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Incest घर का मर्द

बिमला की पहली चुदाई कहा होनी चाहिए

  • बाप के बगल में

    Votes: 29 46.0%
  • खेतों में

    Votes: 12 19.0%
  • सहर में OYO

    Votes: 0 0.0%
  • घर में लेकिन जब बाप ना हो

    Votes: 13 20.6%
  • मामा के घर पे

    Votes: 4 6.3%
  • सफर में बस या ट्रेन

    Votes: 5 7.9%

  • Total voters
    63

The Lighthouse

Freedom To Love
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Update 05

वीर बेसबरी से रात होने का इंतजार करने लगा... रात के खाने के बाद बिमला भी अब थोड़ी डरी सहमी सी हो लग रही थी वो बड़ी ही हिम्मत करती है और अपने पति से कहती हैं "सुनिए जी में आंगन में जा रही हु सोने आप को कुछ चाहिए हो तो आवाज लगा देना" और वो बाहर निकल आई...

वीर बड़ी बेसबरी से उसकी मां की ही राह देख रहा था..अपनी मां को बाहर आता देख वीर की आखों में चमक आ गई...

दोनो मां बेटे कुछ देर बाते करते हे फिर सोने के लिए लेट गए... दोनो को नींद कहा आनी थी दोनो ही मां बेटे काम आग में जल जो रहे थे...बिमला जैसी औरत कभी खुद पहला कदम नही उठा सकती थी और उसका बेटा वीर भी डर रहा था हिचकिचा रहा था की मां के साथ केसे सुरु करे केसे उसके करीब जाय...

बिमला बड़ी तेज थी वो अपनी आंखे बंद कर के सोने का नाटक करने लगी.. और कुछ ही देर में वीर के हाथ उसे महसूस हुए.. वीर बड़ी ही सफाई से उसकी मां के ब्लाउस के बटन खोलने लगा... ब्लाउस जैसे ही खुला बिमला की सास तेज हो गई बिचारी पहली बार किसी दूसरे मर्द के नीचे अपना सीना तान के लेटी थी..

वीर को अनीता जी की बाते याद आने लगी और वो तस्वीर जिस में उनका बेटा उन्हे इतने मजे से चोद रहा था अपनी गोद में बैठा के.. वीर ने अपना मुंह आगे किया और बिमला के निप्पल कामेच्छा की वजह से एक तन के खड़े थे उन्हे वीर अपने मुंह में लेकर चूसने लगा...बिमला जैसी औरत जो सालो से काम सुख से वंचित रही हो उसके लिए ये एहसास उसके यौम यौम में रोमांच भर देता है..उसकी हल्की हल्की सिसकारियां निकलने लगी...

वीर को मां की ये आवाजे वीर बर्दास्त नही कर पाता और उत्तेजना की नाव में सहार होकर वो अपनी मां की चुचियों को बड़ी तेजी से चूसने लगा और दूसरे हाथ से उन्हे मसलने भी लगा... वीर पहली बड़े होने के बार किसी औरत के स्तनों से खेल रहा था उसे अंदाजा कहा था कि उसकी मां के लिए उसका ये खेल कितना पीड़ा दायक हो सकता है लेकिन बिमला अपने बेटे को नहीं रोकती और उसके सर को सहलाने लगी..

बिमला की आहे वीर में एक अजीब सी खुमारी जगा देती है उसे लगता हे मां को वो भरपूर मात्रा में प्यार दे रहा है.. वो उत्तेजित होकर अपनी मां का पेटीकोट कमर तक उठा देता है लेकिन बिमला अपनी टांगे नही खोलती... लेकिन वीर कहा रुकने वाला था...वीर बड़ी ही मुश्किल से अपनी मां के टांगो के बीच जगा बना लेता है...

बिमला को अपनी टांगो के बीच कुछ महसूस हुआ बिमला को देर कही लगी ये क्या था..जैसे ही वीर का विशाल लिंग उसकी मां की योनि से टकराता आसमान में बादल छाए गई... आंगन में अब एक दम अंधेरा छा गया.. बिमला अपने बेटे के नीचे लेटे हुए उसके बड़े से लिंग का इंतजार कर रही थी... उसकी जैसे सास धम सी गई थी...

वीर ने धीरे से एक धक्का लगाया और अपनी मां के। होठों को चूसने लगा.. बिमला की एक तेज तर्रार चीख निकल गई और पूरा घर उसकी दर्द भरी सिसकारी से गूंज उठा....

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वीर ने अपनी आंखे बंद की और बिमला की योनि में पूरा लिंग घुसा दिया.. उसका लिंग पूरी तरह से मां की योनि की दीवार से दब रहा था जैसे उसके लिंग को कोई पकड़ रखा हो..और मां की योनि जैसे कोई गर्म भट्टी थी.. उसका एक दो बार में ही वीर्य निकल आया और उसका पूरा शरीर अकड़ गया...

बाहर निचली होने लगी थी... बिमला समझ गई की बेटे का निकल गया है उसे थोड़ी निराशा हुए लेकिन फिर वो अपने बेटे को कस के अपने उपर खींच के उसे अपनी बाहों में प्यार देने लगी.. वीर को भी बुरा लगा कि वो उसकी मां को पूरी तरह सा संतुष्ट नहीं कर पाया.. दोनो मां बेटे नंगे ही बिस्तर में एक दुसरे पे लेट थे.. यानी बिमला नीचे और उसके ऊपर वीर...

फिर बिमला वीर के उपर आ गई और बेटे को प्यार से देखने लगी बिमला काम आग में अपना होस भुला चुकी थी...

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"सुनती हो क्या हो गया" वीर के पिताजी की आवाज आई..

और दूसरे ही पल एक तेज बिजली हुए और वीर के पिताजी की आखों के सामने तेज रोशनी हुए जिस में उन्हे साफ साफ देख रहा था की उनकी भोली भाली संस्कारी पत्नी नंगी अपने बेटे के उपर लेटी हुई है...

वीर के पिताजी गुस्से में आग बबूला हो उठे..और बहोत जोर से चिल्ला के बोले...

"बिमला......." और ये सुन वीर और बिमला होस में आ गई और उनकी जैसे सास ही अटल चुकी थी..

बिमला हड़बड़ा उठी और अपने खुले ब्लाउज के बटन लगने लगी वीर लुंगी डाल के बाहर निकल गया...


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बिमला डरी सहमी सी अपना ब्लाउज सही करने लगी..उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था अब क्या करेगी...
 

Xkingthakur

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Update 05

वीर बेसबरी से रात होने का इंतजार करने लगा... रात के खाने के बाद बिमला भी अब थोड़ी डरी सहमी सी हो लग रही थी वो बड़ी ही हिम्मत करती है और अपने पति से कहती हैं "सुनिए जी में आंगन में जा रही हु सोने आप को कुछ चाहिए हो तो आवाज लगा देना" और वो बाहर निकल आई...

वीर बड़ी बेसबरी से उसकी मां की ही राह देख रहा था..अपनी मां को बाहर आता देख वीर की आखों में चमक आ गई...

दोनो मां बेटे कुछ देर बाते करते हे फिर सोने के लिए लेट गए... दोनो को नींद कहा आनी थी दोनो ही मां बेटे काम आग में जल जो रहे थे...बिमला जैसी औरत कभी खुद पहला कदम नही उठा सकती थी और उसका बेटा वीर भी डर रहा था हिचकिचा रहा था की मां के साथ केसे सुरु करे केसे उसके करीब जाय...

बिमला बड़ी तेज थी वो अपनी आंखे बंद कर के सोने का नाटक करने लगी.. और कुछ ही देर में वीर के हाथ उसे महसूस हुए.. वीर बड़ी ही सफाई से उसकी मां के ब्लाउस के बटन खोलने लगा... ब्लाउस जैसे ही खुला बिमला की सास तेज हो गई बिचारी पहली बार किसी दूसरे मर्द के नीचे अपना सीना तान के लेटी थी..

वीर को अनीता जी की बाते याद आने लगी और वो तस्वीर जिस में उनका बेटा उन्हे इतने मजे से चोद रहा था अपनी गोद में बैठा के.. वीर ने अपना मुंह आगे किया और बिमला के निप्पल कामेच्छा की वजह से एक तन के खड़े थे उन्हे वीर अपने मुंह में लेकर चूसने लगा...बिमला जैसी औरत जो सालो से काम सुख से वंचित रही हो उसके लिए ये एहसास उसके यौम यौम में रोमांच भर देता है..उसकी हल्की हल्की सिसकारियां निकलने लगी...

वीर को मां की ये आवाजे वीर बर्दास्त नही कर पाता और उत्तेजना की नाव में सहार होकर वो अपनी मां की चुचियों को बड़ी तेजी से चूसने लगा और दूसरे हाथ से उन्हे मसलने भी लगा... वीर पहली बड़े होने के बार किसी औरत के स्तनों से खेल रहा था उसे अंदाजा कहा था कि उसकी मां के लिए उसका ये खेल कितना पीड़ा दायक हो सकता है लेकिन बिमला अपने बेटे को नहीं रोकती और उसके सर को सहलाने लगी..

बिमला की आहे वीर में एक अजीब सी खुमारी जगा देती है उसे लगता हे मां को वो भरपूर मात्रा में प्यार दे रहा है.. वो उत्तेजित होकर अपनी मां का पेटीकोट कमर तक उठा देता है लेकिन बिमला अपनी टांगे नही खोलती... लेकिन वीर कहा रुकने वाला था...वीर बड़ी ही मुश्किल से अपनी मां के टांगो के बीच जगा बना लेता है...

बिमला को अपनी टांगो के बीच कुछ महसूस हुआ बिमला को देर कही लगी ये क्या था..जैसे ही वीर का विशाल लिंग उसकी मां की योनि से टकराता आसमान में बादल छाए गई... आंगन में अब एक दम अंधेरा छा गया.. बिमला अपने बेटे के नीचे लेटे हुए उसके बड़े से लिंग का इंतजार कर रही थी... उसकी जैसे सास धम सी गई थी...

वीर ने धीरे से एक धक्का लगाया और अपनी मां के। होठों को चूसने लगा.. बिमला की एक तेज तर्रार चीख निकल गई और पूरा घर उसकी दर्द भरी सिसकारी से गूंज उठा....

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वीर ने अपनी आंखे बंद की और बिमला की योनि में पूरा लिंग घुसा दिया.. उसका लिंग पूरी तरह से मां की योनि की दीवार से दब रहा था जैसे उसके लिंग को कोई पकड़ रखा हो..और मां की योनि जैसे कोई गर्म भट्टी थी.. उसका एक दो बार में ही वीर्य निकल आया और उसका पूरा शरीर अकड़ गया...

बाहर निचली होने लगी थी... बिमला समझ गई की बेटे का निकल गया है उसे थोड़ी निराशा हुए लेकिन फिर वो अपने बेटे को कस के अपने उपर खींच के उसे अपनी बाहों में प्यार देने लगी.. वीर को भी बुरा लगा कि वो उसकी मां को पूरी तरह सा संतुष्ट नहीं कर पाया.. दोनो मां बेटे नंगे ही बिस्तर में एक दुसरे पे लेट थे.. यानी बिमला नीचे और उसके ऊपर वीर...

फिर बिमला वीर के उपर आ गई और बेटे को प्यार से देखने लगी बिमला काम आग में अपना होस भुला चुकी थी...

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"सुनती हो क्या हो गया" वीर के पिताजी की आवाज आई..

और दूसरे ही पल एक तेज बिजली हुए और वीर के पिताजी की आखों के सामने तेज रोशनी हुए जिस में उन्हे साफ साफ देख रहा था की उनकी भोली भाली संस्कारी पत्नी नंगी अपने बेटे के उपर लेटी हुई है...

वीर के पिताजी गुस्से में आग बबूला हो उठे..और बहोत जोर से चिल्ला के बोले...

"बिमला......." और ये सुन वीर और बिमला होस में आ गई और उनकी जैसे सास ही अटल चुकी थी..

बिमला हड़बड़ा उठी और अपने खुले ब्लाउज के बटन लगने लगी वीर लुंगी डाल के बाहर निकल गया...


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बिमला डरी सहमी सी अपना ब्लाउज सही करने लगी..उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था अब क्या करेगी...
Nice 👍 👍 👍
 

sunoanuj

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Update 01

"क्यों री बिमला लड़की अच्छी नही लगी क्या बिटवा को"

"क्या कहूं भाभी बोलता है पहले नया घर नाएगा.. बोलता है घर में जगा ही कहा है"

"बात तो उसकी सही है.. लेकिन लड़का जवान हो गया है.. रोज सहर भी जाता है.. देख तू भी समझदार हे.. मर्द को रात में कुछ नही मिलेगा तोह दिन में कही और मुंह मारते हे और तेरा तो बेटा भी उतना गबरू जवान है"

"और क्या वो सरपंच का बेटा पता नही रांड़ को बिया लाया.. उसकी मां की उम्र की होगी रण्डी"

"मेरा बेटा ऐसा वैसा नही है समझदार है"

"है तो मर्द ही.. और औरतों का तो तूझे पता ही है अच्छा मर्द देखा नही की..."

"देख बिमला रवि पूरा दिन सहर में काम करता है और यहां आके भी खेतो में देर तक काम करता है.. तेरे घर का तो मर्द बन गया है वो.. इतना काम करेगा तो थकान कितनी होती होगी"

"वो तोह भाभी सही बोल रही हो लेकिन अब क्या करू में"

"बिमला मर्द की दिन भर की थकान सिर्फ एक औरत ही मिटा सकती हैं.. और घर की औरत तू है"

"भाभी बेटा है मेरा आप क्या बोल रही हो"

"बेटा हे तभी तो बोल रही हूं देख...एक औरत का पहला फर्ज होता है अपने घर के मर्द के साथ सोने का.. चाहे वो बेटा पति हो या ससुर"

"हा नही तो वो किसी राण्ड के चक्कर मे ना पड़ जाय"

"वो तो ठीक है लेकिन में मां हु उसकी में केसे उसके साथ ही"

"बिमला तू न बड़ी भोली हे.. आज नही सोएगा.. जब उसकी शादी होगी तब तो उसके साथ सोना ही पड़ेगा तब भी माना करेगी क्या पगली"

सब औरते हसने लगी...

"भाभी तब तो सिर्फ सोना होता ही बस एक रात... वो सब कहा होता है" बिमला का मुंह शर्म से लाल हो गया था अपने बेटे के बारे में ऐसी बाते करते हुए...

"तुझे क्या लगता हे की तेरा बेटा बस तेरे साथ एक बंद कमरे में बस सोया रहेगा पूरी रात... अरे पगली कोई बेटा उस रात को जैसे जाया नही करता... बेटे अपनी मां को उस रात तोड़ के रख देते है.. इस से अच्छा ही अभी से उसके साथ सोया कर"

"भाभी ऐसा बेटा सब के नसीब में कहा होता है जो अभी से पूरा घर अपने कंधे पे चला रहा है.. क्या बस उसके पेसो से मजे ही करेगी.. कुछ तेरा भी तोह फर्ज बनता है"

बिमला
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बिमला एक मध्यम कद की औरत थी उसके स्तनों का कोई जवाब न था छोटे छोटे लेकिन हमेशा उसके सीने से उठे हुए रहते थे..इतना कसाव था की उसे ब्रा की कोई जरूरत नही पड़ती थी... खेतो मे काम दिन रात काम करने से उसके पूरे जिस्म पे कोई चर्बी नही थी.. बाहर से बिमला का बदन सावला दिखता था लेकिन जब वो अपने सीने से ब्लाउस और नितंभ से अपना पेटीकोट उतार दिया करती तब पता चलता था की बिमला कितनी गोरी रही होगी एक जमाने में.. उसके छुपे हुए अंग जैसे कि चूचे और कमर से लेके पैरो तक सब दूध जैसा गोरा था...
बहुत ही बढ़िया शुरुआत की है ! नई कहानी के लिए बहुत बहुत शुभकामनाएँ!
 

sunoanuj

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Update 02

बिमला को भी धीरे धीरे अहसास होता है की इसका बेटा कितना अकेला है बिमला अपना मन मना लेती है बेटे को यौन सुख देगी लेकिन केसे उसे नही पता था.. बिमला एक देसी औरत थी और उस के लिए उसके बेटे के साथ सोना आसान नहीं होने वाला था लेकिन फिर भी वो एक रात को अपनी सारी शर्म हया पिछे छोड़ के रात को सोते समय अपने बेटे के पास जाने लगी...

बिमला का घर कच्चा था और घर में सिर्फ तीन कमरे थे आगे आंगन फिर एक कमरा जहा बिमला और उसका मर्द सोते थे और फिर रसोई घर..

वीर आंगन में सोया हुआ था.. बिमला अपनी खटिया इसके बगल में लगा देती है... उसका मर्द अंदर सो चुका था...और बिमला का दिल जोरो से धड़क रहा था की वीर से केसे क्या बात करे...

"अरे माई तू यहां बापू के साथ नही सोएगी क्या" वीर ने अपनी मां को खड़िया लाते देख कहा...

"बेटा वो गर्मी हो रही थी तो सोचा तेरे साथ सो जाऊ यहां अच्छी हवा चल रही हे" बिमला की नज़रे बेटे की नंगे बदन पर जाके रुक गए... वीर ने बस लुंगी पहनी हुए थी..और उसका बदन खेतो में काम करने से किसी पहलवान जैसा मजबूत दिख रहा था. बिमला को यकीन नही हो रहा था की वो उसके बेटे को देख के ही गरम हो चुकी थी...

कुछ देर बाद दोनो सो जाते है.. दोनो अलग अलग खटिया पे थे और बिमला की कोई हिम्मत नहीं होती की क्या बात करे और दोनो सो जाते है...

बिमला रोज की तरह अपनी सारी को निकल के रख दी और बस पेटीकोट ब्लाउज में लेट गई..उसकी खूबसूरती पुरु तरह से उभार मार रही थी.. बिमला को ऐसी हालत में देख कोई भी उसे पटक के चोद देता...

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जब सुबह बिमला की नींद खुली वो उसके होस उड़ गई..उसे अपनी आखों पे यकीन नही हुआ..उसके ब्लाउज के बटन खुले हुए थे और उसके दोनो स्तन बाहर निकल गई थे.. वो अपने बेटे की और देख के शर्म से पानी पानी हो गई.. उसे यकीन नही हो रहा था की उसका बेटा एक रात भी संभाल नही पाया खुद को.. वो आगे क्या होगा ये सोच के ही पानी छोड़ दी... और अपने ब्लाउस के बटन लगाने लगी...

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बिमला खटिया से उठी और अपने बेटे को ध्यान से देखने लगी तो उसके होस उड़ गई..वीर का लिंग पूरी तरह से तना हुआ था और उसकी लुंगी में तम्बू बना हुआ था बिमला ने इतना बड़ा लिंग का उभार पहली बार देखा था..उसकी रूह काप गई सोच के की ये अंदर जायेगा तो उसका क्या होगा...

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बहुत ही बढ़िया अपडेट दिया है !
 

sunoanuj

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Update 03

बिमला की आखें फटी की फटी रह गई थी अपने ही बेटे के लिंग का उभार देख के..वो नहाने तो चली गई लेकिन उसके अपने आप ही उसकी योनि को सहलाने लगे..वो काफी देर तक अपनी लम्बे लम्बे झाटो वाली योनि के साथ खेलती रही..

वीर भी अपने काम के लिए सहर निकल गया... रवि मन आज बिलकुल भी काम में नही लग रहा था उसके आगे बार बार उसकी मां के स्तन आ रहे थे.. कभी वो खुद को कोसता गाली देता की उसने कितना बड़ा पाप किया है..और अगले ही पल उसका लिंग खड़ा हो जाता अपनी मां के लिए.. और वो खुद को कहता उसने सिर्फ ब्लाउज क्यों खोला उसकी मां इतनी गहरी नींद में थी की पूरा ब्लाउस खुलने पे भी नही उठी.. ना सुबह उसे कुछ कहा.. उसे तो उन्हे चूसना चाइए था..अब पता नही फिर से कब मोका मिलेगा....वीर अपने फोन में उसकी मां की तस्वीर को झूम कर के उसके जिस्म को गौर से देखने लगा...
"माई तुम इतनी खूबसूरत इतनी हसीन हो ये मुझे क्या हो जाता है तुझे देख के.."

वीर का दिमाग घूम रहा था और काम तो उस से आज हो ही नही रहा था...

मैनेजर – वीर क्या तबियत तोह ठीक हैं ना...

वीर – जी जी.. मैडम वो सब कुछ नही...

अनीता जी – तुम मेरी कैबिन में आओ...

वीर मिस अनिता की केबिन में गया.. अनिता एक नई जमाने की खुले विचार रखने वाली महिला था...अनिता और बिमला की उम्र में कोई अंतर नही था लेकिन अनीता एक मॉर्डन औरत थी और बिमला एक देसी औरत थी...

अनीता जी – वीर अब बोलो क्या बात है बेटा.. देख रही हु आज मन नही लग रहा काम में...

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अनीता एक काफी खूबसूरत औरत थी उसके लिए कोई अपनी जान भी दे सकता था.. और अनीता ही थी जिस की वजह से स्टाफ का हर मर्द रोजाना सुबह जल्दी ऑफिस आता था और देर तक काम भी करता था.. अनिता को अच्छे से आता था मर्दों से काम केसे लेना है...

वीर – मैम कुछ नही बस अच्छा नही लग रहा था...

अनिता अपने बाल को अदा के साथ मस्ती भरी मुस्कान के साथ थोड़ा सही करते हुए कहती है...

अनिता जी – में कैसी लगती हु तुम्हे...

वीर एक दम दंग रह गया...

"अच्छी मैडम आप सब का ख्याल रखती हो काम में सपोर्ट भी करती हो"

"अरे बुधु में वैसे नही पूछ रही मुझे देखो" मैडम अपना सीना थोड़ा दिखाते हुए बोली...

वीर कुछ नही बोला...

"मेने देख लिया था तुम किसी औरत की फोटो को जब से घूर रहे थे.. होता हे तुम्हारी उम्र में ये सब.... लेकिन तुम अपने काम पे फोकस करो यहां.. और देखने के लिए यहां भी तो..."

वीर – आप गलत समझ रही हो मैम वैसा कुछ नही...

अनिता फट से वीर का फोन चीज लेती है और उसका लोक भी खुला था..और अभी भी वो फोटो खुली हुए थी.. फोटो को पूरा देखने से अनीता समझ गई की ये वीर की मां है...अनिता ने गहरी सास ली..कुछ देर सोच के बोली...

"Veer You Have Feelings for your Mom" ये सुन के वीर पसीना पसीना हो गया जैसे उसकी चोरी पकड़ी गई हो.. उसे लगा जैसे ये सब उसका बुरा सपना हे केसे कोई इतना आसानी से ऐसा सवाल पूछ सकता था...

"You wanted to have sex with her ha ha poor boy" अनिता मुस्करा रही थी..जैसे ये कोई आम बात हो...

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वीर – मैम आप क्या बोल रही हो..

अनिता जी – Wow she has beautiful Ones.. अच्छा तभी तुम्हारा ये हाल हुआ है....

और अनीता ने फोन वीर की और किया.. उस में बिमला की खुले ब्लाउज वाली तस्वीर थी जो वीर ने कल रात खींची थी...

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वीर अपनी गलती पे पछता रहा था की वो केसे भूल गया वो तस्वीर को छुपाना...वीर का मुंह शर्म से लाल और पूरा बदन डर से पसीना पसीना हो चुका था..उसकी जैसे सास ही अटक गई थी...

अनीता – बेटा डरो मत में किसी को नहीं बोलूंगी तुम मुझ से खुल के बात कर सकते हो में शायद तुम्हारी ममद भी कर सकती हूं....
लगता है वीर की किस्मत ज़ोर मार रही है ! अनिता मैडम मिलने वाली हैं !

बहुत ही अच्छा अपडेट है !
 

sunoanuj

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Update 04

वीर – मेम आप क्या बोल रही हो..

वीर डरते हुए बोलता है...

अनिता अपने फोन को हाथ में लेती और रवि को एक तस्वीर दिखाती हे जो देख रवि के होस उड़ गई उसे अपनी आखों पे यकीन नही हो रहा था..

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तस्वीर में अनीता अपने बेटे की गोद में बैठी थी और उसका बेटा पूरा नंगा था और सायद उसका लिंग उसकी मां कि योनि में घुसा हुआ था...

वीर – मैम ये तो आप का बेटा है... ये केसे हो सकता हे...

अनीता – हो सकता है अगर बस ट्रस्ट होना चाहिए और प्यार...

वीर को अब उसकी मैडम पे भरोसा हो चुका था...

अनिता – बेटा तुम नही जानते एक मां के लिए ये कितनी बड़ी बात है.. की वो अपने ही बेटे के साथ वो सब करे जो वो उसके पापा के साथ करती हे.. बेटा उसके साथ बिताया हुआ एक एक पल मुझे पूरे दिन बैचेन करता है... बेटा तुम भी इतना न सोचो अपनी मां से बात करो....

वीर – मेम वो आप के जैसी मॉर्डन नही है.. बात नही कर सकता हूं...

अनिता – बेटा वीर फिर एक काम करो..आज रात को बस उनके कपड़े उतार दो..थोड़ा चूम लो थोड़ा छेड़ो...तुम खुद जान जाओगे..

वीर – वो वो मेम.. मेने कल उनका ब्लाउज खोल दिया था लेकिन मां ने मुझे कुछ बोला नहीं सुबह...

अनिता – ये तो अच्छी बात है यानी कही न कही उन्हे बुरा तोह नही लगा था..आज ही अगला कदम बड़ा दो..मना करे तो रुक जाना नही तो वो एक औरत ही तुम एक मर्द.. अच्छे से करना..एक बार बस उन्हे आदत लगा दे तेरे जवान लोड़े की... हाए क्या बोल रही हो सॉरी बेटा.. बताना ठीक है आगे क्या होता हे...अब तुम जाओ आज हाफ डे की छुट्टी मेरी और से... मां के लिए कुछ गिफ्ट लेता जा...


वीर ने काफी सोचा मां के लिए क्या लिया जाय..ब्रा पहनती नही मां.. और ऐसा वैसा कुछ ले भी गया तो घर में कोई देख सकता था..

फिर वीर के दिमाग में एक अच्छा सा आइडिया आया और मेने मां के लिए एक सोने का मंगलसूत्र खरीद लिया...

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बिमला मंगलसूत्र देख हैरान और खुस हो गई और फिर मजाक में बोली...

"बहू लाने के कहा था और तू ही की मेरे लिए मगलसूत्र ले आया पागल " मां मुस्करा दी...

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और मेने उनके गले में मंगलसूत्र डाल दिया...

बिमला – क्या जरूरत थी इतना खर्चा करने की...

वीर ने आयने में देख रही उसकी मां के कंधे पे अपना सर रखा और एक हाथ से अपनी मां के मुंह को पकड़ के उसे हल्का सा सहला के आयने में देख के कहा...

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वीर – माई तेरे अलावा है ही कोन मेरा..और इतनी खूबसूरत लड़की का गला सुना सुना अच्छा नही लगता.. आप ने मेरी पढ़ाई के लिए बेचा था न माई.. हाए कितनी खुसबूरत हो आप मां दिल होता है आप से ही शादी कर लू...

बिमला ये सुन के पानी पानी हो गई और उसकी छूत में कुछ हलचल सी मच उठी...

बिमला – चुप हो जा बड़ा आया मां से शादी करेगा..

वीर – क्या कमी है मुझे में आप का बापू से अच्छे से ध्यान रख सकता हु.. आप को दुनिया की हर खुशी दूंगा मां..

बिमला – रहने दे सब मर्द एक जैसे होते है... तेरे बापू भी यही सब बोलते थे...

वीर अपनी मां के गले को चूमने लगता है और बिमला ये वार सह नही पाती और मदहोश होकर बेटे को अपनी मनमानी करने से रोक नही पाई....

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की तभी वीर के पापा आ जाते है और बिमला वीर से तुरंत ही दूर हो गई और अपने काम में लग गई... बिचारी को ऐसा लगा जैसे कोई पराया मर्द उसके साथ कुछ कर रहा हो और उसका पति आ गया हो...

जब वो बाहर निकल आई और शांत हुए उसे अपनी योनि पे गिपालन महसूस हुआ.. उसे भी यकीन नही हो रहा था की इतने साल बाद उसकी योनि ऐसे गीली होकर पानी छोड़ रही थी वो भी उसके अपने बेटे के लिए... वो शर्म से लाल हो गई थी...

अपनी पत्नी को यू भागता हुआ बाहर जाते देख वीर का बाप भी थोड़ा हैरान था...
शुरुआत हो गई बिमला और वीर के मिलन की!

बहुत ही सुन्दर लिख रहे हो आप !

👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻
 

sunoanuj

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Update 05

वीर बेसबरी से रात होने का इंतजार करने लगा... रात के खाने के बाद बिमला भी अब थोड़ी डरी सहमी सी हो लग रही थी वो बड़ी ही हिम्मत करती है और अपने पति से कहती हैं "सुनिए जी में आंगन में जा रही हु सोने आप को कुछ चाहिए हो तो आवाज लगा देना" और वो बाहर निकल आई...

वीर बड़ी बेसबरी से उसकी मां की ही राह देख रहा था..अपनी मां को बाहर आता देख वीर की आखों में चमक आ गई...

दोनो मां बेटे कुछ देर बाते करते हे फिर सोने के लिए लेट गए... दोनो को नींद कहा आनी थी दोनो ही मां बेटे काम आग में जल जो रहे थे...बिमला जैसी औरत कभी खुद पहला कदम नही उठा सकती थी और उसका बेटा वीर भी डर रहा था हिचकिचा रहा था की मां के साथ केसे सुरु करे केसे उसके करीब जाय...

बिमला बड़ी तेज थी वो अपनी आंखे बंद कर के सोने का नाटक करने लगी.. और कुछ ही देर में वीर के हाथ उसे महसूस हुए.. वीर बड़ी ही सफाई से उसकी मां के ब्लाउस के बटन खोलने लगा... ब्लाउस जैसे ही खुला बिमला की सास तेज हो गई बिचारी पहली बार किसी दूसरे मर्द के नीचे अपना सीना तान के लेटी थी..

वीर को अनीता जी की बाते याद आने लगी और वो तस्वीर जिस में उनका बेटा उन्हे इतने मजे से चोद रहा था अपनी गोद में बैठा के.. वीर ने अपना मुंह आगे किया और बिमला के निप्पल कामेच्छा की वजह से एक तन के खड़े थे उन्हे वीर अपने मुंह में लेकर चूसने लगा...बिमला जैसी औरत जो सालो से काम सुख से वंचित रही हो उसके लिए ये एहसास उसके यौम यौम में रोमांच भर देता है..उसकी हल्की हल्की सिसकारियां निकलने लगी...

वीर को मां की ये आवाजे वीर बर्दास्त नही कर पाता और उत्तेजना की नाव में सहार होकर वो अपनी मां की चुचियों को बड़ी तेजी से चूसने लगा और दूसरे हाथ से उन्हे मसलने भी लगा... वीर पहली बड़े होने के बार किसी औरत के स्तनों से खेल रहा था उसे अंदाजा कहा था कि उसकी मां के लिए उसका ये खेल कितना पीड़ा दायक हो सकता है लेकिन बिमला अपने बेटे को नहीं रोकती और उसके सर को सहलाने लगी..

बिमला की आहे वीर में एक अजीब सी खुमारी जगा देती है उसे लगता हे मां को वो भरपूर मात्रा में प्यार दे रहा है.. वो उत्तेजित होकर अपनी मां का पेटीकोट कमर तक उठा देता है लेकिन बिमला अपनी टांगे नही खोलती... लेकिन वीर कहा रुकने वाला था...वीर बड़ी ही मुश्किल से अपनी मां के टांगो के बीच जगा बना लेता है...

बिमला को अपनी टांगो के बीच कुछ महसूस हुआ बिमला को देर कही लगी ये क्या था..जैसे ही वीर का विशाल लिंग उसकी मां की योनि से टकराता आसमान में बादल छाए गई... आंगन में अब एक दम अंधेरा छा गया.. बिमला अपने बेटे के नीचे लेटे हुए उसके बड़े से लिंग का इंतजार कर रही थी... उसकी जैसे सास धम सी गई थी...

वीर ने धीरे से एक धक्का लगाया और अपनी मां के। होठों को चूसने लगा.. बिमला की एक तेज तर्रार चीख निकल गई और पूरा घर उसकी दर्द भरी सिसकारी से गूंज उठा....

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वीर ने अपनी आंखे बंद की और बिमला की योनि में पूरा लिंग घुसा दिया.. उसका लिंग पूरी तरह से मां की योनि की दीवार से दब रहा था जैसे उसके लिंग को कोई पकड़ रखा हो..और मां की योनि जैसे कोई गर्म भट्टी थी.. उसका एक दो बार में ही वीर्य निकल आया और उसका पूरा शरीर अकड़ गया...

बाहर निचली होने लगी थी... बिमला समझ गई की बेटे का निकल गया है उसे थोड़ी निराशा हुए लेकिन फिर वो अपने बेटे को कस के अपने उपर खींच के उसे अपनी बाहों में प्यार देने लगी.. वीर को भी बुरा लगा कि वो उसकी मां को पूरी तरह सा संतुष्ट नहीं कर पाया.. दोनो मां बेटे नंगे ही बिस्तर में एक दुसरे पे लेट थे.. यानी बिमला नीचे और उसके ऊपर वीर...

फिर बिमला वीर के उपर आ गई और बेटे को प्यार से देखने लगी बिमला काम आग में अपना होस भुला चुकी थी...

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"सुनती हो क्या हो गया" वीर के पिताजी की आवाज आई..

और दूसरे ही पल एक तेज बिजली हुए और वीर के पिताजी की आखों के सामने तेज रोशनी हुए जिस में उन्हे साफ साफ देख रहा था की उनकी भोली भाली संस्कारी पत्नी नंगी अपने बेटे के उपर लेटी हुई है...

वीर के पिताजी गुस्से में आग बबूला हो उठे..और बहोत जोर से चिल्ला के बोले...

"बिमला......." और ये सुन वीर और बिमला होस में आ गई और उनकी जैसे सास ही अटल चुकी थी..

बिमला हड़बड़ा उठी और अपने खुले ब्लाउज के बटन लगने लगी वीर लुंगी डाल के बाहर निकल गया...


maxresdefault.jpg


बिमला डरी सहमी सी अपना ब्लाउज सही करने लगी..उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था अब क्या करेगी...

ओह तेरी यह क्या हो गया ! शुरू होने से पहले ही गड़बड़ हो गई !
 

parkas

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Update 05

वीर बेसबरी से रात होने का इंतजार करने लगा... रात के खाने के बाद बिमला भी अब थोड़ी डरी सहमी सी हो लग रही थी वो बड़ी ही हिम्मत करती है और अपने पति से कहती हैं "सुनिए जी में आंगन में जा रही हु सोने आप को कुछ चाहिए हो तो आवाज लगा देना" और वो बाहर निकल आई...

वीर बड़ी बेसबरी से उसकी मां की ही राह देख रहा था..अपनी मां को बाहर आता देख वीर की आखों में चमक आ गई...

दोनो मां बेटे कुछ देर बाते करते हे फिर सोने के लिए लेट गए... दोनो को नींद कहा आनी थी दोनो ही मां बेटे काम आग में जल जो रहे थे...बिमला जैसी औरत कभी खुद पहला कदम नही उठा सकती थी और उसका बेटा वीर भी डर रहा था हिचकिचा रहा था की मां के साथ केसे सुरु करे केसे उसके करीब जाय...

बिमला बड़ी तेज थी वो अपनी आंखे बंद कर के सोने का नाटक करने लगी.. और कुछ ही देर में वीर के हाथ उसे महसूस हुए.. वीर बड़ी ही सफाई से उसकी मां के ब्लाउस के बटन खोलने लगा... ब्लाउस जैसे ही खुला बिमला की सास तेज हो गई बिचारी पहली बार किसी दूसरे मर्द के नीचे अपना सीना तान के लेटी थी..

वीर को अनीता जी की बाते याद आने लगी और वो तस्वीर जिस में उनका बेटा उन्हे इतने मजे से चोद रहा था अपनी गोद में बैठा के.. वीर ने अपना मुंह आगे किया और बिमला के निप्पल कामेच्छा की वजह से एक तन के खड़े थे उन्हे वीर अपने मुंह में लेकर चूसने लगा...बिमला जैसी औरत जो सालो से काम सुख से वंचित रही हो उसके लिए ये एहसास उसके यौम यौम में रोमांच भर देता है..उसकी हल्की हल्की सिसकारियां निकलने लगी...

वीर को मां की ये आवाजे वीर बर्दास्त नही कर पाता और उत्तेजना की नाव में सहार होकर वो अपनी मां की चुचियों को बड़ी तेजी से चूसने लगा और दूसरे हाथ से उन्हे मसलने भी लगा... वीर पहली बड़े होने के बार किसी औरत के स्तनों से खेल रहा था उसे अंदाजा कहा था कि उसकी मां के लिए उसका ये खेल कितना पीड़ा दायक हो सकता है लेकिन बिमला अपने बेटे को नहीं रोकती और उसके सर को सहलाने लगी..

बिमला की आहे वीर में एक अजीब सी खुमारी जगा देती है उसे लगता हे मां को वो भरपूर मात्रा में प्यार दे रहा है.. वो उत्तेजित होकर अपनी मां का पेटीकोट कमर तक उठा देता है लेकिन बिमला अपनी टांगे नही खोलती... लेकिन वीर कहा रुकने वाला था...वीर बड़ी ही मुश्किल से अपनी मां के टांगो के बीच जगा बना लेता है...

बिमला को अपनी टांगो के बीच कुछ महसूस हुआ बिमला को देर कही लगी ये क्या था..जैसे ही वीर का विशाल लिंग उसकी मां की योनि से टकराता आसमान में बादल छाए गई... आंगन में अब एक दम अंधेरा छा गया.. बिमला अपने बेटे के नीचे लेटे हुए उसके बड़े से लिंग का इंतजार कर रही थी... उसकी जैसे सास धम सी गई थी...

वीर ने धीरे से एक धक्का लगाया और अपनी मां के। होठों को चूसने लगा.. बिमला की एक तेज तर्रार चीख निकल गई और पूरा घर उसकी दर्द भरी सिसकारी से गूंज उठा....

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वीर ने अपनी आंखे बंद की और बिमला की योनि में पूरा लिंग घुसा दिया.. उसका लिंग पूरी तरह से मां की योनि की दीवार से दब रहा था जैसे उसके लिंग को कोई पकड़ रखा हो..और मां की योनि जैसे कोई गर्म भट्टी थी.. उसका एक दो बार में ही वीर्य निकल आया और उसका पूरा शरीर अकड़ गया...

बाहर निचली होने लगी थी... बिमला समझ गई की बेटे का निकल गया है उसे थोड़ी निराशा हुए लेकिन फिर वो अपने बेटे को कस के अपने उपर खींच के उसे अपनी बाहों में प्यार देने लगी.. वीर को भी बुरा लगा कि वो उसकी मां को पूरी तरह सा संतुष्ट नहीं कर पाया.. दोनो मां बेटे नंगे ही बिस्तर में एक दुसरे पे लेट थे.. यानी बिमला नीचे और उसके ऊपर वीर...

फिर बिमला वीर के उपर आ गई और बेटे को प्यार से देखने लगी बिमला काम आग में अपना होस भुला चुकी थी...

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"सुनती हो क्या हो गया" वीर के पिताजी की आवाज आई..

और दूसरे ही पल एक तेज बिजली हुए और वीर के पिताजी की आखों के सामने तेज रोशनी हुए जिस में उन्हे साफ साफ देख रहा था की उनकी भोली भाली संस्कारी पत्नी नंगी अपने बेटे के उपर लेटी हुई है...

वीर के पिताजी गुस्से में आग बबूला हो उठे..और बहोत जोर से चिल्ला के बोले...

"बिमला......." और ये सुन वीर और बिमला होस में आ गई और उनकी जैसे सास ही अटल चुकी थी..

बिमला हड़बड़ा उठी और अपने खुले ब्लाउज के बटन लगने लगी वीर लुंगी डाल के बाहर निकल गया...


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बिमला डरी सहमी सी अपना ब्लाउज सही करने लगी..उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था अब क्या करेगी...
Nice and beautiful update....
 
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