.
Photo pe kiss karke aur mobile ko apne dil ke paas rakh kar main so gaya.

AGLI SUBAH

Mobile pe alarm baja aur main angdaai leta hua, ubaasi khaata hua uth gaya.
Mobile band kiya toh dekha 07:00 baje hain, lekin screen pe ek GOOD MORNING ke message ka notification pada tha. Subah 06:00 baje ka.

Din ban gaya ho jaise! Muskurakar maine bhi morning ka reply diya aur woh toh jaise haathon mein mobile liye baithi ho.

: Kaise ho, neend aayi? (Uska reply aaya).
Soch kar fat gayi, kahin yeh raat bhar jaag toh nahi rahi thi mere liye!
: Accha, nahi hoon 🥲
: Kyun?
: Ladai ho gayi raat mein, pata hai.
: Kya? Kisse?
: Mera aur mere dil ka. Mujhe sona tha aur usko aapki yaad aa rahi thi.
Accha 😃 phir?
Phir kya, mujhe bhi saari raat jagaaya aur bola mobile wali photo mere paas rakh do. Jab maine aapki photo dil ke paas rakh di, toh woh soya.
: 😁 Paagal ho aap dono, 😘
(Pehla chumban aaya yeh uski taraf se).
Bas mujhe hi diya, dil ko bhi chahiye, nahi toh ladega mujhse 🥺
: Maine usko hi diya, aapko kyun doon 😆😆
: Bhkk, do na 😚
Nahi, jo mujhe yaad karega, usi ko milega 😁
: Mujhe bhi toh aa rahi hai yaad 😚
: 😘 (Phir aaya uska ek chumban).
: 😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘(Aur badle mein maine beesiyon bhej diye).
: Paagal 😀, chalo bye, mujhe college jaana hai… Shaam ko baat hogi.
: Okay, tc, love you 😘

:S2u 🤭

Chulbuli phir mujhe tadpa kar chali gayi.
Phir main naha dho kar taiyaar hua.
Khana peena hokar sab packing karke chala gaya station aur train pakad kar Prayagraj.
Bhopal-Prayagraj Superfast Express, 01 baje baitha aur 4 baje usne mujhe utaar diya.

Is dauraan uske ek do footkar messages aaye:
02:30 baje woh college se chhuti.
03:00 baje woh ghar aayi.
04:00 baje se woh coaching class ke liye nikal gayi.
Kareeb ek ghante ki traffic ki mashakkat ke baad main pahuncha apne room pe, jo tha Teliyarganj mein. Mere town jaisi vibe thi. Yahan Prayagraj mein taiyaari karne wale ladkon ki bheed thi aur ladkiyon ki bhi.
Seedhiyon se upar aate hi balcony se lage kamre ka taala khol raha tha ki meri nazar saamne field ke doosri taraf bane ek girls’ hostel pe gayi.
Yahan mausam koi bhi ho, yeh cheez hai jo Prayagraj mein kabhi nahi badalti: ladkiyon ko dono time naha kar towel sukhaate hue dekh lenge aap, aur launde sardi ke hafte beet jaaye , unki underwear kadak enth na jaye tb tak .

Khair, maine apna kamra khola aur saaf safai karni thi, haalat kharab thi. Aur yeh sab kam tha ki woh aa gayi.

“Hi, Rohan!”

Kabhi kabhi aap mehsoos karte hain ki life aapke jeevan ko balance rakhne ke liye mithaas ke saath kuch kadwa bhi anubhav deti thi, lekin yeh aane wala shakhs…

Aap khud samajh jaayenge, jab milenge.

Jaari rahegi.
 
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