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♡ Family Introduction ♡ |
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♡ Family Introduction ♡ |
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Thank you very much for your wonderful review and support SANJU ( V. R. ) bhaiपहले कहा था मैने कि जे एन साहब का कत्ल रोमेश सर ने नही किया और वही सच साबित हुआ ।
रोमेश सर की ट्रेन जर्नी के दौरान की गई हरकतें , उनका जेल जाना उनका खुद का बचाव कार्य था और यह आसानी से कोई भी डिटेक्टिव समझ सकता था ।
वैशाली के भाई सोमू को मोहरा बनाकर अपना लक्ष्य हासिल किया उन्होने ।
लेकिन यह रोमेश सर जैसे अच्छे इंसान को शोभा नही देता । अपने स्वार्थ सिद्धि के लिए किसी अन्य इंसान का इस्तेमाल करना और वह भी कत्ल जैसे अपराध कर्म मे तो हरगिज भी नही ।
लेकिन यह भी समझ से परे है कि जिस इंसान ने कत्ल की सुपाड़ी दी वह उस कत्ल का सरकारी गवाह कैसे बन गया ? शंकर साहब किसी भी तरह सरकारी विटनेस नही बन सकते ।
रोमेश सर और सोमू को आप एक तरह से मोहरा मान सकते है पर असल खिलाड़ी शंकर साहब ही थे ।
विजय साहब ने एक कर्तव्यपरायण और इमानदार पुलिस आफिसर की भूमिका काफी अच्छे तरह से की । लेकिन एक दोस्त के पैमाने पर वह फेल नजर आए । कम से कम रोमेश सर के साथ आचरण तो अच्छा करना चाहिए था उन्हे ।
एक व्यक्ति औरत के मोहपाश मे बंधकर खुद का क्या हाल कर देता है , क्या आत्मघाती कदम उठा देता है उसका जिंदा मिशाल रोमेश सर थे । काश , अपनी पत्नी सीमा की असलियत वह पहले भांप लेते ।
बहुत बहुत खुबसूरत कहानी राज भाई ।
आपने मेरे कुछ पसंदीदा फेवरेट उपन्यासकार की यादें ताजा करा दी । आउटस्टैंडिंग डियर ।
Kalkosis karta hu bhaiWaiting for next update![]()
Thank you so much for your valuable review and support Shekhu69 bhaiyaLekhni adhbhut update Jabardast Lajawab superb mast romanchak ekdum dhasu![]()
Bhai is kahani ko kab padh rahe ho?Chalo acha hai waqt aane par Naaj hero ko maje bhi karwa degi aur len den ki bhi baate ho gayi Pista se aur ab shayad Naaj kuch maje Kara de hero ko akele bhi hai