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Erotica Pardesi sex (completed)

Premkumar65

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परदेशी प्यार भाग-2




कमल बाबी की चूचियां दबाने लगा और बाबी उसके लंड से खेलने लगी। कभी वो उसको मुट्ठी में दबा लेती तो कभी उसके सुपाड़े को हटाकर देखती। कमल का लंड हाथ में लेकर बॉबी अपने पूरे जिस्म में अजीब सी सनसनी महसूस कर रही थी। इधर कमल उसकी चूचियों को हौले-हौले सहला रहा था, दबा रहा था। तभी कमल जोर-जोर से उसकी चूचियों को दबाने लगा तो बाबी चिल्लाई,
क्या करते हो , जोर से दबाने से दर्द होता है न।
सॉरी अब धीरे-धीरे दबाऊंगा। कमल ने कहा और बाबी की चूचियां फिर से दबाने लगा। अचानक कमल बाबी की फ्राक के ऊपरी बटन खोलने लगा तो बाबी बोली-
बटन क्यों खोल रहे हो।
तम्हारी चूचियां बाहर निकालने के लिए।
क्यों?
उन्हे चूसूंगा। कमल ने धीरे से कहा।
न बाबा न। बॉबी कांप कर बोली।
क्यों क्या हुआ ? कमल ने पूछा
तुमने मेरी चूचियों को चूसते समय काट लिया तो?
क्या पहले भी किसी ने तुम्हारी चूंचियों पर काटा है?
चूंचियों पर तो नहीं हां मगर मेरे अंकल प्यार करते समय गाल पर जरूर काट लिया करते थे।
घबराओ मत मैं तुम्हारे अंकल जैसा नहीं हूँ, मैं तुम्हारी चूंचियों को बड़े प्यार से चूसूंगा।
फिर ठीक है। बाबी ने कहा।
बाबी के इतना कहते ही कमल ने उसकी फ्राक के बटन खोलकर चूंचियों को बाहर निकाल लिया। बॉबी की चूंचियां अभी विकसित होना शुरू ही हुई थीं। उनका आकार छोटे संतरे जैसा था। अग्रभाग पर छोटा सा गुलाबी निपल। कमल उसकी चूंचियों को पहले तो धीरे-धीरे सहलाता रहा और फिर एक चूंची अपने मुंह में भरकर धीरे-धीरे चूसने लगा। कमल के ऐसा करते ही बाबी के मुंह से सिसकारियां निकलने लगी। उसके हाथ से कमल का लंड छूट गया और कमल के सिर को सहलाने लगी। कमल कभी एक चूंची को मुंह में भरकर चूसता तो कभी दूसरी को। आनंद से बॉबी की आंखें मुंद गईं। वह आनंद के सागर में गोता लगा ही रही थी कि तभी अचानक बाहर शोर मच गया। बाबी जल्दी से अपनी फ्राक के बटन बंद कर कमल के साथ बाहर आ गई। वहां पहले से ही सभी लोग जमा हो गए थे।
मनु ने बाबी से कहा- दीदी अब घर चलो।
तुम चलो मैं अभी थोड़ा और खेलूंगी।
ठीक है मगर जल्दी आ जाना वरना मां नाराज होंगी। इतना कहकर मनु वहां से चली गई। नया लड़का दाम देने चला गया और सभी छुपने लगे। कमल बाबी को लेकर पुरानी जगह आ गया। अचानक उसने कहा,
क्यों न हम खेल बंद करवा दें। जिससे बार-बार बाहर नहीं भागना पड़ेगा और तुम्हे जी भर कर मजा दूंगा।
ठीक है। बाबी ने कहा।
इसके बाद कमल बाहर आया और उसने सभी को बुलाकर खेल बंद करने को कहा। उसके सारे दोस्त चले गए, मगर बॉबी वहीं खड़ी रही। सबके जाने के बाद कमल बॉबी को लेकर फिर उसी अंधेर कमरे में आ गया। न जाने क्यों इस बार कमल के साथ आने पर बॉबी का दिल जोर-जोर से धड़क रहा था। उसके मन में अनजाना सा खौफ था, मगर उस आनंद के सामने वह खौफ छोटा पड़ गया जो कुछ समय पहले कमल से उसे मिल रहा था। वह चुपचाप कमल के साथ चली आई।
Luka chipi ka khel bahut khela hai cousins ke sath garmi ki chhuttiyon me. Badaa maza ata hai young amiyan ko dabane me.
 
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परदेशी प्यार भाग -4



अगले दिन बाबी करीब आधा घंटा देरी से कमल के घर पहुंची। कमल बड़ी बेसब्री से उसका इंतजार ही कर रहा था, कि तभी उसने खिड़की से बाबी को आते देखा। बाबी ने पैंट और टॉप पहन रखा था। कुछ देर बाद बाबी कमल की नजरों से ओझल हो गई फिर उसके कमरे में प्रविष्ट हुई।
कमल ने उसके आते ही पूछा
बड़ी देर कर दी।
क्या करूं मनु को नींद ही नहीं आ रही थी। अभी भी उसे सोता छोड़कर आई हूं, जो भी करना हो जल्दी कर लो वरना वो जाग गई तो मुझे ढूंढेगी।
मैं तो वहीं करूंगा जिसमें तुम्हे मजा आता है।
मुझे तो अपनी चूत चटवाने में ही ज्यादा मजा आता है।
तो ठीक है मैं यही करूंगा।
इतना कहकर कमल ने बाबी के तमाम कपड़े उतार दिए और उसे बिस्तर पर लेटा दिया। पहले तो कुछ देर वो उसकी चूंचियां दबाता रहा। फिर उसने बाबी की चूंचियो को बारी बारी से चूसा और उसकी चूत पर हाथ फिराता रहा। तभी बाबी बोली
जल्दी से मेरी चूत चाटना शुरू करो न।
और कमल ने उसकी टांगों को थोड़ा फैलाया और उसकी चूत के होंठो पर अपना मुंह रख दिया, बाबी ने मारे आनंद के अपनी आंखे मूंद ली। उसके मुंह से आनंद भरी सिसकारी निकलने लगी। कमल ने अपनी जीभ निकाल कर बाबी की चूत के बीच वाले हिस्से पर फिराना शुरू किया तो बाबी के मुंह से निकलने वाली सिसकारियों की आवाज भी तेज हो गई। कमल ने उसकी चूत के बीच वाले भाग को अपने होंठो के बीच दबाकर चूसना शुरू किया तो बाबी आनंद से पागल हो गई। कमल ने अपनी जीभ बाबी की चूत के छेद में घुसा दी और धीरे धीरे जीभ से चूत के छेद को सहलाने लगा। बाबी को इतना मजा आया कि उसने कमल के सिर को जोर से अपनी जांघों के बीच दबा लिया। बॉबी को इतना मजा आ रहा था कि उसके मुंह से सिसकारियां निकल रही थीं।
आह…सी…सी… ओह कमल जोर से चाटो न। आह… सी…सी.. मैं मर जाउंगी कमल। मेरे शरीर में कुछ हो रहा है। बॉबी बिस्तर पर मचल रही थी और कमल उसकी चूत को चाटने में जुटा हुआ था। बॉबी चरम पर पहुंचने ही वाली थी और उसका शरीर ऐंठने लगा था। उसे लग रहा था कि इससे बड़ा आनंद और कोई हो ही नहीं सकता, तभी कमल ने अपना मुंह बाबी की चूत से हटा लिया तो वो तड़पकर बोली…
हाय कमल रुक क्यों गए चाटते रहो न मेरी चूत। मुझे बहुत मजा आ रहा है।?
नहीं पहले तुम मेरा लंड अपने मुंह में लो तभी मैं तुम्हारी चूत चाटूंगा। कमल ने आंखों में शरारत भरकर कहा।
नहीं मैं तुम्हारा लंड मुंह में नहीं ले सकती, मुझे घिन आती है। बॉबी कमल की इस मांग से सकपका गई। वह नहीं चाहती थी कि कमल उसकी चूत से एक पल के लिए भी अपना मुंह हटाए।
जब मुझे तुम्हारी चूत चाटते हुए घिन नहीं आई तो फिर भला तुम्हे मेरा लंड मुंह में लेने में कैसे घिन आएगी? कमल ने कहा।
फिर भी तुम उसी से पेशाब करते हो, मैं उसे मुंह में नहीं ले सकती। बॉबी की आवाज में अब भी लरज थी।
देखों बाबी ये तो सौदा है। तुम मुझे मजा दो और मैं तुम्हे मजा देता हूं, वरना मैं तो चला सोने। अब कमल ने बॉबी के सामने सीधे-सीधे शर्त रख दी।
कमल की इस बात पर बाबी सोचने लगी।
कमल जानता था कि बॉबी मना नहीं कर सकती। उसने उसे आनंद की जो अनुभूति करवाई थी, उसके लिए बॉबी कुछ भी करने को तैयार हो जाती। यह तो केवल लंड चूसने का मामला था। खैर कुछ ही पल बॉबी ने सोचने में लगाए और अपना सिर सहमति में हिला दिया। बॉबी उसके लंड को मुंह में लेने को तैयार हो गई। तब कमल उसके सामने लेट गया। उसने कमल की पैंट के बटन खोलकर उसका लंड बाहर निकाला। कुछ देर उसे वैसे ही देखती रही। कमल ने उसकी तरफ प्रश्नवाचक नजरों से देखा। बॉबी से उसकी नजरें मिली तो एक बार फिर उसे सहमति में सिर हिलाया और उसे अपने मुंह में डाल लिया।
अब आनंद के सागर में गोते लगाने की बारी कमल की थी। बॉबी की गीली जीभ का स्पर्श अपने लंड पर पाते ही कमल के मंह से एक सिसकारी सी निकल गई। थोड़ी देर बाद बाबी को भी कमल का लंड चूसने में मजा आने लगा और वो बड़े चाव से उसका लंड चूसने लगी। कमल के मुंह से जोर-जोर से सिसकारियां निकलने लगी। कभी बाबी उसके लंड को जोर-जोर से चूसने लगती तो कभी वो लंड के ऊपर की चमड़ी हटाकर चाटने लगती। कमल को बहुत मजा आ रहा था कि तभी बाबी को शरारत सूझी और उसने कमल को लंड पर दांत गड़ा दिए। कमल ने तड़पकर उसके मुंह से अपना लंड बाहर खींच लिया।
बाबी ने पूछा, क्यों मजा नहीं आया?
मजा तो आ रहा था, लेकिन तुम्हारे दांतों ने सब किरकिरा कर दिया।
अचछा अब नहीं काटूंगी। कसम से बाबी कमल के लंड को प्यार से सहलाते हुए बोली।
ठीक है। कमल ने कहा और बाबी उसके लंड पर झुकने लगी तभी उसके मन में कोई विचार आया और वह रुक गई। कमल ने उसकी तरफ प्रश्रवाचक नजर से देखा तो वह बोली,
क्या ऐसा नहीं हो सकता कि तुम मेरी चूत चाटो और उसी समय मैं तुम्हारा लंड भी चूंसू? दोनों को एक साथ मजा आएगा।
हो क्यों नहीं सकता। कमल ने कहा फिर बाबी को लेटा कर इस पोजिशन में आ गया कि उसका लंड बाबी के मुंह के सामने था और बाबी की चूत उसके मुंह के सामने।
^9 ki position nahin malum thi bachhon ko.
 
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परदेशी प्यार भागा- 5




कमल ने बाबी की चूत पर अपना मुंह रख दिया और बाबी ने उसका लंड मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया। कमल कभी बाबी की चूत को चाटने लगता तो कभी उसके बीच उभरे चने के दाने समान रचना को मुंह में दबा कर चूसने लगता। बाबी भी कहां पीछे रहने वाली थी वो कभी कमल के लंड को चूसने लगती तो कभी उसके ऊपर की चमड़ी हटाकर चाटने लगती।
कमल के दोनों हाथ बॉबी के चूतड़ों पर घूम रहे थे। वह अपने हाथों से धीरे-धीरे उन्हें सहलाता जा रहा था। कमल की जीभ बॉबी की चूत पर कमाल दिखा रही थी। बॉबी के शरीर में कंपकंपाहट सी हो रही थी। उसे ऐसा लग रहा था कि कमल जिंदगी भर ऐसे ही बॉबी की चूत चाटता रहे और वह मुंह में उसका लंड लेकर पड़ी रहे। अचानक कमल ने जीभ से बॉबी की चूत के छेद को सहलाना शुरू किया। फिर जब जीभ को चूत के अंदर की तरफ ठेला तो बॉबी मस्ती में चूर होकर कमल के लंड को लॉलीपॉप की तरह जोर-जोर से चूसने लगी। अचानक कमल को ऐसा लगा कि उसके शरीर में लावा सा उबल रहा है उसने झट से बाबी के मुंह से अपना लंड निकाल लिया तो बाबी बोली,
निकाल क्यों लिया? कितना मजा आ रहा था।
अगर मेरा लंड थोड़ी देर और तुम्हारे मुंह में रहता तो सारा वीर्य मुंह में ही चला जाता।
ये वीर्य क्या होता है? बॉबी ने हैरानगी से पूछा।
तुम नहीं जानती?
कसम से मुझे नहीं पता। बॉबी मासूमियत से बोली।
अच्छा बताता हूं पहले यह बताओ चूत मरवाओगी।
वो कैसे करते हैं और मुझे तो अपनी चूत चटवाने में ही ज्यादा मजा आता है।
एक बार चूत मरवा कर तो देखो फिर कहना कि मजा आया या नहीं।
ठीक है, मगर पहले यह तो बताओ कि वीर्य क्या होता है। बॉबी अभी उसी सवाल पर अटकी थी।
कमल ने कहा जब किसी लड़के का लंड चूसा जाए या उसे चूत में डालकर घर्षण किया जाए तो लिसलिसा सा सफेद तरल पदार्थ निकलता है। उसे ही वीर्य कहते हैं।
हे भगवान अच्छा हुआ तुमने मेरे मुंह से लंड निकला लिया। छी कितना गंदा होता होगा न वीर्य। अगर मेरे मुंह में चला जातो तो मेरा मुंह भी गंदा हो जाता। बॉबी ने नाक सिकोड़ते हुए कहा।
बॉबी ये पदार्थ दिखने में भले ही गंदा लगता हो, मगर इसी सारी सृष्टि चलती है। तुम्हें पता है न कि औरतें बच्चे पैदा करती हैं।
हां पता है। कुछ महीने पहले मेरी भाभी के भी एक स्वीट सा बेबी हुआ। वह उनके पेट में था। भाभी को अस्पताल ले गए तो उनके पेट से निकाला गया। बॉबी ने कहा।
जानती हो ये बच्चा कैसे बनता है। कमल ने पूछा।
नहीं, बॉबी ने न में सिर हिला दिया।
ये बच्चा इसी वीर्य से बनता है जिसे तुम गंदा कह रही हो।
कैसे। बॉबी ने पूछा।
जब कोई लड़का किसी लड़की की चूत मारता है, तो आखिरी में ये वीर्य उसकी चूत में गिरता है। लड़की के पेट में उसी से बच्चा बनता है। ये ठीक वैसे ही जैसे जमीन में कोई बीज बोओ तो उससे पौधा निकलता है। कमल ने किसी मास्टर की तरह विश्लेषण किय़ा।
अच्छा, बॉबी हैरानगी से केवल इतना कह सकी।
तभी कमल बोला, खैर छोड़ो ये बताओ चूत मरवाओगी।
हां ठीक है, अगर तुम कहते हो कि उसमें चूत चटवाने से ज्यादा मजा आता है तो मैं तैयार हूं। बॉबी ने कहा।
बाबी के इतना कहते ही कमल ने उसे पीठ के बल लिटा दिया और उसके चूतड़ो के नीचे तकिया लगा दिया। इसके बाद उसकी टांगों को थोड़ा फैला दिया। बॉबी की कुंवारी चूत का मुंह थोड़ा खुल गया था। बाबी कनखियों से उसकी एक-एक हरकत देख रही थी। कमल जानता था कि बॉबी की चूत में जैसे ही लंड डालेगा वह ददर के मारे चिल्लाने लगेगी। मगर उसे कोई चिंता नहीं थी। उसका कमरा घर में सबसे पीछे था। दोपहर का समय होने से उसकी मां ही नहीं, पूरा गांव सो रहा था। एक तरह से गांव सुनसान पड़ा था। उसने बाबी की टांगों को थोड़ा और फैलाया और उसके बीच आ गया। इसके बाद बॉबी की आंखों में झांककर देखा। बॉबी की आंखों में अब भी कौतुहल झलक रहा था। वह सोच रही थी कि चूत कैसे मरवाते हैं। अब तक तो कोई मजा आया नहीं।
इधर बॉबी मजे के बारे में सोच ही रही थी कि कमल ने उसकी चूत की छेद पर अपना लंड टिकाकर जोर से एक धक्का मारा। उसका चौथाई लंड बाबी की चूत में घुस गया। बाबी को ऐसा लगा कि जैसे उसकी चूत फट गई हो। वह जोर से चिल्लाने लगी,
हाय मर गई। ये तुमने क्या कर डाला। क्या इसी को मजा कहते हैं।
वह कमल को लंड निकालने के लिए कहने लगी। लेकिन कमल ने एक और धक्का मारा और आधा लंड उसकी चूत में घुस गया।
अब बॉबी दर्द से तड़प उठी। उसकी आंखों में आंसू आ गए। वह गिड़गिड़ाते हुए चिल्लाने लगी। प्लीज अपना लंड बाहर निकाल लो। मुझे नहीं मरवानी अपनी चूत-वूत।
मगर कमल कहां सुनने वाला था। वह बॉबी को समझाते हुए बोला। पहली बार में थोड़ा दर्द होता है, फिर मजा आने लगेगा।
तुम्हे मजे की पड़ी है और यहां मेरी जान निकली जा रही है। बॉबी जोर-जोर से रोते हुए बोली।
लेकिन कमल नहीं माना वह बाबी की चूत में धक्का मारता रहा। बाबी जितना चिल्लाती, रोती और , रोती और गिड़गिड़ाती वह उतने जोश से धक्के पर धक्का मारता। कमरे में बाबी की चीख के साथ ही गचागच-फचाफच की आवाज भी गूंज रही थी। अचानक कमल का सारा शरीर ऐंठा और उसके लंड से वीर्य की पिचकारी निकलकर बाबी की चूत में गिरी। यही एक क्षण था जब बाबी को मजा आया। कमल के वीर्य की गरम धार ने मानो उसकी सारी पीड़ा हर ली हो। उसे ऐसा लगा कि खुद उसका शरीर भी ऐंठने लगा है। इस पल उसे इतना ज्यादा मजा आया कि उसने जोर से कमल का लंड अपनी चूत में भींच लिया। थोड़ी देर तक कमल उसके ऊपर वैसे ही पड़ा रहा। वह इस प्रकार हांफ रहा था मानों मीलों चढ़ाई करके आया हो। सांस नियंत्रित करने के बाद वह उठा और बाबी से कहा,
मजा आया?
मजा तुमने तो मेरी जान ही निकाल दी। मगर आखिरी में जो मजा आया, वह मैं बता नहीं सकती। बॉबी ने आंसू पोछते हुए कहा।
पहली बार में हर लड़की के साथ ऐसा ही होता है। फिर वह लंड की ऐसी अभ्यस्त हो जाती है कि उसकी चूत बड़े से बड़ा लंड निगल जाती है। कमल हंसते हुए बोला।
बाबी ने उठकर अपने कपड़े पहनने लगी तो बिस्तर पर खून के धब्बे देखे। खून देखकर उसे गश आने लगा। वह बोली, यह खून कहां से आया।
कमल ने कहा कि जब कोई लड़की पहली बार चूत मरवाती है तो छेद पर लगी एक झिल्ली टूट जाती है और उसी से खून आता है।
बॉबी को अपनी माहवारी की याद आ गई और वह घबराकर बोली क्या हर बार ऐसे ही खून आएगा।
कमल ने कहा नहीं आज पहली और आखिरी बार था।
बॉबी ने चैन की सांस ली कपड़े पहनने लगी। कपड़े पहनकर जाने लगी तो कमल ने पूछा,
कल फिर आओगी?
हां आउंगी। अब तो मुझे भी तुम्हारा लंड चाहिए। यह कहकर बाबी वहां से चली गई। कमल उसे जाते हुए तब तक देखता रहा, जब तक वह नजरों से ओझल नहीं हो गई। बॉबी की चाल बदल सी गई थी।
Very very sexy.kunwari ladki ki seal tone ka mazaa hi alag hai.
 
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परदेशी प्यार भागा- 8







मनु ने पूछा, मतलब?
तो बॉबी बोली- जैसा-जैसा मैने तुम्हारे साथ किया है, वैसा ही तुम मेरे साथ भी करो।
इतना कहकर बॉबी लेट गई और मनु का मन तो नहीं हो रहा था, मगर उसके सामने बॉबी की बात मानने के अलावा कोई और रास्ता था भी नहीं। उसने पहले बारी-बारी बॉबी की चूंचियों को दबाया और फिर उन्हें चूसने लगी। बॉबी की चूंचियां चूसने में उसे भी मजा आने लगा। बॉबी उसके सिर पर हाथ रखकर सहला रही थी। काफी देर तक मनु उसकी चूंचिया ही चूसती रही तो बॉबी बोली,
बस कर मेरी लाड़ो अब क्या खा जाएगी, इन्हें। नीचे आ जरा मेरी चूत पर भी अपनी जीभ का कमाल दिखा।
मनु नीचे सरक गई, मगर वह झिझक रही थी। बॉबी की चूत पर मुंह लगाने में उसे घिन सी आ रही थी। वह सोच रही थी कि इसी अंग से पेशाब की जाती है, वह इसे कैसे चूम सकती है। बॉबी ने जब देखा कि मनु का हाथ तो उसकी चूत पर है, मगर वह वैसे ही बैठी है तो उसने कहा,
क्या हुआ मनु, तू चाटती क्यों नहीं?
दीदी मुझे घिन सी आ रही है। मैं नहीं चाट पाउंगी। प्लीज आप ही मेरी चूत तो चाटो न। मैं हाथ से सहलाकर आपको मजा देती हूं।
बॉबी ने कहा, वाह हाथ से कहीं मजा आता है। देख मनु ये तो सौदा है। तू मुझे पूरा मजा दे, तभी मैं तुझे मजा दूंगी। नहीं तो तेरी मर्जी मैं तो चली सोने।
बॉबी ने इतना कहकर मुंह घूमा लिया तो मनु बोली, अरे दीदी आप तो नाराज हो रही हो।
नाराज नहीं होउं तो क्या करूं। अभी जब मैं तेरी चूत चाट रही थी तो कैसे उछल-उछलकर मजा ले रही थी। मेरी बारी आई तो तुझे घिन आने लगी।
ठीक है दीदी, तुम कहती हो तो मैं भी चाट लूंगी।
अरे वाह बॉबी चहककर बोली। यह हुई न बात।
इसके बाद बॉबी फिर चित होकर लेट गई। मनु को उसकी टांगे भी नहीं फैलानी पड़ी। बॉबी ने खुद ही खोल दी। इसके बाद मनु ने उसकी चूत पर मुंह रख दिया और चूमने लगी। बॉबी की चूत पर पहले मुंह लगाने में उसे घिन आ रही थी, मगर जब चूमना शुरू किया तो चूमती ही चली गई। चूमने के साथ जीभ से आहिस्ता-आहिस्ता चाटने भी लगी। मनु ने कुछ देर बॉबी की चूत को चाटा। इसके बाद बोली
दीदी अब मेरी बारी है।
बॉबी बोली रुक, हम दोनों एक साथ एक-दूसरे को मजा देंगे।
इसके बाद बॉबी ने मनु को एक करवट पर लिटाया और खुद अपना मुंह उलटी तरफ करके इस तरह लेटी कि मनु की चूत उसके मुंह के सामने और उसकी चूत मनु के मुंह के सामने थी। इसके बाद वह बोली,
चल शुरू हो जा मेरी जान। दिखा दे अपना पूरा हुनर।
दोनों ने एक दूसरे की चूत तो चाटना और चूसना शुरू कर दिया। काफी देर तक दोनों एक दूसरे की चूत पर अपनी जीभ से चित्रकारी सी करती रहीं।
इसके बाद बॉबी उठी और कहा अब तुझे दूसरी तरह से मजा देती हूं।
उसने मनु को लिटाया और उसकी चूत पर अपनी चूंची रगडऩे लगी। जब कभी वह निपल को मनु की चूत में घुसडऩे की कोशिश करती तो मनु को इतना मजा आता कि वह आनंद से चूत को भींच लेती। कुछ देर तक बॉबी ऐसे ही खिलवाड़ करती रही फिर बोली,
चल उठ अब मेरी बारी।
इतना कहकर बॉबी लेट गई। मनु जब बॉबी की चूत की तरफ आई और अपनी चूंची से उसे रगडऩा शुरू किया तो अचानक बॉबी को एक खयाल आया और वह बोली,
ऐसे नहीं। तू एक काम कर मेरे ऊपर लेट जा और अपनी चूत का दाना मेरी चूत पर रगड़।
मनु ने कहा मगर दीदी तुमने तो ऐसा नहीं किया था।
बॉबी बोली, अरे पगली मेरी चूत का दाना छोटा है, अंदर ही दबकर रह गया। तेरी चूत का दाना काफी उभरा हुआ है।
मनु समझ गई और वह अपनी चूत को बॉबी की चूत से मिलाकर उसके ऊपर लेट गई। इसके बाद चूत को बॉबी की चूत पर रगडऩे लगी। बॉबी को वैसा मजा तो नहीं आ रहा था जैसा कमल के लंड को चूत में लेकर आया था, मगर मजा तो आ ही रहा था। दोनों शाम ढले तक यही खेल खेलती रहीं। इसके बाद थककर एक-दूसरे की बांहों में नंगी ही सो गईं।
Good act of lesbian sex.
 
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173
. परदेशी भाग -10




बॉबी के इतना कहते ही कमल ने उसकी फ्राक भी उतार दी। जांघिया तो उसका पहले ही उतर चुका था। इसके बाद कमल ने अपने भी सारे कपड़े उतार दिए और बॉबी को बिस्तर पर लेटा दिया। बॉबी बलिहारी होने वाली नजरों से कमल के तन चुके लौड़े को निहार रही थी। कमल आया और धीरे-धीरे उसकी चूंचियों को दबाया और फिर होंठ एक चूंची पर रख दिए। इधर उसका हाथ बॉबी की चिकनी चूत पर थिरक रहे थे, उधर वह बॉबी की चूंची को बड़े प्यार से चूस रहा था। बॉबी के सारे शरीर में सनसनी दौडऩा शुरू हो गई। कमल ने बारी-बारी बॉबी की दोनों चूचियों को चूसकर उसे काफी उत्तेजित कर दिया। इसके बाद सिर नीचे लाया और मुंह उसकी चूत पर रख दिया। बॉबी की चूत की खुशबू आज कुछ अलग ही थी। कमल जीभ निकालकर मजे से उसे चाटने लगा। इधर बॉबी का हाथ कमल के सिर पर था और वह उसके बालों को प्यार से सहला रही थी। कमल काफी देर तक बॉबी की चूत तो चाटता रहा, बीच के हिस्से को मुह में दबाकर चूसता रहा। कभी-कभी अपनी जीभ गोलकर उसकी चूत के छेद में घुसेड़ देता और बॉबी के मुंह से निकलने वाली सिसकारियों की आवाजें तेज होती जा रही थीं। आखिर कमल ने बॉबी की चूत से मुंह हटाया और उसके ऊपर लेटने लगा तो बॉबी बोली-
रुको।
क्यों क्या हुआ, आज दर्द नहीं होगा।
नहीं उसके लिए नहीं।
तो फिर क्या बात है।
कुछ नहीं पहले तुम लेटो।
ठीक है। यह कहकर कमल लेट गया।
बॉबी ने उसका लंड अपने हाथ में थाम लिया और धीरे-धीरे सहलाने लगी। फिर उसने जीभ निकाली और लंड पर फिराने लगी। कमल की कमर अपने आप थिरकने लगी। कुछ देर तक वह जीभ से खिलवाड़ करती रही फिर उसने कमल का लंड मुंह में भर लिया और लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी। कमल को इतना मजा आ रहा था कि वह जोर-जोर से अपनी कमर हिलाने लगा। कुछ देर बॉबी उसके लंड को चूसती रही और फिर कमल ने खुद ही उसके सिर को हटा दिया।
बस करो बॉबी, अब और नहीं सह पाउंगा।
क्यों क्या हुआ। बॉबी शरारत से बोली।
हुआ तो कुछ नहीं, मगर कुछ देर और यह तुम्हारे मुंह में रहता तो हो जाता, कमल ने अपने लंड की तरफ इशारा करते हुए कहा, चलो अब तुम लेट जाओ और इसे अपनी चूत में ले लो।
बॉबी बोली नहीं मैं नहीं लेटूंगी। हमेशा मैं ही क्यों नीचे लेटूं। अगर तुम्हें आता है तो ऐसे ही चूत मारकर दिखाओ। बॉबी शरारत के मूड़ में आ गई।
कमल ने कहा, अच्छा यह बात। चुनौती दे रही है।
यही समझ लो, बॉबी ने हंसते हुए कहा।
ठीक है, कमल ने कहा। ऐसा हो तो सकता है कि मैं ही नीचे लेटा रहूं, मगर मेहनत तुम्हें करना होगा। मंजूर है।
ठीक है मंजूर है। बॉबी बोली।
तो कमल ने उससे कहा कि उसकी कमर के दोनों तरफ अपने पैर करके बैठ जाए। बाबी ने ऐसा ही किया तो कमल ने अपना लंड हाथ में पकड़ा और बॉबी की थोड़ा उठने को कहा। बॉबी के घुटने उसकी कमर के दोनों तरफ थे, वह घुटनों पर ही थोड़ा उठी तो कमल ने उसकी चूत के छेद पर अपना लंड टिका दिया और बोला बस अब बैठ जाओ।
बॉबी जैसे ही बैठी, एक झटके में पूरा लंड उसकी चूत में समा गया। बॉबी की चूत में अचानक दर्द की एक लहर सी उठी तो वह चिल्लाकर बोली।
मादरचोद यह क्या किया, फिर से मेरी चूत फाड़ दी। यह कहकर वह उठने लगी तो कमल ने उसकी कमर को थामकर वापस बैठा लिया।
बॉबी कुछ देर हाथ-पैर झटकती रही, मगर अचानक ही उसे चूत में राहत सी महसूस होने लगी और कमल का लंड सुरसुरी पैदा करने लगा तो उसने हाथ-पैर पटकने बंद कर दिए।
क्यों मजा आने लगा, कमल ने एक आंख मारते हुए कहा।
हां आ तो रहा है, मगर शुरुआत में तो जान ही निकाल दी थी। बोल नहीं सकते थे। एक झटके में पूरा डाल दिया।
कमल हंसते हुए बोला, मैने कहां डाला, तुम्हीं ने तो किया है। और चुनौती दो।
चुनौती की तो बहन की चूत। बॉबी गाली बकते हुए बोली। अब जल्दी बताओ करना क्या है। मुझसे रहा नहीं जा रहा है।
अब क्या करना है, बस मेरी कमर पर उछलो, मजा खुद-ब-खुद आने लगेगा।
कमल के इतना कहते ही बॉबी उसकी कमर पर कूदने लगी और कमल का लंड उसकी चूत के अंदर बाहर होने लगा। बॉबी आनंद के सागर में गोते लगा रही थी और धीरे-धीरे उसकी कूदने की स्पीड भी बढऩे लगी। इधर कमल अपने हाथ से उसकी दोनों चूंचियों को दबाकर, सहलाकर उसके मजे को और भी बढ़ा रहा था। बॉबी काफी देर कमल के लंड पर कूदती रही, कमरे में उसकी चूत से निकलने वाली फचाफच-गचागच की आवाज गूंजती रही। अचानक बॉबी का सारा शरीर ऐंठने लगा। उसे ऐसा लगा कि वह आनंद के चरम पर है, तभी कमल के लंड से वीर्य की पिचकारी छूटी और बॉबी की चूत में गिरी। बॉबी आनंद के चरम पर पहुंच चुकी थी। उसने जमकर कमल की कमर को अपनी टांगों के बीच कस लिया और निढाल होकर उसके ऊपर गिर गई। बॉबी पसीने से तरबतर हो रही थी। उसकी चूत में आनंद की लहरें उठ रही थीं, आंखें बंद करके वह उन्हें पी रही थी। काफी देर तक वह वैसे ही कमल के लंड को चूत में लिए पड़ी रही। इधर कमल का लंड सिकुड़कर उसकी चूत से अपने आप बाहर आ गया तो वह उठी और उसके लंड को देखते हुए बोली,
अरे इसे क्या हुआ।
कुछ नहीं। चुदाई के आखिरी में जब वीर्य निकलता है तो लंड इसी तरह सिकुड़ जाता है।
अरे मगर पिछली बार तो ऐसा नहीं हुआ था। बॉबी ने हैरत से कहा।
हुआ था, मगर दर्द के कारण तुम ध्यान नहीं दे पाई और जल्दबाजी मेें चली भी गई थी।
अ’छा अब यह फिर कब तनेगा।
जब तुम चाहो, अगर तुम चाहो तो यह फिर खड़ा हो जाएगा।
न बाबा न आज के लिए इतनी मेहनत काफी है। शहर आओ फिर मैं देखती हूं कि यह कितनी बार खड़ा होता है।
कमल मुस्कुरा दिया। बॉबी उठी और अपनी फ्राक पहन ली। और बोली,
अ’छा मैं चलती हूं।
ठीक है, कमल ने कहा और उठकर प्यार से बॉबी की चूत को एक बार सहला दिया।
बॉबी बोली, कमल जल्दी आना। मैं तुम्हारा इंतजार करुंगी। और इतना कहकर वह निकल गई। उसकी आंखों में आंसू थे, जो वह कमल को नहीं दिखाना चाहती थी। आंसू कमल की आंखों में भी मचल रहे थे, मगर वह उन्हें पी गया।
Chudai ka chase bada anshika hota hai.
 
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Agasthya

I'm flying solo...
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Hello everyone.

We are Happy to present to you The annual story contest of XForum


"The Ultimate Story Contest" (USC).


"Chance to win cash prize up to Rs 8000"
Jaisa ki aap sabko maloom hai abhi pichhle hafte hi humne USC ki announcement ki hai or abhi kuch time pehle Rules and Queries thread bhi open kiya hai or Chit Chat thread toh pehle se hi Hindi section mein khula hai.

Well iske baare mein thoda aapko bata dun ye ek short story contest hai jisme aap kisi bhi prefix ki short story post kar sakte ho, jo minimum 700 words and maximum 7000 words ke bich honi chahiye (Story ke words count karne ke liye is tool ka use kare — Characters Tool) . Isliye main aapko invitation deta hun ki aap is contest mein apne khayaalon ko shabdon kaa roop dekar isme apni stories daalein jisko poora XForum dekhega, Ye ek bahot accha kadam hoga aapke or aapki stories ke liye kyunki USC ki stories ko poore XForum ke readers read karte hain.. Aap XForum ke sarvashreshth lekhakon mein se ek hain. aur aapki kahani bhi bahut acchi chal rahi hai. Isliye hum aapse USC ke liye ek chhoti kahani likhne ka anurodh karte hain. hum jaante hain ki aapke paas samay ki kami hai lekin iske bawajood hum ye bhi jaante hain ki aapke liye kuch bhi asambhav nahi hai.

Aur jo readers likhna nahi chahte woh bhi is contest mein participate kar sakte hain "Best Readers Award" ke liye. Aapko bas karna ye hoga ki contest mein posted stories ko read karke unke upar apne views dene honge.

Winning Writer's ko well deserved Cash Awards milenge, uske alawa aapko apna thread apne section mein sticky karne ka mouka bhi milega taaki aapka thread top par rahe uss dauraan. Isliye aapsab ke liye ye ek behtareen mouka hai XForum ke sabhi readers ke upar apni chhaap chhodne ka or apni reach badhaane kaa.. Ye aap sabhi ke liye ek bahut hi sunehra avsar hai apni kalpanao ko shabdon ka raasta dikha ke yahan pesh karne ka. Isliye aage badhe aur apni kalpanao ko shabdon mein likhkar duniya ko dikha de.

Entry thread 15th February ko open ho chuka matlab aap apni story daalna shuru kar sakte hain or woh thread 5th March 2024 tak open rahega is dauraan aap apni story post kar sakte hain. Isliye aap abhi se apni Kahaani likhna shuru kardein toh aapke liye better rahega.

Aur haan! Kahani ko sirf ek hi post mein post kiya jaana chahiye. Kyunki ye ek short story contest hai jiska matlab hai ki hum kewal chhoti kahaniyon ki ummeed kar rahe hain. Isliye apni kahani ko kayi post / bhaagon mein post karne ki anumati nahi hai. Agar koi bhi issue ho toh aap kisi bhi staff member ko Message kar sakte hain.



Story se related koi doubt hai to iske liye is thread ka use kare — Chit Chat Thread

Kisi bhi story par apna review post karne ke liye is thread ka use kare — Review Thread

Rules check karne ke liye is thread ko dekho — Rules & Queries Thread

Apni story post karne ke liye is thread ka use kare — Entry Thread

Prizes
Position Benifits
Winner 4000 Rupees + Award + 5000 Likes + 30 days sticky Thread (Stories)
1st Runner-Up 1500 Rupees + Award + 3500 Likes + 15 day Sticky thread (Stories)
2nd Runner-UP 1000 Rupees + 2000 Likes + 7 Days Sticky Thread (Stories)
3rd Runner-UP 750 Rupees + 1000 Likes
Best Supporting Reader 750 Rupees + Award + 1000 Likes
Members reporting CnP Stories with Valid Proof 200 Likes for each report



Regards :- XForum Staff
 

Game888

Hum hai rahi pyar ke
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परदेशी प्यार भाग -4



अगले दिन बाबी करीब आधा घंटा देरी से कमल के घर पहुंची। कमल बड़ी बेसब्री से उसका इंतजार ही कर रहा था, कि तभी उसने खिड़की से बाबी को आते देखा। बाबी ने पैंट और टॉप पहन रखा था। कुछ देर बाद बाबी कमल की नजरों से ओझल हो गई फिर उसके कमरे में प्रविष्ट हुई।
कमल ने उसके आते ही पूछा
बड़ी देर कर दी।
क्या करूं मनु को नींद ही नहीं आ रही थी। अभी भी उसे सोता छोड़कर आई हूं, जो भी करना हो जल्दी कर लो वरना वो जाग गई तो मुझे ढूंढेगी।
मैं तो वहीं करूंगा जिसमें तुम्हे मजा आता है।
मुझे तो अपनी चूत चटवाने में ही ज्यादा मजा आता है।
तो ठीक है मैं यही करूंगा।
इतना कहकर कमल ने बाबी के तमाम कपड़े उतार दिए और उसे बिस्तर पर लेटा दिया। पहले तो कुछ देर वो उसकी चूंचियां दबाता रहा। फिर उसने बाबी की चूंचियो को बारी बारी से चूसा और उसकी चूत पर हाथ फिराता रहा। तभी बाबी बोली
जल्दी से मेरी चूत चाटना शुरू करो न।
और कमल ने उसकी टांगों को थोड़ा फैलाया और उसकी चूत के होंठो पर अपना मुंह रख दिया, बाबी ने मारे आनंद के अपनी आंखे मूंद ली। उसके मुंह से आनंद भरी सिसकारी निकलने लगी। कमल ने अपनी जीभ निकाल कर बाबी की चूत के बीच वाले हिस्से पर फिराना शुरू किया तो बाबी के मुंह से निकलने वाली सिसकारियों की आवाज भी तेज हो गई। कमल ने उसकी चूत के बीच वाले भाग को अपने होंठो के बीच दबाकर चूसना शुरू किया तो बाबी आनंद से पागल हो गई। कमल ने अपनी जीभ बाबी की चूत के छेद में घुसा दी और धीरे धीरे जीभ से चूत के छेद को सहलाने लगा। बाबी को इतना मजा आया कि उसने कमल के सिर को जोर से अपनी जांघों के बीच दबा लिया। बॉबी को इतना मजा आ रहा था कि उसके मुंह से सिसकारियां निकल रही थीं।
आह…सी…सी… ओह कमल जोर से चाटो न। आह… सी…सी.. मैं मर जाउंगी कमल। मेरे शरीर में कुछ हो रहा है। बॉबी बिस्तर पर मचल रही थी और कमल उसकी चूत को चाटने में जुटा हुआ था। बॉबी चरम पर पहुंचने ही वाली थी और उसका शरीर ऐंठने लगा था। उसे लग रहा था कि इससे बड़ा आनंद और कोई हो ही नहीं सकता, तभी कमल ने अपना मुंह बाबी की चूत से हटा लिया तो वो तड़पकर बोली…
हाय कमल रुक क्यों गए चाटते रहो न मेरी चूत। मुझे बहुत मजा आ रहा है।?
नहीं पहले तुम मेरा लंड अपने मुंह में लो तभी मैं तुम्हारी चूत चाटूंगा। कमल ने आंखों में शरारत भरकर कहा।
नहीं मैं तुम्हारा लंड मुंह में नहीं ले सकती, मुझे घिन आती है। बॉबी कमल की इस मांग से सकपका गई। वह नहीं चाहती थी कि कमल उसकी चूत से एक पल के लिए भी अपना मुंह हटाए।
जब मुझे तुम्हारी चूत चाटते हुए घिन नहीं आई तो फिर भला तुम्हे मेरा लंड मुंह में लेने में कैसे घिन आएगी? कमल ने कहा।
फिर भी तुम उसी से पेशाब करते हो, मैं उसे मुंह में नहीं ले सकती। बॉबी की आवाज में अब भी लरज थी।
देखों बाबी ये तो सौदा है। तुम मुझे मजा दो और मैं तुम्हे मजा देता हूं, वरना मैं तो चला सोने। अब कमल ने बॉबी के सामने सीधे-सीधे शर्त रख दी।
कमल की इस बात पर बाबी सोचने लगी।
कमल जानता था कि बॉबी मना नहीं कर सकती। उसने उसे आनंद की जो अनुभूति करवाई थी, उसके लिए बॉबी कुछ भी करने को तैयार हो जाती। यह तो केवल लंड चूसने का मामला था। खैर कुछ ही पल बॉबी ने सोचने में लगाए और अपना सिर सहमति में हिला दिया। बॉबी उसके लंड को मुंह में लेने को तैयार हो गई। तब कमल उसके सामने लेट गया। उसने कमल की पैंट के बटन खोलकर उसका लंड बाहर निकाला। कुछ देर उसे वैसे ही देखती रही। कमल ने उसकी तरफ प्रश्नवाचक नजरों से देखा। बॉबी से उसकी नजरें मिली तो एक बार फिर उसे सहमति में सिर हिलाया और उसे अपने मुंह में डाल लिया।
अब आनंद के सागर में गोते लगाने की बारी कमल की थी। बॉबी की गीली जीभ का स्पर्श अपने लंड पर पाते ही कमल के मंह से एक सिसकारी सी निकल गई। थोड़ी देर बाद बाबी को भी कमल का लंड चूसने में मजा आने लगा और वो बड़े चाव से उसका लंड चूसने लगी। कमल के मुंह से जोर-जोर से सिसकारियां निकलने लगी। कभी बाबी उसके लंड को जोर-जोर से चूसने लगती तो कभी वो लंड के ऊपर की चमड़ी हटाकर चाटने लगती। कमल को बहुत मजा आ रहा था कि तभी बाबी को शरारत सूझी और उसने कमल को लंड पर दांत गड़ा दिए। कमल ने तड़पकर उसके मुंह से अपना लंड बाहर खींच लिया।
बाबी ने पूछा, क्यों मजा नहीं आया?
मजा तो आ रहा था, लेकिन तुम्हारे दांतों ने सब किरकिरा कर दिया।
अचछा अब नहीं काटूंगी। कसम से बाबी कमल के लंड को प्यार से सहलाते हुए बोली।
ठीक है। कमल ने कहा और बाबी उसके लंड पर झुकने लगी तभी उसके मन में कोई विचार आया और वह रुक गई। कमल ने उसकी तरफ प्रश्रवाचक नजर से देखा तो वह बोली,
क्या ऐसा नहीं हो सकता कि तुम मेरी चूत चाटो और उसी समय मैं तुम्हारा लंड भी चूंसू? दोनों को एक साथ मजा आएगा।
हो क्यों नहीं सकता। कमल ने कहा फिर बाबी को लेटा कर इस पोजिशन में आ गया कि उसका लंड बाबी के मुंह के सामने था और बाबी की चूत उसके मुंह के सामने।
Zabardast updates maaza agaya padkar
 
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