Rouny
Member
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अपडेट के लिए बहुत बहुत बधाई
आपकी स्टोरी का हाल तो रेल के साधारण बोगी जैसा हो गया है जैसे रेल स्टेशन पर लगती हैं और यात्री कैसे उस बोगी पर टूट पड़ते है वो हाल आपकी कहानी का इस मंच पर हो रहा है अपडेट आते ही पाठकगण टूट पड़ते हैं
उस भीड़ में मैं भी शामिल हूं


मैं लगातार आपकी लेखनी की प्रशंसा करता आ रहा हूं दूसरों को नही अपनी कहता हूं क्योंकि आप इस कहानी को इतने अच्छे से प्रस्तुत कर रहे है मानो पाठक स्वयं इस कहानी के किरदार में अपने आप को देखते है इसकी लोकप्रियता का ये ही मुख्य कारण है
इस कहानी में एक एक शब्द एक एक पंक्ति का अपना अलग महत्व रखता है और उनका अपना अपना मायने होता है आप व्यर्थ में कोई भी शब्द या पंक्ति नही लिखते
इसी वजह से पाठकों को पूरा आनंद मिलता है और कहानी को पूरे उत्साह से पढ़ते है कहानी में रूही का किरदार डाल कर आरुषि के मन में सरल सुलभ स्त्री स्वभाव ईर्ष्या का भाव पैदा करने की कोशिश की है देखते है आगे आरुषि की काम पिपासा उसको कहां तक ले जाती है
राजवीर और और स्वाति काफी हद तक खुल चुके है
आपकी स्टोरी का हाल तो रेल के साधारण बोगी जैसा हो गया है जैसे रेल स्टेशन पर लगती हैं और यात्री कैसे उस बोगी पर टूट पड़ते है वो हाल आपकी कहानी का इस मंच पर हो रहा है अपडेट आते ही पाठकगण टूट पड़ते हैं
उस भीड़ में मैं भी शामिल हूं



मैं लगातार आपकी लेखनी की प्रशंसा करता आ रहा हूं दूसरों को नही अपनी कहता हूं क्योंकि आप इस कहानी को इतने अच्छे से प्रस्तुत कर रहे है मानो पाठक स्वयं इस कहानी के किरदार में अपने आप को देखते है इसकी लोकप्रियता का ये ही मुख्य कारण है
इस कहानी में एक एक शब्द एक एक पंक्ति का अपना अलग महत्व रखता है और उनका अपना अपना मायने होता है आप व्यर्थ में कोई भी शब्द या पंक्ति नही लिखते
इसी वजह से पाठकों को पूरा आनंद मिलता है और कहानी को पूरे उत्साह से पढ़ते है कहानी में रूही का किरदार डाल कर आरुषि के मन में सरल सुलभ स्त्री स्वभाव ईर्ष्या का भाव पैदा करने की कोशिश की है देखते है आगे आरुषि की काम पिपासा उसको कहां तक ले जाती है
राजवीर और और स्वाति काफी हद तक खुल चुके है