• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Thriller The cold night (वो सर्द रात) (completed)

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
Staff member
Moderator
40,136
75,825
304

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
Staff member
Moderator
40,136
75,825
304

Iron Man

Try and fail. But never give up trying
44,803
119,686
304

Ben Tennyson

Its Hero Time !!
1,569
4,593
159
वाह भाई बहुत ही शानदार अपडेट लिखें है एक दम रोमांच पैदा हो गया.... मुझे यहां सीमा का झोल भी नज़र आ रहा है वो इतनी आसानी से घर नहीं छोड़ सकती हो सकता है सब कुछ प्री प्लान्ड है मुख्यमंत्री के पी ए ने कुछ पैसे दिए हों कि उसका पति मान जाये.... या हो सकता है शंकर रेड्डी जनार्दन रेड्डी का बेटा हो / भाई हो और अपने बाप/भाई को मरवा कर खुद ही सत्ता हासिल करना चाहता हो.... क्योंकि सीधा पच्चीस लाख रुपए बोला तो कुछ तो तगड़ा झोल है और हो सकता है सीमा का कोई लिंक हो शंकर रेड्डी के साथ क्लब जो जाती है
 

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
Staff member
Moderator
40,136
75,825
304
वाह भाई बहुत ही शानदार अपडेट लिखें है एक दम रोमांच पैदा हो गया.... मुझे यहां सीमा का झोल भी नज़र आ रहा है वो इतनी आसानी से घर नहीं छोड़ सकती हो सकता है सब कुछ प्री प्लान्ड है मुख्यमंत्री के पी ए ने कुछ पैसे दिए हों कि उसका पति मान जाये.... या हो सकता है शंकर रेड्डी जनार्दन रेड्डी का बेटा हो / भाई हो और अपने बाप/भाई को मरवा कर खुद ही सत्ता हासिल करना चाहता हो.... क्योंकि सीधा पच्चीस लाख रुपए बोला तो कुछ तो तगड़ा झोल है और हो सकता है सीमा का कोई लिंक हो शंकर रेड्डी के साथ क्लब जो जाती है
Bohot badhiya bhai:claps:Kafi sahi anuman laga rahe ho aap, waise sach kya hai ye to maiabhi nahi bata sakta, per kal ke update me kafi maja aayega aako👍
Thank you very much for your wonderful review ❣️ bhai
 

DEVIL MAXIMUM

"सर्वेभ्यः सर्वभावेभ्यः सर्वात्मना नमः।"
Prime
10,361
33,958
244

DEVIL MAXIMUM

"सर्वेभ्यः सर्वभावेभ्यः सर्वात्मना नमः।"
Prime
10,361
33,958
244
#.13

दो दिन बाद रोमेश बैडरूम से बाहर निकला। इस बीच उसने कुछ खाया पिया न था।
उसने पुलिस से मदद लेने से भी इन्कार कर दिया। वैशाली इन दो दिनों उसी फ्लैट पर थी और कौशिश कर रही थी कि रोमेश अपनी रूटीन की जिन्दगी में लौट आये। इस बीच रोमेश बराबर शराब पीता रहा था।
वैशाली अन्तत: अपनी कौशिश में कामयाब हुई।
रोमेश ने स्नान किया और नाश्ते की टेबिल पर आ गया।

"सीमा का कोई फोन तो नहीं आया?" रोमेश ने पूछा।

"आप धीरज रखिये, हम सीमा भाभी को मना कर ले ही आयेंगे, वह भी तो आपको बहुत चाहती हैं। दो चार दिन में गुस्सा उतर जायेगा, आ जायेंगी।"

"और किसी का फोन मैसेज वगैरा?"

"कोई शंकर नागा रेड्डी है, तीन-चार बार उसका फोन आया था। वह आपसे मुलाकात का वक्त तय करना चाहता है।"

"शंकर नागा रेड्डी, मैंने तो यह नाम पहली बार सुना, हाँ जनार्दन नागा रेड्डी का नाम जरूर जेहन से चिपक सा गया है।"

"जनार्दन नहीं शंकर नागा रेड्डी।"

"क्यों मिलना चाहता है?"

"किसी केस के सम्बन्ध में।"

"केस क्या है?"

"यह तो उसने नहीं बताया, उसका फोन फिर आयेगा। आप समय तय कर लें, तो मैं उसे बता दूँ।"

"ठीक है, आज शाम सात बजे का समय तय कर लेना। मैं घर पर ही हूँ, कहीं नहीं जाऊंगा। फिलहाल कोर्ट के मैटर तुम देख लेना।"

"वह तो मैं देख ही रही हूँ सर, उसकी तरफ से आप चिन्ता न करें।"

दोपहर एक बजे शंकर का फोन फिर आया। वैशाली ने मुलाकात का समय तय कर दिया। दिन भर रोमेश, वैशाली के साथ शतरंज खेलता रहा। विजय भी एक चक्कर लगा गया था, उसने भी एक बाजी खेली, सब सामान्य देखकर उसने वैशाली की पीठ
थपथपायी।

"पुलिस में मामला मत उठाना।" रोमेश बोला, "वैसे तो मैं खुद बाद में यह मामला उठा सकता था। मगर इससे मेरी बदनामी होगी, कैसे कहूँगा कि मेरी बीवी …।"

"ठीक है, मैं समझ गया।"

"जिनके साथ बलात्कार होता है, पता नहीं वह महिला और उसके अभिवावकों पर क्या गुजरती होगी, जब वह कानूनी प्रक्रिया से गुजरते होंगे। कल बटाला को पेश किया जाना है ना?"

"हाँ, मुझे उम्मीद है रिमाण्ड मिल जायेगा और उसकी जमानत नहीं होगी। एम.पी . सावन्त की पत्नी भी सक्रिय है, वह बटाला की किसी कीमत पर जमानत नहीं होने देंगे।

मुझे उम्मीद है जब मैं जे.एन. को __________लपेटूंगा, तो पूरी लाठी मेरे हाथ होगी और कोई ताज्जुब नहीं कि कोई आन्दोलन खड़ा हो जाये।"

"तुम काम करते रहो।" रोमेश ने कहा।

सात बजे शंकर नागा रेड्डी उससे मिलने आया। रोमेश सोच रहा था कि वह शख्स अधेड़ आयु का होगा किन्तु शंकर एकदम जवान पट्ठा था। रंगत सांवली जरूर थी किन्तु व्यक्तित्व आकर्षक था। लम्बा छरहरा बदन और चेहरे पर फ्रेंचकट दाढ़ी थी।

"मुझे शंकर नागा रेड्डी कहते हैं।"

"हैल्लो !" रोमेश ने हाथ मिलाया और शंकर को बैठने का संकेत किया।शंकर बैठ गया।

फ्लैट का एक कमरा रोमेश का दफ्तर होता था। दायें बायें अलमारियों में कानून की किताबें भरी हुई थीं। मेज की टॉप पर इन्साफ की देवी का एक छोटा बुत रखा हुआ था, बायीं तरफ टाइपराइटर था।

"कहिए, मैं आपकी क्या सेवा कर सकता हूँ ?"

"मेरा एक केस है, मैं वह केस आपको देना चाहता हूँ ? "

"केस क्या है ?"

"कत्ल का मुकदमा।"

"ओह, क्या आप मेरे बारे में कुछ जानकारी रखते हैं ?"

"जी हाँ, कुछ नहीं काफी जानकारी रखता हूँ। मसलन आप एक ईमानदार वकील हैं। किसी अपराधी का केस नहीं लड़ते। आप पहले केस को इन्वेस्टीगेट करके खुद पता करते हैं कि जिसकी आप पैरवी करने जा रहे हैं, वह निर्दोष है या नहीं।"

"बस-बस इतनी जानकारी पर्याप्त है। अब बताइये कि किसका मर्डर हुआ और किसने किया ?"

"मर्डर अभी नहीं हुआ और जब मर्डर हुआ ही नहीं, तो हत्यारा भी अभी कोई नहीं है।"

"क्या मतलब ?"

"पहले तो आप यह जान लीजिये कि मैं आपसे केस किस तरह का लड़वाना चाहताहूँ, मुझे मर्डर से पहले इस बात की गारंटी चाहिये कि मर्डर में जो भी अरेस्ट होगा,वह बरी होगा और यह गारंटी मुझे एक ही सूरत में मिल सकती है।"

"वह सूरत क्या है ?"

"यह कि मर्डर आप खुद करें।"

"व्हाट नॉनसेंस।" रोमेश उछल पड़ा, "तुम यहाँ एक वकील से बात करने आए हो या किसी पेशेवर कातिल से।"

"मैं जानता हूँ कि जब आप खुद किसी का कत्ल करेंगे, तो दुनिया की कोई अदालत आपको सजा नहीं दे पायेगी, यही एक गारन्टी है।"

"बस अब तुम जा सकते हो।"

"रास्ता मुझे मालूम है वकील साहब, लेकिन जाने से पहले मैं दो बातें और करूंगा !!

पहली बात तो यह कि मैं उस केस की आपको कुल मिला कर जो रकम दूँगा, वह पच्चीस लाख रुपया होगा।"

"प…पच्चीस लाख ! तुम बेवकूफ हो क्या, अरे किसी पेशेवर कातिल से मिलो , हद से हद तुम्हारा काम लाख दो लाख में हो जायेगा, फिर पच्चीस लाख।"

रोमेश को एकदम ध्यान आया कि सीमा ने इतनी ही रकम मांगी थी,

"प…पच्चीस लाख ही क्यों ?

"पच्चीस लाख क्यों ? अच्छा सवाल है। बिना शक कोई पेशेवर कातिल बहुत सस्ते में यह काम कर देगा, लेकिन उस हालत में देर-सवेर फंदा मेरे गले में ही आकर गिरेगा और आपके लिए मैंने यह रकम इसलिये लगाई है, क्यों कि मैं जानता हूँ, इससे कम में आप
शायद ऐसा डिफिकल्ट केस नहीं लेंगे।"

रोमेश ने उसे घूरकर देखा।

"दूसरी बात क्या थी ?"

"आपने यह तो पूछा ही नहीं, कत्ल किसका करना है। दूसरी बात यह है, हो सकता है कि कत्ल होने वाले का नाम सुनकर आप तैयार हो जायें, उसका नाम है जनार्दन
नागा रेड्डी। "

"ज…जनार्दन…?"

"हाँ वही, चीफ मिनिस्टर जनार्दन नागा रेड्डी यानि जे.एन.। मैं जानता हूँ कि जब आप यह कत्ल करोगे, तो अदालत आपको रिहा भी करेगी और मुझ तक पुलिस कभी न पहुंच सकेगी।"

"नेवर, यह नहीं होगा, यह हो ही नहीं सकता।"

"यह रहा मेरा कार्ड, इसमें मेरा फोन नम्बर लिखा है। अगर तैयार हो, तो फोन कर देना, मैं आपको दस लाख एडवांस भिजवा दूँगा। बाकी काम होने के बाद।"

"अपना विजिटिंग कार्ड टेबिल पर रखकर शंकर नागा रेड्डी गुडबाय करता हुआ बाहर निकल गया।
रोमेश ने कार्ड उठाया और उसके टुकड़े-टुकड़े करके डस्टबिन में फेंक दिया।

"कैसे-कैसे लोग मेरे पास आने लगे हैं।"

अगले दिन रोमेश को पता चला कि पर्याप्त सबूतों के अभाव के कारण बटाला को जमानत हो गई, विजय उसकी रिमाण्ड नहीं ले सका। उसके आधे घण्टे बाद मायादास का फोन आया।


"देखा हमारा कमाल, वह अगली तारीख तक बरी भी हो जायेगा। तुम जैसे वकीलों की औकात क्या है, तुमसे ऊपर जज होता है साले ! अब हम उस दरोगा की वर्दी उतरायेंगे।
तू उसकी वर्दी बचाने के लिए पैरवी करना, जरूर करना और तब तुझे पता चलेगा कि मुकदमा तू भी हार सकता है। क्यों कि तू उसकी वर्दी नहीं बचा पायेगा, जे.एन. से टक्कर लेने का अंजाम तो मालूम होना ही चाहिये।"

रोमेश कुछ नहीं बोला। फोन कट गया।





जारी रहेगा.....✍️✍️
Ye Naga Reddy bhaap chuka hai Romesh ki jaroorat or Kamjori ko jane ab kya hoga or jane kya karega Romesh ek tarf BIVI naraj dosre tarf Dushman ko uski Kamjori pata hai
 
Top