तो इस दृश्य के बारे में चर्चा कर रहे थे आप? बेशक अभी तक सबसे बढ़िया अंतरंग दृश्य था ये, परंतु राजदीप बेचारे की इसमें क्या गलती थी..?
राजदीप – मुक्ता और माणिक – नम्रता की शादी संपन्न हो चुकी है और पलक – आर्यमणि ने बिना शादी के सुहागरात भी माना ली है।

नम्रता की भी शायद कोई प्रेम – कहानी रही थी अतीत में, जिसमें शायद किसी लड़के ने उसका दिल तोड़ दिया होगा? खैर, अब तो वो एक नए बंधन में बंध चुकी है, एक वही है जो इस पूरे खानदान में संदेह के घेरे से बाहर है, क्योंकि उसके अलावा बाकियों का तो बस ऊपरवाला ही मालिक है... राजदीप के कमरे में पलक के साथ आर्यमणि का संभोग केवल एक इत्तेफ़ाक था या आर्यमणि ने उसी कमरे का चुनाव भी कुछ सोचकर किया था? क्या राजदीप भी इस सीक्रेट बॉडी का सीक्रेट एजेंट है?
वैसे, राजदीप पर शक तो नहीं ही है मुझे, माणिक और मुक्ता, भूमि के ही प्यादे हैं, तो यदि राजदीप के हाथ भी काले होते, तब शायद मुक्ता संग उसका विवाह भूमि होने ही ना देती।

खैर, अब शादी – ब्याह का काम तो निपट चुका, अब बारी है आर्यमणि द्वारा सीक्रेट बॉडी और सरदार खान की बक्खियां उधेड़े जाने की। देखना ये है की क्या केवल सरदार खान और उसके गुर्गों को ही मौत की नींद सुलाएगा वो, या फन्ने खान को भी ऊपर जाने का सुंदर अवसर दिया जाएगा? आर्यमणि की योजना सीधी सी ही प्रतीत हो रही है, सरदार खान और उसके पालतू जानवरों को किले के इलाके में माउंटेन ऐश की सहायता से कैद करना, और फिर उनकी खातिर करना... परंतु, देखना ये होगा की इस सबमें मिस्टर एक्स नामक व्यक्ति कौन और क्यों आएगा..?
नासिक के होटल और सरदार खान की बस्ती में लगाए सिग्नल जैमर्स की सहायता से आर्यमणि ने इनका आपस में विचार – विमर्श करने का रास्ता बंद कर दिया है। हालांकि, सुकेश, उज्ज्वल और बाकियों को इस बात की जानकारी हो चुकी है, परंतु हाथ पर हाथ धरे तमाशा देखने के अतिरिक्त कुछ करने लायक बचे नहीं हैं वो सब। इस बीच, पलक को भी प्रसाद स्वरूप एक थप्पड़ रसीद किया जा चुका है, जोकि मेरे अनुसार शुरुआत – मात्र है! आर्यमणि के बारे में को कुछ उसने सीक्रेट बॉडी की सभा में कहा था, उसके बाद आर्यमणि द्वारा किया जा रहा ये कांड, सीधा प्रसाद प्राप्त होने वाला है पलक को!
वैसे देखना ये है की किस बात की जानकारी मिली थी सुकेश को की उसकी पतलून आगे से गीली और पीछे से पीली हो गई? शायद कुछ को टपका भी दिया होगा आर्यमणि और उसके अल्फा पैक ने। रूही,अलबेली, इवान और ओजल ने मिलकर, कुछ एक शिकारियों की सहायता से सरदार खान और उसके साथियों की किलाबंदी तो कर दी है परंतु अंत में रूही ने जो कुछ कहा उस शिकारी से, लगता यही है की उन सबकी मृत्यु भी निकट ही है!

मीनाक्षी और अक्षरा को भी टपका ही देते लगे हाथ भाई, खासकर उस अक्षरा को...
भूमि ने भी बहुत शानदार अभिनय किया पलक के समक्ष जैसे उसे अनंत कीर्ति पुस्तक के घटनाक्रम की जानकारी ही ना हो। पूर्ण आनंद ले रही है वो जया और केशव के साथ मिलकर सीक्रेट बॉडी की धुनाई का। खैर, ये दोनों अध्याय उस युद्ध की नींव मात्र थे, जो अगले कुछ अध्यायों में होने वाला है। आर्यमणि जिस विश्वास के साथ निकला है, साफ है की उसने अपने सारे पत्ते पहले ही बिछा दिए हैं, और सारी रणनीति भी तैयार हो चुकी है, देर है तो बस उसे एक स्वरूप देने की। देखते हैं आर्यमणि कैसे सभी गिरे हुए शिकारियों और वरवॉल्फ्स का सफाया करता है...
दोनों ही भाग बहुत ही खूबसूरत थे भाई। प्रतीक्षा रहेगी अगले भाग की...