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वह झटपटाने लगती है और बार-बार रूद्र को उसे छोड़ने के लिए कहती है
आखिरकार रूद्र परेशान होकर कनिका को अपने कंधे से नीचे गेर देता है रुद्र का चेहरा गंभीर था और उसके चेहरे पर कोई भाव नहीं थे।
कनिका भी हैरान थी कि रूद्र ऐसा कैसे कर सकता है रुद्र तो ऐसा नहीं था पर इस वक्त ये सब सोचने का वक्त नहीं था कनिका ने रुद्र से कहा "अभी भी वक्त है हम अपने लोगों को बचा सकते हैं"
जिस पर रूद्र ने गुस्सा होते हुए कहा "क्या तुम पागल हो गई हो, अगर तुम्हें मरने के लिए जाना है तो तुम जा सकती हो, मुझे मरने का कोई शौक नहीं, पर तुम मुझे एक बात बताओ, क्या तुम वहां पर जाकर उन सातवें अस्तर के लुटेरे को मार सकती हो, अगर हां तो तुम वहां पर खुशी खुशी जा सकती हो"
रुद्र की बात सुनकर कनिका की आंखें नम हो जाती है और उसे वह सब कुछ याद आने लगता है जो उसके परिवार के साथ हुआ था।
कनिका के सामने ही उसके पूरे परिवार को जलाया जा रहा था बस कनिका एक पेड़ के पीछे छुपकर अपने परिवार को मारते हुए देख रही थी दरअसल कनिका के