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Ajju Landwalia

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..........पूनम रो रही थी। उसका शरीर लकड़ी की तरह अकड़ गया और उसने अपनी कमर उठा ली। ठीक उसी समय मुनीम ने एक और जोरदार धक्का मारा और आधा लम्बा लंड चुत के अन्दर चला गया। महक देखती रही। पूनम का रोना बंद नहीं हुआ। वो सिसक रही थी... तभी उसकी नजर महक पर पड़ी..

“महक, अपने बाप का लंड मेरी चूत से निकाल दो.. मुझे मजा नहीं लेना है… बाप रे बहुत दर्द कर रहा है…।”



अब आगे
मैत्री और फनलवर की अनुवादित रचना है

और मुनीम ने भी महक को देखा और वह ओर जोश में आ गया,एक और ज़ोरदार धक्का दिया और इस बार पूरा लंड अंधेरी पतली सुरंग में चला गया। महक ने देखा कि उसके पिता का लंड पूनम की चूत में पूरी तरह से समा गया है। अब मुनीम उसके स्तनों और होंठों को चूम और सहला रहा था। वह लगभग 3-4 मिनट तक ऐसे ही लेटा रहा। महक ने देखा की पापा का लंड ने पूनम की चूत फाड़ दी और उसका शील हरण कर दिया, पूनम की चूत से खून निकल कर निचे चादर पर बह रहा था। पूनम का शरीर शिथिल हो गया और वह मुनीम की पीठ सहलाने लगी। और कुछ पल बाद उसने अपनी कमर ऊपर की ओर झटका दिया। यह मुनीम के लिए एक संकेत था। उसने धीमे और लयबद्ध धक्कों के साथ चुदाई शुरू कर दी। महक पूनम के नजदीक आई और महक ने पूनम की आँखें पोंछीं और बोली: “बस कुछ देर और फिर तेरी चूत से मजा छूटेगी पूनम” उसने थोड़ी देर तक उसके स्तनों को सहलाया फिर वह अंदर चली गई। चुदाई उसके लिए कोई नई बात नहीं थी। उसने अपने भाई को सुधा और सुंदरी की चुदाई करते देखा था।

मुनीम पूनम के कसे हुए और कुँवारे बदन को चोद रहा था और उसका आनंद ले रहा था। अब दोनों चुदाई करते हुए किस कर रहे थे।

"अब दर्द हो रहा है? लंड बाहर निकल लूं..!"
मैत्री और फनलवर की अनुवादित रचना है

"साला, बेटीचोद लंड बाहर निकालेगा तो लंड काट कर चूत के अंदर रख लूंगी। मादरचोद मुझे चोदते रहो..जब तक मेरी चूत फट नहीं जाती...फिर अपनी बेटी को चोदना.. ।"

मुनीम ने उसे चूमा और उसकी चुदाई करता रहा। अब पूनम को मजा आ रहा था। वह इधर-उधर बड़बड़ाती रही। अचानक मुनीम को पूनम की माँ की याद आई और उसने पूनम की चूत में एक जोरदार धक्का दे दिया।

“आआआअह्हह्हह….मार डालेगा क्या..अपनी घरवाली सुंदरी याद आ गयी क्या..”? पूनम ने पूछा,

"नहीं, तेरी माँ याद आ गई। वो पहली औरत है जिसे चोदने का मन किया था.. उसे छू भी नहीं पाया, लेकिन आज इतने सालो बाद तुझे यानी की उसकी बेटी को चोद रहा हूँ, लगता है जैसे तेरी माँ को ही चोद रहा हूँ।"

“तो और जोर-जोर से धक्का मारो ना। मेरी माँ तो अब खाई हुई औरत है। मस्ती से चूत मारो उसकी ही समज के मेरी मारो।” पूनम ने मुनीम को जकड़ते हुए कहा: “जो भी मन में आये, जिसको भी चोदना चाहो लेकिन इस माल में आपका लंड रुकना नहीं चाहिए, यह माल अब पूरी तरह से आपके लंड के काबू में है। रुकना नहीं बस चोदते रहो इस चूत को और अपनी सुहाने और स्वादिष्ट रस इस चूत में भर के इसे अच्छे से सींच दो। अब तक पता नहीं था की लंड का स्वाद इतना मस्त ओगा वरना मैं, बहोत पहले ही आपके लंड पर बैठ जाती।“

“अभी तुम इतनी बड़ी भी नहीं हुई हो, और पहले की बात कर रही हो! अगर पहले आती तो छोटी समज के छोड़ देता, पर अब सही समय है बेटी और सही समय पर तुमने अपना सिल मेरे लंड को समर्पित किया है। अपनी माँ के बारे में सोचना जरा मुझे उसके चूत की भूख कब से है।”

अपनी माँ के बारे में सुनते ही पूनम ने मुनीम को चूमा।
मैत्री और फनलवर की अनुवादित रचना है

“मुझे भी तुम्हारे मोटे लंड से चुदवाने में बहुत मजा आ रहा है… मैं तो आई थी परम का लंड सहलाने लेकिन मुझे क्या पता था आज मेरी चूत आप फाड़ डालोगे.. आह्ह… अब बहुत अच्छा लग रहा है।”

“रानी, एक बार रात में तुजे फिर से चोदूंगा… रात में मैं इसी बिस्तर पर रहूंगा.. तू आ जाना, फिर से मैं तेरी माँ समज के तेरी चुदाई करूँगा…।”

“लेकिन काकी (सुंदरी) को पता चलेगा तो! वह क्या सोचेगी की एक बाप जैसी उम्र का आदमी एक फुल सी कच्ची कलि को चोद रहा है, और वह मेरे बारे में क्या सोचेगी! मुझे तो वह रंडी ही कहेगी।“

“अरे, डर मत, तो उसके सामने भी तुजे आज चोदूंगा…। बस तू आज चुदवाने आ जाना । भले परम चोद दे तुजे, फिर भी।”

दोनो मजे लेकर चुदाई कर रहे थे और दोनो का झड़ने का समय आ गया, वैसे पूनम की चूत दो बार पहले ही झड चुकी थी यह तीसरी बार था की वह काका के साथ ही झडेगी। पूनम मुनीम से चिपक गई। कमर को ऊपर उठाया और टांगो से मुनीम की कमर को पकड़ लिया और फिर अचानक उछली और ठंडी पड़ गई। वो मुनीम को चूमती रही और फिर मुनीम ने पूनम की चूत को अपना वीर्यदान कर दिया। माल के अंदर जाते ही पूनम पूरी तरह से ठंडी हो गई।
मैत्री और फनलवर की अनुवादित रचना है

वे कुछ समय तक एक-दूसरे की बाहों में रहे और फिर अलग हो गए। तभी महक दो गिलास गुड़ मिला हुआ गर्म दूध लेकर अन्दर आई और उन्हें दे दिया। दोनों नग्न थे। मुनीम ने अपने लंड को लुंगी से ढकने की कोशिश की लेकिन पूनम ने लुंगी खींच कर एक तरफ फेंक दी।

“क्या काका, मुझे तो चोद डाला, कम से कम महक को आपका लंड तो देखने दो..” उसने महक की ओर देखा और उसे अपने पास बैठने के लिए कहा।

"मजा आया?" महक ने पूछा।

पूनम ने फिर मुनीम के लंड को मुठ मारते हुए कहा:

“पहले तो बहुत दर्द किया, लगा पागल हो जाऊंगी या फिर मर ही जाउंगी, लेकिन बाद में बहुत मजा आया…।”

उसने लंड चूमा और बोली।
मैत्री और फनलवर की अनुवादित रचना है

“देखो तो थोड़ी देर पहले कितना बुरा और टाइट था अब ढीला हो गया है.. यह सुपारा ही खतरनाक है, जिस माल में जाएगा वह इस सुपारे को कभी नहीं भूल पाएगी।”

महक ने अपने पापा की ओर देखा और आँखे निचे कर के पूछा “पापा आपके लंड को तसल्ली मिल गई? मजा आया?”

मुनीम ने महक को हाथ से थोडा खिंचा और बोला: ”तुम्हे क्या लगता है बेटी? इतनी टाईट चूत चोदने को मिले तो कौन मजा नहीं लेगा? लेकिन लगता है तुम्हे आनंद नहीं आया यह देख के!”

“नहीं पापा वैसे मैं इसे परम भैया के लिए लाइ थी वह परम से प्यार करती थी पर अब आप के लंड से उसकी सिल टूटनी लिखी थी तो टूट गई, मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है पापा।“

बेटी मेरा लंड कैसा लगा? मुनीम अब अपनी बेटी को पटाने में लग गया था।
मैत्री और फनलवर की अनुवादित रचना है

******


आज के लिए बस इतना ही कल तक के लिए आपसे विदा लेती हूँ.............लेकिन इस एपिसोड के बारे में आप अपनी राय कोमेंटबॉक्स में देना ना भूलिए.......... आपके मंतव्य ओर बेहतर करने के लिए प्रोत्साहित करते है......................



मैत्री और फनलवर की अनुवादित रचना है

Gazab ki update he Funlover ji

kaha munim punam ki maa ko chodna chahata tha.....

Lekin kismat ne uski seal pack beti chudwa di munim se......

Keep posting dear
 

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Gazab ki update he Funlover ji

kaha munim punam ki maa ko chodna chahata tha.....

Lekin kismat ne uski seal pack beti chudwa di munim se......

Keep posting dear
जी इस एपिसोड से कहना यही था की......कभी कभी हमारी इच्छाए भगवान् पूरी नहीं करते पर कभी कभी ऐसा भी होता है की भगवान् उस से भी बेहतर देते है ............समय समय की बात है.....मुनीम को माँ नही मिली तो बेटी मिली अब उस से बेहतर क्या होगा....................

शुक्रिया दोस्त बने रहिये और अपने मत्व्य देते रहे...............
 

Funlover

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Ashokafun30

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xossip par to ye kahani pad nahi paaya par yaha padne me maja aa raha hai, kuch dialogues bilkul direct hai jo ekdam se hajam nahi hote par kul milaakar kahani me kaafi jaan hai, abhi to shuru ke kuch updates hi pade hai, agey dekhte hai kya hota hai..
 

sunoanuj

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चलिए अब आगे बढ़ते है इस कहानी में एक नए एपिसोड के साथ............



पूनम ने महक को पकड़ लिया और उसकी फ्रॉक उतारने की कोशिश की। महक ने कुछ देर तक विरोध किया और फिर पूनम के आगे झुक गई। वैसे महक खुद्यः चाहती थी की उसके साथ इन दोनों में से कोई एक या दोनों उसके साथ जबरदस्ती करे। क्यों की अब तक जो भी हुआ था उस कारण उसकी चूत २ बार तो झड ही चुकी थी और उसका रस उसकी झंगो के बिच से नीच बह रहा था। एक बार तो बड़ा सा लौंदा उसकी छुट ने उगल दिया था जब वह रसोईघर में थी। महक ने अपनी फ्रॉक अपने बदन से अलग होने दी और अब बाकी दोनों की तरह वह भी नंगी थी। उसके स्तन सूजे हुए थे और निप्पल तने हुए थे। वह पूनम से कहीं ज़्यादा सेक्सी और खूबसूरत थी। पूनम का फिगर दुबला-पतला था, जबकि महक स्वस्थ और मालदार थी। उसके स्तन बड़े थे। टाँगें लंबी और जांघें मोटी और सुडौल थीं।


पूनम ने महक को बिस्तर पर लिटा दिया और एक मर्द की तरह उसके ऊपर सवार हो गई। उसने अपनी चूत महक की चूत से रगड़ी, साथ ही स्तनों को दबाया और महक को चूमा। मुनीम उनके पास बैठा था। उसने अपना हाथ पूनम के कूल्हों पर रखा। पहले उसने उन छोटे उभारों को सहलाया और धीरे-धीरे अपना हाथ चूत की दरार पर सरका दिया। उसका हाथ दोनों लड़कियों की चूत को सहला रहा था। महक भी उतनी ही उत्तेजित थी। उसने अपने कूल्हों को ऊपर उठाया और दोनों योनियाँ आपस में जुड़ गईं। मुनीम ने अपनी बेटी की चूत का चीरा देखा और दोनों हाथों से चूत के होंठ खींचे। महक को मजा आया और वह कराह उठी। पूनम की चूत महक की पूरी तरह से उजागर चूत पर घूम रही थी। मुनीम ने भी अब उसका हाथ पूनम की कुलहो पर रगड़ दिया और धीरे धीरे उसकी गांड की दरार को फैलाने लगा, जब वह फैलाता तब उसकी गांड का छेद उसे मुस्कुराके स्वागत कर रही थी। तो वहा पूनम की चूत में मुनीम का बचा हुआ माल स्पष्ट दिख रहा था। मैत्री और फनलवर की अनुवादित रचना

महक के चूत के अंदर का गुलाबी माल मुनीम को साफ दिख रहा था। वो घुटने पर बैठा और अपने लंड को दोनो चूत के ऊपर पोजीशन किया। मुनीम का लंड बेटी के चूत को रगड़ रहा था और हर रगड़ के साथ महक ऊपर से उछल रही थी।

मुनीम के लंड को बेटी के चूत का छेद मिल गया था और मुनीम अपने सुपाड़े को बेटी के चूत में दबाने लगा। महक भी गरम थी उसने भी नीचे से धक्का लगाया और सुपाड़ा चूत में, बेटी के चूत के मुँह में घुस गया.. शायद महक को होश आ गया था। उसने जल्दी से हाथ बढ़ा कर लंड को चूत के बाहर खींच लिया और उसकी पोजीशन में लंड को पूनम के चूत की ओर से डायरेक्ट किया। तभी पूनम अलग हो गई और 69 पोजीशन में हो गई।

अब दोनो एक दूसरे का चूत चाट रही हो। पूनम ने देखा कि मुनीम का लंड तना हुआ है और मुनीम ने दोनो हाथों से अपनी बेटी का चूत के होठों को पूरा फैला दिया है और लंड चूत से रगड़ खा रहा है। पूनम एक साथ महक का चूत के नीचे का माल भी खा रही थी और साथ ही साथ मुनीम के लंड को भी चाट रही थी। कुछ देर चाटने के बाद पूनम ने मुनीम से पीछे जाकर चूत में लंड घुसाने को कहा।

मुनीम पीछे गया और बेटी के मुँह के ऊपर चला गया तो महक समज गई उसने पिताजी का लंड को पकड़ा और पूनम के चूतद्वार के आगे रख दिया और वह मुनीम के अंडकोष से खेल ने लगी। महक ने थोडा ऊपर देखा और बाबाजी को आँख मार के कहा माल को छोड़ो और मुनीम ने पूनम के चूत में लंड पेल दिया। चूत बिल्कुल गिली हो गई थी। और उसकी गांड का छेड़ भी पूनम के गीलेपन से चमक रही थी। अब महक एक साथ पूनम का लंड और अपने बाप का लंड जो पूनम के चूत के अंदर जा रहा था उससे चाट रही थी। पूनम की चूत से बूंद बूंद महक के मुंह में टपक रहा था। एक बाद चुदाई करते करते मुनीम का लंड चूत से फिसल कर बाहर निकल गया तो मुनीम ने उसे बेटी के मुँह में घुसेड़ दिया।

महक ने लंड को चाटा और फिर पूनम के चूत में घुसा दिया। इस तरह तीनो मजा लेते रहे। लेकिन यह सब कितनी देर चलता! आखिर वह मुकाम भी आ गया और मुनीम के लंड ने वीर्य का फुवारा छोड़ दिया, मुनीम झड़ गया। उसने वीर्य को पूनम के चूत में गिरा दिया और लंड को थोडा बाहर खींच लिया.. पूनम के चूत से रस टपक टपक के महक के होंठ पर गिरने लगे और महक उसे बड़े मजे से अपने मुह में समाने लगी। फिर मुनीम ने लंड को बाहर निकाला तो महक ने उसके बाप का लंड पकड़ कर अपने मुँह में ले लिया और तब तब चूसा जब तक लंड पूरा ढीला नहीं हो गया। उसकी हर एक बूंद और मिक्स रस उसने अपने मुंह के द्वारा अपने पेट में उतार दिया। उसने थोड़ी देर अपनी बाप का ढीला लंड को चूसा और अंडकोष के साथ चाट चाट कर उसे क्लीन कर दिया।
मैत्री और फनलवर की अनुवादित रचना

एक तरफ महक खुश थी की उसने अपने बाप का माल अपने पेट में जमा कर दिया था, उसके लिए अब एक नया रास्ता खुला था और दूसरी तरफ मुनीम भी इसलिए खुश था की, यह मुनीम के लिए पहला मौका था जब किसी ने उसका लंड को चूसा था… और वह भी दो दो मस्त कमसिन लडकियों ने उसके अंडकोष को खाली कर दिया था, खास कर उसकी बेटी ने जो की उसका लैंड को एकदम साफ़ कर के छोड़ा था।

उसने सोचा कि आज रात वो सुंदरी से लंड चुसवायेगा। उसे क्या पता कि पिछले कुछ दिनों में सुंदरी तीन लंड को चूस कर मजा ले चुकी है।

तीनो खड़े हो गए। पूनम ने कहा कि बहुत मजा आया और दोनो से रिक्वेस्ट किया कि जो हुआ है उसके बारे में कोई किसी ना कहे। सबने एक दुसरे को प्रोमिस कर दिया। टाइम देखा तो रात के 9 बज गए थे। मुनीम ने दोनों से मुंह हाथ धो कर तयार होने को कहा। लेकिन महक कुछ और चाहती थी। उसने अपना एक पैर उठाया, पिता का सिर खींचा और उसे अपनी खुली चूत पर धकेल दिया। वह अपने आपे में नहीं थी वह एक बार और झाडना चाहती थी और वह भी अपने बाबूजी के मुंह में। वह अभी भी बिन चुदी ही अधूरी सी थी।
मैत्री और फनलवर की अनुवादित रचना

पूनम: “ठीक है, ठीक है काका, चूस लो वह बेचारी अभी अधूरी है। समय मिलने पर बेचारी की चूत को भोसड़ा बना देना काका।“

"जल्दी जल्दी चूस कर मज़ा लो"

मुनीम ने उसका सिर हटाने की कोशिश की, लेकिन महक ने उसे अपनी चूत पर ही रखा। मुनीम को अपनी बेटी की चूत के होंठों पर जीभ फेरनी पड़ी और महक ने अपनी चूत के होंठ चौड़े करके अपनी चूत पूरी तरह खोल दी ताकि बाबूजी की जीभ अन्दर तक जा सके। मुनीम ने अंदर से चूसा। उसका मुँह और नाक चूत रस से भीग गए। कुछ देर बाद महक ने उसे छोड़ दिया, लेकिन फिर पूनम ने उसे अपनी चूत पर खींच लिया और अपनी जीभ से उसकी चूत साफ़ करवाई। जब वह दोनों के साथ समाप्त हो गया, तो उन्होंने एक-दूसरे को चूमा, अपने चेहरे धोए और ऐसे कपड़े पहने जैसे कुछ हुआ ही न हो। फिर भी वह लडकिया ने अब बाउजी के सामने उन दोनों की गांड के छेद से खेलती रही लेकिन अब मुनीम को इंटरेस्ट नहीं रहा था।



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आज के लिए बस इतना

बने रहिये कहानी के साथ

इस एपिसोड के बारे में आपकी राय देना ना भूले प्लीज़

Bahut hi jabardast update…
 

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xossip par to ye kahani pad nahi paaya par yaha padne me maja aa raha hai, kuch dialogues bilkul direct hai jo ekdam se hajam nahi hote par kul milaakar kahani me kaafi jaan hai, abhi to shuru ke kuch updates hi pade hai, agey dekhte hai kya hota hai..
थेंक यु दोस्त

जान के दुःख हुआ की आप वह कहानी पढ़ नहीं पाए...................और खुश भी हुई की आप यहाँ पढ़ सकेंगे और रिफ्रेश होते रहेंगे

जी आपकी बात सही है की कुछ डायलॉग हजम नहीं होंगे पर मेरे ख्याल से यह पूरी कहानी हजम नहीं होने जैसी है .... बहोत ही कामुक और अश्लीलता से भरपूर,

मैं वैसे तो प्रोफेशनल रायटर नहीं हु, हो सकता है ज्यादा गलती होंगी और स्वीकारती भी हु.......अब आप की जिम्मेदारी है की आप मुझे मेरी गलतिया दिखाए ताकि आगे बेहतर कर सकू


दूसरा ओरिजिनल कहानी और मेरी इस कहानी में काफी फर्क है, शब्दों, प्रसंगों,और पात्रो में भी...काफी कुछ बदलाव के साथ पेश कर रही हूँ, यह सिर्फ भाषांतर नहीं है दोस्त.........

आशा करती हु आपको आगे भी पसंद आएगी............
 

Funlover

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