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बहुत ही सुंदर लाजवाब और अद्भुत मनमोहक अपडेट हैं भाई मजा आ गयाUPDATE 002
" अरे ऐसे कैसे नहीं झुकेंगे हिहीही हम्ममम ये हुई न बात हाहाहाहाहा"
पूरे जयमाल स्टेज वो अकेली थी जिसने शमा बांध रखा था । सब कुछ उसके आगे फीका था , क्या रोशनी क्या सजावट सब कुछ अधूरा सा
मै तो स्टेज की भीड़ में कही दुबक सा गया था ,
सीटियां बज रही थी , हल्ला गुल्ला था कि भाई दुल्हा घुटने पर है और दुलहन ने वरमाला डाल दी । फुल फेंके जा रहे थे , कैंफेटी कैनन एक के बाद एक फोड़े जा रहे थे ।
सबके हाथ ऊपर उठे , सबकी निगाहे दूल्हे दुल्हन पर और मेरी नजर अपनी दुल्हनिया को तलाशती हुई
कभी बाजुओं के नीचे से तो कभी नरमुंडों के गैप से झुक कर , उछल कर हर प्रयास बस उसका खिलखिलाता हंसता हुआ चेहरा देखने का ।
वो मुझे नहीं देख पा रही थी लेकिन दूल्हे पक्ष की भीड़ में से मै उसे देख रहा था , सुकून इस बात का था कि सबकुछ हो जाने पर उसकी चंचल नजरे मुझे न देख कर कुछ उदास सी हो गई । दिल धड़कने लगा ये सोच कर कि
क्या वो मुझे .... ?
फिंगर क्रास , काश भोलेनाथ ऐसा ही हो
कुछ ही देर में स्टेज से भीड़ हटा दी गई और मुझे मेरी स्थिति का कोई ध्यान नहीं था । जैसे ही उसने मुझे देखा मुंह पर हाथ रख कर अपनी फूंटती हंसी को रोकना चाहा ।
तभी मेरे दोस्त ने जिसके भाई की शादी थी उसने मेरे बाल और कंधे झाड़े
पता चला मै तो फूल और उन झिलमिल चमकीले कागज और पन्नियों के छोटे करतन से नहाया हुआ था
मैने लजा कर अपना हुलिया सही किया और नीचे आ गया
वो वधू पक्ष की ओर मै वर पक्ष की ओर खड़े । अपनी सहेलियों के साथ स्टेज पर देखती और कनआखियो से मुझे ।
मै तो बस उसे ही देख रहा था ,
एक बार , दो बार , फिर वो थोड़ा हिचकने लगी । मालूम हो रहा था कि उसकी भी धड़कने तेज हो गई हो । कुछ था जो हम दोनो को बेचैन कर रहा था ।
वो थकी हुई भी लग रही थी और फिर अपने सहेलियों के साथ घर की ओर जाने लगी ।
दिल धड़कने लगा ये कहा जा रही, लेकिन मन में संतोष था कि अभी तो उसने स्टेज पर फोटो शूट कराया ही नहीं ।
तभी मेरा दोस्त मुझे पकड़ कर नाश्ते की स्टाल की ओर ले आया
: अबे चल न , कुछ खाते है साला भूख बहुत लगी है
: और भैया ? ( असल में मुझे फिकर तो उसकी थी कि कही वो आए मै वहा न रहूं )
: उनको क्या टेंशन भाभी है न उनके साथ हाहाहाहाहा
मै भी हस पड़ा और उसके साथ चल दिया
भीड़ तो अभी भी थी , लेकिन दूल्हे के भाई के साथ होने का बारात में अपना ही रोला होता है ।
दो टिक्की चाट ले आया
मै उससे बाते करता हुआ अभी अपने दोने के टिक्की उस लकड़ी के चम्मच से तोड़ रहा था कि मुझे वो फिर से दिखी अपने सहेलियों के साथ आते हुए स्टाल की ओर लेकिन उसकी निगाहे स्टेज की ओर थी ,
मेरा दिल जोरो से धड़क उठा आंखे बंद कर एक गहरी सांस लेते हुए
फिंगर क्रास , काश उसकी तलाश मै ही रहूं ....
फिर एकदम से वो मेरे सामने
ठिठक कर उसने मुझे देखा , हल्के से उसके होठ खुल गए थे । शायद चौक गई थी और आंखे पूरी तरह मुझे ही देख रही थी । उसके मैट लिपस्टिप वाले होठों के बीच से उसके मोटी जैसे दांत की झलक मिली , चेहरा पूरा गोल हो गया था और कितनी मासूमियत से उसने मुझे देखा । वो तो जैसे ठहर ही गई थी , कि उसकी सहेलियों उसे खींच लिया पानी पूरी के स्टाल पर
मेरा दोस्त तो जैसे किसी और दुनिया में हो , साला बोल तो रहा था कि उसे फिकर नहीं लेकिन नाश्ता करते हुए स्टेज पर देख कर ही कर रहा था ।
मैने टिक्की चाट खत्म की और उसकी ओर देखा वो बनवा रही थी अपने हिसाब के मसाले डलवा कर तीखी चटपटी पानीपुरी
एक पानी पूरी उसने मुंह ने रख कर फोड़ी और जैसे उसकी आत्मा तृप्त हो गई हो और दूसरा जैसे ही मुंह में उसकी नजरो ने मुझे देखा और उसका बंदरों जैसे फुले हुए गाल देख कर मुझे हंसी आई
शायद उसको भी आई हंसी लेकिन मुंह भरा था और पूरी अंदर फूट गई थी , एकदम से उसने खांसना शुरू कर दिया
दिल तड़प उठा उसे परेशान देख कर , शायद पानी गले में लग गया था , वो अपना सर ठोक रही थी ।
बिना गलती किए सॉरी वाली फिलिंग आई और मै उसको देख कर बुदबुदाया : सॉरी !!!!
शायद यही वो पल जब नियति ने मुझमें एक परफेक्ट पति देख लिया था जो बिना गलती के भी सॉरी बोल दे ।
उसने मुस्कुरा कर मुझे देखा
वही पानीपुरी वाला उससे पूछा मीठी बना दूं , उसने नाक शुरुक कर हंसते हुए ना में सर हिलाया
बहादुर निकली मेरी शेरनी ,
मै वहा से हट कर आगे दूसरे स्टाल पर चला गया , जहां कटलेट लगे थे । हमने वहां डेरा लगा दिया और उसे सावधानी से नाश्ता करने दिया ।
बीच बीच में मैने नजर मारी तो वो दूसरे स्टाल की ओर बढ़ रही , या कहूं कि मेरी ओर बढ़ रही थी
उसके हाथ में रुमाल भी लेवेंडर कलर का था , मैचिंग
मै मुस्कुराया और अभी भी उसकी नाक में पानी आ रहा था । जिसे वो रुमाल से रोक रही थी । उसके गदन और सीने पर पर हलके पसीने उभर आए थे ।
वो मेरे बगल में थी , ठीक मेरे पीछे एक दूसरे की ओर पीठ किए हुए लेकिन अहसास ऐसा था मानो पूरे बदन के वाइब्रेशन हो रही हो । उसके बदन से आती परफ्यूम की महक मुझे मदहोश कर रही थी ।
हम दोनो एक दूसरे के जिस्म की गर्माहट महसूस कर रहे थे और उसने एक कदम पीछे किया और हल्की सी आहट मुझे हुई और उसके कंधे ने मुझे मेरी पीठ को छुआ
पूरे बदन में बिजली सी दौड़ गई : ओह सॉरी
उसने पलट कर मुझे देखा।
क्या कहूं उसकी वो कजरारी आंखे और वो गहरी भूरी चंचल पुतलियां फिर वो तो ठहर गई , हल्के से फिर उसके होठ खुल गए ।
धकधक धक धक धकधक
जैसे दिल ट्रेडमिल पर दौड़ रहा हो और सब कुछ सुन्न सा हो गया आसपास
मानो उसने सुन सा लिया हो मेरी धडकनों को और मेरे शर्ट के बटन के बीच से झांकते मेरे गेहुआ रंग के सीने को देखा और फिर पलके झपका कर मुझे
सब कुछ जैसे स्लो मोशन में घट रहा हो और फिर एकदम से उसके चेहरे का रंग हलका सा लाल होने लगा। मानो उसके जिस्म में भी वही गर्मी बढ़ने लगी जो मुझे महसूस हो रही थी ।
उसकी आंखे कह रही थी कि वो भी अंदर से बेचैन है तड़प रही है
" हे चल चल स्टेज खाली हो गई "
हंसी खिलखिलाहट के बीच वो अपने सहेलियों के साथ , लेकिन इस बार बात कुछ अलग थी
पलट कर देखा उसने मुझे , उसकी आंखे बयां कर रही थी कि वो मुझसे दूर नहीं होना चाहती।
दिल मेरा भी तड़प उठा और स्टेज तक पहुंचने तक मेरी उससे नजर हटी नहीं ।
हम दोनो भी स्टेज की ओर चल दिए
नीचे ही लगे सोफे पर बैठे हुए थे , और वो अपनी पसंदीदा सहेलियों के साथ दूल्हा दुल्हन के पास खड़ी होकर फोटो खिंचवा रही थी
कि एकदम से मेरी नजरे उससे टकराई और उसने अपनी आंखों से बाई ओर इशारा किया
मैने एकदम से खुद को झटका और लंबी गहरी सांस भरते हुए अपने पैर टाइट किए
एक अलग ही तरह ही बेचैनी थी और डर भी कि मैडम ने शादी से पहले ही इशारों में बातें शुरू कर दी ।
अच्छी बीवी होने की सही पहल थी ।
अब तक ज्यादातर लोग खाने वाले स्टाल पर जा चुके थे और बहुत से लोग तस्वीरें निकलवा भी चुके थे
तभी दुल्हन ने एक फरमाइश की और कैमरे वाले को कुछ कहा
फिर कुछ ही देर में दूल्हा दुल्हन दोनों पक्ष के खास लोग स्टेज पर थे ।
मै असहज था कि मै वहां क्या करूंगा जा कर लेकिन मेरा दोस्त मुझे खींच ले गया और मैं एकदम सेंटर में , फिर मेरी बाई ओर मेरे दोस्त की फैमिली और तभी मेरे दाहिने ओर झटके महसूस हुए और वो मुझसे टकराई
कितना मुलायम स्पर्श था और मेरी धड़कने तेज हो गई , हालत खराब पूरी , वो मेरे बगल में । वो मुझे देख कर मुस्कुराई और मेरा चेहरा फीका पड़ने लगा ।
एक गहरी सांस ली मगर कोई फायदा नहीं , मेरी धड़कने बेकाबू हुई जा रही थी । चेहरे पर फीकी मुस्कुराहट लिए मै सामने देख रहा था
धीरे धीरे दिमाग सुन्न सा हो रहा था उसके इतने मानो पूरे बदन का खून सिर्फ मेरे दिल के पास जमा हो रहा था और उसपर कितना बोझ था ,
मेरी आँखें सुस्त होकर बंद सी हो रही थी
धकधक धकधक धकधक
तभी मुझे मेरी उंगलियों में कुछ महसूस हुआ जैसे कोई मेरी रूह को छू रहा हो और उसने नीचे सबसे छिप कर अपने पंजे मेरे पंजे में कस लिए
" इतना क्यों डर रहे हो " , वो बुदबुदाई
एकदम से पूरी ऊर्जा से भर गया मै , पूरे बदन में एक अलग ही जोश चेहरे पर गुलाबीपन लिए आंखों के चमक और होठों पर मुस्कुराहट
सुन ली थी उसने मेरे बेचैन दिल की पुकार और थाम लिया था मेरा हाथ
मैने भी कस लिया उसके पंजों को कि अब नहीं छोड़ने वाला
वो सामने देख कर मुस्कुराई और एक प्यारी सी फोटो हमारे ग्रुप की निकली
और उसने अपना हाथ छुड़ाना चाहा
" मत जाओ न , मर जाऊंगा "
मैने मेरे दिल की बात बोल दी ।
उसके पूरे बदन की सिहरन मुझे महसूस हुई और आंखे भर आई उसकी और नजरे उठा कर उसने बिना किसी की परवाह किए मेरी आंखों में देखा
और मैने भी हां में सर हिलाया । फिर उसको छोड़ दिया
हो चुकी थी वो मेरी , उसकी आंखों ने सब साफ कह दिया था ।
अब वो खुद से भी बोले कि नहीं चाहती तो मै नहीं सुनने वाला था
एक शरारत भरी मुस्कुराहट से मैने उसे देखा और वो वही बुत बनी खड़ी रही ।
मै खुश था इतना कि शायद ही कभी इतनी खुशी मिली हो मुझे और पूरे स्वैग में बालों को सवार कर स्टेज की सीढ़ियों से किसी प्रोफेशनल हीरो की तरह उतर कर पलट कर एक बार उसकी ओर देखा
वो बस मुझे देख रही थी , दुल्हन के पीछे खड़ी होकर , बिन कुछ कहे , चुप सी । लेकिन उदास नहीं ।
मै अपने दोस्तों के साथ सेल्फियां ले रहा था और वो उतर आई स्टेज से नीचे
पूरे 2 घंटे गायब.....
सारे सेल्फ कॉन्फिडेंस की अम्मा बहन हो गई
गाड़ फट गई कि नाराज तो नहीं हो गई
शायद मैने जल्दी कर दी !!
एक बार उससे पूछ तो लिया होता !!
हर बार काम बिगाड़ देता हूं खुद का !!
पानी से मुंह धूल कर बालो को भिगो कर वापस आया तो मंडप में दुलहन को नेग चढ़ाए जा रहे थे ।
मै अपने दोस्त के साथ बैठा हुआ उसकी राह देख रहा था ।
मन में कई अटकलें चल रही थी
अपने दोस्त से पूछा तो पता चला दुल्हन की छोटी बहन तो वही मंडप में है ।
फिर कौन थी ?
आस पास की रही होगी , जयमाल बाद घर चली गई होगी ?
रिश्तेदार हो शायद इसी घर की ? लेकिन शक्ल सूरत किसी से भी मेल नहीं खा रही थी उसकी ?
अब कुछ बचा नहीं था मेरे लिए वहां सब कुछ मानो श्मशान हुआ पड़ा हो और सामने अग्नि कुंड नहीं चिता जल रही हो
इस कदर की उदासी छोड़ गई वो मेरे मन पर
रात के 2 बज रहे थे और आंखे भी अब झपकियां ले रही थी , कुछ ज्यादा ही जलन महसूस हो रही थी अब
अपने दोस्त के कंधे पर सर टिका कर सांस भर ले रहा था , जिन्दगी..... तो जैसे कही चली....
"अरे नहीं ....आ गई "
एकदम से चौक कर मैने सामने देखा
खुले बाल अपने दाएं तरफ हाथों को पीछे कर बालो को सही करती हुई देखी
उफ्फ जैसे सूखे पतझड़ को बसंत ने अपने आगोश में ले लिया हो ,
मेरी जान में जान सी लौट आई जब मैने उसे हरी साड़ी में देखा गोरा दूधिया पेट और गुदाज नाभि और सुंदर गोल चेहरा जिसके गुलाबी लब थोड़े खुले हुए
जब भी वो ऐसे होती बहुत ही प्यारी दिखती
आंखे बंद कर एक सुकून भरी मुस्कुराहट से गहरी सांस ली
हाय रब्बा
बालों को झटक कर बड़ी अदा से मेरे सामने मंडप के दूसरी ओर से वो गुजरी , उसकी कजरारी आंखो ने मुझे
सब कुछ शून्य सा हो गया था उसके सिवा , जैसे पूरी कायनात के केंद्र में वो हो ।
फिर वही बेचैनी और दिल जोरो से धकधक होने लगा
नथुने फूलने लगे लेकिन लब मेरे मुस्कुरा रहे आंखों को उनका सुकून लौट चुका था , दिल को उसकी नरम मिल चुकी थी
फिर वो बैठी एक जगह कुर्सी लेकर , अपने साथ वालो से बातें करते हुए
मैने उसकी आंखों ने आंखे डाली
वो थोड़ी नजरे चुरा रही थी
फिर मैने एक हाथ अपने मुंह पर फिरा कर उसे गर्दन तक लाया और उसकी राह देखने लगा कि कब वो मुझे देखे
जैसे ही उसने मुझे देखा मैने अपना अनूठा बाएं से दाए तरफ अपनी गर्दन पर फेरा और मुस्कुरा दिया ।
और वो अपना मुंह के पास हाथ रख कर मुस्कुरा पड़ी , उसकी चमकीली आंखों में गजब का जादू था ।
हार बैठा था मैं सब कुछ उसके आगे
फिर वो हुआ जिसका मैने सोचा नहीं था वो प्यार भरी नजरें वो मीठी मुस्कान अपने हाथ पर अपना चेहरा रख कर बस उसने मुझे देखा
हाय इतना सुकून !!!!!
न उसने जगह बदली न मैने
इधर फेरे शुरू हुए और उधर उसकी शरारत
फूल फेंकने का दौर शुरू हुआ
दूल्हा दुल्हन की जगह उसका निशाना मै था , वो चमकती चहकती खिलखिलाती और इसी बीच में उन पीले गुलाबी फूलों के नीच से कुछ चीरता हुआ आ गिरा मेरे ऊपर
एक कागज का टुकड़ा ,
सांसे बेचैन , धड़कने उफान पर
क्या आया होगा ?
कोई पैगाम ? कोई हुक्म ? या बस मुहब्बत का इजहार ?
छिप कर मैने वो पन्ना खोला
वो दस खूबसूरत अंकों का क्रम और नीचे लिखा था
जो नाम पसंद हो उसी से सेव कर लेना ।
मै आंखे बंद कर मुस्कुराया
एक ही नाम आया " सुकून "
जारी रहेगी
Shukriya Bhaiनयी और अनुठी कहानी की हार्दिक हार्दिक बधाई भाई
आपकी अन्य कहानी तरहा ये कहानी धमाकेदार होगी
agle PART ka intazar ....................... BRO..............................![]()
Thanks broकहानी का प्रारंभ बडा ही जबरदस्त और शानदार लाजवाब हैं भाई मजा आ गया
Shukriya Bhaiबहुत ही सुंदर लाजवाब और अद्भुत मनमोहक अपडेट हैं भाई मजा आ गया
अगले रोमांचकारी धमाकेदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
Shukriya BhaiAwesome yrrr
Kya detailing k sath likhte ho story bhai.
Your choice of word too good![]()