Update 06
बिमला खड़ी थी और उसके सामने उसका पति खड़ा था..वीर बाहर निकल गया था.. बिमला अपने पति से आखें नही मिला पाती वो जैसे तैसे अपना ब्लाउस पहनती है और कमरे में चली गई...
वीर के पिताजी यानी मोहनलाल बत्ती जला देते है और बिस्तर पे नज़र घुमाते है.. खटिया पे उनकी लुगाई की क्या हालत हुए थी वो साफ दिखाई दे रहा था.. पूरा बस्तर बिखरा हुआ था.. और जब उनकी नजर फर्श पे पड़ी तो उनकी एक हल्की सी मुस्कान निकल आई.. जहा बिमला खड़ी थी वहा का फर्श गीला हो चुका था और क्यों की ये मिट्टी वाला फर्श था साफ दिखाई दे रहा था...
ये सब देखने के बाद मोहनलाल कमरे में आया जहा उसकी लुगाई खटिया पे लेटी हुए रो रही थी..
मोहनलाल अपनी पत्नी के पास जाता है और उसके खटिया के पास जमीन पे ही बैठ गया...
"रो क्यों रही हो अब जो होना था वो गया अब चुप हो जाओ"
"जी जी..वो आप.. वो जी.. आप वीर को कुछ मत बोलना उसकी गलती नहीं है" बिमला अपने बेटे को बचाते हुए अपने पति के आगे गिड़गिड़ा के बोली...
"हा तभी तो उसे कुछ नही बोल रहा हु सारी गलती हु तुम्हारी है.." वीर के पिताजी मुस्कुरा के बोले..बिमला हैरान थी...बात बात पर गुस्सा होने वाला उसका मर्द आज अपनी पत्नी को किसी और के साथ देख के भी मुस्कुरा क्यों रहा था ये सवाल उसे बैचेन कर रहा था...
"अरे सच कह रहा हु. डरो नही में गुस्सा इस लिए नही था की तुम उसके साथ थी में गुस्सा इस वजह से था क्यों की तुम इतनी लापरवाह केसे हो सकती हो.. आंगन में नंगी होकर सो रही थी कल तो मेने कुछ नही कहा लेकिन रोज रोज... वो तो बच्चा है तुम तो उसकी मां हो.. कल से तुम दोनों कमरे में सोना में बाहर सो जाऊंगा.."
बिमला अपने पति की बात सुन के राहत की सास लेती है और खुशी से अपने पति से पीछे से लिपट गई...
बिमला – नही नही जी आप के होते हुए नही नही एक बार गलती हो गई भी कहा भाभी की बातो में आ गई... में आप से साथ ही सोया करूंगी..
मोहनलाल – क्यों डर गई क्या उस का लेके..या फिर मेरे बेटे से भी नही हो पाया...
बिमला – जी आप को शर्म नही आती क्या बोल रहे हो..
मोहनलाल – तुम अपने बेटे से चुदावा रही थी तब नही आई शर्म हा हा...
मोहनलाल का ये रूप बिमला पहली बार देख रही थी इतनी खुल के बात उन्होंने पहले क्यों नही की.. कास कुछ साल पहले वो उतना खुल के बात किए होते तोह इतने साल से उसकी योनि सुखी नही रहती...
बिमला – आप चुप रहिए..वो बस हो गया गलती से...
मोहनलाल – अच्छा गलती हा.. कल रात को जब उसने तुम्हारा ब्लाउज खोल दिया.. फिर तुम्हे अपने हाथो से मंगलसूत्र पहना रहा था चूम रहा था.. दिन के उजाले में तो मेने भी कभी तुझे नही पकड़ा था वैसे.. और तुम फिर भी उसके साथ सोने चली गई..क्या लगा था तुम्हे क्या करेगा वो... तुम भी जानती थी क्या होगा..
बिमला – हा.. मुझे पता था बस.. लेकिन ये आखरी बार था..
मोहनलाल – अरे क्या दुश्मनी है हमारे खानदान से.. ना मुझ से चुदावा के खुस थी ना मेरे बेटे से... हा में तुम से काफी बड़ा था जब तुम इस घर में दुल्हन बन के आई..और में तुम्हे वैसे नही भोग पाया जैसे मुझे तुम्हे भोगना चाइए था.. लेकिन मेरा बेटा तो जवान हे वो तुम्हारी सारी तड़प सारा पानी निकल देगा... हा शायद आज उसका पहली बार होगा तो नही किया होगा..उसे मोका तो दो.. देखो में तुम्हे इतने साल से तड़पता था हुआ देख रहा हु क्या मुझे नही पता की तुम केसे अपनी करवट बदल बदल के थल जाती हो.. लेकिन क्या करू जब तक मुझ में जान थी मेने तुम्हे खुशी देनी की पूरी कोसिस की लेकिन पिछले 10 साल से नही हो रहा तोह क्या करता..तुम जैसी घोड़ी को सांड का ही लोड़ा शांत कर पाएगा.. बस उसे मोका दो.. वैसे भी उसका हक बनता है अब तो उसके हाथो से मंगल सूत्र पहन ली हो अब तो वही तुम्हारा मर्द है और इस घर का भी...
बिमला अपने पति की बाते सुनती ही रह गई...उसके पास बोलने के लिए कुछ नहीं बचा था...
बिमला बस अपने पति की बातो को अपनी पलखे झुखा के सुनती रही....उसे यकीन नही हो रहा था की उसका पति उसे अपने ही बेटे के साथ सोने के लिए बोल रहा था.. दुसरी और उसकी योनि में अभी तक बेटे का वीर्य उसे महसूस हो रहा था जो उसे और भी ज्यादा शर्म से लाल बना देती है...
बहुत ही शानदार लाजवाब और जानदार मदमस्त अपडेट है भाई मजा आ गया
अपने पती मोहनलाल से बिमला को अपने बेटे से चुदाई करने की पुरी छुट मिली और वो भी कमरें में मतलब जबरदस्त चुदाई का खेल शुरु होने वाला हैं माँ बेटे के बीच
खैर देखते हैं आगे क्या होता है
अगले रोमांचकारी धमाकेदार और चुदाईदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा