जिंदगी गुजारी नहीं…., जी जाती है,
कभी रो कर तो कभी मुस्कुराकर काटी जाती है।
गुस्सा-नाराज़गी हटा कर,
थोड़ा तुम सुनो-थोड़ा वो सुने,
कुछ इस तरह रिश्ते निभाए जाते हैं।
छोटे-छोटे लम्हो को खुशहाल बनाया जाता है,
मुसीबतों में एक दूसरे का हाथ थाम लिया जाता है।
और तुम सोचते हो पहाड़ है जिंदगी,
पर नहीं मेरे दोस्त….
ये जिंदगी उतनी मुश्किल नहीं जितना इसे बताया जाता है।