Update 93
सभी ने वोडका के 3-3 पेग पी लिए और उसका असर जल्द ही दिखने लगा तीनों पर. श्वेता तो सीधा जाकर नितिन की गोद में बैठ गयी और उसे चूमने लगी... नितिन के हाथ उसकी ब्रेस्ट पर घूम रहे थे और वो उन्हे पंप करता हुआ अपनी बहन के होंठ चूस रहा था.
ऐसा कामुक दृश्य देखकर काव्या से रुका नही गया और उठकर उनके पास गयी और अपनी नर्म उंगलियों से नितिन के शरीर को सहलाती हुई वो उसकी दूसरी टाँग पर बैठ गयी और अपने चेहरे को भी उसने उन दोनो के बीच झोंक दिया..
अपने चेहरे पर लगे रंग को वो सॉफ कर ही चुके थे, इसलिए उन्हे चाटने मे कोई परहेज नही था उन्हे. काव्या के पास आते ही नितिन ने अपनी बहन को छोड़कर उसे चूमना शुरू कर दिया... आख़िर उसकी पहली पसंद तो वही थी ना. और साथ ही साथ वो उसकी गीली टी शर्ट के अंदर फँसे कबूतरों को भी मसलने में लगा रहा.
नितिन तो इस वक़्त राजा बना बैठा था कुर्सी पर, उसकी दोनो जांघों पर मस्त जवानियाँ सवार थी जो उसे चूमने में लगी थी, ऐसी किस्मत हर किसी की नही होती..
एक तो होली का मौका और उपर से वोड्का का नशा और उससे भी उपर जवानी का नशा, तीनो मिलकर धमाल मचा रहे थे..
काव्या के हाथ फिसलकर नितिन के लंड पर पहुँच गये और उसने उसकी जीन्स की चैन खोल कर उसके लंड को आज़ाद करा दिया... कल जब उसने अपने प्यारे पापा का लंड चूसा था तब भी उसने उसे नितिन के लंड से कम्पेयर किया था, जवान लंड में कुछ तो खास होता ही है, वो उसे हाथ में लेते ही वो फिर से समझ चुकी थी. उसकी गर्माहट और उभरी हुई नसें काव्या की हथेलियों को झुलसा रही थी, वो तो पागल सी हो गयी और उसके लंड को ज़ोर-2 से मसलते हुए नितिन को और भी जोरों से स्मूच करने लगी...
''आआआहह काव्य्ाआआआआअ...... उम्म्म्ममममममममममम धीरे करो बेबी .....''
पर बेचारे नितिन को क्या पता था की आज उसके साथ क्या होने वाला है... काव्या का पूरा शरीर सुलग उठा था... उसकी चूत से गर्म पानी निकलकर बाहर आने लगा था और उसकी ब्रेस्ट में दर्द सा होने लगा, निप्पलों में भयंकर खुजली होने लगी, वो तो बस चाह रही थी की उसके निप्पल्स को कोई ज़ोर से चूस ले, निचोड़ दे, काट ले...
और उसने खुद ही अपनी टी शर्ट को उतार फेंका और अपनी ब्रा को नीचे खिसका कर अपनी दाँयी ब्रेस्ट नितिन के मुँह मे ठूस दी और उसके बालों को पकड़ कर ज़ोर से अपनी छाती में दबा लिया..
''आआआआहह उम्म्म्मममममममममममम..... ओह नितिन ..............प्लीज़ सकक्क मी .......खा जाओ मुझे .......काटो इन्हे ज़ोर से.......उम्म्म्मममममममममम और ज़ोर से................ येसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स ....अहह ....''
और एक एक करते हुए उसने बारी -2 से अपनी दोनो छातियाँ उसके पैने दाँतों से कटवाई, उसके गर्म होंठों से चुस्वाई...तब जाकर उसे कुछ आराम आया...
और उसकी देखा देखी श्वेता ने भी अपना टॉप उतार दिया , उसने तो ब्रा भी नही पहनी हुई थी...और उसकी गोल मटोल ब्रेस्ट देखकर काव्या के मुँह में पानी आ गया और उसने अपना मुँह उसकी छाती पर लगा कर वहाँ का दूध पीने लगी...
अब वो श्वेता की ब्रेस्ट चूस रही थी और नितिन उसकी...साथ ही साथ दोनो के हाथ नितिन के लंड को भी सहला रहे थे...नितिन अपने दोनो हाथों से उन दोनो की मोटी गांड को मसल रहा था...
काव्या और श्वेता की चूत से निकल रही गर्मी से नितिन की जांघे जल रही थी. नितिन को ऐसा लग रहा था जैसे उसकी दोनो टाँगों पर जलते हुए कोयले रख दिए हो ... उसने दोनो को उठाया और अपने सामने खड़ा कर दिया, दोनों एक दूसरे को चूमती रही और नितिन उनकी जीन्स को उतारता रहा, और 2 मिनट के अंदर ही दोनो पूरी नंगी खड़ी थी उसके सामने... होली के रंग उन दोनो के अंदर तक जा चुके थे, दोनो के बदन गुलबीपन लिए हुए थे इस वक़्त, पर उन्हे साफ़ करने का टाइम नही था अभी... वो भी उपर उठा और उन दोनो की ब्रेस्ट चाटता हुआ अपनी पेंट उतारने लगा. और फिर वो भी नंगा हो गया उन दोनो की तरह.
अब माहोल ये था की नशे में झूमते हुए उन दोनो के नशीले जिस्म नितिन की गिरफ़्त में थे, जिन्हे वो अपनी बाहों में भरकर बुरी तरह से चूम रहा था, उसका ज़्यादा ध्यान काव्या की तरफ ही था क्योंकि अपनी बहन श्वेता को तो वो पिछले 10 दिनों से लगातार चोद ही रहा था..
काव्या और श्वेता भी पूरे रंग में आ चुकी थी...वो दोनो नितिन के सामने बैठ गयी और उसके लंड से खेलने लगी. काव्या ने उसके लंड को मुँह में ले लिया तो श्वेता ने उसकी बाल्स को अंदर लेकर चुभलाना शुरू कर दिया..
''ऊऊऊऊऊऊऊऊऊहह एसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स ...काव्या ................सक्क मी ....... य्ाआआआअ...... ऑश माय सिस्टर..... श्वेता.... सक माय बॉल्स .................उम्म्म्मममम य्ाआआआआअ...''
दोनो भूखी लोमड़ियों की तरह उसके माँस के टुकड़े को नोच रही थी... कभी उसकी गोटियों तो कभी उसके हथियार पर उन दोनो के तेज नाख़ून और दाँतों का हमला हो रहा था और वो उसे एंजाय भी कर रहा था..ऐसा वाइल्ड तरीके का सेक्स बड़ा मज़ा दे रहा था उसे.. उसके अंदर के जानवर को जगा रहा था... उस जानवर को जो आज इन दोनो चूतों के चिथड़े उड़ा देने वाला था..
उत्तेजना के चरम पर पहुँचकर नितिन ने उन दोनो को वहीं घास पर धक्का देकर लिटा दिया और दोनो के नंगे जिस्म ज़मीन पर नागिन की तरह लहरा रहे थे... नितिन ने दोनो की टाँगों का इंडिया गेट बनाया और एक-2 करके उन दोनों की रसीली चूतों का मीठा अमृत पीने लगा...दोनो के अंदर ऐसी आग लग चुकी थी की जब भी नितिन का मुँह उनकी चूत पर आता तो बड़ी मुश्किल से वो उसे दूसरी तरफ जाने देती.. आख़िर मज़ा ही इतना अधिक आ रहा था दोनो को... दोनो एक दूसरे के होंठों को चूस रही थी और अपनी-2 चूटें नितिन से चुस्वा रही थी...
आख़िर नितिन से सब्र नही हुआ और उसके लंड ने चूत की डिमांड करनी शुरू कर दी...
नितिन जानता था की काव्या नही चुदवायेगी ,इसलिए मन मारकर वो अपनी बहन श्वेता की टाँगों के बीच पहुँचा और जैसे ही उसकी चूत के अंदर लंड डालने लगा तो काव्या की सिसकारी भरी याचना उसे सुनाई दी..
''नितिन.......................प्लीज़ .........पहले मुझे चोदो ...........''
काव्या के मुँह से ये शब्द सुनकर दोनो भाई-बहन चोंक गये.... नितिन का लंड तो खुशी के मारे रो पड़ा... और श्वेता भी रहस्यमयी मुस्कान से उसे देखने लगी.... और फिर धीरे से उससे बोली: "तो इसका मतलब तुम्हारा टारगेट पूरा हो गया.... यानी तुमने कल अपने पापा से...''
नितिन वो सब नही सुन पा रहा था, पर श्वेता की बात सुनकर काव्या ने मंद-2 मुस्काते हुए हन मे सिर हिला दिया और बोली: "हाँ , यही बात तो तुझे बतानी थी पागल ''
श्वेता: "ऊऊऊऊओ माय बिच ... तो तुमने कर दिखाया.... आई एम सो हैप्पी फॉर यू .....''
और फिर से दोनो सहेलियाँ एक गहरी स्मूच में डूब गयी..
और इसी बीच नितिन भी अपना पाला बदल कर काव्या की टाँगों के बीच आ पहुँचा... और अपने लंड को उसकी गर्म चूत के मुँह पर लगाकर धीरे से धक्का दिया और उसके लंड का टोपा अंदर घुस गया..
एक तो इतना मोटा लंड और उपर से सिर्फ़ एक दिन पहले चुदी हुई चूत, दर्द तो होना स्वाभाविक ही था...
श्वेता के मुँह मे अपने होंठ फँसे होने के बावजूद वो चिल्ला उठी ..
''आआआआआआआहह उफफफफफफफफफफफफफ्फ़....... धीरे करो नितिन..... प्लीज़...........अहह''
पर नितिन को तो जैसे खजाना मिल गतहा, कच्ची चूत के अंदर लंड डालने के एहसास ने उसके जानवर को पूरी तरह से जिंदा कर दिया था और काव्या की याचना को नरंदाज करते हुए उसने अपने लंड का एक जोरदार झटका फिर से मारा और अगले ही पल वो पूरा का पूरा उसकी चूत के अंदर घुसता चला गया...
''आआआआ आआआयययययययीीईईईईईईईईईईईईईई..........ओह मॅरररर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र् गयी ......''
काव्या को एक बार फिर कल वाली चुदाई का दर्द महसूस होने लगा..पर कल से तो कम ही था ये... और साथ ही साथ एक मसती भरी तरंग भी महसूस हो रही थी उसे..
और अपनी सहेली के दर्द को देखते हुए श्वेता ने अपने होंठों के मरहम को उसके चेहरे पर लगाना शुरू कर दिया... उसे चूमते-2 वो उसकी ब्रेस्ट तक पहुँच गयी... उन्हे बुरी तरह से चूस और फिर तोड़ा और नीचे खिसककर वो लंड और चूत के मिलन स्थल तक भी पहुँच गयी ताकि वहाँ चल रहे कार्यकरम का आँखो देखा हाल जान सके ..
और इतने करीब से अपने भाई के लंड को अपनी प्यारी सहेली की चूत में जाता हुआ देखकर वो भी पूरी तरह से उत्तेजित हो गयी और भाव विभोर होकर उसने उन दोनों के मिलन स्थल को चूम लिया, जिसमे एक ही बार में नितिन को अपने लंड और काव्या को अपनी चूत पर श्वेता के गीले होंठ महसूस हुए.
और तभी नितिन ने धीरे से अपना लंड बाहर खींचा, जो काव्या की अंदरुनी दीवारों से रगड़ ख़ाता हुआ और श्वेता की जीभ को किस्स करता हुआ बाहर आया... और दोनो घोड़ियां उसकी थिरकन को महसूस करके हिनहीना उठी..
और फिर तो नितिन रुका ही नही, दे दनादन उसने जोरों के धक्के मारकर अपने लंड को काव्या की चूत के हर कोने तक पहुँचा दिया... और वो भी अपनी कोहनियों के बल आधी लेटी हुई उसके लंड को अपने अंदर जाता हुआ देखकर चिल्ला रही थी...
''अहह ऊओह येसस्स नितिन ................. उम्म्म्ममममममममममम सच में .............तुम काफ़ी जानदार हो .....ऐसे ही चोदो मुझे ............जोरों से.................... और ज़ोर से.................... अहह........ओफsssssssssss नितिन .....फककक मी हार्डर......''
नितिन तो पहले से ही अपनी पूरी ताक़त से उसे चोद रहा था, ऐसा फरमान मिलते ही उसने अपनी रही सही ताक़त भी लगा दी.... झटके इतने तेज आ रहे थे की श्वेता ने अपना चेहरा वहाँ से दूर कर लिया की कहीं वो ना पीस जाए उनकी चक्की के बीच..
अचानक एक लंबा झटका मारने के बाद नितिन का लंड फिसलकर बाहर आ गया, श्वेता तो जैसे इसी मौके के इंतजार में थी, उसने झट से उसे पकड़ कर अपनी टाँगों की तरफ खींच लिया और खुद की चूत के अंदर घुसा लिया...
काव्या को भी साँस लेने का मौका मिल गया, कुछ देर बाद जब वो सामान्य हुई तो जो हाल नितिन ने उसका किया हुआ था वो अब अपनी बहन का कर रहा था.. जानवर की तरह चुदाई कर रहा था वो बड़े ही रफ़ तरीके से..
श्वेता: "आआआआआहह ओह नितिन .......ये क्या हो गया है तुझे आज्ज...... आआआआहह ....इतने वाइल्ड तरीके से .....अहह तो पहले कभी नही किया................ अहह ....पर जो भी है ..... मज़ा बहुत आ रहा है .....मेरे भाई ....................उ म्*म्म्ममममममममम ऐसे ही .....करता रह .........आहह...ज़ोर से ..........येसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स.... और ज़ोर से .....''
काव्या भी तब तक पूरे होश में आ गयी थी और वो श्वेता के चेहरे पर सवार हो गयी और उसने अपना चेहरा नितिन की तरफ रखा, ताकि उसे भी चूम सके...और जैसे ही दोनो के होंठ आपस मे मिले, नितिन के झटको की स्पीड भी कम हो गयी, अब वो बड़े ही आराम से, अपना पूरा लंड बाहर निकालता, फिर अंदर डालता, ऐसा करने में श्वेता को भी एक अलग एहसास मिल रहा था, जिसे वो काव्या की चूत को चूस्कर बाँट रही थी....
और ऐसे ही धीरे-2 झटके लेकर श्वेता की चूत से गर्म पानी बाहर निकलने लगा और वो बुरी तरह से झड़ती हुई चिल्ला पड़ी..
''आआआआआहह उम्म्म्ममममममममममममम येस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स आई एम कमिंग....''
नितिन ने अपना लंड फ़ौरन बाहर निकाल लिया, और काव्या ने भी अपना प्यासा मुँह नीचे की तरफ करते हुए उसकी चूत पर लगाया और अंदर से आ रही सारी चाशनी चाट गयी... दोनो सहेलियाँ इस वक़्त 69 की मुद्रा में थी...और एक दूसरे की चूतें चाट रही थी.
नितिन खड़ा हुआ और घूमकर दूसरी तरफ चला गया, जहाँ उसकी बहन का सिर था और काव्या की चूत, जिसे श्वेता बड़े ही दिल लगा कर चूस रही थी. नितिन ने अपनी बहन के होंठों की परवाह ना करते हुए अपना भी लंड बीच में घुसा दिया और एक झटका देकर उसे काव्या की चूत में भी उतार दिया... झटका एकदम से लगा था, इसलिए श्वेता को अपने होंठ बाहर निकालने का मौका भी नही मिल पाया, बेचारी का ऊपर वाला होंठ अंदर ही फँसा रह गया, दोनो भाई बहन ने एक दूसरे को देखा और दोनो की हँसी निकल गयी... नितिन ने अपना पूरा लंड अंदर तक डाला और फिर जब वापिस खींचा तो श्वेता का वो होंठ उसकी गिरफ़्त से आज़ाद हुआ...
और फिर नितिन ने अपने लंड के धक्के काव्या की चूत पर जोरों से दे मारे... और नीचे की तरफ़ लेटी हुई श्वेता उसकी चूत का बाहरी हिस्सा अपनी जीभ से चाट रही थी.....
काव्या भी झुकी हुई, श्वेता की चूत चुस्ती हुई, अपने मज़े को महसूस करती हुई, नितिन के लंड से चुदवा रही थी..
और फिर नितिन के लंड ने भी जवाब दे दिया, और उसने अपने लंड को जैसे ही बाहर खींचना चाहा, काव्या ने रोक दिया और बोली, ''अंदर ही निकालो नितिन... अंदर ही ... मैने टेबलेट ली हुई है.....''
नितिन को और क्या चाहिए था, उसके तो मज़े हो गये, उसने उसके गोल मटोल कुल्हों पर हाथ रखकर जोरों से झटके मारे और अपनी मेहनत की एक-2 बूँद काव्या की नायाब चूत की गुल्लक में डाल दी...
और उसकी गुल्लक में भी वो मेहनत टिक नही पाई और बूँद-2 बनकर वो बाहर निकलने लगी, जिसे नीचे की तरफ लेटी हुई श्वेता ने अपनी जीभ पर ग्रहण कर लिया और फिर चूत के अंदर उंगलियाँ दे - देकर बाकी की बची हुई मलाई भी खुरच खाई...
और फिर नितिन भी वहीं गहरी साँसें लेता हुआ लेट गया...