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आप केसी सेक्स स्टोरी पढना चाहते है. ??

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junglecouple1984

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गर्मी में मजदूर औरत की गर्म चूत की चुदाई



नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम समीर है। मैं प्रयागराज के एक छोटे से गांव का रहने वाला हूं।

ये बात उस समय की है जब पिछले साल हमारे प्रधानमंत्री ने पूरे देश में लॉकडाउन की घोषणा कर दी थी और सभी अपने घरों में ही रहने लगे थे।
सारी दुनिया के काम काज ठप हो गये थे।

कुछ समय बाद गांव में नरेगा का काम शुरू हुआ। मैं और मेरे कुछ दोस्तों ने सोचा कि खाली बैठने से अच्छा है कि कुछ काम किया जाए और टाइम भी पास हो जायेगा।

तो हम लोग काम करने के लिए नरेगा में जाने लगे। वहां पर औरत व मर्द साथ में मजदूरी करते थे।
उस वक़्त मई का महीना था और गर्मी बहुत ज्यादा पड़ रही थी।

कुछ ही दिन हुए थे काम पर जाते हुए कि एक दिन काम करते वक़्त मुझे एक भाभी मिली। वो भी काम करने आया करती थी।
मैंने उसको देखा मगर ज्यादा ध्यान नहीं दिया।

एक दो बार उससे बोलचाल हुई तो उसने मेरा नाम पता पूछ लिया। फिर मुझे लगा कि जिज्ञासा वश पूछ लिया होगा। शायद इसने पहले कहीं मुझे देखा होगा।

मेरा ध्यान भाभी की ओर किसी दूसरे दिन गया।

अब सुनिये कि उस दिन क्या हुआ था।

उस दिन सब मज़दूर काम पर निकल रहे थे। धूप बहुत ज़्यादा थी।

सभी मजूदर सूर्य देवता को कोस रहे थे कि भगवान हम सबका तेल क्यों निकाल रहे हैं? मैं भी जा रहा था लोगों के पीछे पीछे। गर्मी बहुत थी और मैं अपना गमछा घर पर भूल आया था।

तभी भाभी ने पीछे से आवाज दी- क्यों समीर जी, आपको गर्मी नहीं लग रही है क्या?
मैं- अरे भाभी, मैं क्या पत्थर का बना हूं? इन्सान ही हूं, लग रही है बहुत गर्मी।

भाभी- तो कुछ ओढ़ लेना था न रुमाल वगैरह?
मैं- गमछा घर भूल आया भाभी।
वो बोली- अरे तो शादी कर लो, घर में घरवाली आ जायेगी तो इस तरह छोटी छोटी चीजों के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा।

मैंने सोचा कि भाभी चलती बात पर मजाक कर रही है; मैंने कहा- हां, भाभी करूंगा। मगर अभी तो 2-3 साल के बाद करूंगा।
भाभी- 3 साल कैसे बर्दाश्त करोगे समीर बाबू?

अब इस सवाल पर मेरा ध्यान भाभी ने खींचा; मैं पलटा और पूछा- क्या भाभी? इसमें क्या बर्दाश्त करना है?
वो कातिल मुस्कान के साथ बोली- गर्मी समीर बाबू! शरीर में भी तो गर्मी होती है। उसको कैसे तीन साल तक बर्दाश्त करोगे?

भाभी के इस जवाब पर मेरे अंदर एक करंट से की लहर दौड़ गयी। मैंने सोचा नहीं था कि भाभी मजाक की आड़ में सेक्स की बात करेगी।

अब मैंने भी सोचा कि जब भाभी इतनी सेक्सी बातें करने के लिए तैयार है तो मैं क्यूं पीछे हटूं।

मैंने कहा- भाभी, आपको इतनी फिक्र हो रही है तो आप ही बताइये, आप ही कुछ करिये!
वो बोली- मैं क्या ए.सी. हूं जो तेरी गर्मी को ठंडा कर दूंगी?

फिर मैंने कहा- अरे भाभी, सभी औरतों के पास हर चीज का इलाज होता है। आपके पास भी तो मशीन होगी गर्मी को खींचने के लिए?
ये बात सुनकर अब भाभी के चेहरे पर कातिल स्माइल आ गयी।

इधर भाभी से इस तरह सेक्सी बातें करते हुए मेरा भी लंड तनने लगा था।
वो बोली- मगर गर्मी देख रहे हो समीर बाबू? इतनी गर्मी में तो खुद मेरी ही मशीन से तेल निकल रहा है।

मैं बोला- तो फिर हम दोनों की तो एक ही समस्या है। दोनों को ही गर्मी परेशान कर रही है। अब एक दूसरे की मदद हम ही कर सकते हैं भाभी!
भाभी गहरे कामुक स्वर में बोली- हां समीर बाबू, अगर ऐसी गर्मी में किसी मोटे रसीले गन्ने का रस मिल जाये तो मजा आ जाये।

इस पर मैंने कहा- अरे भाभी, इतनी सी बात? आज आपको गन्ने का रस जरूर मिलेगा। मैं काम के बाद खुद आपको मोटे रसीले गन्ने का रस पिलाऊंगा।

अब तक मेरे लंड से कामरस रिसने लगा था। भाभी के लिए भी मुझे पूरा यकीन था कि उसकी चूत भी मेरे लंड को लेने के बारे में सोचकर पनिया रही होगी।

हम लोग काम पर पहुंच गये और काम करने लगे।
एक घंटे तक हमने काम किया और फिर मेरे दोस्त को प्यास लग आयी। वो पानी पीने के लिए चला गया।

पसीना अधिक निकल जाने के कारण मेरा गला भी सूखा जा रहा था। दोस्त के आते ही मैं भी पानी पीने के लिए चला गया. वहां नलकूप के पास भाभी मुझे मिल गयी।

मुझे देखकर बोली- समीर बाबू, आप तो पसीना-पसीना हो रहे हो।
मैंने कहा- हां भाभी, गर्मी ही इतनी ज्यादा है। मैंने तो कहा था कि आपके पास मशीन होगी, वही मेरे बदन की गर्मी को निकाल सकती है।

मैंने भाभी की आंखों में आंखें डाल ली थीं और वो भी जैसे आंखों में ही कहने को तैयार थी कि मिल लो, निकाल दूंगी गर्मी।
फिर भाभी ने कह ही दिया- अगर आप मुझसे ही अपनी गर्मी निकलवाना चाहते हैं तो ठीक है। काम खत्म होने के बाद उस पेड़ के नीचे मिलियेगा, फिर आपकी गर्मी को शांत करने की कोशिश करूंगी।

इतना कहकर भाभी चली गयी।

मेरा लंड तो खड़ा हो चुका था। भाभी साफ साफ चुदाई का आमंत्रण दे रही थी। अब मैं भी ठान चुका था कि इसकी चूत को खूब चोदूंगा और इसकी तथा अपनी प्यास को अच्छे से बुझा दूंगा।

दो घंटे के बाद छुट्टी हुई तो मैंने अपने दोस्त को फावड़ा दिया और उसको बोला कि तू चल मैं लैट्रिन जाकर आता हूं।
मैंने हाथ में पानी की बोतल ली और वहीं उस पेड़ के नीचे गया जहां भाभी ने इशारा किया था। वो बरगद का पेड़ था और काफी घना था।

उस पेड़ का तना इतना इतना मोटा था कि दो लोग बराबर बराबर भी खड़े हो जायें तो दूर से किसी को पता भी न चले कि पेड़ के पीछे कोई खड़ा भी है या नहीं।

मैं पेड़ के पास जाकर भाभी के आने का इंतजार करने लगा।

पांच मिनट के बाद भाभी आ पहुंची। उसने यहां वहां देखा और फिर पेड़ के पीछे चली गयी।

फिर वहां से झांक कर मुझे भी पेड़ के पीछे आने का इशारा किया। पेड़ हमारे काम करने की जगह से काफी दूरी पर था। जिस तरफ हम पेड़ के पीछे खड़े थे वहां की साइड में दूर दूर तक वीराना था।

वैसे भी गर्मियों के दिन थे और दोपहरी के समय में इन्सान तो क्या जानवर या पंछी भी बाहर नहीं नजर आते हैं।
भाभी बोली- तुम तो पानी भी लाये हो! लैट्रिन जाना है क्या?
मैंने कहा- भाभी आपको जाना है तो आप चली जाइये।

वो बोली- चलो साथ में ही हग लेते हैं। मजा आयेगा।
मैं भी उसकी गंदी बातें सुनकर रोमांचित हो रहा था।
वो साड़ी उठाकर बैठ गयी और फिर मुझे देखने लगी।

भाभी बोली- उतार ना राजा पैंट … देख क्या रहा है, जल्दी से उतार कर हग कर दिखा।
मैंने पैंट उतारी और वहीं भाभी के पास उनके हाथ पकड़ कर बैठ गया।

हम दोनों हगने लगे।
भाभी पाद मार रही थी।

मैंने कहा- क्या बात है भाभी, बहुत आवाजें कर रही हो?
वो बोली- तुझे अच्छा नहीं लग रहा क्या मेरा पादना?
मैंने कहा- मजा आ रहा है।

फिर वो पादती रही और हगती रही। मेरा भी पेशाब आ रहा था। लंड भी खड़ा था।

भाभी की चूत सामने थी जिसमें से मूत की धार रह रहकर गिर रही थी।

मेरे लंड से भी मूत निकलने लगा और मैंने हाथ का सहारा देकर लंड को भाभी की चूत के निशाने पर लगा दिया।
मूत की गर्म धार सीधी भाभी की चूत पर जाकर लगने लगी।

गर्म मूत की धार से भाभी की चूत और ज्यादा गर्म होने लगी और उसने अपनी टांगें और चौड़ी करके चूत को फैलाकर मेरे मूत की धार के और अधिक सामने कर दिया।

भाभी अपनी चूत को मेरे मूत में नहलवा रही थी। ये नजारा देखकर मेरे लंड में इतना तनाव आ गया कि लंड से मूत निकलना ही बंद हो गया।
लंड में झटके लगने लगे।

गर्म चूत पर मूत गिरना बंद हुआ तो भाभी के चेहरे पर शिकन आ गयी, उसका मजा खराब हो गया।

मैंने कहा- भाभी, आपकी चूत देखकर अब रुका नहीं जा रहा। देखो क्या हाल हो रहा है लंड का। ये पगला गया है। एक बार इसको अपनी चूत में शरण दे दो फिर ये आपकी चूत को ऐसा नहलायेगा कि आप सब कुछ भूल जाओगी।

भाभी हंस दी और फिर हम दोनों ही हंसने लगे।
भाभी की गांड के नीचे लैट्रिन का ढेर हो गया था। भाभी ने मेरी लैट्रिन को देखा और फिर हम हंसने लगे।

फिर हम दोनों उठे। भाभी ने मेरी गांड धोयी और मैंने भाभी की गांड धोयी। जब भाभी के कोमल हाथ मेरी गांड धो रहे थे तो मन किया कि और हग दूं उनके हाथ पर।

विलेज भाभी की गांड धोते हुए मैं उनकी गांड में उंगली देना चाहता था लेकिन भाभी ने ज्यादा मौका नहीं दिया।
फिर हम लोग उठ गये।

उसके बाद हमने यहां वहां देखा। नरेगा वाले सब लोग जा चुके थे। हम पेड़ के पीछे गये और लिपटम-लिपटा हो गये।

भाभी के पसीने की खुशबू मुझे पागल कर रही थी। वो भी मेरे पसीने को मेरी छाती में नाक लगाकर सूंघ रही थी। कभी हम दोनों एक दूसरे के होंठ चूसते और कभी गर्दन और छाती में मुंह लगाकर चाटने लगते।

भाभी का नमकीन पसीना चूसकर मेरे लंड में उफान मचा हुआ था। बार बार भाभी की गंदी सी साड़ी में उनकी जांघों के बीच में लंड को चूत में घुसाने का प्रयास कर रहा था।

जब रुका न गया तो मैंने उसकी साड़ी उठा दी और उसकी कच्छी के ऊपर से ही अपनी पैंट में तने लंड को रगड़ने लगा। मगर इतने से भी सब्र न हुआ तो मैंने अपनी पैंट भी खोलकर नीचे गिरा दी और फिर अंडरवियर में बने तंबू को भाभी की कच्छी में दबाने लगा।

भाभी भी अपनी चूत को मेरे अंडरवियर में उबल रहे लंड पर रगड़वा कर मजा ले रही थी। मेरे हाथ जोर जोर से भाभी की चूचियों को ब्लाउज के ऊपर मसल रहे थे।

उसकी साड़ी का पल्लू नीचे गिर चुका था और वो पेट पर से भी नंगी हो चुकी थी। मैंने उसकी नाभि को चूमा और चूत को जोर से अपनी हथेली से रगड़ दिया। फिर उसके हाथ पेड़ के तने पर दबाकर कर उसकी पैंटी को चूसने चाटने लगा।

भाभी ने कुछ देर पहले ही गांड धोयी थी और पानी लगने से भाभी की चूत गीली हो चुकी थी। मैंने पैंटी उतारी और उसकी गीली चूत चूसने लगा।
काले-काले बड़े-बड़े बालों वाली फूली हुई चूत के झांटों में बहुत पानी भरा हुआ था।

उस पानी को मैं पूरा चूस-चाट गया। मेरी उत्तेजना मुझसे संभाले नहीं संभल रही थी।

मैंने चूत में जीभ देकर चाटा तो भाभी ने गांड पेड़ से सटा दी और चूत खोलकर अंदर तक जीभ डलवाने लगी।

मैं भी भूखे कुत्ते की तरह भाभी की चूत को खाने में लगा था। भाभी मेरे सिर को ऐसे अपनी चूत में दबा रही थी जैसे मुझे सिर समेत अंदर ही डाल लेगी।

भाभी की चूत से पेशाब का स्वाद भी आ रहा था और उसके मजे में मैं उसकी चूत को और ज्यादा शिद्दत से चाट रहा था।

अब भाभी सिसिया गयी- आह्ह … राजा … लौड़ा डाल दे … पेल दे ना … हरामी … अब नहीं रहा जाता।

मैंने भाभी की चूत से जीभ निकाली और उठने से पहले उसकी झांटों से भरी चूत के होंठ को दांतों काट दिया।
इस पर भाभी ने मेरे सिर के बाल जोर से खींचते हुए मेरे मुंह को अपनी चूत में घुसवा लिया।

अब मैं उठा और भाभी को पेड़ के तने से चिपका कर उसके होंठों का रस पीते हुए उसकी चूत में लंड को लगाने लगा।
भाभी से पल भर का भी इंतजार न हुआ और उसने मेरे लौड़े को पकड़ कर चूत पर सटवा लिया और खुद ही टांग उठाकर मेरा लंड चूत में ले लिया।

भाभी की चूत चुदाई की मशीन चालू हो गयी।
मैं तेजी से भाभी को पेलने लगा.

तभी मेरे दोस्त ने दूर से आवाज दी।
हम दोनों हड़बड़ाये और मैंने पेड़ के पीछे से झांक कर देखा।

दूर खड़ा हुआ मेरा दोस्त मुझे हाथ हिलाकर बुला रहा था।
मेरा दिमाग खराब हो गया। ये साला कवाब में हड्डी अभी तक मेरा इंतजार कर रहा था?
मैं मन ही मन कोसने लगा कि साला क्या मेरी टट्टी खाने के लिए रुका हुआ था अभी तक! भोसड़ी वाला … चूत का मजा खराब कर दिया।

भाभी ने मुझे अपने पास पकड़ कर खींच लिया और फिर से मेरे तने हुए लौड़े को चूत में लेकर मेरी गांड को अपने हाथों से दबाते हुए आगे पीछे करके चुदवाने लगी।

इतने में ही दोस्त ने फिर से आवाज लगाई।
मैंने कहा- भाभी, ये साला अब जीने नहीं देगा। मजा नहीं आ रहा।
भाभी बोली- चलो ठीक है, देर शाम को मेरे घर आ जाना, पति दारू के नशे में पड़ा रहता है। तुम चुपके से आकर चोद जाना। मगर देर न करना। मैं रह नहीं पाऊंगी।

फिर हम दोनों ने कपड़े ठीक किये। मैं पहने निकल गया और दोस्त को लेकर वहां से चला गया। भाभी बाद में अपने घर पहुंच गयी।
किसी तरह से मैंने चार पांच घंटे का समय काटा और रात 8 बजे के करीब भाभी के घर के पास पहुंच गया।

इत्तेफाक से भाभी छत पर काम करते हुए घूम रही थी। उसने मुझे देख लिया और सीधा अंदर आने का इशारा किया।
जब तक मैं भीतर गया, भाभी मुझे लेने नीचे आ गयी थी।

उसने कान में फुसफुसाकर कहा- वो बेवड़ा अंदर कमरे में पड़ा है। तू ऊपर चल!

मैं ऊपर जाने लगा और भाभी ने अपने पति के कमरे का दरवाजा धीरे से ढाल दिया।

दो मिनट बाद वो भी ऊपर आ गयी। वो मुझे अंदर वाले रूम में ले गयी और जाते ही हम दोनों लिपटने लगे।

विलेज भाभी बोली- जल्दी कर ले, चोद दे मुझे फटाफट। किसी को पता न चले।

मैंने भाभी की साड़ी उठाई और चड्डी नीचे कर दी। मैंने उसकी चूत को हथेली से रगड़ा और वो सिसकार उठी।
वो बोली- चोद ले हरामी, ये नौटंकी फिर कभी कर लेना।

मैंने पैंट खोलकर अंडरवियर नीचे किया और अपना तना हुआ लंड भाभी की चूत में घुसा कर उसे दीवार से सटा दिया।
वो मेरे कंधों से लिपटते हुए मेरी गर्दन को चूमने लगी और मैं दीवार की ओर भाभी की चूत में धक्के देने लगा।

भाभी की चूत बहुत गर्म थी। चूत काफी बड़ी और ढीली थी मगर चोदने में फिर भी बहुत मजा आ रहा था।
मुझे भी बहुत दिन के बाद चूत मिली थी। भाभी की चूत को लंड मिला तो वो आनंद में बहने लगी।

उसने एक टांग उठाकर मेरी नंगी गांड पर लपेट दी और कसकर चुदवाने लगी।
मैं भी पूरी गति से पेलने लगा।

फिर मैंने उसको नीचे फर्श पर पटका और उसकी गांड को अपनी ओर खींचते हुए उसको घोड़ी बना लिया।

मैं घुटनों के बल हो गया और उसके ऊपर चढ़कर चूत में पीछे से लंड पेल दिया। भाभी की कमर को थामकर मैंने उसकी चूत की चुदाई चालू कर दी।

अब भाभी मजे में सिसकारने लगी- आह्ह … राजा … अब लग रहा है कि चूत में कुछ जा रहा है … आह्ह चोद … मेरे राजा … आह्ह … बजा दे इसका बाजा।

मेरे धक्कों से कमरे में फट-फट की आवाज आने लगी।
मैंने हांफते हुए पूछा- तेरा मर्द तो उठ नहीं जायेगा?
वो बोली- तू जाकर उसकी गांड भी मारने लगेगा ना तो भी नहीं उठेगा। बहुत बड़ा बेवड़ा है साला। तू चोद … बस चोदता रह … आह्ह … तेरे लंड को छोडूंगी नहीं मैं।

अब मैंने पूरे जोश में धक्के लगाने शुरू कर दिया।
दस मिनट तक मैंने भाभी को बुरी तरह से पेला और फिर उसकी चूत में माल निकालते हुए उसके ऊपर ढेर हो गया.

हम दोनों हांफने लगे। मगर मजा आ गया। भाभी भी मुस्करा रही थी।

फिर हमने जल्दी से अपने कपड़े ठीक किये और मैं वहां से चुपके से निकल आया।

उस दिन के बाद तो रोज ही भाभी मुझसे चुदवाने लगी। अभी भी मौका पाते ही मैं उसको चोदने पहुंच जाता हूं।
 

junglecouple1984

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मूतने वाली लड़की को चोद दिया


यह चुदाई कहानी आज से कुछ दिनों पहले की है.

मेरे घर से कुछ दूर पर मेरे ही गांव के एक चाचा का घर था.
उनकी फैमिली में चाचा चाची, 4 लड़कियां औऱ एक लड़का हैं.

उनकी बड़ी लड़की की शादी हो गयी थी. वो अपने ससुराल में रहती थी और कभी कभी ही उसका त्योहार आदि पर घर आना होता था.
दूसरे नम्बर की लड़की का नाम सुमन था, वो घर पर ही रहती थी. वो खेत में काम करने भी जाती थी.

यह सेक्स कहानी मेरी और सुमन की चुदाई की है.

घर से कुछ दूर उसका घर था. मेरे घर से निकलने के बाद सुमन का घर रास्ते में ही पड़ता था.
बारिश के चलते रास्ते में धान की तरह बड़ी बड़ी घास निकल आयी थी.
मैं हर दिन उस रास्ते से गुजरता था और देखता था कि उस घास के पास न जाने कौन हर दिन मूत कर चला जाता था.

मुझे उस पेशाब के बगल से निकल कर जाना होता था. मुझे बहुत गुस्सा आता था कि अगर ये मूतने वाला मिल जाए तो मैं उसकी गांड में लाठी डाल दूँ.

एक दिन रात में मैं उसी रास्ते से जा रहा था कि गांव की मनका काकी गाली देती हुई जा रही थी कि छिनाल की बुर से नदियां बहती हैं. रंडी कहीं की, यही रास्ता मिला है अपनी भोसड़ी का पानी निकालने को!

तभी मैं उनके सामने आ गया और मैंने पूछा- काकी क्या आप जानती हैं कि यहां कौन पेशाब करता है?
काकी- हां समीर बेटा … ये इस सामने वाले के घर की लुगाइयां ही यहां गांड मरवाने आती हैं … रंडी कहीं की!

काकी की बोली ही ऐसी थी, वो किसी के सामने कैसे भी गाली देकर बोल देती थीं.
उनकी बात को सब लोग हल्के में ही लेते थे.

अब जब काकी ने ऐसा कहा, तो मैं भी गुस्साते हुए बोल पड़ा- अगर ये मुझे मिल जाएं, तो लातों से मारकर उसी के मूत में उसे गिरा दूँ.

यह कह कर मैं वहां से जाने लगा लेकिन काकी के मुँह से किसी लुगाई के मूतने की बात सुनकर मुझे अन्दर ही अन्दर कुछ मस्ती से चढ़ने लगी थी.

दो दिन बाद मैं उसी रास्ते से जा रहा था.
मैंने फिर से देखा कि वहां कोई पेशाब करके अभी अभी गया था क्योंकि पेशाब रास्ते में बह रहा था.
मैं वहीं रुक गया और उस पेशाब को ध्यानपूर्वक देखने लगा था.

अचानक थोड़ी दूर पर जहां सुमन का घर था, जब मैंने उधर देखा तो मैं हैरान था क्योंकि मुझको देख कर सुमन मुस्कुरा रही थी.
मैं समझ गया कि सुमन ही रोज पेशाब कर जाती है.

अब जब मैंने ये जाना कि सुनम जैसी हॉट माल ने मूता है तो मेरा मन उसे चोदने का होने लगा.
ऊपर से साली मुझे मुस्कुरा कर भी देख रही थी.

मैं प्रतीक्षा करने लगा कि कब सुमन को रंगे हाथों पकड़ूँ और चोद दूँ.
कुछ दिनों के बाद एक दिन मैं रात को 8 बजे उस रास्ते से ही अपने घर जा रहा था, तभी मैंने देखा कि सुमन पेशाब करने के लिए अपनी सलवार का नाड़ा खोल रही है.

मैं छुप गया.

जब वो पेशाब करने बैठी और मुझे मूतने की आवाज सुनाई दी तो मैं तुरंत उसके पास जाकर उसके सामने खड़ा हो गया.
वो कुछ करती कि उससे पहले ही मैंने तुरंत उसको अपनी गोद में उठा लिया.

जबकि वो मूत ही रही थी. उसके मूतने की वजह से मैं भीग गया.
मेरी शर्ट पैंट खराब हो गई.

उसको नंगी ही अपने गोद में उठा कर मैंने उसको डांटा- सुमन, तुम यहां मूतती हो?
सुमन बड़ी ढिठाई से बोली- हां तो …. तुम्हें कोई दिक्कत है?

मैं- और नहीं तो क्या … मुझे तेरे मूत से होकर जाना पड़ता है. तुम रोज नहाने लायक गीला कर देती हो.
सुमन- तो नहा लिया करो न … मैं तो रोज यहीं मूतूंगी.

मैं- ज़्यादा बकवास नहीं वरना अभी के अभी तुम्हारी गांड मार दूंगा!
सुमन इठला कर मेरे गले में बांहें डालकर बोली- अच्छा, अगर इतना दम है … तो मार कर दिखाओ!

वो नंगी तो थी ही और मैंने भी उसको अपनी गोद में ऐसे लिया हुआ था कि हम दोनों का चेहरा आमने सामने था.
वह अपनी चड्डी भी अभी नहीं पहन पाई थी.

मैंने अपनी एक उंगली उसकी गांड में पेल दी.
अचानक से उंगली गांड में घुसने से उसकी चीख निकल गयी- आहहह … ये क्या कर रहे हो तुम?
मैं- तुम्हारी गांड मारने की तैयारी कर रहा हूँ मादरचोदी रांड … साली मैं तुमको चोद दूंगा अगर तुम इधर अपनी बुर का झरना निकालती हुई दिखीं, तो मैं तुम्हें तुरंत चोद दूंगा कुतिया.

सुमन मस्ती में मुझे चूमती हुई बोली- साले मैं गीली हो रही हूं, चोदो न भोसड़ी के … मैं नंगी तो हूँ ही!
मैं समझ गया कि सुमन वास्तव में चुदने के लिए मचल रही है तो मैं इधर उधर देख कर बोला- नहीं, यहां कोई आ जाएगा. यदि तुम मुझे प्यार से दोगी … तो हम तुम हर दिन चुदाई का मज़ा लेंगे.

सुमन- हां बेबी, मैं तुमको बहुत पसंद करती हूँ. वरना अभी तक तो मैं चिल्ला कर आसमान सर पर उठा लेती. अब तुम मुझे जल्दी से नीचे उतारो और अपना नंबर दो!

मैंने उसको गोद में लटकाए हुए ही उसकी बुर चूसी और गांड का भी चुम्मा लिया; फिर उसको अपना नंबर दे दिया और उसे नीचे उतार कर उसको घर चला जाने दिया.

अगले दिन उसने रात में फोन किया- बेबी आ जाओ … आज रात भर तुमसे चुदवाऊंगी. बजरी वाले खेत में आ जाना ओके!
मैंने भी कोई देर नहीं की और पहुंच गया.

सुमन मुझे आता देख कर बोली- आओ राजा, आज मैं तुम्हें अपने नल का पानी पिलाती हूँ.
मैंने उसे देखा और हंस कर सवालिया नजरों में भवों को उठा दिया.

वो समझती हुई बोली- वही वाला, जो हर दिन सड़क पर बह जाता है.

मैं- हां आओ, निकालो अपनी बुर से पानी और मेरी प्यास बुझा दो.
सुमन- ऐसे नहीं, नीचे बैठो.

मैं नीचे बैठ गया.

सुमन ने अपना नाड़ा खोल कर चड्डी उतारी औऱ मेरे मुँह पर बुर सटा कर मूतने लगी.
मैंने कुछ पिया, कुछ उसने मेरे मुँह पर ही मूत दिया बाकी कुछ कपड़ों पर गिर गया.

वो कहने लगी- साले हरामी, मेरी पेशाब से निकलने में तुझे दिक्कत होती थी और अब पीने में मजा आ रहा है!
मैंने कहा- अबे यार, अब मुझे कहां मालूम था कि ये तेरी मस्त चूत का शर्बत है.
वो हंस दी.

फिर मैंने उसको खींच कर नीचे लिटाया और उसकी आधी लटकी सलवार चड्डी उतार कर अलग फेंक दी.
वो नंगी हो गई.
उसकी बुर में बहुत बड़ी बड़ी झांटें थीं. साली की बुर बिल्कुल भी नहीं दिखाई दे रही थी, मुझे खोल कर देखना पड़ रहा था.

मैं उसकी बुर खोल कर चाट रहा था.
बुर का मस्त नमकीन स्वाद था. उसकी बुर से उस वक्त पेशाब की गंध आ रही थी.

मैं कुछ देर उसकी बुर को सहला सहला कर सूंघता रहा चाटता रहा.
उसकी बुर की खुशबू से मेरा दिल खुश हो गया था.
मैं मुँह लगाए हुए लगातार चूत चाटता रहा.

कुछ ही देर में सुमन एकदम से व्याकुल हो गई और कहने लगी- आह समीर अब बस करो … आह मत चाटो … मेरी बुर पानी छोड़ने वाली है.

मैं- बेबी तुम बिंदास झड़ जाओ … मुझे तुम्हारी बुर का गाढ़ा पानी पीना है .. प्लीज़ मेरे मुँह में झड़ जाओ ना!
दो मिनट में उसकी बुर का सारा रस मलाई के जैसे मेरे मुँह में आ गया.

वो तड़प उठी और उसने मुझसे चिपक कर चूमना शुरू दिया. वो झड़ जाने से काफी थक गई थी इसलिए कुछ देर बाद लस्त पड़ गयी.

थोड़ी देर में उसने मेरा लंड पकड़ कर मुँह में ले लिया और जोर जोर चूसने लगी.
मेरा लम्बा मोटा लौड़ा उसके मुँह में अटक रहा था.

कुछ देर तक लंड चूसने के बाद सुमन बोली- बेबी आ जाओ, तुम्हारी मूतने वाली रंडी तुम्हारी सेवा में हाज़िर है.

मैं- वाहहह मेरी जान … आज मैं पूरी मस्ती से तुम्हारी बुर का मजा लूंगा. साली खूब मूतती है ना रास्ते में … आज इस चूत का भोसड़ा न बना दिया तो कहना.
सुमन- सच कहूं तो मैं अब और ज्यादा मूतूँगी.

मैं- क्यों?
सुमन- क्योंकि तुम जब भी मेरा सड़क पर बहता हुआ पेशाब देखो, तो तुम मेरी बुर चोदने को तड़प उठो.

मैं- हाय रे मेरी चुदक्कड़ माल … आई लव यू बेबी.
सुमन- तो बेबी आ जाओ न … हम और तुम बजरी की वादियों में ऐसी चुदाई करें कि जब हम दोनों झड़ें तो पूरे खेत की सिंचाई हो जाए!
मैं- हाय मेरी माल … तुम इतनी चुदक्कड़ हो, ये मुझे पता ही नहीं था. मैं बहुत खुशनसीब हूं कि मुझे तुम जैसी चुदक्कड़ माल चोदने को मिलेगी.

वो मेरा लौड़ा चूसती जा रही थी और हम दोनों बात भी कर रहे थे.

सुमन- बेबी, अब चोद दो न!
मैंने उसे खड़ा किया और उसके होंठों को चूसने लगा.

वो भी खूब मस्ती में थी- कितना तड़पाओगे मेरे चोदू राजा … सीधा मेरी बुर चोदो न. देखो कितना पानी निकल रहा है!

मैंने उसकी बुर पर हाथ लगाया तो उसकी झांटें बुर के गाढ़े रस से एकदम भीगी थीं और उसकी चूत से कुछ बूँदें ज़मीन में टपक रही थीं.
मैंने उसकी सलवार और कमीज उतार कर उसको पूरा नंगा करके लिटा दिया.

उसने चुदवाने के लिए टांगें फैला दीं.
मैंने उसकी बुर खोल कर छेद में लंड घुसाया तो उसने मुझसे कहा- आह … दर्द हो रहा है … लेकिन रुकना मत … आज मेरी फाड़ देना, चाहे मैं जितना चिल्लाऊं, चाहे जितना रोऊं, लेकिन बेबी आज मेरा भेदन कर दो. मैं चुदासी रंडी हूँ चोद दो. मेरी चूचियों को खूब मसलना और ऐसा चोदना कि कल सुबह कोई देखे तो समझ जाए लड़की खूब चुदवाई है … ठीक है!

मैं- ठीक है, मेरी जान.
उसकी बुर के छेद पर मैंने अपना लौड़ा लगाकर जोर का धक्का दे दिया.

लंड का सुपारा अन्दर गया तो वो रोने लगी.
मैंने भी सोचा कि मादरचोदी बहुत मूतती थी, साली इस रंडी को आज बेदर्दी से चोद ही देना चाहिए.

फिर जैसा उसने कहा भी था कि रुकना नहीं है. ठीक वैसे ही मैंने उसको चोदना चालू कर दिया.
मैं जबरदस्त तरीके से जोरदार धक्के मारे, तो उसकी बुर से खून बहने लगा.

मेरा पूरा हथियार उसकी बुर की गुफा में समा गया.
वो लस्त होकर लेटी थी और मैं जबरदस्त धक्का लगा रहा था.

कुछ देर बाद वो भी मस्तिया गई और गांड उठाकर अपनी बुर में लौड़ा लेने लगी थी.
वो खूब जोर जोर से सिसकारी ले रही थी- आह आह चोदो बेबी … चोदो.

पन्द्रह मिनट की घमासन देसी Xxx चुदाई के बाद मैं उसकी बुर में ही झड़ गया.
जब मेरा लौड़ा शांत हो गया तो मैंने लौड़ा बाहर निकाल लिया.

सुमन अपनी बुर देखती हुई बोली- हाय राम बेबी, तुमने तो मुझे भोसड़ा वाली औरत बना दिया. देखिये ना मेरी बुर पूरी तरह से सुरंग सी हो गयी है. तुम्हारे मूसल की तो मैं दीवानी हो गई हूँ.

उस रात हम दोनों ने 4 बार चुदाई की.
मैंने केवल बुर की चुदाई की, गांड मारना बाकी था.

अब मैं हफ्ते में 4 बार सुमन को चोदता था. हम दोनों ने खूब मजे किए.
अब उसकी शादी हो गयी है. वो मुझे सबके सामने भैया कहती है और ससुराल में मुझे बुलाकर मुझसे चुदवाती भी है.

मैंने उसे चोद करके उसे 4 बार माँ बनने का सुख दिया है. वो बहुत खुश है.
 

junglecouple1984

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Dasto 100 story complate upload ki hai .. lakin aap logo ka response bahot hi kam aa raha hai ...

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junglecouple1984

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शादीशुदा लड़की की चुदाई करके उसे मां बनाया



मेरे प्यारे दोस्तो और सहेलियो, मेरा नाम पिंकू (बदला हुआ) है.
मेरी उम्र 21 वर्ष है और मैं हनुमानगढ़ राजस्थान से हूँ. मैं यहीं पर एक कॉलेज में अध्ययन करता हूँ.

मैं मन लगाकर पढ़ाई करने वाला बंदा हूँ. मेरी 12वीं क्लास पूरी होने के बाद मुझे अपनी आगे की पढ़ाई करने के लिए गांव से कुछ दूर एक शहर में जाना था, जहां एक सरकारी कॉलेज था.
उसमें मुझे आसानी से एडमिशन भी मिल गया था क्योंकि मेरे बाहरवीं क्लास में बढ़िया नम्बर आए थे.

कॉलेज में एडमिशन के बाद मैं रोजाना क्लास अटेंड करता था.

धीरे धीरे काफी सारे छात्र मेरे नए दोस्त बन गए थे.
उन दोस्तों में से एक दोस्त की पहले से ही एक एक गर्लफ्रेंड थी, वो उसी कॉलेज में पढ़ती थी.

पहले मेरा इन चीजों पर ज्यादा रुझान नहीं था. लेकिन एक दिन मैंने अपने दोस्त के फोन में एक वीडियो क्लिप देखा, जिसमें वो अपनी गर्लफ्रेंड के साथ सेक्स कर रहा था.

उस दिन से मेरा भी मन करने लगा कि काश मेरी भी कोई गर्लफ्रेंड होती जिसके साथ मैं जी भरके चुदाई कर सकता.
ऐसे ही लड़की की चाहत में कई दिन निकल गए.

फिर एक दिन जब मैं अपनी फेसबुक आईडी चला रहा था, तो मुझे एक लड़की की आईडी मिली.
उसकी प्रोफइल फ़ोटो में एक पति-पत्नी जैसे जोड़े ने एक दूसरे के हाथ को अपने हाथों में पकड़ रखा था.

बाक़ी की फोटो देखीं, तो मालूम हुआ कि ये फोटो उसी लड़की की अपने पति के साथ की थी.
उस लड़की का नाम प्रियंका था.

मैंने उस प्रोफइल को अच्छे से देखा तो पाया कि मेरे ही शहर की रहने वाली थी.
तो मैंने उसे दोस्त बनाने के लिए उसको रिक्वेस्ट भेज दी.

कुछ ही पलों के बाद उसका मैसेज आया.
वो मेरे बारे में पूछने लगी और अपने बारे में बताने लगी.

उसने यह भी बता दिया कि वो शादीशुदा लड़की है और पति के साथ नोएडा में रहती है.
धीरे धीरे हम दोनों की ये बातें कई कई घंटों तक चलने लगीं.

एक दिन अचानक ही उसने पूछा- आपने कभी सेक्स किया है क्या?
मैंने कहा- मेरी कोई गर्लफ्रेंड ही नहीं है, तो किसके साथ सेक्स करूं?
वो कुछ नहीं बोली.

कुछ ही पलों के बाद मैंने उससे बोला- तुम मेरी जीएफ बन सकती हो क्या?
उसने तुरंत हां कर दी.

उसने बताया कि उसका पति उसे खुश नहीं कर पाता है, वो कुछ ही मिनट में ही शांत हो जाता है.
उसकी बात सुनकर मुझे समझ आ गया कि सिर्फ मुझे ही गर्लफ्रेंड की दरकार नहीं है, इसे भी लंड चाहिए.

ऐसे ही हमारी बातें काफी दिनों तक चलती रहीं.
हम दोनों इसी दौरान वीडियो सेक्स भी करने लग गए थे जिसमें दोनों को काफी मजा आने लगा था.

मैंने उससे एक दिन पूछा- तुम्हें कैसा सेक्स पसन्द है?
वो बोली- जिसमें काफ़ी देर तक चुदाई हो. फिर चाहे शराब पीकर, चॉकलेट जैसे खाद्य सामग्रियों का प्रयोग सेक्स में करके सेक्स करें.
सेक्स बढ़ाने वाली दवा का प्रयोग करने के पक्ष में वो नहीं थी.

मैंने भी बोल दिया कि मैं भी तेरे साथ ऐसा ही सेक्स करना चाहता हूँ.
वो भी मुझसे चुदने को राजी हो गई.

कुछ दिन बाद मेरे एग्जाम की डेट आ गई तो मैंने उससे बात करना बंद कर दिया.
ये बात मैंने उसे बता दी थी कि मैं एग्जाम के बाद बात करूंगा.
उसे मेरी इस बात से कोई ऐतराज नहीं था.

मेरे एग्जाम खत्म होने के बाद मैंने उससे बात फिर से आरम्भ कर दी.

कुछ दिन बाद उसने बताया कि वो कुछ ही दिनों में अपने घर यानि मेरे शहर आ रही है और वो मेरे साथ 2-3 दिनों तक रहेगी, जिसमें हम खूब सेक्स का मजा लेंगे.

मैंने शहर में एक दूसरा कमरा देख लिया जो मेरे दोस्त का था.
वो अपनी किसी ट्रेनिंग के लिए बाहर जा रहा था.

मैंने उससे बात करके वो कमरा हासिल कर लिया और वहीं पर प्रियंका की चुदाई करने का प्रोग्राम बना लिया.

उसके बाद मैंने सेक्स वीडियो देखना शुरू किए कि लड़की की चुदाई में क्या क्या ध्यान रखना जरूरी होता है.
चूंकि ये मेरा पहली बार का मामला था और मैं उसके सामने खुद को चूतिया साबित करना नहीं चाहता था.

एक हफ्ता बाद उसने बताया कि वो पापा के घर आ चुकी है.

हम दोनों पहले से वीडियो कॉल पर एक दूसरे को नंगा देख चुके थे तो वो बिना किसी हिचकिचाहट के मेरे साथ आने को रेडी थी.
उसने घर पर बोल दिया कि वो अपनी सहेली के घर श्री गंगानगर जा रही है और दो दिन बाद वापस आएगी.

वो जब घर से तैयार होकर निकली तो मैं भी कमरे से बाहर निकल कर उसको लेने चला गया.
मैंने रास्ते में ही शराब की दुकान से दो बीयर की बोतल, एक स्पेशल वोदका की बोतल ले ली.
दूसरी दुकान से दो आइसक्रीम के पैक और नमकीन व गिलास आदि ले लिए.

मैं उसे बस स्टॉप से लेने गया तो उसे सामने देख कर भौंचक्का सा रह गया.
वो मुस्कुरा कर बोली- अब रूम पर चलें … या ऐसे ही देखता रहेगा.

क्या बताऊं दोस्तो, वो सामने से देखने में वीडियो कॉल से कहीं ज्यादा हॉट लग रही थी.
उसके बड़े बड़े बूब्स, उठी हुई गांड, गुलाबी होंठ … आह एकदम सेक्स बम थी वो!
मैंने खुद को संभाला और उसे रूम पर लेकर आया.

कमरे के अन्दर प्रवेश करते ही मैं उसके साथ एकदम से चिपट गया.
वो भी मुझे बांहों में कस कर बोली- अभी रुक जा, दो दिन मैं यहीं हूँ. हम दोनों सब कुछ करेंगे.

मैं उससे अलग हुआ और उसे निहारने लगा.
वो भी मुझे देख कर कामुक होने लगी थी.

कुछ ही पलों में बिना कुछ बोले हम एक दूसरे से लिपट गए औऱ एक दूसरे को चूमने लगे.

हमारे अन्दर सेक्स की ज्वाला भड़क गई थी. वो भी चुदासी थी और मैं भी!

एक दूसरे से चिपके हुए ही कब हम दोनों के कपड़े उतर गए, कुछ पता ही नहीं चला.
उसके मम्मों को चूसते हुए मैं उसकी चूत को सहलाने लगा.

वो अपनी चूत पर मेरा हाथ पाते ही एकदम से हिल गई.

मैंने घुटनों पर बैठ कर उसकी चिकनी चूत को चूसना शुरू कर दिया था.
फिर जल्दी ही हम दोनों 69 को पोजिशन में आ गए; एक दूसरे का आइटम चूसने लगे और कुछ ही देर में हम दोनों एक दूसरे का सारा माल खा गए.

अब मैंने बियर की बोतल को खोला और उसे दो गिलासों में डाल कर दोनों पीने लगे.
बातें करते हुए हम दोनों ने धीरे धीरे बियर की दोनों बोतलें खाली कर दीं.

हम दोनों पर उसका कुछ नशा हावी होने लगा.
हम दोनों फिर से कामुक होने लगे, एक दूसरे से छेड़खानी शुरू हो गई.

अब मैंने आइसस्क्रीम निकाल कर उसके बूब्स और चूत पर लगा दी और उसे चूसने लगा.
वो बड़े प्यार से मुझे अपने दोनों दूध बारी बारी से पिला रही थी और मादक आवाजें निकाल रही थी.

मैं उसकी चूत चूसने लगा, तो वो मेरे मुँह पर बैठ गई और अपनी चूत मेरे मुँह पर घिसने लगी.
ऐसे करते ही वो फिर से एक बार झड़ गयी.

कुछ देर बाद उसने मेरे लंड पर आइसक्रीम लगाकर उसे चूसा.
वो तब तक चूसती रही, जब तक मेरा पानी नहीं निकल गया.
अब दोनों को कुछ थकान सी महसूस होने लगी थी.

मैंने शराब की बोतल से एक एक पैग बनाया.
पैग लेने के बाद उस पर शराब का नशा चढ़ चुका था. वो नशे में बोलने लगी कि उसका पति नामर्द है, उसे खुश नहीं कर पाता. अभी तो उसे कोई बच्चा नहीं हुआ है. उसको मां बनना है.

वो ये सब बोल रही थी.
मैं भी अकेला ही काफी ज्यादा शराब गटक गया था, तो बहुत ज्यादा नशा हो गया था.

वो बोलने लगी कि अब मेरी खुजली को शांत करो.
मैंने बिना कोई पल गंवाए उसको बेड पर सीधा किया और पैरों को अपने कंधों पर रखकर उसकी चूत पर लंड सैट कर दिया.

फिर एक जोर से एक धक्का दिया, तो प्रियंका एकदम से उछल गई.
वो- आह तूने तो मेरी चूत फाड़ दी. मेरे गांडू पति ने कभी इतना दर्द नहीं दिया.

मैंने लंड पेले हुए उसे एक स्माल पैग बना कर दिया और उसे एक झटके में पी लिया.
मैं उसकी चूत को धीरे धीरे चोदने लगा.
वो नशे में बोली- मुझे मजा आ रहा है थोड़ी सी शराब मेरी चूत में भी डाल दो. उसे भी मजा आ जाएगा.

मैंने उसकी बात मान कर उसकी चूत में भी शराब डाल दी.
उसकी चूत में कुछ कुछ जलन सी होने लगी लेकिन उसको मजा भी आने लगा.

मैं लगातार उसको पेलता रहा.
बीस मिनट के बाद मेरा लंड अकड़ने लगा तो मैंने स्पीड बढ़ा दी.

वो बोली- लंड का माल अन्दर ही डाल देना. मुझको मां बनना है.
अगले कुछ मिनट बाद मैंने सारा माल उसकी चूत में गिरा दिया और उसके ऊपर ही गिर गया.

नशे में होने के कारण हम दोनों को कुछ देर के लिए नींद आ गई.

प्रियंका को जब कुछ होश आया तो उसने मुझे हिला कर जगाया और अपनी चूत को देखने लगी.
उसमें से मेरे और उसके रस के साथ कुछ खून भी बहकर बाहर जम गया था.

वो उठकर चलने लगी तो उसे चलने में दिक्कत आ रही थी.
मैंने उसको सहारा दिया तो मेरी बांहों में लिपट गयी और बोलने लगी- मुझे पेशाब लगी है.

मैं उसको बाथरूम के अन्दर ले गया तो वो गोद से नीचे नहीं उतरी और उसने मेरी गोद में ही पेशाब कर दी.
उसकी पेशाब से मेरा शरीर भीग गया लेकिन उसकी मादक खुशबू से एक बार फिर लंड में कुछ करंट आने लगा.

मैं उसे वहीं पर किस करने लगा.
वो भी मस्त होने लगी.

तो मैं उसको पोजीशन में लेकर चोदने लगा.

फिर जब दोनों झड़ गए तो नंगे ही कमरे में आकर बेड पर सो गए.

रात को खाना खाते समय हम दोनों में फिर से मस्ती होने लगी और खाना खाने के बाद मैंने मैरिड गर्ल फ्री चुदाई का खूब मजा लिया.
फिर प्रियंका वापस अपने घर चली गई और 4-5 दिनों बाद ससुराल चली गई.

करीब ढाई महीने बाद उसने बताया कि वो मां बनने वाली है. उसके पेट में 2 माह का बच्चा है. अब प्रियंका बहुत खुश थी.
वो बोली- जब अगली बार वापस घर आऊंगी, तब ऐसे ही हम दोनों सेक्स का भरपूर मजा लेंगे.

अगली बार वो चार माह बाद घर आई, तो चूत में लंड देना सम्भव नहीं था.
मैंने बड़े ध्यान से उसे एक करवट दिला कर उसकी गांड की ओपनिंग की; उसकी चूत में नहीं लंड दिया क्योंकि पांच माह का बच्चा उसकी कोख में पल रहा था.
 

junglecouple1984

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आपा के हलाला से पहले खाला को चोदा-1



दोस्तो, मेरे नाम आमिर है. मैं हैदराबाद का रहने वाला हूँ, मेरी उम्र 21 साल है. मैं अपने अम्मी अब्बा की इकलौती संतान हूँ. मैंने विदेश से पढ़ाई की है और पढ़ाई पूरी कर कुछ दिन पहले ही घर वापिस आया हूँ.

कुछ दिन पहले सब लोग एक शादी में दिल्ली गए हुए थे. वहां पर मेरे अम्मी के चाचा के बेटी यानि मेरी खाला नूरी भी आयी हुई थी. अम्मा ने मुझे उनसे मिलवाया. नूरी खाला बहुत सुन्दर हैं, एकदम गोरा रंग, गोल चेहरा बड़ी बड़ी काली आँखें सुन्दर तीखे नैन नक्श मीठी आवाज … खाला बहुत हंसमुख हैं.

मुझे पता चला कि खाला शादी के कुछ ही साल बाद ही जवानी में ही बेवा हो गयी थी. मेरी खाला से अच्छी बन गयी और बातचीत में पता चला कि खाला की चार बेटियाँ हैं और उनमें से एक की शादी हो चुकी है.
जब सगाई हो रही थी तो खाला मेरे साथ ही बैठी थी. शादी के दौरान खाला ने मेरे साथ खूब अपनी सेल्फ़ियाँ ली और मुझसे पूछा कि मेरी कितनी गर्लफ्रेंड हैं.
मैंने बताया- अभी तीन साल बाद विदेश से घर वापिस आया हूँ, कोई गर्लफ्रेंड नहीं है.
तो खाला ने पूछा- विदेश में कितनी गर्लफ्रेंड थी?
मैंने कहा- बहुत सारी.
तो खाला ने मुस्कुरा के पूछा- फिर तो बहुत मजे किये होंगे?

इससे पहले मैं जवाब देता, खाला का फ़ोन आ गया और खाला उठ कर चली गयी.

उसके बाद खाला मेरी अम्मी से मिली और फिर कहीं नज़र नहीं आयी. मैंने पता किया तो पता चला किसी कारण से खाला को इमरजेंसी में वापिस अपने घर कश्मीर अर्जेंट जाना पड़ा है इसीलिए वे चली गयी.
मैं सगाई में बोर होता रहा क्योंकि मेरे वहां कोई परिचित या दोस्त नहीं थे.

सगाई हो गयी तो अम्मी अब्बू ने बुलाया और कहा- बेटा आमिर, नूरी खाला से तो तुम मिल ही चुके हो, एक जरूरी काम से तुम्हें नूरी खाला के पास कश्मीर जाना होगा, उनका बहुत जरूरी काम है हम शादी बीच में छोड़ कर जा नहीं सकते और वहाँ जो खाला कहें, वह हमारा हुक्म मान कर पूरा करना.
मैंने सर झुका कर आदाब बजाया और अगली फ्लाइट से कश्मीर श्रीनगर निकल गया.

कश्मीर मैंने देखा भी नहीं था और नूरी खाला का साथ मुझे अच्छा लगा था.
वहाँ जाकर जो कुछ मालूम हुआ, उससे मेरे कान सुर्ख हो गए, मेरी 1 कजिन जिसका नाम सारा था और उम्र लगभग १९ साल थी की शादी हमारे कजिन इमरान से हुई थी और उनका आपस में बहुत प्यार मोहब्बत था, पता नहीं क्या हुआ कि उसने ग़ुस्से में आकर मेरी कजिन सिस्टर को तलाक़ दे दिया और इसी कारण से वह शादी में भी नहीं आयी थी.

इस तलाक देने के बाद मेरे कजिन को बहुत पछतावा हुआ और इमरान ने दोबारा सारा से शादी करने की ख्वाहिश की, मौलवी साहेब बोले- शरीयत के रूल से सारा को हलाला से गुजरना होगा और कम से कम एक रात के लिए किसी और की बीवी बनना पड़ेगा, तब ही इन दोनों की शादी हो सकती है.

नूरी खाला ने मुझे बताया कि वो एक रात की शादी मुझको सारा से करनी होगी. जब मुझे यह बात मालूम हुई तो मैंने मन ही मन कहा- चलो एक रात की ही बात है, मज़े कर लो आमिर साहब!
मैंने हामी भर ली और कहा- खाला, आपकी बेटी का घर बस जाए, मुझे उससे ज्यादा कुछ नहीं चाहिए.

नूरी खाला बहुत खुश हुई और मुझे गले लगा कर प्यार किया और बोली- बेटा, कभी कुछ भी चाहिए हो तो बेझिझक मांग लेना.

अगले दिन निकाह होने की बात तय हो गयी. खाला का घर काफी बड़ा था, मुझे रात में अलग कमरा सोने के लिए दिया और मैं सोने के तैयारी करने लगा.
कुछ देर बाद मेरा मोबाइल बजा और खाला का फ़ोन था, उन्होंने कहा- सो गए थे क्या?
तो मैंने कहा- सोने की तैयारी कर रहा था.
खाला बोली- तुम मेरे कमरे में आओ!
और फ़ोन कट गया.

मैं खाला के कमरे में गया तो देखा कि एक मोहतरमा लाल कपड़ों में दुल्हन बन घूंघट ओढ़े मेरा बिस्तर पर इंतजार कर रही थी. फिर मैं उनके पास गया और पूछा- खाला, ये सब क्या है?
खाला बोली- आमिर, आज तुम्हारा इम्तेहान है. तुम्हें सारा से सिर्फ शादी ही नहीं करनी, उसके साथ सोना भी है और शौहर बीवी की तरह चोदना भी है. मैं पक्का करना चाहती हूँ कि तुम उसे चोद पाओगे या नहीं.
मैंने कहा- आपको ऐसा क्यों लगता है?

तो खाला ने सारा की पूरी कहानी बताई, खाला बोली- इमरान मेरे भाई का बेटा है, उसी ने जिद कर के सारा से शादी की थी लेकिन शादी के बाद पता चला उसका लंड बहुत छोटा था और वह सारा को चोद ही नहीं पाता था. इसी कारण दोनों में झगड़ा हुआ और इमरान ने गुस्से में सारा को तलाक दे दिया. अब मैं चाहती हूँ हलाला के जरिये ही सही, कम से कम एक बार तो सारा को चुदाई का पूरा सुख मुझ से मिल जाए.

अब वे यह देखना चाहती थी मेरा लंड कितना बड़ा है और क्या मैं ठीक से चोद पाता हूँ या नहीं! इसीलिए उन्होंने ये सारा इंतज़ाम किया था.

फिर नूरी खाला बोली- आमिर, मेरे साथ आराम से करना क्योंकि मैं भी कुंवारी हूँ!
मैं फिर चौंका- ये कैसे?
तो खाला बोली- मेरी चारों बेटियाँ मेरी बड़ी आपा की औलाद हैं. बिमारी से आपा के इन्तकाल के बाद तुम्हारे खालू भी बीमार रहने लगे तो बच्चों की देखभाल के लिए मेरा निकाह आपा के शौहर से कर दिया गया. और बिमारी के कारण सुहागरात भी नहीं मनी और निकाह के कुछ दिन बाद ही वे चल बसे और तुम्हारी ये नूरी खाला शादी कर के भी कुंवारी रह गयी. आज इसी बहाने तुम्हारी खाला की हसरतें भी पूरी हो जाएंगी.

तो मैं खाला को गले लगा कर बोला- खाला, मुझसे एक बार चुदने के बाद मुझसे चुदे बिना रह नहीं पाओगी.

खाला ने लाल लहंगा, चोली चुनरी और ढेर सारे गहने पहने हुए थे और साथ में गजरा और फूलों से शृंगार किये हुए स्वर्ग से आयी हुई अप्सरा लग रही थी. मेरा तो लंड उसे देख कर बेकाबू हो गया और मेरी हालत काम रोग से ग्रस्त हो गयी.
खाला बिस्तर के पास शर्मायी हुई अपने पैरों की तरफ देख रही थी. उसने हल्का सा घूंघट किया हुआ था. उसका चेहरा शर्म और आगे जो होने वाला था, सोच कर लाल हो रहा था, वह थोड़ी सी घबराई हुई थी.

मैं थोड़ा सा आगे होकर और उनका हाथ अपने हाथ में ले लिया और उनको बेड पर ले गया.
या खुदा !! उनका नर्म गर्म हाथ पकड़ते ही मेरे तनबदन की आग और भड़क गयी और मेरा लंड सनसनाता हुआ पूरा 8 इंची बड़ा हो गया और सलामी देने लगा.

मैंने नूरी खाला की तारीफ करना शुरू कर दिया. मैंने कहा- खाला, बहुत सुन्दर हो आप, आप मेरे सपनों की रानी हो, जबसे आपको देखा है, तब से आपसे बहुत प्यार करता हूँ मैं और आपको पाना चाहता था. आज अल्लाह के करम से आप मेरी हो गयी हैं.
वह और भी शर्माने लगी और मेरे बहुत कहने पर मीठी आवाज़ में बोली- मैं भी आप को प्यार करती हूँ.

दूध जैसी गोरी चिट्टी लाल गुलाबी होंठ नाज़ुक होटों के नीचे काला तिल! नाक पर बड़ी नथ, मांग में टिका बालों में गजरा, उनका चेहरा नीचे को झुका हुआ था इतनी सुन्दर दुल्हन देख मेरे मुँह से निकला वाह !! तुम तो क़यामत हो मेरी जान!

मेरा लंड फुफकारने लगा. मैंने धीरे से उनके चेहरे को ऊपर किया, नूरी खाला की आँखें बंद थी. इतनी सुन्दर नूरी खाला मुझे अता फरमाने के लिए मैंने अल्लाह का शुक्रिया अदा किया और बोला- मेरी जान, अपनी आँखें खोलो और मुझे देखो!

उन्होंने आँखें खोली और हल्की से मुस्करायी मैंने उनके ओंठों पर एक नर्म सा चुम्बन ले लिया. यह उनका पहला चुम्बन था, वह फिर शर्मा कर सिमट कर मुझ से लिपट गयी.
मैंने खाला को अपने गले लगाया और पीठ पर हाथ फिराया, उनकी पीठ बहुत चिकनी थी, मैंने पूछा- क्या आपको मालूम है सुहागरात में क्या करते हैं?
उन्होंने अपना सर हाँ में हिलाया और मुझसे और कस का लिपट गयी.

मेरे हाथ ने महसूस किया उन्होंने बैकलेस चोली पहनी हुई थी जो सिर्फ दो डोरियों से बंधी हुई थी और ब्रा नहीं पहनी हुई थी फिर मेरे फिसल हाथ की कमर तक पहुँच गए थे … क्या चिकनी नरम और नाजुक कमर थी.

मेरे हाथ फिसल कर उनकी गांड पर पहुँच गए थे. उन्होंने लहंगा अपनी नाभि की नीचे और चूत के ऊपर पहना हुआ था. उनकी गांड की दरार को मैंने महसूस किया. ‘आअह्ह्ह…’ उनकी सिसकी निकल गयी.
मैंने फिर पूछा- खाला, क्या आप तैयार हो?
उन्होंने हाँ में सर हिलाया और धीरे से बोली- इस रात का इंतज़ार तो हर लड़की करती है.

मेरे सपनों की रानी मेरे साथ थी दुल्हन बन मेरे से चुदने को तैयार!
मैंने फिर से कहा- आप सबसे सुन्दर, गोरी मस्त माल हो. आपको देखकर मैं तो दीवाना हो गया हूँ!
मैंने हल्की सी आवाज में बोला- आई लव यू खाला! आपको मालूम नहीं है मेरी क्या हालत है. मेरे मन आपको देखते ही बेकाबू हो जाता है, तुम तो मेरे दिल की मलिका हो!
मैं आगे बोला- आपके गुलाबी नर्म गुलाब के पंखुरियों जैसे होठों का रस चूसना शुरू करे तो रूकने का नाम ही न ले। मैंने आज तक तुम जैसी सेक्सी लड़की नहीं देखी!

मैंने फिर उनको अपने से हल्का सा दूर किया, हाथों से उनका चेहरा ऊपर किया और होंठों पर एक लम्बी किस की. उनकी आँखें बंद थी, मैंने उनके होंठों को छोड़ कर चेहरा ऊपर किया तो खाला ने आँखें खोली और मुस्करायी.
मैं फिर मैं उनके ओंठों को चूमने लगा और वह भी मेरा साथ देने लगी. फिर मैंने अपनी जीभ उनके मुँह में डाल दी और वह मेरी जीभ को चूसने लगी. फिर मैंने भी उनकी जीभ को चूसा. मेरी जीभ जब उनकी जीभ से मिली तो उनका शरीर सिहरने लगा.

फिर मैंने अपने होंठ उनके ओंठों से अलग किये हम दोनों मुस्कराये और फिर बेकरारी से लिप किस करने लगे और चूमते चूमते हमारे मुंह खुले हुये थे जिसके कारण हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थी और हमारे मुंह में एक दूसरे का स्वाद घुल रहा था।
कम से कम 15 मिनट तक लिप किस करता रहा, वह मेरा लिप किस में भरपूर साथ दे रही थी. खाला को दर्द हो रहा था मगर खाला मुझ से भी ज्यादा प्यासी थी, उने दर्द में भी मज़ा आ रहा था।
हम लोग एक दूसरे को किस करने लगे थे. मैंने खाला की पीठ, कमर पर अपनी उंगलियाँ फेरनी शुरू कर दी थीं. मेरे हाथ उनके कन्धों पर थे और वह मुझको अपनी ओर खींच रही थी और उसी बीच मेरे हाथ उनके चोली पर से होते हुए खाला की पीठ कमर पर होते हुए उनके स्तनों पर पहुँच गये. मेरा हाथ चोली के ऊपर से स्तनों को दबा रहा था. खाला की आँखें पूरी तरह से बंद थी. वह मेरे हर प्रयास को अनुभव कर रही थी और उसका पूरा मजा ले रही थी.

फिर मैंने धीरे से उन्हें अपनी बांहों में लिया और उनके ओंठों पर चूमना जारी रखा. अब नूरी खाला सिहरकर मुझसे लिपट गयी थी और उनकी 38 साईज की चूचियां मेरे सीने से दब गयी थी. मैंने उत्तेजना में उन्हें जकड़कर अपनी बांहों में मसल डाला.
तो नूरी खाला ने कहा- आमिर, मेरे दूल्हे, धीरे करो, बहुत दर्द होता है.
 

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आपा के हलाला से पहले खाला को चोदा-2



कहानी का पिछला भाग: आपा के हलाला से पहले खाला को चोदा-1

नूरी खाला ने कहा- आमिर, मेरे दूल्हे, धीरे करो, बहुत दर्द होता है.
फिर मैंने उनके गालों पर अपनी जीभ फेरनी चालू कर दी और फिर उनके ऊपर के होठों को चूमता हुआ, उनके नाक पर अपनी जीभ से चाट लिया. अब नूरी खाला उत्तेजित हो चुकी थी और सिसकारियां भरती हुई मुझसे लिपटी जा रही थी. अब मैं उनके चेहरे को चूसते हुए उनकी गर्दन को चूमने, चाटने लगा था और मेरे ऐसा करते ही वो सिसकारी लेती हुई मुझसे लिपटी जा रही थी.

अब मैंने खाला के कपड़े उतारने शुरू किये तो खाला बहुत उत्तेजित थी, कि आज वह पहली बार किसी मर्द के सामने बिना कपड़ों के होने वाली थी. और तो और आज एक पुरुष को पूर्ण नग्न देखने का मौका मिलने वाला था.

धीरे से मैंने उसकी गोरी पेशानी चूम ली और धीरे से उनकी चुनरी हटाने लगा. उन्होंने भी मुझे चुनरी हटाने में मदद की. मैंने खाला को कहा- नूरी खाला आप मुझे बिल्कुल मुमताज लगती हैं!
तो वे बोली- मेरे शाहजहां, मैं आपकी मुमताज ही हूँ! आप आगे से मुझे मुमताज ही कहें!

अब मैंने उसका मांग टीका हटा दिया, उनकी नशीली आंखें मुझे नशे में कर रही थी। फिर मैंने उनकी दोनों नशीली आँखों पर एक चुम्मा दिया. फिर अपनी मुमताज का नाक को चूमा तो वे सिहर उठी.

मैंने चुनरी के एक पल्लू को लहंगे और एक कंधे से हटाया और वो एक तरफ गिर गया, अब चुनरी एक कंधे पर थी साथ ही चुनरी का दूसरा हिस्सा जो लहंगे में घुसा हुआ था होता है, वे मेरे सामने लहंगे और चोली में थी और चुनरी आधे बदन पर थी क्या क़यामत का नज़ारा था.
मेरा लंड फिर सनसनाने लगा. मैंने खाला को एक बार फिर से अपनी बाहों में भर लिया और हम दोनों एक दूसरे की आँखों में देखने लगे.

उनकी चोली में उनके स्तन पूरी तरह फिट थे और बाहर आने को आतुर थे. उसकी चोली स्लीव लेस थी, मैंने उसकी चोली के ऊपर की डोरी खोल दी और उसके कंधों और बाँहों पर किस करने लगा. उसके बाद नीचे की भी डोरी खींच कर चोली की अलग कर दिया और खाला के उरोज आजाद कर दिए.
नूरी खाला शर्मा कर बांहों से अपनी छाती छुपाने लगी और मुझसे लिपट गयी. मैंने धीरे से उनको अलग किया और छातियों को हाथों से पकड़ लिया और जोर से दबाने लगा, दोनों बूब्स एकदम लाल हो गए. फिर मैंने उनके निप्पल्स को पकड़ लिया और मसलने लगा. खाला के गुलाबी चूचुक उत्तेजना से खड़े हो चुके थे. मेरे हाथों ने उनके स्तनों को अपनी हथेलियों में भरा और उन्हें किस करने लगा. हम दोनों की साँसें तेज तेज चलने लगी.

मैंने अपना कुर्ता उतार दिया और खाला को अपनी छाती से लगा कर अपनी बाँहों में जकड़ लिया, उनके नर्म मुलायम बूब्स का मेरी छाती से दबने लगे. मैं अपने आनंद को बयां नहीं कर सकता! मैं उनके स्तनों को देखे जा रहे था और उनका दिल जोर जोर से धड़क रहा था. मैंने एक निप्पल अपने मुख में रखा और चूसने लगा. अल्लाह… नहीं बता सकता कि उस पल क्या अनुभूति हुयी. फिर मैंने दूसरे निप्पल को किस किया और उसे भी चूसना शुरू कर दिया. उन्होंने अपना सर उत्तेजना और आनंद के मारे पीछे की ओर कर लिया था.

मैंने चूचियों को दांतों से काटा तो खाला कराह उठी और वो मादक आवाजें निकालने लगी, आह उह आह की आवाजें पूरे कमरे में गूंज रही थी, खाला कह रही थी- धीरे मेरे राजा, धीरे प्यार से चूसो सब तुम्हारा ही है!

उनके बूब्स अब लाल हो चुके थे, उनके पूरे शरीर में एक आग सी लग गयी. तभी पता नहीं क्या हुआ, उनके शरीर में एक उफान सा आया और वे सिस्कारती हुई निढाल सी हो गयी.
मैं समझ गया कि वे झड़ चुकी हैं. और मैंने पहली बार उसकी चूत को छुआ, मुझे योनि में गीलापन सा महसूस हुआ. वो उसका पहला ओर्गास्म था उस सुहागरात में!

और उन्हें लगा कि उन्होंने पैंटी में पेशाब कर लिया है. खाला बहुत शर्मिंदगी महसूस करने लगी.
“यह क्या था? मुझे लगा कि मैंने पेशाब कर दिया.” नूरी खाला ने पूछा.
“नहीं, आपको ओर्गास्म हुआ है.” मैंने जवाब दिया.

फिर मैंने लहंगे का नाड़ा खोल कर उतार दिया दिया और उनकी चूत पैंटी के ऊपर ही हाथ फेरने लगा. उन्हें जैसे करंट सा लगा, उन्होंने मुझे कस कर पकड़ लिया और मुझसे लिपट गयी, उनका गोरा बदन सुर्ख लाल हो गया था. और फिर पैंटी पर भी किस किया. मैंने उसके हिप्स को पकड़ा और अपने चेहरे को पैंटी से सटा डाला और उसे चूमने लगा.

मैंने धीरे से अपनी उंगलियाँ पैंटी के इलास्टिक में डाली और धीरे धीरे उसे नीचे करना शुरू कर दिया और पैंटी उतर फेंकी. उनकी चुत पर कोई बाल नहीं था. खाला ने अपनी चूत से बाल साफ़ किये हुए थे, चूत थोड़े गुलाबी रंग की थी और गीलेपन की कुछ बूंदे साफ़ दिख रही थी.
नूरी खाला की कमर बल खा रही थी … मेरी हालात भी ख़राब हो चली थी.

अब उनकी हालत देखकर मैंने भी सोचा कि देर करना उचित नहीं है और उनको पूरी नंगी कर दिया, क्या मस्त माल था!
थैंक यू अल्लाह, शुक्रिया.
फिर मैंने सिर्फ़ गहनों में लदी नूरी … सपाट पेट, लहराती हुई कमर, गहरी नाभि और बूब्स पर तनी हुई निपल्स, आँखें अधमुंदी चेहरा और गला मेरे चाटने के कारण गीला और शेव्ड हल्के ब्राउन कलर की चूत, केले के तने जैसी जांघें और गोरा बदन.

मेरा मन तो कर रहा था कि बस चूमता, चाटता रहूँ और अपनी बांहों में जकड़ कर मसल डालूँ और जिंदगी भर ऐसे ही पड़ा रहूँ!
फिर अपनी जीभ उनकी चूत पर लगाकर उनकी चूत को चाटने लगा तो वो उछल पड़ी और मेरे बालों को अपने हाथ में लेकर सिसकारी भरने लगी और बड़बडाने लगी- आमिर मैं 10 साल से तेरे बड़े होने का इंतज़ार कर रही थी, मेरी 30 साल की कुँवारी चूत की प्यास तूने आज और भड़का दी है.

मैंने अपना पायजामे का नाड़ा खोला और खाला ने मेरा पायजामा अपने हाथों से निकाल दिया. फिर मेरे कहने पर खाला ने अपना हाथ मेरे अंडरवियर पर रखा और खाला ने मेरा कठोर लिंग पकड़ा. अब मेरा 8 इंची लम्बा 3 इंची मोटा लंड तनकर पूरा 90 डिग्री का हो गया था। खाला मेरे लंड पकड़कर सहलाने लगी और अपनी उँगलियों में दबोच लिया. वो बहुत बड़ा था.

खाला बोली- आमिर, क्या ये मेरे अंदर जा पायेगा? ये मेरी चूत फाड़ तो नहीं देगा?
मैं बोला- नहीं मेरी रानी, ये तो तुम्हारा आशिक़ है और हमारे प्यार और आनंद का औज़ार है, इसी से तो हम दोनों को प्यार के मजे मिलेंगे.

मैंने उन्हें मेरे लंड पर प्यार करने को कहा. पहले तो वे घबराई फिर मेरे कहने पर लंड पर एक मीठी चुम्मी की. मेरे हिप्स भी हरकत करने लगे थे.

उसके बाद मैंने खाला को इस तरह लिटा दिया कि मेरी छाती के साथ नूरी खाला की पीठ लगने लगी. मैंने अपने दोनों हाथों में उनके स्तन दबा लिए. हम दोनों पूरी तरह से नंगे थे. मेरा लंड उनकी चूतड़ों की दरार में घुस रहा था.

मैं उनकी चूत पर हाथ फेरने लगा उन्हें जैसे करंट सा लगा और उन्होंने मुझे कस कर पकड़ लिया और मुझसे लिपट गयी, मैंने उनकी चूत में अपनी एक उंगली की पंखुरियों को अलग करने की कोशिश की पर वह बहुत टाइट थी. मैंने दो उंगलियों की मदद से चूत की पंखुड़ियों को अलग किया, मैंने धीरे धीरे चुत में उंगली घुसानी शुरू की तो वो ज़ोर से चिल्लाई- आहह अब लंड डाल दो, अब और इंतज़ार नहीं होता, प्लीज जल्दी करो ना, प्लीज आहहह!

मैं उन्हें उंगली से लगातार चोद रहा था और वो ज़ोर से सिसकार कर रही थी- ये तूने क्या कर दिया? अब मुझसे रहा नहीं जा रहा है, जल्दी से चोद दो, मेरी चूत में आग लग रही है।
वो ज़ोर-जोर से हाँफ रही थी और जैसे कोई कई मीलों से दौड़कर आई हो!

अब मैं भी उनको चोदना चाहता था मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रखा और चूत खोलने की कोशिश की लेकिन वह बहुत टाइट थी, मैंने अपने उँगलियों से चूत को खोला और लंड का गुलाबी सुपारा बीच में रख दिया, फिर नूरी खाला से बोला- खाला आप तैयार हो?
वो बोली- हाँ मैं पूरी तरह से आपकी ही हूँ मुझे सुहागरात का पूरा सुख चाहिए!
“देखो, हो सकता है कि तुम्हें थोड़ा दर्द हो… पर बाद में अच्छा लगेगा.” मैंने कहा.
“मैं जानती हूँ. बस आप मुझे प्यार करो.” खाला ने बोला.

मैं बोला- खाला, मेरी आँखों में देखो!
मैंने उनकी छाती पर अपना हाथ फिराना शुरू कर दिया. फिर मैंने धीरे धीरे अन्दर डालना शुरू किया. फिर धीरे से थोड़ा पीछे और फिर अन्दर की ओर दबाया लेकिन चूत बहुत टाइट थी और लंड अंदर जा नहीं रहा था.

मेरे लिए भी रुकना मुश्किल हो रहा था, फिर मैंने कस कर जोर लगाया और लंड दो इंच अंदर चला गया.
खाला चीखने चिलाने लगी- हाआअ… आमिर आईईईईई ईईई दर्द उउउउइई ईईईई हो रहा है! उउउईईईई माँ, आहहहाँ!
उनकी चीख से मैं और मदहोश हो गया, मैंने कहा- धीरे से चिल्लाओ खाला, सब सुन कर क्या सोचेंगे!

एक बार फिर मैं पीछे हटा और फिर अन्दर की ओर दबाव दिया. मैंने थोड़ा सा लंड पीछे किया उठा और फिर से धक्का दिया, अन्दर अवरोध महसूस होने लगा था. लंड झिल्ली तक पहुँच चुका था मेरा लंड खाला की हायमन से टकरा रहा था और जब उसने उसे भेदकर आगे बढ़ना चाहा तो खाला चिल्लाने लगी कि दर्द के मारे मर जाऊँगी.

मैंने पूरी ताकत के एक धक्का लगा दिया.
“ओह अम्मी…” खाला के मुख से निकला, खाला के स्तन ऊपर की ओर उठ गए और शरीर एंठन में आ गया. मेरा गर्म, आकार में बड़ा लिंग पूरी तरह से गीली हो चुकी योनि में घुस गया. अन्दर, और अन्दर वो चलता गया, नूरी खाला दर्द के मारे चिललाने लगी- आहह आमिर उउइइ ओह्ह्ह्हह बहुत दर्द हो रहा है! प्लीज इसे बाहर निकाल लो, मुझे नहीं चुदना तुमसे! तुम बहुत जालिम हो! यह क्या लोहे की गर्म रॉड घुसा डाली है तुमने मुझमें! निकालो इसे! बहुत दर्द हो रहा है, मैं दर्द से मर जाऊँगी. प्लीज निकालो इसे!
और खाला की आँखों से आंसू निकल आये.

मैंने कहा- मैं 2 मिनट में बाहर खींच लूँगा और अब और नहीं फाड़ूँगा!
और धीरे से उन्हें सहलाने लगा और चूमने लगा और अपना लंड 2 इंच बाहर निकालकर फिर से एक ज़ोर का शॉट मारा तो मेरा लंड उसकी चूत को चीरता हुआ चूत की जड़ में समा गया.

खाला की चूत बहुत टाइट थी मुझे लगा कि मेरा लंड भी छिल गया है, मेरी भी चीखें निकल गयी… हम दोनों एक साथ चिल्ला रहे थे.
थोड़ी देर तक मैंने खाला को धीरे धीरे चोदा, फिर हम दोनों झड़ गये और मैं खाला के ऊपर गिर गया. मैं कुछ देर के लिए उसके ऊपर ही पड़ा रहा तो कुछ देर के बाद वो शांत हुई.

मेरा लंड खाला की चूत के अंदर ही था, उनकी चूत ने मेरे लंड को जैसे जकड़ लिया था. कुछ देर बाद जब मुझे लगा कि झड़ने के बाद भी मेरा लंड खड़ा है. मेरे साथ पहली बार ऐसा हुआ था कि झड़ने के बाद भी लंड खड़ा था.

फिर मैंने अपना लंड बाहर निकाला तो वह वीर्य, खाला के चूतरस और खून से भीगा हुआ था . बेड शीट खून से सन चुकी थी. मैंने फिर खाला को चूमा और उनके बदन को सहलाया और बोला- आप तो जानती हो कि पहली बार थोड़ा दर्द होता है और खून भी आता है, उसके बाद तो मजा ही मजा है.
खाला बोली- पर क्या कोई ऐसे भी चोदता है जैसे तुमने मुझे चोदा. तुम बड़े जालिम हो.

फिर मैंने उनको प्यार से चूमा तो कहने लगी- मेरा महबूब बड़ा प्यारा कसाई है, बहुत बेदर्दी से चोदता है, लेकिन मुझे जन्नत की सैर कराई.

हम दोनों उठ कर वाशरूम चले गए और अपने अंगों को धोया. मैंने उनकी चूत पर क्रीम लगाई. फिर हम बिस्तर पर वापिस आ गए तो खाला बोली- चूत में अभी भी दर्द हो रहा है!
मैंने कहा- मुझे देखने दीजिये.
मैंने चूत पर किस किया और चाटने लगा तो वो बोली- आअह्ह्ह… आराम मिल रहा है, बहुत अच्छा लग रहा है, प्लीज और चाटो!
उन्हें दस मिनट तक मैंने चाटा और चूसा और फिर खाला झड़ गयी. मैंने उन्हें किस किया और हम दोनों एक दूसरे से चिपट कर सो गए.
 

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आपा के हलाला से पहले खाला को चोदा-3



मेरी पूर्व कहानी में आपने पढ़ा था कि कैसे मैंने सारा आपा के हलाला से पहले नूरी खाला को चोदा था. दे

सुबह पांच बजे मेरी आँख खुली तो नूरी खाला मुझसे से चिपट कर सो रही थीं. वे मेरे सीने से लिपटी हुई सोते हुए बड़ी प्यारी और मासूम लग रही थीं, उनको देखते ही मेरा संयम टूट गया. सोते देख मुझे उन पर प्यार आ गया और धीरे से मैंने उनकी गोरी पेशानी चूम ली. मेरे स्पर्श से वह जग गईं और बड़े प्यार से बोलीं- मेरी आँख लग गयी थी.

मैंने पूछा खाला- आपकी तबीयत कैसी है?
“हम्म …”
मैंने प्यार से उनके गुलाबी होंठों को चूमते हुए पूछा- क्या आपको अच्छा नहीं लगा?
वे धीरे से बोलीं- अच्छा तो लगा … मजा भी बहुत आया … पर दर्द बहुत हुआ.
मैंने उनकी चूची मसल दी तो कराहते हुए उन्होंने मेरे होंठों को चूम लिया- आराम से करो न … मेरे राजा मैं पूरी तुम्हारी हूँ.
मैंने फिर से चूची मसली तो शरमाते हुए उन्होंने कहा- तुमने अपनी खाला को बड़ी बेरहमी से जिबह किया, ऐसा भी करता है कोई, देखो मेरी कैसे सूज गयी है.

खाला ने मेरा हाथ पकड़ कर अपनी चुत पर रख दिया. उन्होंने पैंटी भी नहीं पहनी थी. सच में उनकी चुत एकदम सूजी हुई थी. मैंने प्यार से चुत को ऊपर से ही को सहलाया … फिर मैं उनके होंठों को चूमने लगा और वह भी मेरा साथ देने लगीं. मैंने अपनी जीभ उनके मुँह में डाल दी और वह मेरी जीभ को चूसने लगीं. मैंने भी उनकी जीभ को चूसा. मेरी जीभ जब उनकी जीभ से मिली, तो उनका शरीर सिहरने लगा और वे रिसने लगीं क्योंकि मेरे हाथों को उनकी चुत गीली गीली लगने लगी थी. मैंने उनकी चुत को ऊपर से हो चूमा और उसके बाद मैं अपने हाथों से उनके मस्त मोमे दबाने लगा. एक पल बाद ही मुझे उनका निप्पल कड़ा होता सा महसूस हुआ.

अपनी उंगलियों से मैंने निप्पल को खींचा तो खाला कराह उठीं- आआह मेरे राजा धीरे … बहुत दुख रहे हैं.
मैंने निप्पल को किस किया और फिर उनके होंठों को चूमा. मैंने इस डर से कि कहीं खाला मना न कर दें, मैंने उन्हें दबोच लिया और उनके रसीले होंठों को किस करने लगा.

जिसका उन्होंने बड़ी कामुक और मादक अंदाज में जवाब दिया. वह नींद से भरी बोलीं- आमिर, मेरी आदत मत बिगाड़ो, तुम तो कुछ दिनों में चले जाओगे और मैं तड़पती रह जाऊंगी. मेरा तो नंबर ही नहीं लगेगा.
मैंने कहा- खाला इसकी फ़िक्र न करें, आप सबसे सुन्दर, गोरी और मेरे से बड़ी होने के बावजूद मस्त माल हो. आपको देखकर तो कोई भी पागल हो जाएगा, जैसे कि मैं हूँ. आपको मालूम नहीं है मेरी क्या हालत है. मेरा मन आपको देखते ही बेकाबू हो जाता है. आप तो मेरे दिल की मल्लिका हो.

खाला की गोल गोल चूचियों से भरी, उनकी छाती और भरे भरे गालों के साथ उनकी नशीली आंखें, मुझे नशे में कर रही थीं. मैं उनको बोला- आपके होंठों की बनावट तो ऐसी है, अगर कोई एक बार इनका रस चूसना शुरू करे, तो रूकने का नाम ही न ले.
नूरी खाला- मेरे राजा, पहले मेरी चुत चोदो … फिर जैसा चाहे वैसा कर लेना … लेकिन धीरे से चोदना … ताकि दर्द न हो.

मैं उन पर चढ़ कर बेकरारी से उनको चूमने लगा. चूमते वक्त हमारे मुँह खुले हुए थे … जिसके कारण हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थीं … और हमारे मुँह में एक दूसरे का स्वाद घुल रहा था. मैं कम से कम 15 मिनट तक उनके होंठों का किस लेता रहा. साथ मेरे हाथ उनके मम्मों को दबाने में लगे हुए थे, वो भी मेरा साथ देने लगी थीं.

मैं उनकी चुचियों को बेरहमी से मसलने लगा और वो मादक आवाजें निकालने लगीं- उम्म्ह… अहह… हय… याह…
मादक आवाजें पूरे कमरे में गूंज रही थीं फिर मैंने उनके मम्मों को चूसना शुरू कर दिया. उनके मम्मे कड़क हो गए थे और चूचियां कह रही थीं कि हमें जोर से चूसो.
मैंने चूचियों को दांतो से काटा खाला कराह उठीं- आह आह उह धीरे मेरे राजा धीरे प्यार से चूसो … सब माल तुम्हारा ही है.

खाला के चूचे अब लाल हो चुके थे. इसके बाद मैं नीचे को आया और मैंने उनकी नाभि को होंठों से चूमा … फिर अपनी जीभ उनकी नाभि में डाल दी. जीभ के खुरदुरे स्पर्श से खाला मस्त हो गईं और मेरे सर को अपने पेट पर दबाने लगीं.
खाला का पेट एकदम सपाट था. कमर पतली और नाजुक थी. मैंने उनके इस इलाके के एक एक हिस्से को चाट डाला. अब मैं उनकी चूत पर हाथ फेरने लगा. चूत पर मेरा सेक्सी टच होते ही उन्हें जैसे करंट सा लगा, उन्होंने मुझे कस कर पकड़ लिया और मुझसे लिपट गईं. उनका गोरा बदन सुर्ख लाल हो गया था. उनकी चूत गीली होने लगी थी.

मैंने पूछा- अब चूत कैसी है?
उन्होंने गांड उठाते हुए कहा- तुम खुद देख लो … तुम्हारे लंड के लिए तड़प रही है.

मैंने उनकी चुत को चूमा तो चूत की खुशबू ने मुझे मदहोश कर दिया. मैं उनकी चूत को चाटने लगा. उनकी चूत के रस में क्या गज़ब का स्वाद था.

खाला बोलीं- आह … मुझे बहुत अच्छा लग रहा है … सच में बड़ा बहुत आराम मिल रहा है.
मेरा उनकी चूत की दरार में अन्दर जीभ पेलते ही वो जोर से चिल्ला उठीं- आआहह … ओमम्म्म … चाटो ना जोर से … इस्स्स … उहह …
वे मचलने लगीं और अपनी गांड को इधर उधर घुमाने लगीं.

अब वो सिसकारियां मारने में लग गई थीं. वो ‘अहह … आहहह … आहहह …’ कर रही थीं. उनके ऐसा करने से मेरे लंड में भी सनसनी होने लगी थी. फिर मैंने अपना लंड उनके हाथ में थमा दिया. कुछ ही पल में मेरा लंड तनकर पूरा 90 डिग्री का हो गया था. खाला मेरे लंड को पकड़कर सहलाने लगीं.
मैंने उनको उठाकर उनकी चूत में अपनी एक उंगली डाल दी, तो वो ज़ोर से चिल्ला दीं- आहह अब बस लंड डाल दो … अब और इंतज़ार नहीं होता … प्लीज जल्दी करो ना … प्लीज आहहह.

जब मैंने उनकी चूत में अपनी उंगली की तो वो मेरे लंड को ज़ोर से आगे पीछे करने लगीं और ज़ोर से मोन करने लगीं. उनकी चूत पूरी डबल रोटी की तरह फूली हुई थी. अब मैं उन्हें उंगली से लगातार चोद रहा था.
वो ज़ोर से सीत्कारें भर रही थीं- आह ये तूने क्या कर दिया … अब मुझसे रहा नहीं जा रहा है … मेरी जान जल्दी से चोद दो … मेरी चूत में आग लग रही है.
खाला ज़ोर-जोर से हाँफ रही थीं और ऐसे लग रहा था … जैसे कई मीलों से दौड़कर आई हों.

उनके मुँह से ‘आहह … एम्म … ओह … आआअ … डालो ना अन्दर …’ जैसी आवाजें निकल रही थीं. अब मैंने उनकी गांड के नीचे एक तकिया लगाया और उनके दोनों पैरों को फैला दिया. फिर अपना लंड उनकी चूत की फांकों में डाल दिया. जैसे ही मेरे लंड का सुपारा उनकी चूत में गया … तो वो ज़ोर से चिल्लाने लगीं- उम्म्ह… अहह… हय… याह… बहुत मोटा है … नहीं मुझे छोड़ दो … नहीं मैं मर जाऊँगी … आह … अपना लंड बाहर निकाल लो.

लेकिन मैंने उनकी चिल्लपों को अनसुना करते हुए एक ज़ोर का धक्का लगा दिया. तो वो और ज़ोर से चिल्ला उठीं.

फिर मैंने उनके होंठों पर किस करते हुए उनके मुँह को बंद किया और अपने लंड के धक्के लगाता गया. वो बेहद छटपटा रही थीं और अपने बदन को इधर से उधर करने में लगी थीं. लेकिन मैं नहीं माना. इस वक्त मैं नूरी खाला की चूत में धक्के पे धक्के लगाए जा रहा था. उनकी आँखों से आंसू निकल रहे थे. फिर मैंने एक जोर का झटका लगा दिया. इस एक तगड़े झटके में मेरा पूरा लंड उनकी चूत के अन्दर चला गया. उनकी दबी हुई आह निकल गयी.

पूरा लंड पेलने के बाद मैं कुछ देर के लिए उनके ऊपर ही पड़ा रहा. कुछ देर के बाद जैसे ही वो शांत हुईं तो मैं उनके मम्मों को चूसने लगा. अपने एक हाथ से उनके बालों और कानों के पास सहलाने लगा था. फिर कुछ ही देर के बाद मैंने उनके कानों को भी चूमना शुरू कर दिया. अब कुछ पल बाद वो फिर से गर्म हो गईं और उनकी कमर ने हिल कर मेरे लंड को इशारा दिया.

मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाना शुरू किया … तो पहले पहल वो चिल्लाईं, लेकिन फिर कुछ देर के बाद चुप होकर लंड को जज्ब करने लगीं.
मैंने पूछा- खाला, मज़ा आ रहा है?
वो धीरे से बोलीं- हाँ बहुत मज़ा आ रहा है … मेरी इस चूत का इलाज सिर्फ तुम्हारी चुदाई ही है … हायईई … म्म्म्मम!

मैंने धक्के तेज किए तो वो जोर-जोर से चिल्लाने लगीं. फिर कुछ देर के बाद मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी. अब दर्द खत्म हो गया था और वो पूरी मस्ती में थीं … मस्ती में सिसकारियां ले रही थीं- अआहह आआइईई … और करो … बहुत मजा आ रहा है.
इस वक्त वो इतनी मस्ती में आ चुकी थीं कि पूरा का पूरा शब्द भी नहीं बोल पा रही थीं. मैं अपनी स्पीड धीरे-धीरे बढ़ाता जा रहा था.

“हाआअ … राआआजा … आईसीईई … चोदो और जोर से चोदो … आज मेरी चूत को फाड़ दो … आज कुछ भी हो जाए … लेकिन मेरी चूत फाड़े बगैर मत झड़ना … आआह और ज़ोर से … उउईईई अल्ला … आहह …” वे ऐसे ही गर्म आहें और कराहें निकाल रही थीं.

फिर कुछ देर के बाद मैंने महसूस किया कि मेरा लंड पानी से भीग रहा है. अब वो भी अपना पानी छोड़ने वाली थीं. वो नीचे से अपनी कमर उठा-उठाकर चिल्ला रही थीं और बड़बड़ा रही थीं- आहहह और चोदो मेरी चूत को … आज मत छोड़ना … इसे भोसड़ा बना देना.

मैंने कमर उठा आकार लम्बे लम्बे धक्के देना चालू कर दिए.
वे कुछ देर के बाद बोलीं- हाय मेरे राजा … मैं झड़ने वाली हूँ.
मैंने उनकी गांड पकड़कर अपनी स्पीड बढ़ा दी, तो वो भी कुछ देर के बाद झड़ गईं.

फिर वो अचानक से चिल्ला भी नहीं सकीं, क्योंकि उनका मुँह मेरे मुँह से दबा था और मैं उनको ज़ोर-ज़ोर से किस करता गया और धक्के लगाते गया.

तभी मेरे मुँह से उनका मुँह एक पल के लिए छूटा कि वो बोल उठीं- आह … आज फाड़ ही डाल मेरी चूत को … वो तुम्हारे जैसा ही लंड मांगती है.
इसके बाद मैंने फिर से धक्कों का रेला पेला जमा दिया तो वो कुछ नहीं बोलीं … शायद पानी छूट गया था. लेकिन मैं उन्हें लगातार धक्के लगा रहा था.

मैं ऐसे ही पांच मिनट तक उनको इसी पोज़िशन में चोदता चला गया. शायद अब उन्हें फिर से मज़ा आने लगा था. अब वो भी अपने कूल्हे उछाल-उछालकर मुझसे चुदवा रही थीं. मैंने उन्हें और ज़ोर-जोर से चोदना शुरू कर दिया था. फिर थोड़ी देर के बाद वो फिर झड़ गईं और शांत पड़ गईं. मैं उनको चूमता रहा और उनके मम्मों को सहलाता रहा.

फिर मैंने कहा- इस बार खाला आप ऊपर आ जाओ.

उनकी हां हुई और मैं उनके नीचे और खाला मेरे ऊपर आ गई थीं. मेरे तनकर खड़े लंड पर धीरे धीरे अपनी चूत दबाकर लंड को अन्दर घुसा रही थीं. दोस्तों आज पहली बार में उसकी चूत की चमड़ी को अपने लंड की चमड़ी पर रगड़ते हुए देख रहा था और मैं आपको बता नहीं सकता कि मुझे उस समय कितना मज़ा आ रहा था. वो मेरे लंड पर धीरे से उठतीं और फिर नीचे बैठ जातीं, जिसकी वजह से लंड अन्दर बाहर हो रहा था. वो खुद अपनी चुदाई मेरे लंड से कर रही थीं और बहुत मज़े कर रही थीं. सच कहो तो नंगी खाला मेरे लंड पर उछलते हुए मुझे बहुत मादक लग रही थीं. उनके रेशमी सुनहरे बाल चारों तरफ फ़ैल गए थे. खाला उन्हें पीछे करते हुए मेरी छाती पर अपने हाथ रख देती थीं.

मैंने भी अपने चूतड़ उठा कर उनका साथ दिया. जब मेरा लंड उनकी चूत के अन्दर पूरा समा जाता था, तो हम दोनों की आह निकल जाती थी. फिर मेरे हाथ उनके हिलते हुए मम्मों को मसलने लगे. मैं उनकी चूचियों को खींचने लगता था तो खाला सिहर जाती थीं और सिसकने लगती थीं.

उसके बाद खाला मेरे ऊपर झुक गयी और हम लिप किस करते हुए लय से चोदने में लग गए. मैं खाला को बेकरारी से चूमने लगा और चूमते चूमते हमारे मुँह खुले हुए थे जिसके कारण हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थीं.

इस तरह से मैंने खाला की जम कर चुदाई की और उनको जन्नत की सैर करा दी. मेरे लंड की लगातार चोटों से थोड़ी देर के बाद खाला फिर से झड़ गईं.

इसके बाद मैंने उनको घोड़ी बना दिया. अब मैंने उनकी चूत में पीछे से लंड को डालकर चोदना शुरू किया. मुझे लगा पीछे से लंड ज्यादा अन्दर तक गया और पहले से ज्यादा मजा आया.

खाला भी मस्ती में गांड आगे पीछे कर मेरा साथ देने लगीं. उनका दर्द वाला चिल्लाना एकदम बंद हो गया. मैं उन्हें लगातार धक्के देकर चोदता रहा. बीच बीच में पीछे से उनके मम्मों को पकड़ कर दबाता भी रहा. जब मैं उनके मोमे दबाता था, तो वह मुँह पीछे कर मुझे किस करने को कहती थीं और मैं उनके लिप्स चूसने लगता. मैंने करीब दस मिनट तक लगातार उनको उसी पोज़िशन में चोदा, उनकी हालत बुरी हो गई थी … वह कई बार झड़ चुकी थीं.

खाला निढाल होकर लेट गईं. मैं उनको प्यार से सहलाने लगा और किस करने लगा. मैं बोला- खाला क्या आपको मजा आया … दर्द तो नहीं हुआ?
खाला बोलीं- बहुत मजा आया … मेरे दुखती चूत का इलाज तुम्हारे लंड की चुदाई ही है.
खाला की चूत बुरी तरह से सूज चुकी थी … एकदम पकौड़ा हो गई थी. लेकिन मैं एक बार भी नहीं झड़ा था और लंड अभी भी तनतनाया हुआ खड़ा था.
खाला ने लंड को सहलाते हुए कहा- आज क्या बात है … ये ढीला क्यों नहीं हो रहा है?
मैंने कहा- आज ये आपकी गांड मारे बिना नहीं रूकेगा.

खाला शर्मा कर सिकुड़ गईं और मुझसे लिपट गईं. खाला बोलीं- आमिर, आज सारा भी वापिस आ जाएगी और शाम को तुम्हारा उसका निकाह हो जाएगा. फिर तुम उसको भी जम के चुदाई का पूरा सुख देना … बेचारी चुदाई के लिए बहुत तड़पी है. आज सारी रात तुमको उसकी चुदाई करनी है. मेरी गांड तो तुम, जब मर्जी मार लेना. अभी मेरी चूत की आग ठंडी करके थोड़ा आराम कर लो.
मैंने कहा- जो हुकुम मेरी मुमताज मलिका.

मैं खाला को बेकरारी से चूमने लगा. चूमते हुए हमारे मुँह खुले हुए थे, जिसके कारण हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थीं. फिर मैंने खाला की जम कर चुदाई की और उनको जन्नत की सैर कराई. फिर थोड़ी देर के बाद वो फिर झड़ गईं. खाला कई बार झड़ने के बाद निढाल हो रही थीं. मैं उनकी चूत में धक्के लगाने चालू रखता तो खाला फिर गर्म हो जाती थीं. आखिरी बार हम दोनों एक साथ झड़ गए. हम दोनों जन्नत में थे … इतना मजा आह. बस मत पूछो यार मज़ा आ गया.

खाला के शरीर पर कई नीले निशान पड़ गए थे. फिर उनको प्यार से सहलाते हुए और उनके होंठों पर किस करते हुए मैंने कहा- आय लव यू खाला … आपको चोद कर मैं धन्य हो गया.
खाला सिसकते हुए बहुत प्यारी लग रही थीं, लेकिन मुझसे गुस्सा भी थीं. वे बोलीं- जाओ हम तुमसे अब कभी नहीं चुदवाऊंगी … कोई ऐसे भी अपनी खाला को चोदता है.

उनकी आंखों से आंसू आ गये, लेकिन मुझे उनके चेहरे पर संतुष्टि साफ साफ नजर आ रही थी.
 

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आपा का हलाला-1



अब तक आपने मेरी कहानी
आपा के हलाला से पहले खाला को चोदा
में पढ़ा था कि नूरी खाला को जबरदस्त चुदाई का मजा देने के बाद दूसरे दिन मेरा निकाह हलाला की बंदिश में बंधी मेरी आपा सारा से होना था और उसके साथ मुझे शौहर के मानिंद रात गुजारनी होगी. मतलब उसे चोदना होगा.
अब आगे:

इधर उस हलाला वाली आपा के बारे में बता दूँ. आपको याद होगा कि मेरी एक कजिन थी, जिसका नाम सारा था और उसकी उम्र लगभग उन्नीस साल की थी. उसकी शादी हमारे कजिन इमरान से हुई थी और उनका आपस में बहुत प्यार मोहब्बत था. फिर पता नहीं क्या हुआ कि इमरान ने ग़ुस्से में आकर मेरी कजिन सिस्टर को तलाक़ दे दिया और इसी कारण से वह शादी में भी नहीं आयी थी.

इस तलाक देने के बाद मेरे कजिन को बहुत पछतावा हुआ और इमरान ने दोबारा सारा से शादी करने की ख्वाहिश की, तो मौलवी साहेब बोले कि शरीयत के रूल से सारा को हलाला से गुजरना होगा और कम से कम एक रात के लिए किसी और की बीवी बनना पड़ेगा, तब ही तुम दोनों की शादी हो सकती है.

उसके बाद शाम के समय मेरा और सारा का निकाह हो गया. तो मेरे मामू जो सारा के ससुर भी थे, उन्होंने मुझे बाहर बुलाया और कहने लगे कि आमिर बात सिर्फ निकाह की नहीं थी, तुम्हें रात को अपनी कजिन सिस्टर के साथ मियां बीवी की तरह सोना भी पड़ेगा.

मुझे ये बात पहले ही खाला ने बता दी थी. मैं और भी खुश हो गया. लेकिन दिखावे के गुस्से से मैं बोला कि मामू ये नहीं हो सकता.
तो मामू ने मेरे अब्बा को फ़ोन किया और दिक्कत बताई, तो उन्होंने भी इजाजत दे दी.

मैंने इतने में देखा सारा की एक छोटी बहन ज़रीना भी थी. वो अठारह साल की थी और बला की खूबसूरत थी. एकदम पतली लम्बी … गोरा रंग और कश्मीरी होने के कारण उसके लाल सुर्ख गाल थे. वो देखने में बिल्कुल ज़रीन खान हीरोइन जैसी लग रही थी. उसे देख कर यही लगता था कि यह तो सच में ज़रीन खान की जुड़वाँ बहन है. मैंने उसको देखा तो देखता रह गया. मेरा मन बेईमान हो गया.
मैंने खाला से पूछा- ज़रीना के लिए क्या सोचा है?
तो खाला बोलीं- अभी सोच रहे हैं … सोचती थी कि तुमसे इसका निकाह करवा दूँगी.

इधर अब सारा भी मेरी बीवी थी, पर उसे तो हलाला के चलते तलाक देना होगा. मैंने कहा- खाला, आप मुझे जरीना दे दो. वह मुझे भा गयी है. ज़रीना से भी मेरा निकाह पढ़वा दो.
इस बात पर खाला बोलीं- चाहती तो मैं भी यही चाहती हूँ.

इसके बाद खाला ने मामू से बात की. ये बात फिर अब्बा हज़ूर और अम्मी के पास गयी और उन्होंने भी इजाजत दे दी. मेरा निकाह सारा के साथ साथ जरीना से भी पढ़वा दिया गया.
अब कुछ बाकी नहीं था, तो मैं एक रात का दूल्हा बन सारा के साथ रात गुजारने के लिए ऐसे मान गया जैसे मैं सारा की चुदाई बेमन से कर रहा हूँ.

हम घर आए. सर्दियों की रातें थी. रात को 8:30 बजे उन्होंने मुझे कमरे में भी भेज दिया, जहां मेरी कजिन सारा अपने एक रात के शौहर का इंतज़ार कर रही थी. सारा भी बला की खूबसूरत थी, उसके बड़े बड़े मम्मे, जिनकी साइज 38c थी. उसकी मोटी गांड की साइज 40 इंच थी. सपाट पेट और कमर 26 इंच की और जिस्म भरा हुआ था. वो लम्बी थी और मुख़्तसर ये कि वो खतरनाक हद तक खूबसूरत और सेक्सी थी.

उस वक्त वो लाल रंग के कश्मीरी दुल्हन के कपड़ों में थी. दुल्हन के लिबास के लिए लाल मेरा पसंदीदा कलर है. मैं उसके पास बैठ गया. मैंने करीब जाकर उसका घूंघट उठा दिया और सारा की ओर देखा. उसकी शक्ल सूरत बिल्कुल कटरीना कैफ की थी. मुझे तो अपने नसीब पर रश्क़ होने लगा.

एक ही दिन में दो नयी बीवियां … एक कटरीना जैसी और दूसरी ज़रीन खान जैसी. मेरी तो जैसे लाटरी लग गयी मेरा लौड़ा सलामी देने लगा. साथ साथ मैंने उसका हाथ अपने हाथ में पकड़ रखा था और उसे सहला भी रहा था.

मैंने उससे कहा- सारा, मेरे दिल की तमन्ना आज पूरी होने जा रही है. मैं कभी सोच भी नहीं सकता था कि तुम्हारे साथ कुछ कर सकूँगा.
उसने बोला- आमिर, मेरे भी दिल में दबी दबी ख्वाहिश थी कि काश कभी हम आपस में चुदाई कर सकते. लेकिन ऐसा न हो सका और तुम पढ़ने इंग्लैंड चले गए और मेरी तीन महीने पहले शादी हो गयी.
फिर मैंने पूछा- उसने तुम्हारी जैसी खूबसूरत बला को तलाक़ कैसे दे दिया?
सारा बोली- मेरा उससे झगड़ा होता था.
मैं- किस बात को लेकर?

वह खुल बताने में शर्मा रही थी … मैंने कहा- शर्माओ मत … अब मैं तुम्हारा शौहर हूँ और कजिन भाई भी हूँ. शायद तुम्हारी आगे की जिंदगी में कुछ मदद कर सकूं.
वह शर्मा कर बोली- इमरान का लंड बहुत कमजोर था और खड़ा भी नहीं होता था. वह नामर्द था और मैं अब तक कुंवारी हूँ.
मैंने पूछा- अब दुबारा निकाह के बाद कैसे होगा … तुम कैसे मान गईं?
वह बोली- अब वह इलाज कराने को मान गया है.
मैंने कहा- अगर ठीक नहीं हुआ तो तुम्हारा क्या होगा?

वह धीरे धीरे रोने लगी- वह मुझे मारता भी था. अब मैं उससे शादी नहीं करना चाहती, पर अम्मी के दबाव में हलाला के लिए राजी हो गयी हूँ. फिर उससे दुबारा निकाह भी कर सह लूंगी.
मैंने उसके आंसू पौंछे और बोसा लेकर बोला- मेरी जान, अब तुम मेरी जिम्मेवारी हो.
फिर मैंने आहिस्ता से उसका हाथ पकड़ कर अपने होंठों से लगा लिया, उसे मेरे स्पर्श से कंपकंपी सी आ गयी. फिर मैंने उसकी एक उंगली अपने मुँह में लेकर आहिस्ता आहिस्ता चूसी और कभी कभी बाईट भी कर देता था. वो गर्म हो रही थी.

उसने मुझे गले से लगा लिया और हम दोनों ने एक बहुत डीप किस की. फिर मैंने उसकी जुबान चूसनी शुरू कर दी. उसने मेरी भी ज़ुबान चूसी. इस दौरान मेरा बायाँ हाथ उसके बालों पे था, जिससे मैंने उसकी गर्दन को पीछे को खींची हुई थी. मेरा दायाँ हाथ उसके मम्मों को दबा रहा था. वो मादक सिसकारियां भर रही थी.

फिर मैंने उसकी क़मीज़ उतार दी, उसने रेड ब्रा पहनी हुई थी. उफ्फ्फ्फ … क्या मम्मे थे उसके … दूधिया रंगत के पिंक निप्पल एकदम से खड़े हुए थे. मैंने आहिस्ता आहिस्ता उसके सारे कपड़े उतार दिए और अपने भी निकाल दिए. वो मुझे दीवानों की तरह छाती पे किस कर रही थी और मेरे निप्पल से खेल रही थी. मैं भी उसके सारे जिस्म पे हाथ फेर रहा था और वो गरम से गरमतर हो रही थी.

फिर मैंने उसे उल्टा लेटने को कहा, वो लेट गयी और मैंने उसकी गर्दन से उसे चाटना शुरू किया. उसके दोनों बाज़ू हाथ और आर्मपिट … उफ्फ्फ्फ़ … क्या मदहोश कर देने वाली महक थी उसके जिस्म की. जब मैं उसके आर्मपिट और गर्दन पे ज़ुबान लगाता था, तो वो ऊपर को उछल पड़ती थी, जिससे मेरा लंड उसकी गांड पे टच हो रहा था.

उसने हाथ बड़ा कर मेरा लंड पकड़ा और बोली- उफ्फ्फ्फ़ हाय अल्लाह … इतना बड़ा इतना मोटा … और मजबूत … मेरी तो ये आज फाड़ ही डालेगा … ज़रीना तो बहुत किस्मत वाली है … जिसे इतना मजबूत लंड मिला है.
मैंने कहा- मेरी रानी, अब ये तुम्हारा भी है … आज रात इसके पूरे मजे कर लो.

हम दोनों जल्द ही चुदाई की पोजीशन में आ गए. इस वक्त मैं उसके ऊपर दोनों तरफ टांगें फैला कर चढ़ा हुआ था. इसी तरह चूमते चाटते मैं उसकी गांड पे आ गया और ज़ोर से उसकी नंगी गांड पे एक थप्पड़ मारा.
‘उफ्फ़ …’ उसकी गांड ऐसे फड़फड़ाई कि क्या बताऊं. फिर मैंने उसकी गांड पे दांत से काटना शुरू कर दिए, जिससे वह मरने की हद तक पहुंच गयी. फिर मैंने अपना हाथ उसकी गांड की दरार में डाला और उसकी चूत और गांड को सहलाने लगा. साथ साथ उसकी टांगों को भी चूमने लगा. फिर मैंने उसे सीधा लेटने को कहा. जब मैंने उसका मुखड़ा देखा तो टमाटर की तरह लाल हो रहा था. मुझसे रहा ही न गया और मैं उसके गालों पे बहुत देर किस करता रहा, काटता भी रहा. फिर मैंने उसकी गर्दन पे किस किया और फिर उसके मम्मों को सहलाने लगा.

मैं अब भी उसके ऊपर उसी पोजीशन में था और जब मैंने नीचे मुँह कर के उसके मम्मे को अपने मुँह में लिए, तो साथ साथ मेरा लंड उसकी बग़ैर बालों की चूत, जो बिल्कुल गीली हुई पड़ी थी, उससे टच कर रहा था. मैंने नोट किया जब मेरा लंड उसकी चूत से टच करके ऊपर को उठता था तो उसकी चूत के रस से लंड की टोपी के साथ एक तार सी बन जाती. मैं पूरे जोश में था. मैंने बारी बारी उसके दोनों चूचे चूसे और उनको दबा दबा कर काटता भी रहा. फिर मैं उसके पेट पे किस करता रहा और उसकी चूत पे आ गया.

मैंने उसकी रानों पे किस किया और वहां जुबान से चाटने चूमने लगा. जब मैंने अपनी जुबान उसकी चूत के आसपास फेरी, तो मुझे उसकी गीली चूत का कुछ अजीब सा स्वाद लगा लेकिन मैं मज़े से पागल हो रहा था. मैंने दीवानगी के साथ उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया.

ऐसा करते देख कर सारा ने खुद ब खुद अपनी टांगें फैला दीं और मेरे बालों में हाथ फेरने लगी. मैं ज़ोर ज़ोर से उसकी चूत चाट रहा था. मैं उस वक्त तक नहीं रूका, जब तक कि उसकी चूत का पानी न निकल गया. मैं ये देख कर हैरान रह गया कि उसकी मनी (कामरस) भी बिल्कुल मेरी मनी की तरह गाढ़ी थी.

फिर जब मैंने अपना मुँह हटाया तो वो भूखी शेरनी की तरह उठी, उसने मुझे नीचे गिराया और मेरे ऊपर चढ़ गयी. मेरा लंड जो इस वक्त बिल्कुल खूंखार हो चुका था … उसकी गीली चूत से टच हुआ.
लेकिन उसने एक नया काम किया. मैं सोच रहा था कि अभी मेरा लंड अपनी चूत में ले लेगी लेकिन उसने मेरे पेट पे लेट कर इस पोजीशन में कर लिया कि मेरा लंड बस उसकी चूत के मुँह को टच करता रहे. उसने अपनी ज़ुबान से मेरे होंठों पे और आस पास लगाई और मेरे मुँह में लगी अपनी मनी को चाटना शुरू कर दिया.

उफ्फ्फ … क्या बताऊं … यार उसने अपनी खुद की सारी मनी मेरे मुँह से साफ़ कर दी. इसके बाद उसने मेरे माथे से बोसे लेना शुरू किया. किस के साथ साथ वो हिल भी रही थी, जिससे लंड और चूत आपस में चुम्मी चुम्मी खेल रहे थे. मुझे और उसे इस खेल का भरपूर मज़ा आ रहा था. उसने मेरी आँखों, मेरे गाल, मेरी नाक को पहले किस किया, फिर चूसा. फिर उसने मेरे कानों को किस किया … लिक किया … बाईट किया और कान में ज़ुबान डाल दी.

उफ्फ़फ … मेरा तो बुरा हाल हो गया था.

फिर उसने मुझे फ्रेंच किस की और अचानक किस खत्म करके उसने मेरे होंठों के ऊपर वाले हिस्से को, मतलब मूंछों वाली जगह को लिक किया और मेरे नाक में भी अपनी जुबान से किस करती रही. ये मेरे लिए नया तजुर्बा था.

फिर उसने मेरी गर्दन को किस किया और फिर मेरे सीने को दोनों हाथ से मसलती रही. वो मेरे सीने पे और कन्धों पर काटती रही. सारा इस वक़्त ज़ख़्मी शेरनी से कुछ कम नज़र नहीं आ रही थी. उसने मेरे निप्पलों की भी किस करना चालू कर दिया और बारी बारी से वो मेरे दोनों निप्पलों को दांतों से काटने में लग गई.

खैर … वो किस करती हुई मेरे नीचे आ रही थी. जब वो नीचे हो रही थी, तो मेरे लंड पर उसकी चूत ऐसे फिसली कि मत पूछो … मैं तो उस रगड़ से सातवें आसमान पे पहुंच चुका था. मुझे कुछ जल्दी नहीं थी … मैं बस अपनी एक रात की शादी को एन्जॉय कर रहा था.

खैर उसने मेरे लंड की टिप पर ज़ुबान रख दी और लंड को हाथ में पकड़ा, जो उसकी चूत के पानी से बिल्कुल गीला हो चुका था. वो मेरे लंड को सहलाने लगी और मेरी गोटियों को अपनी ज़ुबान की नोक से बिल्कुल नीचे से ऊपर तक मेरे लंड के सुराख तक चाटती हुई ऊपर आई. फिर उसने मेरे लंड की टोपी को किस किया और मुझे टांगें खोलने को कहा.

मैंने टांगें खोलीं तो अगले ही लम्हे में मेरा पूरा जिस्म मज़े से कंपकंपा उठा. उसने मेरी गांड के सुराख़ के पास से शुरू चाटना करके मेरी गोटियों और मेरे लंड की टोपी तक जो जुबानी चांटा लगाया. तो मेरे मुँह से बेइख़्तियार सिसकारी निकल गई- उम्म्ह… अहह… हय… याह… सीईईईई आह …

क्या बताऊं दोस्तो आपको … साली पूरी खिलाड़िन थी.

फिर उसने मेरे लंड को अपने मुँह में ले कर चूसना शुरू कर दिया. मैंने उसे इशारा किया तो वो मेरे ऊपर 69 पोजीशन में आ गयी. ऊपर होने की वजह से उसकी चूत और गांड खुल कर मेरे सामने आ गयी थी. मैंने भी दीवानों की तरह उसकी चूत पे ज़ुबान चलानी शुरू कर दी. अब मैं अपनी ज़ुबान उसकी चूत में भी डाल रहा था और ज़ुबान से सारा को छेड़ रहा था. जैसे ही मेरी ज़ुबान उसकी चूत में जाती, वो बहुत ज़ोर से मेरे लंड का चुप्पा लगाती.

ऐसे ही करते करते हम दोनों का पानी निकल गया, जिसे हम दोनों ने पी लिया. सर्दी के बावजूद भी हमारे जिस्म तप रहे थे. इस सारे काम में हमें तक़रीबन एक घंटा लग गया था … और इस एक घंटे में हम दोनों एक दूसरे से बहुत कम बोले.
वो मेरे बराबर में लेट गयी और बोली- आमिर … मुझे ज़िंदगी में इतना मज़ा कभी नहीं आया … जितना आज आया है. आज तुम मेरी सील भी तोड़ दो.
 

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आपा का हलाला-2


अब तक आपने जाना था कि इमरान के तलाक दे देने के बाद मेरी (कजिन सिस्टर) आपा हलाला के चंगुल में आ गई थी और अब उनका निकाह मेरे साथ हो गया था. आज उनकी सुहागरात मेरे साथ हो रही थी. सारा आपा ने मुझे बताया कि इमरान के कमजोर लंड के कारण उसकी सील अब तक नहीं टूटी है … और आज मैं उसकी सील तोड़ दूँ.
अब आगे:

मैंने कहा- जल्द ही यह काम भी कर दूंगा, ये तो क़िस्मत की बात होती है, तुम्हारी शादी हो गयी … फिर भी तुम कुंवारी रही और मेरी सुहागरात तुम्हारे साथ मन रही है. कसम से तुम्हारे साथ बहुत मजा आ रहा है. शायद किस्मत हमें मिलाना चाहती है.

फिर हम कुछ देर इधर उधर की बातें करते रहे. इस दौरान में उसके मोटे मोटे चूतड़ों पे हाथ फेरता रहा, जिससे वो आहिस्ता आहिस्ता फिर से मस्त होने लगी और उसने उठ कर फिर से मेरा लंड चूसना शुरू कर दिया, जो अब तक खड़ा हो चुका था. उसने चूस चूस कर मेरा लंड सुजा दिया था. चूसने से लंड बिल्कुल लोहे की रॉड की तरह कड़क हो गया था. जब वो लंड चूस रही थी, उस वक़्त वो अपनी चूत को मेरे पांव के अंगूठे से रगड़ रही थी.

फिर वो एकदम से उठी और बोली- आमिर, अब बस करो … मुझे आज भर दो.
मैं उठा और मैंने उसकी दोनों टांगों को फैलाया तो हैरान रह गया कि इतना भरा हुआ जिस्म होने के बावजूद भी इतनी लचक थी कि टांगें बिल्कुल बेड के साथ लग गईं और उसकी मोटी और सूजी हुई चूत खुल कर मेरे सामने आ गयी.

मैंने देखा कि उसकी खुली छाती पर तने हुए उरोज अपने सिरे पर गुलाबी छतरी ताने मुझे ललचा रहे थे. मैंने एक तरफ के गुलाबी चुचूक को अपने मुँह में रखा और दूसरे को उंगलियों के बीच फंसाकर हल्के से दबाने लगा. थोड़ी देर बाद दूसरे निप्पल को मुँह में भरा व इधर के निप्पल को उंगलियों से दबाने लगा.

मैंने चूत के सुराख़ पर लंड की टोपी रख दी और हल्का हल्का रगड़ने लगा. फिर मैं अपने लंड को उसकी चूत पर लगा कर अन्दर बाहर करने की कोशिश करने लगा लेकिन आधी टोपी तक कभी मैं लंड अन्दर करने की बजाए उसके दाने पे रगड़ देता, तो वह तो किसी कुतिया की तरह गुर्राने लगती. फिर तुंरत ही अपने चूतड़ों और घुटनों को ऊपर नीचे करके लंड को अपनी चूत पर टक्कर दिलवाने लगी.

फिर वो हाथ जोड़ कर बोली- आमिर प्लीज़ पेल दो ना … क्या मुझे मारने का इरादा?
सारा मेरे लिंग को अपनी चूत के प्रवेश पर बार बार रगड़ रही थी और शायद जैसे ही वो सही सीध में आया, मैंने धीरे धीरे नीचे होना शुरू किया … पर या तो चिकनाई ज्यादा थी … या सारा का छेद सही नहीं बैठ पा रहा था … जिस वजह से मेरा लंड फ़िसल गया.

सारा ने अपना हाथ बढ़ाया और अपने हाथ से मेरे लंड को पकड़ कर अपनी चूत के छेद पर फिर से रख कर फिर से नीचे दबाने को कहा. पर इस बार फिर से लंड नाभि की तरफ़ चला गया. तब मैंने ख़ुद ही अपने लिंग को पकड़ा और सारा की चूत में डालने की कोशिश की. जैसे ही मैंने एक हल्का सा धक्का लगाया, तो शायद वो थोड़ा अन्दर गया. क्योंकि सारा के हाथ और पाँव एकदम हवा में उठ गए और मुँह से सिसकारी निकल गई.

सारा के मुँह से हल्की सी चीख निकल गई- उम्म्ह… अहह… हय… याह… आहह अब लंड डाल दो … अब और इंतज़ार नहीं होता … प्लीज जल्दी करो ना … प्लीज आहहह …

अब मैं टोपी से लगातार उसकी चूत को छेड़ रहा था और वो ज़ोर से सिसकारियाँ भर रही थी- आमिर ये तूने क्या कर दिया? अब मुझसे रहा नहीं जा रहा है, जल्दी से चोद दो, मेरी चूत में आग लग रही है.
वो ज़ोर-जोर से हाँफ रही थी और ‘आहह … एम्म … ओह … आआअ … डालो ना अन्दर …’ जैसी आवाजें निकाल रही थी.

अभी मैंने दो तीन ही धक्के मारे थे कि सारा ने दर्द से तड़फ कर मुझे रोक दिया, वो बोली- दर्द हो रहा है … आपका तो बहुत बड़ा है … मेरी चूत बहुत छोटी है फट जाएगी.
मैंने कहा- घबराओ मत आराम से करेंगे.

हम दोनों एक दूसरे को ‘आई लव यू…’ बोले जा रहे थे. मैंने टोपी एडजस्ट करके एक इतने ज़ोर का धक्का लगाया कि मेरा लंड चूत में सैट हो गया. मैंने अपने लंड के बाहर निकले हिस्से पर थूक लगाया और उसके दोनों पैरों को फैला दिया.

अब मैंने दबाव बनाते हुए अपने लंड को उसकी चूत में और अन्दर डाल दिया. वो मछली की तरह तड़फ उठी. तभी मैंने सारा की कमर पकड़ कर एक और जोरदार धक्का दे मारा. वो उछल पड़ी. मगर तब तक मेरे लंड का काफी हिस्सा उसकी चूत में फंस चुका था. मैंने फिर एक जोरदार धक्का मारा. पूरा कमरा सारा की चीख से भर गया. उसकी सील टूट गई थी. मैंने सारा की चुची को दबाना चालू कर दिया. मैंने सारा के दर्द की परवाह किए बगैर अगला झटका लगा दिया और अपना मूसल लंड चूत में घुसेड़ दिया.

इस बार सारा पहले से ज्यादा तेज़ चिल्लाई, सारा के आंसू निकल आये थे, पर मैं कहां मानने वाला था. मैंने फिर एक और जोर से धक्का मारा. इस बार करीब आधा लंड अन्दर घुस गया था. जैसे ही लंड घुसा … वो बहुत जोर से चिल्लाने लगी- आह … फट गई … आहह आआअह … प्लीज़ इसे बाहर निकालो … मैं मर जाऊंगी … उफ़फ्फ़ आहह आआहह …

उसकी आँखों से आँसू निकलने लगे थे लेकिन मैं नहीं रुका. मुझे लगा मेरा लंड उसकी झिल्ली से जा टकराया था क्योंकि इस बार मैंने कोई अवरोध महसूस किया था. मैंने हल्का ज़ोर लगाया लेकिन लंड अन्दर नहीं जा रहा था.

एक बार फिर मैं थोड़ा सा पीछे हटा और फिर अन्दर की ओर दबाव दिया. उसको दर्द हुआ तो मैंने थोड़ा सा लंड फिर से पीछे किया और कमर उठा कर फिर से धक्का मार दिया. मेरा लंड ज्यादा गहरायी तक अन्दर चला गया था. मुझे महसूस हुआ कि मेरे लिंग को सारा ने अपनी योनि रस ने भिगो दिया था, जिसकी वजह से लिंग आसानी से अन्दर और बाहर हो पा रहा था.

अगली बार के धक्के में मैंने थोड़ा दवाब बढ़ा दिया. मेरी साँसें जल्दी जल्दी आ रही थीं. सारा आपा ने अपनी टांगें मेरे चूतड़ों से और बाहें मेरे कंधे पर लपेट दी थीं और अपने नितम्बों को ऊपर की ओर उठा दिया था. अन्दर अवरोध महसूस होने लगा था. लंड झिल्ली तक पहुँच चुका था. मेरा लंड सारा आपा की हायमन से टकरा रहा था और जब लंड ने उसे भेदकर आगे बढ़ना चाहा तो सारा चिल्लाने लगी कि दर्द के मारे मैं मर जाऊँगी.

मैंने पूरी ताकत के एक धक्का लगा दिया. सारा की टांगों ने भी मेरे चूतड़ों की नीचे की ओर से कस लिया. ‘ओह अम्मी …’ सारा के मुँह से निकला.

जैसे ही मेरा मोटा मजबूत गर्म, आकार में बड़ा लिंग पूरी तरह से गीली हो चुकी योनि में घुस गया, तो सारा आपा के बड़े बड़े स्तन ऊपर की ओर उठ गए और शरीर एंठन में आ गया. लंड अन्दर और अन्दर चलता चला गया, चूत के होंठों को खुला रखते हुए क्लिटोरिस को छूता हुआ लंड पूरा का पूरा अन्दर तक चला गया था. सारा आपा की योनि मेरे लिंग के सम्पूर्ण स्पर्श को पाकर व्याकुलता से पगला गयी थी.

उधर मेरे हिप्स भी कड़े होकर दबाव दे रहे थे और लिंग अन्दर जा चुका था. पूरा लंड उसकी चूत में समा गया और उसकी चीख निकल गयी. सारा की चीख इतनी बुलंद थी कि एक बार को तो मैं भी डर गया कि कोई पूछने ही न आ जाए … लेकिन तब भी मुझे सारा आपा की सील तोड़ने में बहुत मज़ा आया.

आपा भी दर्द के मारे चिल्लाने लगी … जो इर्द गिर्द गूँज उठी थी- आहहह आय मर गई … उउउइइ ओहह … बहुत दर्द हो रहा है … प्लीज इसे बाहर निकाल लो … मुझे नहीं चुदवाना तुमसे … तुम बहुत जालिम हो … यह क्या लोहे की गर्म रॉड घुसा डाली है तुमने मुझमें … निकालो इसे … नो प्लीज बहुत दर्द हो रहा है … मैं दर्द से मर जाऊंगी प्लीज निकालो इसे!

सारा आपा की आँखों से आंसू की धारा बह निकली. मैं उन आंसुओं को पी गया. मैं बोला- मेरी रानी … बस इस बार बर्दाश्त कर लो … आगे मजा ही मजा है.
सारा आपा चुप हो गई.

कुछ ही देर की कोशिशों के बाद लंड सैट हो गया और दर्द भी काफूर सा होने लगा था. अब सारा चीखने चिल्लाने लगी- हाआअ … राआआजा … आईसीईई और जोर से और जोर से चोदो. आज मेरी चूत को फाड़ दो, आज कुछ भी हो जाए लेकिन मेरी चूत फाड़े बगैर मत झड़ना … आआह और ज़ोर से … उउउईईई अम्मी … आहह..

फिर तो झटकों का सिलसिला शुरू हो गया. अब मैं उसके ऊपर लेट कर उसे किस भी कर रहा था और एक हाथ से उसके मम्मों को सहला भी रहा था.

कभी कभी 2 उंगलियों में उसकी निप्पल को भी ले कर मसलता और कभी बहुत ज़ोर से खींचता, उसके निप्पल तने हुए थे. मैं भी मज़े से लंड को चूत के अन्दर बाहर कर रहा था. दस मिनट में वो 2 बार छूटी, कमरे में मेरे झटकों की आवाज़ बहुत बुलंद थी.

अब मैं उसकी चिल्लपों से कतई नहीं डर रहा था और न ही उसके बोलने की आवाज़ आ रही थी. खैर झटकों के एक लम्बे सिलसिले के बाद मैंने उससे बोला कि मैं झड़ने वाला हूँ.
तो उसने बोला- अन्दर ही डालो … मुझे तुमसे एक बच्चा चाहिए.
मैंने कहा- जो हुकम सारा बेगम!
मैं ज़ोर ज़ोर से झटके मारने लगा. अब सारा भी भरपूर साथ दे रही थी. फिर एक दर्दनाक झटके के साथ मेरा लंड उसकी बच्चेदानी से जा टकराया और वहीं रुक कर पानी छोड़ने लगा. मैंने महसूस किया कि वो भी फारिग हो गयी थी. मैं सारा के ऊपर गिर गया.

मैं कुछ देर के लिए उसके ऊपर ही पड़ा रहा … कुछ देर के बाद वो भी शांत हो गई. मैं ऐसे ही उसके ऊपर ही लेटा हांफता रहा और वो मेरी कमर और मेरे बालों को सहलाती रही. इतना खुमार था कि मेरी आंखें मजे के कारण बन्द हो रही थीं, मगर दिल करता था कि मैं यूं ही इसी हालत में ही सो जाऊं.

लेकिन … अभी तो बहुत मज़े लेने थे.

कुछ देर बाद मैं उसके ऊपर से लुढ़क कर साइड पे बेड पे सीधा गिर गया और मेरा लंड भी बाहर आ गया. मेरे लंड पे खून लगा हुआ था. सारा की चूत से खून मेरा स्पर्म और उसका पानी बह रहा था. चादर लाल हो गयी थी. मैं साइड टेबल से सिगरेट का पैकेट उठा कर सिगरेट पीने ही लगा था कि उसने मुझे फ्लास्क से दूध निकाल कर गिलास को भर कर दिया … जो नीम गरम था. उसने खुद भी एक गिलास दूध पिया.

दूध पीने के बाद हम दोनों वाशरूम में पहुंचे. गर्म पानी का शावर लिया और फिर से बेड पर आ गए.

उसके बाद अगला राउंड शुरू हो गया. मैंने कहा- सारा इस बार तुम ऊपर आओ.
मैं सीधा लेट गया और सारा मेरे ऊपर आ गयी और मुझे लिप किस करने लगी. कुछ ही देर में सारा ने मेरा लंड अपनी चूत में डाल लिया और हम लिप किस करते हुए चुदाई करने लगे.

कुछ देर बाद सारा सीधी हो गयी और उसने अपने हाथ मेरी छाती पर रख दिए. मैं उसके गोल सुडौल मम्मे चूसने दबाने लगा, तो वो खुद ब खुद मेरे लंड पर ऊपर नीचे होने लगी. मेरे भी चूतड़ चलने लगे थे. हर धक्के के साथ सारा के मुँह से आह निकल जाती थी. सचमुच वो काफी मादक लग रही थी.

लगभग आधे घंटे बाद हम दोनों एक साथ झड़ गए.

अगले राउंड में हमने पोज़ बदल दिया और मैंने सारा को घोड़ी बना दिया और लंड उसकी चूत में डाल दिया. मुझे लगा जैसे मेरा लंड इस बार कुछ ज्यादा अन्दर गया. फिर हम रिदम में चुदाई करने लगे. मैं उसके गोल मम्मे दबाने लगा और खुद आगे पीछे होने लगी. हर धक्के के साथ सारा के आह निकल जाती थी. सचमुच वो काफी प्यासी थी. फिर पन्द्रह बीस धक्कों के बाद पीछे से अन्दर डाले हुए ही मैंने उसे खड़ा कर किया और कस कस कर धक्के लगाने शुरू कर दिए.

लगभग बीस मिनट बाद हम दोनों एक साथ फिर से झड़ गए.

उस रात मैंने सारा आपा या सारा बेगम, जो भी कह लो, लगातार 4 बार चोदा, जब मैं आखरी बार उसकी गांड में लंड डाल कर चोद रहा था तो फजर का टाइम हो गया और मामू ने डोर नॉक कर के हमें आवाज़ दी. मैं ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने लगा ताकि मामू भी चुदाई की आवाज़ सुन लें और समझ जाएं कि हम जाग रहे हैं.

खैर फिर मैं फारिग हुआ. हमने एक बहुत लम्बी जफी लगाई और किस भी की.

फिर हम फ्रेश होने चले गए.
 
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आपा का हलाला-3




आपने पढ़ा था कि कैसे मैंने सारा आपा के हलाला से पहले नूरी खाला को चोदा. उसके बाद मेरा निकाह-ऐ-हलाला कुंवारी सारा आपा के साथ हुआ और कैसे मैंने कश्मीर में उसके साथ सुहागरात में उसे चोदा.
उस रात मैंने सारा आपा या सारा बेगम, जो भी कह लो, लगातार 4 बार चोदा, जब मैं आखरी बार उसकी गांड में लंड डाल कर चोद रहा था तो फजर का टाइम हो गया और मामू ने डोर नॉक कर के हमें आवाज़ दी. मैं ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने लगा ताकि मामू भी चुदाई की आवाज़ सुन लें और समझ जाएं कि हम जाग रहे हैं.

खैर फिर मैं फारिग हुआ. हमने एक बहुत लम्बी जफी लगाई और किस भी की.

फिर हम फ्रेश होने चले गए.< बाथरूम में जाकर मैंने मिरर में देखा कि मेरे सीने पे उसके नाखूनों के और उसके पूरे जिस्म पे मेरे दांतों के निशान बने थे. मैंने सारा से पूछा कि क्या वह अब भी इमरान के पास जाना चाहती है?
उसने मुझसे पूछा- क्या आप चाहते हो? मैं इमरान के पास चली जाऊं? मैंने कहा- नहीं! सुबह मौलवी साहब को बुलाया गया. उन्होंने रवायत बताई. जिसके मुताबिक़ मैं सारा को तीन तलाक देकर उसकी इमरान से शादी का रास्ता साफ़ कर सकता हूँ.
मैंने कहा- इमरान को बुलवाइए ... मैं उससे बात करूँगा ... फिर कोई फैसला करूंगा. इमरान आया और उसकी छोटी बहन भी साथ आयी. वह लगभग अठारह साल की होगी. बहुत हसीन और कमसिन थी. उसके बड़े बड़े चूचे थे और बड़ी मस्त गांड थी. उसका नाम दिलिया था. इमरान गिड़गिड़ाने लगा, अपनी गलती मानने लगा. मैंने उसको अलग ले जाकर पूछा तो उसने बताया कि वह इलाज कराने को तैयार है. मैंने कहा- तुम्हें अपना इलाज करना पड़ेगा ... अगर तुम ठीक हो जाओगे तो ही मैं सारा को तलाक़ देकर तुमसे शादी करवाऊंगा. वो राजी था. फिर मैंने कहा- शरीयत के हिसाब से सारा को तलाक़ देने के लिए तुम्हें सजा भी मिलेगी. वह बोला- जो सजा आप दोगे, मैं मानूंगा! मैं बोला- पर अगर तब तक सारा को मेरा बच्चा हो गया तो फिर तलाक़ नहीं दूंगा. वह फिर गिड़गिड़ाने लगा. मैं सारा की जवानी को याद करते हुए इमरान के मजे ले रहा था. सारा के पहले शौहर इमरान की बहन दिलिया को देख मेरा मन अब फिर बेईमान हो गया था. मैंने कहा- ठीक है, दिलिया की शादी मुझसे कर दो. इमरान झट से मान गया और मैंने उसी दिन दिलिया और ज़रीना से भी निकाह कर लिया. मैंने वापिस हैदराबाद जाने की जिद की तो खाला बोली- कुछ दिन रुक जाओ, लोग तो हनीमून मनाने कश्मीर आते हैं. तीनों बीवियों से मिल कर सुहागरात मना लो, फिर चले जाना. पर फिर मेरी जिद पर उन्होंने मुझसे कहा- ठीक है अपनी तीनों बीवियां अपने साथ ही ले जाओ. मैं मान गया और और उसी दिन अपनी नयी कमसिन तीनों दुल्हनों के साथ हैदराबाद की फ्लाइट पकड़ ली. मेरे साथ मेरी तीनों बीवियां, सारा, ज़रीना और दिलिया थीं लेकिन सारा तो फ्लाइट में भी मुझे छोड़ने को तैयार नहीं थी. चाचा और और कश्मीर वाली खाला भी साथ थे. सारा और ज़रीना के साथ हैदराबाद चल दी. दिलिया के साथ उसकी एक बहन अबीर भी आई थी. फ्लाइट में सारा ज़िद करके मेरे साथ हो चिपक कर बैठी और पूरी फ्लाइट में उसका हाथ मेरे लंड को दबाता सहलाता रहा. मैंने भी बीच बीच में उसकी चूत और मम्मों को खूब दबाया, सहलाया. सभी मुझसे मजाक करती रहीं और मैं हंस हंस कर सभी के जवाब देता रहा. हैदराबाद पहुंचने पर हमारा जोरदार स्वागत हुआ और सबने नयी नवेली दुल्हनों को ढेरों तोहफे दिए. तीन नयी ख़ूबसूरत दुल्हनें मिलने पर मुझे बधाई दी. सभी बहुत खुश थे. फिर अम्मी ने कहा- आज तुम ज़रीना के साथ सुहागरात मनाओ. मैं इधर अब थोड़ा सा ज़रीना के बारे में बता दूँ. उसका चेहरा मोहरा बिल्कुल एक्ट्रेस ज़रीन खान के जैसा है. हाइट भी पांच फिट सात इंच है, फिगर 32-28-30 की है और काली आंखें और काले बाल, गजब की मादक सुंदरता है. जब वह मुस्कुराती है, तो गालों के डिंपल बस दीवाना कर देते थे. लाल रंग के साड़ी में गहनों फूलों से लदी ज़रीना महकती हुई सुहाग की सेज़ पर मेरे इंतज़ार में सो गयी. दिन भर की भागदौड़ के बाद रात में जब सब लोग अपने कमरों में चले गए, तो सभी सालियां और बहनें मिल कर मुझे मेरे कमरे में ले गयी. कमरे में पहुंचकर देखा तो ज़रीना और सारा एक ही बिस्तर पर सो रही थीं. मैंने सारा को जगा कर उसे दूसरे कमरे में जाने के लिए कहा. परंतु उसने कहा कि वह भी यहीं सोएगी, ज़रीना भी तब तक जग चुकी थी. मेरा दिमाग खराब सा हो गया था, मैंने सारा से कहा- यार, आज मेरी और ज़रीना की सुहागरात है ... क्यों बेकार में कवाब में हड्डी बन रही हो? इस पर सारा ने कहा- क्यों? क्या मैं एक दिन में ही बेकार हो गयी हूँ. कल तो रात भर छोड़ नहीं रहे थे, अब मैं यहाँ रुक भी नहीं सकती? मैंने उससे कहा- मुझे कोई एतराज़ नहीं है, परन्तु तुम्हारे रहते, तुम्हारी बहन के साथ मैं कुछ कर नहीं पाऊंगा. इस पर सारा ने कहा- क्यों मेरे रहते तुम्हारा लंड खड़ा नहीं होगा क्या? दो-दो को देख़ कर गांड फ़ट गई, या दोनों को एक साथ झेलने की हिम्मत नहीं है? मैंने कहा- मेरा लंड तो कमरे में घुसने से पहले ही खड़ा हो गया था, परन्तु क्या तुम्हारे सामने तुम्हारी बहन का मन कुछ करने को करेगा? और रही बात दोनों को झेलने की, तो रात भर दोनों को इतना चोदूँगा कि दोनों की दोनों सुबह उठने लायक नहीं रहोगी. इस पर ज़रीना बोली- क्यों इसमें क्या बुराई है? हम दोनों को एक दूसरे की सब बात मालूम रहती हैं, हम आपस में कुछ भी नहीं छुपाती, मुझे तुम्हारी और सारा की भी सब बातें मालूम हैं. अब चौंकने की बारी मेरी थी, मैं वहीं बिस्तर पर बैठ गया और बोला- ठीक है ... जैसी तुम दोनों की मर्जी, मुझे तो फ़ायदा ही फ़ायदा है. सारा बोली- तुम अब जिसको मर्जी चोदो, जिसके साथ साथ मर्जी सुहागरात मनाओ मुझे कोई फ़र्क़ नहीं, लेकिन हर बार तुम्हें अपना पानी मुझमें ही छोड़ना पड़ेगा क्योंकि मुझे हर हाल में जल्दी से जल्दी तुम से बच्चा चाहिए. ज़रीना बोली- मुझे कोई ऐतराज नहीं, आप पानी सारा के अन्दर निकालें. अब तक मेरा लंड भड़क चुका था और पूरा 8 इंची का तन कर तैयार था. मैंने ज़रीना को तोहफा दिया और घूँघट हटाया. फ़िर मैंने ज़रीना को पकड़ लिया और उसके होंठ चूमने लगा. पहले तो वो ना-नुकुर करने लगी, परन्तु सारा के कहने पर उसने अपने आपको ढीला छोड़ दिया. काफ़ी देर तक मैं उसके होंठों को चूसता रहा, उसे भी अब इस सब में मजा आने लगा था. वाऊउउउ ... उसके चूचियां देख कर मैं तो चकित ही रह गया. छोटे छोटे सन्तरे के आकार की चूचियां और उसकी निप्पलों को नज़र ना लगे, बिल्कुल मटर के दाने से भी छोटे. मैंने 10-15 मिनट तक चूचियों को खूब दबाया. मेरा लंड एकदम से खड़ा और कड़क हो गया था और पजामे का तम्बू बना रहा था. मैं फिर से उसकी चूचियां दबाने लगा और फिर उसके ऊपर चढ़ कर उसकी साड़ी ऊपर करके उसकी पैन्टी में हाथ डाल कर थोड़ी देर उसे देखने लगा. वाह क्या कुंवारी और चिकनी बुर थी, एक भी बाल का नामोनिशान नहीं, बिल्कुल छोटा सा गुलाबी छेद. मैंने उसकी बुर में अपनी उंगली डाल दी तो वह जोर से चीख पड़ी ‘आआआह हहहह..’ वो उठ कर बिस्तर से नीचे उतर गई और बोली- दर्द होता है ... मार डालोगे क्या? इस पर सारा बोली- मियां जी, ज़रीना अभी कुंवारी है, इसकी चूत बहुत टाइट है. थोड़ा प्यार से और आराम से काम लो. मैंने कहा- यार, अभी तो दोनों बड़ी-बड़ी हांक रही थीं कि तुम्हें दोनों मिलकर निचोड़ देंगी, अब क्या हुआ? सारा ने कहा- निचोड़ेंगी तो जरूर ... पर अपने हिसाब से. ज़रीना और मैं आज रात तुमको छोड़ने वाली नहीं हैं, पर उसका पहली बार है, इसलिए थोड़ा घबरा रही है. एक काम करो पहले मुझे चोद लो ताकि वह चुदाई देख कर अच्छे से गर्म हो जाए और फ़िर वह अपने आप करने को कहेगी. बात मेरे को भी जमी. सारा ने मेरा और ज़रीना का हाथ पकड़ कर हमें सोफे पर बिठा दिया और बोली- शैल वी स्टार्ट? सारा ने सिर्फ आसमानी नीले रंग की साड़ी पहन रखी थी, न ब्रा न पैंटी सिर्फ साड़ी को छातियों पर साड़ी को बांधा हुआ था. सारा के कंधे नंगे थे, वो बड़ी गजब लग रही थी. वह बेड पर खड़ी हो गयी और अपने मम्मों पर हाथ फेरने लगी और कंधे हिलाने लगी. कभी आगे, तो कभी पीछे करने लगी. अपने होंठों पर जीभ फेरने लगी. उसने साड़ी को नीचे से उठा कर अपनी एक नंगी टांग बाहर निकाली और अपने बदन को लहराया, गांड को मटकाया और साड़ी को जांघों से भी ऊपर उठा दी. वाह क्या नज़ारा था, मेरा लंड बेकाबू होने लगा. मैंने ज़रीना का हाथ पकड़ कर लंड पर रख दिया. वह धीरे धीरे मेरे लंड को सहलाने लगी. ज़रीना भी ये सीन देख कर स्तब्ध थी. फिर सारा ने साड़ी गिरा कर दूसरी टांग नंगी करके अपनी गांड लहराई और जीभ अपने होंठों पर फेर कर मुझे ललचाने लगी. अब उसने धीरे धीरे नीचे झुक कर साड़ी को कमर तक ऊंची करके अपनी चूत की दर्शन करवाए. फिर पलट कर अपने चूतड़ दिखाए और उनको मटकाया. चूतड़ों को आगे पीछे किया. उफ्फफ्फ्फ़ क्या नज़ारा था ... क्या लचीली गांड थी, एकदम चिकनी नरम मुलायम और गद्देदार ... फिर वो कभी साड़ी गिरा देती, कभी उठा देती. फिर घोड़ी बन अपनी गांड दिखाने लगी और अपने हाथ गांड पर फेरने लगी. कभी इस साइड से घूम कर, कभी उस साइड से घूम कर गांड दिखाने लगी. साड़ी उसकी चिकने बदन से बार बार नीचे गिर जाती. वह कभी आधी कभी पूरी उठा कर अपनी गांड पर हाथ फेरती और जीभ निकाल कर होंठों पर फेरने लगती. मैं लगातार ललचा रहा था और ज़रीना के हाथ के ऊपर से अपने लंड को दबाने लगता था. सामने सारा कभी लेट जाती, कभी घोड़ी बन कर अपने बदन की लचक का नज़ारा दे रही थी. कभी अपने दाएं चूतड़ को दिखाती, कभी बांए चूतड़ को दिखाने लगी. फिर उसने साड़ी पेट तक उठा कर अपनी नाभि और सपाट पेट को दिखाया और कमर को लचकाते हुए मटकाया. फिर थोड़ा और ऊपर उठा कर अपनी चूची की गोलियों का नज़ारा करवाया. फिर लेट कर अपनी पूरी गांड का नज़ारा करवाया. इसके बाद वो घुटनों पर बैठ कर अपने सर और बालों पर अपने हाथ हाथ ले जाती. वो अपनी साड़ी को एक साइड से उठा कर उस तरफ के मम्मे को सहलाते हुए दूसरे मम्मे को सहलाने लगी. उसने कानों में झुमका, मांग में टीका और नथ पहन रखी थी और गले में एक बड़ा सा हार पहन रखा था. सच में बड़ी मादक लग रही थी. फिर उसने साड़ी की गांठ को खोला और पल्लू से चेहरा और बदन छुपा लिया. फिर धीरे धीरे नीचे करते हुए, उसने थोड़ा सा पल्लू गिरा कर मुझे अपने एक मम्मे का नजारा कराया. एकदम गोल गोल बड़े बड़े मम्मे, मैं उसकी तरफ लपका, उसने मुझे रोक दिया. वो बोली- राजा थोड़ा रुको ... सब तुम्हारा ही है.





 
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