Update 51
नितिन : "क्या ....?"
श्वेता (शरमाते हुए) : "वो...वो ...शाम को केतन आएगा, और तुम हम दोनो को डिस्टर्ब नही कर
केतन और श्वेता का चक्कर काफ़ी समय साथ श्वेता लगभग सब कुछ कर चुकी थी, सिवाए चुदाई के, उसने अपनी चूत के अंदर उसकी उंगलीया और जीभ के अलावा कुछ और नही जाने दिया था अब तक..और शायद इसलिए वो अब तक उसके पीछे पागलों की तरहा घूमता था...वो एक रईस बाप का बिगड़ा हुआ लड़का था..और श्वेता पर पानी की तरहा पैसे बहाता था.और ये बात नितिन अच्छी तरह से जानता था की उसकी बहन का एक बाय्फ्रेंड है..और उसका नाम केतन है..नितिन ने जब ये बात सुनी तो उसके सारे अरमान पानी की तरहा बह गये, उसके लॅंड की अकड़न ढीली पड़ गयी और उसका लॅंड भी उसके चेहरे की तरह मायूस होकर लटक गया.पर वो श्वेता की हिम्मत की दाद दे रहा था की वो उसे घर पर लाएगी , ये उसने सोचा नही था..
नितिन : "पर मम्मी ने मना किया है ना की ऐसे घर पर किसी को नही लेकर आना...''
श्वेता : "मम्मी को पता चलेगा तब ना, मैं तुम्हारी नहाने मे हेल्प कर रही हू, तुम मेरी इतनी सी हेल्प नही कर सकते...''श्वेता ने आगे बड़कर उसकी जाँघ पर हाथ रखकर उसे थोड़ा सा दबा दिया, नितिन और उसके लॅंड के लिए इतना ही बहुत था..उसने हाँ मे सिर हिला दिया.श्वेता की खुशी का कोई ठिकाना नही था..वो हंसते हुए उपर चल दी..अपने कपड़े चेंज करने के लिए..और नितिन बाथरूम की तरफ...उसे उम्मीद थी की शायद आज कुछ ज़्यादा हो जाए कल के मुक़ाबले...अंदर पहुँचकर वो अपने कपड़े उतार कर खड़ा हो गया, उसके लॅंड ने अपना आकार लेना शुरू कर दिया था..श्वेता अंदर आई, उसने वही कल वाली ब्रा और पेंटी पहनी हुई थी, जिसमे उसके मोटे मुम्मे और अखरोट की तरह सख़्त निप्पल साफ़ दिख रहे थे..उसने नितिन के हाथों को प्लास्टिक से कवर किया और फिर दोनो शावर के अंदर चले गये..
श्वेता ने उसके पुर जिस्म पर साबुन लगाना शुरू कर दिया, आज वो कुछ ज़्यादा ही खुले तरीके से साबुन लगा रही थी, क्योंकि एक-दो बार जब नितिन का खड़ा हुआ लॅंड उसके हाथों से रगड़ खा गया तो भी वो बिना रुके साबुन लगती रही..श्वेता का बदन भी भीग कर पारदर्शी सा हो चुका था, आज वो कुछ ज़्यादा ही भीग रही थी, और कुछ ज़्यादा ही रगड़ रही थी अपने बदन को भी नितिन के बदन के साथ..नितिन को आगे खड़ा करके उसने जब उसके सीने पर साबुन लगाया तो उसकी दोनो चुचियाँ उसकी पीठ पर धँस गयी..श्वेता का तो पता नही पर नितिन के मुँह से ज़रूर एक आहह सी निकल गयी, उसे श्वेता के निप्पल अपनी पीठ पर चुभते हुए से महसूस हो रहे थे...उसके हाथ साबुन लगाते हुए नीचे तक आए और अचानक श्वेता को लगा की उसने नितिन के नंगे लॅंड को छू लिया है...और हुआ भी ऐसा ही था, दरअसल नितिन का खड़ा हुआ लॅंड लगभग दो इंच बाहर निकल आया था अपने अंडरवीयर से और उपर की तरफ मुँह करके वो श्वेता के नाज़ुक हाथों को छू रहा था..उन्हे चूम रहा था..श्वेता ने भी बिना किसी झिझक के उपर से नीचे हाथ करते हुए नितिन के लॅंड पर भी अपनी उंगलियाँ फिसला दी और उस पर भी साबुन लगा दिया..और फिर उपर हाथ करते हुए उसके सीने पर साबुन लगाने लगी..ऐसा उपर नीचे उसने दो-तीन बार किया...हर बार साबुन से सने हाथ उसके लॅंड पर फिसल रहे थे..और नितिन के चेहरे की रंगत हर बार बदल रही थी..दोनो एक दूसरे का चेहरा नही देख पा रहे थे, पर जब भी श्वेता के हाथ उसके लॅंड पर फिसलते, उसका मुँह खुल सा जाता और अंदर से ठंडी सिसकारियाँ बाहर निकलने लगती..श्वेता ने थोड़ा आगे होकर शावर ओन कर दिया और ठंडा पानी नितिन की छाती पर पड़ने लगा..श्वेता अपने हाथ उपर नीचे करते हुए उसके बदन का साबुन सॉफ करने लगी...और जब साबुन की चिकनाहट ख़त्म हुई तो श्वेता के नाज़ुक हाथ नितिन के बदन पर चिपक-2 कर चल रहे थे..और अंत मे जब उसके हाथो ने उसके लॅंड के उपरी भाग पर जमे हुए साबुन को सॉफ किया तो नितिन ने एक जोरदार झटका दिया और उसका आधे से ज़्यादा लॅंड उसके अंडरवीयर से बाहर निकल कर श्वेता के हाथ मे आ गया...श्वेता के दिल की धड़कन एकदम से इतनी तेज हो गयी की नितिन को अपनी पीठ पर हथोड़े बजते हुए सुनाई दे रहे थे...श्वेता ने धीरे-2 अपनी उंगलियाँ उपर नीचे करते हुए उसके लॅंड को पूरी तरह से सॉफ किया और शावर बंद कर दिया..और फिर कल की ही तरह ही अपना टावल उठा कर वहाँ से भागती हुई उपर अपने कमरे मे चली गयी..अपने कपड़े उतार कर उसने ऐसे फेंके जैसे आज के बाद उनकी कोई ज़रूरत ही नही पड़ने वाली..और फिर से नितिन के खड़े लॅंड के बारे मे सोचते हुए अपनी उंगलियाँ अपनी चूत के अंदर धकेल दी..दो दिनों से वो जो करना चाह रही थी वो ना तो खुद कर पाई थी और ना ही नितिन...पर जब तक दोनो कुछ करे उस आग को बुझाने के लिए कुछ ना कुछ तो करना ही पड़ेगा...और उसके लिए केतन के अलावा कोई और हो ही नही सकता था...इसलिए उसने उसे अपने घर पर बुलाया था आज .... और अपने भाई और केतन के बारे मे सोचते हुए उसने एक जोरदार हुंकार के साथ अपनी चूत का पानी अपने बिस्तर पर निकाल दिया.
अपने सारे काम निपटाने के बाद रश्मि अपने बाथरूम मे घुस गयी और रग़ड़ -2 कर नहाने लगी, साथ ही एक रेजर निकाल कर अपनी चूत को भी पूरी तरह से साफ़ किया, सिर्फ़ एक हल्की सी लाइन छोड दी उपर की तरफ क्योंकि वो काफ़ी सेक्सी लग रही थी..अपने रूम मे जाकर उसने अपनी अलमारी मे से सबसे सेक्सी शॉर्ट स्कर्ट और टॉप निकाला, टॉप भी शॉर्ट मे था इसलिए स्कर्ट तक ही आ रहा था, उसने अपनी स्कर्ट की बेल्ट को नीचे की तरफ दो बार मोड़ कर और नीचे कर दिया, अब उसकी गांड की लकीर भी दिख रही थी पीछे से और उसकी कमर के कर्व भी..अपने आपको इतनी सेक्सी ड्रेस मे देखकर उसने खुद ही सिटी मार दी.अब तो बस इंतजार था केतन के आने का..उसने शीशे की तरफ अपनी गांड करी और पीछे की तरफ देखते हुए झुक गयी, वाव, क्या सीन उभर कर आ रहा था, उसकी गांड की शेप और उसकी लकीर सॉफ दिख रही थी..केतन का तो लॅंड आज फट जाएगा ये देखकर.वो उछलती हुई नीचे की तरफ चल दी, क्योंकि केतन के आने का समय हो रहा था.नीचे नितिन टीवी देख रहा था, उसने जब अपनी बहन को ऐसी ड्रेस मे देखा तो उसका मुँह खुला का खुला रह गया, और उसका निचला जबड़ा ऐसे खुला जैसे ज़मीन से छू जाएगा..वो मटकती हुई जब उसके करीब से गुज़री तो उसकी गांड को देखकर उसके पूरे शरीर मे झुनझुनी सी दौड़ गयी..उसकी स्कर्ट का कपड़ा इतना पतला था की वो दोनो चूतड़ों के बीच फँस कर रह गया था..शायद उसने नीचे पेंटी भी नही पहनी थी..श्वेता उसके पास ही आकर बैठ गयी और टीवी देखने लगी, नितिन का लॅंड अब तक पूरी तरह से खड़ा होकर अपना तंबू गाड़ चुका था उसकी पेंट मे. उसको बड़ी मुश्किल हो रही थी, तभी बाहर की घंटी बाजी तो उसने चैन की साँस ली, श्वेता दरवाजा खोलने के लिए चली गयी..तब तक उसने बड़ी मुश्किल से अपने खड़े हुए लॅंड को मार-पीटकर अंदर दबा दिया..दरवाजा खोलने जाती हुई श्वेता ने मुड़कर नितिन से कहा : "याद है ना अपना वादा ..थोड़ा स्पेस देना हम दोनो को आज..ओके .."
"हाँ ..हाँ ....याद है...मैं अपने कमरे मे ही रहूँगा..." इतना कहकर नितिन बेमन से उठा और अपने कमरे की तरफ चल दिया..पीछे से उसे सिर्फ़ दरवाजा खोलने और उसके बाद केतन की आवाज़ सुनाई दी : "ओह्ह माई गोड ...तुम इस ड्रेस मे इतनी सेक्सी लग रही हो..वाव..क्या स्कर्ट है तुम्हारी....उम्म्माअहह...''शायद दोनो वहीं दरवाजे पर ही एक दूसरे को चूमने खड़े हो गये थे..पर तब तक नितिन अपने कमरे मे पहुँच चुका था और उसने दरवाजा बंद कर लिया..केतन के सीने से श्वेता के मोटे-2 मुममे पीसकर उसके लॅंड को भी खड़ा कर रहे थे..केतन के अचानक उसकी टी शर्ट को नीचे खिसकाया किया और उसकी दोनों ब्रेस्ट बाहर निकाल ली और उनको एक-२ करके बुरी तरह से चूसने लगा, एक -२ करके वो उसके मुम्मे को अपने मुंह में डाल रहा था और उन्हें जोर-२ से चूस रहा था , ये सब इतना अचानक हुआ की श्वेता को कुछ कहने का मौका ही नहीं मिला, उसने बड़ी मुश्किल से उसे पीछे किया और अपनी ब्रैस्ट को वापिस अंदर डाल लिया ,दोनों फिर से स्मूच करने लगे .श्वेता ने किस्स तोड़ी और बोली : "थॅंक्स फॉर कमिंग..आज का दिन हम खूब ऐश करेंगे...मम्मी पापा ने आज किसी पार्टी मे जाना है, इसलिए वो लेट् आएँगे..''केतन के तो खड़े लॅंड पर चिंटियाँ रेंगने लगी..वो खुशी से उछल पड़ा : "वाव...इसका मतलब हमे कोई डिस्टर्ब नही करेगा आज...''
श्वेता (हंसते हुए) : "ऐसा भी नही है...मेरा भाई घर पर ही है..यू नो, उसका एक्सिडेंट हुआ था..इसलिए वो कही बाहर भी नही जा सकता, पर उसने प्रोमिस किया है की वो हमे पूरा स्पेस देगा...''उसका भाई घर है, ये सुनकर उसे थोड़ी मायूसी तो हुई पर फिर भी वो बोला : "अच्छा , ठीक है, पर प्रोग्राम क्या है...''श्वेता : "हम कोई मूवी देखेंगे मिलकर...और पिज़्ज़ा मँगवाते हैं डिन्नर मे...''केतन का तो मन ऐसा कर रहा था की जो भी मिल जाए आज वो ही ठीक है...श्वेता ने उसके साथ आज तक जो भी किया था, उससे ज़्यादा करने का मन था उसका आज...उसने हाँ मे सिर हिला दिया.
श्वेता : "ठीक है फिर, अभी हम दोनो मूवी लेने चलते है कोई, मैं नितिन से भी पूछ कर आती हू अगर उसे भी कोई मूवी चाहिए ताकि वो भी अपने रूम मे देख सके..और बोर ना हो..''इतना कहकर वो उछलती हुई उपर की तरफ चल दी, केतन नीचे खड़ा हुआ उसकी भारी भरकम गांड को हिलते हुए देखता रहा, और जब वो उपर तक पहुँची तो उसकी शॉर्ट स्कर्ट के अंदर का भी नज़ारा दिख गया उसको, सॉफ सुथरी चूत थी उसकी क्योंकि उसने पेंटी नही पहनी थी अंदर ...अब तो उसके खड़े हुए लॅंड ने बग़ावत सी कर दी..वो पेंट फाड़कर बाहर निकालने को आतुर हो गया.श्वेता नितिन के रूम मे दनदनाती हुई घुस गयी..वो नीचे ज़मीन पर लेट कर इयरफोन लगा कर गाने सुन रहा था..दरवाजे की कंपन सुनकर उसने नज़रे उपर करके देखा तो दंग रह गया, उसके सामने श्वेता खड़ी थी और वो सीधा उसकी स्कर्ट के अंदर देख पा रहा था, और शायद एक्साईटमेंट मे श्वेता को भी ये पता नही था की वो किस पोज़ मे खड़ी है, उसका भाई उसकी नंगी चूत को सॉफ देख पा रहा है..
श्वेता : "हम दोनो मार्केट जा रहे हैं, मूवी की सीडी लेने, तुम्हे कोई मूवी देखनी है यहाँ तो बता दो..और हम डिन्नर मे पिज़्ज़ा ऑर्डर कर रहे हैं, तुम्हारे लिए भी पिज़्ज़ा मंगवा लू या कुछ और खाओगे..''इयरफोन लगाने की वजह से वो सुन नही पाया, उसने वो निकाले और श्वेता को दोबारा बोलने को कहा, वो बेबाकी से खड़ी होकर फिर से वो सब दोहराने लगी..पर नितिन का ध्यान उसकी स्कर्ट के अंदर ज़्यादा था, उसने बात सुनी और सिर हिला कर उसकी हाँ मे हाँ मिला दी..
श्वेता :"ठीक है , मैं तुम्हारे लिए भी कोई मूवी ले आउंगी और पिज़्ज़ा भी ऑर्डर कर दूँगी..''इतना कहकर वो मटकती हुई वहाँ से निकल गयी...ये भी नही देखा की उसके लॅंड ने कितनी बुरी नज़र से उसकी तरफ देखा था अभी..उसके जाने के बाद वो उसी मुद्रा मे वहाँ पड़ा रहा, और सोचने लगा की काश श्वेता ऐसे ही उसके चेहरे के उपर आकर खड़ी हो जाए, अपने पैर उसके सिर के दोनो तरफ करके, और अपनी चूत को तब तक रगडे जब तक अंदर का गरमा गरम पानी उसके चेहरे पर नही गिरने लगा.....अहह...उस गर्म बारिश मे भीगने का मज़ा अलग ही होगा...श्वेता और केतन सीधा वीडियो पार्लर मे गये और वहाँ शेल्फ पर लगी मूवीस देखने लगे, केतन जान बूझकर श्वेता से नीचे के रेक मे रखी हुई डीवीडी उठाने के लिए कह रहा था, ताकि वो उसकी मोरनी जैसी गांड के दर्शन कर सके..और वो भी जानती थी की केतन ऐसा क्यो करवा रहा है, उसे भी मज़े आ रहे थे ऐसा करने मे और अपनी गांड की नुमाइश करने मे..दोनो ने मिलकर 3 मूवीस पसंद कर ली.
श्वेता : : "अब एक काम करो, तुम नितिन के लिए भी कोई मूवी पसंद कर दो, तुम लड़के लोग एक दूसरे की मेंटेलिटी अच्छी तरह से जानते हो, उसे किस तरह की मूवीस पसंद होगी...तुम ज़रा देख लो.''
इतना कहकर वो दूसरे सेक्शन की तरफ चल दी..पीछे की तरफ एक छोटा सा काउंटर था जहाँ अडल्ट मूवीस थी बस...उसने हैरानी से उन्हे उठा-2 कर देखा और फिर एक मोविए ले भी ली.तब तक केतन बिलिन्ग काउंटर पर पहुँच चुका था..और 4 मूवीस की पेमेंट कर रहा था..श्वेता ने मुस्कुराते हुए अपनी लाई अडल्ट डीवीडी भी उसमे डाल दी, जिसे देखकर केतन की आँखे भी खुली रह गयी...पर फिर भी उसने बिना कुछ कहे पेमेंट की और दोनो वहाँ से निकलकर बाहर आ गये..पिछले बीस मिनट मे श्वेता इतनी एक्ससाइटेड़ हो चुकी थी की उसकी चूत का रस बाहर बहने लगा था..कार मे बैठते ही केतन के हाथ उसकी जांघों पर रेंगने लगे...और जैसे ही थोड़ा उपर की तरफ खिसके वहाँ का गीलापन उसे अपनी हथेलियों पर महसूस हुआ...दोनो ने एक दूसरे की तरफ देखा और मुस्कुरा दिए..घर पहुँचकर श्वेता भागकर उपर गयी और नितिन को अपनी लाई हुई डीवीडी दे दी..
और जब वो जाने लगी तो नितिन बोला : "थेंक्स ..और कंट्रोल मे रहना ज़रा..समझी..''जवाब मे श्वेता ने अपने होंठों को गोल किया और अपनी गुलाबी जीभ निकाल कर उसे चिढ़ाती हुई बाहर निकल गयी..तब तक केतन ने एक मूवी लगा दी थी..दोनो काउच पर बैठकर मूवी देखने लगे..साथ ही साथ दोनो के हाथ एक दूसरे के शरीर पर भी चल रहे थे..बीच-2 मे दोनो एक दूसरे को स्मूच भी कर रहे थे..मूवी काफ़ी रोमॅंटिक थी और उसमे काफ़ी हॉट सीन्स भी थे..इसलिए जैसे ही कोई हॉट सीन आता, दोनो एक दूसरे पर टूट पड़ते..श्वेता से सहन नही हुआ, उसने झुककर उसकी जींस की जीप खोली और उसके खड़े हुए लॅंड को आज़ाद कर दिया..और उसे मुँह मे लेकर ज़ोर-2 से चूसने लगी..और केतन किसी राजा की तरह उसके बालों को सहलाते हुए फिल्म का मज़ा लेने लगा..अब उन्हे मूवी मे कोई इंटेरेस्ट नही रह गया था..वो काफ़ी देर तक उसके लॅंड को चूसती रही...पर जैसे ही केतन का निकलने वाला होता वो उसे उठा देता और स्मूच करने लगता..उसने झड़ने नही दिया अपने लॅंड को.
श्वेता : "तुम वो मूवी देखना चाहोगे जो मैने पसंद की थी...''केतन समझ गया की वो अडल्ट मूवी की बात कर रही है, वो बोला : "ठीक है..''श्वेता जब डीवीडी चेंज करने के लिए झुकी तो जान बूझकर इतना झुकी की उसकी गीली चूत के दर्शन साफ़ कर सके केतन...ऐसे टीज करने मे उसको काफ़ी मज़ा आता था.वापिस आते ही वो फिर से उसके लंड पर टूट पड़ी और उसे ज़ोर-2 से चूसने लगी..दोनो की नज़रें टीवी स्क्रीन पर थी.वो एक बी ग्रेड मूवी थी, जिसमे खुलकर टॉपलेस सीन थे..पर लड़की की चूत या लड़के का लंड नही दिखाया गया था.श्वेता ने लंड चूसना बंद कर दिया और केतन से बोली : "ये तो काफ़ी देर से सिर्फ़ उपर के सीन ही दिखा रहे हैं..नीचे के नही..दोनो के पार्ट्स तो दिखाने चाहिए ना..अंदर जाते हुए भी नही दिखा रहे..सिर्फ़ धक्के मार रहे हैं..''उसकी बात सुनकर केतन मुस्कुरा दिया और बोला : "तुम्हे मूवी पार्लर से ऐसी मूवीज नही मिलेगी, इनकी भी रेटिंग होती है..वो तो तुम्हे ग्रे मार्केट से ही मिलेगी..''उसकी बात सुनकर श्वेता मायूस हो गयी, उसने सोचा था की आज शायद XXX देखते हुए उसका भी मन बन जाए और वो अपने बॉय फ्रेंड से चुद जाए..पर ये तो XX मूवी निकली..उसका मायूस चेहरा देखकर केतन बोला : ''अगर तुम चाहो तो मैं तुम्हे लंड को चूत मे जाते हुए दिखा सकता हू...''
केतन की बात सुनकर श्वेता के दिल की धड़कने तेज हो गयी...उसकी साँसे तेज़ी से चलने लगी..केतन समझ गया की श्वेता की हाँ है इसमे..वो उठा और अपनी जींस के बटन खोलने लगा..श्वेता काउच पर बैठी हुई थी , उसने अपनी टांगे फेला दी थी..और शायद उसकी चूत को केतन साफ़ देख भी पा रहा था..उसने अपनी जींस उतार कर साईड मे रख दी और झुककर श्वेता को स्मूच कर लिया, उसके अंडरवीयर मे क़ैद लंड ने उसकी चूत के उपर एक रग़ाड पैदा कर दी, पिछले दो दीनो से वो अपने भाई के लंड को जाने-अंजाने से छू चुकी थी, इसलिए अब अपने सामने खड़े हुए लंड को देखकर उससे सहन नही हुआ और उसने झपटकर अपना हाथ नीचे किया और केतन के लंबे और तगड़े पहलवान को पकड़ लिया..''अहह धीरे पकड़ो.....उखाड़ ही डालगी तुम तो.....''दोनो ने फिर से एक दूसरे को स्मूच करना शुरू कर दिया, इसी बीच केतन का अंडरवीयर भी उतर चुका था और अब उसका खड़ा हुआ लंड श्वेता की गीली चूत पर दस्तक दे रहा था,और अचानक वो उसमे फँस भी गया
श्वेता कुछ समझ पाती या उसको रोक पाती, केतन ने अपना भार उसके उपर डाल दिया और केतन का लंड उसकी चूत मे सरकता चला गया..और एक ही पल मे पूरा उसके अंदर समा गया.श्वेता को तो विश्वास ही नही हुआ की केतन का लंड इतनी आसानी से अंदर चला जाएगा..उसने तो सुना था की पहली बार करने मे काफ़ी दर्द होता है, खून भी निकलता है, मुश्किल से अंदर जाता है, चीखे निकलती है..पर ऐसा कुछ भी नही हुआ, उसे कुछ भी महसूस नही हुआ, हांलांकि उसे चूत के अंदर सब कुछ भरा-2 सा लग रहा था, पर कुछ अलग नही था ये सब..वो हैरान हुई जा रही थी की केतन ने झटके मारने शुरू कर दिए..अब उसको भी मज़ा आने लगा था, पर अचानक केतन ज़ोर से हाँफने लगा, जैसा की वो तब करता था जब वो झड़ने वाला होता था..
केतन : "ओफफफफ्फ़ .....अहह .....आई एम कमिंग .........''
श्वेता : "ओह .....नही .......अभी नही .....कुछ देर तो और करो ना .....मैं अभी तैयार नही हू ....... नओओओओओओ ''
पर तब तक केतन का ओर्गास्म आ चूका था ...उसने अपने लंड को बाहर खींचा और उसके चेहरे और टॉप के ऊपर अपना रस गिरा दिया .श्वेता ने पहली बार चूत मरवाई और उसमे भी प्यासी रह गयी वो.वो सोचने लगी की काश वो कुछ देर और करता तो वो भी झड़ जाती और वो अगर उसकी चूत के अंदर ही रस निकालता तो एक साथ झड़ने मे कितना मज़ा आता ...पर सब बेकार, उसका मूड बुरी तरह से ऑफ हो चुका था .पर केतन पूरा संतुष्ट था, उसके चेहरे पर एक अलग तरह की खुशी थी ...शायद श्वेता की चूत पहली बार मारने की खुशी थी वो ..
केतन : "अह्ह्हह्ह ...मज़ा आ गया आज तो ...चलो जाओ और ये सब वाश करके आओ ...''श्वेता उठ कर उपर अपने कमरे की तरफ चल दी ... और सोचने लगी की इसको सिर्फ़ अपनी फ़िक्र है, अपना माल निकालकर इसको तो मज़ा आ गया पर मेरी प्यास नही बुझी , इसका कुछ अंदाज़ा नही है केतन को ...पर ये बात केतन को बोलकर वो उसको नाराज़ नही करना चाहती थी .जैसे ही वो नितिन के कमरे के आगे से निकली, नितिन एक दम से बाहर आ गया, दोनो की नज़रें एक दूसरे से मिली, श्वेता के चेहरे पर केतन के लंड का रस अभी तक जमा हुआ था, जिसे देखकर नितिन की आँखे फैल गयी..जैसे ही श्वेता को इस बात का एहसास हुआ वो भागकर अपने कमरे के अंदर चली गयी..नितिन भी बिना कुछ बोले नीचे चल दिया और फ़्रीज से पानी की बोतल लेकर वापिस अपने कमरे मे आ गया.श्वेता अपने कमरे मे पहुँची और अपने सारे कपड़े उतार कर एक कोने मे फेंके, गीले कपड़े से अपने चेहरे और बालों को सॉफ किया और फिर एक टी शर्ट और पायज़ामा पहन कर नीचे आ गयी.
फिर दोनो मिलकर एक दूसरी मूवी देखने लगे. पर श्वेता अब कुछ भी बोल नहीं रही थी केतन को अब इस बात का एहसास हो चुका था की श्वेता अभी तक नही झड़ी है, इसलिए वो रूखा सा बर्ताव कर रही है, उससे ज़्यादा बात भी नही कर रही.आधे घंटे बाद केतन फिर से उसके शरीर से चिपकने लगा, उसकी जांघे और मुम्मे दबाने लगा..श्वेता को भी अंदर से कुछ-2 होने लगा था पर वो नाराज़गी का नाटक करती रही और चुपचाप मूवी देखती रही,
केतन : सुनो...नाराज़ मत हो ऐसे...ये देखो, मूवी मे कैसे वो लड़का उसके पीछे खड़ा होकर उसकी मार रहा है...चलो ना, ये पोज़िशन ट्राइ करते हैं...''
श्वेता (थोड़ा चिड़ते हुए) : "तुम्हारे बस की है ये सब करना...''
केतन : "तुम साथ तो दो मेरा...फिर देखना मेरा कमाल...''इतना कहकर उसने टी शर्ट के उपर से ही उसके निप्पल को ज़ोर से पिंच कर दिया, ये उसका वीक पॉइंट था, इसलिए उसके उपर हमला होते ही उसकी चूत फिर से दहकने लगी..और दोनो एक दूसरे को ज़ोर-2 से स्मूच करने लगे...स्मूच करते-2 दोनो खड़े हो गये...और इस बार केतन ने श्वेता की टी शर्ट और पायज़ामा भी उतार कर उसको पूरा नंगा कर दिया..और खुद भी एक ही पल मे नंगा होकर उसके जिस्म से लिपट गया...दोनो एक दूसरे के शरीर पर अपने हाथ लगा रहे थे, दबा रहे थे..चूस रहे थे..केतन ने श्वेता को डाइनिंग टेबल के साथ खड़ा खड़ा किया और उसे झुकने के लिए कहा..श्वेता ने टेबल पर हाथ रखे और अपनी गांड पीछे की तरफ निकाल कर खड़ी हो गयी.केतन ने झुककर अपने लंड को उसकी गीली चूत के अंदर लगाया और एक जोरदार झटके से उसके अंदर दाखिल हो गया..
''अहह .....उम्म्म्मममममम ......येस्स ......''और फिर केतन ने ज़ोर-2 से झटके देते हुए उसकी चूत मारनी शुरू कर दी.और उपर अनितिन नआवाज़ें सुनकर बेचैन हो रहा था...पहले अपनी बहन के चेहरे पर गिरे माल को